चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) वायरस तेजी से फैल रहा है। यह वायरस खास तौर से बच्चों में देखा जा रहा है। चीन में HMPV वायरस की वजह से एक बार फिर से कोरोना महामारी जैसी स्थिति बन गई है। अस्पतालों में इस वायरस की चपेट में आए मरीजों की भारी भीड़ नजर आ रही है, जिनमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं। वहीं, इस वायरस की वजह से बड़ी संख्या में मौते भी हो रही है। इस बीच जो खबर आई है वो हर भारत के लिए चिंता बढ़ाने वाली है। चीन में कोराना की तरह तेजी से फैलने वाला HMPV वायरस ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है। पहला मामला बेंगलुरु में आया है। यहां एक 8 महीने की बच्ची में HMPV वायरस डिटेक्ट किया गया है। शहर के बैपटिस्ट अस्पताल में यह पहला मामला सामने आया है। अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 8 महीने के बच्ची में HMPV वायरस पाया गया है। यह भारत का पहला केस है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अभी सरकारी लैब में इसका टेस्ट नहीं किया गया है। मगर एक प्राइवेट हॉस्पिटल से यह रिपोर्ट आई है और इस रिपोर्ट पर संदेह नहीं किया जा सकता है। सरकारी लैब में भी इसका टेस्ट कराया जाएगा। US सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, HMPV सभी उम्र के लोगों, खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में ऊपरी और निचले श्वसन रोग का कारण बन सकता है। 2001 में इसका पता लगाया गया था और यह श्वसन सिंकिटियल वायरस (RSV) के साथ न्यूमोविरिडे से संबंधित है। HMPV के लक्ष्णों की बात करें, तो इसमें सामान्य सर्दी या फ्लू जैसे ही लक्षण दिखाई देते हैं। गंभीर मामलों में, यह घरघराहट या सांस की तकलीफ, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया या अस्थमा के बढ़ने का कारण बन सकता है। इस वायरस से सबसे ज्यादा खतरा पांच साल से कम उम्र के बच्चे, खास तौर पर नवजात शिशु, वृद्ध वयस्क, जिनकी उम्र 65 वर्ष से अधिक हो और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले या अस्थमा या सीओपीडी जैसी पुरानी श्वसन संबंधी बीमारियों वाले व्यक्तियों को है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व को 7 जनवरी से पहले अतिक्रमण और बेदखली मामलों के निष्पादन को लेकर सभी विभागों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट के एक अक्तूबर के आदेशों का अनुसरण करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व ने हलफनामा दाखिल किया है। इसमें कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश भूमि राजस्व अधिनियम 1954 की धारा 163 के तहत संबंधित सहायक कलेक्टर प्रथम और द्वितीय श्रेणी कलेक्टर के पास 5789 मामले लंबित हैं। भू राजस्व अधिनियम 1954 की धारा 163 के अंतर्गत बेदखली और वारंट के 3746 और अपील के मामले 457 लंबित हैं। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ ने अतिरिक्त सचिव को निर्देश दिए हैं कि लंबित मामलों की सुनवाई का निपटारा जल्द किया जाए। हाईकोर्ट ने वित्त आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि भूमि राजस्व अधिनियम की धारा 17 के तहत पूर्ण निरीक्षण याचिकाओं और धारा 14 के तहत अपील का 31 जुलाई से पहले निपटारा किया जाए। सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी के कलेक्टर के समक्ष धारा 163 के अंतर्गत 5789 मामलों का निष्पादन 30 जून और अपीलों का 30 मई 2025 तक करने को कहा गया। हिमाचल प्रदेश सार्वजनिक परिसर बेदखली और किराया वसूली के तहत बेदखली के वारंटों का निष्पादन 31 मार्च 2025 तक या उससे पहले सुनिश्चित करने की निर्देश दिए गए हैं। हाईकोर्ट की ओर से ये निर्देश जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिए गए हैं। अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी।
अगर आप हवाई जहाज से देहरादून, नोएडा या जयपुर जाना चाहते हैं तो बहुत जल्द गगल हवाई अड्डे से यह सुविधा मिल जाएगी। जल्द ही गगल एयरपोर्ट इन शहरों से भी सीधी उड़ान के जरिये जुड़ जाएगा। 30 मार्च से हवाई उड़ानों के शेड्यूल में होने वाले बदलाव के साथ ही इन शहरों के लिए गगल से सीधी उड़ानें होंगी। मौजूदा समय में गगल एयरपोर्ट से शिमला-दिल्ली और चंडीगढ़ के लिए सीधी उड़ानें होती हैं। जानकारी के अनुसार 30 मार्च से हवाई उड़ानों के शेड्यूल में बदलाव होगा। इस दौरान जहां राजधानी दिल्ली के लिए होने वाली उड़ानों की संख्या में बढ़ोतरी होगी, वहीं देहरादून, नोएडा और जयपुर शहरों को भी गगल एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा। इन शहरों के लिए सीधी उड़ानें शुरू करने के लिए एयरपोर्ट अथारिटी की विमानन कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। अगर प्रयास सफल हुए तो 30 मार्च से इन शहरों के गगल एयरपोर्ट से सीधी उड़ानें होंगी। उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में गगल एयरपोर्ट पर विमानन कंपनी एलायंस एयर, इंडिगो और स्पाइस जेट अपनी सेवाएं दे रही हैं। इन विमानन कंपनियों की शिमला, दिल्ली और चंडीगढ़ के लिए उड़ानें होती हैं। गगल एयरपोर्ट से अन्य शहरों को जोड़ने के लिए लोग मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में इन शहरों को जोड़ने के लिए विमानन कंपनियों के साथ बात चल रही है। गगल एयरपोर्ट में 30 मार्च से सूर्योदय से सूर्यास्त तक उड़ानें शुरू की जाएंगी। उम्मीद है कि नोएडा, देहरादून और जयपुर के लिए भी सीधी उड़ानें शुरू हो सकेंगी।
नए साल के जश्न के बाद भी पहले वीकेंड पर हिमाचल के पर्यटन स्थल सैलानियों से गुलजार हो गए हैं। हिल्सक्वीन शिमला, मनाली, धर्मशाला, कसौली, चायल और डलहौजी में सैलानियों की भारी भीड़ रही। वीकेंड पर बर्फबारी के पूर्वानुमान के चलते बड़ी संख्या में सैलानियों ने हिमाचल के पर्यटन स्थलों का रुख किया। पर्यटक स्थलों पर पर्यटक वाहनों की भीड़ बढ़ने से ट्रैफिक जाम की समस्या भी पेश आई। वीकेंड पर शनिवार और रविवार को शिमला में सैलानियों का खूब जमावड़ा लगा। रिज मैदान पर विंटर कार्निवाल का सैलानियों ने आनंद लिया। पर्यटन निगम की लिफ्ट के बाहर सैलानियों की लंबी कतारें लगी रहीं। बर्फ में अठखेलियां करने के लिए सैलानियों ने कुफरी और नारकंडा का रुख किया। कुल्लू-मनाली में भी वीकेंड पर सैलानियों की खूब रौनक रही। औट, बंजार और तीर्थन घाटी में पर्यटक वाहनों की संख्या बढ़ने से ट्रैफिक जाम की समस्या पेश आई। अटल टनल रोहतांग में भी वीकेंड पर सैलानियों की भारी भीड़ रही। कसौली में वीकेंड पर पर्यटक वाहनों की भीड़ बढ़ने से जाम की समस्या पेश आई। धर्मशाला और चायल में भी नए साल के पहले वीकेंड पर ब़ॉी संख्या में सैलानी मौसम का लुत्फ उठाने के लिए पहुंचे।फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि नए साल के जश्न के बाद पहला वीकेंड भी शानदार रहा है। बर्फबारी का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी शिमला, मनाली, धर्मशाला सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर पहुंचे हैं। बर्फबारी होती रही तो सैलानियों के आने का क्रम आगे भी जारी रहेगा।
हिमाचल प्रदेश के मंडी में चिट्टे की तस्करी के झूठे केस में फंसाने की फोन पर धमकी देकर पैसे मांगने और कुल्लू के तोश में घूमने आए हरियाणा के युवक की मौत के मामले में सीबीआई ने केस दर्ज किए हैं। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दोनों मामले सीबीआई को सौंपने के राज्य सरकार को निर्देश दिए थे। रविवार को केस दर्ज कर सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। सीबीआई मामलों में की गई अब तक की जांच का सारा रिकॉर्ड पुलिस से लेगी और मामले से जुड़े लोगों से पूछताछ की जाएगी। गौर हो कि हरियाणा का वैभव यादव (21) 9 दिसंबर 2023 को चार युवकों के साथ तोश घूमने आया था। सभी युवक सूरज गेस्ट हाउस में रुके। इस बीच वैभव की मौत हो गई। इसके बाद वैभव के पिता बलदेव ने पुलिस महानिदेशक और पुलिस थाना कुल्लू को लिखित शिकायत देकर पुलिस जांच पर सवाल उठाए। उन्होंने हिमाचल हाईकोर्ट को पत्र लिखा, जिसके आधार पर आपराधिक रिट याचिका दायर की गई और हाईकोर्ट ने सीबीआई को मामले की जांच सौंपने के आदेश दिए। वहीं, चिट्टा तस्करी के झूठे आपराधिक मामले में फंसाने की धमकी देकर जबरन वसूली के आरोपों में शिकायत के आधार पर 10 जून 2024 को मंडी के बल्ह थाने में एक केस दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसे 31 मार्च 2024 की शाम को एक फोन कॉल आई, जिसमें कहा गया कि उनके बेटे की गाड़ी से चिट्टा पकड़ा गया है। यदि उस बचाना है तो एक पेटी या एक लाख रुपये का प्रबंध करें और अकेले नेरचौक आने को कहा। इस मामले में भी युवक के पिता की शिकायत पर हाईकोर्ट ने सीबीआई को केस की जांच सौंपने के आदेश दिए थे। अब सीबीआई ने दोनों मामलों में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार ने पेड़ कटान पर अंकुश लगाने के लिए सख्त फैसले लिए हैं। इसको लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इसके मुताबिक प्रदेश सरकार ने खैर व तीन प्रजातियों सफेदा, पॉपुलर और बांस को छोड़कर अन्य पेड़ों के कटान पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा कृषि और घरेलू उपयोग के लिए साल भर में तीन पेड़ एक वर्ष के भीतर किसानों द्वारा काटे जा सकते है। इससे ज्यादा पेड़ काटने के लिए किसानों को वन मंडल अधिकारी से लिखित में अनुमति लेनी होगी। वहीं, खैर का कटान पहले की तरह दस वर्ष की अवधि के बाद ही किया जाएगा। इस बारे में वन विभाग ने आदेश जारी किए हैं। जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं। प्रदेश में पेड़ कटान के लिए अधिकारियों की अनुमति देने की सीमा को भी निर्धारित किया गया है। प्रदेश में अब एक साल में 200 पेड़ काटने तक की अनुमति देने के लिए डीएफओ को अधिकृत किया गया है। वहीं, एक साल में 300 तक पेड़ काटने के लिए मुख्य अरण्यपाल व अरण्यपाल वन, अनुमति दे सकते है। 400 पेड़ काटने तक के लिए प्रधान मुख्य अरण्यपाल को अनुमति देने का अधिकार होगा। वहीं, 400 से अधिक पेड़ काटने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार की अनुमति लेनी होगी। अन्य प्रजातियों के पेड़ों को बेचने व कटान की अनुमति प्रधान मुख्य अरण्यपाल की और से दी जाएगी। पर्यावरण के कारण मौसम में लगातार हो रहे बदलाव को देखते हुए सरकार ने धरती पर हरियाली को बचाने की दिशा में कदम बढ़ाया हैं। प्रदेश सरकार ने घरेलू, कृषि व बेचने के लिए वृक्ष काटने वाले व्यक्ति को तीन पेड़ काटने पर इसके बदले तीन पेड़ों का रोपण करना होगा। सरकार ने ये शर्त पर्यावरण को बचाने के लिए लगाई है, ताकि जितने पेड़ काटे जाएंगे उतने ही पौधों का रोपण कर आने वाली पीढ़ियों के लिए भी वन संपदा को बचाकर रखा जा सकेगा। वहीं, अगर फलदार पौधे रोपित किए जाते हैं, तो उसके लिए बागवानी विभाग की तरफ से तय मापदंड का पालन करना होगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार और वाइल्ड फ्लॉवर होटल प्रबंधन के बीच बातचीत को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है। ओबरॉय ग्रुप की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़े। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाॅल दुआ की अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है। अगली सुनवाई एक मार्च को होगी। उस दिन अब ईस्ट इंडिया होटल लिमिटेड यानी ओबरॉय समूह की ओर से भी बहस की जाएगी। सरकार की ओर से कहा गया कि होटल प्रबंधन की तरफ से बातचीत के लिए कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया। अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को कहा था कि प्रस्ताव पर सहमति बनती है या नहीं, इस पर अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। राजधानी शिमला के नजदीक ऐतिहासिक वाइल्ड फ्लॉवर हॉल होटल के प्रबंधन से सरकार बातचीत करने के लिए तैयार हो गई थी। महाधिवक्ता अनूप रतन ने हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि अगर ईस्ट इंडिया होटल लिमिटेड यानी ओबरॉय समूह की ओर से कोई प्रस्ताव दिया जाता है तो सरकार के दरवाजे बातचीत के लिए खुले हैं। उन्होंने कहा था कि अगर कोई भी कंपनी प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काम करना चाहती है तो सरकार स्वागत करती है। राज्य सरकार ने वाइल्ड फ्लावर हॉल को अपने अधीन लेने को लेकर हाईकोर्ट में क्रियान्वयन याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने पहले ही ओबरॉय समूह को मध्यस्थता के आदेशों की पालना करने के आदेश दिए थे। बता दें कि होटल के स्वामित्व की दो दशकों से कानूनी लड़ाई चल रही है। हाईकोर्ट ने वाइल्ड फ्लावर हॉल को सरकार को सौंपने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ ओबरॉय ग्रुप सुप्रीम कोर्ट गया था। सुप्रीम कोर्ट से इन्हें कोई राहत नहीं मिली।
हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में गैर शैक्षणिक वीडियो और रील्स बनाने पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा सोशल मीडिया का अनावश्यक उपयोग नहीं होगा। शनिवार को उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्रिंसिपलों को इस बाबत नजर रखने के निर्देश जारी किए। निदेशालय ने विद्यार्थियों पर इन गतिविधियों का गलत प्रभाव पड़ने का हवाला दिया है। निर्देशों का पालन न करने वाले शिक्षकों और गैर शिक्षकों को अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रति भी चेताया गया है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि ध्यान भटकाने वाली गतिविधियों पर लगाम लगाने और शैक्षणिक गतिविधियों पर फोकस बढ़ाने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है। सोशल मीडिया पर शिक्षकों और कर्मचारियों के गैर शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल होने के बढ़ते मामलों की निदेशालय के पास लगातार शिकायतें आ रही हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए निदेशालय ने स्कूलों-कॉलेजों के प्रिंसिपलों और जिला शिक्षा उपनिदेशकों को पत्र जारी किए हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि कुछ शिक्षक और कर्मचारी स्कूल समय में ऐसी सामग्री बनाते रहते हैं, जो छात्रों के शैक्षणिक विकास में योगदान नहीं देती। ऐसी वीडियो या रील्स सोशल मीडिया पर डाले जा रहे हैं, जो शैक्षणिक, खेल या पाठयक्रम से संबंधित नहीं होते हैं। ऐसे विकर्षण विद्यार्थियों को उनके शैक्षिक लक्ष्यों से दूर करते हैं और उन्हें सोशल मीडिया के उपयोग में लिप्त होने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं जो उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। स्कूलों-कॉलेजों के प्रिंसिपलों को निर्देश दिया है कि विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण और उन्हें जिम्मेदार और बेहतर नागरिक बनने के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
शिमला जिले के ठियोग उपमंडल में टैंकरों से पानी आपूर्ति देने के नाम पर हुए लाखों रुपये के घोटाले की जांच शनिवार को विजिलेंस ने शुरू कर दी। एएसपी नरवीर सिंह राठौर की अगुवाई में गठित जांच टीम ने एसडीएम ठियोग कार्यालय से संबंधित रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया है। पानी आपूर्ति के घोटाले की खबर अमर उजाला में प्रकाशित होने के बाद जल शक्ति विभाग में हड़कंप मच गया था और विभाग के 10 अधिकारियों को शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया। इनमें दो अधिशासी, तीन सहायक, चार कनिष्ठ और एक सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता शामिल हैं। इसके बाद मामला सरकार ने जांच के लिए विजिलेंस को सौंप दिया। शनिवार को घोटाले के तथ्यों की जांच कर विजिलेंस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ठियोग का दौरा किया और एसडीएम कार्यालय का पानी की सप्लाई से संबंधित रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया। सूत्रों के अनुसार विजिलेंस मामले में जल्द ही एफआईआर भी दर्ज कर सकती है। इसके बाद निलंबित अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बता दें कि पानी की आपूर्ति के लिए टैंकरों की जगह बाइक, कारों और अफसर की गाड़ी के नंबर देने और जहां सड़क नहीं है, वहां भी टैंकरों से पानी की आपूर्ति दर्शाने की खबर छपने के बाद सरकार हरकत में आई और 10 अफसरों पर कार्रवाई की। निलंबित अफसरों को विभाग के मुख्यालय में अटैच किया गया है। इसके अलावा पानी की सप्लाई करने वाले ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट भी कर दिया गया है। वहीं, इस मामले में ठियोग से कांग्रेस के विधायक कुलदीप राठौर ने कहा कि जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। राठाैर ने कहा कि जैसे ही 27 नवंबर को इस मामले की जानकारी मिली, तुरंत उपमुख्यमंत्री एवं जलशक्ति मंत्री मुकेश अग्निहोत्री से इस घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की। साथ ही आला अधिकारियों के साथ चर्चा कर तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिए। विजिलेंस की टीम को शनिवार शाम को मामले से जुड़े सभी जरूरी कागजात सौंप दिए हैं।
** विनोद सुल्तानपुरी ने गनोल स्कूल के नए भवन का किया शिलान्यास कसौली (हेमेंद्र कंवर): कसौली विधानसभा क्षेत्र की गनोल पंचायत स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल गनोल में शनिवार को वार्षिक पारितोषिक वितरण व शिलान्यास समारोह आयोजित हुआ। इस समारोह में कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने बतौर मुख्य अतिथि गनोल स्कूल के नए भवन के निर्माण का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि पिछले चुनावों में गनोल स्कूल को सीनियर सेकेंडरी स्कूल घोषित किया गया था, लेकिन इसके बाद बिना बजट के कई स्कूल बंद हो गए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस मुद्दे को उठाया, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश में केवल दो स्कूलों को फिर से अधिसूचित किया गया, जिनमें गनोल भी शामिल है। विधायक ने इस क्षेत्र की गढ़खल-गुनाई सड़क की समस्या को भी गंभीर बताया और कहा कि वह इसे मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए प्रयासरत हैं। साथ ही, इस सड़क पर बस सेवा शुरू करने के लिए उन्होंने अपने प्रयास जारी रखने की बात कही। विधायक ने मेधावी बच्चों को सम्मानित करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह दिए और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों को अपनी ऐच्छिक निधि से 21 हजार रुपये देने की घोषणा की। समारोह में उन्होंने जनसमस्याओं को भी सुना और अधिकारियों को इन्हें शीघ्र हल करने के निर्देश दिए। बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम ने दर्शकों से वाहवाही प्राप्त की। स्कूल की कार्यकारी प्रधानाचार्य अनीता रानी ने स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। समारोह में तहसीलदार कसौली जगपाल चौधरी, जिप सदस्य एडवोकेट मनोज वर्मा, गनोल पंचायत प्रधान संतोष कुमारी, उपप्रधान रणदीप राणा, कसौली-गढ़खल पंचायत प्रधान राम सिंह, उपप्रधान श्याम लाल ठाकुर, नाहरी पंचायत के पूर्व उपप्रधान मनमोहन वशिष्ठ, कसौली युवा कांग्रेस के अध्यक्ष साहिल अत्री, वरिष्ठ कांग्रेसी तीर्थराम शांडिल, राजेंद्र शर्मा, श्याम दत्त शर्मा, मोहनलाल शर्मा, जोगिंदर शर्मा, गनोल पंचायत की पूर्व प्रधान निर्मल शर्मा, महेंद्र दत्त शर्मा, जय किशन शर्मा, अमर दत्त शर्मा, कविराम शांडिल, राजेंद्र शांडिल, बुधराम शांडिल, प्रकाश शर्मा, केशव कुमार, ज्ञान सिंह, एक्स सर्विसमैन लीग के अध्यक्ष सूबेदार मेजर, सच्चिदानंद शर्मा, एसएमसी प्रधान सीमा, लोक निर्माण विभाग कसौली के एसडीओ विशाल भारद्वाज, जेई पुरषोत्तम समेत कई लोग उपस्थित रहे।
पेंशनर एसोसिएशन कुनिहार इकाई की मासिक बैठक मंगलवार 7 जनवरी को पेंशनर्ज कार्यालय तालाब कुनिहार में इकाई अध्यक्ष विनोद जोशी की अध्यक्षता में आयोजित की जा रही है। विनोद जोशी ने कुनिहार इकाई के सभी कार्यकारिणी के सभी सदस्यों से इस बैठक में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचने की अपील की है। उन्होंने सभी पेंशनरों से आग्रह किया है कि 7 जनवरी को ठीक 11 बजे पेंशनर कार्यालय तालाब कुनिहार में पहुंचे तथा पेंशनरो की समस्या व आगामी बारे चर्चा में बढ़चढ़ कर भाग लें।
एचआरटीसी (हिमाचल पथ परिवहन निगम) के बेड़े में मार्च माह में 24 नई वोल्वो बसें जुड़ जाएंगी। इनकी खरीद के लिए सरकार ने एचआरटीसी को 36 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। नई बसें हिमाचल के विभिन्न रूटों से दिल्ली के लिए चलाई जाएंगी। हाईटेक बसों में यात्री आरामदायक सफर का आनंद ले सकेंगे। आधुनिक सुविधाओं से लैस एक वोल्वो बस की कीमत करीब डेढ़ करोड़ है। एचआरटीसी शिमला, मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, बीड़, चंबा, हमीरपुर, रिवालसर और चिंतपूर्णी सहित अन्य रूटों से दिल्ली के लिए वोल्वो चलाता है। सामान्य बसों के मुकाबले वोल्वो की कमाई करीब दोगुना है। दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के बाद ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) पाबंदियां लगाई गई हैं, जिनके तहत बीएस-6 बसों को ही राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश दिया जा रहा है। निगम की वोल्वो सेवा प्रभावित न हो, इसके लिए नई बसों की खरीद प्रक्रिया शुरू की गई है। 24 नई वोल्वो खरीदने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। मार्च में ये बसें मिलना शुरू हो जाएंगी। नई बसें आधुनिक सुविधाओं से लैस बीएस-6 श्रेणी की होंगी। इन्हें प्रदेश के विभिन्न रूटों से दिल्ली के लिए संचालित किया जाएगा। बीएस-6 तकनीक से लैस प्रदूषण रहित नई वोल्वो में हर सीट पर यात्रियों के लिए थाई रेस्ट, फुट रेस्ट की सुविधा उपलब्ध होगी। लैपटॉप सहित अन्य कीमती सामान चोरी होने की घटनाओं के मद्देनजर सीटों के ऊपर कैरियर में लॉकर की सुविधा होगी। सभी सीटों के साथ यूएसबी मोबाइल चार्जर और पहली दो सीटों पर लैपटॉप चार्जर की सुविधा दी जाएगी। निगम की पुरानी वोल्वो 285 हॉर्स पावर की हैं। नई वोल्वो 300 हॉर्स पॉवर होंगी। नई वोल्वो पैनिक बटन, व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम और वाईफाई से लैस होंगी।
हिमाचल प्रदेश में 20 से कम छात्र संख्या वाले हाई और 25 वाले वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा घटेगा। नए शैक्षणिक सत्र से पांच से सात किलोमीटर के नजदीकी स्कूलों में इन स्कूलों के विद्यार्थियों को दाखिले दिलाए जाएंगे। प्रदेश में अब स्कूल मर्ज करने की जगह दर्जा घटाने का प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है। उच्च शिक्षा निदेशालय से जनवरी अंत तक सरकार ने इस बाबत प्रस्ताव मांगा है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का डाटा एकत्र होने के बाद सरकार की मंजूरी लेकर इनका दर्जा कम किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिन हाई स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 20 या उससे कम होगी, ऐसे स्कूलों का दर्जा घटाकर मिडल किया जाएगा। इसी तरह जिन वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थी संख्या 25 या उससे कम होगी, वहां स्कूलों का दर्जा घटाकर हाई स्कूल किया जाएगा। दर्जा घटने के बाद जो कक्षाएं स्कूलों में बंद हो जाएंगी, उनमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पांच से सात किलोमीटर के दायरे वाले अन्य स्कूलों में दाखिले दिलाए जाएंगे। शैक्षणिक सत्र 2025-26 से यह व्यवस्था लागू होगी। उधर, 10 छात्र संख्या से कम वाले प्राइमरी स्कूलों को नजदीकी दो से तीन किलोमीटर के दायरे वाले स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने 300 ऐसे स्कूल चिह्नित किए हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या दस से कम है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अगले चरण में कम छात्र संख्या वाले कॉलेजों को भी मर्ज किया जाएगा। सभी कॉलेजों से विद्यार्थियों के नामांकन की जानकारी मांगी गई है। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने और हर संस्थान में पर्याप्त मात्रा में शिक्षकों की नियुक्तियां करने के लिए कम विद्यार्थियों वाले संस्थानों को मर्ज या दर्जा घटाने का फैसला लिया गया है।
सरकारी स्कूलों में नर्सरी से आठवीं कक्षा तक विद्यार्थियों को परोसे जाने वाले मिड-डे-मील की जांच में कई खामियां सामने आई हैं। यह खुलासा पंजाब बायोटेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर की ओर से स्कूलों में तैयार होने वाले खाने के सैंपल जांचने पर हुआ। सैंपल जांच में सामने आया कि खाने में ई कोली नाम का बैक्टीरिया है। इससे बच्चों का पेट खराब होने से लेकर आंत को नुकसान तक पहुंच सकता है। जांच रिपोर्ट आने के बाद शिक्षा विभाग ने सभी स्कूल प्रबंधकों को खाना बनाते समय स्वच्छता मानकों का ख्याल रखने की हिदायत दी है। जानकारी के अनुसार सितंबर 2024 में केंद्र सरकार के निर्देश अनुसार पंजाब बायोटेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर मोहाली की टीम ने ऊना के 10 स्कूलों में जाकर मिड-डे-मील के सैंपल लिए। सैंपल की जांच रिपोर्ट हाल ही में सामने आई है। इसमें कहा गया है कि भोजन में ई कोली बैक्टीरिया है, जो बच्चों की सेहत पर बुरा असर करता है। रिपोर्ट मिलने के बाद शिक्षा विभाग के हरकत में आते हुए स्कूलों को आदेश दिए गए कि भोजन तैयार करने वाले कर्मियों की नियमित स्वास्थ्य जांच हो। खाना बनाते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। स्कूल प्रबंधक पेयजल की नियमित समय अंतराल के बाद क्लोरीनेशन करवाते रहें। खाना बनाने वाले स्थान, इस्तेमाल होने वाले बर्तनों और जहां बच्चों को भोजन खिलाया जाता है, उस स्थान की प्रतिदिन सफाई करवाई जाए। इसके अलावा खाना बनाने से पहले हाथों को साबुन से धोया जाए। बर्तन धोने के बाद व भोजन वितरित करते समय भी हाथों की साफ सफाई रखी जाए। ई कोली बैक्टीरिया के कुछ प्रकार जहरीला पदार्थ बनाते हैं, जो छोटी आंत की परत को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे पेट में ऐंठन, उल्टी और दस्त (अक्सर खून के साथ) हो सकते हैं। लक्षण आमतौर पर बैक्टीरिया के संपर्क में आने के 3-4 दिन बाद शुरू होते हैं और लगभग एक सप्ताह के भीतर समाप्त हो जाते हैं। संक्रमण कम से कम तब तक संक्रामक रहता है, जब तक व्यक्ति को दस्त रहता है।
हिमाचल प्रदेश के राशनकार्ड उपभोक्ताओं को डिपुओं में इस महीने सरसों और रिफाइंड तेल मिलने की उम्मीद है। खाद्य आपूर्ति निगम ने शुक्रवार को तेल के टेंडर खोल दिए हैं। इसमें तीन कंपनियों ने डिपो में तेल की सप्लाई देने की हामी भरी है। सोमवार को खाद्य आपूर्ति निगम की ओर से फाइनेंशियल बिड खोली जानी है। इनमें से अब जिस कंपनी का रेट सबसे कम होगा, उसे टेंडर दिया जाएगा। हिमाचल में राशनकार्ड उपभोक्ताओं को तीन महीने से सरसों और रिफाइंड तेल नहीं मिला है। हालांकि इससे पहले भी खाद्य आपूर्ति निगम ने तेल की कंपनी फाइनल कर फाइल मंजूरी के लिए सरकार को भेजी थी। लेकिन रेट ज्यादा होने पर इसे रद्द किया गया। इसके चलते निगम की ओर से दोबारा से टेंडर किया जा रहा है। हिमाचल में साढ़े 19 लाख राशनकार्ड परिवार हैं। प्रदेश सरकार लोगों को दो लीटर तेल (एक रिफाइंड और एक लीटर सरसों), चीनी, तीन किलो दालें (मलका, माश और दाल चना) सब्सिडी पर दे रही है। आटा और चावल केंद्र सरकार सब्सिडी पर उपलब्ध करवा रही है। खाद्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल का कहना है कि डिपुओं में उपभोक्ताओं को सस्ते दामों में सरसों और रिफाइंड तेल उपलब्ध कराया जाना है। निगम की ओर से औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। जिस कंपनी का रेट कम होगा, टेंडर उसे दिया जाएगा। निगम का दावा है कि हिमाचल प्रदेश में 3 महीने तक दालों की कमी नहीं होगी। खाद्य आपूर्ति निगम के गोदाम दालों से भरे हैं। निगम ने डिपो होल्डर को समय रहते गोदामों से सप्लाई उठाने के निर्देश दिए हैं।
हिमाचल प्रदेश पूर्व सैनिक निदेशालय ने पुलिस कांस्टेबल के 123 पदों भरने के लिए साक्षात्कार 24 फरवरी से होंगे। निदेशालय ने शेड्यूल जारी कर दिया है। साक्षात्कार प्रक्रिया 20 मार्च तक चलेगी। सामान्य श्रेणी के 74, अन्य पिछड़ा वर्ग के 16, अनुसूचित जाति के 24 और अनुसूचित जनजाति के 9 पद भरे जाएंगे। निदेशालय ने साफ किया है कि साक्षात्कार प्रक्रिया में वही पूर्व सैनिक भाग ले सकते हैं, जो एक जनवरी 2022 से एक जनवरी 2024 के बीच सेवानिवृत्त हुए हैं। शैक्षणिक योग्यता दसवीं पास अनिवार्य है। शेड्यूल के अनुसार बिलासपुर के सभी रोजगार कार्यालय में पंजीकृत पूर्व सैनिकों के लिए साक्षात्कार 24 फरवरी को होंगे। चंबा के 25, हमीरपुर और भोरंज में 27 फरवरी, सुजानपुर, बड़सर, नादौन में 28 को साक्षात्कार होंगे। मंडी, जोगिंद्रनगर, धर्मपुर, गोहर, करसोग, सरकाघाट में तीन मार्च, सुंदरनगर, पधर, नेरचौक, बालाचौकी व थुनाग में चार, सिरमौर में पांच, ऊना व हरोली में छह, अंब, बंगाणा में सात, सोलन के रोजगार कार्यालयों में 10 मार्च, धर्मशाला, कांगड़ा, पालमपुर, देहरा, नूरपुर में 11 मार्च को साक्षात्कार होंगे। बरोह, बैजनाथ, ज्वाली, फतेहपुर, नगरोटा सूरियां में 12, नगरोटा बगवां, ज्वालामुखी, कस्बा कोटला, इंदौरा, लंबागांव में 13, शिमला, मशोबरा, ठियोग, रामपुर, सुन्नी, चौपाल में 17, रोहडू, जुब्बल, कुमारसैन, डोडरा क्वार, कुपवी, चिड़गांव में 18, कुल्लू, किन्नौर और लाहौल-स्पीति के सभी रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत पूर्व सैनिकों के लिए साक्षात्कार 19 मार्च को होंगे। सड़कें बंद होने के कारण जो पूर्व सैनिक साक्षात्कार में भाग नहीं ले सकेंगे, उनके लिए 20 मार्च को साक्षात्कार होंगे। इसके लिए उन्हें तहसीलदार या एसडीएम से एक प्रमाणपत्र देना होगा। निदेशालय के निदेशक ब्रिगेडियर मदनशील ने बताया कि अधिसूचना जारी कर दी गई है। पूर्व सैनिक वेबसाइट से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
अर्की के विधायक संजय अवस्थी ने कहा कि अर्की विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक व्यक्ति की समस्याओं का उचित निदान करना और विधानसभा क्षेत्र में आधारभूत अधोसंरचना को सुदृढ़ करना उनकी प्राथमिकता है। संजय अवस्थी आज अर्की में लोगों की समस्याएं सुनने के उपरांत उपस्थित जनसमूह से वार्तालाप कर रहे थे। विधायक ने इस अवसर पर सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं दी और आशा जताई कि सभी के सहयोग से हिमाचल देश में पहाड़ी क्षेत्रों में संतुलित विकास का आदर्श बनकर उभरेगा। संजय अवस्थी ने कहा कि अर्की विधानसभा क्षेत्र का सर्वागींण विकास करने के लिए वह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि तथा रोज़गार एवं स्वरोज़गार क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बच्चों को सरकारी विद्यालयों में पहली कक्षा से ही अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा प्रदान करने के निर्णय से हमारे छात्र जहां विश्व स्तर पर अधिक प्रतियोगी बनेंगे वहीं तकनीक के क्षेत्र में होने वाले नित बदलावों को सहजता से ग्रहण भी कर पाएंगे। विधायक ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में दीर्घकालिक परिवर्तन करने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चरणबद्ध आधार पर रॉबोटिक्स शल्य चिकित्सा सहित व्यापक स्तर पर टेलीमेडिसन और ड्रोन के माध्यम से दुर्गम क्षेत्रों में दवाई इत्यादि पहुंचाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इनसे बहुमूल्य जीवन बचाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र में विविधता लाने और किसानों को उनकी उपज के बेहतर मूल्य दिलाने के लिए कार्य कर रही है। प्राकृतिक कृषि के उत्पादों को बेहतर मूल्य दिलाने के लिए मक्की उत्पाद के साथ नवीन शुरूआत की गई है। उन्होंने कहा कि युवाओं को बेहतर रोज़गार उपलब्ध करवाने और उन्हें वित्तीय रूप से ठोस स्वरोज़गार स्थापित करने की दिशा में राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना मील का पत्थर सिद्ध हो रही है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि प्रदेश सरकार की इन योजनाओं का लाभ उठाएं और प्रदेश तथा अपनी आर्थिकी को मज़बूत बनाएं। उन्होंने इस अवसर पर लोहारघाट में उप तहसील खोलने व कुनिहार को नगर पंचायत बनाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अर्की से बसंतपुर, घड़याच, टेपरा, नम्होल इत्यादि 07 ग्राम पंचायतों को बिलासपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से जोड़ने के लिए बस सुविधा आरम्भ हो गई है। इस बस सुविधा से क्षेत्र के लोग व्यापक तौर पर लाभान्वित होंगे। विधायक ने कहा कि अर्की विधानसभा क्षेत्र की दूर-दराज ग्राम पंचायत सारमा में शीघ्र ही पटवार वृत्त खोला जाएगा। उन्होंने इस अवसर पर देश को गंभीर आर्थिक संकट से निकालने और अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं के सम्पर्ण के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्व. डॉ. मनमोहन सिंह को स्मरण किया। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को लोगों द्वारा प्रस्तुत समस्याओं के शीघ्र निपटारे के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर नगर पंचायत अर्की के अध्यक्ष अनुज गुप्ता, राष्ट्रीय युवा कांग्रेस अर्की मण्डल के अध्यक्ष सतीश कुमार (विक्की), बाघल लैंड लूजर के प्रधान जगदीश ठाकुर, कांग्रेस पार्टी के सतीश कश्यप, रोशन वर्मा, सुरेंद्र पाठक, धनीराम ठाकुर, प्यारेलाल, कमलेश शर्मा, उपमण्डलाधिकारी अर्की यादविंदर पाल, पुलिस उपाधीक्षक दाड़लाघाट संदीप शर्मा, जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता विवेक कटोच, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता शशिपाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व पंचायतों के जन प्रतिनिधि तथा स्थानीय लोग उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां बताया कि प्रदेश सरकार 22 नई जल विद्युत परियोजनाओं का आबंटन करने जा रही है, जिनकी कुल विद्युत क्षमता 828 मेगावाट है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं में 6.5 मेगावाट से लेकर 400 मेगावाट तक की परियोजनाएं शामिल है। उन्होंने कहा कि यह परियोजनाएं प्रदेश के कुल्लू, चम्बा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और शिमला जिलों में चिन्हित की गई हैं, जिनमें सबसे अधिक 595 मेगावाट क्षमता की नौ परियोजनाएं चिनाव नदी बेसिन, 169 मेगावाट क्षमता की आठ परियोजनाएं सतलुज नदी बेसिन, 55 मेगावाट की क्षमता की चार परियोजनाएं रावी व एक परियोजना नौ मेगावाट क्षमता की ब्यास बेसिन में लगाना प्रस्तावित है। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहली बार इन परियोजनाओं को देश के अन्य राज्यों एवं केन्द्र शसित प्रदेशों व अन्य राज्य व केन्द्रीय उपक्रमों को 10 लाख प्रति मेगावाट अपफ्रंट प्रीमियम के आधार पर 40 वर्ष के लिए आबंटित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में ऊर्जा निदेशालय द्वारा सभी राज्य के सचिवों व केन्द्रीय उपक्रमों को पत्र भी भेजा गया है। उन्होंने कहा इन परियोजनाओ के आबंटन के लिए अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार के लिए विज्ञापन भी जारी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं के लगने से बिजली की आपूर्ति, मुफ्त बिजली के रूप में राजस्व में बढ़ोतरी, स्थानीय लोगों को रोजगार व स्थानीय क्षेत्रों का विकास सुनिश्चित होगा। हिमाचल प्रदेश देश के एक समृद्धतम राज्य के रूप में उभरेगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने 1988 बैच के आईएफएस अधिकारी समीर रस्तोगी को वन बल प्रमुख (हाफ) के अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। समीर रस्तोगी, जो वर्तमान में सीपीडी जाईका के पद पर तैनात हैं, अब वन विभाग के मुखिया के रूप में कार्य करेंगे। यह पद डॉ. पवनेश के सेवानिवृत्त होने के बाद खाली हुआ था, जिनके योगदान को सम्मानित करने के लिए वन विभाग में एक सादे समारोह का आयोजन किया गया। समीर रस्तोगी को यह नई जिम्मेदारी मिलने के बाद उन्हें अपेक्स स्केल मिलने की उम्मीद है। उन्होंने पहले भी विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जैसे कि डीएफओ, सीसीएफ, और अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल के पदों पर। इसके अलावा, वह मिड हिमालयन परियोजना में क्षेत्रीय परियोजना निदेशक बिलासपुर और वन विकास निगम में भी महत्वपूर्ण पदों पर सेवा दे चुके हैं। समीर रस्तोगी ने फरवरी 2019 से फरवरी 2024 तक केंद्र सरकार की सार्वजनिक उपक्रम, राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनसीएफएल), मुंबई में चीफ विजिलेंस अफसर के रूप में कार्य किया। वे छह अप्रैल से जाईका वानिकी परियोजना में मुख्य परियोजना निदेशक के पद पर तैनात हैं। वहीं, डॉ. पवनेश को उनके सेवानिवृत्त होने पर वन विभाग मुख्यालय शिमला में विदाई दी गई। उन्होंने वन बल प्रमुख के साथ-साथ वन निगम के महानिदेशक और आइडीपी प्रोजेक्ट सोलन के मुख्य परियोजना निदेशक के पद पर भी अपनी सेवाएं दी थीं। डॉ. पवनेश की सेवानिवृत्ति पर वन विभाग कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश बादल ने उन्हें बधाई दी और उनके द्वारा कर्मचारियों के लंबित मामलों को सुलझाने की सराहना की।
नववर्ष के पहले दिन मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अपने सरकारी और निजी आवास पर लगे बिजली मीटरों पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ने की घोषणा की। सीएम ने कहा, मेरे नाम से बिजली के पांच मीटर हैं। मुझे ही 625 यूनिट बिजली उपदान में मिल रही है। यह उपदान गरीब आदमी को मिलना चाहिए। सीएम ने कहा कि मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों और कांग्रेस विधायकों ने भी सब्सिडी छोड़ने पर सहमति जताई है। सीएम ने समर्थ लोगों से स्वेच्छा से बिजली छोड़ने की अपील की है। बोर्ड ने प्रारूप तैयार किया है और इसे भरना होगा। सुक्खू ने सब्सिडी छोड़ने के लिए विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष को एक फार्म भरकर सौंपा। सीएम ने बुधवार को ओकओवर शिमला में प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि समर्थ लोग इसे छोड़ें तो 200 करोड़ रुपये की मासिक बचत होगी। सीएम ने कहा कि वर्तमान सरकार ने जब सत्ता संभाली थी तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी। उन्होंने फैसले किए, जिसके बाद अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है। सभी स्रोतों से प्रदेश की आय 14,000 करोड़ से लेकर 16,000 करोड़ रुपये तक है। वह कब तक कर्ज पर कर्ज लेकर राज्य की अर्थव्यवस्था को चलाते रहेंगे। इसे कमजोर करते रहेंगे। दो साल में हमने 28 हजार करोड़ का कर्ज लिया। कर्ज इसलिए लिया, क्योंकि जो पिछला लोन था, उसमें 10 हजार करोड़ रुपये ब्याज के दिए और 8,000 करोड़ रुपये मूलधन का वापस किया। राज्य की संपदा की बात करें तो बजट पेश करते हुए भी वह अनुमान लगाते हैं कि बजट कितने हजार करोड़ रुपये का होगा, मगर पिछले कई वर्षों से उस बजट में होल चलता रहा है। यानी बजट 58 हजार करोड़ रुपये का प्रस्तुत किया गया है, लेकिन चार हजार करोड़ रुपये तक का जो कर, राजस्व और अनुदान आना चाहिए था, वह नहीं मिला। 4000 करोड़ रुपये का उस बजट में होल चलता रहा है।
कुनिहार पुलिस ने बुधवार शाम गश्त के दौरान उत्तराखंड के दो युवकों से 276 ग्राम चरस बरामद की। जानकारी के अनुसार, जब कुनिहार पुलिस के एचसी राजेंद्र कुमार और अन्य पुलिसकर्मी सरकारी गाड़ी को शिव गुफा कुनिहार के पास खड़ी कर पैदल डुमैहर रोड की ओर गश्त करते हुए जा रहे थे, तभी डुमैहर की ओर से दो युवक पैदल शिव गुफा कुनिहार की ओर आ रहे थे। इनमें से एक युवक ने पुलिस को देखकर अपनी पैंट की बांई जेब से एक सफेद रंग का लिफाफा निकालकर सड़क के ऊपर की तरफ नाली में फेंक दिया। पुलिस को शक हुआ, तो उन्होंने दोनों युवकों को काबू किया। लिफाफा फेंकने वाले युवक ने अपना नाम अमन पुत्र राम सिंह, गांव मोरी, डॉ. घ. परोला, तहसील नौगांव, जिला उत्तरकाशी, उत्तराखंड बताया। दूसरे युवक ने अपना नाम अजीत पुत्र मोहनलाल, गांव सेवा, डॉ. घ. मसरी, तहसील मोरी, जिला उत्तरकाशी, उत्तराखंड बताया। पुलिस ने लिफाफे को खोलकर देखा, तो उसमें काले रंग का ठोस बती नुमा पदार्थ था, जो सूंघने और अनुभव से चरस पाया गया। आरोपियों ने भी इसे चरस ही बताया। चरस को तोलने पर पॉलिथीन लिफाफे सहित 283 ग्राम और बिना लिफाफे के 276 ग्राम चरस मिली। इस मामले की पुष्टि डीएसपी अशोक चौहान ने की है।
हिमाचल प्रदेश में नए साल में उपभोक्ताओं को दालों के महंगे बाजार से राहत मिलेगी। पिछले दो महीने से डिपुओं में दालों का कोटा नहीं मिल रहा था, लेकिन अब हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने उड़द, दाल चना और मलका दाल का सप्लाई ऑर्डर जारी कर दिया है। इसके बाद, ये दालें डिपुओं में पहुंचने लगी हैं। अब उपभोक्ताओं को इस महीने का कोटा मिलेगा, साथ ही दो महीने का बैकलॉग कोटा भी दिया जाएगा।हालांकि, उपभोक्ताओं को अभी सरसों का तेल मिलना बाकी है। इसके लिए 4 जनवरी को टेंडर खोला जाएगा और सरकार से मंजूरी मिलने के बाद सप्लाई ऑर्डर जारी किया जाएगा। अब, हिमाचल प्रदेश के करीब 4500 डिपुओं में उपभोक्ताओं को उड़द की दाल मिलेगी। एनएफएसए के तहत आने वाले परिवारों को यह दाल 58 रुपए प्रति किलो, एपीएल परिवारों को 68 रुपए किलो और टैक्स पेयर को 93 रुपए प्रति किलो मिलेगी। इसके अलावा, दाल चना भी बैकलॉग कोटे के साथ मिलेगा। गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को 65 रुपए प्रति किलो, एपीएल परिवारों को भी 65 रुपए किलो और टैक्स पेयर को 69 रुपए प्रति किलो चना दाल मिलेगी।हिमाचल में इस बार कनाडा से आयातित मलका दाल भी उपलब्ध होगी। बीपीएल परिवारों को मलका की दाल 56 रुपए प्रति किलो, एपीएल परिवारों को 66 रुपए किलो और टैक्स पेयर को 91 रुपए किलो मिलेगी। इस कदम से उपभोक्ताओं को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दालें मिलेंगी और बाजार में कीमतों पर नियंत्रण रहेगा।
हिमाचल प्रदेश में लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए नए वित्त वर्ष में नई सड़कों का जाल बिछाया जाएगा। इस दिशा में सरकार ने काम शुरू कर दिया है। लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, प्रदेश में सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ करने के लिए 2025-26 में 500 नई सड़कों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा, जिसमें 300 किलोमीटर सड़कें नाबार्ड और 200 किलोमीटर सड़कें विशेष कोर विकास कार्यक्रम, ग्रामीण सड़क एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई जाएंगी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि साल 2025-26 में 625 किलोमीटर नई सड़कों पर टायरिंग का काम शुरू किया जाएगा, जिनमें से 425 किलोमीटर सड़कें नाबार्ड और 200 किलोमीटर सड़कें विशेष क्षेत्र विकास, केंद्रीय सड़क और अवसंरचना कोष एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत तैयार की जाएंगी। इसके अलावा केंद्रीय सड़क व अवसंरचना कोष योजना के तहत 50 किलोमीटर सड़कों को अपग्रेड किया जाएगा। पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, प्रदेश के लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए साल 2025-26 के दौरान 50 पुलों और 35 नए भवनों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। इसके अलावा वार्षिक मरम्मत योजना के तहत 1800 किलोमीटर सड़कों की मरम्मत एवं नवीनीकरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 10 लाख वर्ग मीटर पैक वर्क किया जाएगा, जिससे 3500 किलोमीटर सड़कें गड्ढा मुक्त होंगी। पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पीएमजीएसवाई-3 योजना के तहत 2000 किलोमीटर सड़कों को अपग्रेड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 679 किलोमीटर सड़कें एफडीआर और 468 किलोमीटर सड़कें सीटीबी के तहत बनाई जाएंगी। इसके अलावा अन्य सड़कें पारंपरिक तकनीक से बनाई जाएंगी। पीएमजीएसवाई-4 योजना के तहत 900 किलोमीटर सड़कों की डीपीआर तैयार की जानी प्रस्तावित है, जिनका निर्माण पीएमजीएसवाई-1 के तहत पहले ही शुरू हो चुका है।
हिमाचल प्रदेश में सड़क हादसे के चलते नए साल की खुशियां मातम में बदल गई हैं। मामला शिमला जिले का है। यहां नए साल के जश्न के दौरान एक दर्दनाक सड़क हादसा पेश आया, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई है, जिसके बाद सारी खुशियां मातम में बदल गई। डीएसपी ठियोग सिद्धार्थ शर्मा ने बताया कि शिमला जिले के ठियोग के मतियाना में नए साल की पूर्व संध्या पर मंगलवार रात करीब 11:30 बजे एक पेट्रोल पंप के पास दर्दनाक सड़क हादसा हुआ। इस हादसे में किन्नौर के तीन युवकों की मौत हो गई है। ये तीनों युवक अपनी कार (नंबर HP 02A-0169) में सवार होकर शिमला से रामपुर की ओर जा रहे थे। इस दौरान मतियाना पहुंचने पर पेट्रोल पंप के पास उनकी गाड़ी अचानक अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई। हादसे में कार सवार तीनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। डीएसपी ठियोग ने बताया कि कार ड्राइवर का गाड़ी से अचानक कंट्रोल खो जाने पर ये हादसा हुआ है। वहीं, गाड़ी के गहरी खाई में गिरकर पलटने की आवाजें स्थानीय लोगों को सुनाई दी। स्थानीय लोग आवाज सुनकर घटनास्थल पर पहुंचे, जिसके बाद वहां पर चीख-पुकार मच गई। लोगों ने पुलिस को हादसे की सूचना दी। मगर हादसा इतना भयंकर था कि तीनों युवकों को बचाने का मौका नहीं मिला और तीनों मौके पर ही दम तोड़ चुके थे। डीएसपी ठियोग सिद्धार्थ शर्मा ने बताया, सड़क हादसे में तीन युवकों की मौत हो गई है। प्रारंभिक जांच के मुताबिक ये तीन युवक किन्नौर के रहने वाले थे। अभी मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। ठियोग पुलिस ने पहचान की प्रक्रिया तेज कर दी है। सड़क दुर्घटना को लेकर एफआईआर दर्ज कर ली गई हैं। पुलिस द्वारा हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सोलन के बड़ोग में राष्ट्रीय राजमार्ग पर नियमों के विपरीत बनाईं बहुमंजिला इमारतों में किए गए अतिक्रमण को स्वयं हटाने के आदेश जारी किए हैं। प्रदेश सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के तहत अदालत ने कहा कि अगर भवन की ऊंचाई निर्धारित 21 मीटर से ऊपर है तो उसे हटाया जाए। प्रतिवादियों की ओर से अदालत को बताया गया कि जब इन भवनों का निर्माण किया गया, उस समय टीसीपी के नियम क्षेत्र में लागू नहीं होते थे। यह क्षेत्र पंचायतों के अधीन था। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। खंडपीठ ने इस मामले में अगली सुनवाई में प्रतिवादियों को हलफनामा दायर करने को कहा है।अदालत ने सरकार से पूछा है कि भवनों को बनाने के लिए क्या मैकेनिज्म है? सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पहले अनुमति लेनी होती है। भवनों का मैप, डिजाइन, मिट्टी की परख और इंजीनियर की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए भवनों का निर्माण किया जाता है। सरकार की ओर से अदालत को यह भी बताया गया है कि वर्तमान में घरेलू भवनों की ऊंचाई 21 मीटर है, जबकि व्यावसायिक भवनों की ऊंचाई 70 मीटर निर्धारित की गई है। उल्लेखनीय है कि बड़ोग में छह किलोमीटर तक के क्षेत्र में बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया गया है।
हिमाचल नए साल के जश्न में पूरी तरह डूबा गया। पहाड़ों की दिलकश वादियों में नए साल का इस्तकबाल करने तीन लाख से ज्यादा सैलानी पहुंचे। शिमला, मनाली, डलहौजी और धर्मशाला जैसे पर्यटन स्थलों पर धमाल मचाया। कड़ाके की ठंड में पर्यटकों ने नाच-गाकर साल 2025 का स्वागत किया। शिमला और मनाली में नए साल का जश्न देखते ही बना। मालरोड व रिज मैदान पर आधी रात को आतिशबाजी के साथ लोगों ने जश्न मनाया। शहर में लोग सड़कों पर भी उतर आए। होटलों-रेस्तरां में देर रात तक रंगारंग कार्यक्रम चलते रहे। सैलानियों से पूरी तरह पैक होटलों में नए साल के जश्न के खास इंतजाम रहे। पर्यटन नगरी मनाली, धर्मशाला और चायल में रात 12 बजे के बाद न्यू ईयर क्वीन का चयन किया गया। साथ ही लेमन डांस, कैंडल डांस, बेस्ट कपल और बच्चों के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। उधर, शक्तिपीठ छिन्नमस्तिका धाम चिंतपूर्णी और माता नयना देवी के मंदिर के कपाट मंगलवार की देर रात को मात्र एक घंटे बंद रहे। वहीं, शक्तिपीठ माता बज्रेश्वरी, ज्वालाजी और नंदिकेश्वर धाम चामुंडा मंदिर के कपाट बुधवार सुबह 5 बजे श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे।
** मैदानों में कल से घने कोहरे का अलर्ट हिमाचल में बारिश-बर्फबारी के बाद पहाड़ ठंड से कांप रहे हैं। मंगलवार को ताबो में पारा रिकॉर्ड माइनस 17 डिग्री पहुंच गया। भले ही साल 2024 के आखिरी दिन शिमला और मनाली के तापमान में हल्की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन बर्फबारी वाले इलाकों में पारा शून्य से नीचे चल रहा है। प्रदेश में नए साल के पहले दिन मौसम साफ रहेगा। एक जनवरी को अधिकांश क्षेत्रों में धूप खिली रहने की संभावना है। 2 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ फिर सक्रिय हो रहा है। 5 और 6 को भारी बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी हो गया है। इस दौरान कई जगह बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। मैदानी जिलों ऊना, कांगड़ा, बिलासपुर, हमीरपुर और मंडी के कई क्षेत्रों में कोहरा पड़ने का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। 2 जनवरी तक सुबह और शाम के समय घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी हुआ है। जिला कुल्लू और लाहौल में बर्फबारी के बाद से अभी तक 138 सड़कें बंद हैं। इनमें कुल्लू के दो हाईवे के साथ आठ सड़कें और लाहौल की 130 सड़कें शामिल हैं। बर्फबारी के कारण अभी इन मार्गों पर वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो सकी। मनाली में 60 बिजली ट्रांसफार्मर भी बंद पड़े हैं। बुधवार को कुल्लू और लाहौल में सुबह से आसमान में बादल छाए रहे। रोहतांग दर्रा के साथ ऊंची चोटियों पर बर्फ के फाहे गिरे। कड़ाके की ठंड से लाहौल घाटी के साथ जलोड़ी दर्रा और सोलंगनाला में शीतलहर का प्रकोप जारी रहा। राजधानी शिमला में मंगलवार को हल्के बादल छाए रहने के साथ धूप खिली। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी मौसम मिलाजुला बना रहा। मंगलवार को दिन में धर्मशाला में अधिकतम तापमान 19.9, हमीरपुर में 19.4, कांगड़ा में 19.1, बिलासपुर में 17.6, शिमला में 17.5, ऊना में 16.4, नाहन में 12.7, मनाली में 13.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्से मंगलवार को भी कड़ाके की ठंड की चपेट में रहे। पश्चिमी हिमालयी राज्यों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जहां पारा शून्य या उससे नीचे दर्ज किया गया, वहीं मैदानी इलाकों में भी तापमान में खासी गिरावट दर्ज की गई। उत्तर प्रदेश के 50 जिलों में अधिकतम तापमान 5 डिग्री तक गिर गया। साल के आखिरी दिन दिल्ली समेत कुछ राज्यों में बादलों के साथ सूरज की आंखमिचौली चलती रही। इससे कंपकंपी बढ़ी। अगले सप्ताह पहाड़ी राज्यों में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं, मैदानों में भी 4 से 6 जनवरी तक बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार देर रात से मंगलवार सुबह तक चंडीगढ़, राजस्थान व छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में बहुत घना कोहरा छाया रहा और दृश्यता 50 मीटर से भी कम रही।
** कहा, 100 किसानों से 378 क्विंटल गोबर खरीदा हिमाचल सरकार ने अपनी दस गारंटियों में से गोबर खरीद की गारंटी को पूरा करते हुए दस जिलों में गोबर खरीद शुरू कर दी है। 11 दिसंबर को सरकार के दो साल पूरा होने पर गोबर खरीद को हरी झंडी दिखाई थी। सरकार ने अभी तक 100 किसानों से 378 क्विंटल खाद खरीद ली है। किन्नौर और लाहौल स्पीति दो कबायली जिलों को छोड़कर दस जिलों में खाद खरीद शुरू कर दी है। ये जानकारी कृषि मंत्री ने दी है। उन्होंने कहा कि पांच और दस किलो के पैकेट में गोबर खरीद की जा रही है। ठेकेदार को पांच रुपए किलो के हिसाब से एकत्रित करने और ट्रांस्पोर्ट के दिए जा रहे हैं। आगे सरकार इसको 11 से12 रुपए किलो के हिसाब से बेचेगी। हालांकि सरकार ने दो रुपए किलो के हिसाब से गोबर खरीद की गारंटी दी थी। अब तीन किलो के हिसाब से खरीदे रहें हैं। लेकिन किसान अब 5 से आठ रुपए किलो के हिसाब गोबर बेचने की बात कह रहे हैं। यदि गोबर खरीद का अच्छा रिस्पॉन्स रहा तो रेट बढ़ाने के बारे में सोचेंगे।
प्रदेश में नए साल से उचित मूल्य की दुकानों में दालें मिलना शुरू हो जाएंगी। राज्य आपूर्ति निगम ने गोदामों में दालों की सप्लाई कर दी है। जनवरी से डिपुओं से सस्ती दालें खरीद पाएंगे। दो माह का कोटा एक साथ मिलेगा। दालों के दामों में फिलहाल कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिला है। एक सप्ताह पहले ही उड़द की दाल गोदामों में पहुंच चुकी है। डिपुओं में जल्द दालें पहुंच जाने से प्रदेश के उपभोक्ताओं को बाजारों से दोगुना दामों पर मिलने वाली दालों को खरीदने से राहत मिलेगी। राज्य आपूर्ति निगम की ओर से प्रदेश भर में 1.60 लाख क्विंटल दालों की सप्लाई की गई है, जिसमें 80 हजार क्विंटल केवल चना दाल है। बची 80 हजार क्विंटल दाल मलका मसूर और उड़द की दाल है। निगम ने दालों का बफर स्टॉक भारत सरकार से खरीदा है। निगम की ओर से गुणवत्ता के आधार पर परख कर खरीदी गई दालों का दो माह का कोटा अगले माह से उपभोक्ताओं एक साथ दिया जाएगा, जिसमें सभी उपभोक्ताओं को चना दाल 65 रुपये किलो, मलका मसूर बीपीएल को 56 रुपये, एपीएल को 66 और आयकरदाताओं को 91 रुपये किलो मिल रही है। प्रदेश में खाद्य आपूर्ति विभाग के कुल 5300 डिपो हैं और कुल 19.65 लाख राशन कार्डधारक हैं, जो विभाग की ओर से मिल रहे सस्ते राशन का लाभ ले रहे है। निगम की ओर से प्रदेश में अगले माह से पूरा राशन उपलब्ध करवाया जाएगा। वहीं, तेल का टेंडर भी जनवरी माह में पहले सप्ताह में होने की संभावना है। उड़द दाल हुई सस्ती, पर आयकरदाताओं को मिलेगी महंगी राशन डिपुओं में नए साल से उड़द की दाल राशन कार्ड उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर मिलेगी। हालांकि आयकरदाताओं को महंगी मिलेगी। एनएफएसए (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम) उपभोक्ताओं को उड़द की दाल 58 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से दी जाएगी। पहले इसका भाव 63 रुपये प्रति किलो था। एपीएल परिवारों के लिए उड़द का मूल्य 68 रुपये किलो तय किया गया है। डिपुओं में पहले इन परिवारों को 73 रुपये किलो की दर से उड़द की दाल दी जा रही थी। आयकरदाताओं को उड़द की दाल अब 93 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिलेगी। पहले यह 83 रुपये प्रति किलो थी। सिविल सप्लाई के एरिया प्रबंधक संजीव वर्मा ने कहा कि जिला ऊना और हमीरपुर के लिए 2900 क्विंटल उड़द दाल प्राप्त हुई है। जनवरी माह से सभी दालें उपभोक्ताओं को मिल पाएंगी और दालों के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अगले माह से डिपुओं में दो माह का कोटा एक साथ दिया जाएगा।
बी एल सेंट्रल वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल कुनिहार के छात्र जिगर तनवर, जो राँची (झारखंड) में होने वाली U-14 राष्ट्रीय खेलों में हिमाचल प्रदेश का नेतृत्व करेंगे, को लेकर विद्यालय अध्यक्ष ने खुशी जाहिर की। उन्होंने बताया कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि जिगर राँची में होने वाली शॉट पुट प्रतियोगिता में भाग लेने जा रहे हैं। जिगर ने राज्य स्तर की खेल प्रतियोगिता में शॉट पुट में सिल्वर मेडल हासिल किया था, जिसके कारण उनका चयन राष्ट्रीय स्तर पर हुआ। विद्यालय अध्यक्ष ने जिगर और उनके अभिभावकों को राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बताया कि जिगर 31 दिसंबर से 6 जनवरी तक हमीरपुर के रा. व. मा. वि. चौकी ज्मवालन में आयोजित कोचिंग कैंप में भाग ले रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य स्तर की खेल प्रतियोगिता में विद्यालय के बच्चों ने अच्छा प्रदर्शन किया, और यह प्रतियोगिता उच्चतर शिक्षा निदेशक हिमाचल प्रदेश और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक हिमाचल प्रदेश के मार्गदर्शन में आयोजित की गई थी। विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष ने इस उपलब्धि के लिए उच्च शिक्षा निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक, महेन्द्र सिंह एडिपीओ और शारीरिक शिक्षक अमर देव व अरुणा शर्मा का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इन लोगों के मार्गदर्शन से ये बच्चे न केवल विद्यालय, बल्कि हिमाचल प्रदेश का नाम भी रोशन करेंगे।विद्यालय प्रधानाचार्य और मुख्याध्यापिका ने भी जिगर को राष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया और उन्हें शुभकामनाएं दीं।
** न्यूनतम तापमान -12.3°C दर्ज, हिमाचल प्रदेश में इन दिनों बर्फबारी का दौर जारी है। प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में हुई जमकर बर्फबारी से हर तरफ चांदी सी सफेदी छाई हुई है। बर्फबारी की वजह से प्रदेश में कड़ाके की ठंड पर रही है। वहीं, मैदानी क्षेत्रों में शीतलहर का प्रकोप हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार नये साल में भी हिमाचल में बर्फबारी होने की संभावना है। प्रदेश में बीते दिन ताबो में सबसे कम -12.3°C तापमान दर्ज किया गया। हिमाचल में बीते 24 घंटे में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई। बीते 24 घंटे में राज्य के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान में कोई परिवर्तन नहीं देखा गया, जबकि अधिकांश जगहों पर न्यूनतम तापमान में 6 से 8 डिग्री सेल्सियस तक कम रहा। वहीं, प्रदेश में सबसे कम तापमान ताबो में दर्ज किया गया, जहां -12.3°C तापमान दर्ज किया गया, जबकि उना में 20.4°C तापमान दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार साल 2025 में 2 और 3 जनवरी को कुछ जगहों पर और 4 जनवरी को राज्य के ऊंचे और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश और बर्फबारी होने का पूर्वानुमान जताया गया है। सप्ताह के अन्य दिनों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। अगले दो दिनों में राज्य के उच्च तापमान में 4 से 6 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है। इसके बाद कोई बड़ा परिवर्तन नहीं होगा। अगले 2 दिनों के दौरान राज्य के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे 3 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट होने की संभावना है। इसके बाद कोई बड़ा परिवर्तन नहीं होगा। 30 दिसंबर से 2 जनवरी तक सुबह और देर रात के समय निचले पहाड़ी/मैदानी क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर शीतलहर चलने की संभावना है। 30, 31 दिसंबर और 1 जनवरी को कुछ स्थानों पर शीतलहर से लेकर गंभीर शीतलहर चलने की आशंका है। वहीं, 30 दिसंबर से 2 जनवरी तक सुबह के समय निचले पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में अलग-अलग जगहों पर पाला गिरने की संभावना है।
बर्फबारी के बाद रविवार को प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में धूप खिली, लेकिन दुश्वारियां बरकरार हैं। प्रदेश में तीन राष्ट्रीय राजमार्गों के अलावा 340 सड़कें अभी भी अवरुद्ध हैं, जबकि 118 ट्रांसफार्मर बंद हैं। उधर, मंडी के पंडोह में चार मील के पास चलती कार पर पहाड़ी से पत्थर गिरने से एक महिला कार सवार की मौत हो गई, जबकि दो लोग घायल हो गए। मृतका की पहचान सेक्टर-10 सी रोड पाली न्यू कॉलोनी मुंबई निवासी प्रिया यादव (30) के रूप में हुई है। घायलों में प्रिया के पति चंचल यादव (32) और टैक्सी चालक हरियाणा के करनाल के वसन बिहार निवासी शिव कुमार शामिल हैं। चालक को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया है। दंपती मनाली घूमने के बाद वापस मुंबई जा रहा था। उधर, मौसम खुलने के बाद भी सैकड़ों ट्रांसफार्मर ठप होने से प्रदेश के कई क्षेत्र अंधेरे में हैं। किन्नौर, लाहौल-स्पीति, शिमला और चंबा में सैकड़ों पर्यटक वाहन फंसे हैं। नारकंडा में राष्ट्रीय राजमार्ग-5 वाहनों के लिए बहाल कर दिया गया है। अटल टनल रोहतांग और जलोड़ी दर्रा अवरुद्ध है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने एक जनवरी तक मौसम साफ रहने और 2 जनवरी से दोबारा मौसम बिगड़ने के आसार जताए हैं। आज और कल के लिए शीतलहर का ऑरेंज अलर्ट और कोहरा पड़ने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। अटल टनल रोहतांग के नॉर्थ पोर्टल और सिस्सू में बर्फ हटाने के लिए मशीनें लगा दीं हैं। एनएच-3 में मनाली-केलांग के बीच वाहन आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है। मनाली से जिस्पा तक हाईवे सिंगल लेन फोर बाई फोर वाहनों के लिए बहाल हो गया है। एनएच-305 सोझा से जलोड़ी दर्रा की तरफ बंद है। चंबा-चुवाड़ी वाया जोत, बनीखेत-डलहौजी-खज्जियार और चंबा-किलाड़ मुख्य सड़कें बंद हैं।
कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर दत्यार के बीच टूरिस्ट बस पलट गई। ये बस दिल्ली से शिमला के लिए आ रही थी। हादसा सुबह 7:05 बजे हुआ। बस में कुल आठ सवार यात्रियों को हल्की चोटे लगी। इस कारण दोनों ओर सड़क पर वनवे आवाजाही चल रही है।
जिला ऊना आने वाली कुल नौ ट्रेनों में आठ सोमवार को रद्द रहेंगी। रेलवे की ओर से यह फैसला पंजाब में किसान आंदोलन के मद्देनजर लिया गया। केवल हिमाचल एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 14053/54 ही सुबह और शाम को आवाजाही करेगी। उसके अलावा वंदे भारत सहित अन्य सभी रेलगाड़ियां रद्द रहेंगी। जानकारी के अनुसार सोमवार को किसान संगठनों के अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब बंद का एलान किया है। ऐसे में सड़क व ट्रेनों के रास्ते बाधित किए जाने की पूर्ण संभावना है। किसी अनहोनी घटना से बचाव के लिए देश के अलग-अलग स्थानों से आने वाली रेलगाड़ियों की आवाजाही बंद कर दी गई है। हालांकि, सुबह करीब 6:45 बजे दिल्ली से ऊना आने वाली हिमाचल एक्सप्रेस ट्रेन का रूट पहले की तरह रखा गया है। यह ट्रेन सोमवार रात को दोबारा दिल्ली भी लौटेगी। जिन रेलगाड़ियों को रद्द किया गया है, उनमें 04501/04502 हरिद्वार-ऊना हिमाचल- हरिद्वार पैसेंजर, 22448/22447 नई दिल्ली-अंब अंदौरा-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस, 04593/04594 अंबाला छावनी- अंब अंदौरा- अंबाला छावनी पैसेंजर रद्द, दौलतपुर चौक-अंबाला छावनी जंक्शन-दौलतपुर चौक पैसेंजर, साबरमती-दौलतपुर चौक-साबरमती एक्सप्रेस और जनशताब्दी रद्द रहेंगीं। रद्द ट्रेनों में जनशताब्दी अंबाला तक आएगी। जबकि साबरमती एक्सप्रेस कुरुक्षेत्र जंक्शन तक ही चलेगी। प्रदेश के कई लोग रविवार को छुट्टी के चलते घर आते हैं। दिल्ली व अन्य दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले लोग ट्रेन के माध्यम से घर आते हैं और वापसी भी ट्रेन के माध्यम से करते हैं। लेकिन एकाएक सभी ट्रेनों के रद्द होने से यात्रियों को अलग से व्यवस्था करनी पड़ेगी। हालांकि, किसान आंदोलन के चलते बस सेवा भी प्रभावित होने की संभावना बनी हुई है। लेकिन बस रूट रद्द करने का कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। रविवार को ऊना के अंब अंदौरा रेलवे स्टेशन पहुंची सुपरफास्ट वंदे भारत ट्रेन में तकनीकी खराबी आ गई। इसकी मरम्मत करने में काफी देर लगी और दो घंटे यात्री परेशान रहे। तीन बजे के आसपास तकनीकी खराबी दूर हो पाई और 3:15 बजे वंदे भारत ट्रेन अंबाला से अनुमति मिलने के बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गई। सहायक अधीक्षक ऊना रेलवे स्टेशन राजवीर रंजन ने बताया कि सोमवार को किसान आंदोलन के कारण हिमाचल एक्सप्रेस को छोड़कर सभी ट्रेनें रद्द रहेंगी। कहा कि वंदे भारत में रविवार को तकनीकी खराबी आई थी। जिसे ठीक करने में समय लगा।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नादौन विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत पुतड़ियाल के आदर्श नगर गांव के 35 वर्षीय हवलदार रिंकू कुमार के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त किया है। उनका असम के डिब्रूगढ़ में निधन हुआ। रिंकू कुमार कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शान्ति और शोक संतप्त परिवार को इस अपूर्णीय क्षति को सहन करने की प्रार्थना की है। उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने रिंकू कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने परमपिता परमात्मा से दिवंगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को इस दुःख की घड़ी में सम्बल प्रदान करने की प्रार्थना की है।
** 6 राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों का निर्माण कार्य शुरू राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्त्मक सुधार लाने के लिए अनेक महत्त्वपूर्ण कदम उठा रही है। चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक स्कूल में प्री-प्राइमरी से कक्षा 12 तक कम से कम 1,000 छात्रों को समायोजित करने की क्षमता होगी। कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां, ज्वालामुखी, फतेहपुर, पालमपुर और जयसिंहपुर विधानसभा क्षेत्रों के साथ-साथ हमीरपुर जिले के भोरंज विधानसभा क्षेत्र में पहले से ही ऐसे छः स्कूलों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने 10 स्थानों पर स्थापित किए जाने वाले इन स्कूलों के लिए वास्तुशिल्प योजनाओं को स्वीकृति प्रदान कर दी है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं जैसे हाईटेक स्मार्ट क्लासरूम, खेल मैदान, इंडोर स्टेडियम और स्विमिंग पूल आदि से सुसज्जित किया जाएगा। ये सरकारी स्कूल शिक्षण संस्थानों के मानकों में उल्लेखनीय सुधार लाएंगे और ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों में जीवन की चुनौतियों को प्रभावी ढंग से सामना करने का आत्मविश्वास पैदा करेंगे। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा में गुणात्त्मक सुधार के लिए 100 उच्च विद्यालय, 200 वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, 48 कॉलेज और दो संस्कृत कॉलेजों को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में अधिसूचित किया है। मुख्यमंत्री ने बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के सरकार के प्रयासों पर भी बल दिया। राज्य सरकार ने खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले छात्रों के लिए डाइट मनी में वृद्धि की है। जोनल और जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए डाइट मनी की राशि 120 से बढ़ाकर 400 रुपये कर दी गई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए इसे 250 से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया है। इसी प्रकार, राज्य के आठ खेल छात्रावासों में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों के लिए डाइट मनी 240 से बढ़ाकर 400 रुपये कर दी गई है। उन्होंने कहा कि आधुनिक सुविधाएं, शिक्षा तथा खेलों पर केंद्रित प्रयासों से राज्य भर के छात्रों के लिए समग्र शिक्षण वातावरण और अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
**यात्रा राजगढ़, सोलन, शिमला, परमाणु और चंडीगढ़ से होगी शुरू **अगर आप इस यात्रा में शामिल होना चाहते हैं तो - 8628827808 संपर्क करे.. महाकुंभ हर 12 साल में एक बार होता है, लेकिन जब 12 बार के बाद अगला कुंभ लगता है, तो उसे "पूर्ण महाकुंभ" कहा जाता है। इस बार ऐसा विशेष अवसर आ रहा है, और यह महाकुंभ मेला प्रयागराज में लगभग 144 साल बाद हो रहा है, जो एक ऐतिहासिक घटना है। इस महाकुंभ में गंगा स्नान का बहुत महत्व है। बांके बिहारी टूर एंड ट्रेवल्स राजगढ़ द्वारा महाकुंभ स्पेशल यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। यह यात्रा राजगढ़, सोलन, शिमला, परमाणु और चंडीगढ़ से शुरू होगी, और आप भी इसमें शामिल हो सकते हैं। इस यात्रा में आप वृंदावन धाम, बरसाना, गोकुल, गोवर्धन, प्रेम मंदिर, चित्रकूट, प्रयागराज और मकर संक्रांति (14 जनवरी) के दिन शाही स्नान का लाभ ले सकते हैं। यात्रा के दौरान आप त्रिवेणी संगम, काशी विश्वनाथ, अयोध्या धाम, नैमिषारण्य और हरिद्वार भी देख सकते हैं। यात्रा 18 जनवरी को राजगढ़ लौटेगी। यात्रा का शुल्क 7100 रुपये प्रति व्यक्ति है, और आप 1000 रुपये एडवांस बुकिंग करके अपनी सीट पक्की कर सकते हैं। यात्रा के दौरान सुबह और शाम का खाना बांके बिहारी टूर एंड ट्रेवल्स द्वारा प्रदान किया जाएगा। कांगड़ा, बिलासपुर, मंडी और हमीरपुर के लोग भी इस यात्रा में शामिल हो सकते हैं। यदि आप इस यात्रा में भाग लेना चाहते हैं, तो जल्दी से संपर्क करें, क्योंकि सीटें सीमित हैं। संपर्क करें: घनश्याम ठाकुर - 8628827808 आचार्य रजत भारद्वाज - 7807217559
हिमाचल प्रदेश में गन लाइसेंस की तर्ज पर चेन वुड कटर (लकड़ी काटने की मशीन) का भी अनिवार्य तौर पर लाइसेंस लेना होगा। अवैध वन कटान रोकने के लिए वन विभाग यह व्यवस्था लागू करने जा रहा है। चेन वुड कटर को हार्स पॉवर के आधार पर लाइसेंस जारी किए जाएंगे। छोटी मशीनों को लाइसेंस से छूट मिल सकती है। हिमाचल प्रदेश में घरेलू लकड़ी काटने के लिए बड़े पैमाने पर चेन वुड कटर का इस्तेमाल हो रहा है। कुछ लोग बड़े चेन वुड कटर का प्रयोग जंगलों में पेड़ काटने के लिए भी कर रहे हैं। चेन वुड कटर की मदद से मिनटों में पेड़ काटे जा रहे हैं। अवैध कटान से वन संपदा को रहे भारी नुकसान के मद्देनजर चेन वुड कटर प्रयोग करने के लिए लाइसेंस जारी करने का फैसला लिया गया है। वन विभाग नई व्यवस्था लागू करने के लिए नियमावली तैयार करेगा। बिना लाइसेंस चेन वुड कटर इस्तेमाल करने पर वुड कटर जब्त करने और जुर्माना लगाने का प्रावधान किया जा सकता है। वन विभाग ने प्रारंभिक तौर पर प्रदेश में इस्तेमाल हो रहे चेन वुड कटर की संख्या पता लगाने के लिए विशेष अभियान शुरू कर दिया है। विभाग की ओर से पंचायतों को निर्देश दिए गए हैं कि उनके क्षेत्र में चेन वुड कटर का प्रयोग करने वाले लोगों को सूचित किया जाए कि वह इसकी सूचना संबंधित डीएफओ को दें ताकि विभाग को प्रदेश में इस्तेमाल किए जा रहे चेन वुड कटर की संख्या का अनुमान लगाया जा सके।प्रदेश में अवैध वन कटान रोकने के लिए गन लाइसेंस की तर्ज पर चेन वुड कटर के लिए भी लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था लागू करना प्रस्तावित है। इसके लिए नियमावली तैयार की जाएगी ।
नए साल की शुरुआत में किसानों को आर्थिक रूप से झटका लगने वाला है। सरकार ने फसल की बिजाई से पहले इस्तेमाल होने वाली डीएपी और 12-32-16 खाद की कीमतों को बढ़ाने का फैसला लिया है। डीएपी खाद की एक बोरी की कीमत 240 रुपये बढ़ा दी गई है। वहीं, 12-32-16 खाद की बोरी की कीमत 200 रुपये बढ़ा दी गई है। एक जनवरी से किसानों को खाद की बढ़ी हुई कीमतें चुकानी होंगी। अभी डीएपी खाद की 50 किग्रा की एक बोरी देशभर में 1,350 रुपये की मिलती है। हिमाचल में राज्य सरकार इस पर 50 रुपये प्रति बोरी सब्सिडी देती है। इसलिए किसान प्रति बोरी 1,300 रुपये चुकाते हैं। एक जनवरी से इस खाद की कीमत 240 रुपये बढ़ने से 1,540 रुपये में बोरी मिलेगी। 12-32-16 खाद की बोरी अभी 1,470 रुपये में आती है। प्रदेश सरकार इसपर भी 50 रुपये प्रति बोरी सब्सिडी देती है। इसलिए हिमाचल में इसकी कीमत 1,420 रुपये है। एक जनवरी से इस खाद की कीमत 1,620 रुपये प्रति बोरी मिलेगी। सब्सिडी देने से केंद्र सरकार पर करोड़ों रुपये का बोझ बढ़ रहा है, जिसे कम करने के लिए अब तरल नैनो खाद खरीदने के लिए किसानों से अपील की जा रही है। इसलिए अब खाद की कीमतें बढ़ाने का फैसला लिया गया है। डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी) का इस्तेमाल जमीन के अंदर तैयार होने वाली फसलों पर अधिक होता है। जैसे आलू की फसल में बिजाई से पहले बड़े स्तर पर डीएपी का छिड़काव किया जाता है। इस खाद में नाइट्रोजन और फास्फोरस प्रचुर मात्रा में होते हैं। दोनों तत्वों को पौधे की जड़ के विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। वहीं, 12-32-16 खाद पौधों के लिए जरूरी तीन मुख्य पोषक तत्वों यानी नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम से मिलकर बनी होती है। इसमें नाइट्रोजन 12%, फास्फोरस 32%, और पोटेशियम 16% होता है। यह खाद मिट्टी में फास्फोरस और पोटेशियम की मात्रा को सही रखती है। नए साल से खाद के दाम में बढ़ाए जा रहे हैं। हालांकि अभी आधिकारिक अधिसूचना आनी बाकी है। दामों को लेकर नए आदेश एक जनवरी से लागू होंगे।
दयानंद आदर्श विद्यालय के प्रांगण में बीते कल जमा दो के छात्रों के लिए एक साधारण लेकिन भावपूर्ण विदाई समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करके हुई, इसके बाद कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई। जमा एक के छात्रों ने तिलक लगाकर सीनियर छात्रों का स्वागत किया। विद्यालय की प्रिंसिपल ऊषा मित्तल ने बताया कि आर्य समाज और शिक्षा समिति के अधिकारी, अवैतनिक मैनेजर शशि भूषण मित्तल, अध्यापकगण और जमा एक तथा जमा दो के छात्रों ने हवन में आहुति दी। सभी उपस्थित लोगों ने छात्रों पर पुष्प वर्षा कर उन्हें जीवन में सफलता और प्रगति का आशीर्वाद दिया। जमा एक के छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। सीनियर छात्रों को टोकन ऑफ लव और उपहार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन जमा एक की छात्राओं साक्षी और दीपांशी ने एक्टिविटी इंचार्ज अंजना के मार्गदर्शन में किया। हेड बॉय अनमोल और हेड गर्ल काव्या ने छात्रों की ओर से प्रिंसिपल, अवैतनिक मैनेजर, अध्यापकगण और शिक्षा समिति के सदस्यों का आभार व्यक्त किया। छात्रों ने गुरु दक्षिणा के रूप में कुछ धनराशि विद्यालय और आर्य समाज को दान स्वरूप प्रदान की। जमा दो के छात्रों द्वारा की गई मॉडलिंग समारोह का मुख्य आकर्षण रही। निर्णायक मंडल द्वारा चुने गए छात्रों को विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया, जिसमे फेयरवेल : बियांत सिंह और फेयरवेल : अनर्ग्या दीवान, काव्या वर्मा, डिसिप्लिन : अक्षित शर्मा,डिसिप्लिन : तनिषा चौहान, सोबर : हर्षित शर्मा,सोबर : सिमरन, अर्शिया नेगी,पॉपुलर : उज्जवल गुप्ता,पॉपुलर : दीपांशी शर्मा, ओबेडिएंट : अनमोल,ओबेडिएंट : आकृति मेहता, पर्सनालिटी : ध्रुव शर्मा, पर्सनालिटी : क्षितिका ठाकुर। कार्यक्रम का समापन शांति पाठ से हुआ। यह विदाई समारोह छात्रों के लिए एक यादगार और प्रेरणादायक अनुभव रहा, जो उन्हें अपने जीवन में नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करेगा।
ताजा बर्फबारी के बाद एकाएक हिमाचल में सैलानियों की संख्या बढ़ गई है। बर्फबारी के रोमांच का लुत्फ उठाने के लिए हजारों की संख्या में सैलानी शिमला और मनाली खिंचे चले आए हैं। वीकेंड पर शिमला, डलहौजी और कसौली में 90 फीसदी, जबकि मनाली में 80 फीसदी तक ऑक्यूपेंसी पहुंच गई है। शुक्रवार को पर्यटक वाहनों की भीड़ बढ़ने के चलते कालका-शिमला हाईवे पर जाम लग गया। शिमला और मनाली में बर्फबारी के बीच कई पर्यटक वाहन फंस गए। शुक्रवार सुबह से ही पर्यटक वाहनों के शिमला पहुंचने का क्रम शुरू हो गया। दोपहर के समय शहर की पार्किंग पैक होने के बाद शहर की सड़कों पर जाम की स्थिति बन गई। मनाली में भी दिनभर बड़ी संख्या में पर्यटक वाहनों के पहुंचने का सिलसिला चला रहा। बर्फबारी का दौर शुरू होने के बाद चंबा के पर्यटन स्थल डलहौजी में ऑक्यूपेंसी 90 फीसदी तक पहुंच गई है। डलहौजी और खज्जियार में ऑनलाइन बुकिंग का क्रम जारी है। शुक्रवार दोपहर बाद शुरू बर्फबारी से जनजातीय क्षेत्र पांगी के किलाड़ मुख्यालय में 7.62 सेंटीमीटर और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 20.32 सेंटीमीटर तक बर्फबारी दर्ज की गई। सैलानियों की संख्या बढ़ाने से प्रदेश के पर्यटन कारोबारी खासे उत्साहित हैं। फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि नए साल के जश्न से पहले वीकेंड पर भारी संख्या में पर्यटक हिमाचल पहुंचे हैं। शिमला, मनाली, डलहौजी सैलानियों से गुलजार हो गए हैं। नए साल के जश्न पर इस बार बंपर कारोबार की उम्मीद है।
हिमाचल प्रदेश में बीते दिन प्रदेश के ऊपरी इलाकों में जमकर बर्फबारी हुई। वहीं, निचले व मैदानी इलाकों में बारिश के चलते प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। आज भी प्रदेश के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी का दौर जारी है, जबकि मैदानी व निचले इलाकों में बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों के लिए प्रदेश में बर्फबारी व बारिश होने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक बारिश-बर्फबारी के चलते प्रदेश के 5 शहरों का तापमान माइनस में रहा। प्रदेश में ताबो -11.0 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान के साथ सबसे ठंडा रहा। इसके अलावा कुकुमसेरी में -7.2, समदो में -6.5, केलांग में -6.4 और कल्पा में -1.1 न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया है। मौसम विभाग शिमला के मुताबिक प्रदेश में आज 28 दिसंबर को ऊपरी और मध्य पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी और बारिश रहेगी, जबकि निचले व मैदानी इलाकों के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। 29 दिसंबर को प्रदेश में ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना है। वहीं, 30 और 31 दिसंबर को मौसम साफ रहेगा। इसके अलावा नए साल पर बर्फबारी के आसार हैं। मौसम विभाग ने 1 जनवरी और 2 जनवरी को प्रदेश में ऊपरी और मध्य पर्वतीय इलाकों में बारिश और बर्फबारी को लेकर संभावना जताई है। इसके अलावा ऊना, सुंदरनगर और चंबा में शीतलहर के चलते लोग ठंड में ठिठुरते रहे। वहीं, मौसम विभाग शिमला ने 29 से 31 दिसंबर तक प्रदेश के निचले व मैदानी इलाकों में शीतलहर चलने को लेकर चेतावनी जारी की है, जिससे लोगों को कड़कड़ती ठंड से दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, बिलासपुर और मंडी के कुछ हिस्सों में घना कोहरा रहने का भी अलर्ट जारी किया गया है।
शिमला: न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालेंगे। वे रविवार, 29 दिसंबर को शपथ लेंगे। इस अवसर पर राजभवन में समारोह आयोजित किया जाएगा। मौजूदा समय में हिमाचल से ही संबंध रखने वाले न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाल रहे थे। वहीं, न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सेवारत थे। जो अब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेने जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पूर्व में इसी साल जुलाई की 11 तारीख को न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया का नाम मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के सीजे के तौर पर अनुशंसित किया गया था। अब वे हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में कार्यभार संभालेंगे। इससे पहले 19 अक्टूबर 2024 को न्यायमूर्ति राजीव शकधर हिमाचल हाईकोर्ट से रिटायर हुए थे। उनकी रिटायरमेंट के बाद से न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पद पर सेवाएं दे रहे थे। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया ने साल 1986 में चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद साल 1989 में उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। लॉ की डिग्री हासिल करने के बाद वे पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल में एडवोकेट के रूप में सक्रिय हुए। फिर साल 1983 से 1987 तक उन्होंने पटना में हाईकोर्ट में सेवाएं दीं। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया के पिता साल 1978 और साल 1983 के दरम्यान पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। फिलहाल, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में सेवारत न्यायाधीशों की बात करें तो अभी न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल, न्यायमूर्ति संदीप शर्मा, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ, न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य, न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा, न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह, न्यायमूर्ति रंजन शर्मा, न्यायमूर्ति बीसी नेगी व न्यायमूर्ति राकेश कैंथला का नाम आता है। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया के पदभार संभालने के बाद अब हिमाचल हाईकोर्ट में सीजे सहित 12 जज हो जाएंगे।
हिमाचल में महंगाई की मार झेल रहे लाखों उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। नए साल में उपभोक्ताओं को उड़द की दाल पांच रुपए किलो सस्ती मिलेगी। प्रदेश सरकार ने उड़द की दाल का भाव अप्रूव कर दिया है। ऐसे में सर्दियों के मौसम में सबसे अधिक खाई जाने वाली उड़द की दाल के रेट कम होने से लोगों को कुछ राहत मिलेगी। प्रदेश सरकार से उड़द की दाल के रेट अप्रूव होने से हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने 38 हजार क्विंटल उड़द का सप्लाई ऑर्डर जारी कर दिया है,जिसके बाद अब होलसेल गोदाम में उड़द पहुंचनी शुरू हो जाएगी, ताकि नए साल में डिपुओं में समय पर उपभोक्ताओं को ये दाल उपलब्ध हो सके। हिमाचल के करीब 4500 डिपुओं में उपभोक्ताओं को नए साल में सस्ती उड़द की दाल मिलने वाली है, जिसके भाव सरकार ने अप्रूव कर दिए हैं। डिपुओं में एनएफएसए के तहत आने वाले उपभोक्ताओं को उड़द की दाल 58 रुपए प्रति किलो के हिसाब से दी जाएगी। पहले यही भाव 63 रुपए प्रति किलो था. इसी तरह से एपीएल परिवारों के लिए उड़द का रेट 68 रुपए किलो तय किया गया हैं। डिपुओं में पहले इन परिवारों को 73 रुपए किलो की दर से उड़द की दाल दी जा रही थी। वहीं, टैक्स पेयर को उड़द की दाल खरीदने के लिए पहले से अधिक जेब ढीली करनी होंगी। डिपुओं में टैक्स पेयर को उड़द की दाल अब 93 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिलेगी। पहले यही भाव 83 रुपए प्रति किलो था, लेकिन राहत की बात ये है कि खुले बाजार से उड़द की दाल का ये भाव काफी कम है। बाजार में उड़द की दाल का भाव 115 से 120 रुपए प्रति किलो है। ऐसे में डिपुओं में सस्ती दालें उपलब्ध होने से उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत मिल रही है। हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल का ने बताया, डिपुओं में उपभोक्ताओं उड़द की दाल पांच रुपए सस्ती दी जाएगी। उपभोक्ताओं को समय पर दालें उपलब्ध हो, इसके लिए पहले ही सप्लाई ऑर्डर जारी किया जा चुका है, जिसके बाद होलसेल गोदाम में दालों की सप्लाई पहुंचनी भी शुरू हो गई है।
अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय यादव ने आज दून विधानसभा क्षेत्र के संडोली के समीप हाउसिंग बोर्ड के नाले में सीवरेज की डपिंग करते हुए एक ट्रैक्टर का मौके पर 20 हजार रुपए का चलान किया। अजय यादव ने कहा कि पर्यावरण को संरक्षित व स्वच्छ रखना हम सभी का दायित्व है। उन्होंने कहा कि ज़िला प्रशासन पर्यावरण के संरक्षण के प्रति गम्भीर है और सभी स्तरों पर प्रदूषण फैलाने वालों के विरूद्ध नियमित कार्यवाही की जा रही है।अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि सीवरेज की डपिंग करने वाले ट्रैक्टर को पुलिस विभाग द्वारा जब्त कर लिया गया है और नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। इस अवसर पर नगर परिषद बद्दी के कार्यकारी अधिकारी आर.एस. वर्मा, प्रदूषण बोर्ड बद्दी के पर्यावरण अभियंता अभिषेक गुप्ता सहित सम्बन्धित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
सोलन: कहते हैं कानून के हाथ लंबे होते हैं. शातिर अपराधी चाहे कहीं भी छिपा हो पुलिस के हाथ उस तक पहुंच ही जाते हैं। कोई भी अपराधी पुलिस की आंखों में ज्यादा दिन तक धूल नहीं झोंक सकता। ऐसा ही मामला सोलन जिले के कसौली से आया है। कसौली पुलिस ने 22 साल से फरार आरोपी को कांगड़ा के रानीताल से गिरफ्तार किया है। आरोपी यहां कुटिया में साधु बनकर रह रहा था। कोर्ट ने आरोपी को साल 2002 में भगोड़ा अपराधी घोषित किया था। पुलिस के कई प्रयासों के बाद भी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ और बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा था। दरअसल 75 वर्षीय आरोपी धर्मसिंह निवासी बढलग, जिला सोलन के खिलाफ 2001 में कसौली थाने में पत्नी से मारपीट पर धारा 325, 326 के तहत मामला दर्ज हुआ था। आरोपी ने मारपीट के दौरान पत्नी को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी फरार हो गया था और सालों से पुलिस को चकमा दे रहा था। पुलिस के भरसक प्रयासों के बाद भी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ। 2002 में कोर्ट ने आरोपी धर्मसिंह को भगौड़ा अपराधी घोषित कर दिया था। एसपी सोलन गौरव सिंह ने बताया कि,उक्त आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही थी, लेकिन आरोपी अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा था। तलाश के दौरान पता चला कि उक्त आरोपी कांगड़ा में ही कहीं छिपा हुआ है। इसके बाद पुलिस थाना कसौली/चौकी की संयुक्त टीम को उक्त आरोपी की तलाश के लिए कांगड़ा भेजा गया था। पुलिस की टीम आरोपी की तलाश करते हुए कांगड़ा के रानीताल पहुंची। यहां आरोपी साधु बनकर कुटिया में रह रहा था। गिरफ्तार आरोपी से गहनता से पूछताछ की जा रही ह। गिरफ्तार आरोपी को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा मामले की जांच जारी है।
हिमाचल प्रदेश में पिछले 13 साल में सेब उत्पादन में लगातार गिरावट आ रही है। बागवानी विभाग के आंकड़ों में यह चौकाने वाला खुलासा हुआ है। विभाग के मुताबिक हिमाचल में सेब उत्पादन में प्रति हेक्टेयर 50 फीसदी की गिरावट आई है। 2010-11 में जहां प्रदेश में 8.7 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर सेब उत्पादन हुआ था, वहीं 2023-24 में यह आंकड़ा घटकर 4.3 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर रह गया। इसका मुख्य कारण मौसम में हो रहे बदलाव और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर अत्यधिक निर्भरता से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति का खत्म होना माना जा रहा है।वैज्ञानिकों के अनुसार कभी ज्यादा बारिश और ओले पड़ने और कभी दो से तीन महीने तक लगातार सूखा पड़ने से फसलों के उत्पादन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। हिमाचल में फल उत्पादन करीब 76 फीसदी क्षेत्र में होता है। 46 प्रतिशत में सेब की खेती की जाती है। बढ़ती जनसंख्या और संतुलित आहार के प्रति जागरूकता के कारण भारत में फलों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इस मांग को पूरा करने के लिए मौजूदा बगीचों में उत्पादन में सुधार करना आवश्यक है। कुछ वर्षों में राज्य में सेब उत्पादकता में काफी गिरावट आई है। खराब प्रबंधन पद्धतियां, रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर अत्याधिक निर्भरता के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव हिमाचल प्रदेश के एक समय फलते-फूलते सेब उद्योग के लिए गंभीर चुनौती बन गए हैं। उद्यान विभाग के निदेशक विनय सिंह ने कहा कि सेब उत्पादकता में गिरावट का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है। विभाग एचपी एचडीपी के तहत उच्च घनत्व वाले बगीचों को बढ़ावा दे रहा है और इसके परिणाम जल्द आएंगे। समय-समय पर उचित प्रबंधन के लिए उचित दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र शिमला की प्रभारी डॉ. उषा शर्मा ने बताया कि प्राकृतिक पद्धतियों में स्वस्थ मृदा पारिस्थितिकी तंत्र फलों की दृढ़ता, स्वाद, शर्करा की मात्रा और रंग को बढ़ाकर फलों की गुणवत्ता को बढ़ाता है। रासायनिक पदार्थों के उपयोग को समाप्त करके, प्राकृतिक खेती पर्यावरण प्रदूषण को कम करती है। किसान स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री जैसे गाय का गोबर, गोमूत्र, दरैक के पत्ते आदि का उपयोग करके अपना खुद का जैविक मिश्रण तैयार कर सकते हैं।
शूलिनी विश्वविद्यालय परिसर में क्रिसमस बेहद खुशी और उत्साह के साथ मनाया गया।उत्सव की शुरुआत विभिन्न खाद्य स्टालों, व्यापारिक स्टालों और एक आकर्षक क्रिसमस-थीम वाले सेल्फी बूथ के साथ हुई। ठंड और बारिश के मौसम के बावजूद, इस कार्यक्रम में छात्रों और संकाय सदस्यों की भारी उपस्थिति देखी गई, जो उत्सव के व्यवहार और गतिविधियों में शामिल हुए। आगंतुकों ने वड़ा पाव, पैनकेक, पेस्ट्री और खाद्य स्टालों पर दी जाने वाली अन्य स्वादिष्ट वस्तुओं का आनंद लिया, जबकि कई लोगों ने आभूषणों और अनूठी वस्तुओं के व्यापारिक स्टालों का आनद लिया । चांसलर प्रोफ पी.के. खोसला ने बच्चों को उपहार बांटे। उत्साह को बढ़ाते हुए, जर्नलिज्म स्टूडेंट अभिजीत ने, सांता क्लॉज़ की पोशाक पहनकर, बच्चों को कैंडी और चॉकलेट वितरित की। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण कैरोल गायन सत्र था, जहां सभी ने मधुर क्रिसमस भजनों में शामिल होकर एकता और उत्सव का माहौल बनाया।
हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी के बाद कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बर्फबारी के चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग शिमला ने आगामी 27, 28 और 29 दिसंबर को बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। 27 और 28 दिसंबर को जहां प्रदेश के ऊंचाई व मध्य पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी और निचले व मैदानी इलाकों में बारिश की संभावना है। वहीं, 29 दिसंबर को प्रदेश के ऊंचे व मध्य पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी को लेकर अलर्ट जारी है, जबकि बाकी दिन मौसम साफ बताया गया है। वहीं, मौसम विभाग द्वारा प्रदेश के निचले व मैदानी इलाकों में शीतलहर को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। ऊना, हमीरपुर, सुंदरनगर और चंबा में शीतलहर का कहर जारी है। वहीं, बिलासपुर और मंडी जिले के कुछ जगहों पर घना कोहरा भी छाया रहा। वहीं, अगर बात करें न्यूनतम तापमान की तो प्रदेश के 8 शहरों का पारा माइनस में है। प्रदेश में ताबो -10.6 डिग्री सेल्सि न्यूनतम तापमान के साथ सबसे ठंडा रहा।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चरण-4 में नई सड़कों के साथ पुरानी खराब सड़कों की मेटलिंग करने के प्रदेश के आग्रह को स्वीकार कर लिया है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नियमों का हवाला देते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज चौहान के समक्ष यह मामला उठाया था। हिमाचल में 2,000 करोड़ रुपये से 1,500 किलोमीटर सड़कें पक्की होंगी। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के चरण-एक में टारिंग, मेटलिंग से वंचित सड़कों को चरण-चार में शामिल कर दिया है। अब चरण-चार में ये सड़कें पक्की होंगी। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नियमों का हवाला देते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज चौहान के समक्ष यह मामला उठाया था। केंद्रीय मंत्रालय ने सरकार को स्वीकृति पत्र जारी कर इन सड़कों को चरण-चार में शामिल करने की हामी भरी है। अगले सप्ताह लोक निर्माण विभाग के अधिकारी दिल्ली जाएंगे, वहां केंद्रीय मंत्रालय के समक्ष इन सड़कों की प्रस्तुति देंगे। हिमाचल में चरण-दो और तीन में सभी सड़कों का निर्माण हो चुका है, लेकिन चरण-एक में 200 से ज्यादा सड़कें पक्की नहीं हो पाई थीं। इन सड़कों के पक्का होने से हिमाचल की 40 फीसदी जनता लाभान्वित होगी। इससे पहले चरण-तीन में हिमाचल को 3,000 करोड़ रुपये मिले थे। अब सड़कों को पक्का करने के लिए हिमाचल को केंद्र 2,000 करोड़ की राशि देगा। विक्रमादित्य ने कहा कि सड़कों का जायजा लेने के लिए जिलों के दौरे किए थे। कई सड़कें हैं जो 10 सालों से पक्की नहीं हो पाई हैं। इस बारे में सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक की गई। इसके बाद मामला केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से उठाया था।