भारत की महान टेनिस खिलाड़ियों में शुमार सानिया मिर्जा ने अपने प्रोफेशनल टेनिस करियर से रिटायरमेंट लेने का फैसला कर लिया है। पूर्व डबल्स नंबर एक सानिया मिर्जा 19 फरवरी से शुरू होने वाले WTA 1000 इवेंट दुबई टेनिस चैंपियनशिप में आखरी बार खेलेंगी। आपको बता दे की सानिया पिछले कई महीनो से चोट से जूझ रही है, जिसके चलते उन्होंने पिछले 6 महीनो में किसी भी तरह के टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया है। उन्होंने पहले ही कह दिया था कि वह 2022 के आखिर में रिटायरमेंट का ऐलान कर देगी। भारत की टेनिस स्टार सानिया मिर्जा फरवरी में दुबई टेनिस चैंपियनशिप में अपना आखिरी मैच खेलेंगी, जो इसी साल 19 फरवरी से शुरू होगीI इस के बाद वह टेनिस के अलविदा कह देंगी I सानिया ने भारत के लिए 6 ग्रैंडस्लैम खिताब अपने नाम किए हैं I वहीं सानिया मिर्जा 2004 में अर्जुन अवॉर्ड, 2006 पद्म श्री अवॉर्ड ,2015 में राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड और 2016 में पद्म भूषण अवॉर्ड से भी सम्मानित हैं I
हिन्दुस्तान ही नहीं अपितु दुनिया के सबसे खूबसूरत क्रिकेट स्टेडियम की बात जब शुरू होती है तो धर्मशाला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम पर आकर रुक जाती है। देश दुनिया में अपनी खूबसूरती के चलते धौलाधर पहाड़ियों की गोद में बसा और समुद्र तल से 1317 मीटर की उंचाई पर स्थित धर्मशाला का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम अपने आप में अनूठा है। धौलाधार की वादियों के ठीक नीचे बने इस मैदान को देखने के लिए हर साल बड़ी संख्या में सैलानी धर्मशाला पहुँचते हैं। आईपीएल और ने अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैचों के चलते धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम की खूबसूरती दुनिया भर ने देखी है और पूरी दुनिया इसकी ख़ूबसूरती की कायल है। धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण कार्य 2003 में शुरू हुआ था। इसकी भौगोलिक परिस्थिति के कारण इस स्टेडियम को बनाने में काफी दिक्कतें आई। 2004-2005 तक ये स्टेडियम बन कर पूरी तरह तैयार हो गया। उसके बाद यहां घरेलू क्रिकेट और रणजी ट्रॉफी जैसे मैच ही करवाए जाते थे। कई वर्षों के इंतज़ार के बाद 27 जनवरी, 2013 में पहली बार यह एक दिवसीय क्रिकेट मैच करवाया गया, जो कि भारत बनाम इंग्लैंड की टीम के बीच हुआ। इसके बाद अक्टूबर 2015 को पहला टी 20 मैच भारत बनाम साउथ अफ्रीका हुआ था। इस स्टेडियम में पहला टेस्ट मैच भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया खेला गया था। स्थानीय व्यापारियों को होता है फायदा : धर्मशाला स्टेडियम में होने वाले आईपीएल व अंतरराष्ट्रीय मैचों से सैकड़ों स्थानीय कारोबारियों को फायदा होता है। इसमें टैक्सी चालक, होटल मालिक, रेस्तरां, होम स्टे, रेहड़ी संचालक आदि शामिल हैं। इसमें कोई संशय नहीं है की क्रिकेट ने धर्मशाला को पर्यटन के मानचित्र पर विशिष्ठ जगह दिलवाने में बड़ी भूमिका अदा की है। इस स्टेडियम से जुड़ी एक और रोचक बात है। धर्मशाला में मैच के आयोजकों को किसी भी मैच से पहले बारिश के देवता की शरण में जाना पड़ता है और बारिश न हो इसके लिए बाकायदा मंदिर में पूजा अर्चना व हवन करवाना पड़ता है। ऐसा न हो तो बारिश ऐसा कहर बरपाती है। शुरूआती दौर में यहां होने वाले मैचो में बारिश ने काफी कहर बरपाया। जब भी यहां मैच का आयोजन होता, उसी दौरान बारिश शुरू हो जाती। इसके बाद किसी ने आयोजकों को खन्यारा गांव में भगवान इंद्रूनाग की शरण में जाने की सलाह दी। इंद्रूनाग को यहां बारिश का देवता कहा जाता है। यानी जब भी यहां सूखा पड़ा हो या फिर बारिश नहीं थम रही हो तो यहां के लोग इंद्रूनाग देवता की ही शरण में जाते है। 2019 में हटाई गई थी पाकिस्तानी खिलाड़ियों की फोटो : कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकियों ने हमला हुआ था जिसमें 40 से ज्यादा जवानों के शहीद हुए थे। यह एक आत्मघाती हमला था। काफिले में सीआरपीएफ की करीब दर्जनभर गाड़ियों में 2500 से अधिक जवान सवार थे। आतंकियों ने सुरक्षाबलों की दो गाड़ियों को निशाना बनाया था। इसके चलते 2019 में एचपीसीए यानी हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में पुलवामा में जवानों पर हुए हमले पर बड़ा कदम उठाया था। उन्होंने धर्मशाला के हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम से पाकिस्तान के 13 खिलाड़ियों की फोटो हटा दी थी।
हिमालय की तलहटी पर स्थित कुफरी, स्कीइंग का शौक रखने वालों के लिए बिलकुल उपयुक्त स्थान है। शिमला से यहां एक दिवसीय ट्रिप पर जाया जा सकता है। कुफरी हिमाचल प्रदेश के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है, जो अपने सुंदर दृश्यों और शांत वातावरण के कारण बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है। घुड़सवारी का आनंद लेना, गर्मियों के सीजन में कुफरी की सबसे लोकप्रिय गतिविधियों में से एक है। यह स्थान संकरा है और देवदार के घने जंगल से घिरा हुआ है। इसका सौंदर्य उस समय देखते ही बनता है, जब सर्दियों के मौसम में यह चारों ओर से बर्फ की मोटी चादर से ढक जाता है। इसी समय देश के सभी हिस्सों से पर्यटक स्नो फॉल देखने यहां आते हैं। कुफरी में पर्यटक कई एडवेंचर गतिविधियों जैसे-कैम्पिंग, हाइकिंग, टोबोगनिंग और ट्रेकिंग का आनंद ले सकते हैं। हिमाचल प्रदेश का 'यात्रा और पर्यटन विभाग' प्रति वर्ष फरवरी में वार्षिक 'विंटर स्पोर्ट्स फेस्टिवल' का आयोजन करता है। इस फेस्टिवल में दुनिया के कोने-कोने से स्कीइंग के खिलाड़ी आते हैं। 'दी हिमालयन नेचर पार्क' कुफरी की सबसे प्रसिद्द ठहरने की जगह है, जो पर्यटकों को कई पक्षियों और जानवरों जैसे गोरल, सेराब, कस्तूरी मृग, तेंदुए और काले भालू को देखने को मिलते हैं। हिमालयन नेचर पार्क को कुफरी नेशनल पार्क भी कहा जाता है। यह पार्क 90 हेक्टेयर में फैला हुआ है जिसमें हिमालयी वनस्पतियों और जीवों की एक विस्तृत श्रृंखला पाई जाती है। हिमालयन नेचर पार्क 180 से अधिक पक्षियों की प्रजातियों और यहाँ रहने वाले विभिन्न प्रकार के जानवरों का घर है। यहां आने वाले पर्यटक यहां के वन्यजीवों को देखकर बेहद आकर्षित होते हैं। इस पार्क में आमतौर पर आप तेंदुए, भौंकने वाले हिरण, हंगल, कस्तूरी मृग और भूरे भालू जैसे जानवरों को देख सकते हैं। यह पार्क जिस जगह पर है वो बर्फ से ढकी हिमालयी श्रेणी का शानदार दृश्य पेश करती है। यहां आने वाले पर्यटक इस पार्क में एक स्वतंत्र ट्रेक के लिए जा सकते हैं और इसके साथ-साथ आप इस पार्क में कैम्प भी लगा सकते हैं। कुफरी सेब के बागों से घिरा हुआ एक ऐसा स्थान है जो सर्दियों के मौसम में एक स्कीइंग बिंदु और गर्मियों के समय एक आदर्श पिकनिक स्थल बन जाता है। वहीं दो घाटियों के बीच स्थित फागु कुफरी के पार घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। फागु, कुफरी से सिर्फ 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अगर आप ट्रेकिंग में रुचि रखते हैं तो छराबड़ा तक 3 किमी की यात्रा के लिए जा सकते हैं। अगर आप सवारी या एडवेंचर के शौक़ीन है तो कुफरी फन वर्ल्ड आपके लिए एक खास अनुभव साबित हो सकता है। यह एक मनोरंजन पार्क है जिसमें बच्चो के लिए कई मजेदार राइड्स उपलब्ध हैं। बता दें कि इस पार्क में दुनिया का सबसे ऊँचा गो-कार्ट ट्रैक भी मौजूद है। इसके अलावा महासू पीक भी कुफरी के पास घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। आपको बता दें कि यह पीक कुफरी का सबसे ऊँचा स्थान है जहां से आप कई लुभावने दृश्य देखे सकते हैं, जिनमें बद्रीनाथ और केदारनाथ पर्वतमाला भी शामिल हैं। अगर आपको साहसिक काम करना पसंद है तो आप इसके बिंदु तक पहुँचने के लिए देवदार के घने जंगलों के बीच से पैदल यात्रा करके भी जा सकते हैं। महासू रिज सर्दियों के मौसम में स्कीइंग में शुरुआती लोगों के लिए एक अच्छी जगह है। बता दें कि यह रास्ता दूसरी स्कीइंग ढलानों की तुलना में काफी चिकना है। अपनी इस यात्रा में आप यहां स्थित नाग देवता मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं।
धौलाधार की वादियों में लम्बे समय बाद लगेंगे चौके-छक्के सुनील समियाल. फर्स्ट वर्डिक्ट देश दुनिया में अपनी खूबसूरती के चलते धौलाधर पहाड़ियों की गोद में बसा और समुद्र तल से 1317 मीटर की उंचाई पर स्थित धर्मशाला का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम काफी प्रख्यात हो चुका है। आईपीएल के चलते भी धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम की खूबसूरती दुनिया के 190 देशों ने देखी है। धर्मशाला का क्रिकेट स्टेडियम दुनिया के सबसे खूबसूरत मैदानों में से एक है। धौलाधार की वादियों के ठीक नीचे बना हुआ है। मैदान को देखने के लिए हर साल बड़ी संख्या में सैलानी भी आते हैं। धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण कार्य 2003 में शुरू हुआ था। इसकी भौगोलिक परिस्थिति के कारण इस स्टेडियम को बनाने में काफी दिक्कतें आई। 2004-2005 तक ये स्टेडियम बन कर पूरी तरह तैयार हो गया। उसके बाद यहां घरेलू क्रिकेट और रणजी ट्रॉफी जैसे मैच ही करवाए जाते थे। कई वर्षों के इंतज़ार के बाद 27 जनवरी, 2013 में पहली बार यह एक दिवसीय क्रिकेट मैच करवाया गया, जो कि भारत बनाम इंग्लैंड की टीम के बीच हुआ। इसके बाद 2 अक्टूबर 2015 को पहला टी 20 मैच भारत बनाम साउथ अफ्रीका हुआ था। इस स्टेडियम में पहला टेस्ट मैच भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया खेला गया था। 26 व 27 फरवरी को होंगे टी-20 मुकाबले : लम्बे समय बाद धौलाधार की पहाड़ियों के बीच धर्मशाला के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में एक बार फिर दर्शकों को चौके -छक्के देखने को मिलेंगे। बता दें की हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के खूबसूरत स्टेडियम धर्मशाला में लंबे समय बाद इंटरनेशनल मैच होने जा रहा है। धर्मशाला में 26 व 27 फरवरी को भारत और श्रीलंका के बीच दो टी-20 मुकाबले खेले जाएंगे। प्रस्तावित मैचों के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। तीन टी-20 मैचों की सीरीज का आगाज लखनऊ में 24 फरवरी से होगा। धर्मशाला में शाम सात बजे से होने वाले मैचों में दर्शकों को आने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, इस बारे में कोविड स्थितियों को देखते हुए बाद में विचार किया जा सकता है। भारत-श्रीलंका के बीच खेले जाने वाली तीन मैचों की टी-20 सीरीज के दो मैच अब एचपीसीए के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में खेले जाएंगे। बीसीसीआई द्वारा श्रीलंका के 24 फरवरी से शुरू हो रहे भारत दौरे के तीन टी-20 मैचों की सीरीज को अब रि-शेड्यूल किया गया है। इससे पूर्व 15 मार्च को एक मात्र मैच धर्मशाला में होना था लेकिन नए कार्यक्रम के मुताबिक अब धर्मशाला में 26 व 27 फरवरी को दो मैच खेले जाएंगे। उधर सीरीज के रि-शेड्यूल होने के बाद 26 व 27 फरवरी को होने वाले दो टी-20 मैचों की तैयारी को लेकर एचपीसीए युद्ध स्तर पर जुट गया है। स्थानीय व्यापारियों को होता है फायदा : धर्मशाला स्टेडियम में पहला अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच 27 जनवरी, 2013 को भारत-इंग्लैंड के बीच खेला गया था। उसके बाद 20 अक्तूबर, 2015 में भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच और 18 मार्च, 2016 को न्यूजीलैंड-ऑस्ट्रेलिया के बीच टी-20 वर्ल्ड कप का मैच खेला गया था। एचपीसीए स्टेडियम में बड़ा मैच होने से सैकड़ों कारोबारियों को फायदा होता है। इसमें टैक्सी चालक, होटल मालिक, रेस्तरां, होम स्टे, रेहड़ी संचालक आदि शामिल हैं। इसमें कोई संशय नहीं है की क्रिकेट ने धर्मशाला को पर्यटन के मानचित्र पर विशिष्ठ जगह दिलवाने में व्यापक भूमिका निभाई है। धर्मशाला में अब तक तीन मैच हुए हैं रद्द : धर्मशाला स्टेडियम में वर्ष 2016 से लेकर 2020 तक तीन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच रद्द हो चुके हैं। वर्ष 2016 में धर्मशाला में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला टी-20 वर्ल्ड कप का मैच राजनीतिक कारणों से रद्द हुआ था। इसके बाद सितंबर 2019 और 12 मार्च, 2020 को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच मैच बारिश के कारण रद्द हुआ। मार्च में अकसर धर्मशाला में ठंड होती है और बारिशों का दौर भी जारी रहता है। इससे पहले भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में 2016 का विश्व कप टी-20 के ग्रुप-ए के क्वालिफायर मैच को बारिश ने धो डाला था। यह मैच 2016 में नीदरलैंड और ओमान के बीच होने वाला था जोकि बारिश के कारण मैच रद्द कर दिया गया था। मैच से पहले की इंद्रूनाग भगवान पूजा : धर्मशाला में मैच के आयोजकों को किसी भी मैच से पहले बारिश के देवता की शरण में जाना पड़ता है और बारिश न हो इसके लिए बाकायदा मंदिर में पूजा अर्चना व हवन करवाना पड़ता है। ऐसा न हो, तो बारिश ऐसा कहर बरपाती है कि बारिश के आगे सब प्रबंध भी फीके पड़ जाते है। यह स्टेडियम धर्मशाला शहर में स्थित है और धर्मशाला में सर्वाधिक बारिश के लिए प्रसिद्ध स्थानों में से एक है। शुरूआती दौर में यहां होने वाले मैचो में बारिश ने काफी कहर बरपाया। जब भी यहां मैच का आयोजन होना, उसी दौरान बारिश शुरू हो जाती है। बारिश से बचने के सभी प्रबंध भी बारिश के आगे फीके पड़ जाते थे। इसके बाद किसी ने आयोजकों यानी हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन को धर्मशाला के ही खन्यारा गांव में भगवान इंद्रूनाग की शरण में जाने की सलाह दी।यह स्टेडियम हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में समुद्र तल से 1457 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इंद्रूनाग का यहां काफी पुराना मंदिर है और इंद्रूनाग को यहां बारिश का देवता कहा जाता है। यानी जब भी यहां सूखा पड़ा हो या फिर बारिश नहीं थम रही हो यहां के लोग इंद्रूनाग देवता की ही शरण में जाते है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि यहां के लोगों में भगवान इंद्रूनाग के प्रति गहरी आस्था है और जब भी बारिश या सूखे से लोग तंग हुए है यहीं समस्या का समाधान हुआ है। एचपीसीए के प्रवक्ता संजय शर्मा का कहना है कि हर बार मैच से पहले यहां मंदिर में पूजा की जाती है। वर्ष 2005 में बने इस स्टेडियम में कई अंतरराष्ट्रीय मैच व आईपीएल का आयोजन हो चुका है। 2019 में हटाई गई थी पाकिस्तानी खिलाड़ियों की फोटो : कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकियों ने हमला हुआ था जिसमें 40 से ज्यादा जवानों के शहीद हुए थे। यह एक आत्मघाती हमला था। काफिले में सीआरपीएफ की करीब दर्जनभर गाड़ियों में 2500 से अधिक जवान सवार थे। आतंकियों ने सुरक्षाबलों की दो गाड़ियों को निशाना बनाया था। इसके चलते 2019 में एचपीसीए यानी हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में पुलवामा में जवानों पर हुए हमले पर बड़ा कदम उठाया था। उन्होंने धर्मशाला के हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम से पाकिस्तान के 13 खिलाड़ियों की फोटो हटा दी थी।
Sushma Group - One of the largest Real Estate developer in Punjab is Delivering Par Excellence The leading real estate developer of Tricity, Sushma Group is all set to deliver three more projects in 2020. In past eleven years company has already delivered ten projects. The Executive Director of Sushma Group, Prateek Mittal shared the glimpse of Journey of 'Sushma Group' in a press conference held at Solan. Mittal said that right now company has thirteen ongoing projects, both residential as well as commercial at prime locations of Tricity. He further added that Sushma Group has projects for each and every segment. Sushma Group also invited the investors from Himachal Pradesh to invest in their various projects. Prateek Mittal has also announced Guranteed Lease Scheme for investors. He shared that every investor can get 8 % guranteed return on projects of Sushma Group, post possession. Mittal claimed that Sushma Group is a self disiplined company and has excellent record in post possession maintainence. He further shared that company is geared up for their first project in Himachal Pradesh. Mittal said that group is coming up with Elementa Project near Kasauli which is 100 crore project, proposed on 23 Bigha land. He disclosed that hopefully by end of March 2020 company will get all required permissions and NOC's and construction will stat soon. Delivered Projects: Sushma Grande, Sushma Infinium, Sushma Crescent, Homework, Sushma Elite Cross, Sushma Atrium, Sushma Green Vista, Sushma Villas, Sushma Urban Views & Sushma Urban Plaza. Upcoming Projects: Sushma Grande Nxt, Sushma Valencia, Sushma Bellenza, Sushma Elementa, Sushma Crescent - Ph 2, Joynest Mohali 1, Joynest Zirakpur 1, Sushma Metropol, Sushma Capital, Sushma Empiria & Sushma Pristine. Sushma Group has several ongoing commercial projects in Tricity at prime locations. The investment range in these projects is 22 lakhs to 3 crores depending on area and location. The best part is guranteed return of 8 percent via Guranteed Lease Scheme of Sushma Group. Himachal Contributes 25% Sales of 'Sushma Group' Himachal Pradesh is one of the major contributors in the real estate development of Tricity and as per the records of the company in Q3 CY 2019, Himachal Pradesh has constituted to 25% sales of Sushma Group. Also, on the basis of a research report, Tri City has only 24 months of unsold inventory thus showing a substantial growth in the real estate sector of the region
भाजपा मंडल सोलन की बैठक शनिवार देर शाम 21 दिसम्बर को अध्यक्ष मदन ठाकुर की अध्यक्षता मंडल में हुई। इसमें शिमला में होने वाली प्रदेश सरकार की 27 दिसंबर 2019 को होने वाली जन आभार रैली को लेकर चर्चा की गई। इस में पूर्व सांसद विरेंद्र कश्यप और खादी बोर्ड के उपाध्यक्ष पुरूषोतम गुलेरिया विशेष रूप से मौजूद रहे। बैठक में सर्वप्रथम नई कार्यकारिणी का परिचय हुआ। इसके बाद प्रदेश सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर शिमला में होने वाली जन आभार रैली की तैयारियों को लेकर चर्चा के साथ इसे बूथ स्तर पर मनाने का निर्णय लिया गया। साथ ही सभी कार्यकर्ताओं से रैली को सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक सख्या में रिज मैदान शिमला पहुंचने का आह्वान किया गया। मंडल ने रैली में 1500 कार्यकर्ताओं के रैली में शामिल होने का लक्ष्य रखा। बैठक में पूर्व सांसद विरेंद्र कश्यप और खादी बोर्ड के उपाध्यक्ष पुरूषोतम गुलेरिया ने नागरिकता संशोधन कानून की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह कानून हमारे पड़ोसी देशों में प्रताडि़त नागरिकों को नागरिकता प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सहित अन्य विरोधी पार्टियां देश की जनता को गुमराह कर इस कानून का विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून से देश के किसी भी नागरिक पर असर नहीं पड़ेगा। बैठक में जिला सोलन भाजपा अध्यक्ष आशुतोष वैध, डॉ राजेश कश्यप, कुमारी शीला, रविंद्र परिहार, पवन गुप्ता, हेमराज गौतम, रितु सेठी, राकेश शर्मा, एचएन कश्यप, गुरविंद्र काला, धर्मेंद्र ठाकुर, धर्मेंद्र बंटी, चंद्रकांत शर्मा, महामंत्री भरत साहनी, संजीव सूद, संजीव मोहन, सुनीता रोहल, मुकेश शर्मा मुन्नू, पदम पुंडिर, शोभा ठाकुर, कुलदीप चौहान, शांता धीमान, तृप्ता लंबा, पूजा हांडा, रिया शर्मा, बिंद्रू ठाकुर व मीडिया प्रभारी नरेश गांधी व अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे। यह जानकारी मीडियाप्रभारी नरेश गांधी ने दी।
उपायुक्त हरिकेश मीणा ने कहा कि हमीरपुर जिला में भूमि बैंक तैयार किया जाएगा जिसमें विभिन्न प्रयोजनों के लिए उपलब्ध सरकारी व गैर-सरकारी भूमि की जानकारी शामिल की जाएगी। हमीर भवन में आयोजित साप्ताहिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि हमीरपुर जिला मुख्यालय के आस-पास पांच किलोमीटर की परिधि में यह भूमि चिह्नित की जाएगी। भूमि बैंक (लैंड बैंक) का डाटा तैयार करने के लिए कलर कोडिंग तकनीक का उपयोग किया जाएगा ताकि उपलब्ध सरकारी व निजी भूमि की पहचान आसानी से हो सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए 15 जनवरी, 2020 तक का लक्ष्य तय किया गया है। उपलब्ध भूमि का नक्शा तैयार होते ही इसे जिला प्रशासन की वेबसाईट पर अपलोड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमीरपुर जिला में रेडक्रास सोसायटी की गतिविधियां बढ़ाने पर भी बल दिया जा रहा है, ताकि पीड़ितों व असहायों की सहायता के लिए अधिक से अधिक राशि जुटाई जा सके। उन्होंने सोसायटी पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे रेडक्रास की सदस्यता बढ़ाने के लिए अपने प्रयासों में गति लाएं और इसकी नियमित जानकारी उपलब्ध करवाएं। उन्होंने जिला में आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण के लिए भूमि चयन तथा आवश्यक स्वीकृतियों की प्रक्रिया में तेजी लाने के भी निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उपायुक्त ने हमीरपुर शहर में अवैध कब्जों के कारण हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर कड़ा संज्ञान लिया है। उन्होंने नगर परिषद अधिकारियों को निर्देश दिए कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए समय रहते सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि नगर परिषद अपने आय के संसाधन बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे, ताकि कूड़े-कचरे के निस्तारण सहित अन्य मदों पर होने वाले व्यय व नगर परिषद की आय में एकरूपता लाई जा सके। उन्होंने स्लॉटर हाऊस के लिए भूमि चिह्नित कर एक सप्ताह में इसका प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि शहर में रेहड़ी-फड़ी धारकों की समस्याओं के हल के लिए वेंडिंग कमेटी की बैठक शीघ्र आयोजित की जाएगी। इसमें वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा कर इन्हें स्थायी पहचान दिलाने के लिए सुझाव भी लिए जाएंगे। उन्होंने शहर में शौचालयों के रख-रखाव पर विशेष ध्यान देने के भी निर्देश दिए। बैठक में कृषि, पशुपालन, कल्याण विभाग, खनन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सहित विभिन्न विभागों से जुड़ी मदों पर भी चर्चा की गयी। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त रत्तन गौत्तम, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय सकलानी, सहायक आयुक्त राजकिशन, उपमंडलाधिकारी डॉ. चरंजी लाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
बिलासपुर जिले के उपमंडल घुमारवीं के निकटवर्ती गांव भदरोग में एक घर में आग लगने से पति-पत्नी के जिंदा जल जाने का समाचार मिला है। अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। घुमारवीं पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दोनो शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपे जाएंगे। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है।
बिलासपुर नगर के डियारा सैक्टर में स्थित महर्षि बाल्मिकी मंदिर में रामायण के रचयिता महर्षि बाल्मिकी का प्रकाश पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम में सदर विधायक सुभाष ठाकुर ने बतौर मुख्यातिथि शिकरत की। अपने संबोधन में सुभाष ठाकुर ने कहा कि शिक्षित समाज ही स्वस्थ समाज की परिकल्पना कर सकता है और सभी का शिक्षित होना इसीलिए आवश्यक भी है। उन्होंने कहा कि समाज में सभी को समानता का अधिकार है लेकिन यह अधिकार तभी सार्थक होगा जब महर्षि बाल्मिकि महाराज की शिक्षाओं का अनुसरण किया जाएगा। उन्होंने कहा बाल्मिकि जयंती के अवसर पर सभी अभिभावको को यह संकल्प लेना चाहिए कि वह अपने बच्चों से परस्पर बातचीत बनाए रखें। उन्होंने कहा कि जैसे ही संवादहीनता होती है कठिनाईयां बढ़ जाती हैं और इसके बाद बात रिश्तों के समाप्त होने पर आकर ठहर जाती है। उन्होंने नशे जैसी बीमारी से बचने के लिए भी अभिभावकों को सचेत किया। उन्होने कहा कि नशे को दूर करने का प्रण लेकर ही सभी को यहां से जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इतिहास उठा कर देखा जाए तो लव कुश को पारंगत बाल्मीकि जी ने ही बनाया। उन्होंने कहा कि सभी की यह कोशिश होनी चाहिए कि समाज को बेहतर बनाने का प्रयास किया जाए। उन्होने यह भी कहा कि गलत करने वाले को सजा मिलनी चाहिए और सही करने वाले को इनाम और सारा कुछ बिना भेदभाव के होना चाहिए। विशिष्ट अतिथि एएसपी भागमल सिंह ठाकुर ने कहा कि पुलिस हमेशा जनता की सेवा के लिए तैयार है। उन्होंने भी नशे जैसी बुराई को दूर करने की बात कही। उन्होंने कहा कि नशे को रोकने के लिए पुलिस हमेशा सजग है। इस अवसर पर अधिवक्ता तुषार डोगरा ने कहा कि महर्षि बाल्मीकि ने ऐसे ग्रंथ की संरचना की है वो अद्वितीय है और इसीलिए उन्हें आदि कवि भी कहा गया है। उन्होंने कहा कि महर्षि बाल्मिकि की शिक्षाओं का पालन करना चाहिए उन्होंने कहा कि प्रण लें कि बच्चों को हर बुराई से दूर रखेंगे। बाल्मिकि सभा के प्रान्तीय सचिव अनिल किशोर ने अपनी समस्याएं मुख्यातिथि के समक्ष रखते हुए कहा कि उनके पूर्वज कई पीढिय़ों पहले बिलासपुर में बस गए थे लेकिन आज भी प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने के लिए उनके बच्चों को प्रमाणपत्र नहीं बनाए जा रह। उन्होंने कहा कि प्रमाणपत्र न होने के कारण ही सरकार की इस वर्ग के लिए चलाई गई कई योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे पहले बाल्मिकि सभा बिलासपुर के प्रधान अशोक कुमार ने मुख्य अतिथि का शाल और हिमाचली टोपी पहना कर स्वागत और सम्मान भी किया। इस अवसर पर पार्षद नंद लाल राही, मनोनीत पार्षद रोहित, अर्धनारेश्वर समाज सेवा समिति की अध्यक्षा बिजली महंत, डा. नीरज वर्मा, सभा के मुख्य सलाह कार राजेंद्र किशोर, विजय कुमार कग्घा, महासचिव संजय कंडेरा, रविंद्र किशोर, विनय किशोर, कृष्ण लाल शर्मा, अजय कंडेरा, मुनीर अख्तर लाली, अन्य उपस्थित रहे।
रुकमणि कुंड को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की संभावनाएं तलाशी जा रही है। यह जानकारी विस क्षेत्र झंडूता के विधायक जीत राम कटवाल ने रुक्मणी कुंड का दौरा करने के उपरांत दी। उन्होंने कहा कि रूकमणि कुण्ड से लोगों की आस्थाएं जुडी हुई है और श्रद्धा और आस्था रखने वाले हजारों की संख्या में लोग यहां इस कुण्ड के दर्शनार्थ आते है। उन्होने बताया कि इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिये हरसंभव प्रयास किये जाएंगे। ताकि श्रद्धा और आस्था के प्रतीक इस स्थान पर आने वाले पर्यटकों को सभी सुविधाएं प्रदान की जा सके। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार का भी यह उद्देश्य है कि दीर्घकालिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निजि क्षेत्र को परिस्थितिकी और पर्यावरण को बिना नुकसान पहुंचाए राज्य में पर्यटन से जुड़े बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करना है तथा पर्यटन की नई अवधारणाओ को बढ़ावा देकर रोजगार के नए अवसर पैदा करना है। उन्होने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण तथा अनछुए स्थलों को विकसित करने के लिए नई राहे नई मंजिलें नामक नई योजना आरम्भ की गई है। इस अवसर एसडीएम विकास शर्मा, अधिशासी अभियंता देव राज चौहान, खंड विकास अधिकारी अनमोल, मंडल महामंत्री दिनेश चंदेल, पंचायत समिति सदस्य अमर नाथ, ग्राम पंचायत प्रधान किशोरी लाल, सुरेश कुमारी के अतिरिक्त स्थानीय गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
अंतरराष्ट्रीय दशहरा महोत्सव के छठे दिन 2200 से ज्यादा बजंतरियों की एक साथ मिलाई ताल ने रचा गौरवमयी इतिहास अनूठी परंपरा से देश-दुनिया में विख्यात अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के गौरवपूर्ण इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। उत्सव के छठे दिन रविवार को यहां देवधुन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के साक्षी जहां यहां पहुंचे देश-दुनिया के लोग बने, वहीं सोशल मीडिया के माध्यम से भी ये देवधुनें विश्व के कोने में पहुंचीं। विश्व शांति के लिए ढोल, नगाड़े, करनाल, नरसिंगे, शंख और शहनाइयों से बजंतरियों ने कुछ ऐसा समां बांधा कि लोग तो मंत्रमुग्ध हुए ही, इस देवधुन कार्यक्रम को इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में भी स्थान मिल गया है। बता दें कि कुल्लू घाटी में पूरे माहौल को धार्मिक उत्साह और दिव्यता से भर दिया गया था, जब 2200 से अधिक बजंतरी अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के अवसर पर देवधुनें बजाने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की उपस्थिति में अटल सदन स्थित रथ मैदान में एकत्रित हुए। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का आागज किया। देवधुन वह ध्वनि है, जो विभिन्न पारंपरिक वाद्ययंत्र बजाने के बाद गूंजती है, जब देवता अपने मंदिरों से निकलकर स्थानीय उत्सवों में शामिल होते हैं। इन देवधुनों को इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में स्थान मिला है। मुख्यमंत्री को इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स के प्रतिनिधियों द्वारा एक पदक और प्रमाण पत्र मौके पर ही प्रदान किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह सामान्य रूप से राज्य के लोगों और विशेष रूप से कुल्लू जिला के लोगों के लिए एक बड़ा सम्मान है कि देवधुन के एक आयोजन को इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में प्रवेश किया। इसमें 2200 से अधिक बजंतरियों ने पूरे वातावरण को देवत्व और पारंपरिक उत्साह के साथ भरने के लिए एक स्थान पर पारंपरिक वाद्ययंत्र बजाया। उन्होंने कहा कि संगीतकारों के प्रयास वास्तव में प्रशंसनीय थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि यह आयोजन न केवल एक नियमित कार्यक्रम बन जाए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा का एक अतिरिक्त आकर्षण भी बने। उन्होंने कहा कि गला काट प्रतियोगिता के वर्तमान युग में हमारी सदियों पुरानी संस्कृति और परंपराएं धीर-धीरे लुप्त हो रही हैं और सभी को इनके संरक्षण के लिए आगे आना चाहिए। मुख्यमंत्री ने आयोजन के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए बजंतरियों को अपनी ऐच्छिक निधि से पांच लाख रुपए देने की घोषणा की। बता दें कि कुल्लू को परंपरा कायम रखने के लिए यह तीसरा तमगा मिला है। पहले कुल्लवी नाटी लिम्का बुक में शामिल हुई। इसके बाद कुल्लवी नाटी को गिनीज बुक ऑफ रिकार्ड में स्थान मिला है। अब वर्ष 2019 के अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में पहली बार आयोजित देवधुन कार्यक्रम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में शामिल हुआ है। लिहाजा, यह देवभूमि कुल्लू ही नहीं पूरे हिमाचल के लिए गौरव की बात है। क्या है देवधुन जब देवता अपने मंदिरों से निकल कर स्थानीय उत्सवों में शामिल होते हैं, तो इस दौरान बजाए जाने वाले पारंपरिक वाद्ययंत्रों से जो ध्वनि गूंजती है, उसे ही देवधुन कहा जाता है।
करीब पांच दिन पहले समाधि से गायब हुए बाबा वापस लौट आए हैं। इस बाबा को उज्जैन से लाया गया है। वापस लौटने के बाद बाबा अंधेरे कमरे में मौन धारण कर बैठे हैं और उन्होंने अब तक कोई खुलासा नहीं किया है। बताया जाता है कि बाबा को लाने के लिए उनके साथी उज्जैन गए थे, जिनका दावा है कि बाबा उज्जैन के शमशानघाट में उन्हें तपस्या करते हुए मिले। हालांकि यहां आकर बाबा ने अब तक कुछ नहीं बोला है, जबकि बसंतपुर के महाकाल मंदिर में उनसे पूछने वालों की कतारें लगने लगी हैं। बता दें कि चार लोग बाबा को उज्जैन से लेने के लिए आठ अक्तूबर को गए थे। इस दौरान बसंतपुर के लोगों ने पंचायत प्रधान के माध्यम से पुलिस में भी मामला दर्ज करवाया है। पुलिस अब इस मामले को देख रही है, जो बाबा से सारे राज उगलवाने का प्रयास करेगी। बताया जा रहा है कि पुलिस सोमवार को बाबा से पूछताछ करेगी। वहीं, बाबा की समाधि से गायब हो जाने की चर्चा सिर्फ सुन्नी क्षेत्र ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में हो रही थी। अब बाबा के वापस आने की भी चर्चा हो रही है। लोग चाहते हैं कि इस मामले का जल्द खुलासा हो जाए। कई लोग बाबा को ढोंगी करार दे रहे हैं, मगर उनके भक्त अभी भी गफलत में हैं। जब तक इस पूरे मामले का खुलासा नहीं हो जाता कि बाबा समाधि में लीन रहते हुए गड्ढे के भीतर से कैसे गायब हो गए, तब तक यह पहेली अनसुलझी ही रहेगी। महाकाल मंदिर में दूसरे बाबाओं का कहना है कि अब तक उन्हें बाबा ने कुछ भी नहीं बताया है। उन्होंने पूछने की कोशिश की है, मगर बाबा मौन व्रत धारण किए हुए हैं। शिमला ग्रामीण के बसंतपुर में महाकाल मंदिर से बाबा कैसे गायब हुआ और कैसे उज्जैन पहुंच गया, यह रहस्य अभी बरकरार है। हालांकि बाबा राजेंद्र नाथ वापस महाकाल मंदिर बसंतपुर पहुंच गया है। शनिवार रात को वापस पहुंचे बाबा देवेंद्र नाथ मौन धारण किए हुए हैं तथा किसी से भी बातचीत नहीं कर रहे हैं। वहीं, मंदिर के अन्य बाबा भी इस प्रकरण पर कोई भी जबाब नहीं दे रहे हैं, जिससे कई सवाल अनसुलझे ही रह गए हैं। बता दें कि बसंतपुर विकास खंड कार्यालय के समीप महाकाल मंदिर में नौ दिनों से समाधि में लीन बाबा देवेंद्रनाथ निर्धारित दिन जब गड्ढे से बाहर नहीं निकला तो अन्य बाबाओं एवं भक्तों ने प्रचार कर दिया कि बाबा शरीर समेत स्वर्गलोक चले गए हैं। अन्य बाबाओं ने बताया गया कि बाबा उज्जैन में हैं, जिसके बाद मंदिर के बाबा एवं दो अन्य लोग उज्जैन चले गए। इसके बाद सभी लोग बाबा सहित शनिवार देर रात को वापस बसंतपुर लौट आए। वहीं, लोगों ने पुलिस से मामले की जांच करने की मांग की है। उनके अनुसार जब पीडब्ल्यूडी ने मंदिर की जमीन को लेकर को से स्टे लिया हुआ है, तो मंदिर का उपयोग कैसे हो रहा है।
आज तक के इतिहास में यह पहली बार हुआ है सैनिक समुदाय से हटकर किसी संस्था ने वीर सैनिकों का सम्मान किया है। यह बात कर्नल जसवंत सिंह चंदेल वीएसएम ने व्यास सभागार में उपस्थित लेखकों व अन्य लोगों को संबोधित करते हुए कही। वह बिलासपुर लेखक संघ के 24 में वार्षिक उत्सव में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे । उन्होंने बताया कि पिछले 24 वर्षों से लेखक संघ अपने प्रधान रोशन लाल शर्मा के नेतृत्व में अद्वितीय उपलब्धियां हासिल कर रहा है तथा आज तक असंख्य पुस्तकों का प्रकाशन लेखक संघ द्वारा किया जा चुका है । उन्होंने बताया कि इस समय बिलासपुर जिला में सम्मान प्राप्त पूर्व सैनिकों की संख्या 85 है उनसे विभिन्न मेंंडलों सुसज्जित पूर्व सैनिकों को उनकी बहादुरी के लिए बिलासपुर लेखक संघ द्वारा सम्मानित किया गया है । इस अवसर पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त आईएएस देवराज शर्मा ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। लेखक संघ के प्रधान रोशन लाल शर्मा ने बताया कि 1996 में जब बिलासपुर लेखक संघ को पंजीकृत करवाया गया था तो कुछ ही गिने-चुने साहित्यकार इसमें शामिल थे। लेकिन आज इसकी सदस्य संख्या 75 से अधिक हो गई है । उन्होंने बताया कि संगठन की नियमित रूप से बैठकर जिले के विभिन्न स्थानों पर हर महीने होती हैं । उन्होंने कहा कि बिलासपुर लेखक संघ बिलासपुर के साहित्यकारों का सामूहिक मंच है जिसमें दलगत राजनीति को कोई स्थान नहीं है। उन्होंने बताया कि समारोह में दो पुस्तकों का विमोचन किया गया जिनमें कहलूर के झेड़े और लोक गाथाएं तथा द्वादश ज्योतिर्लिंग शामिल है। उन्होंने कहा कि समारोह में जिन वीर सैनिकों को सम्मानित किया गया इनमें ब्रिगेडियर जगदीश सिंह वर्मा वीएसएम ,कर्नल कमल चंदेल, कर्नल बचित्तर सिंह सोंखला ,कर्नल सुरेंद्र कुमार शर्मा ,कर्नल मलकीयत सिंह रनोत ,ग्रुप कैप्टन रविंद्र सिंह राजपूत, कर्नल बंसी राम शर्मा ,कर्नल कृष्ण दत्त नड्डा, कर्नल सोहन सिंह चंदेल ,कर्नल हरिचंद, मेजर लेख राम शर्मा, मेजर जय कृष्ण , ऑनरेरी कैप्टन पविंदर कुमार , ऑनरेरी कैप्टन रूपलाल वीर चक्र, ऑनरेरी कैप्टन अनंतराम वीएसएम, सेना मेडल कैप्टन कृष्ण दयाल , ऑनरेरी कैप्टन रामनाथ शर्मा, फ्लाइंग लेफ्टिनेंट हरनाम सिंह ठाकुर, सूबेदार वीर सिंह चंदेल, ऑनरेरी कैप्टन रामकृष्ण शर्मा शामिल है। शर्मा ने बताया कि इस बार का व्यास साहित्य पुरस्कार कर्नल जसवंत सिंह चंदेल को दिया गया ।व्यास गौरव रोशन लाल शर्मा, बिलासपुर गौरव डॉ अजय कुमार शर्मा ,वरिष्ठ सदस्य द्वारिका प्रसाद ,व्यास जन सेवा सम्मान व्यास अस्पताल ,हवलदार जगन्नाथ , हरदोई समाज सेवा सम्मान बामटा पंचायत की प्रधान सीमा चंदेल, मियां प्यार सिंह शिक्षा सम्मान गोपाल धीमान , मंजूषा उत्कृष्ट सेवा सम्मान वीणा शर्मा, आशुतोष नवोदित लेखन सम्मान वीणा वर्धन, हरिदास जनेऊ सम्मान इंदर सिंह वालिया , लौंंगु राम खेल सम्मान साहिल शर्मा, स्वतंत्रता सेनानी ज्योति प्रकाश समाज सेवा सम्मान मंसाराम नडा, गणपतराम कला सम्मान हरदेव नड्डा ,सर्वाधिक उपस्थिति सम्मान जसवंत सिंह चंदेल व हेमराज शर्मा को दिया गया ।इस कार्यक्रम में मंच संचालन साहित्यकार रविंद्र कुमार शर्मा व जसवंत चंदेल ने किया।
सीटू की हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी की बैठक किसान मजदूर भवन चितकारा पार्क कैथू शिमला में राज्याध्यक्ष विजेंद्र मेहरा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि 8 जनवरी को सीटू से सम्बंधित हज़ारों मजदूर प्रदेश भर में काम बंद करके पूर्ण हड़ताल करेंगे। इस हड़ताल की तैयारियों के लिए एक नवम्बर को सभी ट्रेड यूनियनों व फेडरेशनों के साथ मिलकर शिमला के कालीबाड़ी हॉल में राज्य स्तरीय अधिवेशन आयोजित किया जाएगा। राज्य कमेटी ने निर्णय लिया है कि आठ जनवरी की हड़ताल से पहले प्रदेश के हर मजदूर तक पहुंच कर केन्द्र सरकार की मजदूर व कर्मचारी विरोधी नीतियों का भंडाफोड़ किया जाएगा व जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। सीटू राज्याध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार लगातार मजदूर व कर्मचारी विरोधी निर्णय ले रही है। यह सरकार पूंजीपतियों व उद्योगपतियों के इशारे पर कार्य कर रही है। इसके चलते मजदूरों के 44 श्रम कानूनों को खत्म करने की शुरुआत हो चुकी है। बीएसएनएल,बैंक,एलआईसी,पोस्टल,एजी,रेलवे,रक्षा जैसे देश के सभी केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने की साज़िश जारी है। यह सरकार पूरी तरह से मजदूरों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्य कर रही है। इस सरकार के कार्यकाल में अम्बानी,अडानी व बाबा रामदेव जैसे उद्योगपतियों की धन,दौलत व सम्पदा ढाई से पांच गुणा तक बढ़ी है जबकि दूसरी ओर मजदूरों के न्यूनतम वेतन को 18 हज़ार रुपये घोषित करने से यह सरकार आनाकानी कर रही है। वर्ष 2003 के बाद लगे कर्मचारियों के लिए नई पेंशन नीति लागू करके उनका गला पूरी तरह घोंट दिया गया है। स्थायी रोजगार की जगह ठेका प्रथा,अंशकालीन व आउटसोर्स को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्हें सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार समान कार्य का समान वेतन नहीं दिया जा रहा है। इस सरकार ने पूरे ट्रांसपॉर्ट सेक्टर को तबाह करने के लिए मोटर व्हीकल एक्ट में भारी तब्दीलियां की हैं। आंगनबाड़ी,मिड डे मील व आशा आदि स्कीम वर्करज़ के रोजगार को खत्म करने की साज़िशें रची जा रही हैं। इस सबके खिलाफ देश के लगभग 25 करोड़ मजदूर सड़कों पर उतरकर 8 जनवरी 2020 को खुली जंग का ऐलान करेंगे। बैठक में सीटू राष्ट्रीय सचिव डॉ कश्मीर ठाकुर,राज्याध्यक्ष विजेंद्र मेहरा,महासचिव प्रेम गौतम,जगत राम,अजय दुलटा,रमाकांत मिश्रा,बिहारी सेवगी,कुलदीप डोगरा,भूपेंद्र सिंह,राजेश,सुदेश,केवल,ओमदत्त,एन डी रनौत,राजेन्द्र ठाकुर,राजकुमारी,सुमित्रा आदि ने भाग लिया।
गायन, वाद्य वादन एवम् नृत्य,तीनों कलाओं का समावेश संगीत शब्द में माना गया है। तीनो स्वतंत्र कला होते हुए भी एक दूसरे की पूरक है। यह बात हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी सुप्रसिद्ध संगीत कलाकार संजय संधू ने कही। हाल ही में ' शिव विवाह, पर यू ट्यूब पर आयोजित उनके गाने को लेकर उन्होंने बताया कि आज तक उन्होंने लगभग 100 से भी ज्यादा गाने प्रसुस्त कर चुके है और संगीत उनके कण्ठ में बसा है । जब वह पांचवी कक्षा में पढते थे तभी से स्कूल में आयोजित प्रत्येक कार्यक्रम में वह गाते थे या व नाटक में भी भाग लेते थे परन्तु जैसे ही 10 स्वी कक्षा में पहुंचे तो निर्णय ले लिया कि वह संगीत की दुनिया मे ही आगे जाएंगे व 12 वी कक्षा में पहुंचते ही उनके पिताजी दर्शन संधू ने उनके सपने को पूरा करने के लिए चंडीगढ़ में सुप्रसिद्ध संगीत डायरेक्टर मदन सोनी से मिलाया जिन्होंने उन्हें संगीत की दुनिया मे मार्ग दर्शन दिया और पहली एलबम माता की भेंट पर निकाली गई। जिसके बाद संगीत की दुनिया मे उनका पहला कदम बहुत ही सराहनीय रहा। संगीत अध्यन में उन्होंने पीएचडी भी किया है। उन्होंने बहुत सी पहाड़ी गीतों पर एलबम भी निकाली है और संगीत प्रेमियों ने उनके गानों को पसंद भी किया। उन्होंने बताया कि समय के साथ टेक्नोलॉजी चेंज होने के बाद अब उनके बहुत से गाने यूट्यूब पर प्रस्तुत हुए है औऱ हाल ही में उन्होंने शिव विवाह पर यूट्यूब पर भजन की एलबम निकाली है । जिसमे उनके सहयोगी अमदाद अली,प्रीत बलिहार,सतीश कपूर ने काम किया है।
पंजाब सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पंजाब की पहली अफोर्डेबल रेजिडेंशियल हाउसिंग स्कीम को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा गया और 10 हजार से ज्यादा लोगों ने इसके लिए आवेदन किया है । रॉयल एस्टेट अफोर्डेबल रेजिडेंशियल हाउसिंग स्कीम प्रधानमंत्री आवास योजना से प्रेरित है और मध्यवर्गीय परिवार के अपने खुद के घर का सपना करने के उदेश्य से लांच की गयी। पंजाब सरकार के साथ-साथ ये योजना स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा भी मान्यता प्राप्त है। रॉयल एस्टेट ग्रुप सन् 1995 से रियल एस्टेट सेक्टर में सक्रिय रूप से काम कर रहा है और अब तक इन्होंने ढेरों सफल प्रोजेक्ट दिए है। रॉयल ग्रुप लगभग 4000 प्रॉपर्टी की डिलीवरी दे चुके हैं। रॉयल एस्टेट अफोर्डेबल रेजिडेंशियल हाउसिंग स्कीम इंटरनेशनल एयरपोर्ट, ऐरोसिटी के पास ग्रेटर मोहाली के 187 रिहाइशी प्लाट्स के लिए लांच की गई । इस पूरे क्षेत्र का विकास प्लांड शहर की तर्ज पर किया जा रहा है। पूरा क्षेत्र गमाडा के अंडर तैयार किया जा रहा है, इसलिए ये क्षेत्र एक प्लांड सिटी के रूप में विकसित हो रहा है, जहां पर ओपन एरिया, ग्रिनरी, सिवरेज सिस्टम, पार्किंग, चौड़ी सड़को, वाटरसप्लाई और कनेक्टिविटी है। इस टाउनशिप में दो टियर सुरक्षा, थीम पार्क, प्यूरीफाई पानी सप्लाई, स्विमिंग पूल, बिल्ट अप क्लब हाउस आदि की सुविधा दी जा रही है। रॉयल एस्टेट अफोर्डेबल रेजिडेंशियल हाउसिंग स्कीम में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा ऋण सुविधा भी उपलब्ध है और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत होम लोन पर सब्सिडी का भी लाभ भी मिलेगा। इस तरह पहली बार हुआ है कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए रॉयल एस्टेट ग्रुप द्वारा external development charges और रजिस्ट्री खर्चा माफ़ किया गया है। इस बारे में नीरज कांसल, डायरेक्टर रॉयल एस्टेट अफोर्डेबल हाउसिंग ने जानकारी देते हुए बताया की, हमें काफी खुशी है कि इस हाउसिंग स्कीम में लोगों ने इतने बड़े पैमाने पर आवेदन किया। 22 सितंबर को ड्रा निकाले जायेंगे। हम सीमित आय वर्ग की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए ये स्कीम लेकर आए। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सबको घर मिल सकें, हम इस सपने को पूरा करने की कोशिश कर रहें हैं और आगे भी हम इस दिशा में काम करते रहेगें।
पंजाब की पहली अफफोर्डबल हाउसिंग स्कीम में ऐप्लिकेशन के लिए स्टेट बैंक की ब्रांचों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है। यह स्कीम स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया और गमाडा द्वारा मान्यता प्राप्त है। इसमें 187 फ्रीहोल्ड रेसिडेंशियल प्लाट्स की अलॉटमेंट ड्रा द्वारा 22 सितम्बर को की जाएगी। इस स्कीम को उम्मीद से बढ़कर रिस्पांस मिला रहा है , पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, चंडीगढ़ एवं जम्मु के साथ साथ देश विदेश से भी लोग इसके लिए आवेदन भर रहे है। ग्रेटर मोहाली में इंटरनेशनल एयरपोर्ट व ऐरोसिटी के पास सभी प्रचलित सुविधाओं के साथ ऐसा शायद पहली बार है कि सीमित आय वर्ग को स्विमिंग पूल व जिम युक्त क्लब,प्यूरीफाइड पानी, थीम पार्क, दो टियर सुरक्षा आदि उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह स्कीम 11 सितंबर तक खुली है और अब इसमें निवेश के लिए आखिरी दो दिन ही बचे है। इसके लिए ऍप्लिकेशन फार्म स्टेट बैंक की 60 से अधिक ब्रांचों में भरे जा सकते हैं। ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए लोग आन करे mohali.reah.in रॉयल ऐस्टेट अफफोर्डबल हाउसिंग स्कीम का हेल्पलाइन नंबर है 7527999333
यदि आप SBI के माध्यम से ग्रेटर मोहाली में प्लाट लेना चाहते है, तो जल्दी करें। बुधवार 11 सितम्बर आवेदन करने की अंतिम तिथि है। प्रतिष्ठित रॉयल एस्टेट ग्रुप की इस अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम में विभिन्न साइज के 187 प्लाट बिक्री के लिए उपलब्ध है। ये पंजाब की पहली अफोर्डेबल हाउसिंग योजना है और ख़ास बात ये है कि ये योजना एसबीआई द्वारा एप्रूव्ड है ( Approved by SBI )। साथ ही ये योजना पंजाब सरकार द्वारा भी मान्यता प्राप्त है। योजना GMADA (Greater Mohali Area Devlopment Authority ) द्वारा Approved है इन प्लॉट्स में SBI के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में SBI की सभी जिला मुख्यालय ब्रांचों में इसके फॉर्म उपलब्ध है। ये योजना 26 अगस्त को शुरू हुई थी और 11 सितम्बर तक चलेगी। 22 सितम्बर को ड्रा निकाले जायेगे जिसके बाद प्लाट आवंटित होंगे। जो लोग पहली बार मकान खरीदेंगे वे निर्माण कार्य हेतु सब्सिडी का लाभ भी उठा सकते है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2 .67 लाख तक की सब्सिडी का लाभ उठाया जा सकता है। आवेदन हेतु आय मापदंड ( INCOME CRETERIA ) आर्थिक पिछड़ा वर्ग - 3 लाख से कम सालाना आय ओपन/ सामान्य वर्ग - 6 लाख से कम सालाना आय आरक्षित वर्ग - Govt / Semi Govt ./ Defence / Sports / Disabled / Persons Settled Abroad ( कोई आय सीमा नहीं ) SBI में मिल रहे है फॉर्म योजना में आवेदन करने के लिए फॉर्म के साथ 11 हज़ार रुपए आवेदन शुल्क जमा करवाना होगा, जो रिफंडेबल है । साथ ही फॉर्म का शुल्क 100 रुपये भी अदा करना होगा , जो नॉन रिफंडेबल है। योजना के तहत आवंटित किये जाने वाले सभी 187 प्लाटो पर एक्सटर्नल डेवलोपमेन्ट शुल्क ( External Devlopment Charges ) व रजिस्ट्रेशन शुल्क ( Registration Charges ) की रियायत दी जा रही है। खरीददार को सिर्फ 16450 रुपये प्रति स्क्वायर यार्ड की दर से भुगतान करना होगा। 80 Sq Yard 21 प्लाट 1316000 90 Sq Yard 51 प्लाट 1480500 100 sq Yard 65 प्लाट 1645000 110 sq Yard 29 प्लाट 1809500 120 sq Yard 21 प्लाट 1974500
रॉयल एस्टेट ग्रुप अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के फॉर्म स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) में मिलना शुरू हो गए है। ये स्कीम ग्रेटर मोहाली ( Greater Mohali ) में प्लाट खरीदने का एक सुनहरा अवसर है। ख़ास बात ये है कि ये योजना एसबीआई द्वारा एप्रूव्ड है ( Approved by SBI ). साथ ही ये योजना पंजाब सरकार द्वारा भी मान्यता प्राप्त है। GMADA (Greater Mohali Area Devlopment Authority ) द्वारा भी ये योजना Approved है और इसमें विभिन्न साइज के 187 प्लाट बिक्री के लिए उपलब्ध है। जाने इस स्कीम के बारे में: इन प्लॉट्स में SBI के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में SBI की सभी जिला मुख्यालय ब्रांचों में इसके फॉर्म उपलब्ध है। योजना में आवेदन करने के लिए फॉर्म के साथ 11 हज़ार रुपए आवेदन शुल्क जमा करवाना होगा, जो रिफंडेबल है। साथ ही फॉर्म का शुल्क 100 रुपये भी अदा करना होगा, जो नॉन रिफंडेबल है। ये योजना 26 अगस्त को शुरू होगी और 11 सितम्बर तक चलेगी। 22 सितम्बर को ड्रा निकाले जायेगे जिसके बाद प्लाट आवंटित होंगे। जो लोग पहली बार मकान खरीदेंगे वे निर्माण कार्य हेतु सब्सिडी का लाभ भी उठा सकते है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2 .67लाख तक की सब्सिडी का लाभ उठाया जा सकता है। योजना के तहत आवंटित किये जाने वाले सभी 187 प्लाटो पर एक्सटर्नल डेवलोपमेन्ट शुल्क ( External Devlopment Charges ) व रजिस्ट्रेशन शुल्क ( Registration Charges ) की रियायत दी जा रही है। खरीददार को सिर्फ 16450 रुपये प्रति स्क्वायर यार्ड की दर से भुगतान करना होगा। आवेदन हेतु आय मापदंड ( INCOME CRETERIA ) आर्थिक पिछड़ा वर्ग - 3 लाख से कम सालाना आय ओपन/ सामान्य वर्ग - 6 लाख से कम सालाना आय आरक्षित वर्ग - Govt / Semi Govt ./ Defence / Sports / Disabled / Persons Settled Abroad ( कोई आय सीमा नहीं ) ये है कीमत : 80 Sq Yard 21 प्लाट 1316000 90 Sq Yard 51 प्लाट 1480500 100 sq Yard 65 प्लाट 1645000 110 sq Yard 29 प्लाट 1809500 120 sq Yard 21 प्लाट 1974500
SBI के माध्यम से होगा आवेदन यदि आप ग्रेटर मोहाली (Greater Mohali) में प्लाट खरीदना चाहते है, तो आपके पास एक सुनहरा अवसर है। प्रतिष्ठित रॉयल एस्टेट ग्रुप अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम लेकर आया है, जिसमें विभिन्न साइज के 187 प्लाट बिक्री के लिए उपलब्ध है। ये पंजाब की पहली अफोर्डेबल हाउसिंग योजना है और ख़ास बात ये है कि ये योजना एसबीआई द्वारा एप्रूव्ड है ( Approved by SBI ). साथ ही ये योजना पंजाब सरकार द्वारा भी मान्यता प्राप्त है। योजना GMADA (Greater Mohali Area Devlopment Authority ) द्वारा Approved है इन प्लॉट्स के लिए SBI के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में SBI की सभी जिला मुख्यालय ब्रांचों में इसके फॉर्म उपलब्ध है। ये योजना 26 अगस्त को शुरू होगी और 11 सितम्बर तक चलेगी। 22 सितम्बर को ड्रा निकाले जायेगे जिसके बाद प्लाट आवंटित होंगे। जो लोग पहली बार मकान खरीदेंगे वे निर्माण कार्य हेतु सब्सिडी का लाभ भी उठा सकते है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2 .67 लाख तक की सब्सिडी का लाभ उठाया जा सकता है। आवेदन हेतु आय मापदंड ( INCOME CRETERIA ) आर्थिक पिछड़ा वर्ग - 3 लाख से कम सालाना आय ओपन/ सामान्य वर्ग - 6 लाख से कम सालाना आय आरक्षित वर्ग - Govt / Semi Govt ./ Defence / Sports / Disabled / Persons Settled Abroad ( कोई आय सीमा नहीं ) SBI में मिलेगा फॉर्म योजना में आवेदन करने के लिए फॉर्म के साथ 11 हज़ार रुपए आवेदन शुल्क जमा करवाना होगा, जो रिफंडेबल है । साथ ही फॉर्म का शुल्क 100 रुपये भी अदा करना होगा , जो नॉन रिफंडेबल है। रियायत: No External Devlopment Charges & Registration Charges योजना के तहत आवंटित किये जाने वाले सभी 187 प्लाटो पर एक्सटर्नल डेवलोपमेन्ट शुल्क ( External Devlopment Charges ) व रजिस्ट्रेशन शुल्क ( Registration Charges ) की रियायत दी जा रही है। खरीददार को सिर्फ 16450 रुपये प्रति स्क्वायर यार्ड की दर से भुगतान करना होगा। Size No of Plots Cost ( After Rebate) 80 Sq Yard 21 प्लाट 1316000 90 Sq Yard 51 प्लाट 1480500 100 sq Yard 65 प्लाट 1645000 110 sq Yard 29 प्लाट 1809500 120 sq Yard 21 प्लाट 1974500