भाजपा युवा नेता आश्रय शर्मा ने आज जारी बयान में कहा कि लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह हिमाचल की सीमा से बाहर जाते और वापिस हिमाचल आते समय अपने ही बयानों से पलट जाते हैं। उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से उन्होंने देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को लेकर बयान दिया कि हिमाचल की जनता ने उन्हें जवाब दिया है, वो शायद यह भूल गए हैं कि हिमाचल की और विशेषकर मंडी लोकसभा क्षेत्र की जनता ने उन्हें अपने जनादेश देकर नकार दिया है। आश्रय ने कहा कि जब लोक निर्माण मंत्री कुछ मांगने दिल्ली जाते हैं तो भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों की तारीफ करते हैं और वापिस आते ही उनको देश के प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों में कमियां दिखाई देने लगती हैं, जिससे उनके पूर्व बयानों का वह स्वयं ही कटाक्ष कर देते हैं। आश्रय ने कहा कि वह उनको याद दिलाना चाहते हैं कि पिछले छह महीनों में वह एक बार इस्तीफा देकर फिर शाम को इस्तीफा वापिस ले चुके हैं और अगर वह इस दौरान अपने बयानों का आकलन करें तो उनमें ही विरोधाभास साफ नजर आता है। आश्रय ने कहा कि देवभूमि की जनता ने भाजपा पर पूरा विश्वास जताया है और चारों लोकसभा सीट भाजपा की झोली में डालकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के विधायकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जबकि कांग्रेस को 61 विधानसभा में जनता ने नकार दिया है, तो बेहतर होगा कि लोक निर्माण मंत्री जिनके अपने विधानसभा क्षेत्र में भी कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में लीड नहीं मिल पाई, वो आत्मचिंतन करें।
हिमाचल में दूध खरीद मूल्य बढ़ने का असर अब धरातल पर दिखने लगा है। महिलाएं घर में खेती बाड़ी के काम में पुरुषों का सहयोग करने के साथ दुग्ध कारोबार से जुड़ कर आर्थिक तौर पर भी आत्मनिर्भर हो रही हैं। इसका बड़ा उदाहरण प्रदेश में 1148 ग्राम दुग्ध सहकारी समितियां हैं, जिनके कुल सदस्यों की संख्या 47,905 हैं। इनमें अकेले महिलाओं की संख्या 19,388 तक पहुंच गई है। प्रदेश सरकार ने दूध कारोबार को ऊंचाई देने के लिए राज्य में 11 दुग्ध संयंत्र और 116 बल्क मिल्क कूलर भी स्थापित किए हैं। हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में दुग्ध उत्पादन से जुड़ी गतिविधियों की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसे बढ़ावा देने के लिए सरकार ने दूध के खरीद मूल्य में एक मुश्त भारी बढ़ोतरी की है। प्रदेश में गाय के दूध का खरीद मूल्य 45 रुपए और भैंस के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य 55 रुपए प्रति लीटर तय किया गया है, जिसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की पशुपालन में रुचि बढ़ी है। प्रदेश में पशुपालन से जुड़ी महिला घर द्वार पर दूध बेच कर हर महीने औसतन 12 हजार से 15 हजार की कमाई कर रही हैं। इसके अलावा महिलाएं कृषि और बागवानी के क्षेत्र में भी पुरुषों का सहयोग कर रही हैं। प्रदेश सरकार दुग्ध प्रसंस्करण और इसकी गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दे रही है, जिसके लिए प्रदेश में दुग्ध संयंत्रों का भी चरणबद्ध तरीके से उन्नयन किया जा रहा है। हिम-गंगा योजना के तहत जिला कांगड़ा स्थित ढगवार में 250 करोड़ रुपये की लागत से विश्व स्तरीय दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। इस संयंत्र की क्षमता को बढ़ाकर 3 लाख लीटर प्रतिदिन करने की योजना है। इस संयंत्र में अत्याधुनिक तकनीक से दूध का पाउडर बनाया जाएगा, जिसमें मांग से अधिक दूध को लंबे समय तक संरक्षित किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त दही, खोया, घी, आइसक्रीम, फ्लेवर्ड मिल्क, पनीर और अन्य उत्पाद भी तैयार किए जाएंगे। इस संयंत्र में अल्ट्रा हीट तकनीक से पैकिंग की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी। प्रदेश में दूध कारोबार को उद्योग के तौर पर स्थापित करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए स्थानीय युवाओं को किसानों व एकत्रीकरण केंद्रों से दूध प्रसंस्करण संयंत्रों तक दूध ले जाने के लिए 200 रेफ्रिजरेटर मिल्क वैन उपलब्ध करवाने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार ने दुग्ध संयंत्र कुल्लू, हमीरपुर, नाहन और दुग्ध संयंत्र ऊना की क्षमता 20-20 हजार लीटर करने की योजना भी बनाई है। दुग्ध विपणन प्रक्रिया और इसके परिवहन का युक्तिकरण भी किया जा रहा है। दुग्ध उत्पादन समितियों के पंजीकरण कार्य में तेजी लाई है, इसके लिए समितियों को हर संभव सहयोग प्रदान किया जा रहा है। वहीं मिल्कफेड के ट्रेडमार्क ‘हिम’ का केंद्र सरकार से पंजीकरण करवाया गया है। प्रदेश मिल्कफेड की ओर से राज्य में 102 ऑटोमेटिक मिल्क कलेक्शन यूनिट स्थापित किए गए हैं और दूर-दराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण दूध एकत्र करने के लिए 320 लीटर क्षमता के 55 मिल्क कूलर छोटी समितियों को उपलब्ध करवाए गए हैं।
किन्नौर के कल्पा ब्लॉक में निर्माणाधीन 450 मेगावाट कड़छम शोगंटोंग जल विद्युत परियोजना समय पर तैयार न होने से सरकार को प्रतिवर्ष 60 करोड़ रुपये की क्षति पहुंच रही है। सूत्रों के अनुसार इस परियोजना का निर्माण होने से हिमाचल सरकार को विद्युत उत्पादन की 12 प्रतिशत रॉयल्टी मिलनी है। 2017 में तैयार होने वाली परियोजना का समय काफी लंबा खिंच गया है। इसके चलते सरकार को अब तक अरबों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। सरकार के साथ-साथ जिले की छह पंचायतों के ग्रामीणों को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है। बताते चलें कि हिमाचल प्रदेश पावर कोरपोरेशन लिमिटेड की 450 मेगावाट कड़छम शोगंटोंग जल विद्युत परियोजना के निर्माण कार्य की मुख्य ठेकेदार पटेल कंपनी है, जबकि पटेल कंपनी ने आगे 27 ठेकेदारों को काम दिया है। पटेल कंपनी ने इस परियोजना के निर्माण कार्य को वर्ष 2012 में शुरू किया था, जो करीब 12 वर्ष की लंबी अवधि गुजर जाने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। परियोजना के निर्माण कार्य का लक्ष्य 2017 निर्धारित किया गया था, लेकिन एचपीपीसीएल और पटेल कंपनी की लेटलतीफी के चलते सरकार ने 2026 तक परियोजना का कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में हो रहे कार्यों को देखकर लगता नहीं कि 2026 तक भी इस परियोजना का कार्य पूरा हो पाएगा। एचपीपीसीएल और पटेल कंपनी के ढुलमुल रवैये को देखते हुए सरकार को अभी करोड़ों रुपये का और नुकसान होगा। वहीं, समय के साथ-साथ पावर प्लांट बनाने की लागत भी बढ़ती जाएगी। गौर रहे कि एचपीपीसीएल प्रबंधन की फरवरी से बैठक नहीं हो पाई है। इसके चलते पटेल कंपनी को बजट के अभाव से जूझना पड़ रहा है और परियोजना का कार्य धीमी गति से चल रहा है। बजट की कमी के कारण कंपनी ने मई से पावर हाउस, नहर का काम, सर्च कर्क्स का काम शुरू किया है। सिर्फ डैम का काम शुरू नहीं हो पाया है। बजट मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा- बीरेंद्र शर्मा, महाप्रबंधक, पटेल कंपनी दिसंबर 2026 तक 450 मेगावाट कड़छम शौंगटों परियोजना का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। बैराज के लिए 7 हेक्टेयर जमीन का जल्द ही अधिग्रहण किया जाएगा- खेम सिंह ठाकुर, प्रबंध निदेशक, पावर कॉरपोरेशन, हिमाचल प्रदेश 450 मेगावाट कड़छम शौंगटों परियोजना का कार्य एचपीपीसीएल ने पटेल कंपनी को दिया है। इन दोनों की आपसी लड़ाई के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
हिमाचल प्रदेश में रोजगार का सपना देख रहे युवाओं के लिए सुनहरा अवसर है। सरदार पटेल विश्वविद्यालय में गेस्ट टीचर के लिए साक्षात्कार आयोजित किए जा रहे है। यह साक्षात्कार 23 जुलाई से सरदार पटेल विश्वविद्यालय में ही होंगे। एसपीयू में 35 गेस्ट टीचर्स की भर्ती की जानी है। ऐसे युवा जिन्होंने पीएचडी या नेट क्वालीफाई किया है, वह इन पदों के लिए एलिजिबल होंगे। चयनित होने पर इन युवाओं को 35 हजार रुपए मासिक वेतन दिया जाएगा। उम्मीदवारों का चयन वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से होगा। एसपीयू ने पीएचडी और नेट पास युवाओं के लिए 23, 24 और 25 जुलाई को वॉक इन इंटरव्यू रखे हैं। साक्षात्कार प्रो. कुलपति कार्यालय में होंगे। यूनिवर्सिटी में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ, अंग्रेजी, योग, ईवीएस, इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री, कंप्यूटर साइंस, बॉटनी, जूलॉजी, पर्यावरण विज्ञान मैनेजमेंट, हिस्ट्री और पब्लिक में इन टीचर्स की भर्ती होगी। 23 जुलाई को सुबह 11 बजे केमिस्ट्री, मैथ, अंग्रेजी और योग, ईवीएस गेस्ट फैकल्टी के इंटरव्यू होंगे। 12 बजे केमिस्ट्री, 1 बजे इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री और 3 बजे कंप्यूटर साइंस गेस्ट फैकल्टी के लिए इंटरव्यू होगा। 24 जुलाई को सुबह 11 बजे बॉटनी, 12 बजे जूलॉजी, 1 बजे एनवायर्नमेंटल साइंस गेस्ट फैकल्टी के लिए इंटरव्यू होगा। 25 जुलाई को सुबह 11 बजे मैनेजमेंट, 12 बजे की इतिहास और एक बजे पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के लिए इंटरव्यू में लिया जाएगा। उम्मीदवारों को अपने आवेदन पत्र के साथ मार्कशीट, प्रमाण पत्र, डिग्री और अन्य दस्तावेजों लाने होंगे। गेस्ट टीचर की नियुक्ति पूरी तरह से अस्थायी आधार और एक सुख सेमेस्टर के लिए है। यहां इन्हें किसी भी स्तर पर नियमितीकण, स्थायी पद नहीं दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून भले ही 27 जून को दस्तक दे दी हो, लेकिन राज्य में मानसून सीजन में बारिश उम्मीद से काफी कम हुई है। प्रदेश में कम हुई बारिश को देखते हुए मानसून को कमजोर माना जा रहा है। इस मानसून सीजन में 1 जून से अब तक 43 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 27 जून को हिमाचल प्रदेश में पहुंचे दक्षिण-पश्चिम मानसून के कमजोर और अनिश्चित बने रहने के कारण अब तक प्रदेश में 43 फीसदी कम बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल प्रदेश में 1 जून से 21 जुलाई के बीच सामान्य बारिश 266.4 मिमी की के मुकाबले सिर्फ 151.6 मिमी ही बारिश हुई। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश के बावजूद, राज्य के सभी 12 जिलों में बारिश की कमी दर्ज की गई। जुलाई माह में 21 जुलाई रविवार तक प्रदेश में 36 प्रतिशत बारिश में कमी दर्ज की गई है, जिसमें प्रदेश भर में 165.3 मिमी बारिश के मुकाबले महज 105.1 मिमी बारिश हुई है। मौसम विभाग शिमला कार्यालय ने प्रदेश में भारी बारिश की आशंका को देखते हुए सोमवार और मंगलवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार और मंगलवार को राज्य के अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश, आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में अगले 2 से 3 दिनों में मानसून की गतिविधि बढ़ने की संभावना है। इस दौरान प्रदेश में मध्यम तीव्रता की व्यापक वर्षा हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार इस सोमवार और मंगलवार को बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, चंबा, कुल्लू, सोलन और सिरमौर में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका है। मौसम विभाग ने स्थानीय लोगों और बागवानों को बागवानी और खड़ी फसलों के नुकसान होने, कमजोर संरचनाओं को आंशिक नुकसान, तेज हवाओं के कारण कच्चे घरों और झोपड़ियों को नुकसान होने की आशंका जताई है। वहीं, मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए यातायात में व्यवधान और निचले इलाकों में जलभराव को लेकर लोगों को आगाह किया गया है। हिमाचल प्रदेश में 27 जून को मानसून के एंट्री से लेकर अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 40 लोगों की मौ*त हो चुकी है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार बारिश के कारण राज्य को 329 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
हिमाचल में आज सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर सहित तीन नवनिर्वाचित विधायक आज शपथ लेंगे। विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह रखा गया है। सीएम की पत्नी कमलेश ठाकुर देहरा से चुनाव जीती हैं। इसी तरह से नालागढ़ विधानसभा सीट से हरदीप सिंह चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने हैं। हमीरपुर विधानसभा सीट पर आशीष शर्मा भाजपा टिकट पर चुनाव जीतने के बाद दूसरी बार विधायक पद की शपथ लेंगे। ऐसे में अब विधानसभा सदस्यों की संख्या 68 हो जाएगी। हिमाचल विधानसभा में अब सदस्यों की संख्या 68 हो जाएगी। इसमें कांग्रेस विधायकों की संख्या 40 होगी। प्रदेश में 27 फरवरी को घटे राजनीतक घटनाक्रम से पहले भी कांग्रेस विधायकों की संख्या 40 थी। इसी तरह से भाजपा विधायकों की संख्या अब बढ़कर 28 तक पहुंच गई है। पहले यही संख्या 25 थी। वहीं, अब विधानसभा में एक भी निर्दलीय विधायक नजर नहीं आएगा। इससे पहले तीन निर्दलीय विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन तीनों निर्दलीय विधायकों ने 22 मार्च को अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने 3 जून को स्वीकार किया। ऐसे में खाली हुए तीन विधानसभा क्षेत्रों देहरा, नालागढ़ व हमीरपुर में 10 जुलाई को मतदान हुआ, जिसमें देहरा से कांग्रेस के टिकट पर कमलेश ठाकुर और नालागढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी हरदीप सिंह बावा ने चुनाव जीता। वहीं, हमीरपुर सीट पर भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा चुनाव जीतकर दूसरी बार विधायक बने हैं। हिमाचल विधानसभा के सदन में अब इतिहास बनने जा रहा है। वह ऐसे कि इस बार विधानसभा में पहली बार पति और पत्नी की जोड़ी एक साथ नजर आएगी। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू नादौन से और उनकी धर्म पत्नी कमलेश ठाकुर देहरा से उपचुनाव जीतकर पहली विधायक बनी हैं। ये जोड़ी अब मानसून सत्र में विधानसभा के एक साथ नजर आएगी। इससे पहले सदन में पिता-पुत्र पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह की जोड़ी नजर आ चुकी है। जो वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद सदन में एक साथ दिखे थे। हिमाचल विधानसभा में एक और इतिहास बन गया है। यहां पहली बार ऐसा हुआ है कि पांच साल के कार्यकाल के लिए चुने गए तीन विधायक अलग अलग पार्टी चिन्ह पर चुनाव जीतने के बाद दूसरी बार विधायक विधायक बने हैं। इसमें धर्मशाला से वर्ष 2022 में कांग्रेस टिकट पर सुधीर शर्मा चुनाव जीतकर विधायक बने थे और अब 2024 के उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद फिर से विधायक बने हैं। इसी तरह से बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह पर विधायक बने थे, अब 2024 के उपचुनाव में भाजपा टिकट पर चुनाव जीत कर फिर से विधायक बन गए हैं। इन दोनों ही विधायकों को शपथ दिलाई जा चुकी है। वहीं हमीरपुर सीट से आशीष शर्मा वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में पहली बार निर्दलीय चुनाव लड़े और पहली बार विधायक बने थे। अब 2024 के उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर फिर से विधायक बने हैं, जो आज विधायक पद की शपथ लेंगे।
भारत सरकार के महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग द्वारा आरंभ की गई मिशन शक्ति योजना के तहत जनजातीय जिला किन्नौर में महिलाओं के कल्याण के लिए 100 दिन विशेष जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। यह जानकारी आज यहां जिला कार्यक्रम अधिकारी किन्नौर संजोक सिंह मैहता ने दी। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत जिला के निचार उपमण्डल की कटगांव पंचायत के विभिन्न गांव में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया तथा लोगों को केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के हित में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से अवगत करवाया गया। इस दौरान महिलाओं का चैक-अप भी किया गया तथा उन्हें स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी प्रदान की गई। शिविर में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना, वन स्टॉप सैन्टर तथा महिलाओं के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए हैल्पलाईन नम्बर बारे विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इसके अलावा महिला सशक्तिकरण के लिए आरंभ की गई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री शगुन योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना, बेटी है अनमोल व विधवा पुनर्विवाह योजनाओं की भी उपस्थित महिलाओं को जानकारी प्रदान की गई। इसके अलावा पुलिस विभाग द्वारा महिलाओं को यौन उत्पीड़न के मामलों पर भी विस्तृत जानकारी दी गई।
भारत सरकार के महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग द्वारा आरंभ की गई मिशन शक्ति योजना के तहत जनजातीय जिला किन्नौर में महिलाओं के कल्याण के लिए 100 दिन विशेष जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। यह जानकारी आज यहां जिला कार्यक्रम अधिकारी किन्नौर संजोक सिंह मैहता ने दी। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत जिला के निचार उपमण्डल की कटगांव पंचायत के विभिन्न गांव में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया तथा लोगों को केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के हित में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से अवगत करवाया गया। इस दौरान महिलाओं का चैक-अप भी किया गया तथा उन्हें स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी प्रदान की गई। शिविर में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना, वन स्टॉप सैन्टर तथा महिलाओं के लिए सरकार द्वारा जारी किए गए हैल्पलाईन नम्बर बारे विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इसके अलावा महिला सशक्तिकरण के लिए आरंभ की गई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री शगुन योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना, बेटी है अनमोल व विधवा पुनर्विवाह योजनाओं की भी उपस्थित महिलाओं को जानकारी प्रदान की गई। इसके अलावा पुलिस विभाग द्वारा महिलाओं को यौन उत्पीड़न के मामलों पर भी विस्तृत जानकारी दी गई।
**प्रदेश में 22 और 23 जुलाई को कुछ जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट **अगस्त में मानसून के रफ्तार पकड़ने की संभावना प्रदेश में बरसात की गति धीमी बनी हुई है। बरसात में अभी तक सामान्य से 40 फीसदी तक कम बादल बरसे हैं मौसम विभाग ने अगले तीन से चार दिनों के दौरान बरसात में बढ़ोतरी के आसार जताए हैं और 22 और 23 जुलाई को कुछ जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। उसके बाद जुलाई के अंत तक मानसून में कमी देखने को मिलेगी मौसम विभाग के अनुसार अगस्त माह की शुरुआत में मॉनसून के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि अगले तीन से चार दिनों तक प्रदेश में वर्षा में तेजी आने की संभावना है इसके लिए विभाग ने अलर्ट जारी किए हैं। उन्होंने बताया के प्रदेश के चार जिला शिमला, मंडी, कांगड़ा और बिलासपुर मे सामान्य के आसपास वर्षा हुई है जबकि बाकी क्षेत्रों में बारिश सामान्य से कम दर्ज की गई है। सबसे कम बारिश लाहौल स्पीति, सिरमौर, सोलन और ऊना मे हुई है। उन्होंने कहा कि जुलाई माह में मानसून कम ही असरदार रहेगा जबकि अगस्त माह की शुरुआत में मानसून के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है। पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर पड़ने और बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाओं में इस बार कमी पाई गई है जिसके चलते पहाड़ों में बारिश कम हो रही है।
**मानसून में अब तक 186 करोड़ का हुआ नुकसान, 31 लोगों की हुई मौ*त हिमाचल प्रदेश में 27 जून को मानसून की एंट्री हुई थी। मौसम विभाग द्वारा प्रदेश में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना जताई थी, मगर प्रदेश में अभी भी ज्यादातर हिस्सों में बारिश सामान्य से भी कम रही है। मौसम विभाग शिमला द्वारा तीन दिनों तक बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। बुधवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी रहा। मौसम विभाग ने प्रदेश में 23 जुलाई तक बारिश को लेकर संभावना जताई है। 18, 19 और 20 जुलाई को हिमाचल में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि प्रदेश के अधिकतर हिस्से में बारिश की कमी दर्ज की जा रही है, जिसका सीधा असर कृषि और बागवानी पर पड़ रहा है। वहीं, कई जगहों पर मानसून तबाही बन कर बरसा है। मौसम विभाग ने आगामी दो दिनों के लिए प्रदेश में बारिश से बागानों, बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान, कमजोर संरचनाओं को आंशिक नुकसान, तेज हवाओं और बारिश के कारण कच्चे घरों और झोपड़ियों को मामूली नुकसान की आशंका जाहिर की है। इसके साथ ही ट्रैफिक जाम की समस्या, निचले इलाकों में पानी भरने को लेकर भी चेतावनी जारी की है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक 27 जून को मानसून की एंट्री से लेकर 17 जुलाई तक प्रदेश को बरसात से 186 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि बारिश से संबंधित घटनाओं में 31 लोगों की अब तक मौ*त हो गई है।
हिमाचल प्रदेश के कई भागों में बीते 24 घंटों के दौरान बादल झमाझम बरसे। धर्मशाला में 142.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। उधर, किन्नौर जिले में पोवारी के समीप पहाड़ी से भूस्खलन के कारण मार्ग यातायात के लिए बाधित हो गया। लोग पैदल सफर करने के लिए मजबूर हैं। मार्ग बहाली का काम चल रहा है। वहीं निगुलसरी में नेशनल हाईवे पांच पर सफर करना जोखिम भरा बना हुआ है। गमरूर 53.0, बैजनाथ 36.0, ओलिंडा 32.2,पालमपुर 22.4 व कांगड़ा में 19.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
हिमाचल प्रदेश में विद्यार्थियों की कम संख्या वाले स्कूल मर्ज करने के फैसले से जेबीटी नियुक्तियां लटक गई हैं। बीते दिनों 1161 नवनियुक्त शिक्षकों को आवंटित किए गए स्कूल बदलने को प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने सरकार से मंजूरी मांगी है। पांच विद्यार्थियों की संख्या वाले करीब 700 स्कूल प्रदेश में मर्ज किए जाने हैं। कुछ जिलों में बैचवाइज आधार पर चुने शिक्षकों की सूची जारी हो चुकी है। इन सूचियों में ऐसे स्कूलों में भी जेबीटी शिक्षकों को नियुक्तियां दे दी गई हैं, जिन्हें आने वाले दिनों में विद्यार्थियों की कम संख्या के चलते मर्ज किया जाना है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने आगामी फैसला होने तक अन्य जिलों में बैचवाइज भर्तियों का परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बीते दिनों तैयार की गई नियुक्तियों की सूची को अब नए सिरे से बनाया जाएगा। देखा जा रहा है कि जिन स्कूलों में नियुक्तियां की गई हैं वहां कितने विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इन स्कूलों में कितने शिक्षक पहले से नियुक्त हैं। इस जानकारी को जुटाने के बाद बैचवाइज आधार पर चुने गए शिक्षकों को आवंटित किए जाने वाले स्कूलों में फेरबदल किया जाएगा। ऐसे में जेबीटी की नियुक्तियां होने में अभी कुछ और समय लग सकता है। शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्कूलों में भी शिक्षकों की नियुक्ति करने जा रहा है। इन स्कूलों में नए जेबीटी शिक्षक तैनात किए जाएंगे या फिर वरिष्ठ शिक्षकों को बदला जाता है इस पर फैसला किया जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि जेबीटी शिक्षकों को नियुक्ति देने की फाइल सरकार की मंजूरी के लिए भेजी गई है। जल्द ही नियुक्ति आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
प्रदेशभर में पिछले तीन दिनों से लोगों के हिमाचली प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, कृषक प्रमाण पत्र और ईडब्लूएस सहित कई प्रमाण पत्र ऑनलाइन नहीं बन पा रहे जिसके कारण जनता को सरकारी दफ्तरों में भटकना पड़ रहा है। ये ही नहीं लोगों के अब ऑनलाइन अपडेट होने वाले इंतकाल और लोन से संबंधित कार्य भी नहीं हो रहे है। वहीं, तहसीलदार और एसडीएम की ओर से लोगों की सुविधा के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप्स से भी पटवारी और कानूनगो एग्जिट हो गए है। इन सभी असुविधाओं के पीछे कारण है पटवारियों और कानूनगो की सरकार से नाराजगी दरसअल राजस्व विभाग में कार्यरत पटवारियों और कानूनगो को स्टेट कैडर का दर्जा दिए जाने के फैसले से ग्रामीण राजस्व विभाग के अधिकारी सुक्खू सरकार के खिलाफ भड़क गए हैं. इसी नाराज़गी के चलते हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने 15 जुलाई से प्रदेश भर में लोगों को ऑनलाइन सेवाएं देने की सुविधा बंद कर दी है। नाराज़गी सरकार से है और जनता को इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ रहा है। बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब सरकार ने ये फैसला लिया हो। पिछले साल 18 नवंबर को भी ये अधिसूचना जारी की गई थी, लेकिन उसी दिन देर शाम तक हिमाचल प्रदेश संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ के विरोध के बाद सरकार ने फैसला वापस ले लिया थ। लेकिन अब सरकार ने फिर से पटवारी और कानूनगो स्टेट कैडर का दर्जा दे दिया है। बता दें कि ऑनलाइन सुविधा बंद किए जाने से महिलाएं 1500 मासिक पेंशन लेने के लिए फॉर्म जमा नहीं कर पा रही है क्यूंकि इसके लिए हिमाचली प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। इस सबसे जनता परेशान है मगर सरकार सुध नहीं ले रही। वहीँ हिमाचल प्रदेश संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी का कहना है कि स्टेट कैडर के फैसले को वापस नहीं लिए जाने तक विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश महासंघ की बैठक में आगामी रणनीति भी तैयार की जाएगी।
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बारिश होने से एक बार फिर से निगुलसरी में भूस्खलन होना शुरू हो गया है। निगुलसरी में बुधवार सुबह के समय पहाड़ी से पत्थर गिरने से एक व्यक्ति घाय*ल हो गया है। सूचना मिलते ही पुलिस और स्थानीय लोगों ने घाय*ल को तुरंत अस्पताल पहुंचाया। भूस्खलन से जेसीबी मशीन को नुकसान पहुंचा है। सुबह एनएच पांच निगुलसरी के पास बंद रहा, लेकिन अब बहाल कर दिया गया है।
प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने 1029 टीजीटी को स्कूलों में नियुक्ति दे दी है। विभाग के निदेशक की ओर से इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं। नवनियुक्त शिक्षकों को 10 दिन में स्कूलों में सभी औपचारिकताएं पूरी कर ज्वाइन करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने नवनियुक्त शिक्षकों की डाईट में 15 दिन की इंडक्शन ट्रेनिंग को लेकर भी शैड्यूल जारी कर दिया है। इस दौरान टीजीटी आर्ट्स में 416, टीजीटी नॉन-मेडिकल में 300, टीजीटी मेडिकल में 170, स्पोर्ट्स कोटा में 48, वाइफ ऑफ एक्स-सर्विसमैन मेडिकल में 20 और वाइफ ऑफ एक्स-सर्विसमैन नॉन-मेडिकल में 19 और एक्स-सर्विसमैन कोटा में 56 को नियुक्ति दी गई है। शिक्षकों को ज्वाइन करने के बाद शैड्यूल के तहत एलोट किए गए डाईट सैंटर में रिपोर्ट करने को कहा गया है। इस दौरान एक सैंटर को 2 से 3 जिले दिए गए हैं। ट्रेनिंग लेने के बाद ही शिक्षक स्कूलों में छात्रों को पढ़ाएंगे। इस दौरान छात्र संख्या को देखकर शिक्षकों को स्कूलों में तैनाती दी गई है। अधिकतर नवनियुक्त शिक्षकों को दूरदराज के क्षेत्रों के स्कूलों में तैनात किया गया है। बता दें कि इसके लिए बीते नवम्बर महीने में काऊंसलिंग की गई थी और अब जाकर इसका रिजल्ट घोषित किया गया है।
हिमाचल प्रदेश में पटवारियों व कानूनगो का विरोध जारी रहा हैं। इससे लोगों को विशेषकर प्रमाण पत्र बनाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रदेश के उन सभी उपमंडल क्षेत्रों में पटवारियों ने संबंधित उपायुक्त व एसडीएम के माध्यम से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन सौंपा। राजधानी शिमला में संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ जिला शिमला के बैनर तले पटवारियाें व कानूनगो ने जिला शिमला अध्यक्ष चमन ठाकुर की अध्यक्षता में पहले डीसी शिमला अनुपम कश्यप तथा बाद में एसडीएम ग्रामीण को ज्ञापन सौंपा। अपने ज्ञापन में पटवारियों व कानूनगो ने प्रदेश सरकार के उस निर्णय का विरोध किया है, जिसमें पटवारियों व कानूनगो के जिला काडर को स्टेट काडर बनाया गया है। महासंघ के जिला अध्यक्ष चमन ठाकुर ने कहा कि इस निर्णय से कई तरह की परेशानियां खड़ी होंगी। ऐसे में प्रदेश सरकार अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करे तथा इसे वापस ले। राज्य सरकार द्वारा जिला काडर को स्टेट काडर बनाने के विरोध में उतरे पटवारी व कानूनगो बुधवार यानी 17 जुलाई कुल्लू में रणनीति बनाएंगे। संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ की बैठक कुल्लू में होगी। इस बैठक में यह निर्णय लिया जाएगा कि भविष्य में किस तरह से विरोध किया जाए, जिससे सरकार पर दबाव डाला जा सके। इसके तहत पटवारी व कानूनगो पैन डाऊन स्ट्राइक भी कर सकते हैं।
**बसों में ई-टिकटिंग मशीनों की सुविधा बन रही हैं सिरदर्द हिमाचल में पथ परिवहन निगम की बसों में ई-टिकटिंग मशीनों की सुविधा सिरदर्द बनती जा रही है। बीते तीन दिनों से यात्रियों को कार्ड के अलावा ऑनलाइन भुगतान की सुविधा नहीं मिल पा रही है। इससे मजबूरी में यात्रियों को नकदी देकर ही यात्रा करनी पड़ रही है। ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रदेशभर में ही ई-टिकटिंग का सर्वर बंद हो गया है। निगम की ओर से ई-टिकटिंग मशीनें यात्रियों की सुविधा के लिए बसों में परिचालकों को दी गई हैं, लेकिन तीन दिन से सर्वर न चल पाने से टिकट ही जनरेट नहीं हो पा रहे हैं। इस कारण यात्री गुगल-पे, फोन-पे या अन्य एप से पेमेंट की सुविधा नहीं ले पा रहे हैं। यदि कोई यात्री स्कैन कर पैसे अदा भी कर रहा है तो भी उसे टिकट नहीं मिल पा रहा है। स्कैन से भुगतान करने के बाद यात्रियों के पास पैसे तो कट जाते हैं, लेकिन मशीन में भुगतान अपडेट नहीं हो रहा है। ऐसे में टिकट जनरेट नहीं हो पा रहा है। इससे परिचालक भी परेशान हो रहे हैं। निगम ने परिचालकों को कार्ड के अलावा ऑनलाइन भुगतान लेने से आगामी दिनों तक मना कर दिया है ताकि लड़ाई-झगड़े जैसी स्थिति न बने। बीते कुछ दिनों से पथ परिवहन निगम ने बसों में ऑनलाइन टिकट मशीन की सुविधा शुरू कर दी है। इससे यात्री ऑनलाइन माध्यम से भुगतान कर बसों में टिकट ले पा रहे थे। ऑनलाइन पेमेंट से यात्रियों को खुले रुपयों को लेकर भी परेशान नहीं होना पड़ रहा था। इन दिनों फिर से बसों में ऑनलाइन भुगतान जी-का-जंजाल बन गया है। ऑनलाइन भुगतान के बाद टिकट न मिलने पर यात्री परिचालकों से उलझ भी रहे हैं।ऑनलाइन टिकट जनरेट करने के लिए सर्वर में कुछ तकनीकी खराबी आई है। समस्या का निदान करने में टीम लगी हुई है। जल्द सुविधा का लाभ यात्रियों को मिलने लगेगा।
** कृषि के लिहाज से यह बारिश किसी वरदान से कम नहीं हिमाचल प्रदेश के कई भागों में चार दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। शिमला में भी आज सुबह से धुंध छाई हुई है। वहीं ऊना में दोपहर करीब 12:00 बजे झमाझम बारिश हुई। बारिश से मौसम सुहावना हो गया और लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली। बुधवार सुबह भारी उमस के बीच जनजीवन प्रभावित रहा। लेकिन दोपहर होते ही बारिश शुरू हुई, जिससे करीब 15 दिन का सूखा खत्म हुआ। लोगों ने भी बाहर निकलकर कई दिन बाद हुई बारिश का आनंद लिया। वहीं कृषि के लिहाज से भी यह बारिश किसी वरदान के कम नहीं मानी जा रही। गैर सिंचित इलाकों में मक्की की बिजाई के बाद से बारिश नहीं हुई। बुधवार को बारिश होने से फसलों की वृद्धि में भी तेजी आएगी। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से प्रदेश के कई भागों में 18 से 21 जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। विभाग के अनुसार राज्य के कई भागों में 23 जुलाई तक बारिश जारी रहने की संभावना है। हिमाचल ट्रैफिक टूरिस्ट रेलवे पुलिस शिमला ने बरसात में पर्यटकों को पहाड़ी क्षेत्रों में नहीं जाने की सलाह दी है। पुलिस के अनुसार बरसात के चलते कुल्लू, मनाली, रोहतांग जाने वाली सड़कों में धुंध, जगह-जगह भूस्खलन से दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
**मॉनसून की बारिश अभी सामान्य से 28% कम **ज्यादातर इलाको में 4 दिन से नहीं बरसे बादल हिमाचल प्रदेश में कल से दो दिन के लिए मानसून एक्टिव हो सकता है। मौसम विभाग की माने तो 17 और 18 जुलाई को ज्यादातर भागों में बारिश का पूर्वानुमान है। प्रदेश में बीते एक सप्ताह के दौरान कुछ जगह पर हल्की बारिश हुई है। 8 से 15 जुलाई तक नॉर्मल से 84 प्रतिशत कम बादल बरसे है। इस अवधि में 58.9 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 9.4 मिलीमीटर बरसात हुई। शिमला, बिलासपुर, ऊना और लाहौल स्पीति जिले में इस दौरान सबसे कम बारिश हुई है। पूरे मानसून सीजन यानि 15 जुलाई तक नॉर्मल से 37 प्रतिशत कम बादल बरसे हैं। इस अवधि में 211.5 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 133.1 मिलीमीटर ही बादल बरसे हैं। इससे कई क्षेत्रों में बरसात में भी सूखे जैसे हालात पनपने लगे हैं। इसकी मार सेब के साथ साथ मक्का, शिमला मिर्च, टमाटर की फसल पर भी पड़ रही है। जिन क्षेत्रों में नमी नहीं है और सिंचाई की व्यवस्था नहीं है, वहां सेब का साइज नहीं बढ़ पा रहा। किसानों की फसलों पर भी सूखे की मार पड़ रही है। बारिश नहीं होने से तापमान में उछाल आ रहा है। कई जगह अधिकतम तापमान नॉर्मल से 5 डिग्री तक ज्यादा हो गया है। हमीरपुर के तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 4.7 डिग्री का उछाल आया है। यहां का तापमान 36.1 डिग्री सेल्सियस हो गया है। वहीं ऊना का तापमान सर्वाधिक 37.4 डिग्री सेल्सियस हो गया है। वहीं, बीते 24 घंटे के दौरान मंडी के सुंदरनगर में सबसे ज्यादा 36.8 मिलीमीटर, सिरमौर के राजगढ़ में 19 मिमी, मंडी में 16.6 मिमी, ददाहू में 15.2 मिमी, पंडोह 12 मिमी, नाहन 1.2 मिमी और सोलन में 4.4 मिमी बारिश हुई है। मौसम विभाग की माने तो 17 और 18 जुलाई को अच्छी बारिश हो सकती है, 19 व 20 को मानसून फिर कमजोर पड़ेगा। 21 जुलाई को फिर से इसके दोबारा एक्टिव होने की संभावना है।
हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में अब विद्यार्थियों की हाजिरी अगले महीने से स्मार्ट उपस्थिति एप के जरिए लगाई जाएगी। इसके लिए स्कूली बच्चों का डाटा यू-डाइस पर अपडेट किया जा रहा है। प्रदेश में निजी स्कूलों समेत करीब 14 लाख बच्चों का डाटा इस पर अपलोड किया जाएगा, जिसमें से 9 लाख बच्चों डाटा अपडेट हो चुका है। बाकी बच्चों का डाटा भी इसी माह के अंत तक अपलोड कर दिया जाएगा। सोमवार को समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की स्मार्ट उपस्थिति एप पर रियल टाइम उपस्थिति सुनिश्चित कर बैठक में राजेश शर्मा ने स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की रियल टाइम अटेंडेंस प्रक्रिया पर फीडबैक को लेकर विद्या समीक्षा केंद्र के अधिकारियों के साथ भी एक बैठक ली। इस बैठक में उच्च शिक्षा निदेशक डाॅ. अमरजीत कुमार शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा संजीव सूद, अतिरिक्त निदेशक प्रारंभिक शिक्षा बीआर शर्मा सहित जिलों के उपनिदेशक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, समग्र शिक्षा निदेशालय के नोडल अधिकारी भी मौजूद रहे। समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालयों के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, सभी स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की रियल टाइम अटेंडेंस लेना जरूरी है। इसके लिए विद्या समीक्षा केंद्र ने स्मार्ट उपस्थिति मोबाइल एप को लॉन्च किया है। इसके लिए विद्या समीक्षा केंद्र ने राज्य, जिला स्तर पर डैश बोर्ड तैयार किए हैं, जिसमें स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति का डाटा राज्य, जिला स्तर पर ऑनलाइन अधिकारी देख सकते हैं। प्रदेश में शिक्षकों की ट्रांसफर और छात्रों की माइग्रेशन का डाटा भी यू-डाइस पर अपडेट होगा। इसके लिए एमआईएस को यू-डाइस से लिंक किया जा रहा है। इससे यू-डाइस और एमआईएस डाटा के अंतर को खत्म किया जा सकेगा। एमआईएस की एक्सेस शिक्षकों के पास रहेगी। इससे वे यह भी देख पाएंगे कि यू-डाइस पर उनके स्कूलों से संबंधित डाटा कितना सही है।बैठक में विद्या समीक्षा केंद्र की ओर से बताया गया कि इन दिनों ग्रीष्म कालीन स्कूलों में छुट्टियां हैं। इस कारण पूरे प्रदेश में शिक्षकों की उपस्थिति डैश बोर्ड पर ज्यादा नहीं दिख रही। इन दिनों शीतकालीन स्कूलों में ही शिक्षक इस एप का इस्तेमाल कर अपनी हाजिरी लगा रहे हैं। विद्या समीक्षा केंद्र की ओर से पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों के लर्निंग लेवल का मूल्यांकन संबंधी डाटा अपडेट करने के निर्देश जिला उप निदेशकों और जिला कार्यक्रम अधिकारियों को दिए। केंद्र ने निपुण प्रगति चैट बॉट लॉन्च किए थे, जिनके जरिए बच्चों की लर्निंग लेवल का ऑनलाइन मूल्यांकन किया जा रहा है। निदेशक ने कहा कि इसमें कोई तकनीकी दिक्कत आ रही है, तो विद्या समीक्षा केंद्र की ओर से इसका समाधान किया जाएगा।
**टाइडमैन सेब 800 से 1,400 रुपये पेटी बिका हिमाचल प्रदेश में आधिकारिक तौर पर सेब सीजन 15 जुलाई से शुरू हो गया। हर वर्ष इस समय तक फल मंडियों में बेहतर गुणवत्ता वाले सेब की खेप पहुंचनी शुरू हो जाती थी, लेकिन इस वर्ष अभी तक मंडी में बेहतर गुणवत्ता वाली पैदावार नहीं पहुंची है। भट्ठाकुफर फल मंडी में टाइडमैन, रेड जून और पराला फल मंडी में गाला सेब की खेप पहुंचनी शुरू हो गई है। आढ़तियों के अनुसार गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष सेब सीजन देरी से शुरू हो रहा है, क्योंकि सूखे की वजह से अधिकतर पैदावार प्रभावित हो गई है। इसकी वजह से फसल का आकार और रंग भी सही नहीं बन पाया है। अभी जो सेब आ रहा है उसे बागवान पूरी तरह तैयार होने से पहले ही तोड़कर मंडी में ला रहे हैं, जिसके चलते बागवानों को शुरुआत में ही फसल के बेहतर दाम नहीं मिल रहे हैं। शनिवार को भट्ठाकुफर फल मंडी में 2,986 सेब की पेटियां पहुंची, वहीं रविवार को 1,500 से 1,800 के बीच सेब की पेटियां मंडी में पहुंची। इस दौरान टाइडमैन सेब 800 से 1,400 रुपये प्रति पेटी के हिसाब से बिका। भट्ठाकुफर फल मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान प्रताप चौहान ने बताया कि गत हफ्ते के मुकाबले इस हफ्ते मंडी में सेब की आवक में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन गुणवत्ता अच्छी नहीं आई है। आने वाले दिनों में यदि मौसम अनुकूल रहता है तो आवक बढ़ने के साथ बागवानों को बेहतर दाम मिलेंगे। पराला फल मंडी आढ़ती एसोसिएशन के उपप्रधान सुशील ठाकुर ने बताया कि गत वर्ष 15 जुलाई से पहले सेब की स्पर किस्म मंडी में पहुंचनी शुरू हो गई थी, वहीं गाला सेब और टाइडमैन सेब भी अच्छी गुणवत्ता का आ रहा था, लेकिन इस वर्ष तो टाइडमैन ही मंडी में पहुंचा है जिसका आकार छोटा और रंग भी फीका है।
**प्रदेश के कुछेक स्थानों पर अच्छी बारिश का पूर्वानुमान हिमाचल प्रदेश में मॉनसून कमजोर पड़ गया है। मौजूदा मॉनसून सीजन में नॉर्मल से 35 प्रतिशत और बीते एक सप्ताह के दौरान 78 प्रतिशत कम बादल बरसे है। कई क्षेत्रों में मानसून सीजन में भी सूखे जैसे हालात बनने लगे हैं। आज और कल भी कुछेक क्षेत्रों में ही हल्की बारिश का पूर्वानुमान है। ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, 7 से 14 जुलाई के बीच लाहौल स्पीति जिला में पानी की एक बूंद भी नहीं बरसी। बिलासपुर जिला में भी नॉर्मल से 80 प्रतिशत कम, चंबा में 81 प्रतिशत, हमीरपुर में 69 प्रतिशत, कांगड़ा में 79 प्रतिशत, किन्नौर में 35 प्रतिशत, कुल्लू में 72 प्रतिशत, मंडी में 58 प्रतिशत, सिरमौर में 71 प्रतिशत, सोलन में 70 प्रतिशत और ऊना जिला में भी 97 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में प्रदेश में मात्र 12.6 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि नॉर्मल बारिश 58.5 मिलीमीटर होती है। मानसून सीजन के दौरान 1 जून से 14 जुलाई तक प्रदेश औसत 203 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन इस बार 131.9 मिलीमीटर बारिश ही हुई है। मौसम विभाग की माने तो 17 और 18 जुलाई को मानसून थोड़ा एक्टिव हो सकता है। इस दौरान कुछेक स्थानों पर अच्छी बारिश का पूर्वानुमान है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में बारिश नहीं होने के बाद तापमान में उछाल आया है। कई शहरों का पारा नॉर्मल से 5 डिग्री तक ज्यादा हो गया है।
हिमाचल प्रदेश की 5,000 करोड़ की सेब आर्थिकी को ओलों से बचाने के लिए आईआईटी मुंबई की ओर से विकसित स्वदेशी एंटी हेलगन को डॉप्लर रडार से जोड़ा जाएगा। रडार की मदद से ओलों वाले बादलों की स्टीक जानकारी मिलेगी और हेलगन का प्रभाव बढ़ेगा। शिमला जिले के मंढोल में स्थापित स्वदेशी एंटी हेलगन के तीन साल का ट्रायल पूरा होने के बाद आईआईटी मुंबई के इंजीनियरों ने निरीक्षण के बाद यह निर्णय लिया है। डीआरडीओ की पुणे लैब के वैज्ञानिक इसमें तकनीकी सहयोग देंगे। हेलगन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़ने की भी संभावना तलाशी जाएगी। विदेशों से आयातित एंटी हेलगन की कीमत करीब डेढ़ करोड़ है जबकि आईआईटी मुंबई की ओर से विकसित स्वदेशी एंटी हेलगन की कीमत महज 31 लाख है। विदेशी हेलगन चलाने के लिए एसिटिलीन गैस इस्तेमाल होती है। यह बहुत मंहगी है और आसानी से नहीं मिलती। स्वदेशी हेलगन एलपीजी से चलती है। इसलिए इसके संचालन का खर्चा कम है। रक्षा मंत्रालय के अधीन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एचईएमआरएल पुणे के निदेशक डाॅ. एपी दास ने बताया कि स्वदेशी एंटी हेलगन से पर्यावरण को नुकसान की संभावना नहीं है। हेलगन से नियंत्रित तरीके से तरंगें वायुमंडल में जाती हैं। जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता। उनकी टीम ने परीक्षण के दौरान आंकड़ों का अध्ययन किया है, रिपोर्ट आईआईटी मुंबई को जल्द सौंपी जाएगी। डाॅप्लर वेदर रडार स्थापित कर सटीक आंकड़ों से इसका प्रभाव बढ़ाया जा सकता है। सरकार ओलों से बचाव करने वाली जाली पर 80 फीसदी अनुदान दे रही है। इसके स्थान पर स्वदेशी एंटी हेलगन स्थापित करने पर अनुदान दिया जाना चाहिए। इससे छोट-बड़े सभी बागवान लाभान्वित होंगे। बागवानों को बगीचों में नेट चढ़ाने-उतारने का खर्चा भी बचेगा मंढोल में स्थापित स्वदेशी एंटी हेलगन का प्रयोग सफल रहा है। सेब उत्पादक क्षेत्रों में एंटी हेलगन का ग्रिड नेटवर्क स्थापित कर सेब की फसल ओलों से बचाई जा सकती है। प्रदेश सरकार को भी इसका प्रस्ताव सौंपा जाएगा। डीआरडीओ की एचईएमआरएल लैब के साथ मिलकर डाॅप्लर रडार स्थापित कर इसका प्रभाव बढ़ाने की भी योजना है।
शक्तिपीठ ज्वालामुखी में माता ज्वाला का प्रकटोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। रविवार सुबह से ही लंबी लाइनों में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे। मंदिर में भजन कीर्तन, चौकी का आयोजन हो रहा है। स्थानीय लोग, पुजारी वर्ग तरह तरह के भंडारे माता ज्वाला के दरबार में लगा रहे हैं। ज्वालामुखी मंदिर गर्भ गृह को सुंगधित रंग बिरंगे पांच लाख फूलों से सजाया गया है। मंदिर में हजारों श्रद्धालु रविवार को पहुंचे और माता ज्वाला की दिव्य ज्योतियों का आशिर्वाद प्राप्त किया। मंदिर में विशेष पुलिस कर्मी तैनात किए गए, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। शनिवार देर रात भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते मंदिर रात 11 बजे बंद किया गया। मंदिर पुजारी व न्यास सदस्य अविनेद्र शर्मा ने बताया कि सोमवार को गुप्त नवरात्र का समापन होगा और विशाल यज्ञ व पूर्णाहुति का आयोजन किया जाएगा और इसी दिन विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। माता ज्वाला के जन्मदिवस के उपलक्ष्य पर मंदिर में पुजारी वर्ग द्वारा विशेष देसी घी के हलवे के प्रसाद का वितरण किया जा रहा है। वहीं, देवी भागवत कथा का भी समापन पूर्णाहुति के साथ सिंवर नवमी को किया जाएगा। उन्होंने बताया माता ज्वाला का प्रकटोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है और मंदिर प्रसाशन की तरफ से श्रद्धालुओं के लिए माता के दर्शनों के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। माता ज्वाला सभी भक्तों को आशीर्वाद दे और सभी की अभीष्ट मनोकामनाओं को पूर्ण करें। वर्ष में प्रकटोत्सव का यह सबसे बड़ा व महत्वपूर्ण दिन होता है। इस उपलक्ष्य पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं।
शिमला: हिमाचल में बाहरी राज्यों के लोगों की ओर से धारा 118 की मंजूरी लेकर खोले गए होम स्टे को बंद करने पर सरकार आने वाले दिनों में बड़ा फैसला ले सकती है। प्रदेश में बेरोजगार युवाओं के लिए सरकार ने विकल्प के तौर पर स्टे खोलने की योजना शुरू की थी, लेकिन हिमाचल के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर बाहरी राज्यों के बहुत से लोगों ने सरकार से अनुमति लेकर धारा 118 के नियमों का दुरुपयोग कर होम स्टे खोल दिए हैं। शिमला में हिमाचल प्रदेश होमस्टे नियम-2024 का प्रस्ताव तैयार करने के लिए गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति की बैठक उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में आयोजित हुई। जिसमें इस तरह कड़े फैसले लिए जाने को लेकर चर्चा की गई। जिस पर अब अगली बैठक में अंतिम निर्णय होना है। प्रदेश में बिना पंजीकरण चल रहे होम स्टे और बीएंडबी को बंद करने पर भी चर्चा हुई। उप-समिति के सदस्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह और नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी ने प्रस्तावित प्रारूप तैयार करने के लिए भी बहुमूल्य सुझाव दिए। इस दौरान पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग प्रारूप नियमों को संशोधित कर आगामी बैठक में उप-समिति के समक्ष लाया जाएगा। हिमाचल प्रदेश किरायेदारी और भूमि सुधार अधिनियम, 1972 के तहत हिमाचल के लोगों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए एक विशेष प्रावधान किया गया है। इस एक्ट में धारा 118 के तहत गैर-कृषकों को जमीन ट्रांसफर करने पर प्रतिबंध होगा, यानी हिमाचल का गैर-कृषक भी यहां पर जमीन नहीं खरीद सकता है. हिमाचल में धारा 118 की जरूरत इसलिए पड़ी कि प्रदेश को साल 1971 में पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था। देश के 18वें राज्य के रूप में हिमाचल अस्तित्व में आया तो एक साल बाद ही भूमि सुधार कानून लागू हो गया। कानून की धारा 118 के तहत कोई भी बाहरी व्यक्ति कृषि की जमीन निजी उपयोग के लिए नहीं खरीद सकता है। फिर लैंड सीलिंग एक्ट में कोई भी व्यक्ति 150 बीघा जमीन से अधिक नहीं रख सकता। भौगोलिक दृष्टि से हिमाचल के ज्यादातर क्षेत्र देश के दुर्गम इलाकों में आते हैं। हिमाचल के पास सीमित भूमि है और पहाड़ी पर्यटन राज्य होने के नाते निर्माताओं ने पहले से भविष्य को भांपते हुए हिमाचल के छोटे और सीमांत किसानों के हितों की रक्षा के लिए ये कदम उठाया है। धारा 118 के तहत प्रदेश का कोई भी जमीन मालिक किसी भी गैर कृषक को किसी भी जरिए से जमीन नहीं दे सकता। भूमि सुधार अधिनियम 1972 की धारा 2(2) के मुताबिक जमीन का मालिकाना हक उसका होगा जो हिमाचल प्रदेश में अपनी जमीन पर खेती करता है। जो व्यक्ति किसान नहीं है और हिमाचल में जमीन खरीदना चाहता है उसे प्रदेश सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है। सरकार से अनुमति लेने पर मालिकाना हक मिल सकता है। उद्योग या पर्यटन विकास से जुड़े मामलों में ही सरकार हर मसले और जानकारी की पूरी तरह से जांच परख के बाद जमीन पर फैसला लेती है। जमीन का CLU यानी चेंज लैंड यूज भी नहीं किया जा सकता। यानी जमीन जिस उद्देश्य के लिए ली गई, उस पर केवल वही नियम लागू होंगे। इस पर अन्य व्यावसायिक गतिविधियां नहीं की जा सकती हैं, लेकिन बाहरी राज्यों के लोगों ने हिमाचल में धारा 118 के तहत उद्योग और मकान बनाने की अनुमति लेकर होम स्टे खोल दिए हैं। बता दें कि प्रदेश में पर्यटन विभाग के पास 4 हजार से अधिक होम स्टे पंजीकृत हैं। बड़ी संख्या में गैर पंजीकृत होम स्टे और बेड एंड ब्रेकफास्ट इकाइयां भी प्रदेश में संचालित हो रही हैं। ऐसे में होम स्टे के साथ बेड एंड ब्रेकफास्ट इकाइयों को भी पर्यटन विभाग की कार्रवाई के दायरे में लाने पर भी विचार-विमर्श किया गया।
**17 से 19 जुलाई तक कई क्षेत्रों में बारिश होने का पूर्वानुमान हिमाचल प्रदेश में मॉनसून फिर कमजोर हो गया है। रविवार और सोमवार को भी हल्की बारिश होने के आसार हैं। शनिवार को प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में धूप खिली। बारिश नहीं होने से मौसम में उमस बढ़ गई है। 17 से 19 जुलाई के दौरान प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश होने का पूर्वानुमान है। प्रदेश में 12 सड़कें और 6 बिजली ट्रांसफार्मर अभी भी ठप हैं। मंडी जिले में पांच, शिमला में चार और कांगड़ा में तीन सड़कें शनिवार शाम तक बंद रहीं। चंबा जिले में पांच और मंडी में एक बिजली ट्रांसफार्मर बंद है। राजधानी शिमला में कई दिनों के बाद शनिवार को दिनभर धूप खिली रही। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी मौसम साफ रहने के साथ धूप खिली। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार प्रदेश में मानसून कुछ कमजोर हो गया है। आगामी दो-तीन दिनों के दौरान मानसून की सक्रियता कम रहने की संभावना है। 16 जुलाई की रात से बारिश के आसार हैं। 17 से 19 जुलाई तक सभी क्षेत्रों में मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है।
**हाजिरी और अवकाश के नियम हुए तय अटल मेडिकल एंड रिसर्च विवि ने हाजिरी और अवकाश के नियम तय कर लिए हैं। आने वाले नए सत्र से विवि समेत इससे संबद्ध छह सरकारी-निजी मेडिकल कॉलेजों में ये नियम लागू कर दिए जाएंगे। नियमों के तहत अब एमडी, एमएस और एमडीएस कोर्स के अभ्यर्थियों के लिए संस्थानों में 80 प्रतिशत हाजिरी जरूरी है। अगर कोई अभ्यर्थी अधिक अवकाश करता है तो उस स्थिति में उतने ही दिन उसके कोर्स की अवधि बढ़ाई जाएगी। तीन साल के कोर्स में 751 दिन और दो साल के कोर्स में 501 दिन संस्थान आना आवश्यक है। अवकाश और न्यूनतम उपस्थिति के नियम लागू करने के लिए विवि के प्रबंधन बोर्ड की बैठक मे मंजूरी मिल गई है। नियमों के मुताबिक अंतिम परीक्षा तक तीन वर्षीय कोर्स में साप्ताहिक एक दिन की छुट्टी की जाएगी, वह भी कार्य की आवश्यकता में ही। 25 दिन की सवेतन आकस्मिक छुट्टियां कर सकते हैं। एक छात्र 52 साप्ताहिक अवकाश का भी हकदार है। इसमें महिला स्नातकोत्तर अभ्यर्थियों को मौजूदा नियमों के अनुसार मातृत्व अवकाश की अनुमति दी जाएगी। सरकारी नियम और कानून के अनुसार पुरुष स्नातकोत्तर अभ्यर्थियों को भी पितृत्व अवकाश मिलेगा। प्रसूति या पितृत्व के लिए प्रशिक्षण को उतने ही दिनों तक बढ़ाया जाएगा जितनी छुट्टियां की गई हो। अटल मेडिकल एंड रिसर्च विवि नेरचौक के परीक्षा नियंत्रक एवं डीन प्रशासनिक मामले डॉ. प्रवीण कुमार शर्मा ने बताया कि अवकाश-हाजिरी के नियम तय कर दिए हैं। अधिक अवकाश करने वालों के कोर्स की अवधि उतने ही दिन बढ़ाई जाएगी, जितने दिन छुट्टी पर रहेंगे। तीन साल के कोर्स में कुल दिन 1,095 दिन होंगे। इसमें 939 दिन कार्य दिवस होंगे। इनमें से 751 दिन यानी की 80 प्रतिशत उपस्थिति जरूरी होगी। वहीं, दो साल के कोर्स में कुल दिन 730 दिन होंगे इनमें कुल कार्य दिवस 626 होंगे। साप्ताहिक अवकाश काटने के बाद 501 दिन यानी 80 प्रतिशत उपस्थिति होना जरूरी होगा। हाजिरी और छुट्टियों के नियम अटल विवि समेत इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला, डॉ. राजेंद्र प्रसाद गवर्नमेंट कॉलेज कांगड़ा, लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक, डॉ. वाईएस परमार गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज नाहन, डॉ. राधाकृष्णन गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज हमीरपुर, पंडित जवाहर लाल नेहरू गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज चंबा के अलावा महर्षि मार्कंडेश्वर निजी विश्वविद्यालय कुनिहार सोलन में लागू होंगे।
केंद्र सरकार की ओर से कार्टन पर जीएसटी की दरों में 6 फीसदी कटौती का लाभ बागवानों को नहीं मिल पा रहा है। बाजार में बागवानों से कार्टन पर 18 फीसदी जीएसटी की वसूली हो रही है। प्रदेश सरकार ने इस साल से यूनिवर्सल कार्टन को अनिवार्य तौर पर लागू किया है। बागवानों को उम्मीद थी कि जीएसटी में कटौती के बाद यूनिवर्सल कार्टन की कीमत घट जाएगी, लेकिन कुछ रिटेलर कार्टन पर अब भी 18 फीसदी जीएसटी वसूल रहे हैं। इसको लेकर बागवानों ने सरकार से शिकायत भी की है। जून में जीएसटी परिषद की बैठक में सेब कार्टन बॉक्स पर जीएसटी 18 से घटाकर 12 फीसदी करने का फैसला लिया गया था। परिषद की 53वीं बैठक में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने यह मामला उठाया था। बीते साल भी हिमाचल ने कार्टन पर जीएसटी की दर घटाने की मांग उठाई थी, जो सिरे नहीं चढ़ पाई। जीएसटी छह फीसदी कम होने के बाद बागवानों को उम्मीद थी कि अब सेब कार्टन तीन से चार रुपये तक सस्ता मिलेगा। संयुक्त किसान मंच ने कार्टन पर जीएसटी के एवज में हो रही मनमानी वसूली पर कड़ी नाराजगी जताई है। मंच के संयोजक संजय चौहान का कहना है कि प्रदेश के कई जिलों में रिटेलर कार्टन पर 18 फीसदी जीएसटी वसूल रहे हैं। 500 पीस कार्टन खरीदने वाले बागवान को 5,400 रुपये जीएसटी चुकाने पड़ रहे हैं। संयुक्त किसान मंच सभी कृषि लागत वस्तुओं पर जीएसटी खत्म करने की मांग उठाता रहा है और भविष्य में भी बागवानों के हित में यह मांग जोर-शोर से उठाई जाएगी।
हिमाचल प्रदेश में जल्द ही लोकसेवा आयोग के माध्यम से कंप्यूटर शिक्षा के 769 प्रवक्ता भर्ती होंगे। उच्च शिक्षा निदेशालय ने लोकसेवा आयोग को पत्र लिखकर जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया है। प्रवक्ता स्कूल न्यू के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत ही कंप्यूटर साइंस प्रवक्ताओं के 769 पद भरे जाएंगे। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि लोकसेवा आयोग के सचिव को भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के संबंध में पत्र भेजा गया है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में प्रवक्ता कंप्यूटर साइंस के 985 पदों को भरा जाना है। मार्च 2024 में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इन पदों को भरने की मंजूरी दी गई थी। कुल 985 पदों में से लोकसेवा आयोग के माध्यम 769 पद भरे जाएंगे। शिक्षा विभाग की मांग पर अब लोकसेवा आयोग की ओर से भर्ती से संबंधित विज्ञापन जारी किया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आउटसोर्स आधार पर कार्यरत करीब 1300 कंप्यूटर शिक्षक राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन के तहत काम कर रहे हैं। सरकार ने बीते वर्ष नाइलेट कंपनी से नाता तोड़ लिया था। अब कॉरपोरेशन के माध्यम से चयनित कंपनियों के माध्यम से शिक्षकों को वेतन दिया जा रहा है। अब लोकसेवा आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती होने से कई बेरोजगारों का सरकारी नौकरी पाने का सपना पूरा होगा।
**श्रीखंड महादेव यात्रा आज से शुरू महादेव के पंच कैलाशों में से एक और उत्तर भारत की सबसे कठिनतम धार्मिक यात्राओं में शुमार श्रीखंड महादेव यात्रा आधिकारिक तौर पर आज यानि रविवार से शुरू हो गई है। आज से 27 जुलाई तक चलने वाली इस यात्रा के शुभारंभ के लिए पिछले कल 13 जुलाई को यात्रा ट्रस्ट की अध्यक्ष एवं डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश ने जाओं, बड़ींगचा से 3 किलोमीटर पैदल चलकर बेस कैंप सिंह गाड़ देर शाम पहुंची। बेस कैंप सिंह गाड़ में उन्होंने श्रीखंड सेवा समिति अरसू, रामपुर, हमीरपुर, के पंडाल में शिव भक्तों के साथ संध्याकाल की शिव आरती में हिस्सा लिया। इस दौरान उनके साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ट उपाध्यक्ष एवं यात्रा ट्रस्ट के संस्थापक बुद्धि सिंह ठाकुर, जिला परिषद अध्यक्ष कुल्लू पंकज परमार, यात्रा ट्रस्ट के उपाध्यक्ष एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह, तहसीलदार निरमंड जयगोपाल शर्मा, डीएसपी चंद्र शेखर कायथ, ट्रस्ट, सदस्य गोविंद शर्मा, जिला परिषद सदस्य पूर्ण ठाकुर, स्थानीय पंचायत की प्रधान सुषमा कटोच उप प्रधान ओम प्रकाश ठाकुर, जुआगी के उप प्रधान रणजीत ठाकुर,मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने लंगर का विधिवत उद्घाटन भी किया और अपने हाथों से शिव भक्तों को लंगर का स्वादिष्ट खाना भी परोसा। आज सुबह करीब 5 बजे डीसी ने महादेव के पवित्र धाम श्रीखंड कैलाश पर्वत के लिए हरी झंडी दिखाकर 70 श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना किया। 8 बजे तक करीब 1100 शिव भक्त श्रीखंड कैलाश पर्वत के लिए रवाना हो गए हैं। डीसी ने बताया कि इस बार की श्रीखंड यात्रा के लिए प्रशासन द्वारा यात्रियों के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं। यात्रा से पूर्व श्रीखंड के रास्ते बनकर तैयार किए हैं और रास्ते में पानी की व्यवस्था सुचारू रूप से तैयार कर दी गई है। यात्रा में पुलिस, रेस्क्यू, एसडीआरएफ, मेडिकल, रेवन्यू, की टीमें हर बेस कैंप पर तैनात की गई है। उन्होंने शिव भक्तों से यात्रा में द्रव्यों मादक पदार्थों का सेवन न करें और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने की अपील भी की है।
गद्दी छात्र कल्याण संघ हिमाचल प्रदेश द्वारा यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के डायरेक्टर ए जे सिंह को ज्ञापन सोपा गया, जिसमें गद्दी छात्र कल्याण संघ हिमाचल प्रदेश के कार्यकारिणी सदस्य एवं यूआईटी हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के सदस्य भी शामिल रहे इस ज्ञापन के माध्यम से हमने यूआईटी डायरेक्टर व प्रशासन का ध्यान उन ट्राइबल छात्रों की और आकर्षित किया जिसमे वह अध्यनरत है। आपको एक बात बता दी जाए कि यूआईटी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का एक अभिन्न अंग है परंतु इस बात से हैरानी है कि यूआईटी में पढ़ रहे छात्रों को हॉस्टल की सुविधा से वंचित रखा जा रहा है । संघ द्वारा इस मुद्दे को कई बार प्रशासन के सामने रखा है और आगे भी गद्दी छात्र कल्याण संघ हिमाचल प्रदेश इसी भांति इन मुद्दों के लिए प्रशासन के खिलाफ लड़ते रहेंगे और इन्हें सुलझाने के लिए हर सार्थक प्रयास करते रहेंगे। अनुसूचित जनजाति के छात्र हिमाचल प्रदेश के उन क्षेत्रों से आते है जो मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित रहते हैं और उनके पास फीस को भरने के लिए भी पैसे नहीं होते हैं वह अपना जीवन यापन अनेक कठिनाइयों से करते हैं परंतु शिमला में पहुंचकर उन्हें भारी भरकम बोझ जिसमें रूम रेंट व पीजी में रह रहे छात्रों को एक आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ रहा है जो की उन अनुसूचित जनजाति के छात्रों लिए सम्भव नही दिखता है आपको ये बात भी बता दी जाए की जो विश्वविद्यालय का जो ट्राईबल हॉस्टल है वह ट्राइबल छात्रों के लिए आरक्षित हैं परंतु विश्वविद्यालय यहां सामान्य वर्ग के छात्रों को भी भरने का काम कर रहा है परंतु यह अनुचित है क्योंकि जब तक विश्वविद्यालय में ट्राइबल छात्र किराए के रूम में रह रहे हैं तब तक हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के ट्राईबल हॉस्टल को सामान्य वर्ग के छात्रों को नहीं भरना चाहिए। विश्व विद्यालय कई बार इस बात का हवाला देता है की यह सिर्फ पोस्टग्रेजुएट (PG) व उससे ऊपर के छात्रों के लिए है परंतु यहां बीएड डिग्री के छात्र भी रहते है अत: गद्दी छात्र कल्याण संघ हिमाचल प्रदेश सदैव छात्र कल्याण के पक्ष में खड़ा है और इसी भांति छात्र हित कार्य में लगा है और लगा रहेगा ।
** अपनी पत्नी को एक्टिव पॉलिटिक्स में शामिल करने वाले तीसरे मुख्यमंत्री बने सीएम सुक्खू डॉ. यशवंत सिंह परमार और स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की फेहरिस्त में अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी शामिल हो गए। इन दोनों के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू ऐसे तीसरे मुख्यमंत्री है जिनकी पत्नी एक्टिव पॉलिटिक्स शामिल हो गई है। इससे पहले भी हिमाचल प्रदेश के ऐसे दो मुख्यमंत्री रहे है जिनकी पत्नियां भी राजनीति में ही रही है। हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय डॉ. यशवंत सिंह परमार की पत्नी भी राजनीति में ही थी। हालाँकि उनकी पत्नी शादी से पहले ही राजनीति में आ चुकी थी और शायद ये बात बेहद कम लोग जानते होंगे कि डॉ. यशवंत सिंह परमार की वो दूसरी पत्नी थी। 65 साल के डॉ. परमार को 55 साल की महिला राज्यसभा सांसद सत्यवती डांग से प्यार हो गया था और उन्होंने तब दूसरी शादी की थी। सत्यवती डांग 1964 से 1969 तक हिमाचल कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहीं है। दूसरे मुख्यमंत्री थे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह। वीरभद्र सिंह के मुख्यमंत्री रहते ही प्रतिभा सिंह भी पॉलिटिक्स में आ गई थी और अभी प्रतिभा सिंह कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाल रही है। अब सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के सातवें मुख्यमंत्री है और अपनी पत्नी को पोलटिक्स में लाने वाले तीसरे मुख्यमंत्री।
**कांग्रेस के पास 40 का आकड़ा कायम **आखिर उपचुनावों से हासिल हुआ क्या ? 23 मार्च 2024 वो तारिख जब कांग्रेस के 6 विधायक रूठ कर भाजपा के खेमे में शामिल हो गए थे । 13 जुलाई 2024 वो तारिख है जब प्रदेश कांग्रेस के पास उनकी जगह पर 6 नए विधायक है। तीन उपचुनावों के नतीजों के बाद अब हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के कुल 40 और भाजपा के कुल 28 विधायक बैठेंगे। 2022 विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद की तस्वीर भी इससे ज़्यादा इतर नहीं थी, तब भी कांग्रेस के 40 ही विधायक विधानसभा की दहलीज़ तक पहुंचे थे यानि कांग्रेस के 6 विधायक अगर छिटके तो जनता ने 6 अन्य विधायकों को जितवा कर विधानसभा पहुंचा दिया। हां मगर तब भाजपा के महज़ 25 ही विधायक सदन तक पहुंचे थे और अब ये आकड़ा 28 का हो गया है। अब आप पूछेंगे की ये आकड़ा तो भाजपा निर्दलीय विधायकों को अपने साथ मिलाकर भी प्राप्त कर सकती थी फिर 3 विधानसभा सीटों की जनता पर उपचुनाव थोपने का आखिर क्या अर्थ निकला। ये सवाल जनता अब भाजपा से पूछेगी और पूछेगी उन निर्दलीय विधायकों से जिन्होंने विधायक होने के बावजूद भी पद से इस्तीफ़ा दे दिया। पुछा जाएगा की आखिर इन 3 उपचुनावों से भाजपा को हासिल क्या हुआ। सवाल तो भाजपा हाईकमान भी पूछेगा, प्रदेश के उन भाजपा नेताओं से जिनके काँधे पर भाजपा को चुनाव जितवाने की ज़िम्मेएदारी सौंपी गई थी। सवाल जवाब अब चलते रहेंगे मगर फिलवक्त इन चुनावों का लब्बोलुबाब ये है की अभी के लिहाज़ से प्रदेश की 40 विधायकों वाली कांग्रेस सरकार बिलकुल सुरक्षित है। वहीँ प्रदेश की जनता ने ये सन्देश भी सांझा कर दिया है कि हिमचाल प्रदेश की जनता दल-बदल की राजनीति से ज़्यादा इत्तेफ़ाक़ नहीं रखती।
**सरकार गिराने के दावे फेल **अपनों ने डूबोई भाजपा की नाव कोशिश तो बहुत की मगर हासिल कुछ नहीं हुआ। भाजपा के तथाकथित ऑपरेशन लोटस को हिमाचल प्रदेश में मुँह की खानी पड़ी है। प्रदेश में पांच-छह महीने से सरकार बनाने का दावा कर रही भाजपा के लिए ये नतीजे बड़ा झटका है। पहले छह और अब तीन, कुल नौ उपचुनाव में से भाजपा 6 पर चुनाव हार गई है। न बिंदल का जादू चला न जयराम ठाकुर अपनी साख बचा पाए। हां सांसद अनुराग ठाकुर ज़रूर हमीरपुर में जीत दिलवाने में कामयाब रहे मगर इसका मार्जिन इतना कम है की 'यहाँ कुछ भी हो सकता था। वहीँ इस बार भले ही बाल-बाल जीत गए मगर इससे पहले अनुराग के संसदीय क्षेत्र के तहत हुए 4 में से पार्टी 3 चुनाव हार गई थी। यहां तक की प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल के गढ़ में भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र राणा को भी हार मिली। यानि इन नेताओं में से किसी एक के भी रिपोर्टकार्ड पर स्टार नहीं लग पाए। ज़ाहिर है अब भाजपा आलाकमान की कचेहरी में प्रदेश के दिग्गज भाजपा नेताओं की पेशी होगी और इन्हें हार स्वीकारनी भी होगी और जो संभावित नतीजे होंगे उन्हें गले भी लगाना होगा। सूची तो उनकी भी बनेगी जो साथ दिख तो रहे थे मगर साथ दे नहीं रहे थे। इन चुनावों में भाजपा की लुटिया भाजपा के अपने ही नाराज़ नेताओं ने डूबोई है। अब देखना ये होगा कि देश की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा इस हार पर क्या एक्शन लेती है और क्या सबक ।
** पति मुख्यमंत्री और पत्नी विधायक .... **सीएम सुक्खू की पत्नी कमलेश ने जीता देहरा का उपचुनाव कांग्रेस का एक अनोखा प्रयोग अब सियासी संयोग बन चूका है। देहरा से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर चुनाव जीत चुकी है। सत्ता की गाड़ी में सवार हो कर अब पति पत्नी दोनों ही विधानसभा में नज़र आएंगे। उपचुनाव के नतीजों के साथ ही ये तो स्पष्ट हो चूका है कि आखिरकार ससुराल वालों ने सीएम सुक्खू को जीत का शगुन दे कर कमलेश ठाकुर को देहरा का विधायक बना ही दिया। अब कमलेश बार-बार अपने मायके वालों से यही गुज़ारिश कर रही थी कि ससुराल में उनका मान रहे इसके लिए देहरा की जनता से उन्हें प्यार मिलना बेहद ज़रूरी है। हुआ भी कुछ ऐसा ही अब मायके वालो ने तो अपना धर्म निभा दिया है अब बारी है देहरा की बेटी की। जो बाते, जो वादे कमलेश और सीएम सुक्खू ने देहरवासियों से किये थे क्या वो पुरे होंगे ये देखना दिलचस्प होगा। राज्यों की राजनीति में पति पत्नी की विधानसभा में एक साथ एंट्री के उदाहरण न के बराबर ही देखने को मिले है, हां सिक्किम में एक बार ऐसा देखने को ज़रूर मिला था जब पति मुख्यमंत्री बने और पत्नी विधायक, लेकिन तब सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तामांग की पत्नी कृष्ण कुमारी राई ने शपथ ग्रहण करने के एक दिन बाद ही विधायक पद से त्याग-पत्र दे दिया था। अब राज्यों की सियासत में ये दूसरा मौका है जब पति प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे और पत्नी विधायक।
मुख्यमंत्री बोले, हिमाचल प्रदेश की जनता ने देश भर की राजनीति को दिया संदेश हिमाचल प्रदेश में तीन विधानसभा क्षेत्रों में हुए उप-चुनाव में दो सीटों पर जीत हासिल करने पर भारी संख्या में जश्न मनाने ओक ओवर पहुंचे पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि जनता ने धनबल को हराया है और जनबल की जीत हुई है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के मतदाताओं के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी के मेहनती कार्यकर्ताओं की जीत है। प्रदेश की जनता ने खरीद-फरोख्त की राजनीति को नकार कर अपना वोट राज्य में राजनीतिक पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए दिया है। उन्होंने कहा कि देहरा में 25 वर्षों के बाद कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई है और नालागढ़ में भी कांग्रेस प्रत्याशी बड़े अंतर से जीते हैं। हिमाचल प्रदेश में अब कोई भी पार्टी आने वाले 50 साल में खरीद-फरोख्त की राजनीति करने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगी और प्रदेश से यह संदेश पूरे देश की राजनीति में जाएगा। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 28 फरवरी, 2024 को प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर चुनी हुई सरकार को गिराने का षडयंत्र रचा गया, लेकिन इस ऐतिहासिक जीत के बाद अब विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के विधायकों की संख्या एक बार फिर 40 हो गई है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर बार-बार भाजपा की दो सरकारें बनाने की बातें करते थे, लेकिन उनका ऑपरेशन लोट्स विफल हो गया है। जनता से सबक मिलने के बावजूद नेता प्रतिपक्ष प्रदेश के लोगों को ठगने और गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन निर्दलीय विधायकों ने यह उप-चुनाव प्रदेश की जनता पर थोपे, अगर वह प्रदेश सरकार से नाराज थे तो विधानसभा में भाजपा के साथ बैठकर विपक्ष को अपना समर्थन देते। उन्होंने कहा कि निर्दलीय विधायक सरकार को गिराने के षडयंत्र के तहत एक माह तक प्रदेश से बाहर रहे और अपना इस्तीफा स्वीकार करवाने के लिए धरने पर बैठे। उनके इसी रवैये के कारण उप-चुनाव हुए, लेकिन जनता ने अब उन्हें करारा जवाब दिया है। यह जीत उन सभी के लिए भी एक सबक है जिन्होंने लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि देश में 13 विधानसभा क्षेत्रों में हुए उप-चुनावों में भाजपा ने केवल दो सीटें बहुत कम मार्जन से जीती हैं, जिससे यह साबित होता है कि देश के लोगों ने भाजपा के एकछत्र राज और उनकी गुमराह करने वाली नीतियों व विचारधारा को पूरी तरह से नकार दिया है।
**इनमे ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चम्बा, कागंड़ा, शिमला, सोलन और सिरमौर शामिल **19 जुलाई तक प्रदेश में मौसम रहेगा खराब हिमाचल प्रदेश के कई भागों में आगामी एक सप्ताह तक मानसून की बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से राज्य के कई हिस्सों में 19 जुलाई तक मौसम खराब बने रहने की संभावना जताई गई है। 16 व 17 जुलाई के लिए कुछ भागों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। राजधानी शिमला में आज हल्की धूप खिलने के साथ बादल छाए हुए हैं।
शिमला में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश के विभिन्न विभागों में 1,093 पदों को भरने की मंजूरी दी गई। इनमें शिक्षा विभाग में लेक्चरर शारीरिक शिक्षा के 486 पद और प्रधानाचार्य स्कूल कैडर के 157 अतिरिक्त पद सृजित करने, शिक्षा विभाग में ही विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए स्पेशल एजूकेटर के 245 पद भरने का भी निर्णय लिया गया है। कैबिनेट ने गृह विभाग में अग्निशमन अधिकारियों व कर्मचारियों के विभिन्न श्रेणियों के 53 पद भरने को स्वीकृति प्रदान की। पुलिस कर्मियों के विभिन्न श्रेणियों के 60 पद सृजित कर इन्हें भरने को स्वीकृति प्रदान की गई, जिन्हें प्रदेश के हेलीपोर्ट पर तैनात किया जाएगा। बैठक में हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग हमीरपुर के सुचारु संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के 30 पद भरने को मंजूरी प्रदान की गई। लोक निर्माण विभाग में जूनियर आफिस असिस्टेंट (आईटी) के 30 पद भरने का निर्णय भी लिया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि खंड विकास अधिकारी के 27 अतिरिक्त पद भरे जाएंगे, जिससे कैडर की क्षमता 123 हो जाएगी। डॉ. राधाकृष्णन चिकित्सा महाविद्यालय, हमीरपुर में पृथक कार्डियोलॉजी विभाग स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके सुचारू संचालन के लिए प्रोफेसर, अस्सिटेंट प्रोफेसर और सीनियर रेजिडेंट चिकित्सकों के तीन पद सृजित कर भरे जाएंगे। बैठक में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग में जिला नियंत्रक, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के दो पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से भरने की मंजूरी प्रदान की गई। जेओए पोस्ट कोड-903, 939 के परिणामों को घोषित करने का निर्णयबैठक में मंत्रिमंडलीय उप-समिति के सिफारिशों को स्वीकार करते हुए जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट के पोस्ट कोड-903 और 939 के लंबित परिणामों को घोषित करने का निर्णय लिया गया। हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग, हमीरपुर को दोनों पोस्ट कोड के अंतिम परिणाम घोषित करने का कार्य सौंपा गया है। 18 ग्रामीण विद्या उपासकों को जेबीटी के रूप नियमित करने का निर्णयशिक्षा विभाग में तीन वर्षों का सेवाकाल पूर्ण करने वाले एवं राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के मापदंडों को पूरा करने वाले 18 ग्रामीण विद्या उपासकों को जूनियर बेसिक टीचर (जेबीटी) के रूप नियमित करने का निर्णय लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश की देहरा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर चुनाव जीत गई हैं। देहरा सीट पर उन्होंने बीजेपी के होशियार सिंह को हराया है। देहरा में 10 राउंड की गिनती हुई, जिसमें कमलेश ठाकुर को 32737, होशियार सिंह को 23338 वोट मिले। इस तरह कमलेश ठाकुर 9399 वोटों से जीत गईं। उधर, हमीरपुर से भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा 1433 वोट से चुनाव जीत चुके है जबकि नालागढ़ सीट पर हरदीप बावा 8990 मतों से जीते। बता दें कि आज हिमाचल प्रदेश के तीन विधानसभा क्षेत्रों देहरा, नालागढ़, हमीरपुर में हो रहे उपचुनाव के लिए आज मतगणना हुई। 10 जुलाई को हुए मतदान के बाद सभी आज के दिन का इंतजार कर रहे थे। BIG BREAKING : नालागढ़ से हरदीप बावा 8990 मतों से जीते नालागढ़ विधानसभा उपचुनाव... हरदीप बावा, कांग्रेस: 34608 कृष्ण लाल ठाकुर, बीजेपी: 25618 हरप्रीत सैनी : 13025 BIG BREAKING : आशीष शर्मा जीते, सीएम के गृह जिला में कांग्रेस को झटका ** सभी 9 राउंड की गिनती के बाद 1433 वोट ज्यादा मिले आशीष शर्मा , बीजेपी: 26617 पुष्पिंदर वर्मा, कांग्रेस: 25184 BIG BREAKING : सीएम की पत्नी कमलेश ठाकुर देहरा से जीती चुनाव ** 9 हजार से अधिक अंतर से होशियार सिंह को हराया ** दो बार के निर्दलीय विधायक होशियार सिंह को भारी पड़ा इस्तीफा देकर फिर चुनाव लड़ना LIVE UPDATE: 12.03 PM (8th Round) नालागढ़ विधानसभा उपचुनाव... हरदीप बावा, कांग्रेस: 31298 कृष्ण लाल ठाकुर, बीजेपी: 24428 हरप्रीत सैनी : 11614 ( जीत की ओर अग्रसर हरदीप बावा मात्र एक राउंड शेष ) LIVE UPDATE: 11.50 AM (7th Round) नालागढ़ विधानसभा उपचुनाव... हरदीप बावा, कांग्रेस: 26785 कृष्ण लाल ठाकुर, बीजेपी: 22207 हरप्रीत सैनी : 8663 LIVE UPDATE: 11.30 AM (6th Round) नालागढ़ विधानसभा उपचुनाव... हरदीप बावा, कांग्रेस: 23038 कृष्ण लाल ठाकुर, बीजेपी: 18901 हरप्रीत सैनी : 7393 UPDATE: 11.25 AM (9th Round) देहरा विधानसभा उपचुनाव... कमलेश ठाकुर, कांग्रेस: 28641 (+ 7860) होशियार सिंह, बीजेपी: 20781 LIVE UPDATE: 11.13 AM (6th Round) हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव... आशीष शर्मा , बीजेपी: 18319 (+ 743) पुष्पिंदर वर्मा, कांग्रेस: 17576 LIVE UPDATE: 11.00 AM (8th Round) देहरा विधानसभा उपचुनाव... कमलेश ठाकुर, कांग्रेस: 24957 (+ 6115) होशियार सिंह, बीजेपी: 18842 LIVE UPDATE: 11.00 AM (5th Round) हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव... आशीष शर्मा , बीजेपी: 15120 (+ 67) पुष्पिंदर वर्मा, कांग्रेस: 15053 LIVE UPDATE: 10.42 AM (4th Round) नालागढ़ विधानसभा उपचुनाव... हरदीप बावा, कांग्रेस: 15253 कृष्ण लाल ठाकुर, बीजेपी: 12275 हरप्रीत सैनी : 5141 LIVE UPDATE: 10.42 AM (7th Round) देहरा विधानसभा उपचुनाव... कमलेश ठाकुर, कांग्रेस: 21723 होशियार सिंह, बीजेपी: 16694 LIVE UPDATE: 10.35 AM (3rd Round) नालागढ़ विधानसभा उपचुनाव... हरदीप बावा, कांग्रेस: 10767 कृष्ण लाल ठाकुर, बीजेपी: 8573 हरप्रीत सैनी : 3536 नोटा : 157 LIVE UPDATE: 10.30 AM (4th Round) हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव... पुष्पिंदर वर्मा, कांग्रेस: 12021 आशीष शर्मा , बीजेपी: 11138 LIVE UPDATE: 10.17 AM (6th Round) देहरा विधानसभा उपचुनाव... कमलेश ठाकुर, कांग्रेस: 16984 होशियार सिंह, बीजेपी: 15169 LIVE UPDATE: 10.17 AM (2nd Round) हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव... डॉ पुष्पेंद्र वर्मा 6750 आशीष शर्मा 5046 नंद लाल शर्मा 13 LIVE UPDATE: 10.12 AM (2nd Round) नालागढ़ विधानसभा उपचुनाव... हरदीप बावा, कांग्रेस: 7577 कृष्ण लाल ठाकुर, बीजेपी: 6006 हरप्रीत सैनी : 2342 डॉ केे एल शर्मा : 132 विजय सिंह : 65 नोटा : 103 LIVE UPDATE: 9.50 AM (5th Round) देहरा विधानसभा उपचुनाव... कमलेश ठाकुर, कांग्रेस: 13300 होशियार सिंह, बीजेपी: 12664 LIVE UPDATE: 9.40 AM (1st Round) नालागढ़ विधानसभा उपचुनाव... हरदीप बावा , कांग्रेस: 3358 कृष्ण लाल ठाकुर, बीजेपी: 2712 LIVE UPDATE: 9.40 AM (4th Round) कमलेश ठाकुर, कांग्रेस: 2655 होशियार सिंह, बीजेपी: 2135 LIVE UPDATE: 9.00 AM (1st Round) हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव... पुष्पिंदर वर्मा, कांग्रेस: 3004 आशीष शर्मा , बीजेपी: 2804 LIVE UPDATE: 9.00 AM (2nd Round) देहरा विधानसभा उपचुनाव... कमलेश ठाकुर, कांग्रेस: 2530 होशियार सिंह, बीजेपी: 2629 LIVE UPDATE: 8.50 AM (1st Round) देहरा विधानसभा उपचुनाव... कमलेश ठाकुर, कांग्रेस: 2530 होशियार सिंह, बीजेपी: 2629 ❝नालागढ़ सीट से पांच प्रत्याशी मैदान में हैं। कांग्रेस से हरदीप सिंह बावा, भाजपा से केएल ठाकुर, स्वाभिमान पार्टी से किशोरी लाल शर्मा, निर्दलीय हरप्रीत सिंह और विजय सिंह मैदान में हैैं। उधर ,हमीरपुर में तीन प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच में है। हमीरपुर से भाजपा के आशीष शर्मा, कांग्रेस के डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा और निर्दलीय प्रत्याशी नंद लाल शर्मा मैदान में हैं। साल 2022 में भी कांग्रेस के डॉ. पुष्पेंद्र और आशीष शर्मा आमने-सामने थे। आशीष ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीते थे। भाजपा के प्रत्याशी नरेंद्र ठाकुर थे। इस उपचुनाव में सबसे हॉट सीट देहरा सीट है जहाँ से पांच प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें कांग्रेस से कमलेश ठाकुर चुनावी मैदान में है जो सीएम सुक्खू की धर्मपत्नी है जबकि भाजपा से होशियार सिंह चुनावी मैदान में है। इसके अलावा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर सुलेखा देवी, अंकेश सायल और एडवोकेट संजय शर्मा किस्मत आजमा रहे हैं। ❞
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां हुई| राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार से प्रभावित होने वाले परिवारों के लिए भूमि अधिग्रहण और मुआवजे की घोषणा को मंजूरी दी गई। इसके अलावा, ऊना जिले के हरोली विधानसभा क्षेत्र में बल्क ड्रग पार्क के निर्माण के लिए पूंजीगत लागत का राज्य हिस्सा प्रदान करने का भी निर्णय लिया गया और इसकी निविदा बुलाने को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने रिट्रीट, मशोबरा, बैंड टुकड़ा आंद्री, शिव मंडी आंद्री, ताल और गिरी के अतिरिक्त क्षेत्रों को डी.पी.एफ. खलिनी, बी.सी.एस. शिमला विकास योजना में मिस्ट चैंबर और परिमहल ग्रीन एरिया के दायरे में। इसने जूनियर ऑफिस असिस्टेंट से संबंधित पोस्ट कोड 903 और 939 के लंबित परिणामों पर कैबिनेट उप-समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया और दोनों पोस्ट कोड के लिए अंतिम परिणाम घोषित करने का कार्य एच.पी. को सौंपा। राज्य चयन आयोग हमीरपुर। बैठक में शिक्षा विभाग में लेक्चरर फिजिकल एजुकेशन के 486 पद और प्रिंसिपल स्कूल कैडर के 157 अतिरिक्त पद सृजित करने और भरने को मंजूरी दी गई। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा विभाग में विशेष शिक्षकों के 245 पद भरने का भी निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने राज्य में हेलीपोर्टों पर तैनाती के लिए गृह विभाग में अग्निशमन अधिकारियों और अधिकारियों की विभिन्न श्रेणियों के 53 पद और विभिन्न श्रेणियों के पुलिस कर्मियों के 60 पदों को बनाने और भरने की मंजूरी दी। हिमाचल प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों के 30 पद भरने का निर्णय लिया गया। इसके सुचारू संचालन के लिए राज्य चयन आयोग हमीरपुर। मंत्रिमंडल ने लोक निर्माण विभाग में जेओए (आईटी) के 30 पद भरने को मंजूरी दी। इसमें खंड विकास अधिकारी के 27 अतिरिक्त पद सृजित करने का निर्णय लिया गया, जिससे कुल कैडर की संख्या 123 पदों तक बढ़ जाएगी। कैबिनेट ने शिक्षा विभाग में जूनियर बेसिक शिक्षकों के रूप में 18 ग्रामीण विद्या उपासकों की सेवाओं को नियमित करने का निर्णय लिया, जिन्होंने तीन साल की सेवा पूरी कर ली है और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के मानदंडों को पूरा करते हैं। डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कॉलेज, हमीरपुर में कार्डियोलॉजी विभाग बनाने का निर्णय लिया गया और तीन पद सृजित करने और भरने का निर्णय लिया गया। इसके सुचारू संचालन के लिए प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर और वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर। मंत्रिमण्डल ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग में जिला नियंत्रक, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के दो पदों को सीधी भर्ती के माध्यम से भरने की मंजूरी दी। मंत्रि-परिषद ने राजस्व विभाग में पटवारी, कानूनगो के जिला कैडर और नायब तहसीलदार के संभागीय कैडर को राज्य कैडर घोषित करने का निर्णय लिया। हिमाचल विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद के तत्वावधान में आर्यभट्ट भू-सूचना विज्ञान और अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र में कार्यरत पदधारियों को तीन प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के साथ परिलब्धियां देने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने 40 प्रतिशत की न्यूनतम विकलांगता के साथ अपने बच्चों की देखभाल के लिए एक महिला सरकारी कर्मचारी को उसकी पूरी सेवा के दौरान अधिकतम 730 दिनों की बाल देखभाल छुट्टी देने का भी निर्णय लिया।
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी 13 से 22 जुलाई, 2024 तक किन्नौर जिला के प्रवास पर होंगे। इस दौरान वह जिलाधिकारियों के साथ विभिन्न बैठकें करेंगे। यह जानकारी सरकारी प्रवक्ता ने देते हुए बताया कि जगत सिंह नेगी 13 जुलाई को सायं 05 बजे कल्पा पहुंचेंगे तथा रात्रि ठहराव कल्पा में करेंगे। 14 जुलाई को उनका ठहराव कल्पा में रहेगा तथा 15 जुलाई को रिकांग पिओ में प्रातः 11 बजे जल शक्ति विभाग के पूह मंडल के अधिशाषी अभियन्ता, सहायक अभियन्ताओं एवं कनिष्ठ अभियन्ताओं के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। राजस्व मंत्री 16 जुलाई को रिकांग पिओ में प्रातः 10 बजे लोक निर्माण विभाग के कल्पा मंडल के अधिशाषी अभियन्ता, सहायक अभियन्ताओं एवं कनिष्ठ अभियन्ताओं के साथ समीक्षा बैठक करेंगे तथा 17 जुलाई को कल्पा में ठहराव करेंगे। कैबिनेट मंत्री 18 जुलाई को प्रातः 11 बजे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रिकांग पिओ के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। 19 जुलाई को वह रिकांग पिओ में चल रहे विभिन्न विकासात्मक कार्यों का निरीक्षण करेंगे तथा दोपहर 12 बजे के उपरान्त लोक निर्माण विभाग के करच्छम मंडल के अधिशाषी अभियन्ता, सहायक अभियन्ताओं एवं कनिष्ठ अभियन्ताओं के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। 20 व 21 जुलाई को कैबिनेट मंत्री कल्पा में ठहराव करेंगे। 22 जुलाई को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी कटगांव में आयोजित की जा रही अंडर-14 (छात्र व छात्राओं) खेल-कूद प्रतियोगिता के समापन समारोह में मुख्य अतिथि उपस्थित रहेंगे तथा सायं 04 बजे नारकंडा के लिए रवाना होंगे।
हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए आज समय के अनुसार बदलाव की आवश्यकता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि करीब 2200 शिक्षकों की बैचवाइज भर्ती की जा रही है और जल्द इनकी तैनाती होगी। कहा कि शिक्षकों की तैनाती के लिए भी पैरामीटर तय किए गए हैं। राज्य में बिना शिक्षक 350 स्कूल चल रहे हैं। 3200 स्कूल एक शिक्षक के सहारे हैं और करीब 800 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस हैं। इन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती प्राथमिकता रहेगी। कहा कि सरकार चाहती है कि प्री प्राइमरी स्कूल जल्द शुरू किए जाए। इसके लिए करीब 6100 एनटीटी शिक्षक भर्ती किए जाएंगे। कम संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने के सवाल पर रोहित ने कहा कि वित्त आयोग के हिमाचल दौरे के दौरान पर भी इस विषय पर विस्तार से चर्चा हुई। आयोग से भी सुझाव आया है कि जहां बच्चों की संख्या कम है, ऐसे स्कूलों को मर्ज किया जाना चाहिए। सरकार के ध्यान में यह मामला पहले से ही है। स्कूलों में एनरोलमेंट में भी कमी आई है। बीते वर्ष भी दो या दो से कम विद्यार्थी संख्या वाले स्कूलों को मर्ज किया गया था। जहां बच्चों की संख्या दो या दो से कम है, ऐसे करीब 700-800 स्कूलों को मर्ज किया जाएगा। प्रथम चरण में उन्हीं स्कूलों को चिन्हित करेंगे, जिनकी अधिक बच्चों की संख्या वाले स्कूल से दूरी डेढ़ से दो किलोमीटर है। शिक्षा निदेशालय इस संबंध में प्रारूप तैयार कर रहा है, जल्द निर्णय लेंगे।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय बीएससी द्वितीय वर्ष का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है। परीक्षा परिणाम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड़ कर दिया गया है। विद्यार्थी अपना लॉगइन आईडी के जरिये परिणाम देख सकते हैं। बीएससी द्वितीय वर्ष का परीक्षा का परिणाम 47.06 फीसदी रहा है। कुल 2533 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी। इसमें से 936 ने परीक्षा पास की है। एचपीयू के परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल ने कहा कि बीएससी द्वितीय वर्ष का परिणाम घोषित कर दिया है। बीते दिनों ही एचपीयू ने बीकॉम, बीए व बीसीए अंतिम वर्ष का परीक्षा घोषित किया था।
हिमाचल: HRTC कर्मचारियों के वेतन से क्वालिटी ड्रेस बनाने के लिए काटे 748 रुपए, कर्मचारी कर रहे विरोध
राज्य सरकार के उपक्रम हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने अपने कर्मचारियों से 67 लाख रुपये वसूले हैं। निगम के सभी चालकों, परिचालकों और मैकेनिकल स्टाफ के वेतन से 748 रुपये काटे गए हैं। कर्मचारी इसका विरोध कर रहे हैं। दरअसल, एचआरटीसी अपने कर्मचारियों को हर साल दो वर्दी देता है। इसके एवज में उन्हें 2000 रुपये भत्ता दिया जाता है। लेकिन इस साल वर्दी खरीदने से पहले एचआरटीसी कर्मचारियों ने तर्क दिया कि कपड़ा महंगा हो गया है, इसलिए वर्दी भत्ता बढ़ाया जाना चाहिए। कर्मचारिओं ने पिछले साल खरीदी गई वर्दी की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए थे। इसलिए इस साल वर्दी खरीदने से पहले यूनियन पदाधिकारियो की ड्रेस खरीद समिति के साथ बैठक हुई। इस बैठक की कार्यवाही विधिवत तैयार की गई, जिस पर कर्मचारी नेताओं के हस्ताक्षर हैं। बैठक में लिए गए निर्णय के बाद इस बार एचआरटीसी ने 2000 रुपये की जगह 2748 रुपये की ड्रेस खरीदकर अपने कर्मचारियों को दी। इस बार जब जून महीने का वेतन आया तो सभी कर्मचारियों के वेतन में 748 रुपये कम थे। इसके बाद सभी कर्मचारी परेशान हो गए। जब एचआरटीसी प्रबंधन से इस बारे में पूछा गया तो पता चला कि वर्दी के पैसे काट लिए गए हैं। इससे कर्मचारी भड़क गए हैं। मगर खुलकर बोल भी नहीं पा रहे, क्योंकि इनके कर्मचारी नेताओं ने क्वालिटी ड्रेस खरीदने की बात मीटिंग में कही थी। बोर्ड प्रबंधन ने क्वालिटी ड्रेस तो दे दी, लेकिन इनका वर्दी भत्ता नहीं बढ़ाया गया। HRTC में यह ड्रेस फील्ड स्टाफ को दी जाती है। इनकी संख्या 8500 से ज्यादा है। सभी कर्मचारियों से रिकवरी की गई है। HRTC के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया, निगम ने कर्मचारियों के लिए अच्छी क्वालिटी की ड्रेस खरीदी है। यह कर्मचारियों के साथ हुई मीटिंग में तय हुआ था। इसमें सभी यूनियन के पदाधिकारी मौजूद थे। सभी की सहमति के बाद ही वर्दी खरीदी है।
हिमाचल प्रदेश में पांच विद्यार्थियों की संख्या वाले करीब 700 स्कूल मर्ज करने की तैयारी शुरू हो गई है। मर्ज होने वाले स्कूलों के साथ लगते स्कूलों से दूरी की मैपिंग करने में शिक्षा विभाग जुट गया है। इसी माह इस बाबत प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा गया है। बीते दिनों शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विभागीय समीक्षा बैठक में स्कूल मर्ज करने के निर्देश दिए थे। ऐसे स्कूलों को पहले चरण में मर्ज किया जाएगा, जहां आसपास में भी स्कूल स्थित होंगे। इन स्कूलों के विद्यार्थियों और शिक्षकों को साथ लगते स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि ऐसे स्कूलों को पहले चरण में मर्ज किया जाएगा, जहां विद्यार्थियों की संख्या पांच से कम है। ऐसे स्कूल करीब 700 हैं। इनमें करीब 80 स्कूल ऐसे भी हैं, जहां एक भी छात्र ने दाखिला नहीं लिया है। दूसरे चरण में दस विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों को चिह्नित किया जाएगा। वर्ष 2023 में 2022 के मुकाबले विद्यार्थियों की संख्या करीब 50 हजार कम भी हुई है। यू डाइस की वर्ष 2023 की रिपोर्ट में इसका उल्लेख हुआ है। कोरोना संकट के बाद सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या में यह बहुत बड़ी गिरावट देखी गई है। इसके चलते ही प्रदेश सरकार ने अब ऐसे स्कूलों को मर्ज करने का फैसला लिया है जहां विद्यार्थियों की संख्या नाममात्र है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि ऐसे स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों को ऐसे अन्य स्कूलों में भेजा जाएगा, जहां बच्चों की संख्या अधिक है और शिक्षक कम हैं। मर्ज किए जाने वाले स्कूलों के बच्चों को भी साथ लगते स्कूलों में दाखिले दिलाए जाएंगे। शिक्षा की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होगा। पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति करने के लिए स्कूलों को मर्ज करने का फैसला लिया गया है। विभागीय अधिकारियों से इसी माह में इस संदर्भ में रिपोर्ट देने को कहा गया है। मर्ज होने वाले स्कूलों से विद्यार्थियों को नजदीक के स्कूलों में दाखिले दिए जाएंगे
**तीन दिन प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी **लाहौल स्पीति और किन्नौर में बारिश का अलर्ट नहीं हुआ जारी हिमाचल प्रदेश में मानसून के आज से फिर सक्रिय होने के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से 11 से 13 जुलाई तक प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। राज्य के कई भागों में 17 जुलाई तक मानसून की बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान है। आज राजधानी शिमला व आसपास भागों में भी मौसम खराब बना हुआ है। उधर, गुरुवार सुबह तक राज्य में 12 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही ठप रही। मानसून सीजन के दौरान अब 17,199 लाख रुपये की संपत्ति नुकसान हो चुका है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 10,177 लाख और जल शक्ति विभाग को 6,733 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, शिमला, सोलन व सिरमौर जिले के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। किन्नौर व लाहौल-स्पीति जिले के लिए किसी तरह का अलर्ट नहीं है।
भारत मानक ब्यूरो द्वारा उपायुक्त कार्यालय के सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में उपायुक्त किन्नौर डॉ. अमित कुमार शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कार्यशाला में भारत मानक ब्यूरो द्वारा मानकीकरण प्रक्रिया एवं सोना एवं चांदी में हॉलमार्क चिन्ह पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई तथा उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों से परस्पर संवाद के माध्यम से उनके संशय दूर किए गए एवं उत्पादों की गुणवत्ता तथा अधिनियम में सजा के प्रावधानों पर प्रकाश डाला गया। इसके अतिरिक्त कार्यशाला में आई.एस.आई चिन्ह तथा उपभोक्ता के अधिकारों एवं जौहरियों से उत्पादों के सत्यापन पर विस्तृत चर्चा की गई तथा भारत सरकार द्वारा समय-समय पर उपभोक्ताओं को मानक सुरक्षा पर जागरूक करने की गतिविधियों से अवगत करवाया गया ताकि वैश्विक प्रतिस्पर्धा के युग में उपभोक्ताओं के संवेदीकरण से सशक्त समाज का निर्माण संभव हो सके। इस अवसर पर उपायुक्त ने कार्यशाला के आयोजकों को लोगों को जागरूक करने के लिए बधाई दी तथा समय-समय पर इन कार्यशालाओं से उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने का आह्वान किया। इस अवसर पर सहायक आयुक्त विजय कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सोनम नेगी, जिला कल्याण अधिकारी बलबीर ठाकुर, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निरीक्षक चंदू लाल नेगी एवं अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश राज्य मिल्क फेडरेशन ने देसी घी, मक्खन समेत अन्य उत्पादों के दामों में बढ़ोतरी कर दी है। अब उपभोक्ताओं को हिम घी प्रति लीटर 50 रुपये और हिम मक्खन प्रति किलो 30 रुपये महंगा मिलेगा। इस तरह अब घी 700 और मक्खन 580 रुपये प्रतिकिलो मिलेगा। दूध के दामों में बढ़ोतरी के बाद प्रबंधन ने अन्य उत्पादों के दाम बढ़ाए हैं। बढ़ी हुई दरें प्रदेशभर में लागू कर दी गई हैं। मिल्क फेडरेशन की ओर से कुल पांच उत्पादों के दाम बढ़ाए हैं। हिम पनीर अब 370 के बजाय 390 रुपये में मिलेगा। खुला पनीर प्रति किलो 340 के बजाय 360 रुपये में मिलेगा। पनीर में 20 रुपये प्रतिकिलो बढ़ोतरी हुई है। खुला दूध प्रति लीटर में दो रुपये बढ़ोतरी के साथ अब दाम 49 रुपये तय किए गए हैं। प्रबंधन की ओर से हिम खोया, बटर मिल्क, हिम दही, खुला दही, दूध पैकेट, फ्लेवर वाला दूध उत्पाद के दाम में बढ़ोतरी नहीं की गई है। हिम खोया 340 रुपये प्रति किलो, बटर मिल्क 20 रुपये, हिम दही 70 रुपये, खुला दही 65 रुपये, दूध 60 रुपये, फ्लेवर वाला दूध 30 रुपये प्रतिलीटर मिलेगा। बता दें कि प्रदेशभर में मिल्क फेडरेशन के 150 से अधिक बिक्री केंद्र हैं।
हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर से संबंध रखने वाले वर्ष 2014 बैच के आईएएस अधिकारी और पूर्व जिलाधीश कुल्लू आशुतोष गर्ग को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का निजी सचिव नियुक्त किया गया है। आईएएस अधिकारी आशुतोष गर्ग के पास वर्तमान में विशेष सचिव कार्मिक का अतिरिक्त जिम्मा है। कुल्लू के उपायुक्त पद से स्थानांतरण के बाद आशुतोष गर्ग को विशेष सचिव वित्त नियुक्त किया गया था। बाद में कार्मिक विभाग भी दिया गया। इसके अलावा प्रबंध निदेशक सामान्य उद्योग निगम भी नियुक्त किए गए।
यूनिवर्सल कार्टन में वजन के हिसाब से किलो के रेट पर सेब बिकेगा। आढ़तियों को फड़ (ऑक्शन यार्ड) पर अनिवार्य तौर पर इलेक्ट्राॅनिक कांटे लगाकर पेटियों का वजन कर एवरेज के हिसाब से किलो की बोली लगा कर सेब बेचना होगा। बागवान भी बढि़या किस्म के यूनिवर्सल कार्टन में सेब की पैकिंग करें ताकि आढ़तियों और खरीदारों को नुकसान न हो। नियमों का उल्लंघन बागवान करे या आढ़ती सबके लिए कानून एक समान लागू होगा। यूनिवर्सल कार्टन को लेकर चल रही असमंजस की स्थिति पर मंगलवार को बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने सचिवालय में सभी पहलुओं पर स्थिति स्पष्ट की। नेगी ने कहा कि जिन बागवानों के पास पिछले साल का कार्टन बचा है वह नाशपाती टेलिस्कोपिक कार्टन में पैक कर बेच सकते हैं। नाशपाती पर कोई रोक नही है। सेब के लिए यूनिवर्सल कार्टन की कोई कमी पेश नहीं आने दी जाएगी। एचपीएमसी के बिक्री केंद्रों पर यूनिवर्सल कार्टन उपलब्ध करवाना शुरू कर दिया गया है। निजी कंपनियों का कार्टन भी बाजार में उपलब्ध है। 99 फीसदी बागवान यूनिवर्सल कार्टन से संतुष्ट हैं सिर्फ एक फीसदी परेशान हैं। पिछले सीजन में जब किलो के हिसाब से सेब बिक्री शुरू की थी तब भी कुछ लोगों को समस्या थी, सरकार ने सख्ती की तो व्यवस्था लागू हो गई। बागवानों से ठगी के मामलों में एसआईटी कार्रवाई करती थी लेकिन इस सीजन से एसआईटी के साथ एपीएमसी को सक्रिय किया जाएगा। बागवानों की शिकायत आते ही एपीएमसी पुलिस में मुकद्दमा दर्ज करवाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बागवान भी अगर चैक से फसल का पैसा ले रहे हैं और चैक बाउंस हो जाता है तो तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करें। सेब सीजन में नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए एसडीएम और तहसीलदारों को भी कार्रवाई की शक्तियां दी जाएंगी। सेब सीजन के दौरान ग्रामीण और मुख्य सड़कें बंद न होे इसका जिम्मा संबंधित डीसी और एसपी को सौंपा गया है। पराला मंडी की सड़क बन कर तैयार हो गई है। पीडब्ल्यूडी के साथ बैठक कर हर जगह मशीनें रखने के निर्देश दिए गए हैं।