परिवहन विभाग की ओर से इंटरस्टेट बसों में व्यवस्था को लेकर एसओपी तैयार कर दी गई है। जारी निर्देशों के मुताबिक अब हिमाचल सरकार द्वारा बहरी राज्यों के लिए जाने वाली बसों में बच्चों, बुजुर्गों व बीमार व्यक्तियों के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी। सीट नंबर 2 से 6 तक सीटें इनके लिए रिज़र्व रहेंगी, वहीं 1 नंबर सीट कंडक्टर के लिए रहेगी। कंडक्टर सवारियों को बस में चढ़ने से पहले टिकट देगा। साथ ही बिना मास्क बसों में किसी को सफर नहीं करने दिया जाएगा। परिवहन विभाग ने एसओपी तैयार कर सरकार को भेज दी है। अब इस मामले को कैबिनेट बैठक में लाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक इंटर स्टेट बसें 60 प्रतिशत सीटों के साथ शुरू होंगी। डीलक्स बसों में 50 प्रतिशत सीटों पर यात्री सफर कर सकेंगे। यानी अब 100 सीटर बसों में 50 यात्री सफर कर सकेंगे।
अटल टनल रोहतांग के बाद अब प्रधानमंत्री मोदी ने लाहौलियों को एक और बड़ी सौगात दी है। बता दें अटल टनल रोहतांग के उत्तरी पोर्टल में पीर पंजाल की पहाड़ी में जल्द ही बुद्ध की एक विशाल प्रतिमा बनाई जाएगी। यह प्रतिमा लगभग 328 फीट यानि 100 मीटर ऊंची होगी। यह प्रतिमा अफगानिस्तान के बामियान की तर्ज बनाई जाएगी। इस निर्माण में लगभग 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस प्रोजेक्ट को खुद प्रधानमंत्री ने सहमति दी है। हिमाचल सरकार के इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। प्रतिमा का निर्माण केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की देखरेख में गुजरात की एक निजी फर्म को सौंपा जाएगा। सिस्सू गांव के पार विख्यात वॉटर फाल के पास पीरपंजाल की पहाड़ी को कुरेद कर बुद्ध प्रतिमा बनाई जाएगी। इस निर्माण से जनजातीय क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और आय के नए द्वार खुलेंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दोपहर साढ़े 12 बजे मनाली पहुंच गए। वह मनाली के सासे हेलीपैड पर उतरे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर सहित अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया। सबसे पहले वह मनाली पलचान में पुल का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद अटल टनल रोहतांग के दूसरे छोर नार्थ पाेर्टल में चंद्रा नदी पर बने पुल का लोकार्पण करेंगे। फिर वह नार्थ पोर्टल से 40 किलोमीटर दूर मनाली लेह मार्ग के सबसे लंबे पुल दारचा को भी देश को समर्पित करेंगे। आज राजनाथ अटल टनल रोहतांग के उद्घाटन की तैयारियों की समीक्षा भी करेंगे। शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी मनाली पहुंच रहे हैं। वह मनाली में अटल टनल रोहतांग का उद्घाटन करेंगे।
क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला में हर मंगलवार को वृद्धजनों के लिए स्पेशल ओपीड़ी चलाई जाएगी जिसमें सप्ताह के हर मंगलवार को वरिष्ठ नागरिकों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह बात धर्मशाला के विधायक विशाल नैहरिया ने अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर श्यामनगर में कार्यक्रम के दौरान कही। गुरुवार को हैल्पेज इंडिया संस्था ने धर्मशाला के श्यामनगर में अंतराष्ट्रीय वृद्धाजन दिवस मनाया। धर्मशाला के विधायक विशाल नैहरिया का कार्यक्रम में को-आर्डिनेटर निशांत कुमार ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। निशांत कुमार ने मुख्यतिथि के समझ वृद्धजनों की समस्याएं व परेशानियों को रखा जिसमें उन्होंने बताया कि श्यामनगर में बुर्जुगों की आवाजाही में परेशानी आती है। उन्होंने बताया कि जिन बर्जुगों के पास अपने निजी वाहन नहीं हैं उन लोगों को बाजार सहित अस्पताल को पैदल आना पड़ता है। इसके साथ ही उन्होंने श्याम नगर व रामनगर के लिए एक डिस्पेंसरी नहीं होने की भी प्रमुख समस्या बताई। विधायक विशाल नैहरिया ने लोगों की मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरी करने की बात कही। उन्होंने बताया कि वृद्धजनों की समस्याओं को देखते हुए मोबाईल हेल्थ वाहन की वयव्स्था की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने श्यामनगर व राम नगर में मिनी बस सर्विस शुरु करने की बात भी कही। इस दौरान मनोवैज्ञानिकों सहित बुजुर्ग व अन्य लोगों में बलेश शर्मा, वीरेंद्र शर्मा, नीमा पठानिया, मधु शर्मा, कामीनी सूद, यशवीर, सुजाता आदि मौजूद रहे। समारोह में हैल्पर्ज संस्था की ओर से किए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में भी चर्चा की गई, जबकि बुजुर्गों को सामाजिक सुरक्षा के बारे में अवगत करवाया गया।
मंडी। विद्युत उप मंडल मंडी-1 के तहत 3 अक्तूबर को एलटी लाईन, पोल बदलने, अन्य विद्युत उपकरणों की जरूरी मुरम्मत व रखरखाव का कार्य किया जाएगा। इस दौरान सम्बन्धित क्षेत्रों में प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। यह जानकारी देते हुए विद्युत उप मंडल के सहायक अधिशासी अभियन्ता शैलेश्वर राणा ने बताया कि इस दौरान पैलेस, कुसुम थियेटर, के-चैनल, यश बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक व उसके आसपास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बंद रहेगी।
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में चलते काफिले के दौरान सड़क हादसे में हिमाचल के सिरमौर का 42 वर्षीय जवान शहीद हो गया। सिरमौर के धारटीधार इलाके की नौनी (जामटा) पंचायत के कटीयार गांव के सुरेश कुमार, सेना की 155 टी ए बटालियन में शोपियां में तैनात थे। गत 29 सितंबर को सेना की लगभग 100 गाड़ियों का काफिला जम्मू से श्रीनगर के लिए निकाला। उनमें से बीच की गाड़ी उधमपुर के समीप दूसरी गाड़ी को बचाने के चक्कर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिसमें हवलदार सुरेश कुमार भी सवार थे जिन्हें दुर्घटना के बाद सैनिक अस्पताल ने मृत घोषित कर दिया। 30 सितंबर को शहीद की पार्थिव देह उधमपुर से घर के लिए रवाना कर दी गई। देर रात शहीद की पार्थिव देह नाहन पहुंची और रात को नाहन मे ही रखी गई। गुरूवार को प्रातः 8:00 बजे शहीद की पार्थिव देह भूतपूर्व सैनिक संगठनों व स्थानीय लोगों के कफिले के साथ शहीद के पैतृक गांव कतयाड़ के लिए लाया गया। रास्ते में कई स्थानों पर लोगों ने पुष्प वर्षा की। पिता जोगेंद्र सिंह, माता शीला देवी व शहीद की पत्नी शीला देवी तथा बेटे आर्यन एवं विवेक व परिवार तथा गांव के लोग पार्थिव देह को देखकर बिलखने- चिल्लाने लगे। गांव तथा पूरे इलाके में शोक की लहर है। शहीद के जेष्ठ पुत्र विवेक ने पवित्र देह को मुखाग्नि दी। उपस्थित सभी लोगों ने भारत माता की जय, शहीद सुरेश अमर रहे के नारे लगाए। उपस्थित सभी लोगों ने शहीद के परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा को शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की। नौनी ग्राम पंचायत के प्रधान नरेश ठाकुर ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर श्मशान घाट के लिए पहाड़ी और संकरा रास्ता होने के बावजूद भी साफ-सफाई तथा देह संस्कार के लिये बहुत अच्छी व्यवस्था की जिसके लिए सभी लोगों ने उनकी सराहना की। इस मौके पर मुख्यतः परिवार के सदस्यों और सगे संबंधियों के अलावा डीसी सिरमौर डॉ० आर के परूथी, अतिरिक्त एसपी सिरमौर बबीता राणा, एसडीएम विवेक, नाहन के विधायक डाॅ राजीव बिंदल, भूतपूर्व सैनिक संगठन पांवटा-शिलाई से अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह चौहान, सचिव नरेंद्र सिंह ठुंडू, पूर्व सैनिक सगंठन धारटीधार, पूर्व सैनिक सगंठन रेणुका जी- सगड़ाह, भूतपुर्व सैनिक सगंठन नाहन, स्थानीय पंचायत व गांव के प्रतिनिधि व अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
हिमचाल प्रदेश में कोरोना महामारी का कहर जारी है। प्रदेश में कोरोना का आंकड़ा 15 हज़ार पार करने वाला है। वीरवार को भी कोरोना ने प्रदेश में कहर दिखाया। आज दोपहर तक 21 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं, इनमें कांगड़ा से 2 व ऊना से 19 मामले सामने आए हैं। वहीं 6 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। इसके अलावा 218 मरीज स्वस्थ हुए हैं। इसी के साथ प्रदेश में कोरोना का आंकड़ा 14997 पर पहुँच गया है, वहीं 11588 लोगों ने कोरोना संक्रमण को मात दी है। प्रदेश में अब 3197 मामले सक्रिय हैं व 187 मरीजों की मौत हो चुकी है।
प्रधानमंत्री के दौरे तक अटल टनल को सील कर दिया गया है। उद्घाटन तक किसी को भी अटल टनल में प्रवेश की अनुमति नहीं है। आज उद्घाटन की तैयारियों का जायज़ा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के काफिले को भी अटल टनल पार करने के लिए विशेष अनुमति लेनी पड़ी। मुख्यमंत्री का काफिला लाहुल की तरफ अटल टनल के नाॅर्थ पोर्टल सिस्सु में रोका गया। उनके काफिले में एक वाहन वाहन ज्यादा था जिस कारण एसपीजी ने उनके काफिले को रोक दिया। एसपीजी के अधिकारियों ने दिल्ली से अनुमति ली जिसके बाद ही मुख्यमंत्री के काफिले को आगे बढ़ने की इजाज़त दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के मद्देनजर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तैयारियों का जायज़ा लेने आज सुबह लाहुल-स्पीति के सिस्सू पहुंचे। जयराम ठाकुर वहां जिला प्रशासन कुल्लू व लाहुल-स्पीति के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। साथ ही वह सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों के साथ भी बैठकें करेंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एक अक्टूबर तक वहां पर मौजूद रहेंगे।
प्रदेश में कोरोना से मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार को भी प्रदेश में कोरोना से दो मौते हुई हैं। शिमला के आईजीएमसी में कोरोना से दो व्यक्तियों ने दम तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार एक व्यक्ति सिरमौर के नहान और दूसरा जिला शिमला के घणाहटी का रहने वाला बताया जा रहा है। सिरमौर निवासी मृतक 62 वर्षीय था व नाहन से आईजीएमसी के लिए रेफर किया गया था। 28 सितम्बर को व्यक्ति का टेस्ट हुआ जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और देर रात इनकी मौत हो गई है। शिमला निवासी मृतक का 28 सितम्बर को ही रैपिड एंटीजेन टेस्ट हुआ था और रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
प्रधानमंत्री मोदी के 3 अक्टूबर को मनाली आ रहे हैं। लेकिन PM के दौरे से पहले पुलिस को मानली में एक गाड़ी से 3 रिवाल्वर बरामद हुई हैं। रिवाल्वर पकड़े जाने के बाद से ही पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां और भी ज़्यादा सतर्क हो गई है और पहरा कड़ा कर दिया गया है। पुलिस ने प्रीणी के एक उद्योगपति की गाड़ी से ये हथियार बरामद किए हैं। तीन में से दो रिवाल्वर के लाइसेंस हैं जबकि एक अवैध हैं। ये सभी हरियाणा में बनी हैं और दो के प्रदेशस्तरीय लाइसेंस हैं, ऐसे में इन्हें दूसरे राज्य में ले जाना अपराध हैं। ये कामयाबी पुलिस को प्रीणी में चेकिंग करते हुए मिली। इस मामले में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके बाद से पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों ने होटलों में भी चेकिंग का काम शुरू कर दिया है।
जम्मू-कश्मीर में हिमाचल का एक जवान शहीद हो गया है। जानकारी के मुताबिक, जवानों को लेकर सेना का वाहन उधमपुर से श्रीनगर की तरफ जा रहा था, जो उधमपुर से कुछ ही दूरी पर जाकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 2 जवानों की मौत हो गई। इन दो जवानों में से एक हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में नाहन विधानसभा क्षेत्र के कांडों का कथ्याड इलाके से ताल्लुक रखता है। जवान का नाम सुरेश कुमार, उम्र 47 साल बताई जा रही है। शहीद के परिवार में दो बेटे, पत्नी व बूढ़े मां-बाप हैं। शहादत की खबर मिलते ही गांव में मातम का माहौल है। शहीद जवान का पार्थिव शरीर बुधवार को गांव लाया जाएगा।
शनिवार, हिमाचल कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हो रही है। इस बैठक में प्रधानमंत्री के दौरे के साथ साथ पर्यटन विकास, कोरोना व ऐसे कई अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। आज की इस बैठक में बाहरी राज्यों के लिए बसें चलाने और डिपुओं में पॉस मशीनों से राशन देने पर भी फैसला हो सकता है। बैठक में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर, मंत्री सरवीण चौधरी व अन्य नेतागण शामिल हुए है। हालांकि बैठक से सरकार के दो मंत्री नदारद रहे। उद्योग एवं परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर और पंचायती राज एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर अनुपस्थित रहे। बिक्रम ठाकुर स्टाफ सदस्य के संक्रमित पाए जाने के बाद क्वारंटाइन हैं।
नगर परिषद मंडी के साथ लगते पटवार वृतों को नगर परिषद क्षेत्र में शामिल करने के प्रस्ताव को लेकर अधिसूचना जारी की गई है। शहरी विकास विभाग द्वारा जारी इस अधिसूचना में नगर परिषद क्षेत्र में शामिल क्षेत्रों के लोगों से दो सप्ताह के भीतर सुझाव एवं आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं। यह जानकारी उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने दी। उन्होंने कहा कि नगर परिषद क्षेत्र में शामिल किए जाने को लेकर इससे प्रभावित व्यक्ति यदि अपने कोई सुझाव एवं आपत्तियां दर्ज करवाना चाहें तो वे इन्हें अगले दो सप्ताह के भीतर लिखित में उपायुक्त, मण्डी के माध्यम से सचिव, शहरी विकास, हि.प्र. के कार्यालय भिजवा सकते हैं। अधिसूचना के अंतिम प्रकाशन से पहले इस अवधि में प्राप्त सुझाव एवं आपत्तियों पर गौर किया जाएगा। ये पटवार वृत होंगे शामिल : अधिसूचना के अनुसार मंडी नगर परिषद में पटवार वृत नेला के मोहाल नेला/342, चडयाना/343, डीपीएफ कांगणी/344, शिल्हाकीप्पड/341, भरौण/337 और दुदर/345,पटवार वृत तल्याहड़ के मोहाल तल्याहड़/360, मधवाहन/364, पंजेठी/365, पटवार वृत मनयाणा के मोहाल मनयाणा/362, सनयारड/363 और चडयारा/346, पटवार वृत छिपणू के मोहाल बिजनी/368 और छिपणू/367, पटवार वृत रेहड़धार के भ्यूली/371, अरधा/372, पटवार वृत बाड़ी गुमाणू के बाड़ी/48, बगला के ओटीए/209, गुटकर/208, चलाह/207, बगला/206, दौहंधी/217, पटवार वृत भडयाल के चंडयाल/213, भडयाल/211 और बैहना/210 को शामिल किया जाना प्रस्तावित है।
जिला मण्डी की लेखिका नर्बदा ठाकुर को हाल ही में "काव्य सरिता" में इनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें "काव्य रथी साहित्य सम्मान" से नवाजा गया। इस काव्य संग्रह में पूरे भारत के 48 चयनित रचनाकारों की रचनाएँ लखनऊ उत्तर प्रदेश से प्रकाशित की गई है जिसमें इनकी रचनाएँ भी संकलित है। इससे पहले इनको कोरोना 'साँझा काव्य संग्रह' में योगदान के लिए "कोरोना वरियर" से सम्मानित किया गया है जो आगरा से छप कर आया है। इस काव्य संग्रह में पूरे भारतवर्ष के साथ अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया सहित 108 रचनकारों की काव्य कृतियाँ संकलित है। साथ ही "रेडियो मेरी आवाज" हर हाथ कलम अभियान के ऑनलाइन कवि सम्मेलन में अपनी रचनाएँ प्रस्तुत करने के लिए "अभिनंदन" पत्र से सम्मानित किया गया। अभी जल्द ही इनका तीसरा काव्य संग्रह "एकाक्ष" भी आने वाला है। वर्तमान में रावमावि कोट-तुँगल मे भाषा अध्यापिका के पद पर कार्यरत है और हरघर पाठशाला के माध्यम से कक्षा छठी, सातवीं और कक्षा आठवीं के पूरे हिमाचल से सरकारी विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों को ऑनलाइन हिन्दी पढ़ा रही है। इस उपलब्धि के लिए उन्हें इलाके के पूर्व विधायक डी.डी.ठाकुर, ग्राम पंचायत प्रधान कोट काहन सिंह, उप-प्रधान हरि सिंह, इनकी पैतृक ग्राम पंचायत तरनोह के प्रधान चन्द्रमणि, उप-प्रधान रोहित ठाकुर, विद्यालय प्रधानाचार्य पवन कुमार, प्रतिमा कपूर प्रवक्ता रासायन विज्ञान, सूरज भाटिया प्रवक्ता जीव विज्ञान, स्वप्न कुमार प्रवक्ता भौतिक विज्ञान, यशोदा प्रवक्ता हिन्दी, सत्य अध्यापिका कला स्नात्तक, रवि सिंह प्रवक्ता राजनीति विज्ञान, वरिष्ठ सहायक मान सिंह व विद्यालय के समस्त स्टाफ ने बधाई दी है। इन उपलब्धियों के लिए लेखिका नर्बदा ठाकुर ने अपने पिता तुल्य ससुर सेवानिवृत्त रेंज ऑफिसर दलीप सिंह, सासु माँ राजकुमारी, पति दिनेश चौहान का जिन्होने इन कार्य के लिए इन्हे समय दिया, का विशेष धन्यवाद व आभार व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने "काव्य सरिता" की सम्पादकीय टीम, "कोरोना काव्य" की सम्पादकीय, लेखकीय और पाठकीय टीम का, अपने समस्त गुरुजनों, साथियों और भाई-बहनों का विशेष आभार व धन्यवाद किया।
सुंदरनगर उपमंडल की ग्राम पंचायत चांबी के गांव सकराह में शिक्षा विभाग से बतौर सुप्रीटेंडेंट सेवानिवृत्त हुए एक 66 वर्षीय व्यक्ति की मौत के बाद उसमें कोरोना संक्रमित पाया गया है। मामले में मृतक को बुखार और जुखाम था और किसी प्राईवेट डाक्टर और आर्युवेदिक डिस्पेंसरी महादेव से दवाई ले रहा था। वहीं व्यक्ति की बीती रात अपने घर पर मौत हो गई। इसके उपरांत व्यक्ति का कोविड-19 टेस्ट रेपिड एंटीजन के माध्यम से लिया गया जो कोरोना पाजिटिव पाया गया। मामले मृतक पिछले काफी दिनों से जुकाम और बुखार से पीड़ित था और इसके अलावा मृतक को हाई ब्लड प्रेशर से भी ग्रसित था। अभी प्रारंभिक तौर पर मृतक का परिवार प्राईमरी कांटेक्ट हिस्ट्री में आया है लेकिन काफी दिन से कोरोना संक्रमित होने पर कई लोगों से संपर्क में आया हुआ है। मामले में आज कांटेक्ट हिस्ट्री को लेकर जांच की जाएगी। पुष्टि करते हुए बीएमओ रोहांडा डा. अविनाश पंवर ने कहा कि मृतक का कोविड-19 टेस्ट पाजिटिव आने के बाद शव को शव बैग में डालने के बाद मामले की जानकारी जिला प्रशासन को दी गई। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से मृत्यु को लेकर जारी एसओपी के आधार पर स्थानीय गांव के शमशान घाट में शव का दाह संस्कार कर दिया गया है। डा.अविनाश ने कहा कि शव को जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के वाहन के माध्यम से दाह संस्कार के लिए श्मशानघाट ले जाया गया था। उन्होंने कहा कि मामले में आज मृतक की कांटेक्ट हिस्ट्री खंगाली जाएगी।
भाजपा की तेज़तर्रार नेता व पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा ने सोमवार को पंचकूला के एक निजी अस्पताल में आखिरी सासें लीं। उनके आकस्मिक निधन से पुरे हिमाचल प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। बता दें श्यामा पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। सोमवार को अचानक उनकी तबियत बिगड़ी और उन्हें नाहन स्थित मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहाँ से उन्हें चंडीगढ़ PGI रेफेर कर दिया गया पर श्यामा ने बीच रस्ते में ही दम तोड़ दिया। पूर्व मंत्री श्यामा ने 16 सितम्बर को ही प्रधानमंत्री मोदी को फेसबुक पर शुभकामनाएं प्रेषित की थीं, पर उस समय कौन जनता था वह चंद रोज़ में दुनिया को अलविदा कह देंगी। श्यामा अपनी आखिरी समय तक राजनीती व समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय रहीं। उनका राजनितिक करियर 42 सालों का रहा। वह तीन बार विधायक और एक बार मंत्री भी रहीं। उन्होंने भाजपा को जिला सिरमौर में पहचान दिलाई व संगठन के लिए कई बड़े कार्य किए। उन्होंने छात्र राजनीती से अपना करियर शुरू किया। उन्होंने पहली बार 1977 में नाहन विधानसभा से चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की। श्यामा शर्मा नाहन से तीन बार विधायक 1977, 1982 व 1990 में रही। 1977 में वह तात्कालीन सरकार मेें पंचायती राज, खाद्य एवं आपूर्ति तथा विधि मंत्री रही। इसके बाद प्रेम कुमार धूमल की सरकार में राज्य योजना बोर्ड की उपाध्यक्ष भी रही। मुख्यमंत्री ने जताया शोक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा के निधन पर शोक जताया है। सीएम ने कहा श्यामा शर्मा ने पार्टी और जनता की निस्वार्थ एवं समर्पण भाव से सेवा की है। भगवान उनकी दिवंगत आत्मा काे शांति प्रदान करे व परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे।
चूल्हे चौखे के साथ अपनी आर्थिकी को मज़बूती दे रही महिलाएं महामारी के इस कठिन दौर में वे परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए मनरेगा में दिहाड़ी मजदूरी के साथ-साथ अपनी नकदी फसलों को बेचने में भी पीछे नहीं है। पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर जोगिन्दर नगर से लेकर गुम्मा तक ऐसी दर्जनों महिलाएं सडक़ किनारे अपनी नकदी फसलें बेचते हुए नज़र आ रही हैं। ये महिलाएं अपनी नकदी फसलें पीठ पर उठा कर 2-3 किमी दूर से सडक़ के किनारें सब्ज़ियां बेचने के लिए पहुंच रही हैं। छाणग गुम्मा में सड़क के किनारे बैठी महिलाओं से बात की गई तो वहाँ मौजूद बिमला देवी ने बताया कि बरसाती मौसम के कारण उनके यहां प्राकृतिक तौर पर तैयार सब्जियों की काफी पैदावार है जिसे वह प्रतिदिन अपनी पीठ पर उठाकर बेचने के लिए सूखा नाला पुल के पास पहुंचती हैं। इसी तरह अन्य कई महिलाएं अपनी फसलों कि पैदावार को पीठ पर उठाए उन्हें बेचने के लिए वहाँ पहुँच रही हैं तथा उन्हें इन फसलों के अच्छे दाम प्राप्त हो जाते हैं। इसी बीच सब्जियां खरीदने के लिए रूके एक यात्री देवराज से बातचीत की गई तो उनका कहना है कि महिलाओं द्वारा यहां बेचे जा रहे यह उत्पाद जहां पूरी तरह से प्राकृतिक तौर पर उगाए गए हैं तो वहीं इनकी कीमत बाजार के भाव से भी कम है। जिसका सीधा असर उनकी सेहत के साथ-साथ आर्थिकी पर भी पड़ता है।
वन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया ईको टूरिज्म की संभावनाएं तलाशने के लिए 22 सितम्बर को जंजैहली आएंगे। यह जानकारी देते हुए सहायक आयुक्त संजय कुमार ने बताया कि वन मंत्री 22 सितम्बर को प्रातः 11 बजे जंजहैली में ईको पार्क का निरीक्षण करेंगे और क्षेत्र में ईको टूरिज्म संभावनाओं का पता लगाएंगे। उनका रात्रि विश्राम थुनाग विश्राम गृह में होगा। वन मंत्री 23 सितम्बर को नाचन विधानसभा में विभिन्न विकास योजनाओं के शिलान्यास और लाकार्पण करेंगे। वे प्रातः 9.30 बजे वन विश्राम गृह चैल चौक के अतिरिक्त भवन का शिलान्यास, 10.30 बजे मंझागन स्थित छपराहन में फुट ब्रिज, छपराहन में वन रक्षक हट्ट का शिलान्यास और आयुर्वेदिक औषधालय का उद्घाटन करेंगे। वे दोपहर बाद तूना में फुट ब्रिज, जहल और मछरोट में वन रक्षक हट्ट के शिलान्यास करेंगे। इसके उपरान्त उनका धर्मशाला प्रस्थान का कार्यक्रम है।
हिमाचल, देवी देवताओं की भूमि है और यहां की आबोहवा में कई रोचक कहानियां छुपी हैं। ये कहानी है कोयला माता मंदिर की। कोयला माता मंदिर मंडी जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर स्थित है। माना जाता है कि माता शक्ति ने यहाँ कोलासुर नामक राक्षस का वध किया था और लोगों को उसके प्रकोप से बचाया था जिस कारन इसका नाम पड़ा। यहां माता के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते है। लोक कथाओं के अनुसार, प्राचीन समय में राजगढ़ की पहाड़ी पर यह मंदिर एक चट्टान के रूप में ही था। बाद में यह मंदिर कैसे अस्तित्व में आया और कोयला माता की पूजा अर्चना कैसे शुरू हुई इसके बारे में एक कथा प्रचलित है। कहा जाता है की उस समय राजगढ़ और आस-पास के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन मातम का माहौल छाया रहता था। हर दिन किसी न किसी के घर पर, कोई न कोई व्यक्ति मृत्यु का शिकार हो जाता। इस तरह राजगढ़ क्षेत्र का दाहुल शमशान घाट किसी भी दिन बिना चिता जले नहीं रहता था। यदि किसी दिन शमशान घाट में शव नहीं पहुंचता तो उस दिन वहां पर घास का पुतला जलाना पड़ता था। स्थानीय लोगों के मन में ये धारणा बन गई कि चिता के न जलने से किसी प्राकृतिक प्रकोप व् आपदा सामना करना पड़ेगा। इस तरह घास के पुतले को जलाने की प्रथा से यहां शुरू हो गई और जिस भी दिन कोई मृत्यु नहीं होती लोग शमशानघाट में घांस का पुतला जलाते।लेकिन हर दिन अंतिमसंस्कार कर लोग तंग आ गए थे और इस से छुटकारा चाहते थे। हर दिन दुःख दुखी से बचने के लिए क्षेत्र के लोगों ने देवी माँ के आगे प्रार्थना की। लोगों की प्रार्थना से माँ काली प्रसन्न हो गईं और देखते ही देखते एक व्यक्ति में देवी प्रकट हो गईं और वह व्यक्ति माँ की वाणी बोलने लगी। स्थानीय भाषा में इसे “खेलना ” कहते हैं। जभ वह व्यक्ति खेल गया तो माता का आदेश बताते हुए उसने कहा-“मैं यहाँ की कल्याणकारी देवी हूँ……तुम्हें घास के पुतले जलाने की प्रथा मुक्त करती हूँ। सुखी रहो और मेरी स्थापना यहीं कर दो।" लोगों ने जब व्यक्ति के मुख से देवी के वाक् सुने तो उन्होंने देवी से कही गई बातों का प्रमाण माँगा। इस पर उस खेलने वाले व्यक्ति ने पास की विशाल चट्टान की ओर इशारा किया और देखते ही देखते चट्टान से घी टपकने लगा। इसके बाद यहां से हमेशा घी बहता रहता था और इसका उपयोग लोग माँ की जोत जलाने के साथ ही अपने घर में भी करते थे। वहीं अचानक कुछ समय बाद इस चट्टान से घी टपकना बंद हो गया। इस के बारे में बताय जाता है की एक बार एक गद्दी अपनी भेड़ बकरियां लेकर इस रास्ते से गुजर रहा था। चढ़ाई चढ़ने के बाद वो आराम के लिए उसी चट्टान के समीप बैठ गया और वहां बैठ कर खाना खाने लगा। फिर उसने अपनी रोटी पर घी लगाने के उद्देश्य से अपनी जूठी रोटी चट्टान पर रगड़ने दी। जूठन के फलस्वरूप उसी दिन से चट्टान से घी टपकना बंद हो गया।
शिक्षकों और विद्यार्थियों को स्कूलों में बुलाने को लेकर अगले सप्ताह एसओपी जारी होगी। केंद्र सरकार से जारी अनलॉक-4 की गाइडलाइन के अनुसार 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को 21 सितंबर से स्कूलों में बुलाने को हरी झंडी मिल गई है। केंद्र ने अभिभावकों के सहमति पत्र पर बच्चों को स्कूलों भेजने को मंजूरी दी है। केंद्र ने इसका अंतिम फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा है। केंद्र की ओर से बीते दिनों एसओपी भी जारी की गई है। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने भी एसओपी तैयार कर अंतिम मंजूरी के लिए फाइल शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर को भेज दी है। केंद्र से जारी गाइडलाइन में 30 सितंबर तक स्कूलों, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों को बंद रखने का फैसला लिया गया है। हालांकि, केंद्र सरकार ने राज्यों को अपने स्तर पर फैसले लेने के लिए कुछ छूट भी दी है। प्रदेश शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने कंटेनमेंट जोन से बाहर वाले स्कूलों में नवीं से जमा दो कक्षा को शुरू करने के लिए एसओपी जारी कर दी है। हिमाचल ने भी अपनी एसओपी तैयार कर ली है। केंद्र सरकार ने 21 सितंबर से 50 फीसदी शिक्षकों और गैर शिक्षकों को भी स्कूल बुलाने को कह दिया है। ऐसे में पहली से आठवीं कक्षा की ऑनलाइन पढ़ाई की मानीटरिंग 21 सितंबर से शिक्षक स्कूल आकर ही करेंगे। एसओपी में शिक्षकों और विद्यार्थियों के आने-जाने को लेकर सभी नियम तय किए जाएंगे।
हिमाचल के जिला मंंडी, कुल्लू और लाहौल - स्पिति के युवकों के लिए भारतीय थल सेना में भर्ती कोविड-19 के दुष्प्रभाव के कारण कुछ महीनों के लिए स्थगित कर दी गई। कर्नल एम राजाराजन ने कहा कि 6 से 14 अक्तूबर तक वर्ष 2020-21 की सेना की खुली भर्ती का आयोजन किया जाना था जो कोराना महामारी के चलते केंद्र व राज्य सरकार से अनुमति नहीं मिल पाने के कारण कुछ महीनों के लिए स्थगित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस भर्ती का जब भी फिर से आयोजन किया जाएगा तो उसके लिए रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा। जिन अभ्यर्थीयों ने 20 सितंबर तक अपना रजिस्ट्रेशन किया होगा केवल उन्ही अभ्यर्थीयों कों भर्ती में भाग लेने का मौका दिया जाएगा। उन्होंने सभी अभ्यर्थीयों को भर्ती में भाग लेने के लिए जल्दी से जल्दी अपना रजिस्ट्रेशन सेना की वेबसाइट पर करने की अपील की है। भर्ती निर्देशक कर्नल एम राजाराजन ने यह भी कहा कि सभी अभ्यर्थी शाररिक अभ्यास करते रहें और अल्प अवधि में भर्ती की तारीख की घोषणा कर दी जाएगी।
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने जारी एक प्रैस बयान में कहा कि विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 17 सितम्बर को जन्मदिवस है तथा पार्टी प्रत्येक वर्ष प्रधानमंत्री का जन्मदिवस "सेवा सप्ताह’’ के रूप में मनाती है। प्रत्येक वर्ष पार्टी के सभी कार्यकर्ता विभिन्न प्रकार के सेवा के कार्यक्रम पूरे सप्ताहभर करके प्रधानमंत्री की दीर्घायु व स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं। यह सेवा सप्ताह 14 सितम्बर से 20 सितम्बर, 2020 तक पूरे प्रदेश में मनाया जाएगा जिसके लिए प्रदेश उपाध्यक्ष राम सिंह को प्रभारी बनाया गया है। सुरेश कश्यप ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का 70वां जन्मदिवस है इसलिए इस सेवा सप्ताह में प्रत्येक मण्डल में कम से कम 70 दिव्यांगों को विभिन्न प्रकार के कृत्रिम अंग एवं उपकरण प्रदान करने का पार्टी ने निर्णय लिया है। इसी प्रकार गरीब भाईयों एवं बहनों को आवश्यकतानुसार चश्में प्रदान किए जाएंगे। उन्होनें कहा कि प्रत्येक जिले में गरीब बस्ती एवं अस्पतालों में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए फल वितरण के कार्यक्रम किए जाएंगे तथा कोविड-19 से प्रभावित 70 लोगों को स्थानीय आवश्यकतानुसार एवं अस्पताल के माध्यम से प्लाजमा डोनेट किए जाएंगे। इस कार्यक्रम के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रवीण शर्मा को प्रभारी बनाया गया है।
सरकार ने 4 सितंबर को कैबिनेट बैठक में धार्मिक स्थलों को खोलने का निर्णय लिया था जिसके बाद आज प्रदेश में धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया है। इसे ले कर एसओपी जारी किए गए। देवभूमि हिमाचल प्रदेश में भी आज सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। शिमला स्थित प्रसिद्ध तारादेवी मंदिर , जाखू मंदिर एवं संकटमोचन मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं ने दिशा-निर्देशों के अनुसार ही दरशन किए। एसओपी के तहत मंदिर परिसरों में सभी तैयारियां की जा चुकी हैं। सराहन स्थित प्रसिद्ध मां भीमाकाली मंदिर में सुबह सात से शाम साढ़े छह बजे तक भक्तों को माता के दर्शन करने की अनुमति रहेगी। शाम सात बजे मंदिर के कपाट बंद होंगे। मां चिंतपूर्णी का दरबार सुबह 9 से शाम 7 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा। श्रद्धालु प्रसाद ले जा सकेंगे, लेकिन इसे चढ़ाने पर मनाही रहेगी। श्री नयना देवी जी मंदिर में रोजाना एक हजार श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे। मंदिर में 60 साल से अधिक और 10 साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के प्रवेश पर फिलहाल रोक रहेगी। शक्तिपीठ बज्रेश्वरी मां के दर्शन भक्त सुबह सात से शाम सात बजे तक करेंगे। मां चामुंडा के दर्शन भी इसी समय हो सकेंगे। हरियाणा और हिमाचल की सीमा पर त्रिलोकपुर स्थित माता बालासुंदरी मंदिर, पांवटा साहिब के ऐतिहासिक गुरुद्वारे में सुरक्षा के विशेष इंतजाम हैं। दियोटसिद्ध स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को ई-पास बनवाना होगा। मंदिर प्रतिदिन सुबह छह बजे खुलेगा और शाम 7 बजे बजे बंद होगा। प्रतिदिन लगभग 500 श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी जाएगी।
मेष आज के दिन आत्ममथंन कई मुश्किलों से बाहर निकालने में आपकी मदद करेंगे। ऑफिशियल कार्यों में भी जल्दबाजी के चलते गलती होने की प्रबल आशंका बनी हुई है, हो सकता है पिछला कार्य पुनः करना पड़ जाए। कारोबार को बढ़ाने के लिए अपनी क्षमता व योग्यता का पूरा प्रदर्शन करेंगे जिसमें सफलता भी मिलेगी। युवाओं के कुछ सपने अधुरे रहने से मन उदास रहेगा। सेहत में शारीरिक कमजोरी महसूस होगी जो किसी स्वास्थ्य संबंधित बीमारी का कारण बन सकती है, थैरपी लेने के लिए समय उपयुक्त चल रहा है। घर पर रहते हुए सदस्यों के साथ फैमली डिनर की प्लानिंग कर सकते हैं। वृष आज के दिन मन में द्वंद की स्थिति रहेगी जो कार्यों में अनेक अवरोध डाल सकती है। जिस पर आप सबसे ज्यादा विश्वास करते हैं, वहीं अविश्वास का कारण बन सकता है। कर्मक्षेत्र में सहकर्मियों से संपर्क को कमजोर न होने दें, वर्तमान समय में यह बेहद जरूरी है। व्यावसायिक गतिविधियाँ सामान्य रूप से चलती रहेंगी, साथ ही छोटे-मोटे निवेश करने के लिए दिन उपयुक्त है। हेल्थ की बात करें तो आंखों में दर्द या इंफेक्शन की समस्या उत्पन्न हो सकती है इसका तुरंत इलाज करना ही सही रहेगा, अन्यथा भविष्य में परेशानियां झेलनी पड़ेगी. संतान से संबंधित कोई शुभ सूचना मिलने की संभावना है। मिथुन आपके मूड में बारंबार परिवर्तन आने के कारण मन में अनिश्चितता रहेगी । परिणामस्वरूप मानसिक अस्वस्थता अनुभव करेंगे। पारिवारिक सदस्यों के साथ बातचीत करके और आवश्यक लगे तो विशेषज्ञों की सलाह लेकर बेचैनी कम कर सकेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखने की गणेशजी की सलाह है। कर्क गणेशजी की कृपा से आज आप जो कुछ भी विचार करेंगे और युक्ति-प्रयुक्तियों को अजमाएँगे उसमें आपको सफलता मिलेगी। विद्यार्थी अध्ययन में अच्छा प्रदर्शन करेंगे तथा अधूरे कार्य पूरे होंगे। आप अपनी कल्पनाशक्ति का अच्छा चमत्कार दर्शा सकेंगे। संक्षेप में आज का दिन आपके लिए खुशी का और विविधतापूर्ण रहेगा सिंह आज के दिन आध्यात्मिकता की तरफ भी थोड़ा रूझान बढ़ाना चाहिए, जिससे आप प्रसन्नता व आत्मिक शांति का अनुभव करेंगे। ऑफिशियल कार्य समय रहते पूर्ण होंगे जिससे अन्य कार्यों के लिए भी पर्याप्त समय मिलेगा। व्यापारियों का बैंकिग संबंधित कार्य में रुकावट आने की वजह से मन में झुंझलाहट रहने की आशंका है। युवाओं को मनपसंद विषयों में अच्छे परिणाम मिलने से वह प्रसन्न रहेंगे। मुंह में छालें हो सकते हैं, यह समस्या पेट की गर्मी की वजह से होगी। संतान की हैबिट्स पर ध्यान रखें. अगर आपकी संतान छोटी है तो खेलते समय उसका विशेष ध्यान रखें, गिर कर चोट लग सकती है। कन्या आशावादी बनें और उजले पक्ष को देखें। आपका विश्वास और उम्मीद आपकी इच्छाओं व आशाओं के लिए नए दरवाज़े खोलेंगी। भविष्य में अगर आपको आर्थिक रुप से मजबूत बनना है तो आज से ही धन की बचत करें। आपका मज़ाकिया स्वभाव सामाजिक मेल-जोल की जगहों पर आपकी लोकप्रियता में इज़ाफ़ा करेगा। आप अपने प्रिय की बांहों में आराम महसूस करेंगे। आज अनुभवी लोगों से जुड़कर जानने की कोशिश करें कि उनका क्या कहना है। यदि आपको व्यस्त दिनचर्या के बाद भी अपने लिए समय मिल पा रहा है तो आपको इस समय का सदुपयोग करना सीखना चाहिए। ऐसा करके अपने भविष्य को आप सुधार सकते हैं। आप और आपका हमदम एक-दूसरे से आज एक-दूसरे की ख़ूबसूरत भावनाओं का इज़हार कर सकेंगे। तुला ससुराल वालों से नाराजगी और किसी बात को लेकर लड़ाई हो सकती है। बात करते समय अपना संयम न खोए किसी पेचीदा बात को रखते समय ना सीमा का उल्लंघन करें, ना होने दें। वरिष्ठ व्यक्ति की जिद के आगे आज आपको झुकना पड़ेगा। अहंकार आपका सबसे बड़ा शत्रु होगा। बहुत कष्ट से किए हुए काम में असफलता मिल सकती है। लेकिन, अपना आत्मविश्वास कम ना होने दें। अगर बात किसी जमीन से जुड़े मुद्दे की है, तो अपनी बात पर कायम रहें। वृश्चिक शारीरिक बीमारी के सही होनी की काफ़ी संभावनाएँ हैं और इसके चलते आप शीघ्र ही खेल-कूद में हिस्सा ले सकते हैं। जो लोग काफी वक्त से आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे उन्हें आज कहीं से धन प्राप्त हो सकता है जिससे जीवन की कई परेशानियां दूर हो जाएंगी। अपने जीवन-साथी के साथ प्यार, अपनापन और स्नेह महसूस करें। मुहब्बत की टीस आज रात आपको सोने नहीं देगी। आप क़ामयाबी ज़रूर हासिल करेंगे – बस एक-एक करके महत्वपूर्ण क़दम उठाने की ज़रूरत है। आपके पास समय तो होगा लेकिन बावजूद इसके भी आप कुछ ऐसा नहीं कर पाएंगे जो आपको संतुष्टि दे। जीवनसाथी के साथ एक आरामदायक दिन बीतेगा। धनु आज का दिन आपके लिए मध्यम रूप से फलदायक रहेगा। आपको अपने विरोधियों से कुछ परेशानी हो सकती है। घर परिवार के लोग किसी बात को लेकर वाद-विवाद कर सकते हैं। आप एक बुद्धिमान व्यक्ति की तरह उन्हें कोई काम की सलाह देंगे जो बहुत काम आएगी। शादीशुदा लोगों के गृहस्थ जीवन के लिए दिनमान अच्छा रहेगा। प्रेम जीवन बिता रहे लोग रिश्ते में कुछ दिक्कतें महसूस करेंगे। आपका प्रिय गुस्से में आकर आपको उल्टा सीधा बोल सकता है। इनकम सामान्य रहेगी और सेहत बढ़िया रहेगी। काम के सिलसिले में दिनमान आपके पक्ष में रहेगा। मकर अच्छी चीज़ों को ग्रहण करने के लिए आपका दिमाग़ खुला रहेगा। नौकरी पेशा से जुड़े लोगों को आज धन की बहुत आवश्यकता पड़ेगी लेकिन बीते दिनों में किये गये फिजुलखर्च के कारण उनके पास पर्याप्त धन नहीं होगा। कोई ऐसा रिश्तेदार जो बहुत दूर रहता है, आज आपसे संपर्क कर सकता है। आप रोमांटिक ख़यालों और सपनों की दुनिया में खोए रहेंगे। दफ़्तर की राजनीति हो या फिर कोई विवाद, चीज़ें आपके पक्ष में झुकी नज़र आएंगी। खेलकूद जीवन का जरुरी हिस्सा है लेकिन खेलकूद में इतने भी व्यस्त न हो जाएं कि आपकी पढ़ाई में कमी आ जाए। मुमकिन है कि आपके माता-पिता आपके जीवनसाथी को कुछ शानदार आशीर्वाद दें, जिसके चलते आपके वैवाहिक जीवन में और निखार आएगा। कुंभ आपके लिए आज का दिन अच्छा रहेगा। पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाएंगे और सेहत को लेकर थोड़े चिंतित हो सकते हैं लेकिन परिवार वालों का सहयोग हर काम में आपको मिलेगा जिससे काम के सिलसिले में आपको अच्छे नतीजे मिलेंगे। आपके मित्र और आपके साथ काम करने वाले लोग आपको सपोर्ट करेंगे। प्रेम जीवन बिता रहे लोगों के लिए दिनमान अच्छा रहेगा। शादीशुदा लोगों के गृहस्थ जीवन में तनाव दिखाई देगा। मीन ऐसी गतिविधियों में शामिल हों जो रोमांचक हों और आपको सुकून दें। धन का आगमन आज आपको कई आर्थिक परेशानियों से दूर कर सकता है। वैवाहिक बंधन में बंधने के लिए अच्छा समय है। आज के दिन रोमांस के नज़रिए से कोई ख़ास आशा नहीं की जा सकती है। कामकाज के मोर्चे पर आपकी कड़ी मेहनत ज़रूर रंग लाएगी। हितकारी ग्रह कई ऐसे कारण पैदा करेंगे, जिनकी वजह से आज आप ख़ुशी महसूस करेंगे। आपके जीवनसाथी की कामकाज को लेकर व्यस्तता आपकी उदासी का कारण बन सकती है।
BMC और महाराष्ट्र सरकार के साथ चल रहे विवाद के बीच अभिनेत्री कंगना रनौत मुंबई पहुँच गई हैं। मुंबई पुलिस पर उनकी टिप्पणी को लेकर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने हवाई अड्डे पर विरोध प्रदर्शन किया। शिवसेना कार्यकर्ता हवाईअड्डे के बाहर काले झंडे के साथ कंगना खिलाफ नारे लगाते हुए देखे गए। आरपीआई (ए) और करणी सेना के कार्यकर्ता भी अभिनेता के समर्थन में एकत्र हुए। आरपीआई (ए) नेता और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने घोषणा की थी कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता मुंबई में रहते हुए कंगना की रक्षा करेंगे। क्या बोले मुख्यमंत्री जयराम मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने महाराष्ट्र में कंगना के ऑफिस को शिव सेना द्वारा तोड़े जाने पर कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है। सीएम ने कहा की शिव सेना का गठन जिस चीज़ के लिए हुए था वह मूल को ख़त्म कर दिया गया है। जब से शिव सेना ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है शिव सेना का वजूद खत्म है। शिव सेना की हालात भी कांग्रेस जैसी होने वाली है।
पहाड़ों की वादियों के बीच बसे चंबा शहर का सौंदर्य और इतिहास बहुत ही निराला है। यहां की वादियां और इमारतें बहुत सी कहानियां सुनाती हैं। ऐसे ही एक कहानी है रानी सुनैना की। रानी सुनैना यानी बलिदान और साहस कि मूर्ति। ये चंबा रियासत की वो रानी है जिन्होंने अपनी प्रजा और राज्य के उत्थान के लिए बिना किसी हिचकिचाहट के अपना बलिदान दे दिया। यूं तो चंबा शहर रावी और साल नदी के मध्य में बसा है पर एक समय ऐसा भी था जब यह शहर पीने के पानी की किल्लत से जूझ रहा था। दो नदियों के बीच बसे होने के बावजूद भी यहां पीने के लिए पानी की एक बूंद नहीं थी। उस समय चम्बा रियासत के राजा साहिल वर्मन हुआ करते थे। राजा भी इस समस्या से पूर्णतः वाकिफ थे पर वो करते भी क्या। एक रात उनकी पत्नी, रानी सुनैना को उनकी कुल देवी ने स्वप्न में दर्शन दिए और कहा कि राज घराने में से किसी को बलिदान देना होगा तभी पानी की कमी पूरी होगी। जब राजा साहिल वर्मन को रानी सुनैना ने पूरी कहानी सुनाई तो राजा वर्मन बलिदान देने के लिए तैयार हो गए। फिर रानी सुनैना ने सोचा यदि राजा बलिदान देंगे तो उनका सुहाग छिन जाएगा और राज्य के सर से भी साया उठ जाएगा, और यदि उनके पुत्र राजकुमार युगाकर बलिदान देते है तो कुल का दीपक बुझ जाएगा और वंश को आगे कौन बढ़ाएगा। ये सब सोचकर रानी सुनैना ने स्वयं बलिदान देने का फैसला लिया। इस निर्णय से पुरी चंबा रियासत में शोक व विस्मय की लहर दौड़ गई। आखिरकार रानी सुनैना बलिदान देने के लिए महल से निकल पड़ीं। आंखों में आंसू लिए उनके इस काफिले में चंबा की जनता भी शामिल थी। रास्ते मे सूही के मढ़ से रानी सुनैना ने आखिरी बार चंबा शहर पर नज़र डाली और फिर आगे बढ़ते हुए ये काफिला मलून नामक स्थान पर रुक गया। ममता और बलिदान की मूरत रानी सुनैना बलिदान देने से पहले कहा 'मेरी इच्छा है कि मेरी याद में हर वर्ष मेला लगे। इस मेले को सिर्फ स्त्रियां मनाएं और पुरुष इस में भाग न लें और न ही राज परिवार की बहुएं इस में भाग लें। इस मेले में पूजा केवल राज परिवार की कुंवारी कन्या के हाथों करवाई जाए।' बस इतना कहकर रानी सुनैना ने जिंदा समाधि ले ली। उसी समय पानी की धार फूट पड़ी और रानी सुनैना का बलिदान चंबा के लोगों के लिए अमृत बन कर बहने लगा। रानी सुनैना के बलिदान को याद करते हुए राजा साहिल वर्मन ने जिस स्थान से रानी सुनैना ने आखिरी बार चंबा को देखा था उसी सूही के मढ़ नामक स्थान पर उनके मंदिर का निर्माण करवाया। हर वर्ष इस जगह सूही के मेले का भी आयोजन किया जाता है। ये मेला 3 दिन तक चलता है और यहां केवल बच्चे और महिलाएं ही उपस्थिति दर्ज करवाते है। महिलाएं रानी की प्रशंसा में लोकगीत गाती हैं और समाधि तथा प्रतिमा पर फूल की वर्षा की जाती है।
हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। वहीं, मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। मंगलवार सुबह कोरोना से एक और मौत का मामला सामने आया है। बिलासपुर की 57 वर्षीय महिला ने आईजीएमसी में दम तोड़ दिया है। वहीं, एक सरकाघाट और तीसरा शिमला के व्यक्ति की मौत हुई है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना से मौत का आंकड़ा 60 पहुंच गया हैै। प्रदेश में संक्रमितों का कुल आंकड़ा 7660 पहुंच गया है। 2234 सक्रिय मामले हैं। 5359 मरीज ठीक हो गए हैं। बता दें सोमवार को 262 कोरोना पॉजिटिव मामले आए थे।
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा कंगना रनौत को सुरक्षा देने के बाद आज कंगना के घर के बाहर कमांडोज़ ने भी पहरा देना शुरू कर दिया है। बता दें की पिछले कल ही प्रदेश सर्कार द्वारा बॉलीवुड एक्ट्रेस व हिमाचल की बेटी कंगना रनौत को सुरक्षा दे दी गई थी। इसके बाद आज ग्रह मंत्रालय की और से Y श्रेणी की सुरक्षा भी कंगना को मिल गई है। मंगलवार सुबह मनाली स्थित कंगना के घर पर Y श्रेणी की सुरक्षा का पहरा देखा गया। Y श्रेणी की सुरक्षा के तहत कंगना के घरत पर 11 सदस्यों की टीम ने मोर्चा संभल लिया है। ये टीम दिन-रात कंगना के आस पास पहरा देगी। इससे पहले, हिमाचल प्रदेश सरकार ने कंगना रनौत को प्रदेश पुलिस की ओर से सुरक्षा प्रदान की थी। कंमाडो के आने से पहले घर के आसपास कुल्लू पुलिस के जवान तैनात थे।
अतिरिक्त उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि मंडी जिला में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में 26 नई परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। इनकी कुल लागत 4.31 करोड़ तथा अनुदान राशि 75 लाख प्रस्तावित है। इससे करीब 140 लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि जिन परियोजनाओं का अनुमोदन किया गया उनमें मुख्यतः ब्यूटी पार्लर, होटल, जिम तथा पेवर ब्लाक इत्यादि से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं। अतिरिक्त उपायुक्त ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अन्तर्गत विभिन्न परियोजनाओं के अनुुमोदन के जिला स्तरीय समिति की बैठक के उपरांत यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बैठक में कुल 60 परियोजना जिनकी कुल लागत 14.58 करोड़ तथा अनुदान राशि 3.12 करोड़ थी, समिति के समक्ष रखी गई, जिनमें से आज 26 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है जिसके लिए जिला मंडी को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 7.50 करोड़ की अनुदान राशि प्रदान की गई है। जिला उद्योग केन्द्र मंडी के महा प्रबन्धक ओपी जरयाल ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत कोई भी हिमाचली युवा व युवती जिनकी आयु 18 से 45 वर्ष के बीच हो और अपना उद्योग स्थापित करना चाहते हों, उनके लिए 40 लाख रुपये तक के निवेश पर 25 प्रतिशत व 30 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। उद्योग की अधिकतम लागत 60 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त योजना के तहत हिमाचली विधवा महिलाओं के लिए जिनकी आयु 45 वर्ष से कम हो को 35 प्रतिशत की अनुदान है। इसके अलावा 5 प्रतिशत की दर से 3 वर्षों तक 40 लाख रुपये के ऋण पर ब्याज अनुदान भी उपरोक्त योजना में दिया जाएगा । यह योजना सभी उत्पादन इकाईयों व 82 सेवा इकाईयों के ऊपर लागू है।
मंडी जिला प्रशासन नशे के खिलाफ एक्शन मोड में है। प्रशासन ने जिला में नशे के दानव पर चैतरफा हमला बोला है। नशा मुक्त भारत अभियान के तहत गांव से लेकर शहर तक हर नशे के खिलाफ अलख जगाने के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। सामाजिक कल्याण विभाग मंडी के कार्यक्रम अधिकारी रमेश चंद बंसल बताते हैं कि जिला में सरकारी मशीनरी के साथ साथ ग्राम पंचायतों, स्वयं सेवी संस्थाओं, शिक्षक संस्थानों, महिला एवं युवक मंडलों और समाज के प्रत्येक वर्ग का सहयोग लेकर नशा मुक्त भारत अभियान को तेज धार ओर रफ्तार दी गई है।
पहाड़ी भाषा एवं संस्कृति को संरक्षित रखने की बेहतरीन सोच के साथ, तेज़ी से आगे बढ़ रहा है दी मॉडर्न फोक नोट। हाल ही में रिलीज़ हुए दी मॉडर्न फोक नोट 6 को दुनिया भर में पसंद किआ जा रहा है । ए सी भरद्वाज द्वारा गाई गई इन सीरीज को प्रदेश और देश के साथ साथ विश्व के भी अन्य 35 देशों की जनता से भरपूर प्यार मिल रहा है । इस प्यार की ख़ास वजह यह भी है कि मॉडर्न फोक नोट एक नई सोच ले कर सामने आया है जिसमे उन्होंने युवाओं के बीच लोक संगीत का रुझान बढ़ाने के लिए, मॉडर्न बीट्स एवं पहाड़ी गानों का मिश्रण किया है। मॉडर्न फोक नोट की 5 सीरीज पहले ही यू ट्यूब पर आ चुकी हैं जिन्हें दुनिया भर से बहुत प्यार एवं सम्मान मिला है । मॉडर्न नोट 6 इसी सीरीज को आगे बढ़ाते हुए प्रसारित किया गया , एवं कुछ ही दिनों में 3 लाख से भी ज़्यादा लोगों द्वारा देखा जा चूका है।
हिमाचल के चंबा में दो स्वास्थ्य कर्मियों समेत तीन कोरोना पाॅजिटिव मरीज पाए गए है। इनमें एक सीआईडी यूनिट चंबा का कर्मचारी भी शामिल है। 4 सितम्बर को जाँच के लिए कुल 239 सैंपल लिए गए थे जिसमे से तीन पोसिटिव पाए गए है, वहीं 176 सैम्पल की रिपोर्ट आना अभी बाकि है। पॉजिटिव पाए गए तीन व्यक्तियों में से एक 26 वर्षीय महिला है जो की JLNMC चम्बा की स्वस्थ्य कर्मी है। DIET सरु का एक 26 वर्षीय स्वास्थ्य कर्मी जो की इंस्टीटूशनल क्वारंटाइन में था, और एक 41 वर्षीय CID यूनिट चम्बा का कर्मचारी भी कोरोना पोसिटिव पाया गया है। चम्बा जिले में संक्रमितों का आंकड़ा 478 पहुंच गया है। 112 सक्रिय मामले हैं और 361 मरीज ठीक हो चुके हैं। इसके अलावा मंडी से 12 नए मामले, काँगड़ा से 9 नए मामले और कुल्लू से 1 नया पॉजिटिव मामला सामने आया है जिनकी पूरी जानकारी आना अभी बाकी है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 6855 पहुंच गया है। 1823 सक्रिय मामले हैं। 4932 मरीज ठीक हो गए हैं। 45 मरीज राज्य के बाहर चले गए हैं और 51 की मृत्यु हो चुकी है।
सुंदरनगर नगर परिषद में रोस्टर व आरक्षण को लेकर शुक्रवार को दोबारा ड्रा उपमंडल अधिकारी(ना.) राहुल चौहान की अध्यक्षता में निकाला गया। इस मौके पर महिला वर्ग के लिए 5, महिला अनुसूचित जाति के लिए एक, अनुसूचित जाति के लिए एक और सामान्य वर्ग के लिए 5 वार्ड आरक्षित हुए। महिला वर्ग के लिए जो वार्ड आरक्षित हुए है उनमें वार्ड नंबर-1 बाड़ी कुलाडा, वार्ड-7 बनायक, वार्ड-8 अंबेडकनगर, वार्ड 10 चांगर और वार्ड 11 पुराना बाजार शामिल है। वार्ड-6 बाहोट महिला अनुसूचित जाति के लिए और वार्ड-5 भडोह और वर्ड-12 पश्चिम कालोनी अनुसूचित जाति के लिए के लिए आरक्षित हो गया है जबकि सामान्य वर्ग के लिए वार्ड-2 बनेड, वार्ड-3 पुंघ, वार्ड-4 सलाह, वार्ड नंबर-2 बनेड, वार्ड वार्ड-9 भोजपुर और वार्ड-13 पूर्वी कालोनी आरक्षित हुआ है। इस मौके पर नगर परिषद अध्यक्ष पूनम शर्मा, कार्यकारी अधिकारी उर्वशी वालिया, तहसीलदार हरीश कुमार, प्रबुद्व जितेंद्र शर्मा, अरुण आर्य, घनश्याम गुप्ता सहित अनेक गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे।
प्रदेश में कोरोना से एक और मौत हो गई है। डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में एक 70 वर्षीय महिला ने वीरवार देर रात दम तोड़ दिया। सिरमौर में कोरोना से यह तीसरी मौत हुई है। मृतक महिला पांवटा साहिब की रहने वाली थी जिसे 1 सितंबर को पांवटा साहिब सिविल अस्पताल से डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। डायबटीज व हाईपरटेंशन रोग से ग्रसित इस महिला का नाहन मेडिकल कॉलेज में कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया था। 3 सितंबर को देर रात आइसोलेशन वार्ड में भर्ती इस महिला ने दम तोड़ दिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी सिरमौर डॉ केके पराशर ने बताया कि पांवटा साहिब में कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत मृतक का अंतिम संस्कार किया गया है। इसी के साथ प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 48 हो गया है।
वीरवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मंडी इकाई द्वारा क्लस्टर विश्वविद्यालय मंडी की विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को बिपाशा सदर मंडी में मांग पत्र सौंपा। उसमें विद्यार्थी परिषद ने मुख्यमंत्री से यह मांग की है कि क्लस्टर विश्वविद्यालय मंडी को स्थाई भूमि जल्द से जल्द दी जाए और क्लस्टर विश्वविद्यालय में इसी वर्ष से कक्षाएं शुरू की जाए। साथ ही क्लस्टर विश्वविद्यालय को राज्य विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाए तथा क्लस्टर विश्वविद्यालय के स्थाई भवन निर्माण में और तेज गति से काम किया जाए। सीएम जयराम ठाकुर ने आश्वस्त किया है कि मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा।
कोविड-19 महामारी के दौर में डॉक्टर जहां बतौर कोरोना वॉरियर बीमारी से लड़ रहे हैं वहीं कई विशेषज्ञ डॉक्टर दो कदम आगे बढ़ते हुए सर्जरी और सफल प्रस्व करवाने में भी जुटे हुए हैं। गर्भवती मां के कोरोना पॉजीटिव आने के बाद प्रस्व जैसा कार्य और चुनौतीपूर्ण हो रहा है, लेकिन नेरचौक के डाक्टरों के जज्बे के सामने कोरोना महामारी भी हार मानती दिख रही है। अस्पताल के डॉक्टरों ने दो कोरोना पॉजीटिव महिलाओं का एक बार फिर सफल प्रस्व करवाया है। 3 अगस्त की सुबह दो बच्चों ने जन्म लिया है। 34 वर्षीय एक महिला जो हमीरपुर से नेरचौर अस्पताल में रेफर की गई थी व कोरोना पॉजीटिव पाई गई थी। इस महिला ने बेटी को जन्म दिया है और सामान्य प्रस्व हुआ है। एक अन्य महिला 35 वर्षीय बिलासपुर से अस्पताल में रेफर की गई थी। महिला भी कोरोना पॉजीटिव पाई गई थी। इस महिला ने प्रीमेच्योर बच्चे को जन्म दिया है। इस बच्चे की हालत भी स्थिर है। इन महिलाओं के प्रस्व के लिए डॉक्टरों के लिए कोविड महामारी की चुनौती एक बार फिर सामने थी, लेकिन डॉक्टरों की टीम ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ अपनी ड्यूटी को निभाया और कोविड पॉजीटिव महिलाओं का सफल प्रस्व करवाया। इससे पहले भी डॉक्टरों ने अस्पताल में हिमाचल का पहला सिजेरियन द्वारा सफल प्रस्व करवाया है जिसमें महिला कोरोना पॉजीटिव थी। सफल प्रस्व के बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने एक बार ड्यूटी को पूरी लगन से अंजाम दिया है। डॉक्टरों की टीम में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सोमदत्त, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विशाल जम्वाल, इंटर्न डॉ. अलीशा और डॉ. अपूर्वा, स्टाफ नर्स सुनीता शामिल रहे।
नेर चौक के वार्ड नम्बर 5 में थोड़ी सी बरसात से ही मुख्य NH 21 में सटे नीलम होटल, अभिलाषी कालेज और बल्ह ट्रक यूनियन के कार्यालय के आसपास सड़क की नालियां ब्लाक हो गई हैं। ब्लॉक नालियों के कारण साथ लगे घरों में बरसात का गंदा पानी जा रहा है, इससे बीमारियों के बढ़ने का खतरा और संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। नगर परिषद नेर चौक ने इस बारे में कई बार लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर सूचित किया पर कोई परिणाम नहीं निकला। वीरवार सुबह जब अचानक बारिश हुई तो नेर चौक के वार्ड नम्बर 5 के स्थानीय लोगों ने पार्षद रजनीश सोनी को जानकारी दी। पार्षद ने सुबह मौके पर पहुंचकर स्थिति को देखा और उन्होंने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही नालियों का निर्माण शुरू किया जाएगा। पार्षद रजनीश सोनी ने मीडिया के माध्यम से SDM बल्ह से मांग रखी है कि नेर चौक से डडोर तक कि नालियों के बारे में लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता से बात करें व नगर परिषद के द्वारा प्रदान किए बजट पर स्थित स्पष्ट की जाए।
आजकल ईमानदार होने का दवा तो हर कोई करता है, पर पैसे को देखकर हर किसी का ईमान डोल जाता है। लेकिन अभी भी हमारे देश मे बहुत सारी इमानदारी देखने को मिलती है। ऐसा ही वाक्य एक उपमंडल करसोग से 30 किलोमीटर दूर पांगणा में देखने को मिला है। पांगणा के एक युवक जिनका नाम टिंक्कम गुप्ता है की ईमानदारी की मिसाल के चर्चे हमीरपुर तक जा पहुंचे है। जानकारी के मुताबिक टिक्कम गुप्ता अपने व्यावसायिक कार्य से मंडी गए हुए थे उस दौरान उन्हें सौली खड़ के पास एक पर्स मिला जिसमें 8788 रुपए नगद राशि व वेदप्रकाश के नाम का आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, एटीएम कार्ड था। टिक्कम गुप्ता ने इसके बारे में तुरन्त पांगणा पुलिस को जानकारी दी व इसके बारे में सोशल मीडिया में पोस्ट डाली, जिससे जल्दी ही उक्त व्यक्ति तक जानकारी पहुँच गई जिसका यह पैसों से भरा पर्स खोया हुआ था। बुधवार को पांगणा पुलिस स्टेशन में टिक्कम गुप्ता द्वारा राशि व पर्स व्यक्ति को लौटाया गया। इस ईमानदारी के कार्य के लिए वेदप्रकाश अपनी ओर से टिक्कम गुप्ता को इनाम राशि दे रहे थे जिसे टिक्कम गुप्ता ने अपनी ईमानदारी को अपना फ़र्ज समझकर लेने से मना कर दिया। समाज में ईमानदारी के ऐसे उदहारण बहुत ही सराहनीय होते है, समाज के हर व्यक्ति को टिक्कम गुप्ता से इस तरह की ईमानदारी की सिख लेनी चाहिए।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर अपने दो दिवसीय प्रवास पर मंडी पहुंच गए हैं। मुख्यमंत्री का कांगनी धार हैलीपैड पर पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपाशा सदन में जिला अधिकारियों के साथ जिला मंडी में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा की बैठक ली। इसमें मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न अधिकारियों से हर कार्य की समीक्षा कर फीडबैक ली गई। इसके उपरांत मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बल्ह निर्वाचन क्षेत्र के मंडल कार्यकर्ताओं के साथ मंडल मिलन कार्यक्रम के तहत बात करेंगे।
निदेशक सेना भर्ती कर्नल तनवीर सिंह मान ने बताया कि पड्डल मैदान जिला मण्डी में 6 अक्तूबर से 14 अक्तूबर, 2020 तक सेना भर्ती कार्यालय मण्डी द्वारा जिला शिमला, सोलन, सिरमौर और किन्नौर के युवाओं के लिए भारतीय सेना में भर्ती का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह भर्ती सैनिक तकनीकी (पुरुष), सैनिक तकनीकी (गोला बारुद परीक्षक) (एटी)(पुरुष), सैनिक तकनीकी (उड्डयन) (एक्स गु्रप)(पुरुष) तथा सैनिक तकनीकी (उपचार सहायक) (एन ए) (पुरुष) पदों के लिए होगी। उन्होंने बताया कि मापदण्ड और योग्यता के लिए सेना भर्ती कार्यालय, शिमला, हिमाचल प्रदेश द्वारा जारी 06 अगस्त, 2020 की अधिसूचना भारतीय सेना की वेबसाइट www.joinindianarmy.nic.in पर देखें। उल्लेखनीय है कि जो उम्मीदवार सेना भर्ती रामपुर बुशैहर शिमला में सैनिक तकनीकी वर्ग के लिए सेना भर्ती कार्यालय, शिमला द्वारा 16 फरवरी, 2020 को जारी अधिसूचना के तहत पहले पंजीकृत हो चुके है, उनको भी दोबारा पंजीकरण करना है।
हिमाचल प्रदेश में कोरोनावायरस से मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है ताजा घटनाक्रम में मंडी जिला के बल्ह में एक 80 वर्षीय व्यक्ति ने कोविड-19 से दम तोड़ दिया है। अब जिला में कोरोना से मरने वालों की संख्या 7 हो गई है। पुष्टि करते हुए डेडिकेटेड कोविड अस्पताल नेरचौक के एसएमएस डा. जीवानंद चौहान ने कहा कि पिछले कल जोनल अस्पताल मंडी से बल्ह घाटी के गांव सरद्वाड़ा के रहने वाले 80 वर्षीय व्यक्ति मिर्चु राम को जोनल अस्पताल मंडी से नेरचौक रेफर किया गया था। उन्होंने कहा कि उक्त व्यक्ति का उपचार के दौरान मेडिकल कॉलेज नेरचौक में दम तोड़ दिया है। मरीज की कोविड-19 को लेकर सेंपल लिया गया था और इसके उपरांत इसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई है। उन्होंने कहा कि मृतक विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त था। डा. जीवानंद ने कहा कि मृतक का अंतिम संस्कार कोविड-19 को जारी दिशानिर्देशानुसार किया जाएगा जिसके लिए प्रशासन को सूचित कर दिया गया है।
पुलिस थाना नूरपुर के अंतर्गत आती पुलिस चौकी रैहन के हैड कांस्टेबल अशोक कुमार एचएचसी नीरज कुमार, कांस्टेबल लेखराज ने गदराणा-रैहन रोड पर भटोली नामक स्थान पर एक व्यक्ति से 1.28 ग्राम चिट्टा बरामद किया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रमेश कुमार 48 वर्ष पुत्र सतपाल सिंह गाँव जसूर से आल्टो कार नम्बर एचपी- 97 4633 पर सवार होकर दो बजे के उपरांत रैहन की तरफ आ रहा था। ऐसे में जब उसने भटोली में पुलिस नाके पर पुलिस को खड़ा देखा। तो उसने गाड़ी को भगाने की कोशिश की। परन्तु पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए तत्काल उक्त व्यक्ति को कार सहित धर दबोचा।इस दौरान जब पुलिस ने उक्त व्यक्ति व उसकी कार की तलाशी ली।तो तालाशी के दौरान पुलिस ने गाड़ी में लगी ऐस ट्रे में से 1.28 ग्राम हैरोइन बरामद की। जानकारी के अनुसार उक्त व्यक्ति गाड़ियों की खरीद फरोख्त का कार्य करता है। और उक्त व्यक्ति पर पहले भी एनडीपीसी के मामले दर्ज हैं।रैहन पुलिस चौकी प्रभारी हंस राज ने बताया कि उक्त व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है और गाड़ी को जब्त कर लिया गया है। मामले की पुष्टि एसपी कांगड़ा विमुक्त रंजन ने की है।
जोगिन्दरनगर के रामलीला मैदान में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एसडीएम जोगिंदरनगर अमित मेहरा द्वारा तिरंगा फहराया गया और पुलिस व होमगार्ड के जवानों ने तिरंगे को सलामी दी। राजकीय आदर्श कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जोगिन्दरनगर की छात्राओं ने राष्ट्रगान प्रस्तुत किया। बाद में एसडीएम अमित मेहरा ने पुलिस, नगरपंचायत, स्कूली छात्राओं और मीडिया कर्मियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। मीडिया से बात करते हुए एसडीएम अमित मेहरा ने कहा कि मैं उन सभी लोगों का धन्यवादी हूँ जिन्होंने कोरोना महामारी में लॉकडाउन और अनलॉक के इस दौर में सरकार की व प्रशासन की मदद की है।
वो दौर था 1857 का, पूरे देश में क्रांति की ज्वाला भड़क रही थी। ऐसे में पहाड़ों की शांत वादियों में लगी चिंगारी भी कम नहीं थी। धीमें से सुलग रही इस क्रांति की चिंगारी ने जब विकराल रूप लिया तब लगभग पूरा हिमाचल इसकी जद में आ गया। 20 अप्रैल 1857, वो दिन जब पहली बार हिमाचल प्रदेश में अंग्रेज़ों के खिलाफ धधक रही ज्वाला ने विकराल रूप धारण किया। क्रांति का आगाज़ हुआ कसौली से। अंबाला राइफल डिपो के छह भारतीय सैनिकों ने कसौली थाने को आग के हवाले कर दिया। अंग्रेजों के सुरक्षित गढ़ कही जाने वाली कसौली छावनी पर हुए इस हमले से गोरे बौखला उठे और उन्होंने अन्य छावनी क्षेत्रों व कंपनी सरकार के कार्यालयों की सुरक्षा कड़ी कर दी। गोरों ने कई क्रांतिकारियों को जेलों में डाल दिया और कईयों को सूली पर चढ़ा दिया, पर सैनिकों का बलिदान ज़ाया नहीं गया। कसौली से भड़की इस ज्वाला ने पूरे हिमाचल में आज़ादी की अलख जगा दी। इसके बाद डगशाई छावनी, सुबाथू, कालका व जतोग में क्रांति की लहर दौड़ी। उधर कांगड़ा, नूरपुर, धर्मशाला, कुल्लू-लाहुल, सिरमौर व अन्य रियासतों में भी विद्रोह प्रखर हो गया। बुशहर के राजा शमशेर सिंह, कुल्लू-सिराज के युवराज प्रताप सिंह, सुजानपुर के राजा प्रताप चंद गुप्त रूप से क्रांतिकारियों की गतिविधियों में संलिप्त हो गए। 11 मई को अंग्रेजों को मेरठ, दिल्ली और अम्बाला में विद्रोह की सुचना मिली। गोरों ने कसौली, सुबाथू, डगशाई व जतोग की छावनियों को अंबाला कूच का आदेश दिया। भारतीय सैनिकों ने इस आदेश का खुले तौर पर विद्रोह किया और बगावत का ऐलान कर दिया। 13 मई को जतोग में गोरखा रेजिमेंट ने सूबेदार भीम सिंह के नेतृत्व में देशी सैनिकों ने अंग्रेजों पर धावा बोल दिया। सिर्फ 45 क्रांतिकारियों ने 200 अंग्रेजों को धूल चटा दी। सैनिकों ने कसौली ट्रेजरी को लूटा और जतोग की तरफ बढ़ने लगे। इस बारे में अंग्रेज़ों के तत्कालीन कमिश्नर पी. मैक्सवैल ने अपनी डायरी में जिक्र किया है और हैरानी जताई है कि कैसे मुट्ठीभर क्रांतिकारियों ने अपने से चार गुना अधिक अंग्रेजी सेना को हरा दिया था। इसके बाद विद्रोह की डोर स्थानीय पुलिस ने अपने हाथों में ली। स्थानीय पुलिस गार्ड के दरोगा बुद्धि सिंह जतोग पर कब्जे के लिए रवाना हो गए। जतोग पहुँचते पहुँचते रास्ते में अंग्रेजी सेना ने कुछ क्रांतिवीरों को पकड़ लिया तो कुछ मारे गए। जबकि बुद्धि सिंह ने गोरों के हाथों मरने से भला स्वयं को गोली मरना समझा और वो शहीद हो गए। पहाड़ी रियासतों में क्रांति योजनाबद्ध तरीके से हो रही थी, जिसके लिए एक गुप्त संगठन बना हुआ था, जिसके सदस्य सूचनाओं को यहां-वहां पहुंचाया करते थे। पहाड़ों में इस क्रांति के नेता पंडित राम प्रसाद वैरागी थे। वैरागी सुबाथू मंदिर में पुजारी थे। वे संगठन पत्रों के माध्यम से संदेश भेजा करते थे। 12 जून 1857 को इस संगठन का कुछ पत्र अंबाला के कमिश्नर जीसी बार्नस के हाथ लगे, जिसमें दो पत्र राम प्रसाद वैरागी के भी थे। इसके साथ ही संगठन का भेद खुल गया। वैरागी को पकड़ कर अंबाला जेल में फांसी पर चढ़ा दिया गया। क्रांतिकारियों को सहयोग न मिला व अंग्रेज़ों ने 1857 के विद्रोह को दो महीनो में ही दबा दिया और प्रदेश में लगी विद्रोह की ज्वाला कुचल दी गई।
जब जब स्वतंत्रता संग्राम की बात की जाती है तो पहाड़ के जांबाज़ों का ज़िक्र न हो ऐसा हो नहीं सकता। स्वतंत्रता संग्राम में हिमाचल प्रदेश के सपूतों ने महात्मा गांधी के साथ कदम से कदम मिलाकर जो योगदान दिए वो किसी से कम नहीं। देवभूमि के वीर सपूतों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जो आंदोलन का बिगुल बजाया तो उसकी गूंज पूरे भारत वर्ष को सुनाई दी। चाहे 1857 की महाक्रांति हो या 15 अगस्त 1947 तक का आंदोलन हो, छोटे से पहाड़ी प्रदेश हिमाचल ने भी इनमें अहम भूमिका निभाई। आजादी की लड़ाई के लिए हिमाचल में गुरिल्ला बम बने। सशस्त्र क्रांतियां हुईं। हजारों क्रांतिकारियों ने पूरे दमखम से स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। तो आज स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर हम उन्हीं कुछ स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानेंगे। पंडित राम प्रसाद वैरागी उस समय पूरे देश में क्रांति के संचालन के लिए एक गुप्त संगठन बनाया गया था। पहाड़ों में इस क्रांति के नेता पंडित राम प्रसाद वैरागी थे। वैरागी सुबाथू मंदिर में पुजारी थे। वे संगठन को पत्रों के माध्यम से संदेश भेजा करते थे। 12 जून 1857 को इस संगठन के कुछ पत्र अंबाला के कमिश्नर जीसी बार्नस के हाथ लगे, जिसमें दो पत्र राम प्रसाद वैरागी के भी थे। इसके साथ ही संगठन का भेद खुल गया। वैरागी को पकड़ कर अंबाला जेल में फांसी पर चढ़ा दिया गया। क्रांतिकारियों को सहयोग नहीं मिला और अंग्रेज़ों ने 1857 के विद्रोह को दो महीनो में ही दबा दिया और प्रदेश में सुलगी विद्रोह की ज्वाला कुछ समय के लिए शांत हो गई। 'हिमाचल निर्माता' डॉ॰ यशवंत सिंह परमार डॉ॰ यशवंत सिंह परमार, हिमाचल निर्माता के नाम से भी जाने जाते हैं। हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री डाॅ. परमार ने हिमाचल में विकास की नींव रखी थी। सिरमौर में जन्मे परमार सिरमौर की रियासत में 11 साल तक सब जज और मजिस्ट्रेट रहे। उसके बाद न्यायाधीश के रूप में 1937-41 तक अपनी सेवाएं दीं। इसी दौरान वह सुकेत सत्याग्रह प्रजामंडल से जुड़े। नौकरी की परवाह न करते हुए उन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में अपना पूरा योगदान दिया। उनके ही प्रयासों से यह सत्याग्रह सफल हुआ। 'पहाड़ी गांधी' बाबा कांशी राम पहाड़ी गांधी कहे जाने वाले बाबा कांशीराम ने आज़ादी की लड़ाई में बेहद अहम भूमिका निभाई। उन्होंने जब तक भारत को आजादी नहीं मिल जाती तब तक काले कपड़े पहनने की शपथ ली थी। बाबा कांशी राम ने अपने पहाड़ी गीतों और कविताओं से पहाड़ी राज्य हिमाचल और देश को आजादी के लिए जगाने में सराहनीय प्रयास किए। उन्होंने गांव-गांव घूमकर अपने लिखे लोकगीतों, कविताओं और कहानियों से अलख जगाई। कांशी ने पहली बार पहाड़ी बोली को लिखा और गा-गाकर लोगों को राष्ट्रीय आंदोलन से जोड़ा। सरोजनी नायडू ने उन्हें बुलबुल-ए-पहाड़ के खिताब से नवाजा। 1930 और 1942 के बीच वो 11 बार जेल गए और अपने जीवन के 9 साल सलाखों के पीछे काटे। जेल के दिनों में लिखी हर रचना उस वक्त लोगों में जोश भरने वाली थी। ‘समाज नी रोया’, ‘निक्के निक्के माहणुआं जो दुख बड़ा भारा’, ‘उजड़ी कांगड़े देश जाना’ और ‘कांशी रा सनेहा’ जैसी कई कविताएं मानवीय संवेदनाओं और संदेशों से भरी थीं। दौलतराम सांख्यान आजादी की लड़ाई में बिलासपुर के महान स्वतंत्रता सेनानी दौलतराम सांख्यान के संघर्ष को आखिर कौन भुला सकता है। बिलासपुर में प्रजामंडल का गठन कर दौलतराम सांख्यान ने ब्रिटिश सरकार को सीधी चुनौती देकर कई मुश्किलें खड़ी कर दीं थी। ब्रिटिश सरकार ने उन्हें इस मुहिम के लिए कई यातनाएं दीं। अंग्रेजी सरकार ने उनकी चल-अचल संपत्ति तक जब्त कर ली थी। इतना ही नहीं 11 जून 1946 से 12 अक्तूबर 1948 तक रियासत से निष्कासित कर दिया गया। इसके बावजूद स्वतंत्रता संग्राम के इस सेनानी ने हार नहीं मानी और डट कर अंग्रेजों का सामना किया। कैप्टन राम सिंह ठकुरी वहीं आजाद हिंद फौज के सिपाही और संगीतकार कैप्टन राम सिंह ठकुरी ने भारत के राष्ट्र गान जन गन मन की धुन तैयार की है। उन्होंने अपनी वीरता के लिए किंग जार्ज-पंचम मेडल प्राप्त किया। जब सुभाष चंद्र बोस ने उनसे मुलाकात की तो उन्हें वोइलिन भेंट की, जिसे वह हमेशा अपने पास रखते थे। उन्होंने 'कदम-कदम बढ़ाए जा-खुशी के गीत गाए जा' जैसे सैकड़ों ओजस्वी गीतों की धुनों की रचना की। 15 अगस्त 1947 को राम सिंह के नेतृत्व में आईएनए के आर्केस्ट्रा ने लाल किले पर शुभ-सुख चैन की बरखा बरसे गीत की धुन बजाई। कौमी तराना नाम से यह गीत आजाद हिंद फौज का राष्ट्रीय गीत बना, इस गीत की ही धुन को बाद में जन-गण-मन की धुन के रूप में प्रयोग किया गया। पदम् देव पदमदेव जिला शिमला के गांव भनोल से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने 1930 में असहयोग आंदोलन और सिविल अवज्ञा में(सिविल डिसओबेडिएंस) में भाग लिया। वह हिमालय रियासती प्रजा मंडल के संस्थापक सदस्य थे और गरीबी व अस्पृश्यता(अनटचेबिलिटी) के खिलाफ लड़े थे। 1952 में वह विधानसभा के लिए चुने गए और राज्य के पहले गृह मंत्री बने। 1957 में वह लोकसभा, 1962 में क्षेत्रीय परिषद और फिर 1967 में विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। वह कविराज के नाम से मशहूर थे। यश पाल उस समय यश पाल कॉलेज में ही थे जब उनकी मुलाकात भगत सिंह और सुखदेव से हुई। उन्होंने चरमपंथी समूह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी (एचएसआरए) को ज्वाइन किया। एचएसआरए ने 1929 में लॉर्ड इरविन को ले जाने वाली ट्रेन को उड़ाने की योजना बनाई थी। यशपाल ने उस में बम से विस्फोट किया था। कई नेताओं की गिरफ्तारी के बाद यशपाल ने चंद्रशेखर आजाद को एचएसआरए को फिर से संगठित करने में मदद की। 1932 में उन्हें गिरफ्तार किया गया और वह 6 साल तक जेल में रहे। वह एक प्रतिभाशाली लेखक थे और प्रसिद्ध किताब ‘सिम्बालोकन’ सहित कई पुस्तकें लिखी थीं। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। शिवानंद रामौल, पूर्णानंद, सत्य देव, सदा राम चंदेल, सत्यानंद स्टोक्स, ठाकुर हजक सिंह इत्यादि ऐसे अन्य प्रमुख स्वतंत्रता सैनानी रहे हैं जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया था। आज भले ही यह हस्तियां हमारे बीच नहीं हैं पर उनके दिए गए बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र कभी नहीं भूल सकता।
खंड करसोग की तेवन पंचायत के महिला मंडल तेवनी महादेव एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने वुधवार को अपने गांव में कइ जगह पर खाली रकवे में पौधे रोपित किए गए। व गाव के आसपास साफ सफाई भी की। महिलामंडल की सचिव चंम्पा देवी ने जानकारी देते हुए वताया कि यहाँ कि महिलाओं ने अपने गांव तथा लोगों को पर्यावरण के बारे में एक संदेश दिया है कि पौधें लगाने से हमारा पर्यावरण सुरक्षित व प्रदूषण रहित हो सकता है। इसके लिए हम सभी लोगों को पर्यावरण सरक्षण के प्रति जागरूक होना होगा। पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए सभी को अपने घरों के आस-पास हर बर्ष पौधे रौपित करने चाहिए। बेटी जन्मदिन पर भी पौधरोपण करना चाहिए।यदि हम समय रहते अपने पर्यावरण को सुरक्षित करेंगे तभी हमारी आने वाली पीढ़ी को पर्यावरण लाभ हो पाएगा। यदि हम सभी लोग वनों को केवल काटते ही रहे तो इससे हमारी आॅजोन परत क्षतिग्रस्त हो जाएगी और हमें पराबैंगनी किरणों का सामना करना पड़ेगा। ऑजोन परत के सुरक्षा कवच से हमारा वातावरण भी साफ और शुद्ध रहता है। मानव के प्रगतिशील परिवर्तन के कारण वनों का लगातार कटान तथा मृदा अपर्द्न हो रहा है। यदि यही स्थिति रही तो हमें बाढ़, भूकंप तथा आपदा का सामना करना पड़ेगा तथा पीने के पानी की कमी भी होगी। हमें अपने घरों के आसपास ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण करना चाहिए जिससे शुद्ध हवा, शुद्ध पानी तथा शुद्ध वस्तुएं प्राप्त हो सके। अपने जंगलों को आग से भी बचाना होगा क्योंकि आग लगने के खतरे के कारण बहुत से जंगल हमारे नष्ट हो चुके हैं।
करसोग अस्पताल में कई वर्षो से जनता को कोई भी स्वस्थ्य सुविधा नहीं मिल रही है, न तो समय पर नियमित रूप से डॉक्टरों की तैनाती न सही ढंग से इलाज का प्रावधान। वर्षो से अल्ट्रासाउंड मशीन को करसोग अस्पताल में जंग लगा पड़ा था, साथ ही डॉक्टरों-विशेषज्ञ न होने के कारण भी करसोग में जनता को कोई सुविधा नही मिलती। बहुत ही दुख और शर्म की बात है जहां सरकार और क्षेत्रीय प्रतिनिधि को यहाँ जनता की सुविधा के लिए स्टाफ लाने का प्रयास करना चाहिए था बजाए इसके करसोग अस्पताल से अल्ट्रासाउंड की मशीन मण्डी भेज दी गई। क्षेत्रीय प्रतिनिधि को करसोग की जनता की कोई परवाह नहीं, करसोग की जनता को सिर्फ सुनने को मिलता की यँहा डॉक्टरों विशेषज्ञों की तैनाती हो रही है। परन्तु यहाँ कब डॉक्टरों ने जॉइन किया कब चले गए इसका पता ही नहीं चलता। कागजों में तैनाती के आश्वासन मिलते है, परन्तु इसका कोई फायदा नहीं मिलता। यँहा छोटी सी बीमारी या टेस्ट के लिए शिमला या मण्डी का रुख करना पड़ता है। करसोग अस्पताल की बात करें तो कही छोटी सी चोट लगने पर भी यहाँ लोंगो को प्राथमिक जाँच भी सही ढंग से नहीं होती। यहाँ हालात ये है कि अस्पताल में कोविड-19 महामारी के समय मे भी अस्पताल में आम आदमी के लिए न कोई हाथ धोने का प्रावधान न कही हैंड-सैनीटाइजर मिलता है। अस्पताल में महामारी के समय मे आम जनता के लिए कोई सुविधा नहीं। कई बार आम जनता और कई संगठनों द्वारा करसोग अस्पताल में चल रही समस्याओं के बारे मे धरने भी दिए गए परन्तु सरकार हमेशा नाकाम रही। सरकार से निवेदन है कि यँहा अल्ट्रासाउंड मशीन भी जल्दी वापिस दी जाए और डॉक्टरों विशेषज्ञों को भी सही ढँग से तैनात किया जाए ताकि करसोग की जनता को फायदा और सुविधा मिल सके। निर्मला चौहान सदस्य ज़िला परिषद एवं सचिव प्रदेश काँग्रेस कमेटी
सरकार द्वारा अनेको योजनाओं के तहत गांव-गांव के लिए सड़के निकाली जा रही है वही भारत को आजाद होने के 72 साल बाद भी कई लोग सड़क सुविधा से वंचित है ऐसा ही एक मामला उपमडल करसोग की ग्राम पंचायत भंथल के तहत पड़ने वाले गांव वथार का आया है जिसके चलते वीरवार को कृषि युवक मंडल सौट व महिला मंडल वथार ने करसोग के विधायक हीरालाल के साथ एक शिष्टाचार भेंट की। जिस भेंट का मुख्य उद्देश्य ग्राम पंचायत भथल के विकास कार्य व समस्याओं के बारे में विधायक को अवगत कराना था जिसमें गांव वथार के लिए शंकर देहरा से वथार रोड के लिए विधायक से मुख्य बात की गई। कृषि युवक मंडल सौट के प्रधान देवेन्द्र कुमार ने first verdict media को जानकारी देते हुए बताया कि आज भारत को आजाद हुए 70 साल हो गए है लेकिन उसके बावजूद भी लगभग 250 लोगों की आबादी वाले वथार गांव के लोगों को शंकर देहरा से लगभग 5 किलोमीटर पैदल चलकर अपने घरो तक पहुंचना पड़ता है। यहाँ तक की आज भी इन लोगों को रोगी व गर्भवती महिलाओ को पीठ पर या चारपाई पर मेन रोड तक निकालना पड़ता है। इस समस्या के बारे में वीरवार को कृषि युवक मंडल सॉट व महिला मंडल वथार की महिलाओं ने विधायक हीरालाल को बताया। स्थानीय विधायक हीरालाल ने उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द ही इस रस्ते को लेकर कोई कदम उठाया जाएगा ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े। वही उन्होंने सुबे के मुख्य मत्रीं जयराम ठाकुर से भी मांग की है कि जल्द ही इस सम्स्या का समाधान किया जाए ताकि लोगों को सड़क सुविधा मिल सके व इन लोगों को परेशानी का सामना न करना पडे।
सिनेमा की नई पीढ़ी, नई सोच, नई तकनीक के सहारे प्रसिद्ध गायक मिक्का सिंह की कंपनी के बैनर तले एम्स एण्ड एम्बिशन मीडिया के सहयोग से बनी फिल्म "अंटू की अम्मा" का पोस्टर विधिवत रूप से जारी होने के अवसर पर इस फिल्म के सभी कलाकारों, सहयोगियों और इस फिल्म की शूटिंग से संबंधित ऐतिहासिक पांगणा गांव, करसोग और शिमला में खुशी का माहौल है। इस फिल्म का निर्देशन जहाँ अनेक फिल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री प्रीति सूद ने किया है वहीं पटकथा, सक्रीनप्ले, डायलाग भी प्रीति सूद ने ही लिखे हैं। इस फिल्म के अभिनेता हिमाचल प्रदेश के स्टार गायक और चुनाव विभाग के अंबेस्डर विक्की चौहान, प्रीति सूद, सौरभ अग्निहोत्री, बाल कलाकार अरिहंत सोबटा, संजय सूद हैं। इस फिल्म के एडिटर पंजाबी फिल्मों और अनेक धारावाहिकों के निदेशक राहुल सिंह और सुनील यादव, फोटोग्राफी निदेशक राजगोगना, डी आई कलरिस्ट वैभव वामन, बैकग्राउंड स्कोर गुरचरण सिंह, मेकअप बिट्टू, कास्टयूम राधा सूद है। इस फिल्म में स्थानीय लोगों को भी सहयोग करने का सौभाग्य मिला है। "अंटू की अम्मा" फिल्म के इस पोस्टर को लोगों ने बहुत पसंद किया है। अंटू की अम्मा फिल्म की पटकथा गौधन की सुरक्षा और बालक के गाय के प्रति प्रेम पर आधारित है। पूरी फिल्म की शूटिंग ऐतिहासिक नगरी पांगणा के खूबसूरत प्राकृतिक वातावरण में ही हुई है। फिल्म में सुकेत अधिष्ठातात्री राज-राजेश्वरी महामाया पांगणा का छः मंजिला देवीकोट, बाग गांव, प्राथमिक पाठशाला पांगणा, पुलिस चौकी पांगणा, बाजार की पुरानी शैली की दुकानों, चौकीनुमा पारंपरिक घरों के दृश्य दर्शकों के आकर्षण के केन्द्र होंगे। सुकेत संस्कृति साहित्य एवं जन कल्याण मंच पांगणा के अध्यक्ष डाक्टर हिमेन्द्र बाली 'हिम', करसोग उप-मंडल के समाजसेवी नरेन्द्र शर्मा, डाक्टर जगदीश शर्मा, व्यापार मंडल पांगणा के अध्यक्ष सुमित गुप्ता, पंचायत प्रधान शांता शर्मा, पंचायत समिति सदस्या तारा गौतम, सुकेत होम स्टे के प्रबंधक डिंपल चौहान, सेवानिवृत्त अधिषाशी अभियंता के डी चौहान, युवा प्रेरक पुनीत गुप्ता, अध्यापक भोलाराम गौतम, अध्यापक देवी सिंह, सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के मास्टर प्रशिक्षिका लीना शर्मा, सोमकृष्ण गौतम, प्रथम श्रेणी ठेकेदार सुरेश शर्मा, युवा वैज्ञानिक विपुल शर्मा सहित अंटू के सहपाठियो, फिल्म से जुड़ी महिलाओं तथा समस्त पांगणा-करसोग वासियों ने 'अंटू की अम्मा' फिल्म का पोस्टर जारी करने के लिए प्रीति सूद को बधाई दी है तथा सुकेत अधिष्ठातात्री राज-राजेश्वर महामाया पांगणा तथा करसोग के सभी देवी-देवताओं से इस फिल्म की सफलता की कामना की है।
करसोग में कोरोना का पहला मामला सामने आया है। उपमंडल के खनेयोल बगड़ा के शाओट में 2 वर्षीय बच्ची को रिपोर्ट कोरोना पोजिटिव आई है। शाओट गांव सहित करसोग में 15 जुलाई को 43 सैंपल लिए गए थे। इसमें शाओट में 2 वर्षीय बच्ची सहित कुल 5 लोगों के सैम्पल लिए गए थे। इसमें बच्ची के माता पिता दादा और दादी शामिल थे। इन सैम्पलों को जांच के लिए नेरचौक मेडिकल कॉलेज जांच के लिए भेजा गया था। बच्ची का परिवार 6 जुलाई को दिल्ली से लौटा था। ये पूरा परिवार होम क्वारंटाइन पर रखा गया था। कोरोना संक्रमित बच्ची को उपचार के लिए कोविड केयर सेंटर मंडी शिफ्ट किया जा रहा है। कोरोना का मामला सामने आने पर प्रशासन शाओट के लिए रवाना हो गया है। बता दें कि मंडी जिला में अभी तक कोरोना संक्रमितों की संख्या 45 हो गई है जिसमें 12 केस एक्टिव और 30 मरीज ठीक हो चुके है। वहीं अभी तक कोरोना वायरस से जिला के 2 लोगों की मौत भी हो चुकी हैं। अब तक लिए जा चुके हैं 400 सैंपल: उपमंडल करसोग में बाहरी राज्यों से वापस लौटे 400 लोगों के कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए जा चुके हैं। सभी की रिपोर्ट नेगटिव आई है। करसोग वासियों के लिए ये राहत भरी खबर है। करसोग में अभी भी बड़ी संख्या में लोगों का दिल्ली सहित अन्य बाहरी राज्यों के रेड जोन वाले क्षेत्रों वापस आना जारी है। इन लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन सेंटरों व होम क्वारंटाइन पर निगरानी के लिए रखा जा रहा है। ऐसे लोगों पर स्वास्थ्य विभाग लगातार नजर रख रहा है। यही नहीं कोरोना वायरस के संक्रमण के अंदेशे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम बाहरी राज्यों से लौट रहे लोगों के सैंपल भी भर रही है। ए एम ओ डॉ. अनिल ने बताया कि खनेयोल बगड़ा के शाओट में 2 वर्षीय बच्ची की सैम्पल रिपोर्ट पोजटिव आई है। उन्होंने कहा बच्ची को कोविड सेंटर मंडी शिप्ट किया जा रहा है।