प्रदेश सरकार प्रवक्ता स्कूल न्यू कैडर में अनुबंध पर नियुक्त कर्मचारियों के लिए वरिष्ठता लाभ लागू करेगी। सरकार ने भर्ती एवं पदोन्नति (आरएंडपी) नियमों में उल्लिखित प्रक्रिया का पालन करते हुए अनुबंध के आधार पर नियुक्त किए गए प्रत्यक्ष भर्ती कर्मचारियों के लिए वरिष्ठता लाभ लागू करने का निर्णय लिया है। उच्च न्यायालय की ओर से ताज मोहम्मद एवं अन्य बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य शीर्षक से सीडब्ल्यूपी संख्या 2004/2017 पर आए फैसले के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। फैसले के तहत स्कूल-न्यू कैडर के कर्मचारियों सहित ऐसे कर्मचारियों के लिए वरिष्ठता का दावा स्वीकार किया गया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्कूल-न्यू कैडर में कई याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर मामले में अनुबंध के आधार पर नियुक्त किए गए प्रत्यक्ष भर्ती कर्मचारियों की वरिष्ठता स्थिति पर सवाल उठाया गया था। याचिकाकर्ताओं ने अपनी प्रारंभिक अनुबंध नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता को मान्यता देने की मांग की थी। उच्च शिक्षा निदेशालय ने अब एक कार्यालय आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि लेक्चरर (स्कूल-न्यू) कैडर की वरिष्ठता को फैसले के अनुरूप संशोधित किया जाएगा। इसमें 2014 से 2023 के बीच पदोन्नत और सीधी भर्ती वाले दोनों शामिल हैं। शिक्षा निदेशक के अनुसार इस प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अनुबंध नियुक्तियों और पदोन्नतियों दोनों के लिए नियुक्ति के वर्ष को ध्यान में रखते हुए वरिष्ठता सूची का अंतराल है। लेक्चरर (स्कूल-न्यू) कैडर जिसे 2019 में पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) कैडर से फिर से नामित किया गया था, अपने 50 फीसदी पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से और अन्य 50 फीसदी टीजीटी (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) कैडर से पदोन्नति के माध्यम से भरता है। लेक्चरर कैडर के लिए वरिष्ठता को पहले 31 दिसंबर 2013 तक अंतिम रूप दिया गया था। लगभग 11,000 प्रवक्ताओं की सूची इस दौरान तैयार हुई थी। अदालत के फैसले के बाद वरिष्ठता सूची को अब 2014 के बाद से सीधी भर्ती वाले लोगों को शामिल करने के लिए संशोधित किया जाएगा। इस कदम से टीजीटी कैडर की वरिष्ठता पर भी असर पड़ने की संभावना है, जो लेक्चरर पदों के लिए फीडर कैडर के रूप में कार्य करता है। टीजीटी की वरिष्ठता न्यायालय के आदेश द्वारा निर्धारित नए दिशा-निर्देशों के साथ संरेखित करने के लिए संशोधनों से गुजर सकती है, जिससे पदोन्नति के क्रम में संभावित परिवर्तन हो सकते हैं। निदेशालय के कार्यालय आदेश के अनुसार वरिष्ठता को समायोजित किया जाएगा, लेकिन अंतिम वरिष्ठता सूची संबंधित पक्षों की उचित आपत्तियों को शामिल करने के बाद ही जारी की जाएगी।
** सोलन शहर में जल्द हो प्रेस क्लब के भवन का निर्माण मंगलवार यानी आज प्रेस क्लब सोलन के सदस्यों ने डीसी सोलन मनमोहन शर्मा से सोलन शहर में बनने वाले प्रेस क्लब सोलन के भवन के निर्माण को लेकर मुलाकात की। इस दौरान प्रेस क्लब सोलन के अध्यक्ष मनीष शारदा ने कहा कि जो जगह सभी लोगों के लिए सूटेबल हो ऐसी जगह पर प्रेस क्लब के भवन का निर्माण किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी पत्रकार एकजुट है और एक ऐसी जगह पर प्रेस क्लब के क्लब का निर्माण होना चाहिए जहां पर सभी लोग आसानी से पहुंच सके। इस बात को लेकर डीसी सोलन मनमोहन शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं की प्रेस क्लब के भवन के निर्माण को लेकर जल्द जगह चिन्हित की जाए और सभी पत्रकारों से इसको लेकर बैठक की जाए ताकि जल्द शहर में प्रेस क्लब का कार्य शुरू किया जा सके।
नायब तहसीलदार कृष्णगढ़ ने उप तहसील के अधीन विभिन्न उचित मूल्य की दुकानों का औचक निरीक्षण किया। नायब तहसीलदार सूरत सिंह वर्मा ने बताया कि उपायुक्त सोलन के आदेशों के अनुपालना में मंगलवार को चंडी स्थित उचित मूल्य की दुकान का निरीक्षण किया गया, जिसमें यह पाया गया कि उचित मूल्य की दुकान जिसका संचालन विशाल वशिष्ठ पुत्र बृजलाल द्वारा किया जा रहा है। डिपो धारक द्वारा हिमाचल सरकार द्वारा उपदान के तहत प्रदान किया जा रहे खाद्यानों का वितरण उपभोक्ताओं को आधार कार्ड की प्रमाणिकता के आधार पर किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान संचालकों को निर्देश दिए गए की दुकान के बाहर सरकार द्वारा उपलब्ध खाद्यान्नों की रेट लिस्ट स्पष्ट रूप से चस्पा की जाए तथा दुकान के अंतर्गत आने वाले राशन कार्ड धारकों से संबंधित आंकड़े जिसमें बीपीएल, आईआरडीपी, अंत्योदय एवं सामान्य श्रेणी के कार्ड धारकों का विवरण स्पष्ट रूप से अंकित किया जाए। नायब तहसीलदार ने बताया कि चंडी स्थित उचित मूल्य की दुकान में रिकॉर्ड नियमों के अनुरुप पाया गया।
** लगभग 50 वर्षों से किराए के भवनों में चल रहा है विभागीय कार्य कुनिहार बिजली बोर्ड लगभग 50 वर्षों से किराए के भवनों में चल रहा है। बोर्ड के पास अपनी जमीन होने के बावजूद भी अपना भवन नहीं है। किराए पर होने के कारण पिछले कई वर्षो से बिजली बोर्ड का भवन अलग अलग स्थानों पर शिफ्ट होता रहता है, जिस कारण लोगो व विभाग को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हिन्दुस्तान जन सेवा समिति कुनिहार के अध्यक्ष आर पी जोशी ने चर्चा के दौरान बताया कि कुनिहार विद्युत विभाग पिछले कई वर्षों से किराये के भवनों में चल रहा है। आज तक विद्युत विभाग किराए के रूप में लाखों रूपये भवन के मालिकों को दे चुका हैं और पिछले कई वर्षों में कई भवन बदल चुका हैं, जिससे विद्युत विभाग का कार्य बाधित होता है और लोगों को भी परेशानियों से जूझना पड़ता हैं। उन्होंने बताया कि कुनिहार विद्युत विभाग की कुनिहार अर्की सड़क पर 33 के वी सब स्टेशन के पास ज़मीन है, जिस पर विद्युत विभाग का नया भवन बन सकता है, जिससे एक तो विद्युत विभाग का अपना भवन होगा और किराए की भी बचत होगी और इसके साथ-साथ कुनिहार के जनसाधारण को भी सुविधा प्राप्त होगी।
उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा की अध्यक्षता में आज परवाणु से लेकर सोलन-शिमला ज़िला की सीमा तक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई.) के फोरलेन कार्य के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। मनमोहन शर्मा ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय राजमार्ग सोलन ज़िला के साथ-साथ शिमला एवं किन्नौर ज़िलों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सामरिक महत्व के अतिरिक्त यह राजमार्ग किसानों-बागवानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण है। आज इस राजमार्ग के फोरलेन कार्य में सुरक्षा मानकों के साथ-साथ अन्य व्यवस्थाओं को बनाए रखना भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का उत्तरदायित्व है। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के फोरलेन कार्य के दृष्टिगत जहां यात्रियों एवं स्थानीय निवासियों को बेहतर सुविधा मिल रही है, वहीं सुरक्षा की दृष्टि से कुछ चुनौतियां भी उत्पन्न हुई है। इन चुनौतियों का निराकरण किया जाना आवश्यक है। उपायुक्त ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पर फोरलेन निर्माण के कारण कुछ स्थान ‘ब्लैक स्पॉट’ बनकर उभरे है। इन स्थानों पर बार-बार हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एहतियाती उपाय अपनाने आवश्यक है। उन्होंने ऐसे स्थानों पर स्पीड ब्रेकर निर्मित करने, सूचना पट्ट स्थापित करने और अन्य आवश्यक उपाय अपनाने के निर्देश दिए। मनमोहन शर्मा ने कहा कि फोरलेन कार्य के साथ-साथ एन.एच.ए.आई. कुछ स्थानों पर आमजन की सुविधा के लिए फुट ओवर ब्रिज भी निर्मित किए जाने है। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्मित किए जा रहे फुट ओवर ब्रिज के निर्माण कार्यों में तेजी लाए और चिन्हित स्थानों पर इनका निर्माण कार्य आरम्भ करें। उन्होंने जाबली विद्यालय के समीप फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य आरम्भ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डगशाई विद्यालय के लिए निर्मित किए जाने वाले फुट ओवर ब्रिज के निर्माण के स्थान के लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य से विचार-विमर्श करें। उन्होंने इस कार्य को शीघ्र अंतिम रूप देने के निर्देश दिए। उन्होंने सपरुन में सुबाथू मार्ग के समीप फुट ओवर ब्रिज निर्मित करने की सम्भावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने कहा कि सोलन के एम.आर.ए.डी.ए.वी. और गुरूकुल विद्यालय में बड़ी संख्या में छात्रों की आवाजाही के दृष्टिगत यहां फुटओवर ब्रिज निर्मित किया जाना आवश्यक है। उन्होंने फोरलेन निर्माण कार्य को देखते हुए यातायात व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने एन.एच.ए.आई. को निर्देश दिए कि निर्माण कार्य के स्थान पर नियमित रूप से जल का छिड़काव करते रहे ताकि धूल उड़ने से किसी को परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि धूल के कारण चालकों को देखने में समस्या उत्पन्न होती है और यह बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। इससे स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियां भी हो सकती है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने उपायुक्त को आश्वस्त किया कि बैठक में दिए गए निर्देशों पर कार्यवाही की जाएगी और समस्याओं का निकारण सुनिश्चित बनाया जाएगा। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त अजय यादव, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के दिनेश पुनिया, काम्पीटेंट अथॉरिटी ऑफ लैंड ऐक्विज़िशन (सी.ए.एल.ए.) के आर.डी. हरनोट तथा रमेश चंद सहित आर.एस. जसवाल व राजेश खत्री उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने आज ऐतिहासिक रिज पर भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर उन्हें पुष्पाजंलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने राष्ट्र निर्माण में इंदिरा गांधी के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके दूरदर्शी निर्णयों ने भारत को मजबूत आधार प्रदान कर सशक्त बनाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि सुधार और बैंकों का राष्ट्रीयकरण इंदिरा गांधी की दूरदर्शी नीतियों का प्रमाण हैं, जिससे आम आदमी लाभान्वित हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। इस अवसर पर उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक हरीश जनारथा, रंजीत सिंह राणा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, हिमुडा के उपाध्यक्ष यशवंत छाजटा, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान, पार्षद, उपायुक्त अनुपम कश्यप और अन्य लोग उपस्थित थे।
नौणी विवि के सब्जी विज्ञान विभाग ने गाजर और फ्रांस बीन की नई किस्मों को ईजाद किया है। दोनों किस्मों को राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष प्रदर्शन करने वाली किस्मों के रूप में मान्यता दी गई है। शीतोष्ण गाजर की किस्म सोलन श्रेष्ठ और फ्रांस बीन किस्म लक्ष्मी को हाल ही में नई दिल्ली में केंद्रीय किस्म रिलीज समिति (सीवीआरसी) ने आधिकारिक तौर पर जारी कर दिया है। अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (एआईसीआरपी वीसी) के परियोजना समन्वयक डॉ. राजेश कुमार ने राष्ट्रीय विमोचन कार्यक्रम में इनकी प्रस्तुति दी। लक्ष्मी और सोलन श्रेष्ठ दोनों को कई क्षेत्रों में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रशंसा मिली। लक्ष्मी फ्रांस बीन किस्म को जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जोन और पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जोन में खेती के लिए अनुशंसित किया गया है। सोलन श्रेष्ठ पंजाब, बिहार के कुछ हिस्सों के लिए उपयुक्त है। इन किस्मों को विवि द्वारा क्रमश: 1992 और 2016 में विकसित किया गया था और राष्ट्रीय रिलीज के लिए अनुमोदित होने से पहले 2017 और 2019 तक सब्जी फसलों पर एआईसीआरपी के तहत परीक्षण किया गया था। उधर, कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने वैज्ञानिकों के योगदान की सराहना की है। एआईसीआरपी (सब्जी फसल) के सोलन केंद्र में प्रजनक और प्रधान अन्वेषक डॉ. रमेश कुमार भारद्वाज और अनुसंधान निदेशक डॉ. संजीव चौहान ने बताया कि गाजर की किस्म सोलन श्रेष्ठ लंबी, आकर्षक, नारंगी रंग की स्व-कोर वाली बेलनाकार जड़ों के लिए जानी जाती है। यह जल्दी तैयार हो जाती है, बिना बालों वाली जड़ें और मुलायम होती है। कैरोटीन से भरपूर होती है। सोलन श्रेष्ठ आम बीमारियों और कीटों के प्रति प्रतिरोधी है। इसकी जड़ का औसत वजन 255-265 ग्राम है, जिससे 225-275 क्विंटल प्रति हेक्टेयर विपणन योग्य उपज प्राप्त होती है। इसी प्रकार, फ्रांस बीन की किस्म लक्ष्मी प्रति नोड 2-3 लंबी, आकर्षक, बिना डोरी वाली हरी फलियां पैदा करती है, जो 65-70 दिनों में पक जाती है। यह 150-200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उच्च विपणन योग्य उपज प्रदान करती है, जिसमें परिपक्व बीज हल्के पीले रंग की पट्टियों के साथ सफेद होते हैं।
हिमाचल प्रदेश पुलिस लगातार विवादों में है। मंडी में एसएचओ के रिश्वत कांड के बाद अब सोलन में एक पुलिस कर्मचारी का वीडियो वायरल हुआ है। सोलन के चंबाघाट क्षेत्र में शराब ठेके के बाहर नशे की हालत में एक पुलिस कर्मचारी द्वारा सेल्जमैन से शराब की मांग करने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल खूब वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद उसे सस्पेंड कर दिया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक रविवार रात सोलन पुलिस में तैनात एक कर्मचारी पुलिस की वर्दी में चंबाघाट क्षेत्र के शराब ठेके के बाहर नशे की हालत में पाया गया। शराब के नशे में धुत्त पुलिस कर्मचारी सेल्जमैन से शराब की बार-बार मांग कर रहा था। इसी दौरान किसी ने नशे में धुत्त पुलिस कर्मचारी का वीडियो बना दिया। जैसे वीडियो वायरल हुआ, तो इससे सोलन पुलिस की सोशल मीडिया में काफी किरकिरी हुई। सोशल मीडिया में वायरल हुई वीडियो में सोलन पुलिस का यह जवान वर्दी में एक शराब ठेके के बाहर नशे की हालत में दिखाई पड़ रहा है। जैसे मामला सोलन पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में आया तो पुलिस अधिकारियों ने त्वरित एक्शन लेते हुए इस पुलिस कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया। साथ ही उसके खिलाफ विभागीय जांच भी बिठा दी गई है। एसपी सोलन गौरव सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि संबंधित पुलिस कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया है और उसके खिलाफ विभागीय जांच बिठा दी गई है।
हिमाचल प्रदेश में उद्योगों को सस्ती बिजली का प्रबंध करने के लिए सरकार बड़ा कदम उठा सकती है। हालांकि अभी तक यह केवल एक सुझाव है, लेकिन सामने आया है कि उद्योगों को बिजली देने के लिए अलग से नई कंपनी का गठन किया जाए। इसमें बिजली बोर्ड से ही उन पुराने प्रोजेक्टों को वापस लिया जाए, जो 40 साल से ज्यादा समय से उत्पादन में है। क्योंकि एक शर्त राज्य सरकार की निजी कंपनियों के लिए भी है कि 40 साल पुराने प्रोजेक्ट वह सरकार को सौंप देंगी। लिहाजा इसे बिजली बोर्ड पर भी लागू करने की सोच है। सूत्रों के अनुसार सरकार द्वारा बनाई गई कैबिनेट सब-कमेटी के सामने इस तरह का सुझाव आया है और उसने आगे सीएम से भी इस बात पर चर्चा की है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री सुक्खू ने इसको नकार दिया है और उनका मानना है कि बोर्ड के ढांचे से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती, परंतु आने वाले समय में इस मामले को लेकर प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है, क्योंकि कुछ अधिकारी भी इस हक में है। अधिकारियों का मानना है कि इससे उद्योगों के लिए सरकार एक अलग व्यवस्था कर सकेगी और जो निवेशक यहां पर बिजली को लेकर अब परेशान हो रहे हैं, उनकी दिक्कत दूर हो सकती है। क्योंकि उद्योगों को अब दूसरे राज्य भी सस्ती बिजली देने लगे हैं और यहां पर बिजली का टैरिफ बढ़ रहा है, जिससे उद्योगपतियों में नाराजगी है। उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए यदि सरकार बिजली क्षेत्र की नई कंपनी उद्योग क्षेत्रों में ही स्थापित कर दे और उसके माध्यम से केवल उद्योगों के लिए बिजली का वितरण करे, तो इससे उद्योगों को सस्ती बिजली का इंतजाम हो सकता है। वैसे यह इतना ज्यादा आसान नहीं है, परंतु फिर भी कैबिनेट सब-कमेटी अपनी ओर से सरकार के सामने इस तरह का सुझाव जरूर रखेगी। इसको लेकर सब-कमेटी ने काफी मंथन भी किया है। मुख्यमंत्री सुक्खू के साथ रविवार को अभियंताओं व कर्मचारियों के ज्वाइंट फ्रंट की जो बैठक हुई है, उसमें भी यह मुद्दा उठा है, मगर इस पर कोई बात नहीं बन पाई। क्योंकि बिजली बोर्ड में कर्मचारियों पर लगने वाली लागत काफी ज्यादा है और पेंशनरों का बड़ा खर्र्च बोर्ड पर है। उससे यहां बिजली के टैरिफ पर असर पड़ रहा है। बिजली का टैरिफ इससे महंगा हो गया है और अब उद्योगों को सरकार उस कद्र सस्ती बिजली नहीं दे पा रही है जितनी उसे देनी चाहिए। पिछले दिनों एक रूपए सबसिडी इसमें सरकार ने कम की थी, जोकि 100 किलोवॉट से ज्यादा बिजली इस्तेमाल करने वाले उद्योगों पर लागू हुई थी, मगर इस पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी, जिससे भी सरकार फंस गई है। हिमाचल प्रदेश में उद्योगों को भी सस्ती बिजली देना जरूरी है। बिजली बोर्ड के चार ऐसे प्रोजेक्ट बताए जा रहे हैं, जो 40 साल से ऊपर हो चुके हैं और उनसे उत्पादन हो रहा है। उनकी पूरी बिजली का इस्तेमाल बिजली बोर्ड ही करता है और उससे सरकार को कोई लाभ नहीं मिल रहा। ऐसे में अब कैबिनेट सब-कमेटी के सुझावों को सरकार मानती है या नहीं, यह देखना होगा।
चिट्टे के मामले में हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर से गिरफ्तार मुख्य तस्कर अनिल उर्फ पिंटू के बारे में सोलन पुलिस ने कई खुलासे किए हैं। पिंटू जंगल में अकेला रहता था, जब भी पुलिस टीम उसे पकड़ने के लिए जाती थी, वह टीम के पीछे अपने खूंखार कुत्तों को छोड़ देता था। पुलिस उसे पकड़ न पाए, इसलिए उसने दस कुत्ते पाल रखे थे। आरोपी ने तीन शादियां की हैं और उसके पांच बच्चे हैं। इसके बावजूद उसने पंजगाई के जंगल में घर बनाया हुआ है, जहां वह अकेला रहता था। 17 नवंबर को सोलन पुलिस टीम पूरी तैयारी के साथ गई और उसे घर के साथ लगती गोशाला से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार दाड़लाघाट में चिट्टे के मामले में पहले से गिरफ्तार बिलासपुर के दो आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है। एसपी सोलन गौरव सिंह ने बताया कि जांच में पाया गया है कि अनिल उर्फ पिंटू नशे का एक बहुत बड़ा सप्लायर है, जो बिलासपुर समेत अन्य जिलों में युवकों को काफी समय से चिट्टे की सप्लाई कर रहा था। इस आरोपी ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए घर पर खूंखार कुत्ते पाल रखे हैं, जिन्हें पुलिस टीम पर छोड़ देता था। यह आरोपी घर से फरार चल रहा था। इसे दाड़लाघाट पुलिस की टीम ने गोशाला में छापा मारा। तलाशी के दौरान इस आरोपी से नकदी के अलावा चिट्टा तौलने के लिए रखी गई मशीन, एक खुखरी और फॉयल पेपर भी बरामद हुए हैं। आरोपी के खिलाफ कुल 41 आपराधिक मामले दर्ज है, जिनमें से 9 मामले एनडीपीएस एक्ट के हैं। आरोपी को कोर्ट में पेश कर तीन दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है।
शिमला: हिमाचल में पिछले कई महीनों से कमर तोड़ महंगाई की समस्या से जूझ रहे लाखों लोगों को डिपुओं में भी राहत नहीं मिल रही है। हालत ये है कि नवंबर महीना बीतने को है, लेकिन प्रदेश भर के 4500 से ज्यादा डिपुओं में उपभोक्ताओं को इस महीने सरसों के तेल सहित तीन दालों का कोटा उपलब्ध नहीं हुआ है, जिसके चलते बाजार से महंगे रेट पर खाद्य वस्तुएं खरीद कर रसोई चलाने को उपभोक्ता मजबूर हैं। पिछले महीने फेस्टिव सीजन में लोगों का पहले ही जेब खर्च ज्यादा हुआ है। ऐसे में डिपुओं में तेल और दाल का कोटा न मिलने से लोगों की जेब और टाइट हो गई है। वहीं, प्रदेश के अधिकतर डिपुओं में तो उपभोक्ताओं को पिछले महीने भी सरसों का तेल नहीं दिया गया है, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। वहीं, डिपुओं में सरसों का तेल और दालों का कोटा कब तक उपलब्ध होगा? इस बात की भी उपभोक्ताओं को कोई जानकारी नहीं मिल रही है। उचित मूल्यों की दुकानों से कोटा गायब होने से लाखों परिवार अब बाजार से 200 रुपए लीटर सरसों का तेल और 100 से 120 रुपए किलो दालें खरीदने के लिए मजबूर है। हालात ये है कि मंडी समेत अन्य जिलों में तो उपभोक्ताओं को पिछले कई महीने भी डिपुओं में सरसों का तेल और दालों का कोटा नहीं मिला है, जिससे उपभोक्ता पिछले दो महीनों से बाजार से महंगे भाव पर सरसों का तेल और दालें खरीदने को विवश हैं। खुले बाजार में सरसों के तेल की कीमतें आसमान छूने लगी हैं, लेकिन डिपुओं में उपभोक्ताओं को सस्ते रेट पर दिए जाने वाले सरसों के तेल के भाव में पिछले करीब तीन महीने से कोई बदलाव नहीं हुआ हैं। हिमाचल सरकार उपभोक्ताओं को एक राशन कार्ड पर अधिकतम दो लीटर सरसों का तेल दे रही है। इसमें एपीएल और बीपीएल उपभोक्ताओं को 123 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से सरसों का तेल उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं, टैक्स पेयर कार्ड धारकों को यही सरसों का तेल 129 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से दिया जा रहा है। पिछले महीने त्योहारी सीजन में सरकार ने उपभोक्ताओं को डिपुओं में जाकर जरूरत के मुताबिक सरसों का तेल खरीदने की सुविधा भी दी थी, लेकिन सरकार का ये दावा कुछ ही दिनों में ही हवा हो गया था। हिमाचल में डिपुओं में उपभोक्ताओं को दालें भी सस्ते भाव पर उपलब्ध करवाई जाती हैं। इसमें बीपीएल परिवारों को उड़द की दाल 58 रुपए किलो के हिसाब से दी जाती है। एपीएल परिवारों को उड़द की दाल 68 रुपए किलो मिलती है। इसके अलावा टैक्स पेयर को डिपुओं में 93 रुपए किलो उड़द की दाल उपलब्ध कराई जाती है। इसी तरह से बीपीएल परिवारों को मलका की दाल 56 रुपए प्रति किलो के हिसाब से दी जाती है। एपीएल परिवारों को मलका दाल 66 रुपए किलो और टैक्स पेयर के लिए मलका की दाल का भाव अभी 91 रुपए तय किया गया है। डिपुओं में एपीएल परिवारों को चना दाल अभी तक 48 रुपए किलो दी जाती है। वहीं, बाजार में इन तीनों ही दालों का भाव 100 से 120 रुपए प्रति किलो है। हिमाचल प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख 65 हजार 589 है। जो 4500 से ज्यादा डिपुओं के जरिए सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। डिपुओं के जरिए उपभोक्ताओं को आटा, चावल, तीन अलग-अलग किस्म की दालें, सरसों का तेल और नमक बाजार से सस्ते रेट पर उपलब्ध करवाया जाता है। महंगाई के कारण डिपुओं में सरसों के तेल की अधिक मांग रहती है। सरसों के तेल के कोटे को कोई भी उपभोक्ता नहीं छोड़ता है। ऐसे में प्रदेश में हर महीने डिपुओं में 34 लाख लीटर तेल की खपत रहती है, जिस पर सरकार सब्सिडी के तौर पर लाखों रुपए खर्च करती है।
** डॉ. शांडिल ने बाई पास पर भूस्खलन एवं प्रस्तावित शहीद स्मारक स्थल का किया निरीक्षण स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि यूरो किड्स स्कूल बच्चों की प्रतिभा को निखारने के लिए बेहतर कार्य कर रहा है। डॉ. शांडिल आज यहां यूरो किड्स स्कूल सोलन के वार्षिक समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। डॉ. शांडिल ने नन्हे छात्रों के अभिभावकों से आग्रह किया कि इन बच्चों का बेहतर भविष्य बनाने में अपना सहयोग दें। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धात्मक युग में बच्चों को खेलने का समय नहीं मिल पाता है। पढ़ाई व अन्य गतिविधियों के साथ-साथ खेल गतिविधियों में भाग लेना आवश्यक है ताकि बच्चों का सर्वागींण विकास हो सके। उन्होंने कहा कि अभिभावक छोटे बच्चों को आदर्श बनाने के लिए उन्हें संस्कार युक्त शिक्षा दें। उन्होंने कहा कि अध्यापक छोटी आयु के बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान भी दें। यूरो किड्स की मुख्याध्यापक सीमा बहल ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और विद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर स्कूल के नन्हे बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। डॉ. शांडिल ने इस अवसर पर स्कूल के बच्चों को सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए अपनी एच्छिक निधि से 21 हजार रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने तदोपरांत सोलन शहर के बाईपास पर दोहरी दीवार के समीप हो रहे भूस्खलन का निरीक्षण किया तथा सम्बन्धित अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने सोलन बाई-पास में शहीदी स्मारक के प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण भी किया। उन्होंने शहीदी स्मारक की रूपरेखा की जानकारी ली और निर्माण के सम्बन्ध में उचित निर्देश जारी किए। नगर निगम सोलन की महापौर उषा शर्मा, जोगिन्द्रा केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, हिमाचल प्रदेश खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के निदेशक मण्डल के सदस्य जतिन साहनी, नगर निगम सोलन के पार्षद सरदार सिंह, ईशा, पूजा, संगीता ठाकुर, अभय तथा राजीव कौडा, उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, नगर निगम सोलन की आयुक्त एकता काप्टा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमित रंजन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजकुमार चन्देल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेन्द्र सेठी, महेश्वर सिंह चौहान, शिव कुमार, संजीव ठाकुर, कर्नल संजय शांडिल, उपमण्डलाधिकरी सोलन डॉ. पूनम बंसल, रोगी कल्याण समिति के सदस्य विनीश धीर, नरेन्द्र ठाकुर, राजेश ठाकुर, कुनाल सूद, रजत थापा, यूरो किड्स स्कूल के प्रबंध निदेशक शोभित बहल, निदेशक भव्या बहल सहित अन्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
** विभिन्न योजनाओं का समयबद्ध कार्यान्वयन आवश्यक: डॉ. शांडिल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि शी हाट की तर्ज पर सोलन में भी महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद विक्रय करने के लिए व्यवस्थित केन्द्र स्थापित करने की सम्भावनाएं तलाशी जाएंगी। डॉ. शांडिल आज यहां 20-सूत्रीय कार्यक्रम समीक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। डॉ. शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार के लिए महिला सशक्तिकरण सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि महिलाएं स्वयं सहायता समूहों सेे जुड़कर अपनी तथा प्रदेश की आर्थिकी में सकारात्मक योगदान दे रही हैं। सिरमौर ज़िला में स्थित शी हाट आज सभी महिलाओं को नई राह दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि सोलन देश के व्यस्तत्म औद्योगिक एवं परिवहन केन्द्रों में से एक है। ऐसे स्थान पर शी हाट की तर्ज पर महिलाओं के लिए उनके उत्पादों का विपणन केन्द्र खुलना सभी के हित में है। उन्होंने उपायुक्त सोलन को निर्देश दिए कि सोलन-परवाणु राष्ट्रीय राजमार्ग पर इस केन्द्र की स्थापना की सम्भावनाएं तलाशी जाएं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों की मांग पर सोलन ज़िला के कण्डाघाट में अग्निश्मन केन्द्र स्थापित किया जाएगा। उन्होंने इस दिशा में उपायुक्त सोलन को उचित कार्यवाही के निर्देश दिए। डॉ. शांडिल ने कहा कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य ऐसी योजनाओं की समीक्षा करना है जो समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान में सहायक हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का समयबद्ध कार्यान्वयन आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाएं और समयबद्ध सीमा में लक्ष्य पूरे करें। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि आमजन की समस्याओं के स्थाई समाधान करें। उन्होंने उपायुक्त को निर्देश दिए कि बैठक से अनुपस्थित अधिकारियों के विरुद्ध उचित कार्यवाही की जाए। स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिए कि ज़िला में लोगों को सुरक्षित खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाने के लिए नियमित औचक निरीक्षण सुनिश्चित बनाए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि नालागढ़ उपमण्डल की विभिन्न ग्राम पंचायतों में गत वर्ष आपदा के कारण बेघर हुए प्रभावितो को शीघ्र भूमि उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि वनों में लगने वाली आग की घटनाओं को रोकना सामूहिक उत्तरदायित्व है। उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिए कि इस दिशा में लोगों को जागरूक करें। डॉ. शांडिल ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या और घटते संसाधन सभी के लिए चिंता का विषय हैं। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों का उचित प्रयोग आवश्यक है।बैठक में अवगत करवाया गया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत सोलन ज़िला में वर्तमान में कुल 65 हजार जॉब कार्ड सक्रिय हैं। इस वित्त वर्ष में अभी तक 6 लाख 79 हजार कार्य दिवस अर्जित कर विभिन्न विकास कार्यों पर 35 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। बैठक में जानकारी दी गई कि सोलन ज़िला के प्रत्येक विकास खण्ड में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन इकाई स्थापित की जा रही है। इस इकाई की स्थापना के उपरांत सभी ग्राम पंचायतें स्वच्छता उपकर ले सकेंगी। वर्तमान में ज़िला की कुल 240 ग्राम पंचायतों में से 65 ग्राम पंचायतें स्वच्छता कर ले रही हैं। बैठक में अवगत करवाया गया कि सोलन ज़िला में इस वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 291 किलोमीटर सड़क निर्माण किया जा रहा है। उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने मुख्यातिथि को विश्वास दिलाया कि उनके निर्देशों का पूर्ण पालन सुनिश्चित बनाया जाएगा और गैर-सरकारी सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों पर सारगर्भित विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कण्डाघाट में अग्निशमन उप-केन्द्र की स्थापना के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है। अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय यादव ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। बैठक में नगर निगम सोलन की महापौर उषा शर्मा, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं समिति के गैर-सरकारी सदस्य उपस्थित थे।
कसौली इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल सनवारा में 16 नवम्बर को दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस समरोह के द्वारा 11वीं कक्षा के छात्रों द्वारा 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को भावभीनी विदाई दी गई। यह आयोजन सांस्कृतिक कार्यक्रमों, भाषणों और मनोरंजन से भरपूर गतिविधियों से भरा था, जो 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए एक यादगार पल बन गया। इस खास अवसर पर विद्यालय के प्रबंध निदेशक हीरा ठाकुर और उपप्रधानाचार्या पूनम ठाकुर मौजूद रहे। दोनों ने 12वीं कक्षा के छात्रों को भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं और उनका हौंसला बढ़ाया। 11वीं कक्षा के छात्रों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए डांस, संगीत और एक लघु नाटक प्रस्तुत किया। इन कार्यक्रमों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया और विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुतियों से सबका दिल जीत लिया। हेड बॉय सूर्यांश कश्यप ने अपने संबोधन में सभी छात्रों और अध्यापकों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम में हीरा ठाकुर ने भी 12वीं कक्षा के छात्रों को आत्मविश्वास के साथ अपने सपनों को पूरा करने की प्रेरणा दी और कहा कि वे जीवन में हमेशा अपने सिद्धांतों के प्रति सुदृढ़ रहें।
हिमाचल में अब 70 साल से ज्यादा के बुजुर्गों का घरद्वार पर ही उपचार होगा। स्वास्थ्य विभाग को फोन पर सूचना देने के बाद मोबाइल एंबुलेंस घर जाएगी। इसमें एक डॉक्टर, फार्मासिस्ट और नर्स होंगी। इस एंबुलेंस में दवाइयां, ऑक्सीजन सिलिंडर और अन्य जरूरी उपकरण भी रहेंगे। मौके पर उपचार करने के बाद डॉक्टर को लगे कि मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है तो उन्हें साथ ही लाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मरीजों के घर-द्वार पर ही टेस्ट भी होंगे। इसकी रिपोर्ट ऑनलाइन घर भेजी जाएगी। इसके लिए मरीज या उनके तीमारदारों का मोबाइल नंबर लिया जाएगा। सीएम सुक्खू ने स्वास्थ्य विभाग को इस योजना को जल्द शुरू करने को कहा है। जिलों में नजदीकी अस्पताल से लोगों के घरों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें भेजी जाएंगी। यह सुविधा अभी उन क्षेत्रों व पंचायतों में होगी जहां सड़क सुविधा रहेगी। उपचार और दवाएं निशुल्क दी जाएंगी।मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि सीएम सुक्खू ने विभाग को इस दिशा में काम करने को कहा है।
हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग की पहली पायलट भर्ती की सीबीटी परीक्षा का नतीजा निकालने का पेच सुलझ गया है। अब आयोग को ट्रेजरी से कोड मिलने के बाद एडसिल एजेंसी को करीब 36 लाख के भुगतान का रास्ता साफ हो गया है। कोष विभाग से नवगठित आयोग के नामित कर्मचारी को ट्रेजरी कोड मिलने के बाद जल्द ही अब एजेंसी को भुगतान होगा। परीक्षा के आयोजन का 36 लाख का बिल कोष विभाग को भेजा गया है। हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग को अपना जीएसटी नंबर भी मिल गया है। ऐसे में परीक्षाओं के आयोजन से लेकर तमाम वित्तीय गतिविधियों को पूरा करने में दिक्कत पेश नहीं आएगी। हिमाचल प्रदेश नवगठित आयोग की ओर से ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट (ओटीए) पोस्ट कोड 1073 के 162 पदों की कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) का आयोजन बीते मार्च में किया गया था। सीबीटी के तहत पायलट आधार पर यह पहली भर्ती राज्य आयोग की ओर से एडसिल एजेंसी के जरिये करवाई गई थी। इस भर्ती को करवाने की एवज में एजेंसी ने आयोग को 36 लाख का बिल दिया था। इस बिल के भुगतान को लेकर पिछले सात माह से पेच फंसा हुआ था। आयोग का ट्रेजरी कोड सृजित नहीं होने से बिल नहीं बन पा रहा था। भंग कर्मचारी चयन आयोग में साल 2022 में इस भर्ती को विज्ञाप्ति किया गया था। पेपरलीक के चलते आयोग भंग हो गया था। नवगठित राज्य आयोग ने 30 मार्च 2024 को इसकी सीबीटी परीक्षा करवाई। इस भर्ती को पायलट भर्ती के तौर पर एडसिल एजेंसी के माध्यम से करवाया गया। दो साल बाद अभ्यर्थियों का परिणाम का इंतजार जल्द ही खत्म होगा। प्रदेश सरकार के कोष विभाग से किसी भी विभाग को फंड जारी करने के लिए विभाग अथवा सरकारी संस्था का ट्रेजरी कोड सृजित किया जाता है। उस संस्था के एक कर्मचारी को इस कोड को संचालित करने के लिए नामित किया जाता है। बाकायदा आईडी और पासवर्ड कर्मचारी के बनाए जाते हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग में यह औपचारिकताएं अब पूरी कर ली गई है। सीबीटी के परिणाम के बाद होगा दस्तावेजों का मूल्याकंन ओटीए की भर्ती की सीबीटी भर्ती के परीक्षा परिणाम को आउटसोर्स एजेंसी की ओर से घोषित किया जाएगा, लेकिन अंतिम परिणाम हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग की ओर से ही जारी किया जाएगा। आयोग के सचिव विक्रम महाजन ने कहा कि आयोग ने कोष विभाग के समक्ष ओटीए भर्ती के आयोजन का बिल प्रस्तुत कर दिया है। आयोग को अपना जीएसटी नंबर भी मिल गया है।
सिरमौर: कहते हैं कि मां जैसा इस दुनिया में कोई दूसरा नहीं है। एक मां अपने जिगर के टुकड़े के लिए कुछ भी कर सकती है या यूं कहे कि किसी भी हद तक जा सकती है। अपने बेटे की जिंदगी बचाने के लिए वो खुशी-खुशी मौत को भी गले लगा सकती है। मां की मामता का भावुक कर देने वाला एक मामला हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला से सामने आया है। मां का रिश्ता सभी रिश्तों से अनमोल यूं ही नहीं है। कई ऐसे उदाहरण हैं जब मां ने अपने लाल का जीवन बचाने के लिए हंसते-हंसते मौत को गले लगा लिया हो। ऐसा ही उदाहरण जिला सिरमौर के शिलाई क्षेत्र में सामने आया है। कांडो भटनोल पंचायत के गांव बोहल में शनिवार को रंगड़ों के हमले से मां ने अपने तीन साल के मासूम को बचाते हुए अपनी जान दे दी। जानकारी के अनुसार अनु (28) अपने घर के पास ही घास काटने गई थी। वह बेटे को भी साथ ले गई थी। अचानक घासन में खड़ीक के पेड़ पर बने छत्ते से रंगड़ों ने मां-बेटे पर हमला कर दिया। अनु ने अपने सिर से ढाठू उतारकर बेटे को ढका और अपनी आगोश में ले लिया। इससे बेटा बच गया, लेकिन रंगड़ों ने अनु को बुरी तरह काटा। उसने शिमला में मजदूरी कर रहे अपने पति को फोन के माध्यम से इसकी जानकारी दी। चीखने की आवाजें सुनकर आसपास के लोग पहुंचे महिला के चीखने की आवाजें सुनकर आसपास के लोग पहुंचे और उपचार के लिए उसे शिलाई अस्पताल ले जाया गया। यहां से महिला व बच्चे को हायर सेंटर रेफर किया गया, लेकिन महिला ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया। बच्चे का नाहन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में उपचार चल रहा है। वह खतरे से बाहर है।
आज यानी 17 नवंबर को खण्ड सोलन की तीसरी खंड स्तरीय अंडर 12 खेलकूद प्रतियोगिता का समापन राजकीय प्राथमिक पाठशाला शमरोड के प्रांगण में हुआ। इस कार्यक्रम में बच्चों ने कबड्डी, बैडमिंटन, 50 मीटर दौड़, 100 मीटर दौड़, लोक नृत्य, क्विज, भाषण प्रतियोगिता और मार्च पास्ट आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। आज समापन समारोह के मुख्य अतिथि किशोरी लाल राणा जी रहे । समापन समारोह में विजेता टीमों को मुख्य अतिथि और केंद्र अध्यक्ष चंबाघाट के साथ खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी हरी राम चंदेल ने विजेता टीमों और बच्चों को पुरस्कार आवंटित किए । विजेताओं में कबड्डी छात्र : जोन शमरोड़ विजेता, उपविजेता : जोन चंबाघाट और इसके साथ साथ कबड्डी छात्रा : विजेता जोन सपरू,उप विजेता जॉन चंबाघाट और बैडमिंटन छात्र : विजेता जोन शमरोड़, उपविजेता जोन सपरून, छात्रा : विजेता सपरून, उपविजेता जोन शमरोड लोक नृत्य में जोन सोलन की राजकीय प्राथमिक पाठशाला शामती के बच्चों ने अद्भुत प्रदर्शन किया और प्रथम स्थान हासिल किया द्वितीय स्थान पर जोन शमरोड रही । भाषण प्रतियोगिता में जोन शमरोड से रिद्धि ने प्रथम स्थान प्राप्त किया और द्वितीय स्थान पर सोलन से वर्णिका रही। तृतीय स्थान जॉन सपरून से किंजल ने प्राप्त किया। क्विज प्रतियोगिता में जोन शमरोड प्रथम स्थान पर रही और जोन सपरून द्वितीय स्थान पर रहे। 50 मीटर रेस में छात्र वर्ग में जोन सोलन के अनिकेत प्रथम स्थान पर जोन शमरोड से समर दूसरे स्थान पर और चंबाघाट से ऋषभ तीसरे स्थान पर रहे। 50 मीटर रेस में छात्रा वर्ग में गुंजन जोन शमरोड़ से प्रथम स्थान पर तनु जोन चंबाघाट से द्वितीय स्थान पर और यशिका जोन चंबाघाट से तीसरे स्थान पर रहे। 100 मीटर रेस में प्रथम स्थान पर जोन शमरोड से समर द्वितीय स्थान पर अनिकेत सोलन जोन सोलन और तृतीय स्थान पर कुणाल जोन सपरून से रहे। छात्रा वर्ग में 100 मीटर रेस में तन्वी ने चंबाघाट से प्रथम स्थान सपरून जोन से यशिका ने द्वितीय स्थान और गुंजन जोन शमरोड़ से तृतीय स्थान प्राप्त किया। मार्च पास्ट में जोन शमरोड ने प्रथम स्थान प्राप्त किया और द्वितीय स्थान जोन सपरून ने प्राप्त किया। ओवरऑल बेस्ट जोन की ट्रॉफी जोन शमरोड ने प्राप्त की।
कुनिहार में गुरुनानक जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई गई। गुरुनानक समिति कुनिहार के सभी सदस्यों ने गुरुनानक के चित्र पर फूलमाला चढ़ाई व सभी ने गुरु के चित्र के सामने खड़े होकर क्षेत्र में सुख समृद्धि व आपसी भाईचारे की अरदास की। इसके उपरांत गुरुनानक को भोग लगाकर समिति द्वारा सभी क्षेत्र वासियों में भण्डारे का प्रशाद वितरण शुरू किया गया, जिसमे सैंकड़ो लोगों ने भण्डारे का प्रशाद ग्रहण किया। समिति सदस्य मदन सिंह ने बताया कि गुरुनानक देव का 555 वां प्रकाशोत्सव पूरे भारत व समूचे विश्व मे बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है आज कुनिहार में भी गुरु की जयंती को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस उपलक्ष पर भण्डारे का आयोजन भी किया गया। इस मौके पर एमपी सिंह, धर्मेंद्र काकू, जितेंद्र सिंह, नरेश कुमार, रमेश कुमार, हितेंद्र, पवन शर्मा, मनोज वर्मा, संजय ठाकुर, जोगिंद्र तनवर, विनोद धवन आदि सेवादार मौजूद रहे।
** सूखे की मार झेल रहे किसानों को मिलेगी राहत पर्यटन भी पकड़ेगा गति लंबे अरसे बाद मौसम ने करवट बदली है। शनिवार को रोहतांग सहित शिंकुला व बारालाचा दर्रे में बर्फ के फाहे गिरे हैं। बादल छा जाने से रोहतांग के निकटवर्ती स्थलों में भी हिमपात की उम्मीद बढ़ गई है। लंबे समय से सूखे की मार झेल रहे किसानों व पर्यटन कारोबारियों को भी राहत मिलने की उम्मीद है। शनिवार को बर्फ की उम्मीद लिए रोहतांग दर्रे में पांच सौ से अधिक पर्यटक वाहनों में लगभग चार हजार पर्यटक पहुंचे। बर्फ न पडऩे से उन्हें निराशा हुई, लेकिन ठंडा मौसम देख पर्यटक खासे उत्साहित हुए। देर शाम को दर्रे में बर्फ के फाहे गिरे। शनिवार को शिंकुला व बारालाचा दर्रे में बर्फ के फाहे गिरे, लेकिन लेह लद्दाख सहित जंस्कार घाटी की ओर वाहनों की आवाजाही सुचारू रही। देश भर के पर्यटक मनाली में हिमपात होने का इंतजार कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों की 7,600 पदों की आउटसोर्स भर्तियों पर ब्रेक लग गई है। राज्य हाईकोर्ट के फैसले के बाद इलेक्ट्राॅनिक्स काॅरपोरेशन ने भर्ती प्रक्रिया बंद कर दी है। शिक्षा विभाग में 6,200 प्री प्राइमरी शिक्षकों सहित एनएचएम में नर्स, ओटी टैक्नीशियन और फार्मासिस्ट सहित अन्य श्रेणियों की 1400 पदों पर भर्तियां होनी हैं। दरअसल शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग ने इन भर्तियों का इलेक्ट्राॅनिक्स काॅरपोरेशन को जिम्मा सौंपा है। अब कोर्ट ने काॅरपोरेशन के माध्यम से भर्तियाें पर रोक लगा दी है।सरकार भर्तियों को शुरू करने के लिए हाईकोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखने की तैयारियों में जुट गई है। 21 नवंबर को इस मामले की सुनवाई होनी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कॉरपोरेशन के तहत पंजीकृत सभी कंपनियों का डाटा बेवसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। जब तक सभी कंपनियों का डाटा वेबसाइट पर अपलोड नहीं होगा, तब तक आउटसोर्स भर्तियों पर रोक लगाई गई है। इस कारण इन दिनों काॅरपोरेशन के तहत होने वाली भर्तियों को लेकर प्रक्रिया थम गई है। शिक्षा विभाग ने बीते दिनों काॅरपोरेशन को 6200 प्री प्राइमरी शिक्षकों से संबंधित नियम तैयार कर भेजे थे। काॅरपोरेशन ने इन पदों पर भर्ती के लिए आउटसोर्स कंपनियों का चयन शुरू करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। इसी बीच हाईकोर्ट की रोक के चलते यह काम बंद हो गया है। वहीं राज्य लोकसेवा आयोग की परीक्षा पास करने पर शिक्षा विभाग ने हिंदी विषय के 113 और फिजिक्स विषय के 45 नए स्कूल प्रवक्ताओं को नियुक्तियां दे दी हैं। शनिवार को उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से नियुुक्ति आदेश जारी किए गए। प्रवक्ताओं को 25,800 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलेगा। इनकी नियुक्ति अनुबंध आधार पर की गई है। तय कार्यकाल को पूरा करने के बाद इन्हें नियमित किया जाएगा। सभी नवनियुक्त प्रवक्ताओं को दस दिनों के भीतर पद ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं।
** जेष्ठ सोमवार को लगेगा विशाल भंडारा कुनिहार की प्रसिद्ध प्राचीन शिव ताण्डव गुफा में रविवार से दो दिवसीय राम चरित मानस कथा पाठ का शुभारंभ किया जाएगा, जिसे जेष्ठ सोमवार को हवन व पूर्णाहुति के साथ विराम दिया जाएगा। यह जानकारी गुफा विकास समिति के अध्यक्ष राम रतन तनवर व मीडिया प्रभारी मनु भारद्वाज ने दी। उन्होंने बताया कि जेष्ठ सोमवार को कथा विराम के बाद शिव भक्तों व क्षेत्रवासियों के लिए विशाल भंडारे का आयोजन समिति व शंभू परिवार द्वारा किया जाएगा। समिति व शंभू परिवार ने सभी शिव भक्तों से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर गुफा में विराजमान प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन करने तथा भंडारा ग्रहण करने की अपील की हैं। गुफा में भजन कीर्तन का भी आयोजन शिव भक्तों द्वारा किया जाएगा।
आज यानी 16 नवंबर को खंड सोलन की तीसरी अंडर 12 दो दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिता का शुभारंभ उप शिक्षा निदेशक प्रारंभिक शिव कुमार शर्मा द्वारा किया गया। यह खेल प्रतियोगिताएं केंद्र पाठशाला शमरोड़ के प्रांगण में आयोजित की जा रही हैं। इन खेलकूद प्रतियोगिताओं की अध्यक्षता खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी हरिराम चंदेल द्वारा की जा रही है। खेलकूद प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शिव कुमार शर्मा उप शिक्षा निदेशक प्रारंभिक शिक्षा बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। विशेष अतिथि के तौर पर पूनम कालटा प्रधानाचार्य वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शमरोड़ मदन हिमाचली ग्राम पंचायत प्रधान शमरोड उपस्थित रहे। इस खेलकूद प्रतियोगिता में मुख्य तौर पर कबड्डी खो खो वॉलीबॉल बैडमिंटन एथलेटिक्स कल्चरल में लोक नृत्य भाषण प्रतियोगिता और क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता में खंड सोलन के 12 केदो के 66 पाठशालाओं से लगभग 250 छात्र और छात्राएं भाग ले रही हैं। सबसे पहली प्रस्तुति मार्च पास्ट की रही, इसमें जोन शमरोड़ ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
एचपीएस अधिकारी विनोद धीमान ने एसपी बद्दी का कार्यभार संभाल लिया है। एसपी बद्दी इल्मा अफरोज के छुट्टी पर जाने की वजह से रिक्त पड़े पद पर प्रदेश सरकार ने एचपीएस अधिकारी विनोद धीमान की तैनाती की है। पुलिस जि़ला बद्दी के नए कप्तान विनोद धीमान ने गुरुवार को जिला मुख्यालय में विधिवत कार्यभार सभाला। एएसपी अशोक वर्मा ने एसपी विनोद धीमान का स्वागत किया और एसपी कार्यालय में तैनात स्टाफ से परिचय करवाया। 2018 बैच की आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज पुलिस अधीक्षक बद्दी के अर्जित अवकाश अवधि के दौरान 2007 बैच के एचपीपीएस अधिकारी विनोद कुमार को एसपी बद्दी का कार्यभार सौंपा गया है। विनोद कुमार आठवीं बटालियन होम गार्ड चंबा में कमांडेंट के पद पर तैनात थे, जब तक आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज छुट्टी से वापस आकर कार्यभार ग्रहण नहीं कर लेती एसपी बद्दी के पद पर एसपी विनोद कुमार धीमान तैनात रहेंगे।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार विपक्ष के दुष्प्रचार से विचलित नहीं होगी और प्रदेश की जनता की भलाई के लिए काम करती रहेगी। रामपुर के दत्तनगर में हिमाचल के सबसे बड़े मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट के लोकार्पण अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की मदद के बिना प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 23 हजार परिवारों का पुनर्वास किया। सीएम ने कहा कि प्रदेश के किसानों से लिए जाने वाले दूध के दाम सरकार अगले साल के बजट में और बढ़ाएगी। अभी सरकार किसानों से गाय का दूध 45 रुपये और भैंस का दूध 55 रुपये प्रतिलीटर के हिसाब से खरीद रही है। पूर्व जयराम सरकार ने बिना बजट और पर्याप्त स्टाफ के शिक्षण और स्वास्थ्य संस्थान खोले। चुनावी लाभ के लिए 5,000 करोड़ की रेवड़ियां बांटीं। सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार पशुपालन विभाग में 900 पशु फार्मासिस्टों की भर्ती करने जा रही है, ताकि पशुपालकों को घरद्वार पर बेहतर सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार के कार्यों के कारण ही हिमाचल गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं देने में देशभर में पिछड़ गया। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार देवी-देवताओं और जनता के आशीर्वाद से हर चुनौती पर विजय प्राप्त कर रही है। राजनीतिक चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करते हुए कांग्रेस पार्टी के विधायकों की संख्या फिर से 40 हो गई है।
हिमाचल में सैलानियों की संख्या में इजाफा हुआ है। वीकेंड पर एक साथ तीन छुट्टियों के चलते हिमाचल में टूरिस्ट की संख्या बढ़ी हैं। शिमला, कुफरी, कसौली, चायल, नारकंडा, मनाली और धर्मशाला में बड़ी संख्या में टूरिस्ट उमड़े हैं। प्रदेश के होटलों में ऑक्यूपेंसी बढ़कर 50 फीसदी तक पहुंच गई है। रोहतांग सहित प्रदेश की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी के बाद सैलानियों का आकर्षण बढ़ा है। विंटर टूरिस्ट सीजन से पहले हिमाचल में सैलानियों की संख्या बढ़ने से पर्यटन कारोबारी उत्साहित हैं। रोहतांग में हुई बर्फबारी के बाद बाहरी राज्यों के सैलानियों ने मनाली का रुख करना शुरू कर दिया है। बीते एक सप्ताह में मनाली पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या करीब दोगुनी हो गई है। शिमला, कसौली, चायल, कुफरी और नारकंडा में भी वीकेंड पर टूरिस्टों की आवाजाही बढ़ गई है। शिमला के रिज मैदान और मालरोड पर शुक्रवार को सैलानियों की खूब चहलपहल रही। कुफरी में सैलानियों ने घुड़सवारी का लुत्फ उठाया। नारकंडा की हाटू पीक पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई है। शुक्रवार को कसौली में सैलानियों की संख्या बढ़ने से ट्रैफिक जाम की समस्या पेश आई। फेडरेशन ऑफ ऑल हिमाचल होटल एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि लांग वीकेंड पर हिमाचल के पर्यटन स्थल सैलानियों से गुलजार हो गए हैं। विंटर टूरिस्ट सीजन से पहले वीकेंड पर टूरिस्टों की संख्या बढ़ने से आने वाले दिनों में अच्छे कारोबार की उम्मीद है। रोहतांग में हुई बर्फबारी के बाद मनाली में सैलानियों की संख्या में इजाफा हुआ है। वीकेंड पर तीन दिन की छुट्टियों के पैकेज के चलते भारी संख्या में सैलानी हिमाचल पहुंचे हैं। होटलों में ऑक्यूऐंसी 50 फीसदी तक पहुंच गई है। अच्छी बर्फबारी हाेने पर सैलानियों की संख्या में बूम आएगा
शिमला: हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हाईकोर्ट में सीपीएस की नियुक्तियां निरस्त होने के बाद प्रदेश मंत्रिमंडल की आज बैठक होगी। शिमला स्थित प्रदेश सचिवालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली मंत्रिमंडल की इस बैठक में हाईकोर्ट में सीपीएस की नियुक्तियां निरस्त होने पर चर्चा हो सकती है। वहीं, प्रदेश की सुक्खू सरकार का दो साल का कार्यकाल 11 दिसंबर को पूरा होने जा रहा है। ऐसे में कैबिनेट की मीटिंग में दो साल का कार्यकाल पूरा होने को लेकर मनाए जाने वाले जश्न को लेकर भी चर्चा हो सकती है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में करुणामूलक आधार पर नियुक्ति देने से संबंधित विषय को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की सिफारिशों पर बैठक में चर्चा होने की संभावना है। इसी तरह से विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी होना है, जिस पर भी कैबिनेट की चर्चा हो सकती है। हिमाचल में आगामी बजट को लेकर सरकार ने अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी है। इसको लेकर मुख्यमंत्री पहले ही मंत्रिमंडल के सहयोगियों और अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं, जिसमें मंत्रियों से अपने-अपने विभागों से संबंधित प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है, ताकि इसे बजट में शामिल करके आम जनता को फायदा पहुंचाया जा सके। हिमाचल में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है। प्रदेश में साल 2022 हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की भी गारंटी दी थी। हर बार कैबिनेट की मीटिंग में सरकार का नए पदों को सृजित कर इन्हें भरे जाने का प्रयास रहता है। ऐसे में आज आयोजित होने वाली कैबिनेट की बैठक में विभिन्न विभागों में और भी नए पद सृजित किए जा सकते हैं। इसको देखते हुए युवाओं को कैबिनेट की मीटिंग से काफी उम्मीदें रहती है। सीएम सुक्खू की अध्यक्षता में पिछली कैबिनेट बैठक 22 अक्टूबर को आयोजित हुई थी, जिसमें मंत्रिमंडल ने वन विभाग में 2,061 वन मित्रों की नियुक्ति को मंजूरी दी थी। इसी तरह से कैबिनेट ने मुख्यमंत्री आरोग्य पशुधन योजना के तहत प्रदेश के पशु चिकित्सालय में सालों से सेवाएं दे रहे GPVA को नियमित करने के लिए 964 पद सृजित किए थे। वहीं, कैबिनेट ने लोक निर्माण विभाग में वर्क इंस्पेक्टर के 100 पदों को भरने की भी मंजूरी दी गई थी। इसके अलावा सुक्खू कैबिनेट ने डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, हमीरपुर में 150 स्टाफ नर्स के पद भरने का भी फैसला लिया था। इसी तरह से मंत्रिमंडल ने चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में सामान्य चिकित्सा, शिशु रोग, सामान्य शल्य चिकित्सा, अस्थि रोग, एनेस्थीसिया और रेडियोलॉजी विभागों में छह एसोसिएट प्रोफेसर के पद और 10 सहायक प्रोफेसर पद सृजित कर भरने का भी फैसला लिया गया था।
सोलन देऊंघाट की रहने वाली एक नाबालिग लड़की घर में पड़ी डांट से ऐसे उखड़ी की घर छोड़कर ही चली गई। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए किशोरी को सोलन के नडोह गांव के पास से बरामद करके परिजनों के हवाले कर दिया है। सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार देऊंघाट निवासी एक महिला ने सदर पुलिस थाने को दी गई शिकायत में कहा कि उनकी 14 वर्ष की बेटी 12 नवंबर को घर से स्कूल के लिए निकली थी। लेकिन इसके बाद वह घर नहीं लौटी। महिला ने बताया कि काफी खोजबीन के बाद भी उन्हें बेटी का कहीं सुराग नहीं मिला। पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज करके त्वरित प्रभाव से किशोरी की तलाश शुरू की। काफी प्रयास के बाद सोलन के नडोह गांव के पास किशोरी पुलिस के हाथ लग गई। इसके बाद पुलिस ने किशोरी का सोलन के जोनल चिकित्सालय में मेडिकल परीक्षण कराने के बाद परिजनों के हवाले कर दिया। एसपी सोलन के अनुसार पूछताछ में पता चला कि किशोरी माता पिता से मनमुटाव के बाद बिना बताए घर से निकल गई थी। एसपी के अनुसार मामले की जांच जारी है।
आज साई संजीवनी इंस्टीट्यूट और हॉस्पिटल, सोलन में विश्व मधुमेह दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कॉलेज के चेयरमैन डॉ. संजय अग्रवाल और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. सविता अग्रवाल ने विद्यार्थियों को विश्व मधुमेह रोग के बारे में जानकारी दी। इस साल के विश्व मधुमेह दिवस का विषय "बाधाओं को तोड़ना, अंतराल लाना: उपचार और देखभाल तक समान पहुंच पर जोर देना" था, जिसके विषय पर पूरा कार्यक्रम आयोजित किया गया। विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर बच्चों ने रंगोली बनाई और मधुमेह के कारणों, लक्षणों और उसके उपचार के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर कॉलेज के चेयरमैन डॉ. संजय अग्रवाल ने बच्चों को मधुमेह के बारे में और इसके बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने मुख्य लक्षणों जैसे पॉलीयूरिया (बार-बार पेशाब आना), पॉलीडिप्सिया (अधिक प्यास लगना), और पॉलीफेजिया (अधिक भूख लगना) के बारे में बताया। इसके साथ ही, उन्होंने सामान्य रक्त शर्करा स्तर के बारे में भी जानकारी प्रदान की। इसी अवसर पर, डॉ. संजय अग्रवाल और डॉ. सविता अग्रवाल ने बच्चों को बाल दिवस की शुभकामनाएं दीं और निरंतर इस तरह के कार्यक्रमों के बारे में जागरूक रहने की प्रेरणा प्रदान की। कॉलेज की प्रिंसिपल दिवया व सभी अध्यापक उपस्थित रहे।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पट्टाबरावरी ने अपना वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह विद्यालय परिसर में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया। समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे मदन लाल बदन सेवानिवृत वरिष्ठ लेखा अधिकारी कार्यालय प्रधान महा लेखाकार हिमाचल प्रदेश शिमला का विद्यालय परिवार द्वारा फूलमालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया गया। सरस्वती वंदना और वंदे मातरम के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। विद्यालय प्रधानाचार्य कमलेश चौहान व स्टाफ द्वारा मुख्य अतिथि को शॉल टोपी व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। विद्यालय प्रधानाचार्य ने मुख्य अतिथि व अन्य अतिथियों का स्वागत कर विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट सबके सामने रखी। उन्होंने कहा कि विद्यालय के छात्र छात्रा पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद व अन्य सामाजिक गतिविधियों में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेकर विद्यालय व क्षेत्र का नाम रोशन कर रहे हैं। समारोह में विद्यालय के बच्चो द्वारा एक से एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, जिसमें नाटी, गिद्दा,,समूह गान, भांगड़ा , पंजाबी ,राजस्थानी व पहाड़ी कार्यक्रम प्रस्तुत कर बच्चो ने खूब वाहवाही लूटी। मुख्य अतिथि ने अपने सम्बोधन में विद्यालय को वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह की बधाई देते हुए बच्चो से अपील करते हुए कहा कि अपने अध्यापकों व अभिभावकों के मार्ग दर्शन में अपने जीवन में कामयाबी हासिल कर अपना कैरियर बनाए तथा समाज में फैल रहे जानलेवा नशे से दूर रहे। उन्होंने कहा कि हमें पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद व अन्य सामाजिक गतिविधियों में भी बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए। अंत में मुख्यातिथि ने वर्षभर की विद्यालय गतिविधियों में अव्वल रहने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर गोपाल शर्मा, सुखराम, राम कौशल, डी डी कश्यप, दीश सिंह, लायक राम, हरीश कौशल, नेक राम कौंडल, शिवदत शर्मा, ख्यालीराम, कन्हैयालाल,अ जीत आदि मौजूद रहे।
भारतीय जनता पार्टी सोलन के जिलाध्यक्ष रतन सिंह पाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के महत्वपूर्ण फैंसले ने साबित कर दिया कि हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार ने किस प्रकार गैर कानूनी तरीके से मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति करते हुए दो साल व्यतीत कर दिए। लगातार हिमाचल प्रदेश के पैसे का दुरूपयोग हुआ, शक्तियों का दुरूपयोग हुआ, 6 मुख्य संसदीय सचिव बनाकर उनको मंत्रियो के बराबर शक्तियां देना गैर कानूनी रहा, संविधान के खिलाफ रहा। पाल ने कहा कि हम हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं, जिन्होनें सभी 6 मुख्य संसदीय सचिवों को पदमुक्त करने का निर्देश दिया। इनकी शक्तियां व कानून को समाप्त करने का जो फैंसला किया, वो स्वागत योग्य कदम है और हिमाचल प्रदेश की जनता के साथ अन्यायपूर्ण रवैया वर्तमान कांग्रेस सरकार ने किया है, हम उसकी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू द्वारा यह फैसला असंवैधानिक और तानाशाहीपूर्ण तरीके से लिया गया था। भारतीय जनता पार्टी मांग करती है कि सीपीएस के पद पर नियुक्त किए गए सभी विधानसभा सदस्यों की सदस्यता भी रद्द की जाए। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बाद भी सरकार द्वारा तानाशाही पूर्ण तरीके से यह नियुक्ति अपने इस विधायकों को खुश रखने के लिए की गई थी, जिसका खर्च प्रदेश के आम टैक्स पेयर्स को उठाना पड़ा। सुक्खू सरकार ने यह निर्णय संविधान के दायरे के बाहर रहकर लिया था, जिसे आज न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया है। सरकार द्वारा किए गए इस फैसले से स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी की सरकार संविधान के बजाय अपने प्रावधानों से चलना पसंद करती है। पाल ने कहा कि भाजपा पहले दिन से ही सीपीएस बनाने के फैसले के खिलाफ थी क्योंकि यह असंवैधानिक था। न्यायालय के आदेशों की उल्लंघना थी। इसके विरुद्ध भाजपा ने आवाज उठाई, न्यायालय गए और सरकार के इस फैसले को चुनौती दी गई। असंवैधानिक निर्णय को औचित्यपूर्ण ठहराने में सुक्खू सरकार ने हर स्तर पर राज्य के संसाधनों का प्रयोग किया। पहले हमारी पार्टी के नेताओं के द्वारा दाखिल की गई याचिकाओं के औचित्य पर सवाल उठाने में प्रदेश के करोड़ों रुपए वकीलों की फीस में खर्च की जो ऊर्जा और संसाधन प्रदेश के विकास के लिए लगाए जाने थे उन्हें सरकार ने अपने तानाशाही फैसलों को जायज ठहराने में खर्च किए।
हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में स्टेट काउंसिल ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग (एससीवीटी) की परीक्षाएं ऑनलाइन करवाने का फैसला लिया है। इसके कारण जहां कागजों की बचत होगी तो वहीं परिणाम भी समय पर निकाला ज सकेगा। बता दें कि तकनीकी शिक्षा बोर्ड की ओर से हर वर्ष औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में एससीवीटी परीक्षा ऑफलाइन मोड पर करवाई जाती है। इस प्रणाली में समय के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। लिहाजा, अब बोर्ड ने बदलाव करते हुए परीक्षा का संचालन ऑनलाइन मोड पर करवाने का फैसला लिया है। इसके लिए बोर्ड की ओर से पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। इस बार से अब ऑनलाइन ही परीक्षाएं करवाई जाएंगी। एससीवीटी की परीक्षाएं ऑनलाइन करवाने के लिए सितंबर में ट्रायल हुआ था। प्रदेश भर में स्थापित 15 केंद्रों पर ऑनलाइन मोड पर 23 ट्रेडों की परीक्षाएं करवाई गई थीं। ट्रायल सफल रहा था। सिर्फ दो ट्रेडों की परीक्षाएं ऑनलाइन नहीं हो पाई थीं, क्योंकि उन विषयों का अधिकतर भाग थियोरी पर आधारित था। ऑनलाइन आयोजित हुई परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों से एमसीक्यू प्रश्न पूछे गए थे। ऑनलाइन परीक्षा के दौरान टाइमर कंप्यूटर स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा, जिसके चलते अभ्यर्थियों को समय का भी साथ-साथ पता चलता रहेगा। ऑनलाइन परीक्षा का एक फायदा यह भी होगा कि अगर परीक्षा के दौरान विद्युत आपूर्ति बाधित होती है तो परीक्षा का समय भी रुक जाएगा। जैसे ही फिर बिजली आएगी, तो परीक्षा का टाइम वहीं से शुरू होगा, जहां से बिजली गुल हुई थी। हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड ने एससीवीटी परीक्षाओं के आयोजन के लिए एक नई पहल की है। इस बार से ट्रेड शुरु होने के दौरान ली जाने वाली एससीवीटी परीक्षाओं का आयोजन कंप्यूटर आधारित परीक्षण (सीबीटी) के तहत लिया गया है। इससे जहां कागज की की बचत हुई है, वहीं अन्य भी कई प्रकार के लाभ मिले हैं हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर ने दिसंबर व जनवरी माह में प्रस्तावित परीक्षाओं के लिए परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि 16 नवंबर तक बढ़ाई है। पूर्व में आवेदन के लिए 12 नवंबर तक का समय प्रदान किया गया था, परंतु कुछेक विद्यार्थी निजी कारणों से आवेदन नहीं कर पाए थे। अब तिथि बढ़ने से स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षा के नियमित सेमेस्टर और रि-अपीयर के विद्यार्थी 16 नवंबर तक बिना विलंब शुल्क के ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भर सकते हैं। तकनीकी विवि के परीक्षा नियंत्रक कमल देव सिंह कंवर ने कहा कि दिसंबर 2024 और जनवरी 2025 में प्रस्तावित परीक्षा की संभावित तिथियां भी घोषित कर दी हैं। विद्यार्थी उपरोक्त तिथि तक ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा फॉर्म भर सकते हैं।
हिमाचल में 15 नवंबर से मौसम करवट बदल सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार पश्चिमी हिमालय में 14 नवंबर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है। हालांकि इस दौरान अधिक वर्षा व हिमपात के आसार नहीं हैं। कांगड़ा व कुल्लू में हल्की वर्षा, लाहुल स्पीति, चंबा व कुल्लू के ऊपरी क्षेत्रों में बर्फ के हल्के फाहे गिर सकते हैं। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में वर्षा व हिमपात की संभावना नहीं है। प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में सुबह कोहरा पड़ना जारी है। ऊना जिला में 10 दिन तक घना कोहरा पड़ने की संभावना है। मंडी, कांगड़ा व हमीरपुर जिले शिमला से अधिक ठंडे है। बुधवार को शिमला का न्यूनतम तापमान 10.6, मंडी का 9.3 और कागंडा व हमीरपुर का 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है। मौसम विभाग ने हमीरपुर, मंडी व बिलासपुर के कई क्षेत्रों में 17 नवंबर तक कोहरे को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। कोहरे के कारण प्रदेश में सुबह और शाम ठंड काफी बढ़ गई है। दोपहर को धूप लोगों को परेशान कर रही है। करीब डेढ़ माह से वर्षा न होने से किसान व बागवान परेशान हैं। आने वाले दिनों में वर्षा नहीं हुई तो किसानों व बागवानों की मुश्किल बढ़ सकती है। प्रदेश में शुष्क ठंड से फिलहाल राहत नहीं मिलने वाली है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगले चार दिन तक मंडी, बिलासपुर, ऊना और कुछ अन्य स्थानों पर सुबह व शाम घना कोहरा छाया रहेगा। इससे यातायात सेवाएं प्रभावित होंगी। 15 व 16 नवंबर को एक-दो ऊंचे क्षेत्रों में हिमपात और वर्षा की संभावना है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के बाद मुख्य संसदीय सचिवों के सचिवालय में कार्यालय खाली कराने के आदेश जारी कर दिए गए हैं और कुछ दफ्तर खाली भी कर दिए गए हैं। सीपीएस के साथ लगाया गया स्टाफ भी वापस बुला दिया गया है। गाड़ियां इनसे वापस ले ली गई हैं। प्रदेश सरकार ने बुधवार शाम को ही यह आदेश जारी किए। यहीं नहीं इन सीपीएस को सरकार की ओर से दी गई सभी सुख सुविधाएं भी हट जाएंगी। सरकारी कोठियां भी खाली करनी होंगी। बुधवार को हाईकोर्ट के फैसले के बाद सचिवालय में सीपीएस के कमरों में सन्नाटा पसरा रहा। कई भी सीपीएस सचिवालय में नहीं देखे गए। सात मंत्रियों के साथ ही इन सीपीएस ने गोपनीयता की शपथ ली थी। सक्खू सरकार में मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा को विधि विभाग, संसदीय कार्य विभाग और बागवानी विभाग, रामकुमार को नगर नियोजन विभाग, उद्योग विभाग और राजस्व, आशीष बुटेल को शहरी विकास विभाग के साथ शिक्षा विभाग में मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के साथ अटैच किया गया। वहीं, मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल को पशुपालन विभाग, ग्रामीण विकास के साथ पंचायती राज विभाग की जिम्मेवारी सौंपी गई। संजय अवस्थी को स्वास्थ्य जनसंपर्क और लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई। मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर को ऊर्जा, वन, परिवहन और पर्यटन विभाग विभाग का जिम्मा सौंपा गया। यह छह मुख्य संसदीय सचिव अलग-अलग विभागों के मंत्रियों की काम में मदद करने का जिम्मा दिया गया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश सरकार ने मुख्य संसदीय सचिव से स्टाफ हटाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। वरिष्ठ निजी सचिव भूरी सिंह राणा, तहमीना बेगम और विशेष निजी सचिव सत्येंद्र कुमार सहित अन्य स्टाफ को वापस बुलाया गया है। अब कार्मिक विभाग की ओर से इनकी अलग से नियुक्ति के आदेश जारी किए जाएंगे। राज्यपाल से मंजूरी के बाद यह फैसला लिया गया है। इसके साथ ही सरकार ने सीपीएस के स्टाफ के कर्मचारी यानकी देवी, सुनीता ठाकुर, उत्तम चंद, चेतन, संदीप, चंद्र, धर्मपाल, रविंद्र, नेत्र सिंह, मोहिंद्र, विनोद, टिक्कम राम, नीरज और भूपिंद्र को वापस बुलाने के आदेश जारी किए हैं।हिमाचल हाईकोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि प्रदेश में सीपीएस/पीएस की नियुक्ति का कानून फैसला आने तक लागू था। अयोग्यता अधिनियम 1971 के तहत सीपीएस/ पीएस की नियुक्तियों को संरक्षण दिया गया था, लेकिन इस फैसले के बाद मुख्य संसदीय सचिवों व संसदीय सचिवों की नियुक्ति को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट माना जाएगा। एेसे में यदि अब सीपीएस नियुक्त होते हैं, तो उनकी विधायकी भी जाएगी।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) की नियुक्तियों के सांविधानिक दर्जे पर बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने सीपीएस एक्ट को निरस्त कर दिया है। इसके तहत सीपीएस को दी जा रही सभी सुविधाओं को खत्म कर दिया गया है। अब छह मुख्य संसदीय सचिव अब सिर्फ विधायक के ताैर पर ही कार्य करेंगे। कोर्ट ने सीपीएस की नियुक्तियों को असांविधानिक बताया है। इस मामले में अदालत में पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था की ओर से वर्ष 2016 में याचिका दायर की गई थी। अदालत में दूसरी याचिका कल्पना और तीसरी भाजपा नेता पूर्व सीपीएस सतपाल सत्ती सहित अन्य 11 भाजपा के विधायकों की ओर से दायर की गई थी। इन तीनों याचिकाओं में मूल प्रश्न हिमाचल प्रदेश में 2006 में बनाया गया एक्ट है। इसके तहत पहले भाजपा सरकार ने अपने विधायकों को सीपीएस बनाया था। अब कांग्रेस सरकार ने छह विधायकों को सीपीएस बनाया है। सरकार ने इस मामले में बहस के लिए सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठ अधिवक्ता नियुक्त किए। भाजपा की ओर से दी गई याचिका में कहा गया है कि सीपीएस पद का संविधान में प्रावधान नहीं है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 164 के तहत प्रदेश में 15 प्रतिशत से ज्यादा मंत्रिमंडल नहीं बनाया जा सकता, जिससे हिमाचल में संख्या 12 ही हो सकती है। सीपीएस बनाने के बाद यह संख्या 17-18 पहुंच जाती है। अब हाईकोर्ट ने सीपीएस नियुक्ति एक्ट को निरस्त कर दिया है। वर्तमान कांग्रेस सरकार में छह मुख्य संसदीय सचिव है। सुक्खू सरकार ने अर्की विधानसभा क्षेत्र से संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह, दून से राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल को सीपीएस बनाया है। प्रदेश में सीपीएस का मूल वेतन 65 हजार रुपये है। भत्ते मिलाकर ये वेतन 2.20 लाख रुपये प्रति महीना पहुंच जाता है। इसके अलावा सीपीएस को गाड़ी, स्टाफ अलग भी मुहैया करवाया जाता है। विधायकों और सीपीएस के वेतन में 10 हजार रुपये का अंतर है। विधायकों का वेतन और भत्ते प्रति माह 2.10 लाख रुपये है। कुल मिलाकर सीपीएस को मिलने वाले सुविधाओं पर ही सवाल उठते रहे हैं। वैसे सीपीएस की नियुक्ति पर सियासी संग्राम देश के तमाम राज्यों में होता आया है। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2013 में 10 सीपीएस नियुक्त किए थे। प्रेम कुमार धूमल ने वर्ष 2007 में दूसरी बार सत्ता में आए तो उनके नेतृत्व वाली सरकार ने 18 महीने के कार्यकाल के बाद 2009 में तीन सीपीएस की नियुक्ति की थी। इनमें सतपाल सिंह सत्ती, वीरेंद्र कंवर व सुखराम चौधरी शामिल थे। हिमाचल प्रदेश संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन, भत्ते, शक्तियां, विशेषाधिकार और सुविधाएं) अधिनियम 2006 के मुताबिक सीपीएस को मंत्री की तरह कार्य करने की पहले से ही मनाही है। इसके तहत ही सीपीएस नियुक्तियां होती आई हैं। हालांकि, असम और हिमाचल प्रदेश में सीपीएस के लिए बनाए नियमों में भिन्नता है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ममलीग में NSS का 7 दिवसीय शिविर 8 नवंबर से 14 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें आज छठे दिन विभिन्न गतिविधियां राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवियों द्वारा की गई , जिसमें प्रभात फेरी, योग व आसन उसके उपरांत प्रोजेक्ट वर्क के तहत गांव ममलीग में पानी के स्रोतों व गलियों की साफ सफाई की गई साथ ही स्वास्थ्य केंद्र की भी साफ सफाई की गई। इस दौरान विद्यार्थियों ने चार बोरी प्लास्टिक कचरे की एकत्र की तथा उसका निपटान भी किया। दोपहर बाद बौद्धिक सत्र में एस०एच०ओ० पुलिस थाना सायरी बाला राम ठाकुर द्वारा स्वयंसेवियों को साइबर क्राइम व अन्य तरह के जुर्म नशे आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम अधिकारी संदीप ठाकुर व बिना गुप्ता के अतिरिक्त विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेश चौहान, प्रवक्ता राम नेगी, रघुवीर सिंह, मनोज ठाकुर, प्रदीप कुमार, मदन कुमार आदि उपस्थित रहे।
हिमाचल पथ परिवहन सेवा निवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच अर्की इकाई की अति आवश्यक बैठक शुक्रवार 15 नवंबर को पेंशनर्ज कार्यालय तालाब कुनिहार में इकाई अध्यक्ष बलबीर सिंह चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित की जा रही है। बलबीर सिंह चौधरी ने अर्की इकाई के सभी सदस्यों से इस अति आवश्यक बैठक में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचने की अपील की है। उन्होंने सभी पेंशनरों से आग्रह किया है कि 15 नवंबर को ठीक 11 बजे पेंशनर कार्यालय तालाब कुनिहार में पहुंचे तथा पेंशनरो की समस्या व आगामी रणनीति बारे चर्चा में बढ़चढ़ कर भाग लें।
** ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी, मैदानी क्षेत्रों में धुंध का अलर्ट जारी हिमाचल प्रदेश में फ़िलहाल मौसम शुष्क चल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार कल से लाहौल- स्पीति, चंबा, कांगड़ा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है, जिससे इन क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी भी हो सकती है। इसके अलावा मंडी, बिलासपुर और हमीरपुर में घनी धुंध का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा है कि पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के चलते आने वाले दिनों में कुछ एक जिलों में तापमान तीन डिग्री तक गिर सकते हैं। उन्होंने कहा कि 14 और 15 नवंबर को उतरी भारत में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है, जिसके चलते चंबा, कांगड़ा, लाहौल-स्पीति में हल्की फुल्की बारिश और अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने के आसार बन रहे हैं। मानसून अलविदा होने के बाद से प्रदेश में न के बराबर बारिश हुई है, जिसके चलते अक्टूबर में 95 फीसदी कम बारिश आंकी गई है और नवंबर में भी अभी तक कोई बारिश नहीं हुई है ।
शिमला: हिमाचल में 80 फीसदी से ज्यादा आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में बसती है, जिनकी आजीविका खेतीबाड़ी पर निर्भर है, लेकिन पिछले कुछ सालों में जंगली जानवरों की लगातार बढ़ती समस्या के कारण बहुत से किसानों ने खेती बाड़ी के पारंपरिक पेशे को छोड़ना शुरू कर दिया है और अब रोजी रोटी की तलाश में शहर की तरफ पलायन कर रहे हैं। ऐसे में सुक्खू सरकार ने किसानों की पीड़ा को समझते हुए नई पहल की है, जिसके तहत अब सरकार सोलर फेंसिंग की जगह कांटेदार तार व जाली से बाड़बंदी को बढ़ावा दे रही है। इस तरीके से की गई बाड़बंदी ज्यादा मजबूत और लंबे समय तक टिकेगी। कांटेदार तार व जाली से बाड़बंदी के लिए सुक्खू सरकार किसानों को 70 फीसदी की सब्सिडी का लाभ देगी। बाकी का पैसा किसानों को अपनी जेब से खर्च करना होगा। वहीं, अब सरकार ने सोलर फेंसिंग के लिए सब्सिडी नहीं देने का फैसला लिया है। ऐसे में जिन किसानों व बागवानों ने पहले ही सोलर फेंसिंग के लिए आवेदन किया है। अब उन्हें भी नए सिरे से कांटेदार तार व जाली के लिए एप्लिकेशन देनी होगी। कृषि विभाग के सभी उप निदेशकों व अन्य फील्ड स्टाफ को इसको लेकर किसानों के बीच प्रचार व प्रसार करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए लोक मित्र केंद्र से अपना आवेदन कर सकते हैं। किसानों को बाड़बंदी के लिए आवेदन करते समय कई दस्तावेज लगाने जरूरी हैं। इसमें आधार कार्ड, जमीन के खाता खतौनी, बैंक पासबुक के पहले पन्ने की फोटोकॉपी, जाति प्रमाण पत्र और बाढ़ लगाने का एस्टीमेट होना आवश्यक है। बाड़बंदी के लिए 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर स्वीकृति दी जाएगी। वहीं, लोहे के एंगल के साथ 6 फुट ऊंची कांटेदार तार बाड़ लगाने के लिए 416 रुपए की जगह 291 रुपए प्रति मीटर की दर से अनुदान दिया जाएगा। इसी तरह से लोहे के एंगल के साथ जालीदार तार की बाड़ लगाने पर 640 की जगह 448 रुपए प्रति मीटर की दर से अनुदान मिलेगा। हिमाचल में अभी भी 80 फीसदी से ज्यादा की ग्रामीण आबादी कृषि और बागवानी पर निर्भर है। प्रदेश में 9.97 लाख परिवार खेती बाड़ी के पारंपरिक पेशे से जुड़े हैं। इनमें 1 हेक्टेयर से कम जमीन वाले सबसे अधिक 7.15 लाख मार्जिनल किसान है। इसी तरह से 1 से 2 हेक्टेयर जमीन होल्डिंग वाले लघु किसानों की संख्या 1.74 लाख है। 2 से 4 लैंड होल्डिंग सेमी मीडियम किसानों की संख्या 0.82 लाख है। इसके अलावा 4 से 10 हेक्टेयर मध्यम किसानों की संख्या 0.26 लाख है। वहीं, 10 हेक्टेयर से अधिक लैंड होल्डिंग वाले किसानों की संख्या सबसे कम 0.03 लाख है।
स्वास्थ्य फिटनेस सर्टिफिकेट न देने वाले जिले के स्कूलों में तैनात मिड-डे-मील वर्करों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसकी शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार और विभाग ने यह निर्णय लिया है। हर छह माह बाद सरकारी स्कूलों में कार्यरत मिड-डे-मील वर्करों को फिटनेस सर्टिफिकेट देना होगा। इसकी जांच के लिए जल्द शिक्षा विभाग की टीम भी स्कूलों का निरीक्षण कर जांच करेंगी। स्कूलों में मिड-डे मील के तहत तैनात कर्मियों को हर छह माह बाद अपने स्वास्थ्य की जांच करवानी होगी। इससे स्पष्ट होगा कि खाना बनाने वाले कर्मी किसी गंभीर बीमारी की चपेट में तो नहीं हैं। मिड डे मील वर्करों का एनएफएसए के तहत मेडिकल होगा। यह फैसला स्वच्छ भोजन को लेकर लिया गया है। इसके अलावा खाना बनाते समय टोपी, ग्लब्स समेत अन्य स्वच्छता का भी ध्यान रखना होगा। स्कूल एमडीएम प्रभारी को भी स्वच्छता समेत अन्य व्यवस्था का ध्यान रखना होगा। फिटनेस सर्टिफिकेट या गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर स्कूल मुखिया के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा राशन की निगरानी का जिम्मा स्कूल मुखिया और मिड डे मील इंचार्ज को सौंपा है। राशन की गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर स्कूल मुखिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसमें कितने बच्चों ने दोपहर का भोजन खाया इसकी भी एसएमएस से जानकारी देनी होगी। जिला नोडल अधिकारी एमडीएम राज कुमार पराशर ने बताया कि जिले के स्कूलों में कार्यरत मिड-डे-मील वर्करों और सहायकों के लिए स्वास्थ्य फिटनेस सर्टिफिकेट देना अनिवार्य किया है। इसमें हर छह माह बाद कर्मी को स्वास्थ्य की जांच करवानी होगी। इसके अलावा रसोईघर में स्वच्छता समेत अन्य व्यवस्थाओं का ध्यान रखने के भी निर्देश दिए है। इसके लिए जल्द स्कूलों का निरीक्षण कर जांच की जाएगी।
हिमाचल हाईकोर्ट ने बीआरसीसी के लिए एक कार्यकाल से ज्यादा आवेदन करने के मामले में दायर जेबीटी और टीजीटी की याचिका खारिज कर दी है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने याचिका खारिज करते हुए सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया। अदालत ने कहा है कि जेबीटी और टीजीटी की नियुक्ति का उद्देश्य छात्रों को शिक्षा प्रदान करना है। सरकार की ओर से अदालत में कहा गया था कि प्रदेश के स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली हैं, ऐसे में उन्हें दोबारा बीआरसीसी नियुक्त नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता ने सरकार की अधिसूचना को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी। अधिसूचना में कहा गया था कि जो एक बार बीआरसी के रूप में काम कर चुके हैं वह इन पदों के लिए फिर से आवेदन नहीं कर सकते हैं। बीआरसीसी नियुक्त किए अध्यापकों का मुख्य कार्य छात्रों को पढ़ना है। याचिकाकर्ता विभिन्न स्कूलों में जेबीटी शिक्षक के रूप में नियुक्त किए गए थे। वर्ष 2017 में जेबीटी शिक्षक के रूप में उनकी नियुक्ति के दौरान उन्हें बीआरसी के रूप में कार्य करने के लिए नियुक्त किया गया।
** 90 अंकों की लिखित परीक्षा, निगेटिव मार्किंग हिमाचल प्रदेश में 1,088 पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती के लिए करीब 1.15 लाख आवेदन पहुंचे हैं। राज्य लोकसेवा आयोग के पास ऑनलाइन आवेदन करने का अभ्यर्थियों के पास मंगलवार को आखिरी दिन था। बीते दिनों आवेदन करने में तकनीकी समस्याएं आने पर आयोग ने तारीख बढ़ाई थी। पहले आवेदन करने की आखिरी तारीख 31 अक्तूबर तय की गई थी। इस दौरान तक 92 हजार आवेदन हुए थे। अब कुल आवेदनों की संख्या बढ़कर 1.15 लाख पहुंच गई है। पुलिस कांस्टेबल भर्ती में पुरुषों के लिए 708 और महिलाओं के लिए 380 पद आरक्षित हैं। लिखित परीक्षा पास करने वालों की पुलिस विभाग शारीरिक दक्षता परीक्षा लेगा। पुलिस विभाग में यह भर्ती विशेष कांस्टेबल पदनाम में की जा रही है। चयनित विशेष पुलिस कांस्टेबलों को नशे की रोकथाम का काम दिया जाएगा। भर्ती परीक्षा पास करने वालों का डोप टेस्ट भी होगा। 18 से 25 वर्ष की आयु के अभ्यर्थी भर्ती के लिए पात्र हैं। चयनित विशेष पुलिस कांस्टेबलों को लेवल तीन में 20200-64000 रुपये के पे बैंड में वेतन मिलेगा। शारीरिक मानक परीक्षण और शारीरिक दक्षता परीक्षण से युक्त शारीरिक परीक्षण हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग की ओर से निर्धारित और संचालित किया जाएगा, जो आयोग को ऊंचाई के लिए दिए गए अंकों के साथ योग्य उम्मीदवारों की सूची प्रदान करेगा। शारीरिक परीक्षण में सफल अभ्यर्थियों को आयोग की ओर से करवाई जाने वाली दो घंटे की अवधि की ऑफलाइन बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रकार की लिखित परीक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। लिखित परीक्षा में 90 अंक होंगे और निगेटिव मार्किंग होगी। शारीरिक परीक्षण और लिखित परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को पुलिस विभाग की ओर से किए जाने वाले दस्तावेज सत्यापन के लिए आयोग के कार्य नियमों के अनुसार विचार के क्षेत्र के अनुसार शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। वे दस्तावेज सत्यापन के दौरान उम्मीदवारों को एनसीसी प्रमाण पत्र के अंक भी प्रदान करेंगे।
** वैदिक मंत्रोच्चार और दीप प्रज्वलन से हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ ** प्रधानाचार्य ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की बढ़ाई शोभा सोलन: दयानंद आदर्श विद्यालय के प्रांगण में आज 44वां वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह बड़े धूमधाम से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों की उपलब्धियों और सह पाठ्यक्रम योगदान को मान्यता देना था। समारोह में प्रधानाचार्य ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। वैदिक मंत्रोच्चारण और दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। हेड गर्ल काव्या ने मुख्य अतिथि को बैज पहनाकर उनका स्वागत किया। इसके पश्चात छात्रों ने गणेश वंदना की प्रस्तुति दी। मुख्य अतिथि द्वारा एकेडमिक्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया, जिनमें शिवांश, अक्षिता, काव्यांश चौहान, तन्वी ठाकुर, आदित्य, अक्षरा, सिद्धि, दृष्टि और धन्या शामिल थे। समारोह में स्कूल टीम और वालंटियर्स को भी पुरस्कृत किया गया। हेड गर्ल काव्या वर्मा, हेड बॉय अनमोल, वाइस कैप्टन तनीषा और बेअंत, स्पोर्ट्स कैप्टन धन्या, हाउस कैप्टन में विरजानंद हाउस से दिव्यांशी और अमानत, दयानंद हाउस से दीपांशी और साहिल पाल, श्रद्धानंद हाउस से ऐरीश और निखिल, विवेकानंद हाउस से अर्शिया और उदय शामिल थे। इसके अतिरिक्त, गार्गी, हिमांशी, कृतिका, शगुन, सौम्या, चिराग, ईशान, उज्जवल, मयंक, अक्षित, और प्रिया सहित अन्य स्कूल टीम के सदस्यों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विविध प्रस्तुतियां दी गईं जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा, विशेष आकर्षण रहे विष्णु स्तुति, पंजाबी गिद्दा, और क्लासिकल डांस। मुख्य अतिथि ने समर्पित शिक्षकों को भी सम्मानित किया, जिनमें कोऑर्डिनेटर वीर सिंह, जगदीश, श्वेता, अमित, गंगा, रीता, मिडल क्लास एक्टिविटी इंचार्ज अंजना, स्पोर्ट्स इंचार्ज वीणा कौशिक, वंदना शर्मा, सीरियल एक्टिविटी इंचार्ज वंदना सोबती, उत्कृष्ट वीडियोग्राफर और कोरियोग्राफर संजू राजपूत का नाम प्रमुखता से शामिल था। कक्षा 12वीं के छात्रों को विशेष पुरस्कार से नवाजा गया, जिनमें बेस्ट स्टूडेंट: तनीषा चौहान, उदय मित्तल अवार्ड: बेअंत सिंह,आर्य कुमारी: प्राणशिता और पावनी, बेस्ट एंकर: अनरज्ञा दीवान और काव्या वर्मा, बेस्ट हाउस इन स्पोर्ट्स: दयानंद हाउस, बेस्ट हाउस इन मॉर्निंग असेम्बली गतिविधियों: श्रद्धानंद हाउस, बेस्ट क्लास इन मिडल क्लासेस: छठी ए, बेस्ट क्लास इन हायर क्लासेस: नौवीं बी, मुख्य अतिथि और प्रिंसिपल ऊषा मित्तल ने छात्रों को संबोधित करते हुए नशे से दूर रहने और देश के निर्माण में अपना योगदान बढ़ाने का संदेश दिया। उन्होंने बच्चों को बताया कि मेहनत, समर्पण और उत्कृष्टता की खोज सबसे महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम का संचालन एक्टिविटी इंचार्ज वंदना सोबती के मार्गदर्शन में कक्षा 12वीं की छात्रा अनरज्ञा दीवान द्वारा किया गया। समारोह का समापन शांति पाठ के साथ हुआ।
यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश का 14वां त्रिवार्षिक सम्मेलन सोलन स्थित हिमानी रिसॉर्ट में आयोजित किया गया, जिसमें पूरे प्रदेश से लगभग 250 अधिकारियों ने भाग लिया । कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना व दीप प्रज्वलन से हुई। कार्यक्रम के प्रथम सत्र के मुख्य अतिथि यूको बैंक के महा प्रबंधक रणजीत सिंह रहे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान डी एस सान्याल ने की। इस अवसर पर अखिल भारतीय यूको बैंक अधिकारी संघ के चेयरमैन दीपांकर मित्र, महासचिव संदीप चौबे, एडवाइजरी काउंसिल के अध्यक्ष अशोक हांडा, हिमाचल इकाई के चेयरमैन जे सी शांडिल, एडवाइजरी काउंसिल के संयोजक रवींद्र कुमार शर्मा,महासचिव पीयूष राठौर ,संयुक्त सचिव दिलावर चौहान के अलावा कई व्यक्ति मौजूद थे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि व अन्य वशिष्ट अतिथियों को सम्मानित कर उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किये गए।अधिकारियों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि हिमाचल के अधिकारी बहुत मेहनती हैं तथा पूरी निष्ठा से काम करते है । उन्होंने कहा कि सभी मिल कर प्रयास करें तथा अपनी जिम्मेवारी को अच्छी तरह से निभाएं। कोई भी खाता खोलती बार बैंक के नियमों का पालन करें। आजकल धोखाधड़ी के मामले व साईबर क्राइम ज़्यादा हो रहे है इनसे खुद भी बचें और बैंक को भी बचाएं। इस अवसर पर महासचिव पीयूष राठौर ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसे उपस्थित सभी अधिकारियों ने ध्वनिमत से स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि बैंक अधिकारियों का जीवन बहुत कठिन हो गया है। उनके बैंक में आने का तो समय है लेकिन जाने का समय नहीं है जिससे परिवारिक जीवन बहुत प्रभावित हो रहा है। बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों से सम्बंधित कई मांगें हैं जो बहुत दिनों से लंबित हैं। 12वे वेतन समझौते में आईबीए ने बैंकों में 5 दिन के सप्ताह को मंजूरी दी थी,जिसे अभी तक लागू नहीं किया जा रहा है। अधिकारियों का स्थानांतरण बहुत दूर किया जा रहा है,बैंकों की शाखाएं बहुत दुर्गम व कठिन क्षेत्रों में हैं जिन्हें नान फैमिली स्टेशन माना जाता है ऐसे स्थानों में से कुछ को नान फैमिली स्टेशन की सूची से मनमाने तरीके से हटाया जा रहा है, जबकि ऐसे क्षेत्रों में खुली नई शाखाओं को नान फैमिली स्टेशन नहीं माना जा रहा है,अधिकारियों के काम करने का समय निर्धारित नहीं है तथा जब प्रबंधन चाहे उन्हें काम पर बुला लेता है। अधिकारियों के कार्य का भी समय तय होना चाहिए तथा यदि बहुत ही जरूरी हो तभी छुट्टी वाले दिन बुलाया जाना चाहिए। अधिकारियों के काम करने का निर्धारित समय न होने के कारण परिवार और कार्य में समन्वय स्थापित नहीं हो रहा है, जिससे अधिकारी मानसिक तनाव में हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों से एकजुट होने का आह्वान किया ताकि अधिकारियों के अधिकारों की लड़ाई इक्कठे होकर लड़ी जा सके। इस अवसर पर नील केतन साहू ने बहुत सुंदर नृत्य प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी, जबकि जयप्रकाश शर्मा ने अपने मधुर कण्ठ में लोक गीत गाकर समां बांध दिया। इस अवसर पर हिमाचल के बैंकों में ट्रेड यूनियन आंदोलन के भीष्मपितामह जे सी शांडिल को अपना पदभार छोड़ने पर भावबीनी विदाई दी गई। इस सम्मेलन में विभिन्न बैंकों की यूनियनों के कई प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। सम्मेलन के अंत में अशोक हांडा चुनाव अधिकारी की देखरेख वर्ष 2024-27 के लिए सर्वसम्मति से नई कार्यकारिणी का गठन किया गया, जिसमें रवींद्र कुमार शर्मा को चेयरमैन, डी एस सान्याल को प्रधान, पीयूष राठौर को महासचिव, अनूप राव व मयूर मेहता को वरिष्ठ उपप्रधान, दिलावर चौहान को संयुक्त सचिव,अभिषेक डोगरा व अमित को उपप्रधान,आशीष माहना, पवन नवालिया व वैभव शर्मा को उप महसचिब, विशाल चौहान व किशोर कुमार को अंचल प्रधान, पार्थ व विक्रांत खनूरिया को अंचल सचिव, दीप्तांशु, रजत,आयूष, अनुराधा,रामकिशन, हितेंद्र, संदीप वर्मा को सह सचिव, अंकुश व रविंद्र कपूर को उप अंचल सचिव, बी के भारद्वाज को एडवाइजरी कौंसिल का चेयरमैन बनाया गया। प्रिंस कापटा, अभिनव,सुनील, रोहित ,हतासन्न, अक्षित,विश्वजीत, सुनील वर्मा, गौरव, अनुराग,भिनव,नेहा को कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया। सम्मेलन के अंत में संयुक्त सचिव दिलावर चौहान ने सभी उपस्थित अतिथियों व अधिकारियों का सम्मेलन को सफल बनाने के लिए धन्यवाद किया।
** 1200 को मिलेगा रोजगार हिमाचल में निवेशकों ने 24 नए उद्योग स्थापित करने के लिए उद्योग विभाग के पास आवेदन किया है। कई बड़े औद्योगिक घराने करीब 600 करोड़ रुपये का निवेश कर यहां अपने उद्योग लगाएंगे। इन उद्योगों में प्रदेश के करीब 1,200 लोगों को रोजगार मिलेगा। राज्य एकल खिड़की स्वीकृति एवं निगरानी प्राधिकरण (सिंगल विंडो) की बैठक में निवेशकों के आवेदनों को मंजूरी मिलेगी। जिन नए उद्याेगों के लिए आवेदन आए हैं उनमें फार्मा, पैकेजिंग, फूड और हेल्थकेयर से संबंधित उद्योग शामिल हैं। सिंगल विंडो की बैठक मुख्यमंत्री सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित होती है। उद्याेग विभाग ने बैठक के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से समय मांगा है। सीएम सेे समय मिलने के बाद बैठक होगी। 23 जुलाई को सिंगल विंडो की बैठक हुई थी। इसमें नए उद्योग स्थापित करने और मौजूदा इकाइयों के विस्तार को 25 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई थी। उसके बाद चार महीनों से बैठक नहीं हुई है। निर्वाना कंकरीट लिमिटेड ने भी हिमाचल में निवेश को लेकर दिलचस्पी दिखाई है। कंपनी प्रबंधन के अधिकारियों ने सोमवार को सचिवालय में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना से मुलाकात की। बैठक में हिमाचल में सीमेंट उद्योग स्थापित करने की संभावनाओं पर विस्तृत विचार विमर्श हुआ। आने वाले दिनों में निर्वाना कंकरीट लिमिटेड के प्रतिनिधि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से भी मुलाकात करने वाले हैं।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) ने वर्ष 2025-26 सत्र से एनईपी-2020 के तहत चार वर्षीय स्नातक डिग्री कोर्स शुरू करने के लिए कवायद तेज कर दी है। एचपीयू ने यूजी कोर्स का एक साल का पाठ्यक्रम भी तैयार कर लिया है। शेष बचे पाठ्यक्रम को तैयार करने के लिए कमेटी गठित की गई है। विवि ने एक साल के पाठ्यक्रम को बोर्ड ऑफ स्टडीज, फैकल्टी और एकेडमिक काउंसिल से एक माह में मंजूरी दिलवाने का लक्ष्य रखा है। विवि का दावा है कि पाठ्यक्रम का 90 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। अब इसे एकेडमिक काउंसिल से मंजूरी दिलवाना बाकी है। इसके बाद इसे विवि की ईसी से भी मंजूरी जरूरी है। एनईपी के तहत चार वर्षीय स्नातक डिग्री कोर्स शुरू होने से फिर से सेमेस्टर सिस्टम लागू होना है। इसके लिए विवि में फिर से परीक्षा प्रणाली सहित बड़ा बदलाव किया तय है। पूरे देश में सेमेस्टर सिस्टम के तहत ही विश्वविद्यालयों ने एनईपी को यूजी में लागू किया है। इससे पहले रूसा के लागू किए जाने पर 2012-13 से 2017 तक विवि में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया गया था। वर्ष 2017 में फिर से वार्षिक परीक्षा प्रणाली शुरू हुई थी। अभी विवि पिछले सेमेस्टर सिस्टम और वर्तमान वार्षिक प्रणाली दोनों के तहत परीक्षाएं संचालित कर रहा है। चार वर्षीय यूजी डिग्री कोर्स शुरू होने पर परीक्षा प्रणाली के साथ-साथ एकेडमिक शेड्यूल में बड़ा बदलाव होना है। विवि पाठ्यक्रम को मंजूरी दिलवाने और आर्डिनेंस में नए रेगुलेशन लागू करने जैसी आवश्यक प्रक्रिया को कम से कम समय में पूरा करने का काम शुरू कर चुका है। इसके लिए एक माह की समय सीमा तय की गई है।एनईपी-2020 के तहत यूजी का चार वर्षीय डिग्री कोर्स शुरू करने के लिए बनी कमेटी में शामिल कॉलेज प्राध्यापक नए सिस्टम को सेमेस्टर की जगह वार्षिक प्रणाली में लागू करने की मांग कर रहे है। कॉलेज प्राध्यापक संघ की अध्यक्ष डॉ. वनिता सकलानी और सचिव संजय कांगो ने कहा कि सभी कॉलेजों में चार साल के डिग्री कोर्स के लिए मूलभूत सुविधाएं कम हैं। डिग्री कोर्स रिसर्च के साथ चरणबद्ध तरीके से बड़े कॉलेजों में चरणों में लागू किया जाए। छोटे कॉलेजों में तीन साल की डिग्री ही जारी रहे। प्रदेश में 48 के करीब कॉलेज ऐसे हैं जहां सिर्फ पांच शिक्षक भी पूरे नहीं हैं। करीब 20 कॉलेज ऐसे हैं जहां बहुत ठंड होने से तीन से चार महीने भी कक्षाएं संभव नहीं हैं, ऐसे में वहां पढ़ाई जारी रखना, परीक्षाएं करवाने समेत खेल गतिविधियों करवाना भी मुश्किल होता है।
हिमाचल में आपदा राहत राशि कहां खर्च की गई, इसको लेकर सरकार ने सभी उपायुक्तों से रिपोर्ट तलब की है। कई जगह राहत राशि का सही उपयोग नहीं होने की शिकायतें मिलने पर राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। जिस काम के लिए राशि जारी की गई है, क्या मौके पर काम हुआ है या नहीं? इसकी रिपोर्ट सरकार ने डीसी से मांगी है। हाल ही में सचिवालय में डीसी और एसपी के साथ बैठक में भी राशि के दुरुपयोग का मामला उठा था। इस पर मुख्यमंत्री ने डीसी से रिपोर्ट तलब कर दी। राशि उन लोगों को दी गई, जिनके आपदा में घर ढह गए थे। कइयों की जमीन बाढ़ के चलते बह गई। सरकार आर्थिक तंगी के बावजूद हिमाचल में भारी बरसात से प्रभावित लोगों के लिए 4,500 कराेड़ रुपये का आपदा राहत पैकेज लाई थी। इसमें 3,500 करोड़ रुपये सरकार ने अपने संसाधनों से खर्च किया, जबकि 1,000 करोड़ मनरेगा के तहत व्यय किया गया। सरकार ने पूरी तरह से क्षतिग्रस्त 3,500 मकानों के निर्माण के लिए सात-सात लाख की मदद करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही घर बनाने के लिए सीमेंट भी सरकारी रेट (280 रुपये प्रति बैग) पर दिया। आवास निर्माण के दौरान बिजली-पानी का खर्चा भी सरकार ने उठाया। कच्चे-पक्के मकानों को नुकसान पहुंचने पर आर्थिक मदद 15 से 25 गुणा बढ़ाई गई। हिमाचल में 16 हजार से अधिक घर आपदा से पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। विधानसभा मानसून सत्र में भी इस मसले पर तीन दिन तक बहस हुई। प्रदेश में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और केंद्र से हिमाचल को विशेष राहत पैकेज की मांग का प्रस्ताव रखा गया। मगर भाजपा ने प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया। प्राकृतिक आपदा के चलते हिमाचल सरकार ने अपने स्तर पर 4,500 करोड़ का राहत पैकेज घोषित किया था। राहत राशि प्रभावितों को दी गई है। इसका सही तरीके से इस्तेमाल किया है या नहीं, उपायुक्तों से रिपोर्ट मांगी गई है।
हिमाचल प्रदेश में फ़िलहाल मौसम शुष्क चल रहा है। हालांकि पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर में सक्रिय हो चुका है, जिसका प्रभाव आज देर रात तक लाहौल- स्पीति, चंबा कांगड़ा के ऊंचाई वालके क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना देखने को मिल सकता है और अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हो सकती है। वहीं इस अवसर पर मौसम विभाग के निर्देशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि वैसे तो कुछ दिनों तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल रहे थे परंतु अब जिस तरह से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ है जिसके चलते आने वाले दिनों में कुछ एक जिलों में तीन डिग्री तक गिर सकते हैं । वहीं उन्होंने कहा कि 14 नवंबर और 15 नवंबर को उतरी भारत में एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है, जिसके चलते चंबा , कांगड़ा ,लाहौल-स्पीति में एक बार फिरसे एक बार हल्की फुल्की बारिश और अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना होने के आसार बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि धुंध की बात की है तो वह भाखड़ा बांध के आसपास का क्षेत्र बिलासपुर में पिछले चार पांच दिनों से सुबह और शाम के समय घने कोरे की संभावना बनी हुई है, जिसके चलते विजिबिलिटी बहुत ही कम बनी हुई है।
पिछले दो दिनों से कुनिहार को नगर पंचायत बनाने के विरोध में जहां तीनों पंचायतों के लोग व विकास सभाएं इसका कड़ा विरोध कर रही हैं तो वहीं आज सोमवार को हाटकोट पंचायत को नगर पंचायत बनाने की मांग को लेकर हिंदुस्तान जन सेवा समिति कुनिहार व अन्य लोगों ने एक बैठक की। हिन्दुस्तान जन सेवा समिति कुनिहार के अध्यक्ष आर पी जोशी ने चर्चा के दौरान बतलाया कि हाटकोट पंचायत को नगर पंचायत बनाये जाने के लिए दिनांक 7-1-2018 को हाटकोट पंचायत ने प्रस्ताव पारित किया था के हाटकोट पंचायत को नगर पंचायत बनाया जाये।ये बहुत ही ज़रूरी है यदि हाटकोट पंचायत को शीघ्र ही नगर पंचायत नहीं बनाया जाता है तो भविष्य में हाटकोट की प्राचीन गलियाँ और सड़के पूर्ण रूप से बंद या अवरुद्ध हो जाएगी सिर्फ़ राजस्व विभाग के लट्ठे में ही नज़र आएगी । उन्होंने कहा कि कुछ गालियां तो ऐसी है यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो लाश को निकाल पाना मुश्किल हो गया है कभी ये गालियां व सड़कें काफ़ी चोडी होती थी परन्तु आज ये सिकुड़ कर रह गई है। आर पी जोशी ने कहा कि हमने कभी भी कुनिहार और कोठी पंचायत को नगर पंचायत बनाने के लिए कोई पत्राचार नहीं किया न ही किसी को पत्र लिखा। जो लोग हाटकोट पंचायत को नगर पंचायत बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं मैं इनसे पूछना चाहता हूँ क्या इन्होंने कभी कुनिहार में अटल आदर्श स्कूल जिसका कार्य आरंभ हो गया था, जिसकी घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री ने की थी निर्माण शुरू करवाने के बारे में सरकार या प्रशासन से कोई बीतचीत या कोई पत्राचार किया, कुनिहार तहसील के भवन जिसके लिए पूर्व सरकार द्वारा 50 लाख रूपये मंज़ूर किये थे जिसके लिए कुनिहार ब्लॉक में तहसील के लिए ज़मीन आबंटीत हुई थी भवन को ना बनाने के लिए कोई रोष किया या रैली निकाली या कोई पत्राचार किया। इसके अलावा कुनिहार आई पी एच विभाग में सहायक अभियंता की पोस्ट पूर्व सरकार से मंज़ूर करवाई थी लेकिन कांग्रेस सरकार ने आते ही इस पोस्ट की अधिसूचना को रद्द कर दिया था क्या इस पोस्ट को बहाल करवाने के लिए इन लोगों ने कोई पत्राचार किया या किसी मन्त्री से मिले नहीं,ये सिर्फ़ अपनी राजनीति चमकाने के लिए और अख़बारों की सुर्ख़ियों में रहने के लिए और हाटकोट का विकास रुकवाने के लिए कार्य करते रहते हैं।इस बैठक में हाटकोट के वरिष्ठ नागरिक,भारतीय राज्य पैंशन महासंघ कुनिहार के सदस्य, सपारक ग्रूप रजिस्टर हाटकोट के सदस्य इन्द्र पाल शर्मा, मोहन लाल भारद्वाज,ओमप्रकाश गर्ग,अशोक कुमार ,जगदीश चंदेल, गोपाल कृष्ण, सुभाष शर्मा,भगवान सिंह वर्मा, हरी दास, हेत राम आदि शामिल रहे।
** स्कूल के प्रधानाचार्य ने बच्चों को दी बधाई बी एल सेंट्रल वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल कुनिहार के 4 छात्र- छात्राओं ने राज्य स्तरीय खेलों में अपना दबदबा कायम रखा है I जानकारी देते हुए विद्यालय अध्यक्ष ने बताया की हमे यह बड़े गर्व की बात है की वंशिका ठाकुर , सिमरन, अर्निका और शिवम् भरद्वाज ने जिला हमीरपुर में आयोजित राज्य स्तरीय अंडर-19 छात्र -छात्रा खेलकूद प्रतियोगिता शॉट पुट व डिसक्स थ्रो प्रतियोगिता में भाग लिया था, जिसमे वंशिका ठाकुर ने शॉट पुट में गोल्ड मैडल, शिवम भरद्वाज ने सिल्वर मैडल और सिमरन ने ऊँची कूद में सिल्वर मैडल सोलन जिले के नाम किया, जिससे वंशिका, सिमरन, शिवम और U -14 में जिगर का चयन राष्ट्रीय स्तर की खेल कूद सपर्धा के लिए हुआ है Iविद्यालय आने पर वंशिका ठाकुर , सिमरन, अर्निका और शिवम भरद्वाज और इनके अभिभावकों का फुल मालाओं के साथ भव्य स्वागत किया गया और मिठाई खिलाकर सम्मानित किया गया I उन्होंने बताया कि इस स्पर्धा के लिए उच्चतर शिक्षा निदेशक हिमाचल प्रदेश व प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक हिमाचल प्रदेश के मार्गदर्शन से आयोजित राज्य सतरीय खेल कूद प्रतियोगिता में विद्यालय के बच्चों ने अपना परचम लहराया है I विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष ने ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा की इस वर्ष चार बच्चों का राष्ट्रीय स्तर पर चयन होने से विद्यालय के लिए बड़े हर्ष की बात है I विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष ने इस उपलब्धि के लिए उच्च उप शिक्षा निदेशक सोलन जगदीश नेगी , शिव कुमार शर्मा प्रारम्भिक उपशिक्षा निदेशक सोलन का धन्यवाद व्यक्त किया है और कहा कि इनके मार्ग दर्शन से ये बच्चे हिमाचल प्रदेश का नेतृत्व कर विद्यालय का, इलाके का और हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन करेगी I विद्यालय प्रधानाचार्य पुर्शोतम गुलेरिया, मुख्याध्यापिका सुषमा शर्मा ने इस उपलब्धि के लिए वंशिका ठाकुर, सिमरन और शिवम, शारीरिक शिक्षक अरुणा शर्मा और अमर देव उनके अभिभावकों को भी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है व उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।