बीते कुछ सालों में चीन ने अपनी नौसेना की शक्ति में कई गुणा इज़ाफ़ा किया है , जिसके चलते चीन की नौसेना अब बहुत शक्तिशाली हो चुकी है। चीन के पास 350 युद्धपोत और पनडुब्बियां हैं। भारतीय सेना की बात करें तो हमारी नौसेना की ताकत काफी कम है। पेंटागन की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन भारत के चारों तरफ मौजूद करीब एक दर्जन से ज्यादा देशों में सैन्य अड्डे बनाने की तैयारी कर रहा है।
सुशांत सिंह राजपूत केस में तीनो बहनो के बयान आए सामने। कहा 7 साल से था मानसिक तनाव मगर रिया के सम्पर्क में आने से , एक साल से बिगड़े थे हालात। इस पर सुशांत सिंह राजपूत के पिता के वकील ने इस बयान को मानने से किया इंकार।
एक दिन में आये 83,883 नए केस। गुरुवार को कोरोना ने सरे रिकॉर्ड तोड़े , पिछले 24 घंटों में आए 83,883 नए केस जो की अब तक का एक दिन में आये केस का सबसे बड़ा आंकड़ा है। वहीँ दुनिया भर में ये आंकड़ा 2.59 करोड़ के पार पहुंचा।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणभ मुख़र्जी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया शोक। उन्होंने उनके दिल्ली स्थित घर पहुँच कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रणभ मुख़र्जी के साथ अपनी तस्वीर ट्विटर पर डाली और लिखा "दशकों तक चले अपने राजनीतिक जीवन के दौरान, श्री प्रणब मुखर्जी ने प्रमुख आर्थिक और रणनीतिक मंत्रालयों में लंबे समय तक योगदान दिया। वह एक उत्कृष्ट सांसद थे, हमेशा अच्छी तरह से तैयार, बेहद मुखर और साथ ही मजाकिया। "
भारत के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणभ मुख़र्जी को अंतिम विदाई दी गई। उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में किया गया। टयुमर के कारण उन्हें अस्पताल लाए जाने पर वह कोरोना संक्रमित पाए गए थे। जिसके चलते अंतिम संस्कार के दौरान भी ज़्यादा लोगों की मौजूदगी नहीं रही। कोरोना के चलते सभी ज़रूरी एहतियात के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
भारतीय क्रिकेट में हमेशा से ही बल्लेबाज़ों का दबदबा रहा है, पर कुछ ऐसे भी गेंदबाज़ हैं जिन्होंने क्रिकेट के इतिहास में अपनी छाप छोड़ दी। एक ऐसा ही नाम है जवागल श्रीनाथ (Javagal Srinath)। श्रीनाथ भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के चहेते हैं। उनके नाम, एक ऐसा रिकॉर्ड दर्ज है जो किसी भी खिलाड़ी के लिए मुश्किल है। वह भारत के ऐसे पहले तेज गेंदबाज रहे हैं जो लगभग 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकने की क्षमता रखते थे। उन्होंने किसी भी अन्य गेंदबाज़ से ज़्यादा 4 वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया। क्रिकेट की दुनिया के रजनीकांत के नाम से जाने जाने वाले श्रीनाथ चाहने वालों के बीच 'मैसूर एक्सप्रेस' के नाम से भी मशहूर थे। श्रीनाथ का जन्म श्रीनाथ का जन्म 31 अगस्त 1969 का कर्णाटक के मैसूर जिला में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई मैसूर के मारीमल्लप्पा हाई स्कूल से हुई। क्रिकेट में रूची रखने वाले श्रीनाथ ने छोटी उम्र से ही खेलना शुरू कर दिया था। उन्होंने मैसूर के श्री जयचामाराजेंद्र कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की। श्रीनाथ ने दो बार प्रेम विवाह किया। उनकी पहली शादी 1999 में ज्योत्सना नाम की लड़की के साथ हुई। बाद में दोनों ने सहमति से तलाक ले लिया। फिर उन्होंने ने 2008 में माधवी पत्रावली नाम के एक पत्रकार से शादी की। श्रीनाथ का करियर श्रीनाथ ने भारत की ओर से खेलते हुए 67 मैचों में 236 विकेट लिए। इसके अलावा उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 1,009 रन भी बनाए। श्रीनाथ ने 229 वनडे मैचों में 315 विकेट लिए। भारत की ओर से वनडे में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों में श्रीनाथ की नाम पूर्व लेग स्पिनर अनिल कुंबले (337) के बाद दूसरे नंबर पर आता है। इसके अलावा वनडे क्रिकेट में उन्होंने 883 रन भी बनाए। जवागल श्रीनाथ ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 533 जबकि लिस्ट ए क्रिकेट में 407 विकेट लिए। श्रीनाथ ने साल 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ ईडन गार्डन्स के मैदान पर मैच में 132 रन देते हुए कुल 13 विकेट हासिल किए थे पर दुर्भाग्यपूर्ण भारतीय टीम वो मैच हार गई। टेस्ट मैचों में श्रीनाथ ने 8 बार चार, 10 बार 5 और एक बार 10 विकेट अपने नाम किए हैं।
राजीव गाँधी (20 अगस्त 1944 - 21 मई 1991) भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के जीवन की कहानी किसी हिंदी नाटकीय फिल्म से कम नहीं रही। वैसे तो सत्य यह भी है कि राजनैतिक दुनिया किसी नाटक से कम नहीं है, और राजीव गाँधी की ज़िन्दगी इसका जीता जागता उदहारण रही। राजीव की राजनीति में आने की कहानी राजनीती में आने से पहले राजीव गाँधी इंडियन एयरलाइन्स में बतौर पायलट तैनात थे। राजीव की राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी। पर पारिवारिक हालत और परिस्तिथि ऐसे बने कि राजीव कि न सिर्फ राजनीति में एंट्री हुई बल्कि वे देश के प्रधानमंत्री भी बन गए। दरअसल , इंदिरा गाँधी की राजनैतिक विरासत उनके छोटे पुत्र संजय गाँधी संभल रहे थे। इंदिरा के बाद वे ही नंबर दो थे और ये तय था कि वे ही इंदिरा की राजनैतिक विरासत को संभालेंगे। पर पहले एक हादसे में संजय गाँधी का निधन हुआ और फिर 1984 में इंदिरा की एक आतंकवादी हमले में हत्या कर दी गई। इंदिरा की हत्या के बाद सभी निगाहें राजीव गाँधी पर टिक गई। आखिरकार, हालात के चलते वे रातो-रात विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री बन गए।विरासत में मिला कार्यकाल पूरा कर 1 साल बाद फिर से चुनाव लड़ कर राजीव प्रचंड बहुमत से प्रधानमंत्री बने। राजीव का राजनैतिक कार्यकाल दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री, राजीव पढ़े लिखे और सुलझे विचारों के थे, व जिस 21 वीं सदी में हम रहते हैं, इसका सपना राजीव ने ही संजोया था। जानते है बतौर प्रधानमंत्री राजीव गाँधी द्वारा लिए गए उन तीन बड़े फैसलों के बारे में जिन्होंने हिंदुस्तान को एक नई दिशा दी। - राजीव भारत में कंप्यूटर क्रान्ति लेकर आये जिसके चलते, भारत में विकास की गति बढ़ी व लोगों की रोज़मर्रा की ज़िन्दगी आसान हुई।हालंकि शुरूआती दौर में विपक्ष ने उनके इस निर्णय का जमकर विरोध किया पर आगे चलकर पूरा हिंदुस्तान उन्ही के बताये रास्ते पर चला। आज की सरकारें भी डिजिटल इंडिया का नारा देती है जिसका आगाज़ बतौर प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने किया था। - देश में मतदान करनी की वेध आयु 21 वर्ष हुआ करती थी जिसे राजीव गाँधी ने घटाकर 18 वर्ष किया। - वर्तमान पंचायती राज व्यवस्था भी राजीव गाँधी की सोच का ही नतीजा है। राजीव चाहते थे कि लोकतंत्र कि मजबूती के लिए सबसे निचले स्तर यानी पंचायत स्तर पर भी चुनाव हो। आगे चलकर पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में उनकी सोच को अमलीजामा पहनाया गया। भारतीय राजनीति की सबसे खूबसूरत लव स्टोरी के नायक थे राजीव राजीव गाँधी की प्रेम कहानी एक खूबसूरत कल्पना की तरह शुरू हुई और एक दुखद मोड़ पर इसका अंत हुआ। राजीव जब इंग्लैंड में थे तो इटली की रहने वाली युवती, सोनिया मैनो को पहली नज़र में दिल दे बैठे। सोनिया, राजीव के ही कॉलेज में पढ़ती थी व राजीव ने उन्हें पहली बार कॉलेज की कैंटीन में देखा था। दोनों की जल्द ही दोस्ती हुई और दोस्ती एक खूबसूरत सपने की तरह प्यार में बदल गई। दोनो एक दूसरे को जीवन साथी के रूप में चुन चुके थे व जल्द ही अपने परिवारों को भी इसके बारे में बता दिया। कहते है कि मां इंदिरा चाहती थी कि राजीव की शादी बॉलीवुड के शोमैन राज कपूर की बेटी से हो। पर राजीव तो अपना दिल सोनिया को दे बैठे थे। राजीव के कहने पर इंदिरा सोनिया से मिली व दोनो के फैसले का खुले मन से स्वागत किया। दोनो की शादी 1968 में हुई। राजीव से हुई इस पहली मुलाक़ात के बारे में सोनिया ने उनकी मृत्यु के बाद लिखे एक पत्र में कहा था "मैं भूल जाना चाहती हूँ उनका आखिरी चेहरा , और रेस्टोरेंट में हुई वो पहली मुलाक़ात , वो मुस्कान याद रखना चाहती हूँ।"
पंडित जसराज : संगीत सम्राट को आखिरी सलाम। शास्त्रीय संगीत में महारथ हासिल करने वाले पंडित जसराज, अब हमारे बीच नहीं रहे इस खबर ने उनके सभी प्रशंसकों को गहरे शोक में डाल दिया। संगीत की दुनिया में अपना गुर दिखा कर आसमान की बुलंदियां छूने वाले पण्डित जसराज, संगीत की दुनिया से जुड़े हर व्यक्ति की प्रेरणा रहे। उपलब्ध जानकारी के अनुसार पण्डित जसराज ने अमेरिका के न्यू जर्सी के एक अस्पताल में 17 अगस्त 2020 की सुबह 5:15 पर अंतिम सांस ली। पण्डित जसराज कि उम्र 90 साल थी व उनकी पुत्री दुर्गा जसराज के अनुसार उनकी मृत्यु कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई। 90 साल के जीवन-काल में 80 साल संगीत जगत को देने वाले पण्डित जसराज, कला जगत में बे-हद लोकप्रिय थे उनकी मृत्यु की खबर पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सहित राजनैतिक, संगीत व बॉलीवुड जगत के कई लोगों ने शोक जताया। पण्डित जसराज की मृत्यु से उनके प्रशंसक व उनसे प्रेरणा ले कर, संगीत सीखने वाले युवा कलाकारों के लिए यह खबर बेहद दुखद रही। पंडित जसराज कि ज़िन्दगी की एक झलक संगीत की दुनिया की इस महान हस्ती की पूरी ज़िन्दगी का इन शब्दों और पन्नों में समा पाना तो मुश्किल है, पर मेवाती घराने से संबंध रखने वाले, यह प्रसिद्ध गायक बहुत ही सरल व साधारण थे। इनका जन्म 26 जनवरी 1930 को हुआ। पंडित जसराज जब 4 वर्ष के थे तब ही उनके पिता का देहांत हो गया था इसके बाद उनकी परवरिश उनके बड़े भाई पंडित मनिराम ने की। वह बहुत कम उम्र से ही संगीत सीखने लगे थे और बतौर तबलावादक उन्होंने संगीत सीखने की शुरुआत की जिसे उन्होंने बाद में त्याग दिया था। उनकी शुरुआती संगीत शिक्षा उनके बड़े भाई द्वारा हुई। पंडित जसराज ने 14 वर्ष की आयु से, बतौर संगीतकार प्रशिक्षण शुरू किया एवं उनके शास्त्रीय संगीत की प्रेरणा, बेगम अख्तर को माना जाता है। कुछ समय बाद उन्होंने रेडियो पर बतौर संगीतकार काम करना शुरू किया व 22 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला कॉन्सर्ट किया। 1960 में उनकी मुलाक़ात,निर्देशक वी शांताराम की बेटी मधुरा शांताराम से हुई जिनसे उन्होंने 1962 में शादी की। शास्त्रीय संगीत में योगदान हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत को नभ की ऊंचाइयों तक ले जाने में पंडित जसराज का बड़ा योगदान रहा है। फ़िल्मी जगत की कल्पना संगीत के बिना कर पाना सम्भव नहीं और संगीत में किये पंडित जसराज के अध्ययनों द्वारा भारतीय संगीत को एक नई पहचान व सूरत मिली। अपनी मधुर व रस भरी आवाज़ के कारण वह अक्सर रस राज भी कहलाये जाते थे। पद्मविभूषण पंडित जसराज ने कई फ़िल्मी गानों को धुन व अपनी मधुर आवाज़ से सजाया। संगीत संस्कृति में उनके योगदान के लिए उन्हें कई सामानों एवं पुरस्कारों से नवाज़ा गए। जिनमे पद्म श्री (1975) , पद्मभूषण, पद्मविभूषण (2000) , संगीत कला रत्न , लता मंगेशकर पुरस्कार, मारवाड़ संगीत रत्न (2014) , महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार , संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार शामिल हैं। संगीत के प्रति निष्ठा पंडित जसराज जी ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में शिरकत के समय लोगों के उनकी ज़िंदगी के बारे में पूछे जाने पर जवाब दिया था , "सोचता हूं कि आज अगर 35 बरस का होता और 75 बरस के ये अनुभव साथ होते, और उससे आगे 35 बरस की यात्रा करता तो कितना फ़र्क़ होता। संगीत के प्रति यही भावनाएं, श्रद्धा और भक्ति होती तो जीवन कितना धन्य होता।" पंडित जसराज के ये शब्द संगीत के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाते हैं। उन्हें प्राप्त कई विशेष उपलब्धियों में से एक यह भी थी के वह सातों द्वीपों पर प्रस्तुति दने वाले पहले भारतीय कलाकार थे। जीवन में अमर तो कोई भी नहीं परन्तु एक कलाकार मृत्यु के बाद भी जीवित रहता है अपनी कला में व अमर हो जाता है प्रशंसकों के दिल में।
वो दौर था 1857 का, पूरे देश में क्रांति की ज्वाला भड़क रही थी। ऐसे में पहाड़ों की शांत वादियों में लगी चिंगारी भी कम नहीं थी। धीमें से सुलग रही इस क्रांति की चिंगारी ने जब विकराल रूप लिया तब लगभग पूरा हिमाचल इसकी जद में आ गया। 20 अप्रैल 1857, वो दिन जब पहली बार हिमाचल प्रदेश में अंग्रेज़ों के खिलाफ धधक रही ज्वाला ने विकराल रूप धारण किया। क्रांति का आगाज़ हुआ कसौली से। अंबाला राइफल डिपो के छह भारतीय सैनिकों ने कसौली थाने को आग के हवाले कर दिया। अंग्रेजों के सुरक्षित गढ़ कही जाने वाली कसौली छावनी पर हुए इस हमले से गोरे बौखला उठे और उन्होंने अन्य छावनी क्षेत्रों व कंपनी सरकार के कार्यालयों की सुरक्षा कड़ी कर दी। गोरों ने कई क्रांतिकारियों को जेलों में डाल दिया और कईयों को सूली पर चढ़ा दिया, पर सैनिकों का बलिदान ज़ाया नहीं गया। कसौली से भड़की इस ज्वाला ने पूरे हिमाचल में आज़ादी की अलख जगा दी। इसके बाद डगशाई छावनी, सुबाथू, कालका व जतोग में क्रांति की लहर दौड़ी। उधर कांगड़ा, नूरपुर, धर्मशाला, कुल्लू-लाहुल, सिरमौर व अन्य रियासतों में भी विद्रोह प्रखर हो गया। बुशहर के राजा शमशेर सिंह, कुल्लू-सिराज के युवराज प्रताप सिंह, सुजानपुर के राजा प्रताप चंद गुप्त रूप से क्रांतिकारियों की गतिविधियों में संलिप्त हो गए। 11 मई को अंग्रेजों को मेरठ, दिल्ली और अम्बाला में विद्रोह की सुचना मिली। गोरों ने कसौली, सुबाथू, डगशाई व जतोग की छावनियों को अंबाला कूच का आदेश दिया। भारतीय सैनिकों ने इस आदेश का खुले तौर पर विद्रोह किया और बगावत का ऐलान कर दिया। 13 मई को जतोग में गोरखा रेजिमेंट ने सूबेदार भीम सिंह के नेतृत्व में देशी सैनिकों ने अंग्रेजों पर धावा बोल दिया। सिर्फ 45 क्रांतिकारियों ने 200 अंग्रेजों को धूल चटा दी। सैनिकों ने कसौली ट्रेजरी को लूटा और जतोग की तरफ बढ़ने लगे। इस बारे में अंग्रेज़ों के तत्कालीन कमिश्नर पी. मैक्सवैल ने अपनी डायरी में जिक्र किया है और हैरानी जताई है कि कैसे मुट्ठीभर क्रांतिकारियों ने अपने से चार गुना अधिक अंग्रेजी सेना को हरा दिया था। इसके बाद विद्रोह की डोर स्थानीय पुलिस ने अपने हाथों में ली। स्थानीय पुलिस गार्ड के दरोगा बुद्धि सिंह जतोग पर कब्जे के लिए रवाना हो गए। जतोग पहुँचते पहुँचते रास्ते में अंग्रेजी सेना ने कुछ क्रांतिवीरों को पकड़ लिया तो कुछ मारे गए। जबकि बुद्धि सिंह ने गोरों के हाथों मरने से भला स्वयं को गोली मरना समझा और वो शहीद हो गए। पहाड़ी रियासतों में क्रांति योजनाबद्ध तरीके से हो रही थी, जिसके लिए एक गुप्त संगठन बना हुआ था, जिसके सदस्य सूचनाओं को यहां-वहां पहुंचाया करते थे। पहाड़ों में इस क्रांति के नेता पंडित राम प्रसाद वैरागी थे। वैरागी सुबाथू मंदिर में पुजारी थे। वे संगठन पत्रों के माध्यम से संदेश भेजा करते थे। 12 जून 1857 को इस संगठन का कुछ पत्र अंबाला के कमिश्नर जीसी बार्नस के हाथ लगे, जिसमें दो पत्र राम प्रसाद वैरागी के भी थे। इसके साथ ही संगठन का भेद खुल गया। वैरागी को पकड़ कर अंबाला जेल में फांसी पर चढ़ा दिया गया। क्रांतिकारियों को सहयोग न मिला व अंग्रेज़ों ने 1857 के विद्रोह को दो महीनो में ही दबा दिया और प्रदेश में लगी विद्रोह की ज्वाला कुचल दी गई।
करोड़ों लोगों के हरदिल अजीज़ राहत इंदौरी साहब आज हमारे बीच नहीं रहे, पर उन के लिखे अल्फ़ाज़ हमेशा हर हिंदुस्तानी के दिल में ज़िंदा रहेंगे। जहाँ उन्होंने मोहब्बत की शायरी से युवाओं के दिल में घर किया वहीँ उनकी बगावत की शायरी लोगों के लिए बुलंद आवाज बनी। 'किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है', राहत साहब की इस लाइन ने नागरिकता संशोधन कानून और भारतीय नागरिक रजिस्टर के विरोध में प्रदर्शकारियों को अल्फ़ाज़ दिए। उस दौरान महरूम शायर की इन पंक्तियों ने खूब सुर्खियां बटोरीं। उनकी लिखी पंक्तियाँ आंदोलन की आवाज़ बनी। राहत इंदौरी ने सीएए-एनआरसी के मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा था 'सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में, किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है।' 'लगेगी आग तो आएंगे घर कई ज़द में यहां पे सिर्फ़ हमारा मकान थोड़ी है, जो आज साहिबे मसनद हैं कल नहीं होंगे किराएदार हैं, ज़ाती मकान थोड़ी है, सभी का ख़ून है शामिल यहां की मिट्टी में किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है!' बहुत चुनिंदा कवि / शायर या साहित्यकार ऐसे हुए है जिनके अल्फ़ाज़ किसी आंदोलन की आवाज़ बने हो। 1. "इंकलाब जिंदाबाद" यानी, क्रांति अमर रहे। आज़ादी के समय में एक नारा मशहूर हुआ था और आज भी है 'इंकलाब जिंदाबाद।' कई लोगों का ये मानना है कि ये नारा शहीद भगत सिंह ने ही पहली बार दिया था। लेकिन हक़ीक़त में यह नारा उर्दू शायर मौलाना हसरत मोहानी ने 1921 में दिया था। तब से लेकर आज तक कोई धरना या प्रदर्शन हो या फिर देश की सम्प्रभुता और एकता व अखंडता का कोई जलसा हो, हर जगह यह नारा बुलंद होता है। इंक़लाब जिन्दबाद का नारा अमर था और सदा अमर रहेगा। 2. "सिंहासन खाली करो कि जनता आती है" 1977 में लगी इमरजेंसी के दौरान लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने इसी नारे के साथ इंदिरा गाँधी को चुनौती दी थी। रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कविता से ली इन पंक्तियों ने इंदिरा सरकार की नींव हिला दी थी। दिनकर ने आजादी की लड़ाई से लेकर, उसके बाद तक अपनी लेखनी से जनता को उसके अधिकारों के प्रति जागरूक किया। उन्होंने हिंदी साहित्य में न केवल वीर रस के काव्य को एक नई ऊंचाई दी, बल्कि अपनी रचनाओं के माध्यम से राष्ट्रीय चेतना का भी सृजन किया। उनकी प्रेरक देशभक्ति रचनाओं के कारण उन्हें राष्ट्रकवि के रूप में प्रतिष्ठित किया गया। 'फावड़े और हल राजदण्ड बनने को हैं, धूसरता सोने से शृँगार सजाती है; दो राह, समय के रथ का घर्घर-नाद सुनो, सिंहासन खाली करो कि जनता आती है।' 3. "मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।" दुष्यंत कुमार की कविता इस कविता का अर्थ है "सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।" दुष्यंत की नज़र उनके युग की नई पीढ़ी के ग़ुस्से और नाराज़गी से सजी बनी है। यह ग़ुस्सा और नाराज़गी उस अन्याय और राजनीति के कुकर्मो के ख़िलाफ़ नए तेवरों की आवाज़ थी, जो समाज में मध्यवर्गीय झूठेपन की जगह पिछड़े वर्ग की मेहनत और दया की नुमानंदगी करती है।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में मनचलों की छेड़खानी के कारण एक होनहार छात्रा सड़क हादसे की शिकार बन गई। स्कॉलरशिप पर अमेरिका में पढ़ाई करने वाली ये छात्रा सोमवार सुबह अपने चाचा के साथ बाइक पर मामा के घर जा रही थी, तभी उनकी बाइक बुलेट से टकरा गई और मौके पर ही छात्रा की मौत हो गई। चाचा का कहना है कि वह बाइक पर जा रहे थे, तभी बुलेट सवार कुछ मनचले पीछा करने लगे। इसी दौरान उनकी बाइक बुलेट से टकरा गई और मौके पर ही छात्रा की मौत हो गई। गौतमबुद्ध नगर के दादरी की रहने वाली सुदीक्षा भाटी एक होनहार छात्रा थीं। सुदीक्षा ने 2018 में इंटरमीडिएट में बुलंदशहर जनपद में टॉप किया था। HCL की तरफ से 3 करोड़ 80 लाख रुपये की स्कॉलरशिप मिलने पर सुदीक्षा उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चली गई थी। सुदीक्षा अमेरिका के बॉब्सन कॉलेज में भारत सरकार के खर्च पर पढ़ रही थी। हल ही में वो छुट्टियों में घर आई हुई थीं। सुदीक्षा भाटी के परिजनों का आरोप है कि जब बाइक से वह औरंगाबाद जा रहे थे, तब उनकी बाइक का बुलेट सवार दो युवकों ने पीछा किया। कभी युवक अपनी बुलेट को आगे निकालते तो कभी छात्रा पर कमेंट पास करते। इतना ही नहीं, ये सिरफिर चलते-चलते स्टंट भी कर रहे थे। इसी दौरान अचानक बुलेट सवार युवकों ने अपनी बाइक का ब्रेक लगा दिया और बुलेट की टक्कर सुदीक्षा की बाइक से हो गई। बाइक गिर गई और सुदीक्षा के सर पर चोट लग गई। सुदीक्षा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रविवार हुई भरी बारिश से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। सड़कों पर खड़ी गाड़ियां और छोटे वाहन पानी अपने साथ बहा ले गया तो कहीं दीवारें ढह गई। कई जगह मलबा आने से रास्ते बंद पड़े हैं। और तो और कई लोगों के घरो के अंदर पानी घुस गया। वहीं मौसम विभाग ने सोमवार को अल्मोड़ा, ऊधमसिंह नगर, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और चमोली में हल्की बारिश की संभावना जताई है। देहरादून, पिथौरागढ़, बागेश्वर, नैनीताल, चंपावत, पौड़ी, हरिद्वार और टिहरी के अधिकांश क्षेत्रों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। सोमवार को भी रुक रुक कर जारी बारिश से शहर के कई इलाकों में जलभराव हो गया। देहरादून और ऊपरी पहाड़ी इलाकों में हुई बारिश से देहरादून में रिस्पना नदी में भी जलस्तर बढ़ गया है जिस कारण आवाजाही में भरी दिक्कत आ रही है। वहीं मसूरी के पास पर्यटन स्थल कैंपटी फॉल व यमुना नदी के बढ़े जलस्तर ने स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कैंपटी फॉल में जलस्तर बढ़ने से आसपास की दुकानों में पानी भर गया जिस से दुकानदारों का सामान क्षतिग्रस्त हो गया।
भारत चीन बॉर्डर पर बढ़ रही तनातनी को कम करने के लिए शनिवार को दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर की बातचीत शुरू हो गई है। इस से पहले LAC पर सबकुछ यथास्तिथ करने के लिए कमांडर स्तर की पांच बैठके हुई हैं पर कोई पुख्ता हल नहीं निकल पाया था। अब इस तनाव को कम करने के लिए मेजर जनरल स्तर की वार्ता हो रही है। यह बातचीत दौलत बेग ओल्डी इलाके में हो रही है। यह वार्ता गलवान क्षेत्र के उत्तर में देपसांग के मैदानी इलाकों से सैनिकों को हटाने के संबंध में की जा रही है। 3 माउंटेन डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल अभिजीत बापट भारतीय पक्ष से वार्ता की अगुवाई कर रहे हैं।। इस बातचीत का अजेंडा देपसैंग इलाके में तनाव कम करना और विवादित सीमा से दूर हटने पर सहमति बनाना है। बता दें कि चीन ने देपसैंग में अपने 1500 से ज्यादा सैनिक तैनात कर रखे हैं। इधर भारत ने भी बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती की है। बैठक में 16,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित 900 वर्ग किलोमीटर के मैदानों में हो रही है। पहले भी भारत द्वारा चीन पर अपने सैनिकों को पीछे हटाने का दबाव डाला गया है ताकि तनाव की स्थिति कम हो जाए, हालांकि चीन अभी फिंगर एरिया से ज्यादा पीछे नहीं हटा है।
Kerala Health Minister K.K. Shylaja has urged those who had engaged in the relief and rescue works at the air crash site in Karipur to go into quarantine. This comes after a deceased tested positive for coronavirus. Tests of all passengers are progressing. It is learned that around 500 persons, who participated in the rescue operations will have to go on quarantine. Health Minister KK Shailaja thanked the rescue workers and asked them to follow the COVID protocol. Friday, the day rains ravaged many parts of Kerala, another tragedy happened when the Air India Express flight skidded off the runway while landing in bad weather at Kozhikode International Airport. The flight from Dubai skidded off the runway at its destination Karipur Airport, Kozhikode, Kerala and broke into two. As many as 20 people including two pilots were killed and many injured after the flight overshot the runway. The aircraft carrying over 190 people on board, while landing in heavy rains overshot the tabletop runway, fell into a valley 35 feet below and broke into two. It failed to hold on the runway due to poor weather conditions and skidded for more than 75 m. The Air India flight was part of Vande Bharat mission to bring back Indians stuck in the Middle Eastern countries during the pandemic.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आशा वर्कर्स के हड़ताल का मुदा उठा कर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक ट्वीट किया और कहा 'आशा कार्यकर्ता सही मायने में हेल्थ वॉरियर्स हैं, लेकिन वे आज अपने हक के लिए हड़ताल करने पर मजबूर हैं।' राहुल ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि "सरकार गूंगी तो थी ही, अब शायद अंधी-बहरी भी है।" देश की करीब 6 लाख आशा वर्कर्स विभिन्न मांगों को लेकर 7 अगस्त से दो दिवसीय हड़ताल पर हैं। 7 अगस्त से दो दिवसीय हड़ताल पर आशा वर्कर्स देशभर की करीब 6 लाख आशा वर्करों 7 अगस्त से दो दिवसीय हड़ताल पर हैं। उन्होंने सरकार से कई महत्वपूर्ण मांगे रखी हैं। उनकी सबसे पहली मांग है कि उनकी सैलरी उन्हें टाइम से मुहैया करवाई जाए, तथा उन्होंने सैलरी बढ़ाने की डिमांड भी रखी है ताकि वे कोरोना महामारी के समय जिस तरह से मदद कर रही हैं, वो जारी रख सकें। साथ ही उन्होंने सरकार से बीमा और जोखिम भत्ते जैसी सुविधाएं मुहैया करवाने कि भी मांग कि हैं। आशा वर्कर्स को इस में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन्स भी सप्पोर्ट कर रही हैं।
केरल के इडुक्की जिला के राजमला इलाके में भूस्खलन की बड़ी घटना सामने आई है। इस घटना में लोगो को जान और माल दोनों का ही भारी नुकसान उठाना पड़ा। भारी बारिश और बाढ़ के चलते नौ लोगों की मौत हो चुकी है और 10 लोगों को बचाया गया है, वहीं 57 अभी भी लापता हैं। इसके चलते केरल के तीन जिलों में 11 अगस्त तक के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। केरल के राजमला इलाके में भूस्खलन हो गया। केरल पुलिस के अनुसार हादसे में अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है और 10 लोगों को बचाया गया है वहीं 57 अभी भी लापता हैं। बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीम को तैनात किया है। वन अधिकारी और अन्य आपातकालीन सेवा के कर्मचारी मौके पर मौजूद हैं। हादसे के प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जब भूस्खलन हुआ तो उन्होंने बहुत जोर की आवाज सुनी। एक व्यक्ति ने कहा कि लोग बचने के लिए भाग रहे थे और पानी चला आ रहा था। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बचाव कार्यों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं प्रदान करने के लिए भारतीय वायु सेना से संपर्क किया है। यह सेवा जल्द ही उपलब्ध होने की उम्मीद है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया कि एक मोबाइल मेडिकल टीम और 15 एंबुलेंस को इडुक्की भेजा गया है। जरूरत पड़ने पर और मेडिकल टीमें भेजी जाएंगी। अस्पतालों को अलर्ट रहने के लिए निर्देशित किया गया है। केरल के राजस्व मंत्री ई चंद्रशेखरन ने कहा है कि चार श्रमिक शिविरों में लगभग 82 लोग रह रहे थे। हमें मालूम नहीं है कि भूस्खलन के समय वहां कितने लोग मौजूद थे। एनडीआरएफ की टीम अभी तक मौके पर नहीं पहुंची है। खराब मौसम के कारण फिलहाल लोगों एयरलिफ्ट कर बचाना संभव नहीं है। इडुक्की में भूस्खलन के बाद केरल के तीन जिलों में 11 अगस्त तक के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि बचावकर्मियों ने कम से कम पांच शवों को निकाला है।
Prime Minister Narendra Modi delivered the inaugural address at the Higher Education Conclave. PM mentioned that the National Education Policy was approved after extensive deliberations over 3-4 years and brainstorming over lakhs of suggestions. He noted that healthy debate and discussions are taking place on National Education policy across the country. National Education Policy aims at making the youth Future Ready while focussing on the National Values and National Goals. Narendra Modi said that the policy lays the foundation of the New India, the 21st Century India, the education and skills needed for the youth to strengthen India, to advance it to new heights of development and to further empower the citizens of India to make them suitable for maximum opportunities. The Prime Minister said that for years our education system remained unchanged leading to lopsided priorities where people were focussing on either becoming a doctor, an engineer, or a lawyer. He said there was no mapping of the Interest, Ability and Demand. The Prime Minister questioned how could critical thinking and innovative thinking develop in the youth unless there is Passion in our education, Philosophy of Education, Purpose of Education. The Prime Minister said National Education Policy also reflects the ideals of Guru Rabindranath on Education, which aims at bringing our lives in harmony with all the existence. He said, a Holistic Approach was needed, which the National Education Policy has achieved successfully. He said the Policy was formulated keeping in mind two biggest questions: Whether our education system motivates our youth for Creative, Curiosity, and Commitment Driven Life? And whether our education system empowers our youth, helps in building an Empowered Society in the country? On this, he expressed satisfaction that the National Education Policy takes care of these pertinent issues. The Prime Minister said that India's education system needs to change according to the changing times. The new structure of a 5 + 3 + 3 + 4 curriculum is a step in this direction, he added. He said that we have to ensure that our students become Global Citizens and also remain connected to their roots. The PM said the new education policy stresses on ‘How to think’. He said the emphasis on inquiry-based, discovery-based, discussion-based, and analysis based learning methods for children will enhance their urge to learn and participate in the classes. The PM urged that every student should get the opportunity to follow his passion. It often happens that when a student goes for a job after doing a course, he finds that what he has studied does not meet the requirement of the job. He said that many students also leave the course. He said in order to take care of the needs of all such students, the option of multiple entry-exit has been provided in the New Education Policy. PM said the New Education Policy provides for a Credit Bank so that students can have the freedom to leave a course in between and utilize them later when they want to resume their courses. He said that we are moving towards an era where a person will have to constantly re-skill and up-skill himself. The PM said that the dignity of every section of society plays a big role in the development of any country. Therefore, a lot of attention has been given to student education and the Dignity of Labor in National Education Policy. PM said that India has the ability to give solutions for talent and technology to the whole world and that the National Education Policy also addresses this responsibility, which aims at developing many technology-based content and courses. He said that concepts like virtual labs are going to carry the dream of better education to millions of peers who could not read such subjects before, which required Lab Experiment. National Education Policy is also going to play an important role in ending the gap between research and education in our country. The PM said that National Education Policy can be implemented more effectively and at a faster pace only when these reforms would be reflected in Institutions and Infrastructure. He said that the need of the hour is to build the values of Innovation and adaptation in society and this should start from the Institutions of our country. The Prime Minister said that higher education institutions need to be empowered through Autonomy. He said that there are two types of debates about Autonomy. One says that everything should be done strictly under government control, while the other says that all institutions should get Autonomy by default. He said that the first opinion comes out of mistrust towards non-government institutions while Autonomy is treated as an entitlement in the second approach. He said the path to Good Quality Education lies somewhere in the middle of these 2 opinions. He felt the institute that does more work for quality education should be rewarded with more freedom. This will provide Encouragement to Quality and will also give Incentive to everyone to grow. He wished that as the national education policy expands, the autonomy of educational institutions will also get faster. Quoting former President of the country, Dr. APJ Abdul Kalam “The purpose of education is to make good human beings with skill and expertise. Enlightened human beings can be created by teachers.” The Prime Minister said that the policy focuses on developing a strong teaching system where teachers can in turn produce good professionals and good citizens. There is a great emphasis on teacher training in national education policy, they are constantly updating their skills, there is a lot of emphasis on this. PM urged people to work together with the determination to implement the National Education Policy. He said that a new round of dialogue and coordination with Universities, Colleges, School education boards, different states, different stakeholders is about to start from here. He urged to continue the webinar on National Education Policy and keep discussing it. He expressed confidence that in this Conclave, better suggestions, effective solutions will come out regarding the Effective Implementation of National Education Policy.
जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री के अपहृत जवान शाकिर मंजूर से जुडी एक नई जानकारी सामने आई है। जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री के जवान के कपड़े शोपियां में एक बाग में मिले हैं। मामले की जानकारी होते ही सुरक्षाबलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। बड़े पैमाने पर शुरू कि गई इस तलाशी अभियान में इलाके का चप्पा-चप्पा खंगाला जा रहा है। बता दें कि बकरीद पर घर आए शाकिर मंजूर का आतंकियों ने अपहरण कर लिया था। जवान को अपने साथ ले जाते समय आतंकियों ने उसकी कार जला दी थी। वहीं शुक्रवार सुबह शोपियां में एक बाग में जवान की एक टी-शर्ट और अन्य सामान मिला। इसके बाद इलाके की घेराबंदी कर स्निफर डॉग्स की मदद से तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। ये भी पढ़े : https://www.firstverdict.com/news/--5865
India's Covid-19 cases tally crossed 20 lakh mark with the highest single-day spike of 62,538 cases on Friday. The Covid-19 tally rises to 20,27,075 including 6,07,384 active cases while the recovery rate has gone up to 67.62%. This is the ninth consecutive day that COVID-19 cases have increased by more than 50,000. In the past 24 hours, 886 patients succumbed to coronavirus infection taking the death toll to 41,585. India's deaths per million population is now 30 (world average: 92) It took India three weeks to post its second million. And the majority of the new cases - 42 percent - has come from five states, namely Andhra Pradesh, Karnataka, Uttar Pradesh, West Bengal and Bihar. The number of Covid-19 cases in India reached five lakh (or half million-mark) on June 26, in just a little over 19 days. The next half-million came on July 16, according to an analysis of data from states and union territories. After the one million-mark, India crossed the 1.5 million milestones on July 28 and two million on August 6.
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद अब TV इंडस्ट्री को एक बड़ा झटका लगा है। 'ये रिश्ते हैं प्यार के' टी वि शो के एक्टर समीर शर्मा मुंबई स्तिथ अपने घर में मृत पाए गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक समीर का शव बुधवार को उनके घर में kitchen के पंखे से लटकता हुआ मिला। समीर मलाड वेस्ट में एक सी.एच.एस बिल्डिंग में रह रहे थे। मलाड पुलिस के अनुसार, समीर शर्मा जिस अपार्टमेंट में रह रहे थे, उन्होंने वह इसी साल फरवरी में किराए पर लिया था। रात में ड्यूटी पर राउंड मार रहे वॉचमैन ने बॉडी को देखा और सोसाइटी के मेबर्स को जानकारी दी। रिपोर्ट के मुताबिक, बॉडी की हालत देख पुलिस को अंदेशा है कि समीर शर्मा ने 2 दिन पहले ही आत्महत्या कर ली थी। हालांकि मौके से कोई सूइसाइड नोट नहीं मिला है। फिलहाल इस मामले में ऐक्सिडेंटल डेथ का केस रजिस्टर कर लिया गया और बॉडी को ऑटॉप्सी के लिए भेज दिया गया है। समीर शर्मा ने 'ये रिश्ते हैं प्यार के', 'ज्योति', 'कहानी घर घर की', 'लेफ्ट राइट लेफ्ट', 'वो रहने वाली महलों की', 'गीत हुई सबसे पराई' और 'इस प्यार को क्या नाम दूं-एक बार फिर' जैसे पॉपुलर टीवी शोज में काम किया।
विजय माल्या केस में एक नया मोड़ आया है। माल्या केस में गुरुवार को SC में होने वाली सुनवाई नहीं हो पाई है। दरअसल, सर्वोच्च न्यायालय में मामले से जुड़ा एक निश्चित दस्तावेज शीर्ष अदालत की फाइलों से गायब हो गया है। इस वजह से सुनवाई को 20 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। तीन साल पहले माल्या ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी जो सुनवाई के लिए अब लिस्ट हुई। माल्या ने 14 जुलाई, 2017 के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी। तीन साल पहले कोर्ट द्वारा बार-बार निर्देश के बावजूद बैंकों को 9,000 करोड़ रुपये का भुगतान न करने के लिए माल्या को अवमानना का दोषी ठहराया गया था। माल्या ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ जाकर अपनी संपत्ति अपने परिवार के नाम ट्रांसफर कर दी थी। अदालत ने पिछली सुनवाई में अपनी ही रजिस्ट्री से स्पष्टीकरण मांगा था कि मई 2017 के आदेश के खिलाफ माल्या की अपील अदालत के सामने लिस्ट क्यों नहीं की गई है? कोर्ट ने रजिस्ट्री से उन अधिकारियों का नाम भी पूछा था जो फाइल से निपटाते हैं। करोड़ों लेकर विदेश भागा माल्या माल्या 2 मार्च, 2016 को भारत से गुपचुप तरीके से भाग गया था। 18 अप्रैल, 2017 को ब्रिटेन की पुलिस ने उसे स्कॉटलैंड यार्ड में गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, लंदन की अदालत ने उसे कुछ ही घंटों में जमानत पर रिहा कर दिया। माल्या का भारत में प्रत्यर्पण की कोशिश सरकार कर रही है। माल्या पर भारत के 17 बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपये बकाया है।
जम्मू कश्मीर के कुलगाम में एक भाजपा सरपंच की गोली मार कर हत्या कर दी गई। रिपोर्ट के अनुसार आतंकियों ने गुरुवार सुबह भाजपा नेता को गोली मार दी। सजाद कुलगाम जिला भाजपा के उपाध्यक्ष थे। इस हत्याकांड को किस आतंकी संगठन ने अंजाम दिया इसकी जानकारी अभी नहीं मिल सकी है। बता दें कि जम्मू कश्मीर में भाजपा नेता पर हमले की यह चौथी वारदात है। बताया जा रहा है कि भाजपा नेता एवं सरपंच सजाद अहमद, जब अपने घर के बाहर खड़े थे तभी आतकियों ने उन्हें निशाना बनाया व उन पर अंधाधुंद फायरिंग शुरू कर दी। खून से लथपथ सजाद अहमद नीचे गिर पड़े जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद पुरे गांव में दहशत का माहौल है। खुले आम इस तरह कि घटना ने लोगो के दिलो में खौफ पैदा कर दिया है। इससे पहले आठ जुलाई को उत्तर कश्मीर के बांदीपुरा में आतंकवादियों ने एक भाजपा नेता, उनके पिता और भाई की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर प्राधिकारियों ने नेता की सुरक्षा में कथित लापरवाही के मामले में सात पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार सुबह कोरोना अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भीषण आग लगने से 8 मरीजों की मौत हो गई। इनमें 5 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं। बताया जा रहा है कि 30 से ज्यादा मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है। जानकारी के मुताबिक नवरंगपुरा के कोविड डेडिकेटेड शेरी अस्पताल में सुबह करीब साढ़े तीन बजे आग लगी। शुरुआती रिपोर्ट में आग की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक आग ICU से शुरू हुई और फिर वह फैलती चली गई। आग लगने से अस्पताल में हड़कंप मच गया व मरीज इधर-उधर भागने लगे। फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। इस अग्निकांड में आठ मरीजों की मौत हुई है। इसमें 5 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं। सभी मरीज कोरोना पॉजिटिव बताए जा रहे हैं। 50 से ज्यादा मरीजों को फायर ब्रिगेड की टीमों ने रेस्क्यू कर लिया है। बताया जा रहा है कि 35 मरीजों को अस्पताल के दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया है। PM मोदी ने जताया दुख प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना पर दुख जताते हुए, मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई। प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अहमदाबाद की मेयर बिजल पटेल से इस बारे में बात की व हालत का जायजा लिया। मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘अहमदाबाद के अस्पताल में हुई आग की दु:खद घटना से मन व्यथित हो गया। शोकसंतप्त परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रूपाणी और मेयर पटेल से बात कर उन्होंने वर्तमान स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने कहा, ‘‘प्रशासन की ओर से प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता पहुंचाई जा रही है।’’
अयोध्या में आज इतिहास रचा गया है। वर्षों तक अदालत में मामला चलने के बाद आज अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन किया है। पीएम मोदी ने यहां कहा कि राम मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा। पीएम मोदी ने अयोध्या पहुंच हनुमानगढ़ी में पूजा की, जिसके बाद उन्होंने राम लला के दर्शन किए। भूमि पूजन के दौरान मोहन भागवत, योगी आदित्यनाथ समेत अन्य कुछ मेहमान इस ऐतिहासिक समारोह में शामिल हुए। 5 अगस्त 2020 का ये दिन पूरे देश के लिए तो ऐतिहासिक है ही मगर कहीं न कहीं इस महत्वपूर्ण जीत के तार हिमाचल के पालमपुर से भी जुड़े हैं। जी हाँ ! यह दिन हिमाचल के कांगड़ा जिले के पालमपुर के लिए भी ऐतिहासिक है। बता दें की आज से 31 साल पहले राम मंदिर निर्माण का प्रस्ताव हिमाचल के पालमपुर में ही पारित हुआ था। पालमपुर में 11 जून, 1989 को अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और शांता कुमार ने राम मंदिर के निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया। उस रोज़ राष्ट्रीय भाजपा कार्यसमिति की तीन दिन तक बैठक पालमपुर में हुई थी। इस बैठक में राम मंदिर निर्माण को लेकर पार्टी ने मंथन किया और तय हुआ कि अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा। बैठक के तीसरे दिन जब लालकृष्ण आडवाणी ने सबकी सहमति से राम मंदिर निर्माण का प्रस्ताव रखा था तो अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में चुप होकर मुस्कराते हुए अपनी सहमति जताई थी। हिमाचल के पालमपुर में हुई इस बैठक के सूत्रधार रहे पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार उस समय प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष थे। यही कारण है की कुछ दिनों पहले इस बता का ज़िक्र उन्होंने अपनी एक प्रेस कांफ्रेंस में भी किया था। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार का कहना है कि पालमपुर में जून 1989 में राम मंदिर बनाने का लिया गया संकल्प आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरा किया है। इससे उन्हें गर्व महसूस हो रहा है, क्योंकि राम मंदिर निर्माण का प्रस्ताव पालमपुर में ही पारित हुआ था। उन्होंने कहा कि बैठक में अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, विजयाराजे सिंधिया, मुरली मनोहर जोशी समेत पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पालमपुर में था। वाजपेयी, आडवाणी, सिंधिया को विशेष अनुमति से सेशन हाउस में ठहराया गया था। केंद्र ने गिरा दी थीं पांच राज्यों की भाजपा समर्थित सरकारें भाजपा को इस फैसले की एक भारी कीमत भी चुकानी पड़ी थी। भाजपा कार्यसमिति में राम मंदिर निर्माण का प्रस्ताव पारित होने के बाद छह दिसंबर को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया था। इसके कारण हिमाचल में शांता कुमार, राजस्थान में भैरों सिंह शेखावत, गुजरात में केशू भाई पटेल, मध्य प्रदेश में सुंदरलाल पटवा और यूपी में कल्याण सिंह की सरकारों को केंद्र सरकार ने केवल ढाई वर्षों के कार्यकाल के बाद ही बर्खास्त कर दिया था। शांता कुमार का कहना है की इस राष्ट्रीय भाजपा कार्यसमिति की बैठक के बाद उन्होंने चौदह दिन शिमला तक पैदल यात्रा की और लोग उनसे जुड़ते रहे। कई लोग उनके साथ जुड़े उनका समर्थन किया और उनकी ये पद यात्रा एक जन आंदोलन बन गई। इस यात्रा के आयोजक उस समय प्रदेश मंत्री रहे महेंद्र नाथ सोफत थे। फिर शिमला में एक भव्य रैली हुई जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी और सुषमा स्वराज जैसे बड़े नेता भी शामिल हुए। राम मंदिर के मुद्दे ने पूरे देश में भाजपा को एक अलग पहचान दिलाई और इसी के बाद पहली बार हिमाचल प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनी, पार्टी को प्रदेश में 46 सीटें मिली थीं। इतिहास गवाह है कि 6 दिसंबर 1991 को हुए बाबरी विध्वंस के बाद भाजपा ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। 1996, 1998 और 1999 के आम चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी। अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार पीएम बने और देश में भाजपा की जड़े गहरी होती रही। हालांकि 2004 और 2009 के चुनाव में भाजपा की शिकस्त का सामना करना पड़ा पर वजूद पर सवाल कभी नहीं उठा। इस बीच भाजपा पर आरोप लगने लगा कि उसे चुनाव के वक्त ही राम याद आते है। 2014 में जब नरेन्द्र मोदी पीएम बने तो रामभक्तों को उम्मीद बंध गई। हालांकि मंदिर विवाद सुप्रीम कोर्ट में था पर राम भक्तों की सारी आस मानो पीएम मोदी पर टिकी थी। उम्मीद के मुताबिक फैसला राम मंदिर के पक्ष में आया और 492 साल के बाद श्री राम का वनवास समाप्त हुआ। 1991 में जब नरेन्द्र मोदी अयोध्या गए थे तो उन्होंने संकल्प लिया था कि मंदिर बनने के बाद ही दोबारा आएंगे और हुआ भी ऐसा ही। बुधवार 5 अगस्त को इतिहास बना और उन्हीं नरेन्द्र मोदी ने राम मंदिर का भूमि पूजन किया।
Prime Minister Shri Narendra Modi performed Bhoomi Pujan at 'Shree Ram Janmabhoomi Mandir' at Ayodhya. A glorious chapter for India Speaking on the occasion, Prime Minister congratulated fellow countrymen and Ram Bhakts all across the world on the holy occasion. Terming it as historic, he said that India is starting a glorious chapter today, when people all across the country are excited and emotional to have finally achieved what they had been waiting for centuries, several of whom are scarcely able to believe that they are witnessing this day in their lifetime. He highlighted that Ram Janmabhoomi has become liberated from the cycle of cycle of breaking down and building up again, and a grand temple for Ramlala will be constructed in place of tents now. Prime Minister said that just like 15th August is representative of sacrifices by people all across the country towards the freedom struggle, this day marks the immense dedication and continuous struggle across generations for the Ram Mandir. He recalled and paid obeisance to those whose struggles have resulted in the dream of Ram Mandir coming true. Shree Ram – the foundation of our culture Prime Minister observed that while several attempts were made to wipe out his existence, Shree Ram continues to be the foundation of our culture. He said that Ram Mandir will be a modern symbol of our culture, eternal faith, national spirit and collective will power which will inspire generations to come. The construction of the temple will also open up several opportunities across sectors and will change the economy of the region. Prime Minister noted that this day stands testimony to the truth of the faith and resolution of crores of Ram Bhakts. He praised the dignity and restraint with which fellow countrymen responded, keeping the feelings of everyone in mind, when the judgement was passed by Hon’ble Supreme Court last year, and similar dignity and restraint is visible today also. Prime Minister recalled how people from all walks of life including the poor, backwards, dalits, tribals had been instrumental in several feats such as victory of Shree Ram, Shree Krishna lifting Govardhan, Chatrapati Shivaji establishing Swaraj, Gandhiji leading independence movement etc. Similarly, the construction of Ram Mandir has started with the help and contribution of common citizens, he said. Recounting the character traits of Shree Ram, Prime Minister remarked that he always stuck to the truth, and established social harmony as the cornerstone of his rule. He loved his subjects equally, but had a special kindness for the poor and the needy. There is no aspect of life where Shree Ram doesn’t serve as an inspiration, and his impact is visible in several aspects of culture, philosophy, faith and tradition of the country. Shree Ram – the thread of unity in diversity Prime Minister said that Shree Ram has acted as a guiding light for people, through Valmiki Ramayan in ancient times, through Tulsidas, Kabir and Guru Nanak in medieval times and was also present in the bhajans of Mahatma Gandhi as the power source of ahimsa and satyagrah. Lord Buddha is also associated with Shree Ram, and the city of Ayodhya has been a center of faith of Jains since centuries, he said. Recounting the different Ramayans written in various languages, Prime Minister noted that Shree Ram is the common thread of unity in diversity in the country. Prime Minister noted that Shree Ram is revered in several countries. He listed out the Ramayans popular in countries such as Indonesia, the country with the maximum Muslim population, Cambodia, Laos, Malaysia, Thailand, Sri Lanka, Nepal, and said that references to Shree Ram are also found in Iran and China and Ram Kathas are popular in several countries. He said that people in all these countries must be feeling glad today, with the start of construction of Ram Mandir. Inspiration for entire humanity Prime Minister expressed hope that the temple will serve as an inspiration for the entire humanity for eras to come. He noted that it is important that the message of Shree Ram, Ram Mandir and of our age old tradition reaches out to the entire world. Keeping this in mind, Ram Circuit is being made in the country. Ram Rajya Prime Minister recounted the contours of Ram Rajya dreamt by Mahatma Gandhi. He said that the teaching of Shree Ram, which have continued to guide the country, include: no one should be poor or unhappy; men and women should be equally happy; farmers and animal keepers should always be happy; the old, the kids and the doctors should always be protected; it is the duty of all to protect those seeking asylum; homeland is more than heaven; and, the more power a nation has, the greater its capacity to further peace. Prime Minister said that Shree Ram stands for modernity as well as change. The country is progressing, following these ideals of Shree Ram. Foundation of mutual love and brotherhood Prime Minister emphasized that the temple should be constructed on the foundation of mutual love and brotherhood. He said that through ‘sabka saath’ and with ‘sabka vishwas’, we need to achieve ‘sabka vikaas’ and make a self-confident and Aatmanirbhar Bharat. He underlined that the message of Shree Ram, that there should not be any delay and we should move forward, is the message which the country needs to follow. ‘Maryada’ during COVID Prime Minister ended by recalling the significance of the path of ‘maryada’ of Shree Ram in the backdrop of the COVID situation. He said that the current situation demands the maryada to be ‘do gaz ki doori – mask hai zaroori’ and exhorted everyone to follow the same.
India’s total recovered cases are now double the active cases; Total recoveries cross 12.3 lakh; Recovery Rate jumps to 66.31%; Case Fatality Rate further reduces to 2.1% With 12,30,509 total recoveries, India’s recovered cases are twice the active cases, as of today. 44,306 patients discharged in the last 24 hours. This has taken the recovery rate among COVID-19 patients to 66.31%. The active cases (5,86,298) account for 31.59% of total positive cases and all are under medical supervision. India has registered the lowest CFR since the first lockdown at 2.10% as compared to the global average. The mortality analysis of the present data shows that 50% of deaths have happened in the age group of 60 years and above; 37% deaths belong to 45 to 60 years age group; while 11% deaths belong to 26-44 years age group. In the gender wise distribution, 68% of people who died were men and 32% were women.
Pharma major Lupin Ltd announced the launch of Favipiravir in India under the brand name Covihalt for treatment of mild to moderate COVID-19, on Wednesday. Favipiravir has received authorisation from the Drug Controller General of India (DCGI) for emergency use. Favipiravir was originally developed by Japan's Fujifilm Holdings Corp under the brand name Avigan for treating influenza. Its Covihalt dosage strength has been developed keeping in the convenience of administration. It is available as 200 mg tablets in the form of a strip of 10 tablets and priced at Rs 49 per tablet. "COVID-19 is a global pandemic and in India we are seeing a surge in the number of cases on a daily basis." said Rajeev Sibal, President of India region formulations at Lupin Ltd. "In these tough times, it is our duty to support the nation in fighting this pandemic and ensuring affordable drugs are made available for impacted patients," he said adding that Covihalt is a vital step in this direction. "We believe that we can leverage our expertise in managing widespread community diseases like TB to proactively reach patients across India and ensure access to Covihalt through our strong distribution network and field force" he further added. A day earlier, Sun Pharmaceutical Industries launched Favipiravir (200 mg) at a price of Rs 35 per tablet. The stocks of FluGuard will be available in the market from this week, Sun Pharma said in a regulatory filing.
हिमाचल की बेटी मुस्कान जिंदल ने पूरे देश में प्रदेश का नाम ऊंचा किया है। वह मूल रूप से सोलन जिला के बद्दी से ताल्लुक रखती हैं। मुस्कान ने 22 वर्ष की छोटी सी उम्र में ही कुछ ऐसा कर दिखाया जो हिमाचल की बेटिओं के लिए एक मिसाल बन गया। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में पूरे देश मे 87वां रैंक हासिल किया है। उन्होंने पहले ही प्रयास में परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। अब वह देश के लिए प्रशासनिक सेवाएं देंगी। उनका फाइनल इंटरव्यू दिल्ली में 28 जुलाई को हो चुका है और अब मेडिकल का परिणाम आने के बाद आईएएस परीक्षा का अंतिम रिजल्ट जारी कर दिया गया है। मुस्कान जिंदल के आईएएस बनने से पूरे प्रदेश व क्षेत्र में खुशी का माहौल है। बता दें मुस्कान के पिता पवन जिंदल बद्दी में ही हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं व उनकी माता ज्योति जिंदल एक ग्रहणी है। मुस्कान जिंदल की दो बहनें और एक भाई है। मुस्कान की स्कूलिंग बद्दी के वी.आर पब्लिक स्कूल से हुई है। बचपन से ही मुस्कान पढ़ाई में बहुत तेज थी, उन्होंने 10वीं और 12वीं कक्षा में 96 फीसदी नंबर लेकर स्कूल में टॉप किया था। उसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ के एसडी कॉलेज से बीकॉम किया। इस के साथ वह आईएएस परीक्षा के लिए भी तैयारियां कर रही थी। मुस्कान ने पहले ही प्रयास में आईएएस की परीक्षा उत्तीर्ण कर एक मिसाल कायम की है।
पश्चिम बंगाल से एक दुखद घटना सामने आई है। बताया जा रहा है पश्चिम बंगाल में नक्सलियों ने पीछे से हमला बोल दिया जिसमें जवान अनुज कुमार और उनके साथ एक अन्य अफसर भी वीरगति को प्राप्त हो गए। इस घटना से सहारनपुर में शोक कि लहर छा गई। बताया जा रहा है कि सहारनपुर जिले के सरसावा में थाना क्षेत्र के ग्राम सैदपुरा निवासी अनुज कुमार पुत्र चंन्द्र किरण वर्ष 2011 में बीएसएफ मे भर्ती हुए थे, इनकी सबसे पहले पोस्टिंग जोधपुर मे हुई थी, उसके बाद उदयपुर छत्तीसगढ़ और फिलहाल वेस्ट बंगाल के किशन गंज मे तैनाती थी जहा पर यह घटना घटी है कहा जा रहा है कि जवान अनुज कुमार सोमवार की रात को ड्यूटी करने के बाद अपने साथियों के साथ सोने के लिए जा रहे थे, तभी वहां पर पहले से घात लगाए बैठे नक्सलियों ने अचानक पीछे से कायराना हमला बोल दिया जिसमें जवान अनुज कुमार और उनके साथ एक अन्य अफसर भी वीरगति को प्राप्त हो गए। वहीं परिजनों ने बताया कि मंगलवार सुबह पांच बजे बीएसएफ यूनिट से उनके पास फोन आया कि सोमवार रात्रि नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में अनुज सैनी और एक अफसर शहीद हो गए हैं। बेटे की शहादत की खबर सुनते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गई। पिता ने बताया कि अनुज की पत्नी और बच्चे सभी उनके पास सरसावा में रहते हैं। वहीं अनुज की पत्नी रेनू का रो रो-कर बुरा हाल है, जबकि उसकी दो पुत्रियां तीन वर्षीय ओमनी और मात्र 11 माह की कृति को मालूम भी नहीं कि उनके सिर से पिता का साया उठ चुका है।
5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर भूमि पूजन से पहले अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया गया है। लोगों द्वारा जलाए दीप ऐसे लग रहे हैं मानो आसमान से टिमटिमाते तारे राम लला के स्वागत में धरती पर उतर आए हों। इस ऐतिहासिक दिन को भव्य रूप देने के लिए बस एक आखिरी दिन बचा है जिसके चलते तैयारियां भी ज़ोरों शोरों से शुरू हो गई हैं। भूमि पूजन से पहले आज आयोध्या में विशेष पूजा अर्चना की जा रही है। तो वहीँ बड़ी मात्रा में प्रसाद भी तैयार किया जा रहा है। पूजा के बाद यहाँ भव्य रूप से प्रसाद वितरण होगा, इसके लिए पटना का महावीर मंदिर ट्रस्ट 1.25 रघुपति लड्डुओं की खेप तैयार कर रहा है। राम मंदिर आधारशिला रखने में कुछ ही घंटे शेष है ऐसे में पूजन में शामिल होने वाले विशेष मेहमानों के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। बता दें की भूमि पूजन के लिए 175 मेहमानों को न्योता भेजा गया है जिन में से 135 पंडित व धर्मगुरु है। इसके साथ ही पुलिस ने चौकसी भी बढ़ा दी है। जगह जगह पर अवरोधक लगा दिए गए हैं व केवल उन्हीं लोगों को प्रवेश मिल रहा है जिन्हें "सुरक्षा कोडित आमंत्रण" दिए गए हैं। दशकों पुराने मंदिर-मस्जिद विवाद में मुकदमेबाज़ इकबाल अंसारी पहले व्यक्ति थे जिन्हें आमंत्रित किया गया था। उनके पिता हाशिम अंसारी, इस मामले में सबसे पुराने मुकदमेबाज थे, 2016 में उनकी मृत्यु हो गई। वर्षों के भूमि विवाद के बाद अब राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। नवंबर में, सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंदिर के निर्माण के लिए साइट को सौंपा गया था।
अयोध्या भूमि विवाद में मुस्लिम पक्षकार रहे इक़बाल अंसारी को भी राम मंदिर भूमि पूजन के लिए न्योता मिला है। अब वह भी राम मंदिर की नींव रखने की रसम में शामिल होंगे। उन्होंने न्योता स्वीकार करते हुए कहा "भगवान राम की मर्ज़ी से हमे यह न्योता मिला है। अयोध्या में गंगा-जमुनी तहजीब बरकरार है। मैं हमेशा मठ-मंदिरों में जाता रहा हूँ। कार्ड मिला है तो जरूर जाऊंगा।" बात दे कि अयोध्या में 5 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राम मंदिर का भूमि पूजन किया जाएगा। इस से पहले मोदी हनुमानगढ़ी जाएंगे व वहां पूजा करेंगे।
बकरीद के त्यौहार पर एक चिंताजनक घटना सामने आई है। बताया जा रहा है कि बकरीद पर एक सैनिक अपने घर आया था तभी आतंकवादियों ने उसके घर में घुसकर उसका अपहरण कर लिया तथा उसे ले जाते समय घर के बाहर खड़ी उसकी कार को भी जला दिया। इस घटना के बाद से पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। जवान का नाम शाकिर मंजूर जोकि 162 टीए में दक्षिणी कश्मीर के बालापुर में 12 सेक्टर हेडक्वार्टर में तैनात था बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंट्री में तैनात जवान बकरीद की छुट्टियों में घर आया था। रविवार देर शाम आतंकी जिले के रामभामा इलाके में उसके घर पहुंच गए तथा जबरन घर में घुसकर उन्होंने उसका अपहरण कर लिया। जवान को अपने साथ ले जाते समय आतंकियों ने बाहर खड़ी उसकी कार को आग के हवाले कर दिया। घटना के बाद परिवार वालों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेरकर तलाशी अभियान शुरू किया। वरिष्ठ अधिकारियों ने भी परिवार वालों से घटना की जानकारी हासिल की है।
बुलंदशहर में एक संगीन मामला सामने आया है जिससे पुलिस प्रशासन पर बहुत से सवाल उठे हैं बुलंदशहर के एक निवासी अधिवक्ता धर्मेंदर चौधरी जिनका अपहरण 8 दिन पहले हुआ था कल उनकी लाश मिली। किसी ने बड़ी निर्ममता से उन्हें मार दिया जिससे उनके परिवार पर दुःख की लहर हैं। जिसके पश्चात प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर प्रशासन की घोर निंदा की हैं। आठ दिन से लापता वकील का शव बुलंदशहर में मिला, प्रियंका गांधी बोलीं- पता नहीं सरकार कब तक सोएगी बीते आठ दिन से लापता, अधिवक्ता धर्मेंद्र चौधरी का शव मिला बुलंदशहर में मिला है। अधिवक्ता का शव मार्बल गोदाम में मिला है। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं इस घटना के बाद कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने योगी सरकार पर हमला बोला है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अधिवक्ता का शव जलाकर मार्बल गोदाम में दबाया गया था। बीते आठ दिनों से वकील के घर आने का इंतजार कर रहे परिजनों ने अपहरण के बाद हत्या का आरोप लगाया। पुलिस ने बताया है कि अधिवक्ता के शरीर पर धारदार हथियार के निशान मिले हैं। बुलंदशहर के खुर्जा कोतवाली नगर में तनाव को देखते हुए पीएसी के साथ जिले में भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है।
बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है। बताया जा रहा है की उनकी सुरक्षा में तैनात एएसआई कामेश्वर रविदास की हत्या कर दी गई है। मृतक के शव को एक तालाब से बरामद किया गया है। मूलरूप से बिहार के रहने वाले कामेश्वर रांची के रिम्स अस्पताल में इलाज करवा रहे लालू की सुरक्षा में तैनात थे। घटना के सामने आने के बाद लोगों में सनसनी फ़ैल गई है व कई तरह की बातें बननी शुरू हो गई है। मृतक एएसआई रांची के तुपुदाना पुलिस स्टेशन में कार्यरत थे व हल ही में लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा में लगे थे। फ़िलहाल पुलिस ने मृतक का शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टेम के लिए भेज दिया है। इसके साथ ही पुलिस हत्या के कारन खोजने में जुट गई है। पुलिस का कहना है की पोस्टमॉर्टेम के रिपोर्ट्स मिलने के बाद ही स्तिथि स्पष्ट होगी।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्रता सेनानियों की विवाहित बेटियों व भूतपूर्व सैनिकों की विवाहित बेटियों के पक्ष में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए इस कैटेगरी की विवाहित बेटियों को भी सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान करने के हक में फैसला सुनाया। फैसले के मुताबिक अब विवाहित बेटियां भी सरकारी नौकरियों में स्थाई आरक्षण की हकदार होंगी। कोर्ट ने लिंग के आधार पर आरक्षण में भेदभाव को गलत ठहराया और मौलिक अधिकारों का हनन बताया। पिछले 3 वर्षों से सरकार ने विभिन्न विभागों में भर्तियां की और उसमें विवाहित बेटियों को भी नौकरियां दी लेकिन इन सब की नौकरियां इस केस के नतीजे पर निर्भर थी और इनके नियमित होने को लेकर हर वक्त तलवार लटकी हुई थी लेकिन इस केस में इन बेटियों के हक में फैसला आने से सभी को बड़ी राहत मिली। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार बनाम नीलम कुमारी केस पर मामले की सुनवाई करते हुए सरकार की एसएलपी को खारिज कर दिया और उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश के फैसले को बरकरार रखा जिसमें उन्होंने विवाहित बेटियों को भी विवाहित बेटों के समान नौकरियों में आरक्षण का फैसला सुनाया था। 29 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण जस्टिस आश्वास रेडी व जस्टिस आरएस की खंडपीठ में यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया। सभी स्वतंत्रता सेनानी और भूतपूर्व सैनिकों की विवाहित बेटियां सरकार से गुजारिश की कि इस ऐतिहासिक फैसले को ध्यान में रखते हुए शीघ्र अति शीघ्र उनके हक में निर्णय ले ताकि वह जल्द से जल्द नियमित हो सके |
Ministry of Home Affairs (MHA) issued new guidelines today, for opening up of more activities in areas outside the Containment Zones. In Unlock 3, which will come into effect from August 1, 2020, the process of phased re-opening of activities has been extended further. The new guidelines, issued today, are based on feedback received from States and UTs, and extensive consultations held with related Central Ministries and Departments. Salient features of the new guidelines Restrictions on movement of individuals during night (Night curfew) have been removed. Yoga institutes and gymnasiums will be allowed to open from August 5, 2020. In this regard, Standard Operating Procedure (SOP) will be issued by the Ministry of Health & Family Welfare (MoHFW) for ensuring social distancing and to contain the spread of COVID-19. Independence Day functions will be allowed with social distancing and by following other health protocols, e.g., wearing of masks etc. In this regard instructions issued by MHA on 21.07.2020 shall be followed. After extensive consultation with States and UTs, it has been decided that schools, colleges and coaching institutions will remain closed till August 31, 2020. International air travel of passengers has been permitted in a limited manner under the Vande Bharat mission. Further opening up will take place in a calibrated manner. All activities, except the following, shall be permitted outside containment zones: Metro Rail. Cinema halls, swimming pools, entertainment parks, theatres, bars, auditoriums, assembly halls and similar places. Social/ political/ sports/ entertainment/ academic/ cultural/ religious functions and other large congregations. Dates for opening of these will be decided separately, based on the assessment of the situation. Lockdown shall continue to be implemented strictly in the Containment Zones till 31 August, 2020. Containment Zones are required to be carefully demarcated by the State/ UT Governments with a view to contain the spread of COVID-19, after taking into consideration the guidelines issued by MOHFW. Within the containment zones, strict perimeter control shall be maintained and only essential activities allowed. These Containment Zones will be notified on the websites of the respective District Collectors and by the States/ UTs and information will also be shared with MOHFW. Activities in the Containment Zones shall be monitored strictly by State and UT authorities, and the guidelines relating to containment measure in these zones shall be strictly implemented. MOHFW will monitor the proper delineation of Containment Zones and implementation of the containment measures. States to decide on activities outside Containment Zones States and UTs, based on their assessment of the situation, may prohibit certain activities outside the Containment zones, or impose such restrictions as deemed necessary. However, there shall be no restriction on inter-State and intra-State movement of persons and goods. No separate permission/ approval/ e-permit will be required for such movements. National Directives for COVID-19 management National Directives for COVID-19 management shall continue to be followed throughout the country, with a view to ensure social distancing. Shops will need to maintain adequate physical distancing among customers. MHA will monitor the effective implementation of National Directives. Protection for vulnerable persons Vulnerable persons, i.e., persons above 65 years of age, persons with co-morbidities, pregnant women, and children below the age of 10 years, are advised to stay at home, except for meeting essential requirements and for health purposes. Use of Aarogya Setu The use of Aarogya Setu mobile application will continue to be encouraged.
India will receive the first batch five Rafale fighters on Wednesday afternoon at the IAF Air Force Station in Ambala. They are expected to take off from Al Dhafra airbase in UAE and are expected to reach Ambala, their home base at about 2 pm. The aircraft will be officially inducted into the IAF in the second half of August. It will be inducted as a part IAF's No. 17 squadron, also known as the "Golden Arrows", and will be stationed at the Ambala air base, which has been upgraded for the purpose. Section 144 has been imposed in four villages close to the Ambala airbase, ahead of the much awaited arrival of the jets, even Jodhpur has been kept on standby in case weather conditions in Ambala worsens. Shooting of videos and photography has been banned. The Ambala district administration has also prohibited people from fying private drones within the three-km radius of the air base. Known as the 4.5 generation aircraft, the Rafale is considered to be one of the finest fighters in the world and is described as an ‘omnirole’ aircraft that can take up several missions on a single flight.The aircraft is capable of carrying a range of potent weapons. India had bought 36 twin-engine fighter planes from Dassault Rafale, through an inter-governmental agreement signed in 2016. out of the 36 jets 30 will fighter jets and six will be trainers. The trainer jets will be twin-seater and will have almost all the features of fighter jets.
विश्व हिन्दू परिषद के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य अतुल शाह व विभाग अध्यक्ष देवी प्रसाद देवली के नेतृत्व में मंगलवार को चमोली के कार्यकर्ताओं व रामभक्तों द्वारा विकट परिस्थितियों में भी अयोध्या धाम में 5 अगस्त से ऐतिहासिक राम मंदिर निर्माण में बद्रीविशाल धाम से अलकनंदा का जल व नारायण धाम की मिट्टी ( मृदा) कलश में लेकर मिलों पैदल चलकर व भू स्खलन क्षेत्र से गुजरते हुए पहुंचाया जा रहा है। गौरतलब है कि 5 अगस्त से अयोध्या में राम मंदिर बनवाए जाने की नींव रखी जा रही है जिसमें पुरे भारतवर्ष के कोने-कोने के धामों से रामभक्त व विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा जल व मृदा क्लस के साथ साथ प्रत्येक प्रयागों का जल पहुंचाया जा रहा है। उसी के चलते मंगलवार को उत्तराखंड विहिप के प्रांतीय सदस्य अतुल साह व विभाग अध्यक्ष देवी प्रसाद देवली, जिलाध्यक्ष राकेश मैठाणी, बजरंगदल के पावन राठौर, हरि प्रसाद ममगाईं, हरीश पुरोहित आदित्य शाह, कुलबीर बिष्ट व अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा पागलनाला से बिरही तक सड़क मार्ग बंद होने के बावजूद पैदल भू-स्खलन छेत्र व पहाड़ियों में पैदल चढ़कर मृदा कलस व जल हरिद्वार तक पहुंचाया गया साथ ही जगह जगह रामभक्तों द्वारा इनका भब्य स्वागत किया गया।
After banning 59 Chinese apps the government is scrutinizing over 200 other apps in the country for possible national security violations and users privacy. On Monday the Ministry of Telecom banned 47 other Chinese apps in the country. These apps were operating as clones of earlier banned apps. A conformation on the list of banned Chinese apps is still awaited. A total of 275 apps are under governments radar that can face its wrath. The list includes popular apps like PUBG, Ali Express. Some top chinese gaming apps are also expected to be banned in the new list that is being drawn up. The Chinese applications, that are being reviewed, have allegedly been sharing data with the Chinese agencies. Reports also said the government is closely scrutinising some non Chinese apps having investments from China. The decision comes as the tensions between the bothe countries continue after a violent face-off on the Ladakh border. The apps were engaged in activities that were prejudicial to the sovereignty, integrity and defence of India, the government said. "The Ministry of Information Technology, invoking it's power under section 69A of the Information Technology Act read with the relevant provisions of the Information Technology (Procedure and Safeguards for Blocking of Access of Information by Public) Rules 2009 and in view of the emergent nature of threats has decided to block 59 apps since in view of the information available they are engaged in activities which is prejudicial to sovereignty and integrity of India, defence of India, the security of the state and public order", a government press release announcing the ban stated.
With a record spike of over 50,000 fresh infecions, the coronavirus cases in India passed the 14 Lakh mark. India set yet another single-day spike record with 49,931 fresh cases and 708 deaths in the last 24 hours, taking the total number of COVID-linked deaths to 32,771. On the other hand, the recovery rate climbed to 63.92% with the record number of over 36,000 recovered patients, taking the total number of recovries to 8,85,576. The positivity rate - percentage of patients who have tested positive for coronavirus - stood at 9.68 per cent. The cases in India has crossed the 14 Lakh mark only two weeks after the country reported 1 lakh cases. The country had crossed the one-lakh mark on May 19. It took only two weeks for the cases to double.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। यह जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट करके दी है। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि उन्हें कोविड-19 के लक्षण आ रहे थे और उनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। उन्होंने अपील की कि उनके सम्पर्क में आए सभी लोग कोरोना का टेस्ट करवा लें और साथ ही उनके निकट सम्पर्क वाले क्वारंटाइन में चले जाएं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिवराज सिंह चौहान के ट्वीट पर ट्वीट करते हुए कहा कि हमारे साथी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर चिंताजनक है। उन्होंने ईश्वर से शिवराज सिंह चौहान के जल्द स्वस्थ होने के कामना की है।
कारगिल युद्ध में चार परमवीर चक्र हमारे जवानों को दिए गए थे जिनमें से दो को मरणोपरांत यह सम्मान मिला था लेकिन बिलासपुर हिमाचल के संजय कुमार और उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के योगेंद्र सिंह यादव को जीवित यह सम्मान मिला था। संजय कुमार को बिलासपुर की आन बान और शान कहा जा सकता है। इसके अलावा कारगिल युद्ध के जिन अन्य दो जांबाजों को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया उनमें कैप्टन मनोज कुमार पांडे व कैप्टन विक्रम बत्रा शामिल हैं। सबसे पहले हम चर्चा करेंगे परमवीर चक्र विजेता सूबेदार संजय कुमार की। संजय कुमार कारगिल युद्ध में सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित सूबेदार संजय कुमार आज भी वह मंजर याद करते हैं तो उनका खून खौल जाता है। वर्तमान में देहरादून अकादमी में तैनात सूबेदार संजय कुमार कारगिल युद्ध के समय राइफलमैन थे। 4 और 5 जुलाई 1999 के दौरान उन्होंने अपने अदम्य साहस का परिचय दिया। कारगिल युद्ध के दौरान एरिया फ्लैट टॉप पर कब्जा करने में संजय कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संजय कुमार का जन्म 3 मार्च 1976 को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में हुआ था। संजय कुमार की तैनाती कारगिल में मास्को वैल्यूप्वाइंट पर थी। यहां दुश्मन ऊपर से लगातार हमले कर रहा था। संजय ने अपने 11 साथियों में से दो को गंवा दिया था जबकि आठ गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस परिस्थिति में भी संजय ने दुश्मनों का कड़ा मुकाबला किया और एक समय ऐसा भी आया जब उनके राइफल की गोलियां खत्म हो गई। तीन गोली लगने के बावजूद संजय कुमार ने अपने मिशन में कामयाबी हासिल की। उन्होंने आमने-सामने की मुठभेड़ में तीन दुश्मन सैनिकों को भी मार गिराया। उनके बहादुरी को सलाम करते हुए उन्हें भारत के सर्वोच्च वीरता पदक परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। योगेन्द्र सिंह यादव ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव को कारगिल युद्ध के दौरान दिखाए गए अदम्य साहस के लिए उच्चतम भारतीय सैन्य सम्मान परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया। ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव कारगिल युद्ध के दौरान जूनियर कमीशनन्ड ऑफिसर (JCO) थे। वर्तमान में वह सूबेदार मेजर हैं। ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव को 19 साल की उम्र में परमवीर चक्र प्राप्त हुआ। योगेन्द्र सिंह यादव सबसे कम उम्र के सैनिक हैं जिन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ। योगेंद्र सिंह यादव का जन्म 10 मई 1980 को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के सिकंद्राबाद के औरंगाबाद अहीर गाँव में हुआ था। उनके पिता करण सिंह यादव ने 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्धों में भाग लेते हुए कुमाऊं रेजीमेंट में सेवा की थी। यादव 16 की आयु में भारतीय सेना में शामिल हुए। कैप्टन मनोज कुमार पांडे कैप्टन मनोज कुमार पांडे का जन्म उत्तर प्रदेश के सीतापुर के रुधा गांव में 25 जून 1975 को हुआ था। बचपन से ही पांडे में देश सेवा का जुनून सवार था। यही कारण था कि उन्होंने भारतीय सेना को चुना। 1997 में मनोज कुमार पांडे गोरखा राइफल्स का हिस्सा बने। उन्हें पहाड़ों पर चढ़ने और घात लगाकर दुश्मनों पर हमला करने में महारत हासिल थी। यही कारण था कि सियाचिन में तैनाती होने के बावजूद भी उन्हें कारगिल युद्ध के समय बुला लिया गया। मनोज कुमार ने अपनी बटालियन का नेतृत्व करते हुए 2 महीने में ही कुकरथांग और जबूरटॉप जैसी चोटियों को पाकिस्तान के कब्जे से मुक्त करा लिया। इसके बाद उन्हें खोलाबार पर कब्जा करने की जिम्मेदारी दी गई। यह काम सबसे मुश्किल माना जा रहा था। खोलाबार की ओर बढ़ते हुए उन्हें पाकिस्तानी सेना के गोलियों का सामना करना पड़ा। घायल होने के बावजूद भी उन्होंने पाक सेना का 4 बंकर खत्म कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने दुश्मन सेना के कई जवानों को मौत के घाट भी उतार दिया। इस परिस्थिति में भी उन्होंने अपने साथियों को कवर दी। वह 3 जुलाई 1999 को शहीद हो गए। उनके बहादुरी को सलाम करते हुए मरणोपरांत उन्हें भारत के सर्वोच्च वीरता पदक परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। कैप्टन विक्रम बत्रा हिमाचल प्रदेश के पालमपुर जिले के घुग्गर में 9 सितंबर 1974 को कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म हुआ था। 6 दिसंबर 1997 को कैप्टन बत्रा जम्मू और कश्मीर राइफल्स की 13वीं बटालियन में बतौर लेफ्टिनेंट शामिल हुए। दो साल बाद ही उन्हें प्रमोट कर कैप्टन रैंक दी गई। कैप्टन विक्रम बत्रा कारिगल के हीरो माने जाते हैं। कैप्टन विक्रम बत्रा ने कारगिल युद्ध में पांच सबसे इंपॉर्टेंट पॉइंट जीतने में अहम रोल निभाया था। पाकिस्तानी घुसपैठिये टाइगर हिल पर कब्जा करके बैठे थे और नीचे भारतीय सेना पर लगातार फायरिंग कर रहे थे ऐसे में योजना बनाई गई टाइगर हिल पर चढ़ने की। पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए पांच इंपॉर्टेंट पॉइंट को जीतना बेहत जरूरी था। कैप्टन विक्रम बत्रा ने हर पॉइंट जीतने में मदद दी। कारगिल युद्ध में कैप्टन विक्रम बत्रा अपने एक साथी को बचाते-बचाते शहीद हो गये। कहते है कि दुश्मनों की गोलीबारी के दौरान उन्होंने अपने साथी से अंतिम शब्दों में यह कहा था कि 'तुम हट जाओ। तुम्हारे बीवी-बच्चे हैं।’ कारगिल युद्ध में कैप्टन विक्रम बत्रा से जुड़े एक वाकये को उनके साथी ने शेयर करते हुए कहा कि जब भी बत्रा गोलियों से दुश्मनों को भून देते थे तो वह कहते 'ये दिल मांगे मोर'। 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान वीरता के लिए भारत का सर्वोच्च और सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार मरणोपरांत परमवीर चक्र से उन्हें सम्मानित किया गया था।
At least 2 militants were killed in a fierce gunfight between the militants and security forces on the outskirts of Srinagar, on Saturday. The security forces launched a search operation in the Ranbirgarh area after they got information about the presence of militants there. The search operation was still underway when the militants opened fire on them, a police official said. The forces retaliated and took down two militants whereas one soldier has been injured during the whole process. Further search operations are currently underway to determine whether more militants are hiding in the area.
शुक्रवार शाम, लखनऊ लोकभवन के सामने तेल उढेल कर आत्मा हत्या की कोशिश करने वाली माँ बेटी से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। बता दें दबंगो के दबाव के चलते माँ बेटी ने आत्महत्या करने की कोशिश की थी, जिसमें महिला 80 और बेटी 40 फीसदी झुलस गई थी। उन दोनों का इलाज सिविल अस्पताल में चल रहा था। अब खबर आ रही है की माँ के ज़ख्म गंभीर होने के कारण उसकी मौत हो गई, वहीं बेटी का इलाज अभी भी जारी है। आपको बता दें कि अमेठी जिला प्रशासन पर अनदेखी का गंभीर आरोप लगाते हुए जामो थाना क्षेत्र की रहने वाली महिला व उसकी बेटी ने शुक्रवार शाम को लखनऊ में लोकभवन के सामने मिट्टी का तेल उड़ेलकर खुद को आग लगा ली थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों के शरीर पर कंबल डालकर आग बुझाई और सिविल अस्पताल में भर्ती कराया था। इसमें दोनों बुरी तरह से झुलस गईं थी जिसमे महिला ने इलाज के दौरान बुधवार को दम तोड़ दिया। वहीं, इस पूरी घटना के पीछे बड़ी साजिश का खुलासा हुआ था। पुलिस आयुक्त ने बताया कि उन्हें किसी बड़े अधिकारी व नेता ने उसे आत्मदाह के लिए उकसाया था। इस काम में महिला के रिश्तेदार भी शामिल थे जिन्हे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लखनऊ व अमेठी में कोतवाल समेत सात पुलिसवालों को भी निलंबित किया गया है।
गाजियाबाद में एक बहुत ही संगीन मामला सामने आया है। वहाँ के प्रताप विहार इलाके में घर जा रहे पत्रकार पर बदमाशों ने गोलियाँ दाग दी। पत्रकार अपनी दो छोटी बच्चियों के साथ घर जा रहा था, तभी कुछ बदमाशों ने उन्हें घेर लिया और उस पर टूट पड़े। घटना से डरी-सहमी बेटियों ने किसी तरह वहां से भाग कर अपनी जान बचाई। ये पूरी वारदात CCTV कमरे में कैद हो गई। हुआ यूं की गाजियाबाद के विजयनगर थाना क्षेत्र के प्रताप विहार इलाके में सोमवार रात को एक पत्रकार अपनी दो छोटी बच्चियों के साथ घर जा रहा था, तभी 5-6 बदमाशो ने उसे घेर लिया व बाइक से उतारकर उसे एक कार के सहारे टिकाकर पीटने लगे। बुरी तरह पिटाई के साथ एक हमलावर ने उसके सिर में गोली मार दी। घायल पत्रकार गोली लगने के बाद नीचे जमीन पर गिर गया और बदमाश वहां से भाग गए। बदमाशों के भागने के बाद बेटियां, पिता के पास पहुंचकर लोगों से मदद की गुहार लगाती रही। पुलिस के अनुसार, इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है जिसमें से एक बदमाश को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है अन्य बदमाशों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की हत्या की मुजरिम नलिनी से जुडी एक बड़ी खबर सामने आई है। सोमवार शाम नलिनी ने जेल में खुदकुशी करने की कोशिश की है। उसने साड़ी से फंदा लगाकर खुदकुशी करने की कोशिश की है। जानकारी के मुताबिक जेल में झगड़े के बाद उसने यह कदम उठाया। इसके बाद से ही जेल में हड़कम्प मच गया। बता दें की नलिनी चेन्नई की वेल्लोर जेल में सजा काट रही है। नलिनी द्वारा इस कदम को उठाए जाने की जानकारी उसके वकील ने दी। उन्होंने बताया की नलिनी और दूसरे कैदी के बिच झगड़ा हो गया जिसकी बात जेलर तक पहुँच गई, जिसके बाद ही नलिनी ने जान देने की कोशिश की। वकील का कहना है की नलिनी द्वारा इतने सालों में पहली बार ऐसा कदम उठाया गया है, जिसकी वजह वह जानना चाहती हैं। वकील ने आगे कहा की नलिनी के पति ने अपनी पत्नी को दूसरे जेल में शिफ्ट करने की मांग उठाई है। नलिनी चेन्नई की वेल्लोर जेल में पिछले 29 सालों से सजा काट रही है। उसने जेल में ही बेटी को जन्म दिया था। जेल में उसके साथ राजीव हत्याकांड के छह दोषी भी हैं। इसमें उसका पति मुरुगन भी शामिल है।
मध्य प्रदेश के राज्यपाल और लखनऊ से पूर्व सांसद लालजी टंडन का मंगलवार सुबह निधन हो गया। उनकी आयु 85 वर्ष थी। वह लिवर, फेफड़े और गुर्दे की बीमारी से ग्रसित थे। लखनऊ के मेदांता में उनका इलाज चल रहा था। पिछले कई दिनों से टंडन वेंटिलेटर पर थे। इससे पहले तक उन्हें आईसीयू में रखा गया था। मेदांता में विशेषज्ञों की टीम उनकी पल-पल की निगरानी कर रही थी, इसके बावजूद भी टंडन को नहीं बचाया जा सका। उनके बेटे और कैबिनेट मंत्री आशुतोष टण्डन ने लालजी टंडन के निधन की जानकारी ट्वीटर के माध्यम से दी। आशुतोष टंडन ने ट्वीटर पर लिखा बाबू जी नहीं रहे। बता दें कि लालजी टण्डन पिछले काफी वक्त से गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे. लखनऊ के मेदांता में वह 14 जून से भर्ती थे. ज्यादातर समय वह वेंटिलेटर पर ही रहते थे. मेदांता अस्पताल के निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने मंगलवार सुबह टंडन के निधन की जानकारी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने ट्वीट कर दुख जताया। उन्होंने लिखा कि, "मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन की खबर सुनकर शोक हुआ। उनके निधन से देश ने एक लोकप्रिय जननेता, योग्य प्रशासक और प्रखर समाज सेवी को खोया है। वे लखनऊ के प्राण थे। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना करता हूं। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं।" इसी के साथ उन्होंने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। टंडन के बेटे और उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन 'गोपाल जी' ने जानकारी दी कि उनका अंतिम संस्कार शाम 4:30 बजे गुलाला घाट चौक में किया जाएगा। उनकी तबीयत खराब होने के कारण उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था।
पटना के तेलीबाग क्षेत्र में पिछले काफी समय से एक गैंग तैयार हो रहा है, जो 25 से 40 गाड़ियां लेकर निकलता है। बुधवार को राजधानी पटना में जो तस्वीर सामने आई वह कई सवाल खड़े कर रही थी। इन तस्वीरों से साफ जाहिर है कि किस तरह पटना में कानून की धजिया उड़ाई जा रही है। पटना के कदम कुआं थाना क्षेत्र के नयाटोला इलाके में बाइकर्स गैंग ने बिना कानून के खौफ के सड़क में कुछ लोगो की जम कर पिटाई की। यह तब है जबकि राजाधानी में लॉकडाउन लागू है। न तो मास्क लगाए थे, न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। इस बीच पुलिस नदारद रही। आसपास के इलाके में भगदड़ मच गई, लोग अपने घरों में दुबक गए। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस को सूचना देने के बाद भी वह समय से नहीं पहुंची। बाइकर्स हाथो में लाठी- डंड, रोड जैसे हथियार लेकर सभी पर प्रहार कर रहे थे, इसी बीच जन्मदिन से लौट रहे कुछ युवको से मारपीट करने लगे जिसमे बलदेव बिहार का रहने वाला रितिक गंभीर रूप से घायल हो गया। खून से लथपथ वह तड़पने लगा, व अन्य घायल हुए। करीब 45 मिनट बाद पहुंची पुलिस ने घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा। इस मारपीट में एक स्कूटी व दो मोटरसाइकिल वहीं गिरी पड़ी रही। एक चार पहिया वाहन में तोड़फोड़ की गई थी। इंस्पेक्टर पीजीआई का कहना है कि हमलावरों की शिनाख्त की जा रही है।
दुबई में रहनी वाली भारतीय मूल की 11वर्षीय समृद्धि कालिया ने योगासन के साथ विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। उन्होंने मात्र तीन मिनट और 18 सेकंड में 100 अलग-अलग आसान कर यह कीर्तिमान अपने नाम किया। समृद्धि ने बृहस्पतिवार को दुबई के विश्व प्रसिद्ध बुर्ज खलीफा में एक छोटी सी जगह पर सबसे तेज योग के 100 आसन कर विश्व रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करवा लिया है। यह समृद्धि का कुल तीसरा और पिछले महीने में दूसरा विश्व रिकॉर्ड है। समृद्धि ने एक छोटी जगह पर कुछ ही मिनट के भीतर योग के 100 अलग-अलग आसान किए। समृद्धि ने कुछ हफ्तों पहले ही एक छोटे से बॉक्स के अंदर एक मिनट में लगभग 40 उन्नत योग आसन करने का खिताब अपने नाम किया था। उन्होंने 21 जून को होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर दूसरा विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया था। उन्हें योग के क्षेत्र में बेहतरीन उपलब्धियों के लिए जनवरी 2020 में प्रवासी भारतीय दिवस पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। समृद्धि के पिता सिद्धार्थ कालिया ने बताया कि वे छह साल की उम्र से ही योग सीख रही है। इस क्षेत्र में उसकी रुचि ने उसे न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी जीत हासिल कर उच्चतम स्तर तक पहुंचने में मदद की है।
At least 3 were killed and eight other went missing following a cloud burst in Pithoragarh district of Uttarakhand, on Monday. As per reports, three were found dead in Madkot and the eight others went missing from a neighboring village. The cloudburst has caused damage to many houses in the two villages of Pithoragarh. The rescue teams reached the two villages and launched a rescue operation. The search for the missing persons is underway. According to the Met department, heavy rain is likely to occur for the next two days.