भाजपा नेता एवं सरकार के मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा ने कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और कांग्रेस के विभिन्न नेतागण को सलाह देते हुए कहा की इस वैश्विक महामारी कारोना वायरस के कठिन समय पर सरकार के साथ खड़े हो और दलगत राजनीति से उठकर कार्य करें व बेबुनियाद बयानबाजी करके ध्यान ना भटकाए। उन्होंने कहा कांग्रेस के कुछ नेता यह समझ नहीं पा रहे हैं कि जो युद्ध महामारी कोरोना वायरस के विरुद्ध चल रहा है वह निर्णायक समय पर पहुंच गया है अगर इस युद्ध को जीतना है तो इस दलगत राजनीति से ऊपर उठना पड़ेगा और तभी हम इस वैश्विक महामारी पर काबू पा सकते हैं। उन्होंने कहा कांग्रेस के नेता अपने गिरेबान में झांके और देखें कि सरकार किस प्रकार सकारात्मक कार्य कर रही है उन्होंने कहा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथ जोड़कर सभी से निवेदन किया था कि लक्ष्मणरेखा बनाएं और उसको ना तोड़े, तो इस समय हम लोगों को किस प्रकार से राज्य में ला सकते हैं, अगर वह लोग राज्य में आते हैं तो कारोना वायरस का बहुत बड़ा जोखिम प्रदेशवासियों के लिए बढ़ जाता है। यह निर्णय हमें प्रशासन और जिला के डिप्टी कमिश्नरो के ऊपर छोड़ देना चाहिए जब उन्हें उचित समय लगेगा तो उन लोगों को राज्य में लाया जाएगा । ऐसा नहीं है कि सरकार को उनकी चिंता नहीं है तभी तो सरकार ने हिमाचल भवन दिल्ली और चंडीगढ़ में इस प्रकार के लोगों की व्यवस्था भी की है। उन्होंने कहा हमें लगता है कि प्रदेश की जनता को किसी भी प्रकार के जोखिम में नहीं डालना चाहिए , वैसे भी प्रशासन किसी भी बड़े हादसे के समय जनता को छूट दे रहा है और उचित माध्यम से परमिशन भी दे रहा है। उन्होंने कहा करोना की लड़ाई में देश एवं प्रदेश की सरकार जोरों से कार्य कर रही है, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उनकी समस्त टीम प्रदेश के कोने-कोने में अधिकारियों से संपर्क में है और लोगों से सीधे संवाद कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने निर्णय समय-समय पर बदलती है क्योंकि हर रोज धरातल पर रिव्यू बैठके होती है और जिस प्रकार के फीडबैक बैठक में आते हैं उसी के हिसाब से निर्णय किए जाते हैं। जयराम ठाकुर के नेतृत्व में सरकार पहले दिन से ही करोना वायरस को रोकने में लगी हुई है, तभी देश में हिमाचल प्रदेश ऐसा राज्य है जिसमें कोरोना वायरस के कम से कम मरीज़ सामने आए हैं और जो मरीज़ आए भी है वह ठीक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हर वर्ग के लोगों का ध्यान रख रही है गरीबों के घर राशन पहुंचा रही है ,सभी समस्याएं सुन रही है और किसी भी प्रकार की चिकित्सा सहायता की आवश्यकता हो तो वह भी घर द्वार पहुंचा रही है इसके लिए जयराम सरकार बधाई के पात्र है । उन्होंने कहा मुख्यमंत्री रोज प्रदेश की स्थिति को रिव्यू कर रहे हैं और जिस प्रकार से रिपोर्ट आ रही है उसी के हिसाब से निर्णय ले रहे हैं कि जनता में किसी भी प्रकार का त्रास ना बने ।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में राजभवन में मुख्य सचिव एवं प्रदेश सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक का अयोजन किया गया, जिसमें कोरोना महामारी को लेकर राज्य में उठाए गए एहतियाती उपायों की समीक्षा की गई। इस अवसर पर राज्यपाल ने इस महामारी से निपटने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न पगों की सराहना करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में हैं और आपातकालीन सेवाओं में कार्यरत कर्मी निष्ठा से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में एक महिला को छोड़कर कोई भी मामला कोरोना पाजीटिव नहीं है। लेकिन, सामाजिक दूरी बनाए रखने और प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर दिए जा रहे दिशा-निर्देशों का व्यापक प्रचार किया जाना चाहिए ताकि स्थिति आगे भी नियंत्रण में रहे। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला बहाल रहनी चाहिए ताकि खाने-पीने व अन्य सामग्री की कोई कमी न हो। आवश्यक सामान की गृह आपूर्ति सेवा इस दिशा में कारगर सिद्ध हो सकती है। उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों में और टेलीमेडिसन केंद्र विकसित करने पर बल दिया। दत्तात्रेय ने प्रदेशवासियों से मुश्किल की इस घड़ी में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि कफ्र्यू लोगों की सुरक्षा के लिए लगाया गया है, इसलिए विशेषकर कामगार वर्ग जहां है, वहीं रहे और सामाजिक दूरी बनाए रखें। उनके खान-पान की व्यवस्था की गई है और इसमें कई स्वयंसेवी संगठन भी आगे आ रहे हैं। इस अवसर पर मुख्य सचिव अनिल खाची ने राज्यपाल को बताया कि मुख्यमंत्री दैनिक रूप से स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और उचित निर्देश दिए जा रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है। खाद्य आपूर्ति की श्रृंखला व्यवस्था बहाल है और क्षमता निर्माण में तेजी लाई गई है। बैठक में राज्यपाल को अवगत करवाया गया कि अब तक 2870 लोगोें को निगरानी में रखा गया, जिसमेें से 857 लोगों ने 28 दिनों की आवश्यक निगरानी अवधि पूरी कर ली है। 1730 लोग अभी भी निगरानी में हैं, जबकि 173 लोग प्रदेश छोड़कर जा चुके हैं। प्रदेश मेें अभी तक एक व्यक्ति की कोरोना वायरस से मृत्यु हुई है, जो तिब्बती निवासी था और अमेरिका से आया था। एक अन्य को छुट्टी दे दी गई है और एक अन्य 63 साल की महिला टांडा अस्पताल में क्वारंटाइन में है। आई.सी.एम.आर द्वारा कोविड-19 के मामलों के नमूनों की जांच के लिए अभी तक आईजीएमसी शिमला एवं मेडिकल कालेज टांडा की प्रयोगशाला को अधिकृत किया गया है। अब, सीआरआई कसौली व क्षेत्रीय अस्पताल मण्डी को भी अधिकृत करने के लिए आईसीएमआर व भारत सरकार को लिखा गया है। इस महामारी को अधिक प्रभावी ढंग से रोकने व नियंत्रण करने के लिए 14 मार्च, 2020 को हिमाचल प्रदेश एपेडेमिक डिजीज़ (कोविड-19) रेगुलेशन-2020 अधिसूचित कर दिया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य आर.डी धीमान ने प्रदेश में उपलब्ध वेंटीलेटर, आइसोलेशन वार्ड और जांच व उपचार सुविधा की विस्तृत जानकारी दी। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुण्डू ने भी प्रदेश सरकार द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न पगों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में खुले बाज़ार और उचित मूल्य की दुकानों में चावल, गेहूॅं आटा, दालों, तेल और चीनी जैसी आवश्यक खाद्य वस्तुओं का पर्याप्त भण्डारण है। वह कोविड-19 वायरस के संक्रमण के कारण प्रदेश में लगाए गए कर्फ्यू के दौरान आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किए जा रहे प्रबन्धों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को समय रहते मध्य प्रदेश और तेलंगाना सहित अन्य राज्यों से दालों की आपूर्ति करने के समुचित प्रबन्ध करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होेंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से आग्रह किया है कि हिमाचल प्रदेश के लिए आवश्यक खाद्य सामग्री लेकर आने वाले ट्रकों के चालकों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय उच्च मार्गों पर कुछ ढाबे खोलने की अनुमति प्रदान की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि खुले बाज़ार में थोक और परचून विक्रेताओं के साथ-साथ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के भण्डारों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावी तरीके से सुनिश्चित बनाई जाए। कीटनाशकों, फफूंदनाशकों और अन्य पौध संरक्षण सामग्री की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए जय राम ठाकुर ने बागवानी विभाग को निर्देश दिए कि बागवानों व किसानों तक इनकी सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। किसानों की मांग के अनुरूप सभी प्रकार की पौध संरक्षण सामग्री उन्हें घरों के समीप उपलब्ध करवाई जाए ताकि बागवानी केन्द्रों में भीड़ इकट्ठा न हो। उन्होंने कहा कि पड़ौसी राज्यों से मधुमक्खियों के लगभग 20 हजार बक्से मंगवाए जा रहे हैं जिन्हें मांग के अनुरूप बागवानों को वितरित किया जाएगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि बागवानों के लिए गुजरात से 25 लाख वर्ग मीटर एन्टी हेलनेट की मांग भी की गई है जिसे शीघ्र मंगवा लिया जाएगा। उन्होंने प्रदेश के बागवानों और किसानों को आश्वासन दिया कि एन्टी हेलनेट की कोई कमी नहीं होगी और इन्हें समय से वितरित कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए कि फार्मास्यूटिकल और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी औद्योगिक इकाइयां प्रभावी तरीके से कार्य करें ताकि जीवन रक्षक दवाओं की कोई कमी न हो। उन्होंने इस बात ध्यान रखने के लिए भी कहा कि औद्योगिक इकाई प्रबन्धन अपने श्रमिकों को बिना विलम्ब वेतन प्रदान करे। ये प्रयास होने चाहिए कि आवश्यक वस्तुओं के प्रसंस्करण अथवा उत्पादन में शामिल औद्योगिक इकाइयां उत्पादन आरम्भ करें क्योंकि इससे श्रमिकों के प्लायन की समस्या का समाधान करने में भी सहायता मिलेगी। जय राम ठाकुर ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेयजल आपूर्ति योजनाओं का उचित रख-रखाव किया जाए और लोगों को पेयजल की सुचारू आपूर्ति हो। जल शक्ति और बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार एवं आर.डी धीमान, प्रधान सचिव प्रबोध सक्सेना, सचिव डाॅ. आर.एन बत्ता एवं अमिताभ अवस्थी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम की महाप्रबन्धक मानसी सहाय ठाकुर, निदेशक आबिद हुसैन सादिक, जल शक्ति विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ आर.के पुरी और बागवानी विभाग के निदेशक एम.एम शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि जेलों में कोविड-19 का संक्रमण रोकने के लिए भारत के सर्वाेच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों की अनुपालना करते हुए हिमाचल प्रदेश विधि सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चैहान की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने प्रदेश की जेलों में कैद विचाराधीन कैदियों को अधिकतम तीन महीनें की अस्थाई जमानत पर रिहा करने का निर्णय लिया गया है। समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि यह जमानत केवल हिमाचल प्रदेश के विचाराधीन कैदियों को ही दी जाएगी जो सात साल से कम का मुकदमा भुगत रहे हैं, पिछले तीन महीनों अथवा इससे अधिक अवधि से जेल में हैं और पहली बार अपराध में शामिल हुए हैं। विचारधीन कैदियों को अस्थाई जमानत का निर्णय कोविड-19 का संक्रमण रोकने और सामाजिक दूरी सुनिश्चित बनाने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि जिला दण्डाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक जमानत पर छूटने वाले कैदियों को उनके घरों तक पहुंचाने का प्रबन्ध करेंगे। इन कैदियों को जेल अधिकारियों द्वारा उचित स्वास्थ्य जांच के उपरान्त ही जमानत पर छोड़ा जाएगा। प्रवक्ता ने कहा कि न्यायालयों और सरकारी कार्यालयों में भीड़ कम करने के उउद्देश्य से अस्थाई जमानत के लिए प्रार्थना-पत्र ऑनलाइन द्वारा भी भरे जा सकते हैं। देश भर में जारी लाॅकडाउन की स्थिति में विदेशी और बाहरी राज्यों के कैदियों को अस्थाई जमानत पर छोड़ने पर विचार नहीं किया जाएगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिन्हें सात साल तक की सजा हुई है, उन पात्र अपराधियों को पैरोल अथवा फरलो पर भेजने के लिए सक्षम प्राधिकरण उनके प्रार्थना पत्रों पर त्वरित कार्रवाई करेगा। सक्षम प्राधिकरण सीआरपीसी की धारा 432 के तहत अपराधियों की रिहाई के मामलों पर भी शीघ्रता से कार्रवाई करेगा।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश के भीतर और अन्य राज्यों में फंसे हिमाचलवासियों से आग्रह किया है कि वे जहां हैं, वहीं बने रहें, क्योंकि राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के दृष्टिगत अन्तरराज्यीय और राज्य के अन्दर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा रखी है। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों के साथ वीडियो काॅंफ्रेंस के माध्यम से बातचीत के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले और राज्य के बाहर लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जाए। जो लोग पहले ही राज्य में प्रवेश कर चुके हैं उन्हें सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थ्तापित क्वारन्टिन केन्द्रों में रखा जाए। उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि जो लोग विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं उनके लिए भोजन और ठहरने की उचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन यह सुनिश्चित बनाए कि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुचारू रूप से बनी रहे। फंसे हुए लोगों की सुविधा के लिए स्कूलों और डाइट भवनों में बनाए गए कैम्पों में स्वच्छता का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। जय राम ठाकुर ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे फंसे हुए लोगों को उसी स्थान पर बने रहने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इन लोगों की हर संभव सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश के बाहर से और प्रदेश के एक जिले से दूसरे जिले में आए लोगों की पहचान करने के कार्य में पंचायती राज संस्थानों की सहायता ली जाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली और चण्डीगढ़ में फंसे हिमाचलवासियों की सुविधा के लिए नई दिल्ली और चण्डीगढ़ स्थित हिमाचल भवनों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। हिमाचल भवनों में इन लोगों को भोजन और ठहरने की सुविधा प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास किए जायेंगे। मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची ने उपायुक्तों से कहा कि लोगों के एक जिले से दूसरे जिले और बाहरी राज्यों से निर्गमन पर पूर्ण रोक लगाई जाए। इसके अतिरिक्त श्रमिकों और अन्य राज्यों के कर्मियों को भी प्रदेश के बाहर जाने के लिए नहीं कहा जाए और उन्हें शिविरों में ही रखा जाए। पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी ने कहा कि किसी भी अन्य राज्य से लोगों को लेकर आने वाले वाहनों को हिमाचल प्रदेश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार और आर.डी. धीमान तथा सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक हरबंस सिंह ब्रसकोन भी बैठक में शामिल थे।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कोरोना महामारी के दृष्टिगत मुख्यमंत्री राहत कोष में अपना एक माह का वेतन देने का निर्णय लिया है।राज्यपाल ने कहा कि इस वैश्विक महामारी से निपटने और बचाव कार्यों के लिए सरकारें अपने स्तर पर बेहतरीन कार्य कर रही हैं। गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को हर संभव राहत प्रदान की जा रही है। उन्होंने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि हर स्थिति की दक्षता से निगरानी की जा रही है तथा हर स्तर पर बेहतरीन कार्य किया जा रहा है। उन्होंने राज्य के लोगों से सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए जा रहे दिशा-निर्देशों का पूर्णत पालन करने का आह्वान किया।राज्यपाल ने आज राजभवन में अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा लिया।राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर ने उन्हें सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में अवगत करवाया।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि किसानों और बागवानों को पौध संरक्षण सामग्री जैसे स्प्रे तेल, फफूंदनाशक और उर्वरक आदि प्रदान करने के लिए प्रदेश में 300 पौध संरक्षण केंद्र खुले रहेंगे। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि किसानों की सुविधा के लिए पौध संरक्षण सामग्री की बिक्री करने वाली दुकानें खुली रहेंगी। इसके अतिरिक्त मधुमक्खी पालन से जुड़े लोगों की सुविधा के लिए भी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि आगामी सेब सीजन को ध्यान में रखते हुए पड़ोसी राज्यों से मधुमक्खी बक्सों के परिवहन के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सेब और सब्जियों के लिए किसानों को एंटी हेलनेट उपलब्ध करवाए जाएंगे। मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि बागवानों की सुविधा के लिए उर्वरकों और स्प्रे तेल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित बनाई जाए। उन्होंने कहा कि सेब बागीचों के लिए इन दिनों उर्वरकों की आवश्यकता है, इसलिए ऊपरी शिमला के लिए इन सामग्रियांे की आपूर्ति करने वाले वाहनों की आवाजाही प्रतिबन्धित न की जाए। उन्होंने कहा कि एंटी हेलगन में इस्तेमाल होने वाले सिलेंडरों की आपूर्ति करने की भी स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार एवं आरडी धीमान, पुलिस महानिदेशक एसआर मरडी, प्रधान सचिव जेसी शर्मा और सचिव देवेश कुमार भी बैठक में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा राजीव बिंदल के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम राज्य के भाजपा नेताओं के साथ बातचीत के दौरान प्रत्येक कार्यकर्ता को यह सुनिश्चित बनाने के लिए कहा कि कोरोना वायरस के कारण कर्फ्यू के दौरान राज्य में कोई भी व्यक्ति भोजन और आश्रय के बिना न रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में फंसे औद्योगिक श्रमिकों और विभिन्न परियोजना स्थलों में निर्माण श्रमिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए पर विशेष बल दिया जाए। उन्होंने जिला प्रशासन से कहा कि सेब और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों की सूची तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को विशेषतौर पर अन्य राज्यों से आए लोगों की पहचान में सहयोग करना चाहिए ताकि उन्हें भोजन और आश्रय प्रदान किया जा सके। जय राम ठाकुर ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करना चाहिए ताकि लोगों को दैनिक जरूरतों की चीजें प्राप्त करने के लिए अपने घरों से बाहर न आन पड़े। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में उन्हें पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करना चाहिए ताकि लोगों को आवश्यक वस्तुओं की डलीवरी हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी के पदाधिकारियों को फंसे हुए लोगों को गेहूं, चावल, दाल और अन्य आवश्यक वस्तुओं सहित आपदा राहत किट वितरित करने के लिए गैर-सरकारी संगठनों और अन्य सामाजिक संगठनों के साथ भी समन्वय स्थापित करना चाहिए। उन्होंने लोगों को इन वस्तुओं को वितरित करते समय सामाजिक दूरी बनाए रखने का आग्रह भी किया। इस अवसर पर मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा भी उपस्थित थे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिन्दल ने आज एक वीडियो काफ्रेसिंग के जरिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा के संसदीय क्षेत्र के प्रभारियों के साथ संवाद के दौरान कोरोना महामारी के दौरान कफर्यू और लॉकडाउन की स्थिति पर विस्तृत चर्चा में भाग लिया। वीडियो कांफ्रेसिंग में जहां मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कफर्यू और लॉकडाउन के दौरान सरकारी स्तर पर किए जा रहे कार्यों की ब्रीफिंग की, वहीं भाजपा अध्यक्ष और पदाधिकारियों द्वारा संगठन की ओर से किए जाने वाले सेवा कार्यों पर विस्तृत चर्चा हुई। डा. बिन्दल ने जयराम ठाकुर सरकार व प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते कोविड-19 कोरोना के पोजिटिव केस ठीक होने की सूचना उत्साहवर्धक है उसकी बधाई भी दी व भाजपा संगठन के दिशा निर्देशों पर कार्य करने के लिए कमर कसे हुए हैं, ऐसा विश्वास दिया। डा. राजीव बिंदल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को संवाद के दौरान बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गर्शन में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नडडा के आहवान पर हिमाचल के 7793 बूथों पर चिन्हित अभावग्रस्त लोगों को ‘आपदा राशन किट’ के माध्यम से 15 दिनों का राशन उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया पर कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि सभी जिला प्रभारी द्वारा अपने अपने जिला से दानदाताओं और अभावग्रस्त व्यक्तियों की सूची प्राप्त कर संसदीय क्षेत्र के प्रभारियों को सौंपा जा रहा है और शीघ्र ही इस कार्य को पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भोजना के अभाव में भूखा न सोए, संगठन इस संकल्प को लेकर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा. बिन्दल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को कफर्यू और लॉकडाउन के दौरान आमजन को पेश आ रही समस्याओं से विस्तृत रूप से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि कफर्यू और लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्थाएं बेहतरीन हैं और जिन क्षेत्रों में कुछ समस्याएं हैं उन्हें जिला प्रशासन के साथ संवाद स्थापित कर संगठन के पदाधिकारी निपटाने का प्रयास कर रहे हैं। डा. बिंदल ने आम जन की समस्याओं के साथ, औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों को आ रही परेशानियों पर भी मुख्यमंत्री से चर्चा की। इसके अलावा राशन, सब्जियां, दूध, डिपो में राशन की सप्लाई को भविष्य में भी अबाधित बनाए रखने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को आदेश देने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया। इसके साथ ही उन्होंने स्ट्राबेरी जैसे किसान के उत्पाद के लिए भी व्यवस्था करने का आग्रह किया।
देश और दुनिया में फ़ैल रही कोरोना महामारी से मचे कोहराम के बीच हिमाचल प्रदेश के लिए राहत को खबर आई है। काँगड़ा जिले के टांडा अस्पताल में कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ अब ठीक हो गया है। उसकी लेटेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई है। बता दें की टांडा अस्पताल में 2 कोरोना मरीज़ो का इलाज चल रहा है। 21 मार्च को इन दोनों की रिपोर्ट्स पॉजिटिव आई थी जिन में से अब 32 वर्षीया युवक ठीक हो गया है। वहीं दूसरे मरीज़ का इलाज चल रहा है। इसके साथ ही 4 नए मामलो की रिपोर्ट नेगेटिव आई है जिस से प्रशासन ने राहत की सांस ली है। अभी तक हिमाचल में कोरोना से 1 मौत हो चुकी है। कोरोना के इस मरीज़ का पहला सैंपल 19 मार्च को लिया गया था, जिसकी जांच टांडा अस्पताल में हुई थी, व रिपोर्ट पॉजिटिव मिली थी। जिसके बाद इस मरीज़ का सैंपल पुने जाँच को भेजा गया और वह कोरोना पॉजिटिव था। सात दिन बाद टांडा में दुबारा जाँच करने पर इस मरीज़ का सैंपल नेगेटिव आया है। अब इसका सैंपल पुने भेजा जाएगा। रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी स्वस्थ विभाग ने युवक को आइसोलेशन में रखा है।
हिमाचल प्रदेश दूध प्रसंघ ने प्रदेश के किसानों से दूध खरीद मूल्य में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ौतरी का निर्णय लिया है। पहली अप्रैल 2020 से मिल्कफैड किसानों को चार प्रतिशत फैट और 85 प्रतिशत एसएनएफ वाले प्रति लीटर दूध के 27 रुपये 80 पैसे देगा देगा जो वर्तमान में 25 रुपये 80 पैसे प्रति लीटर है ।हिमाचल प्रदेश दुग्ध प्रसंग के अध्यक्ष निहाल चन्द शर्मा ने आज यहां बताया कि इससे प्रदेश के लगभग 45 हजार किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। यह वृद्धि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा पेश किए गए बजट में घोषणा के अनुरूप की गई है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त मिल्कफेड ने दुग्ध सहकारी सभाओं के सोसायटी कमीशन में भी 0.5 प्रतिशत की बढ़ौतरी की है। वर्तमान में मिल्कफेड द्वारा सहकारी सभाओं को 4.5 प्रतिशत सोसायटी कमीशन के रूप में दिया जा रहा है, जो 0.5 प्रतिशत बढ़ाने के उपरान्त 5.0 प्रतिशत हो जाएगा और इसे 1 अप्रैल, 2020 से लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से 950 से अधिक दुग्ध सहकारी सभाओं को लाभ मिलेगा और इन सभाओं को अपना खर्च चलाने में मदद मिलेगी।उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन कफ्र्यू के दौरान जो किसान पहले अन्य दुकानदारों, विक्रेताओं को अपना दूध बेचते थे और लाॅकडाउन के चलते दूध नहीं दे पा रहे है, मिल्कफेड उनका दूध भी खरीदेगा। उन्होंने कहा कि किसान अपना दूध क्षेत्र में मिल्कफेड द्वारा लगाए वाहनों को या स्वयं मिल्कफेड के प्लांट/चिलिंग केन्द्रों में दे सकते है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सभी ज़िलाधीशों से विडीओ कॉनफ़्रैन्स कर कोरोना वाइरस की स्थिति का जायज़ा लिया और तय किया है कि कर्फ़्यू की अवधि में आवश्यक वस्तुओं को ख़रीदने के लिए अब रोज़ाना सिर्फ़ तीन घंटे की छूट दी जाएगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को शहरी क्षेत्र/ज़िला मुख्यालयों में कर्फ़्यू की अवधि में जनता को उनके घर पर ही आवश्यक वस्तुओं को पहुँचाने के विकल्प तलाशने व उसे सुनिश्चित करने के आदेश भी दिए है। प्रदेश की जनता से अपील है कि आप कर्फ़्यू को सफल बनाने में हमें अपना सहयोग दें। जबकि वीरवार को सरकार ने ये समयावधि छह घंटो की कर दी थी जो कि काफी ज्यादा थी। इस फैसले को न तो विपक्ष और न ही प्रदेश की जनता ने स्वीकार किया था जिसके बाद दोबारा इसे तीन घंटे किया गया। शुक्रवार सुबह से ही लोग जरूरी वस्तुओं की खरीद के लिए निकले और दूध ब्रेड सब्जी इत्यादि की खरीददारी की गई। हालांकि शुक्रवार को सब्जी दूध ब्रेड इत्यादि खरीद के लिए लोगों की भीड़ कम थी।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए प्रदेश में प्रतिदिन प्रातः 7ः00 बजे से दोपहर 1ः00 बजे तक कर्फ्यू में छूट दी जाएगी और यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि लोगों को कम से कम असुविधा हो। मुख्यमंत्री कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में लगाए गए कफ्र्यू की स्थिति का जायजा लेने के लिए आज यहां से प्रदेश के सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से बात कर रहे थे। उन्होंने प्रदेश के लोगों से वर्तमान स्थिति के कारण घरों से बाहर ना आने का आग्रह किया और कहा कि यह कफ्र्यू लोगों की सुरक्षा के लिए लगाया गया है। उन्होंने उपायुक्तों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि जनता को आवश्यक वस्तुएं लेने में कोई असुविधा न हो और कफ्र्यू में छूट की अवधि के दौरान लोगों के मध्य उचित सामाजिक दूरी बनी रहे। कर्फ्यू में छूट केवल लोगों को अपनी दैनिक जरूरतों का सामान खरीदने की सुविधा प्रदान करने के कारण दी गई है और वे इस अवधि में बिना किसी कारण बाहर न निकलें। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों को 31 मार्च, 2020 तक बन्द रखने के निर्देश दिए हैं। ये निर्देश आवश्यक और आपातकाल सेवाओं से सम्बन्धित कार्यालयों के लिए मान्य नहीं होंगे। प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को घर पर रहने, सामाजिक दूरी बनाए रखने के निर्देश दिए हैं तथा समय-समय पर जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा है। कर्मचारियों से अपना स्थान न छोड़ने को भी कहा गया है क्योंकि आवश्यकता के समय उन्हें किसी भी समय ड्यूटी पर बुलाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्फ्यू में छूट के दौरान किसानों और बागवानों के लिए उर्वरक भी उपलब्ध करवाई जाएंगी ताकि उनको कृषि संबंधी गतिविधियों में किसी समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों की सुविधा के लिए 104 और 1077 हेल्पलाइन भी शुरू की गई है। जय राम ठाकुर ने प्रदेश के लोगों से आग्रह किया है कि उचित सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए वे आवश्यक वस्तुएं अपने घर के नजदीक की दुकानों से ही खरीदें क्योंकि यह कोरोना वायरस संक्रमण को खत्म करने का उचित उपाय है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कर्फ्यू में छुट के दौरान शराब के ठेके खुले रहेंगे। छूट के दौरान घर से केवल एक व्यक्ति को ही आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए बाहर आने की इजाजत दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने दालों की अधिक खरीद के लिए तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारों से शीघ्र मामला उठाने का निर्णय लिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रदेश में दालों की कमी न हो। प्रदेश में दूरसंचार सेवाओं को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा क्योंकि इन सेवाओं के माध्यम से समाज को कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे उपायों और प्रयासों से अवगत करवाने में बहुत सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि दूरसंचार कंपनियों के कर्मचारियों की आवाजाही पर नरमी बरती जाए क्योंकि उन्हें दूरसंचार टावरों की मुरम्मत और रख-रखाव आदि के लिए विभिन्न स्थानों पर जाने की आवश्यकता होती है। उन्होंने सोलन, कांगड़ा और सिरमौर जिलों के उपायुक्तों को विशेषरूप से यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया कि फार्मा उद्योगों में उत्पादन प्रभावित न हो क्योंकि इनमें कई जीवन रक्षक दवाओं का उत्पादन कर रहे हैं। उन्होंने उपायुक्तों से समाज के कमजोर वर्गों के लिए भोजन और आश्रय की पर्याप्त व्यवस्था करने को भी कहा। ऐसे लोगों को भोजन और आश्रय प्रदान करने के लिए स्कूल भवनों का उपयोग किया जा सकता है। राज्य में फंसे पर्यटकों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए ताकि स्थिति सामान्य होने पर वे यहां से प्रशासन की अच्छी स्मृतियां लेकर लौटें। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में 2257 लोगों को निगरानी में रखा गया है, जिसमें से 636 निगरानी के 28 दिन पूरा कर चुके हैं। कोविड-19 के लिए 34 व्यक्तियों की जांच आज की गई और सभी नकारात्मक पाए गए हैं। कोरोना वायरस के लिए राज्य में अब तक 133 व्यक्तियों की जांच की जा चुकी है। उन्होंने उपायुक्तों को शहरी क्षेत्रों के प्रमुख डिपार्टमेंटल स्टोरों के माध्यम से लोगों को होम डिलीवरी की संभावना का पता लगाने का भी निर्देश दिए, जो सामाजिक दूरी को बनाए रखने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची ने कहा कि शहरी स्वच्छता को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए और स्वच्छता कर्मियों को सुरक्षा उपकरण प्रदान करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए ताकि वे संक्रमण के संपर्क में न आएं। शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सामाजिक दूरी का महत्व समझाने के उद्देश्य से बेहतर समन्वय और लोगों को जागरूक करने के लिए शामिल करना चाहिए। अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य आरडी धीमान ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग इस वायरस से निपटने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में लोगों को जागरुक करने के अलावा कोविड-19 के खतरे से निपटने के लिए सभी प्रयास सुनिश्चित कर रहा है। पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि कफ्र्यू में ढील के दौरान सामाजिक दूरी की प्रभावी ढंग से निगरानी करने में पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरतेगी। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू ने कहा कि कफ्र्यू में छूट के दौरान शराब के ठेकों के अंदर और बाहर भीड़ को हतोत्साहित किया जाना चाहिए। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार, प्रमुख सचिव ओंकार शर्मा, सचिव रजनीश और देवेश कुमार तथा निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क हरबंस सिंह ब्रस्कोन शामिल हुए।
कोविड-19 के संक्रमण से निपटने के लिए राज्य के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों और सरकारी मेडिकल काॅलेजों में श्रम शक्ति को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ने सैन्य और अर्धसैनिक बलों से सेवानिवृत्त या रिलीज हुए सभी चिकित्सा अधिकारियों, संकाय सदस्यों और पैरामेडिकल स्टाफ को चिकित्सा अधिकारी और पेरामेडिकल स्टाफ के पदों पर नियुक्ति का प्रस्ताव दिया है। उनके पास समकक्ष या एनालाॅग पद पर काम करने का अनुभव के साथ साथ इन पदों पर नियुक्ति के लिए निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक, व्यावसायिक योग्यता और क्वालिफाइंग सेवा होनी चाहिए। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, यह प्रस्ताव पूरी तरह से अस्थायी आधार पर एक स्टाॅप-गैप व्यवस्था के रूप में है और बिना किसी नोटिस दिए या किसी भी कारण बताए बिना समाप्त या वापिस लिए जा सकता है। यह प्रस्ताव 1 अप्रैल, 2020 से अगले आदेशों तक प्रभावी रहेगा। उन्हें पद के न्यूनतम वेतन बैंड और ग्रेड वेतन के बराबर निर्धारित मासिक वेतन या मानदेय का भुगतान किया जाएगा। पूर्व सशस्त्र बल और अर्धसैनिक बल के कर्मचारी संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी या मेडिकल काफलेज के प्रधानाचार्य के कार्यालयों में नियुक्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्हें नियुक्ति आदेश जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है। जिले या मेडिकल काॅलेज में समतुल्य या अनुरूप पदों में उपलब्ध रिक्तियों का उपयोग परिलब्धियों या मानदेय के आहरण के लिए किया जाएगा।
सीटू राज्य कमेटी ने हिमाचल प्रदेश सरकार से मांग की है कि कोरोना महामारी के मध्यनजर किए गए लॉक डाउन व कर्फ्यू की स्थिति में प्रदेश में कार्यरत संगठित व असंगठित क्षेत्र में कार्यरत लाखों मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा दी जाए तथा उनकी आर्थिक व राशन के रूप में उनकी मदद सुनिश्चित की जाए। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थिति से सबसे ज़्यादा नुकसान मजदूर वर्ग को ही हुआ है। इस स्थिति में मजदूर भारी आर्थिक व मानसिक परेशानी में हैं। रातोंरात उनका रोजगार खत्म हो गया है। हमीरपुर के नादौन में लगभग भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके उत्तर प्रदेश निवासी एक मजदूर ने आत्महत्या करने की कोशिश की है। इस से साफ हो रहा है कि मजदूरों की स्थिति आने वाले दिनों में और बुरी होने वाली है। जेब में पैसा न होने के कारण प्रदेश में सैंकड़ों मजदूर पैदल मार्च करके घरों की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। ऐसे अनेकों उदाहरण कांगड़ा-पठानकोट, मैहतपुर-नंगल, कालाअंब-हरियाणा, बद्दी-चंडीगढ़, पौंटा साहिब-उत्तराखंड व परवाणू-कालका सीमा में देखने को मिले हैं। विजेंद्र मेहरा ने कहा है सबसे बुरी स्थिति असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की है। प्रदेश में मनरेगा में लगभग बारह लाख जॉब कार्ड होल्डर हैं। इसके सिवाए असंगठित क्षेत्र में मिस्त्री, मजदूर, इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, कारपेंटर, प्लम्बर आदि के रूप में लगभग तीन लाख निर्माण मजदूर कार्यरत हैं। इन पन्द्रह लाख लोगों में से ज़्यादातर लोग हर रोज़ दिहाड़ी लगाकर गुज़र -बसर करने वाले लोग हैं। कोरोना के कारण इनका रोजगार पूरी तरह खत्म हो गया है। सरकार ने हिमाचल प्रदेश श्रमिक कल्याण बोर्ड से जो दो हज़ार रुपये मासिक आर्थिक सहायता की घोषणा की है वह भी कानून अनुसार बोर्ड में पंजीकृत लगभग एक लाख मजदूरों पर ही लागू होती है। हालांकि यह भी नाकाफी है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि इन सभी पन्द्रह लाख मजदूरों के परिवार को आगामी तीन महीनों के लिए प्रति माह पांच हज़ार रुपये की मदद राज्य सरकार दे व साथ ही तीन महीने का प्रति माह 35 किलो मुफ्त राशन एकमुश्त इन्हें दिया जाए। इन मजदूरों में लगभग एक लाख से ज़्यादा मजदूर प्रवासी हैं व वे अपने प्रदेश में लौटने में असमर्थ हैं अतः राशन कार्ड न होने के बावजूद भी पांच हज़ार रुपये के साथ उन्हें भी राशन की यही व्यवस्था लागू की जाए। प्रेम गौतम ने कहा है कि प्रदेश के निजी उद्योगों व अन्य स्थापनाओं में लगभग दो लाख से ज़्यादा मजदूर कार्यरत हैं। लॉक डाउन के कारण ये उद्योग व स्थापनाएं लगभग बन्द हो चुके हैं। मज़दूरों को छुट्टी देकर घर भेजा जा रहा है। इन सभी के प्रबंधनों ने मजदूरों को आदेश दिया है कि लॉक डाउन व कर्फ्यू के कारण दी गयी यह छुट्टी अवैतनिक होगी व उन्हें उसका वेतन नहीं मिलेगा। शिमला नगर निगम के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट भरयाल टूटू में भी यही फार्मूला अख्तियार किया गया है। ऐसे वातावरण में इन मजदूरों का जीवन जीना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने मांग की है कि सरकार इन सभी निजी उद्योगों,निजी स्थापनाओं व सरकारी क्षेत्र में कार्यरत आउटसोर्स कम्पनियों को सख्त दिशानिर्देश जारी करें कि इन सभी मजदूरों को पूरे माह का वेतन हर हाल में दिया जाए व उनकी छुट्टियां वेतन सहित होंगी।
शिमला में कैन्सर, डिलीवरी केस, थेलेसीमिया, दिल के आपरेशन एवं अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की जान खतरे में देखकर उमंग फाउंडेशन ने कर्फ्यू में उत्तर भारत का पहला रक्तदान शिविर मशोबरा में राधा कृष्ण मंदिर में लगाकर अंधेरे में उम्मीद की किरण जगा दी। कैम्प में 40 लोगों ने रक्तदान किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एक संदेश में संकट के दौर में रक्तदान के लिए सभी रक्तदाताओं को बधाई दी है। टीएस नेगी ब्लड डोनर एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित शिविर में संग्रह किया गया रक्त आईजीएमसी ब्लड बैंक को दिया गया है। उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो अजय श्रीवास्तव ने बताया कि रक्तदान शिविर मशोबरा के युवा रक्तदाताओं के नाम रहा। अर्चना शर्मा शिविर की पहली रक्तदाता थीं। 10 दिन पहले 18वां जन्मदिन मनाने वाले ध्रुव गोयल रक्तदान करने वालों में सबसे युवा, उनकी मां निधि गोयल और पिता राजेश गोयल ने भी खून दान किया। आईजीएमसी ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ एमएल कौशल ने आठवीं बार और व्यापार मंडल के महासचिव अतुल शर्मा ने भी आठवीं बार रक्तदान किया। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी जसवीर और अनिल भी रक्तदान करने वालों में शामिल थे। टीएस नेगी ब्लड डोनर्स एसोसिएशन के संयोजक तेजू नेगी और शिविर के समन्वयक विनोद योगाचार्य ने कहा कि मशोबरा के युवाओं को रक्तदान शिविर से बहुत प्रेरणा मिलेगी। इसमें मशोबरा व्यापार मंडल, राधाकृष्ण मंदिर समिति के अलावा जिला प्रशासन एवं पुलिस ने भी सहयोग दिया। मंदिर समिति के अध्यक्ष दीप मोदी ने कहा कि अब हर नवरात्र में मंदिर में रक्तदान शिविर लगाया जाएगा। शिविर में कोरोना संबंधी सभी सावधानियां अपनाई गईं। सभी बेड, कुर्सियाँ एवं अन्य सामग्री सैनेटाईज़ की गई और दो व्यक्तियों के बीच में एक मीटर की दूरी सुनिश्चित की गई। आइजीएमसी ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ एम एल कौशल ने कहा कि इस शिविर से मरीज़ों को बहुत राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां प्रदेश की उचित मूल्य की दुकानों में आवश्यक खाद्य सामग्री की उपलब्धता को लेकर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दिए की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावी तरीके से जारी रखी जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए कि कोरोना वायरस के कारण लोगों को आवश्यक वस्तुओं की किसी प्रकार कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि आवश्यक सामग्री लेकर आने वाले वाहनों को रोका नहीं जाए क्योंकि ऐसा करने से राज्य में आवश्यक सामग्री की उपलब्धता प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि संबंधित जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति नियंत्रक को यह निश्चित करना चाहिए कि आटा मीलें गेहूं पिसाई के लिए निर्बाध आपूर्ति जारी रखें। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम के भंडारों में गेहूं और चावल आदि का पर्याप्त भंडार है।हिमाचल प्रदेश में भी गेहूं आटा, चावल के पर्याप्त भंडार के साथ-साथ 1200 मीट्रिक टन से अधिक नमक और 4000 मीट्रिक टन से अधिक चीनी का भंडार है इसलिए किसी को घबराने की आवश्यकता नहीं है। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य में इस समय चना और मसूर सहित दालों का भी पर्याप्त स्टाॅक है। अधिकारियों को अन्य राज्यों से दालों की प्रभावी आपूर्ति सुनिश्चित बनानी चाहिए। कर्फ्यू में ढील के समय उचति मूल्य की दुकानों में लोगों को आवश्यक वस्तुओं के वितरण के समय सामाजिक दूरी बनाए रखने का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा जिले में नागरिक आपूर्ति निगम के 1500 मीट्रिक टन के भंडारण क्षमता वाले चैतूड़ू और सिद्धपुर भंडारों, जिनका उद्घाटन होना बाकी है, उनका इस्तेमाल 350 से 400 मीट्रिक टन दालों और अन्य आवश्यक वस्तुओं के भंडारण के लिए किया जाए।निगम की दवा दुकानों में दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता भी सुनिश्चित बनाई जाए। उन्होंने अधिकारियों को उपभोक्ताओं के घरों को एलपीजी की पर्याप्त आपूर्ति करने के भी निर्देश दिए।उन्होंने प्रदेशवासियों से आग्रह किया है कि घबराहट में खरीददारी नहीं करें क्यूंकि प्रदेश में आवश्यक वस्तुएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के सचिव अमिताभ अवस्थी, महाप्रबंधक मानसी सहाय ठाकुर एवं निदेशक आबिद हुसैन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए।
‘कोरोना महामारी’ की रोकथान के लिए प्रदेश भर में कफर्यू और लाॅकडाउन के दृष्टिगत किसी भी गरीब और अभावग्रस्त परिवार को राशन की कमी न हो और राशन के अभाव में कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए, इस उददेश्य से भाजपा ने संगठन स्तर पर पूरे प्रदेश के लिए एक विशेष योजना ‘‘भारत लाॅकडाऊन के दौरान सेवा’’ तैयार की है। इस योजना को अगले एक दो दिनों में अमली जामा पहनाने के लिए भाजपा द्वारा ग्रास रूट स्तर पर अपने पदाधिकारियों को कार्य आवंटित कर तैनात किया जा रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा राजीव बिंदल ने कहा कि प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार प्रदेश के हर परिवार की राशन और आवश्यक वस्तुओं की पूर्ण रूपेन चिंता कर रही है और संगठन भी इस महत्वपूर्ण कार्य में सहयोग करते हुए अपने दायित्व का निर्वहन करने का प्रयास करेगा। डा राजीव बिन्दल ने कहा कि संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा के आवाहन पर प्रदेश के 7793 बूथों में कम से कम 5 दानदाता प्रति पोलिंग बूथ जो 15 दिन का राशन देंगे की सूची प्रदेश भाजपा तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय नेतृत्व ने हिमाचल में यह सुनिश्चत और प्रयास करने के लिए कहा है कि कोई भी व्यक्ति प्रदेश में भोजन के बिना न रहे। डा। बिंदल ने कहा कि बूथ स्तर पर दानदाताओं और अभावग्रस्त लोगों की सूची बनाने का कार्य बूथ पालक, प्रदेश कार्य समिति सदस्य, जिला प्रभारी और प्रदेश उपाध्यक्षों के जिम्मे सौंपा गया है। डा राजीव बिंदल ने कहा कि दानदाता और अभावग्रस्त लोगों को सूचीबद्ध करने की महत्वपूर्ण जिम्मेवारी संगठन ने जिला प्रभारियों को दी है। जिला प्रभारी अपने-अपने पालक जिलों में दानदाताओं और अभावग्रस्त परिवारों की सूचियां तैयार कर संसदीय क्षेत्रवार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्षों कृपाल परमार, कांगड़ा संसदीय क्षेत्र, राम सिंह मंडी संसदीय क्षेत्र, संजीव कटवाल हमीरपुर संसदीय क्षेत्र और रतन पाल, शिमला संसदीय क्षेत्र को सौंपेंगे। प्रदेश उपाध्यक्ष इन संकलित सूचियों को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को सौंपेंगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सूचीबद्ध कार्य करने वाले पदाधिकारियों और समस्त कार्यकर्ताओं से आग्रह किया है कि सूचीबद्ध करने का यह कार्य घर से बाहर निकले बिना फोन पर ही करें। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा राजीव बिन्दल ने संगठन के सभी कार्यकर्ताओं का आहवान किया है कि करोना महामारी जैसी राष्ट्रीय आपदा के समय सभी कार्यकर्ता सेवा के लिए तत्पर रहें और जरूरतमंद लोगों की हर संभव सहायता और सहयोग करने का प्रयास करें व यह भी सुनिश्चित करें कि कफर्यू कामयाब हो।
शिमला में कर्फ्यू के दौरान वीरवार को ढील दी गई जिसकी शुरुआत 8 बजे से शुरू हो गई। पुराना बस स्टैंड शिमला में जैसे ही दुकानें खुली सभी लोग सब्जी दूध ब्रेड और राशन लेने के लिए पंचायत घर व उसके आसपास की दुकानों में इकट्ठे हो गए है। पुलिस के जवान भी लोगों से आग्रह किया कि ज्यादा भीड़ नहीं लगाएं परंतु कर्फ्यू में 3 घंटे की ढील दी गई है इसलिए लोगों का हुजूम दुकानों के बाहर पहले से ही लग गया था। लोग 2/3 दिनों का राशन ले गए। सब्जियां दुकानो में पंचायत भवन में सब्जी मंडी से सब्जियां यहाँ को आती है। इसी प्रकार शिमला के विभिन्न हिस्सों में लोग अपना जरूरी सामान खरीदने बाहर निकले। कुछ गाड़ियां भी इस दौरान सड़को पर नजर आई। इस बीच उपायुक्त शिमला ने लोगों से ये अपील भी की 1) एलपीजी की डिलीवरी प्रतिदिन की जाएगी और इसे आपके घरों तक पहुंचाया जाएगा, जिसके लिए हमने पहले ही व्यवस्था कर ली है। इसे केवल कर्फ़्यू में ढील के घंटों तक ही सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि पूरे समय पर वितरित किया जाएगा पहले की तरह आपके घर पर । 2) बागीचों के लिए कीटनाशक / कीटनाशक की दुकानें खोलने के निर्देश दिए गए हैं। 3) कर्फ्यू के दौरान किसी भी आकस्मिक आवश्यकता के मामले में, जिसके लिए आपको हमारे हेल्पलाइन नंबर 1077 पर संपर्क करना होगा ताकि हम आपकी मदद कर सकें। इस नंबर का उपयोग किसी भी स्पष्टिकरण/ जानकारी को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। 4) कर्फ्यू में ढील की शुरुआत हो गई है जो तीन घंटे के लिए है। यह फिर से कम करने के लिए आराम किया जाएगा, कृपया एक दूसरे से न्यूनतम एक मीटर की दूरी बनाए रखें।
31 दिसंबर, 2017 से 29 फरवरी, 2020 के बीच सेवानिवृत्त हुए चिकित्सा अधिकारियों और पैरामेडिकल स्टाफ को भी मिलेगा पुनर्राेजगार केरोना वारस सीओवीआईडी-19 के संक्रमण के कारण पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों और मेडिकल काॅलेजों में उपलब्ध श्रमशक्ति को मजबूत करने की दृष्टि से उन चिकित्सा अधिकारियों, संकाय सदस्यों और पैरा-मेडिकल स्टाफ की सेवानिवृत्ति को स्थगित करने और इसे अगामी अवधि तक बढ़ाने करने का आदेश दिया है जो 30 जून, 2020 तक सेवानिवृत्त हो रहे हैं। यह आदेश स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा अनुसंधान में काम करने वाले सभी श्रेणियों के चिकित्सा अधिकारी, संकाय सदस्य और पैरामेडिकल स्टाफ पर लागू होगा जो 31 मार्च, 30 अप्रैल और 31 मई, 2020 तक सेवानिवृत्त होने वाले हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, जो चिकित्सा अधिकारी और पैरामेडिकल कर्मचारी 31 दिसंबर, 2017 से 29 फरवरी, 2020 की अवधि में सेवानिवृत्त हुए हैं, उनको भी अंतिम पद पर 1 अप्रैल, 2020 से आगामी आदेशों तक पुनर्रोजगार दिया जाएगा। इसके लिए उनकी लिखित सहमति, उपलब्धता और स्वस्थता को ध्यान में रखा जाएगा। वे जिले के संबंधित मुख्य चिकित्सा अधिकारी या मेडिकल काॅलेज के प्रधानाचार्यांे के कार्यालयों में अपनी ड्यटी के बारे में रिपोर्ट करेंगे, जिन्हें आवश्यकता के आधार पर पनर्रोजगार के आदेश जारी करने और अपने अधिकार क्षेत्र में स्वास्थ्य संस्थानों में तैनात करने के लिए अधिकृत किया गया है। सेवा विस्तार या पुनर्राेजगार को इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा प्रसारित मानक अवधि और शर्तों द्वारा विनियमित किया जाएगा। सेवा विस्तार या पुनर्राेजगार देने के उददेश्य से जिले अथवा मेडिकल काॅलेजों में समतुल्य या अनुरूप पदों में उपलब्ध रिक्तियां वेतन और परिलब्धियों के आहरण के लिए उपयोग की जाएंगी। प्रमोशनल पदों के विरुद्ध विस्तार या पुनर्राेजगार के मामले में, यदि कोई और पदोन्नति के लिए उपलब्ध नहीं है या इस उद्देष्य से मौजूदा या प्रत्याशित रिक्तियों के खिलाफ पैनल नहीं बना है, तो वर्तमान पद या पदों का उपयोग किया जाएगा। यदि विस्तार या पुनर्राेजगार प्रदान करने के लिए कोई उपयुक्त पद उपलब्ध नहीं है, तो इस उद्देश्य के लिए एक्स-कैडर पद या पदों का सृजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश के लोगों से स्वेच्छा से रक्तदान करने के लिए आगे आने की अपील की है ताकि रक्त बैंकों में खून की कमी न हो। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने रक्तदान शिविर लगाने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस संबंध में सभी उपायुक्तों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और रक्त बैंकों के प्रभारियों को भी निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक संगठनों को रक्तदान शिविर लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि रक्तदान शिविरों के दौरान भीड़भाड़ से बचने के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और रक्तदाताओं और अन्य लोगों को आपस में उचित दूरी बनाकर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गैर सरकारी संगठनों को रक्तदाताओं को इस तरह आमंत्रित करना चाहिए ताकि शिविरों में भीड़ न बढ़े।
भारतीय जनता पार्टी के चारों संसदीय क्षेत्रों के सांसदों ने कोरोना वायरस को लेकर गंभीरता दिखाई है कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के चलते सभी सांसदों ने अपनी सांसद निधि से अपने अपने संसदीय क्षेत्र में कोरोना वायरस जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने के लिए मास्क , सैनिटाइजर, वेंटिलेटर एवं इक्विपमेंट खरीदने के लिए दी है। हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर ने डिप्टी कमिश्नर हमीरपुर को चिट्ठी लिखकर 51 लाख रुपए की राशि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दी, इसी प्रकार मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद रामस्वरूप शर्मा ने 50 लाख रुपए की राशि , शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद सुरेश कश्यप ने 60 लाख की राशि और कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर ने 66 लाख की राशि इस महामारी से लड़ने के लिए स्वीकृत की है। कुल मिलाकर सभी सांसदों ने 2 करोड़ 27 लाख की राशि अपने अपने एम पी लैड फंड , सांसद निधि में से हिमाचल प्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दी है। यह राशि उस समय आई है जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिनों का लॉक डाउन लगाया है यह वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए कल प्रधानमंत्री ने पूरे देश को संबोधित करते हुए कहा है कि अगर इस बीमारी से लड़ना है तो हमें अपने अपने घरों में रहना होगा, सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से हम इस कोरोना वायरस को रोक सकते हैं और हमें इस महामारी के प्रति खुद भी जागरूक रहना है और सब को जागरूक रखना है। ऐसी में हिमाचल प्रदेश के चारों सांसद अनुराग ठाकुर, रामस्वरूप शर्मा, सुरेश कश्यप और किशन कपूर ने यह पहल की है जिससे हिमाचल के सभी मेडिकल कॉलेजों में वेंटिलेटर और अन्य इक्विपमेंट इस वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए खरीदे जा सकते हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने इस पहल को वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए एक बड़ा कदम बताया है।
राज्य सरकार द्वारा देश के साथ-साथ राज्य में भी इक्कीस दिन के बंद के दौरान आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उचित और प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने तालाबंदी के कारण उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे कि राज्य के बाहर से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में बाधा न आए। उन्होंने कहा कि इसके लिए आपूर्ति लाइन के पूरक के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में राशन, दाल और खाद्य तेलों का पर्याप्त भंडार था। पर्याप्त मात्रा में दूध और ब्रेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता हुई तो उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए दुग्ध संग्रह केंद्रों की स्थापना की जाएगी और अनावश्यक भीड़-भाड़ से भी बचा जाएगा। जय राम ठाकुर ने निर्देश दिया कि पशुओं के चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि खानाबदोश गद्दी और गुर्जरों और उनके झुंडों के आंदोलन को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए और उनकी सुरक्षा के लिए सभी निवारक उपाय किए जाने चाहिए। मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह मनोज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. धीमान, पुलिस महानिदेशक एस.एस. मार्डी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू और सचिव जीएडी देवेश कुमार बैठक में शामिल हुए।
छात्र अभिभावक मंच ने हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव व निदेशक उच्चतर शिक्षा से मांग की है कि कोविड-19 के चलते हुए प्रदेशव्यापी लॉक डाउन व कर्फ्यू के मध्यनजर प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस जमा करने की 30 मार्च की निर्धारित तारीख को स्थिति के सामान्यीकरण तक बढ़ाया जाए। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा, सह संयोजक बिंदु जोशी व सदस्य फालमा चौहान ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते हिमाचल प्रदेश में लॉक डाउन व कर्फ्यू घोषित कर रखा है लेकिन प्राइवेट स्कूल किसी भी हालत में 30 मार्च से पहले फीस जमा करवाने के लिए अभिभावकों पर दबाव बना रहे हैं। यह मानवता व राष्ट्र हित के खिलाफ है। कोरोना जैसी महामारी के कारण आपातकालीन सेवाओं के अलावा सभी सेवाएं बन्द हैं लेकिन प्राइवेट स्कूलों को इस दौरान भी पैसा व अपना मुनाफा ही याद आ रहा है। स्थिति इतनी भयावह है कि उच्चतम, उच्च व अन्य न्यायालय भी बन्द कर दिए गए हैं। ट्रैफिक पूरी तरह जाम है। ज़्यादातर अभिभावक बच्चों के साथ अपने-अपने गांवों को निकल चुके हैं। ऐसी परिस्थिति में भी प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस को 30 मार्च से पूर्व जमा करवाने का फरमान पूरी तरह सरकार के आदेशों की अवहेलना है। इस दौरान जब गाड़ियां ही नहीं चलेंगीं तो अभिभावक किस तरह बैंकों तक पहुंच कर यह फीस जमा करवाएंगे। वैसे भी बैंकों में भीड़ पर नियंत्रण की एडवाइजरी जारी की जा चुकी है। इस दौरान पांच से ज़्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर भी रोक है व धारा-144 भी लागू है। प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस जमा करने के लिए अभिभावकों को बाध्य करने से भीड़ बढ़ेगी व कोरोना के फैलाव का खतरा भी बढ़ेगा। देश व प्रदेश में आपातकाल जैसी स्थिति है परन्तु फिर भी प्राइवेट स्कूल अपनी तानाशाही से बाज़ नहीं आ रहे हैं। तत्काल फीस जमा करवाने की कोई एमरजेंसी भी नज़र नहीं आती है। प्राइवेट स्कूलों की इस तानाशाही पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए। विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि वैसे भी प्राइवेट स्कूल निदेशक उच्चतर शिक्षा द्वारा जारी 5 दिसम्बर 2019,18 जनवरी तथा 12 मार्च 2020 के आदेशों की पालना नहीं कर रहे हैं जिसके अनुसार इस वर्ष फीस के निर्धारण से पहले सभी स्कूलों में मार्च के महीने में जनरल हाउस अनिवार्य किया गया था। प्राइवेट स्कूल इन आदेशों को लागू किये बगैर ही आनन-फानन में गुपचुप तरीके सेे फीस बढ़ोतरी करके इन फीसों को 30 मार्च तक बसूलना चाहते हैं ताकि फीस बढ़ोतरी की ओर अभिभावकों, शिक्षा विभाग, प्रशासन व सरकार का ध्यान न जा पाए। यह गैर मानवीय है कि या तो कुछ स्कूलों ने इस दौर में फटाफट अभिभावकों से जबरन ये फीसें बसूल कर ली हैं अथवा 30 मार्च से पहले वे किसी भी हालत में इस फीस को हासिल करने की फिराक में हैं। प्राइवेट स्कूल महामारी के समय को भी मनाफाखोरी में परिवर्तित करना चाहते हैं। उन्होंने उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक शिमला से मांग की है कि जब तक महामारी की स्थिति सामान्य न हो जाये तब तक जो भी स्कूल फीस बसूलने के लिए अभिभावकों से ज़ोर-ज़बरदस्ती करते हैं उनके प्रबंधन के खिलाफ कानून की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई अमल में लायी जाए व उनपर शिकंजा कसा जाए।
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI)के प्रदेशाध्यक्ष छत्तर सिंह ठाकुर द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार द्वारा 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन व राज्य सरकार द्वारा लगाए गए कर्फ्यू का समर्थन जताया व सभी नागरिकों से घरों से बाहर न निकलने की अपील की। छत्तर ठाकुर नेे कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम हेतु सरकार द्वारा यह एक बिल्कुल सही ठोस कदम उठाया गया है व मानव जाति की रक्षा हेतु इसके परिणाम सकारात्मक होंगे। साथ ही एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष छत्तर ठाकुर ने राज्य सरकार व प्रशासन से अनुरोध किया कि वे इस विकट परिस्थिती में हिमाचल के सेब बागवानों का भी अन्य सभी वर्गों की भांति विशेष ध्यान रखा जाए। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश को देश भर में सेब राज्य के नाम से जाना जाता है व सेब यहाँ की मुख्य नकदी फसल है। आजकल का समय सेब सेटिंग की वजह से बागवानों के लिए अति महत्वपूर्ण है और ये समय सेब के बगीचों में कई जरूरी स्प्रे, छिड़काव व खाद आदि के लिए बहुत क्रूशियल पीरियड माना जाता है। ऐसे में कर्फ्यू व लॉकडाउन की स्थिति में पूरे बाज़ार के साथ ही स्प्रे व खाद की दुकानें भी बन्द कर दी गयी है। इसकेे चलते इस साल सेब सीज़न को लेकर बागवान बहुत चिंतित है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने प्रदेश सरकार व प्रशासन से सेब बागवानों की इस समस्या को जल्द दूर करने की गुहार लगाई है। प्रदेश संगठन महासचिव मनोज चौहान ने प्रदेश के सभी स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए घरों से बाहर न निकलने की अपील की। मानोज चौहान ने छात्र शक्ति का आह्वाहन कर कोरोना संक्रमण के खिलाफ इस लड़ाई में छात्रों को अपने परिवार व आस-पड़ोस के लोगों को सरकार द्वारा लॉकडाउन व कर्फ्यू के महत्व व इसके पालन करने बारे सजग करने को कहा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य आरडी धीमान ने प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में 912 लोगों को निगरानी में रखा गया है। 16 लोगों की जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से पांच की रिपोर्ट नेगेटिव आई है और 11 की रिपोर्ट आनी बाकी है। उन्होंने बताया कि आईसीएमआर, भारत सरकार द्वारा एडवाईजरी जारी कर बताया गया है कि हाईड्रोक्सी क्लोरोक्वीन उन लोगों के बचाव में उपयोगी सिद्ध हो सकती है, जो कोविड-19 पाॅजिटिव लोगों के निकट संपर्क में आए हैं एवं अभी तक उनमें कोविड-19 बीमारी के कोई लक्षण नहीं है तथा ऐसे स्वास्थ्य सेवा प्रदाता जो कि कोविड-19 पाॅजिटिव या संदिग्ध कोविड-19 लोगों के निकट संपर्क में आए हैं। इस दवाई के दुष्परिणाम भी हो सकते हैं, इसलिए इसे डाॅक्टर के परामर्श के अनुसार ही लें और आम लोग इस गलतफहमी से न लें कि इसको लेने से पूर्ण रूप से कोविड-19 से बचाव किया जा सकता है। आरडी धीमान ने बताया कि पूरे प्रदेश के स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के उपयोग के लिए जरूरी सामान जैसे कि मास्क, ग्लबज, दवाई, सेनिटाईजर आदि भी प्रदेश स्तर पर खरीदकर जिलों को भेजे जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि सरकार द्वारा जारी कफ्र्यू के तहत आदेशों का पूरी निष्ठा से पालन करें और अनावश्यक कारणों से घर से बाहर न निकलें। आदेशों की अवहेलना करने पर जिला प्रशासन को सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। ऐसे लोग जो दूसरे देशों से आए हैं, उनसे व उनके परिवार से अतिरिक्त मुख्य सचिव ने आग्रह किया कि वे अपनी सूचना 104 हेल्पलाईन नंबर व जिला प्रशासन को अवश्य दें। ऐसी जानकारी छुपाने के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश के सभी निजी स्वास्थ्य संस्थानों एवं आयुष प्रैक्टिशनर को भी पुनः एडवाईजरी जारी की गई है कि वह कोविड-19 से प्रभावित किसी भी व्यक्ति की सूचना जिला सर्विलेंस अधिकारी या मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अवश्य दें। वह अपनी संस्था के सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को उचित सुरक्षा उपकरण प्रदान करें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में हिमकेयर के कार्ड भी लोकमित्र केंद्र के माध्यम से बनाए जा रहे हैं। इन्हें बनाने की अंतिम तिथि 31 मार्च निर्धारित की गई थी, परंतु कोविड-19 की परिस्थिति को देखते हुए लोगों की सुविधा के लिए इसे 31 मई, 2020 तक बढ़ाया गया है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वह ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से हिमकेयर के कार्ड स्वयं बनाएं, ताकि लोकमित्र केंद्र में किसी प्रकार की भीड़ आदि न हों और सामाजिक दूरी के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जा सके।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा राजीव बिन्दल, ने शिमला से जारी एक प्रैस विज्ञप्ति के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की भाजपा शासित सरकार का धन्यवाद किया, जिन्होंने वैश्विक कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में कार्य करने वाले डेढ़ लाख मजदूरों को दो हजार रुपये प्रति परिवार देने की घोषणा की है, साथ ही एडवासं राशन व पैंशनधारकों की सामाजिक सुरक्षा की 2 माह अग्रिम राशि जारी करने की घोषणा की है। जहां प्रदेश की सरकार महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए पूरी ताकत से लगी है और लगातार खंड स्तर तक निगरानी रखे हुए है, वहीं गरीबों के प्रति सेवा का भाव, संवेदनशीलता का भाव, प्रदेश की जय राम सरकार ने अपनाया है। डॉ राजीव बिंदल ने कहा यह अवसर है जब प्रदेश के प्रत्येक नागरिक का धर्म बन जाता है कि वह संयम बरते, अनुशासित रहे, जन सम्पर्क की श्रृंखला को पूरी तरह तोड़ दे, तब जाकर हिमाचल प्रदेश को सुरक्षित रखा जा सकता है और समस्त जनता को लॉक-डाउन का लाभ मिलेगा। भाजपा के प्रदेश स्तरीय प्रवक्ता ने बताया की भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ बिंदल ने नाहन में डॉ यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज में प्रिन्सिपल, चिकित्सा अधीक्षक, एसडीएम, कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कोरोना महामारी के दृष्टिगत रोगियों की व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया व उचित दिशा निर्देश दिए, साथ ही शहर में स्वच्छता के लिए डिसिन्फ़ेक्टंट छिड़काव कार्य देखा।
दिनांक 24 मार्च को SFI हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी द्वारा जारी एक प्रेस वक्तकय के माध्यम से SFI ने कोरोना वायरस से बचने के लिए सरकार के सामने कुछ सुझाव पेश करते हुए प्रदेशवासियों से भी अपील की है। ●प्रदेश और देश के लोग COVID -19 के प्रसार के खिलाफ गंभीर लड़ाई के बीच में हैं। कई राज्यों में, इस घातक वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक सामान्य लॉकडाउन लागू किया जा रहा है जो हमारे प्रदेश में भी किया गया है। ●इस तरह के लॉकडाउन के दौरान, विशेष रूप से घोषित लक्षणों वाले लोगों के परीक्षण को और अधिक स्तर पर करना अनिवार्य है। इस आधार पर, विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान की जा सकती है और ऐसे क्षेत्रों में लागू किए जाने वाले लॉकडाउन की पहचान की जा सकती है। ●नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी द्वारा अनुमोदित सभी परीक्षण किटों का उपयोग किया जाना चाहिए। यह अजीब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक परिपत्र जारी किया है कि केवल यूएस एफडीए(अमरीकी दवा प्राधिकरण) और यूरोपीय ईसी द्वारा अनुमोदित परीक्षण किट का ही उपयोग किया जाएगा। रिपोर्टों से पता चलता है कि केवल गुजरात में एक निर्माता है जो इस तरह की किट का उत्पादन करता है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, इस परिपत्र को वापस ले लिया जाना चाहिए और एनआईवी द्वारा अनुमोदित सभी किटों को तत्काल उपयोग के लिए तैनात किया जाना चाहिए। ●करोड़ों परिवार जो अपने परिवार की दैनिक कमाई पर जीवित रहते हैं, वे वर्तमान में इस तरह के लॉकडाउन के कारण गंभीर रूप से पीड़ित हैं। यह आवश्यक है कि तुरंत कम से कम ₹ 5,000 जन धन खातों और बीपीएल लाभार्थियों को हस्तांतरित किया जाना चाहिए। ●मध्याह्न भोजन योजना से लाभ पाने वाले बच्चों के परिवारों को राशन किट की आपूर्ति की जानी चाहिए। ●छात्रों की परीक्षा व प्रेक्टिकल को स्थगित किया जाना चाहिए। ● SFI कोरोना वायरस की गम्भीरता को देखते हुए आम जनता से अपील भी करती है कि हमें हर तरह के आवशयक ऐहतियात बरतते हुए अफवाहों से बचना चाहिए तथा इस संदर्भ में फैलाई जा रही भ्रांतियों व गैरवैज्ञानिक पाखण्ड से दूर रहने की आवश्यकता है। ●सभी बीपीएल / एपीएल परिवारों को पीडीएस के माध्यम से मुफ्त राशन एक महीने के लिए दिया जाना चाहिए। ●दुनिया के कई देशों की तरह कोरोना से बचने के लिये आवश्यक दवाएं व सामग्री जैसे सेनेटीज़र, मास्क,आदि का प्रदेश में भी इसी तरह मुफ्त प्रबंधन करना चाहिए। ●इसके साथ ही मझले व छोटे उद्योगों (एसएमई) और खुदरा व्यापारियों के साथ-साथ ईएमआई पर एक वर्ष के लिए बैंक ऋण पर स्थगन होना चाहिए। ●अब जब विधानसभा में बजट पर चर्चा हो ही रही है , तो प्रदेश सरकार को लाखों लोगों के जीवन और आजीविका को बचाने के लिए पर्याप्त पैकेज के लिए अलग से धनराशि निर्धारित करनी चाहिए। Sfi राज्य सचिव अमित ठाकुर ने बताया कि आज जीवन बचाने के लिए हमारे संसाधनों का उपयोग करने का समय है और हमें राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने के लिए चिंताओं का शिकार नहीं होना चाहिए।
विदेश से लौटे रोहड़ू के एक परिवार के खिलाफ अपनी हालिया यात्रा प्रशासन से छुपाने पर मामला दर्ज किया गया है। बताय जा रहा है की यह परिवार हल ही में थाईलैंड से वापस आया था। प्रशासन की एक सर्वेक्षण टीम ने एक परिवार का पता लगाया, जिसने थाईलैंड की अपनी हालिया यात्रा की बात छुपाई थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अंशुल परिवार सहित हाल ही में थाईलैंड से वापिस आया था। लेकिन इस बात से प्रशासन को अंधेरे में रखा गया। थाईलैंड से लौटकर यह परिवार अपने चंडीगढ़ के फ्लैट में ठहरा था और बीते शनिवार ही रोहड़ू पहुंचा था। परिवार के सदस्यों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं 188 व 271 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। गौरतलब है की कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखकर प्रशासन ने संज्ञान ली है। विदेशों से आने वाले लोगों को कोरोना वायरस के खतरे के कारण अनिवार्य रूप से पृथक रहने को कहा गया है, भले ही उनमें बीमारी के लक्षण दिखाई दें या नहीं। ऐसे में कोई भी प्रशासन के निर्देशों के खिलाफ जाता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने सदन में नियम 67 के अंतर्गत स्थगन प्रस्ताव लाया और बढ़ते हुए कोरोना के प्रकोप को देखते हुए हिमाचल प्रदेश को लॉक डाउन करने की मांग की। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि लॉक डाउन में किसी भी कर्मचारी चाहे वो आउटसोरस, दिहाड़ी दार, मजदूर और निजी कंपनियों में काम कर रहे लोगों को पेड हॉलिडे हो ऐसे निर्देश दिए जाएं ताकि लोग इस महामारी में बच सके। प्रदेश में आज सरकारी और निजी बसों और टैक्सी को बंद किया है और सरकारी दफ्तरों को खुला रखा गया है जिससे लोगों को आज खासे परेशान होना पड़ा है। प्रदेश को 15 दिन के लिए लॉक डाउन किया जाए केवल एमरजेंसी सेवा को ही चलाया जाए तभी प्रदेश को बचाया जा सकता है क्योंकि अभी स्थिति उतनी बिगड़ी नहीं है अगर स्थिति हाथ से बाहर हो गयी तो प्रदेश को बचाना मुश्किल हो जाएगा। साथ ही नेता प्रतिपक्ष ने विधायक निधि से विधायकों को मास्क और सेनेटाइजर खरीद कर विधानसभा क्षेत्र में बांटने की इजाजत दी जाए। वंही कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने भी प्रस्ताव में भाग लेते हुए सरकार को त्वरित कार्यवाही करने की मांग की। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन में कोरोना वायरस को लेकर वक्तव्य दिया और कहा कि कोरोना से दुनिया परेशान है और हिमाचल प्रदेश सरकार भी इस महामारी को लेकर चिंतित है। प्रदेश में भी कोरोना के दो मामले पाए गए हैं सरकार ने कोरोना को रोकने के लिए कदम उठाए हैं। भारत सरकार ने भी कोरोना वायरस को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं प्रधानमंत्री के आह्वान पर जनता कर्फ्यू में खुल कर समर्थन किया है। सर्वदलीय बैठक में भी सभी दलों के सुझाव लिए और सरकार के प्रयासों के बारे में बैठक में अवगत करवाया। प्रदेश में 1237 लोग आइसोलेशन में रखे गए हैं। जिनमें से 426 लोगों ने कोरेंटाइन के 28 दिन पूरे किए हैं, जबकि 57 संदिग्ध लोगों के टेस्ट किए हैं जिनमें से 55 नेगटिव आए हैं जबकि दो मामले कांगड़ा में पॉजिटिव आए हैं। 667 लोग होम आइसोलेशन में रखे हुए है, जबकि 13 लोग अस्पताल में आइसोलेशन में रखे गए हैं। प्रदेश में इस समय 80 से 90 टेस्ट एक दिन में हो रहे हैं और अगर कोरोना के मामले बढ़ने पर मंडी, कसौली की लैब में टेस्ट की सुविधा उपलब्ध करवाने की केंद्र सरकार से मांग की गई है। सरकार ने प्रदेश में दूसरे राज्यों और विदेशी पर्यटकों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया है।मुख्यमंत्री ने कहा है कि लोगों को अफवाहों से बचने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कांगडा की तरह ही पूरे प्रदेश को आगामी निर्देश तक लॉक डाउन करने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन में कहा कि कोरोना वायरस के चलते सरकार काफी सचेत है और आगे भी जनहित में जो जरूरी होगा सरकार कदम उठाने के लिए तैयार है। लॉक डाउन के समय मे जरूरी सेवाएं चलती रेंहेगी। मास्क, सेनेटाइजर और राशन की कालाबाजारी को लेकर सरकार सख्त है और लोगों को पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है।
उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनता कर्फ्यू की अपील के तहत व हिमाचल प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशानुसार 22 मार्च, 2020 को शाम 5 बजे तथा 5 बजकर 5 मिनट पर सायरन बजाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना तथा मानव जाति के बचाव के लिए निरंतर कार्य कर रहे व आवश्यक सेवाओं की निरंतरता बनाए रखने में सहयोग करने वाले सभी कर्मचारियों, स्वास्थ्य सेवाओं में तैनात सभी कर्मियों, अधिकारियों, रेल यातायात तथा हवाई अड्डों पर सेवाएं प्रदान कर रहे सभी कर्मचारियों, सैनिक व अर्धसैनिक बलों व पुलिस के जवानों तथा प्रशासन व उन सभी व्यक्तियों के प्रति, जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए कोरोना संक्रमण से बचाव के सेवा कार्य में लगे हैं का अपने दरवाजों, बालकनियों अथवा खिड़कियों के पास आकर 5 मिनट तक ताली या थाली बजा कर आभार व्यक्त करें। उन्होंने बताया कि जिला एवं उपमण्डल स्तर पर इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने प्रदेश कार्यालय दीपकमल चक्कर में कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों से अनेक महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने चर्चा के उपरांत मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मद्देनजर कल 22 मार्च 2020 रविवार को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है जिसमें हम सबको बढ़-चढ़कर भाग लेना है। जनता कर्फ्यू स्वयं अपने पर प्रतिबंध है और हम सब सुबह 7:00 बजे से लेकर रात 9:00 बजे तक घर पर रहेंगे, सभी बाजार और विभिन्न कार्यालय भी बंद रहेंगे। उन्होंने बताया कि जनता कर्फ्यू के तहत कल भाजपा प्रदेश कार्यालय भी बंद रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समस्त जनता से आव्हान किया है की कोरोना वायरस के चलते जनसंपर्क घटाएं और एक दूसरे से दूरी बनाकर रखें। अति आवश्यक कार्य हम फोन या व्हाट्सएप के माध्यम से करें। उन्होंने कहा कि हिमाचल वासी सदा सजग है और जो सजग है वह सुरक्षित है। हम सबको मिलकर के स्वयं भी जागरूक रहना है और सब को जागरुक भी करना है। डॉ बिन्दल ने कहा कि समाज का वह वर्ग चिकित्सक, पैरामैडिकल स्टाफ, पुलिस कर्मी, सरकारी अधिकारी विशेषकर सफाई कर्मचारी वर्ग, जो हमारी सेवा में लगा है उन सबका आभार व्यक्त करने के लिए 22 मार्च को ही सांय 5 बजे 5 मिनट तक अपने घरों से बाहर निकलकर, बॉलकोनी में जाकर थाली बजाकर, घंटी बजाकर या ताली बजाकर उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें, अपना आभार व्यक्त करें। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के चलते भाजपा ने अपनी सभी जिला एवं मंडल स्तरीय बैठकों को स्थगित कर दिया है और भाजपा के समस्त कार्यकर्ता केवल फोन या व्हाट्सएप के माध्यम से कार्य करेंगे।
The Corona virus which has caused awe in the world has also knocked in Himachal. So far untouched by the Corona virus, Himachal has received two positive cases on Friday. Both are residents of Kangra. They had been admitted to Dr. Rajendra Prasad Medical College Tanda. The sample investigation report of both has come positive. Chief Minister Jairam Thakur and Deputy Commissioner, Kangra Rakesh Prajapati have confirmed that the Women have returned from Dubai and the men from Singapore lately. The samples of both have now been sent to a lab in Pune for examination. According to the information, the 63-year-old victim woman returned from Dubai on 19 March, while the 32-year-old victim returned from Singapore on 18 March. CMO Kangra Dr. Gurdarshan Gupta said that both the patients were admitted to the isolation ward set up at Tanda Medical College late in the evening. Initial investigations have found both reports of corona virus positive. Now the samples of both have been sent to a lab in Pune for examination. People have been stirred up in Himachal for the first time with two cases. Now the health department is trying to find out how many people have come in contact with the two of them . They will also be brought under surveillance. The family of both has also been placed on observation. A young boy who has come from Malaysia Via Ship to Mumbai and then to Solan on Thursday, is admitted in isolation ward at Solan Hospital. Have sent his samples to Shimla. At the same time, two Nepali people of Rampur are admitted in isolation ward at DDU Shimla. People from other countries and Corona affected 85 people have arrived in Himachal. Their number was 748 on Thursday, which has now risen to 823. Of these, 283 people have completed their 28-day monitoring period. They have been allowed to meet people. Samples of 10 suspects have come negative. Reports of three are yet to come. 100 people have left Himachal, while 431 people are still on surveillance Chief Medical Officer Kangra Dr. Gurdarshan Gupta said that earlier people from only 19 countries identified were being monitored, but now local or foreign tourists from any country are being kept under surveillance. The suspect is being advised to stay in the hospital while the normal person is in home isolation. Prime Minister Narendra Modi on Friday held a video conference with Chief Ministers of all states across the country, including Himachal Pradesh, in the context of corona virus infection. Chief Minister Jairam Thakur gave information about Himachal's preparations and steps taken, while also expressing grief over two positive cases in the state. The Union Health Ministry suggested Himachal authorities to take more stringent measures. The Chief Minister, while holding a video conference with all the Deputy Commissioners of the state, asked them to ensure that the Janata curfew will be successful on March 22 at the call of the Prime Minister. He also gave instructions to stop black marketing. The CM said that it is difficult to interfere in weddings but appealed that people shorten the event and postpone the Dham.
नेपाल से आए एक युवक और एक युवती को शिमला के दीनदयाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों कोरोना वायरस के संदिग्ध है। दोनों के सेंपल टेस्ट के लिए भेजे गए है। शाम तक दोनों की रिपोर्ट आ सकती है। अस्पताल के एमएस लोकेंद्र शर्मा ने संदिग्धों के भर्ती होने की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों को दिन के समय अस्पताल लाया गया था। दोनों के सेंपल टेस्ट के लिए भेज दिए गए हैं, शाम तक रिपोर्ट आने की संभावना है।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप को फैलने से रोकने के लिए शिमला में जागरूकता अभियान छेड़ा और शिमला आईएसबीटी में मास्क और सेनेटाइजर मुफ्त में लोगों में वितरित किए ताकि लोग कोरोना से बच सके।हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने खुद अभियान में शामिल होकर जरूरतमंद और गरीब लोगों को सेनेटाइजर बांटे।राठौर ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में जागरूकता अभियान छेड़ा है।बाजार में सेनेटाइजर और मास्क की कालाबाजारी हो रही है और मंहगे दामो में सेनेटाइजर और मास्क बिक रहे हैं।सरकार को इस पर सख्त कदम उठाने की जरूरत है और लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है।राठौर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने कोरोना के प्रकोप के चलते सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं और लोगों को जागरूक करने का काम शुरू कर दिया है ताकि लोग इस महामारी से बच सके।
नेतृत्व की लड़ाई व वर्चस्व की जंग लड़ रही है कांग्रेस। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष पुरषोतम गुलेरिया ने जारी एक प्रैस बयान में कहा कि कांग्रेस पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी लम्बे इंतजार के बाद आखिर बिल्ली थैले से बाहर आ ही गई। कार्यकारिणी देख कर यह कहावत स्टीक बैठती है कि ’’इसमें तहसीलदार ज्यादा, पटवारी कम’’ है। यह कार्यकारिणी दिशाविहीन नेतृत्व के द्वारा बनाई गई कार्यकारिणी है जिसकी न कोई नीति है, न नीयत। उन्होनें कहा कि कि चार गुटों में बंटी कांग्रेस पार्टी के नेता के उपर चारों तरफ से दबाव रहा होगा और सबको खुश करते-करते 19 उपाध्यक्ष, 19 महासचिव, 69 सचिव पर पहुंच गए होंगे। हैरानी नहीं होनी चाहिए, यदि कल को कांग्रेस के 4 प्रदेशाध्यक्ष भी बन सकते हैं। कांग्रेस में भी कुछ काम करने वाले लोग हैं परन्तु उनका नाम 150 की सूची में गायब हैं, शायद काम करने वाले कार्यकर्ताओं के उपर कॉंग्रेसी नेताओं की नजर कम पड़ती होगी। पुरषोतम गुलेरिया ने कहा कि जो पार्टी 6 महीने से अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बना सकी, एक परिवार के बाहर सोच नहीं सकती व देश क्या चलाएगी। इसके विपरीत भारतीय जनता पार्टी ने तयशुदा कार्यक्रम के तहत जिसे केन्द्रीय चुनाव समिति द्वारा बाकायदा नोटीफाई किया था, अपना चुनाव बूथ अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक शांतिपूर्वक व संवैधानिक तरीके से पूरा किया। उन्होनें कहा वास्तव में कांग्रेस की समस्या यह है कि इनका संविधान भी एक परिवार द्वारा बोले गए शब्द होते हैं, इनका नेता भी एक परिवार से बाहर का नहीं हो सकता, इनका सब कुछ एक ही परिवार से तय होता है और दुर्भाग्य से उस परिवार को खुद ही समझ नहीं आ रहा कि करें क्या ? यह केवल भाजपा ही है जिसमें बूथ अध्यक्ष भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है (अमित शाह जी) तथा एक चाय बेचने वाला भी देश का प्रधानमंत्री बन सकता है। इसलिए कांग्रेस की कार्यकारिणी देखकर कोई हैरानी नहीं होती। नए कांग्रेस पदाधिकारियों को बहुत-2 बधाई।
कोरोना वायरस के लगातार बढ़ने और मरीजों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। सरकार भी कोरोना से निपटने के लिए कई कदम उठा रही है। इसी के तहत देवभूमि हिमाचल में आज से 31 मार्च तक बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगाने की तयारी की जा रही है। राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस बात पर मंथन हुआ है। बैठक में मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची समेत सरकार के अन्य शीर्ष अघिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में बैठक में तय हुआ कि बाहरी राज्यों के लिए फिलहाल चुनिंदा बसें ही भेजी जाएंगी। आने वाले समय में सभी बस सेवाएं बंद भी की जा सकती है। हालांकि नेपाल सीमा के लिए सभी बस सेवाएं बंद कर दी गई। शिमला-टनकपुर बस केवल हरिद्वार तक जाएगी। पुलिस ने भी सूबे के बॉर्डर एरिया सील कर दिए। श्रद्धालुओं को वापस भेजा जा रहा है। उधर, सरकारी एवं गैर सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों और अन्य लोगों को स्क्रीनिंग के बिना प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। दफ्तरों के मुख्य द्वार पर सैनेटाइजर रखने के निर्देश हैं। खांसी, जुकाम, बुखार व अस्थमा जैसे मरीजों को छुट्टी लेने को कहा है। सरकार ने कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अफवाह न फैलाएं। अधिकारियों को सिर्फ जरूरी बैठकें करनी होंगी। रुटीन बैठकें वीडियो कांफ्रेंसिंग से होंगी। अधिकारियों को टूर न करने के भी निर्देश हैं। 50 साल व इससे अधिक उम्र के लोग और गर्भवती महिलाओं को नियमित दवाइयां लेने को कहा है। दफ्तरों में ज्यादातर काम ई-मेल से करने के निर्देश दिए हैं।
कांग्रेस पार्टी हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे प्रदेश में 19 के बजाए 50 महामंत्री भी बनाए तो भी हिमाचल प्रदेश भाजपा और प्रदेश की जयराम सरकार के विरूद्ध कहीं भी नहीं टिक पाएगी। यह बात भाजपा के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर ने शिमला से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कही। उन्होनें कहा कि लम्बी जद्दोजहद के बाद कांग्रेस के पदाधिकारियों की घोषणा आखिरकार हो ही गई। जब परिणाम आया तो देखा कि 130 पदाधिकारियों की जम्बों सूची जारी हुई जिसमें अभी 400 सदस्य और जोड़े जाने बाकि है। त्रिलोक कपूर ने कहा कि वैसे तो यह कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी मामला है, वो चाहे तो 1000 लोगों की कार्यकारिणी बनाएं, परन्तु एक बात स्पष्ट रूप से झलकती है कि कांग्रेस की वर्चस्व की लड़ाई में पदाधिकारियों और कार्यसमिति सदस्यों की संख्या बढ़ती चली गई। परिणाम हुआ कि 68 विधान सभा क्षेत्रों में 130 पदाधिकारियों की फौज तैयार कर दी गई, 12 जिलों में 19 महामंत्री, 4 लोकसभा क्षेत्रों में 19 उपाध्यक्ष बनाए गए और 68 विधानसभा क्षेत्र में 69 सचिव। कांग्रेस पार्टी की नई कार्यकारिणी की घोषणा से यह स्पष्ट नजर आता है कि कांग्रेस पार्टी नेताहीन है और कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व की कमी है। कांग्रेस ने एक परंपरागत कार्यकारिणी बनाई है और इस प्रकार की घोषणा से लगता है कि कांग्रेस पार्टी ने केवल अपने नेताओं को खुश करने का काम किया है और कांग्रेस पार्टी में आंतरिक युद्ध चल रहा है। उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी ने अपना संगठन असंगठित तरीके से बनाया है।
कोरोना वायरस के विश्वव्यापी संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत उपायुक्त शिमला अमित कश्यप द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों के तहत आदेश जारी कर 31 मार्च, 2020 तक जिलाभर की सीमा क्षेत्र के तहत लंगर व भंडारों पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने ढाबों, बार, खाने की जगहों, रेस्टोरेंट, होटल इत्यादि में समुचित सफाई रखने तथा आने वाले आगंतुकों व उपभोक्ताओं को पर्याप्त सेनेटाईजिंग सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। इन जगहों पर खाना पकाने व खाना परोसने वाले व्यक्ति मास्क व समुचित स्वास्थ्य व स्वच्छता मानकों को अपनाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिला के किसी भी क्षेत्र में 31 मार्च, 2020 तक भीड़ से संबंधित कोई भी कार्यक्रम जिसके तहत सम्मेलन, रैली, धरने प्रदर्शन, जुलूस इत्यादि नहीं किए जा सकेंगे। सुरक्षा की दृष्टिगत आप स्वयं को भीड़ भरे आयोजनों से दूर रखें, यदि आप जुखाम, बुखार इत्यादि से पीड़ित है तो ऐसे आयोजकों में शामिल न हो। 31 मार्च, 2020 तक जिला में स्पा सेंटर, स्वीमिंग पुल, सोना तथा जिमनेजियम केन्द्रों के संचालन पर भी रोक रहेगी। उन्होंने संबंधित विभागों को प्राईवेट बसों व टैक्सियों की समुचित साफ-सफाई निरंतर अंतराल के बाद सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग जिला के सभी बस अड्डों की सफाई व सेनीटेशन करना भी सुनिश्चित करें तथा चालकों, परिचालकों व सफाई कर्मचारियों को इस संबंध में पर्याप्त जागरूकता व जानकारी प्रदान करें। इसके अतिरिक्त बसों में कोरोना संक्रमण से बचाव के संबंध में जारी, आवश्यक सलाह सभी बस अड्डों, बसों व टैक्सियों में चस्पा करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि निदेशक शहरी विकास व आयुक्त नगर निगम शिमला जिला के सभी बस अथवा टैक्सी स्टैंड, सब्जी मंडी क्षेत्रों में निर्धारित किटाणुनाशक दवाईयों का निरंतर अंतराल के बाद छिड़काव कर साफ-सफाई करना सुनिश्चित करें तथा अपने कर्मचारियों व सफाई कर्मियों को समय-समय पर इस संबंध में जानकारी व जागरूकता प्रदान करें। सफाई कर्मचारियों को पर्याप्त मात्रा में दस्ताने, टोपी, मास्क, बूट तथा सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाएं। प्रत्येक घर से कूड़ा प्रतिदिन के आधार पर उठाकर उसका निपटारा उचित ढंग से किया जाना आवश्यक है। सभी गैर अधिकृत रूप से बैठे फल, सब्जी तथा रेड्डी वाले को आयुक्त नगर निगम शिमला द्वारा भीड़ के जमावड़े को कम करने की दृष्टि से हटाया जाना आवश्यक है। निदेशक पर्यटन जिला के विभिन्न होटलो, होम स्टे इकाईयों तथा अन्य पर्यटक इकाईयों में पर्याप्त सफाई तथा समुचित स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। होटल व्यवसायी विदेशों से आने वाले पर्यटकों की सभी जानकारी व सूचनाएं निर्धारित स्व घोषणा प्रारूप पर प्राप्त करना सुनिश्चित करें, आवश्यकता पड़ने पर जिसकी जानकारी संबंधित चिकित्सा अधिकारियों को तुरन्त प्रदान की जाए। सभी शिक्षण संस्थानों के प्रभारी जिसमें हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय तथा अन्य निजी विश्वविद्यालय शामिल है अपने यहां विदेशी छात्रों की जानकारी तथा भारतीय छात्र जो अभी एक महीना पूर्व विदेश से घूम कर लौटे की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा जिला निगरानी अधिकारी को उपलब्ध करवाएं। चिकित्सा अधिकारियों, स्वास्थ्य कर्मचारियों व निगरानी कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए सभी आवश्यक कदम, सुविधाएं व उपकरण तथा दवाईयां निदेशक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें ताकि समय रहते संक्रमण से बचाव के लिए प्रयास किए जा सके। हवाई मार्ग से आने वाले यात्रियों की जांच व सुरक्षा के लिए हवाई अड्डों पर तैनात स्वास्थ्य जांच दल को आवश्यक सहयोग व समन्वय निदेशक शिमला एयरपोर्ट द्वारा प्रदान किया जाए ताकि यात्रियों की जांच प्रभावी रूप से की जा सके। इसके अतिरिक्त सभी हवाई अड्डे परिसरों की निर्धारित किटाणुनाशक दवाई का उपयोग कर विभिन्न अंतराल में सफाई करना भी सुनिश्चित करें। इसके अतिरिक्त हवाई अड्डे पर तैनात स्टाफ को इस संबंध में आवश्यक जानकारी भी दें। जिला में स्थित सभी बैंकों द्वारा अपनी शाखाओं में कोरोना संक्रमण से बचाव के संबंध में सभी प्रकार के एहतियात बरतें व समुचित सफाई व्यवस्था भी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि बैंकों की सभी शाखाओं को पर्याप्त सेनेटाईज करने की व्यवस्था की जाए। विशेष रूप से अधिक लोगों द्वारा एटीएम मशीनों के उपयोग के कारण इन्हें दिन में प्रत्येक अंतराल के बाद साफ करवाने की व्यवस्था बैंकों द्वारा प्राथमिकता के तौर पर हो। उन्होंने कहा कि ग्राहकों के हाथों की स्वच्छता एवं सफाई के लिए पर्याप्त मात्रा में जल, साबुन व सेनेटाईजर की उपलब्धता सभी बैंक अपनी शाखाओं में करवाना सुनिश्चित करें। कोरोना संक्रमण से बचाव के संबंध में पर्याप्त जागरूकता प्रचार सामग्री बैंकों की शाखाओं में चस्पा करें तथा अधिक से अधिक लोगों को इसकी जानकारी प्रदान करें। उन्होंने कहा कि सुमनके सुरक्षा प्रक्रिया को अपनाकर हाथ धोने के संदेश को अधिक से अधिक प्रचारित करें जिसके तहत (एस) सीधा (यू) उल्टा (एम) मुट्ठी (ए) अंगूठा (एन) नाखून तथा (के) कलाई को अच्छी तरह धोने से हम इस वायरस के संभावित खतरे से अपने आप को बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक शिमला सुनिश्चित करें कि जिला में कहीं भी भीड़ न इक्ट्ठी हो, केवल बस अड्डे, रेलवे स्टेशन व हवाई अड्डे को इससे बाहर रखा गया है जहां मुसाफिरों के आने-जाने की प्रक्रिया बनी रहती है। सभी दुकानदार थोक विक्रेता, रेस्टोरेंट मालिक, फल-सब्जी विक्रेता अपने आस-पास दुकानों व परिसरों में सफाई मानकों का विशेष ध्यान रखेंगे। दुकानों के अंदर भीड़ जमा न होने दें। उन्होंने कहा कि जिला के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार मण्डल इस संबंध में व्यापारियों को जागरूक करें तथा स्वच्छता संबंधी आवश्यक दिशा-निर्देश भी व्यापार मंडल के माध्यम से सम्प्रेषित किया जाए। कोरोना वायरस से बचने के लिए व्यक्तिगत सतर्कता व सावधानी ही श्रेष्ठ उपाय है। इस संबंध में सरकार द्वारा जारी सलाह और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मानकों का कृप्या अनुसरण करें। उन्होंने कहा कि इन आदेशों की अवहेलना के लिए आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जा सकती है।
-BJP GOES TO SUPREME COURT AS KAMAL NATH GETS 10 DAY BREAK OVER CORONAVIRUS Congress government led by Kamal Nath, got a 10-day reprieve on Monday as the assembly session was adjourned, after the address by governor Lalji Tandon, till March 26 over coronavirus. The opposition BJP is now confident as it has the majority to take power. BJP MLAs have submitted a list of names of 106 MLA’s before the governor BJP leader Shivraj Singh Chauhan demanded the governor to get a test of strength done soon and accused the ruling Congress for not having a majority and still clinging on to power. Shiv Raj Chauhan has filed a petition in the supreme court against the adjournment of the assembly and demanding a test of strength. The supreme court will tomorrow take up the BJP MLAs petition within 12 hours. Governor Lalji Tandon has written to the speaker to hold a test of strength today for the 15-month-old Kamal Nath government, which is in huge trouble after the resignation of 22 Congress MLAs. The terror of coronavirus has been cited as the reason behind the adjournment of the assembly, however, the Congress is yearning for its survival, under the guise of coronavirus the Congress has asked for the assembly to be suspended. Most of its MLAs entered the house wearing masks. Reacting to this BJPs three-term chief minister Shiv Raj Chauhan said, ‘’corona won’t save Kamal Nath’s government. He has clearly lost his majority, so he avoided a trust vote today’’. The resignation of 22 congress MLA’s might result in the collapse of the state government. MLAs, who flew to Bengaluru in BJP ruled Karnataka, are expected to move towards BJP and might follow Jyotiraditya Scindia. Only six of the 22 resignations have been accepted by the speaker. Congress considered these rebels as kidnapped and kept captive in Bengaluru who are waiting for help. The assembly currently has 222 MLA’s including 16 rebellion MLA’s. If the resignations of 16 MLA’s is accepted by the speaker then assembly strength will be 206 with the majority figure of 104. In that case, it is almost certain that Shivraj Singh Chauhan led BJP government will be back in power. Corona saved Kamalnath government on Monday, what’s next? Rebellion 16 MLA’ s will decide the future of Kamalnath Government.
जिला दण्डाधिकारी शिमला अमित कश्यप ने अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य द्वारा जारी अधिसूचना की अनुपालना के तहत जिला में आयोजित होने वाले सभी मेलों, त्यौहारों, खेल, टूरनामेंट अथवा बड़े आयोजनों, जिसमें भीड़ या अधिक संख्या में लोगों के एकत्रीकरण की संभावना हो, को कोरोना संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत स्थगित कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसी निश्चित समय से सम्बद्ध धार्मिक आयोजनों में जहां जाना आवश्यक हो वहां लोगों को पर्याप्त मात्रा में बचाव के संबंध में जानकारीयुक्त व जागरूकता संबंधी प्रचार सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी। ऐसे आयोजनों में आयोजकों द्वारा साफ-सफाई की पर्याप्त व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के तहत मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला, जिला कार्यक्रम अधिकारी शिमला (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग), सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारियों, सभी उपमण्डल आयुर्वेदिक अधिकारियों, सभी चिकित्सा अधिकारियों (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग) और मेडिकल अधिकारियों तथा सभी स्वास्थ्य सुपरवाईजरों तथा सभी स्वास्थ्य ऐजुकेटरों को कोरोना संक्रमण के संभावित खतरों के संबंध में बचाव के लिए निगरानी कर्मी नियुक्त किया है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी एक अन्य अधिसूचना के तहत कोरोना संक्रमण के संभावित अथवा संक्रमित रोगी द्वारा जांच के लिए पर्याप्त सहयोग न करने अथवा निगरानी कर्मियों के निर्देशों की अवहेलना करते हुए पाए जाने या रोग के निवारण के लिए ईलाज के उपाय को नजरअंदाज करने वाले व्यक्तियों के प्रति कार्यवाही अमल में लाने के लिए अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारियों, उपमण्डल दण्डाधिकारियों तथा जिला के सभी कार्यकारी दण्डाधिकारियों, सहायक आयुक्त, उपायुक्त, जिला राजस्व अधिकारी, चिकित्सा अधीक्षक आईजीएमसी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला निगरानी अधिकारी, परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, जिला पंचायत अधिकारी तथा सभी खण्ड विकास अधिकारियों और खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को इनके प्रति कार्यवाही अमल में लाने के लिए अधिकृत किया है। अगर संभावित रोगी बच्चा है तो यह कार्यवाही उनके अभिभावक अथवा परिवार के बड़े सदस्यों के प्रति अमल में लाई जाएगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से आगामी आदेशों तक लागू रहेंगे।
जिला के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों विशेष रूप से विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में विगत 20 दिनों के भीतर विदेश से आने वाले विद्यार्थियों की जानकारी शैक्षणिक संस्थानों के प्रबंधक अथवा जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाएं ताकि उनकी जांच सुनिश्चित की जा सके। उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने यह विचार कोरोना संक्रमण से बचाव के संबंध में की जा रही तैयारियों की समीक्षा बैठक के तहत व्यक्त किए। उन्होंने सभी शिक्षण संस्थाओं में जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव के संबंध में जारी की गई सलाह तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुझाए गए मानकों के संबंध में छात्रों को जानकारी प्रदान करने को कहा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के खतरों से बचाव के लिए स्वयं को साफ-सुथरा रखने की आवश्यकता है। विशेष रूप से उन्होंने हाथ धोने की सुमन सुरक्षा प्रक्रिया को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया, जिसके तहत (एस) सीधा (यू) उल्टा (एम) मुट्ठी (ए) अंगूठा (एन) नाखून तथा कलाई को अच्छी प्रकार से साफ करने से हम इस वायरस से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान ,बस अड्डों, स्वास्थ्य संस्थानों तथा सार्वजनिक क्षेत्रों की सफाई के साथ-साथ बसों की सफाई भी सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने बताया कि जिला के रोहड़ू, चैपाल, रामपुर के खनेरी तथा ठियोग के अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के संभावित मरीजों के लिए अलग से 8 बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है जबकि सुन्नी में 13 और जुन्गा में 6 बिस्तरों की उपलब्धता रहेगी। उच्च रक्तचाप, मधुमेह, टीवी अथवा किसी लंबी बीमारी से ग्रसित रोगियों के लिए इसके तहत एहतियात बरतना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, निगरानी अधिकारियों तथा स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को इस संबंध में उचित प्रशिक्षण व जानकारी प्रदान करने के निर्देश दिए ताकि संभावित स्थिति से निपटने के लिए वह सतत् सक्रिय रह सके। उन्होंने होटल व्यवसायियों को इस संबंध में जारी की गई सलाह एवं प्रचार सामग्री को रिसेप्शन काउंटरों पर लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले के छोटे- बड़े सभी होटल व्यवसायी अपने होटलों में आने वाले पर्यटकों को सैनिटाइजर सुविधा आवश्यक रूप से उपलब्ध करवाएं तथा होटलों में साफ-सफाई की उचित व्यवस्था भी सुनिश्चित करें। आगामी नवरात्रों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए मंदिरों में विशेष व्यवस्था कायम की जाएगी। उन्होंने बैठक में श्रद्धालुओं की सुरक्षा तथा कोरोना संक्रमण से श्रद्धालुओं के बचाव के संबंध में जारी सलाह को अपनाने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नवरात्रों के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिरों के खुलने के निर्धारित समय से एक घंटा पूर्व तथा बंद होने के एक घंटा पश्चात् के समय को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है ताकि मंदिर में श्रद्धालुओं की एकत्रीकरण से बचा जा सके। उन्होंने जिला के मंदिरों में साफ-सफाई की विशेष समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मंदिरों में इस दौरान श्रद्धालुओं के हाथ धोने के लिए पर्याप्त पानी तथा साबुन की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए। श्रद्धालुओं में उचित दूरी बनाए रखने के संबंध में विभिन्न जगहों पर सूचना पट्ट अथवा साईन बोर्ड स्थापित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त मंदिरों में साफ-सफाई के संबंध में भी प्रचार सामग्री वितरण कर जानकारी प्रदान की जाएगी। मंदिरों में लगी रेलिंग तथा मंदिर प्रांगण की निरंतर उचित सफाई भी सुनिश्चित की जाए। बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी कानून व्यवस्था प्रभा राजीव, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रोटोकाॅल संदीप नेगी, उपमंडलाधिकारी शहरी नीरज चांदला, उपमंडलाधिकारी ग्रामीण नीरज गुप्ता, नोडल अधिकारी डाॅ. राकेश, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. जितेंद्र चैहान, चिकित्सा अधीक्षक दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल डाॅ. लोकेंद्र शर्मा भी उपस्थित थे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक, 15 और 16 मार्च को पोंटा साहिब, गुरु की नगरी में संपन्न होने जा रही है। उन्होंने कहा आने वाले एक साल के अंदर भाजपा अपने कार्य का किस प्रकार विस्तार करेगी, भाजपा ग्रामीण क्षेत्रों में किस प्रकार कार्य करेगी, बूथों पर किस प्रकार की कार्ययोजना रहेगी, जन-जन तक कैसे पहुंचना है और सरकार की नीतियों को जनता के बीच किस प्रकार से लेकर जाने है इन सब विषयों को लेकर सभी भाजपा नेता प्रदेश कार्यसमिति में विचार करेंगे। उन्होंने कहा भाजपा की इस कार्यसमिति बैठक में हिमाचल के लोकप्रिय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रभारी और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का मार्गदर्शन भाजपा के कार्यकर्ताओं को प्राप्त होगा और हिमाचल के युवा नेता एवं केंद्र सरकार में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर का मार्गदर्शन भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह भाजपा प्रदेश कार्यसमिति ऐतिहासिक रहने वाली है। भाजपा के पोंटा मंडल, शिलाई मंडल, नाहन मंडल व जिला सिरमौर के समस्त कार्यकर्ता, विधायक सुखराम चौधरी, बलदेव तोमर, ज़िला अध्यक्ष विनय गुप्ता और भाजपा सिरमौर की टीम इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए कार्य कर रहे है।
शनिवार, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय विधि विभाग इकाई द्वारा विधि विभाग की समस्याओं को लेकर कुलपति का घेराव किया। विधि विभाग इकाई के कार्यकर्ताओं ने कुलपति प्रो. सिकन्दर कुमार को विधि विभाग की कम्प्यूटर लैब जो दो साल से बंद है उसे आम छात्रों के प्रयोग हेतु खोलने की मांग की। अभाविप विधि विभाग इकाई के अध्यक्ष एवम् सचिव नयनसाहिल और चंद्रेश ठाकुर ने संयुक्त ब्यान जारी करते हुए कहा कि विधि विभाग में काफी लंबे समय से छात्रों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लगभग दो वर्ष पहले विधि विभाग में छात्रों के लिए कम्प्यूटर लैब की व्यवस्था की गई थी। परंतु 2 वर्ष का समय बीत जाने के बाद आज उन कम्प्यूटरों पर धूल जम चुकी है परन्तु अभी तक वो छात्रों के लिए एक बार भी नही खोली गई। वही दूसरी तरफ विभाग में अध्यापकों की खासी कमी पेश आ रही है। लंबे समय से विभाग के अंदर स्थाई अध्यापकों की नियुक्ति भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नहीं की गई। इस वजह से छात्रों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इकाई सचिव चंद्रेश ने कहा की विधि विभाग में कई ऐसे विकलांग छात्र भी है जो विभाग की सीढ़ियां चढ़ने में असमर्थ हैं। प्रशासन को उन छात्रों का ध्यान रखते हुए विभाग के अंदर लिफ्ट की व्यवस्था शीघ्र करे। कुलपति महोदय ने आश्वासन दिया है कि वे छात्रों की इन प्रमुख मांगों को शीघ्र पूरा करेंगे। विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की इन समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं करता है तो विद्यार्थी परिषद आम छात्रों को लामबंद करते हुए विभाग के बाहर तालाबंदी करने में भी गुरेज नहीं करेगी और प्रशासन के खिलाफ आंदोलन करेगी, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।
कोविड - 19 ने विश्वभर को एक महामारी के रूप में प्रभावित किया है। देशभर में भी कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या निरंतर रूप से बढ़ रही है एवं र्दुभाग्यवश इस रोग से प्रभावित दो लोगों की मृत्यु की सूचना भी प्राप्त हुई है। हिमाचल प्रदेश में अभी तक कुल 593 लोग , जो कि करोना प्रभावित देशों से आए है और जिन्हें निरंतर निगरानी पर रखा गया है। इनमें से 372 लोगों की सूचना भारत सरकार के Bureau of Immigration, से प्राप्त हुई है तथा 221 लोगों ने स्वयं इन प्रभावित देशों से आने की सूचना दी है। इनमें से 7 लोगों को जिनको खांसी, जुखाम, बुखार आदि के लक्षण पाए जाने के उपरान्त IGMC शिमला एवं Dr RPGMC टाण्डा में दाखिल किए गए थे, इन सभी की रिपोर्ट नकारात्मक पाई जा चुकी है। कोविड - 19 की स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह से सजग एवं सतर्क है। स्वास्थ्य विभाग इस महामारी से निपटने के लिए पूर्ण रूप से तैयार है, इसलिए प्रदेशवासियों को घबराने की आवश्यकता नहीं है, अपितु पूर्ण रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है। प्रदेश सरकार ने सभी प्रकार की सार्वजनिक सभाओं, समारोहों, मेले, त्यौहारों और खेल-कूद प्रतियोगिताओं को स्थगित करने की अधिसूचना जारी की है। कुछ समयावधि के लिए आयोजित होने वाले धार्मिक आयोजनों में जनसाधारण के लिए एकत्र न होने के पर्याप्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और उन्हें अपनी यात्रा अथवा आयोजन को पुर्ननियोजित करने के लिए कहा जा रहा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वायरस की community transmission को रोकने हेतु प्रदेश में सभी प्रकार के शिक्षा संस्थान (स्कूल, कॉलेज, यूनीवर्सिटी, आंगनबाड़ी केन्द्र, क्रेच इत्यादि) को 31 मार्च, 2020 तक बंद रखने की निर्देश जारी किए जा रहे हैं, लेकिन इन शिक्षा संस्थानों में सभी प्रकार के परिक्षाओं की प्रक्रिया निरंतर रूप से जारी रहेगी। इसी के साथ सभी प्रकार की बैठकें, कार्यशालाएं इत्यादि जोकि अति आवश्यक न हो एवं प्रदेश के सभी सिनेमाघरों को भी 31 मार्च, 2020 तक बन्द किया जा रहा है। इस कदम को सभी लोग सकारात्मक रूप में ले और डर का माहौल न फैलने दें। आपकी और आपके प्रियजनों की सुरक्षा के लिए प्रदेश सरकार के साथ सहयोग की अपेक्षा रहेगी।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कोरोना वायरस को डब्ल्यूएचओ ने इसे महामारी घोषित किया है। केंद्र सरकार ने इसको लेकर समय समय पर एडवाजरी भी जारी की गई है जिसका पालन किया जा रहा है। पड़ोसी राज्यों में पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में स्कूलों को बंद किया गया है।हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी बड़ी गेदरिंग, जनसभाओं और मेलों पर प्रतिबंध लगाया है। हिमाचल प्रदेश के लोगों खासकर अभिभावकों की तरफ से कई सुझाव सरकार के पास आए हैं जिसको देखते हुए सरकार ने 31 मार्च तक प्रदेश के सभी स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही बैठकें, कार्यशालाओं, सिनेमाघरों को 31 मार्च तक बंद करने का आदेश भी जारी कर दिए हैं।
महासभा ने राज्यपाल से घुमन्तू पशुपालकों को वन अधिकार कानून के तहत चराई के अधिकार देने का आग्रह किया तथा कहा कि उनके परमिटों को रिकार्ड ऑफ़ राईट में दर्ज किया जाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल की पहाड़ी गाय एवं गौजरी भैंस को राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएजीआर) द्वारा प्रदेश की मूल नस्लें घोषित किया गया है, जिसके संरक्षण एवं संवर्धन के लिए इनके खुली चराई क्षेत्र को भी सुरक्षित किया जाए। उन्होंने गत वर्ष जुलाई में पालमपुर में घुमन्तू पशुपालकों के लिए हुए एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं सम्मेलन में पशुपालकों की मांग पर आवश्यक कार्रवाई का आग्रह भी किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में भेड़-बकरी की संख्या लगभग 20 लाख है, जो कुल पशुधन संख्या का 40 प्रतिशत है। ये पशुपालक परिवार मुख्यतः चम्बा, कांगड़ा, किन्नौर व शिमला जिला के स्थायी निवासी हैं, जो गर्मियों में जून से सितम्बर माह के दौरान हिमाचल के उपरी क्षेत्र में अपने पशुओं की चराई के लिए निर्भर हैं जबकि दिसम्बर से मार्च तक निचले क्षेत्रों की ओर पलायन करते हैं। राज्यपाल ने उनकी समस्याओें को सुनकर उनपर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उन्हें सरकार से चर्चा का आश्वासन दिया।
वीरवार, एस एफ आई राज्य कमेटी के आह्वान पर शिमला जिला कमेटी ने शिमला जिला के RKMV कॉलेज से जत्था शुरू किया। जत्था शुरू करने का उद्देश्य प्रदेश सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों के खिलाफ 25 मार्च को विधानसभा का घेराव कर रही है। एसएफआई जिला अध्यक्ष अनिल ठाकुर ने जत्थे को स्वाधीनता जनवाद समाजवाद के झण्डे को फहराते हुए रवाना किया। यह जत्था RKMV कॉलेज से शुरू होकर सुन्नी कॉलेज करसोग कॉलेज, आनी कॉलेज ,रामपुर कुमारसन कॉलेज, सावड़ा कॉलेज, सीमा कॉलेज, ठियोग कॉलेज, संध्या कालीन विभाग धामी कॉलेज, कोटशेरा कॉलेज और अंत में 25 मार्च को विधानसभा के बाहर ये जत्था खत्म होगा। एसएफआई जिला अध्यक्ष अनिल ठाकुर ने RKMV कॉलेज में बात रखते हुए कहा कि जो प्रदेश की भाजपा सरकार है, वो लगातार छात्रों के विरोध में शिक्षा विरोधी निर्णय लगातार ले रही है। उसके खिलाफ एसएफआई पूरे हिमाचल के अंदर छात्रों को लामबंद करते हुए 25 मार्च को विधानसभा का घेराव करने जा रही है। प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार शिक्षा का निजीकरण करने की कोशिश कर रही है। प्रदेश की भाजपा सरकार ने इस साल सत्र का बजट पेश किया है उसके अंदर शिक्षा के लिए लगातार जो शिक्षा के बजट में कटौती की है। इसके साथ साथ जिला अध्यक्ष ने बात रखते हुए कहा, कि जो प्रदेश सरकार ने छात्रों से वादा किया था कि छात्र संघ चुनाव को बहाल किया जाए पर अभी तक छात्र के लोकतांत्रिक अधिकार को बहाल नहीं किया गया है। इसके साथ साथ देश के अंदर बढ़ रहे नशा माफिया के रोक पर भी एसएफआई जिला अध्यक्ष ने बात रखी। इन्हीं सभी तमाम मुद्दों को लेकर एसएफआई 25 मार्च को विधानसभा घेराव करने जा रही है।
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ० राजीव बिन्दल ने प्रदेश कार्यसमिति सदस्यों व आमंत्रित सदस्यों की घोषणा की है जिसमें, सदस्य सर्व जियालाल विधायक भरमौर, पवन नयर, विधायक चम्बा, विक्रम जरियाल, विधायक भटियात, राकेश पठानिया, विधायक नुरपूर, श्रीमती रीता धीमान, विधायक इंदौरा, अर्जुन सिंह, विधायक ज्वाली, रमेश धवाला, विधायक ज्वालामुखी, रविन्द्र धीमान, विधायक जयसिंहपुर, अरूण कुमार मैहरा, विधायक नगरोटा, विशाल नैहरिया, विधायक धर्मशाला, मुलखराज प्रेमी, विधायक बैजनाथ, सुरेन्द्र शौरी, विधायक बंजार, किशोरी लाल, विधायक आनी, हीरालाल, विधायक करसोग, विनोद कुमार, विधायक नाचन, जवाहर ठाकुर, विधायक द्रंग, इंद्र सिंह गांधी विधायक बल्ह, कर्नल इंद्र सिंह ठाकुर, विधायक सरकाघाट, नरेन्द्र ठाकुर, विधायक हमीरपुर, बलवीर चौधरी, विधायक चिंतपूर्णी, राजेश ठाकुर, विधायक गगरेट, जे0आर0 कटवाल, झण्डूता, राजेन्द्र गर्ग, विधायक घुमारवीं, सुभाष ठाकुर, विधायक बिलासपुर, सरदार पमरजीत पम्मी, विधायक दून, रीना कश्यप, विधायक पच्छाद, बलवीर वर्मा, विधायक चौपाल तथा प्रत्याशियों में-डी0एस0 ठाकुर, डलहौजी, रविन्द्र सिंह रवि, देहरा, संजय चौधरी, कांगड़ा, इंदू गोस्वामी, पालमपुर, गुलाब सिंह ठाकुर, जोगिन्द्रनगर, के0एल0 ठाकुर, नालागढ़, राजेश कश्यप, सोलन, बलवीर चौहान, रेणुका, विजया ज्योति सेन, कसुम्पटी, डा० प्रमोद शर्मा, शिमला ग्रामीण, शशिबाला, रोहडू, तेजवंत सिंह नेगी, किन्नौर को सदस्य बनाया गया है। आमंत्रित सदस्यों में :- कर्मचंद ठाकुर (चुराह), अशोक कुमार (भरमौर), पांगी (नरेन्द्र कुमार शर्मा), जसवीर नागपाल (चम्बा), विनोद महाजन एवं बलवंत सिंह ठाकुर (डलहौजी), सुरेन्द्र सिंह (भटियात), रविन्द्र चौधरी (नुरपूर), मनोहर धीमान व घनश्याम संबयाल (इंदौरा), राकेश बाजवा व प्रदीप शर्मा (ज्वाली), सर्वदर्शन शर्मा व नरेश चौहान (डिम्पल) (देहरा), कुंदन गर्ग व स्नेह परमार (जसवां प्रागपुर), कुशल ठाकुर व श्याम दुलारी (ज्वालामुखी), विनोद कुमार शर्मा व कुलवंत राणा (जयसिंहपुर), तनु भारती (सुलह), प्रवीण शर्मा, घनश्याम शर्मा व अरविन्द शर्मा (पालमपुर), दुलोराम, विजय सिंह राणा (बैजनाथ), रामचंद भाटिया व भवानी शंकर शर्मा (नगरोटा), उत्तम चौधरी (कांगड़ा), दीपक अवस्थी, कमल शर्मा, मंजू चौधरी (शाहपुर), प्रेम सहदेव व सुनील मिनोचा (धर्मशाला), बालमुकंद राणा (मनाली), टेकचंद, अधिवक्ता व युवराज बोद्ध (कुल्लू), बालकराम ठाकुर व राजेश सूद (बंजार), अमर सिंह ठाकुर व अनु ठाकुर (आनी), युवराज कपूर (करसोग), रूप सिंह ठाकुर, रमा शर्मा, अरूण शर्मा व नरेश कुमार चंदेल (सुन्दरनगर), मनोज शर्मा, वेदप्रकाश शर्मा (नाचन), गुलजारी लाल, पिताम्बर लाल तथा श्रीमती चंद्रावती (सिराज), मोहन सिंह ठाकुर (दं्रग), दलीप सिंह राणा (जोगिन्द्रनगर), प्रदीप परमार (मण्डी), पंकजा शर्मा, चेतराम व निहाल चंद शर्मा (बल्ह), के0एल0 राणा (सरकाघाट), राकेश कुमार ठाकुर (भोरंज), वीना कपिल व विरेन्द्र ठाकुर (सुजानपुर), विजय पाल सोहारू, बलदेव धीमान व नवीन शर्मा (हमीरपुर), राजेश कुमार (बड़सर), रघुवीर सिंह ठाकुर (नादौन), शंभु दत गोस्वामी (चिंतपूर्णी), राममूर्ति शर्मा (गगरेट), यशपाल राणा (हरोली), बलवीर बग्गा व तिलकराज सैणी (ऊना), चरणजीत शर्मा (कुटलैहड़), रिखीराम कौण्डल एवं राकेश गौतम (झण्डूता), नरेन्द्र ठाकुर (घुमारवीं), बृजलाल ठाकुर, सुभाष शर्मा एवं स्वदेश ठाकुर (बिलासपुर), दौलतराम ठाकुर व आशुतोष शर्मा (श्री नैनादेवी जी), जयनंद शर्मा एवं ओ0पी0 गांधी (अर्की), संजीव टिंका व टेकचंद चंदेल (नालागढ़), गोपाल ठाकुर, विनोद चंदेल, दर्शन सिंह सैणी व अशोक शर्मा (दून), पवन गुप्ता, रविन्द्र परिहार एवं शीला कश्यप (सोलन), सुन्दरम ठाकुर व डेजी ठाकुर (कसौली), प्रताप ठाकुर, बलदेव भण्डारी एवं चंद्रमोहन ठाकुर (पच्छाद), ओमप्रकाश सैणी व दीनदयाल वर्मा (नाहन), सहीराम ठाकुर व प्रताप तोमर (श्री रेणुका जी), देवेन्द्र चौधरी एवं नरेश खापड़ा (पांवटा साहिब), राजेन्द्र जैलदार व पूर्ण ठाकुर (शिलाई), सुरेन्द्र तंगड़ाईक व अमित चौहान (चौपाल), राजेन्द्र सिंह कश्यप, संदीपनी भारद्वाज (ठियोग), रूपा शर्मा, प्रेम ठाकुर व विजय परमार (कसुम्पटी), मदन शर्मा एवं बिमला कश्यप सूद (शिमला), ईश्वर रोहाल, वीना ठाकुर, प्यार सिंह कंवर तथा रणदीप कंवर (शिमला ग्रामीण), यश्वीर जस्टा व अरूण फाल्टा (जुब्बल कोटखाई), श्याम लाल गुप्ता (रामपुर), अनिता नाथटा (रोहडू), बलदेव नेगी, सूरत नेगी व विनय कुमार नेगी (किन्नौर) तथा नवांग उपासक (लाहौल-स्पिति) को प्रदेश कार्यसमिति में आमंत्रित सदस्य नियुक्त किया गया है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इन कार्यसमिति सदस्यों एवं आमंत्रित सदस्यों में 164 में से 23 अनुसूचित जाति 12 अनुसूचित जनजाति तथा 13 अन्य पिछड़ा वर्ग से सम्बन्धित है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने फ्रांस विकास एजेंसी से द्विपक्षीय वित्त पोषण की स्वीकृति के लिए केन्द्र सरकार का धन्यवाद किया है, जिसके तहत प्रदेश में आपदा जोखिम न्यूनीकरण गतिविधियों के अंतर्गत परियोजना प्रस्ताव के लिए 650 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्त मंत्रालय, आर्थिक मामलों के विभाग (एफबी एंड एडीबी प्रभाग) भारत सरकार ने अपनी 104वीं स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के मुख्य उद्देश्य विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकम्प, भू-स्खलन, बाढ़, जलवायु बदलाव आदि से प्रदेश की संवेदनशीलता में कमी लाना है। उन्होंने कहा कि परियोजना का उद्देश्य मानव जीवन और संपत्ति के नुकसान में कमी करना और आपदा जोखिम में राज्य की प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाना है। जय राम ठाकुर ने कहा कि यह परियोजना आपदा जोखिम में कमी के प्रधानमंत्री के 10 सूत्रीय एजेंडा के लक्ष्यों को हासिल करने के अतिरिक्त सतत विकास लक्ष्यों और आपदा जोखिम न्यूनीकरण के सेंडाई फ्रेमवर्कस के लक्ष्यों को हासिल करने की परिकल्पना को साकार करने में मददगार सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना राज्य में सुरक्षा का माहौल बनाने और आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए नाॅलेज नेटवर्क के संस्थानों को सुदृढ़ करने में मददगार साबित होगी।