राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नवगांव में "मुख्यमंत्री हरित विद्यालय अभियान" के अंतर्गत पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम के अन्तर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम अधिकारी अमरदेव शर्मा व नूतन धीमान के नेतृत्व में विद्यालय के स्वयंसेवकों ने विद्यालय में 'पगोमिया' के 12 पौधे रोपे।कार्यक्रम अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इन पौधों की सुरक्षा हेतु लोहे की जाली लगाई जाएगी और वे छात्रों के साथ स्वयं भी इनकी देखभाल और सुरक्षा को सुनिश्चित करेंगे।इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य रविंद्र गौतम ने पौधों के महत्व और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर बच्चों को जानकारी दी।इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश देवी-देवताओं की पवित्र धरती है और जहां अनेकों मंदिर स्थापित है। इन्हीं मंदिरों में से एक मंदिर है धौम्येश्वर शिव मंदिर जो ऊना ज़िला के तलमेहड़ा में स्थित हैं। इस मंदिर का निर्माण 1950 के दशक में हुआ था। पौराणिक कथा धौम्येश्वर शिव मंदिर को लेकर पौराणिक कथाओं के अनुसार, पांडवों के पुरोहित धौम्य ऋषि ने इसी स्थान पर भगवान शिव की आराधना की थी। मान्यता है कि करीब 5500 वर्ष पहले महाभारत काल में पांडवों के पुरोहित धौम्य ऋषि ने तीर्थ यात्रा करते हुए इसी ध्यूंसर नामक पर्वत पर शिव की तपस्या की थी। भगवान शिव ने प्रसन्न होकर दर्शन देते हुए ऋषि से वर मांगने को कहा। इस पर ऋषि ने वर मांगा कि जो भी भक्त इस मंदिर में आकर सच्चे मन से धौम्येश्वर शिव की पूजा करेगा उसकी हर मनोकामनाएं पूरी हों। भगवान ने तपस्या से प्रसन्न होकर धौम्य ऋषि द्वारा स्थापित शिव लिंग की सच्चे मन से पूजा अर्चना करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी करने का वरदान दे दिया। इसके बाद से जो भी श्रद्धालु मंदिर पहुंच कर सच्चे मन से मन्नत मांगता है, तो उस भक्त की मुराद पूरी होती है। धौम्येश्वर मंदिर ऊना ज़िला के बंगाणा उपमंडल के तलमेहड़ा गांव में शिवालिक की पहाड़ियों पर स्थित है। मंदिर को धौम्येश्वर शिवलिंग, ध्यूंसर महादेव और सदाशिव के नाम से पुकारा जाता है। मंदिर चारों ओर जंगलों से घिरा हुआ है। शिव लिंग की सच्चे मन से पूजा अर्चना करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। पूरा वर्ष यहां लाखों की तादाद में श्रद्धालु भगवान शंकर की आराधना करने के लिए पहुंचते हैं। महाशिवरात्रि और सावन के माह धौम्येश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं का खूब जमघट लगता है। मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर से ज़िला का नज़ारा देखा जा सकता है व साथ ही धौलाधार की पहाडिय़ां भी दिखाई देती है, जो कि अलग ही नजारा है। मंदिर ट्रस्ट के प्रधान के मुताबिक 1937 में मद्रास के एक सैशन जज स्वामी ओंकारा नंद गिरी को स्वप्र में भगवान शिव ने दर्शन देते हुए कहा कि पांडवों के अज्ञातवास के समय उनके पुरोहित धौम्य ऋर्षि ने स्वयंभू शिवलिंग की अर्चना की थी। । स्वामी ओंकारा नंद गिरी ने स्वप्र के आधार पर शिवलिंग को काफी जगह खोजा, लेकिन नहीं मिला। घूमते-घूमते सन् 1947 में स्वामी ओंकारानंद जी सोहारी पहुंच गए। सोहारी स्थित सनातन उच्च विद्यालय के प्रधानाचार्य शिव प्रसाद शर्मा डबराल के सहयोग से स्वामी ओंकारा नंद गिरी जी शिवलिंग के पास पहुंचे। उन्होंने कहा कि सबसे पहले आठ बाय आठ फुट का पहला मंदिर बनाया था, जोकि अब एक विशाल रूप धारण कर चुका है। धौम्येश्वर मंदिर प्रबंधन में जुटी ट्रस्ट द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के साथ-साथ गरीब और असहाय लोगों की मदद भी की जा रही है। ऊंचाई पर स्थित शिवलिंग के दर्शन करने के लिए दिव्यांगों व वृद्धों को पेश आने वाली परेशानी से निजात दिलाने के लिए लिफ्ट का प्रबंध किया गया है। ट्रस्ट द्वारा गौशाला का भी संचालन किया जा रहा है, जिसमें 100 के करीब गौवंशों को आश्रय दिया गया है। वहीं गरीब कन्याओं की शादी और गरीब मरीजों के इलाज के लिए आर्थिक सहायता का बीड़ा मंदिर ट्रस्ट द्वारा उठाया गया है।
उपायुक्त कार्यालय का किया घेराव शुक्रवार को बिलासपुर में भारी संख्या में कार्यकर्ताओं व समर्थकों के साथ मिल कर ज़िला कांग्रेस प्रधान एवं पूर्व विधायक बम्बर ठाकुर ने उपायुक्त कार्यालय का घेराव करने के अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार जनविरोधी कार्य कर रही है और बिलासपुर में तो विधायक एक जुण्डली से घिर गए हैं। ठाकुर सुबह उपायुक्त कार्यालय पहुंचे और मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए। बंबर ठाकुर का कहना है कि बीजेपी सरकार जनता मांगों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्होंने ए डी एम विनय धीमान को मांग पत्र सौंप कर एक सप्ताह में मांगें पूरी करने को कहा था लेकिन अभी तक उस दिशा में प्रशासन व सरकार ने गौर नहीं फरमाया। उन्होंने कहा कि कोलडैम विस्थापितों को पेश आ रही समस्या को लेकर विस्थापितों के लिए एक प्रतिशत हिस्से की राशि जारी करने की मांग की थी। इसके अलावा कोल बांंध विस्थापितों की तर्ज पर भाखड़ा विस्थापितों को निशुल्क बिजली मुहैया करवाने का मुद्दा भी उठाया था। बंबर ठाकुर ने कहा कि कोलडैम विस्थापितों के समझौते में उनको बिजली का एक प्रतिशत हर महीने मिलना तय हुआ था। इसी तर्ज पर भाखड़ा विस्थापितों को भी बिजली उत्पादन का एक प्रतिशत हिस्सा दिया जाने की बात कही। ठाकुर ने कहा कि उपरोक्त राशि पिछले दो साल से उपायुक्त कार्यालय में पहुंच चुकी है, लेकिन विस्थापितों तक ये राशि नहीं पहुंच पाई है। उन्होंने इसके अलावा अन्य विकास कार्यों के ठप होने का भी आरोप लगाया उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में उन्होंने जिन योजनाओं के लिए राशि स्वीकृत करवाई थी उन पर भी कोई काम नहीं किया जा रहा। केंद्रीय मंत्री रह चुके जगत प्रकाश नड्डा को कोसते हुए उन्होंने कहा कि आज तक वह बिलासपुर के लिए कुछ भी नहीं कर पाए। इस अवसर पर कांग्रेस के अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि मेले एवं त्यौहार हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है और इनके माध्यम से हमें युवा पीढ़ी को अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की सही जानकारी देने का प्रयास करना चाहिए। डॉ. बिंदल शुक्रवार को सोलन एवं पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र की सीमा पर स्थित ग्राम पंचायत गड़ासर में आयोजित दो दिवसीय मां भगवती काली माता गड़ासर नन्दल मेले के समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। डॉ. बिंदल ने इस अवसर पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी प्रथम पुण्य तिथि पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने कार्यकाल में समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं कार्यान्वित की। इन योजनाओं से देश के विभिन्न वर्ग आज भी लाभान्वित हो रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि 5 अगस्त, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के दृढ़ निश्चय से कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक हो गया है। अनुच्छेद 370 को हटाकर हमारी केन्द्र सरकार ने एक राष्ट्र के स्वप्न को पूर्ण किया है। उन्होंने कहा कि अब पूरा देश केन्द्र की जन-जन को सशक्त बनाने वाली नीतियों से लाभान्वित हो सकेगा। डॉ. बिंदल ने सभी को स्थानीय मेले के आयोजन की बधाई दी। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि अपनी प्राचीन संस्कृति एवं लोक परंपराओं से युवा पीढ़ी को अवगत करवाएं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में हमारे मेले, त्यौहार एवं उत्सव विशेष सहायक सिद्ध हो सकते हैं। उन्होंने सभी का आह्वान किया कि युवाओं को घर पर अपने संस्कारों एवं स्थानीय संस्कृति की जानकारी दें। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि ग्राम पंचायत कोटला पंजोला में कम वोल्टेज की समस्या से निपटने के लिए 63 केवी का अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत में पेयजल समस्या को दूर करने के लिए इसे गिरी पेयजल योजना से जोड़ा जाएगा। उन्होंने राजकीय प्राथमिक पाठशाला गड़ासर से पशण तक एंबुलेंस मार्ग के लिए 2 लाख रुपये, राजकीय प्राथमिक पाठशाला गड़ासर से काली मंदिर तक मार्ग पर टाइलें लगाने के लिए 2 लाख रुपये तथा नगाली से पियोग संपर्क मार्ग के लिए 2 लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने नन्दल घाट से पलाशो तक संपर्क मार्ग को पक्का करने की भी घोषणा की। इससे पूर्व मेला समिति के प्रधान सोहन लाल ने मुख्यातिथि का स्वागत किया तथा उन्हें स्थानीय मांगों से अवगत करवाया। डॉ. बिंदल ने इस अवसर पर जनसमस्याएं सुनीं और अधिकारियों को इनके त्वरित निपटाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर बघाट बैंक के अध्यक्ष पवन गुप्ता, सोलन भाजपा मंडल के अध्यक्ष रविंद्र परिहार, प्रदेश भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के सचिव बलदेव कश्यप, जिला भाजपा कोषाध्यक्ष अमर सिंह ठाकुर, सोलन जिला भाजपा महामंत्री पूजा हांडा एवं नरेंद्र ठाकुर, सचिव सुनील ठाकुर, ग्राम पंचायत शामती के प्रधान संजीव सूद, ग्राम पंचायत सन्होल के पूर्व प्रधान राजेश ठाकुर, ग्राम पंचायत ओच्छघाट के पूर्व प्रधान प्रेम सिंह सेन, पूर्व बीडीसी सदस्य रंगीराम, कांता देवी, सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के अधिशासी अभियंता सुमित सूद, पच्छाद के तहसीलदार हीरालाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं ग्राम वासी उपस्थित थे।
जहां हिमाचल सरकार द्वारा सरकारी बसों में रक्षाबन्धन,भैया दूज और करवा चौथ पर महिलाओं के लिये मुफ्त यात्रा का प्रावधान किया जाता है, वहीं दाड़लाघाट क्षेत्र के निवासी व निजी बस के मालिक ओम प्रकाश शर्मा ने रक्षाबन्धन के अवसर पर महिलाओं को दाड़लाघाट से अर्की के लिये मुफ्त यात्रा करवाकर एक मिसाल पेश की है। उन्होंने न केवल मुफ्त यात्रा ही करवाई बल्कि हर मोड़ पर खड़ी महिला को बस में चढ़ने और उतरने में भी मदद की। उनके द्वारा किये इस कार्य ने महिलाओं के प्रति सम्मान का परिचय दिया। इनके इस कदम से क्षेत्र के लोगों में खासी चर्चा बनी हुई है जबकि निजी ऑपरेटर इन त्यौहारों पर सवारियां उठा कर चांदी कूटते है। वहीं इस बस मालिक ने पैसे के लिये कार्य न कर महिलाओं को अपने भाइयों से मिलने के लिये मुफ्त यात्रा का प्रावधान किया।
हलवाई की दूकान पर मजदूरी करता था मृतक रक्षाबंधन पर शादीशुदा बेटी से मिलने हाफ डे ले घर के लिए निकला था सरसा नदी में बहे नालागढ़ के सैणी माजरा निवासी एक व्यक्ति का शव शुक्रवार को पंजाब के रणजीतपुरा में मिला है। मृतक 47 वर्षीय धर्मपाल सिंह के परिजनों ने स्वयं शव को ढूंढा व पुलिस के हवाले किया। पुलिस ने दोपहर बाद शव को नालागढ़ चिकित्सालय में पोस्टमार्टम कराने के बाद अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया है। मृतक अपने पीछे दो बेटे व दो बेटियों को छोड़ गया है। मृतक धर्मपाल सिंह, सैणी माजरा में सड़क के साथ हलवाई की दुकान पर मजदूरी करता था। 15 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन उसकी शादीशुदा बड़ी बेटी घर पर आई हुई थी, जिसके चलते वह दुकान से जल्दी ही घर के लिए रवाना हो गया। शाम साढ़े चार बजे वह जैसे ही वह सरसा नदी पार करने लगा ताहि अचानक नदी में पानी आ गया और वह पानी के बहाव में बह गया। आसपास मौजूद लोगों ने इसे बहते हुए देख लिया था जिससे हादसे की जानकारी मिल सकी।इसके बाद से ही उसकी तलाश ज़ारी थी। शुक्रवार सवेरे दस बजे पंजाब के रणजीतपुरा के समीप लोगों ने उसका शव रेत में दबा हुआ देखा और उसे निकालकर पुलिस के हवाले किया पोस्टमार्टम कराने के बाद शुक्रवार शाम को मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। डीएसपी चमन लाल ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में मौत का कारण पानी में डूबना ही लग रहा है, पर बिसरा जांच के बाद ही मौत के कारणों का पता लग पाएगा।
खेलकूद गतिविधियों में नियमित रूप से भाग लें युवा- डाॅ. सैजल सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने कहा कि खेल मनुष्य को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए सहायक है और सभी आयुवर्ग के लोगों को अपनी दिनचर्या में खेल, व्यायाम एवं योग को नियमित रूप से शामिल करना चाहिए। डाॅ. सैजल सोलन जिला के कसौली विधानसभा क्षेत्र के कुमारहट्टी स्थित खेल परिसर में एवरग्रीन स्पोट्र्स क्लब द्वारा आयोजित तीन दिवसीय बैडमिंटन प्रतियोगिता का शुभारंभ करने के उपरांत उपस्थित खिलाड़ियों को संबोधित कर रहे थे। डाॅ. सैजल ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी प्रथम पुण्य तिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी विश्व के ऐसे नेता थे जिन्होंने अपनी ओजस्वी वाणी से सभी को राह दिखाई। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति को सही दिशा दिखाकर देशहित में उनकी सकारात्मक ऊर्जा का प्रयोग ही स्वर्गीय वाजपेयी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। डाॅ. सैजल ने कहा कि योग विश्व को भारत की अनुपम देन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरा विश्व आज भारत से योग सीख रहा है। उन्होंने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस मनाया जा रहा है और सभी योग से लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि खेल और व्यायाम घनिष्ठ रूप से योग से जुड़े हैं और हम सभी को स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से योग एवं व्यायाम करना चाहिए तथा खेलों में भाग लेना चाहिए। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ‘मुख्यमंत्री युवा निर्माण योजना’ के तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से दो बड़े बहुउद्देशीय खेल मैदान निर्मित करने का निर्णय लिया है। इन मैदानों के साथ युवाओं को जिम की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि वे नियमित व्यायाम कर स्वस्थ रहें। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि अपनी असीमित ऊर्जा को अपने तथा देश के हित में लगाने के लिए खेलकूद गतिविधियों को अपनाएं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में नशा समाज के लिए सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरा है और नशे से बचाव के लिए आवश्यक है कि युवा ध्यान एवं योग के साथ-साथ किसी न किसी खेल में अवश्य भाग लें। डाॅ. सैजल ने इस प्रतियोगिता में भाग ले रहे लगभग 200 प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए आशा जताई कि यह प्रतियोगिता उन्हें स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान करते हैं। इससे पूर्व एवरग्रीन स्पोट्र्स क्लब के सचिव हरिदत्त ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए प्रतियोगिता की विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर जोगिंद्रा बैंक के निदेशक सुरेंद्र स्याल, सहकारी समिति के अध्यक्ष यशपाल ठाकुर, एवरग्रीन क्लब के अध्यक्ष रमेश चैहान, भाजयुमो कसौली मंडल के अध्यक्ष रोहित चंदेल सहित पार्टी के अन्य पदाधिकारी, गणमान्य व्यक्ति तथा खिलाड़ी उपस्थित रहे।
राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धुंदन में एनएसएस स्वयंसेवकों ने स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों में समस्त विद्यालय परिसर को स्वच्छता की शपथ दिलाई। इसके अतिरिक्त घरटूरी गांव में वन विभाग के वन रक्षक सुरेंद्र व एनएसएस प्रभारी संतोष बट्टू एवं राजेंद्र वर्मा के नेतृत्व में 550 गड्ढे करके पौधरोपण किया गया। गोद लिए धुंदन गांव की बावड़ी को भी संवारा गया और रैली के माध्यम से स्वच्छता का संदेश दिया गया। स्वयंसेवकों ने सड़कों पर बिखरे कचरे को स्वयं एकत्रित कर स्वच्छता का पाठ पढ़ाया गया। विद्यालय परिसर के मैदान की सफाई की गई, क्यारियों से पुराने सूखे पौधों को हटाकर नए पौधे लगाए गए। गमलों की कटाई-छटाई करते हुए उनकी गुड़ाई की गई। प्रधानाचार्य सरताज सिंह राठौर ने बच्चों को शारीरिक स्वच्छता पर बल देते हुए अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने की अपील की।
सोलन ज़िला पुलिस ने दो अलग-अलग मामलों में 3 युवकों को चिट्टे के साथ गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए युवकों में दो आरोपी निजी विश्वविद्यालय के छात्र हैं। पुलिस के अनुसार एक सूचना के आधार पर पुलिस ने एक युवक को न्यू कथेड़ में गश्त के दौरान 7. 36 ग्राम चिट्टे के साथ पकड़ा। पुलिस ने युवक और उसके एक अन्य साथी को गिरफ्तार किया है। वहीं, थाना धर्मपुर के तहत लोबसांग तंडूप से 1.32 ग्राम चिट्टा बरामद किया है। युवक को एक पीजी से गिरफ्तार किया गया है। सोलन ज़िला पुलिस के मीडिया प्रभारी एवं एएसपी शिवकुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मामले दर्ज़ करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। इन लोगों से चिट्टे को लेकर आगामी पूछताछ चल रही है।
पाइनग्रोव स्कूल सुबाथू में टीक सदन के छात्रों ने अपना वार्षिक कार्यक्रम नेफिलिबाटा प्रस्तुत किया। राहुल सोनी और समृद्धि ने सुस्वागत से कार्यक्रम का आगाज़ किया। इसके पश्चात् छात्रों ने शास्त्रीय संगीत की धून पर राग भैरव प्रस्तुत किया। तबले की ताल- लय और हारमोनियम की जुगलबंदी ने सभी उपस्थित लोगों को मन्त्रमुग्ध कर दिया। इसके उपरांत छात्रों ने लघु नाटिका 'पागल कौन' प्रस्तुत की। इसके बाद एक नन्हे कलाकार ने अपनी सुरीली आवाज़ से सभी को झूमने पर विवश कर दिया। तदोपरांत बालिकाओं द्वारा पेश किये गए अफगानी नृत्य ने समां बाँध दिया। स्कूल के हेडमास्टर कैप्टेन एजे सिंह, अध्यक्ष प्रबंधक समीक्षा सिंह, हेड टीचर देवेंद्र कुमार वर्मा, प्रबंधक रेणु शर्मा, गुरप्रीत सिंह, हाउस मास्टर राज लाल शर्मा, स्टाफ हाउस मिस्ट्रेस डॉक्टर चंदना, अध्यापिका तरविंद्र कौर, अध्यापिका सिम्मी गुप्ता और अध्यापक नीरज कुमार भी मौजूद रहे।
मुंबई के महालक्ष्मी मंदिर में भक्तों की अटूट आस्था है। इस मंदिर में माता महालक्ष्मी के दर्शन मात्र से ही चित्त भाव-विभोर हो जाता है। यहाँ महालक्ष्मी के अतिरक्त महाकाली और महासरस्वती की प्रतिमाएं भी स्थापित है। तीनों प्रतिमाओं का श्रृंगार सोने के नथ, सोने की चूड़ियां एवं मोतियों के हार सहित बहुमूल्य आभूषणों से किया गया है। महालक्ष्मी की वास्तविक प्रतिमा को आवरण से ढंक दिया जाता है जिसके चलते अधिकांश दर्शनार्थी वास्तविक प्रतिमा के दर्शन नहीं कर पाते। रात के लगभग 9.30 बजे वास्तविक प्रतिमा से आवरण हटाया जाता है, जिसके 10 से 15 मिनट के बाद पुन: प्रतिमा के ऊपर आवरण चढ़ा दिया जाता है। महालक्ष्मी मंदिर के निर्माण के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी छुपी है। कहा जाता है कि बहुत समय पहले मुंबई में वर्ली और मालाबार हिल को जोड़ने के लिए दीवार का निर्माण कार्य चल रहा था। सैकड़ों मजदूर इस दीवार के निर्माण कार्य में लगे हुए थे, मगर नित दिन नई- नई बाधा आने से कार्य पूरा नहीं हो पा रहा था। सब परेशान थे, तभी प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता को एक सपना आया। सपने में मां लक्ष्मी प्रकट हुईं और कहा कि वर्ली में समुद्र के किनारे मेरी एक मूर्ति है, उसे वहां से निकालकर समुद्र के किनारे ही मेरी स्थापना करो। मुख्य अभियंता ने मजदूरों को स्वप्न में बताए गए स्थान पर जाने को कहा और मूर्ति ढूंढ लाने का आदेश दिया। आदेशानुसार कार्य शुरू हुआ और महालक्ष्मी की एक भव्य मूर्ति मिल गई। तदोपरांत समुद्र किनारे ही उस मूर्ति की स्थापना की गई और छोटा-सा मंदिर बनवाया गया। मंदिर निर्माण के बाद वर्ली-मालाबार हिल के बीच की दीवार भी आसानी से खड़ी हो गई। तब ब्रिटिश अधिकारियों को भी दैवीय शक्ति पर भरोसा करना पड़ा और इसके बाद तो इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। वर्ष 1831 में धाकजी दादाजी नाम के एक व्यवसायी ने छोटे से मंदिर को बड़ा स्वरूप दिया एवं इसका जीर्णोद्धार कराया गया। यहां महालक्ष्मी के अलावा महाकाली व माता सरस्वती की भव्य प्रतिमा भी स्थापित है। मंदिर में एक दीवार है, जहां आपको बहुत सारे सिक्के चिपके है। भक्तगण अपनी मनोकामनाओं के साथ सिक्के चिपकाते हैं यहां।
मोहबबत में नहीं है फ़र्क जीने और मरने का, उसी को देख कर जीते हैं जिस क़ाफ़िर पे दम निकले... मिर्ज़ा ग़ालिब का ये शेर अटल के जीवन की हकीकत था। अटल बिहारी वाजपेयी की प्रेम कहानी निःसंदेह देश के राजनीतिक हलके में घटी सबसे सुंदर प्रेम कहानी थी। 1940 के दशक में अटल और राजकुमारी कौल दोनों एक ही वक्त ग्वालियर के एक ही कॉलेज में पढ़े थे। ये वो दौर था जब एक लड़के और लड़की की दोस्ती समाज को नागवार हुआ करती थी। प्रेम होने पर भी अक्सर लोगों में इजहार करने का हौसला नहीं हुआ करता था, पर अटल तो अटल थे। एक दिन लाइब्रेरी में एक किताब के भीतर राजकुमारी के लिए एक लव लेटर ररख दिया। इसके बाद शुरू हुआ जवाब का इन्तजार। दरअसल राजकुमारी ने अटल को जवाब किताब के अंदर ही रखकर दिया था, किन्तु वो अटल तक पहुंचा ही नहीं। जब अटल को इस हकीकत का पता चला तब तक समय का पहिया कई वर्ष आगे बढ़ चूका था। इस बीच राजकुमारी के पिता ने उनकी शादी एक शिक्षक ब्रिज नारायण कौल से करवा दी।हालंकि ये भी कहा जाता है कि राजकुमारी कौल भी अटल से शादी करना चाहती थीं, पर परिवार को अटल मंजूर नहीं थे। राजकुमारी कौल की शादी के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने ताउम्र शादी नहीं की। करीब डेढ़ दशक बाद जब दोनों फिर मिले तब तक अटल सांसद बन चुके थे। राजकुमारी कौल भी पति के साथ दिल्ली में बस चुकी थी। मोरारजी देसाई की सरकार में जब अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री हुए तो कौल परिवार लुटियंस जोन में उनके साथ आकर रहने लगा। वर्ष 2014 में जब राजकुमारी कौल की मौत हुई तो इंडियन एक्सप्रेस ने छापा - "राजकुमारी कौल वह अटल जी के जीवन की डोर थीं। वह उनके घर की सबसे महत्वपूर्ण सदस्य और उनकी सबसे घनिष्ठ मित्र भी थीं। " दीनदयाल उपाध्याय की मौत के बाद जब अटल बिहारी वाजपेयी का नाम संघ अध्यक्ष के लिए उठने लगा, तो उनका विरोध किया गया। दरअसल अटल गैरपरंपरागत जीवनशैली और मिसेज कौल के साथ उनके संबंधों के कारण जनसंघ में उनका विरोध हुआ था और बलराज मधोक जैसे लोगों ने खुलकर उनके और राजकुमारी कौल के सम्बन्ध को लेकर सवाल उठाये थे।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चार बड़े एलान किये है। कर्मचारियों को तोहफा : मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ते का ऐलान किया है। इससे सरकार के खजाने पर 260 करोड़ का सालाना बोझ पड़ेगा। छात्रों को निशुल्क किताबें: मुख्यमंत्री ने नौंवीं और दसवीं के बच्चों को मुफ्त किताबें देने का ऐलान भी किया है। प्रदेश के 65 हजार छात्रों को 1500 रुपये तक की किताबें निशुल्क दी जाएंगी। महिलाओं के लिए परीक्षा शुल्क माफ: लोक सेवा आयोग और दूसरे बोर्डों की ओर से की जाने वाली भर्तियों में महिलाओं के लिए परीक्षा शुल्क माफ किया गया है। सैनिकों की विधवाओं को मदद: भूतपूर्व सैनिकों की विधवाओं और आश्रितों की सालाना वित्तीय मदद भी दस हजार से बढ़ा कर 20 हजार कर दी गई है।
नाहन-शिमला नेशनल हाईवे पर स्थित बनाह की सेर गांव के समीप एक व्यक्ति की तालाब में डूबने से मौत हो गई। हादसा बुधवार शाम पेश आया। बताया जा रहा है बनाह की सेर निवासी मृतक रम्मी कुमार ने शराब पी हुई थी और वह नशे में तालाब में नहाने उतरा और दलदल में फंस गया। इस बात की सूचना ग्रामीणों को लगी तो उन्होंने उसे तत्काल सिविल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बुधवार देर शाम को सिविल अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया जिसके बाद वीरवार सुबह मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।
जूनियर ऑफिस असिस्टेंट यूनियन जिला सोलन का एक प्रतिनिधिमंडल विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने उनके माध्यम से पदोन्नति नियम बनाने के लिए प्रदेश सरकार से मांग की। डॉ बिंदल स्वतंत्रता दिवस आयोजन में शरीख होने सोलन पहुंचे थे, उसी दौरान प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की। जूनियर ऑफिस असिस्टेंट यूनियन का कहना है कि वर्ष 2014 से प्रदेश सरकार क्लर्क की भर्ती के स्थान पर एक नए पद जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) की भर्ती की गई। किन्तु अब तक ना तो JOA नियमित होने के बाद के वेतन के संबंध में कोई नियम बने हैं और ना ही पदोन्नति के संबंध में कोई नियम बने हैं, जिससे JOA को अपने भविष्य की चिंता सता रही है। प्रतिनिधिमंडल में यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा ने कहा कि यूनियन प्रदेश सरकार से जूनियर ऑफिस असिस्टेंट के नियमित होने पर 10300-34000+3600 ग्रेड पे देने की मांग करती है और नियमित होने के 5 वर्ष पश्चात वरिष्ठ सहायक के पद पर पदोन्नति दी जाए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल जी ने प्रतिनिधि मंडल को उनके पदोन्नति नियम बनाने को लेकर आश्वस्त किया और कहा कि वह उक्त मामला प्रदेश सरकार के ध्यान में लाएंगे। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष वेद प्रकाश शर्मा, उपाध्यक्ष राजेंद्र छाजटा, जिलाध्यक्ष मनोज, जिला महासचिव संजय शर्मा, नीरज, अनिता शर्मा, तपेन्द्र पुंडीर, दिनेश, सुनील बनोलय, रिषभ, कुलदीप, दीपीका, शीतल, वैशाली, प्रदीप,अरुण आदि 50 जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (आईटी) रहे।
एसपी कुल्लू ने जिला में सक्षम महिला पुलिस कर्मियों की एक विशेष टीम तैयार की है। ये टीम बाइक पर पेट्रोलिंग कर महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी। एसपी कुल्लू द्वारा "शक्ति स्क्वाड" का गठन किया गया है , जिसमे ऐसी महिला पुलिस अधिकारियों का चयन किया गया है, जो मोटरसाइकिल द्वारा विभिन्न स्थानों में नियमित पेट्रोलिंग कर महिलाओं ओर छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर सके।
राजकीय महाविद्यालय सोलन की रोवर रेंजर इकाई तथा मॉन्टेनीयर रोवर्स ओपन क्रू सोलन ने संयुक्त रूप से हिमगिरी कल्याण आश्रम शिल्ली, सोलन में स्वतंत्रता दिवस तथा राखी का पावन दिन बच्चों के साथ मनाया। कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण से की गई, जिसमें की ध्वजारोहण कार्यक्रम के मुख्यतिथि, सिविल कोर्ट की जज मैडम माधवी द्वारा किया गया। इसके बाद बच्चों को रेंजर्स द्वारा राखी पहनकर रक्षाबंधन का पर्व मनाया तथा बच्चों में मिष्ठान वितरित किये गए। इस कार्यक्रम में मुख्यतिथि द्वारा बच्चों को भारत की स्वतंत्रता के इतिहास के बारे में संक्षिप्त में जानकारी दी गयी साथ ही साथ भारत के कानून के नियम तथा नियम प्रणाली के बारे में भी जानकारी दी गयी। कार्यक्रम के अंत मे आश्रम की ओर से सभी रोवर्स रेंजर्स के लिए नाश्ता दिया गया, जो कि वहां के बच्चों द्वारा बनाया गया था। यह कार्यक्रम सुबह 6 बजे से 8 बजे तक चला इस कार्यक्रम में ओपन क्रू के रोवर्स लीडर राहुल शर्मा, सहायक रोवर लीडर रोहित चौधरी, वरिष्ठ रोवर्स रोहित चंदेल, धर्मेद्र चौहान, सचिन ठाकुर, ओपन यूनिट के रोवर्स तथा सोलन महाविद्यालय के कुल 22 रोवर्स -रेंजर्स उपस्थित रहे।
सरदार पटेल ने लगाया था आरएसएस पर प्रतिबन्ध अगर देशभक्ति की कसौटी तिरंगा फहराना है, तो राष्ट्रीय स्वयं संघ (आरएसएस ) तो अभी नया-नया देशभक्त हुआ है। आपको और हमे आरएसएस से देशभक्ति सीखने की जरुरत नहीं है। शायद आप नहीं जानते कि दिन रात देश भक्ति की नसीहत देने वाला संघ 2002 के पहले तिरंगा नहीं फहराता था। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे अवसरों पर भी आरएसएस के दफ्तरों में कभी तिरंगा नहीं फहराया जाता था। वर्ष 2002 तक सिर्फ दो मर्तबा ऐसा हुआ जब आरएसएस ने तिरंगा फहराया, पहला 15 अगस्त 1947 को और दूसरा 1950 में। दरअसल महात्मा गाँधी की हत्या के बाद तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। जी हाँ वहीँ पटेल जिनका गुणगान करते हुए संघ आज थकता नहीं है।तब जब सरदार पटेल ने गांधीजी की हत्या में संलिप्तता के मामले में संघ पर लगा प्रतिबंध हटाने के पहले तिरंगे को राष्ट्रध्वज मानने के लिए गोलवलकर को मजबूर किया था, जिसके बाद संघ को तिरंगा फहराना पड़ा। आपको एक और दिलचस्प किस्सा सुनाते है। 26 जनवरी 2001 को आरएसएस मुख्यालय नागपुर ने तीन युवक जबरन घुस गए और उन्होंने वहां राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहरा दिया। वे तीन युवक राष्ट्रप्रेमी युवा दल के थे और इस बात से क्षुब्ध थे कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर भी आरएसएस कभी तिरंगा नहीं फहराता। तीनो युवकों पर मुक़दमा दर्ज हुआ, जिसे उन्होंने 12 साल तक झेला। इस प्रकरण के बाद आरएसएस की देश भक्ति पर भी सवाल उठने लगे। आखिरकार तिलमिलायें हुए आरएसएस ने 2002 से तिरंगा फहराना शुरू किया। आरएसएस तिरंगा क्यों नहीं फहराता था, आज तक आरएसएस इसका जवाब नहीं दे पाया है।
Prime Minister Narendra Modi has announced the creation of a chief of defence staff (CDS) as head of the tri-services. PM Modi promotes 'lets make India plastic free’ PM says, our aim is to reach among first 50 nations in ease of doing business. Tackling water crisis is a huge priority for Government: PM Modi India can become a global hub of tourism. "Can we think of visiting at least 15 tourist destinations in India before 2022”, PM says. 'One nation, one constitution': PM Modi says on scrapping of Article 370 The fundamentals of our economy are strong. Reaching $5-trillion-economy mark by 2024 is achievable: PM Modi India Will invest Rs 100 lakh crore in infrastructure building: PM Population growth is a huge challenge. Small family also contribute to the development of the nation. It's a form of patriotism: PM
भारत मां जो आजाद कराणे तायीं मावां दे पुत्र चढ़े फांसियां हंसदे-हंसदे आजादी दे नारे लाई.. मैं कुण, कुण घराना मेरा, सारा हिन्दुस्तान ए मेरा भारत मां है मेरी माता, ओ जंजीरां जकड़ी ए. ओ अंग्रेजां पकड़ी ए, उस नू आजाद कराणा ए.. कांशीराम जिन्द जवाणी, जिन्दबाज नी लाणी इक्को बार जमणा, देश बड़ा है कौम बड़ी है. जिन्द अमानत उस देस दी ये वो दौर था जब हिंदुस्तान के हर कोने में आजादी के लिए नारे लग रहे थे। क्रांतिकारी देश को आज़ाद करवाने के लिए हर संभव प्रत्यन कर रह थे। पुरे मुल्क में हजरत मोहनी का लिखा गया नारा इंकलाब जिंदाबाद क्रांति की आवाज बन चूका था। उसी दौर में हिमाचल की शांत पहाड़ियों में एक व्यक्ति पहाड़ी भाषा और लहजे में क्रांति की अलख जगा रहा था। वो गांव-गांव घूमकर अपने लिखे लोकगीतों व कविताओं से आम जन को आजादी के आंदोलन से जोड़ रहा था। नाम था कांशी राम, वहीँ काशी राम जिन्हे पंडित नेहरू ने बाद में पहाड़ी गाँधी का नाम दिया। वहीँ बाबा काशी राम जो 11 बार जेल गए और अपने जीवन के 9 साल सलाखों के पीछे काटे। वहीँ बाबा कशी राम जिन्हें सरोजनी नायडू ने बुलबुल-ए-पहाड़ कहकर बुलाया था। और वहीँ बाबा काशी राम जिन्होंने कसम खाई कि जब तक मुल्क आज़ाद नहीं हो जाता, वो काले कपड़े पहनेंगे। 15 अक्टूबर 1943 को अपनी आखिरी सांसें लेते हुए भी कांशी राम के बदन पर काले कपड़े थे और मरने के बाद उनका कफ़न भी काले कपड़े का ही था। ‘अंग्रेज सरकार दा टिघा पर ध्याड़ा’ यानी अंग्रेज सरकार का सूर्यास्त होने वाला है, जैसी कई कवितायेँ लिख पहाड़ी गाँधी ने ब्रिटिश हुकूमत से लोहा लिया था। मुल्क आज़ाद हो गया लेकिन ये विडम्बना का विषय है कि सियासतगारों ने पहाड़ी गाँधी को भुला दिया। बस कभी -कभार, खानापूर्ति भर के लिए पहाड़ी गाँधी को याद कर लिया जाता है। उनका पुश्तैनी मकान भी पूरी तरह ढहने की कगार पर है, मानो एक तेज बरसात का इन्तजार कर रहा हो। 2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वीरभद्र सरकार को पहाड़ी गाँधी की याद आई और डाडासिबा में उनके पुश्तैनी घर को कांशीराम संग्रहालय बनाने का वादा किया गया। खेर चुनाव के बाद सरकार बदल गई और जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री बने। वर्ष 2018 में बाबा काशीराम की जयंती पर 11 जुलाई को जयराम ठाकुर ने भी काशीराम संग्राहलय बनाने की घोषणा की, किन्तु एक वर्ष बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। बाबा कांशी राम की शादी 7 साल की उम्र में हो गई थी। उस वक्त पत्नी सरस्वती की उम्र महज 5 साल थी। साल 1905 में कांगड़ा घाटी में आये भूकंप में करीब 20 हजार लोगों की जान गई और 50,000 मवेशी मारे गए। तब लाला लाजपत राय की कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक टीम लाहौर से कांगड़ा पहुंची जिसमें बाबा काशी राम भी शामिल थे। उनकी ‘उजड़ी कांगड़े देश जाना’ कविता आज भी सुनी जाती है। लाहौर में कांशी राम की मुलाकात मशहूर देश भक्ति गीत ‘पगड़ी संभाल जट्टा’ लिखने वाले सूफी अंबा प्रसाद और लाल चंद ‘फलक’ से हुई जिसके बाद कांशी राम संगीत और साहित्य के माध्यम से आजादी का लड़ाई में रम गए। 1919 में जब जालियांवाला बाग हत्याकांड के वक्त बाबा कांशी राम भी अमृतसर में थे।इसके बाद ब्रिटिश राज के खिलाफ बगावत के जुर्म में कांशीराम को 5 मई 1920 को लाला लाजपत राय के साथ दो साल के लिए धर्मशाला जेल में डाल दिया गया। 1931 में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को फांसी मिलने के बाद उन्होंने प्रण लिया कि जब तक मुल्क आज़ाद नहीं हो जाता, तब तक वो काले कपड़े पहनेंगे।उन्हें ‘स्याहपोश जरनैल’ भी कहा गया। वर्ष 1937 में जवाहर लाल नेहरू ने होशियारपुर के गद्दीवाला में एक सभा को संबोधित करते हुए बाबा कांशीराम को पहाड़ी गांधी कहकर संबोधित किया था, जिसके बाद से कांशी राम को पहाड़ी गांधी के नाम से ही जाना गया। बाबा काशी राम ने 1 उपन्यास, 508 कविताएं और 8 कहानियां लिखीं। 23 अप्रैल 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कांगड़ा के ज्वालामुखी में बाबा कांशी राम पर एक डाक टिकट जारी किया था। काशी राम के नाम पर हिमाचल प्रदेश से आने वाले कवियों और लेखकों को अवॉर्ड देने की भी शुरुआत हुई थी, पर पिछले कुछ सालों से ये अवार्ड नहीं दिया जा रहा है। बाकी कांशीराम के नाम से उनके गांव में एक सरकारी स्कूल बना है, जो पंजाब के मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों ने बनवाया था। दरअसल, हिमाचल बनने से पहले बाबा कशी राम का गृह क्षेत्र पंजाब में आता था।
राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भूमती में तीन दिवसीय अर्की खंड की अंडर-19 छात्रों के खंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का बुधवार को समापन हो गया। इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर उपमंडल अधिकारी अर्की विकास शुक्ला उपस्थित हुए। इस मौके पर मुख्य अतिथि ने स्कूली बच्चों द्वारा प्रस्तुत मार्च पास्ट की सलामी ली। वहीं मुख्य अतिथि को स्थानीय स्कूल की प्रधानाचार्या विजय गुप्ता ने शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। जिला खेल अधिकारी संतोष कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि 3 दिनों तक चली इस खेलकूद प्रतियोगिता में विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में विभिन्न प्रकार की खेले करवाई गई । जिसमें वॉलीबॉल में पहला स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दाडलाघाट व दूसरा स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बखालग ने प्राप्त किया । कबड्डी में पहला स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छात्र अर्की की टीम रही वहीं दूसरे स्थान पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धुंधन रही । खो-खो में पहला स्थान राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भूमती व दूसरा स्थान एनपीएस धुंधन, बैडमिंटन में प्रथम स्थान पर बीएल कुनिहार व द्वितीय स्थान पर कान्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल कूफ्टू, वहीं कुश्ती में पहला स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दाडलाघाट व दूसरा स्थान धुंधन ने अर्जित किया । मार्चपास्ट में पहला स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भूमती और दूसरा स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धुंधन ने हासिल किया । कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि द्वारा विजेता व उपविजेता टीमों को पुरस्कार वितरित किए गए। इस अवसर पर तहसीलदार अर्की संतराम अन्य स्कूलों से आए शिक्षक स्थानीय स्कूल स्टाफ वह बच्चे मौजूद रहे।
प्रदेश में शिक्षा गतिविधियों पर इस वर्ष व्यय हो रहे 7598 करोड़ रुपये-डाॅ. सैजल शिक्षा, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शिक्षा के बिना मनुष्य जीवन अधूरा है तथा शिक्षा ही मनुष्य को अज्ञान रूपी अंधकार से बाहर निकालकर ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाती है। सुरेश भारद्वाज आज सोलन जिला के दून विधानसभा क्षेत्र की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुठाड़ में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल की गरिमामयी उपस्थिति में 1.86 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित प्रशासनिक एवं कला खंड का लोकार्पण करने के उपरांत उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। सुरेश भारद्वाज ने अध्यापकों का आह्वान किया कि वे विद्यालयों में अन्य विषयों के साथ-साथ छात्रों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा भी प्रदान करें ताकि हमारी युवा पीढ़ी भारतीय परंपराओं को पूरी निष्ठा के साथ अपना सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार संस्कृत भाषा के संवर्द्धन पर विशेष बल दे रही है। उन्होंने कहा कि विश्व की अनेक भाषाओं का मूल संस्कृत से है। राज्य सरकार ने संस्कृत को प्रदेश में दूसरी भाषा का दर्जा प्रदान किया है। सुरेश भारद्वाज ने इस अवसर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुठाड़ में अगले शैक्षणिक सत्र से वाणिज्य की कक्षाएं आरंभ करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि विद्यालय में इंडोर खेल स्टेडियम तथा विज्ञान संकाय भवन की छत के लिए प्राक्कलन के अनुसार धनराशि उपलब्ध करवा दी जाएगी। शिक्षा मंत्री ने इससे पूर्व विद्यालय में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री की उपस्थिति में कसौली जोन के छात्रों की 19 वर्ष से कम आयु वर्ग की तीन दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिता का भी समापन किया। प्रतियोगिता में 29 स्कूलों के 437 खिलाड़ियों ने विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताओं में भाग लिया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षा के माध्यम से ही युवा आजीविका कमाने के साथ-साथ बेहतर नागरिक बन सकते हैं। उन्हांेने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार श्रेष्ठ व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने एवं युवाओं को नैतिक रूप से मज़बूत बनाने पर बल दे रही है। भारत को प्राचीन काल से ही शिक्षा क्षेत्र में अग्रणी माना जाता रहा है और अब समय आ गया है कि हम देश एवं प्रदेश को विशिष्ट शिक्षा पद्धति का सिरमौर बनाएं। दून के विधायक परमजीत सिंह पम्मी ने इस अवस पर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान प्रदेश सरकार के समय में हुए विकास का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। उन्होंने शिवांचल युथ क्लब कुठाड़ को अपनी ऐच्छिक निधि से 1.50 लाख रुपये देने की घोषणा की। कसौली जोन के छात्रों की 19 वर्ष से कम आयु वर्ग की इस तीन दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिता में कबड्डी में चामियां ने सुल्तानपुर, वाॅलीबाल में एनपीएस परवाणू ने देलगी, बैडमिंटन में गोयला ने एनपीएस परवाणू, खो-खो में देलगी ने देवठी तथा कुश्ती में पट्टा महलोग ने जाबली को पराजित किया। मार्च पास्ट में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कसौली पहले तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुठाड़ दूसरे स्थान पर रहा। इस अवसर पर दून विधानसभा क्षेत्र के विधायक परमजीत सिंह पम्मी, एपीएमसी सोलन के अध्यक्ष संजीव कश्यप, जिला भारतीय जनता युवा मोर्चा के सचिव नरेंद्र शर्मा, रामेश्वर शर्मा, पूर्व जिला परिषद उपाध्यक्ष अरूण सेन, ग्राम पंचायत कुठाड़ के प्रधान रामनाथ वशिष्ठ, उपप्रधान पवन शर्मा, स्कूल प्रबंधन समिति के प्रधान सुदर्शन ठाकुर, सह निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ. चंद्रेश्वर शर्मा, एसडीपीओ परवाणू योगेश रोल्टा, तहसीलदार कसौली कपिल तोमर, बीएसएनएल के निदेशक रामेश्वर शर्मा, उपनिदेशक उच्च शिक्षा योगेंद्र मखैक, उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा श्रवण चैधरी, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता राजेश गर्ग, रावमापा कुठाड़ के प्रधानाचार्य संजीव परिहार, अन्य गणमान्य व्यक्ति, अध्यापक, छात्र तथा खिलाड़ी इस अवसर पर उपस्थित थे।
प्रतियोगिता के ग्रैंड फिनाले में प्रतियोगियों ने अपनी प्रतिभा के दम पर खूब बटोरी तालियां ग्रैंड फिनाले में भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश की सचिव डॉo पूर्णिमा चौहान ने की बतौर मुख्यातिथि शिरकत हुनरबाज़ हिमाचल का ग्रैंड फिनाले शिमला के क्योंथल हॉल में आयोजित किया गया। इसमें प्रदेशभर से हुनरबाज़ों ने अपना दम खम दिखाया।कार्यक्रम में भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश की सचिव डॉ पूर्णिमा चौहान ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।प्रतियोगिता के ग्रैंड फिनाले में डांस में जूनियर वर्ग यावनिका, अक्षिता, चहक, पलक, कृतिका, मन्नत शर्मा, वंशिका, मेघा, श्रेया, यशोर्धन, तमन्ना, दिविता, गीतांजलि, अदवे, अवनिशा, अंकिता, अक्षरा, जिनिया, शिवंशी, शियोना, सुप्रिया वही सीनियर वर्ग में अनिता, सुजल, इशिता, बिपाशा, जाखन, कविता ने अपनी प्रस्तुति दी। ग्रुप डांस में बीट बस्टर ग्रुप, सन बीन इंटरनेशनल स्कूल जुब्बल, लूज़र क्रू पौंटा साहिब व निरितयांगन ग्रुप सोलन ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी।वही संगीत मुकाबले में सीनियर वर्ग में दिनेश कुमार बेदी, अंजलि भाटिया, श्वेता सूद, अंजलि शांडिल, सुमित सूद, विक्की, चरण सिंह, प्रज्ञा ठाकुर, तेजस्वनी, पूजा, नेहा शर्मा, युगल रावत ने अपने जलवे बिखेरे वही जूनियर वर्ग में विवान गुप्ता, दिव्यांशी, ईशा ठाकुर, ओजश्वी शर्मा, आर्यन शर्मा, क्षितिज ने अपनी प्रस्तुतियां दी। वही योग में निधि डोगरा व भूपेंदर ने अपनी प्रस्तुति दी और सभी को योग के माध्यम से स्वस्थ रहने का संदेश दिया। ग्रैंड फिनाले के फाइनल संगीत मुकाबले में निर्णायक मंडल में प्रसिद्ध लोक गायक अच्छर सिंह परमार, राष्ट्रपति अवार्ड जिया लाल ठाकुर, एकमात्र बेंजो वादक व प्रसिद्ध गायक अश्वनी शर्मा, मशहूर रंगकर्मी भूपेंदर शर्मा, मशहूर गायक कुमार साहिल व राजकीय कन्या महाविद्यालय शिमला की सँगीत विषय की प्राध्यापक डॉ कल्पना मौजूद रही। नृत्य मुकाबले के निर्णायक मंडल में मशहूर नृत्य शिक्षक रिंकू खान, बॉम्बे डांस कम्पनी से जानवी हाडी व सेक्रेट हार्ट स्कूल शिमला की नृत्य शिक्षिका हिमांशी मारवाड़ी मौजूद रही। हुनरबाज हिमाचल के ग्रैंड फिनाले में मंच ने हिमाचल की विभूतियों को भाषा एवं संस्कृति विभाग की सचिव डॉ पूर्णिमा चौहान के हाथों से देवभूमि शिखर सम्मान से भी नवाजा। इसमें प्रसिद्ध लोकगायक व हिमाचली संस्कृति को कई लोकगीत प्रदान करने वाले सोम दत्त बट्टू, प्रसिद्ध लोकगायक व वरिष्ठ रंगकर्मी अच्छर सिंह परमार, कला सम्मान से सम्मानित इल्ला पांडे, मशूहर लोक गायक व रचयता ज्वाला प्रसाद, प्रदेश में सूफी कलाम को जिंदा रखे हुए व हिमाचल के सुप्रसिद्ध गायक अश्वनी शर्मा, आई टी बी पी में बतौर डिप्टी कमांडेंट तैनात व बाकमाल चित्रकार कमल कुमार व वरिष्ठ रंगकर्मी व फ़िल्म जगत से जुड़े भूपेंद्र शर्मा को देवभूमि शिखर सम्मान से सम्मानित किया गया। वही कार्यक्रम में कांगडा से सोनू भोलू सूद, प्रसिद्ध कलाकार टिंकू विहान, हिमाचल के सर्वश्रेष्ठ कॉमेडी किंग प्रिंस गर्ग, निर्देशक व थिएटर आर्टिस्ट एकलव्य सेन, मशहूर मॉडल भारती अत्री, मशहूर लोक गायक ऐ सी भारद्वाज, हिम स्टार ग्रुप के संस्थापक चेतन प्रकाश, समाजसेवी रोबॉट रॉय, हिलीवुड स्टूडियो से विनोद भारद्वाज, समाजसेवी सुरेश ओबरॉय, हिमाचल एकता मंच के संस्थापक दीपलाल भारद्वाज, प्रिसिद्ध लोक गायक दोत राम पहाड़िया, संगीतकार अनिशा भारद्वाज, सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल की प्रधानाचार्या अमिता भारद्वाज, हिमाचल फ़िल्म सिनेमा के संस्थापक ठाकुर के सी परिहार, मंच संचालक मुनीष नंदन, हिमाचल की शान पूनम नेगी बतौर विशेष अतिथि मौजूद रहे। ग्रैंड फिनाले में कड़ी टक्कर होने के बाद परिणाम घोषित किये गए जिसमें सीनियर ग्रुप में पहले स्थान पर तेजस्वनी रही ।वही दूसरे स्थान पर अनिता, तीसरे स्थान पर सुजल, चौथे स्थान पर प्रज्ञा ठाकुर और पांचवे स्थान पर इशिता रही।जबकि जूनियर वर्ग में पहले स्थान पर अवनिशा, दूसरे स्थान पर दिव्यांशी, तीसरे स्थान पर आर्यन, चौथे स्थान पर गीतांजलि और पांचवे स्थान पर जेनिया रही। ग्रुप डांस में सीनियर में पौण्टा साहिब से लूज़र क्रू ने प्रथम स्थान हासिल किया जबकि जूनियर वर्ग में सोलन के नृत्यआंगन ग्रुप ने प्रथम स्थान हासिल किया।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मंज्याट के परिसर में पाइन इको क्लब के सौजन्य से मुख्यमंत्री हरित विद्यालय अभियान के अंतर्गत पौधरोपण किया गया। इसमें औषधीय पौधे हरड,बेहड़ा आंवला तथा अनार के पौधे लगाए गए। इस अवसर पर प्रधानाचार्य डॉ हेतराम वर्मा ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों अभिभावकों को पेड़-पौधों के महत्व के बारे में विशेष जानकारी दी और एक नारा "पेड़ है तो जीवन है" एक सत्य है और आह्वान किया कि सभी को अपने घरों के आसपास अधिक से अधिक पौधरोपण करना चाहिए और उनकी देखभाल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यालय में रोपित पौधों की देखभाल के लिए दो बच्चे प्रति पौधा नामित किए गए है । इस अवसर पर प्रधानाचार्य ने वन विभाग का भी धन्यवाद किया जिन्होंने पौधे मुफ्त में उपलब्ध करवाएं। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ.हेतराम वर्मा, एसएमसी प्रधान कमलेश शर्मा, मुख्य सलाहकार कुलदीप ठाकुर, राजेंद्र कुमार, विद्यालय की इको क्लब प्रभारी नीना अटल, प्रवीण गुप्ता, सरोज, मनोज कुमार, रीता चौहान व इको क्लब के विद्यार्थी सदस्य मौजूद रहे।
डीएवी अम्बुजा निकेतन दाड़लाघाट ने ग्रीन स्कूल प्रोग्राम में बेहतर प्रदर्शन किया। इस प्रोग्राम के लिए देश भर से लगभग 5000 स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था,जिसमें से 1689 स्कूलों ने ग्रीन स्कूल ऑडिट रिपोर्ट सेंटर फॉर साइंस और पर्यावरण नई दिल्ली को भेजी थी।डीएवी अम्बुजा ने इसमें अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देशभर में 152 वा रैंक हासिल किया।कार्यक्रम पाइनग्रोव स्कूल धर्मपुर में आयोजित हुआ,जिसमें न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ राजीव सहजल मुख्य अतिथि थे।स्कूल प्रबंधन समिति के चेयरमैन अनुपम अग्रवाल तथा प्रधानाचार्य मुकेश ठाकुर ने स्कूल की इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए अपनी शुभकामनाएं दी।स्कूल प्रधानाचार्य मुकेश ठाकुर ने कहा कि इस प्रोग्राम के माध्यम से विद्यार्थियों को पर्यावरण के संरक्षण हेतु जागरूक किया गया और भविष्य में पर्यावरण सरंक्षण हेतु और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित किया।ग्रीन स्कूल प्रोग्राम के समन्वयक एवं प्राध्यापक विवेक शर्मा ने स्कूल की इस उपलब्धि श्रेय विद्यार्थियों को देते हुए कहा की यह उनके कठिन परिश्रम तथा लगन से ही संभव हो पाया है।
- कसौली से धधकी थी क्रांति की ज्वाला हिंदुस्तान के स्वतंत्रता संग्राम में हिमाचल प्रदेश का योगदान भी कम नहीं रहा। देवभूमि हिमाचल वीर योद्धाओं और स्वतंत्रता सेनानियों की जन्म और कर्म भूमि भी रहा है। वर्ष 1857 में जब देशभर में ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ विद्रोह प्रखर हुआ तो पहाड़ों की शांतवादियों में भी क्रांति की ज्वाला धधक उठी। करीब चार महीने में देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम के लिए लगभग 50 देशभक्त फांसी के फंदे में झूल गए थे। इसकी शुरुआत हुई थी कसौली से। 20 अप्रैल, 1857 को ब्रिटिश हुकुमत के खिलाफ हिमाचल में विद्रोह की चिंगारी कसौली अंग्रेज सैनिक छावनी से भड़की थी। तब 6 भारतीय सैनिकों ने कसौली पुलिस थाने को फूंक दिया था। देखते ही देखते विद्रोह की ये चिंगारी कसौली से डगशाई, सुबाथू, जतोग व कालका छावनियों में फैल गई। तब सिर्फ 45 हिन्दुस्तानियों ने करीब 200 अंग्रेज़ों को परास्त किया था। कसौली की तत्कालीन एडिशनल कमिश्नर पी. मैक्सवेल ने इस घटना के बारे में लिखा कि ये हैरत की बात थी कि कैसे सिर्फ 45 भारतीय सैनिकों ने 200 अंग्रेज सैनिकों को हराया था। उधर, जतोग में गोरखा रेजिमेंट ने सूबेदार भीम सिंह के नेतृत्व में छावनी व खजाने पर कब्जा कर लिया। वहीँ, एक गोरखा सैनिक ने अपनी खुखरी से शिमला बाजार में एक अंग्रेज अधिकारी की गर्दन उड़ा दी।आलम ये था किफिरनगी अपनी जान बचाकर भागने लगे। इस दौरान बुशहर के राजा ने ब्रिटिश हुकूमत को नजराना सहित अन्य सहायता बंद कर दी और क्रांतिकारियों का खुलकर सहयोग किया। हालांकि बिलासपुर सहित कुछ अन्य शासकों ने अंग्रेजों का साथ दिया। इंग्लैंड के समाचार पत्रों में इस घटना का जिक्र Shimla Terror (शिमला आतंक) के तौर पर किया। 1857 की पहली क्रांति का विद्रोह कांगड़ा, कुल्लू-सिराज, चंबा व मंडी-सुकेत तक में हुआ। 11-12 मई के मेरठ व दिल्ली विद्रोह की सूचना कांगड़ा सहित आसपास के पूरे क्षेत्र में फैल गई थी, जिससे ब्रिटिश अधिकारियों ने अपने क्षेत्रों की सुरक्षा के उपाय कर लिए। 19 मई को ऊना-होशियारपुर में क्रांतिकारियों व देशी पुलिस ने भयानक विद्रोह कर दिया। सुजानपुर टीहरा के राजा प्रताप चंद अपने किले में क्रांति की तैयारियां करते रहे, लेकिन इसकी भनक अंग्रेजों को हो गई और महल में ही नजरबंद कर दिया गया। उधर, जसवां, गुलेर, हरिपुर, नौदान, नूरपुर, पठानकोट सहित अन्य क्षेत्र के लोग भी कंपनी के खिलाफ हो गए। नालागढ़ में भी क्रांतिकारियों ने मलौण किले से अंग्रेजों के हथियार कब्जे में ले लिए और 10 जून को जालंधर के दस्ते ने नालागढ़ पहुंचकर वहां के खजाने को लूट लिया। 30 जुलाई को कांगड़ा में विभिन्न स्थानों पर देशी सैनिकों व क्रांतिकारियों की अंग्रेजों के साथ मुठभेड़ हुई और कई ने सुरक्षा के बावजूद शहर में प्रवेश कर लिया। क्रांतिकारी ब्रिगेडियर रमजान को नूरपुर में फांसी दे दी गई, कांगड़ा में पांच व धर्मशाला में छह देशभक्त व क्रांतिकारी फांसी पर चढ़ाए गए। कुल्लू के युवराज प्रताप सिंह ने भी अंग्रेजों के खिलाफ खूब लोहा लिया, लेकिन अपने कुछ साथियों के पकड़े जाने के बाद वह भी गिरफ्तार कर लिए गए और तीन अगस्त को उन्हें व उनके साथी बीर सिंह को फांसी दी गई। मंडी के राजा विजय सेन केवल 10वर्ष के थे और सुकेत रियासत में आपसी गृहयुद्ध के कारण क्रांतिकारियों ने यहां अधिक सहयोग नहीं मिल पाया, लेकिन जनता में देशभक्ति की भावना प्रबल थी। ऐसे में अगस्त 1857 तक पहाड़ों में फैले विद्रोह को शांत कर लिया गया था I
पानी निकासी के लिए नालियां तक नहीं बना सकी फोरलेन निर्माण कंपनी भूस्खलन के चलते धर्मपुर के हार्डिंग क्षेत्र में कई मकान जमींदोज होने की कगार पर है। अब तक कई परिवार बेघर हो चुके है और कई अन्य मकानों पर खतरा मंडरा रहा है।मंगलवार रात हुई बारिश के बाद इस क्षेत्र में जाने वाली सड़क भी धंस चुकी है। प्रभावित मकानों में दिन ब दिन दरारें बढ़ती जा रही है। कई स्थानों पर आधा -आधा फीट चौड़ी दरारें है। रोकथाम के सभी उपाय अभी तक नाकाफी सिद्ध हुए है। कई लोग मकान खाली कर चुके है। क्षेत्र में करीब एक दर्जन मकानों में दरारें है। लोगों ने अपने जीवन भर की पूंजी से मकान बनाये है और अब आंखों के सामने उन्हें ढहता हुआ देखने को विवश है। पिछले वर्ष भी इस क्षेत्र में कई मकान गिर चुके है। ग्राम पंचायत धर्मपुर प्रधान ओपी पंवर का आरोप है कि फोरलेन निर्माण के दौरान हुई बेतरतीब कटाई के चलते ऐसा हुआ है। उनका कहना है कि यदि समय रहते आवश्यक कदम उठाये गए होते तो ऐसा नहीं होता। पिछले वर्ष कई मकान गिर चुके है, उसके बावजूद फोर लेन निर्माण कंपनी ने सबक नहीं लिया। प्रधान ने किया सूचित लेकिन अब तक नहीं हुई कोई कार्यवाही धर्मपुर प्रधान ओपी पंवर का आरोप है कि इस क्षेत्र में बह रहे पानी के लिए फोरलेन निर्माण कंपनी से नालियां बनाने की गुजारिश की थी। निर्माण कर रही कंपनी के पदाधिकारी को उन्होंने इस क्षेत्र की वास्तुस्थिति से अवगत करवाया था और जल्द से जल्द नालियां बनाने का आग्रह किया था। किन्तु कंपनी ने कोई कदम नहीं उठाया। नतीजन लगातार रिस रहे पानी के चलते इस क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क श्रतिग्रस्त हो चुकी है और कई मकान गिरने की स्थिति में है।ओपी पंवर का कहना है की उन्होंने जिला प्रशासन को भी इससे अवगत करवाया है, पर उचित कदम नहीं उठाये गए।स्थिति बिगड़ती जा रही है और कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। आईपीएच के टैंकों को भी खतरा प्रभावित क्षेत्र में आईपीएच के वाटर टैंक भी बने है। जिस तरह इस क्षेत्र में पानी भूमि के अंदर रिस रहा है, उक्त टैंकों को भी खतरा बना हुआ है। यदि कोई अनहोनी होती है तो जान माल के भारी नुक्सान की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
ऐसा माना जाता है कि माता शक्ति ने यहाँ कोलासुर नामक राक्षस का वध किया था और लोगों को उसके प्रकोप से बचाया था। यहाँ माता के दर्शन के लिए दूर -दूर से लोग आते है। हम बात कर रहे है कोयला माता मंदिर की। यह मंदिर जिला मंडी मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। प्राचीन समय में राजगढ़ की पहाड़ी पर यह मंदिर एक चट्टान के रूप में ही था। बाद में यह मंदिर कैसे अस्तित्व में आया और कोयला माता की पूजा अर्चना कैसे शुरू हुई इसके बारे में एक कथा प्रचलित है। बहुत पहले राजगढ़ में हर दिन किसी न किसी के घर पर मातम छाया रहता था क्यूंकि आए दिन यहाँ कोई न कोई व्यक्ति मृत्यु का शिकार हो जाता था। इस तरह राजगढ़ क्षेत्र का दाहुल शमशान घाट किसी भी दिन बिना चिता जले नहीं रहता था। यदि किसी दिन शमशान घाट में शव नहीं पहुंचता तो उस दिन वहां पर घास का पुतला जलाना पड़ता था। वहां के लोगों का मानना था कि चिता के न जलने से किसी प्राकृतिक प्रकोप व् आपदा होने की संभावना होती थी। इस तरह घास के पुतले को जलाने की प्रथा से यहाँ के तंग आ गए थे। काफी सोच समझ कर क्षेत्र के लोगों ने इस प्रथा से छुटकारा पाने के लिए देवी माँ के आगे प्रार्थना की। लोगों की प्रार्थना से माँ काली प्रसन्न हो गयी देखते ही देखते एक व्यक्ति में देवी प्रकट हो गयी और उसने “खेलना ” शुरू कर दिया। खेलते-खेलते वह व्यक्ति कहने लगा “मैं यहाँ की कल्याणकारी देवी हूँ……तुम्हें घास के पुतले जलाने की प्रथा मुक्त करती हूँ। सुखी रहो और मेरी स्थापना यहीं कर दो। लोगों ने जब व्यक्ति के मुख से देवी के वाक् सुने तो उन्होंने देवी से कही गयी बातों का प्रमाण माँगा। इस पर उस खेलने वाले व्यक्ति ने पास की विशाल चट्टान की ओर इशारा किया और देखते ही देखते चट्टान से देसी घी टपकने लगा। उसी दिन से चट्टान व देवी की पूजा अर्चना शुरू हो गयी। इस तरह जब भी किसी शुभ कार्य के लिए देसी घी की ज़रूरत होती थी तो चट्टान के नीचे बर्तन रख दिए जाते थे और देखते ही देखते वो भर जाते थे। वहीं अचानक कुछ समय बाद चट्टान से घी टपकता बंद हो गया। इस के बारे में बताया जाता है कि पहले जब सड़कें व आने-जाने के साधन नहीं होते थे तो उस समय लोग चच्योट, मोवीसेरी , गोहर , जंजैहली व कुल्लू के लिए मंडी सकरोह मार्ग से होकर जाते थे। इसी रास्ते से होकर एक दिन एक गद्दी अपनी भेड़ बकरियां लेकर इस रास्ते से गुजर रहा था। चढ़ाई चढ़ने के बाद वो आराम के लिए उसी चट्टान के समीप बैठ गया। उसने चट्टान से घी टपकने की बात सुन रखी थी इसलिए वह वहां बैठ कर खाना खाने लग गया और अपनी जूठी रोटी पर घी लगाने के लिए चट्टान पर रगड़ने लगा। जूठन के फलस्वरूप उसी दिन से चट्टान से घी टपकना बंद हो गया। देवी के ऐसे कई चमत्कार लोगों को देखने को मिलते रहे इसलिए देवी व स्थान की मान्यता आज भी बनी हुई है। हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले में स्थित यह मंदिर धार्मिक आस्था के अनुसार वह स्थान है जहां मां शक्ति ने चमत्कार दिखाया था। राजगढ़ की पहाड़ी पर बना ये मंदिर पहले मात्र एक बड़ी सी चट्टान के रूप में ही हुआ करता था। मां ने भक्तों को घास के पुतले जलाने की प्रथा से मुक्त किया था। हिमाचल प्रदेश के इस मंदिर की पहाड़ी से कभी घी टपकता था। एक बार एक झूठी रोटी के कारण साक्षात टपकने वाला घी अचानक बहना बंद हो गया। भक्तों का मानना है कि भक्त सच्चे मन से जो भी मां से मांगते हैं मां उनकी इच्छा अवश्य पूरी करती है।
73वां जिला स्तरीय स्वतन्त्रता दिवस समारोह रावमापा (बाल) के खेल मैदान में बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त विनय धीमान ने दी। उपायुक्त ने बताया कि स्वतन्त्रता दिवस के जिला स्तरीय समारोह में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री विरेन्द्र कंवर बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे। उन्होंने बताया कि 15 अगस्त, स्वतन्त्रता दिवस के समारोह के अवसर पर मुख्यातिथि द्वारा प्रातः 10 :45 पर शहीद स्मारक चंगर में माल्यापर्ण करेंगें, तदोपरान्त 11 :00 बजे मुख्यातिथि रावमापा (छात्र) के प्रांगण में आयोजित समारोह में ध्वजारोहण करेंगे। 11:02 पर राष्ट्रीय गान, 11 :05 पर पुलिस, होम गार्ड, नेवल, एनसीसी, स्काउट एण्ड गाईड और विभिन्न स्कूलों के बच्चों द्वारा द्वारा भव्य मार्चपास्ट किया जाएगा। इसके पश्चात 11 :20 बजे मुख्यातिथि जिला वासियों को अपना शुभ सन्देश देगें। उन्होंने बताया कि 11 :45 पर स्कूली बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जाएगा, इसमें रावमापा बाल, जवाहर नवोदय विद्यालय, रा0 स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कन्या, सरस्वती विद्या मंदिर बाल और सरस्वती विद्या मंदिर कन्या के विद्यार्थियों द्वारा देशभक्ति तथा लोक संस्कृति से जुड़े आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पर्वो में सहभागिता निभाना सभी नागरिकों का परम कर्तव्य है। उन्होंने स्थानीय नागरिकों से आग्रह किया है कि वे अधिक से अधिक संख्या में आ कर इस राष्ट्रीय पर्व की गरिमा को बढ़ाएं। उन्होंने स्वतन्त्रता सेनानियों, भूतपूर्व सेनिकों व बजुर्गों से भी आग्रह किया कि वे अपनी उपस्थिति से इस समारोह को शोभायमान करें। उन्होंने समस्त विभागाध्यक्षों से भी आग्रह किया कि वे अपने विभाग के सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को भी इस समारोह में हिस्सा लेने के लिए दिशा-निर्देश दें।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय छात्र अर्की में भारतीय संस्कृति ज्ञान पीठ द्वारा आयोजित परीक्षा सत्र 2018-19 का परीक्षा परिणाम बताया गया। एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी देते हुए स्कूल के प्रधानाचार्य ने बताया कि ये परीक्षा उपमंडल स्तर पर आयोजित की गई थी। इसमें शिवम पाठक ने प्रथम व मुकुल ठाकुर ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया । स्कूल के प्रधानाचार्य जगदीश चंद नेगी ने दोनों छात्रों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया ।
राजकीय उच्च पाठशाला कोटली में मुख्यमंत्री हरित विद्यालय के अंतर्गत चित्रक इको क्लब द्वारा पौधारोपण किया गया। पाठशाला की मुख्य अध्यापिका मोनिका वर्मा की उपस्थिति में सभी बच्चों, अध्यापकों व एसएमसी सदस्यों द्वारा मिलकर सजावटी एवं दूसरे मूल्यवान पौध रोपे गए। पाठशाला की मुख्य अध्यापिका ने बच्चों को पौधारोपण के लाभ व महत्व के बारे में भी बताया। इस अवसर पर स्कूल स्टाफ बच्चे व स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्य मौजूद रहे।
पुलिस थाना दाड़लाघाट के अंतर्गत मारपीट का मामला दर्ज हुआ है। इसमें अजय गौतम सुपुत्र चन्द्रशेखर गांव डवारु के शिकायत पर मामला दर्ज हुआ है कि दिनांक 10/8/19 को समय 3 बजे दिन यह अपने कार्य से दाड़लाघाट आया था ओर दाड़ला चौक पर तीन लड़को ने इसे कमीज से पकड़ कर नजदीक दुकान में ले जाकर बंद कर दिया और इसके साथ मारपीट की। मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी पूर्ण चंद ठुकराल ने बताया कि अजय गौतम की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ है। इस पर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
बिलासपुर में चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाइवे पर पेट्रोल से भरा टैंकर गहरी खाई में जा गिरा। इस हादसे में चालक की मौके पर ही मौत हो गई। उन टैंकर हरियाणा के अंबाला से लेह-लदाख की ओर जा रहा था। पेट्रोल से भरे टैंकर के खाई में गिर जाने की सूचना मिलते ही पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंच कर मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर भेज दिया । फिलहाल शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है । मौके पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंची और अग्निशमन विभाग के कर्मचारी दुर्घटना स्थल पर पहुंचकर टैंकर से बह रहे पेट्रोल की निगरानी करने में जुट गए ताकि किसी अन्य तरह की अनहोनी ना हो जाए।
बाल विकास परियोजना धर्मपुर में आंगनवाड़ी सहायिका के रिक्त पदों को भरने के लिए 28 अगस्त, 2019 को प्रातः 11 बजे बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय धर्मपुर के सभागार में वाक-इन-इन्टरव्यू (साक्षात्कार) आयोजित किए जाएंगे। यह जानकारी आज यहां एक विभागीय प्रवक्ता ने दी। उन्होंने कहा कि इन पदों पर सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित मानदेय देय होगा। इच्छुक अभ्यर्थी बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय धर्मपुर के कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बाल विकास परियोजना वृत कसौली के तहत आंगनबाड़ी केंद्र वार्ड नंबर 3 कसौली तथा बाल विकास परियोजना वृत कृष्णगढ़ के तहत आंगनबाड़ी केंद्र नयानगर में एक-एक पद आंनबाड़ी सहायिका का भरा जाना है। उन्होंने कहा कि इन पदों के लिए वही महिला उम्मीदवार पात्र हैं जो सम्बन्धित आंगनवाड़ी केन्द्र के लाभान्वित क्षेत्र में प्रथम जनवरी 2019 को सामान्य रूप से रह रहे परिवार से सम्बन्ध रखती हो। उम्मीदवार की आयु 21 से 45 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। आंगनवाड़ी सहायिका के लिए शैक्षणिक योग्यता आठवीं पास होनी चाहिए। सहायिका पद के लिए आठवीं पास शैक्षणिक योग्यता के उम्मीदवार उपलब्ध न होने की स्थिति में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता पांचवी पास मान्य होगी। उन्होंने कहा कि इन पदों के लिए उम्मीदवार के परिवार की वार्षिक आय 35 हजार रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस संबंध में उम्मीदवार को तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार द्वारा जारी तथा प्रतिहस्ताक्षरित प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने कहा कि आवेदक को आवेदन पत्र के साथ आयु, शैक्षणिक योग्यता, जाति, अपंगता, अनुभव, हिमाचली, परिवार रजिस्टर की नकल व अन्य योग्यता प्रमाणपत्रों की प्रमाणित प्रतियां साक्षात्कार के समय या इससे पूर्व जमा करवाने होंगे। उम्मीदवारों को पंचायत सचिव अथवा तहसीलदार से प्रतिहस्ताक्षरित स्थाई निवासी का प्रमाण पत्र लाना भी अनिवार्य है। आय प्रमाण पत्र तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार या इनसे अधिकर स्तर के अधिकारी प्रतिहस्ताक्षरित होना चाहिए। उम्मीदवारों को साक्षात्कार के दिन इन सभी प्रमाणपत्रों की मूल प्रतियां अपने साथ लाना अनिवार्य है। साक्षात्कार की तिथि बारे अलग से सूचित नहीं किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए इच्छुक उम्मीदवार नजदीक के आंगनवाड़ी केन्द्र अथवा बाल विकास परियोजना अधिकारी धर्मपुर के कार्यालय दूरभाष नम्बर 01792-264037 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
सैनिक स्कूल सुजानपुर टिहरा में छठीं एवं 9वीं कक्षा में प्रवेश के लिए अखिल भारतीय सैनिक विद्यालय प्रवेश परीक्षा 2020-21 का आयोजन 5 जनवरी, 2020 को किया जाएगा। यह जानकारी आज यहां एक सरकारी प्रवक्ता ने दी। प्रवक्ता ने कहा कि यह प्रवेश परीक्षा केवल लड़कों के लिए आयोजित की जाएगी। प्रवेश परीक्षा में भाग लेने के लिए आॅनलाइन पंजीकरण करवाना होगा। प्रवेश परीक्षा के लिए आॅनलाइन आवेदन पत्र 5 अगस्त, 2019 से मिलने आरंभ हो गए हैं। उन्होंने कहा कि आॅनलाइन पंजीकरण की अंतिम तिथि 23 सितंबर, 2019 निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि छठी कक्षा में प्रवेश के लिए छात्र का जन्म प्रथम अप्रैल 2008 से 31 मार्च, 2010 के मध्य हुआ होना चाहिए। नवीं कक्षा में प्रवेश के लिए छात्र का जन्म प्रथम अप्रैल 2005 से 31 मार्च 2007 के मध्य हुआ होना चाहिए। प्रवेश परीक्षा में भाग लेने के लिए शुल्क का भुगतान भी आॅनलाइन ही होगा। प्रवेश परीक्षा प्रदेश के निर्धारित केन्द्रों पर आयोजित की जाएगी। आॅनलाइन आवेदन वैब लिंक sainikschooladmission.in/index.html पर किए जा सकते हैं।इस संबंध में अधिक जानकारी दूरभाष संख्या 01972-272024, 272039, 272040, मोबाइल नंबर 085100-44411 तथा हेल्पलाइन नंबर 0120-4348911 एवं 12 पर प्राप्त की जा सकती है। अधिक जानकारी के लिए sainikschooladmission@gmail.com पर ईमेल की जा सकती है अथवा वैबसाईट www.sainikschoolsujanpurtira.org पर संपर्क किया जा सकता है।
उपायुक्त ने की सभी से समारोह में उपस्थित होने की अपील उपायुक्त सोलन केसी चमन ने कहा कि 15 अगस्त, 2019 को ऐतिहासिक ठोडो मैदान में आयोजित होने वाले जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल जिला स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करेंगे। वे प्रातः 11.00 बजे ठोडो मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और भव्य मार्चपास्ट की सलामी लेंगे। उन्होंने कहा कि इस अवस पर विभिन्न विद्यालयों द्वारा हिमाचल एवं सोलन की संस्कृति तथा देशभक्ति को दर्शाता सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि डाॅ. बिंदल इस शुभ अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों एवं संस्थाओं को सम्मानित भी करेंगे। केसी चमन ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस सभी के लिए गौरवान्वित करने वाला क्षण है। यह दिवस हम सभी को जहां एक ओर स्वतंत्रता के लिए असंख्य वीरों द्वारा दिए गए बलिदान की याद दिलाता है वहीं हमें यह प्रतिज्ञा करने के लिए भी संकल्पित करता है कि स्वतंत्रता को हर कीमत पर बनाए रखना है। उन्होंने सभी चुने हुए प्रतिनिधियों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं आमजन से आग्रह किया कि जिला स्तरीय समारोह में ठोडो मैदान में पहुंचे और इस अवसर पर भारत मां के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करें।
यूरो किड्स प्ले स्कूल में रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया। इस दौरान बच्चों ने शिक्षकों की सहायता से राखियां बनाई। सभी लड़कियों ने अपने सहपाठी लड़कों को तिलक लगाकर उनकी कलाई पर राखी बाँधी। इसके उपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। बच्चों की बेहतरीन प्रस्तुतियों ने सबका मन मोह लिया। स्कूल डायरेक्टर शोभित बहल ने सभी को रक्षाबंधन की शुभकामनायें देते हुए रक्षाबंधन पर्व का महत्त्व बताया। इस मौके पर प्रिंसिपल सीमा बहल भी विशेष तौर पर उपस्थित रही।
साईं इंटरनेशनल स्कूल में राखी में किंग एक्टिविटी का आयोजन किया गया। इस दौरान बच्चों ने अध्यापकों की सहायता से विभिन्न प्रकार की राखियां बनाई। इन राखियों को छात्र-छात्राओं ने एक दूसरे की कलाइयों में बांधा। अध्यापिकाओं ने अपनी-अपनी कक्षाओं में सभी विद्यार्थियों को रक्षाबंधन के पवित्र पर्व की गरिमा व महत्व के बारे में बताया। सभी विद्यार्थी पारंपरिक वेशभूषा में सज-धज कर आए थे। इस एक्टिविटी में विद्यालय के लगभग सभी छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। विद्यालय प्रबंधक रविंद्र बावा ने बच्चों की प्रतिभा की सराहना करते हुए सभी बच्चों को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि इस तरह के उत्सव का आयोजन साईं इंटरनेशनल स्कूल समय-समय पर करवाता रहता है ताकि बच्चों के साहस एवं योग्यता को एक नई दिशा दी जा सके।
वैज्ञानिक परेशान थे। यान दुल्हन की तरह सज धज कर चांद पर जाने को तैयार था, पर उन्हें यान में चांद पर किसे भेजा जाए ,ऐसा महापुरुष ढूंढे नहीं मिल रहा था। उन्होंने उन देशों की सरकारों से भी संपर्क किया जिन्होंने अपने बंदे अपने यान में चांद पर भेजे थे। पर उन देशों की सरकारों ने हमारी तकनीकी पर अविश्वास करते अपने बंदे किराए पर नहीं दिए।...तभी किसीको अचानक मातादीन की याद आई कि वह भी तो चांद पर जा चुके हैं। आनन फानन में परसाई का सारा साहित्य खंगाला गया। इधर उधर उछाला गया। आखिर एक संग्रह में उन्हें इंस्पेक्टर मातादीन मिल ही गए चालान के बहाने वसूली करते। ज्यों ही वैज्ञानिकों ने इंस्पेक्टर मातादीन चांद पर हिंदी में लिखा होने पर अनुवादकों से अंग्रेजी में अनुवाद करा सुना तो वे दंग रह गए। यार! बगल में छोरा, दुनिया में ढिंढोरा! इधर मातादीन को खोजने का तुरंत प्रभावी सरकारी आदेश हुआ तो उधर तुरंत सरकार को गालियां देते सरकारी आदेश का पालन। पूरा पुलिस महकमा महीनों से खूंटियों पर लटकाई कमर पेटियां कस मातादीन की खोज में सक्रिय। पूरे विभाग का बस एक ही लक्ष्य! जैसे भी हो , मातादीन को खोजा जाए, वह जहां भी हो। ...और मजे की बात! पुलिस विभाग ने उन्हें बिन कड़ी मशक्कत के दो घंटे में ही ढूंढ लिया। उस वक्त वे अपराधियों के साथ मोक्ष पब में बैठ कई दिनों से पी रहे थे। जिस तरह उनके विभाग वाले अपराधियों के बदले शरीफों को एकाएक सूंघ लेते थे उसी तरह उन्हीं के विभाग वालों ने उन्हें सूंघ उनसे बिन कुछ कहे उनके मुंह पर काला कपड़ा पहना उन्हें वहां से उठाया और वैज्ञानिकों के समाने ला पटका । अपने को वैज्ञानिकों के बीच देख वे चौंके,‘ ये मुझे कहां लाया गया है?’ वे गिरते पड़ते अड़ते तड़ते बोले। ‘ हम तुम्हें देश सेवा के बहाने एकबार फिर चांद पर ऑन ड्यूटी विद ऑनरेरियम भेज अजर अमर करना चाहते हैं। प्लीज! न मत करना, वर्ना हमारे मिशन पर वाटर फिर जाएगा,’ सभी वैज्ञानिकों ने मुस्कुराते हुए हाथ जोड़े कहा तो मातादीन पिघलते चौंके,‘ एकबार फिर चांद पर?’ ‘हां!’ ‘ पर क्यों? पहले ही क्या देश की फजीहत कम हुई थी जो एकबार फिर.... किसी दूसरे विभाग वाले को भेज दो! मातादीन कह घर को जाने को हुए तो एक वैज्ञानिक ने उन्हें समझाते कहा,‘ बात ही ऐसी है कि...’ ‘ऐसी क्या बात है कि जो... हद हो गई ये तो, इधर साहब कहते हैं कि मेरे बिना पुलिस विभाग नहीं चल सकता। उधर बीवी कहती है कि मेरे बिना घर नहीं चल सकता , तो इधर अब आप भी कह रहे हो कि मेरे बिना चांद का मिशन पूरा नहीं हो सकता! हद हो गई साहब! एक मातादीन! सौ डिमांडें?’ ‘ हां, कुछ ऐसा ही समझ लो। हे! देश के गर्व मातादीन! एक्सपिरियंस इज एक्सपिरियंस! एक्सपिरियंस भी कोई चीज होती है कि नहीं? तुम वहां पर जैसे कैसे भी सही, रह आए हो। तुम्हें वहां के चप्पे चप्पे का पता है। वहां की सरकार तुमको दूर से ही आज भी पहचानती है। आज भी मत पूछो वह तुम्हें कितना याद करती है! और वहां की तुम्हारी वह प्रेमिका....’ ‘मसखरी मत करो साहब! वे दिन तो वे दिन थे। अब तो बाल काले करने पर भी काले नहीं होते। दूसरे दिन को ही कालिख का साथ छोड़ देते हैं,’ कह मातादीन होश में न होने के बाद भी शरमाते होश में से दिखे। ‘कोई बात नही! इश्क का उम्र से क्या संबंध? इस बहाने तुम्हारा भी मिशन पूरा और हमारा भी। कहो मंजूर?’ ‘ पर रास्ते में जो एचआरटीसी की बसों की तरह यान का फ्यूल खत्म हे गया तो? अपनी सफलता के लिए मुझे बलि का बकरा तो नहीं बना रहे कहीं आप लोग?’ मातादीन के मन में पता नहीं क्यों जिंदगी में पहली बार शंका जागी। जब कि वे आजतक जिसे मन करे उसे बलि का बकरा बनाते आए थे। ‘ यार! ये यान है यान! कोई सरकारी बस नहीं। और जो हो भी गया तो.... प्रेम के लिए तो विवाहित दीवाने भी सूली पर हंसते हुए चढ़ जाते हैं। तो क्या तुम हमारे यान पर नहीं चढ़ सकते?’ ‘ जय श्रीराम! सर! पुराने इश्क और पुरानी शराब के लिए तो एमडी साहब कुछ भी कर सकता है! बम बम भोले!’ .... और मातादीन अपने पुराने प्रेम से मिलने, देश सेवा के बहाने चांद पर जाने को अपनी ही वर्दी में तैयार हो गए। उन्होंने यान में आवश्यक सामग्री के बदले विदेशी सुरा की पांच सात पेटियां, सौ सवा सौ किलो चिकन रखवाया और बीवी को बताए बिना चांद के लिए यान पर सवार होकर ये गये कि वो गए तो विभाग ने एकबार फिर अपना सिर धुना। अबके हे भगवान, और कुछ करना या न पर एमडी साहब के हाथों डिपार्टमेंटल इज्जत जरूर बचा लेना। एक दिन हुआ! दो दिन हुए! हफ्ता हुआ! दो हफ्ते हुए, मातादीन घर नहीं पहुंचे तो उनकी बीवी कुछ परेशान हुई। वैसे उसे पता था कि जब मातादीन कहीं ऑन ड्यूटी पार्टी शार्टी में बिजी हो जाते हैं तो हफ्ता दस दिन घर नहीं आते। पर अब दिन ज्यादा हो गए थे सो उसे उनकी याद आई और उसने गालियां देते फोन लगाया,‘ कितने दिन हो गए, कहां हो? भूल गए क्या घर के अपने काम?’ ‘हे आदर्श बीवी। मैं सब कुछ भूल सकता हूं, पर अपने हिस्से के घर के काम भला कैसे भूल सकता हूं? कहो, कैसी हो?’ ‘मैं तो तुम्हारे दोस्त की दया से ठीक हूं पर.....’ ‘ पर क्या? घर से गायब हुए कुछ ज्यादा नहीं हो गया अबके? देख रही हूं, ज्यों ज्यों तुम्हारी रिटायरमेंट नजदीक आ रही है, त्यों त्यों तुम कुछ ज्यादा ही बेलगाम होते जा रहे हो?’ ‘अबके देश सेवा के लिए निकला हूं पगली, देश सेवा के लिए!’ ‘ देश सेवा! ये नई सेवा कबसे शुरू कर दी तुमने? मुफ्त की ज्यादा ही तो नहीं पी ली कहीं जो दिमाग को चढ़ गई हो?’ ‘नहीं भागवान! पहली बार देशसेवा करने निकले हूं। देश सेवा बोले तो चांद पर!’ कह मातादीन ने ठहाका लगाया। ‘ फिर चांद पर? अबके फिर बदनामी करवानी है क्या?’ ‘नहीं पगली! अबके तो.... दुआ करो कि तुम्हारा मातादीन अबके फिर अपने मिशन में कामयाब हो,’ मातादीन ने अपनी बीवी पर अंतरिक्ष से नकली प्यार छिड़कते से कहा तो उनकी बीवी बोली,‘ सो तो ठीक है पर.... देखो ,वहां चले ही गए तो अपना ख्याल रखना। और हां! आईटी का जमाना है, किसीके सामने भी यहां वाली शेखियां मत बघारना कि मोदी जी रोज शाम की चाय तुम्हारे साथ ही लेते हैं। कि शाह जीने तुम्हारे विचार को चुराकर की धारा तीन सौ सहत्तर खत्म की। वहां के लोग समझदार हैं। जमीन पर रहकर ही बातें करना। अबके फिर किसीके प्रेम में मत पड़ना। वरना फजीहत के सिवय और कुछ न लगेगा। अब तुम पक चुके हो। बेकार में अपनी फजीहत मत करवाना। और हां! पिछली दफा अपने साहब की बीवी को जो एड़ियां चमकाने वाला पत्थर लाए थे न! वह मुझे भी जरूर लाना। अब चले ही गए तो आल द बेस्ट! विश यू गुड लक! मेरा बचा प्यार तुम्हारी रक्षा करे। और हां ! वहां भी ज्यादा मत पी लेना। तुम्हें लिमिट से ज्यादा पीने की बहुत बुरी आदत है। वहां पीकर बकना मत। पीते पीते भी याद रखना कि घर में बूढ़ी होती ही सही! तुम्हारी एक अदद बीवी भी है। और .... और.... सुनो ! मेरी आवाज तुम्हें सुन रही है क्या?? अचानक मातादीन आउट ऑफ रीच हो गए या कि उन्होंने अपन को अपनी बीवी से आउट ऑफ रीच कर लिया? वे ही जाने। अशोक गौतम, गौतम निवास, अप्पर सेरी रोड, नजदीक मेन वाटर टैंक, सोलन-173212 हि.प्र
कहा, मजबूत विपक्ष न होना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं नेहरू परिवार की गुलामी करने से कांग्रेस का तेजी से पतन हो रहा है। उम्मीद थी कांग्रेस किसी युवा को नेत्तृत्व देंगी लेकिन कांग्रेस नेहरू परिवार से बाहर नहीं निकलती दिख रही। पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने सोलन में पत्रकारों से बात करते हुए ये बात कही। उन्होंने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा को बेशक बहुत बड़ी जीत मिली है लेकिन लोकतंत्र कमजोर हो गया। देश के सबसे पुराने राजनैतिक दल कांग्रेस का 18 प्रदेशों में सफाया हो गया, बावजूद इसके कांग्रेस ने सबक नहीं लिया।शांता कुमार ने कहा कांग्रेस के मजबूत होने से देश को अच्छा विपक्ष मिल सकता है लेकिन ऐसा है हो रहा। इस दौरान पूर्व सीएम ने कई मसलों पर अपनी बेबाक राय रखी। उद्योग और पर्यटन नीति को सराहा शांता कुमार ने जयराम सरकार की उद्योग और पर्यटन नीति को भी सराहा। उन्होंने कहा सरकार ने नीति में जो बुनियादी बदलाव किये है उससे प्रदेश में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा नई नीति के तहत करार होने के बाद सरकार को 6 माह में आवश्यक कागज़ी कार्यवाही पूरी करनी होगी। साथ ही परियोजना शुरू होने के बाद उद्योग द्वारा सरकार को कोई भुगतान नहीं करना होगा। भाजपा के गले की फांस बने 69 राष्ट्रीय राजमार्ग 69 एनएच का कार्य शुरू नहीं होने पर शांता कुमार कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। उन्होंने ये कहते हुए सरकार का बचाव किया कि ये कठिन काम है और उम्मीद है जल्द कार्य शुरू होगा। बता दें कि करीब तीन साल पहले तत्कालीन केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हिमाचल को 69 एनएच की सौगात दी थी। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में भी इसे बड़ी उपलब्धि करार दिया और पूर्व कांग्रेस सरकार को इसके कार्य में विलम्ब के लिए दोषी ठहराया। अब प्रदेश में बीते 20 माह से भाजपा की सरकार है किन्तु काम अब तक शुरू नहीं हुआ। धर्मशाला उपचुनाव से पहले भाजपा के भीतर मची अंतर्कलह को शांता कुमार ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा मतभेद दूर होने चाहिए और वे इस तरह की खींचतान का बचाव नहीं करते। शांता कुमार ने कहा सरकार की कोई पार्टी नहीं होती पार्टियों की सरकार होती है। सभी दलों को विकास के मुद्दों पर एक साथ होकर कार्य करना चाहिए। विरोध के लिए विरोध नहीं होना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई की धारा 370 की तरह ही सरकार को जनसँख्या नियंत्रण के लिए भी सख्त कदम उठाना चाहिए । जम्मू -कश्मीर व उत्तर पूर्वी राज्यों की तर्ज पर हिमाचल को केंद्र सरकार द्वारा विशेष पैकेज नहीं दिए जाने पर शांता कुमार ने कहा कि इसके लिए प्रयास किये जायेगे। धारा 118 के मसले पर शांता कुमार ने कहा कि जहाँ जरुरत होगी वहां राहत दी जाएगी। किन्तु ये सुनश्चित किया जाना चाहिए कि हिमाचलियों का शोषण न हो।
गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित कार्यक्रम का विषय वेदों के बारे में विस्तार से जानकारी देना रखा गया था। चर्चा में बताया गया कि ऐसा माना जाता है की साहित्य, कला से विहीन मनुष्य, पशु समान है। आयोजन कर्ता ने बताया कि इस इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करके छात्र अपने देश की संस्कृति व अपने ग्रंथों के बारे में जानते है। गौरतलब है कि इस स्कूल के चारों सदनों के नाम चारों वेदों के नाम पर रखे गए हैं।
पुलिस थाना ज्वाली के डीएसपी को 45 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए विजिलेंस टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। मिली जानकारी के अनुसार डीएसपी एससी-एसटी एक्ट के एक मामले को दबाने की एवज में रिश्वत ले रहा था। जानकारी के मुताबिक डीएसपी ज्वाली ज्ञान चंद को इन दिनों नूरपुर के कार्यकारी डीएसपी का कार्यभार दिया है। पुलिस थाना जवाली के तहत पिछले दिनों एक एससी-एसटी एक्ट का मामला दर्ज हुआ था, जिसे दबाने के लिए आरोपी ज्ञान चंद ने 50 हजार रुपये की मांग की थी। इस संबंध में आरोपित ने विजिलेंस में शिकायत की थी। शिकायतकर्ता के नौसार डीएसपी ज्ञान चंद ने उन पर झूठा केस बनाया है और 50 हजार रुपये मांग रहा है। डीएसपी को पांच हजार रुपये एडवांस दिए जा चुके थे और सोमवार बकाया 45 हजार रुपये का भुगतान होना था। बकाया राशि के के साथ शिकायतकर्ता को डीएसपी कार्यालय नूरपुर में बुलाया था। पर विजिलेंस टीम वहां मौजूद थी, जिसके बाद डीएसपी को 45 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया गया। मामले की पुष्टि एसपी विजिलेंस उत्तरी क्षेत्र अरुल कुमार ने की है।
आज हम आपको दर्शन करवाने जा रहे हैं चामुंडा देवी मंदिर के। चामुंडा देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित है। चामुंडा देवी मंदिर का निर्माण वर्ष 1762 में उम्मीद सिंह ने करवाया था। पाटीदार और लाहला के जंगल स्थित यह मंदिर पूरी तरह से लकड़ी से बना हुआ है। बानेर नदी के तट पर स्थित यह मंदिर देवी काली को समर्पित है, जिन्हें युद्ध की देवी के रूप में जाना जाता है। हजारों साल पहले धरती पर शुम्भ और निशुम्भ नामक दो दैत्यों ने राज कर लिया था। उन्होंने धरती पर इतने अत्याचार किये कि इससे परेशान होकर देवताओं व मनुष्यों ने शक्तिशाली देवी दुर्गा की आराधना की। आराधना से प्रसन्न होकर देवी दुर्गा ने देवताओं व मनुष्यों को दर्शन दिए और कहा कि वो ज़रूर इन दैत्यों से उनकी रक्षा करेंगी। इसके बाद दुर्गा जी ने कौशिकी के नाम से अवतार लिया। वहीं शुम्भ और निशुम्भ के दूतों ने माता कौशिकी को देख लिया। दूतों ने शुम्भ और निशुम्भ से कहा कि आप तो तीनों लोगों के राजा है, आपके पास सब कुछ है लेकिन आपके पास एक सुंदर रानी भी होनी चाहिए। कौशिकी नमक एक देवी है जो सारे संसार में सबसे सुंदर है। दूतों की इन बातों को सुनकर शुम्भ और निशुम्भ ने अपना एक दूत माता कौशिकी के पास भेजा और कहा कि कौशिकी से कहना कि शुम्भ और निशुम्भ तीनों लोको के राजा हैं और वो तुम्हें रानी बनाना चाहते हैं। शुम्भ और निशुम्भ के आदेश पर दूत ने ऐसा ही किया। कौशिकी ने दूत की बात सुनकर यह कहा कि मैं जानती हूँ कि वो दोनों बहुत शक्तिशाली हैं, लेकिन में प्रण ले चुकीं हूँ कि जो मुझे युद्ध में हरा देगा मैं उसी से विवाह करुँगी। जब यह बात दूत ने शुम्भ और निशुम्भ को जाकर बताई तो उन्होंने दो दूत चण्ड और मुण्ड को देवी के पास भेजा और कहा कि उसके केश पकड़ कर हमारे पास लाओ। जब चण्ड और मुण्ड ने वहां जाकर देवी कौशिकी से साथ चलने को कहा तो उन्होंने क्रोधित होकर अपना काली रूप धारण कर लिया और असुरों को मार दिया। इन दोनों राक्षसों के सर काटकर देवी काली कोशिकी के पास लेकर आ गई। इससे खुश होकर देवी कोशिकी ने कहा कि तुमने इन दो राक्षसों को मारा है अब तुम्हारी प्रसिद्धी चामुंडा के नाम से पूरे संसार में होगी। चामुंडा देवी मंदिर अपनी खूबसूरती, इतिहास और कहानी की वजह से काफी प्रसिद्ध है। यह मंदिर देवी काली को समर्पित है। यह मंदिर पूरी तरह से लकड़ी से बना हुआ है। भक्त 400 सीढ़ियों को चढ़कर मंदिर के दर्शन के लिए पहुँचते हैं। एक अन्य विकल्प के तौर पर चंबा से 3 किलोमीटर लंबी कंक्रीट सड़क के माध्यम से मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता है। चामुंडा देवी मंदिर में पीछे की तरफ से गुफा जैसी संरचना है जिसको भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। चामुंडा देवी मंदिर को चामुंडा नंदिकेश्वर धाम के रूप में भी जाना जाता है जिसमें भगवान शिव और शक्ति का घर है। भगवान हनुमान और भैरव इस मंदिर के सामने वाले द्वार की रक्षा करते हैं और इन्हें देवी का रक्षक माना जाता है। चामुंडा देवी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय मार्च और अप्रैल के महीनों का होता है। वहीं नवरात्रों के दौरान भी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ आती है।
बढ़ती जनसंख्या-घटते संसाधन पर संगोष्ठी आयोजित पूर्व केन्द्रीय मंत्री, हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने कहा कि हमारे देश में जनसंख्या की नियमित वृद्धि ने विकास के लाभों को बेअसर कर दिया है और अब जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाना आवश्यक हो गया है। शांता कुमार आज सोलन में ‘बढ़ती जनसंख्या घटते संसाधन’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस संगोष्ठी का आयोजन प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा जनसंख्या नियंत्रण जन जागरण मंच द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। शांता कुमार ने कहा कि आज बढ़ती जनसंख्या हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरी है। स्वतंत्रता के समय जहां भारत की जनसंख्या 34 करोड़ थी वहीं आज हमारी जनसंख्या लगभग 141 करोड़ हो चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन हमारी जनसंख्या में 50 हजार की बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या की यह वृद्धि दर देश की अनेक समस्याओं का कारण है। हमें यदि आज भुखमरी सहित घटते संसाधन, प्रदूषण, पर्यावरण क्षरण एवं कम होती कृषि योग्य भूमि का सामना करना पड़ रहा है तो इसका कारण जनसंख्या की वृद्धि है। आज हम विश्व में गरीबी सूचकांक पर 103वें क्रमांक पर हैं जबकि कुछ वर्ष पहले हम 97वें क्रमांक पर थे। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी एवं कुपोषण के कारण मृत्युदर के मूल में जनसंख्या की बढ़ोत्तरी है। कुपोषण के कारण होने वाली मृत्यु का एक तिहाई भारत में है। उन्होंने कहा कि भारत के सशक्त नेतृत्व की अगुवाई में आज हम आर्थिक क्षेत्र में तीव्र एवं सत्त विकास कर रहे हैं। आर्थिकी के मजबूत होने के उपरांत भी हमें बढ़ती जनसंख्या के कारण विभिन्न क्षेत्रांे में समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। भारत की प्रति व्यक्ति आर्थिकी 2 हजार डाॅलर है। जबकि अमेरिका की 55 हजार डाॅलर है। जनसंख्या की बढ़ोत्तरी के कारण ही वर्तमान में देश के 20 हजार करोड़ से अधिक लोग मात्र 5 हजार रुपये प्रतिमाह पर गुजारा कर रहे हैं उन्होंने कहा कि बढ़ते अपराध के मूल में भी जनसंख्या बढ़ोत्तरी के कारण उत्पन्न बेरोजगारी एवं गरीबी है। जनसंख्या की वृद्धि के कारण हमारे संसाधनों पर भी विपरित असर पड़ रहा है। देश में उपलब्ध लगभग 70 प्रतिशत जल पीने योग्य नहीं बचा है। पेयजल के मामले में हम 122 देशों में से 120वें स्थान पर है। शांता कुमार ने सभी से आग्रह किया कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करने की तरह देश में जनसंख्या नियंत्रण का माहौल भी तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि जनसंख्या को नियंत्रित कर ही हम भारत की वास्तविक क्षमताओं को उभार पाएंगे। उन्होंने आशा जताई कि अपनी तरह की इस प्रथम संगोष्ठी से जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में बेहतर कार्य करने का अवसर मिलेगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री विपिन सिंह परमार ने संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कहा कि केन्द्र तथा प्रदेश सरकार इस ज्वलंत समस्या को लेकर गंभीर है और यह प्रयास किया जा रहा है कि सर्वप्रथम लोगों को लड़का-लड़की की समानता एवं लिंगानुपात के विषय में जागरूक बनाया जाए। उन्होंने कहा कि हमारे देश में जनसंख्या वृद्धि के कारणों में से एक कारण लड़के की चाह भी है। उन्होंने कहा कि देश तथा प्रदेश में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं को सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया जा रहा है। इनके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। विपिन सिंह परमार ने कहा कि आशा कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी जनसंख्या नियंत्रण के विषय में जमीनी स्तर पर लोगों को जागरूक बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में शत-प्रतिशत सफलता जन सहयोग पर ही निर्भर है। उन्होंने संगोष्ठी के आयोजन के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा जनसंख्या नियंत्रण जन जागरण मंच को बधाई दी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण आज न केवल समय की मांग है अपितु घटते संसाधनों एवं पृथ्वी पर बढ़ते दबाव के दृष्टिगत इसे अपनाया जाना आवश्यक भी है। उन्होंने इस सम सामायिक विषय पर लोगों को जागरूक करने के लिए शांता कुमार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शांता कुमार को स्वच्छ एवं ईमानदार राजनीति के पर्याय के रूप में जाना जाता है और ऐसे ओजस्वी वक्ता से देश की सबसे बड़ी समस्या को नियंत्रित करने के बारे में जानकारी प्राप्त करना सभी के लिए लाभदायक सिद्ध होगा। उन्होंने बढ़ती जनसंख्या के कारण उत्पन्न परिस्थितियों तथा भविष्य की चुनौतियों से रूबरू करवाने के लिए इस संगोष्ठी में शांता कुमार का आभार व्यक्त किया। संगोष्ठी में जिला सोलन की आशा कार्यकर्ताओं ने भारतीय मजदूर संघ की अध्यक्षता में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार को अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर एक संतान वाले सोलन जिला के 10 अभिभावकों को भी सम्मानित किया गया। इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना के तहत रिया, भानू ठाकुर, मुस्कान तथा अर्चना को 12,500-12,500 की एफडी तथा वंशिका को 35 हजार रुपये की एफडी प्रदान की गई। जनसंख्या नियंत्रण जन जागरण मंच के स्वागत अध्यक्ष डाॅ. राजेश कश्यप ने सभी का स्वागत किया और संगोष्ठी के आयोजन के कारणों पर प्रकाश डाला। पूर्व मंत्री महेंद्र नाथ सोफत ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर शांता कुमार की धर्मपत्नी संतोष शैलजा, दून विधानसभा क्षेत्र के विधायक परमजीत सिंह पम्मी, पूर्व सांसद प्रो. वीरेंद्र कश्यप, पूर्व मंत्री महेंद्र नाथ सोफत, पूर्व विधायक गोविंद राम शर्मा, भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रश्मिधर सूद, बघाट बैंक के अध्यक्ष पवन गुप्ता, नगर परिषद सोलन के अध्यक्ष देवेंद्र ठाकुर, उपाध्यक्ष मीरा आनंद, पार्षगण, भाजपा प्रवक्ता एवं राज्य सुपरवाईजरी बोर्ड की सदस्य रितु सेठी, एपीएमसी सोलन के अध्यक्ष संजीव कश्यप, पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष डाॅ. श्रीकांत शर्मा, भाजपा पंचायत चुनाव प्रकोष्ठ के प्रभारी एचएन कश्यप, व्यापार मंडल सोलन के अध्यक्ष मुकेश गुप्ता, डाॅ. धर्म सिंह गुलेरिया, भाजपा के विभिन्न प्रकोष्ठों के पदाधिकारी, सोलन के प्रख्यात समाजसेवी, अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा बड़ी संख्या में लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन के अर्की में ईद उल अजहा का त्यौहार बड़े ही जोर-शोर से मनाया गया। सबसे पहले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जामा मस्जिद जाकर ईद की नमाज अदा की। उसके बाद एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की बधाई दी। एक ओर जहां इस खास पर्व पर मुस्लिम भाइयों ने देश में अमन-चैन के साथ ही आपसी भाईचारे की कामना की वहीं जम्मू-कश्मीर से धारा-370 और 35ए हटाए जाने का समर्थन करते हुए जम्मू-कश्मीर के हालातों में शांति और भाईचारा कायम रहने की भी खुदा से दुआ मांगी। गौरतलब है कि ईद उल अजहा को बकरीद ईद भी कहा जाता है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भूमती में तीन दिवसीय अर्की खंड की अंडर-19 छात्रों की खंड स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ । इसमें उप शिक्षा निदेशक उच्चतर शिक्षा जिला सोलन योगेंद्र मखैक ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की । समारोह स्थल पर पहुंचने पर मुख्य अतिथि का भव्य स्वागत किया गया। अर्की खंड के 26 विद्यालयों से आए 422 प्रतिभागी छात्रों ने मार्चपास्ट कर मुख्य अतिथि को सलामी दी । कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई । स्कूल के प्रधानाचार्य विजय गुप्ता ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा उन्हें शॉल व समृति चिन्ह भेंट किया गया। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में बच्चों से अपनी ऊर्जा व शक्ति का प्रयोग देश हित में करने का आवाहन किया तथा शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद में भी भाग लेने को कहा। उन्होंने कहा कि खेलों को खेल की भावना से खेलना चाहिए द्वेष की भावना से नहीं ।उन्होंने छात्रों से नशा न करने का भी आवाहन किया। इस मौके पर स्कूल की छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने खूब समा बांधा। इस अवसर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय छात्र अर्की जगदीश चंद नेगी, पंजल जयानगर के प्रधानाचार्य रविंद्र कुमार, डीएसएसए के प्रभारी अर्की खंड संतोष कुमार, स्कूल प्रबंधन समिति के प्रधान प्रकाश चंद शर्मा, स्कूल स्टाफ प्रतिभागियों के साथ आए शिक्षक व बच्चे मौजूद रहे ।
निहाल सेक्टर में स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में संस्कृत सप्ताह का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर स्कूल की प्रधानाचार्या पूनम ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। मां सरस्वती जी चित्र के आगे माल्यापर्ण कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई। अपने संबोधन में ने पूनम ने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। सभी भाषाओं का आधार संस्कृत ही है। ऐसे में बच्चों को संस्कृत भाषा का बोध होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा के उच्चारण से शब्दों पर पकड़ बनती है। बोलने के तरीके में सुधार होता है। उन्होंने छात्राओं का आहवान किया कि वे अपनी दिनचर्या में बोलचाल में संस्कृत भाषा का प्रयोग करें ताकि इस भाषा का सहजता से प्रचार प्रसार हो सके। वहीं संस्कृत विषय प्रभारी अमरी देवी ने बताया कि यह सप्ताह 12 से 18 अगस्त तक चलेगा। उन्होंने बताया कि इस दौरान संस्कृत प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें विभिन्न वस्तुओं को संस्कृत के नाम उच्चारण के बारे में विस्तार से बताया गया। इस अवसर पर संस्कृताचार्या अमरी, विमला, अंजना, कोमल व कल्पना मौजूद रहे।
बाबा नाहर सिंह मंदिर घुमारवीं में बिलासपुर लेखक संघ की नियमित मासिक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक रविंद्र कुमार ठाकुर प्रमुख रहे। बैठक की अध्यक्षता नरेणु राम हितैषी ने की। बैठक में जिला भर के लगभग तीस कवियों ने भाग लिया। बैठक के प्रथम सत्र में बिलासपुर लेखक संघ के वार्षिक उत्सव के लिए की जाने वाली तैयारियों की समीक्षा की गई तथा इस बार सैनिकों को सम्मानित करने के लिए उनके जीवन अनुभवों पर आधारित लेख और उससे सम्बन्धित अन्य गतिविधियां करने के लिए लेखक संघ के सभी सदस्यों ने अपनी प्रतिबद्धता जताई, ताकि देश की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहने वाले सैनिक भाइयों का सम्मान किया जाए किया जा सके। संघ द्वारा प्रकाशित की जाने वाली लोक गाथाएं और झेड़ों की पुस्तक के लिए लेखकों से लेख आमंत्रित किए गए ताकि इसका प्रकाशन शीघ्र किया जा सके। इसके साथ साथ संघ की वार्षिक स्मारिका हेतु भी लेखकों से लेख आमंत्रित किए गए। बैठक में बिलासपुर के गजेटियर को हिंदी भाषा में अनुवादित करके जनता को समर्पित करने का भी निर्णय लिया गया ताकि बिलासपुर के इतिहास की इस महत्वपूर्ण पुस्तक को आने वाली पीढियां सरल भाषा में पढ़ सकें। बैठक के दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें हेमराज शर्मा ने मैं बैल हूं रोज तिल तिल मरता हूं, वीणा वर्धन ने पन्द्रह अगस्त जो तिरंगा लहराना अजादिया रा नया जश्न मनाना, विजय सहगल जी ने लघु कथा पश्चाताप , लश्करी राम ने व्यास री धरती बिलसपुरा री म्हारी, जावेद इकबाल ने अल्फाज चुप्पी साधे बस निरंतर तकते,अमरनाथ धीमान ने बोटा च मिलयां मेरे हाणियां ,भीम सिंह नेगी ने हम कायर नहीं, सीताराम शर्मा ने सुंदर पर्वतराज है तू गिरिराज महान है तू ,विश्वजीत शर्मा ने हम पेड़ उगाते हैं ,रविंद्र चंदेल कमल ने गूंज उठी धरती इंकलाब इंकलाब ,द्वारका प्रसाद ने परम सत्य एक है रूप जिसके अनेक है ,सुरेंद्र मिन्हास ने आजादी को पहचानो यारो इसकी कीमत जानो यारो, जसवंत सिंह चंदेल ने मैं कवि तो नहीं तुकबंदी की कोशिश करता हूं, रामलाल शर्मा ने बिटिया यह कह रही है गर्भ से रोते रोते क्यों होता है कत्ल मां बाप के होते होते ,रविंद्र कुमार साथी ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक ही नारा एक झण्डे तले लग रहा है कितना प्यारा ,रूप शर्मा जी ने 5 अगस्त 2019 का दिन इतिहास बना मोदी शाह ने ऐसा चमत्कार किया था,चंद्रशेखर पंत ने आमजन और सर्वहारा एक लेख शायद यह दुनिया बेहतर हो जाए ,श्रीमती जमुना संख्यान ने रामराज्य का सपना ,डॉक्टर अनेक राम संख्यान ने लंग गया गोठ प्यारा चंबे रे गद्दिये रा, बृजराज शर्मा जी ने भारतीय संस्कृति के संरक्षण हेतु प्रयास के लिए वक्तव्य ,जगदीश चंद्र शास्त्री ने पुराणों के ऊपर चर्चा, बुद्धि सिंह चंदेल ने जय हो शिव शंकर त्रिपुरारी दयावान दाता दुखहारी मैं आया शरण तुम्हारी,नरैणु राम हितेषी ने आस्तीन का सांप हमने क्यों पाला, डॉक्टर रविंद्र ठाकुर ने धन्य धन्य भारत मां तू लेकर दिल से नाम तेरा कोटि-कोटि नमन करें कविता प्रस्तुत की। अगले माह की बैठक पनोह में की जानी सुनिश्चित की गयी। बैठक में संघ की सदस्या विजय सहगल को पदोन्नति पाने पर बधाई प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। बैठक का आयोजन लश्करी राम और वीना वर्धन द्वारा किया गया।
सनातन ज्ञान तार्किक एवं वैज्ञानिक आधार पर रचित-डाॅ. बिंदल हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त कर देश वास्तविक अर्थों में स्वतन्त्र हुआ है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से कूटनीतिक स्तर पर भी देश के नेतृत्व को विश्व भर में सराहा गया है। आज पूरा देश एकजुटता के साथ आगे बढ़ रहा है और सही मायनों में अब 21वीं सदी भारत की है। डाॅ. बिंदल आज श्री सनातन धर्म सभा रबौण, सोलन द्वारा रबौण स्थित सनातन धर्म मंदिर में आयोजित श्री भविष्य महापुराण कथा के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। डाॅ. बिंदल ने कहा कि गत 5-6 वर्षों में विश्व में भारत की छवि सकारात्मक बनी है और देश अपनी अस्मिता की रक्षा करने में समर्थ होकर ज्ञान एवं शक्ति का पुंज बना है। उन्होंने कहा कि आज स्वामी विवेकानंद, स्वामी श्रद्धानन्द और स्वामी दयानंद सरस्वती के योग को हमारे सशक्त नेतृत्व ने विश्व में स्थापित किया है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी अपनी संस्कृति और ज्ञान की धारा को जाने और इसे भावी पीढ़ियों तक पहुंचाएं। डाॅ. बिंदल ने कहा कि हमारी सनातन परंपरा में रचित ज्ञान का भंडार मानव जाति के लिए सदैव अनुकरणीय रहेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय मनीषियों ने सहस्त्रों वर्ष पूर्व अपनी रचनाओं के माध्यम से न केवल भविष्य में मनुष्य के लिए पथ निर्धारित किया था अपितु जीवन के अंत में मोक्ष के साधन भी सुझा दिए थे। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि भारतीय सनातन परंपरा का अनुसरण करें। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज पवित्र श्रावण मास का अंतिम सोमवार है और वर्ष 2019 के श्रावण मास में पूरे विश्व में भारत की दृढ़ता एवं प्रतिबद्धता को स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि इस पवित्र माह में जहां विश्व ने भारतीय वैज्ञानिकों का लोहा माना है वहीं हमारे देश ने तीन तलाक जैसे सामाजिक कलंक को समाप्त कर एक समुदाय की महिलाओं के जीवन को सरल एवं सुखी बनाया है। उन्होंने कहा कि इसी माह में 5 अगस्त, 2019 को भारत ने इतिहास रचा है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्व में किए गए सार्थक प्रयासों के कारण सोलन जिला शिक्षा एवं स्वास्थ्य का स्थापित हब बनकर उभरा है। जहां सोलन में विश्व स्तरीय शिक्षा उपलब्ध है वहीं स्वास्थ्य सेवाएं भी सर्वश्रेष्ठ हैं। सोलन हिमाचल प्रदेश का श्रेष्ठ नगर बना है और सभी के प्रयासों से सोलन को और आगे बढ़ाया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने सनातन धर्म सभा मंदिर की स्थापना के 24 वर्ष पूर्ण होने पर सभी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि इस समय अवधि में मंदिर में 14 पुराण कथाओं का आयोजन किया जा चुका है। उन्होंने आशा जताई कि श्री सनातन धर्म सभा रबौण, सोलन भविष्य में अपनी समाज एवं राष्ट्रहित की गतिविधियों को जारी रखेगी। उन्होंने विभिन्न सामाजिक गतिविधियों के लिए सनातन धर्म सभा रबौण को अपनी ऐच्छिक निधि से 21 हजार रुपये प्रदान करने की घोषणा भी की। सनातन धर्म सभा रबौण, सोलन के संरक्षक एवं संस्थापक डाॅ. एससी गौड़ ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और उन्हें संस्था की गतिविधियों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म सभा वर्ष 1995 से कार्यरत है। बघाट बैंक के अध्यक्ष पवन गुप्ता, नगर परिषद सोलन के अध्यक्ष देवेंद्र ठाकुर, जिला परिषद सदस्य शीला, उपाध्यक्ष मीरा आनंद, भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष एवं मनोनीत पार्षद भरत साहनी, मनोनीत पार्षद नरेश गांधी, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता एवं योजना बोर्ड की सदस्य रितू सेठी, भाजपा मंडल सोलन के अध्यक्ष रविंद्र परिहार, जिला भाजपा मीडिया प्रभारी दीपक शर्मा, महासचिव नरेंद्र ठाकुर, कोषाध्यक्ष लक्ष्मी ठाकुर, बीडीसी कंडाघाट के पूर्व अध्यक्ष नंदराम कश्यप, ग्राम पंचायत शामती के प्रधान संजीव सूद, ग्राम पंचायत सपरून के प्रधान मदन मेहता, अजय बंसल, आढ़ती एसोसिएशन के तीर्थानंद सहित भाजपा के विभिन्न पदाधिकारी, सनातन धर्म सभा रबौण के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस अवसर पर उपस्थित थे।
पाइनग्रोव स्कूल में मॉडल यूनाइटेड नेशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में छात्र सयुंक्त राष्ट्र के विभिन्न सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व करते है और कई अहम मसलों पर तर्क - वितर्क कर अंत में एकमत होते है। इस प्रतियोगिता में स्कूल के चारों सदनों के 30 छात्रों ने भाग लिया। छात्रों ने यूनिफार्म सिविल कोड के मुद्दे पर चर्चा की और अपने विचार रखे। सभापति मंडल के अध्यक्ष शशरीक गर्ग, उप सभापति सक्षम कपूर, निदेशक संकट किरन कौर और विशेष दूत निशिता कुमार को सम्मानित किया गया। प्रत्योगिता के अंत में विजयी छात्रों को हेड टीचर देवेंद्र कुमार वर्मा द्वारा पुरुस्कृत किया गया। ओवरआल मॉक संयुक्त राष्ट्र प्रतियोगिता का खिताव टीक सदन के नाम रहा, ओक सदन दूसरे और चिनार सदन ने तीसरे स्थान पर रहे। सबसे अच्छा पालिसी पेपर बनाने के लिए टीक सदन की रिया सिंह को सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधि का खिताब दिया गया। हाई कमान का खिताब ओक सदन के प्रथम गुप्ता को मिला । संकट में सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व करने का इनाम टीक सदन की प्रयांशी गर्ग ने अपने नाम किया । विशेष उल्लेख का पुरस्कार ओक सदन के शुभरत्न नेगी, धवनि गोयल और देवदार सदन के दिव्यांश को मिला। मौखिक उल्लेख का पुरस्कार चिनार सदन के अभिषेक, ओक सदन के क्षितिज महरोत्रा और चिनार सदन की कीरत कौर को दिया गया ।