एचपीएस अधिकारी विनोद धीमान ने एसपी बद्दी का कार्यभार संभाल लिया है। एसपी बद्दी इल्मा अफरोज के छुट्टी पर जाने की वजह से रिक्त पड़े पद पर प्रदेश सरकार ने एचपीएस अधिकारी विनोद धीमान की तैनाती की है। पुलिस जि़ला बद्दी के नए कप्तान विनोद धीमान ने गुरुवार को जिला मुख्यालय में विधिवत कार्यभार सभाला। एएसपी अशोक वर्मा ने एसपी विनोद धीमान का स्वागत किया और एसपी कार्यालय में तैनात स्टाफ से परिचय करवाया। 2018 बैच की आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज पुलिस अधीक्षक बद्दी के अर्जित अवकाश अवधि के दौरान 2007 बैच के एचपीपीएस अधिकारी विनोद कुमार को एसपी बद्दी का कार्यभार सौंपा गया है। विनोद कुमार आठवीं बटालियन होम गार्ड चंबा में कमांडेंट के पद पर तैनात थे, जब तक आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज छुट्टी से वापस आकर कार्यभार ग्रहण नहीं कर लेती एसपी बद्दी के पद पर एसपी विनोद कुमार धीमान तैनात रहेंगे।
हिमाचल प्रदेश में पर्यटन विकास निगम (HPTDC) के सुधार की बातें तो होती हैं, लेकिन जब खुद सरकारी अधिकारी ही बकाया राशि का भुगतान नहीं कर रहे, तो सुधार की उम्मीद कैसे की जाए? ताजा मामला हमीरपुर DC ऑफिस से जुड़ा है, हैरानी की बात ये है कि हमीरपुर डीसी ऑफिस के पास पर्यटन निगम की 5 लाख रुपए की देनदारी बाकी है। 1 साल 4 महीने से हमीरपुर डीसी ऑफिस ने ये देनदारी पर्यटन निगम को नहीं दी है। इस मामले को लेकर पर्यटन निगम की ओर से हमीरपुर डीसी ऑफिस से 3 बार पत्राचार हो चुका है, लेकिन अभी तक इस राशि का भुगतान नहीं किया गया है। मामले की जानकारी पर्यटन निगम बिलासपुर के मैनेजर व डीडीओ तुलसीराम ठाकुर द्वारा दी गई। हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम बिलासपुर के मैनेजर व डीडीओ तुलसीराम ठाकुर ने बताया कि हमीरपुर डीसी ऑफिस के साथ-साथ डीसी ऑफिस कुल्लू, डीसी ऑफिस बिलासपुर, एम्स बिलासपुर, सीएमओ बिलासपुर, छात्रा स्कूल बिलासपुर की भी काफी सारी देनदारी पेंडिंग पड़ी हुई है, लेकिन अब पर्यटन निगम बिलासपुर ने इन सभी विभागों को पत्राचार कर दिया है। पर्यटन निगम ने सभी से जल्द से जल्द पेंडिंग पेमेंट को पूरा करने के लिए कहा है। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम एचपीटीडीसी ने 48 घंटे के अंदर रिकवरी के आदेश जारी किए हैं। हिमाचल हाईकोर्ट के 12 नवंबर के आदेशों के तहत निगम के प्रबंध निदेशक राजीव कुमार ने सभी होटल यूनिट प्रबंधकों को आदेश जारी किए हैं। अपने आदेशों में उन्होंने स्पष्ट कहा है कि सरकारी विभागों, बोर्ड और निगमों से जो पैसे की रिकवरी की जानी है, उसे 30 नवंबर तक पूरा कर लिया जाए। पर्यटन विकास निगम के होटलों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के एवज में देनदारियां न चुकाने के कारण निगम का घाटा बढ़ता जा रहा है। घाटा ज्यादा होने के चलते पर्यटन निगम अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स की देनदारी नहीं चुका पा रहा है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में पहले से ही पर्यटन निगम के होटल घाटे में चल रहे हैं। पर्यटन निगम की ओर से इन होटल्स को घाटे से उभारने की कोशिश की जा रही है, लेकिन सरकारी विभागों के पास लाखों रुपयों की राशि पेंडिंग है। ऐसे में पर्यटन निगम को उम्मीद है कि अगर इस राशि का उन्हें भुगतान हो जाता है तो इससे पर्यटन निगम को थोड़ी राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार विपक्ष के दुष्प्रचार से विचलित नहीं होगी और प्रदेश की जनता की भलाई के लिए काम करती रहेगी। रामपुर के दत्तनगर में हिमाचल के सबसे बड़े मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट के लोकार्पण अवसर पर जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की मदद के बिना प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 23 हजार परिवारों का पुनर्वास किया। सीएम ने कहा कि प्रदेश के किसानों से लिए जाने वाले दूध के दाम सरकार अगले साल के बजट में और बढ़ाएगी। अभी सरकार किसानों से गाय का दूध 45 रुपये और भैंस का दूध 55 रुपये प्रतिलीटर के हिसाब से खरीद रही है। पूर्व जयराम सरकार ने बिना बजट और पर्याप्त स्टाफ के शिक्षण और स्वास्थ्य संस्थान खोले। चुनावी लाभ के लिए 5,000 करोड़ की रेवड़ियां बांटीं। सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार पशुपालन विभाग में 900 पशु फार्मासिस्टों की भर्ती करने जा रही है, ताकि पशुपालकों को घरद्वार पर बेहतर सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार के कार्यों के कारण ही हिमाचल गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं देने में देशभर में पिछड़ गया। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार देवी-देवताओं और जनता के आशीर्वाद से हर चुनौती पर विजय प्राप्त कर रही है। राजनीतिक चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करते हुए कांग्रेस पार्टी के विधायकों की संख्या फिर से 40 हो गई है।
हिमाचल में सैलानियों की संख्या में इजाफा हुआ है। वीकेंड पर एक साथ तीन छुट्टियों के चलते हिमाचल में टूरिस्ट की संख्या बढ़ी हैं। शिमला, कुफरी, कसौली, चायल, नारकंडा, मनाली और धर्मशाला में बड़ी संख्या में टूरिस्ट उमड़े हैं। प्रदेश के होटलों में ऑक्यूपेंसी बढ़कर 50 फीसदी तक पहुंच गई है। रोहतांग सहित प्रदेश की ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी के बाद सैलानियों का आकर्षण बढ़ा है। विंटर टूरिस्ट सीजन से पहले हिमाचल में सैलानियों की संख्या बढ़ने से पर्यटन कारोबारी उत्साहित हैं। रोहतांग में हुई बर्फबारी के बाद बाहरी राज्यों के सैलानियों ने मनाली का रुख करना शुरू कर दिया है। बीते एक सप्ताह में मनाली पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या करीब दोगुनी हो गई है। शिमला, कसौली, चायल, कुफरी और नारकंडा में भी वीकेंड पर टूरिस्टों की आवाजाही बढ़ गई है। शिमला के रिज मैदान और मालरोड पर शुक्रवार को सैलानियों की खूब चहलपहल रही। कुफरी में सैलानियों ने घुड़सवारी का लुत्फ उठाया। नारकंडा की हाटू पीक पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई है। शुक्रवार को कसौली में सैलानियों की संख्या बढ़ने से ट्रैफिक जाम की समस्या पेश आई। फेडरेशन ऑफ ऑल हिमाचल होटल एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि लांग वीकेंड पर हिमाचल के पर्यटन स्थल सैलानियों से गुलजार हो गए हैं। विंटर टूरिस्ट सीजन से पहले वीकेंड पर टूरिस्टों की संख्या बढ़ने से आने वाले दिनों में अच्छे कारोबार की उम्मीद है। रोहतांग में हुई बर्फबारी के बाद मनाली में सैलानियों की संख्या में इजाफा हुआ है। वीकेंड पर तीन दिन की छुट्टियों के पैकेज के चलते भारी संख्या में सैलानी हिमाचल पहुंचे हैं। होटलों में ऑक्यूऐंसी 50 फीसदी तक पहुंच गई है। अच्छी बर्फबारी हाेने पर सैलानियों की संख्या में बूम आएगा
** 13 देशों के 107 पायलट लेंगे भाग धर्मशाला: कांगड़ा जिले के धर्मशाला के पास नरवाणा स्थित पैराग्लाइडिंग साइट में धौलाधार पैराग्लाइडिंग एक्यूरेसी प्री-वर्ल्ड कप का आयोजन किया गया है, जिसके लिए आयोजकों ने पूरी तरह से तैयारियां कर ली हैं और आज से यानी 16 नवंबर से 20 नवंबर तक आयोजित की जाएगी। इस प्रतियोगिता के लिए 13 देशों के 107 पायलट ने पंजीकरण करवा है। यही नहीं आयोजकों द्वारा नरवाणा रोड के समीप ही नई लैंडिंग साइट भी विकसित की जा रही है। ऐसे में अगले साल नरवाणा पैराग्लाइडिंग साइट में एक्यूरेसी प्री-वर्ल्ड कप से भी बड़ा आयोजन होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। गौरतलब है कि पिछले वर्ष भी नरवाणा पैराग्लाइडिंग साइट पर एक्यूरेसी प्री-वर्ल्ड कप का आयोजन किया गया था, जिसमें देश-विदेश के पायलटों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की थी। नरवाणा पैराग्लाइडिंग साइट की वर्तमान लैंडिंग साइट लोगों के खेतों में है। यही नहीं लैंडिंग साइट के साथ लोगों के घर भी हैं, ऐसे में साल भर मौसम साफ होने पर पैराग्लाइडिंग गतिविधियों का संचालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अब नई लैंडिंग साइट पर भी काम शुरू हो चुका है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हाईकोर्ट में सीपीएस की नियुक्तियां निरस्त होने के बाद प्रदेश मंत्रिमंडल की आज बैठक होगी। शिमला स्थित प्रदेश सचिवालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली मंत्रिमंडल की इस बैठक में हाईकोर्ट में सीपीएस की नियुक्तियां निरस्त होने पर चर्चा हो सकती है। वहीं, प्रदेश की सुक्खू सरकार का दो साल का कार्यकाल 11 दिसंबर को पूरा होने जा रहा है। ऐसे में कैबिनेट की मीटिंग में दो साल का कार्यकाल पूरा होने को लेकर मनाए जाने वाले जश्न को लेकर भी चर्चा हो सकती है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में करुणामूलक आधार पर नियुक्ति देने से संबंधित विषय को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की सिफारिशों पर बैठक में चर्चा होने की संभावना है। इसी तरह से विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी होना है, जिस पर भी कैबिनेट की चर्चा हो सकती है। हिमाचल में आगामी बजट को लेकर सरकार ने अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी है। इसको लेकर मुख्यमंत्री पहले ही मंत्रिमंडल के सहयोगियों और अधिकारियों के साथ बैठक कर चुके हैं, जिसमें मंत्रियों से अपने-अपने विभागों से संबंधित प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है, ताकि इसे बजट में शामिल करके आम जनता को फायदा पहुंचाया जा सके। हिमाचल में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है। प्रदेश में साल 2022 हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की भी गारंटी दी थी। हर बार कैबिनेट की मीटिंग में सरकार का नए पदों को सृजित कर इन्हें भरे जाने का प्रयास रहता है। ऐसे में आज आयोजित होने वाली कैबिनेट की बैठक में विभिन्न विभागों में और भी नए पद सृजित किए जा सकते हैं। इसको देखते हुए युवाओं को कैबिनेट की मीटिंग से काफी उम्मीदें रहती है। सीएम सुक्खू की अध्यक्षता में पिछली कैबिनेट बैठक 22 अक्टूबर को आयोजित हुई थी, जिसमें मंत्रिमंडल ने वन विभाग में 2,061 वन मित्रों की नियुक्ति को मंजूरी दी थी। इसी तरह से कैबिनेट ने मुख्यमंत्री आरोग्य पशुधन योजना के तहत प्रदेश के पशु चिकित्सालय में सालों से सेवाएं दे रहे GPVA को नियमित करने के लिए 964 पद सृजित किए थे। वहीं, कैबिनेट ने लोक निर्माण विभाग में वर्क इंस्पेक्टर के 100 पदों को भरने की भी मंजूरी दी गई थी। इसके अलावा सुक्खू कैबिनेट ने डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, हमीरपुर में 150 स्टाफ नर्स के पद भरने का भी फैसला लिया था। इसी तरह से मंत्रिमंडल ने चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर में सामान्य चिकित्सा, शिशु रोग, सामान्य शल्य चिकित्सा, अस्थि रोग, एनेस्थीसिया और रेडियोलॉजी विभागों में छह एसोसिएट प्रोफेसर के पद और 10 सहायक प्रोफेसर पद सृजित कर भरने का भी फैसला लिया गया था।
डाडा सीबा के विश्रामगृह में शुक्रवार को व्यापार मंडल के प्रधान राजेंद्र सिंह गोगा की अगुवाई में सभी व्यापारियों ने दुकानदार पवन शर्मा का टोपी पहनाकर व समृति चिन्ह देकर का मान सम्मान किया गया। पवन शर्मा पिछले 32 वर्षों से डाडा सीबा बाजार में मनियारी की दुकान के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे अब उन्होंने अपनी दुकान सयूलखड में स्थानांतरित कर दी है । पवन शर्मा व्यक्तिगत तौर पर बहुत ही मिलनसार हंसमुख ईमानदार व्यक्तित्व के मालिक है इस मौके पर डाडा सीबा के पूर्व प्रधान धर्मचंद, व्यापार मंडल के उप प्रधान सूरज वर्मा, दंगल कमेटी के प्रधान रितेश शर्मा ,नवजीत सिंह, गुरमीत, रमेश कुमार, रजत सूद, काका, प्रवीण मेहता ,जितेंद्र सिंह, कृष्ण दत शर्मा, आकाश शर्मा ,काका रिंकू ,राजू मैहरा, नवीन मेहता, रमेश मेहता व सोनू मेहरा इस मौके पर उपस्थित रहे
पधर(मंडी)। क्षेत्र के बेरोजगार युवक युवतियों के लिए रोजगार का सुनहरा अवसर है। इवान सिक्योरिटी फंक्शन प्राइवेट लिमिटेड शिमला द्वारा बीस नवंबर को उपमंडलीय रोजगार पधर में विभिन्न पदों के लिए साक्षात्कार लिए जाएंगे। जिसमें सिक्योरिटी गार्ड के 80 और सिक्योरिटी सुपरवाइजर के 20 पदों हेतु साक्षात्कार लिया जाएगा। उप मंडलीय रोजगार अधिकारी नीरज शर्मा ने कहा कि निर्धारित योग्यता दसवीं, जमा दो, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएट और एमबीए या इससे अधिक को महत्ता दी जाएगी। उम्मीदवार की आयु 20 से 36 वर्ष के समकक्ष होनी चाहिए। पुरुष वर्ग की लंबाई 57 सेंटीमीटर और वजन 60 किलोग्राम तथा महिला वर्ग की 54 सेंटीमीटर और वजन 48 किलोग्राम होना चाहिए। आवेदक शारीरिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए। चयनित उम्मीदवारों को कंपनी द्वारा 12000 से 25000 रुपये प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा। इच्छुक उम्मीदवार अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र, मूल दस्तावेज, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो सहित 20 नवंबर को प्रातः 11:00 बजे रोजगार कार्यालय में स्थिति दर्ज करवाएं।
नगर नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्मानी ने बताया कि घुमारवीं से एम्स तक चलने वाली बस सेवा के मार्ग में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। घुमारवीं से सुबह 7:40 बजे एम्स जाने वाली बस अब कुठेड़ा से प्रस्थान करेगी। यह बस सुबह 6:40 बजे कुठेड़ा से चलकर घुमारवीं होते हुए एम्स पहुंचेगी। राजेश धर्मानी ने बताया कि इस बस सेवा के मार्ग और समय सारणी में बदलाव से कुठेड़ा से घुमारवीं के बीच स्थित 10 पंचायतों के हजारों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। यह निर्णय इन पंचायतों के निवासियों के अनुरोध पर लिया गया है, जिन्होंने हाल ही में मंत्री से भेंट कर इस बस सेवा को उनके क्षेत्रों से संचालित करने की मांग की थी। मंत्री ने जनता की जरूरतों को समझते हुए इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। इन पंचायतों को मिलेगा सीधा लाभ : इस नई बस सेवा से कुठेड़ा, तलवाड़ा, पटेर, भुलस्वाएं, मोर सिंघी, कोठी, त्यून खास, लद्दा, मैंहरी काथला, दाबला पंचायतों के करीब 20,000 निवासियों को सुविधा मिलेगी। एम्स जैसे प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान तक पहुंच अब इन क्षेत्रों के लोगों के लिए अधिक सुगम हो जाएगी। इस बस सेवा का प्राथमिक उद्देश्य यह है कि परिवहन सुविधा न केवल स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच आसान बनाएगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास में भी सहायक होगी। मंत्री ने बताया कि यह बस सेवा खासतौर पर एम्स में उपचार के लिए जाने और वापस आने वाले यात्रियों को ध्यान में रखकर समयबद्ध की गई है। यह कदम ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों के लिए यात्रा को सरल, सुगम और अधिक सुविधाजनक बनाएगा। बस सेवा की नई समय सारणी: कुठेड़ा से एम्स: सुबह 6:40 बजे कुठेड़ा से प्रस्थान सुबह 7:40 बजे घुमारवीं बस स्टैंड पहुंचना सुबह 8:30 बजे एम्स पहुंचना एम्स से कुठेड़ा : शाम 5:05 बजे एम्स से प्रस्थान शाम 6:00 बजे घुमारवीं पहुंचना शाम 7:00 बजे कुठेड़ा पहुंचना
सोलन देऊंघाट की रहने वाली एक नाबालिग लड़की घर में पड़ी डांट से ऐसे उखड़ी की घर छोड़कर ही चली गई। पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए किशोरी को सोलन के नडोह गांव के पास से बरामद करके परिजनों के हवाले कर दिया है। सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार देऊंघाट निवासी एक महिला ने सदर पुलिस थाने को दी गई शिकायत में कहा कि उनकी 14 वर्ष की बेटी 12 नवंबर को घर से स्कूल के लिए निकली थी। लेकिन इसके बाद वह घर नहीं लौटी। महिला ने बताया कि काफी खोजबीन के बाद भी उन्हें बेटी का कहीं सुराग नहीं मिला। पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता के तहत मामला दर्ज करके त्वरित प्रभाव से किशोरी की तलाश शुरू की। काफी प्रयास के बाद सोलन के नडोह गांव के पास किशोरी पुलिस के हाथ लग गई। इसके बाद पुलिस ने किशोरी का सोलन के जोनल चिकित्सालय में मेडिकल परीक्षण कराने के बाद परिजनों के हवाले कर दिया। एसपी सोलन के अनुसार पूछताछ में पता चला कि किशोरी माता पिता से मनमुटाव के बाद बिना बताए घर से निकल गई थी। एसपी के अनुसार मामले की जांच जारी है।
आज साई संजीवनी इंस्टीट्यूट और हॉस्पिटल, सोलन में विश्व मधुमेह दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कॉलेज के चेयरमैन डॉ. संजय अग्रवाल और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. सविता अग्रवाल ने विद्यार्थियों को विश्व मधुमेह रोग के बारे में जानकारी दी। इस साल के विश्व मधुमेह दिवस का विषय "बाधाओं को तोड़ना, अंतराल लाना: उपचार और देखभाल तक समान पहुंच पर जोर देना" था, जिसके विषय पर पूरा कार्यक्रम आयोजित किया गया। विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर बच्चों ने रंगोली बनाई और मधुमेह के कारणों, लक्षणों और उसके उपचार के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर कॉलेज के चेयरमैन डॉ. संजय अग्रवाल ने बच्चों को मधुमेह के बारे में और इसके बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने मुख्य लक्षणों जैसे पॉलीयूरिया (बार-बार पेशाब आना), पॉलीडिप्सिया (अधिक प्यास लगना), और पॉलीफेजिया (अधिक भूख लगना) के बारे में बताया। इसके साथ ही, उन्होंने सामान्य रक्त शर्करा स्तर के बारे में भी जानकारी प्रदान की। इसी अवसर पर, डॉ. संजय अग्रवाल और डॉ. सविता अग्रवाल ने बच्चों को बाल दिवस की शुभकामनाएं दीं और निरंतर इस तरह के कार्यक्रमों के बारे में जागरूक रहने की प्रेरणा प्रदान की। कॉलेज की प्रिंसिपल दिवया व सभी अध्यापक उपस्थित रहे।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पट्टाबरावरी ने अपना वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह विद्यालय परिसर में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया। समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे मदन लाल बदन सेवानिवृत वरिष्ठ लेखा अधिकारी कार्यालय प्रधान महा लेखाकार हिमाचल प्रदेश शिमला का विद्यालय परिवार द्वारा फूलमालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया गया। सरस्वती वंदना और वंदे मातरम के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। विद्यालय प्रधानाचार्य कमलेश चौहान व स्टाफ द्वारा मुख्य अतिथि को शॉल टोपी व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। विद्यालय प्रधानाचार्य ने मुख्य अतिथि व अन्य अतिथियों का स्वागत कर विद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट सबके सामने रखी। उन्होंने कहा कि विद्यालय के छात्र छात्रा पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद व अन्य सामाजिक गतिविधियों में भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेकर विद्यालय व क्षेत्र का नाम रोशन कर रहे हैं। समारोह में विद्यालय के बच्चो द्वारा एक से एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, जिसमें नाटी, गिद्दा,,समूह गान, भांगड़ा , पंजाबी ,राजस्थानी व पहाड़ी कार्यक्रम प्रस्तुत कर बच्चो ने खूब वाहवाही लूटी। मुख्य अतिथि ने अपने सम्बोधन में विद्यालय को वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह की बधाई देते हुए बच्चो से अपील करते हुए कहा कि अपने अध्यापकों व अभिभावकों के मार्ग दर्शन में अपने जीवन में कामयाबी हासिल कर अपना कैरियर बनाए तथा समाज में फैल रहे जानलेवा नशे से दूर रहे। उन्होंने कहा कि हमें पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद व अन्य सामाजिक गतिविधियों में भी बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए। अंत में मुख्यातिथि ने वर्षभर की विद्यालय गतिविधियों में अव्वल रहने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर गोपाल शर्मा, सुखराम, राम कौशल, डी डी कश्यप, दीश सिंह, लायक राम, हरीश कौशल, नेक राम कौंडल, शिवदत शर्मा, ख्यालीराम, कन्हैयालाल,अ जीत आदि मौजूद रहे।
** कुमारी जॉनसन बेस्ट गर्ल और सुनील बेस्ट वालंटियर बॉय चुने पधर: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कटिंडी में 7 दिवसीय NSS विशेष शिविर गरूवार को संपन्न हुआ। समापन समारोह में सेवानिवृत्ति प्रधानाचार्य प्रवीण वर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। पाठशाला के कार्यवाहक प्रधानाचार्य जगदीश ठाकुर ने मुख्य अतिथि को सम्मानित कर सत्कार किया। इस दौरान मुख्य अतिथि प्रवीण वर्मा ने स्वयंसेवकों को शिविर में आयोजित गतिविधियों को जीवन मे व्यावहारिक रूप से अमल में लाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि युवा सेवाभाव का परिचय देते हुए समाज और राष्ट्र निर्माण में अपनी विशेष भूमिका निभाएं। वहीं सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए आम लोगों को भी जागरूक करें। NSS कार्यक्रम अधिकारी डॉ. कमल किशोर और रंजना मंढोत्रा ने शिविर दौरान आयोजित की गई तमाम गतिविधियों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। इस दौरान कुमारी जॉनसन को बेस्ट वालंटियर गर्ल और सुनील ठाकुर को बेस्ट वालंटियर बॉय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 7 दिवसीय विशेष शिविर में 25 स्वयंसेवी छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।
बिलासपुर जिले में स्थित गोबिंदसागर झील को पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाने के उद्देश्य से अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह की तर्ज पर आइलैंड टूरिज्म विकसित करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए जल्द ही कार्ययोजना तैयार की जाएगी। इस परियोजना के तहत उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक और एसडीएम सदर अभिषेक गर्ग ने झील के ज्योरीपत्तन क्षेत्र का निरीक्षण किया। जहां एक बड़े द्वीप को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है। उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि निरीक्षण के दौरान यह द्वीप पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए उपयुक्त पाया गया है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन को एक नई दिशा मिलेगी और झील के प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ावा मिलेगा। इस बड़े द्वीप की खासियत यह है कि यह पानी में स्थित होने के बावजूद आठ से नौ महीने तक पानी से ऊपर रहता है। यह विशेषता इसे पर्यटकों के लिए आदर्श स्थल बनाती है, जहां वे बिना किसी समस्या के प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। इस परियोजना का उद्देश्य बिलासपुर को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करना और पर्यटकों को झील में अनूठे अनुभव प्रदान करना है। अंडमान-निकोबार की तरह यहां वॉटर स्पोट्र्स, कैंपिंग और स्थानीय संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों का आयोजन कर इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल में बदलने का प्रयास किया जा रहा है। ज्योरीपत्तन क्षेत्र में ईको फ्रेंडली कैंपिंग साइट्स विकसित की जाएंगी, जहां पर्यटक रात में बोनफायर और स्थानीय संगीत का आनंद ले सकेंगे। झील के चारों ओर नेचर ट्रेल्स और हाइकिंग रूट्स बनाए जाएंगे, जहां प्रकृति प्रेमी क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव कर सकेंगे। उपायुक्त के अनुसार स्थानीय संस्कृति व व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए फूड और कल्चरल फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय कलाकारों द्वारा पारंपरिक नृत्य, संगीत व नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे। उपायुक्त ने कहा कि झील में ज्योरीपत्तन का यह विकास न केवल क्षेत्रीय पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, बल्कि बिलासपुर को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।
बाल विकास परियोजना देहरा के अधीन उपमंडल ज्वालामुखी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के तीन तथा आंगनबाड़ी सहायिका के 17 रिक्त पद भरे जाएंगे। बाल विकास परियोजना अधिकारी देहरा सुशील शर्मा ने जानकारी दी कि ग्राम पंचायत मझीण के मझीण केंद्र , ग्राम पंचायत मझीण के दबकेहड़ केंद्र, ग्राम पंचायत सिहोरपाई के जजबाड़ केंद्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद भरे जाने हैं। वहीं मझीण के दबकेहड़, टिप्परी के डुहक, कमलोटा के कमलोटा, हड़ोली के बाह, बदोली के डोल, खुंडिया के अंबाडा, सिहोरपाई के बन चेल्लिया, जखोटा के वोहल जागीर , अलूहा के भौंरन, थिल के थिल, हिरण के हिरण, टिहरी के कण्डा टिहरी, सलिहार के काई, अधवाणी के जटेहड़, गाहलियां के बल्ला, डोहग देहरियां के ठाणा , नाहरबन के पंजयाड़ा केंद्रों में सहायिका के पद भरे जाएंगे। उन्होंने बताया कि इन पदों के लिए पात्र उम्मीदवार सादे कागज पर अपने संपूर्ण दस्तावेजों सहित 9 दिसंबर 2024 शाम 5 बजे तक बाल विकास परियोजना अधिकारी देहरा के कार्यालय में आवेदन जमा करवा सकते हैं। आवेदन के लिए 18 से 35 वर्ष आयु वर्ग की महिला उम्मीदवार ही पात्र होंगी। उम्मीदवार उसी आंगनबाड़ी केंद्र के सर्वे क्षेत्र की स्थाई निवासी हो। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के लिए जमा दो पास होना आवश्यक है। उम्मीदवार के परिवार की समस्त साधनों से वार्षिक आय 50 हजार रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। जिन महिला उम्मीदवारों ने उपरोक्त पदों के लिए पहले से आवेदन किया हुआ है, उन्हें दोबारा करने की आवश्यकता नहीं है।
कथोग स्तिथ लॉरेट इंस्टिट्यूट में डिपार्टमेंट ऑफ़ फार्मसूटिक्स एव इंटरनल क्वालिटी अशुरन्स सेल के दवारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का विषय कैरेक्टराइजेशन ऑफ़ नैन पार्टिकल्स एंड पार्टिकल रियोलॉजी था। इस अवसर पर मुख्यबक्ता मिस्टर अमित भाटिआ प्रोडक्ट स्पेसलिस्ट ऐमिल लिमिटेड दिल्ली, मिस्टर मंजीत सिंह सीनियर बिज़नेस मैनेजर ऐमिल लिमिटेड चंडीगढ़, मिस्टर राजीव कुमार असिस्टेंट बिज़नेस मैनेजर रहे। संस्थान के प्रबंधक एवं निर्देशक डॉ रण सिंह वर्चूअली इस कार्यक्रम में मौजूद रहे। लॉरेट संसथान के प्राचार्य एवं कैंपस निर्देशक डॉ एम एस आशावत ने मुख अतिथियों का स्वागत गुलदस्ता भेंट करके किया। इस कार्यक्रम में दो सौ से ज्यादा प्रतिभागियों ने भाग लिया। डॉ एम एस आशावत ने सम्भोधित करते हुआ कहा कि स्वागत भाषण कार्यक्रम की रूपरेखा और उद्देश्यों को स्पष्ट करता है, जिससे सभी प्रतिभागियों में उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। स्वागत भाषण से समारोह की गरिमा बढ़ती है और एक सौहार्दपूर्ण वातावरण बनता है। मुख्य वक्ताओं ने नैनोटेक्नोलाजी के बारे में जानकारी साँझा की उन्होंने बताया नैनोटेक्नोलॉजी, विज्ञान और इंजीनियरिंग की एक शाखा है, जिसमें परमाणुओं और अणुओं में हेरफेर करके नई संरचनाओं, उपकरणों, और प्रणालियों को डिज़ाइन किया जाता है। परमाणु स्तर पर परिवर्तन करके, शोधकर्ता किसी पदार्थ के रासायनिक और भौतिक गुणों को बदल सकते हैं। इससे बेहतर सहनशीलता और बढ़ी हुई चालकता सहित बेहतर गुणों वाली नई मैक्रोटेक्नोलॉजी विकसित हो सकती है और नैनोटेक्नोलाजी विज्ञानं के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है उन्होंने छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा नैनोटेक्नोलॉजी से ऊर्जा क्षेत्र, कृषि , चिकिस्तक आदि क्षेत्रों में अपने भविष्य को निखार सकते हैं। साथ ही साथ उन्होंने ने पार्टिकल रियोलॉजी के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा रियोलॉजी का फ़ार्मास्यूटिकल क्षेत्र में कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है। कण रियोलॉजी, रियोलॉजी और कण मापदंडों के बीच संबंधों को समझने से जुड़ा है। रियोलॉजी, पदार्थों के प्रवाह और गति के अध्ययन से जुड़ा विषय है। इसमें तरल पदार्थ और ठोस दोनों शामिल हैं। इस कार्यक्रम में एच ओ डी डॉक्टर विनय पंडित एवं डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो सी पी एस वर्मा, डॉ परवीन, डॉ अमरदीप अंकलगी, डॉ अदिति, एसोसिएट प्रो शिव कुमार खुशवा, डॉ मयंक, डॉ स्वाति सहायक प्रोफेसर डिंपल, सहा प्रो अर्चना, सहा प्रो देव राज तथा स्टाफ के अन्य सदस्य मौजूद रहे।
भारतीय जनता पार्टी सोलन के जिलाध्यक्ष रतन सिंह पाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के महत्वपूर्ण फैंसले ने साबित कर दिया कि हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार ने किस प्रकार गैर कानूनी तरीके से मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति करते हुए दो साल व्यतीत कर दिए। लगातार हिमाचल प्रदेश के पैसे का दुरूपयोग हुआ, शक्तियों का दुरूपयोग हुआ, 6 मुख्य संसदीय सचिव बनाकर उनको मंत्रियो के बराबर शक्तियां देना गैर कानूनी रहा, संविधान के खिलाफ रहा। पाल ने कहा कि हम हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं, जिन्होनें सभी 6 मुख्य संसदीय सचिवों को पदमुक्त करने का निर्देश दिया। इनकी शक्तियां व कानून को समाप्त करने का जो फैंसला किया, वो स्वागत योग्य कदम है और हिमाचल प्रदेश की जनता के साथ अन्यायपूर्ण रवैया वर्तमान कांग्रेस सरकार ने किया है, हम उसकी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू द्वारा यह फैसला असंवैधानिक और तानाशाहीपूर्ण तरीके से लिया गया था। भारतीय जनता पार्टी मांग करती है कि सीपीएस के पद पर नियुक्त किए गए सभी विधानसभा सदस्यों की सदस्यता भी रद्द की जाए। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बाद भी सरकार द्वारा तानाशाही पूर्ण तरीके से यह नियुक्ति अपने इस विधायकों को खुश रखने के लिए की गई थी, जिसका खर्च प्रदेश के आम टैक्स पेयर्स को उठाना पड़ा। सुक्खू सरकार ने यह निर्णय संविधान के दायरे के बाहर रहकर लिया था, जिसे आज न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया है। सरकार द्वारा किए गए इस फैसले से स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी की सरकार संविधान के बजाय अपने प्रावधानों से चलना पसंद करती है। पाल ने कहा कि भाजपा पहले दिन से ही सीपीएस बनाने के फैसले के खिलाफ थी क्योंकि यह असंवैधानिक था। न्यायालय के आदेशों की उल्लंघना थी। इसके विरुद्ध भाजपा ने आवाज उठाई, न्यायालय गए और सरकार के इस फैसले को चुनौती दी गई। असंवैधानिक निर्णय को औचित्यपूर्ण ठहराने में सुक्खू सरकार ने हर स्तर पर राज्य के संसाधनों का प्रयोग किया। पहले हमारी पार्टी के नेताओं के द्वारा दाखिल की गई याचिकाओं के औचित्य पर सवाल उठाने में प्रदेश के करोड़ों रुपए वकीलों की फीस में खर्च की जो ऊर्जा और संसाधन प्रदेश के विकास के लिए लगाए जाने थे उन्हें सरकार ने अपने तानाशाही फैसलों को जायज ठहराने में खर्च किए।
हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में स्टेट काउंसिल ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग (एससीवीटी) की परीक्षाएं ऑनलाइन करवाने का फैसला लिया है। इसके कारण जहां कागजों की बचत होगी तो वहीं परिणाम भी समय पर निकाला ज सकेगा। बता दें कि तकनीकी शिक्षा बोर्ड की ओर से हर वर्ष औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में एससीवीटी परीक्षा ऑफलाइन मोड पर करवाई जाती है। इस प्रणाली में समय के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। लिहाजा, अब बोर्ड ने बदलाव करते हुए परीक्षा का संचालन ऑनलाइन मोड पर करवाने का फैसला लिया है। इसके लिए बोर्ड की ओर से पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। इस बार से अब ऑनलाइन ही परीक्षाएं करवाई जाएंगी। एससीवीटी की परीक्षाएं ऑनलाइन करवाने के लिए सितंबर में ट्रायल हुआ था। प्रदेश भर में स्थापित 15 केंद्रों पर ऑनलाइन मोड पर 23 ट्रेडों की परीक्षाएं करवाई गई थीं। ट्रायल सफल रहा था। सिर्फ दो ट्रेडों की परीक्षाएं ऑनलाइन नहीं हो पाई थीं, क्योंकि उन विषयों का अधिकतर भाग थियोरी पर आधारित था। ऑनलाइन आयोजित हुई परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों से एमसीक्यू प्रश्न पूछे गए थे। ऑनलाइन परीक्षा के दौरान टाइमर कंप्यूटर स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा, जिसके चलते अभ्यर्थियों को समय का भी साथ-साथ पता चलता रहेगा। ऑनलाइन परीक्षा का एक फायदा यह भी होगा कि अगर परीक्षा के दौरान विद्युत आपूर्ति बाधित होती है तो परीक्षा का समय भी रुक जाएगा। जैसे ही फिर बिजली आएगी, तो परीक्षा का टाइम वहीं से शुरू होगा, जहां से बिजली गुल हुई थी। हिमाचल प्रदेश तकनीकी शिक्षा बोर्ड ने एससीवीटी परीक्षाओं के आयोजन के लिए एक नई पहल की है। इस बार से ट्रेड शुरु होने के दौरान ली जाने वाली एससीवीटी परीक्षाओं का आयोजन कंप्यूटर आधारित परीक्षण (सीबीटी) के तहत लिया गया है। इससे जहां कागज की की बचत हुई है, वहीं अन्य भी कई प्रकार के लाभ मिले हैं हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर ने दिसंबर व जनवरी माह में प्रस्तावित परीक्षाओं के लिए परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि 16 नवंबर तक बढ़ाई है। पूर्व में आवेदन के लिए 12 नवंबर तक का समय प्रदान किया गया था, परंतु कुछेक विद्यार्थी निजी कारणों से आवेदन नहीं कर पाए थे। अब तिथि बढ़ने से स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षा के नियमित सेमेस्टर और रि-अपीयर के विद्यार्थी 16 नवंबर तक बिना विलंब शुल्क के ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भर सकते हैं। तकनीकी विवि के परीक्षा नियंत्रक कमल देव सिंह कंवर ने कहा कि दिसंबर 2024 और जनवरी 2025 में प्रस्तावित परीक्षा की संभावित तिथियां भी घोषित कर दी हैं। विद्यार्थी उपरोक्त तिथि तक ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा फॉर्म भर सकते हैं।
शिमला के रोहड़ू के अन्द्रेव्ठी गांव की रहने वाली शिव्या बालनाटाह ने बनाया विश्व रिकॉर्ड । एक असाधारण उपलब्धि में, रविकांत बालनाटाह की पोती और अभय बालनाटाह और आकांक्षा बालनाटाह की बेटी, बेबी शिव्या बालनाटाह ने विश्व रिकॉर्ड बनाकर इतिहास रच दिया है। केवल 1 साल, 11 महीने और 20 दिन की छोटी सी उम्र में, उन्होंने 40 देशों के झंडों और उनकी राजधानियों की पहचान सिर्फ 1 मिनट 45 सेकंड में की। यह असाधारण उपलब्धि को आधिकारिक तौर पर विश्व रिकॉर्ड बुक द्वारा मान्यता दी गई है। शिव्या बालनाटाह को 12 नवंबर, 2024 को इंदौर, मध्य प्रदेश में आयोजित विश्व रिकॉर्ड बुक सम्मेलन में सम्मानित किया गया। शिव्या की इस विश्व रिकॉर्ड की यात्रा बहुत जल्दी शुरू हो गई थी। उनके माता-पिता ने उनकी सहज जिज्ञासा और तेज बुद्धि को पहचानते हुए उन्हें झंडों और राजधानियों की दुनिया से परिचित कराया। एक मजेदार सीखने की गतिविधि के रूप में शुरू हुआ, यह जल्द ही एक जुनून में बदल गया, क्योंकि शिव्या ने जानकारी को याद रखने और याद करने की अद्भुत क्षमता प्रदर्शित की। उनके समर्पण और लगातार अभ्यास, साथ ही उनके माता-पिता के अटूट समर्थन ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि को हासिल किया। यह शिव्या की पहली मान्यता नहीं है। इस साल की शुरुआत में, उन्हें आकृतियों, वस्तुओं, जानवरों और मानवीय भावनाओं की पहचान करने सहित असाधारण संज्ञानात्मक क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए प्रतिष्ठित केवल 1 साल 6 महीने की आयु मे 'आईबीआर अचीवर' खिताब से सम्मानित किया गया था। उनका हालिया विश्व रिकॉर्ड उनकी एक बाल प्रतिभा के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत करता है। शिव्या की कहानी माता-पिता और शिक्षकों के लिए एक प्रेरणा है। यह प्रारंभिक बचपन शिक्षा के महत्व और हर बच्चे में निहित क्षमता को उजागर करती है। उनकी जिज्ञासा को पोषित करके और उन्हें उत्तेजक सीखने के अनुभव प्रदान करके, हम उनकी पूरी क्षमता को अनलॉक कर सकते हैं। जैसे-जैसे शिव्या बढ़ती और सीखती जाती है, दुनिया उनकी अगली उपलब्धि का बेसब्री से इंतजार कर रही है। उनकी यात्रा मानव क्षमता की शक्ति और आगे बढ़ने वाली असीम संभावनाओं का प्रमाण है।
हिमाचल में 15 नवंबर से मौसम करवट बदल सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार पश्चिमी हिमालय में 14 नवंबर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है। हालांकि इस दौरान अधिक वर्षा व हिमपात के आसार नहीं हैं। कांगड़ा व कुल्लू में हल्की वर्षा, लाहुल स्पीति, चंबा व कुल्लू के ऊपरी क्षेत्रों में बर्फ के हल्के फाहे गिर सकते हैं। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में वर्षा व हिमपात की संभावना नहीं है। प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में सुबह कोहरा पड़ना जारी है। ऊना जिला में 10 दिन तक घना कोहरा पड़ने की संभावना है। मंडी, कांगड़ा व हमीरपुर जिले शिमला से अधिक ठंडे है। बुधवार को शिमला का न्यूनतम तापमान 10.6, मंडी का 9.3 और कागंडा व हमीरपुर का 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया है। मौसम विभाग ने हमीरपुर, मंडी व बिलासपुर के कई क्षेत्रों में 17 नवंबर तक कोहरे को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। कोहरे के कारण प्रदेश में सुबह और शाम ठंड काफी बढ़ गई है। दोपहर को धूप लोगों को परेशान कर रही है। करीब डेढ़ माह से वर्षा न होने से किसान व बागवान परेशान हैं। आने वाले दिनों में वर्षा नहीं हुई तो किसानों व बागवानों की मुश्किल बढ़ सकती है। प्रदेश में शुष्क ठंड से फिलहाल राहत नहीं मिलने वाली है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अगले चार दिन तक मंडी, बिलासपुर, ऊना और कुछ अन्य स्थानों पर सुबह व शाम घना कोहरा छाया रहेगा। इससे यातायात सेवाएं प्रभावित होंगी। 15 व 16 नवंबर को एक-दो ऊंचे क्षेत्रों में हिमपात और वर्षा की संभावना है।
मंडी: माण्डव्य ऋषि की नगरी छोटी काशी मंडी में 15 नवंबर को पहली बार माण्डव्य महोत्सव होने जा रहा है। छोटी काशी मंडी में माण्डव्य महोत्सव मनाने की ये पहल नगर निगम मंडी द्वारा की जा रही है। माण्डव्य महोत्सव के दौरान सबसे पहले भगवान राम माधव राय की पूजा अर्चना की जाएगी। उसके बाद मंडी शहर से लेकर ब्यास नदी के तट स्थित माण्डव्य शिला तक शोभायात्रा निकाली जाएगी और फिर बड़े हवन यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। इस महोत्सव में चार चांद लगाने के लिए इलाके के सभी देवी-देवता विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। वहीं, इस दौरान ब्यास तट पर छोटी काशी के इतिहास को दर्शाती हुई प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। नगर निगम मंडी के मेयर वीरेंद्र भट्ट ने बताया, "शहर के चौहट्टा बाजार से ये शोभायात्रा शुरू होगी, जिसके बाद ये शोभायात्रा मोती बाजार, समखेतर मोहल्ला व शहर के अधिष्ठाता बाबा भूतनाथ से होते हुए माण्डव्य शिला ब्यास तट में संपन्न होगी। इस महोत्सव के लिए मंडी शहर की कई धार्मिक व स्कूली संस्थाएं भी आगे आकर मदद कर रही है। नगर निगम मंडी के मेयर वीरेंद्र भट्ट ने इस माण्डव्य महोत्सव सफल बनाने के लिए क्षेत्र के सभी देवी-देवताओं व शहरवासियों से महोत्सव में आने की अपील की है। बता दें कि मंडी शहर को ऋषि माण्डव्य की तपोस्थी कहा जाता हैं। पौराणिक धार्मिक मान्यता है कि प्राचीन काल में माण्डव्य ऋषि ने ब्यास नदी (वैदिक नाम विपाशा) के तट पर मौजूद शिला पर कई साल तपस्या की थी। ये शिला शहर के भ्यूली पुल के पास ब्यास नदी के बीच आज भी मौजूद है। इसी शिला को माण्डव्य शिला के नाम पर जाना जाता है। इसके अलावा ये भी मान्यता है कि माण्डव्य ऋषि के नाम पर ही शहर का नाम मंडी रखा गया है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के बाद मुख्य संसदीय सचिवों के सचिवालय में कार्यालय खाली कराने के आदेश जारी कर दिए गए हैं और कुछ दफ्तर खाली भी कर दिए गए हैं। सीपीएस के साथ लगाया गया स्टाफ भी वापस बुला दिया गया है। गाड़ियां इनसे वापस ले ली गई हैं। प्रदेश सरकार ने बुधवार शाम को ही यह आदेश जारी किए। यहीं नहीं इन सीपीएस को सरकार की ओर से दी गई सभी सुख सुविधाएं भी हट जाएंगी। सरकारी कोठियां भी खाली करनी होंगी। बुधवार को हाईकोर्ट के फैसले के बाद सचिवालय में सीपीएस के कमरों में सन्नाटा पसरा रहा। कई भी सीपीएस सचिवालय में नहीं देखे गए। सात मंत्रियों के साथ ही इन सीपीएस ने गोपनीयता की शपथ ली थी। सक्खू सरकार में मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा को विधि विभाग, संसदीय कार्य विभाग और बागवानी विभाग, रामकुमार को नगर नियोजन विभाग, उद्योग विभाग और राजस्व, आशीष बुटेल को शहरी विकास विभाग के साथ शिक्षा विभाग में मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के साथ अटैच किया गया। वहीं, मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल को पशुपालन विभाग, ग्रामीण विकास के साथ पंचायती राज विभाग की जिम्मेवारी सौंपी गई। संजय अवस्थी को स्वास्थ्य जनसंपर्क और लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई। मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर को ऊर्जा, वन, परिवहन और पर्यटन विभाग विभाग का जिम्मा सौंपा गया। यह छह मुख्य संसदीय सचिव अलग-अलग विभागों के मंत्रियों की काम में मदद करने का जिम्मा दिया गया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश सरकार ने मुख्य संसदीय सचिव से स्टाफ हटाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। वरिष्ठ निजी सचिव भूरी सिंह राणा, तहमीना बेगम और विशेष निजी सचिव सत्येंद्र कुमार सहित अन्य स्टाफ को वापस बुलाया गया है। अब कार्मिक विभाग की ओर से इनकी अलग से नियुक्ति के आदेश जारी किए जाएंगे। राज्यपाल से मंजूरी के बाद यह फैसला लिया गया है। इसके साथ ही सरकार ने सीपीएस के स्टाफ के कर्मचारी यानकी देवी, सुनीता ठाकुर, उत्तम चंद, चेतन, संदीप, चंद्र, धर्मपाल, रविंद्र, नेत्र सिंह, मोहिंद्र, विनोद, टिक्कम राम, नीरज और भूपिंद्र को वापस बुलाने के आदेश जारी किए हैं।हिमाचल हाईकोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि प्रदेश में सीपीएस/पीएस की नियुक्ति का कानून फैसला आने तक लागू था। अयोग्यता अधिनियम 1971 के तहत सीपीएस/ पीएस की नियुक्तियों को संरक्षण दिया गया था, लेकिन इस फैसले के बाद मुख्य संसदीय सचिवों व संसदीय सचिवों की नियुक्ति को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट माना जाएगा। एेसे में यदि अब सीपीएस नियुक्त होते हैं, तो उनकी विधायकी भी जाएगी।
मंडी: हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी की सबसे ऊंची चोटी पर विराजमान माता शिकारी देवी मंदिर के कपाट 15 नवंबर से भक्तों के लिए बंद होने वाले हैं। सर्दी के मौसम के दौरान ठंड व बर्फबारी के चलते जिला प्रशासन द्वारा ये फैसला लिया गया है। शिकारी देवी मंदिर में यात्रियों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है। वहीं, श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए माता शिकारी देवी मंदिर कमेटी के सदस्यों की बैठक में ये फैसला लिया गया। इस बैठक की अध्यक्षता एसडीएम थुनाग रमेश सिंह ने की। बैठक की अध्यक्षता करते माता शिकारी देवी मंदिर कमेटी के अध्यक्ष एवं एसडीएम थुनाग ने कहा, सर्दी के मौसम में होने वाली संभावित बर्फबारी के कारण मंदिर के रास्ते भारी बर्फबारी के चलते बंद हो जाते हैं, जिससे इन रास्तों से सफर करना बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसी स्थिति में हादसों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में मंदिर और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि 15 नवंबर से माता शिकारी देवी मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए आगामी आदेशों तक बंद रहेंगे। एसडीएम थुनाग रमेश सिंह ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि ठंड व बर्फबारी के समय मंदिर आने से परहेज करें। बता दें कि मंडी जिले में 11 हजार फीट की ऊंचाई पर विराजमान माता शिकारी देवी में हर साल नवंबर महीने के अंत में बर्फबारी शुरू हो जाती है, जिसके बाद ये बर्फबारी का सिलसिला आगामी 3 से 4 महीने तक चलता है। मौसम साफ होने के बाद ही मार्च के अंत या फिर अप्रैल महीने के पहले सप्ताह में माता शिकारी देवी मंदिर के कपाट खुलने की संभावना रहती है। शिकारी शिखर की पहाड़ियों पर स्थित देवी का ये मंदिर आज भी छत से विहीन है। पौराणिक मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने करवाया था। मान्यता के अनुसार मार्कंडेय ऋषि ने इस स्थान पर कई साल तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर माता दुर्गा अपने शक्ति रूप में इस जगह पर स्थापित हुई। इसके बाद अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने भी इसी जगह पर तपस्या की थी। पांडवों की तपस्या से खुश होकर माता दुर्गा यहां प्रकट हुई और उन्हें युद्ध में विजय होने का आशीर्वाद दिया। उसके बाद पांडवों ने यहां मंदिर का निर्माण करवाया। लेकिन किन्ही कारणों के चलते इस मंदिर का निर्माण पूरा नहीं हो सका और पांडव यहां पर मां दुर्गा की पत्थर की मूर्ति को स्थापित करने के बाद यहां से चले गए। तब से लेकर अब तक इस मंदिर पर कोई भी छत नहीं बना पाया है और आज भी ये मंदिर बिना छत के ही है। शिकारी देवी की पहाड़ियों पर हर साल सर्दियों में कई फीट बर्फ गिरती है, लेकिन मूर्तियों के स्थान पर कभी भी बर्फ नहीं टिकती है। जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। मंदिर कमेटी के सदस्य धनीराम ठाकुर ने बताया कि सालों तक कई कोशिशों के बाद भी इस रहस्यमयी मंदिर की छत नहीं बन पाई। ऐसा नहीं है कि यहां पर छत बनाने की कोशिश नहीं की गई। कई बार यहां छत बनाई गई, लेकिन टिक नहीं पाई। यहां पर माता शिकारी देवी खुले आसमान के नीचे रहना ही पसंद करती हैं।
जयसिंहपुर/नरेंदर डोगरा: जयसिंहपुर के पूर्व विधायक रविन्द्र धीमान ने उच्च न्यायालय के फैसले को एक सराहनीय फैसला करार देते हुए फैसले का स्वागत किया है। प्रैस के जारी बयान में पूर्व विधायक ने कहा है कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने छ: चीफ पार्लियामेंट सेक्रेटरी बनाकर मंत्रियों जैसी सुविधाएं देकर के हिमाचल की जनता पर अतिरिक्त बोझ डाला था। भाजपा पहले से ही इसका विरोध करती रही है छ: चीफ पार्लियामेंट सेक्रेटरी बनाना असवैंधानिक था लेकिन कांग्रेस सरकार ने छ: चीफ पार्लियामेंट सचिव बनाकर उन्हें कैबिनेट का दर्जा दिया था।
नेता जी सुभाष चंद्र ममोरियल उत्कृष्ट राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पधर में राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत सात दिवसीय विशेष शिविर बुधवार को हुआ, जिसका शुभारंभ स्थानीय पंचायत प्रधान हेमंत कुमार महंत द्वारा किया गया। इस दौरान स्कूल प्रधानाचार्य ललित ठाकुर, एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी दिग्विजय महंत, लज्जा ठाकुर सहित स्कूल के सभी अध्यापक मौजूद रहे। कार्यक्रम अधिकारी दिग्विजय महंत ने बताया कि विशेष शिविर में स्वयंसेवकों के बौद्धिक, शारीरिक ,मानसिक व सामाजिक विकास के लिए विभिन्न गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी। वहीं स्वयं सेवियों को देश सेवा, समाज सेवा के साथ-साथ एक अच्छे नागरिक बनने के गुणों बारे जानकारी दी जाएगी। शिविर के दौरान एनएसएस स्वयंसेवकों के कैरियर काउंसलिंग के लिए विभिन्न व्यवसायिक क्षेत्रों से संसाधन व्यक्तियों को बुलाया जाएगा। इसके अतिरिक्त दैनिक दिनचर्या के अंतर्गत प्रातः 5:30 बजे पधर बाजार में प्रभातफेरी भी निकाली जाएगी।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में मुख्य संसदीय सचिव (सीपीएस) की नियुक्तियों के सांविधानिक दर्जे पर बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने सीपीएस एक्ट को निरस्त कर दिया है। इसके तहत सीपीएस को दी जा रही सभी सुविधाओं को खत्म कर दिया गया है। अब छह मुख्य संसदीय सचिव अब सिर्फ विधायक के ताैर पर ही कार्य करेंगे। कोर्ट ने सीपीएस की नियुक्तियों को असांविधानिक बताया है। इस मामले में अदालत में पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था की ओर से वर्ष 2016 में याचिका दायर की गई थी। अदालत में दूसरी याचिका कल्पना और तीसरी भाजपा नेता पूर्व सीपीएस सतपाल सत्ती सहित अन्य 11 भाजपा के विधायकों की ओर से दायर की गई थी। इन तीनों याचिकाओं में मूल प्रश्न हिमाचल प्रदेश में 2006 में बनाया गया एक्ट है। इसके तहत पहले भाजपा सरकार ने अपने विधायकों को सीपीएस बनाया था। अब कांग्रेस सरकार ने छह विधायकों को सीपीएस बनाया है। सरकार ने इस मामले में बहस के लिए सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठ अधिवक्ता नियुक्त किए। भाजपा की ओर से दी गई याचिका में कहा गया है कि सीपीएस पद का संविधान में प्रावधान नहीं है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 164 के तहत प्रदेश में 15 प्रतिशत से ज्यादा मंत्रिमंडल नहीं बनाया जा सकता, जिससे हिमाचल में संख्या 12 ही हो सकती है। सीपीएस बनाने के बाद यह संख्या 17-18 पहुंच जाती है। अब हाईकोर्ट ने सीपीएस नियुक्ति एक्ट को निरस्त कर दिया है। वर्तमान कांग्रेस सरकार में छह मुख्य संसदीय सचिव है। सुक्खू सरकार ने अर्की विधानसभा क्षेत्र से संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह, दून से राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल को सीपीएस बनाया है। प्रदेश में सीपीएस का मूल वेतन 65 हजार रुपये है। भत्ते मिलाकर ये वेतन 2.20 लाख रुपये प्रति महीना पहुंच जाता है। इसके अलावा सीपीएस को गाड़ी, स्टाफ अलग भी मुहैया करवाया जाता है। विधायकों और सीपीएस के वेतन में 10 हजार रुपये का अंतर है। विधायकों का वेतन और भत्ते प्रति माह 2.10 लाख रुपये है। कुल मिलाकर सीपीएस को मिलने वाले सुविधाओं पर ही सवाल उठते रहे हैं। वैसे सीपीएस की नियुक्ति पर सियासी संग्राम देश के तमाम राज्यों में होता आया है। पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2013 में 10 सीपीएस नियुक्त किए थे। प्रेम कुमार धूमल ने वर्ष 2007 में दूसरी बार सत्ता में आए तो उनके नेतृत्व वाली सरकार ने 18 महीने के कार्यकाल के बाद 2009 में तीन सीपीएस की नियुक्ति की थी। इनमें सतपाल सिंह सत्ती, वीरेंद्र कंवर व सुखराम चौधरी शामिल थे। हिमाचल प्रदेश संसदीय सचिव (नियुक्ति, वेतन, भत्ते, शक्तियां, विशेषाधिकार और सुविधाएं) अधिनियम 2006 के मुताबिक सीपीएस को मंत्री की तरह कार्य करने की पहले से ही मनाही है। इसके तहत ही सीपीएस नियुक्तियां होती आई हैं। हालांकि, असम और हिमाचल प्रदेश में सीपीएस के लिए बनाए नियमों में भिन्नता है।
हमीरपुर: उत्तर भारत के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर में बकरा नीलामी करने वाले कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया है। बकरा जांच की नीलामी की जांच के पहले ही दिन नीमाली करने वाले जूनियर असिस्टेंट मनोज कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं, इस मामले में जांच अधिकारी तहसीलदार बड़सर धर्मपाल नेगी ने मंदिर परिसर में पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। करीब तीन घंटे तक तहसीलदार द्वारा मंदिर ट्रस्ट के ऑफिस में रिकॉर्ड को खंगाला गया। जांच में पाया कि CCTV कैमरे की निगरानी में बकरों की नीलामी हुई है। इसी फुटेज को जांच का आधार बनाया जाएगा। CCTV फुटेज की डीवीआर भी जांच में सबूत के तौर पर शामिल होगी। एसडीएम बड़सर की ओर से जांच का जिम्मा तहसीलदार बड़सर को सौंपा गया है। वहीं, डीसी हमीरपुर अमरजीत सिंह ने बताया, "कई सूत्रों और कई पक्षों से हमें सूचना मिली कि बाबा बालक नाथ मंदिर में बकरे की नीलामी के लिए जो कमेटी गठित की गई है, उसमें एक कर्मचारी ने हाईकोर्ट के आदेशों की उल्लंघना करते हुए बकरे की नीलामी बहुत कम पैसों में की है। ये कर्मचारी बकरों की नीलामी के लिए अधिकृत नहीं था और उस कर्मचारी ने नीलामी की प्रक्रिया को भी पूरा नहीं किया था। इससे लोगों की भावनाओं को भी ठेस पहुंची है कि मंदिर में इस तरह की गतिविधि की जा रही हैं। एसडीएम को इस मामले में जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। डीसी हमीरपुर अमरजीत सिंह ने बताया कि एसडीएम बड़सर मंदिर कमेटी के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि एसडीएम ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है और जांच के दौरान कर्मचारी को निलंबित भी कर दिया गया है। डीसी हमीरपुर ने कहा कि इस मामले में अगर और कोई अधिकारी या कर्मचारी भी संलिप्त पाया जाएगा तो उसके खिलाफ भी उचित कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम बड़सर राजेंद्र गौतम ने कहा, "तहसीलदार बड़सर धर्मपाल नेगी ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। जांच किसी भी तरह से प्रभावित न हो इसके लिए नियमों के तहत नीलामी करने वाले कर्मचारी को निलंबित किया गया है। कर्मचारी को ट्रस्ट की पाठशाला में अटैच किया गया है। बता दें कि बीते शनिवार को मंदिर ट्रस्ट बाबा बालक नाथ की ओर से 31 बकरों की नीलामी की गई थी। इस नीलामी से ट्रस्ट को कुल 60 हजार की आमदनी दर्शाई गई है। नीलामी प्रक्रिया पर सवाल उठने के अगले दिन ही जांच बिठा दी गई थी। तहसीलदार को नीलामी की सात बिंदुओं पर जांच करने के लिए सूची सौंपी गई है। इस सूची के मुताबिक यह पता लगाया जाएगा कि क्या नीलामी प्रक्रिया नीलामी नियमों के तहत हुई है। इन सातों बिंदुओं को आधार बनाकर जांच शुरू कर दी गई है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ममलीग में NSS का 7 दिवसीय शिविर 8 नवंबर से 14 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है, जिसमें आज छठे दिन विभिन्न गतिविधियां राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवियों द्वारा की गई , जिसमें प्रभात फेरी, योग व आसन उसके उपरांत प्रोजेक्ट वर्क के तहत गांव ममलीग में पानी के स्रोतों व गलियों की साफ सफाई की गई साथ ही स्वास्थ्य केंद्र की भी साफ सफाई की गई। इस दौरान विद्यार्थियों ने चार बोरी प्लास्टिक कचरे की एकत्र की तथा उसका निपटान भी किया। दोपहर बाद बौद्धिक सत्र में एस०एच०ओ० पुलिस थाना सायरी बाला राम ठाकुर द्वारा स्वयंसेवियों को साइबर क्राइम व अन्य तरह के जुर्म नशे आदि के बारे में जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम अधिकारी संदीप ठाकुर व बिना गुप्ता के अतिरिक्त विद्यालय के प्रधानाचार्य राजेश चौहान, प्रवक्ता राम नेगी, रघुवीर सिंह, मनोज ठाकुर, प्रदीप कुमार, मदन कुमार आदि उपस्थित रहे।
हिमाचल पथ परिवहन सेवा निवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच अर्की इकाई की अति आवश्यक बैठक शुक्रवार 15 नवंबर को पेंशनर्ज कार्यालय तालाब कुनिहार में इकाई अध्यक्ष बलबीर सिंह चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित की जा रही है। बलबीर सिंह चौधरी ने अर्की इकाई के सभी सदस्यों से इस अति आवश्यक बैठक में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचने की अपील की है। उन्होंने सभी पेंशनरों से आग्रह किया है कि 15 नवंबर को ठीक 11 बजे पेंशनर कार्यालय तालाब कुनिहार में पहुंचे तथा पेंशनरो की समस्या व आगामी रणनीति बारे चर्चा में बढ़चढ़ कर भाग लें।
** दो-दो घंटे देर से पहुंच रहे घर, परिजन परेशान राजधानी शिमला में जाम आम हैं। सुबह और शाम जाम से स्कूली बच्चों और आम जनता को परेशानी झेलनी पड़ रही है। RKMV से भराड़ी सड़क पर बेतरतीब पार्किंग की वजह से लोगों को घंटों जाम से जूझना पड़ रहा हैं। यहां तक कि पैदल चलने वाले लोगों को भी पैदल चलना मुश्किल हो रहा है। स्थानीय व्यक्ति सुभाष ठाकुर ने बताया कि इस सड़क पर हर रोज लोग यहां सड़क पर गाड़ियां खड़ी कर देते हैं जिस वजह से जाम लग जाता हैं। स्कूल की बसें यहां से गुजरती है जो जाम में फंसी रहती हैं। स्कूल के बच्चे जाम की वजह से प्रताड़ित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह स्वयं कई बार ट्रैफिक पुलिस को जाम के बारे में अवगत करवाते हैं उसके बाद जाम खुल पाता है। लेकिन दोबारा यही स्थिति देखने को मिल रही है। वहीं भराड़ी स्थित एक निजी स्कूल के शिक्षक जय गौतम ने कहा कि जाम के कारण स्कूल के बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती हैं। इस बारे में कई बार पुलिस प्रशासन को अवगत करवाया गया। शिकायत भी दी गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होती हैं। यहां स्कूल में शोधी टूटू और कई किलोमीटर दूर से बच्चे आते है जो शाम को सात बजे तक घर पहुंच पाते हैं जिससे बच्चे ओर अभिभावक दोनों परेशान हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि वैसे तो यह सड़क वन वे है लेकिन इसमें दोनों तरफ गाड़ियां पार्क की जाती है जिस वजह से जाम लगता हैं। वहीं जाम में फंसे HRTC बस के ड्राइवर ने बताया कि इस सड़क पर हर रोज जाम लगता है। बस को यहां से निकालना मुश्किल हो जाता हैं। पुलिस को कई बार शिकायत दी गई है लेकिन जाम की समस्या का कोई हल नहीं निकल पाया हैं। ऑकलैंड से भराड़ी सड़क मार्ग पर भी यही स्थिति देखने को मिलती है हालांकि सड़क को चौड़ा कर दिया गया है लेकिन इस मार्ग पर भी सड़क के किनारे गाड़ियां पार्क की गई होती हैं जिससे ट्रैफिक जाम लगता हैं। उन्होंने कहा कि उनके अलावा अनेक लोगों ने भराड़ी के पास स्थायी रूप से यातायात व्यवस्था को बनाने की मांग कर चुके है, लेकिन अब तक इसका निराकरण नहीं हो पा रहा है। गौरतलब है कि शिमला वासियों के लिए लंबे समय से सड़क जाम एक प्रमुख ज्वलंत समस्या बनी हुई है। आम से लेकर खास तक इससे परेशान रहते हैं। लचर यातायात व्यवस्था, सिकुड़ती सड़कें एवं वाहनों के बढ़ते बोझ के आगे यहां ट्रैफिक व्यवस्था आए दिन लड़खड़ाती रहती है। यही कारण है कि वीआइपी से लेकर आम तक की गाड़ी को यहां अक्सर दो-चार होना पड़ता है। शहर के कई ऐसे इलाके हैं जहां अक्सर जाम की समस्या बनी रहती है। सड़कों से अतिक्रमण हटना एवं फिर लगना यहां के लिए आम बात है। प्रशासनिक तंत्र भी इस पर ठोस निर्णय नहीं ले पा रहा है, जिसके कारण जनमानस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
** ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी, मैदानी क्षेत्रों में धुंध का अलर्ट जारी हिमाचल प्रदेश में फ़िलहाल मौसम शुष्क चल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार कल से लाहौल- स्पीति, चंबा, कांगड़ा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है, जिससे इन क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी भी हो सकती है। इसके अलावा मंडी, बिलासपुर और हमीरपुर में घनी धुंध का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा है कि पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के चलते आने वाले दिनों में कुछ एक जिलों में तापमान तीन डिग्री तक गिर सकते हैं। उन्होंने कहा कि 14 और 15 नवंबर को उतरी भारत में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है, जिसके चलते चंबा, कांगड़ा, लाहौल-स्पीति में हल्की फुल्की बारिश और अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने के आसार बन रहे हैं। मानसून अलविदा होने के बाद से प्रदेश में न के बराबर बारिश हुई है, जिसके चलते अक्टूबर में 95 फीसदी कम बारिश आंकी गई है और नवंबर में भी अभी तक कोई बारिश नहीं हुई है ।
विजिलेंस ने डेढ़ हजार क्विंटल राशन के गबन मामले में गोदाम इंचार्ज के खिलाफ धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है। अब विजिलेंस जल्द ही आरोपी के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश करेगा। मंगलवार को विजिलेंस थाना धर्मशाला में राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के देहरा स्थित गोदाम के तत्कालीन इंचार्ज संजीव कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। विजिलेंस ने जांच में पाया कि विधानसभा क्षेत्र देहरा की जनता के लिए आया 1500 क्विंटल राशन राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के गोदाम में तो पहुंचा, लेकिन गोदाम से क्षेत्र के विभिन्न राशन डिपुओं और उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचा। आरोप है कि गोदाम इंचार्ज ने राशन कहीं गायब कर दिया। गोदाम इंचार्ज को हमीरपुर ट्रांसफर किया गया है। जांच पूरी होने के बाद मामला शिमला स्थित निदेशालय में विचाराधीन है। सरवण सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम धर्मशाला देहरा गोदाम इंचार्ज पर राशन गबन करने के आरोप लगे थे। विजिलेंस ने मामले की जांच की है और आरोप सही पाए गए। आरोपी के खिलाफ धारा 420, 409, 465, 471 और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है।
जयसिंहपुर/ नरेंदर डोगरा: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के 'संतों को राजनीति में नहीं आना चाहिए ' और भगवे वस्त्रों वाले बयान पर जयसिंहपुर के पूर्व विधायक रविंद्र धीमान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि खड़गे को भारत का सनातनी इतिहास पढ़ना चाहिए और याद दिलाया कि कई महान संतों ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था।आदिकाल से ही भारत की राजनीति में साधु संतों का अमूल्य योगदान रहा है, जिसके भारत के समृद्ध इतिहास में कई उदाहरण मिलते हैं। रविंद्र धीमान ने अपने जारी बयान में कहा कि भगवा रंग पहनकर राजनीति न करने की सलाह यदि खड़गे सनातनी समाज को दी है तो राजनीति में सफेद और हरे रंग को पहनने के लिए भी उन्हें विशेष धर्म के लोगों को अधिकृत कर देना चाहिए था । उन्होंने कहा कि भाजपा वस्त्रों के रंग को देखकर राजनीति नहीं करती। गेरुआ वस्त्र धारण व्यक्ति अपना सम्पूर्ण जीवन ही समाज और संस्कृति को न्यौछावर कर देता है। ऐसा घटिया बयान देने से परहेज करना चाहिए उनका यह कथन सनातनी समाज की भावनाओं का खुलेआम क्रूर मजाक है तथा हिन्दू समाज को उकसाने के समान है। योगी के भगवा वस्त्र और सिर मुड़वाने पर उपहास करना संभवतः कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की मुसलिम तुष्टिकरण की राजनीति को दर्शाता है क्या वह बिना मूंछ के दाढ़ी वाले लोगों को और उनके पहनावे पर भी कोई टिप्पणी करेंगे? उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस भी बहुत सारे संतों को राजनीति में लेकर आई थी। यह अलग बात है कि अब कांग्रेस में संतों को सम्मान नहीं मिलता तथा केवल धर्म और जाति की राजनीति करने वाली उनकी पार्टी में कोई साधु संत जाने को तैयार नहीं है।
शिमला: हिमाचल में 80 फीसदी से ज्यादा आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में बसती है, जिनकी आजीविका खेतीबाड़ी पर निर्भर है, लेकिन पिछले कुछ सालों में जंगली जानवरों की लगातार बढ़ती समस्या के कारण बहुत से किसानों ने खेती बाड़ी के पारंपरिक पेशे को छोड़ना शुरू कर दिया है और अब रोजी रोटी की तलाश में शहर की तरफ पलायन कर रहे हैं। ऐसे में सुक्खू सरकार ने किसानों की पीड़ा को समझते हुए नई पहल की है, जिसके तहत अब सरकार सोलर फेंसिंग की जगह कांटेदार तार व जाली से बाड़बंदी को बढ़ावा दे रही है। इस तरीके से की गई बाड़बंदी ज्यादा मजबूत और लंबे समय तक टिकेगी। कांटेदार तार व जाली से बाड़बंदी के लिए सुक्खू सरकार किसानों को 70 फीसदी की सब्सिडी का लाभ देगी। बाकी का पैसा किसानों को अपनी जेब से खर्च करना होगा। वहीं, अब सरकार ने सोलर फेंसिंग के लिए सब्सिडी नहीं देने का फैसला लिया है। ऐसे में जिन किसानों व बागवानों ने पहले ही सोलर फेंसिंग के लिए आवेदन किया है। अब उन्हें भी नए सिरे से कांटेदार तार व जाली के लिए एप्लिकेशन देनी होगी। कृषि विभाग के सभी उप निदेशकों व अन्य फील्ड स्टाफ को इसको लेकर किसानों के बीच प्रचार व प्रसार करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए लोक मित्र केंद्र से अपना आवेदन कर सकते हैं। किसानों को बाड़बंदी के लिए आवेदन करते समय कई दस्तावेज लगाने जरूरी हैं। इसमें आधार कार्ड, जमीन के खाता खतौनी, बैंक पासबुक के पहले पन्ने की फोटोकॉपी, जाति प्रमाण पत्र और बाढ़ लगाने का एस्टीमेट होना आवश्यक है। बाड़बंदी के लिए 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर स्वीकृति दी जाएगी। वहीं, लोहे के एंगल के साथ 6 फुट ऊंची कांटेदार तार बाड़ लगाने के लिए 416 रुपए की जगह 291 रुपए प्रति मीटर की दर से अनुदान दिया जाएगा। इसी तरह से लोहे के एंगल के साथ जालीदार तार की बाड़ लगाने पर 640 की जगह 448 रुपए प्रति मीटर की दर से अनुदान मिलेगा। हिमाचल में अभी भी 80 फीसदी से ज्यादा की ग्रामीण आबादी कृषि और बागवानी पर निर्भर है। प्रदेश में 9.97 लाख परिवार खेती बाड़ी के पारंपरिक पेशे से जुड़े हैं। इनमें 1 हेक्टेयर से कम जमीन वाले सबसे अधिक 7.15 लाख मार्जिनल किसान है। इसी तरह से 1 से 2 हेक्टेयर जमीन होल्डिंग वाले लघु किसानों की संख्या 1.74 लाख है। 2 से 4 लैंड होल्डिंग सेमी मीडियम किसानों की संख्या 0.82 लाख है। इसके अलावा 4 से 10 हेक्टेयर मध्यम किसानों की संख्या 0.26 लाख है। वहीं, 10 हेक्टेयर से अधिक लैंड होल्डिंग वाले किसानों की संख्या सबसे कम 0.03 लाख है।
स्वास्थ्य फिटनेस सर्टिफिकेट न देने वाले जिले के स्कूलों में तैनात मिड-डे-मील वर्करों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसकी शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार और विभाग ने यह निर्णय लिया है। हर छह माह बाद सरकारी स्कूलों में कार्यरत मिड-डे-मील वर्करों को फिटनेस सर्टिफिकेट देना होगा। इसकी जांच के लिए जल्द शिक्षा विभाग की टीम भी स्कूलों का निरीक्षण कर जांच करेंगी। स्कूलों में मिड-डे मील के तहत तैनात कर्मियों को हर छह माह बाद अपने स्वास्थ्य की जांच करवानी होगी। इससे स्पष्ट होगा कि खाना बनाने वाले कर्मी किसी गंभीर बीमारी की चपेट में तो नहीं हैं। मिड डे मील वर्करों का एनएफएसए के तहत मेडिकल होगा। यह फैसला स्वच्छ भोजन को लेकर लिया गया है। इसके अलावा खाना बनाते समय टोपी, ग्लब्स समेत अन्य स्वच्छता का भी ध्यान रखना होगा। स्कूल एमडीएम प्रभारी को भी स्वच्छता समेत अन्य व्यवस्था का ध्यान रखना होगा। फिटनेस सर्टिफिकेट या गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर स्कूल मुखिया के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा राशन की निगरानी का जिम्मा स्कूल मुखिया और मिड डे मील इंचार्ज को सौंपा है। राशन की गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर स्कूल मुखिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसमें कितने बच्चों ने दोपहर का भोजन खाया इसकी भी एसएमएस से जानकारी देनी होगी। जिला नोडल अधिकारी एमडीएम राज कुमार पराशर ने बताया कि जिले के स्कूलों में कार्यरत मिड-डे-मील वर्करों और सहायकों के लिए स्वास्थ्य फिटनेस सर्टिफिकेट देना अनिवार्य किया है। इसमें हर छह माह बाद कर्मी को स्वास्थ्य की जांच करवानी होगी। इसके अलावा रसोईघर में स्वच्छता समेत अन्य व्यवस्थाओं का ध्यान रखने के भी निर्देश दिए है। इसके लिए जल्द स्कूलों का निरीक्षण कर जांच की जाएगी।
जयसिंहपुर/नरेंद्र डोगरा: जयसिंहपुर के अंतर्गत लोअर लंबागांव में 17 नवंबर से क्रिकेट प्रतियोगिता शुरू होने जा रही है। मोटिवेशन फिटनेस क्लब के प्रधान विकास राणा ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस बार भी क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, ताकि युवा पीढ़ी को खेल प्रतियोगिता के माध्यम से नशे से दूर रखा जा सके। यह क्रिकेट प्रतियोगिता डीएवी पब्लिक स्कूल लोअर लंबागांव के मैदान में आयोजित होगी, उन्हें बताया कि इस प्रतियोगिता की एंट्री फीस₹1100 रहेगी व विजेता टीम को 11 हजार और उपजेता को 5100 देकर सम्मानित किया जाएगा। इस क्रिकेट प्रतियोगिता का अनीश ट्रेडर लंबागांव द्वारा स्पॉन्सर किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए विकास राणा 98171 65857,राकेश सोनी 9816705692 से संपर्क कर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के उपमंडल बंजार की दुर्गम शिल्ही पंचायत के परवाड़ी गांव में आठ कमरों का ढाई मंजिला मकान जलकर राख हो गया है। आग की घटना में लाखों का नुकसान हुआ है। सुबह जब मकान में आग लगी तो यहां पर अफरा-तफरी मच गई। आग से देखते ही देखते पूरा मकान राख के ढेर में बदल गया। हालांकि, आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।
हिमाचल हाईकोर्ट ने बीआरसीसी के लिए एक कार्यकाल से ज्यादा आवेदन करने के मामले में दायर जेबीटी और टीजीटी की याचिका खारिज कर दी है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने याचिका खारिज करते हुए सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया। अदालत ने कहा है कि जेबीटी और टीजीटी की नियुक्ति का उद्देश्य छात्रों को शिक्षा प्रदान करना है। सरकार की ओर से अदालत में कहा गया था कि प्रदेश के स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली हैं, ऐसे में उन्हें दोबारा बीआरसीसी नियुक्त नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता ने सरकार की अधिसूचना को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी। अधिसूचना में कहा गया था कि जो एक बार बीआरसी के रूप में काम कर चुके हैं वह इन पदों के लिए फिर से आवेदन नहीं कर सकते हैं। बीआरसीसी नियुक्त किए अध्यापकों का मुख्य कार्य छात्रों को पढ़ना है। याचिकाकर्ता विभिन्न स्कूलों में जेबीटी शिक्षक के रूप में नियुक्त किए गए थे। वर्ष 2017 में जेबीटी शिक्षक के रूप में उनकी नियुक्ति के दौरान उन्हें बीआरसी के रूप में कार्य करने के लिए नियुक्त किया गया।
** मंत्री ने की जयसिंहपुर हलके की विकास योजनाओं की समीक्षा जयसिंहपुर/नरेंद्र डोगरा: आयुष, युवा सेवाएँ एवं खेल मंत्री, यादविंदर गोमा ने मंगलवार को पंचरुखी में लोक निर्माण, जल शक्ति विभाग और विकास खंड लंबागांव, सुलह व पंचरुखी की विभिन्न विकास योजनाओं के कार्यों की समीक्षा की। बैठक में विधानसभा क्षेत्र जयसिंहपुर में तीनों विकास खंड़ों द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किया जा रहे विकासात्मक कार्यों की समीक्षा के दौरान आयुष मंत्री ने विकासात्मक कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि आमजन को विकास का समय पर लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में लेट लतीफी और गुणवत्ता के साथ कोई भी समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधायक निधि से भी सभी पंचायतों को लोगों की मांगों के अनुरूप विकास कार्यों के लिए धनराशि उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने इन कार्यों को तय सीमा के भीतर पूर्ण किया जाए। उन्होंने लोगों को मनरेगा के तहत ज्यादा से ज्यादा रोजगार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आवंटित धनराशि का लोगों के मांगों के अनुसार विकास कार्यो के निर्माण में सदुपयोग करने को कहा। लोक निर्माण विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए यादविंदर गोमा ने कहा कि लंबित कार्यों को शीघ्र पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग के तहत लगभग 50 करोड रुपए की लागत से सड़क, भवन इत्यादि के निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। उन्होंने विभाग को सीआरएफ के तहत बालू से तिनबड़ सड़क का प्राक्कलन तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और नाबार्ड व अन्य परियोजना के तहत निर्माणाधीन सभी सडक़ों के निर्माण कार्य की भी समीक्षा की।
**स्कूल व निहरी क्षेत्र का नाम किया रौशन ** कविता वाचन में मंडी जिला का करेगी प्रतिनिधत्व तहसील निहरी के अंतर्गत ग्राम पंचायत जरल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जरल की आठवीं कक्षा की छात्रा हर्षा कुमारी ने जिला मंडी में आयोजित जिला स्तरीय बाल मेले में कविता वाचन में प्रथम स्थान हासिल किया है। अब यह छात्रा राज्य स्तरीय बाल मेले में जिला मंडी का प्रतिनिधित्व करेगी। इस बच्ची की उपलब्धि पर विद्यालय परिवार जहां गौरवान्वित महसूस कर रहा है वहीं परिजन भी अपनी बेटी के असाधारण प्रतिभा को देख कर बहुत खुश है। विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य बालक राम का कहना है कि विद्यालय स्तर से लेकर खंड स्तर तक इस छात्रा ने अपनी मधुर आवाज एवं असाधारण वाचन क्षमता से विद्यालय,परिवार, स्कूल व पूरे क्षेत्र का नाम गौरवान्वित किया है। बंदली पंचायत के तेज तर्रार प्रधान प्रवीन ठाकुर व निहरी निवासी समाज सेवी कितिश गौतम ने छात्रा की इस उपलब्धि को खूब सराहा है और राज्य स्तरीय कविता वाचन में भाग लेने के लिए शुभकामनाएं दी है।
** 90 अंकों की लिखित परीक्षा, निगेटिव मार्किंग हिमाचल प्रदेश में 1,088 पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती के लिए करीब 1.15 लाख आवेदन पहुंचे हैं। राज्य लोकसेवा आयोग के पास ऑनलाइन आवेदन करने का अभ्यर्थियों के पास मंगलवार को आखिरी दिन था। बीते दिनों आवेदन करने में तकनीकी समस्याएं आने पर आयोग ने तारीख बढ़ाई थी। पहले आवेदन करने की आखिरी तारीख 31 अक्तूबर तय की गई थी। इस दौरान तक 92 हजार आवेदन हुए थे। अब कुल आवेदनों की संख्या बढ़कर 1.15 लाख पहुंच गई है। पुलिस कांस्टेबल भर्ती में पुरुषों के लिए 708 और महिलाओं के लिए 380 पद आरक्षित हैं। लिखित परीक्षा पास करने वालों की पुलिस विभाग शारीरिक दक्षता परीक्षा लेगा। पुलिस विभाग में यह भर्ती विशेष कांस्टेबल पदनाम में की जा रही है। चयनित विशेष पुलिस कांस्टेबलों को नशे की रोकथाम का काम दिया जाएगा। भर्ती परीक्षा पास करने वालों का डोप टेस्ट भी होगा। 18 से 25 वर्ष की आयु के अभ्यर्थी भर्ती के लिए पात्र हैं। चयनित विशेष पुलिस कांस्टेबलों को लेवल तीन में 20200-64000 रुपये के पे बैंड में वेतन मिलेगा। शारीरिक मानक परीक्षण और शारीरिक दक्षता परीक्षण से युक्त शारीरिक परीक्षण हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग की ओर से निर्धारित और संचालित किया जाएगा, जो आयोग को ऊंचाई के लिए दिए गए अंकों के साथ योग्य उम्मीदवारों की सूची प्रदान करेगा। शारीरिक परीक्षण में सफल अभ्यर्थियों को आयोग की ओर से करवाई जाने वाली दो घंटे की अवधि की ऑफलाइन बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रकार की लिखित परीक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। लिखित परीक्षा में 90 अंक होंगे और निगेटिव मार्किंग होगी। शारीरिक परीक्षण और लिखित परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को पुलिस विभाग की ओर से किए जाने वाले दस्तावेज सत्यापन के लिए आयोग के कार्य नियमों के अनुसार विचार के क्षेत्र के अनुसार शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। वे दस्तावेज सत्यापन के दौरान उम्मीदवारों को एनसीसी प्रमाण पत्र के अंक भी प्रदान करेंगे।
** 86 वर्षीय वृद्ध के रास्ते मे गुम हुए 7 हजार रुपये लौटा जीता दिल जनता के रक्षक भक्षक बनकर 15 हजार के पीछे ईमान बेच रहे हैं। वहीं दूसरी ओर ऐसे भी लोग हैं, जो अपने ईमान को बरकरार रखते हुए दूसरों की मदद कर रहे हैं। पधर उपमंडल की ग्राम पंचायत उरला के गांव कुफरधार निवासी पूरन चंद सपुत्र स्व. लालू राम ने गांव से उरला आते बार रास्ते मे पड़ी मिली 7 हजार रुपये की राशि को उसके मालिक को लौटा ईमानदारी की मिसाल पेश की। पूरन चंद लोक निर्माण विभाग से बेलदार सेवानिवृत्त हुए हैं। बीते रविवार को उन्हें घर से उरला आते बार प्राचीन शिव मंदिर के समीप पॉलिथीन लिफाफे में 7 हजार रुपये रास्ते में गिरे पड़े मिले। पूरन चंद ने मिली राशि को सुरक्षित लौटाने की ठान ली। उसके अगले दिन रास्ते में गांव का ही 86 वर्षीय वृद्ध चैतरु राम अपनी खोई राशि की तलाश में रास्ते में पड़ताल करता देखा। तब पूरन चंद ने उनसे वार्तालाप किया तो यह राशि वृद्ध चैतरु राम की पाई गई। मंगलवार को पूरन चंद ने उरला में पंचायत समिति द्रंग के उपाध्यक्ष कृष्ण भोज के समक्ष यह राशि वृद्ध चैतरु राम को वापिस लौटाई, जिस पर बुजुर्ग ने पूरन चंद का आभार जताते हुए उन्हें 500 रुपये सहर्ष बतौर इनाम दिए। उन्होंने कहा कि खून पसीने की गाढ़ी कमाई थी, जिसे पूरन चंद ने उन्हें वापिस लौटाया अन्यथा उन्हें यह राशि वापिस नसीब नहीं होती।
मंडी: छोटी काशी मंडी में पहली बार कुल्लू जिले के प्रमुख देवताओं में से एक माने जाने वाले देवता श्रृंगा ऋषि पधारे। मंडी पहुंचने पर स्थानीय लोगों और देवता समिति द्वारा देवता श्रृंगा ऋषि का भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान देवता के आने पर लोगों ने फूलों की बारिश की। देवता श्रृंगा ऋषि छोटी काशी मंडी में जारी श्री रामार्चा महायज्ञ व राम कथा में शामिल होने के लिए पहुंचे। सोमवार को हजारों देवलुओं के साथ देवता श्रृंगा ऋषि मंडी पहुंचे। जहां उन्होंने राज माधव राय के मंदिर में देवता ने हाजरी भरी। इसके बाद देवता पड्डल में जारी राम कथा में शामिल होने के लिए गए। देवता के साथ भारी संख्या में देवलु भी छोटी काशी मंडी पहुंचे, जिनकी संख्या करीब 2 से अढ़ाई हजार थी। देवता के साथ आए पुजारी इंद्र देव शर्मा ने बताया कि यह उनके लिए भी सौभाग्य की बात है कि उन्हें मंडी में जारी रामार्चा महायज्ञ एवं राम कथा में आने का मौका मिला। पुजारी इंद्र देव शर्मा ने बताया, "देवता श्रृंगा ऋषि पहली बार ही मंडी जिले में पधारे हैं। देवता अब मंडी में जारी राम कथा में शरीक होंगे और लोगों को अपना आशीर्वाद देंगे। वहीं, सर्व देवता समिति मंडी के अध्यक्ष शिवपाल शर्मा ने बताया कि कुल्लू जिले के देवता मंडी आए हैं। ये पहली बार मंडी जिले में पधारे हैं और सबको अपना आशीर्वाद दिया। मंडी वासियों द्वारा परंपरा के अनुसार उनका स्वागत किया गया है। देवता समिति ने भी देवका मंडी आने पर भव्य स्वागत किया।
शिमला: हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला लौट आए हैं। वह सिरमौर दौरे पर थे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला में 7वें राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष नन्द लाल का कुशलक्षेम जाना। नन्द लाल अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। सीएम सुक्खू ने उनके जल्द स्वास्थ्य होने की कामना की। मुख्यमंत्री ने आईजीएमसी अस्पताल में मरीजों को दी जा रही विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने नवनिर्मित ट्रामा वार्ड में जाकर मरीजों से बातचीत करते हुए उन्हें उपलब्ध करवाए जा रहे भोजन की गुणवत्ता और चिकित्सकों व नर्सों से मिल रहे स्वास्थ्य उपचार एवं परामर्श के बारे में जानकारी हासिल की। वहीं, सीएम सुक्खू ने नर्सों के साथ संवाद भी किया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखते हुए चिकित्सकों, नर्सों और मरीजों के अनुपात के मुताबिक डॉक्टरों और नर्सों की भर्ती कर रही है ताकि मरीजों को बेहतर उपचार सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें। इसके लिए जल्द ही अस्पतालों में चिकित्सकों और नर्सों के खाली पदों को भरा जाएगा। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश के सभी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं का सुधार किया जा रहा है। वहीं, स्टाफ की कमी को भी प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जा रहा है ताकि लोगों के प्रदेश के अंदर ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ कांगड़ा सहकारी प्राथमिक कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष राम चन्द्र पठानिया भी मौजूद रहे।
मंडी: जिला मंडी के पधर पुलिस थाने के एसएचओ ने 15 हजार रुपए में अपना ईमान बेच डाला। पधर थाने के एसएचओ ने एक केस के सेटलमेंट के बदले 15 हजार की रिश्वत मांगी और विजिलेंस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। मामला सोमवार देर शाम का है। डीएसपी विजिलेंस प्रियंक गुप्ता ने बताया कि एसएचओ पधर ने एक व्यक्ति से केस के सेटलमेंट के बदले 15 हजार रुपयों की मांग की और उसे यह पैसे अपने आवास पर लाने को कहा। व्यक्ति ने इसकी सूचना विजिलेंस को दे दी, जिसके बाद विजिलेंस की टीम ने जाल बिछाया और व्यक्ति को पैसों संग एसएचओ के आवास पर भेजा। इसके बाद विजिलेंस की टीम ने छापा मारकर एसएचओ को रंगे हाथ दबोच लिया। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। हर तरफ एसएचओ के इस कृत्य की चर्चाएं हो रही हैं। विजिलेंस विभाग की इस गुप्त कार्रवाई की किसी को कानों कान भनक तक नहीं लग पाई। विजिलेंस की टीम ने आरोपी एसएचओ को हिरासत में ले लिया है। बताया जा रहा है कि विजिलेंस की टीम इस मामले में गहन जांच पड़ताल करते हुए आरोपी एसएचओ की सम्पत्ति की जांच भी करवा सकती है। डीएसपी विजिलेंस प्रियंक गुप्ता ने बताया, "विजिलेंस की टीम ने 15 हजार की रिश्वत लेते हुए एक एसएचओ को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। विजिलेंस द्वारा नियमों के तहत कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
** नम आंखों से दी शहीद को अंतिम विदाई मंडी: मां भारती की रक्षा के लिए हिमाचल के वीर सपूत ने अपने प्राणों का बलिदान किया। नायब सूबेदार राकेश कुमार जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आंतकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए। हिमाचल के वीर सपूत शहीद राकेश कुमार आज पंचतत्व में विलीन हो गए। शहीद के पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ आज उनका अंतिम संस्कार किया गया। शहीद राकेश कुमार की अंतिम यात्रा में लोगों का भारी हुजूम उमड़ा। हर ओर भारत माता की जय के नारे गूंज उठे और नम आंखों से शहीद को विदाई दी। आज सुबह शहीद राकेश कुमार का शव उनके पैतृक गांव बरनोग में उनके घर पहुंचा. इस दौरान बड़ी तादाद में लोग शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए इकट्ठा हुए. जैसे ही शहीद का शव उनके घर पहुंचा तो उनकी पत्नी भानुप्रिया पति शव से लिपटकर रो पड़ी और पति की पार्थिव देह को दुलारती रही। इस मार्मिक दृश्य को देखकर हर कोई भावुक हो उठा। शहीद की पत्नी ने पति की अर्थी को कंधा दिया और भारत माता की जय के नारे लगाते हुए और रोते-बिलखते हुए विदाई दी। शहीद की 14 वर्षीय बेटी ने भी अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया। इस दौरान शहीद का 7 वर्षीय बेटा भी वहां मौजूद रहा। 43 वर्षीय शहीद नायब सूबेदार राकेश कुमार मंडी जिले के बल्ह उपमंडल के तहत बरनोग गांव के रहने वाले थे। राकेश कुमार भारतीय सेना की 2-पैरा स्पेशल फोर्स में थे। 10 नवंबर रविवार को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के केशवान इलाके के गिदरी जंगलों में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में राकेश कुमार गंभीर घायल हो गए थे, जिसके बाद वो शहीद हो गए। 11 नवंबर को उनकी पार्थिव देह मंडी पहुंच गई थी और आज सुबह उनके पैतृक गांव में, जहां परिवार, प्रशासन और स्थानीय लोगों ने उनका अंतिम संस्कार किया।
** वैदिक मंत्रोच्चार और दीप प्रज्वलन से हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ ** प्रधानाचार्य ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की बढ़ाई शोभा सोलन: दयानंद आदर्श विद्यालय के प्रांगण में आज 44वां वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह बड़े धूमधाम से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों की उपलब्धियों और सह पाठ्यक्रम योगदान को मान्यता देना था। समारोह में प्रधानाचार्य ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। वैदिक मंत्रोच्चारण और दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। हेड गर्ल काव्या ने मुख्य अतिथि को बैज पहनाकर उनका स्वागत किया। इसके पश्चात छात्रों ने गणेश वंदना की प्रस्तुति दी। मुख्य अतिथि द्वारा एकेडमिक्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया, जिनमें शिवांश, अक्षिता, काव्यांश चौहान, तन्वी ठाकुर, आदित्य, अक्षरा, सिद्धि, दृष्टि और धन्या शामिल थे। समारोह में स्कूल टीम और वालंटियर्स को भी पुरस्कृत किया गया। हेड गर्ल काव्या वर्मा, हेड बॉय अनमोल, वाइस कैप्टन तनीषा और बेअंत, स्पोर्ट्स कैप्टन धन्या, हाउस कैप्टन में विरजानंद हाउस से दिव्यांशी और अमानत, दयानंद हाउस से दीपांशी और साहिल पाल, श्रद्धानंद हाउस से ऐरीश और निखिल, विवेकानंद हाउस से अर्शिया और उदय शामिल थे। इसके अतिरिक्त, गार्गी, हिमांशी, कृतिका, शगुन, सौम्या, चिराग, ईशान, उज्जवल, मयंक, अक्षित, और प्रिया सहित अन्य स्कूल टीम के सदस्यों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विविध प्रस्तुतियां दी गईं जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा, विशेष आकर्षण रहे विष्णु स्तुति, पंजाबी गिद्दा, और क्लासिकल डांस। मुख्य अतिथि ने समर्पित शिक्षकों को भी सम्मानित किया, जिनमें कोऑर्डिनेटर वीर सिंह, जगदीश, श्वेता, अमित, गंगा, रीता, मिडल क्लास एक्टिविटी इंचार्ज अंजना, स्पोर्ट्स इंचार्ज वीणा कौशिक, वंदना शर्मा, सीरियल एक्टिविटी इंचार्ज वंदना सोबती, उत्कृष्ट वीडियोग्राफर और कोरियोग्राफर संजू राजपूत का नाम प्रमुखता से शामिल था। कक्षा 12वीं के छात्रों को विशेष पुरस्कार से नवाजा गया, जिनमें बेस्ट स्टूडेंट: तनीषा चौहान, उदय मित्तल अवार्ड: बेअंत सिंह,आर्य कुमारी: प्राणशिता और पावनी, बेस्ट एंकर: अनरज्ञा दीवान और काव्या वर्मा, बेस्ट हाउस इन स्पोर्ट्स: दयानंद हाउस, बेस्ट हाउस इन मॉर्निंग असेम्बली गतिविधियों: श्रद्धानंद हाउस, बेस्ट क्लास इन मिडल क्लासेस: छठी ए, बेस्ट क्लास इन हायर क्लासेस: नौवीं बी, मुख्य अतिथि और प्रिंसिपल ऊषा मित्तल ने छात्रों को संबोधित करते हुए नशे से दूर रहने और देश के निर्माण में अपना योगदान बढ़ाने का संदेश दिया। उन्होंने बच्चों को बताया कि मेहनत, समर्पण और उत्कृष्टता की खोज सबसे महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम का संचालन एक्टिविटी इंचार्ज वंदना सोबती के मार्गदर्शन में कक्षा 12वीं की छात्रा अनरज्ञा दीवान द्वारा किया गया। समारोह का समापन शांति पाठ के साथ हुआ।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला में 7वें राज्य वित्तायोग के अध्यक्ष नन्द लाल का कुशल-क्षेम जाना। नन्द लाल अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। मुख्यमंत्री ने इसके उपरान्त अस्पताल में दी जा रही विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं का निरीक्षण भी किया। उन्होंने नवनिर्मित ट्रॉमा वार्ड में मरीजों से बातचीत करते हुए उन्हें उपलब्ध करवाए जा रहे भोजन की गुणवत्ता और चिकित्सकों व नर्सों से मिल रहे स्वास्थ्य उपचार एवं परामर्श के बारे में जानकारी प्राप्त की। नर्सों के साथ संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखते हुए चिकित्सकों, नर्सों और मरीजों के अनुपात के दृष्टिगत चिकित्सकों और नर्सों की भर्ती कर रही है ताकि मरीजों को बेहतर उपचार सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें। मुख्यमंत्री के साथ कांगड़ा सहकारी प्राथमिक कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष रामचंद्र पठानिया मौजूद रहे।
** शिविर मे कुल 62 स्वंयसेवी ले रहे है भाग जसवां:परागपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत पीएम बाबा काशीराम राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला डाडा सीबा में मंगलवार को सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम व नशे के खिलाफ शपथ दिलाते हुए सात दिवसीय एनएसएस शिविर का शुभारंभ हो गया। स्कूल प्रधानाचार्य सुदर्शन कुमार की अध्यक्षता मे आयोजित हुए इस एनएसएस शिविर मे बतौर चीफ गेस्ट कामगार एवं कर्मचारी कल्याण बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष ठाकुर सुरेंद्र सिंह मनकोटिया ने शिरकत की। कार्यक्रम अधिकारी अशवनी सपेहिया , महिला अधिकारी देवना भारती ने जानकारी देते हुए कहा कि इस एनएसएस शिविर मे कुल 62 स्वंयसेवी छात्र छात्राएँ भाग ले रहे है जिसमे 32 लड़कियां व 30 बंलटियर छात्र भाग ले रहे है। इस मौके पर स्कूल प्रधानाचार्य सुदर्शन कुमार व एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी अशवनी सपेहिया ने मुख्य अतिथियों का जोरदार स्वागत किया तो बही चीफ गेस्ट कामगार एवं कर्मचारी कल्याण बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष ठाकुर सुरेन्द्र सिंह मनकोटिया ने बंलटियर छात्रो के नशे के खिलाफ शपथ दिलाते हुए उन्हें ऐसे प्रदार्थो से दूर रहने की सलाह दी । वही कार्यक्रम के पहले दिन 62 बंलटियर छात्र छात्राओं ने जहां सुबह वहां इलाके भर मे प्रभात फेरी निकाल कर दिनचर्या की शुरुआत की और इसके पश्चात स्कूल कैम्पस के आस-पास बिखरा कूडा कर्कट ठीकाने लगाया ।
ब्लाक खंड परागपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत बठरा में एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोप लगे है, लिहाजा पचायत मे भिन्न-भिन्न निर्माण कार्य के मस्टरौल पर अब कामगारों की फर्जी हाजरियां लगाकर 42 हजार 900 रुपये का घोटाला करने के सगीन अरोप लगे है । शिकायत कर्ता की बात माने तो जहां निर्माण कार्य पर कामगारों की फर्जी हाजरियां लगाई गई है वहां निर्माण कार्य हुआ ही नहीं है और बिना काम किए बगैर ही सरकार के 42 हजार 900 रुपये सभा के फंड से निकाल लिए, ब्लाक खंड अधिकारी परागपुर मुकेश ठाकुर ने इस बारे जांच करने के उपरांत पचायत प्रधान व सचिव को 42 हजार 900 रुपये की रिकवरी होने की बात कही है । सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पंचायत से 42900 रुपए की रिकवरी होगी, जिसके बारे रिपोर्ट बीडीओ और डीपीओ को भेज दी है। इस बारे परीक्षित धीमान ने आरटीआई के तहत जानकारी मांगी। जानकारी के मुताबिक जब सभा फंड से 42900 रुपए निकलने की जांच की गई तो मामला सही पाया गया। पंचायत इंस्पेक्टर देशराज ने बताया कि इस इस मामले में पंचायत के पदाधिकारियों पर 42900 रुपए की पेनल्टी लगाना तय है। आपको बता दें कि पंचायत पदाधिकारियों में एक ही दिन एक व्यक्ति की हाजरी कई जगह लगाई थी, जिसके चलते यह कार्यवाही हुई है। सूत्रों ने बताया कि वह व्यक्ति कागजों में हर काम पर हाजिर था, बस उसकी उम्र 39 साल, 36 साल और 34 साल बताई है कहा जा रहा है कि इस मामले में वार्ड मेंबर भी काम होने से मुकर गए है। सूत्रों ने कहा कि इस मामले में बठरा पंचायत के प्रधान और सचिव को 42900 रुपए की रिकवरी भरने पड़ेगी। आपको बता दें कि बठरा पंचायत में पहले भी इस तरह के भ्रष्टाचा के आरोप लग चुके हैं। जहां उपप्रधान ने प्रशिक्षु बेटे की हाजरियां मनरेगा के काम में लगा दी थी। उधर संबंध में वी डी ओ मुकेश कुमार परागपुर से बात की उन्होंने बताया बठरा पंचायत में जो पंचायत के कार्यों में घपला बाजी हुई थी उसकी जांच की गई 42900 रिकवरी डाली गई है। इस संबंध में बठरा पंचायत की प्रधान सुनीता देवी से बात की गई तो उन्होंने बताया इन कामों के जो मिस्टरोल निकले गए हैं । वह पंचायत सचिव ने अपनी मर्जी से मस्टरोल निकाले हैं। इस बारे में मुझे कोई भी जानकारी नहीं है आज आरटीआई के तहत जब रिपोर्ट आई है तो मुझे इस बारे में जानकारी हुई है।