हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने उद्योगों के लिए बंद हुई एक रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी पर कोई राहत नहीं दी है। अदालत ने उद्योगों की ओर से अंतरिम राहत के लिए दायर अर्जी को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अब उद्योगों को बढ़े हुए बिजली बिल चुकाने होंगे। मुख्य याचिका अभी अदालत में लंबित है। इस मामले पर मार्च में सुनवाई होगी। उद्योगों की ओर से हाईकोर्ट के एकल जज के फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी गई थी। दलीलों में कहा था कि राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने बिना सोचे-समझे राज्य सरकार की ओर से जारी सब्सिडी बंद करने की अधिसूचना को लागू कर दिया। टैरिफ में सिर्फ साल में एक बार ही संशोधन किया जा सकता है, जबकि सब्सिडी को बिना टैरिफ संशोधन के बदलाव नहीं किया जा सकता। उन्होंने अदालत से सरकार की ओर से 3 मार्च 2024 को जारी अधिसूचना को वापस लेने की गुहार लगाई थी। वहीं सरकार ने अदालत को बताया कि सरकार को किसी भी समय सब्सिडी वापस लेने का अधिकार है। राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने कहा कि टैरिफ में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सिर्फ सरकार की ओर से जारी सब्सिडी को वापस लिया गया है। उद्योगों का विवाद जारी किए गए बिल से है। बता दें कि एकल जज ने राज्य सरकार की ओर से उद्योगों को एक रुपये प्रति यूनिट मिलने वाली सब्सिडी को बंद करने के निर्णय को सही ठहराया था। सरकार ने उद्योगों को एक रुपये प्रति यूनिट मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर दिया था। सरकार के इस फैसले से प्रदेश में स्थापित करीब 200 कंपनियां प्रभावित हुई हैं।
हिमाचल सरकार ने प्रचार और प्रसार के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक और पीवीसी बैनर को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से जारी अधिसूचना के तहत 100 माइक्रोन से कम प्लास्टिक या पीवीसी बैनर के उपयोग पर रोक लगा दी गई है। भारत सरकार की ओर से पर्यावरण संरक्षण के लिए जारी निर्देशों पर हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस बाबत राजपत्र में अधिसूचना जारी की। पर्यावरण को बचाने के लिए पेडों पर बैनर लगाने पर कार्रवाई के प्रति चेताया गया है। डिजिटल होर्डिंग को बढ़ावा देने का आग्रह भी किया गया है। सरकारी योजनाओं, विभागों के शिक्षाप्रद बैनर 200 माइक्रोन से कम नहीं होने चाहिए। सरकारी कार्यक्रम के लिए बैनर 100 माइक्रोन से कम नहीं होने चाहिए। चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के कटआउट 200 माइक्रोन, चुनावी रैली के लिए 100 माइक्रोन से कम नहीं होने चाहिए। निजी विज्ञापन 30 दिनों के लिए 100 माइक्रोन से कम नहीं, 30 दिन से अधिक के लिए 200 माइक्रोन से कम नहीं होना चाहिए। बैनर और होर्डिंग स्थानीय निकाय की मंजूरी से ही लगाए जाएंगे। फ्लेक्स हटाने के बाद स्थानीय निकाय को रिसाइक्लिंग के लिए देना अनिवार्य होगा। बैनर पर विभाग का नाम, अवधि, प्रिंटर का नाम प्रकाशित करना होगा। केंद्र सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने पर पर्यावरण विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग जुर्माना वसूल सकेगा।
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के ठियोग विधानसभा क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के कथित गड़बड़झाले में प्रारंभिक जांच में कई खुलासे हुए हैं। टेंडर की शर्तों के मुताबिक लेलू पुल के पास से स्वच्छ पानी की सप्लाई की जानी थी, लेकिन जांच में सामने आया है कि ठेकेदार ने इस स्थान से टैंकरों और पिकअप में पानी भरा ही नहीं। टैंकर और पिकअप के चालक नालों से पानी भरकर ले गए। यह भी पता चला है कि यह पानी पीने लायक नहीं था। नालों से उठाया गया मटमैला पानी लोगों को पिलाया गया। पानी के फेरों में भी गड़बड़ियां हुई हैं। चार की जगह पानी के दस टैंकरों के चक्कर बताए गए हैं। जब टैंकरों से पानी की सप्लाई हो रही थी तो उस समय मौके पर जल शक्ति विभाग का कर्मचारी नहीं था। अपनी मर्जी से ही टैंकरों और पिकअप के चक्कर दर्शाए गए। कार्यालय में ही मौके की रिपोर्ट बनाई गई। जूनियर इंजीनियर और लिपिक की भी प्रारंभिक रिपोर्ट में लापरवाही सामने आई है। पानी के कई बिल लेलू पुल खड्ड से जहां पानी पहुंचाया जाना है, उस गांव तक बनाए गए हैं। जबकि लेलु पुल से पानी उठाया ही नहीं गया। विजिलेंस का मानना है कि गिरी नदी के ऊपर बने लेलू पुल के पास पानी को साफ किया गया है, यहां से पानी शिमला के लिए सप्लाई हो रहा है। विजिलेंस की टीम ने लेलू पुल (जहां से पानी उठाया जाना ले जाया जाना था) पंपिंग स्टेशन में तैनात कर्मचारियों से भी बात की, लेकिन उन्होंने कहा कि यहां से पानी नहीं ले जाया गया है। बड़ी बात यह है कि जूनियर इंजीनियर और कर्मचारी ने ठेकेदारों के बिल तैयार किए। इन्हें सहायक अभियंता ने भी नहीं देखा, सीधे हस्ताक्षर कर दिए। इसके बाद फाइल अधिशासी अभियंता के पास गई। बिल को वेरिफाई किए बिना उन्होंने भी हस्ताक्षर कर फाइल आगे सरका दी। इसके बाद इन ठेकेदारों को पेमेंट कर दी। शुक्रवार को भी विजिलेंस कार्यालय में इंजीनियरों, ठेकेदारों और कर्मचारियों से पूछताछ चलती रही। निलंबित इंजीनियरों, जल शक्ति विभाग के कर्मचारियों, ठेकेदारों, चालकों के बयान दर्ज करने के बाद विजिलेंस टीम ने यह मामला डीजीपी विजिलेंस अशोक तिवारी से साथ डिस्कस किया। डीजीपी ने मामले की तह तक जाने की बात कही है। जिला शिमला के ठियोग विधानसभा क्षेत्र में पानी के कथित गड़बड़झाले में विजिलेंस ने शुक्रवार को 25 लोगों से पूछताछ कर बयान दर्ज किए हैं। यह पूछताछ टैंकर मालिक, चालक और ठेकेदारों से हुई है। ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा भी विजिलेंस कार्यालय पहुंचे थे। उन्होंने विजिलेंस अधिकारियों से मामले में निष्पक्षता से जांच की मांग की। सिंघा ने कहा-आरटीआई के माध्यम से इस मामले की जानकारी ली है। विजिलेंस की टीम रिकॉर्ड खंगालने में जुटी है। विजिलेंस का दावा है कि एक सप्ताह के भीतर मामले का खुलासा हो जाएगा। दो दिन के भीतर मामला दर्ज हो सकता है। जांच टीम डिजिटल डाटा का विश्लेषण कर रही है।
हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में शनिवार और रविवार को बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से मौसम में बदलाव आने का पूर्वानुमान है। इसके चलते कई क्षेत्रों में दो दिनों तक शीतलहर चलने का पूर्वानुमान भी है। 13 जनवरी से प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना है। इस दौरान धूप खिलने से तापमान में और बढ़ोतरी दर्ज होने की संभावना है। शुक्रवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में मौसम साफ रहा। प्रदेश के मैदानी जिलों में शुक्रवार को सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाया रहा। कोहरे के कारण ऊना में दो ट्रेनें और कालका-शिमला ट्रेन ढाई घंटे देरी से चली। हरियाणा में कोहरा पड़ने से कालका तक आने वाली शताब्दी ट्रेन तय समय से लेट पहुंची। इस कारण कालका से शिमला की ओर से आने वाली ट्रेन भी देरी से चली। ऊना तक भी कोहरे के चलते ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई। उधर, जिला कुल्लू व लाहौल में शुक्रवार को मौसम साफ रहा। घाटी में बड़ी संख्या में सैलानी बर्फ का दीदार के लिए पहुंच रहे हैं। केलांग से मनाली-कुल्लू से केलांग के लिए अटल टनल रोहतांग होकर 13 दिन बाद बस सेवा शुरू हो गई है। मौसम को देखते हुए प्रशासन ने सैलानियों को संवेदनशील इलाकों की ओर न जाने की अपील की है। शुक्रवार को धर्मशाला में अधिकतम तापमान 22.0, मंडी में 21.3, भुंतर में 20.6, सुंदरनगर में 19.3, कांगड़ा-हमीरपुर में 18.7, बिलासपुर में 18.0, शिमला में 17.0, ऊना में 15.6, मनाली में 14.6, नाहन में 11.9 और कल्पा में 9.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। बिलासपुर, कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, सोलन और सिरमौर के कई क्षेत्रों में भी शुक्रवार सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाया रहा। इन क्षेत्रों में दोपहर 12 बजे के बाद धूप खिली। शाम चार बजे के बाद दोबारा कोहरा छा गया। शनिवार को बारिश और बर्फबारी की संभावना के चलते कोहरा पड़ने से कुछ राहत मिल सकती है।
** शिमला समेत हिमाचल में बारिश और बर्फबारी की संभावना हिमाचल प्रदेश में 11 और 12 जनवरी को बारिश और बर्फबारी की संभावना है। किन्नौर, लाहौल-स्पीति, कुल्लू और शिमला में बर्फबारी जबकि निचले इलाकों में बारिश हो सकती है। शिमला, मनाली और नारकंडा में भी बर्फबारी की उम्मीद है। आज मौसम साफ रहेगा, लेकिन मैदानी इलाकों में शीतलहर और कोहरे को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम वैज्ञानिक का संदीप ने कहा कि बीते 24 घंटे के दौरान प्रदेश में मौसम साफ बना हुआ है हालांकि मैदानी इलाकों सोलन बिलासपुर मंडी के कुछ एक इलाकों में कोहरे को लेकर अलर्ट जारी किया है और शनिवार को इन इलाकों में शीतलहर की चेतावनी भी है। मौसम विभाग ने कहा कि 11 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिससे तापमान में गिरावट आ सकती है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी छात्रों तक गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए कृत संकल्प है और यह सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि सभी स्तरों पर अध्यापकों को नियमित प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। रोहित ठाकुर गत दिवस यहां नव नियुक्त प्रशिक्षित स्नातकों के लिए 15 दिवसीय प्रेरणा प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस 15 दिवसीय नव नियुक्त स्नातक प्रशिक्षिण कार्यक्रम में प्रदेश के सभी ज़िलों के बैचवाईज भर्ती के माध्यम से नव नियुक्त 81 प्रशिक्षित स्नातक कला तथा 33 प्रशिक्षित स्नातक विज्ञान अध्यापकों ने भाग लिया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए सभी विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भरा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की शिक्षा क्षेत्र की योजनाओं को अध्यापकों के सहयोग से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों का प्रशिक्षण जहां उन्हें तकनीक एवं पाठ्यक्रम की नवीनतम जानकारी प्रदान करता है वहीं शिक्षा विभाग की योजनाओं से अवगत भी करवाता है। उन्होंने सभी शिक्षकों का आह्वान किया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्राप्त ज्ञान को विद्यार्थियों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने आशा जताई कि प्रशिक्षण कार्यक्रम नव नियुक्त अध्यापकों के ज्ञानवर्धन में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने इस अवसर पर रिसोर्स पर्सन को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ग्रामीण बैंक में अंशकालिक कर्मियों के रूप में काम करने वालों पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने कहा कि कर्मचारियों को बैंक नौकरी से नहीं निकाल सकता है। प्रदेश उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने वर्ष 29 मार्च 2019 में ग्रामीण बैंक में पार्ट टाइम काम करने वाले वर्करों को निकालने पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद ग्रामीण बैंक ने कुछ कर्मचारियों को सेवाओं से हटा दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में आवेदन दायर किया गया, जिसमें कहा कि अदालत की रोक के बाद भी अंशकालिक कर्मियों को हटाया जा रहा है। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आवेदन का निपटारा करते हुए बैंक कर्मियों को नहीं निकालने के आदेश दिए हैं। अगर कोई अधिकारी ऐसा करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं। वहीं, हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि सेली प्रोजेक्ट मामले में अपफ्रंट प्रीमियम समय पर जमा न करने में जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ जांच रिपोर्ट को अदालत के रिकॉर्ड में लाया जाए। उधर, हिमाचल सरकार की ओर से शुक्रवार को महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि अगली सुनवाई से पहले इस रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लाया जाएगा। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सेली प्रोजेक्ट का 64 करोड़ रुपए का अपफ्रंट प्रीमियम जमा न करने पर अधिकारियों के विरुद्ध जांच के आदेश दिए थे। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से सरकार को 29 करोड़ रुपए अतिरिक्त जमा करने पड़े। अफसरों की लापरवाही से सरकारी खजाने को नुकसान हुआ, इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। इस मामले की सुनवाई अब मार्च में होगी। हाईकोर्ट ने छह न्यायिक अधिकारियों के स्थानांतरण आदेश जारी किए हैं। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश किन्नौर यजुविंद्र सिंह को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय-2 शिमला बदला गया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक विशेष अदालत पोक्सो किन्नौर स्थित रामपुर हरमेश कुमार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश किन्नौर स्थित रामपुर, वरिष्ठ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नेहा दहिया को पदोन्नति के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक विशेष अदालत पोक्सो किन्नौर स्थित रामपुर के पद पर नियुक्त किया गया है। वरिष्ठ सीनियर सिविल जज पालमपुर उपासना शर्मा को वरिष्ठ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नाहन, जिला विधिक न्यायिक प्राधिकरण शिमला के सचिव उमेश वर्मा को वरिष्ठ सिविल जज शिमला में नियुक्ति दी गई है। एकांक्ष कपिल को सिविल जज द्वितीय ग्रेड के पद से पदोन्नत कर वरिष्ठ सिविल जज यानी अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर दो में नियुक्त किया गया है।
हिमाचल प्रदेश में बीपीएल सूचियों में व्यापक फेरबदल होने वाला है। अप्रैल से शुरू होने वाले बीपीएल सर्वेक्षण में कोठियों और गाड़ियों वाले कई परिवार सूचियों से बाहर होंगे। सूचियों में बदलाव के लिए ग्रामीण विकास और पंचायतीराज विभाग की ओर से तैयार किए गए दिशा-निर्देशों को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। बीपीएल चयन में फर्जीवाड़ा पकड़ने का दायित्व एसडीएम और बीडीओ की दो सदस्यीय कमेटी को सौंपने की व्यवस्था की गई है। बीपीएल परिवारों की आय सीमा 2500 रुपये मासिक से बढ़ाकर 12,500 रुपये मासिक करने का फैसला लिया गया है। सरकार ने महिला मुखिया वाले परिवार, ऐसे परिवार जिनके मुखिया की विकलांगता 50 फीसदी या इससे अधिक है, ऐसे परिवार जिन्होंने पिछले वित्त वर्ष में मनरेगा के तहत कम से कम 100 दिन काम किया है और ऐसे परिवार जिनके कमाने वाले सदस्य कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसंस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी या थैलेसीमिया से पीड़ित हैं या जिसके कारण स्थायी विकलांगता हो सकती है, ऐसे सभी परिवार बीपीएल सूची में शामिल होंगे। प्रदेश में बीपीएल चयन में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बनने वाली एसडीएम और बीडीओ की कमेटी हर पंचायत में बीपीएल सूची फाइनल होने से पहले निरीक्षण करेगी। अब तक जो पंचायत प्रधान या ग्राम सभा तय करती थी, उन्हें बीपीएल सूचियों में शामिल कर दिया जाता था। सूची तैयार होने के बाद अपील की व्यवस्था थी, लेकिन गरीब लोग प्रभावशाली लोगों के खिलाफ एसडीएम के पास अपील में जाने का साहस नहीं कर पाते थे। एसडीएम ही अपात्र लोगों को सूची से हटा सकते थे। सरकार ने व्यवस्था में बदलाव कर अब सूची तय होने से पहले ही एसडीएम और बीडीओ को निरीक्षण का जिम्मा सौंपने का फैसला लिया है।
शिमला जिले के ठियोग में पानी की आपूर्ति के लिए किया गया टेंडर ही घोटाले की पहली दस्तक रही। टेंडर के आवंटन में पारदर्शिता नहीं बरती गई। इसके अलावा एक भी ऐसी रसीद नहीं मिली जिसमें यह साबित हो सके कि इन्होंने पानी की सप्लाई टैंकरों के माध्यम से प्रभावित पंचायतों में की हो। जिस पंचायत में पानी पहुंचाया गया उसके लिए सबूत के तौर पर ग्राम पंचायत प्रधान या उप प्रधान के हस्ताक्षर तक नहीं लिए गए। एसडीएम ठियोग ने बिना सत्यापन के ही एक करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कर दिया। एसडीएम ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों की ओर से पेश किए गए बिलों पर हस्ताक्षर किए हैं। एसडीएम अगर बिलों का सत्यापन कर लेते तो घोटाला रकम के भुगतान से पहले ही सामने आ जाता। इन बिंदुओं का जिक्र राज्य सरकार को एडीसी शिमला की ओर से तैयार की जांच रिपोर्ट में किया गया है। जांच में सामने आया है कि ठियोग के नागोधार और करयाली गांव अब तक सड़क से नहीं जुड़े हैं, लेकिन यहां भी पानी की आपूर्ति की गई। यहां पानी के आपूर्ति करने वाले संचालकों ने बयान दिया कि दोनों गांव के बाहर बने टैंकों में पानी की आपूर्ति कर दी गई थी। जांच रिपोर्ट में जल शक्ति विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही का भी साफ उल्लेख किया गया है। जांच रिपोर्ट पर राज्य सरकार आगामी क्या कदम उठाती है इस पर सबकी नजरें टिकी हैं। प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने मामला सामने आने के बाद डीसी शिमला को जांच के आदेश दिए थे। इस पर उपायुक्त ने एडीसी शिमला को जांच अफसर नियुक्त किया। जांच रिपोर्ट तैयार होने पर उपायुक्त के माध्यम से ही अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजी जाती है।
हिमाचल: गर्मियों के स्कूलों में वार्षिक समारोह कराने वाले प्रिंसिपलों पर होगी कार्रवाई, चेतावनी जारी
हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय की रोक के बावजूद वार्षिक समारोह करवा रहे ग्रीष्मकालीन स्कूलों के प्रिंसिपलों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। निदेशालय की ओर से इस संदर्भ में स्कूल प्रिंसिपलों को चेतावनी पत्र जारी किए गए हैं। 31 दिसंबर तक ही वार्षिक समारोह आयोजन करने की छूट दी गई थी। कई ग्रीष्मकालीन स्कूलों में आजकल भी समारोह हो रहे हैंश्र। इस पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने कड़ी आपत्ति जताई है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित ना हो, इसके लिए समारोह करने पर रोक लगाई गई थी। पहले 20 दिसंबर 2024 तक आयोजन करने के निर्देश दिए थे फिर 31 दिसंबर 2024 तक इस बाबत छूट दी गई थी। उन्होंने बताया कि आज कल भी कई ग्रीष्मकालीन स्कूलों में वार्षिक समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। इस कारण स्कूलों में पढ़ाई का माहौल नहीं बन रहा है। शिक्षा निदेशक ने कहा कि रोक के बावजूद जिन-जिन स्कूलों में वार्षिक समारोह मनाए गए हैं, उनकी जानकारी जिला शिक्षा उपनिदेशकों के माध्यम से मांगी गई है। ऐसे स्कूलों के प्रिंसिपलों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा निदेशक ने कहा कि अब किसी भी स्कूलों में वार्षिक समारोह आयोजित नहीं होना चाहिए। प्रदेश सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई के प्रति भी शिक्षा निदेशक ने चेताया है।
राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज यहां आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में उद्योग और रोजगार के साधन बहुत सीमित हैं। जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को नौतोड़ भूमि मिलने से लोग बागवानी और खेतीबाड़ी कर आर्थिक तौर पर सशक्त होंगे जिससे प्रदेश की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में 20 बीघा से कम भूमि वाले परिवार नौतोड़ भूमि के लिए पात्र हैं। राजस्व मंत्री ने कहा कि वह नौतोड़ विधेयक को मंजूरी देने के संबंध में विधायकों के साथ राज्यपाल से पांच बार भेंट कर निवेदन कर चुके हैं और छठी बार फिर भेंट कर मंजूरी के लिए आग्रह करेंगे। राजस्व मंत्री ने कहा कि नौतोड़ के संबंध में राजभवन द्वारा मांगी गई जानकारी प्रेषित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि नौतोड़ के 12,742 मामले लंबित हैं जो प्रक्रियाधीन हैं। राजस्व मंत्री ने कहा कि पहले भी तीन राज्यपालों द्वारा वन संरक्षण अधिनियम को निलंबित किया गया है जिससे लाखों लोगों को भूमि के पट्टे प्रदान किए गए। यह भूमि मिलने से लोगों ने मेहनत कर बाग-बगीचे लगाए और खेतीबाड़ी कर आर्थिक तौर पर सुदृढ़ होने तरफ कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा कि इससे जनजातीय क्षेत्रों के लोगों का उत्थान हुआ है। राजस्व मंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय डॉ. यशवंत सिंह परमार ने वर्ष 1968 में नौतोड़ भूमि के नियम बनाए। वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) 1980 के आने तक यह नियम लागू रहा जिससे कई लोगों को लाभ मिला। उन्होंने कहा कि वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) 1980 को पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में एक व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए निलंबित कर उसे नौतोड़ भूमि दी गई। जबकि अन्य मामलों को ठंडे बस्ते में डाले रखा। जगत सिंह नेगी ने कहा कि बाइव्रेंट विलेज स्कीम के तहत प्रदेश सरकार ने केंद्र को 700 करोड़ रुपये की स्कीमों का प्रस्ताव भेजा है लेकिन अब तक कोई राशि जारी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के कार्यकाल में पांच साल में सिर्फ एक बार जनजातीय सलाहकार परिषद की बैठक की गई। उन्होंने कहा कि नौतोड़ के खिलाफ बयानबाजी कर नेता प्रतिपक्ष की मंशा जाहिर है कि वह जनजातीय लोगों के विरोधी हैं। राजस्व मंत्री ने कहा कि उन्होंने कोई गैर-संवैधानिक काम नहीं किया है और जब तक वह राजनीति में हैं तब तक जनजातीय लोगों के हितैषी रहेंगे।
हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थितिकीय तंत्र-प्रबन्धन और आजीविका में सुधार के लिए हिमाचल में आरम्भ की गई जाईका परियोजना (जापान इंटरनेशनल कॉआपरेशन अजेंसी) से जुड़कर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग आजीविका में सुधार कर रहे हैं। यह बात मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने आज जाईका के मुख्य कार्यालय टूट (शिमला) में जाईका के संवाद पत्र के विमोचन अवसर पर बोलते हुए कही। उन्होंने कहा कि जाईका परियोजना प्रदेश के सात जिलों किन्नौर, शिमला, बिलासपुर, मण्डी, कुल्लू, कांगड़ा तथा लाहौल-स्पीति जिलों में कार्यान्वित की जा रही है जिसकी अवधि 10 वर्षो तक है। उन्होंने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को इस परियोजना के माध्यम से अधिक से अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया । परियोजना निदेशक श्रेष्ठा नन्द शर्मा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा जाईका द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया । उन्होंने कहा कि परियोजना के संवाद पत्र में गत तीन महीनों की अवधि के दौरान सफलतापूर्वक संचालित गतिविधियों का उल्लेख किया गया है। उन्होेंने कहा कि इस पत्रिका के प्रकाशन के लिए फील्ड स्तर पर सेवाएं दे रहे विषय वस्तु विशेषज्ञ, क्षेत्रीय तकनीकि इकाई समन्वयक और वन विभाग के अधिकारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे पूर्व नरेश चौहान ने परियोजना के हिन्दी संस्करण संवाद पत्र के 14वें संस्करण तथा अंग्रेजी संस्करण न्यू लैटर का विमोचन किया। उन्होंने जाईका परियोजना की टीम को इन संस्करणों के प्रकाशन के लिए बधाई दी और उनके प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर परियोजना के मुख्य निदेशक एवं वन विभाग के प्रमुख अरण्यपाल समीर रस्तोगी, जैव विविधता विशेषज्ञ डा. एस.के.काप्टा, परियोजना एवं वन विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे।
फरवरी में बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायकों का भाजपा में दल-बदल होने के बाद मानसून सत्र में सरकार ने सदन में यह विधेयक पारित करवाया था। यह उल्लेखनीय है कि इस कानून के बनने के बाद पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा और देवेंद्र भुट्टो की विधायक पेंशन और भत्ते बंद हो सकते हैं। सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, आईडी लखनपाल, रवि ठाकुर के पूर्व कार्यकाल की भी पेंशन में गणना नहीं हो सकेगी। राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल के पास लंबे समय से यह विधेयक अटका हुआ था। इसे अब राज्य सरकार को जवाब दायर करने के लिए भेजा गया है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय के दौरान बंद या मर्ज हुए 1094 स्कूलों में पढ़ने वाले 674 बच्चों ने अन्य जगह दाखिले ले लिए हैं। दाखिले नहीं लेने वाले 60 बच्चों की पहचान करने का काम जारी है। प्रारंभिक जांच के अनुसार यह प्रवासियों के बच्चे थे, जो सर्दियों में अपने राज्यों में लौट गए हैं। इनमें अधिकांश बच्चे जिला शिमला में थे। जिला उपनिदेशक इस बारे में पूरी जानकारी जुटा रहे हैं। सरकार की प्राथमिकता है कि यहां रहने वाले वाले हर बच्चे को शिक्षा का न अधिकार प्राप्त हो। राज्य सचिवालय में न मीडिया से बातचीत में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि पूर्व पूर्व की भाजपा सरकार के समय में प्रदेश में 3400 स्कूल सिर्फ एक-एक शिक्षक के सहारे चल रहे थे। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही ऐसे स्कूलों की पहचान कर शिक्षकों की नियुक्तियां की हैं। अब सिंगल टीचर वाले 2600 स्कूल रह गए हैं। पूर्व सरकार के समय में करीब 350 स्कूलों में स्थाई शिक्षक ही नहीं थे। अब ऐसे स्कूल 125 शेष रह गए हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न श्रेणी के शिक्षकों के पदों को भरा जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जल्द ही 700 स्कूल प्रवक्ताओं की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। सरकार ने फैसला लिया है कि जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक है, वहां पर शिक्षकों की नियुक्ति करने को प्राथमिकता दी जाएगी। हर विषय का शिक्षक स्कूलों में देने के प्रयास जारी हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आउटसोर्स के माध्यम से प्री प्राइमरी स्कूलों में भर्ती किए जाने वाले प्रशिक्षकों के मामले में हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार है। जल्द ही कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी आउटसोर्स भर्तियां कर रही है। उम्मीद है कि कोर्ट से राहत भरा फैसला आएगा।
**खराब मौसम के चलते रुके हुए थे सेशन बुधवार को एक हफ्ते के लंबे इंतजार के बाद शिमला के आइस स्केटिंग रिंक में बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों ने स्केटिंग का आनंद लिया। साल 2025 के पहले दिन स्केटिंग का आयोजन हुआ था, लेकिन उसके बाद खराब मौसम के कारण स्केटिंग रुक गई थी। 8 जनवरी को इस साल का दूसरा स्केटिंग सत्र हुआ, जिससे लोगों में उत्साह देखा गया। अब तक इस सीजन में 21 सत्र पूरे हो चुके हैं, और आने वाले दिनों में बेहतर मौसम की उम्मीद के साथ और सत्र होने की संभावना है। फिलहाल, केवल सुबह के सत्र ही आयोजित किए जा रहे हैं, जबकि शाम के सत्र शुरू होने का इंतजार जारी है। शिमला आइस स्केटिंग क्लब के आयोजक सचिव रजत मल्होत्रा ने बताया कि 1 जनवरी के बाद दूसरा सत्र 8 जनवरी को हुआ। सभी आयु वर्ग के लोगों ने इसमें भाग लेकर स्केटिंग का मजा लिया। इसके अलावा, शिमला के बच्चों की एक टीम आइस स्केटिंग के ट्रायल के लिए काजा गई है। ये ट्रायल हिमाचल प्रदेश की टीम चयन के लिए 11 जनवरी को आयोजित होंगे। खेल विभाग ने इसके लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं, और क्लब ने अपनी तरफ से एक कोच भी काजा भेजा है। इस बार "खेलो इंडिया" में शिमला के बच्चों की बड़ी भागीदारी की उम्मीद है।
** खाद्य आपूर्ति निगम प्रदेश सरकार को भेजेगा निविदाओं का प्रस्ताव ** सरकार से मंजूरी के बाद फाइनल होंगे रिफाइंड और सरसों तेल के टेंडर प्रदेश के राशन डिपुओं में मिलने वाले सरसों और रिफाइंड तेल के टेंडर के लिए छह अलग-अलग कंपनियों ने आवेदन किए हैं। खाद्य आपूर्ति निगम द्वारा तेल कंपनियों की निवादाओं की सूची फाईनल करने के लिए जल्द ही प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। प्रदेश सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही प्रदेश के राशन डिपुओं में मिलने वाले सरसों और रिफाइंड तेल का सप्लाई ऑर्डर जारी किया जाएगा। पिछले कई माह से तेल कंपनियों के टेंडर में सरसों और रिफाइंड तेल के दामों को लेकर सहमती न बनने से टेंडर फाईनल नहीं हो पाए हैं। अब खाद्य आपूर्ति निगम ने फिर से तेल कंपनियों से निविदाए आमंत्रित की हैं, जिसमें छह तेल कंपनियों ने टेंडर के लिए आवेदन किया है। तेल कंपनियों में गोकुल एग्री इंटरनेशनल, शक्ति न्यूट्रेशन और श्री महावीर जनरल ऑयल कंपनी सरसों के तेल की सप्लाई के टेंडर के लिए आवेदन किए हैं। इसके अलावा रिफाइंड तेल के लिए अजनता सोया लिमटेड, गोकुल एग्री इंटर नेशनल और गोकुल एग्रो रिसोसिस लिमटेड ने आवेदन किए हैं। खाद्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल का कहना है कि सरसों और रिफादंड तेल के टेंडर को छह कंपनियों ने आवेदन किया है।
** बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों पर होगी नजर हयूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के देश में मामले सामने आने के बाद हिमाचल प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गई है। सरकार के निर्देशों के तहत स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों में सर्दी, खांसी, बुखार और कफ के गंभीर लक्षण वाले मरीजों के आरटीपीसीआर टेस्ट करवाने को कहा है। साथ ही विशेष लैब शुरू करने की तैयारी है, जिसमें संक्रमण की पुष्टि नहीं होने पर अन्य टेस्ट होंगे। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल प्रशासन को इन्फ्लूएंजा और गंभीर तीव्र श्वसन के संबंधित रोगियों की निगरानी रखने को कहा है। बाहरी राज्यों से हिमाचल आने वाले लोगों पर भी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। अस्पतालों में ऐसे रोगियों के लिए अलग वार्ड की व्यवस्था करने को कहा है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि यह एक सामान्य वायरस है, जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। इस वायरस से इंफेक्शन देश में पहले भी होते रहे हैं। स्वास्थ्य सचिव एम सुधा ने मंगलवार को सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों, जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और चिकित्सा अधीक्षकों के साथ वर्चुअल बैठक की। स्वास्थ्य सचिव ने इन्फ्लूएंजा और गंभीर तीव्र श्वसन के संबंधित रोगियों पर नजर रखने को कहा है। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में सभी राज्यों व केंद्रशासित राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक आयोजित की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि यह एक सामान्य वायरस है, जो ज्यादातर बच्चों, व्यस्कों और कमजोर प्रतिरक्षा क्षमता वाले लोगों में फैलता है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि यह एक सामान्य वायरस है, जिससे घबराने की जरूरत नहीं है। इसके मुख्य लक्षण खांसी, बुखार, नाक बंद होना, गंभीर मामलों में सांस का फूलना इत्यादि है। इससे ब्रोंकाइटिस और निमोनिया भी हो सकता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने, छींकने व हाथ मिलाने आदि से फैलता हैं। उपरोक्त लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने यह निर्देश भी दिए हैं कि जिन बच्चों को बुखार, खांसी के लक्षण हैं, उन बच्चों और उनके परिवार वाले मास्क जरूर पहनें।
नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में परिवहन मंत्रियों की बैठक आयोजित हुई। इसमें हिमाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने राज्य के परिवहन क्षेत्र से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। उन्होंने 7,000 से अधिक सरकारी वाहनों की स्क्रैपिंग पर राज्य को आने वाले वित्तीय बोझ का जिक्र करते हुए केंद्र से विशेष सहायता की मांग की। उन्होंने स्क्रैपिंग प्रक्रिया को सरल बनाने और समय सीमा को 31 मार्च 2025 तक बढ़ाने का आग्रह किया। इसके अलावा, उन्होंने राज्य में विकसित हो रहे 1,734.70 करोड़ के शहरी रोपवे नेटवर्क की जानकारी दी, जो भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होगा। एआईटीपी बसों से राज्य परिवहन को हो रही चुनौतियों पर भी चर्चा हुई, और केंद्र से उचित नियम बनाने की मांग की गई। नितिन गडकरी ने हिमाचल के सभी मामलों पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में एफआईआर दर्ज करने के लिए पंजीकृत पुलिस चौकियों को अधिकृत करेंगे। इन चौकियों को अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली से जोड़ेंगे। ड्रग माफिया के खिलाफ प्रदेश में एंटी ड्रग एक्ट भी बनाया जाएगा। कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए सरकार शीघ्र खाली पद भरेगी। इसके अलावा पुलिस विभाग में डाटा संग्रहण करने और व्यवस्थित करने के लिए डाटा वेयरहाउस और क्लियरिंग एजेंसी स्थापित की जाएगी। पुलिस विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम ने कहा कि कार्यप्रणाली में सुधार और परिचालन कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बेहतर जनसेवा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस थानों को जनसंख्या, भौगोलिक कारक, ग्रामीण और शहरी आधार पर वर्गीकृत करेंगे। इनकी कार्य क्षमता बेहतर बनाने के लिए स्टाफ उपलब्ध करवाया जाएगा। सीएम ने कहा कि कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए सरकार शीघ्र भर्तियां करेगी। अभी 1,226 पुलिस जवान और 30 सब इंस्पेक्टरों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और अग्निशमन विभाग को सुदृढ़ कर रही है। गृह रक्षक के 700 पद भरे जा रहे हैं। सरकार 86 नियमित प्रतिक्रिया केंद्रों के डिजिटलीकरण के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। सीएम ने कहा कि सरकार कानून प्रवर्तन और आपातकाल सेवाओं को मजबूत बनाने के अलावा साइबर अपराध और आपदा प्रबंधन संबंधी चुनौतियों से लड़ने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न बोर्डों और निगमों में गृहरक्षक तैनात करेंगे। बिलासपुर जिले के मारकंड में एक गृह रक्षक बटालियन प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेंगे, जिससे प्रशिक्षण सुविधाएं सुधरेंगी। आपदा या आपातकाल के दौरान राहत व पुनर्वास कार्यों के लिए जरूरी वाहन किराये पर लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी को अधिकार देंगे। आपदा प्रतिक्रिया बल में स्थायी स्टाफ की भर्ती होने तक अस्थायी तौर पर गृह रक्षक तैनात होंगे। इसके अलावा अग्निशमन सेवाओं को आधुनिक बनाया जाएगा और इसके लिए 19.40 करोड़ की पहली किस्त शीघ्र जारी होगी। सीएम सुक्खू ने राज्य में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए कहा कि वर्ष 2024 में साइबर अपराध की 11,892 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें 114.94 करोड़ की धोखाधड़ी शामिल है।
स्वस्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने आज स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचपीएमवी) के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि एचपीएमवी एक सामान्य वायरस है और इससे घबराने की आवश्यकता नही है। यह कोई नया वायरस नहीं है और 2001 से भारत सहित विभिन्न देशों में प्रचलन में है। हर वर्ष वयस्क और बच्चे इस वायरस से प्रभावित होते हैं और ठीक हो जाते हैं। इस वर्ष भी भारत में नियमित निगरानी के दौरान एचपीएमी के कुछ मामले दर्ज किए गए हैं लेकिन हिमाचल में अब तक इससे जुड़ा एक भी मामला सामने नहीं आया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एचपीएमवी ‘वायरस ऑफ कन्सर्न’ नहीं है और इसे एक सामान्य वायरस की तरह ही देखा जाना चाहिए जिससे आसानी से बचाव किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सहित प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग एचपीएमवी पर लगातार नजर बनाए हुए है। देश भर में अब तक इन्फलुएंजा जैसी बीमारी और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी के मामले सामान्य स्तर पर हैं। हिमाचल में भी ऐसे मामलों में किसी प्रकार की असमान्य वृद्धि दर्ज नहीं हुई है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस वायरस के आम लक्षण खांसी, बुखार और नाक बंद होना है। यह संक्रमण खांसने, छींकने, छूने या हाथ मिलाने से फैलता है। उन्होंने प्रदेशवासियों से सावधानी बरतने का अनुरोध करते हुए कहा कि यदि किसी को खांसी या बुखार आदि के लक्षण नजर में आएं तो वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपनी जांच करवाएं तथा किसी के साथ सम्पर्क से बचे। उन्होंने कहा कि मास्क लगाएं, समय-समय पर हाथों को साबुन से धोने, खांसते या झींकते समय मुंह और नाक को ढकने तथा बीमार होने की स्थिति में घर पर आराम करने आदि उपायों को अपनाकर इस संक्रमण से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि निकट भविष्य में एचपीएमवी के मामलों मेें उछाल आता है तो भी स्वास्थ्य विभाग ऐसे मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रतिकूल स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश में पर्याप्त स्वास्थ्य अधोसंरचना, बिस्तरों की संख्या, ऑक्सीजन, सिलैण्डर की उपलब्धता सहित सभी तरह के पुख्ता इंतजाम है। उन्होंने प्रदेश सरकार एचपीएमवी के संदर्भ में भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आगामी रणनीति को अपनाएगी।
प्रदेश कंम्प्यूटर शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेशाध्यक्ष सुमन ठाकुर व संयोजक अजित धीमान की अध्यक्षता में आज यहां मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मिला तथा संघ की विभिन्न मांगों से उन्हें अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार उनकी न्यायोचित मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के उपमंडल रोहडू के तहत स्पैल वैली के कुटाड़ा गांव में सोमवार देर रात आग से एक दो मंजिला घर जलकर राख हो गया। इस घटना में एक 70 वर्षीय बजुर्ग महिला की जिंदा जलकर माैत हो गई। वहीं, दो अन्य घटनाओं में कुमारसैन उपमंडल के अढ़ोथ गांव और ननखड़ी तहसील के अंतर्गत खमाड़ी में आग से दो मकान जल गए हैं। तीनों घटनाओं में लाखों के नुकसान का अनुमान है। पहली घटना में उपमंडल रोहडू के तहत स्पैल वैली के कुटाड़ा गांव में सोमवार करीब नौ बजे श्याम लाल के घर में अचानक आग लग गई। उस समय घर के भीतर बच्चे और परिवार के अन्य सदस्य मौजूद थे। घर लकड़ी का बना होने के कारण आग तेजी से फैल गई। गांव के बीच में घर होने के कारण पता चलते ही पूरे गांव के लोग पंप, पावर स्प्रे लेकर आग बुझाने में जुट गए। लोगों ने घरों की टंकियों से पानी निकाल कर आग को काबू पाने की कोशिश की। इसकी सूचना दमकल केंद्र रोहडू को दी गई। सूचना के बाद रोहडू से भी दमकल वाहन मौके के लिए रवाना हो गए। करीब आधे घंटे बाद जब तक दमकल वाहन मौके पर पहुंचे घर पूरा जल चुका था। ग्राम वासी प्रदीप मच्छान ने बताया कि घर से बच्चे व अन्य लोग बाहर निकल चुके थे। अफरातफरी में एक बुजुर्ग महिला का पता नहीं चल पाया। बाद में महिला का जला हुआ शव बरामद हुआ। वहीं ननखड़ी तहसील के अंतर्गत खामड़ी पंचायत के धरूजा गांव में आग लगने से चेत राम का दो मंजिला मकान जलकर राख गया है। जानकारी के अनुसार, रविवार देर रात 9:30 बजे चेत राम. के घर में आग लग गई और पूरा घम जलकर राख हो गया। इस आग की घटना में ऊपर चेत राम का दो मंजिला घर, 3 कमरे और 1 रसोड पूरी तरह से जल गई। मकान में स कपड़े, बिस्तर और अन्य सामान जलकर राख हो गया।
** बिना कोचिंग के राहुल शर्मा ने पास की HAS परीक्षा हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने सोमवार देर शाम 2024 के हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (HAS) परीक्षा का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है, जिसमें राहुल शर्मा ने 6वीं रैंक प्राप्त कर तहसीलदार बनने का गौरव हासिल किया। राहुल, जो चौपाल सराहां पंचायत के जेठल गांव के निवासी हैं, उन्होंने बिना कोचिंग के यह सफलता प्राप्त की। वे तीन बार असफल रहे, लेकिन चौथे प्रयास में सफलता हासिल की। शिमला में एचएएस की तैयारी करते हुए वे बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाते थे। राहुल ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और दोस्तों को दिया और अन्य युवाओं को निराश न होने की सलाह दी।
* प्रदेश के निचले क्षेत्रों में छाया रहेगा घना कोहरा हिमाचल प्रदेश में सोमवार को ऊंचे व मध्यम पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी और बारिश देखने को मिली। वहीं, प्रदेश के निचले क्षेत्रों में बादल छाए रहे जिससे की तापमान में गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार से मौसम साफ रहने की संभावना जताई गई है। निचले पहाड़ी क्षेत्रों में 7 और 8 जनवरी को अलग-अलग स्थानों पर घना कोहरा छाया रहेगा जिससे लोगों को परेशानी हो सकती है। मौसम विभाग ने 7 जनवरी से 10 जनवरी तक मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। इस दौरान प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर धूप खिली रहेगी। हालांकि प्रदेश के निचले पहाड़ी क्षेत्रों में कोहरे के कारण धूप देरी से निकलेगी जिससे लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने 10 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ के एक बार फिर सक्रिय होने की संभावना जताई है जिसके कारण 11 जनवरी से एक बार फिर मौसम करवट लेगा. मौसम विभाग ने 11 जनवरी को प्रदेश में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। 6 जनवरी को लाहौल-स्पीति का जिला मुख्यालय केलांग सबसे ठंडा रहा. यहां न्यूनतम तापमान -2.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। इसके अलावा सुंदरनगर प्रदेश में सबसे गर्म रहा. यहां अधिकतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और सुंदरनगर में न्यूनतम तापमान 5.1 डिग्री दर्ज किया गया। 6 जनवरी को बिलासपुर में घना कोहरा छाया रहा। इसके अलावा सुंदरनगर और मंडी में भी हल्का कोहरा छाया रहा।
हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC) ने HAS एग्जाम का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है। सोमवार देर शाम को यह रिजल्ट घोषित किया गया, जिसमें मेरिट के आधार पर 20 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। इसमें 9 उम्मीदवार एचएएस बने हैं जबकि 3 उम्मीदवार तहसीलदार, 1 अभ्यर्थी जिला पंचायत अधिकारी, 3 जिला वेलफेयर कम प्रोबेशन अधिकारी, 3 असिस्टेंट रजिस्ट्रार और 1 अभ्यर्थी जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के पद पर चयनित हुआ है। HAS एग्जाम में इस बार लड़कों का दबदबा रहा। इस बार 15 लड़कों ने बाजी मारी है, जबकि 5 लड़कियां एग्जाम क्लियर करने में सफल रहीं। साल 2024 के HAS एग्जाम में उमेश ने टॉप किया है। बता दें कि बीते 2 से 6 जनवरी तक शिमला में अभ्यर्थियों के पर्सनैलिटी टेस्ट हुए थे, जिसके बाद सोमवार शाम को ही लोक सेवा आयोग ने रिजल्ट घोषित कर दिया। उत्तीर्ण हुए उम्मीदवारों में उमेश (एचएएस), मोहित सिंह (एचएएस), जितेंद्र चंदेल (एचएएस), स्वाति वालिया (तहसीलदार), अनूप शर्मा (तहसीलदार), राहुल शर्मा (तहसीलदार), संजय कुमार (जिला पंचायत अधिकारी), नितिन राणा (जिला कल्याण कम प्रोबेशन अधिकारी), शिवांशी सूद (असिस्टेंट रजिस्ट्रार), अवस पंडित (जिला कल्याण कम प्रोबेशन अधिकारी), राहुल धीमान (एचएएस), साहिल (जिला वेलफेयर कम प्रोबेशन अधिकारी), अरुण कुमार सांख्यान (असिस्टेंट रजिस्ट्रार), आस्था (एचएएस), अखिल सिंह ठाकुर (असिस्टेंट रजिस्ट्रार), तानिया कश्यप (एचएएस), करण (जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले), अंकुश कुमार (एचएएस), रजत चौधरी (एचएएस) और प्रियंका (एचएएस) शामिल हैं। HAS का प्री एग्जाम साल 2024 में 30 जून को आयोजित हुआ था। प्री एग्जाम पास करने वाले अभ्यर्थियों का मेन्स एग्जाम बीते साल 3 से 10 अक्टूबर के बीच आयोजित हुआ था। मेन्स एग्जाम पास करने वाले अभ्यर्थियों को पर्सनल इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था जो साल 2025 में 2 से 6 जनवरी के बीच हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के ऑफिस शिमला में आयोजित हुए थे। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के लिए 30 पद विज्ञापित किए गए थे लेकिन 20 पदों पर ही योग्य उम्मीदवार मिले।हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की सचिव निवेदिता नेगी ने बताया कि आयोग ने परिणाम घोषित कर वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में चल रहे विंटर कार्निवल में कुमारसैन की विभा नेगी को मिस शिमला चुना गया। शिमला के विंटर कार्निवल में मनाली की तर्ज पर पहली बार मिस शिमला के चयन के लिए प्रतियोगिता करवाई गई। इसके अलावा शिमला की गुनगुन पाहवा फर्स्ट और चौपाल की नेहा ठाकुर सेकेंड रनरअप रहीं। प्रतियोगिता में शिमला की 20 युवतियों ने भाग लिया। इनमें से रविवार को अंतिम राउंड के लिए 10 युवतियों का चयन किया गया था। सोमवार शाम के समय मौसम खराब होने के चलते प्रतियोगिता गेयटी थियेटर के बहुउद्देशीय हाल में हुई। शाम 7:00 बजे के बाद शुरू हुए बैंड फिनाले में टॉप 10 युवतियों ने रैंपवॉक कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस दौरान तीन राउंड आयोजित किए गए। इसके बाद विजेताओं के नाम घोषित किए गए। निर्णायक मंडल की भूमिका पूर्व पहली बार हो रही मिस शिमला प्रतियोगिता देखने के लिए भी रिज मैदान में काफी संख्या में लोग पहुंचे थे। लोगों ने कहा कि इस तरह की स्पर्धाओं से युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ता है। इसके अलावा शहर के कारोबारियों को भी ऐसे आयोजनों का फायदा होता है। इस अवसर पर बताैर मुख्य अतिथि नगर निगम शिमला महापाैर सुरेंद्र चाैहान, उप महापाैर उमा काैशल व आयुक्त नगर निगम भूपेंद्र अत्री माैजूद रहे। मिस शिमला 1995 दीपाली धौल, पूर्व मिस शिमला 2005 शेरी मेहता और पटकथा लेखक विवेक मोहन ने निभाई। कार्यक्रम के अंत में विजेताओं को ताज पहनाकर सम्मानित किया। सोमवार को बारिश के बाद शहर में ठंड बढ़ गई है बावजूद इसके रिज मैदान पर भारी संख्या में दर्शक विंटर कार्निवल देखने के लिए आए थे।
ठियोग की क्यार और कमाह पंचायत के लिए बनी सिंचाई योजना के पाइप ट्रायल में फटने के मामले में सरकार ने जांच बैठा दी है। सरकार ने जांच का जिम्मा जल शक्ति विभाग के इंजीनियर इन चीफ को सौंपा है और हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। सरकार ने पूछा है कि जब मौके पर सिंचाई के पाइप बिछाए जा रहे थे उस समय अधिकारी कहां थे। विकास कार्यों में क्यों लापरवाही बरती गई। पाइप जमीन के नीचे दबाने के बजाय खुले में क्यों छोड़े गए। इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंपने की भी तैयारी चल रही है। अमर उजाला ने 6 जनवरी के अंक में ट्रायल में पाइप फटने का मामला प्रमुखता से उठाया था। सूत्र बताते हैं कि ठेकेदार ने टेंडर कम रेट पर लिया था, ऐसे में उसने पाइप खुले में छोड़ दिए। पानी के लिए बनाए चेंबर भी फट गए हैं। इनमें भी गुणवत्ता वाला कार्य नहीं हुआ है। स्थानीय लोगों ने बार-बार काम की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें की थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब अधिकारी योजना का स्थानीय लोगों से फीडबैक ले रहे हैं। करीब सवा तीन करोड़ से क्वार खड्ड से बनाई उठाऊ सिंचाई योजना पहले ही सवालों के घेरे में रही है। निम्न गुणवत्ता के पाइप इस्तेमाल करने की शिकायत एक कांग्रेस नेता ने एसडीएम कार्यालय ठियोग में की। एसडीएम ने जांच करने के आदेश दिए थे। पाइपें फटने से पंचायतों के लोगों में रोष व्याप्त है और मांग कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। मामले में जांच बिठा दी गई है। जल शक्ति विभाग के इंजीनियर इन चीफ को जांच कर रिपोर्ट एक हफ्ते में देने को कहा है। उसके बाद लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
जिला शिमला में बीते साल गर्मियों में टैंकर से पानी की आपूर्ति के नाम पर एक करोड़ से ज्यादा के घपले की विजिलेंस ब्यूरो ने तफ्तीश तेज कर दी है। कौन सा टैंकर किस समय कहां था, जीपीएस से इसका पता लगाया जाएगा। टैंकर चालक उस समय कहां थे, इसका भी मोबाइल लोकेशन से खुलासा होगा। साथ ही निलंबित इंजीनियरों और ठेकेदारों के बैंक खाते भी खंगाले जाएंगे। सोमवार को विजिलेंस ने अधिशासी अभियंता को छोड़कर अन्य 7 एसडीओ और जेई से पूछताछ की। करीब दो घंटे की पूछताछ में उन्होंने कई राज उगले हैं। एक ठेकेदार से भी पूछताछ हुई है। बताया जा रहा है कि कुछ अधिकारियों के मोबाइल फोन भी कब्जे में लिए हैं। विजिलेंस ने जल शक्ति विभाग से रिकाॅर्ड जुटाया है। आज फिर इन इंजीनियरों से पूछताछ होगी। उधर, सोमवार को सुबह आठ बजे विजिलेंस ब्यूरो की टीम पानी के उन स्रोतों तक पहुंची, जहां से ठेकेदार ने पानी उठाने की बात कही है। सूत्रों के अनुसार इंजीनियर ही नहीं, कार्यालय के लिपिक भी जांच की जद में हैं। विजिलेंस ब्यूरो की टीम यह देख रही है कि बीते साल जल शक्ति विभाग ने पानी की आपूर्ति का टेंडर किया और इसमें कितने लोगों ने भाग लिया। कहीं चहेतों को लाभ देने के लिए सप्लाई ऑर्डर तो नहीं जारी हुआ है। विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने सोमवार को ठियोग से 20 किलोमीटर दूर गिरि नदी के लेलू पुल का दौरा किया। इसके अलावा टीम क्यार खड्ड भी पहुंची। जल शक्ति विभाग के रिकॉर्ड में बताया गया है कि गिरि नदी और क्यार खड्ड से टैंकरों के माध्यम से पानी प्रभावित क्षेत्रों में ले जाया गया। विजिलेंस हर पहलू की गंभीरता से जांच कर रही है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि यह घोटाला 1.13 करोड़ रुपये से ज्यादा का हो सकता है। इस मामले की धीरे-धीरे परतें खुलेंगी। उधर, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री कह चुके हैं कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल शक्ति ओंकार शर्मा ने कहा कि मामले की निष्पक्षता से जांच होगी। बीते साल ठियोग तहसील के कई प्रभावित क्षेत्रों के लिए पानी की सप्लाई का टेंडर किया गया, लेकिन इसमें एक गांव ऐसा है, जो अभी तक सड़क से नहीं जुड़ा है। हैरत की बात है कि वहां भी टैंकर के जरिये पानी पहुंचाने की बात कही गई। जिन टैंकरों से पानी की सप्लाई देने का दावा किया गया, उनमें मोटरसाइकिल और एक अधिकारी की गाड़ी का नंबर भी दे दिया गया। जल शक्ति विभाग के इस कारनामों से हर कोई हैरत में है। ऐसे में सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जल शक्ति विभाग के 10 इंजीनियरों को बीते दिनों सस्पेंड किया है।
मिड-डे मील की रोजाना जानकारी नहीं देने पर सात जिलों के 93 स्कूलों को नोटिस जारी किए गए हैं। उच्च शिक्षा निदेशालय ने स्कूल प्रभारियों को तय समय में पूरा रिकॉर्ड अपलोड करने के निर्देश जारी किए हैं। सभी स्कूलों को मिड-डे मील योजना के लिए वास्तविक समय रिपोर्टिंग करना भी अनिवार्य किया गया है। चंबा, शिमला, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, सिरमौर और मंडी जिला के 31 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों, 40 मिडल स्कूलों और 22 हाई स्कूलों की ओर से रोजाना मिड-डे मील की जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं की जा रही है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि मिड-डे मील योजना के कार्यान्वयन के संबंध में भारत सरकार ने सभी स्कूल अधिकारियों को इस योजना के तहत पात्र छात्रों को दिए जाने वाले भोजन की दैनिक वास्तविक समय रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किया है। इसके अनुसार विभिन्न सरकारी स्कूलों (जीपीएस, जीएमएस, जीएचएस और जीएसएसएस) के प्रत्येक मिड-डे मील शिक्षक प्रभारी को अपने पंजीकृत मोबाइल नंबरों का उपयोग करके टोल-फ्री नंबर 15544 पर एसएमएस के माध्यम से दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है। इस रिपोर्टिंग का उद्देश्य नामांकित छात्रों को दिए जाने वाले भोजन पर सटीक डेटा प्रदान करना है। अधिकारियों को भोजन वितरण की स्पष्ट तस्वीर देने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि कार्यक्रम को उसके दिशानिर्देशों के अनुसार निष्पादित किया जा रहा है। रिपोर्ट सभी स्कूल कार्य दिवसों पर प्रस्तुत की जानी चाहिए। यह प्रणाली यह निगरानी करने में भी मदद करती है कि आवंटित भोजन इच्छित छात्रों को परोसा जा रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि बीते दिनों सामने आया कि 93 स्कूल नियमित आधार पर रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं। इस कारण भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों स्तरों पर विभाग के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा हो रही है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस रिपोर्टिंग आवश्यकता का पालन करने में विफलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो स्कूल दैनिक एसएमएस रिपोर्टिंग में चूक करना जारी रखते हैं, उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें दंड या अन्य प्रशासनिक परिणाम शामिल हो सकते हैं। उच्च शिक्षा निदेशक ने कहा कि पीएम पोषण योजना की सफलता समय पर और सटीक डेटा संग्रह पर बहुत अधिक निर्भर है। ये रिपोर्ट न केवल भोजन वितरण की निगरानी के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में काम करती है, बल्कि स्कूलों में बाल पोषण आवश्यकताओं को संबोधित करने में कार्यक्रम की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने में भी मदद करती है। उन्होंने डिफॉल्टर स्कूलों को दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सुक्खू ने आज यहां पर्यटन विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि पर्यटन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी का मुख्य स्तम्भ है। राज्य सरकार विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं को निर्धारित समय में पूरा करने को प्राथमिकता दे रही है ताकि पर्यटकों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र मेें अधोसंरचना निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण पर आने वाले समय में 2415 करोड़ रुपये व्यय करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला मंडी में बनने वाले शिवधाम पर 150.27 करोड़ रुपये तथा जिला हमीरपुर के बाबा बालक नाथ मन्दिर के सौन्दर्यीकरण पर 51.70 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। इसी प्रकार 78.09 करोड़ रुपये की लागत से जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां तथा पालमपुर नगर का सौन्दर्यीकरण किया जाएगा। प्रदेश सरकार 280.39 करोड़ की लागत से जिला हमीरपुर के नादौन, जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां और जिला कुल्लू के मनाली व कुल्लू में वैलनैस सेन्टर विकसित करेगी। जिला कुल्लू के नग्गर किले के संरक्षण व मरम्मत कार्य पर 8.64 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार साहसिक पर्यटन को भी बढ़ावा दे रही है और इस कड़ी में नादौन में राफ्टिंग कॉम्पलैक्स और मनाली, धर्मशाला तथा शिमला में रोलर स्केटिंग रिंक का निर्माण किया जाएगा। इन पर 163.50 करोड़ रुपये व्यय होंगे जिससे पर्यटकों सहित स्थानीय लोग लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेहतर हवाई सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार हेलीपोर्ट का निर्माण कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को इन परियोजनाओं के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को डीजीसीए जिला शिमला के संजौली, रामपुर, जिला मंडी के कंगनीधार और जिला सोलन के बद्दी हेलीपोर्ट सहित मौजूदा अन्य हेलीपोर्ट के लिए परिचालन स्वीकृति प्राप्त करने के निर्देश भी दिए, ताकि इन हेलीपोर्ट में हेलीकॉप्टर सेवाओं का संचालन सुगम हो सके। सीएम सुक्खू ने कहा कि पर्यटन और ऊर्जा क्षेत्र प्रदेश सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं और सरकार इन क्षेत्रों के विकास और अधिकतम लाभ अर्जित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से प्रदेश में पर्यटकों की आमद बढ़ी है, जो प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्त्वपूर्ण साबित हो रही है। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रघुवीर सिंह बाली ने पर्यटन क्षेत्र में सुधार के लिए अपने बहुमूल्य विचार प्रस्तुत किए। प्रधान सचिव पर्यटन देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक पर्यटन विवेक भाटिया, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा और पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
** जयराम ठाकुर ने जन्मदिन पर माता-पिता, और देवी-देवताओं का किया आभार व्यक्त हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का आज जन्मदिन है। जयराम ठाकुर आज 60 वर्ष के हो गए हैं। इस खास मौके पर उन्होंने शिमला में भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच 60 किलो का केक काटकर अपना जन्मदिन मनाया। इस अवसर पर जयराम ठाकुर के आधिकारिक आवास पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। कार्यकर्ताओं ने पहाड़ी नाटी डालकर जयराम ठाकुर के जन्मदिन का जश्न मनाया और उन्हें ढेर सारी बधाईयां दीं। जयराम ठाकुर ने जन्मदिन के इस मौके पर कहा कि वह अब सीनियर सिटीजन हो गए हैं और जीवन के इस नए पड़ाव पर पहुंचने के लिए वह ईश्वर, देवी-देवताओं और अपने माता-पिता का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने कठिन संघर्ष भरा जीवन जिया और उन्होंने भी अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा समाज सेवा में समर्पित किया है। जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि वह देवी-देवताओं से प्रार्थना करते हैं कि वह अपनी पूरी जिंदगी समाज सेवा में इसी तरह समर्पित रहें। जन्मदिन के मौके पर प्रदेश भर से उन्हें मिल रहे बधाई संदेशों के लिए उन्होंने जनता का धन्यवाद किया। जयराम ठाकुर ने बताया कि रात के 12 बजे से ही प्रदेश भर से लोग उन्हें फोन और मैसेज भेजकर बधाई दे रहे हैं, और वह इसके लिए प्रदेशवासियों के आभारी हैं। उन्होंने कहा कि उनकी यह कामना है कि प्रदेशवासियों का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ रहे, ताकि वह देश और समाज की सेवा में इसी तरह निरंतर लगे रहें।
चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) वायरस तेजी से फैल रहा है। यह वायरस खास तौर से बच्चों में देखा जा रहा है। चीन में HMPV वायरस की वजह से एक बार फिर से कोरोना महामारी जैसी स्थिति बन गई है। अस्पतालों में इस वायरस की चपेट में आए मरीजों की भारी भीड़ नजर आ रही है, जिनमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं। वहीं, इस वायरस की वजह से बड़ी संख्या में मौते भी हो रही है। इस बीच जो खबर आई है वो हर भारत के लिए चिंता बढ़ाने वाली है। चीन में कोराना की तरह तेजी से फैलने वाला HMPV वायरस ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है। पहला मामला बेंगलुरु में आया है। यहां एक 8 महीने की बच्ची में HMPV वायरस डिटेक्ट किया गया है। शहर के बैपटिस्ट अस्पताल में यह पहला मामला सामने आया है। अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 8 महीने के बच्ची में HMPV वायरस पाया गया है। यह भारत का पहला केस है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अभी सरकारी लैब में इसका टेस्ट नहीं किया गया है। मगर एक प्राइवेट हॉस्पिटल से यह रिपोर्ट आई है और इस रिपोर्ट पर संदेह नहीं किया जा सकता है। सरकारी लैब में भी इसका टेस्ट कराया जाएगा। US सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, HMPV सभी उम्र के लोगों, खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में ऊपरी और निचले श्वसन रोग का कारण बन सकता है। 2001 में इसका पता लगाया गया था और यह श्वसन सिंकिटियल वायरस (RSV) के साथ न्यूमोविरिडे से संबंधित है। HMPV के लक्ष्णों की बात करें, तो इसमें सामान्य सर्दी या फ्लू जैसे ही लक्षण दिखाई देते हैं। गंभीर मामलों में, यह घरघराहट या सांस की तकलीफ, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया या अस्थमा के बढ़ने का कारण बन सकता है। इस वायरस से सबसे ज्यादा खतरा पांच साल से कम उम्र के बच्चे, खास तौर पर नवजात शिशु, वृद्ध वयस्क, जिनकी उम्र 65 वर्ष से अधिक हो और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले या अस्थमा या सीओपीडी जैसी पुरानी श्वसन संबंधी बीमारियों वाले व्यक्तियों को है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व को 7 जनवरी से पहले अतिक्रमण और बेदखली मामलों के निष्पादन को लेकर सभी विभागों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट के एक अक्तूबर के आदेशों का अनुसरण करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व ने हलफनामा दाखिल किया है। इसमें कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश भूमि राजस्व अधिनियम 1954 की धारा 163 के तहत संबंधित सहायक कलेक्टर प्रथम और द्वितीय श्रेणी कलेक्टर के पास 5789 मामले लंबित हैं। भू राजस्व अधिनियम 1954 की धारा 163 के अंतर्गत बेदखली और वारंट के 3746 और अपील के मामले 457 लंबित हैं। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ ने अतिरिक्त सचिव को निर्देश दिए हैं कि लंबित मामलों की सुनवाई का निपटारा जल्द किया जाए। हाईकोर्ट ने वित्त आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि भूमि राजस्व अधिनियम की धारा 17 के तहत पूर्ण निरीक्षण याचिकाओं और धारा 14 के तहत अपील का 31 जुलाई से पहले निपटारा किया जाए। सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी के कलेक्टर के समक्ष धारा 163 के अंतर्गत 5789 मामलों का निष्पादन 30 जून और अपीलों का 30 मई 2025 तक करने को कहा गया। हिमाचल प्रदेश सार्वजनिक परिसर बेदखली और किराया वसूली के तहत बेदखली के वारंटों का निष्पादन 31 मार्च 2025 तक या उससे पहले सुनिश्चित करने की निर्देश दिए गए हैं। हाईकोर्ट की ओर से ये निर्देश जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिए गए हैं। अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी।
अगर आप हवाई जहाज से देहरादून, नोएडा या जयपुर जाना चाहते हैं तो बहुत जल्द गगल हवाई अड्डे से यह सुविधा मिल जाएगी। जल्द ही गगल एयरपोर्ट इन शहरों से भी सीधी उड़ान के जरिये जुड़ जाएगा। 30 मार्च से हवाई उड़ानों के शेड्यूल में होने वाले बदलाव के साथ ही इन शहरों के लिए गगल से सीधी उड़ानें होंगी। मौजूदा समय में गगल एयरपोर्ट से शिमला-दिल्ली और चंडीगढ़ के लिए सीधी उड़ानें होती हैं। जानकारी के अनुसार 30 मार्च से हवाई उड़ानों के शेड्यूल में बदलाव होगा। इस दौरान जहां राजधानी दिल्ली के लिए होने वाली उड़ानों की संख्या में बढ़ोतरी होगी, वहीं देहरादून, नोएडा और जयपुर शहरों को भी गगल एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा। इन शहरों के लिए सीधी उड़ानें शुरू करने के लिए एयरपोर्ट अथारिटी की विमानन कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। अगर प्रयास सफल हुए तो 30 मार्च से इन शहरों के गगल एयरपोर्ट से सीधी उड़ानें होंगी। उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में गगल एयरपोर्ट पर विमानन कंपनी एलायंस एयर, इंडिगो और स्पाइस जेट अपनी सेवाएं दे रही हैं। इन विमानन कंपनियों की शिमला, दिल्ली और चंडीगढ़ के लिए उड़ानें होती हैं। गगल एयरपोर्ट से अन्य शहरों को जोड़ने के लिए लोग मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में इन शहरों को जोड़ने के लिए विमानन कंपनियों के साथ बात चल रही है। गगल एयरपोर्ट में 30 मार्च से सूर्योदय से सूर्यास्त तक उड़ानें शुरू की जाएंगी। उम्मीद है कि नोएडा, देहरादून और जयपुर के लिए भी सीधी उड़ानें शुरू हो सकेंगी।
नए साल के जश्न के बाद भी पहले वीकेंड पर हिमाचल के पर्यटन स्थल सैलानियों से गुलजार हो गए हैं। हिल्सक्वीन शिमला, मनाली, धर्मशाला, कसौली, चायल और डलहौजी में सैलानियों की भारी भीड़ रही। वीकेंड पर बर्फबारी के पूर्वानुमान के चलते बड़ी संख्या में सैलानियों ने हिमाचल के पर्यटन स्थलों का रुख किया। पर्यटक स्थलों पर पर्यटक वाहनों की भीड़ बढ़ने से ट्रैफिक जाम की समस्या भी पेश आई। वीकेंड पर शनिवार और रविवार को शिमला में सैलानियों का खूब जमावड़ा लगा। रिज मैदान पर विंटर कार्निवाल का सैलानियों ने आनंद लिया। पर्यटन निगम की लिफ्ट के बाहर सैलानियों की लंबी कतारें लगी रहीं। बर्फ में अठखेलियां करने के लिए सैलानियों ने कुफरी और नारकंडा का रुख किया। कुल्लू-मनाली में भी वीकेंड पर सैलानियों की खूब रौनक रही। औट, बंजार और तीर्थन घाटी में पर्यटक वाहनों की संख्या बढ़ने से ट्रैफिक जाम की समस्या पेश आई। अटल टनल रोहतांग में भी वीकेंड पर सैलानियों की भारी भीड़ रही। कसौली में वीकेंड पर पर्यटक वाहनों की भीड़ बढ़ने से जाम की समस्या पेश आई। धर्मशाला और चायल में भी नए साल के पहले वीकेंड पर ब़ॉी संख्या में सैलानी मौसम का लुत्फ उठाने के लिए पहुंचे।फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि नए साल के जश्न के बाद पहला वीकेंड भी शानदार रहा है। बर्फबारी का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी शिमला, मनाली, धर्मशाला सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर पहुंचे हैं। बर्फबारी होती रही तो सैलानियों के आने का क्रम आगे भी जारी रहेगा।
हिमाचल प्रदेश के मंडी में चिट्टे की तस्करी के झूठे केस में फंसाने की फोन पर धमकी देकर पैसे मांगने और कुल्लू के तोश में घूमने आए हरियाणा के युवक की मौत के मामले में सीबीआई ने केस दर्ज किए हैं। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दोनों मामले सीबीआई को सौंपने के राज्य सरकार को निर्देश दिए थे। रविवार को केस दर्ज कर सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। सीबीआई मामलों में की गई अब तक की जांच का सारा रिकॉर्ड पुलिस से लेगी और मामले से जुड़े लोगों से पूछताछ की जाएगी। गौर हो कि हरियाणा का वैभव यादव (21) 9 दिसंबर 2023 को चार युवकों के साथ तोश घूमने आया था। सभी युवक सूरज गेस्ट हाउस में रुके। इस बीच वैभव की मौत हो गई। इसके बाद वैभव के पिता बलदेव ने पुलिस महानिदेशक और पुलिस थाना कुल्लू को लिखित शिकायत देकर पुलिस जांच पर सवाल उठाए। उन्होंने हिमाचल हाईकोर्ट को पत्र लिखा, जिसके आधार पर आपराधिक रिट याचिका दायर की गई और हाईकोर्ट ने सीबीआई को मामले की जांच सौंपने के आदेश दिए। वहीं, चिट्टा तस्करी के झूठे आपराधिक मामले में फंसाने की धमकी देकर जबरन वसूली के आरोपों में शिकायत के आधार पर 10 जून 2024 को मंडी के बल्ह थाने में एक केस दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसे 31 मार्च 2024 की शाम को एक फोन कॉल आई, जिसमें कहा गया कि उनके बेटे की गाड़ी से चिट्टा पकड़ा गया है। यदि उस बचाना है तो एक पेटी या एक लाख रुपये का प्रबंध करें और अकेले नेरचौक आने को कहा। इस मामले में भी युवक के पिता की शिकायत पर हाईकोर्ट ने सीबीआई को केस की जांच सौंपने के आदेश दिए थे। अब सीबीआई ने दोनों मामलों में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला के ठियोग में जल शक्ति विभाग के पानी के घोटाले के बाद विभाग का एक और कारनामा सामने आया है। ठियोग की क्यार और कमाह पंचायत के दर्जनों गांवों के लिए बनाई गई सिंचाई योजना में पानी छोड़ने का ट्रायल किया गया तो फटे पांच इंच के पाइपों से पानी बहने लगा। पंप से पानी उठाते ही फटे पाइपों से जगह-जगह पानी बहने लगा और खेतों तक पानी नहीं पहुंचा। करीब सवा तीन करोड़ रुपये से क्यार खड़्ड से बनाई गई उठाऊ सिंचाई योजना पहले ही सवालों के घेरे में आ गई थी, क्योंकि निम्न गुणवत्ता के पाइप इस्तेमाल करने की शिकायत एक स्थानीय कांग्रेस नेता अमित मेहता ने एसडीएम कार्यालय ठियोग को दी थी। एसडीएम मुकेश शर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 13 नवंबर, 2024 को कसुम्पटी डिवीजन के अधिशासी अभियंता बसंत सिंह राठौर को यह शिकायत भेजी, जिसमें सिंचाई स्कीम में सरकारी पैसे के दुरुपयोग की जांच के लिए लिखा। बता दें कि ठियोग के इसी क्षेत्र में ही सामने आए पानी सप्लाई के घोटाले के मामले में अधिशासी अभियंता को दो दिन पहले निलंबित किया गया है। ऐसे में यह जांच अब किसी और अधिकारी को दी जा सकती है। सिंचाई योजना के पाइप फटने के सामने आए मामले के बाद अब कसुम्पटी और मतियाना डिवीजन की अन्य योजनाएं भी सरकार के रडार पर हैं। आरोप यह भी है कि अधिकारियों ने क्यार-कमाह सहित क्षेत्र की अन्य पेयजल और सिंचाई योजनाओं के विजिट में ही लाखों रुपये खर्च कर दिए। इस योजना से क्यार और कमाह पंचायतों के लिए हजारों किसानों के खेतों को पानी की सप्लाई होनी है। इसका निर्माण पूर्व जल शक्ति मंत्री विद्या स्टोक्स के कार्यकाल में शुरू हुआ था। इस मामले में चीफ इंजीनियर जोगेंद्र चौहान ने कहा कि पाइप कैसे फटे, इसकी छानबीन की जाएगी। वह सोमवार को इस मामले का पता करेंगे। मोटरसाइकिल, कारों और अफसर की गाड़ी के नंबर से हुई पानी की सप्लाई का घोटाला और सिंचाई योजना के पाइप फटने का मामला छैला कस्बे के साथ लगते क्यार खड्ड से ही जुड़ा है। क्यार और कमाह पंचायतों के लिए बनी सिंचाई योजना में करोड़ों की मशीनरियां लगी है।
देवभूमि हिमाचल आए दिन बढ़ते आपराधिक मामलों से शर्मसार हो रहा हैं। प्रदेश में महिलाओं के प्रति दुष्कर्म और छेड़खानी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला प्रदेश की राजधानी शिमला से है।शिमला में एक नर्सिंग कॉलेज की छात्रा ने एक युवक पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। पीड़ित छात्रा ने अंबाला में जीरो एफआईआर करवाई है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। एसपी संजीव गांधी ने बताया कि हरियाणा के पीएस अंबाला से जीरो एफआईआर के रूप में एक शिकायत प्राप्त हुई है, जिसके आधार पर शिमला में दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया हैं। पीड़िता ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि साल 2023 में वो जब शिमला के एक नर्सिंग कॉलेज पढ़ रही थी तो उस दौरान वो एक युवक के संपर्क में आई, जिसने उसे झूठी शादी का भरोसा देकर उसके साथ गलत काम किया, जिसके कारण वो गर्भवती हो गई है। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि युवक उसे चोट पहुंचाने के इरादे से उसके साथ दुर्व्यवहार करता था और उसके साथ मारपीट भी करता था। साथ में उसने ऐसे भी कई काम किए, जिससे उसका अपमान हुआ है। पीड़िता ने अपनी शिकायत अंबाला के पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई, जहां से केस को शिमला ट्रांसफर किया गया। वहीं, एफआईआर दर्ज होते ही पुलिस आगामी कार्रवाई में जुट गई है। एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया, पीड़ित लड़की के शिकायत पर मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।अभी एक जीरो एफआईआर आई है, जिसमें युवती ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। जिसकी पुलिस जांच कर रही है।
हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार ने पेड़ कटान पर अंकुश लगाने के लिए सख्त फैसले लिए हैं। इसको लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इसके मुताबिक प्रदेश सरकार ने खैर व तीन प्रजातियों सफेदा, पॉपुलर और बांस को छोड़कर अन्य पेड़ों के कटान पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा कृषि और घरेलू उपयोग के लिए साल भर में तीन पेड़ एक वर्ष के भीतर किसानों द्वारा काटे जा सकते है। इससे ज्यादा पेड़ काटने के लिए किसानों को वन मंडल अधिकारी से लिखित में अनुमति लेनी होगी। वहीं, खैर का कटान पहले की तरह दस वर्ष की अवधि के बाद ही किया जाएगा। इस बारे में वन विभाग ने आदेश जारी किए हैं। जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं। प्रदेश में पेड़ कटान के लिए अधिकारियों की अनुमति देने की सीमा को भी निर्धारित किया गया है। प्रदेश में अब एक साल में 200 पेड़ काटने तक की अनुमति देने के लिए डीएफओ को अधिकृत किया गया है। वहीं, एक साल में 300 तक पेड़ काटने के लिए मुख्य अरण्यपाल व अरण्यपाल वन, अनुमति दे सकते है। 400 पेड़ काटने तक के लिए प्रधान मुख्य अरण्यपाल को अनुमति देने का अधिकार होगा। वहीं, 400 से अधिक पेड़ काटने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार की अनुमति लेनी होगी। अन्य प्रजातियों के पेड़ों को बेचने व कटान की अनुमति प्रधान मुख्य अरण्यपाल की और से दी जाएगी। पर्यावरण के कारण मौसम में लगातार हो रहे बदलाव को देखते हुए सरकार ने धरती पर हरियाली को बचाने की दिशा में कदम बढ़ाया हैं। प्रदेश सरकार ने घरेलू, कृषि व बेचने के लिए वृक्ष काटने वाले व्यक्ति को तीन पेड़ काटने पर इसके बदले तीन पेड़ों का रोपण करना होगा। सरकार ने ये शर्त पर्यावरण को बचाने के लिए लगाई है, ताकि जितने पेड़ काटे जाएंगे उतने ही पौधों का रोपण कर आने वाली पीढ़ियों के लिए भी वन संपदा को बचाकर रखा जा सकेगा। वहीं, अगर फलदार पौधे रोपित किए जाते हैं, तो उसके लिए बागवानी विभाग की तरफ से तय मापदंड का पालन करना होगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला जिले के कोटखाई क्षेत्र में अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान लोगों को बड़ी सौगातें दीं। उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने कोटखाई सीएचसी का दर्जा बढ़ाकर उसे नागरिक अस्पताल बनाने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने सब-जज कोर्ट, उप-मंडलीय पशु चिकित्सा अस्पताल और अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी संस्थान प्रगति नगर में सिविल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स शुरू करने की बात कही। इसके अलावा, आईटीआई प्रगति नगर में डिप्लोमा इन कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग और सोलर टेक्नीशियन के नए ट्रेड शुरू करने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री ने खलटू नाले और चमशु नाले पर पुल निर्माण के लिए पांच-पांच करोड़ रुपये और टिक्कर बस स्टैंड के लिए तीन करोड़ रुपये देने की घोषणा की। साथ ही, 250 करोड़ रुपये की लागत से छैला-ओच्छघाट-कुमारहट्टी सड़क को डबल लेन बनाने की भी घोषणा की और अधिकारियों को डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए। सुक्खू ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साल आई आपदा के दौरान राज्य सरकार ने बागवानों के सेब और अन्य उत्पादों को सड़ने से बचाया और समय पर मंडी तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान 22 हजार परिवार प्रभावित हुए थे, लेकिन राज्य सरकार ने सभी चुनौतियों का सामना किया। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश को आपदा प्रभावितों के लिए विशेष पैकेज नहीं मिला और पीडीएनए के 9000 करोड़ रुपये भी जारी नहीं किए गए।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज दिया और जुब्बल-कोटखाई की सड़कों के लिए 28 करोड़ रुपये प्रदान किए। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, नाबार्ड और राज्य सरकार के फंड से कुल 286 करोड़ रुपये सड़कों के निर्माण पर खर्च किए हैं और आने वाले समय में और धन व्यय किया जाएगा। सुक्खू ने राज्य सरकार की ओर से सेब बागवानों के लिए की गई घोषणाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सेब के न्यूनतम समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक रूप से डेढ़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है और अब यह 12 रुपये प्रति किलो हो गया है। उन्होंने कहा कि छोटे सेब बागवानों के लिए यूनिवर्सल कार्टन योजना लागू की गई है और अगले वर्ष से यूनिवर्सल कार्टन पर वजन भी लिखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए भी कई कदम उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 3000 शिक्षकों की भर्ती की योजना बनाई है और हर विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोले जाएंगे। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए आईजीएमसी शिमला, टांडा और नेरचौक मेडिकल कॉलेज में 85 करोड़ रुपये की लागत से थ्री टेस्ला एमआरआई मशीनें लगाई जाएंगी और प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में 1500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
स्पैल वैली के दलगांव में देव परंपरा के अनुसार बेड़ा को देवता की पालकी में बिठाकर आयोजन स्थल तक पहुंचाया गया। इससे पहले आरोहण के लिए पालकी से उतारकर जैसे ही उन्हें लकड़ी की काठी पर बिठाया गया, वाद्य यंत्रों में शोक की धुनें बजने लगीं। ऊपर वाले छोर पर बेड़ा सूरत राम थे और नीचे दूसरे छोर में उनका परिवार इंतजार में था। लंबी पूजा-अर्चना के बाद ठीक शाम 5:46 बजे सूरत राम को सकुशल रस्से के सहारे नीचे उतारा गया। नीचे पहुंचते ही उनके माथे पर बंधे पंचरत्न को लेने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मच गई। लोगों ने बेड़ा को देवता की पालकी में बिठाकर नाचते-गाते मंदिर परिसर तक पहुंचाया। लोगों ने उन्हें भेंट के तौर पर नकद राशि दी। अनुष्ठान में रस्से को बांधने के लिए बजरेट कोटी के ठाकुर व वहां तक लाने की भूमिका देवता महेश्वर के साथ पहुंचे खूंदों ने निभाई। बेड़ा आरोहण के लिए रस्सा टूटने के बाद दूरी को कम किया गया। ढलान कम होने के कारण रस्सा झुकने से काठी पर बैठे सूरत राम बीच में फंस गए। उसके बाद दूसरी रस्सी का सहारा देकर उन्हें दूसरे छोर तक पहुंचाया गया। बेड़ा के दूसरे छोर पर पहुंचते ही अनुष्ठान के तीसरे दिन की मुख्य रस्म पूरी की गई। दलगांव में विशेष घास से बने तीन इंच मोटे रस्से (बरूत) पर बेड़ा सूरत राम को खाई पार करते देखने का लोगों में भारी उत्साह रहा। चारों ओर देवताओं के जयकारे लग रहे थे। इस दौरान रस्से को कसते समय अचानक रस्सा टूटा तो नाले के आसपास सन्नाटा पसर गया। यह घटना शनिवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे घटी। उस समय तक आयोजन स्थल तक हजारों लोग पहुंच चुके थे। कोई कहने लगा ओह... यह क्या हो गया। किसी ने कहा-अपशगुन हो गया तो कोई कह रहा था कि यदि बेड़ा के उतरते समय रस्सा टूटा होता तो कुछ भी हो सकता था। इसके बाद तुरंत आयोजन कमेटी के वरिष्ठ लोगों ने फैसला लिया कि अब दूरी को कम करके बेड़ा आरोहण की परंपरा को पूरा करना होगा। उसके बाद पहले से लगाए गए खंभों को उखाड़कर उन्हें नाले के आरपार कम दूरी पर गाड़ना शुरू किया गया। उसके बाद बेड़ा आरोहण की रस्म पूरी हुई।
हिमाचल प्रदेश सरकार और वाइल्ड फ्लॉवर होटल प्रबंधन के बीच बातचीत को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है। ओबरॉय ग्रुप की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़े। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाॅल दुआ की अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है। अगली सुनवाई एक मार्च को होगी। उस दिन अब ईस्ट इंडिया होटल लिमिटेड यानी ओबरॉय समूह की ओर से भी बहस की जाएगी। सरकार की ओर से कहा गया कि होटल प्रबंधन की तरफ से बातचीत के लिए कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया। अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को कहा था कि प्रस्ताव पर सहमति बनती है या नहीं, इस पर अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। राजधानी शिमला के नजदीक ऐतिहासिक वाइल्ड फ्लॉवर हॉल होटल के प्रबंधन से सरकार बातचीत करने के लिए तैयार हो गई थी। महाधिवक्ता अनूप रतन ने हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि अगर ईस्ट इंडिया होटल लिमिटेड यानी ओबरॉय समूह की ओर से कोई प्रस्ताव दिया जाता है तो सरकार के दरवाजे बातचीत के लिए खुले हैं। उन्होंने कहा था कि अगर कोई भी कंपनी प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काम करना चाहती है तो सरकार स्वागत करती है। राज्य सरकार ने वाइल्ड फ्लावर हॉल को अपने अधीन लेने को लेकर हाईकोर्ट में क्रियान्वयन याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने पहले ही ओबरॉय समूह को मध्यस्थता के आदेशों की पालना करने के आदेश दिए थे। बता दें कि होटल के स्वामित्व की दो दशकों से कानूनी लड़ाई चल रही है। हाईकोर्ट ने वाइल्ड फ्लावर हॉल को सरकार को सौंपने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ ओबरॉय ग्रुप सुप्रीम कोर्ट गया था। सुप्रीम कोर्ट से इन्हें कोई राहत नहीं मिली।
हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में गैर शैक्षणिक वीडियो और रील्स बनाने पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा सोशल मीडिया का अनावश्यक उपयोग नहीं होगा। शनिवार को उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्रिंसिपलों को इस बाबत नजर रखने के निर्देश जारी किए। निदेशालय ने विद्यार्थियों पर इन गतिविधियों का गलत प्रभाव पड़ने का हवाला दिया है। निर्देशों का पालन न करने वाले शिक्षकों और गैर शिक्षकों को अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रति भी चेताया गया है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि ध्यान भटकाने वाली गतिविधियों पर लगाम लगाने और शैक्षणिक गतिविधियों पर फोकस बढ़ाने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है। सोशल मीडिया पर शिक्षकों और कर्मचारियों के गैर शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल होने के बढ़ते मामलों की निदेशालय के पास लगातार शिकायतें आ रही हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए निदेशालय ने स्कूलों-कॉलेजों के प्रिंसिपलों और जिला शिक्षा उपनिदेशकों को पत्र जारी किए हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि कुछ शिक्षक और कर्मचारी स्कूल समय में ऐसी सामग्री बनाते रहते हैं, जो छात्रों के शैक्षणिक विकास में योगदान नहीं देती। ऐसी वीडियो या रील्स सोशल मीडिया पर डाले जा रहे हैं, जो शैक्षणिक, खेल या पाठयक्रम से संबंधित नहीं होते हैं। ऐसे विकर्षण विद्यार्थियों को उनके शैक्षिक लक्ष्यों से दूर करते हैं और उन्हें सोशल मीडिया के उपयोग में लिप्त होने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं जो उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। स्कूलों-कॉलेजों के प्रिंसिपलों को निर्देश दिया है कि विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण और उन्हें जिम्मेदार और बेहतर नागरिक बनने के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
शिमला जिले के ठियोग उपमंडल में टैंकरों से पानी आपूर्ति देने के नाम पर हुए लाखों रुपये के घोटाले की जांच शनिवार को विजिलेंस ने शुरू कर दी। एएसपी नरवीर सिंह राठौर की अगुवाई में गठित जांच टीम ने एसडीएम ठियोग कार्यालय से संबंधित रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया है। पानी आपूर्ति के घोटाले की खबर अमर उजाला में प्रकाशित होने के बाद जल शक्ति विभाग में हड़कंप मच गया था और विभाग के 10 अधिकारियों को शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया। इनमें दो अधिशासी, तीन सहायक, चार कनिष्ठ और एक सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता शामिल हैं। इसके बाद मामला सरकार ने जांच के लिए विजिलेंस को सौंप दिया। शनिवार को घोटाले के तथ्यों की जांच कर विजिलेंस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ठियोग का दौरा किया और एसडीएम कार्यालय का पानी की सप्लाई से संबंधित रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया। सूत्रों के अनुसार विजिलेंस मामले में जल्द ही एफआईआर भी दर्ज कर सकती है। इसके बाद निलंबित अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बता दें कि पानी की आपूर्ति के लिए टैंकरों की जगह बाइक, कारों और अफसर की गाड़ी के नंबर देने और जहां सड़क नहीं है, वहां भी टैंकरों से पानी की आपूर्ति दर्शाने की खबर छपने के बाद सरकार हरकत में आई और 10 अफसरों पर कार्रवाई की। निलंबित अफसरों को विभाग के मुख्यालय में अटैच किया गया है। इसके अलावा पानी की सप्लाई करने वाले ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट भी कर दिया गया है। वहीं, इस मामले में ठियोग से कांग्रेस के विधायक कुलदीप राठौर ने कहा कि जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। राठाैर ने कहा कि जैसे ही 27 नवंबर को इस मामले की जानकारी मिली, तुरंत उपमुख्यमंत्री एवं जलशक्ति मंत्री मुकेश अग्निहोत्री से इस घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की। साथ ही आला अधिकारियों के साथ चर्चा कर तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिए। विजिलेंस की टीम को शनिवार शाम को मामले से जुड़े सभी जरूरी कागजात सौंप दिए हैं।
हिमाचल प्रदेश के रोहडू की स्पैल वैली के दलगांव में चल रहें भुंडा महायज्ञ में आज बेड़े की ओर से भुंड की रस्म निभाई जानी थी। इसे देखने के लिए लाखों की संख्या में दलगांव पहुंचे हैं। जब विधि विधान के साथ एक रस्सी को बांधने का काम किया जा रहा था उसी समय अचानक बीच से ये दिव्य रस्सी टूट गई, जिसके चलते फिलहाल अभी रस्म को कमेटी ने रोक दिया है। मंदिर कमेटी आगे इसपर विचार विमर्श कर रही है। आज लाखों की संख्या की संख्या में लोग भुंड़ा उत्सव में पहुंचे हैं। इस महायज्ञ में तीन देवता और तीन परशुराम पहुंचे हुए हैं। अब मोहतबीन और देवता इस बारे में अगला निर्णय लेंगे। इस रस्सी को पवित्र समझा जाता है और इसका टूटना अपशगुन समझा जाता है। देवता बकरालू महाराज जी तो तहसीलों रोहड़ू व रामपुर के देवता हैं। भुंडा महायज्ञ देवता महेश्वर, देवता बौंद्रा व देवता बकरालू व देवता मोहर्रिश के प्रेम का प्रतीक है। रोहड़ू उपमंडल के नौ गांव के लोग इस यज्ञ में सहयोग कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि भुंडा महायज्ञ के लिए एक लाख से अधिक निमंत्रण दिए गए हैं। भुंडा महायज्ञ के दौरान बेड़ा रस्सी के जरिए मौत की घाटी को लांघते हैं। ये रस्सी दिव्य होती है और इसे मूंज कहा जाता है। ये विशेष प्रकार के नर्म घास की बनी होती है। इसे खाई के दो सिरों के बीच बांधा जाता है। भुंडा महायज्ञ की रस्सी को बेड़ा खुद तैयार करते हैं। बेड़ा उस पवित्र शख्स को कहा जाता है, जो रस्सी से खाई को लांघते हैं। बेड़ा जाति के लोग ही इस परंपरा को निभाते हैं। बेड़ा सूरतराम के अनुसार रस्सी तैयार करने में ढाई महीने का समय लगा। इस पवित्र कार्य में उनका साथ चार लोगों ने दिया। रस्सी तैयार करते समय पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करना होता हैं। सुबह चार बजे भोजन करने के बाद फिर अगले दिन सुबह चार बजे भोजन किया जाता है। यानी 24 घंटे में केवल एक बार भोजन किया जाता है। इस दौरान अधिकतम मौन व्रत का पालन किया जाता है।
रोहडू के दलगांव में भुंडा महायज्ञ के दूसरे तीन शुक्रवार को तीन महत्त्वपूर्ण रस्में निभाई गईं। इस दौरान रस्मों को देखने के लिए भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा। दलगांव में बकरालू देवता के मंदिर प्रांगण में तिल धरने को जगह नहीं रही। भुंडा महायज्ञ में दूसरे दिन तक एक लाख से अधिक लोग पहुंच गए हैं। श्रद्धालुओं की इतनी अधिक भीड़ रही कि लोगों के फोन बंद हो गए और नेटर्वक भी फ्रीज हो गया। पहली रस्म के अंतर्गत देवता महेश्वर, देवता बौंद्रा, मेजवान देवता बकरालू के मध्य धूड़ पीटने की रस्म निभाई गई। इस रस्म को देवता महेश्वर ने शिर लगाकर सफलतापूर्क संपन्न किया। इस दौरान तीनों देवताओं के साथ पहुंचे हजारों देवलुओं ने जयकारे लगाए और तलवारों, डंढे व खुखरी की ताल पर नृत्य किया। वहीं दूसरी रस्म के अंतर्गत रंटाडी के मोहरिष महर्षि देवता ने फेर दलगांव मंदिर प्रांगण से शुरू किया। रंटाडी खूंद के हजारों देवलुओं ने अस्त्र शस्त्र, रणसिंगा, करनाल एवं ढोल नगाड़ों के साथ चौंरी के साथ फेर की रस्म शुरू की। दलगांव की परिक्रमा में रंटाडी खूंद को लगभग तीन घंटे का समय लगा। फेर की परिक्रमा पूरी करके तीसरी महत्त्वपूर्ण रस्म शिखा पूजन मेजवान देवता बकरालू ने पूरी की। शिखा पूजन के अंतर्गत दलगांव में बकरालू देवता के तीन मंदिरों की छत पर चढक़र माली गुर व ब्राह्मणों ने चारों दिशाओं में मंत्रोचारण कर रस्म को पूरा किया। आज बेड़ा सूरत राम नौवीं बार बरुत पर चढक़र अपनी परीक्षा पास करेंगे।
एचआरटीसी (हिमाचल पथ परिवहन निगम) के बेड़े में मार्च माह में 24 नई वोल्वो बसें जुड़ जाएंगी। इनकी खरीद के लिए सरकार ने एचआरटीसी को 36 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। नई बसें हिमाचल के विभिन्न रूटों से दिल्ली के लिए चलाई जाएंगी। हाईटेक बसों में यात्री आरामदायक सफर का आनंद ले सकेंगे। आधुनिक सुविधाओं से लैस एक वोल्वो बस की कीमत करीब डेढ़ करोड़ है। एचआरटीसी शिमला, मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, बीड़, चंबा, हमीरपुर, रिवालसर और चिंतपूर्णी सहित अन्य रूटों से दिल्ली के लिए वोल्वो चलाता है। सामान्य बसों के मुकाबले वोल्वो की कमाई करीब दोगुना है। दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के बाद ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) पाबंदियां लगाई गई हैं, जिनके तहत बीएस-6 बसों को ही राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश दिया जा रहा है। निगम की वोल्वो सेवा प्रभावित न हो, इसके लिए नई बसों की खरीद प्रक्रिया शुरू की गई है। 24 नई वोल्वो खरीदने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। मार्च में ये बसें मिलना शुरू हो जाएंगी। नई बसें आधुनिक सुविधाओं से लैस बीएस-6 श्रेणी की होंगी। इन्हें प्रदेश के विभिन्न रूटों से दिल्ली के लिए संचालित किया जाएगा। बीएस-6 तकनीक से लैस प्रदूषण रहित नई वोल्वो में हर सीट पर यात्रियों के लिए थाई रेस्ट, फुट रेस्ट की सुविधा उपलब्ध होगी। लैपटॉप सहित अन्य कीमती सामान चोरी होने की घटनाओं के मद्देनजर सीटों के ऊपर कैरियर में लॉकर की सुविधा होगी। सभी सीटों के साथ यूएसबी मोबाइल चार्जर और पहली दो सीटों पर लैपटॉप चार्जर की सुविधा दी जाएगी। निगम की पुरानी वोल्वो 285 हॉर्स पावर की हैं। नई वोल्वो 300 हॉर्स पॉवर होंगी। नई वोल्वो पैनिक बटन, व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम और वाईफाई से लैस होंगी।
हिमाचल प्रदेश में 20 से कम छात्र संख्या वाले हाई और 25 वाले वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा घटेगा। नए शैक्षणिक सत्र से पांच से सात किलोमीटर के नजदीकी स्कूलों में इन स्कूलों के विद्यार्थियों को दाखिले दिलाए जाएंगे। प्रदेश में अब स्कूल मर्ज करने की जगह दर्जा घटाने का प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है। उच्च शिक्षा निदेशालय से जनवरी अंत तक सरकार ने इस बाबत प्रस्ताव मांगा है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का डाटा एकत्र होने के बाद सरकार की मंजूरी लेकर इनका दर्जा कम किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिन हाई स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 20 या उससे कम होगी, ऐसे स्कूलों का दर्जा घटाकर मिडल किया जाएगा। इसी तरह जिन वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थी संख्या 25 या उससे कम होगी, वहां स्कूलों का दर्जा घटाकर हाई स्कूल किया जाएगा। दर्जा घटने के बाद जो कक्षाएं स्कूलों में बंद हो जाएंगी, उनमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पांच से सात किलोमीटर के दायरे वाले अन्य स्कूलों में दाखिले दिलाए जाएंगे। शैक्षणिक सत्र 2025-26 से यह व्यवस्था लागू होगी। उधर, 10 छात्र संख्या से कम वाले प्राइमरी स्कूलों को नजदीकी दो से तीन किलोमीटर के दायरे वाले स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने 300 ऐसे स्कूल चिह्नित किए हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या दस से कम है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अगले चरण में कम छात्र संख्या वाले कॉलेजों को भी मर्ज किया जाएगा। सभी कॉलेजों से विद्यार्थियों के नामांकन की जानकारी मांगी गई है। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने और हर संस्थान में पर्याप्त मात्रा में शिक्षकों की नियुक्तियां करने के लिए कम विद्यार्थियों वाले संस्थानों को मर्ज या दर्जा घटाने का फैसला लिया गया है।
सरकारी स्कूलों में नर्सरी से आठवीं कक्षा तक विद्यार्थियों को परोसे जाने वाले मिड-डे-मील की जांच में कई खामियां सामने आई हैं। यह खुलासा पंजाब बायोटेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर की ओर से स्कूलों में तैयार होने वाले खाने के सैंपल जांचने पर हुआ। सैंपल जांच में सामने आया कि खाने में ई कोली नाम का बैक्टीरिया है। इससे बच्चों का पेट खराब होने से लेकर आंत को नुकसान तक पहुंच सकता है। जांच रिपोर्ट आने के बाद शिक्षा विभाग ने सभी स्कूल प्रबंधकों को खाना बनाते समय स्वच्छता मानकों का ख्याल रखने की हिदायत दी है। जानकारी के अनुसार सितंबर 2024 में केंद्र सरकार के निर्देश अनुसार पंजाब बायोटेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर मोहाली की टीम ने ऊना के 10 स्कूलों में जाकर मिड-डे-मील के सैंपल लिए। सैंपल की जांच रिपोर्ट हाल ही में सामने आई है। इसमें कहा गया है कि भोजन में ई कोली बैक्टीरिया है, जो बच्चों की सेहत पर बुरा असर करता है। रिपोर्ट मिलने के बाद शिक्षा विभाग के हरकत में आते हुए स्कूलों को आदेश दिए गए कि भोजन तैयार करने वाले कर्मियों की नियमित स्वास्थ्य जांच हो। खाना बनाते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। स्कूल प्रबंधक पेयजल की नियमित समय अंतराल के बाद क्लोरीनेशन करवाते रहें। खाना बनाने वाले स्थान, इस्तेमाल होने वाले बर्तनों और जहां बच्चों को भोजन खिलाया जाता है, उस स्थान की प्रतिदिन सफाई करवाई जाए। इसके अलावा खाना बनाने से पहले हाथों को साबुन से धोया जाए। बर्तन धोने के बाद व भोजन वितरित करते समय भी हाथों की साफ सफाई रखी जाए। ई कोली बैक्टीरिया के कुछ प्रकार जहरीला पदार्थ बनाते हैं, जो छोटी आंत की परत को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे पेट में ऐंठन, उल्टी और दस्त (अक्सर खून के साथ) हो सकते हैं। लक्षण आमतौर पर बैक्टीरिया के संपर्क में आने के 3-4 दिन बाद शुरू होते हैं और लगभग एक सप्ताह के भीतर समाप्त हो जाते हैं। संक्रमण कम से कम तब तक संक्रामक रहता है, जब तक व्यक्ति को दस्त रहता है।
हिमाचल प्रदेश के राशनकार्ड उपभोक्ताओं को डिपुओं में इस महीने सरसों और रिफाइंड तेल मिलने की उम्मीद है। खाद्य आपूर्ति निगम ने शुक्रवार को तेल के टेंडर खोल दिए हैं। इसमें तीन कंपनियों ने डिपो में तेल की सप्लाई देने की हामी भरी है। सोमवार को खाद्य आपूर्ति निगम की ओर से फाइनेंशियल बिड खोली जानी है। इनमें से अब जिस कंपनी का रेट सबसे कम होगा, उसे टेंडर दिया जाएगा। हिमाचल में राशनकार्ड उपभोक्ताओं को तीन महीने से सरसों और रिफाइंड तेल नहीं मिला है। हालांकि इससे पहले भी खाद्य आपूर्ति निगम ने तेल की कंपनी फाइनल कर फाइल मंजूरी के लिए सरकार को भेजी थी। लेकिन रेट ज्यादा होने पर इसे रद्द किया गया। इसके चलते निगम की ओर से दोबारा से टेंडर किया जा रहा है। हिमाचल में साढ़े 19 लाख राशनकार्ड परिवार हैं। प्रदेश सरकार लोगों को दो लीटर तेल (एक रिफाइंड और एक लीटर सरसों), चीनी, तीन किलो दालें (मलका, माश और दाल चना) सब्सिडी पर दे रही है। आटा और चावल केंद्र सरकार सब्सिडी पर उपलब्ध करवा रही है। खाद्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल का कहना है कि डिपुओं में उपभोक्ताओं को सस्ते दामों में सरसों और रिफाइंड तेल उपलब्ध कराया जाना है। निगम की ओर से औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। जिस कंपनी का रेट कम होगा, टेंडर उसे दिया जाएगा। निगम का दावा है कि हिमाचल प्रदेश में 3 महीने तक दालों की कमी नहीं होगी। खाद्य आपूर्ति निगम के गोदाम दालों से भरे हैं। निगम ने डिपो होल्डर को समय रहते गोदामों से सप्लाई उठाने के निर्देश दिए हैं।