मंडी संसदीय क्षेत्र की सांसद कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रभावितों से मुलाकात करने के लिए आ रही हैं| वे मंगलवार को आपदा प्रभावितों के साथ मुलाकात करेंगी| उनका सुबह नौ बजे जिला शिमला और जिला कल्लू के सीमावर्ती गांव समेज में जाकर आपदा प्रभावितों से मुलाकात करने की योजना है| वे यहां समेज गांव में आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगी और पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात करेंगी| इसके बाद में रामपुर से कुल्लू के बागीपुल के लिए रवाना होंगी| बागीपुल में दोपहर 12:30 बजे आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेंगी और लोगों से मुलाकात भी करेंगी| सके बाद दोपहर 1:40 पर वे निरमंड पहुंचेंगी| आज शाम सात बजे रामपुर आएंगी कंगना रनौत कंगना रनौत के हिमाचल दौरे पर उनके साथ आने के विधायक लोकेंद्र कुमार, रामपुर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के प्रत्याशी रहे कौल नेगी, रामपुर बीजेपी मंडल अध्यक्ष कुलवीर खूंद और आनी मंडल अध्यक्ष योगेश भार्गव मौजूद रहेंगे| मंडी की संसद कंगना रनौत सोमवार शाम 7 बजे ही रामपुर पहुंच जाएंगी और उनका ठहराव एसजीवीएन गेस्ट हाउस में होगा|
शिमला: प्रदेश में फिलहाल मानसून सामान्य चल रहा है आने वाले 7 और 8 अगस्त को प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है शिमला मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के तीन जिला चंबा, कांगड़ा और मंडी में कुछ चुनिंदा इलाकों में भारी बारिश हो सकती है. वहीं बीते 24 घंटों में प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में मॉनसून सामान्य रहा है| बीते 24 घंटे के दौरान हिमाचल प्रदेश में सामान्य बारिश रिकार्ड की गई है | इस दौरान बारिश का प्रभाव प्रदेश के उत्तर क्षेत्र में अधिक देखने को मिला है. खास तौर पर लाहौल स्पीति, किन्नौर और कल्लू ज़िला के ऊंचाई वाले इलाकों में अधिक बारिश दर्ज की गई है| उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में भी प्रदेश कि ज्यादातर हिस्सों में सामान्य बारिश होने का अनुमान है. मगर 7 और 8 अगस्त की रात प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है| इस दौरान जिला चंबा, कांगड़ा और मंडी के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है|
शिमला: रामपुर के समेज गांव में बादल फटने से हुई त्रासदी के बाद आज पांचवे दिन सुन्नी डैम के करीब डोगरी से दो डेड बॉडी रिकवर की गई है। एक शव 14 से 17 साल की लड़की और दूसरा शव पुरुष का बताया जा रहा है. बीते कल भी सुन्नी डैम से एक युवती का शव बरामद किया गया था। ये शव समेज गांव में बाढ़ के कारण लापता हुए लोगों के हो सकते हैं, लेकिन अभी तक शवों की पहचान नहीं हो पाई है। अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि लड़की का शव सही हालात में है। वहीं पुरुष की शव क्षत विक्षत है। चेहरे की पहचान नहीं हो पा रही है। कुल्लू प्रशासन को भी इसके बारे में सूचना दे दी गई है. दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए सीएचसी सुन्नी के लिए भेज दिया गया है. सर्च ऑपरेशन तीव्र गति से चला हुआ है|
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज चौड़ा मैदान, शिमला से यातायात के सुचारू संचालन और सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत शिमला और नूरपुर पुलिस जिला के लिए हाई विज़िबिलिटी क्षमता की 25 पेट्रोलिंग मोटर साइकिलों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए अनेक नवीन कदम उठाए गए हैं। प्रथम चरण के दौरान लगभग 3.72 करोड़ रुपये की लागत से शिमला के लिए 19 और नूरपुर पुलिस जिला के लिए छह पेट्रोलिंग मोटर साइकिलें प्रदान की गई हैं। शिमला जिला में पुलिस के लिए 30 हैंडहेल्ड स्पीड गन, 10 बॉडी वॉर्न कैमरे, 18 एल्को सेंसर, 30 वाहन संचालित गति संकेतों की स्थापना, 80 विस्तार योग्य अवरोध, 225 रिफ्लेक्टिव जैकेट, 115 रिचार्जेबल बैटन, 200 ट्रैफिक कोन, 70 इंटरलॉकिंग प्लास्टिक बैरिकेड और 30 सर्च लाइट उपलब्ध करवाई गई हैं। इसी तरह कांगड़ा और मंडी जिलों में सड़क सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा यातायात प्रवर्तन, निगरानी, बचाव और सड़क दुर्घटनाओं के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया में पुलिस की क्षमता में सुधार के लिए 27 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न प्रकार के उपकरणों की खरीद की जा रही है। उपकरणों में राजमार्ग पेट्रोलिंग के लिए शिमला, कांगड़ा और मंडी के लिए 42 चार पहिया वाहन और कांगड़ा और मंडी के लिए 27 दो पहिया वाहन, क्षेत्र प्रवर्तन के लिए 14 इंटरसेप्टर वाहन, बचाव कार्यों के लिए रेकर वाहन और हैंडहेल्ड स्पीड गन, बचाव कार्यों के लिए हाइड्रोलिक उपकरण, आपातकालीन बैग, वाहन संचालित गति संकेत सहित विभिन्न उपकरण खरीदे जा रहे हैं। इन उपकरणों की खरीद मार्च, 2025 से पहले पूरी कर ली जाएगी और इन्हें शिमला, कांगड़ा और मंडी जिलों के पुलिस स्टेशनों में वितरित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस के लिए विभिन्न गश्त निगरानी बचाव और आपातकालीन प्रतिक्रिया उपकरण खरीदने के लिए लगभग 90 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। शिमला में एकीकृत सड़क सुरक्षा प्रवर्तन प्रणाली स्थापित करने के लिए लगभग 61.57 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। यह प्रणाली शिमला, कांगड़ा, मंडी जिलों में विभिन्न सड़कों पर 214 चिन्हित स्थानों पर एआई सुविधा से लैस 532 कैमरों से जुड़ी होगी। उन्होंने कहा कि सड़क इंजीनियरिंग में सुधार के लिए लोक निर्माण विभाग के लिए दीर्घकालीन कार्य योजना, पुलिस के लिए गश्त, सड़क सुरक्षा प्रवर्तन में सुधार के लिए उपकरणों की खरीद सहित पुलिस और लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। कार्यक्रम के दौरान जिम, खाना क्लब मंडी की ओर से अध्यक्ष विकास कपूर और सचिव अचल कपूर ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए दो लाख एक हजार रुपये का चेक मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू को भेंट किया। कार्यक्रम के दौरान लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार चौधरी, विधायक हरीश जनारथा, उपाध्यक्ष वन विकास निगम केहर सिंह खाची, पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा, एडीजीपी अभिषेक त्रिवेदी, निदेशक सूचना एवं जन संपर्क राजीव कुमार, आयुक्त नगर निगम भूपिंदर अत्री, हिमाचल प्रदेश सड़क एवं अवसंरचना विकास निगम के निदेशक पवन कुमार शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज चौड़ा मैदान, शिमला से यातायात के सुचारू संचालन और सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत शिमला और नूरपुर पुलिस जिला के लिए हाई विज़िबिलिटी क्षमता की 25 पेट्रोलिंग मोटर साइकिलों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए अनेक नवीन कदम उठाए गए हैं। प्रथम चरण के दौरान लगभग 3.72 करोड़ रुपये की लागत से शिमला के लिए 19 और नूरपुर पुलिस जिला के लिए छह पेट्रोलिंग मोटर साइकिलें प्रदान की गई हैं। शिमला जिला में पुलिस के लिए 30 हैंडहेल्ड स्पीड गन, 10 बॉडी वॉर्न कैमरे, 18 एल्को सेंसर, 30 वाहन संचालित गति संकेतों की स्थापना, 80 विस्तार योग्य अवरोध, 225 रिफ्लेक्टिव जैकेट, 115 रिचार्जेबल बैटन, 200 ट्रैफिक कोन, 70 इंटरलॉकिंग प्लास्टिक बैरिकेड और 30 सर्च लाइट उपलब्ध करवाई गई हैं। इसी तरह कांगड़ा और मंडी जिलों में सड़क सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार यातायात प्रवर्तन, निगरानी, बचाव और सड़क दुर्घटनाओं के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया में पुलिस की क्षमता में सुधार के लिए 27 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न प्रकार के उपकरणों की खरीद की जा रही है। उपकरणों में राजमार्ग पेट्रोलिंग के लिए शिमला, कांगड़ा और मंडी के लिए 42 चार पहिया वाहन और कांगड़ा और मंडी के लिए 27 दो पहिया वाहन, क्षेत्र प्रवर्तन के लिए 14 इंटरसेक्टर वाहन, बचाव कार्यों के लिए रेकर वाहन और हैंडहेल्ड स्पीड गन, बचाव कार्यों के लिए हाइड्रोलिक उपकरण, आपातकालीन बैग, वाहन संचालित गति संकेत सहित विभिन्न उपकरण खरीदे जा रहे हैं। इन उपकरणों की खरीद मार्च, 2025 से पहले पूरी कर ली जाएगी और इन्हें शिमला, कांगड़ा और मंडी जिलों के पुलिस स्टेशनों में वितरित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस के लिए विभिन्न गश्त निगरानी बचाव और आपातकालीन प्रतिक्रिया उपकरण खरीदने के लिए लगभग 90 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। शिमला में एकीकृत सड़क सुरक्षा प्रवर्तन प्रणाली स्थापित करने के लिए लगभग 61.57 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। यह प्रणाली शिमला, कांगड़ा, मंडी जिलों में विभिन्न सड़कों पर 214 चिन्हित स्थानों पर एआई सुविधा से लैस 532 कैमरों से जुड़ी होगी। उन्होंने कहा कि सड़क इंजीनियरिंग में सुधार के लिए लोक निर्माण विभाग के लिए दीर्घकालीन कार्य योजना, पुलिस के लिए गश्त, सड़क सुरक्षा प्रवर्तन में सुधार के लिए उपकरणों की खरीद सहित पुलिस और लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। कार्यक्रम के दौरान जिम, खाना क्लब मंडी की ओर से अध्यक्ष विकास कपूर और सचिव अचल कपूर ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए दो लाख एक हजार रुपये का चेक मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू को भेंट किया। कार्यक्रम के दौरान लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार चौधरी, विधायक हरीश जनारथा, उपाध्यक्ष वन विकास निगम केहर सिंह खाची, पुलिस महानिदेशक डॉ. अतुल वर्मा, एडीजीपी अभिषेक त्रिवेदी, निदेशक सूचना एवं जन संपर्क राजीव कुमार, आयुक्त नगर निगम भूपिंदर अत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
डॉ. परमार का जीवन सभी के लिए प्रेरणास्रोतः मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर शिमला में हिमाचल निर्माता और प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार की 118वीं जयंती के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि डॉ. परमार एक महान और दूरदर्शी व्यक्तित्व थे, जिन्होंने प्रदेश के विकास की मजबूत आधारशिला रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. परमार का सम्पूर्ण जीवन हिमाचल प्रदेश के लिए समर्पित रहा है। वर्तमान में प्रदेश विकास की राह पर अग्रसर है, यह डॉ. परमार का सपना था। डॉ. परमार ने प्रदेश का इतिहास ही नहीं, बल्कि भूगोल को भी बदला। उन्होंने प्रदेश की सीमाओं को और बड़ा किया। हिमाचल का अस्तित्व डॉ. परमार की अतुलनीय देन है। उन्होंने कहा कि डॉ. परमार को हिमाचल की संस्कृति और पर्यावरण के संरक्षक के रूप में भी जाना जाता है, उन्हें पर्यावरण से बहुत लगाव था। उन्होंने प्रदेश की सबसे बड़ी सम्पदा वनों के संरक्षण को सदैव ही अधिमान दिया। डॉ. परमार ने प्रदेश को हरित राज्य बनाने का मार्ग प्रशस्त किया। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हमें डॉ. परमार के सिद्धांतों और उनके दिखाए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार हिमाचल का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से कार्य कर रही है। आर्थिक तंगी के बावजूद प्रदेश निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है। सरकार द्वारा हर क्षेत्र में गुणात्मक बदलाव लाए जा रहे हैं। शिक्षा, जल विद्युत, पर्यटन व खाद्य प्रसंस्करण आदि क्षेत्रों में अनेक नवोन्मेषी पहल की जा रही हैं। सरकार द्वारा सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ नीतिगत बदलाव लाए जा रहे हैं। बेहतर प्रबन्धन के फलस्वरूप इस वर्ष सरकार ने 2200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है। प्रदेश सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए कार्य कर रही हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डॉ. अंशुक अत्री व डॉ. राजेन्द्र अत्री द्वारा लिखित पुस्तक ‘परमारः हिमाचल के शिल्पकार’ और डॉ. अंशुक अत्री द्वारा अंग्रेजी भाषा में लिखित पुस्तक ‘द क्राफ्टिंग ऑफ हिमाचल प्रदेश’ का विमोचन किया। उन्होंने डॉ. परमार की जीवनी पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उनके छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने रिज मैदान स्थित डॉ. यशवंत सिंह परमार की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने डॉ. परमार की जीवनी पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने डॉ. परमार को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के स्वरूप में डॉ. परमार का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के गठन के समय राज्य की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन डॉ. यशवंत सिंह परमार ने उन चुनौतियों का मजबूती से सामना किया और प्रदेश को बड़ी-बड़ी बाधाओं से बाहर निकाला। उन्होंने कहा कि वर्ष 1971 में प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त करने में डॉ. परमार की अहम भूमिका रही है। उनके द्वारा प्रदेश हित में किए गए कार्यों को सदैव याद रखा जाएगा। उन्होंने पुस्तकों के माध्यम से भी प्रदेश को नई दिशा दी। वर्तमान सरकार प्रदेश को आत्मनिर्भर राज्य बनाने की परिकल्पना के साथ दृढ़ इच्छा शक्ति से आगे बढ़ रही है। डॉ. परमार की दूरदर्शी सोच को साकार किया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि डॉ. परमार ने हर क्षेत्र में प्रदेश के सर्वांगीण विकास का लक्ष्य निर्धारित किया था। उन्होंने सदैव ही हिमाचल की संस्कृति का संरक्षण और संवर्द्धन किया तथा प्रदेश को विशेष पहचान दिलाई। विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू और व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार के प्रति हर व्यक्ति आदर और श्रद्धा का भाव रखता है। वह सादगी, सच्चाई और ईमानदारी के धनी थे। उनका जीवन सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। डॉ. परमार ने विकसित हिमाचल की परिकल्पना की और आज हम निरंतर इस लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं। इस अवसर पर सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा डॉ. यशवंत सिंह परमार के जीवन पर आधारित वृतचित्र भी प्रदर्शित किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल बराक्टा व राम कुमार, उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया, विधायक संजय रतन, जीत राम कटवाल, मलेन्द्र राजन, हरीश जनारथा, कैप्टन रंजीत सिंह राणा, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेन्द्र चौहान, उपाध्यक्ष हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम केहर सिंह खाची, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर व डॉ. राधा रमण शास्त्री, पूर्व विधायक, नगर निगम के पूर्व महापौर, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क राजीव कुमार, विभिन्न जनप्रतिनिधि, निदेशक भाषा एवं कला संस्कृति विभाग पंकज ललित, सचिव विधानसभा यशपाल शर्मा, नगर निगम के आयुक्त भूपेन्द्र अत्री और अन्य व्यक्तियों ने भी डॉ. परमार को पुष्पांजलि अर्पित की।
शिमला जिले में रामपुर के समेज में आज चौथे दिन भी सर्च ऑपरेशन जारी है। सुबह से ही घटनास्थल पर एनडीआरएफ, सेना, पेरामिलिट्री के जवान सर्च ऑपरेशन जुटे चुके हैं। समेज गांव में आई त्रासदी को 4 दिन हो चुके हैं, लेकिन तबाही के निशान हर ओर फैले हुए हैं। समेज में 5 एलएनटी और 301 जवान सर्च ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। एसडीएम रामपुर निशांत तोमर ने बताया कि आज सुबह से ही सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। इस मौके पर एसडीएम रामपुर खुद मौके पर मौजूद रहे। वहीं, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी आज समेज क्षेत्र का दौरा करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने समेज के आपदा प्रभावित परिवारों के लिए रामकृष्ण मिशन के सौजन्य से भेजी जा रही राहत सामग्री के वाहन को रामपुर में आज पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रवाना किया। इस दौरान पूर्व सीएम ने कहा कि 'इस आपदा में आम लोग और गैर सरकारी संस्थान आगे आई और बढ़-चढ़कर सहयोग कर रही हैं। इसके लिए उनकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है। रामपुर से आज लगभग 6 लाख के करीब राहत सामग्री प्रभावित परिवारों के लिए रवाना की गई है। जिन लोगों के परिवार के सदस्य गए हैं हम उनको नहीं लौटा सकते, लेकिन जख्मों पर मरहम लगाने का प्रयास कर सकते हैं। पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने बताया कि समेज और बागीपुल, मंडी में भी इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें 50 के करीब अभी भी लोग लापता हैं। यह हिमाचल प्रदेश के लिए बेहद ही दुखद घटना है। इसको लेकर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा जी से भी बात की गई है। वो भी सहायता करने का प्रयास करेंगे। इस घटना से वो भी चिंतित हैं। आने वाले समय में इस तरह की घटनाएं न हो उसके लिए अध्ययन करने की आवश्यकता है और इस पर काम भी शुरू कर दिया गया है।
शिमला: सुन्नी के डैम क्षेत्र में चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान रविवार सुबह एक शव बरामद किया गया है। सुबह सात बजे स्थानीय लोगों को डैम के एक किनारे पर एक शव दिखाई था। इसकी सूचना सर्च ऑपरेशन में लगी टीम को दी गई। इसके बाद टीम ने शव को पानी से बाहर निकाला। शव एक महिला का है, जिसकी उम्र 20 से 25 वर्ष के करीब है। महिला की एक टांग शरीर के हिस्से के साथ नहीं थी। इसके साथ ही सिर का ऊपरी हिस्सा भी नहीं है। चेहरे पर काफी चोटें लगी हैं। महिला के कानों में टॉप्स है। रेस्क्यू टीम ने शव को सीएचसी सुन्नी में पोस्टमाटर्म के लिए भेज दिया है। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि एक शव सुन्नी में चल रहे सर्च अभियान में बरामद हुआ है। अभी इसकी पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन प्रथम दृष्टया से यह शव हाल ही का लगता है। अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है। शव की पहचान का काम तीव्र गति से चला हुआ है। इसके साथ ही कुल्लू प्रशासन को भी शव की पहचान के लिए सूचित कर दिया गया है। गौरतलब है कि रामपुर में 31 जुलाई को बादल फटने के बाद 36 लोग लापता हैं उनका अभी तक कोई पता नहीं चला है। बता दें कि समेज गांव में बादल फटने की घटना के बाद कुछ लोगों सतलुज नदी में बहने की संभावना है। ऐसे में इनकी तलाश के लिए समेज से करीब 120 किलोमीटर दूर सुन्नी-तत्तापानी में सर्च ऑपरेशन चलाया गया है, क्योंकि बादल फटने और बाढ़ आने से जैसी घटना होने पर 90 फीसदी शव कोल डैम साइट में शिमला-मंडी जिले की सीमा पर स्थित दोगरी गांव के आसपास ही मिलते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए गुरुवार दोपहर से पुलिस और प्रशासन की टीमें यहां सर्च ऑपरेशन में जुटी हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू 15 अगस्त को देहरा में राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। उनके अलावा जिलास्तरीय कार्यक्रमों में भी मंत्रियों की ड्यूटी तय की गई है। जिला स्तरीय कार्यक्रमों में राज्य विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया सोलन, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री शिमला, कर्नल धनीराम शांडिल हमीरपुर, चंद्र कुमार ऊना, हर्षवर्धन चौहान लाहौल स्पीति के केलांग, जगत सिंह नेगी किन्नौर के रिकांगपिओ, रोहित ठाकुर चंबा, अनिरुद्ध सिंह नाहन, विक्रमादित्य सिंह कुल्लू, राजेश धर्माणी मंडी और यादविंद्र गोमा बिलासपुर में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। उधर, उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने बताया कि 15 अगस्त को सुबह 11 बजे देहरा के शहीद भुवनेश डोगरा स्टेडियम में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत होगी। इस दौरान मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल और किशोरी लाल भी समारोह में शिरकत करेंगे। समारोह के लिए पुलिस विभाग, लोक निर्माण विभाग, जलशक्ति विभाग, भाषा विभाग, नगर परिषद देहरा सहित अन्य सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर उनकी भूमिका से अवगत करवा दिया गया है। राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों को लेकर देहरा में एसडीएम शिल्पी बेक्टा की अध्यक्षता में बैठक हुई। उपमंडल स्तर के अधिकारियों और नगर परिषद के प्रतिनिधियों के साथ हुई इस बैठक में एसडीएम ने व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखने के लिए सबको जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि देहरा में राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए परेड का पूर्वाभ्यास 12, 13, 14 अगस्त को किया जाएगा।
जवाली विधानसभा क्षेत्र की पंचायत ढोल के दुराना गांव के शुभम धीमान 26 साल की उम्र में शहीद हो गए हैं। शुभम धीमान पुत्र स्वर्गीय रूमाल सिंह जो कि 14 डोगरा रेजीमेंट में थे व वर्तमान में लेह में अपनी सेवाएं दे रहे थे वह शुक्रवार शाम को लेह में अपनी ड्यूटी करते हुए गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण शहीद हो गए। शुभम धीमान अभी अविवाहित थे। वह अपने पीछे माता संतोष देवी उम्र 53 साल और बड़ा भाई पंकज कुमार को छोड़ गए हैं। शुभम धीमान का बड़ा भाई पंकज धीमान लखनऊ में प्राईवेट नौकरी करता है। शुभम धीमान के पिता भी आर्मी से रिटार्यड हुए थे व डेढ़ साल पहले ही उनका देहांत हुआ है। इस परिवार के ज्यादातर सदस्य आर्मी की पृष्ठभूमि से संबंधित रहे हैं। शुभम धीमान डेढ़ महिना पहले ही छुट्टी काट कर गया था। उसके चाचा कैप्टन सतीश धीमान व दूसरे चाचा सूबेदार मेजर रिटायर्ड जोगिंद्र धीमान ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले कल रात को सेना की तरफ से दुर्घटना के बारे जानकारी दी थी, लेकिन शनिवार सुबह बेटे के शहीद होने की सूचना दी गई। सेना की तरफ से बताया है कि पार्थिव शरीर रविवार को दोपहर 2 बजे तक गांव में पहुंच जाएगा। वहीं, पंचायत प्रधान शालू, मेजर पीसी आजाद, उपप्रधान साधू राम राणा, कैप्टन दूनी सिंह, सूबेदार मेजर अवतार सिंह पठानिया, रक्षपाल शास्त्री, कैप्टन पवन सिंह, कैप्टन हरवंस सिंह राणा, कैप्टन जगदीश राणा, कैप्टन बलदेव सिंह राणा सहित दुराना गांव के लोगों ने छोटी उम्र में वीर जवान शुभम के इस तरह से जाने पर गहरा दुख प्रकट किया।
रामपुर: शिमला जिले के उपमंडल रामपुर में समेज त्रासदी के तीसरे दिन सर्च ऑपरेशन खत्म होने के बाद देर रात को डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने बड़ी समीक्षा बैठक बुलाई। ये बैठक मोनाल कॉन्फ्रेंस हॉल एसजेवीएनएल रामपुर में आयोजित की गई, जिसमें ये फैसला लिया गया कि रविवार यानी आज से समेज में सर्च ऑपरेशन के लिए 6 एलएनटी मशीनों की मदद ली जाएगी। इसके साथ ही तैनात रेस्क्यू टीम में भी वृद्धि की जाएगी। डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने कहा कि लोक निर्माण विभाग को प्रभावित सभी सड़कों को जल्द से जल्द बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं। जल शक्ति विभाग को सभी प्रभावित पेयजल आपूर्ति की लाइनें जल्द बिछाने के निर्देश दिए हैं। विद्युत विभाग को तीन दिनों में प्रभावित क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं। खाद्य आपूर्ति विभाग को 37 प्रभावित परिवारों को एक महीने का मुफ्त राशन मुहैया करवाने के निर्देश दिए गए हैं। वन विभाग को टीडी नियमों के मुताबिक प्रभावितों को लकड़ी उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। डीसी शिमला ने बताया कि समेज में सर्च ऑपरेशन के दौरान एक मेडिकल टीम नियुक्ति की जाएगी। रविवार से रेस्क्यू और मेडिकल टीम सुबह से लेकर शाम तक घटनास्थल पर ही सक्रिय रहेगी। बैठक के दौरान अभी तक के सर्च ऑपरेशन और रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। एसपी शिमला संजीव गांधी ने बैठक को संबोधित किया। इस दौरान आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड, सीआईएसएफ, अग्निशमन के अधिकारी मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने सर्च ऑपरेशन के दौरान जमीनी स्तर पर आ रही चुनौतियों के बारे में चर्चा की। बैठक में सर्च ऑपरेशन को लेकर आगामी रणनीति भी तैयार की गई। गौरतलब है कि 31 जुलाई की रात को रामपुर में भारी बारिश हुई और समेज गांव की पहाड़ियों में बादल फट गया। जिसके चलते गांव के साथ बहते नाले में बाढ़ आ गई। बादल फटने के चलते फ्लैश फ्लड आया, जिसमें भारी मात्रा में मलबा और बड़ी-बड़ी चट्टानें थी। लोग घरों में सो रहे थे जब ये सैलाब आया और सबको बहा ले गया। 1 अगस्त की सुबह तक समेज गांव का अस्तित्व ही मिट गया। जहां कभी एक भरा-पूरा गांव हुआ करता था, अब वहां हर ओर सिर्फ मलबा ही मलबा है। इस त्रासदी में 36 लोग लापता हैं, जिनका अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। आज समेज में रेस्क्यू ऑपरेशन का चौथा दिन है, लेकिन किसी का कोई नामोनिशान नहीं है।
हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में पीटीए, पीरियड, एसएमसी और वर्क लोड आधार पर शिक्षकों और गैर शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है। इस बाबत उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को आदेश जारी कर दिए हैं। पत्र में स्पष्ट किया है कि ऐसी नियुक्तियों के लिए सरकार से वित्तीय मदद नहीं दी जाएगी। भविष्य में कानूनी अड़चनें पड़ने पर संबंधित शिक्षण संस्थान प्रमुख ही जिम्मेवार होंगे। ऐसे मामले सामने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरकार के पास लगातार इस प्रकार की नियुक्तियां किए जाने की शिकायतें आई हैं। ऐसी नियुक्तियां होने के बाद संबंधित शिक्षक या गैर शिक्षक की ओर से स्थायी तौर पर रखने को लेकर कोर्ट की शरण ली जा रही है। ऐसे में सरकार ने इस बाबत सख्ती बरतते हुए स्कूल स्तर पर इस प्रकार की नियुक्तियां नहीं करने के आदेश जारी किए हैं। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि स्कूलों में अस्थायी तौर पर किसी भी शिक्षक या गैर शिक्षक को नियुक्त नहीं किया जा सकता है। जिन स्कूलों में इस प्रकार की नियुक्तियां दी गई हैं, वहां की रिपोर्ट तलब की गई है। सरकार की ओर से इन नियुक्तियों के लिए वित्तीय मदद नहीं दी जाएगी।
** चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रदान की जाएंगी विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज डॉ. राजेंद्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय टांडा, जिला कांगड़ा तथा इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों को सशक्त करने के लिए साधन और संसाधनों को व्यापक स्तर पर सृजित और सुदृढ़ करेगी। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों और पर्याप्त स्टाफ की समुचित तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों को भविष्य की जरूरतों और तकनीक के आधार पर सुदृढ़ करने तथा संसाधन सृजन पर बल दिया। उन्होंने चिकित्सा महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर विषयों की सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कमियों को चिन्हित कर उनका उचित समाधान सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गुणात्मक चिकित्सा देखभाल के लिए छह मरीजों के अनुपात पर एक स्टाफ नर्स तैनात की जाएगी। मुख्यमंत्री ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय टांडा की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए कहा कि अस्पताल में चिकित्सकों से परामर्श के लिए प्रतीक्षा अवधि कम की जाएगी और परामर्श अवधि बढ़ाई जाएगी, जिसके लिए पर्याप्त संख्या में चिकित्सक तैनात किए जाएंगे। मरीजों के पंजीकरण के लिए पंजीकरण कांउटर की संख्या भी बढ़ाई जाएगी ताकि लोगों को चिकित्सक से परामर्श के लिए अधिक इंतजार न करना पड़े। बैठक में बताया गया कि टांडा चिकित्सा महाविद्यालय में वर्ष 2023 में मेडिसिन विभाग में 72,069 मरीजों, ऑर्थोपेडिक्स में 56,124, जनरल सर्जरी में 25,856 मरीजों सहित सभी विभागों में कुुल 6,05,489 मरीजों ने चिकित्सा सुविधा का लाभ उठाया। मुख्यमंत्री ने टांडा महाविद्यालय में विभिन्न परियोजनाओं के निर्माण कार्य की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में 100 बिस्तर क्षमता का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन मेंटल हेल्थ विकसित किया जा रहा है जिसे शीघ्र ही कार्यशील कर दिया जाएगा तथा बीएससी नर्सिंग कक्षाएं भी शुरू की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय में विशेषज्ञ चिकित्सकों, पैरा मेडिकल तथा अन्य श्रेणियों के विभिन्न पदों को भरने की स्वीकृति भी दी। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला की समीक्षा करते हुए इसमें विभिन्न श्रेणियों के पदों के सृजन और लोगों को विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों से संबंधित सभी निर्णय व्यापक स्तर पर जन कल्याण भावना के दृष्टिकोण से लिए जाएं। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में विभिन्न भवनों की मरम्मत के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि वर्ष 2023 में इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के मेडिसिन विभाग में 1,43,291 मरीजों, आर्थोपेडिक्स विभाग में 85,161, जनरल सर्जरी विभाग में 77,012 मरीजों सहित सभी विभागों में 8,72,829 मरीजों ने चिकित्सा सुविधा का लाभ उठाया। सुक्खू ने कहा कि अटल सुपर स्पेशिएलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान चमियाणा को भी निरंतर सुदृढ़ किया जा रहा है। बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, उपाध्यक्ष राज्य योजना बोर्ड भवानी सिंह पठानिया, विधायक संजय रतन, मलेंद्र राजन व हरीश जनारथा, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. राकेश शर्मा, टांडा व शिमला चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य व चिकित्सा अधीक्षक और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री ने किया समेज घटनास्थल का निरीक्षण लोक निर्माण एंव शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शनिवार को समेज घटना स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान प्रभावित लोगों और पीड़ितों से भी मिले। घटना स्थल पर स्थानीय लोगों ने घटना के बारे में कैबिनेट मंत्री को बताया।कैबिनेट मंत्री ने कहा कि समेज गांव में दो वैली ब्रिज स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए शिमला से वैली ब्रिज का सामान मंगवा लिया गया है। कुछ ही दिनों में वैली ब्रिज सुचारू हो जाएंगे ताकि स्थानीय लोगों को आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि यहां पर अतिरिक्त मशीनरी की तैनाती की जा रही है ताकि खोज एवं बचाव कार्य को और तीव्रता मिल सके। इस बारे में संबंधित विभाग को निर्देश दे दिए गए है। कैबिनेट ने कहा कि यह त्रासदी झकझोरने वाली है। हम पूरी तरह लोगों के साथ खड़े है। प्रदेश सरकार हर संभव सहायता कर रही है। इस हादसे में लापता लोगों को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चला हुआ है। लेकिन भारी मलबा होना के कारण सर्च ऑपरेशन में कई चुनौतियां पेश आ रही है। उन्होंने कहा कि 85 किलोमीटर के क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आर्मी, पैरा मिलिट्री फोर्स, पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन विभाग के सदस्य रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गत दिवस समेज दौरे के दौरान आपदा प्रभावितों को 50 हजार रुपए की फौरी राहत राशि और किराए पर मकान के लिए 5000 रुपये देने की घोषणा की है, जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश को आपदा से निपटने के लिए दिल खोल कर आर्थिक सहायता प्रदान करने का भी आग्रह किया। उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने इस दौरान कैबिनेट मंत्री को खोज एवं बचाव कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान 7वें राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं विधायक रामपुर नंद लाल, पूर्व सांसद एवं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह, जिला परिषद अध्यक्ष चंद्र प्रभा नेगी, पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव कुमार गांधी, उपमंडल दण्डाधिकारी रामपुर निशांत तोमर सहित कई विभागों के अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग मौजूद रहे।
** केवल जुलाई माह में ही 31,500 राजस्व मामले निपटाए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज कहा कि प्रदेशभर में अक्तूबर, 2023 से जुलाई, 2024 के मध्य राज्य सरकार द्वारा विशेेष राजस्व लोक अदालतों के माध्यम से 1,63,268 इंतकाल, 9,417 तकसीम, 12,453 निशानदेही और 2,427 राजस्व त्रुटियों के मामलों का निस्तारण किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में पहली बार किसी प्रदेश सरकार ने वर्षों से पड़े राजस्व मामलों की समस्या का समाधान करने के लिए इस तरह की लोक अदालतों का आयोजन कर मिशन मोड में कार्य किया, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। इनके माध्यम से प्रदेश में 30 और 31 जुलाई, 2024 को 10,746 इंतकाल, 408 तकसीम और 541 निशानदेही के मामले निपटाने के साथ-साथ 131 राजस्व त्रुटियों को सुधारा गया। इसके अतिरिक्त जुलाई, 2024 में 16,514 इंतकाल, 554 तकसीम और 2,142 निशानदेही तथा 464 राजस्व त्रुटियों के मामलों का निस्तारण किया गया और जुलाई माह में 31,500 राजस्व मामलों का निपटारा किया गया। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के लोगों को इन अदालतों के माध्यम से घर-द्वार पर अपनी समस्याओं का समाधान मिल रहा है और राजस्व लोक अदालतों की सफलता का आकलन इस बात से किया जा सकता है कि लोग इस सुविधा का बढ़-चढ़ कर लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की इस पहल से वर्षों से लंबित पड़े मामलों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप ही आमजन को राहत मिल रही है और लंबित राजस्व मामलों के समाधान के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अक्तूबर, 2023 से राजस्व लोक अदालतों का आयोजन करने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। इस अभियान के अंतर्गत प्रत्येक माह के अंतिम दो कार्य दिवस में इन लोक अदालतों का आयोजन कर लंबित राजस्व मामलों का समाधान किया जाता है ताकि लोगों को राजस्व कार्यालयों के बार-बार चक्कर न लगाने पड़ें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में पारदर्शी और त्वरित प्रशासन प्रदान करने को अधिमान दे रही है। सरकार द्वारा लिए गए जन हितैषी निर्णयों से लोग उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जन-जन की सरकार है और आमजन की समस्याओं को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर उनका समाधान किया जा रहा है।
शिमला के उपनगर न्यू टूटू में दिव्ययोग रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा संचालित दिव्य फिजियोथैरेपी सेंटर में रविवार, 4 अगस्त रविवार 11, 2024 तक जांच शिविर लगाया जा रहा है। इस शिविर में गठिया, फालिज, कमर दर्द, जोड़ों का दर्द, कन्धों और घुटनों का जाम होना, सरवाइकल,स्पाॅडिंलोसिज, बच्चों का समय से न चल पाना, इत्यादि की निशुल्क जांच की जाएगी। इस सेंटर में उपरोक्त रोगों का इलाज मैनुअल थेरेपी एवं आधुनिक उपकरणों द्वारा किया जाता है। संस्थान के अध्यक्ष विजय कुमार सूद ने कहा कि फिजियोथेरेपी सेहतमंद रहने के लिए बहुत जरूरी है। फिजियोथेरेपी कराने से मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है उन्होंने कहा कि पुराने दर्द से राहत दिलाने में फिजिकल थेरेपी की महत्वपूर्ण भूमिका है। फिजियोथेरेपी ने दवाइयों पर लोगों की निर्भरता कम कर दी है क्योंकि शरीर में होने वाले दर्द का इलाज बिना दवाई फिजियोथेरेपी से भी दूर किया जा सकता है। कोई भी अन्य जानकारी संस्थान के हेल्पलाइन 92185-38001 पर संपर्क कर ली जा सकती है।
हिमाचल प्रदेश विवि (एचपीयू) ने स्नातकोत्तर डिग्री कोर्स की खाली सीटों को भरने के लिए इस बार प्रवेश प्रक्रिया में ही बदलाव कर दिया है। पहली बार बदली प्रवेश प्रक्रिया के तहत एचपीयू पीजी की खाली सीटों को भरने के लिए कुछ शर्तें लगाकर छात्र-छात्राओं को आवेदन का मौका देने वाला है। इतना ही नहीं, एचपीयू सब्सिडाइज्ड और नॉन सब्सिडाइज्ड श्रेणी की सीटें भरने को प्रवेश परीक्षा आधारित कोर्स में प्रवेश के लिए आवेदन और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 700, मेरिट आधारित कोर्स के लिए 500 रुपये फीस भी वसूल करेगा। फिर चाहे छात्र ने एडमिशन के लिए पहले ही आवेदन फीस चुका ली हो। हालांकि, यह परोक्षरूप से छात्र-छात्राओं पर अतिरिक्त फीस थोपी गई है। एचपीयू के अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. बीके शिवराम ने सभी शैक्षणिक विभागों को कार्यालय आदेश जारी किए हैं। आदेशों में तय प्रक्रिया के अनुसार ही विभाग खाली सीटों के लिए फिर से आवेदन आमंत्रित करेंगे। अधिष्ठाता अध्ययन ने विभागों से तीन अगस्त तक खाली सीटों का ब्योरा और सीट भरने के लिए आवेदन मंगवाने से संबंधित जानकारी मांगी है। इसी के आधार पर एचपीयू पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए आवेदन करने को एडमिशन पोर्टल खोलेगा। बता दें कि यह पहला मौका होगा जब विवि खाली सीटें भरने के लिए फीस की वसूली करेगा। पहले खाली सीटों पर वीसी की मंजूरी पर प्रवेश दिया जाता था। डीएस कार्यालय के सर्कुलर के मुताबिक प्रवेश, आवेदन और सीट आवंटन के लिए तीन नियमों के अनुसार सीटें भरी जानी हैं।
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने हिमकेयर योजना को संशोधित किया है। सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार सभी सरकारी सेवारत, सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों को मुख्यमंत्री हिमाचल स्वास्थ्य देखभाल योजना (हिमकेयर) से तत्काल प्रभाव से बाहर कर दिया है। इसके साथ ही निजी अस्पतालों का इंपेनलमेंट 1 सितंबर 2024 से वापस लेने का निर्णय लिया गया है। अब इन अस्पतालों में हिमकेयर योजना के तहत इलाज नहीं होगा। इस संबंध में सचिव स्वास्थ्य एम सुधा देवी की ओर से अधिसूचना जारी की गई है। बीते दिनों स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने सोलन में कहा था कि बहुत से लोग निजी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए जाते हैं। जहां पर इलाज काफी महंगा है। जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रहता। कुछ निजी अस्पताल मनमर्जी के रेट भी मरीजों को लगाते हैं। बताया जा रहा है कि इसी के चलते निजी अस्पतालों में हिमकेयर योजना के तहत इलाज की सुविधा को बंद करने का फैसला लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के तबादलों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। कार्मिक विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार 5 अगस्त से तबादलों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद केवल सरकारी कर्मचारियों के तबादलों के ऐसे प्रस्तावों पर कार्रवाई और कार्यान्वयन किया जाएगा, जो व्यापक मार्गदर्शक सिद्धांत-2013 के पैरा 8 के तहत विशेष रूप से प्रदान की गई परिस्थितियों के अनुरूप होंगे। इस संबंध में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों, विभाध्यक्षों, मंडलायुक्तों व उपायुक्तों को इन निर्देशों की कड़ाई से अनुपालन के लिए सभी संबंधितों के ध्यान में लाने को कहा है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने 1 मार्च, 2024 को जारी पत्र के जरिये बताया था कि 1 अप्रैल, 2024 से या आदर्श आचार संहिता लागू होने की तारीख से जो भी पहले हो, कर्मचारियों के सामान्य तबादलों पर प्रतिबंध फिर से प्रभावी हो जाएगा। इसी के तहत अब तबादलों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार के लिए 70 आवेदन आ चुके हैं। जिला उपनिदेशकों के माध्यम से आवेदनों की जानकारी निदेशालय को देने का कार्य अभी भी जारी है। 5 अगस्त को इस बाबत शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में पहली बैठक होगी। इस बैठक में आवेदनों की छंटनी की जाएगी। इस बार से साक्षात्कार के आधार पर सामान्य श्रेणी क्षेत्रों के 15 और जनजातीय एवं दुर्गम क्षेत्रों के 9 शिक्षकों का चयन किया जाएगा। फ्लैगशिप योजनाओं के सफल क्रियान्वयन और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए छह विशेष पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे। बेहतर परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों को चयन में प्राथमिकता मिलेगी। चयनित शिक्षकों को पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्यपाल सम्मानित करेंगे। उधर, राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए 28 आवेदन आए हैं। अब इन आवेदनों की छंटनी कर केंद्र सरकार को कुछ नाम भेजे जाएंगे। गैर शिक्षण कार्य करने वाले शिक्षक राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए पात्र नहीं होंगे। वार्षिक परीक्षा परिणाम के आधार पर शिक्षकों को अंक दिए जाएंगे। शिक्षा सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी साक्षात्कार भी लेगी। 24 शिक्षकों का आवेदनों के आधार पर चयन होगा। 6 शिक्षकों को उनके कार्यों के आधार पर सरकार खुद चुनेगी। ऐसे शिक्षक जिनके पास कम से कम पांच वर्ष का शिक्षण अनुभव और प्रधानाध्यापक, प्रधानाचार्य के मामले में पांच वर्ष का प्रशासनिक अनुभव होगा, वो ही चयन के लिए पात्र होंगे। सेवानिवृत्त शिक्षक पुरस्कार के लिए पात्र नहीं होंगे। वे शिक्षक जिन्होंने चालू वर्ष की 31 मार्च तक सेवा की है, वे पात्र होंगे यदि वे अन्य सभी शर्तों को पूरा करते होंगे। विशेष पुरस्कार की श्रेणी में डाइट, एससीईआरटी, एसएसए और आरएमएसए में तैनात शिक्षकों को पुरस्कार दिया जाएगा। जिन शिक्षकों के पिछले पांच सालों की एसीआर गुड ग्रेड से नीचे है, उन्हें भी यह पुरस्कार नहीं मिलेंगे। बोर्ड कक्षाओं में कम से कम 75 फीसदी रिजल्ट हर साल देने वाले शिक्षकों को प्राथमिकता मिलेगी। मुख्य अध्यापकों और प्रधानाचार्यों के लिए 75 फीसदी रिजल्ट की शर्त रखी गई है।
हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के चलते पर्यटन कारोबार को बड़ा झटका लगा है। पर्यटन स्थल सूने हैं। हिमाचल में अब तक ढाई हजार सैलानियों ने बुकिंग रद्द या होल्ड कर दी है। इसके अलावा ट्रैकिंग ट्रिप पर जाने का कार्यक्रम भी सैलानियों ने स्थगित कर दिया है। हालांकि बरसात के चलते हिमाचल में इन दिनों ऑफ सीजन चल रहा है, लेकिन इन दिनों में भी होटलों में 30 से 40 फीसदी तक एक्यूपेंसी रहती है। लेकिन प्राकृतिक आपदा के आपदा वीकेंड पर भी ऑक्यूपेंसी 10 फीसदी से कम है। हिमाचल की राजधानी शिमला के अलावा मनाली, धर्मशाला, मैक्लोडगंज, चंबा और डलहौजी में होटलों के कमरे खाली चल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में बीते साल 2023 में प्राकृतिक आपदा के चलते पर्यटन कारोबार पूरी तरह से प्रभावित हुआ था। उस समय कारोबारियों को करोड़ों की चपत लगी थी। आपदा के चलते कुल्लू-मंडी और मनाली में तबाही के डर से सैलानी पर्यटन नगरी धर्मशाला-मैक्लोडंगज आने से भी कतरा रहे हैं। वीकेंड पर एक आध कमरे की ही बुकिंग हो रही है। धर्मशाला का पर्यटन स्थल मैक्लोडगंज और भागसूनाग भी वीकेंड पर सूना है। हालांकि पर्यटन कारोबारियों को 15 अगस्त की छुट्टियों के दौरान तीन-चार दिन के लिए अच्छे कारोबार की उम्मीद है। होटल एसोसिएशन धर्मशाला के अध्यक्ष अश्विनी बांबा का कहना है कि बरसात में होटलों में एक-दो कमरे ही लग पा रहे हैं। ऑफ सीजन में सैलानियों को होटलों में 30 फीसदी तक छूट भी दी जा रही है, लेकिन फिर भी वीकेंड पर ऑक्यूपेंसी 15 फीसदी भी नहीं पहुंच रही। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के एजीएम नवदीप थापा ने बताया कि बरसात के मौसम में प्रदेश में हो रही तबाही के कारण सैलानियों में डर का माहौल है। पर्यटन कारोबार काफी कम हो गया है। निगम के होटलों में सैलानी बुकिंग रद्द करवा रहे हैं। सैलानी हिमाचल आने से डर रहे हैं। टूरिस्टों ने ट्रैकिंग ट्रिप होल्ड कर दिए हैं। अगर भारी बारिश का क्रम थम जाता है तो करीब 15 दिन बाद स्थिति सुधरने की उम्मीद है।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने कहर बरपाया है। बादल फटने से नालों में आई बाढ़ से कई लोग लापता हुए हैं। वहीं, भारी बारिश के साथ आए तेज तूफान ने किसानों और बागवानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। प्रदेश में सेब की फसल तैयार है। इस बीच तेज तूफान के कारण पेड़ों से झड़ कर सेब के खेतों में ढेर लग गए हैं। ऐसे में सरकार ने बागवानों की पीड़ा को समझते हुए उन्हें राहत पहुंचाने का फैसला लिया है। इसके लिए एपीएमसी ने निर्धारित समय से पहले झड़े हुए सेब को खरीदने का फैसला लिया है, ताकि बागवानों का नुकसान होने से बचाया जा सके। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि दो दिन पहले मौसम बिगड़ने की वजह से सेब की फसल को नुकसान हुआ है। ऐसे में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में एचपीएमसी को बागवानों से सेब की खरीद करने को कहा गया है, जिसके लिए बागवानी को एचपीएमसी के केंद्र प्रभारियों से लिखित में आवेदन करना होगा। एचपीएमसी ने शुरुआती तौर पर अभी 20 केंद्रों पर सेब की खरीद शुरू कर दी है। इसके अलावा अगले कुछ दिनों में आपदा प्रभावित क्षेत्रों सहित कम ऊंचाई वाले सेब बहुल क्षेत्रों में 40 के करीब क्षेत्रों में सेब खरीद शुरू हो जाएगी।
हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद लापता हुए 45 से अधिक लोगों का पता लगाने के लिए बचावकर्मियों ने ड्रोन तैनात किये हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी शुक्रवार को दी। बुधवार रात तीन जिलों- कुल्लू, मंडी और शिमला में बादल फटने से अचानक बाढ़ आने के बाद मंडी के राजबन गांव से दो शव और कुल्लू के निरमंड से एक शव बरामद किया गया। जानकारी के अनुसार तीन शवों की बरामदगी के साथ, कुल्लू, मंडी पधर और शिमला के रामपुर उपमंडल के निरमंड, सैंज और मलाणा क्षेत्रों में अचानक आई बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या आठ हो गई है। 45 लोग अभी लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने शिमला और कुल्लू जिले की सीमा पर स्थित समेज जाकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि लापता लोगों में 17-18 महिलाएं और 8-9 बच्चे शामिल हैं। उन्होंने पीड़ितों के लिए 50 हजार रुपये की तत्काल राहत और अगले तीन महीने तक 5,000 रुपये प्रति माह किराया देने की भी घोषणा की। इसके अलावा, गैस, खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक सामग्री भी मुहैया कराई जाएगी।
बादल फटने और बाढ़ आने से प्रदेश में 17 पुल ढहे और क्षतिग्रस्त हुए है। प्रदेश सरकार ने जरूरत के मुताबिक इन जगहों पर बेली ब्रिज लगाने के निर्देश दिए हैं। सेब बहुल क्षेत्रों की सड़कें दुरुस्त करने को कहा है। जिन सड़कों को ज्यादा नुकसान हुआ है और समय रहते ठीक नहीं हो सकती हैं, उन क्षेत्रों के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाने के निर्देश दिए हैं। प्रभावित क्षेत्रों के लिए डोजर और जेसीबी लगाए गए हैं। प्रदेश सरकार ने विभाग से प्रतिदिन रिपोर्ट मांगी है। बीते साल आई आपदा से सबक लेते हुए सरकार ने पहले ही बेली ब्रिज खरीद रखे थे। जोन स्तर पर इन ब्रिजों को रखा गया था। अब इन वेली ब्रिज को जिला शिमला, मंडी, कुल्लू के लिए भेजा जाएगा। हालांकि इससे पहले लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर क्षतिग्रस्त पुलों का निरीक्षण करेंगे। अगर कोई पुल रिपेयर करने योग्य होगा तो उसकी मरम्मत होगी। जो पुल ढह गया है, वहां तुरंत बेली ब्रिज लगाने का काम शुरू हो जाएगा। लोक निर्माण विभाग का दावा है कि जिला कुल्लू के निरमंड में सबसे ज्यादा 9 पुल ढहे व क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के चलते 455 सड़कें यातायात के लिए प्रभावित हुई हैं। कई सड़कें ऐसी हैं, जिनका नामोनिशान मिट गया है। हालांकि विभाग का दावा है कि 100 से ज्यादा सड़कें यातायात के लिए बहाल की गई हैं। वहीं, लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ नरेंद्र पॉल ने कहा कि विभाग का हर कर्मचारी मुस्तैदी के साथ सड़कों को बहाल करने में डटा है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के चलते विभाग को अब तक 300 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। सड़कें और पुुल टूटने से लोगों की परेशानी बढ़ी है। ऐसे में जहां जहां पुल ढह गए हैं, वहां बेली ब्रिज लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज जिला शिमला के रामपुर में बादल फटने के कारण प्रभावित हुए समेज क्षेत्र का दौरा कर राहत और पुनर्वास कार्यों का जायजा लिया। इस दुःखद् घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की और आपदा प्रभावितों के लिए तत्काल राहत पैकेज की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आपदा प्रभावित परिवार को तत्काल वित्तीय सहायता के रूप में 50 हजार रुपये और किराए पर आवासीय सुविधा के लिए तीन महीने के लिए प्रतिमाह पांच हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, प्रदेश सरकार भोजन, रसोई गैस, कंबल और चूल्हे जैसी मूलभूत वस्तुएं निःशुल्क प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों को आश्वासन दिया कि उनके घरों के पुनर्निर्माण के लिए शीघ्र वित्तीय सहायता की घोषणा की जाएगी। उन्होंने जिला प्रशासन को विस्थापित परिवारों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए ताकि इन परिवारों को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला समेज के विद्यार्थियों से भेंट की, जिनके आठ सहपाठी इस घटना के बाद लापता हैं। आठवीं कक्षा के विद्यार्थी राखी और कार्तिक ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस घटना से वे सदमें में हैं और उनका स्कूल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को ढाढस बंधाते हुए उन्हें हौसला रखने और परिवार का सहयोग करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक बेहतर और बड़ा स्कूल फिर से निर्मित किया जाएगा। समेज की निवासी बिमला देवी ने बादल फटने की घटना वाली भयानक रात को याद करते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि गांव के लोग डर के साए में जी रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों के दुःख-दर्द को साझा किया और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार आपदा प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। दुःख की इस घड़ी में प्रदेश सरकार प्रभावित परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और आपदा प्रभावितों को भरपूर सहयोग प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस आपदा को झेल रहा हर प्रभावित परिवार मेरे परिवार के सदस्य के समान है और प्रभावित परिवारों के लिए शीघ्र ही आपदा राहत की घोषणा की जाएगी। उन्होंने जानकारी दी कि समेज में 33 लोग लापता हैं और आपदा में फंसे दस लोगों को सफलतापूर्वक सुरक्षित बचा लिया गया है। इसके अलावा गांव में 38 घर और दो पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। बाद में समेज में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला, मंडी और कुल्लू में बादल फटने और भारी बारिश से मानव जीवन और संपत्ति को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा है। इन जिलों में पांच स्थानों पर बादल फटेे हैं जिससे क्षेत्र में हर तरफ तबाही का खौफनाक मंजर दिख रहा है। उन्होंने कहा कि इन जिलों में यातायात और पैदल चलने योग्य 14 पुल, 115 घर, 23 गोशाला, 10 दुकानें और मछली फॉर्म की तीन दुकानें तबाह हो गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युद्ध स्तर पर बचाव और राहत कार्य कर रही है। अब तक आपदा में फंसे 55 लोगों को सुरक्षित बचाया जा चुका हैै। लापता लोगों की तलाश के लिए बचाव टीमें दिन-रात जुटी हुई हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन को पूरी तरह मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं। लोक निर्माण विभाग को प्राथमिकता के आधार पर सड़कों को बहाल करने के लिए कहा गया है ताकि लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, सातवें वित्त आयोग के अध्यक्ष नदंलाल, आनी के विधायक लोकेंद्र कुमार, उपायुक्त शिमला अनुुपम कश्यप, उपायुक्त कुल्लू तोरूल एस. रवीश और अन्य अधिकारी इस दौरान उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में बारिश के बाद आई भारी तबाही ने सभी को चौंका कर रख दिया। गुरूवार देर रात आई बारिश ने किसी को आपनो से दूर किया तो किसी के आशियानों की उजाड़ कर रख दिया लेकिन बारिश का ये कर्म अभी यही नहीं रखने वाला। मौसम विभाग केंद्र शिमला ने आगामी पांच दिनों के लिए भी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 2 से 7 अगस्त तक कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना ज़ाहिर की है। जिसमें मंडी , शिमला , सिरमौर ,कांगड़ा, बिलासपुर और हमीरपुर शामिल है। मौसम विभाग ने लोगों को नदी नालो से दूर रहने की भी अपील की है। मौसम विभाग के इस पूर्वानुमान के बाद प्रदेश के लोगों डर भी बैठ गया है। अगस्त महीने की शुरुआत के साथ ही प्रदेशभर से ऐसी ऐसी खबरे सामने आई कि लोग अभी भी डरे और सहमे हुए है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जिला मंडी के जोगिन्द्रनगर में 110 मेगावाट की शानन जल विद्युत परियोजना को लेकर जारी कानूनी लड़ाई के संदर्भ में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस परियोजना पर सर्वोच्च न्यायालय में प्रदेश सरकार का मामला मजबूती से प्रस्तुत करने के निर्देश दिए, ताकि प्रदेश के लोगों के हितों की रक्षा हो सके। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से प्रदेश के लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार हिमाचल के अधिकारों को वापिस लेने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल के दौरान शानन जल विद्युत परियोजना का निर्माण किया गया था। वर्ष 1925 में मंडी के तत्कालीन राजा जोगिन्द्र बहादुर और पंजाब के मुख्य अभियंता के बीच 99 वर्षों के लिए लीज़ समझौता हस्ताक्षरित हुआ था। उस समय से ही इसका प्रशासनिक अधिकार पंजाब के पास है। इस वर्ष 2 मार्च, 2024 को लीज़ समाप्त हो गई है। यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के क्षेत्र अधिकार में हैं और पंजाब सरकार को अविलम्ब इस परियोजना को हिमाचल प्रदेश को लौटा देना चाहिए। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के लोगों के हितों को प्राथमिकता प्रदान करते हुए प्रदेश सरकार इस परियोजना से लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। कानूनी कार्रवाई को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार परियोजना को हासिल करने के लिए एक मजबूत मामला तैयार कर रही है। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता अनूप रतन, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चन्द शर्मा, प्रधान सचिव देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, विशेष सचिव अरिन्दम चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
**प्रदेश में अभी जारी रहेगा बारिश का दौर हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान अधिकांश क्षेत्रों में बारिश हुई है, जिसमें कुछ स्थानों पर भारी बारिश से तबाही का मंजर देखने को मिला है। मौसम विभाग ने आज प्रदेश के कुछ भागों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के विज्ञानिक संदीप कुमार ने बताया कि बीते 24 घंटे के दौरान प्रदेश में अधिकांश क्षेत्रों में बारिश हुई है, कुछ जिलों में भारी बारिश रिकॉर्ड की गई है। चंबा, कांगड़ा, बिलासपुर हमीरपुर, सोलन शिमला में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई है। आज चंबा कांगड़ा कुल्लू मंडी में एक दो स्थानों पर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी है। 2 से 6 अगस्त तक कुछ स्थानों में भारी बारिश का येलो अलर्ट है। इस दौरान ऊना, बिलासपुर, सोलन, मंडी, सिरमौर, शिमला, चंबा, कांगड़ा में एक दो स्थानों पर भारी बारिश की संभावना हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में लोगो को नदी नालों के नजदीक न जाने की सलाह है क्योंकि भारी बारिश के बाद फ्लैश फ्लड की स्थिति बन सकती है।
हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान भारी बारिश से तबाही हुई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भारी बारिश से हुई तबाही को लेकर सचिवालय में आपात बैठक की और सभी जिलों से नुकसान की रिपोर्ट लेने के साथ सभी संबंधित जिलों के उपायुक्तों को रेस्क्यू में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। अभी तक की जानकारी के मुताबिक शिमला, कुल्लू और मंडी में 50 लोग बादल फटने की घटनाओं से लापता हैं, जबकि तीन लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं और 3 लोग सुरक्षित निकाले गए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भारी बारिश से तीन जिलों ने नुकसान हुआ है। रामपुर के झाखड़ी समेज खड्ड में 36 लोग लापता हैं जिसमें दो लोगों के शव बरामद हो गए हैं, जबकि दो लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इसी तरह मंडी पधर में 9 लोग लापता हैं एक शव बरामद हो गया है एक व्यक्ति को जख्मी हालत में बाहर निकाल लिया है। कुल्लू के मलाणा में पॉवर प्रॉजेक्ट के डैम को भी भारी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री ख़ुद मौके के लिए रवाना हो रहे हैं। मौके पर राहत बचाव कार्य के लिए NDRF,SDRF, ITBP सहित स्थानीय प्रशासन जुटा हुआ है और रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्मी को भी अलर्ट पर रहने को कहा गया है। केन्द्र सरकार में मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा से फोन पर बात हुई और हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है।
रामपुर: श्रीखंड महादेव यात्रा के रास्ते में बीती रात के समय बादल फटने की घटना सामने आई है। बीती रात करीब एक बजे कुर्पन खड्ड में बादल फटने से फ्लैश फ्लड आ गया और खड्ड का जलस्तर बढ़ गया, जिससे श्रीखंड महादेव यात्रा के पहले पड़ाव बेस कैंप सिंह गाड में दर्जनों दुकानें चपेट में आने की सूचना है। वहीं, बागीपुल में बस स्टेंड, करीब 10 मकान और 20 गाड़ियां बाढ़ में बह गई हैं, जबकि केदस और ढरोपा तक जगह-जगह पुल बहने से लोगों के आवागमन का संपर्क पूरी तरह से कट गया है। तहसीलदार निरमंड जय गोपाल शर्मा ने बताया कि बीती रात को श्रीखंड महादेव यात्रा मार्ग पर कुर्पन खड्ड में बदल फटने से बेस कैंप सिंह गाड में भरी नुकसान हुआ है। वहीं, बागीपुल में निरमंड और बागीपुल को जोड़ने वाला पुल भी बह गया है और नया पुल भी बह गया है। बाढ़ में छोटे बड़े मकान बह गए हैं। इसमें होटल दुकानें, पटवारखाना भी बह गया है और 7 से 10 लोगों के लापता होने की सूचना है ,जिसमें एक परिवार के 5 लोगों और एक बुजुर्ग महिला, दो नेपाली मूल के लोगों के लापता होने की सूचना है। तहसीलदार जय गोपाल शर्मा ने बताया कि केदस में एक मकान बाढ़ की चपेट में आया है और केदस पुल भी बह गया है। वहीं, कोयल पुल के बहने से निथर का रामपुर निरमंड से संपर्क कट गया है। तहसीलदार ने बताया कि राहत और बचाव कार्य के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और रेस्क्यू टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी है।
हिमाचल प्रदेश में बरसात के दौरान ऊपरी इलाकों में बादल फटने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। ताजा मामला शिमला जिले के रामपुर का है। रामपुर के झाकड़ी में आज समेज खड्ड में बादल फटने की घटना सामने आई है। आज यानी गुरुवार सुबह तड़के समेज खड्ड में हाइड्रो प्रोजेक्ट के नजदीक बादल फटा, जिसने इलाके में भारी तबाही मचाई। वहीं, बादल फटने की सूचना मिलते ही रामपुर उपमंडल प्रशासन, एनडीआरएफ, सीआईएसएफ, होमगार्ड और मेडिकल टीम घटनास्थल पर पहुंच गए। एसडीएम रामपुर निशांत तोमर ने बताया कि अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक बादल फटने के कारण प्रभावित क्षेत्र से 36 लोगों के लापता होने की बात कही जा रही है। वहीं, इस तबाही के चलते सड़कें भी जगह-जगह से टूट गई हैं और बंद हैं, जिसके चलते रेस्क्यू टीम दो किलोमीटर पैदल चल कर उपकरणों के साथ घटनास्थल पर पहुंची है। रेस्क्यू टीम ने राहत बचाव कार्य शुरू कर दिया है। एसडीएम रामपुर ने बताया कि आईटीबीपी, स्पेशल होम गार्ड की टुकड़ी को भी रेस्क्यू दल में शामिल किया गया है। सारी टीमें एक जुट होकर रेस्क्यू कार्यों में जुटी हुई है। एंबुलेंस समेत सभी आधारभूत सुविधाएं रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान तैनात की गई हैं। एसडीएम रामपुर निशांत तोमर ने बताया कि आपदा में लापता लोगों की खोज के लिए रेस्क्यू टीम द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। लोगों को बचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। बादल फटने की सूचना मिलते ही घटनास्थल के लिए डीसी शिमला अनुपम कश्यप और एसपी संजीव गांधी भी रवाना हो गए हैं। डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही एनडीआरएफ की टीम, पुलिस, रेस्क्यू दल घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। राहत बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। डीसी शिमला ने बताया कि अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया गया है, जिसमें पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन दल, सुन्नी डैम प्रबंधन सहित अन्य विभागों को शामिल किया गया है।
**अब तक 11 अभ्यर्थियों की बिगड़ी तबियत **1 को हुआ डेंगू सिस्टम के आगे बेबस हो गए है और दो वक्त की रोटी के मोहताज हो गए है, यह कहना है JOA IT पोस्ट कोड 817 के उन अभियर्थियों का जो परिणाम घोषित होने का इंतज़ार कर रहे है और धरने पर बैठे है। इन अभियर्थीओं का कहना है कि उनकी आस अब ख़त्म हो रही है, अभियर्थी बीमार हो रहे है। आपको बता दे कि धरने पर बैठे इन अभ्यर्थियों में से अभी तक 11 अभ्यर्थी बीमार हो चुके हैं, जिनमे से एक अभ्यर्थी तो डेंगू का शिक्कार हो गया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि 2020 में विज्ञापित पदों पर JOA IT पोस्ट कोड 817 का अभी तक अंतिम परिणाम जारी नहीं हो पाया। आयोग से बीते सालों से तमाम कानूनी लडाई लड़ने के बाद भी अभ्यर्थी सड़को पर बैठने के लिए मजबूर है। पहले 36 दिन तक कड़ी ठण्ड में शिमला के चौड़ा मैदान में बैठे रहे अब फिर से जब चयन आयोग हमीरपुर ने तारीख पर तारीख दी तो बच्चो को मजबूरी में इस बरसात के मौसम में आयोग के बाहर बैठने के लिए मजबूर कर दिया। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर हम में से किसी को भी कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ सरकार होगी।
हिमाचल प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक अच्छी खबर है। प्रदेशभर में अगस्त में आने वाले बिजली के बिल पहले की ही तरह आएगें यानी अगर आपने 125 यूनिट से काम बिजली खर्च की है तो आपके बिजली के बिल इस बार भी पिछले महीनो की तरह ही जीरो आने वाले है और अगर आपने 125 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च की है तो आपको सब्सिडाइज्ड रेट पर ही बिल आएगा। हाल में ही कैबिनेट की बैठक में ये निर्णय लिया गया था कि प्रदेश में मिल रही मुफ्त बिजली का लाभ अब सभी को नहीं मिलेगा, बल्कि इसके लिए कुछ शर्ते राखी गई है लेकिन इसको लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है की आखिर कौन-कौन इसके दायरे में आएगें। सरकार मुफ्त बिजली योजना में कुछ अमेंडमेंट करने पर विचार कर रही है। इसको लेकर लाभार्थियों के लिए कुछ शर्ते में लागू होनी है, लेकिन वो शर्ते क्या होगी और कब से शुरू होगी इसको लेकर अभी कोई आदेश जारी नहीं हुए है। उम्मीद जताई जा रही है मॉनसून सत्र के बाद इसमें कोई बड़ा बदलाव हो सकता है। फिलहाल निश्चिंत रहिए इस महीने भी आपको योजना के पुराने शर्तों के आधार पर ही बिल आएंगें।
आज राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर की अध्यक्षता में नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ का प्रतिनिधि मंडल मिला l प्रदीप ठाकुर ने महामहिम महोदय को अवगत करवाया की हिमाचल प्रदेश के 136000 कर्मचारीयों का 9000 करोड़ रुपए केंद्र सरकार के पास है l जो पुरानी पेंशन बहाली के बाद कर्मचारियों तथा प्रदेश सरकार को वापिस मिलना चाहिए l इस विषय से संबंधित राज्यपाल को ज्ञापन दिया और आग्रह किया कि यह राशि प्रदेश सरकार तथा प्रदेश के कर्मचारियों की है और पुरानी पेंशन बहाल होने के उपरांत अब प्रदेश का तथा प्रदेश के कर्मचारियों का पैसा जो एनपीएस (NPS) में योगदान के रूप में केंद्र के पास जमा है वह जल्द से जल्द हिमाचल प्रदेश सरकार तथा कर्मचारियों को वापिस मिलना चाहिए l राज्यपाल ने इस उपलक्ष्य पर कहा कि वह इस विषय को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे और आश्वस्त किया की वह अपनी ओर से माननीय प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे l नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के महासचिव भरत शर्मा ने कहा केंद्र से 9000 करोड़ रुपए की वापसी के लिए हमारे प्रयास जारी है l गत माह उपयुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री को केंद्र सरकार से शेयर वापिस हेतु ज्ञापन सौंपे गए थे और आज इस विषय से संबंधित ज्ञापन राज्यपाल को दिया गया है l आने वाले समय में लोकसभा तथा राज्य सभा सांसद के माध्यम से भी इस विषय पर ज्ञापन दिए जाएंगे l हमारे प्रयास तब तक जारी रहेंगे जब तक राज्य सरकार तथा कर्मचारियों का शेयर एनएसडीएल (NSDL) से वापिस नही आ जाता l इस मौके पर राज्य महासचिव भरत शर्मा, जिला शिमला नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के महासचिव नारायण सिंह, हिमराल संगठन सचिव अमर देव, उपाध्यक्ष विजय ठाकुर, जिला मंडी उपाध्यक्ष दिनेश तथा अन्य पदाधिकारी इस मौके पर उपस्थित रहे l
हिमाचल प्रदेश सरकार ने कम विद्यार्थी संख्या वाले स्कूलों के पुर्नगठन व शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। इस संबंध में सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है। बीते दिनों हुई कैबिनेट बैठक के फैसले के बाद सरकार ने राज्य में शून्य विद्यार्थी संख्या वाले 99 स्कूलों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इनमें 89 प्राथमिक तथा 10 माध्यमिक स्कूल शामिल हैं। इसी तरह पांच या पांच से कम विद्यार्थी संख्या वाले प्राथमिक स्कूलों को उनके दो किलोमीटर की परिधि में स्थित दूसरे प्राथमिक या माध्यमिक स्कूल(जहां पांच से अधिक बच्चे हों) में समाहित (मर्ज) करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पांच या पांच से कम विद्यार्थी संख्या वाले माध्यमिक स्कूलों को उनके तीन किलोमीटर की परिधि में स्थित दूसरे माध्यमिक स्कूल( जहां पांच से अधिक बच्चे हैं) में मर्ज करने को कहा है। इसके साथ ही प्रदेश में सभी अध्यापकों के तबादले वर्ष में केवल एक बार, शैक्षणिक सत्र के समापन पर ही किए जाएंगे। 31 जुलाई, 2024 के बाद शैक्षणिक सत्र में किसी भी शिक्षक का तबादला नहीं होगा। शिक्षा विभाग में जेबीटी और एचटी का तबादला (अंतर पोस्टिंग) आपस में किया जाएगा, बशर्ते हर जीपीएस में एक ही एचटी कार्यरत रहेगा। एचटी भी अध्यापन कार्य करेंगे। बंद या मर्ज किए गए स्कूलों में कार्यरत अध्यापकों को पद सहित नजदीक के स्कूलों या अधिक विद्यार्थी संख्या वाले अन्स्कूलों में सचिव शिक्षा के अनुमोदन के बाद स्थानांतरित किया जाएगा। इसके बाद भी अगर शिक्षक उपलब्ध होंगे तो उनका एक पूल निदेशक स्तर पर बनाया जाएगा व उन्हें अवश्यकता अनुसार स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा । कई पाठशालाओं में बच्चों की संख्या कम हो रही है तथा अध्यापकों की संख्या या समान है या ज्यादा हो रही है। ऐसे में बच्चों की संख्या के अनुपात के अनुसार अध्यापकों का भी समायोजन किया जाएगा । यह प्रक्रिया वर्तमान में लागू अधिसूचना के अनरूप प्रशासनिक विभाग की ओर से पूरी की जाएगी। प्रशासनिक पदों पर विद्यालयों में कार्यरत मुख्याध्यापक, प्रिंसिपल अपने प्रशासनिक कार्य के अतिरिक्त कम से कम एक कक्षा में अपने विषय को पढ़ाएंगे। इसके अतिरिक्त, प्राथमिक स्कूलों के केंद्रीय मुख्य शिक्षक तथा मुख्य शिक्षक भी जेबीटी के समकक्ष ही अध्यापन कार्य करेंगे। अध्यापन संबंधी कार्य को इनकी एसीआर में भी अंकित किया जाएगा। प्रदेश के सभी स्कूलों में सुबह प्रार्थना सभा में बच्चों के लिए शारीरिक व्यायाम करना अनिवार्य होगा, जिसके लिए कम से कम 15 मिनट का समय निर्धारित होगा तथा शारीरिक शिक्षक ही यह जिम्मेदारी निभाएंगे। शारीरिक शिक्षक जिस भी स्कूल, स्कूल कलस्टर में तैनात हैं, वे वहां सभी कक्षाओं तथा कलस्टर में शामिल सभी स्कूलों के बच्चों को शारीरिक व्यायाम /खेल गतिविधियां करवाएंगे। जिन स्कूलों में कोई शारीरिक शिक्षक नहीं हैं, वहां अन्य कोई अन्य अध्यापक यह कार्य करवाएगा। इसके अतिरिक्त सुबह की प्रार्थना सभा में राष्ट्रगान भी अवश्य गाया जाएगा। प्रार्थना सभा सर्वधर्म समभाव को बढ़ाने वाली होगी। साथ ही 'ऐ मालिक तेरे बंदे हम व 'इतनी शक्ति हमे देना दात्ता.. को भी प्रार्थना के रूप में शामिल किया जाएगा। प्रत्येक स्कूल में प्रतिदिन खेल,शारीरिक प्रशिक्षण का एक पीरियड जरूर होगा। स्कूलों में सीपीआर तथा प्राथमिक चिकित्सा की ट्रेनिंग दी जाएगी। सभी बंद किए गए या समाहित किए गए स्कूलों की अचल संपत्तियों, संसाधनों को किसी भी अन्य संस्था अथवा विभाग को स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। बल्कि उक्त संसाधनों, संपत्तियों को शिक्षा विभाग की अनुमति एवं संबंधित स्थानीय निकायों की सहमति से सामुदायिक पुस्तकालयों, व्यायामशालों एवं खेलकूद गतिविधियों के केंद्र के रूप में उपयोग में लाया जाएगा, जिला लाहौल एवं स्पीति में 121 और जिला किन्नौर में 29 ऐसे प्राथमिक स्कूल हैं, जिनमें बच्चों की संख्या पांच या पांच से कम है। ऐसी स्थिति में आवासीय विद्यालय की संभावना को तलाशा जाएगा। इसे पायलट के तौर पर लाहौल एवं स्पीति तथा किन्नौर जिले मे शुरू किया जाएगा । शिक्षा विभाग की ओर से कुछ स्थानों पर लड़कों और लड़कियों की पढ़ाई के लिए अलग-अलग स्कूलों को चलाया जा रहा है। इन स्कूलों में भी बच्चों की संख्या कम हो रही है। ऐसे में जहां ऐसा करना संभव हो, इन स्कूलों को एक ही स्कूल में मर्ज करके सह शिक्षा स्कूल के रूप में चलाया जाएगा ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान की जा सके। साथ ही उपलब्ध संसाधनों का उचित उपयोग किया जा सके। ऐसे मामलों का मामलावार निर्णय सचिव शिक्षा के स्तर पर लिया जाएगा। शिक्षा सचिव ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को इन निर्णयों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए आगामी आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही इन निर्णयों को लागू करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया भी तदानुसार तैयार करना सुनिश्चित करने को कहा है।
** केंद्र सरकार के पास साल 2018 से थी लंबित शिमला: देश में दूसरे राज्यों को रोशन करने वाले हिमाचल के हिस्से एक और बड़ी कामयाबी आई है। केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वन संरक्षण अधिनियम चरण-2 के तहत किन्नौर जिले में शोंगटोंग-कड़छम जल विद्युत परियोजना के लिए करीब 85 बीघा जमीन के उपयोग की स्वीकृति प्रदान कर दी है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस परियोजना के निर्माण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। ये स्वीकृति केंद्र सरकार के पास वर्ष 2018 से लंबित थी। प्रदेश सरकार के निरंतर प्रयासों से यह महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि परियोजना का कार्य पूरा करने के लिए पुल निर्माण के लिए इस भूमि की आवश्यकता थी। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम के तहत यह स्वीकृति केंद्र सरकार के पास लंबे समय से विचाराधीन थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने कड़े प्रयास करते हुए स्वीकृति प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार के समक्ष अपना पक्ष मजबूती से उठाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से प्रथम चरण की स्वीकृति 19 मार्च, 2024 को प्रदान की गई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने आवश्यक नियमों व शर्तों की अनुपालना रिपोर्ट सैद्धांतिक मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को सौंपी और केंद्र सरकार से अंतिम स्वीकृति के लिए आग्रह किया। सीएम ने कहा कि शोंगटोंग-कड़छम जल विद्युत परियोजना राज्य की विद्युत उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगी। जो राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी। 450 मेगावाट शोंगटोंग कड़छम जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य 2012 में अवॉर्ड किया था, जो नवंबर 2026 तक पूरा होना है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि परियोजना से विद्युत उत्पादन के लिए एक ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जा रही है। परियोजना का कार्य समय पर पूरा करने के लिए ट्रांसमिशन की टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि प्रदेश सरकार को कोई वित्तीय नुकसान न हो। सीएम सुक्खू ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के साथ-साथ जल विद्युत का दोहन करना प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऊर्जा क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाला प्रमुख क्षेत्र है। राज्य सरकार ने विभिन्न पहलों से प्रदेश में हरित उद्योग को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है, जिससे ये प्रदेश की अर्थव्यवस्था में योगदान कर सके।
** डीएफओ को 25 पेड़ कटवाने की पॉवर हिमाचल में अब जंगलों में गल-सड़ रहे सूखे पेड़ों को आसानी से काटा जा सकेगा। सरकार ने सूखे पेड़ों पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी है। इसके तहत अब वन रक्षक अपने स्तर पर दो पेड़ और वन मंडल अधिकारी 25 पेड़ काटने की अनुमति दे सकता है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को इस संबंध में एसओपी जारी की है। हालांकि राज्य सरकार ने पिछले साल ही जंगलों में सूख रहे पेड़ों को काटने संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए थे। इस अवधि के दौरान वन विभाग और निगम ने बीते वर्ष 15 हजार क्षतिग्रस्त पेड़ों को प्रसंस्कृत किया। इससे लकड़ी की बिक्री से राजस्व प्राप्त हुआ। इसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार की रॉयल्टी आय मात्र डेढ़ वर्ष में 35 से बढक़र 70 करोड़ रुपए हो गई। प्रदेश सरकार ने एक रणनीतिक फैसला लेते हुए वन विभाग की निर्माण शाखा को बंद करने का निर्णय लिया। इसे वानिकी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा वन बीट से सर्किल तक योजना में बेहतर काम करने पर वन विभाग के कर्मचारियों को नवाजा जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी विभागों में बड़े बदलाव के फैसले लिए हैं। इनमें वन विभाग भी शामिल है। अब डीएफओ जंगलों में गले-सड़ेे पेड़ों को बेचने और काटने की अनुमति दे सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एफसीए में स्टेज वन की अनुमति प्राप्त होने के बाद वन मंडल अधिकारी वनों को काटने की अनुमति दे सकता है। इसका बड़ा फायदा फोरलेन के प्रोजेक्ट में मिलेगा। वन विभाग खुद पेड़ों को काटने की प्रक्रिया शुरू कर पाएगा और इसे ठिकाने भी लगाएगा।
** मुख्यमंत्री बोले, बच्चों में देशभक्ति की भावना जगाने का रहेगा प्रयास प्रदेश सरकार विद्यार्थियों का समग्र एवं समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता और देशभक्ति की भावना जागृत करने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में राष्ट्रगान के साथ प्रात:कालीन प्रार्थना सभा आयोजित का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त सभी उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में प्रतिदिन अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराने का भी निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों से युवा पीढ़ी में एकता और देशभक्ति की भावना जागृत हो। इससे विद्यार्थी भविष्य में राष्ट्र के जिम्मेदार नागरिक बनेंगे। प्रदेश सरकार ने कार्यभार ग्रहण करने के उपरांत शिक्षा प्रणाली में विभिन्न सुधारात्मक कदम उठाए हैं और शिक्षा प्रणाली में इन निर्णयों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुधार राज्य सरकार की समग्र शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं। प्रदेश सरकार की पहल से विद्यार्थियों को शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने और उनमें आदर्श नागरिक की जिम्मेदारियां पैदा करने में सहायता मिलेगी। सरकार का लक्ष्य बच्चों में राष्ट्रीयता की भावना जागृत कर अखंड भारत के निर्माण के लिए तैयार करना है। प्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों का शारीरिक विकास सुनिश्चित करने के लिए शारीरिक शिक्षा और योग को पाठ्यक्रम में अनिवार्य विषय बनाने का निर्णय लिया है। इससे सभी स्कूलों में विद्यार्थी प्रतिदिन कम से कम 15 मिनट शारीरिक व्यायाम करेंगे। इस दौरान शारीरिक शिक्षक एवं अन्य अध्यापक विद्यार्थियों को व्यायाम करवाना सुनिश्चित करेंगे। सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग के सहयोग से विद्यार्थियों को सीपीआर एवं प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों को जीवन रक्षक कौशल का ज्ञान मिलेगा।
** ट्रांसप्लांट और अंगदान के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण उपलब्धि पर किया जाएगा सम्मानित डा. राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय टांडा अस्पताल को उभरते राष्ट्रीय प्रत्यारोपण और अंग पुनप्र्राप्ति केंद्र पुरस्कार(इमर्जिंग नेशनल ट्रांसप्लांट एंड ऑर्गन रेट्रीवाल सेंटर अवार्ड) के लिए पूरे भारत में श्रेष्ठ पुरस्कार से नवाजा जाएगा। राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) की ओर से 14 वें भारतीय अंगदान दिवस के अवसर पर भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव गणपतराव जाधव और अनुप्रिया पटेल द्वारा टांडा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल को तीन अगस्त को नई दिल्ली में पुरस्कार से नवाजा जाएगा। इस तरह पूरे भारत में श्रेष्ठ रहने पर डा. राजेंद्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय टांडा अस्पताल के नाम एक और कीर्तिमान स्थापित हो जाएगा। राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन के निदेशक डा. अनिल कुमार की ओर से टीएमसी को इस समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है। टीएमसी के प्रधानाचार्य डा. मिलाप शर्मा शनिवार को दिल्ली में भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा के हाथों से यह पुरस्कार प्राप्त करेंगे। यह हिमाचल प्रदेश के लिए गौरव के क्षण होंगे। यह सब टांडा मेडिकल कालेज व अस्पताल के प्रधानाचार्य डा. मिलाप शर्मा के बेहतरीन निर्देशन व नेफ्रोलॉजी विभाग के एचओडी विभागाध्यक्ष डा. अभिनव राणा, विषेशज्ञ किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डा. अमित शर्मा के अथक प्रयासों से संभव हो पाया हैै।
** विक्रमादित्य बोले, सरकारी अस्पतालों में अभी भी हो रहा इलाज पूर्व सरकार ने बिना बजट के ही प्रदेश में हिमकेयर योजना शुरु की थी। जिसके चलते प्रदेश के प्राईवेट अस्पतालों की करोड़ों की देनदारी हो चुकी है। यह बात प्रदेश के लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंडी में जिला जन शिकायत निवारण समिति की पहली बैठक के उपरांत कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हिमकेयर योजना सरकारी अस्पतालों में निरंतर जारी है। यह योजना केवल प्राइवेट अस्पतालों में हिमकेयर योजना को बंद किया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने इस योजना को बिना बजट के शुरू किया था। यह योजना सरकार के अंतिम छह महीनों में उसी तरह से शुरू की गई थी, जिस तरह से 125 यूनिट मुफ्त बिजली देने की योजना थी। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और जोगिंद्रनगर से कुल्लू तक वाया भुभूजोत होते हुए नया एनएच बनाने की मांग रखी है। इससे कुल्लू जिला के पर्यटन को नए पंख लगने के साथ ही मंडी जिला को भी इसका लाभ मिलेगा। सीएम ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना का चौथा चरण जल्द ही लागू होने जा रहा है। इस चरण में ऐसे गांवों को सडक़ सुविधा से जोडऩे का प्रावधान होने वाला है जिनकी आबादी 100 या 200 है। उन्होंने कहा केंद्र सरकार के साथ समन्वय बनाकर विकास कार्यों को पूरा किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में बैचवाइज आधार पर चयनित 221 टीजीटी के स्कूल बदल दिए गए हैं। बुधवार को ही इन शिक्षकों को स्कूलों में पद ग्रहण करना होगा। बीते सप्ताह प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने विद्यार्थियों के कम दाखिलों वाले स्कूलों में कई शिक्षकों को नियुक्तियां दे दी थीं। एक ही स्कूल भी दो-दो नवनियुक्त शिक्षकों को आवंटित कर दिए गए। इन गलतियों के सामने आने के बाद निदेशालय ने कुछ नियुक्तियों को रोक लगाई और मंगलवार को इस बाबत संशोधित अधिसूचना जारी की गई। टीजीटी आर्ट्स में 127, मेडिकल में 37 और नॉन मेडिकल में 57 शिक्षकों को अब नए स्कूलों में तैनाती दी गई है। 23 जुलाई को प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने अधिसूचनाएं जारी कर कई शिक्षकों के स्कूलों में बदलाव किए थे। 24 जुलाई की सुबह इन संशोधित आदेशों को रोक दिया गया। स्कूल आवंटित करने की प्रक्रिया में कई खामियां रहने के चलते यह राेक लगाई गई थी। कुछ शिक्षकों को ऐसे स्कूलों में भी भेज दिया गया जहां पहले से पर्याप्त संख्या में टीजीटी नियुक्त थे। मामला ध्यान में आते ही निदेशालय ने नवनियुक्त शिक्षकों के संशोधित नियुक्ति निर्देशों को आगामी फैसले तक रोक दिया था। अब इन शिक्षकों को नए सिरे से स्कूल आवंटित कर दिए गए हैं। शिक्षा विभाग ने बीते दिनों 1049 टीजीटी का बैचवाइज आधार पर चयन किया है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी कर पांच से अधिक विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों में ही बैचवाइज आधार पर चयनित जेबीटी को नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को अतिरिक्त निदेशक की ओर से जारी पत्र में कहा गया कि जिन स्कूलाें में विद्यार्थियों की संख्या 20 से अधिक है और वहां प्रतिनियुक्ति पर शिक्षक हैं तो ही नियुक्ति की जाए। जिन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या अधिक है और शिक्षकों की तैनाती कम है, वहां भी शिक्षकों को नियुक्तियां देने में प्राथमिकता दी जाए। शिक्षकों को ऐसे स्कूलों में नियुक्त न किया जाए जहां विद्यार्थियों की संख्या पांच से कम हो। ऐसे स्कूलों को जल्द ही नजदीकी स्कूलों में मर्ज किया जाना है। प्रदेश में शिक्षकों का युक्तिकरण करने के साथ ही अब गैर शिक्षकों के युक्तिकरण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों से उनके कार्यालयों सहित स्कूलों में आवश्कता से अधिक तैनात गैर शिक्षकों का ब्योरा तलब किया है। इसके लिए एक परफार्मा भी जारी किया गया। स्कूल में कितने विद्यार्थियों के दाखिले हैं, गैर शिक्षकों के कितने पद सृजित हैं, कितने पदों पर नियुक्तियां हैं, कितने पद रिक्त हैं, गैर शिक्षक यहां पर कितने समय से कार्यरत है। इसकी जानकारी निदेशालय को देने के लिए कहा गया है।
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग में निजी सहायक के पद पर तैनात जयपाल चौधरी के सम्मान में आज सेवानिवृत्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। निदेशक राजीव कुमार की अध्यक्षता में छोटा शिमला स्थित निदेशालय में विदाई समारोह का आयोजन किया गया। सूचना एवं जन सम्पर्क परिवार की ओर से शुभकामनाएं देते हुए राजीव कुमार ने जयपाल चौधरी की बहुमूल्य सेवाओं की सराहना की और उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। संयुक्त निदेशक महेश पठानिया ने उनके कार्यकाल की सराहना करते हुए अपने अनुभव साझा किए। जयपाल चौधरी 4 जून, 1988 को आशुटंकक के पद पर नियुक्त हुए और 36 वर्ष से अधिक समय तक विभाग में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं प्रदान की। इस अवसर पर विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर ने आज राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को आयोग के अन्य सदस्यों की उपस्थिति में वर्ष 2023-24 के लिए आयोग की 53वीं वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। राज्यपाल ने इस अवधि के दौरान आयोग के लक्ष्यों को प्राप्त करने में किए गए प्रयासों के लिए आयोग के सभी सदस्यों, अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी।
राज्य सरकार के प्रयासों से विद्यार्थियों में जागृत होगी देशभक्ति की भावनाः मुख्यमंत्री प्रदेश सरकार विद्यार्थियों का समग्र एवं समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। विद्यार्थियों में राष्ट्रीयता और देशभक्ति की भावना जागृत करने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी स्कूलों में राष्ट्रगान के साथ प्रातःकालीन प्रार्थना सभा आयोजित का निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, सभी उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में प्रतिदिन अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराने का भी निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों से युवा पीढ़ी में एकता और देशभक्ति की भावना जागृत हो। इससे विद्यार्थी भविष्य में राष्ट्र के जिम्मेदार नागरिक बनेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने कार्यभार ग्रहण करने के उपरांत शिक्षा प्रणाली में विभिन्न सुधारात्मक कदम उठाए हैं और शिक्षा प्रणाली में इन निर्णयों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। प्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों का शारीरिक विकास सुनिश्चित करने के लिए शारीरिक शिक्षा और योग को पाठ्यक्रम में अनिवार्य विषय बनाने का निर्णय लिया है। इससे सभी स्कूलों में विद्यार्थी प्रतिदिन कम से कम 15 मिनट शारीरिक व्यायाम करेंगे। इस दौरान शारीरिक शिक्षक एवं अन्य अध्यापक विद्यार्थियों को व्यायाम करवाना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग के सहयोग से विद्यार्थियों को सीपीआर एवं प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों कोे जीवन रक्षक कौशल का ज्ञान मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुधार राज्य सरकार की समग्र शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं। प्रदेश सरकार की पहल से विद्यार्थियों को शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने और उनमें आदर्श नागरिक की जिम्मेदारियां पैदा करने में सहायता मिलेगी। सरकार का लक्ष्य विद्यार्थियों की दिनचर्या में इन गतिविधियों को शामिल कर उनमें राष्ट्रीयता की भावना जागृत कर अखंड भारत के निर्माण के लिए तैयार करना है।
हिमाचल परिवहन निगम सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच मण्डी द्वारा मंगलवार को मांगों को लेकर बस स्टैंड से जिलाधीश कार्यालय तक विरोध रैली निकाली गई। रैली के दौरान परिवहन मंत्री व प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इस विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए प्रदेशाध्यक्ष बलराम पूरी व कार्यकारी अध्यक्ष बृज लाल ठाकुर ने कहा कि सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच ने समय- समय पर मांग पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री को अवगत करवाया है। परन्तु आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा कि बहुत से सेवानिवृत कर्मचारी जीवन के अपने अंतिम पड़ाव में है और सरकार द्वारा उनको सड़क पर उतरने के लिए मजबुर किया जा रहा हैं। कहा कि कर्मचारियों की लगभग 300 करोड़ देनदारिया बाकी है, जबकि कई कर्मचारी के तो उच्च न्यायालय सें निर्णय उनके हक में आ चुके है।लेकिन निगम प्रबन्धन उच्च न्यायालय के फैसलों की भी अवमानना कर उनको लागू करने में टालमटोल कर रहा है, जबकि कई सेवानिवृत कर्मचारी तो अपने वित्तीय लाभों के इन्तजार करते करते स्वर्ग सिधार गए है। उन्होंने कहा कि 24 जून को कल्याणमंच की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक मंडी में हुई थी। उसमें सरकार को 15 जूलाई तक का समय दिया गया था। परन्तु सरकार की तरफ से उन्हें वार्ता के लिए कोई भी पत्र प्राप्त नही हुआ। इसलिए कल्याण मंच ने तय कार्यक्रम के अनुसार प्रदेश के सभी जिलाधीशों के माध्यम से सीएम सुक्खू को ज्ञापन प्रेषित किया हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार व निगम प्रबन्धक मांगों पर विचार नहीं करता है और देय भत्ते जल्द जारी नहीं करते है, तो दूसरे चरण में निगम मुख्यालय तथा सचिवालय के साथ विधान सभा का घेराव करने से भी गुरेज नहीं करेंगे।
हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों द्वारा हुडदंग मचाने और यातायात नियमों का उल्लंघन करने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला राजधानी शिमला का है। जहां तेज रफ्तार गाड़ी की खिड़की से बाहर निकल कर एक महिला पर्यटक रील बना रही है। जिस पर अब पुलिस ने संज्ञान लेते ही गाड़ी के मालिक को चालान ठोका है। एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया कि शिमला के प्रमुख पर्यटन स्थल मशोबरा से ढली की ओर आते हुए एक हरियाणा नंबर की चलती गाड़ी से एक महिला पर्यटक बाहर लटकती हुई नजर आई। इस दौरान गाड़ी भी तेज रफ्तार में दौड़ रही थी, जबकि गाड़ी के आगे एक ट्रक चल रहा था। गाड़ी की पिछली सीट पर बैठा एक शख्स गाड़ी की खिड़की से बाहर लटकती महिला की रील बना रहा था। एसपी ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम को पीछे अन्य गाड़ी में सवार एक अन्य शख्स ने अपने मोबाइल पर कैद किया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जिस पर संज्ञान लेते हुए शिमला पुलिस ने मामले में गाड़ी के मालिक का चालान काटा है। एसपी शिमला ने कहा कि शिमला पुलिस किसी भी सूरत में नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेगी। इस तरह गाड़ी से बाहर लटकना नियमों के खिलाफ है। इससे न सिर्फ अपनी बल्कि दूसरों की जान भी जोखिम में आ जाती है। एसपी शिमला ने बताया कि मामले में शिमला पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गाड़ी मालिक का मोटर वाहन एक्ट की धारा- 184 के तहत दो हजार 500 रुपए चालान किया है। इसके अलावा गाड़ी चला रहे ड्राइवर का लाइसेंस भी सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश भी की गई है। शिमला पुलिस ने लोगों से नियमों के दायरे में रहकर ही घूमने-फिरने की अपील की है।
घुमारवीं में इंटक से संबंधित ऑल हिमाचल पीडब्ल्यूडी-आईपीएच एंड कांट्रैक्चुअल वर्कर्ज यूनियन की राज्य स्तरीय कार्यकारणी की बैठक प्रदेशाध्यक्ष दीप धीमान की अध्यक्षता मे हुई। इसमें जल शक्ति विभाग और लोक निर्माण विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की मांगों पर चर्चा की गई। बैठक में वाटर गार्ड संघ के प्रधान भूपेंद्र चंदेल ने कहा कि वाटर गार्डों को प्रत्येक माह उनका मासिक वेतन नहीं मिल रहा है और उन्हे रेगलुर के बाद बकाया राशि का भुगतान अभी तक नहीं किया है। इंटक महासचिव जगतार सिंह बैंस ने कहा कि यूनियन जलशक्ति विभाग और लोक निर्माण विभाग के प्रत्येक अनुभाग में कर्मचारियों को सदस्य बनाएगी और उनकी समस्याओं का निवारण करवाने का प्रयास करेगी। हिमाचल प्रदेश के सभी निर्माण प्रोजेक्टों मे भी कामगारों को युनियन का सदस्य बनाकर उन्हें हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण श्रम कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सुविधाओं को दिलाएगी। उन्होंने कहा कि हर वर्ष में चार बार यूनियन की राज्य कार्यकारणी की चार बैठके होंगी।
बेरोजगार कला अध्यापक संघ ने कड़ा ऐतराज करते हुए कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार उन गरीब बच्चों और गरीब अभिभावकों के साथ भदा मजाक कर रही है, जिस सरकार ने बेरोजगारों को बड़े-बड़े सपने दिखाए थे कि हम सत्ता में आते ही ऐसे काम करेंगे जो पूर्व सरकार ने नहीं किए थे। लेकिन उसके विपरीत सरकार कर रही है। संघ के अध्यक्ष बलवंत सिंह ने कहा है कि सरकार स्कूलों को बंद कर रही है और कुछ मर्ज कर रही है। संघ के पदाधिकारी ने कहा है कि स्कूल में बच्चे ना होने का कारण टीचरों की भर्ती न होना है । हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लगभग 17000 से ज्यादा पद खाली चल रहे हैं। और जिन स्कूलों में टीचर नहीं थे उसमें अभिभावक बहुत बार अपना विरोध प्रदर्शन भी कर चुके हैं और कई जिलों में उपयुक्त के मध्य और एसडीएम के मध्य से मांग पत्र दे चुके हैं। और मंत्री विधायकों के द्वारा भी अपने मांग पत्र दे चुके हैं। एसएमसी कमेटीयां भी टीचर भर्ती को लेकर धरना-प्रदर्शन और चका जाम तक कर चुकी हैं। तथा टीचर रखने को लेकर कई स्कूलों के बच्चे अपना विरोध कर चुके हैं और स्कूल में टीचर ना होने पर सोशल मीडिया प्रींट मिडिया में भी कभी बार दिखाया गया है, लेकिन सरकार ने उन स्कूलों में टीचर रखने के बजाय स्कूलों को बंद करने तथा मर्ज करने का फैसला लिया है। जो निंदनीय है राज्य कार्यकारिणी संघ के अध्यक्ष बलवंत, उपाध्यक्ष जगदीश ठाकुर, महासचिव विजय चौहान, सहसचिव पाल सिंह, कोषाध्यक्ष शक्ति प्रसाद , संगठनमंत्री संतोष नांटा मुख्य सलाहकार सुखराम मिडिया प्रभारी अशोक कुमार और सीमा कुमारी और समस्त सदस्यों तथा जिला के समस्त अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा सदस्यों ने माननीय मुख्यमंत्री, माननीय शिक्षा मंत्री तथा शिक्षा विभाग के अधिकारियों से आग्रह किया है कि स्कूल बंद करने की बजाय स्कूलों में टीचर तथा अन्य स्टाफ रखने पर बल दें। न कि स्कूलों को बंद करने का निर्णय लें संघ ने कहा है कि सरकार को 2 साल का कार्यकाल खत्म होने पर है लेकिन रोजगार देने की बजाय बेरोजगारों को मानसिक तनाव में डाला जा रहा है। संघ ने कहा है कि अभी तक जो भी रिजल्ट घोषित नहीं हुए हैं उनको जल्द से जल्द घोषित किया जाए और नई भर्तियों को जल्द से जल्द भरा जाए। संघ ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश के बेरोजगारों ने सरकार बनाने में अपनी एहम भुमिका निभाई है। क्योंकि बेरोजगार दवका पूर्व सरकार से तंग आ चुका था और उनको उम्मीद थी कि कांग्रेस सरकार आते ही बेरोजगार युवाओं के साथ न्याय करेगी, लेकिन वर्तमान सरकार ने तो पूर्व सरकार की तरह राह पकड़ रखी है संघ के पदाधिकारी ने मुख्यमंत्री से और शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया है कि हिमाचल प्रदेश के जितने भी सरकारी स्कूलों में कर्मचारी हैं उनको निर्देश करें कि वह अपने बच्चे सरकारी स्कूलों में डालें अन्यथा उनको किसी भी तरह का सरकारी लाभ नहीं दिया जाएगा। संघ ने कहा है कि जब सरकार सरकारी नौकरी वाले टीचरों को इतनी बड़ी सैलरी दे रही है तो क्यूं ना सरकार ऐक्शन ले कि वो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाए। खुद सरकारी नौकरी पर लगे हैं और खुद के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाए जा रहे हैं। जब मुख्यमंत्री जी इतने बड़े पैमाने पर फैसले ले रहे हैं तो फिर ऐसा फैसला लेने में देरी क्यूं । संघ ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में सभी कर्मचारियों पर सरकार को निर्देश करना चाहिए। क्योंकि सरकार कर्मचारियों की हर एक बात को पुरा करने पर बचनबद्ध है। संघ ने कहा है कि इस बात को सभी एजुकेशन संगठनों को सरकार से उठाना चाहिए। कि सरकारी स्कूलों को बंद ना करे। बल्कि टीचर भर्ती करें। संघ के पदाधिकारी ने कहा है कि चार-पांच साल पहले सरकारी स्कूलों में अच्छी एनरोलमेंट थी लेकिन जैसे-जैसे स्कूलों में टीचरों की संख्या कम होती गई वैसे-वैसे स्कूलों में पढ़ाने के लिए कोई भी टीचर नहीं रहा तो मजबूरी में लोगों को प्राइवेट स्कूलों का रुख करना पड़ा, लेकिन हिमाचल प्रदेश के लोगों के पास इतनी बड़ी इनकम नहीं है कि वह भारी भरकम फीस प्राइवेट स्कूलों में भरकर अपने बच्चों को शिक्षा दें। हिमाचल प्रदेश के अभी भी ऐसे कई स्कूल हैं जहां पर अभिभावक अपने पैसे देकर और उन सरकारी स्कूलों में अपनी तरफ से टीचर रखकर बच्चों को शिक्षा ग्रहण करवा रहे हैं। संघ ने कहा है कि कोविड के टाइम भारी मात्रा में प्राइवेट स्कूलों से बच्चे निकाल कर सरकारी स्कूलों में डाले गए थे। लेकिन जब अभिभावकों को इस बात का पता चला कि सरकारी स्कूलों में तो टीचर ही नहीं है तो 2 साल के बाद फिर बच्चों को दोबारा से अभिभावकों को प्राइवेट स्कूलों में डालना पड़ा। बेरोजगार कलाध्यापक संघ ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री और समस्त मंत्रीयों विधायकों से निवेदन किया है कि ऐसा कदम ना उठाएं जिससे कांग्रेस सरकार को इसका नुकसान उठाना पड़े, लेकिन जैसा इलेक्शन के समय प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने बेरोजगारों से वादा किया था उस वादे के मुताबिक मुख्यमंत्री और सरकार फैसले लें। संघ ने कहा है कि मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश के सरकारी मिडिल स्कूलों में 100 की लगी शर्त को हटाने का कई बार विश्वास दे चुके हैं। लेकिन अभी तक 100 बच्चों की कंडीशन को समाप्त नहीं किया गया है। संघ मुख्यमंत्री से अनुरोध करता है कि इसकी अधिसूचना जारी करें और कला अध्यापकों की 1600 पोस्टें प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में खाली चल रही है उन्हें जल्द से जल्द भरे।
पटवारियों और कानूनगो के हड़ताल पर होने से प्रदेश में लोगों के 1.30 लाख से ज्यादा ऑनलाइन आवेदन लंबित हैं, मगर आज भी ये मसला हल नहीं हो पाया। दरअसल आज हिमाचल के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और पटवारी-कानूनगो के बीच सचिवालय में हड़ताल से सम्भंदित एक महत्वपूर्ण बैठक हुई मगर इस बैठक में दोनों के बीच सहमति नहीं बन पाई। पटवारी-कानूनगो जिला से बाहर ट्रांसफर के लिए तैयार नहीं है, जबकि सरकार ने इसी मंशा से इन्हें स्टेट कैडर बनाया है। मीटिंग में सहमति नहीं बनने के बाद हिमाचल संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी संघ ने अपना विरोध जारी रखने का ऐलान कर दिया है। इनकी हड़ताल से प्रदेश के लोग परेशान हैं। पटवारी-कानूनगो राज्य कैडर बनाए जाने के विरोध में 15 दिनों से ऑनलाइन काम नहीं कर रहे। इन्होंने सरकारी ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप से भी एग्जिट कर रखा है। यही नहीं एडिशनल चार्ज वाले पटवारी-कानूनगो सर्किल दफ्तर की चाबियां भी ये लोग संबंधित एसडीएम और तहसीलदार को सौंप चुके हैं। इनकी हड़ताल के कारण बोनाफाइड सर्टिफिकेट, चरित्र प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र, ओबीसी प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, कृषि प्रमाण पत्र, बेरोजगारी प्रमाण पत्र, भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र और पीएम किसान सम्मान निधि योजना की ऑनलाइन रिपोर्टिंग जैसे काम 15 दिन से नहीं हो पा रहे। बीते 6 दिन से एडिशनल चार्ज वाले दफ्तरों में भी काम ठप हो गया है। इससे लोगों के राजस्व संबंधी महत्वपूर्ण काम नहीं हो पा रहे हैं।वहीं इस मसले पर राजस्व मंत्री जगत नेगी का कहना है कि सरकार ने जनहित को देखते हुए इन्हें स्टेट कैडर बनाया है और पटवारी-कानूनगो इसके विरोध की सही वजह नहीं बता पा रहे है। ऐसे में अब नियमों के तहत इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी की आज संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी (पटवारी व कानूनगो) महासंघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक हुई। बैठक में प्रतिनिधिमंडल ने राजस्व मंत्री से वेतन विसंगतियों को दूर करने सहित विभिन्न मांगों पर विचार करने का आग्रह किया। राजस्व मंत्री ने कहा कि पटवारी व कानूनगो के जिला कैडर को राज्य कैडर में करने का निर्णय जनहित में लिया गया है। इस संबंध में प्रदेश की जनता से भी सरकार को सुझाव प्राप्त हुए। प्रदेश सरकार ने व्यापक दृष्टिकोण के साथ यह फैसला जनहित में लिया है। उन्होंने कहा कि पटवारी व कानूनगो का राज्य कैडर किए जाने से उनकी वरिष्ठता, पदोन्नति और उन्हें मिलने वाले भत्तों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सरकार ने सिर्फ राज्य कैडर का निर्णय लिया है, जबकि भर्ती और पदोन्नति नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि पटवारी व कानूनगो आने वाले समय में नायब तहसीलदार और तहसीलदार पदोन्नत होंगे। राज्य कैडर होने से दूसरे जिलों में कई वर्षों से कार्यरत पटवारी व कानूनगो को अपने जिले में वापसी का मार्ग भी प्रशस्त होगा। इससे उन्हें भी अपने जिले में सेवाएं देने का अवसर प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुछ सरकारी सेवाओं को छोड़कर जनहित में अधिकांश सेवाएं राज्य कैडर में की जा चुकी हैं। राजस्व मंत्री ने कहा कि पटवारी व कानूनगो के काम बंद करने से प्रदेश की जनता के राजस्व संबंधी कई कार्य लंबित हैं, आम लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सरकार का दायित्व है कि वह आम आदमी की समस्याओं का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करे। इसी के दृष्टिगत आवश्यक कार्रवाई करने पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। वर्तमान सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान अनेक कर्मचारी हितैषी निर्णय लिए हैं। सरकार ने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देकर सम्माजनक जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त किया है। कर्मचारियों को समय-समय पर अन्य भत्तों का भी भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार महासंघ की अन्य मागों पर गंभीरता से विचार कर रही है। इस मौके पर निदेशक भू-रिकॉर्ड सीपी वर्मा, अतिरिक्त सचिव राजस्व बलवान चंद और अवर सचिव राजस्व सीमा सागर भी उपस्थित थी।