भाजपा प्रदेश प्रवक्ता चेतन बरागटा ने नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा जी से मुलाकात कर खड़ापथर सुरंग (जुब्बल-कोटखाई, जिला शिमला) तथा छैला से सोलन बागवानी मार्ग को राष्ट्रीय स्तर की परियोजना के रूप में स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया। बरागटा ने कहा कि मुलाकात के दौरान उन्होंने मंत्री को अवगत कराया कि खड़ापथर सुरंग जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र के लाखों किसानों और बागवानों के लिए अत्यंत आवश्यक है। वर्तमान सड़क मार्ग कठिन भूभाग, भारी बर्फबारी और तीव्र मोड़ों के कारण अत्यधिक जोखिम भरा है। यदि इस सुरंग का निर्माण किया जाता है, तो यात्रा समय 40% तक कम होगा, जिससे सेब व अन्य बागवानी उत्पादों को समय पर बाजारों तक पहुँचाया जा सकेगा। साथ ही, यह सुरंग पर्यटन को भी बढ़ावा देगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगी। बरागटा ने इसके अतिरिक्त, छैला से सोलन बागवानी मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग अथवा चार-लेन मार्ग के रूप में विकसित करने की माँग भी मंत्री जी के समक्ष रखी गई। यह मार्ग बागवानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि वर्तमान सड़क संकरी एवं जर्जर अवस्था में है, जिससे फलों के परिवहन में अत्यधिक कठिनाई होती है। यदि इस मार्ग को उच्च स्तर की सड़क के रूप में विकसित किया जाता है, तो बागवानों को चंडीगढ़, दिल्ली, सोलन एवं अन्य बड़े बाजारों तक सुगम पहुँच मिलेगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। बरागटा ने जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र में अन्य महत्वपूर्ण सड़कों एवं आधारभूत संरचना को लेकर भी मंत्री से विस्तार में चर्चा की। क्षेत्र में सड़कों की दयनीय स्थिति और बागवानी परिवहन से जुड़ी चुनौतियों से अवगत कराया। इस पर मंत्री ने आश्वासन दिया कि जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र की सड़क संबंधी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा और केंद्र सरकार इस दिशा में शीघ्र आवश्यक कदम उठाएगी। बरागटा ने कहा कि मंत्री ने हिमाचल प्रदेश के सड़क विकास को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया और आश्वासन दिया कि इन परियोजनाओं पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 05 फरवरी, 2025 को सोलन ज़िला के प्रवास पर आ रहे हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू 05 फरवरी, 2025 को दोपहर 02.10 बजे ज़िला सोलन के नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत मंझोली में मेडिकल डिवाइस पार्क परियोजना के निर्माणाधीन कार्य का निरीक्षण करेंगे। मुख्यमंत्री तदोपरांत दोपहर बाद 02.45 बजे ग्राम पंचायत दभोटा में 01 मेगावाट के ग्रीन हाईड्रोजन संयंत्र की आधारशिला रखेंगे। सुखविंदर सिंह सुक्खू तत्पश्चात दभोटा में लोगों की समस्याएं सुनेंगे।
**5 फरवरी दोपहर तक दिखेगा पश्चिमी विक्षोभ का असर **लहौल-स्पिति, किन्नौर चंबा और कांगड़ा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी की संभावना **फरवरी माह में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना हिमाचल प्रदेश में आज से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। आज ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी व मध्यवर्ती तथा मैदानी क्षेत्रों में बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग की माने तो प्रदेशभर में आज दोपहर बाद पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिल सकता है। इस दौरान लहौल-स्पिति, किन्नौर, चंबा और कांगड़ा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी की संभावना है। वहीं मध्यवर्ती व मैदानी क्षेत्रों में हल्की बारिश हो सकती है जबकि कई क्षेत्रों में अंधड़-आंधी भी चल सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि 4 फरवरी से पूरे उत्तर भारत मे पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। हिमाचल प्रदेश में आज सुबह से ही बादल छाए हैं। लाहौल स्पीति व किन्नौर में सुबह से ही हल्की बारिश व बर्फबारी का दौर शुरू हो चुका है। पूरे प्रदेश भर में पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिलेगा। मैदानी क्षेत्र में बारिश व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के आसार हैं। पश्चिमी विक्षोभ का मुख्यतः असर 4 फरवरी की मध्य रात्रि को देखने को मिलेगा और यह 5 फरवरी की दोपहर तक रहेगा। उनोने कहा कि जनवरी माह में मात्र 13.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है जो सामान्य से काफी कम है। अमूमन जनवरी माह में 83.5 मिलीमीटर बारिश होती है। इस वर्ष जनवरी माह में 84%कम बारिश हुई है जो1901 से नौवीं बार कम बारिश हुई है। यह पश्चिमी विक्षोभ का कमजोर होने का असर है। आने वाले दो दिनों में तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी उसके बाद फिर तापमानों में उछाल आएगा। वहीं पूरे फरवरी माह में सामान्य से अधिक तापमान बने रहने की संभावना है। मंगलवार को राजधानी सहित पूरे प्रदेश भर में सुबह से ही बादल छाए रहे।पश्चिमी विक्षोभ का असर 4फरवरी की मध्यरात्रि को ज्यादा देखने को मिल सकता है 5 फरवरी की दोपहर से मौसम साफ हो जाएगा।वहीं पूरे फरवरी माह में सामान्य से अधिक तापमान बने रहने की संभावना है।
बार-बार कलिंदर को लोगों समझाया कि शराब छोड़ दे शराब छोड़ दे लेकिन वो नहीं माना, और अंत में उसी शराब ने उसकी जान ले ली जिसके लिए उसने किसी की न सुनी। सोलन जिले से एक ये मामला सामने आया है जिसमें शराब ने कलिन्दर सिंह, जिसकी उम्र 48 वर्ष थी, की शराब ने जान ले ली। जानकारी के अनुसार बीते कल सी०एच०सी० धर्मपुर द्वारा पुलिस थाना धर्मपुर में सूचित किया कि कलिंदर नामक व्यक्ति को उपचार हेतू अस्पताल लाये है जिसकी उपचार के दौरान मृत्यु हो गई । इस सूचना पर पुलिस थाना धर्मपुर की पुलिस टीम सी०एच०सी० धर्मपुर पंहुची जहाँ पर एक व्यक्ति मृत हालत में पाया गया। तस्दीक करने पर मृतक की पहचान कलिन्दर सिंह स्थाई निवासी नेपाल हाल रिहायिश झुग्गी समीप जयहिन्द पैट्रोल पम्प कुमारहडा डा०खा० धर्मपुर तह० व जिला सोलन हि०प्र० उम्र 48 वर्ष के रूप में हुई । उसके पास झुग्गी में रहने वाले अन्य लोग भी मौजूद थे जिनके ब्यान लेखबद्ध किये गये । मृतक के शव का बारीकी से निरीक्षण किया गया जो निरीक्षण के दौरान उसके सिर के पिछली तरफ हल्की चोट के निशान पाये गये तथा नाक से कुछ खून निकलना पाया गया, इसके अतिरिक्त उसके शरीर के अन्य हिस्सों में किसी भी प्रकार के चोट खरोंच के निशान न पाये गये। तस्दीक / जांच पर पाया गया कि मृतक लगभग 10/11 वर्षों से अपने साथियों के साथ कुमारहडा में पेट्रोल पंप के समीप झुग्गी में रह रहा था जो कबाड़ का काम करता था । मृतक अक्सर दिन रात शराब के नशा में चूर रहता था । मृतक ने 4/5 दिन पहले काफी कबाड़ इक्टठा करके बेचा था जिसका पैसा मिलने के उपरान्त वह लगातार शराब का सेवन कर रहा था तथा उसके साथ रहने वाले अन्य लोगों ने भी उसे बहुत समझाया परन्तु वह नहीं माना । दिनांक 02-02-2025 को भी मृतक अपने साथियों को यह बोलकर गया था कि वह पेट्रोल पम्प पर जा रहा है जहां से इसने किसी से पैसे लेने हैं । उसके उपरान्त वह अधिक शराब के नशा के कारण सी०एच०सी० धर्मपुर में उपचाराधीन पाया गया I चिकित्सकों ने उसकी गम्भीर हालत को देखते हुये उसे आगामी उपचार हेतू हायर अस्पताल के लिये रैफर किया परन्तु एम्बुलैस पहुंचने से पहले ही उसकी मृत्यु हो गई । अभी तक की जांच पर यही पाया गया कि मृतक शराब पीने का आदी था जो लगातार शराब का सेवन कर रहा था जिस कारण उसकी मृत्यु शराब के अधिक सेवन करने के कारण होनी पाई जा रही है i अभी तक की जांच के पर उसकी मृत्यु पर किसी ने भी कोई शक शुबा जाहिर न किया है फिर भी मामले में जाच प्राथमिकता के आधार पर की जा रही है। मृतक का पोस्टमार्टम आज दिनांक 03-02-2025 को करवाया जा रहा है । मामले में धारा 194 बी०एन०एस०एस० के तहत कार्यवाही अमल में लाई जा रही है।
सोलन: आंजी में रहने वाली एक महिला ने गलती से कीटनाशक दवाई का सेवन कर दिया जिसके बाद उसकी तबियत बिगड़ी तो उसे सोलन के क्षेत्रीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया। महिला की हालत देखते हुए डॉक्टर ने उसे आई.जी.एम.सी. शिमला रेफेर किया लेकिन महिला की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार बीती 29 जनवरी 2025 को 108 एम्बुलेंस के माध्यम से पुलिस चौकी सपरून को सूचना प्राप्त हुई कि एक महिला को जहरखुरानी के कारण क्षेत्रीय अस्पताल सोलन लाया गया है। पुलिस टीम अस्पताल पहुंची, जहां पर उपचाराधीन महिला की पहचान मन कुमारी (35 वर्ष) के रूप में हुई, जो कि नेपाल की रहने वाली थीं और हाल ही में सोलन के गांव आंजी में किराए पर रह रही थीं। महिला की नाजुक हालत को देखते हुए उसे आई.जी.एम.सी. शिमला रेफर किया गया, जहां उसके परिजन उसे लेकर गए। 2 फरवरी 2025 को आई.जी.एम.सी. शिमला से पुलिस चौकी सपरून को सूचित किया गया कि महिला की मृत्यु हो गई है। इसके बाद पुलिस टीम ने शिमला में समस्त कानूनी औपचारिकताएं पूरी की और शव का पोस्टमार्टम करवाया। शव का विसरा रासायनिक परीक्षण के लिए राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला जुन्गा भेजा गया है। मृतका के परिजनों और अन्य गवाहों के बयानों के अनुसार, महिला दिहाड़ी मजदूरी का काम करती थी। 29 जनवरी को जब उसके परिजन घर से बाहर गए थे, तब उसने गलती से घर में रखी कीटनाशक दवाई का सेवन कर लिया, जिसके बाद उसकी तबियत बिगड़ी और उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया। अब तक की जांच में परिजनों ने महिला की मौत को लेकर कोई संदेह नहीं जताया है। फिर भी मामले की जांच जारी है। महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए उसके परिजनों के हवाले किया गया है और मामले में धारा 194 बी.एन.एस.एस. के तहत कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री सुक्खू की सोलन जिला के विधायकों के साथ बैठक, विकास कार्यों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां अपने आधिकारिक निवास ओक ओवर में सोलन जिला के विधायकों के साथ बैठक की और जिला से संबंधित विभिन्न विकासात्मक कार्यों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने विधायकों से हर विधानसभा क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की विस्तृत जानकारी और फीडबैक ली। उन्होंने कहा कि जिला में निर्माणाधीन सभी परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करने के लिए जन-प्रतिनिधियों को निरंतर प्रयास करने चाहिए। मुख्यमंत्री ने विधायकों से जिला की भावी योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि नवीन परियोजनाओं में नवाचार को विशेष अधिमान दिया जाना चाहिए और उनकी परिकल्पना ‘हरित राज्य’ दृष्टिकोण से की जानी चाहिए। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जन कल्याण व राज्य के समग्र विकास के लिए अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। उन्होंने इन योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक सुनिश्चित करने के लिए विधायकों से निरंतर सार्थक प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि सरकार ने ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए अनेक पहल की हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन योजनाएं व कार्यक्रम कार्यान्वित किए जा रहे हैं। सरकार के इन प्रयासों को फलीभूत करने के लिए लोगों को योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोलन जिला का प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ बनाने में अहम योगदान है। प्रदेश सरकार सोलन जिला का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक में विधायक राम कुमार चौधरी, संजय अवस्थी, विनोद सुल्तानपुरी और हरदीप सिंह बावा उपस्थित थे।
**कहा, सुक्खू सरकार ने दो साल में नहीं किया कोई काम नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने 3 और 4 फरवरी को होने वाली विधायक प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले दो वर्षों में भाजपा के विधायकों द्वारा सुझाए गए किसी भी काम को सुक्खू सरकार ने प्राथमिकता नहीं दी है और इसके बजाय, भाजपा विधायकों को प्रताड़ित किया जा रहा ह। जयराम ठाकुर ने कहा कि विधायक प्राथमिकता बैठक में भाजपा के विधायक अपने क्षेत्रों की जरूरतों और विकास कार्यों को सरकार के सामने रखते हैं, लेकिन सरकार उनकी प्राथमिकताओं को अनसुना कर देती है। इसके बजाय, कांग्रेस के हार चुके और नकारे हुए नेताओं को तवज्जो दी जा रही है। अगर सरकार भाजपा विधायकों की बात नहीं सुन रही, तो विधायक प्राथमिकता बैठक का कोई अर्थ नहीं है, इसलिए भाजपा विधायक दल इस बैठक का बहिष्कार करेगा। पूर्व सरकार द्वारा शुरू किए गए कामों के उद्घाटन कार्यक्रमों में भाजपा के चुने हुए जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का आरोप भी जयराम ठाकुर ने लगाया। उन्होंने कहा कि उद्घाटन कार्यक्रमों में भाजपा नेताओं को आमंत्रित नहीं किया जा रहा, और उद्घाटन पट्टिका पर उनका नाम तक नहीं लिखा जा रहा। इसके बजाय, कांग्रेस के नकारे हुए नेताओं को तवज्जो दी जा रही है। सुक्खू सरकार पर निशाना साधते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की हार के बाद से पुलिस का दुरुपयोग बढ़ गया है। भाजपा के विधायक और नेता सत्ता के दुरुपयोग के कारण लगातार प्रताड़ना का सामना कर रहे हैं। पुलिस द्वारा जांच के नाम पर भाजपा नेताओं को घंटों थाने में बैठाया जा रहा है और उन्हें फर्जी मामलों में फंसाया जा रहा है।
शनिवार को हिमाचल प्रदेश की ऊंची चोटियों, जैसे रोहतांग, पांगी और भरमौर में हिमपात हुआ, जबकि राजधानी शिमला और मनाली समेत मैदानी क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई। मौसम के इस बदलाव से सुबह और शाम के समय ठंड बढ़ गई, और प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बादल छाए रहे। रविवार और सोमवार को मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है, लेकिन 4 और 5 फरवरी को पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से फिर बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है। शनिवार को भरमौर और पांगी की ऊपरी चोटियों पर हल्का हिमपात हुआ, जबकि निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई। इस बारिश से किसानों और बागवानों को राहत मिली है क्योंकि खेतों की नमी बढ़ी है, जिससे फसलों को फायदा होगा। कुल्लू और लाहौल की ऊंची चोटियों में भी सुबह से लेकर दोपहर तक रुक-रुक कर हल्की बर्फबारी जारी रही। रोहतांग दर्रा, कुंजम दर्रा, राजा घेपन पीक और सीवी रेंज की पहाड़ियों पर भी बर्फबारी हुई।
मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल के पुत्र कर्नल संजय शांडिल की सियासत में एंट्री की अटकलें पिता की राजनैतिक विरासत को संभालते दिख सकते है संजय सोलन में कांग्रेस की दूसरी पंक्ति कमजोर, विरासत भुनाने को संजय को आगे ला सकती है पार्टी सोलन कांग्रेस में 'कर्नल' के बाद 'कर्नल' की एंट्री हो सकती है। माना जा रहा है कि सोलन से कांग्रेस विधायक और कैबिनेट मंत्री डॉ कर्नल धनीराम शांडिल की सियासत विरासत उनके परिवार में ही रहेगी। कर्नल धनीराम शांडिल के पुत्र कर्नल संजय शांडिल बीते शुक्रवार को रिटायर हो गए है और बताया जा रहा है कि जल्द उनकी सियासत में औपचारिक एंट्री होगी, यानी वे कांग्रेस की सदस्यता लेंगे। हालांकि इसके लेकर अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है, लेकिन सूत्रों की माने तो जल्द कर्नल संजय शांडिल कांग्रेस का दामन थामेंगे। आपको बता दें कर्नल धनीराम शांडिल अर्से से सोलन में कांग्रेस का मुख्य चेहरा है और विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक भी लगा चुके है। कर्नल शांडिल दो बार सांसद भी रहे है और वर्तमान में दूसरी बार मंत्री है। कर्नल धनीराम शांडिल न केवल हिमाचल प्रदेश में बड़ा एससी चेहरा है, बल्कि पार्टी आलाकमान के भी बेहद करीबी है। किन्तु कर्नल 84 वर्ष पार कर चुके है और अगले विधानसभा चुनाव में वे 87 पार होंगे। ऐसे में उनके चुनाव लड़ने की सम्भावना न के बराबर है। उनकी जगह कौन लेगा, इसके लेकर लम्बे वक्त से अटकलें लगती रही है। दरअसल, सोलन आरक्षित सीट है और हकीकत ये है कि सोलन में कांग्रेस के पास ऐसा कोई चेहरा नहीं दिखता जो कर्नल धनीराम शांडिल की जगह ले सके। सोलन में कांग्रेस की सेकंड लाइन ऑफ लीडरशिप बेहद कमजोर है, और जो मजबूत चेहरे है वो आरक्षित वर्ग से नहीं आते। ऐसे में माहिर मानते है कि कर्नल संजय शांडिल भविष्य में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते दिख सकते है, ताकि कर्नल धनीराम शांडिल की विरासत को भुनाया जा सके। बहरहाल ये तय माना जा रहा है कि कर्नल धनीराम शांडिल अपनी सियासत विरासत अपने पुत्र को सौंपने जा रहे है। पिछले कुछ वक्त से कर्नल संजय शांडिल की बढ़ती सामाजिक उपस्थिति से इसके संकेत मिल रहे थे और बताया जा रहा है कि अब रिटायरमेंट के बाद वे औपचारिक तौर पर कांग्रेस का दामन थामेंगे। तो जीजा - साला होंगे आमने -सामने ! एक दिलचस्प बात ये भी है की अगर भविष्य में कर्नल संजय शांडिल कांग्रेस से चुनाव लड़ते है और भाजपा भी अपना उम्मीदवार नहीं बदलती, तो ससुर -दामाद के बाद सोलन में जीजा -साला, आमने -सामने चुनाव लड़ते दिखेंगे। ये सम्भावना इसलिए भी प्रबल है क्योंकि भाजपा के पास भी सोलन में डॉ राजेश कश्यप के मुकाबले कोई अन्य मजबूत विकलप नहीं दिखता। बहरहाल ये सब कयास है, लेकिन सियासत में कुछ भी मुमकिन है।
आज राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कुनिहार के मेधावी व आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को ग्राम पंचायत हाटकोट के उप प्रधान रोहित जोशी ने अपनी ओर से स्कूल बैग वितरित किए। गौर रहे कि रोहित जोशी ने उपरोक्त विद्यालय को गोद लिया हुआ है और इनका विद्यालय के लिए कुछ न कुछ सहयोग हमेशा रहता है। विद्यालय परिवार ने रोहित जोशी का बच्चों को बैग वितरित करने के लिए धन्यवाद किया। विद्यालय के कार्यकारी प्रधानाचार्य भूपेंद्र कौशिक ने बताया कि रोहित जोशी ने विद्यालय के 25 बच्चों को स्कूल बैग भेंट किए। इस मौके पर विद्यालय के अध्यापक दुर्गानंद शास्त्री,कृष्णा,अजय,वरुण,सुरेश आदि मौजूद रहे।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री ने बजट में टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी घोषणा की। अब सालाना 12.75 लाख रुपये तक कमाने वालों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। वहीं टीडीएस में भी राहत दी गई है। सीनियर सिटीजन को भी इनकम टैक्स में बड़ी राहत मिली है। हालांकि यह फायदा उन्हीं टैक्सपेयर्स को मिलेगा जो नई टैक्स व्यवस्था के अनुसार आईटीआर फाइल करेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि सालाना 12.75 लाख रुपये तक कमाने वालों को अब कोई भी इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इसमें 75 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल है। सीतारमण ने कहा कि 18 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले टैक्सपेयर्स को 70,000 रुपये की बचत होगी जबकि 25 लाख तक 1.10 लाख रुपये की बचत होगी। सीतारमण ने कहा कि ITR और टीडीएस की सीमा बढ़ाई गई है। टीडीएस की सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। टैक्स डिडक्शन में बुजुर्गों के लिए भी बड़ी घोषणा की गई है। Old Tax Regime के तहत इनकम टैक्स दरें 0-4 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं। 4-8 लाख की आय पर 5 प्रतिशत 8-12 लाख की आय पर 10 प्रतिशत 12-16 लाख की आय पर 15 प्रतिशत 16-20 लाख की आय पर 20 प्रतिशत 20-24 लाख की आय पर 25 प्रतिशत 24 लाख से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत इन्हें नहीं मिलेगा फायदा सालाना 12.75 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स में छूट उन्हीं लोगों को मिलेगी, जिनकी आय सिर्फ सैलरी से होगी। अगर वे शेयर मार्केट या किसी और माध्यम से कमाई करते हैं तो उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में उन्हें इनकम टैक्स देना होगा।
अगले 10 सालों में देशभर में 120 नए एयरपोर्ट बनाये जाएंगे। आज केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट 2025 में नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए ये अहम घोषणा की है, जिसमें अगले 10 सालों में देशभर में 120 नए एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव किया गया है। इसका उद्देश्य हवाई यात्रा को सुलभ बनाना और एयर कनेक्टिविटी को मजबूती देना है, खासकर छोटे शहरों और दूरदराज के इलाकों में। इस योजना से न केवल स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन, व्यापार और उद्योगों को भी गति मिलेगी। नए एयरपोर्ट के निर्माण से हजारों रोजगार के अवसर पैदा होंगे और आर्थिक विकास को एक नई दिशा मिलेगी। यह कदम प्रधानमंत्री की "उड़ान" योजना के तहत लिया जा रहा है, जिसका मकसद छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों को हवाई मार्ग से जोड़ना है। इससे न केवल यात्रा में सुगमता आएगी, बल्कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र में भी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में तकनीकी क्षेत्र को लेकर एक अहम ऐलान किया। सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये का विशेष फंड देने की घोषणा की है। इस फंड का उद्देश्य AI के शोध, विकास, और शिक्षा को प्रोत्साहित करना है, जिससे भारत को वैश्विक तकनीकी नेतृत्व में एक नया मुकाम हासिल हो सके। सरकार के इस ऐलान के तहत, AI आधारित परियोजनाओं, स्टार्टअप्स और संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि वे नए समाधान विकसित कर सकें और विभिन्न उद्योगों में AI का अधिकतम उपयोग कर सकें। इससे न केवल भारत में AI टेक्नोलॉजी की गति बढ़ेगी, बल्कि यह रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा और उद्योगों में कार्यक्षमता को सुधारने में मदद करेगा।
आज केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट 2025 में किसानों को लेकर महत्वपूर्ण ऐलान किया है। सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) पर कर्ज की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया है। इस कदम से किसानों को कृषि कार्यों के लिए अधिक वित्तीय सहायता मिल सकेगी और वे अपनी खेती के लिए आवश्यक संसाधनों को आसानी से जुटा सकेंगे। किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) का उद्देश्य किसानों को आसान और सस्ती क्रेडिट सुविधा प्रदान करना है, ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपनी कृषि संबंधी जरूरतों को पूरा कर सकें। अब तक यह सुविधा अधिकतर छोटे और सीमांत किसानों तक सीमित थी, लेकिन इस सीमा में बढ़ोतरी से अब अधिक किसानों को लाभ मिलेगा और वे अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकेंगे। कृषि क्षेत्र को समर्पित इस बजट प्रस्ताव से सरकार का मकसद है कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाया जाए। साथ ही, यह कदम कृषि क्षेत्र को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा, जिससे देश की खाद्य सुरक्षा और किसान की आय दोनों में वृद्धि हो सकेगी।
आज पूरा देश संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले केंद्रीय बजट 2025 पर नजरें गड़ाए बैठा है। यह बजट आज सुबह 11 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा। यह निर्मला सीतारमण का लगातार आठवां बजट होगा, और 2024 में बनी मोदी 3.0 सरकार का दूसरा पूर्ण बजट है। गरीब, मिडिल-क्लास और वेतनभोगी वर्ग को इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। खासकर इनकम टैक्स स्लैब में राहत और आर्थिक सुधारों की मांग की जा रही है। बजट से उम्मीद की जा रही है कि यह महंगाई से राहत देने और खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने वाले कदमों के साथ आएगा।बजट सेशन 2025 की शुरुआत शुक्रवार 31 जनवरी 2025 को हुई, जब वित्त मंत्री ने संसद में इकोनॉमिक सर्वे 2025 पेश किया। इसमें देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति, विकास दर, महंगाई और भविष्य की संभावनाओं पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। अब सभी की निगाहें आज के बजट पर टिकी हैं, जिसमें इन आंकड़ों के आधार पर नई नीतियां घोषित की जाएंगी। बजट से पहले राष्ट्रपति से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मुलाकात केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में अपना आठवां बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुरु से मिलने के लिए वित्त मंत्रालय नॉर्थ ब्लॉक से रवाना हो गई हैं। पेपरलेस फॉर्मेट में वे पारंपरिक ‘बही खाता’ के बजाय एक टैब के माध्यम से बजट पेश करेंगी और पढ़ेंगी।
लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एल पी यू) जलंधर पंजाब में 29 जनवरी, 2025 से 2 फरवरी तक होने वाले राष्ट्रीय कोर्फबॉल प्रतियोगिता के लिए जिला सोलन से 8 खिलाड़ियों का साहयण हुआ है। जिनमें पांच लड़के व तीन लड़किया शामिल है। इसमें राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय डूमैहर (अर्की) के कनिष्ठ वर्ग में तीन खिलाड़ियों जिसमें सागर ठाकुर, नमन कुमार व किरण वर्मा तथा वरिष्ठ वर्ग में डूमैहर पंचायत के एक खिलाड़ी अर्पित पाल का चयन हुआ है। सोलन से वरिष्ठ वर्ग में सारंग शर्मा, सूरज शर्मा, यामिनी तथा मिली का चयन इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए हुआ है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय डूमैहर के डीपीई व जिला सोलन कोर्फबाल संघ के महासचिव राजकुमार पाल ने बताया कि पहली बार जिला सोलन से राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए आठ खिलाड़ियों का चयन हुआ है । जिला सोलन कोर्फबाल संघ के प्रधान सीस राम राठौर, संघ के पदाधिकारियों जिनमें रोशन लाल शर्मा, मोहिंदर राठौर, देवेंद्र ठाकुर, ताराचंद शर्मा तथा चंदन ठाकुर आदि ने इन खिलाड़ियों को बधाई व शुभकामनाएं दी है।
हिमाचल प्रदेश में आज रात से मौसम करवट बदलेगा। आज रात से ही प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) ज्यादा एक्टिव हो जाएगा और अगले छह दिनों तक इसका असर देखने को मिलेगा। खास तौर पर 4 फरवरी को बर्फबारी का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 31 जनवरी और 1 फरवरी को प्रदेश के ज्यादातर भागों में हल्की बारिश और बर्फबारी होने की संभावना जाहिर की है। इस दौरान =मध्य व उच्च पर्वतीय कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। जबकि निचले पहाड़ी-मैदानी क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। वहीं प्रदेश के ज्यादातर भागों में 2 फरवरी को मौसम साफ हो जाएगा। जबकि 3 फरवरी से अगले दो दिन तक फिर से बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। बारिश और बर्फबारी से पहले तापमान में ही हल्का उछाल आया है। प्रदेश का औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.1 डिग्री अधिक हो गया है। मनाली के तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 5.9 डिग्री का उछाल दर्ज किया गया है। इसी तरह कल्पा का न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 4.7 डिग्री अधिक हो गया है।
सोलन: सोलन जिला के बसाल रोड चम्बाघाट स्थित कबाड़ की दुकानों से चोरी करने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। घटना के संबंध में श्री कृष्ण लाल निवासी सोलन ने 13 जनवरी 2025 को पुलिस चौकी शहर सोलन में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। उन्होंने बताया कि उनकी और उनके पड़ोसी श्री राजेन्द्र कुमार की कबाड़ की दुकानों से कोई अज्ञात व्यक्ति सामान चुरा ले गया, जिसमें पुरानी सोलर बैटरियां, पंखे, फ्रिज आदि शामिल थे। चोरी गए सामान की कुल कीमत लगभग 1,90,000 रुपये थी। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने मौके पर लगे सीसीटीवी फुटेज और संदिग्ध मोबाइल नंबरों की जांच की। पुलिस थाना सदर सोलन की टीम ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिसमें, मंगल सिंह (उम्र 22 वर्ष), निवासी गांव भियुली(मण्डी) रिंकू उर्फ काला (उम्र 24 वर्ष), निवासी गांव मलथेर बल्ह, मण्डी और सोनू (उम्र 19 वर्ष), निवासी ब्युली मण्डी, मण्डी को पुलिस ने गिरफ्तार किया। जांच के दौरान यह पाया गया कि ये आरोपी पहले भी अपराधों में शामिल रहे हैं। मंगल सिंह पर 3 चोरी के मामले, रिंकू पर 5 चोरी के मामले और सोनू पर एक चोरी का मामला पहले से दर्ज था। आरोपी अपनी गाड़ी छोटा हाथी का उपयोग करके कबाड़ चोरी करते थे। आरोपियों को न्यायालय में पेश कर तीन दिन की पुलिस रिमांड हासिल की गई है। पुलिस ने मामले की जांच जारी रखी है और आरोपियों से अन्य मामलों की जानकारी भी जुटाई जा रही है।
1980 में भाजपा के गठन के बाद से हिमाचल में अब तक 13 नेता प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचे है।सतपाल सिंह सत्ती सबसे अधिक दस साल तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे, तो खीमीराम शर्मा को सबसे कम कार्यकाल मिला। हालांकि सबसे छोटा कार्यकाल डॉ राजीव बिंदल के नाम है जो वर्तमान में दुरसी बार अध्यक्ष है। साल 2020 में उनका पहला कार्यकाल महज 186 दिन का रहा था। तब कोरोना काल में हुए घोटाले में उनका नाम उछाला और नैतिकता के आधार पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। सिलसिलेवार बात करें तो हिमाचल भाजपा के पहले प्रदेश अध्यक्ष बने ठाकुर गंगाराम जो मंडी से ताल्लुक रखते थे। वे 1984 तक अध्यक्ष रहे। इसके बाद शिमला संसदीय हलके के अर्की से सम्बन्ध रखने वाले नगीनचंद पाल भाजपा के अध्यक्ष बने, और 1986 तक पद पर रहे। 1986 में शांता कुमार हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष बने और 1990 का विधानसभा चुनाव भी उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा गया। शांता कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद कुल्लू के महेश्वर सिंह प्रदेश अध्यक्ष बने और 1993 तक इस पद पर रहे। पर 1993 में भाजपा की शर्मनाक हार के बाद महेश्वर की विदाई हो गई और एंट्री हुई प्रो प्रेम कुमार धूमल की। उनके नेतृत्व में ही भाजपा ने 1998 के विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाई और धूमल सीएम बने। फिर सुरेश चंदेल दो साल तक प्रदेश अध्यक्ष रहे और साल 2000 से लेकर 2003 तक जयकिशन शर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला। धूमल, सुरेश चंदेल और जयकिशन शर्मा, तीनों ही हमीरपुर संसदीय हलके से थे। साल 2003 में सुरेश भारद्वाज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने और 2007 तक इस पद पर रहे। भारद्वाज के बाद दो साल एक लिए जयराम ठाकुर और फिर 2009 से 2010 खीमीराम शर्मा ने पार्टी की कमान संभाली। 2010 में भाजपा अध्यक्ष पद पर सतपाल सिंह सत्ती की ताजपोशी हुई और वे दस साल लगातार अध्यक्ष रहे। सबसे अधिक वक्त तक अध्यक्ष रहने का रिकॉर्ड अब भी सत्ती के नाम है। सत्ती की विदाई के बाद डॉ राजीव बिंदल की ताजपोशी हुई लेकिन कोरोना काल में घोटाले के आरोप के बाद बिंदल को महज 186 दिन बाद ही नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना पड़ा। ये हिमाचल में किसी भी भाजपा अध्यक्ष का सबसे छोटा कार्यकाल है। बिंदल के बाद सुरेश कश्यप को कमान सौपी गई और अप्रैल 2023 तक कश्यप पार्टी अध्यक्ष रहे। इसके बाद बिंदल की दोबारा बतौर अध्यक्ष एंट्री हुई। अब बिंदल को पार्टी फिर मौका देती है या नहीं, ये सवाल बना हुआ है।
परवाणू: 12 मार्च 2024 को पुलिस थाना परवाणू में एक महिला ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उनकी 15 वर्षीय बेटी सै0-01 परवाणू में काम करने गई थी, लेकिन काम पूरा करने के बाद वह वापस नहीं लौटी। महिला ने अपनी बेटी की तलाश की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल पाई। इसके बाद मामला थाना परवाणू में पंजीकृत किया गया। पुलिस ने नाबालिगा की तलाश शुरू की और उसकी संभावित लोकेशन की जांच शुरू की। साथ ही, संदिग्ध मोबाइल नंबरों की तकनीकी जांच भी की गई। जांच के दौरान पता चला कि नाबालिगा के पड़ोस में रहने वाला राहुल नामक युवक(उम्र 23 ), जो उत्तर प्रदेश का रहने वाला था, उसे बहला-फुसलाकर दिल्ली ले गया था। पुलिस की टीम ने मामले की गहनता से जांच करते हुए आरोपी राहुल को दिल्ली से गिरफ्तार किया। आरोपी के साथ ही नाबालिग लड़की को भी दिल्ली से सुरक्षित बरामद कर लिया गया। जाँच में यह भी सामने आया कि आरोपी राहुल लड़की को दिल्ली में किराए के कमरे में रखकर रह रहा था। नाबालिग लड़की को सुरक्षित उसके परिजनों के हवाले किया गया। आरोपी राहुल, जो उत्तर प्रदेश के बलिया जिले का निवासी है, को आज अदालत में पेश किया जा रहा है। इस आरोपी का पूर्व अपराधिक रिकार्ड भी जांचा जा रहा है। मामले की जांच जारी है।
धर्मपुर (सोलन) - पुलिस थाना धर्मपुर में एक गंभीर धोखाधड़ी का मामला पंजीकृत किया गया है, जिसमें एक पेट्रोल पम्प के मालिक की बीमारी का फायदा उठाकर उसके नाम पर झूठे दस्तावेज तैयार कर लाखों रुपये की हेराफेरी की गई। शिकायतकर्ता परस राम, जो डाकखाना देवठी, तहसील और जिला सोलन के निवासी हैं, ने 17 मई 2023 को पुलिस थाना धर्मपुर में शिकायत दर्ज करवाई थी। परस राम ने बताया कि उन्होंने 1995 में हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड से स्वीकृति प्राप्त कर "शान्ति फिलिंग स्टेशन" रड़ियाना सुबाथू खोला था। वर्ष 2020 में वे गंभीर रूप से बीमार हो गए थे और शिमला के IGMC में उपचाराधीन रहे। इस दौरान, उनका मित्र सुशील कुमार, जो इस पेट्रोल पम्प का संचालन देखता था, ने उनकी दो चेक बुक उनके नाम से बैंक खातों में जमा न कर, उन्हें अपनी को-ऑपरेटिव सोसाइटी में जमा कर लिया। इसके अलावा, सुशील कुमार ने उनके नाम पर झूठे दस्तावेज तैयार करके पेट्रोल पम्प में अपना 50 फीसदी शेयर होने का दावा किया। आगे की जांच में यह सामने आया कि सुशील कुमार ने उनके नाम से N.A.T.C.S. सुबाथू में खाता खोलकर झूठे हस्ताक्षर करके लोन लिया, जबकि परस राम ने कभी लोन के लिए आवेदन नहीं किया था। इसके अतिरिक्त, पेट्रोल पम्प की आमदनी को भी उक्त खाते में डायवर्ट किया गया और उससे राशि को अपने पी.एन.बी. खाते में ट्रांसफर किया गया। जब श्री परस राम 2022 में पेट्रोल पम्प पर लौटे, तो उन्हें पता चला कि उनकी आमदनी में करीब 80 लाख रुपये की कमी है। एक और जांच में यह भी सामने आया कि करीब एक करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई थी, जिसमें सोसाइटी के मैनेजर अमर लाल कश्यप भी शामिल था। पुलिस ने इस मामले में आरोपी सुशील कुमार और अमर लाल को 28 जनवरी 2025 को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपी अब पुलिस हिरासत में हैं और मामले की जांच जारी है।
आज एनएमओपीएस (NMOPS) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय के अनुसार, नई पेंशन स्कीम (UPS) के खिलाफ कर्मचारी महासंघ हिमाचल प्रदेश ने 01 अप्रैल 2025 से इसे लागू करने के फैसले का विरोध किया। इस विरोध प्रदर्शन में पूरे भारत में सभी स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में UPS की गजट अधिसूचना के खिलाफ विरोध किया गया। इस विरोध का मुख्य उद्देश्य ओपीएस (Old Pension Scheme) के तत्काल कार्यान्वयन की मांग करना था। प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर और महासचिव भरत शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में वर्तमान सरकार ने पहले ही पुरानी पेंशन बहाल कर दी है, इसलिए एनएमओपीएस का साथ देते हुए कर्मचारियों और शिक्षकों से अनुरोध किया गया था कि वे केंद्रीय कर्मचारियों के इस आंदोलन में समर्थन करें और UPS के नुकसानों के बारे में सभी कर्मचारियों को जागरूक करें ताकि इसके दुष्परिणाम सामने आ सकें। इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर ओपीएस के कार्यान्वयन के लिए एकजुट होने का आह्वान किया गया है। प्रदीप ठाकुर और महासचिव भरत शर्मा ने इस आयोजन की सफलता के लिए सभी का धन्यवाद किया। पुरानी पेंशन (Old Pension Scheme) की मांग को लेकर 20 वर्षों से चल रहे विरोध और आंदोलन को समाप्त करने के उद्देश्य से सरकार की ओर से उतारी गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) यानी UPS का काफी विरोध हो रहा है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि इसमें कई खामियां हैं। इसकी सबसे बड़ी खामी तो वित्त सचिव टीवी सोमनाथन के एक जवाब से सामने आई है, जो इसकी प्रचारित अच्छाइयों पर भारी पड़ गई है। उन्होंने कहा कि UPS की सबसे बड़ी खामी वीआरएस (Voluntary Retirement Scheme) के मामले में सामने आती है। अगर कोई कर्मचारी 60 साल की उम्र से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प चुनता है तो उसे पेंशन कब से मिलेगी? यह सवाल जब वित्त सचिव से पूछा गया, तो उनका जवाब था कि आप रिटायर चाहे जब हों, UPS के तहत पेंशन सेवानिवृत्ति की आयु पूरी होने के बाद ही मिलेगी। रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली इस पेंशन स्कीम में इस खामी के चलते कर्मचारियों को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। उनका ये भी कहना है कि देश में विभिन्न विभागों में रिटायरमेंट की आयु अलग-अलग है। उदाहरण के तौर पर, विश्वविद्यालयों में रिटायरमेंट की आयु 65 साल है, जबकि कुछ विभागों में यह 60 वर्ष या 58 वर्ष है। ऐसे में अगर कोई कर्मचारी 58 वर्ष में रिटायर हो जाए तो उसे पेंशन के लिए दो साल का इंतजार करना होगा। वहीं अगर कोई कर्मचारी 50 वर्ष की उम्र पर वीआरएस लेता है, तो उसे पेंशन पाने के लिए 10 साल तक इंतजार करना होगा। कर्मचारी संगठन का कहना है कि 25 साल में नौकरी करने वाला युवा अगर 50 की आयु में नौकरी के 25 साल पूरे करके वीआरएस लेना चाहे, तो उसे यूपीएस के तहत पेंशन पाने का कोई विकल्प 10 सालों तक नहीं होगा। इस पर सवाल उठता है कि अगले 10 सालों तक वह जीवित रहेगा या नहीं, इसलिए कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे हैं। वहीं अगर कोई कर्मचारी देर से सरकारी सेवा में आता है, तो इस स्कीम के तहत 10 साल की नौकरी करने पर 10,000 रुपये न्यूनतम पेंशन तय की गई है। हालांकि यह फायदा भी तभी मिलेगा जब कर्मचारी ने 10 साल की सेवा पूरी की हो। अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल से पहले सेवा छोड़ दी, तो उसे पेंशन नहीं मिलेगी। UPS में कर्मचारियों का योगदान उनकी बेसिक सैलरी का 10% होगा, जबकि सरकार 18.5% योगदान करेगी। पुरानी पेंशन में कर्मचारी को कोई योगदान नहीं करना पड़ता और सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन सरकार द्वारा दी जाती है, जो लगभग अंतिम वेतन का 50% होती है। जारी अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया है कि जो कर्मचारी UPS का विकल्प चुनते हैं, वे किसी अन्य नीतिगत रियायत, बदलाव या वित्तीय लाभ का दावा नहीं कर सकेंगे। UPS के तहत कर्मचारियों के रिटायरमेंट फंड में दो हिस्से होंगे - एक व्यक्तिगत फंड, जिसमें कर्मचारी और सरकार का योगदान होगा, और दूसरा पूल फंड, जिसमें सरकार का अतिरिक्त योगदान होगा। प्रदीप ठाकुर का कहना है कि जब 1 अप्रैल 2004 को NPS लागू किया गया था, तब भी ऐसा ही प्रचार किया गया था, लेकिन जब कर्मचारी सेवानिवृत्त होने लगे, तो किसी को 500 तो किसी को 1500 रुपये पेंशन मिली। अब भविष्य में भी क्या मिलेगा, यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन यह तय है कि UPS में पुरानी पेंशन (OPS) जैसा लाभ नहीं मिलेगा। इसलिए कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग करेंगे और NPS तथा UPS का विरोध जारी रखेंगे।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान सोलन जिले के अर्की उपमंडल से जा रहे श्रद्धालुओं की बस कौशांबी जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में कुल 24 लोग घायल हुए, जिनमें से एक व्यक्ति की हालत गंभीर है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार सोलन जिला प्रशासन कौशांबी जिला प्रशासन के साथ निरंतर संपर्क में है और घायलों को समयबद्ध चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। अर्की के विधायक संजय अवस्थी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए प्रशासन को तत्काल राहत और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि घायलों की उचित देखभाल सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। सोलन के उपायुक्त मनमोहन शर्मा ने बताया कि बस में कुल 32 श्रद्धालु सवार थे। इनमें से 14 घायल सिराथू के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 10 जिला अस्पताल कौशांबी में इलाज करवा रहे हैं। गंभीर रूप से घायल तुलसी राम शर्मा का उपचार सघन चिकित्सा इकाई में जारी है।
कौशाम्बी-फतेहपुर बॉर्डर के पास कनवार क्षेत्र में सोमवार शाम को एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। हिमाचल प्रदेश से प्रयागराज महाकुंभ के लिए जा रहे श्रद्धालुओं की मिनी बस हाइड्रा वाहन से टकरा गई। इस हादसे में 25 श्रद्धालु घायल हो गए, जिनमें से एक महिला की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई और स्थानीय लोग मदद के लिए दौड़ पड़े। हिमाचल प्रदेश के अर्की थाना क्षेत्र के स्लैट गांव से 32 श्रद्धालुओं का दल मिनी बस में सवार होकर प्रयागराज के लिए निकला था। शाम करीब 7 बजे नेशनल हाईवे पर कनवार के पास, हाइड्रा वाहन के चालक ने अचानक ब्रेक लगा दी। मिनी बस का ड्राइवर नियंत्रण खो बैठा और बस हाइड्रा से टकरा गई. हादसे के बाद अजुहा चौकी पुलिस और प्रशासन की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। छह एंबुलेंस की मदद से सभी घायलों को सिराथू के सीएचसी और फिर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चलाया और दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को क्रेन की मदद से हाईवे से हटाकर यातायात बहाल किया। घायलों की पूरी सूची: बविता पत्नी सुरेंद्र (45) नीला देवी पत्नी विंध्यसागर (60) चंद्रकला पत्नी बाबूराम शास्त्री (60) पार्वती पत्नी नंदलाल (62) सीता देवी पत्नी तेजराम (55) कविता पत्नी मनोहर शर्मा (47) विमला देवी पत्नी सालिगराम (58) दयापति पत्नी देवीचंद्र (54) ममता पुत्री देवीचंद्र (30) आषवी पुत्री अंकितराज (25) बाबूराम पुत्र दयाराम (65) मीना शर्मा पत्नी महेंद्र शर्मा (48) महेंद्र शर्मा पुत्र लेखराज (50) रूपराम पुत्र राजकुमार (40) लेखराज पुत्र दिलकराम (51) बब्लू पुत्र दिलेर राम (39) लीला देवी पत्नी विद्यासागर (60) ममता शर्मा पत्नी नरेश कुमार (50) नर देवी शर्मा पत्नी गुच्ची राम (45) गोदावरी देवी पत्नी किशन लाल (70) धनपति देवी पत्नी देवी लाल (65) पविता देवी पुत्री सुरेंद्र कुमार (20) तुलसीराम पुत्र कुंतराम (75) रूपराम पुत्र राजकुमार (40) अन्य एक महिला (नाम अज्ञात) प्रशासन की तत्परता घटना की जानकारी मिलते ही डीएम मधुसूदन हुल्गी और एसपी बृजेश श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने घायलों का हालचाल लिया और अस्पताल प्रबंधन को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। सीएमओ डॉ. संजय कुमार ने सिराथू सीएचसी और आसपास के अस्पतालों में डॉक्टरों की अतिरिक्त टीम भेजकर बेड और फर्स्ट एड की व्यवस्था सुनिश्चित की। गंभीर रूप से घायल एक महिला को मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। एसपी बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि हादसे में शामिल सभी घायलों का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा, "घायलों के रहने-खाने की व्यवस्था अस्पताल में ही की गई है। प्रशासन घायलों की हरसंभव मदद कर रहा है।"
भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा आयोजित 38वीं राष्ट्रीय खेलों का आयोजन 28 जनवरी, 2025 से 14 फरवरी, 2025 तक उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और रुद्रपुर शहरों में होगा। इन प्रतिष्ठित खेलों में डुमैहर (अर्की) के राजकुमार पाल का चयन बास्केटबॉल प्रतियोगिता के लिए तकनीकी अधिकारी के रूप में हुआ है। राजकुमार पाल वर्तमान में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय डुमैहर (अर्की) में शारीरिक शिक्षा प्रवक्ता (डीपीई) के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने इससे पहले स्पेशल ओलंपिक विश्व खेलों में बास्केटबॉल हैड कोच के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। इसके अलावा, वह खेलो इंडिया, स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया, और फेडरेशन नेशनल में बास्केटबॉल प्रतियोगिता के तकनीकी अधिकारी के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। राजकुमार पाल के चयन की पुष्टि बास्केटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव कुलविंदर सिंह गिल ने एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से की। राजकुमार पाल ने इस अवसर पर बास्केटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया के तकनीकी समिति अध्यक्ष नॉरमन इसाक, प्रदेश बास्केटबॉल संघ के सीईओ अजय सूद, महासचिव मुनीश शर्मा, अध्यक्ष सुशील शर्मा, रैफरी बोर्ड के अध्यक्ष संजय ठाकुर, तकनीकी समिति अध्यक्ष उमेश कुमार, चयन समिति अध्यक्ष राजकुमार राणा, अशोक शर्मा, और समस्त कार्यकारिणी का आभार व्यक्त किया। राजकुमार पाल की इस उपलब्धि पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय डुमैहर (अर्की) के प्रधानाचार्य अरुण कुमार, समस्त विद्यालय स्टाफ, विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों और ग्राम पंचायत डुमैहर के नागरिकों ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। राजकुमार पाल का चयन न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम है, बल्कि यह क्षेत्र के लिए भी गर्व की बात है। उनकी यह उपलब्धि युवाओं को प्रेरित करने के साथ-साथ खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य करेगी।
शिमला: प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ते (DA) और एरियर का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्ण राज्यत्व दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बड़ी घोषणा की उम्मीद लगाए बैठे लाखों कर्मचारी और पेंशनर एक बार फिर मायूस हो गए।सरकार की ओर से इस मौके पर कई विकास कार्यों की घोषणाएं की गईं, लेकिन DA-एरियर पर कोई स्पष्ट ऐलान नहीं हुआ। इससे कर्मचारियों और पेंशनरों में निराशा बढ़ गई है। दरअसल, कर्मचारी और पेंशनर लंबे समय से बकाया DA और एरियर की मांग कर रहे हैं। महंगाई के इस दौर में DA का भुगतान उनकी सबसे बड़ी जरूरत बन गया है। सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए कहा था कि सरकार पहले से ही आर्थिक दबाव का सामना कर रही है। हालांकि, उन्होंने कर्मचारियों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया था। उधर, कर्मचारियों और पेंशनरों ने सरकार की खामोशी पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि हर साल घोषणाओं का दौर चलता है, लेकिन उनकी जायज मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। अब ऐसे में DA-एरियर पर सरकार का कोई ठोस फैसला कब आएगा, यह तो वक्त ही बताएगा। अब कर्मचारी और पेंशनर्स गणतंत्र दिवस के दिन का इंतजार कर रहे है और उम्मीद लगाए बैठे है कि शायद कल सुक्खू सरकार कोई बड़ी घोषणा कर देंगे।
हिमाचल प्रदेश के सोलन शहर में एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। पुलिस ने सिरमौर के पच्छाद उपमंडल के वासनी से बगैर सिर का अधजला शव बरामद किया है। साथ ही कई किलोमीटर दूर सोलन जिला में सिर बरामद किया है। सूत्रों के मुताबिक सोलन पुलिस ने जघन्य अपराध (Heinous Crime) की मिस्ट्री को बेपर्दा कर लिया है।प्रारंभिक जांच में पता चला है कि अज्ञात व्यक्ति को मौत के घाट उतारने के बाद उसके शव को दो हिस्सों में अलग-अलग जगह नष्ट करने का प्रयास किया गया। शुरुआती जांच में ये भी पता चल रहा है कि देऊंघाट इलाके में तीन व्यक्ति शिकार करने के चक्कर में जंगल की तरफ गए थे, लेकिन एक लापता हो गया था। इसी दौरान व्यक्ति की गोली मारकर हत्या (Murder) कर दी गई। आशंका जताई जा रही है कि मरने वाला व्यक्ति वही हो सकता है, जिसकी पुलिस ने गुमशुदगी में रिपोर्ट (Missing Report) दर्ज की थी।अब तक की जांच में पता चला है कि आरोपियों द्वारा लाश से गर्दन को अलग कर दिया गया और उन्हें अलग-अलग जगहों पर दफना दिया गया। सिरमौर के पच्छाद उपमंडल के वासनी के नजदीक भी धड़ को जलाने का प्रयास किया गया। आरोपी धड़ से अलग की गई गर्दन को वाहन में लेकर वापस सोलन जिला में दाखिल हुए। इसके बाद इसे जलाने की कोशिश हुई। पता चला है कि पुलिस गुमशुदा व्यक्ति की तलाश कर रही थी। इसी दौरान बड़ोग के आसपास इस बात का सुराग मिला कि लापता व्यक्ति किसके साथ दो व्यक्ति थे। इसके बाद संदिग्धों को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई, जिससे एक खौफनाक हत्या की गुत्थी सुलझ गई। अब आरोपियों की निशानदेही पर शव के हिस्सों को बरामद कर लिया गया है। जानकारी के मुताबिक लापता व्यक्ति संगटी गांव में अपनी बहन के घर आया हुआ था, जहां से वह अपने साथियों के साथ शिकार करने के लिए निकला था। पुलिस ने घटनास्थल पर फोरेंसिक टीम को बुलाया है और जांच जारी है। एक अन्य जानकारी के अनुसार, आरोपियों ने स्वीकार किया है कि मृतक वही व्यक्ति था जो लापता चल रहा था। हालांकि, पुलिस अपने स्तर पर भी इस तथ्य की गहन जांच और क्रॉस-चेक कर रही है। इसके बाद ही पुलिस मृतक समेत आरोपियों की पहचान को उजागर करेगी। एसपी गौरव सिंह ने केवल इतनी पुष्टि की है कि हत्या की वारदात में दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। इसको लेकर जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि कुछ संदिग्धों से भी पूछताछ जारी है और जांच के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। एसपी ने कहा कि जल्द ही पूरी जानकारी साझा की जाएगी।
उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए पात्र नागरिक मतदाताओं का पंजीकरण अत्यन्त आवश्यक है। मनमोहन शर्मा आज यहां 15वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर आयोजित ज़िला स्तरीय कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। मनमोहन शर्मा ने ज़िला वासियों को पूर्ण राज्यत्व दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 25 जनवरी प्रदेश के लिए बेहद गौरवमयी दिन है। एक ओर जहां 25 जनवरी, 1971 के दिन प्रदेश को पूर्ण राज्यत्व का दर्जा हासिल हुआ वहीं दूसरी ओर मज़बूत लोकतंत्र की पहचान के लिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस भी 25 जनवरी को ही आयोजित किया जाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र में इस दिवस को मतदाता दिवस के रूप में मनाने का उदे्दश्य युवा मतदाताओं को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना व मज़बूत लोकतंत्र के लिए शत-प्रतिशत मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करना है। किसी भी देश के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था से अच्छी कोई दूसरी व्यवस्था नहीं है, इसलिए इसे मज़बूत करना हम सभी का नैतिक कर्तव्य है। उपायुक्त ने कहा कि यह दिवस भारतीय निर्वाचन आयोग का स्थापना दिवस भी है। निर्वाचन आयोग द्वारा 25 जनवरी, 2011 में पहली बार मतदाता दिवस मनाया गया था। लोकतांत्रिक परम्पराओं एवं व्यवस्थाओं को बनाए रखने तथा उन्हें सुदृढ़ आधार प्रदान करने के दृष्टिगत भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 और 329 में स्वतंत्र निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन करवाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग का गठन किया गया है। निर्वाचन आयोग के नियंत्रण में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्य सभा के अतिरिक्त लोकसभा व विधानसभा के चुनाव, मतदाता सूची की तैयार करना, फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र जारी करना जैसे कार्य किए जाते हें। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में युवा वर्ग का योगदान भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जो युवा 18 वर्ष के हो चुके हैं को आगे आकर सबसे पहले अपना मतदाता पहचान पत्र बनाना चाहिए। युवा पीढ़ी देश का भविष्य होती है और युवाओं की जागरूकता देश, प्रदेश एवं समाज के लिए प्रहरी का कार्य करती है। युवा मतदाताओं को अपने मताधिकार को प्रयोग पूरी सूझ-बूझ के साथ करना चाहिए। उपायुक्त ने इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित मतदाताओं एवं अन्य को सभी निर्वाचनों में अपने मताधिकार का प्रयोग करने की शपथ भी दिलवाई। कार्यक्रम के दौरान मुख्य निर्वाचन आयुक्त के संदेश का प्रसारण भी किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि द्वारा नव पंजीकृत मतदाताओं को मतदान पहचान पत्र तथा नगर निगम सोलन के क्षेत्र में पड़ने वाले मतदान केंद्रों के बूथ स्तर अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। इस वर्ष राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर ‘वोट जैसा कुछ नहीं, वोट ज़रूर डालेंगे हम’ विषय के अनुरूप सारगर्भित कार्यक्रम आयोजित किया गया। इससे पूर्व तहसीलदार निर्वाचन उषा चौहान ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि वोटर हेल्पलाइन एप के माध्यम से भी मतदाता अपना मतदान पहचान पत्र बना सकते हैं। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त सोलन राहुल जैन, उपमण्डलाधिकारी सोलन डॉ. पूनम बंसल, बूथ स्तर के अधिकारी व पर्यवेक्षक, नव पंजीकृत मतदाता सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।
** प्रदेश के दो विश्वविद्यालय करेंगे भांग की खेती पर रिसर्च हिमाचल प्रदेश में भविष्य में भांग की खेती को कैबिनेट ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अब इस पर पूरी तरह से अध्ययन किया जाएगा कि कैसे यह खेती की जाएगी। प्रदेश के दो विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ इस पर रिपोर्ट तैयार करेंगे, और उसी के आधार पर सरकार आगे कदम बढ़ाएगी। पहले इसे राज्य कर एवं आबकारी विभाग द्वारा अध्ययन किया जा रहा था, लेकिन अब कृषि विभाग को इसे लागू करने के लिए नोडल डिपार्टमेंट बना दिया गया है।इससे पहले, विधानसभा के मानसून सत्र में भांग की खेती से संबंधित सिफारिशें विधानसभा कमेटी ने दी थीं। अब, डा.वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी और चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के विशेषज्ञों को भांग की खेती पर पायलट अध्ययन करने का जिम्मा सौंपा गया है। इस अध्ययन की सिफारिशों पर कृषि विभाग भांग की खेती को आगे बढ़ाएगा। राज्य सरकार ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी, जिसने इसके प्रारूप को तैयार किया और दूसरे राज्यों में अध्ययन किया। समिति की सिफारिशों के आधार पर, एनडीपीएस अधिनियम 1985 में संशोधन किया जाएगा ताकि औषधीय और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए भांग की खेती को नियंत्रित वातावरण में वैध किया जा सके।सरकार का दावा है कि भांग की खेती से प्रदेश की आय में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने राज्य कर एवं आबकारी विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों को 100 मोटरसाइकिलें प्रदान करने की मंजूरी दी है ताकि प्रवर्तन और औचक निरीक्षण सुनिश्चित किया जा सके।साथ ही, कुल्लू बस स्टैंड और पीज पैराग्लाइडिंग प्वाइंट के बीच रोप-वे स्थापित करने की मंजूरी भी दी गई है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
** ये स्कूल दो से सात किलोमीटर की दूरी वाले नजदीकी स्कूलों में मर्ज किए जाएंगे **प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेज दिया हिमाचल प्रदेश में 10 से कम विद्यार्थियों वाले 316 मिडल स्कूलों को मर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन स्कूलों में कुल 2,116 विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए 813 शिक्षक तैनात हैं। ये स्कूल नजदीकी, 2 से 7 किलोमीटर दूर स्थित अन्य स्कूलों में मर्ज किए जाएंगे। कई मिडल स्कूलों में तीन से पांच शिक्षक और तीन-तीन गैर-शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने इस प्रस्ताव को तैयार कर सरकार को भेज दिया है। पिछले वर्ष सरकार ने पांच विद्यार्थियों वाले मिडल स्कूलों को 2-3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित स्कूलों में मर्ज किया था। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, नए शैक्षणिक सत्र से पहले इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। निदेशालय द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में मर्ज किए जाने वाले स्कूलों की नजदीकी दूरी और इससे जुड़ी समस्याओं का विस्तृत विवरण दिया गया है। शिमला जिले में कम विद्यार्थियों वाले सबसे अधिक मिडल स्कूल हैं, जहां 97 स्कूल हैं। इसके बाद कांगड़ा में 51 स्कूल हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि सरकार के आदेश के अनुसार अंतिम निर्णय लिया जाएगा। लाहौल-स्पीति के केलांग क्षेत्र में एक स्कूल में तीन शिक्षक केवल एक बच्चे को पढ़ा रहे हैं। इसी तरह, उदयपुर, काजा, चंबा, बिलासपुर और कांगड़ा के कुछ स्कूलों में भी कम संख्या में विद्यार्थियों के लिए अधिक संख्या में शिक्षक नियुक्त हैं।
हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व दिवस का राज्य स्तरीय समारोह शुक्रवार को बैजनाथ में आयोजित हुआ। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और मार्च पास्ट की सलामी ली। इस परेड में राज्य पुलिस, जिला पुलिस, आईआरबी सकोह, ट्रैफिक पुलिस, एसएसबी सपड़ी, एनसीसी और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स की टुकड़ियां शामिल हुईं। इसके बाद सीएम ने जनता को संबोधित करते हुए कई अहम घोषणाएं कीं। मुख्यमंत्री ने बैजनाथ में ऐलान किया कि सरकारी क्षेत्र में आने वाले समय में 25 हजार पद भरे जाएंगे। युवाओं को रोजगार से जोडऩा सरकार की प्राथमिकता है और इसी को ध्येय मान सरकार आगे बढ़ रही है। सीएम ने बताया कि अप्रैल से बीपीएल पात्रों के चयन के लिए सर्वे होगा और सत्यापन एसडीएम की जिम्मेदारी होगी। इसके साथ ही, आईजीएमसी शिमला में दो महीने में पेट स्कैन मशीन लगाई जाएगी। धर्मशाला में एक बड़ा कन्वेंशन सेंटर बनेगा और कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार पर 3500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। शिमला में 1600 करोड़ की लागत से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे बनेगा।सीएम ने बैजनाथ में विकास कार्यों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, जैसे चढ़ियार को तहसील बनाना, पपरोला-बैजनाथ के लिए पुल निर्माण, लोक निर्माण का नया मंडल खोलना, डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना और महल पट्टी में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल बनाना। वहीं, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ते की घोषणा न होने पर उन्हें निराशा हुई। इस अवसर पर मंत्री विक्रमादित्य सिंह, आयुष मंत्री यादवेंद्र गोमा, पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और अन्य मंत्री भी कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने बैजनाथ में 70.26 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया, जिनमें एशिया का पहला पैराग्लाइडिंग स्कूल, पार्किंग सुविधाएं, विद्युत सब स्टेशन और नई सड़कें शामिल हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह 27 जनवरी को मध्य प्रदेश के महू जाएंगे। महू से कांग्रेस संविधान बचाओ अभियान की शुरुआत करेगी। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, नेता विपक्ष राहुल गांधी और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल होंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री सुक्खू 26 जनवरी को राजधानी शिमला में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के बाद मध्य प्रदेश के लिए रवाना होंगे। कांग्रेस 27 जनवरी को डॉ. भीमराव आंबेडकर की जन्मस्थली महू में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर रही है, जिसमें पार्टी संविधान को बचाने और जागरूकता फैलाने का आह्वान करेगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के डॉ. आंबेडकर पर दिए गए बयान के विरोध में कांग्रेस देशभर में संविधान बचाओ यात्रा शुरू कर रही है। महू में आयोजित इस कार्यक्रम में कांग्रेस कार्यसमिति के सभी सदस्य, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, वरिष्ठ नेता और सांसद शामिल होंगे। इस यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता जनता के बीच जाकर संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री सुक्खू 1 से 3 फरवरी तक दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में भी भाग लेंगे। कांग्रेस इस यात्रा और अभियान के माध्यम से अपने विचारधारा और संविधान की रक्षा के लिए जनता को जागरूक करने का प्रयास कर रही है
हिमाचल प्रदेश में निर्मित 38 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। इनमें मधुमेह, माइग्रेन, उच्च रक्तचाप, पेट की गैस, संक्रमण और विटामिन डी-3 जैसी बीमारियों के इलाज में उपयोग होने वाली दवाएं शामिल हैं। खासतौर पर माइग्रेन की एक दवा, जो केवल सरकारी अस्पतालों में वितरित की जाती है, के दो बैच फेल पाए गए हैं। यह जानकारी केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) और राज्य औषधि नियंत्रक द्वारा दिसंबर 2024 में किए गए परीक्षण के बाद सामने आई है। जांच में सामने आए चिंताजनक आंकड़े देशभर में 135 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, जिनमें हिमाचल में बनीं 38 दवाएं शामिल हैं। यह खुलासा स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। दवाओं की सप्लाई पर रोक और कार्रवाई शुरू* राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उन कंपनियों को नोटिस जारी कर स्टॉक वापस मंगवाया जा रहा है। साथ ही, दोषी कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रमुख दवाएं जो मानकों पर खरी नहीं उतरीं: 1. डाइवैलप्रोएक्स (बायोडिल फार्मास्युटिकल, नालागढ़) 2. बीटाहिस्टाइन (सीएमजी बायोटेक, कांगड़ा) 3. ओकामैट (सिपला कंपनी, नालागढ़) 4. पेंटाप्राजोल (एडमैड फार्मा, बद्दी) 5. जिंक सल्फेट (ऑर्चिड मेडलाइफ, बद्दी) 6. अमोक्सीसिलिन (वेडएसपी फार्मास्युटिकल, झाड़माजरी) 7. सेफडॉक्साइन (नॉक्स फार्मास्युटिकल, बद्दी) 8. कैल्शियम कार्बोनेट (मेडोफार्मा कंपनी, बद्दी
विद्युत उपमंडल कुनिहार के अंतर्गत आने वाले सभी उपभोक्ताओं को सूचित किया जाता है कि ईएसडी कुनिहार के अंतर्गत आने वाले कई उपभोक्ताओं ने लंबे समय से अपने बिजली के बिल जमा नहीं करवाए हैं, जिसके कारण उपमंडल पर भारी मात्रा में बकाया राशि जमा हो गई है। इन बकायादार उपभोक्ताओं को पहले भी नोटिस जारी किए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक बकाया राशि जमा करवाने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अतः जिन उपभोक्ताओं ने बकाया राशि जमा नहीं करवाई है, उनसे एक बार फिर अनुरोध है कि वे तीन दिन के भीतर अपने बिजली के बिल जमा करवाएं, अन्यथा बिना किसी नोटिस के तुरंत प्रभाव से उनके बिजली कनेक्शन काट दिए जाएंगे और इसके लिए उपभोक्ता स्वयं जिम्मेदार होंगे। यह जानकारी विद्युत उपमंडल कुनिहार के सहायक अभियंता इंजीनियर नीरज कतना ने साझा की है और इन उपभोक्ताओं से जल्द से जल्द बिल जमा करवाने को कहा है।
हिमाचल में डाक विभाग अब दुर्गम और बर्फीले इलाकों में ड्रोन से चिट्ठी पहुंचाएगा। केंद्र सरकार के निर्देश पर विभाग ने अपर शिमला में ड्रोन से डाक पहुंचाने का ट्रायल शुरू किया है। उप डाकघर से शाखा डाकघरों तक पांच से दस मिनट में चिट्ठियां पहुंचाई जा रही हैं। जबकि पहले चिट्ठियां यहां तक पहुंचाने में पूरा दिन लग जाता था। ट्रायल सफल रहने के बाद विभाग केंद्र सरकार के निर्देश पर अन्य दुर्गम इलाकों में डाक पहुंचाने के लिए हाइटेक तकनीक का इस्तेमाल कर सकता है। डाक विभाग उप डाकघर हाटकोटी से सुबह 9 से 12 बजे के बीच शाखा डाकघर नंदपुर, कठासू, अंटी और झड़ग के लिए ड्रोन से डाक भिजवा रहा है। एक समय में सात किलो तक भार उठाने की क्षमता वाला ड्रोन पांच से दस मिनट में सात-आठ किलोमीटर दूर गांवों में डाक छोड़कर लौट रहा है। जिस शाखा में ड्रोन से डाक भेजी जाती है, वहां पर पहले से डाक कर्मी तैनात रहता है। दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में ड्रोन से डाक पहुंचाने का पूरा डाटा ऑनलाइन रखा जा है। ट्रायल के तौर ड्रोन से डाक पहुंचाने की अवधि 24 जनवरी को पूरी हो रही है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ड्रोन ट्रायल के लिए एक निजी कपंनी के साथ समझौता किया गया है। सफल संचालन पर विभाग अन्य दुर्गम और पहाड़ी इलाकों में ड्रोन का उपयोग करेगा। इसका उद्देश्य प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट के माध्यम से ड्रोन के जरिये चिट्ठी पहुंचाना है। केंद्र इससे पहले गुजराज और अरुणाचल में भी ट्रायल कर चुका है। ट्रायल पूरा होने के बाद केंद्र सरकार अगला कदम उठाएगी।ड्रोन से डाक ट्रायल के तौर पर कुछ शाखा डाकघरों के लिए भेजी जा रही है। ड्रोन सेवा 12 नवंबर से 24 जनवरी तक चल रही है। निजी कंपनी की सहायता से यह काम किया जा रहा है। अंकुश, प्रभारी उप डाकघर हाटकोटी दुर्गम क्षेत्रों में ड्रोन से डाक भेजने का ट्रायल चल रहा है। यदि ट्रायल सफल रहा तो इस तकनीक को नियमित लागू किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दुर्घटना मामले में एक महत्त्वपूर्ण फैसला दिया है। मामले में छह महीने की देरी के बाद दायर की गई याचिका अब मान्य नहीं होगी। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की अदालत ने मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण चंबा की ओर से पारित 23 जुलाई 2024 के फैसले को निरस्त कर दिया। प्रतिवादियों की ओर से आवेदन देरी से करने को निचली अदालत ने माफ कर दिया था। कंपनी की ओर से निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी। बीमा कंपनी ने अदालत को बताया कि मुआवजे के दावे के लिए कोई आवेदन छह महीने के बाद स्वीकार नहीं किया जाएगा। अगर दावा दुर्घटना घटित होने के छह महीने के भीतर नहीं किया जाएगा तो वह धारा 166 (3) के नियमों के खिलाफ है। अदालत को बताया गया कि मोटर वाहन अधिनियम एक पूर्ण एवं आत्मनिर्भर अधिनियम है तथा इसकी धारा 166 (3) के अनुसार याचिका दायर करने में देरी को माफ करने का कोई प्रावधान नहीं है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 में पहले प्रावधान था कि अगर आवेदन में देरी हो जाती थी, तब भी याचिका दायर की जाती थी, लेकिन 2019 में इसमें संशोधन किया गया। वर्ष 2022 से इसे लागू किया गया, जिसके बाद धारा 166 (3) के तहत दावेदार को केवल छह महीने के भीतर आवेदन दायर करना होगा। अगर उसके बाद दायर किया जाएगा तो मान्य नहीं होगा। निचली अदालत ने लिमिटेशन एक्ट की धारा 5 के तहत उत्तरदाताओं की याचिका को स्वीकार कर दिया था। अदालत ने एक जैसी प्रकृति के सभी मामलों का एक साथ निपटारा करते हुए यह आदेश दिए। ये मामले चंबा, सिरमौर, शिमला आदि के थे, जिसमें मृतकों के परिवार वालों ने देरी से याचिका दायर की गई। सभी मामलों में किसी की दुर्घटना अप्रैल, जून और सितंबर 2023 में हुई थी और सभी ने जून 2024 के बाद दावा किया। इनमें से एक मामला चंबा का है, जिसमें मृत व्यक्ति मोटरसाइकिल के पीछे वाली सीट पर बैठा था। हादसा तेज रफ्तार और लापरवाही की वजह से हुआ। बाइक सवार दोनों सतलुज नदी में गिर गए। घटना के छह महीने के बाद दावा किया गया। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय घंडल (शिमला) की ओर से 8 जनवरी को दैनिक वेतन भोगी की नए सिरे से जारी किए गए भर्ती के विज्ञापन पर हिमाचल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की अदालत ने इसके आदेश जारी किए हैं। मामले की सुनवाई अब छह सप्ताह बाद होगी। दरअसल विश्वविद्यालय की ओर से 31 दिसंबर को विभिन्न श्रेणियों के तहत काम कर रहे 43 दैनिक वेतनभोगियों की मौखिक रूप से सेवाएं समाप्त का दी गईं थीं। बिना नोटिस दिए इन्हें निकाला गया। अब 8 जनवरी को विज्ञापन निकालकर यह भर्तियां माली, प्लंबर, स्वीपर, इलेक्ट्रीशियन और ड्राइवर के पदों के लिए निकाली गईं। इसी विज्ञापन पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है। इसके खिलाफ कुछ प्रभावितों ने हाईकोर्ट का रुख किया। उन्होंने अदालत को बताया कि उनकी 2022 से विश्वविद्यालय में सेवाएं ली जा रही हैं। इनकी सेवाएं वर्ष 2022 के बाद तीन-तीन महीने का सेवा विस्तार देते हुए विधि विश्वविद्यालय ने नियमित के बजाय पूर्ववत दैनिक भोगियों के पदों को भरने का विज्ञापन जारी किया है। अदालत में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के अधिवक्ता ने कहा कि नई अधिसूचना के तहत भर्ती में पहले नियुक्त दैनिक वेतनभोगी भाग ले सकते हैं। वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के स्थान पर दूसरे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को नियुक्त करना वैध है। जो विज्ञापन निकला, वह भी दैनिक वेतनभोगी के रूप में है।
विकास खंड कुनिहार की ग्राम पंचायत कुनिहार के गांव काटल (दोहची) की रहने वाली सपना का चयन नर्सिंग ऑफिसर के रूप में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर के लिए हुआ है। इस उपलब्धि से सपना के परिवार और पूरे कुनिहार क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है। सपना के दादा भगत राम, दादी सत्या देवी, पिता कृष्ण चंद और माता चंपा देवी के मार्गदर्शन और सपना की कड़ी मेहनत ने इस सफलता को संभव बनाया। सपना के पिता कृष्ण चंद ने बताया कि सपना ने 5वीं तक की पढ़ाई प्राथमिक पाठशाला जोखाघाटी से की। इसके बाद उन्होंने 10वीं की शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी), बनिया देवी, कुनिहार और 12वीं की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, कुनिहार से पूरी की। उच्च शिक्षा के लिए सपना ने बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई भट्टा कुफ़र से की।सपना के पिता ने गर्व व्यक्त करते हुए कहा, "सपना ने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से यह मुकाम हासिल किया है। हमें अपनी बेटी पर गर्व है।" सपना ने अपनी सफलता का श्रेय अपने दादा-दादी, माता-पिता और अध्यापकों को दिया। उन्होंने कहा कि उनके आशीर्वाद और मार्गदर्शन के बिना यह सफलता संभव नहीं थी।
हिमाचल में लोगों के सफर को आसान और आरामदायक बनाने के लिए अब सड़कों पर दौड़ रही खस्ताहाल बसों को हटाया जाएगा। इसके लिए HRTC अब 15 साल से पुरानी खटारा बसों को भी स्क्रैप कर रहा है, जिसको लेकर फील्ड से ऐसी बसों की रिपोर्ट मांगी गई है। नियमों के मुताबिक अभी 15 साल पुरानी बसों को ही स्क्रैप किया जा रहा है, लेकिन HRTC ने सड़कों पर हांफ रही 15 साल से पुरानी खस्ताहाल बसों को हटाने का फैसला लिया है, ताकि इन बसों को स्क्रैप करके इनकी जगह पर नई बसें चलाई जा सके। हिमाचल पथ परिवहन निगम के विभिन्न डिपो में बार बार रिपेयर करने के बाद कई बसें वर्कशॉप में खड़ी हैं। ऐसे में सड़कों पर हांफ चुकी इन बसों पर बार-बार रिपेयर करने में काफी खर्च होने के साथ समय भी बर्बाद हो रहा है। इसको देखते हुए ऐसी बसों को अब स्क्रैप किया जाएगा। वहीं, एचआरटीसी ने अभी तक 15 साल पुरानी बसों को स्क्रैप कर 5.91 करोड़ कमाए हैं। भारत सरकार के सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जीएसआर 29 (ई) के तहत 16 जनवरी 2023 को पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) के नियमों को लेकर संशोधन को लेकर अधिसूचना जारी थी। इस अधिसूचना के मुताबिक 31 मार्च 2023 तक 15 साल पूरे होने पर सरकारी वाहनों का पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द किया गया है। इसी तरह से सरकारी वाहनों के पंजीकरण के 15 साल पूरे होते ही अब खुद ही पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द समझा जाएगा। ये नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू हो चुके हैं। पहले चरण में एचआरटीसी ने अक्टूबर 2023 में 15 साल आयु पूरी कर चुके 163 वाहनों को नीलाम किया था। इसमें 124 बसें और 26 लाइट व्हीकल शामिल थे। वहीं, एक क्रेन, 5 ट्रक, 6 टेंकर व एक प्रदर्शनी वैन को भी स्क्रैप के लिए नीलाम किया था। इसी तरह से नवंबर 2023 में 46 वाहन, फरवरी 2024 में 16 वाहनों की नीलामी की गई थी, जिससे HRTC को 2.84 करोड़ रुपए की आय हुई है। इसके बाद इसी महीने एचआरटीसी ने आरवीएसएफ के जरिए एमएसटीसी के स्क्रैपिंग पोर्टल पर 15 साल पूरे कर चुके 114 वाहनों को नीलाम किया है, जिसमें 101 बसें, 08 हल्के वाहन, 01 ट्रक, 01 प्रदर्शनी वैन और 03 ऑटो रिक्शा शामिल हैं। इनकी ई.नीलामी आयोजित की गई, जिनमें से 90 वाहनों की बिक्री हो गई है, जिससे एचआरटीसी को 1.55 करोड़ मिलेंगे। अब एचआरटीसी 15 साल से कम उम्र की खस्ताहाल बसों को स्क्रैप में देकर पैसा कमाएगा और इन बसों की रिप्लेसमेंट भी कर दी जाएगी। हिमाचल परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर का कहना है, 15 साल से पहले को खराब हो चुकी बसों को भी स्क्रैप में दिया जाएगा, जिसकी जगह नई बसों को सड़कों पर उतारा जाएगा।
पुलिस भर्ती: ग्राउंड टेस्ट के लिए मंडी, बिलासपुर, कुल्लू, हमीरपुर व लाहौल के युवा जान लें ये शेड्यूल
शिमला: आखिरकार हिमाचल में पुलिस भर्ती के ग्राउंड टेस्ट से जुड़ी अहम सूचना आ ही गई। पांच जिलों के युवाओं के लिए शेड्यूल तैयार हो गया ह। युवाओं के लिए ग्राउंड टेस्ट की तारीख व स्थान जारी कर दिया गया है। सेंट्रल रेंज मंडी की डीआईजी सौम्या सांबशिवन की तरफ से जारी किए गए शेड्यूल के अनुसार फरवरी महीने की छह तारीख से ग्राउंड टेस्ट आरंभ होंगें। उल्लेखनीय है कि इस बार हिमाचल प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल की भर्ती नशे के खिलाफ कमांडो फोर्स के तौर पर हो रही है। कुल 1088 पद भरे जाने हैं. इसमें से पुरुष वर्ग में 708 पद व महिला वर्ग में 380 पदों की भर्ती होगी. लोक सेवा आयोग ने आवेदकों की फाइनल लिस्ट राज्य पुलिस को भेज दी थी। उसके बाद अब पांच जिलों के युवाओं के लिए ग्राउंड टेस्ट का शेड्यूल जारी किया गया है। सेंट्रल रेंज मंडी की डीआईजी ने ये शेड्यूल जारी किया है। डीआईजी सेंट्रल रेंज मंडी की तरफ से जारी किए गए शेड्यूल के अनुसार मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर, कुल्लू व लाहौल स्पीति जिले का ग्राउंड टेस्ट निम्न तारीखों को होगा। 6 फरवरी से 12 मार्च के बीच ग्राउंड टेस्ट होगा। शेड्यूल के अनुसार हर रोज करीब 2 हजार युवक व युवतियों का ग्राउंड टेस्ट होगा। मंडी जिले के लिए पुलिस कांस्टेबल भर्ती का ग्राउंड टेस्ट पंडोह में थर्ड आईआरबी में होगा। ये टेस्ट मंडी जिले के लिए 6 फरवरी से 16 फरवरी तक चलेगा। अगले दिन यानी 17 फरवरी को परिणाम आएगा। बिलासपुर के लुहणू मैदान में बिलासपुर जिले के लिए ग्राउंड टेस्ट 20 से 24 फरवरी के दरम्यान होगा। यहां का परिणाम भी अगले दिन यानी 25 फरवरी को घोषित किया जाएगा। हमीरपुर जिले के लिए ग्राउंड टेस्ट अणु में होगा। ये ग्राउंड टेस्ट 28 फरवरी से 5 मार्च तक चलेगा। कुल्लू जिले का टेस्ट पुलिस लाइन कुल्लू में आयोजित किया जाएगा। ये टेस्ट 7 मार्च से 11 मार्च तक होगा। लाहौल-स्पीति जिले के आवेदकों का ग्राउंड टेस्ट भी कुल्लू में ही होगा। ये टेस्ट भी पुलिस लाइन कुल्लू में आयोजित किया जाएगा। इसकी तारीख 12 मार्च रहेगी। उल्लेखनीय है कि इस बार ग्राउंड टेस्ट में 100 मीटर की दौड़ भी शामिल की गई है। साथ ही युवाओं का डोप टेस्ट भी होगी। चूंकि ये भर्ती नशे के खिलाफ कमांडो फोर्स के रूप में हो रही है, लिहाजा ये सुनिश्चित किया जाएगा कि भर्ती होने वाले युवाओं को किसी तरह के नशे की लत न हो। ग्राउंड टेस्ट के बाद रिटन एग्जाम होगा। लोक सेवा आयोग के चेयरमैन कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर का कहना है। आवेदकों की लिस्ट समय पर पुलिस विभाग को दे दी गई थी। अब ग्राउंड टेस्ट पुलिस अपने स्तर पर करवाएगी।
हिमाचल के डिपुओं में पिछले कई महीनों सरसों का तेल गायब है। इसका सीधा असर प्रदेश के लाखों गरीब परिवारों की रसोई पर पड़ रहा है। छोटे पहाड़ी राज्य में सरसों का तेल काफी पसंद किया जाता है। इसलिए हर रसोई में तड़के के लिए अधिकतर सरसों का तेल प्रयोग होता है। ऐसे में रसोई पर महंगाई की मार न पड़े, इसके लिए प्रदेश सरकार राशन कार्ड धारकों को बाजार से सस्ते रेट पर सरसों का तेल उपलब्ध करा रही है, लेकिन तीन महीनों से उपभोक्ताओं को डिपुओं में अपना पसंदीदा तेल नहीं मिल रहा है। जिसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है। नए साल का जनवरी महीना बीतने को आ रहा है, लेकिन डिपुओं में अभी तक सरसों के तेल की खेप नहीं पहुंची है। इस महीने डिपुओं में सस्ते राशन के नाम पर उपभोक्ताओं को आटा, चावल, तीन दालें, चीनी और नमक मिल रहा है। वहीं, तीसरे महीने भी डिपुओं में सरसों तेल उपलब्ध न होने से लाखों परिवार अब बाजार से महंगे रेट पर खाद्य तेल खरीदने को मजबूर हैं। हिमाचल प्रदेश में उपभोक्ताओं को डिपुओं में पिछले साल नवंबर महीने से सरसों के तेल का कोटा नहीं मिल रहा है। ऐसे उपभोक्ताओं को जनवरी महीने में तीन महीने के तेल का कोटा एक साथ मिलने की उम्मीद थी, जिसके लिए 4 जनवरी को तेल का टेंडर भी खुल गया था, जिसके बाद तेल का रेट अप्रूव करने का मामला सरकार को भेजा गया है, लेकिन अभी तक सरकार ने रेट अप्रूवल को लेकर अपनी मंजूरी नहीं दी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इन दिनों लोअर हिमाचल के प्रवास पर हैं। उनका 26 जनवरी तक शिमला लौटने का कार्यक्रम है। ऐसे में अब मुख्यमंत्री के लौटने के बाद ही तेल के रेट के अप्रूवल को लेकर फैसला लिया जा सकता है। वहीं, अगर सरकार रेट को अप्रूव भी करती है तो हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के होल सेल गोदामों में तेल की सप्लाई पहुंचने में 8 से 10 दिनों का समय लग सकता है। ऐसे में अब उपभोक्ताओं को फरवरी में ही सरसों के तेल का कोटा मिलने की संभावना है।
** दाड़लाघाट क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने पर तीन दिन के भीतर जुर्माना भरने का आदेश अंबुजा सीमेंट कंपनी दाड़लाघाट को प्रदूषण फैलाने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 6.60 लाख रुपये जुर्माना किया है। यह जुर्माना कंपनी को तीन दिन के भीतर जमा करवाना होगा, नहीं तो बोर्ड नियमों के तहत कंपनी पर कार्रवाई करेगा। बोर्ड ने यह जुर्माना 22 दिन तक दाड़लाघाट क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने पर किया है। यह प्रदूषण बीते माह 8 से लेकर 30 दिसंबर तक फैलाया गया था। इसमें कंपनी से धुआं निकल रहा था। इससे आसपास के क्षेत्रों में लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। अमर उजाला ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने क्षेत्र का चार बार दौरा किया और अब उन पर जुर्माना किया है। गौर रहे कि 10 दिसंबर को कंपनी से अचानक जहरीला धुंआ निकलने लगा। इसके बाद 10 दिसंबर को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने मौके का दौरा किया और कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। कंपनी ने यहां पर तकनीकी खराबी का हवाला दिया। वहीं 13 दिसंबर को फिर से बोर्ड की एक टीम ने दौरा कर व्यवस्थाएं जांचीं। इस दौरान कंपनी ने यहां पर शटडाउन कर दिया। दोबारा से कंपनी को नोटिस दिया गया। कंपनी ने जवाब दिया कि आठ दिसंबर को यहां पर प्री हीटर सिस्टम में छोटा साल छेद हो गया, जिससे यह समस्या आई। जब 15 दिसंबर तक समस्या जारी रही तो 16 दिसंबर को एक और नोटिस कंपनी को दिया गया। इसके बाद 27 दिसंबर को फिर से बोर्ड की टीम ने कंपनी का दौरा किया और देखा कि समस्या ज्यों के त्यों है। इसके बाद 30 दिसंबर को फिर से नोटिस जारी कर जवाब मांगा। वहीं उसके बाद अब कंपनी को यह जुर्माना किया गया है। हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अनिल जोशी के अनुसार यदि तीन दिन में कंपनी जुर्माना अदा नहीं करती है तो नियमों के तहत आगामी कार्रवाई की जाएगी।
** ** ई-केवाईसी पीडीएस एचपी फेस ऐप से घर बैठे करें प्रक्रिया पूरी सोलन में खाद्य आपूर्ति नियंत्रण विभाग द्वारा राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग अभी भी अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं करवा रहे हैं, जिसके कारण विभाग ने ऐसे राशन कार्ड धारकों के कार्ड अस्थायी रूप से बंद कर दिए हैं। खाद्य आपूर्ति नियंत्रण विभाग सोलन के अधिकारी श्रवण कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में करीब 54,000 राशन कार्ड धारकों ने अब तक अपनी ई-केवाईसी नहीं करवाई है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा बार-बार अनुरोध और जागरूकता फैलाने के बावजूद भी लोग इस प्रक्रिया में ढिलाई बरत रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि राशन कार्ड धारक "ई-केवाईसी पीडीएस एचपी फेस ऐप" के माध्यम से आसानी से अपनी ई-केवाईसी पूरी कर सकते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे शीघ्र ही अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर अपने राशन कार्ड को सक्रिय करें, ताकि उन्हें सस्ते राशन की सुविधा मिलती रहे।
** शिविर में 30 किसानो ने लिया भाग... मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग के सहयोग से कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण द्वारा विकास खंड कुनिहार की ग्राम पंचायत कुनिहार स्थित उच्चा गांव में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का विषय "सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती" था, जिसमें 30 किसानों ने भाग लिया।इस मौके पर तकनीकी प्रबंधक डॉ. रजनी वर्धन विशेष रूप से उपस्थित रही और उन्होंने स्थानीय प्रशिक्षकों को प्राकृतिक खेती के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। डॉ. वर्धन ने बताया कि यह शिविर दो दिन तक चलेगा, जिसमें किसानों को प्राकृतिक खेती के लाभों के बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्होंने किसानों को बताया कि प्राकृतिक खेती केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद नहीं है, बल्कि यह उनके उत्पादन को भी बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है।
हिमाचल में पंचायत चुनाव की आहट के साथ ही पंचायतों का पुनर्सीमांकन शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने कई पंचायतों के क्षेत्रों को नगर निकायों और परिषदों में मिलाने का काम शुरू कर दिया है। क्षेत्रों को निकायों में शामिल किए जाने से जहां पंचायतों का दायरा घटेगा, वहीं नई घोषित निकायों का दायरा बढ़ेगा। सरकार का मानना है कि हिमाचल में नई पंचायतों का भी गठन भी किया जाना है। इसको लेकर प्रस्ताव मांगे गए हैं। अब तक सरकार के पास 600 आवेदन आ चुके हैं। राज्य सरकार ने नगर निकायों में पंचायत के क्षेत्रों को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुछेक क्षेत्रों के लिए जनता से आपत्ति और सुझाव भी मांगे गए हैं। कइयों की अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। हालांकि पंचायतों के क्षेत्रों को निकायों में शामिल किए जाने का विरोध भी हो रहा है। इसमें तर्क दिया जा रहा है कि अगर परिषद और निकायों में पंचायतों के क्षेत्रों को शामिल किया जाता है तो लोगों को हाउस समेत अन्य तरह के टैक्स देने पड़ेंगे। ऐसे में लोग पंचायतों में ही रहने की मांग कर रहे हैं। नगर परिषद पांवटा साहिब में ग्राम पंचायत बदरीपुर, नगर पंचायत कुनिहार में कुनिहार, हाटकोट और कोठी, नगर पंचायत शिलाई में ग्राम पंचायत शिलाई व बेला, नगर परिषद हमीरपुर में भरनांग, सराहकड़, अणु, बजूरी, बल्ह, बरोहा, बस्सी - झनियारा, बहोनी, दडूही, धलोट, डुग्गा, ख्याह लोहाखरियां, मतिटिहिरा और सासन पंचायत के क्षेत्र शामिल हैं। नगर पंचायत सुन्नी में घरियाणा, जूणी और शकरोड़ी को शामिल किया गया है। वर्तमान हिमाचल में 3615 पंचायतें हैं। इससे पहले दिसंबर में पंचायतों के नुमाइंदों का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। इसी साल कभी भी पंचायतों को चुनाव हो सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय अपने संबद्ध निजी और सरकारी बीएड संस्थानों से बीएड का प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं को अपने ही परिसर में परीक्षा देने की सुविधा देगा। फरवरी से शुरू हो रही बीएड की परीक्षाओं में यह नई व्यवस्था शुरू की जा जाएगी। निजी बीएड कॉलेजों को अपने परिसर में परीक्षा केंद्र बनाने के लिए 50 हजार की फीस के साथ 27 जनवरी तक आवेदन करना होगा। विवि की इस नई व्यवस्था से इन 57 कॉलेजों से प्रशिक्षण ले रहे नए पुराने करीब 16 हजार प्रशिक्षुओं को राहत मिलेगी। लंबे समय से निजी कॉलेज और उनमें पढ़ने वाले प्रशिक्षु अपने परिसर में ही परीक्षा केंद्र बनाए जाने की मांग कर रहे थे। प्रशिक्षुओं का कहना था कि वे इतनी भारी भरकम फीस चुकाते हैं, बावजूद उन्हें अपनी परीक्षा देने के लिए अन्य कॉलेजों में जाना पड़ता है। इससे उन्हें परेशानी होती है। कॉलेजों और उनसे बीएड प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं की इस समस्या का विवि ने स्थायी समाधान कर दिया है। इस फैसले से विवि की भी परेशानी दूर हो गई है। विवि को राजधानी शिमला, कांगड़ा सहित अन्य जिलों के डिग्री कॉलेजों में परीक्षा केंद्र स्थापित करने में परेशानी पेश आती थी, कॉलेज इसकी अनुमति नहीं देते थे। अब निजी कॉलेजों में केंद्र बनाने में विवि कोई परेशानी नहीं आएगी। कॉलेजों को केंद्र बनाने के लिए अलग से दोगुनी फीस भी चुकानी होगी। अब तक विवि निजी कॉलेजों से 25 हजार फीस लेता था, जिसे विवि ने दोगुना कर दिया है। परिसर में परीक्षा केंद्र बनाए जाने की एवज में प्रशिक्षुओं से विवि कोई अलग से फीस नहीं लेगा, फीस को कॉलेजों को ही चुकाना होगा। विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल ने कहा कि प्रदेश भर में विवि से संबद्ध 57 बीएड कॉलेजों और उनमें पढ़ने वाले 16 हजार से अधिक परीक्षा देने वाले प्रशिक्षुओं को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि फरवरी से शुरू होने बीएड की परीक्षाओं के लिए अब तक 50 फीसदी कॉलेजों ने परीक्षा केंद्र बनाने के लिए मांगी गई फीस भी चुका दी है, 27 तक अन्य कॉलेजों को समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि निजी कॉलेजों में परीक्षा केंद्र स्थापित किए जाने पर परीक्षाएं विवि की सीधे निगरानी में की जाएंगी। इसके लिए अलग से स्टाफ मॉनिटर करने को लगाया जाएगा और उड़नदस्ते भी हर केंद्र पर नजर रखेंगे।
क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के बाहर इन दिनों सीवरेज का गंदा पानी नालियों की बजाय अब सड़क पर बहना शुरू हो गया है, जिसके चलते अब अस्पताल आना भी खतरे से खाली नहीं रहा बीते 5 दिनों से हाल यही है परंतु अभी तक अस्पताल प्रशासन व नगर निगम और संबंधित विभाग का इस और कोई ध्यान नहीं गया। मरीज इस आस के साथ अस्पताल आते हैं कि हमें अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी, परंतु क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के हाल देखकर अब ऐसा लगता है कि यहां आना खतरे से खाली नहीं। अगर अस्पताल के आसपास ही इतनी गंदगी फैली है तो शहर में सफाई व्यवस्था का क्या हाल होगा इसका अनुमान सभी लगा सकते है । अस्पताल प्रशासन व संबंधित विभाग को चाहिए कि वह जल्द से जल्द सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करें ताकि बीमारियों का खतरा टल सके ।मरीज अस्पताल इलाज करवाने आते हैं ना की अस्पताल जाकर बीमार होने के लिए।
शिमला, सोलन और कांगड़ा में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर स्थापित होंगे। केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में पीपीपी मोड पर यह केंद्र स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक केंद्र में सालाना दो हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ) के अवर सचिव मृत्युंजय कुमार की ओर से इसे लेकर प्रदेश सरकार को पत्र भेजा गया है। देश में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने का निर्णय लिया है।15 वें वित्त आयोग के अधीन ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईडीटीआरएस) क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (आरडीटीसी) और ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (डीटीसी) की स्थापना के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यार्थियों को प्रमाणपत्र जारी करेंगे। जिनके पास ड्राइविंग सेंटरों से पास होने का प्रमाणपत्र होगा, उन्हें क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों पर रिफ्रेशर कोर्स भी करवाए जाएंगे। केंद्र व राज्यों में सरकारी वाहनों के ड्राइवरों के लिए इन केंद्रों से प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र लेना भी अनिवार्य करने का भी प्रस्ताव है। प्रदेश में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने की प्रक्रिया चल रही है। इन केंद्रों पर प्रशिक्षण लेने वालों को प्रमाण पत्र मिलेंगे और उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस बनाते समय ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना पड़ेगा। तीनों जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के लिए जल्द ही स्थान चयनित कर लिए जाएंगे।
कर्मचारियों से जुड़े संशोधन विधेयक पर अब राजभवन फैसला लेगा। सोमवार को हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक राजभवन पहुंचा। सरकारी कर्मचारियों से जुड़े संशोधन विधेयक पर अब राजभवन फैसला लेगा। सोमवार को हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक राजभवन पहुंचा। सरकार ने इसे विधानसभा के शीत सत्र में पारित करवाया था। इस विधेयक के लागू होने के बाद प्रदेश में कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल का वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। जब यह कानून के रूप में लागू होगा तो साल 2003 से यह व्यवस्था लागू होगी। इस विधेयक को लाने के पीछे एक प्रमुख चिंता राज्य पर पड़ने वाला संभावित वित्तीय बोझ है। अनुबंध सेवाकाल का लाभ देने से कर्मचारियों को न केवल अतिरिक्त संसाधनों का भारी आवंटन करना पड़ेगा, बल्कि पिछले 21 वर्षों से अधिक समय से वरिष्ठता सूची में भी संशोधन करना होगा। नए प्रावधान से कानून बनने के बाद कर्मचारियों को ज्वाइनिंग की तारीख से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेंगे। कर्मचारियों की वरिष्ठता उनके नियमित होने के बाद तय की जाएगी। अनुबंध सेवाकाल को इसमें नहीं जोड़ा जाएगा।
शिमला: बीते 24 घंटों के दौरान राज्य में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश और बर्फबारी देखी गई। बीते 24 घंटों के दौरान राज्य के कई क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ। 21 जनवरी को राज्य के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में और आसपास के माध्यम पहाड़ी क्षेत्रों में कुछ स्थानों में हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने 23 जनवरी तक प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने 23 जनवरी को प्रदेश के कुछ स्थानों पर शीत दिवस को लेकर अलर्ट जारी किया है। इस दौरान लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है। मौसम विभाग ने शीत दिवस को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। 22 और 23 जनवरी को पूरे प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावना जताई गई है। इस दौरान प्रदेश के निचले पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और मध्यम व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने 24 जनवरी से मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। इस दौरान पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहेगा। 24 से 26 जनवरी तक प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा।
शूलिनी विश्वविद्यालय ने ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर पब्लिक हेल्थ एंड इनोवेशन (जीआईपीएचआई) के सहयोग से छात्रों को तंबाकू समाप्ति परामर्श में आवश्यक कौशल से लैस करने के उद्देश्य से दो दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की।धूम्रपान मुक्त भविष्य के लिए डिजिटल स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए आयोजित कार्यशाला में विभिन्न विभागों के 100 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को START ऐप (स्टॉप टोबैको विद असिस्टेंस एंड रिकवर टुडे) से परिचित कराया गया, जो तंबाकू की लत से निपटने के लिए एक अभिनव डिजिटल समाधान है। यह कार्यक्रम YouWeCan के सहयोग से आयोजित किया गया था और एडवर्ड और सिंथिया इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा प्रमाणित किया गया था। सत्र का नेतृत्व जीआईपीएचआई की सीईओ, टोरंटो विश्वविद्यालय में पीएचडी स्कॉलर और सेंटर फॉर एडिक्शन एंड मेंटल हेल्थ (सीएएमएच) में अनुसंधान सहायक डॉ. सुमेधा कुशवाह ने किया। डॉ. कुशवाह, जिन्होंने ऐम टू टर्मिनेट टोबैको एंड कैंसर (एटीटीएसी) और इंडिया इंटरनेशनल डेवलपमेंट अलायंस की भी स्थापना की, प्रभावशाली प्रशिक्षण देने में उनकी समर्पित टीम GIPHI के साथ शामिल हुईं। कार्यशाला में तम्बाकू समाप्ति परामर्श के लिए साक्ष्य-आधारित रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिससे प्रतिभागियों को तम्बाकू छोड़ने में लोगों का समर्थन करने के लिए व्यावहारिक ज्ञान के साथ सशक्त बनाया गया। सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों में प्रौद्योगिकी-संचालित हस्तक्षेपों को लागू करने के बारे में सीखते हुए, छात्रों ने START ऐप पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। शूलिनी विश्वविद्यालय में स्थिरता और सामुदायिक सहभागिता की निदेशक पूनम नंदा और विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर डॉ. नितिका ठाकुर ने इस आयोजन का आयोजन किया। कार्यक्रम के सुचारू क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने में छात्र समन्वयकों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नंदा ने कहा कि प्रशिक्षण पहल महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दों के समाधान के लिए उपकरणों और ज्ञान के साथ छात्रों को सशक्त बनाने की शूलिनी विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।