Pinegrove School, Solan is hosting the All India Indian Public Schools Conference Soccer Girls U-19 Tournament 2019 from 12th to 15th September in Dharampur location. Five teams of elite public schools from across the country are participating in the U-19 tournament. Pinegrove School is the defending Champion of the U-19 title. The participating teams for U-19 tournament are from Daly College, Indore, MP; Mayo College Girls School, Ajmer, Rajasthan; The Assam Valley School, Assam; Scindia Kanya Vidyalaya, Gwalior and Pinegrove School, Solan, Himachal. The Opening Ceremony at the Pinegrove School was a glittering event with all the participating teams doing the March Past in the floodlit stadium to the tunes of the School Band in perfect coordination and harmony. The Chief Guest of the Opening Ceremony was Ms. Soumya Sambasivan, IPS, Commandant of the 3rd Indian Reserve Battalion Pandoh, Mandi. She was all praises for the warm and child-centered environment of the host school. The opening match of the tournament was played between Daly College, Indore and Pinegrove School, Dharampur. The match finished at 3-0 in favor of Pinegrove School. Sirat of the winning side was declared the ‘Player of the Match’. In the match between Scindia Kanya Vidyalaya, Gwalior and Mayo College Girls School, Ajmer, the score card read 3-1in favour of Scindia. Diki Choden Bhuti of the winning side walked away with the ‘Player of the Match’ award. In the other match between The Assam Valley School, Assam and Pinegrove School, Solan, the girls from Pinegrove continued their winning streak by beating their opponents with 3-0. Dikki Sherpa Pasang of the winning side got the ‘Player of the Match’ award.
In a thrilling final played at The Lawrence School, Sanawar between BPS, Pilani and RKC Rajkot, the boys of RKC, Rajkot lifted the coveted trophy in the final of the All India IPSC Soccer Boys U-17 Tournament 2019 by registering a convincing win of 3-0 over their counterparts. The tournament was jointly hosted by The Lawrence School, Sanawar and Pinegrove School, Dharampur.. The ‘Player of the Final Match' was given to Sneh Salet of RKC, Rajkot. Swaraj Suresh Garade of BK Birla Pune was adjudged as the Best Goalkeeper of the Tournament. Shripal Ram of RKC Rajkot bagged the Best Defender award, the Best Mid Fielder was awarded to Latikesh Gumbade of Paravara School, Maharashtra. Sneh Salet of RKC, Rajkot scored nine goals and was adjudged the Highest Scorer of the Tournament. Saksham Ahlawat of Welham Boys’ School, Dehradun won the Best Player of the Tournament award. The second Runners-up Trophy was awarded to Welham Boys’ School, Dehradun, the first Runners-up Trophy to BPS Pilani while RKC Rajkot became the proud winners of the All India IPSC Soccer Boys Under-17 2019 Trophy.
डीएवी अम्बुजा विद्या निकेतन दाड़लाघाट में शिक्षक दिवस बड़ी धूम धाम से मनाया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम प्रधानाचार्य मुकेश ठाकुर द्वारा दीप प्रज्वलित कर डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद किया गया। तत्पश्चात कक्षा बारहवीं के विद्यार्थियों द्वारा अध्यापकों के सम्मान के लिए विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों व अन्य गतिविधियों का आयोजन किया गया। इसमे अध्यापकों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। अंत में प्रधानाचार्य मुकेश ठाकुर ने शिक्षकों के अनमोल योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षक एक व्यक्ति के जीवन में अहम भूमिका निभाता है अतः हमें शिक्षकों का सदैव आदर करना चाहिए और उनके योगदान को कभी नहीं भूलना चाहिए। स्कूल प्रबंधन समिति के चेयरमैन अनुपम अग्रवाल ने शिक्षक दिवस पर सभी शिक्षकों को अपनी शुभकामनाएं दी।
BPS Pilani, Welham Boys, RKC Rajkot and BK Birla in Last Four BPS Pilani, Welham Boys, RKC Rajkot and BK Birla entered the last four stage in the ongoing All India IPSC Soccer Boys U-17 Tournament 2019 being jointly hosted by The Lawrence School, Sanawar and Pinegrove School, Dharampur. The league match between Miles Bronson Residential School, Guwahati and the Lawrence School, Sanawar resulted in a draw at 1-1. Vardaan Sood of the Lawrence School won the ‘Player of the Match’ award. The match between Daly College, Indore and APS Dagshai resulted in victory for Daly College at 3-1. Daksh Patni of the winning side won the ‘Player of the Match’ award. The match between Emerald Heights and Phoenix Public school resulted in a draw at 0-0. Mandeep of Emerald Heights was declared the ‘Player of the Match’. In the quarter finals matches played between BPS Pilani and Sainik School, Kunjpura resulted in victory for BPS. Sahil of the winning side got the ‘Player of the Match’ award. In the second quarter final played between Emerald Heights and Welham Boys, the tie breaker decided Welham Boys as the winner at 3-1. Shubham Patel of Emerald Heights was declared the ‘Player of the Match’. The third quarter final played between BK Birla, Pune and Pinegrove School, Dharampur was decided by penalty shoots. BK Birla won by 5-4. Swaraj of the winning side got the ‘Player of the Match’ award. In the last quarter final match between Pravara Public School and RKC, Rajkot, RKC triumphed by 8-2. Sneh Salet of the winning side got the ‘Player of the Match’ award
प्रदेश पुलिस विभाग में आरक्षी पद पर भर्ती के लिए सोलन जिला की लिखित परीक्षा 08 सितंबर, 2019 को आयोजित की जाएगी। यह जानकारी बुधवार को पुलिस अधीक्षक सोलन मधुसूदन शर्मा ने दी। मधुसूदन शर्मा ने कहा कि यह लिखित परीक्षा 08 सितंबर, 2019 को प्रातः 9.00 बजे से एलआर ग्रुप ऑफ इंस्टीच्यूट(इंजीनियरिंग एण्ड टैक्नोलॉजी) ओच्छघाट जिला सोलन में आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस लिखित परीक्षा में केवल वही अभ्यर्थी भाग ले सकेंगे, जिन्होंने 2 जुलाई 2019 से 6 जुलाई 2019 तक सोलन में आयोजित पुलिस भर्ती की शारीरिक परीक्षा उत्तीर्ण की है। सभी पात्र अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र परीक्षा केन्द्र पर ही प्रातः 9.00 बजे उपलब्ध करवाए जाएंगे। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि लिखित परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों को अपने साथ रंगीन फोटो, पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड, ड्राईविंग लाईसेंस या पासपोर्ट में से एक, कार्ड बोर्ड, नीला या काला पैन लेकर उपस्थित होना अनिवार्य होगा। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि लिखित परीक्षा में किसी भी प्रकार के इलैक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे कि मोबाइल फोन, केलकुलेटर एवं इलैक्ट्रॉनिक वॉच इत्यादि मान्य नहीं होंगे। अधिक जानकारी के लिए दूरभाष नंबर 01792-223836 पर संपर्क किया जा सकता है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय छात्र अर्की में 5 सितंबर शिक्षक दिवस के दिन पाठशाला की स्कूल प्रबंधन समिति द्वारा एक बैठक का आयोजन किया जा रहा है । स्कूल की प्रधानाचार्या ने सभी बच्चों के अभिभावकों से अनुरोध किया है कि 5 सितंबर को ठीक 1 बजे विद्यालय में अपनी उपस्थिति देकर बैठक का हिस्सा बने, साथ ही अपने बच्चों का शिक्षा कार्ड देखें व अपने विचार स्कूल प्रबंधन समिति से सांझा करें।
विधानसभा क्षेत्र श्री नैना देवी में 8 सितम्बर को आयोजित होने वाले जनमंच कार्यक्रम के लिए ग्राम पंचायत मैथी और ग्राम पंचायत कचैली में प्री-जनमंच शिविर का आयोजन किया गया। एसडीएम सदर नरेन्द्र कुमार ने बताया कि विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा सम्बन्धित विभागों के माध्यम से चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी प्री जनमंच कार्यक्रम में देकर क्षेत्र के लोगों को जागरूक किया गया तथा उन्हें इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि प्री-जनमंच शिविरों में कुल 116 आवेदन पत्र प्राप्त हुए जिसमें ग्राम पंचायत मैथी से 70 आवेदन पत्र विभिन्न समस्याओं से सम्बन्धित प्राप्त हुए, तथा मौके पर 7 इंतकाल, 5 हिमाचली, 14 आय, 3 जाति प्रमाण पत्र व 15 आधार कार्ड बनाए गए और ग्राम पंचायत कचैली से 46 आवेदन पत्र प्राप्त हुए तथा मौके पर 2 इंतकाल, 3 हिमाचली, 3 आय, 2 जाति प्रमाण पत्र बनाए गए। उन्होंने बताया कि प्री-जनमंच शिविरों में लोगों की समस्याओं को सुना जा रहा है और मौके पर त्वरित कार्यवाही अमल में लाकर उन्हें राहत प्रदान की जा रही है। शिविर में तहसीलदार जयगोपाल, बीडीओ, मनमोहन शर्मा, कृषि विषयवाद विशेषज्ञ डा. राजेन्द्र कुमार, तहसील कल्याण अधिकारी संजीव धीमान, खाद्य आपूर्ति अधिकारी पवन शर्मा, पशु चिकित्सक डा. विकास, श्रम निरीक्षक मुकुंद शर्मा, उद्यान विकास अधिकारी डा. सुरेन्द्र सिंह, सीडीपीओ. सुपरवाईजर हेमलता शर्मा, एसईवीपीओ. चुन्नी लाल ने अपने विभाग से सम्बन्धित विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी तथा इन योजनाओं का लाभ किस प्रकार से लिया जा सकता है की प्रक्रिया के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि तथा क्षेत्र के लोग उपस्थित रहे।
जिला सोलन कुनिहार के शिक्षक नंदकिशोर शास्त्री को राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए शिक्षक दिवस पर प्रदेश सरकार द्वारा पीटरहॉफ शिमला में सम्मानित किया जाएगा। इस खबर से कुनिहार क्षेत्र के शिक्षक वर्ग सहित पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है। नंदकिशोर शर्मा ग्राम पंचायत हॉटकोट के मूल निवासी है। नंदकिशोर शर्मा का जन्म हाटकोट पंचायत में 10 अप्रैल 1965 को कमल दास शर्मा व कृष्णा शर्मा के घर में हुआ। नंदकिशोर शर्मा की धर्मपत्नी पुष्पा शर्मा व उनके दो सुपुत्र है,उनका बडा पुत्र अर्की कॉलेज से बीए कर रहा हैं,जबकि उनका छोटा पुत्र सैनिक स्कूल सुजानपुर टीरा में पढ़ाई कर रहा है। नंदकिशोर शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय छात्र कुनिहार से हुई। उन्होंने 1981 में दसवीं कक्षा उत्तीर्ण की उसके उपरांत नंदकिशोर शर्मा शास्त्री करने के लिए संस्कृत कॉलेज शिमला चले गए। उसके बाद इन्होंने व्याकरण आचार्य, बीए,बीएड,एम ए हिंदी संस्कृत व पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। नंदकिशोर शर्मा ने अगस्त 1996 में राजकीय माध्यमिक पाठशाला भारती में प्रथम जॉइनिंग की,1998 मे राजकीय माध्यमिक पाठशाला जाबल झमरोट,2011 मे राजकीय माध्यमिक पाठशाला रुगड़ा व 2018 से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक छात्रा विद्यालय कुनिहार में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। नंदकिशोर शर्मा से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि वे अपने समय में हॉकी व फुटबॉल के खिलाड़ी भी रहे हैं।उन्होंने इंटर कॉलेज शिमला में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। नंदकिशोर शर्मा की इस उपलब्धि के लिए कुनिहार क्षेत्र की सभी समाजिक संस्थाओं,शिक्षक वर्ग व स्थानीय लोगों ने बधाई दी है। लोगों का कहना है कि कुनिहार व जिला सोलन के लिए नंदकिशोर को शिक्षक दिवस पर राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए चुना जाना फक्र की बात है ।
Lavya Bags First Position in Bilingual Debate Expressing her views with panache, Lavya Bhasin from Pinegrove School Solan took the best speaker award in the 4th edition of the Mohinder Memorial Bilingual Turncoat Debate which was held at Pinegrove School, Dharampur. Sixteen teams from across India participated in the event to test and hone their intellectual, debating and oratory skills. The event was judged by a team of learned academicians. The judges for Hindi language were Dr. Mukesh Sharma and Mr. Hemank Kapil, and for English language were Dr. Harsh Vardhan Singh Khimta and Group Captain Sudhir Diwan. The topic for the finals was ‘Abrogation of Section 370 was right’. The representatives of various schools spoke vehemently on the issue and came up with their perspective regarding the same. They cited reasons and supported them with suitable examples from real life, to justify their stand. The speakers formally presented their arguments in a disciplined manner through logical consistency, factual accuracy and some degree of emotional appeal. The overall winner of the competition was Army Public School, Dagshai whereas the runners-up team was from The Scindia School, Gwalior. The second position was bagged by Shaurya Veer Singh of SelaQui International School, Dehradun while the third best speaker was taken by Shreya Singla of Yadavindra Public School, Mohali. Padma Shree, Prof. Dr. Pushpesh Pant, Former Professor of International Relations at JNU, Delhi was chief guest on the final day and gave away the prizes.xpressing her views with panache, Lavya Bhasin from Pinegrove School Solan took the best speaker award in the 4th edition of the Mohinder Memorial Bilingual Turncoat Debate which was held at Pinegrove School, Dharampur. Sixteen teams from across India participated in the event to test and hone their intellectual, debating and oratory skills. The event was judged by a team of learned academicians. The judges for Hindi language were Dr. Mukesh Sharma and Mr. Hemank Kapil, and for English language were Dr. Harsh Vardhan Singh Khimta and Group Captain Sudhir Diwan. The topic for the finals was ‘Abrogation of Section 370 was right’. The representatives of various schools spoke vehemently on the issue and came up with their perspective regarding the same. They cited reasons and supported them with suitable examples from real life, to justify their stand. The speakers formally presented their arguments in a disciplined manner through logical consistency, factual accuracy and some degree of emotional appeal. The overall winner of the competition was Army Public School, Dagshai whereas the runners-up team was from The Scindia School, Gwalior. The second position was bagged by Shaurya Veer Singh of SelaQui International School, Dehradun while the third best speaker was taken by Shreya Singla of Yadavindra Public School, Mohali. Padma Shree, Prof. Dr. Pushpesh Pant, Former Professor of International Relations at JNU, Delhi was chief guest on the final day and gave away the prizes.
हमीरपुर के डिग्री कॉलेज ग्राउंड में चल रही हीरो नॉर्थ जोन सब जूनियर फुटबॉल चैंपियनशिप में थांगजलेन टाउथॉन्ग के हैट्रिक से पंजाब ने दिल्ली पर धमाकेदार जीत दर्ज की। सोमवार सुबह खेले गए इस मैच में पीले रंग की जर्सी पहने पंजाब के लड़को ने सफेद रंग की जर्सी पहने दिल्ली के लड़को की टीम को हराया। पंजाब की ओर से खेल रहे थांगजलेन टाउथॉन्ग ने सबसे पहला गोल मैच के 22वें मिनट में किया। दिल्ली के गोलकीपर भारत भार्गव की थांगजलेन टाउथॉन्ग के सामने कड़ी परीक्षा देखने को मिली। इसके बाद थांगजलेन टाउथॉन्ग ने मैच के 44वें मिनट में अपना तथा टीम का दूसरा गोल किया। पहले हॉफ में 2-0 से बढ़त के साथ आगे खेलते हुए पंजाब की टीम के दूसरे हॉफ में भी हौंसले बुलंद दिखे। मैच के 71वें मिनट में एक बार फिर थांगजलेन टाउथॉन्ग ने दिल्ली पर तीसरा गोल करके टीम के लिए अजेय बढ़त दिलाई। मैच में दिल्ली ने तीन,जबकि पंजाब की टीम से पांच खिलाडिय़ों को रिप्लेस किया। पंजाब ने सेहल याकूब की जगह हरमनजीत सिंह को मैच के 30वें मिनट में मिड फील्ड में खेलने का मौका दिया। इसके बाद अभिषेक कुमार मल्ही की जगह सावन सिंह को फारवर्ड लिया गया। फिर 74वें मिनट में रेहन वकील की जगह मोहम्मद आरिफ को जगह दी गई। बालकरण सिंह की जगह पंजाब ने गुरप्रीत सिंह को मिड फील्ड में खेलने का मौका दिया। पंजाब टीम के कोच अमरजीत सिंह ने मैच के अंतिम क्षणों में राजवीर सिंह की जगह राजेश तिवारी को फील्ड में उतारा। तब तक थांगजलेन टाउथॉन्ग अपना काम कर चुका था। उसने टीम के लिए तीन गोल किए, जिसकी बदौलत पंजाब की जीत सुनिश्चित हो पाई। आज के मैच फुटबॉल संघ के मीडिया कॉआर्डिनेटर सत्यदेव शर्मा ने बताया कि हीरो नॉर्थ जोन सब जूनियर फुटबॉल चैंपियनशिप के तीसरे दिन तीन सितंबर को ग्रुप-ए के तहत चंडीगढ़ का मुकाबला मेजबान हिमाचल प्रदेश के साथ सुबह 11:00 बजे होगा। जबकि बाद दोपहर 2:30 बजे दूसरा मुकाबला हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच खेला जाएगा।
Work towards becoming job providers: ICAR ADG Dr PS Pandey, Assistant Director-General of the Education Planning and Home Science division of the Indian Council of Agricultural Research urged the students to become job providers instead of job seekers. He was addressing the new students during the orientation programme held at Dr YS Parmar University of Horticulture and Forestry (UHF), Nauni. The students also got a chance to listen to the views of Yogacharya Sri Nivas Murthy, coordinator of Yog Bharti, Solan, who gave tips on improving fitness and food habits. Speaking on occasion, Dr Pandey gave an overview of the accreditation process of ICAR. He praised the university for securing 12th rank among all agricultural universities in the country. Dr Pandey exhorted that quality faculty was important for rankings. He suggested that the course curriculum should be made more vibrant so that it fits the needs of the industry and should promote entrepreneurship among students. Dr Pandey called for designing one-week duration orientation programmes where new students not only get a chance to listen and interact with young entrepreneurs and gurus from the industry but are also engaged in social activities like plantation drives.Stressing the importance of Experiential Learning Programme (ELP), Dr Pandey said that it was an important component of agricultural education where students not only ‘earn and learn’ but also ‘learn and return’ to the society. He suggested that the university should expand its ELP on quality planting material. During the function, Yogacharya Sri Niwas Murthy addressed the students on the topic of Yoga and health. He explained several yoga exercises and health tips with the staff and students and urged them to adopt yoga for a happy and disease-free life. Addressing the gathering, Vice-Chancellor Dr Parvinder Kaushal thanked the ICAR and Dr Pandey for supporting the university in providing a stimulating educational environment to the students. He said it was a matter of great privilege that the ADG of Education Planning division chose UHF to address the new students. Dr Kaushal sought the support of ICAR in improving the infrastructure and educational facilities to make the university a world-class institution. Natraj Boys Hostel Inaugurated Dr PS Pandey, inaugurated the ‘Natraj Boys Hostel’ built at the University on Friday evening. The four-storeyed building has been constructed at a cost of Rs 2.5 crore. The ICAR has provided financial support for the construction of the hostel which will house 98 students. Dr Pandey also visited the various experimental farms of the university and appreciated the work of the university scientists and students.
प्रदेश सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग निदेशालय द्वारा विभिन्न कंप्यूटर प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए पात्र उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित करने की तिथि 5 सितंबर, 2019 तक बढ़ा दी है। यह जानकारी आज यहां जिला कल्याण अधिकारी सोलन बीएस ठाकुर ने दी। उन्होंने कहा कि यह आवेदन पोस्ट ग्रेजुऐट डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन्स (पीजीडीसीए) तथा डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन्स एवं डेस्क टॉप पब्लिशिंग (डीसीए-डीटीपी) के एक वर्षीय पाठ्यक्रम के लिए आमंत्रित किए गए हैं। पीजीडीसीए पाठ्यक्रम के लिए योग्यता स्नातक तथा डीसीए-डीटीपी पाठ्यक्रम के लिए योग्यता दस जमा दो निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि इन पाठ्यक्रमों के लिए प्रदेश के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग से संबंधित एवं विधवा, एकल नारी व विशेष रूप से सक्षम उम्मीदवार पात्र हैं। उम्मीदवार की आयु 18 से 35 वर्ष के मध्य होनी चाहिए तथा उम्मीदवार बीपीएल परिवार से संबंधित होना चाहिए अथवा परिवार की वार्षिक आय दो लाख रुपये से कम होनी चाहिए। प्रशिक्षण के इच्छुक उम्मीदवार सादे कागज पर जिला कल्याण अधिकारी सोलन अथवा संबंधित तहसील कल्याण अधिकारी कार्यालय में 5 सितंबर, 2019 तक आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ दसवीं, 12वीं, स्नातक उतीर्ण प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, बीपीएल प्रमाण पत्र, तहसीलदार द्वारा जारी प्रार्थी के माता-पिता की वार्षिक आय प्रमाण पत्र तथा हिमाचली प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रतियां संलग्न करनी होंगी।उन्होंने कहा कि उतीर्ण प्रशिक्षणार्थियों को 6 माह के लिए सरकारी अथवा गैर सरकारी सस्थानो में कंप्यूटर एप्लीकेशन में प्रवीणता प्राप्त करने के लिए रखा जाएगा। यह अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान विभाग द्वारा 1000 रुपये प्रति माह छात्रवृति भी प्रदान की जाएगी। विशेष रूप से सक्षम को 1200 रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी। अधिक जानकारी के लिए जिला कल्याण अधिकारी सोलन के दूरभाष नंबर 01792-223742 अथवा संबंधित तहसील कल्याण अधिकारी के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।
18 schools likely to participte in Mohinder Memorial Bilingual Turncoat Debate. After having hosted successfully three editions of the Mohinder Memorial Bilingual Turncoat Debate in last three years, Pinegrove School, Dharampur, district Solan is all set to host the fourth edition of the prestigious event. The event, as its name suggests, is designed to showcase not only the debating skills of the participants but also their proficiency in both English and Hindi languages. 18 schools of repute from across the country will be participating in the competition and vying for the coveted trophy. The event will be graced by Padma Shree Prof. Dr. Pushpesh Pant, Former Professor of International Relations at JNU, Delhi. He is a noted Indian academician, food critic and historian with a career spanning over four decades in the field of education. The event will be judged by a team of learned academicians.The judges for Hindi language will be Dr. Mukesh Sharma and Mr. Hemank Kapil, and for English language will be Dr. Harsh Vardhan Singh Khimta and Group Captain Sudhir Diwan. The event is spread over a span of three days from 29th to 31st August, 2019.
सेंट्रल यूनिवर्सिटी हिमाचल प्रदेश के मेधावी विद्यार्थी और शोधार्थी हिमाचली टोपी या केसरियां पगड़ी पहनकर डिग्री लेंगे।यूनिवर्सिटी ने 20 सितंबर को प्रस्तावित पांचवें दीक्षांत समारोह के लिए ड्रेस कोड तय किया है।ये कोड डिग्री लेने वाले विद्यार्थियों के लिए तय किया गया है। इसके अलावा सफेद रंग का पूरी बांहों वाला कुर्ता डिग्री लेने वाले मेधावियों को दीक्षांत समारोह में पहनना होगा। केंद्रीय विवि के पांचवे दीक्षांत समारोह वर्ष 2017 और 2018 के लगभग 650 से अधिक छात्रों को डिग्री दी जाएगी। मेधावी अंगवस्त्र और हिमाचली टोपी विवि की सहकारी समिति के कार्यालय से खरीद सकते हैं। इसके लिए कुछ राशि जमानत के रूप में जमा करनी होगी।
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अंग्रेजी सीखाने के लिए हिमाचल सरकार नई पहल करने जा रही है। इस योजना के तहत पहली से तीसरी कक्षा वाले सूबे के साढ़े 10 हजार स्कूलों में एक विशेष किट बांटी जाएंगी। संपर्क फाउंडेशन संस्था ये विशेष इंग्लिश किट बांटेगी। शिक्षक इस किट के अनुसार छात्रों को इंग्लिश प्रशिक्षण के गुर सिखाएंगे। 30 जुलाई को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शिमला से इस योजना का शुभारंभ करेंगे। इस इंग्लिश किट को विशेषकर छोटे बच्चों के लिए तैयार किया गया है। इसमें एक साउंड बॉक्स होगा, इससे शब्दों का उच्चारण होगा। इस बॉक्स को संपर्क दीदी नाम दिया गया है। एसएमएस से अभिभावकों तक पहुंचेगी बच्चों की रिपोर्ट 30 जुलाई को सीएम जयराम ठाकुर ई-संवाद ऐप का भी शुभारम्भ करेंगे। बच्चों की हर गतिविधि उनके अभिभावकों तक एसएमएस से पहुंचाने के लिए ई-संवाद मोबाइल ऐप तैयार किया गया है। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तहत मंडी जिले में इसे शुरू किया जाएगा। फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट भेजने वालों अधिकारीयों पर कसेगा शिकंजा मौके पर गए बिना फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट भेजने वालों अधिकारीयों पर शिक्षा विभाग एप से शिकंजा कसेगा। सरकारी स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए शिक्षा विभाग ने शिक्षा साथी ऐप तैयार किया है, जिसका इस्तेमाल बीआरसीसी, डीपीओ और बीओ करेंगे। इसकी मदद से स्कूलों के निरीक्षण के दौरान संबंधित अधिकारियों को मौके से ही निरीक्षण की रिपोर्ट ऐप पर अपलोड कर सकेंगे।
डॉ वाईएस परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी अपनी शैक्षणिक, अनुसंधान और विस्तार गतिविधियों को बेहतर बनाने के लिए ईमानदारी से प्रयास करेगा ताकी विश्वविद्यालय न केवल सर्वश्रेष्ठ वैश्विक विश्वविद्यालयों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सके बल्कि किसानों के लिए नवीन कृषि समाधान और तकनीक विकसित कर सके और उसका नियमित हस्तांतरण हो सके। यह विचार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ परविंदर कौशल ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान साझा किए। इस अवसर पर डॉ कौशल ने कहा कि विश्वविद्यालय का एक महत्वपूर्ण कार्य बागवानी और वानिकी में कुशल मानव संसाधन को तैयार करना है। ताकि अधिक से अधिक छात्र शीर्ष पदों पर पहुंच सके इसलिए विश्वविद्यालय आने वाले समय में न केवल जेआरएफ, एसआरएफ, एआरएस और आईएफएस जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विशेष कोचिंग देगा बल्कि लैटरल एंट्री वाले वोकेशन कार्यक्रम भी शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों को बेहतर शिक्षण वातावरण प्रदान करने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करेगा। विश्वविद्यालय के कैरियर और प्लेसमेंट सेल को मजबूत करना और पुस्तकालय सुविधाओं सहित शैक्षणिक प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से डिजिटलीकरण विश्वविद्यालय के अन्य फोकस एरिया है। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय न केवल नई किस्मों को विकसित करने के लिए काम करेगा, बल्कि किसानों को प्रदान किए जाने वाले विभिन्न फलों, सब्जियों, औषधीय और वन पौधों के बीजों और रोपण सामग्री को भी बढ़ाएगा। नई किस्मों पर ट्राइल भी लगाए जाएगें और राज्य के किसानों को उनकी सिफारिश करने के लिए और कदम उठाए जाएंगे। शोध और विस्तार के क्षेत्र पर डॉ कौशल ने कहा कि विश्वविद्यालय यह सुनिश्चित करेगा कि विश्वविद्यालय से प्रौद्योगिकी और ज्ञान का प्रवाह राज्य के कृषक समुदाय तक हो। यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कृषि विज्ञान केंद्रों में एक सामान्य कौशल विकास कार्यक्रम स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय किसानों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम चलाने के लिए राज्य के कृषि और बागवानी सहित विभिन्न विभागों के साथ गठजोड़ करेगा और किसानों के उत्पादन से विपणन तक के मुद्दों को संबोधित करेगा। उन्होंने कहा कि इनपुट लागत को कम करके और बाजार हस्तक्षेप से खेती की आय को दोगुना करना भी एक लक्ष्य है जिसे विश्वविद्यालय पूरा करना चाहेगा। राज्य में प्राकृतिक खेती का प्रणालीगत प्रचार और प्रसार के लिए विश्वविद्यालय प्रत्येक ब्लॉक के 50 किसानों को प्रशिक्षित करेगा। प्रत्येक ब्लॉक में पांच किसानों के खेतों पर प्रदर्शन मॉडल भी स्थापित किए जाएंगे। वार्षिक राज्य स्तरीय किसान मेला और किसान दिवस के आयोजन के अलावा, विश्वविद्यालय बागवानी और कृषि विज्ञान के क्षेत्र में राज्य और आस-पास के किसानों के लिए इन-हाउस और फील्ड प्रशिक्षण प्रदान करेगा। विश्वविद्यालय के लिए विभिन्न शैक्षिक एवं गैर शिक्षण पदों को मंजूरी देने के लिए राज्य सरकार को धन्यवाद देते हुए डॉ कौशल कि कहा विश्वविद्यालय जल्द ही सहायक प्रोफेसरों के 39 पदों के साक्षात्कार आयोजित करेगा। इसके अलावा सहायक प्रोफेसरों के 23 अतिरिक्त पदों को विज्ञापित कर दिया गया है और हिमाचल सरकार द्वारा अनुमोदित विभिन्न श्रेणियों के गैर-शिक्षण कर्मचारियों के 55 से अधिक पद भी भरे जाएगें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय राज्य सरकार के समक्ष शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष तक बढ़ाने का विषय उठाएगी। बुनियादी ढाँचे के विकास के मुद्दे पर कई निर्माण कार्यों (प्रत्येक एक करोड़ रुपये से ऊपर) को समय पर पूरा करना की ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है । इनमें लड़कों का छात्रावास, पानी की आपूर्ति योजना, खेल का मैदान और पवेलियन ब्लॉक, मुख्य परिसर और अनुसंधान स्टेशनों की फेंसिंग, औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नेरी की प्रयोगशाला और बहुउद्देशीय भवन और कृषि विज्ञान केंद्र, ताबो में प्रशासनिक भवन के निर्माण प्रमुख हैं। कई अन्य कार्यों के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं, जबकि स्टाफ हाउसों की मरम्मत, नए छात्रावास का निर्माण, अंतरराष्ट्रीय छात्रों के नए छात्रावास, वानिकी महाविद्यालय के लिए नया शिक्षण ब्लॉक, वीआईपी गेस्ट हाउस और नेरी महाविद्यालय में नए छात्रावास और स्नातकोत्तर ब्लॉक के निर्माण के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर लिए गए हैं। इस अवसर पर डॉ कौशल ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने अनुसंधान कार्यों के विस्तार के लिए विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फंडिंग एजेंसियों से वित्त पोषण के अवसर तलाशेगा। अनुसंधान और विस्तार शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालय फलों, सब्जियों, फूलों, औषधीय और सुगंधित पौधों, वन पौधों की प्रजातियों और एग्रोफॉरेस्ट्री, जिसमें उच्च घनत्व वाले वृक्षारोपण,संरक्षित और प्रीसीजन खेती शामिल हैं, की खेती के लिए अत्याधुनिक तकनीकों पर शोध और छात्रों का मार्गदर्शन करेंगे। इसके अलावा, संरक्षण कृषि, प्राकृतिक खेती आदि सहित वैकल्पिक कृषि प्रणालियों के लिए अनुसंधान और विकास सहायता देने पर ज़ोर दिया जाएगा ताकि रसायन अवशेष मुक्त कृषि उत्पादों का उत्पादन करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके। डॉ कौशल ने कहा कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक बागवानी और कृषि के क्षेत्रों में सतत विकास के लिए राष्ट्रीय संसाधनों और जैव विविधता के संरक्षण के लिए मॉडल तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि उद्यमियों को सरकारी योजनाओं से लाभ उठाने और नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी प्रदाता बनने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अनुसंधान और विकास सहायता देना विश्वविदयालय का लक्ष्य रहेगा। व्यावसायिक खेती, मूल्य संवर्धन और बाजार के हस्तक्षेप की शिक्षा को एकीकृत करके शिक्षित ग्रामीण युवाओं के लिए एक मॉडल स्थापित किया जाएगा। इस अवसर पर डॉ राकेश गुप्ता, डीन कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर; डॉ पीके महाजन, डीन कॉलेज ऑफ फॉरेस्ट्री; श्री राजीव कुमार, रजिस्ट्रार; डॉ कुलवंत राय, एसडब्ल्यूओ; श्री एचएम वर्मा, वित्त नियंत्रक और इंजीनियर अर्पणा रोहेला, एस्टेट ऑफिसर भी मौजूद रहे।
सोलन होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कुमारहट्टी में कार्यशाला का आयोजन सोलन होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल कुमारहट्टी में 'आधुनिक जीवनशैली के रोग' विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। ये कार्यशाला आयुर्वेदिक विभाग जिला सोलन के माध्यम से आयोजित की गई। कार्यशाला में कॉलेज प्रधानाचार्य, अध्यापकों चिकित्सकों एवं प्रशिक्षु चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। आधुनिक जीवन शैली से हो रहा सेहत को नुक्सान जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ राजेंद्र शर्मा ने बताया कि किस प्रकार आधुनिक जीवन शैली हमारी सेहत को नुक्सान पहुंचा रही है। उन्होंने कहा पुराने समय में लोगों कि दिनचर्या व खानपान अच्छा होता था, इसलिए लोगों की सेहत भी अच्छी होती थी। पर आधुनिकता की अंधी दौड़ में मनुष्य बीमारी से ग्रस्त रहता है। उन्होंने कहा कि विकृत जीवन शैली के चलते खासतौर से मानसिक बीमारियां बढ़ रही है। डॉ अरविन्द गुप्ता ने दी योग अपनाने की सलाह इस मौके पर डॉ अरविन्द गुप्ता व डॉ मुंजेश ने भी जानकारी दी कि किस प्रकार योग अपनाकर हम अपनी जीवन शैली में परिवर्तन कर सकते है और रोग से दूर रह सकते है।कॉलेज प्रिंसिपल डॉ एनपी सिंह ने कॉलेज ने 2 से 5 अगस्त तक योग सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है।
पाइनग्रोव स्कूल सुबाथू में अन्तर सदनीय हिंदी वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें चिनार, देवदार, ओक और टीक सदनों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। कनिष्ठ वर्ग के छात्रों के लिए 'जीवन में हास्य के मायने बदल रहे हैं' विषय रखा गया। छात्रों ने विषय पर पक्ष और विपक्ष पर अपने विचार रखे। वहीँ वरिष्ठ वर्ग में 'हमारे समाज में आरक्षण न्याय का दोह है' विषय निर्धारित किया गया। छात्रों ने इस विषय के पक्ष और विपक्ष में अपने तर्क दिए। कनिष्ठ वर्ग में टीक सदन की कृतिका प्रथम व ओक सदन की तान्या दूसरे स्थान पर रही। जबकि वरिष्ठ वर्ग में चिनार सदन की निशिता कुमार पहले और देवदार सदन के सूरज दूसरे स्थान पर रहे। प्रतियोगिता का ओवरआल खिताब टीक सदन के नाम रहा। जबकि ओक सदन दूसरे व देवदार सदन तीसरे स्थान पर रहे।कार्यक्रम के अंत में हेड टीचर देवेंद्र कुमार वर्मा ने सभी प्रतिभागियों की सराहना की और विजयी छात्रों को पुरुस्कृत किया। उन्होंने जानकारी दी कि स्कूल में नियमित तौर पर इस तरह के आयोजन होते रहते हैं।
Today ( July 15) is the birth anniversary of Kumaraswami Kamaraj who played a leading role in shaping India's political destiny.Twice he played a leading role in choosing the Prime Minister of India. After the passing away of Jawaharlal Nehru in 1964, he was the man who proposed Lal Bahadur Shastri as Prime Minister. Later when Shastri Ji passed away, it was K Kamaraj who played vital role in choosing Indira Gandhi as Prime Minister. Kamaraj became Chief Minister of Madras in 1954. He was perhaps the first non-English knowing Chief Minister of India. But it was during the nine years of his administration that Tamilnadu came to be known as one of the best administered States in India. Kamaraj Plan In 1963 K Kamaraj suggested to Jawahar Lal Nehru that senior Congress leaders should leave ministerial posts to take up organisational work. This suggestion came to be known as the 'Kamaraj Plan’. Nehru liked his proposal and the plan was later approved by the Congress Working Committee and was implemented within two months. As a result, Six Chief Ministers and six Union Ministers resigned under the plan. Kamaraj was later elected President of the Indian National Congress on October 9, 1963. Kamaraj was born in a backward area of Tamil Nadu on July 15, 1903. He was a Nadar, one of the most depressed castes of Hindu society. When he was eighteen, he responded to the call of Gandhiji for non-cooperation with the British. At twenty he was picked up by Satyamurthy, one of the leading figure of the Tamil Nadu Congress Committee, who would become Kamaraj's political guru. In April 1930, Kamaraj joined the Salt Satyagraha Movement at Vedaranyam and was sentenced to two years in jail. Kamaraj was elected President of the Tamil Nadu Congress Committee in February, 1940. He held that post till 1954. He was in the Working Committee of the AICC from 1947 till the Congress split in 1969,. Kamaraj was the third Chief Minister of Madras State ( Tamilnadu) during 1954–1963 and a MP , Lok Sabha during 1952–1954 and 1969–1975. Kumaraswami Kamaraj was honoured posthumously with India’s highest civilian award, the Bharat Ratna, in 1976.
The first counselling for self-financed seats in Undergraduate programmes of Dr YS Parmar University of Horticulture and Forestry (UHF), Nauni was held on Thursday at the university campus. Students from all over the country including Himachal, Haryana, Punjab, Jammu and Kashmir and North-eastern states appeared for the counselling.Over 350 students from all over the country who have secured 74 percent and above in the class 12 examination in English, Physics, Chemistry and Biology/ Maths appeared for seeking admission to B Sc (Hons) Horticulture, B Sc (Hons) Forestry and B Tech Biotechnology programmes run by the University at its four Constituent Colleges. The counselling was held at the Dr LS Negi Auditorium of the university where the committee verified all the documents of the students along with taking their preference of course and college. The seat allotment list will be put up on the university website on July 12 after 5 pm.Every year thousands of students from all over the country apply to seek admission in the horticulture, forestry and biotechnology programmes of the university. While the seats in the self-financed scheme are open to applicants from other states, the normal seats are reserved for students from Himachal Pradesh.
मानव भारती विवि में स्थित हैं मूर्ति, धर्मिक पर्यटन को मिलेगी उड़ान सोलन का लाडो गांव विश्व मानचित्र पर अंकित हो गया है। यहाँ दुनिया की सबसे ऊँची भगवान् हनुमान की मूर्ति बनकर तैयार है। ये मूर्ति मानव भारती विश्वविद्यालय में स्थित हैं। मानव भारती फाउंडेशन ने करीब अढ़ाई करोड़ रुपये की लागत से 156 फीट ऊँची भगवान हनुमान की इस मूर्ति का निर्माण करवाया हैं, जिसकी प्राण प्रतिष्ठा आगामी जल्द होने जा रही हैं। इसके बाद इस मूर्ति को आमजन को समर्पित कर दिया जायेगा। माना जा रहा हैं कि इस मूर्ती के निर्माण से मानव भारती यूनिवर्सिटी धार्मिक पर्यटन का एक नया डेस्टिनेशन बनेगा। इससे सोलन में धार्मिक पर्यटन को भी उड़ान मिलेगी और निसंदेह इससे स्थानीय लोगों को राेजगार भी मिलेगा। मूर्ती के दर्शन के लिए अलग से रास्ता बनाया है, ताकि पर्यटक यहां पर आसानी से दर्शन कर सके। प्रतिमा को ऐसी जगह स्थापित किया है जहां से यह चंडीगढ़ -शिमला राष्ट्रीय मार्ग के साथ साथ सोलन शहर की तरफ से आने वाली सड़क से दूर से नजर आती हैं। उल्लेखनीय हैं कि मानव भारती चैरिटेबल ट्रस्ट ने वर्ष 2014 में इस मू्र्ती के निर्माण का कार्य शुरू किया था और इसे बनाने में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया हैं ।इस प्रतिमा को बनाने का ज़िम्मा मूर्तिकार पद्मश्री नरेश कुमार को दिया गया है। नरेश कुमार वहीँ शख्स हैं जिन्होंने जाखू मंदिर शिमला में भगवान हनुमान की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण भी किया है। मूर्ति की विशेषताएं 1600 मीटर क्षेत्रफल में निर्मित मूर्ति का चेहरा 21 फीट, हथेली 19 फीट और पांव 26 फीट के हैं। भगवान हनुमान की प्रतिमा के गले में 20 इंच व्यास की रुद्राक्ष की माला बनाई गई हैं। इस मूर्ति का वजन करीब दो हजार टन है। मूर्ति के निर्माण में विशेष कोंकरीट का इस्तेमाल किया गया है जिसमें इसकी उम्र सैकड़ों वर्षों से भी अधिक होगी। ये प्रतिमा भूकंप रोधी है। इस मूर्ति की चमक बरसों बनी रहे, इसके लिए इसे मेटल कोट किया जा रहा है। मेटल कोटिड होने के कारण मूर्ति पर पक्षी या परजीवी नहीं आ सकेंगे। परिंदो को दूर रखने के लिए मूर्ति पर शाॅक वेर्वस भी लगाए जा रहे हैं। लिम्का बुक में दर्ज होगी सबसे ऊंची मूर्ति मानव भारती विवि में स्थापित की जा रही भगवान हनुमान की प्रतिमा दुनिया की जानी-मानी वैबसाईट विकिपीडिया पर जल्द दुनिया में सबसे ऊंची हनुमान की प्रतिमा की श्रेणी में नंबर वन का तगमा हासिल करने वाली है। इसके अलावा इसका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज हाेगा। मानव भारती फाउंडेशन ने इसके लिए सारे दस्तावेज तैयार करके भेज दिए हैं। अभी आंध्र प्रदेश में हैं सबसे ऊँचे हनुमान अभी दुनिया में सबसे ऊंची बागवान हनुमान की प्रतिमा आंध्र प्रदेश में स्थापित है जिसकी ऊंचाई 135 फीट है। दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची हनुमान की प्रतिमा उड़ीसा में स्थापित है जिसकी ऊंचाई करीब 109 फ़ीट है। वहीं शिमला व कर्नाटका में भी 108 फीट ऊंची हनुमान की प्रतिमा स्थापित है। इसके बाद महाराष्ट्र में 105 फीट ऊंची हनुमान की प्रतिमा स्थापित की गई है। वहीँ, दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा भगवान बुद्ध की है। यह प्रतिमा करीबन 502 फीट ऊंची है और चीन में स्थित हैं । चाहता हूँ धार्मिक पर्यटन बढे और लोगों को रोज़गार मिले- राणा मानव भारती विश्वविद्यालय के संस्थापक राज कुमार राणा ने बताया कि उनका मकसद अपने आराध्य भगवान हनुमान को यहां स्थापित कर प्रदेश में धार्मिक भावना के साथ पर्यटन को बढ़ावा देना है। साथ ही वे चाहते हैं कि इससे स्थानीय लोगों को रोज़गार मिले। राणा ने कहा कि हनुमान की उपासना से जीवन के सारे कष्ट, संकट मिट जाते है। बता दें कि हर मंगलवार को मानव भारती विवि में भंडारे का आयोजन होता हैं, जिसमें दूर- दूर से लोग प्रसाद ग्रहण करने पहुँचते हैं।
डॉ वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति पद को लेकर ज़ारी संशय समाप्त हो गया है। मंगलवार को डॉ परविंदर कौशल की नियुक्ति की अधिसूचना हिमाचल प्रदेश राज्यपाल सचिवालय द्वारा जारी की गई, जिसके बाद उन्होंने पदभार ग्रहण किया। डॉ॰ परविंदर कौशल, इससे पहले बिरसा कृषि विश्वविद्यालय,रांची,झारखंड के बतौर कुलपति कार्यरत थे। खासबात ये है कि डॉ॰ परविंदर कौशल जिला सोलन के ग्राम कहन्नी में जन्में डॉ कौशल नौणी विवि के पूर्व छात्र भी रह चुके हैं। उन्होंने अपनी एमएससी वानिकी की पढ़ाई विश्वविद्यालय से हासिल की है जिसके बाद फ्रांस के यूनिवर्सिटी ऑफ नैंसी से फॉरेस्ट्री में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। डॉ कौशल पिछले 35 वर्षों से शिक्षण, अनुसंधान और विकास, विस्तार और प्रशासन में सक्रिय रूप से शामिल हैं, जिसके बुते वे उसी विवि के उप कुलपति बने है , जहाँ कभी वे छात्र थे। डॉ परविंदर कौशल ने विभिन्न क्षमताओं में अलग अलग संस्थानों और विश्वविद्यालयों में अपनी सेवाएँ दी। इनमें से प्रमुख हैं, इंडियन काउंसिल फॉर फॉरेस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन देहरादून (1979-1981), पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, लुधियाना में असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर (1981-1992) और बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची में वानिकी संकाय में डीन (2005-2009)। नौणी विश्वविद्यालय में पर्यावरण, जल और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के राष्ट्रीय वनीकरण और पर्यावरण विकास बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक और समन्वयक के रूप डॉ कौशल ने कई वर्षो तक कार्य किया। 100 से अधिक शोध पत्र हो चुके है प्रकाशित डॉ कौशल ने 100 से अधिक शोध पत्र और तकनीकी रिपोर्ट प्रकाशित करने के अलावा 13 से अधिक पुस्तकों के अध्याय और मैनुअल लिखे हैं। उन्होंने 26 विश्व कांग्रेस और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है और 63 परियोजनाओं को संभाला है। कई पुरस्कारों से सम्मानित डॉ कौशल को 1989 में राष्ट्रीय युवा वैज्ञानिक पुरस्कार और 2014 में हिमाचल श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें फ्रेंच सरकार द्वारा भी वर्ष 1984 में डॉक्टरल अनुसंधान के लिए फेलोशिप प्रदान की गई थी। इसके अलावा, उन्होंने फ्रांस, इटली, यूनाइटेड किंगडम, मैक्सिको, ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, यूगोस्लाविया, बेल्जियम, हॉलैंड, स्पेन, एस्टोनिया, कनाडा, फिनलैंड, तुर्की, मलेशिया और श्रीलंका सहित कई देशों का दौरा किया है।
With an objective to develop a child into a good human being, having a well balanced and all-round well-developed personality, who can shoulder the responsibilities entrusted to him as a devoted citizen of the country, Pinegrove School is contribution its part amazingly in creating the future of the nation from last 26 years. In 1991 when School was started, there were very few students, but School management never compromised with their Mission & Vision, and as a result today Pinegrove School is renowned and respected for its high standards in moral and value education along with having a very strong reputation of maintaining the best academic standards coupled with good ethics and discipline. The best endeavour of the school is to rely on individual attention, personal care, affection and encouragement, to inculcate the habit of self-discipline and to develop high standards in moral and value education. Pinegrove School is committed to make sincere efforts to shape and mould the children, with the help of modern educational techniques and psychological handling, into responsible citizens and all-round well developed personalities, who have respect for their parents, loyalty for their country and develop a sense of fair-play, honesty and love for all mankind. About the School- Pinegrove School is an English medium, co-educational, residential public school with approx 950 Boarders. It has two wings, one at Dharampur and the other at Subathu. Both branches are situated in the sylvan and pollution free environment of Himachal Pradesh. It is affiliated to the CBSE, is member of the prestigious IPSC (Indian Public School’s Conference), is also member of the British Council sponsored UKIERI (UK-India Educational Research Initiative) and GSP (Global School Programme), Round Square Conference, the NCC (National Cadet Corps), the IAYP (International Awards for Young People) which was the erstwhile Duke of Edinburgh’s Award Program and is ISO 9001:2008 certified. Delivering Quality Education with SMART CLASSES- Pinegrove is fully IT enabled for the future and has all the facilities for imparting high quality education, like IT enabled E-classrooms (SMART CLASSES) networked with the computer labs for Computer-Aided-Teaching. Speed-Typing is taught and assists children in preparing for the demands of modern-day society. The school lays great stress on academics, along with giving full attention to various disciplines of sports and other activities. Proper care for the health and hygiene of children is taken to provide them with well balanced and tasty food so that they do not miss home and adjust well to hostel-life. First-rate Infrastructure- The school possesses a state-of-the-Art Auditorium with seating capacity of 750, Indoor Multi-Gym, Badminton Hall, National-sized Swimming Pool, 10 Mtr Indoor Shooting Range, Lush-green Playfields for outdoor games like Cricket, Soccer, Hockey, 200M Athletic track, hard-courts for Basketball, Squash and Tennis and indoor games like Pool/Billiards, Table Tennis, and Chess are also played. The school also has well-equipped and tastefully architected Art, Craft and Needlework rooms, wonderful facilities for Dance, Drama, Music, Band, Cooking, Carpentry, Sculpture etc and apart from all this children also take part in NCC Camps, Parade, Mass PT and Karate as well. The school lays great stress on public speaking, which plays a big role in the overall personality development of the child and also tries to ensure that children develop their aesthetic senses along with inculcating a love for nature through annual outdoor camps. Children are often sent overseas on Exchange Programmes and visits, which adds another important dimension to their education. Pledged to all-round development of children- Capt AJ Singh In the words of the Executive Director, Capt AJ Singh, “As compared to a day school, in Pinegrove we are lucky to have the time, inclination and infrastructure to do a lot more in the direction of child development. A rigorous routine keeps the students healthy and extremely busy. The well-knit schedule of a wide variety of sports and activities, adds to the all-round development and smartness of the child and undoubtedly brings him much closer to having acquired an exemplary education.”
The Krishi Vigyan Kendra (KVK) Chamba of the Dr YS Parmar University of Horticulture and Forestry (UHF), Nauni has been awarded at the national level for the successful implementation of the National Innovations in Climate Resilient Agriculture (NICRA) project in Lagga village of the district. NICRA is an ICAR funded project, which was started in 2011 throughout India in 100 KVKs, including four of Himachal. The project was launched to address the climatic vulnerability prevailing in these kendras. Climatic vulnerability like water scarcity, drought, dry spells, delayed monsoon, hailstorm, cold waves and prolonged winter season were addressed under this project. This NICRA model of KVK Chamba was awarded at the Annual Review Workshop of Krishi Vigyan Kendras, which was held recently at the Central Research Institute for Dryland Agriculture, Hyderabad in which representatives of 121 KVKs took part. Dr Kehar Singh Thakur, Scientist cum Nodal officer of NICRA represented KVK Chamba in this workshop and gave an oral and poster presentation in the workshop. He received the Best NICRA Award for Zone-1 from Dr AK Singh, ICAR Deputy Director General (Agricultural Extension). He also bagged the award for the best poster presentation at the workshop. Dr Thakur dedicated the award to everyone associated with the project since its inception in 2011, particularly the farmers of Lagga village. Dr HC Sharma, UHF Vice Chancellor and other faculty and staff also congratulated the team on their achievement. Under the project, KVK Chamba carried out interventions at village Lagga which falls under Mehla block of District Chamba. It comprises of seven small villages like Lagga, Pudhruin, Ghati, Osal, Hathla, Shakla and Prechha. In the first phase (2011-2016), 102 families were selected covering an area of 89 ha. under different interventions. Four modules-Natural Resource Management, Crop Production, Livestock and Fisheries, and Capacity Building were covered. Different interventions/ demonstrations were also carried out in these selected villages. In 2018, five more villages were adopted to upscale the proven technology of existing villages. Successful interventions include the introduction of spur-type apple plantations in 24.9 ha area, 64 polyhouses, crop diversification with cabbage (46.0 ha.), crop diversification cauliflower (59.5 ha.) and protected cultivation in .80 ha area. (Capsicum cucumber and tomato are grown under protected cultivation).