हिमाचल प्रदेश में के ऊपरी क्षेत्रों में हुए ताजा हिमपात से तापमान में और गिरावट दर्ज की गई है। प्रदेश के मैदानी क्षेत्र में धूप खिलने के बावजूद अधिकतम तापमान में गिरावट आई है, जबकि न्यूनतम तापमान में विशेष कोई बदलाव नहीं आया है। अधिकतम तापमान में सबसे अधिक गिरावट नारकंडा में 2.7, पालमपुर में 1.8 डिग्री सेल्सियस तक आई है। मौसम विभाग के अनुसार कुछ दिन मौसम साफ रहेगा। धूप खिलने से अधिकतम तापमान में वृद्धि होगी। हालांकि, सुबह और शाम ठंड बढ़ेगी। वहीं सोमवार को रोहतांग, कुंजम, शिंकुला व बारालाचा सहित ऊंची चोटियों में बर्फ के फाहे गिरने का क्रम शुरु हो गया है। हल्की बर्फ़बारी के बीच मनाली लेह, ग्रांफू काजा, दारचा पददुम व तांदी संसारी मार्ग में वाहनों की आवाजाही सुचारू है। पुलिस अधीक्षक लाहुल स्पीति मानव वर्मा ने वाहन चालकों व पर्यटकों से आग्रह किया कि मौसम की परिस्थितियों को देखकर ही सफर करें। हिमपात होने की सूरत में सफर से बचें।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज ‘प्रगतिशील हिमाचल स्थापना के 75 वर्ष’ कार्यक्रमों की श्रृंखला में किन्नौर जिला के टापरी के समीप छोल्टू में आयोजित समारोह के दौरान किन्नौर विधानसभा क्षेत्र के लिए लगभग 62 करोड़ रुपये लागत की 23 विकासात्मक परियोजनाओं के उद्घाटन व शिलान्यास किए। मुख्यमंत्री ने छोल्टू में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर देश की स्वतंत्रता में अतुलनीय योगदान देने वाले सेनानियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए हर घर तिरंगा अभियान चलाया जिसे देश सहित हिमाचल में भी अपार समर्थन मिला। उन्होंने कहा कि हिमाचल भी अपने गठन के 75वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है और राज्य की उन्नति व समृद्धि में योगदान देने वाले यहां की मेहनतकश व ईमानदार जनता तथा नेतृत्व का आभार व्यक्त करने के लिए ‘प्रगतिशील हिमाचलः स्थापना के 75 वर्ष’ कार्यक्रम राज्य सरकार द्वारा आयोजित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने 19.84 करोड़ रुपये की पांच विकासात्मक परियोजनाओं के शिलान्यास भी किए। इनमें तहसील कल्पा में रिकांगपिओ और समीप के क्षेत्रों के लिए 15.54 करोड़ रुपये के जलापूर्ति योजना के स्रोत सुदृढ़ीकरण का कार्य, ग्राम पंचायत निचार में ईएमआरएस स्कूल निचार के लिए 1.13 करोड़ रुपये लागत का मल निकासी संयंत्र, ग्राम पंचायत असरंग में स्टेजिंग हट का 1.30 करोड़ रुपये का पुनः निर्माण कार्य, ग्राम पंचायत पूह में 98 लाख रुपये की लोअर पूह कुहल सिंचाई योजना तथा ग्राम पंचायत पूह में सिंचाई योजना पूह कुलह के 89 लाख रुपये की लागत से कमान्द एरिया विकास कार्य का शिलान्यास शामिल है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 42.15 करोड़ रुपये की 18 विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण किए, जिनमें तहसील सांगला की ग्राम पंचायत रिशवाल में 56 लाख रुपये की जलापूर्ति योजना सांगला कण्डा, होलदो नाला से रिस्पा गांव के लिए सिंचाई योजना का 1.42 करोड़ रुपये का जीर्णोंद्धार कार्य, तहसील मुरंग की ग्राम पंचायत जंग्गी में जंग्गी विश्राम गृह से खारोडो ऑर्चड के लिए 1.25 करोड़ रुपये की सिंचाई योजना, तहसील मुरंग के अकपा उपमण्डल में 70 लाख रुपये लागत के सहायक अभियन्ता कार्यालय व आवास, रूकटी (सांगला) में 1.66 करोड़ रुपये का 22 केवी नियंत्रण प्वांइट, डुमटी में सीमावर्ती क्षेत्रों के विद्युतीकरण के लिए 3 करोड़ रुपये की 22 केवी एचटी लाइन, ऋषि डोगरी में सीमावर्ती क्षेत्रों के विद्युतीकरण के लिए 2.47 करोड़ रुपये की 22 केवी एचटी लाइन, लुकमा-1 में सीमावर्ती क्षेत्रों के विद्युतीकरण के लिए 56 लाख रुपये की 22 केवी एचटी लाइन, लुकमा-2 में सीमावर्ती क्षेत्रों के विद्युतीकरण के लिए 98 लाख रुपये की 22 केवी एचटी लाइन, सांगला में 93 लाख रुपये की मल्टीपर्पज पार्किंग, एक करोड़ रुपये लागत की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला न्यूगलसेरी, निचार में 3.56 करोड़ रुपये के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय में छात्रा छात्रावास, 11 करोड़ रुपये लागत की चौड़ा मजगांव (रूपी) सड़क, काठी में 4.12 करोड़ रुपये लागत की देवी चण्डीका राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, रारंग में 4 करोड़ रुपये लागत का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला का भवन, असरंग में 2.33 करोड़ रुपये का राजकीय उच्च विद्यालय, पूह में 1.42 करोड़ रुपये लागत का बस अड्डा तथा रिकांगपिओ में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के लिए 1.20 करोड़ रुपये लागत के टाइप-2 आवास शामिल हैं।
हिमाचल प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने कल्पा तहसील के अंतर्गत पड़ते गांव बारंग का दौरा किया। इस दौरान उनका ग्रामीणों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। ग्रामीणों को नगदी फसल को सड़क तक पहुंचाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, लोगों की मांग थी कि चुलदारंग से पुल तक राजजुमार्ग स्पेन शुरू किया जाए। इसी कड़ी में सूरत नेगी नेबारंग पुल से चुलदारंग (डोरगानदेन) तक 52 लाख रुपए की लागत से निर्मित होने वाली 1800 मीटर लम्बी सपैन परियोजना का शिलान्यास किया। इस परियोजना से लगभग आधा गांव लाभान्वित होगा। इस दौरान ग्रामीणों ने इनका धन्यवाद किया और अन्य समस्याओं के बारे में भी अवगत करवाया। सूरत नेगी ने विभिन्न मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया है।
राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने लाहौल-स्पीति जिला के ताबो स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र में ‘सेब दिवस एवं किसान मेले में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की तथा किसानों के साथ सीधा संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यहां के किसानों ने परम्परागत कृषि पद्धति को अभी भी संरक्षित रखा है जो हम सभी के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि कुल्लू दशहरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनसे प्रदेश में प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी ली है। राज्यपाल ने बताया कि प्रधानमंत्री ने उनसे इस दिशा में विशेष प्रयास करने को कहा ताकि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती में देश के अग्रणी राज्य के रूप में उभर सके। उन्होंने किसानों से इस दिशा में आगे आने और आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करने का आह्वान किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने 40 लाख रुपये की लागत से निर्मित आदर्श खाद्य प्रसंस्करण इकाई का लोकार्पण भी किया। इस इकाई में सेब और अन्य स्थानीय फसलों के उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इस इकाई के माध्यम से किसानों और स्वयं सहायता समूहों को काफी लाभ मिलेगा। इससे किसान बेहतर उत्पाद बनाने और इन्हें कम से कम समय में बाजार तक पहुंचाने में सक्षम होंगे। राज्यपाल ने केंद्र के परिसर का भी निरीक्षण किया और सेब की फसल की जानकारी हासिल की। उन्होंने ‘पिति शिंगपा’ पुस्तक का विमोचन भी किया।
हिमाचल प्रदेश को देवो की भूमि कहा जाता है। हिमाचल के प्राचीन मन्दिरों में से एक प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ किनौर जिला के प्रसिद्ध यूला कुंडा झील ,जोकि किन्नौर के रोरा घाटी की गहराई के बीच स्थित यूला कुंडा झील के बीच भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर है। समुद्र तल से 12000 फ़ीट की ऊंचाई होने के कारण इस मंदिर को दुनिया के सबसे ऊँचे कृष्ण मंदिरो में से एक माना गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यूला कंडा झील का निर्माण पांडवो ने वनवास के दौरान किया था। यहाँ हर साल कृष्ण जन्माष्टमी के दिन बड़ी धूमधाम से उत्सव मनाया जाता है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते है। लोगों की मान्यता है,अगर श्रद्धालु अपनी किनौरी टोपी उलटी करके झील में फैंकते और यदि उसकी टोपी बिना डूबे तैरते हुए एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंच जाती है तो उसकी सारी मनोकामना जरूर पूरी होती है और अगर उसकी टोपी डूब जाये तो आने वाला साल उसके लिए अच्छा नहीं होता। मान्यता यह भी है कि बुशहर रियासत के राजा केहरि सिंह के समय इस उत्सव को मानाने की प्रथा शुरू हुई थी। तब से यह परम्परा आज भी मनाई जा रही है। छोटे स्तर पर मनाये जाने वाले इस मेले को अब जिलास्तरीय मेले का दर्जा प्राप्त हो चुका है। यहाँ किन्नौर ही नहीं बल्कि प्रदेश भर से लोग कृष्ण मंदिर के दर्शन करने आते है। इसके आलावा श्रद्धालु पवित्र झील के चारों ओर परिकर्मा करते है। कहते है ऐसा करने से उनको उनके कष्टों से मुक्ति मिल जाती है और झील का पानी औषधीयगुणों से भरा हुआ होने के कारण लोग झील में डुबकी भी लगाते है। श्रद्धालु दुर्गम रास्तों से हो कर पैदल सफर करते हुए मंदिर तक पहुंचते हैं। भारत-चीन की सीमा पर गूजेंगे श्री कृष्ण भजन ,इस बार जिला प्रशासन 19 अगस्त को यूला कंडा में जिलास्तरीय जन्माष्टमी पर्व बड़ी धूमधाम से मनाएगा । मसाबा मयूल यूला एसोसिएशन सचिव रंजीत सिंह ने बताया कि इस बार जन्माष्टमी पर्व का शुभारभ प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी करेंगे। एक दिन पूर्व स्थानीय लोग ,बौद्ध लम्हा और , श्रद्धालुओ के साथ रीतिरिवाजों, लोकगीतो और मंत्रो का उच्चारण करते हुए 12 किलोमीटर पैदल चल कर 6 बजे तक सराये भवन तक पहुँचेगे। वही सारी रात भजन कीर्तन करते हुए सुबह 4 बजे पूजा का प्रसाद बनेगा और साथ ही 18 प्रकार के फूलों से भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना भी की जाएगी।
समर नेगी। रिकांगपिओ जिला किन्नौर के आसरंग संपर्क सड़क मार्ग पर रविवार देर शाम लापो नामक स्थान पर एक ट्रैक्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से चालक की मौत हो गई है, जबकि इस हादसे में एक व्यक्ति गंभीर रूप से व एक आंशिक रूप से घायल हुआ है। मृतक की पहचान टॉप बहादुर गिरी (चालक) पुत्र शेर बहादुर निवासी नेपाल के रूप में हुई है, जबकि इस हादसे में रमेश कुमार निवासी नेपाल गंभीर रूप से व सुभाष निवासी नेपाल आंशिक रूप से घायल हुआ है। जानकारी के अनुसार चालक टॉप बहादुर गिरी अन्य दो साथियों रमेश व सुभाष के साथ ट्रैक्टर (एचपी 67- 3942) में लापो की तरफ जा रहे थे कि लापो के पास ही चालक ट्रैक्टर से नियंत्रण खो बैठा, जिससे ट्रैक्टर सड़क मार्ग से लगभग 200 फीट नीचे गहरी खाई में गिरकर बुरी तरह दुर्घटना ग्रस्त हो गया तथा चालक टॉप बहादुर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि ट्रैक्टर को खाई में गिरते हुए देखकर रमेश व सुभाष ने छलांग लगा दी, जिससे रमेश गंभीर रूप से व सुभाष आंशिक रूप से घायल हो गया। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस स्टेशन मूरंग से आईओ राजीव पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे व स्थानीय लोगों की सहायता से शव को गहरी खाई से निकालकर अपने कब्जे में लिया तथा घायलों को उपचार के लिए क्षेत्रीय चिकित्सालय रिकांगपिओ लाया गया, जहां गंभीर रूप से घायल रमेश को प्राथमिक उपचार के बाद रामपुर रैफर कर दिया गया है। वहीं, एसपी किन्नौर अशोक रतन ने बताया कि पुलिस ने पीएचसी लिप्पा में शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव को परिजनों को सौंप दिया है तथा पुलिस ने आईपीसी धारा 279, 337 व 304 ए के तहत मामला दर्ज कर लिया है तथा पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
समर नेगी। रिकांगपिओ 05 जुलाई से चेन्नई में आयोजित राष्ट्रीय बॉक्सींग प्रतियोगिता में किन्नौर जिला की कशिश ने 50 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक तथा 48 किलो ग्राम भार वर्ग में प्रिया ने कांस्य पदक हासिल किया हैं। उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने कशिश व प्रिया को राष्ट्रीय बॉक्सींग प्रतियोगिता में रजत व कांस्य पदक जीतने पर बधाई दी हैं। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिला की लड़कियां बॉक्सींग क्षेत्र में राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर प्रदेश व जिला का नाम रोशन कर रही हैं। उल्लेखनीय है कि जिले से राष्ट्रीय बॉक्सींग प्रतियोगिता के लिए चार युवतियों का चयन हुआ था। ये सभी लड़कियां जेएसडब्ल्यू द्वारा सीएसआर के तहत संचालित बॉक्सींग प्रशिक्षण केंद्र सांगला के तहत प्रशिक्षण ले रही हैं।
समर नेगी। रिकांगपिओ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा किन्नौर जिला के मुख्यालय में अब निर्धारित मापदंडाें के विरूद्ध व प्रतिबंधित प्लास्टिक वस्तुओं को बेचने वाले व्यवसाइयों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया गया है तथा विभाग द्वारा औचक निरीक्षण किया जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के रामपुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों द्वारा गत दिवस रिकांगपिओ में विभिन्न दुकानों का औचक निरीक्षण किया गया तथा हिमाचल प्रदेश बायोडिग्रेडेबल गाॅरबेज (कंट्रोल अधिनियम-1995) के तहत चालान किया गया। इस दौरान अधिकारियों द्वारा व्यवसायिों को एसयूपी के तहत चिन्हित वस्तुएं न बेचने के लिए भी जागरूक किया गया।
समर नेगी। रिकांगपिओ उपमण्डलाधिकारी किन्नौर एवं निर्वाचक रजीस्ट्रीकरण अधिकारी किन्नौर-68 अनुसूचित जनजाति विधानसभा डाॅ. मेजर शशांक गुप्ता ने आज विधानसभा के तहत आने वाले सुपरवाईजर की बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दिए कि 15 दिन के भीतर 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके सभी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में पंजीकृत करना सुनिश्चित बनाएं। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि किन्नौर-68 अनुसूचित जनजाति विधानसभा क्षेत्र के ऐसे सभी मतदाता जिनकी आयु 18 से 19 वर्ष के बीच है तथा इनके नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं हैं के नाम बी.एल.ओ के माध्यम से दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय तथा वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में गठित मतदाता साक्षरता कल्बों में भी युवाओं को मतदाता सूचि में नाम दर्ज करने के लिए प्रेरित व जागरूक किया जाएगा ताकि कोई भी युवा मतदाता जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक है वह अपना नाम मतदाता सूची में दर्ज करने से वंचित न रह पाए। उन्होंने कहा कि मतदाता साक्षरता कल्बों में बी.एल.ओ को बुलाकर मौके पर ही ऐसे युवा जिनके नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं है के नाम मौके पर ही दर्ज किए जाएंगे। इस अवसर पर तहसीलदार निर्वाचन व विभिन्न सुपरवाईजर उपस्थित थे।
जिला किन्नौर में सुबह से हो रही लगातार बारिश के बाद ठंगी नाले मे बाढ आ गई। हालांकि अभी तक इस घटना में जानमाल के नुकसान की सुचना प्राप्त नहीं हुई है। वही जिला किन्नौर के निचार खण्ड में भारी बारिश का दौर जारी है तो कल्पा व पूह खण्ड में रुक रुक कर बारिश का सिलसिला जारी है। बारिश के चलते जिले के कई नालों में पानी का जल स्तर बढ़ने से बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। किन्नौर में बहने वाली सतलुज नदी का जल स्तर भी बढ़ा हुआ है। गौरतलब है कि किन्नौर में बरसात के दौरान भुसखलन, नदी नालो मे बाढ़, चट्टानों के खिसकने के मामले भी लगातार सामने आते है। वही दूसरी ओर मौसम विभाग ने भी आज जिला किन्नौर के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक द्वारा स्थानीय लोगों व पर्यटकों से आह्वान किया गया है कि अनावश्यक यात्रा ना करे व जिले में 8 जुलाई तक बारिश होने की संभावना है।
किन्नौर जिला को वर्ष 2025 तक पूर्ण रूप से क्षय रोग मुक्त कर दिया जाएगा। यह जानकारी आज यहां उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने जिला क्षय रोग निवारण समिति व जिला क्षय रोग फोरम की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उपायुक्त ने बताया कि जिले में क्षय रोग निवारण के लिए 6 माहवार लक्ष्य रखा जाना चाहिए तथा इसकी समय-समय पर समीक्षा की जानी चाहिए तभी हम जिले को वर्ष 2025 तक क्षय रोग मुक्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए विभाग को एक सघन जागरूकता अभियान चलाना चाहिए, जिसमें पंचायती राज संस्थाओं, गैर-सरकारी संस्थाओं व अन्य का भी सहयोग लिया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि पंचायत स्तर पर होने वाली ग्राम सभाओं में लोगों को जागरूक करने के लिए विशेषज्ञ भेजे जाने चाहिए, साथ ही इस दौरान रैंडम आधार पर क्षय रोग से संबंधित सैंपल भी लिए जाने चाहिए। इस अवसर पर क्षय रोग विशेषज्ञ डॉ. सुधीर ने पॉवर प्वॉइंट प्रेसेन्टेशन के माध्यम से जिले में क्षय रोग उन्मूलन के लिए विभाग द्वारा तैयार की गई योजना की जानकारी दी। वर्ष 2022 तक जिला में पाए गए 116 टीबी रोगी वर्ष 2022 में किन्नौर जिला में अब तक 116 टीबी रोगी पाए गए, जिनमें सांगला खंड के तहत 51, पूह के तहत 25 व निचार खंड के तहत 40 रोगी शामिल थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 तक जिले में 2818 रोगियों की क्षय रोग जांच का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 31 मई, 2022 तक 2363 व्यक्तियों की क्षय रोग जांच की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि क्षय रोग को रोकने के लिए सामुदायिक स्क्रीनिंग व संस्थागत स्क्रीनिंग पर भी जोर दिया जा रहा है। साथ ही ऐसे क्षेत्र जहां गत वर्षों में इस रोग के अधिक मामले सामने आए हैं वहां पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
4 असम रेजिमेंट के जवानों ने घायल पर्वतारोही महिला को लामखागा दर्रा से निकाला सुरक्षित। ट्रांस हिमालय की गगनचुंबी चोटियों व दर्रो को फतह करने निकला 11 सदस्य महिला पर्वतारोही दल की एक महिला विमला देवी दिवासक गत दिवस लामखागा दर्रे पर फिसलने के कारण घायल हो गई थी। जैसे ही इसकी सूचना ट्राई पीक हिमालय की इकाई 4 असम रेजीमेंट को मिली तो तुरंत सेना के जवानों के एक दल ने रेस्क्यू अभियान आरम्भ किया और बुजुर्ग पर्वतारोही महिला को सुरक्षित निकाल कर नजदीकी सेना के अस्पताल मे प्राथमिक उपचार करवाया गया तथा उसके उपरान्त उन्हें क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ में दाखिल किया गया। जिला मुख्यालय में सेना से प्राप्त सूचना के अनुसार महिला पर्वतारोहियों का एक दल माउंट एवरेस्ट फतेह करने वाली देश की प्रथम महिला पद्म श्री बिछेंद्री पाल के नेतृत्व में गत दिनों उत्तराकाशी के हर्षल से लामखागा दर्रे को पार करते हुए किन्नौर जिले के लिए रवाना हुआ था जिसने हिमाचल प्रदेश में स्थित लामखागा दर्रे में 5 जुलाई, 2022 को प्रवेश किया। इस दौरान एक पर्वतारोही महिला विमला देवी दिवासक लामखागा दर्रे के पास चोटिल हो गई। इसकी सूचना मिलते ही 4 असम रेजीमेंट के जवानों ने विपरीत मौसम व दुर्गम भोगौलिक परिस्थितियों के वावजूद समझदारी व सूझभूज के साथ घायल पर्वतारोही महिला को सुरक्षित निकाला। उलेखनीय है कि 12 मार्च 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फिट इंडिया मिशन के तहत 50 वर्ष की उम्र पार कर चुकी 11 पर्वतारोही महिलाओं का एक दल भारत-म्यामांर सीमा पर स्थित पांगसायु से टाईगर हिल तक पर्वतारोहण के लिए पद्म श्री बिछेंद्री पाल के नेतृत्व में रवाना हुआ था। यह दल अरुणाचल, असम, पश्चिमी बंगाल, सिक्कम, उतराखण्ड व हिमाचल होते हुए लगभग 5,000 किलोमीटर की दूरी व 37 पर्वती दर्रों को पार करते हुए 5 माह में टाईगर हिल पहुंचेगा।
समर नेगी। रिकांगपिओ जनजातीय क्षेत्र जिला के रारंग में मंगलवार को पांच दिवसीय राज्य स्तरीय गुरू संज्ञास मेला का आगाज हुआ । मेले का शुभारंभ किन्नौर विधायक जगत सिंह द्वारा मेले का झंडा फहराकर किया गया। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी पूह विनोद कुमार द्वारा विधायक जगत सिंह नेगी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। मइस अवसर पर जगत सिंह नेगी ने मेले के आयोजन के लिए सभी क्षेत्रवासियों को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के मेलों के आयोजन से किन्नौर की संस्कृति को और अधिक बढ़ावा मिलता है तथा किन्नौर की संस्कृति की प्रदेश व देश में अलग ही पहचान है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आगाज स्कूली छात्राओं द्वारा गुरुवंदना व स्वागतम गीत के साथ किया गया तथा उसके बाद स्थानीय सांस्कृतिक दल द्वारा लोक नृत्य व स्कूली बच्चों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करने के साथ-साथ रारंग के स्कूली बच्चों द्वारा नेपाली नृत्य भी प्रस्तुत किया गया। पांच दिवसीय इस मेले में जहां एक ओर स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां दी जाएंगी। वहीं, दूसरी ओर मेले में स्कूली बच्चों की फैंसी ड्रैंस प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम व अन्य प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी। इसके अतिरिक्त उपमंडल के महिला मंडलों द्वारा भी रंगा-रंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। इस पांच दिवसीय मेले के मुख्य आकर्षण जहां स्थानीय कलाकार, महिला मंडलों व स्कूली बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम रहेंगे। वहीं, मेले के अंतिम दिन स्थानीय बौद्ध सभा रारंग द्वारा पारंपरिक छम व लाॅयन नृत्य रहेगा। वहीं, मेले का समापन 9 जुलाई को प्रदेश वन विकास निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी द्वारा किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के द्वारा किनौर विधानसभा क्षेत्र के पूह गांव के युवा नेता छेरिंग नेगी को हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस का महासचिव नियुक्त किया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह अपने कर्तव्य और इस पद का सही इस्तेमाल करेंगे और संगठन को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा की आगामी चुनाव में कांग्रेस की ही जीत होगी, उसके लिए जमीनी स्तर पर युवाओं को युवा कांग्रेस के साथ जोड़ेंगे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष नेगी निगम भंडारी का धन्यवाद किया, जिनके विश्वास से यह उन्हें यह जिम्मेदारी मिली है।
समर नेगी। रिकांगपिओ जिला किन्नौर में पुलिस आरक्षी भर्ती की लिखित परीक्षा आज रविवार को दोपहर 12 बजे टीएस नेगी, राजकीय महाविद्यालय, किन्नौर स्थित रिकॉगपिओ में कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित की गई। इस लिखित परीक्षा के लिए कुल 330 महिला व पुरूष अभ्यर्थी उपस्थित हुए, जबकि कुल 352 अभ्यथियों ने यह परीक्षा देना था। हालांकि इस लिखित परीक्षा में 15 पुरुष व 7 महिला अभ्यर्थियों ने भाग नही लिया। यह परीक्षा पूरी तरह सीसीटीवी कैमरे की देखरेख में हुई तथा सभी 11 कमरों में जैमर लगाए गए थे, ताकि लिखित परीक्षा में किसी भी तरह की चूक न न हो। यह परीक्षा पुलिस अधीक्षक किन्नौर अशोक रतन, डीएसपी हेडक्वार्टर नवीन झालटा, एसडीपीओ भावानगर राजू व डीएसपी विजलेंस राजीव मेहता की देखरेख में संपन्न हुई। गौरतलब है कि इन सभी अभ्यर्थियों ने 9 नवंबर से 11 नवंबर, 2021 तक हुई पुलिस आरक्षी भर्ती की शारीरिक परीक्षा (PET) उत्तीर्ण की थी।
समर नेगी । रिकांगपिओ हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद जिला किन्नौर ईकाई की बैठक रविवार को रिकांगपिओ में राज्य उपाध्यक्ष डॉ. जंगछुप नेगी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में परिषद के त्रिवार्षिक चुनाव संपन्न हुए। इसमें सर्वसहमति से फुन्चोक नेगी को परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जबकि ममता नेगी को उपाध्यक्ष, संज्ञे नेगी को सचिव, कमला नेगी को सहसचिव, रत्न नेगी को कोषाध्यक्ष व विद्यालता, वंगचेन नेगी व दौलत नेगी को राज्य प्रतिनिधि चुना गया। इस अवसर पर राज्य उपाध्यक्ष डॉ. जंगछुप नेगी परिषद के सब सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को बधाई दी तथा परिषद में इमानदारी पर निष्ठा पूर्वक कार्य करने का आह्वान किया। बैठक में परिषद की समस्याओं के बारे में विस्तार से चर्चा करने के साथ-साथ प्रदेश मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मांग की गई कि शास्त्री और भाषा अध्यापकों के टीजीटी पदनाम की अधिसूचना शीघ्र जारी की जाए, जिससे प्रदेश में लगभग 8 हजार अध्यापकों को इसका लाभ मिल सके।
5 जुलाई 2022 से चेन्नई में होने वाली अंडर-19 यूथ नेशनल बॉक्सींग चेम्पियनशिप के लिये चयनित किन्नौर जिले की 4 बेटियों को हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सुरत नेगी ने बधाई व शुभकामनाएं दीं है। किन्नौर जिले की 4 बेटियों का 5 जुलाई, 2022 से चेन्नई में होने वाली राष्ट्रीय बॉक्सींग प्रतियोगिता के लिये चयन हुआ है जो 3 जुलाई को कौच टेक चंद के साथ शिमला से चेन्नई के लिए रवाना होंगे तथा इस प्रतियोगिता में किन्नौर की चारों बेटियां अपने पंच का दम दिखाएगी। इनमे मुस्कान (70 किलोग्राम भार वर्ग) कशिश(50 किलोग्राम भार वर्ग) और प्रिया (48 किलोग्राम भार वर्ग) तथा सुनिधी (57 किलोग्राम भार वर्ग) में शामिल हैं। मुस्कान (खुशी) निचार से सम्बंध रखती है तथा लॉकडाउन के दौरान 2020 में वही के स्थानीय कौच अमित नेगी से बॉक्सिंग का प्रशिक्षण प्राप्त किया तथा उंसके बाद 2021-22 में श्रीखंड बॉक्सिंग अकादमी रामपुर में कोच विनोद कुमार से अपनी ट्रेनिंग जारी रखी। मुस्कान नेगी ने 26 जून को शिमला खेल परिसर में अंडर-19 यूथ नेशनल बॉक्सींग चेम्पियनशिप के लिए ट्रायल दी तथा खुशी का चयन यूथ नेशनल बॉक्सींग चेम्पियनशिप के लिए हुआ है। वही 27 जून को हुए ट्रायल में मुस्कान का चयन खेलों इंडिया के लिए भी हुआ। वही खेलों इंडिया एवं अंडर-19 यूथ नेशनल बॉक्सींग चेम्पियनशिप के लिए चयनित होने पर पंचायत समिति सदस्य सुनील नेगी सहित ग्रामीणों ने मुस्कान को बधाई के साथ उज्जवल भविष्य के लिए भी शुभकामनाएं दी। वही, माता प्रोमिला व दादी हीरा कली को अपने खुशी पर नाज है। 19 वर्षीय मुस्कान की प्रारंभिक शिक्षा निचार से तथा जमा दो की पढ़ाई दोफदा रामपुर से हुई है। पिता के स्वर्गवास के बाद माता प्रोमिला व दादी हीरा कली ने अन्य दो बहन ख्वाइश व कशिश की परवरिश की। वही अन्य 3 लड़कियां प्रिया, कशिश व सुनिधि जे.एस.डब्ल्यू जल विद्युत परियोजना द्वारा जिले मे संचलित शिखर बॉक्सींग प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण ले रही है, जो कि चारों बॉक्सर कल चेन्नई के लिए रवाना हों रहे है।
निर्वाचन विभाग किन्नौर द्वारा आज मतदान केंद्रों के भौतिक सत्यापन हेतु नोडल अधिकारियों के लिए एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी-68 किन्नौर डाॅ. मेजर शशांक गुप्ता ने की। उन्होंने नोडल अधिकारियों से कहा कि वे विभाग द्वारा निर्धारित प्रपत्र पर 6 जुलाई, 2022 तक मतदान केंद्रों के भौतिक सत्यापन संबंधी जानकारी उपलब्ध करवाएं। उन्होंने कहा कि इस दौरान मतदान केंद्रों में रैम्प, बिजली, पानी व अन्य सुविधाओं की जानकारी भी देनी होगी। बैठक में जिला के तहसीलदार, नायब तहसीलदार व कानूनगो शामिल थे।
जिला मुख्यालय रिकांगपिओ 22 जून से 24 जून तक आयोजित राज्य स्तरीय जनजातीय नृत्य एवं शिल्प महोत्सव की अंतिम सांस्कृतिक संध्या में प्रस्तुति दे रहे स्थानीय गायक केदार नेगी के हाथ से एक पुलिस कर्मचारी द्वारा माइक छीनने को लेकर अब किन्नौर के कलाकार व सांस्कृतिक दल केदार नेगी के समर्थन में आगे आए हैं। इसी के चलते शनिवार को जिला के कलाकारों व अन्य लोगों ने केदार नेगी के समर्थन में सम्मान रैली निकाली। रैली में लोगों ने पुलिस कर्मी द्वारा केदार नेगी के साथ किए गए इस व्यवहार की कड़ी निंदा की तथा यह मांग की गई कि जिस पुलिस कर्मी द्वारा केदार नेगी से माइक छीना गया था उसी पुलिस कर्मी से सार्वजनिक माफी मंगवाई जाए। रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस आईटी सेल के प्रभारी आनंद नेगी, इंटक के प्रदेश सचिव कुलवंत नेगी, सोशल मीडिया एक्टिविस्ट राम भगत आदि ने कहा कि महोत्सव के दौरान चलते प्रोग्राम में पुलिस कर्मी द्वारा जिस तरह कलाकार से माइक छीना गया। यह केदार नेगी का ही अपमान नहीं बल्कि किन्नौर की संस्कृति का भी अपमान है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा किन्नौर की संस्कृति को बचाने व आगे बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जो कि सराहनीय है, परन्तु कार्यक्रमों में कलाकार के साथ इस तरह का व्यवहार करना निदनीय है। रैली के बाद जिला लोक संस्कृतिक धरोहर मंच द्वारा उपायुक्त किन्नौर के माध्यम से प्रदेश मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा गया जिसमें इस मामले पर गम्भीरता से कार्यवाही करने की मांग की गई। ज्ञापन में बताया गया कि कलाकार के साथ पुलिस कर्मी द्वारा किए गए इस व्यवहार से कलाकार के आत्म सम्मान को ठेस पहुंची है। इसलिए उक्त पुलिसकर्मी के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। इसके उपरांत कलाकार एस पी किन्नौर से भी मिले तथा एक ज्ञापन भी सौंपा। वहीं एस पी किन्नौर अशोक रत्न ने बताया कि इस मामले को कलाकारों के साथ मिलकर सुलझा लिया गया है तथा पुलिस द्वारा भी मामले की जांच की जा रही है जिससे कलाकार भी सन्तुष्ट हैं तथा कलाकारों ने भी पुलिस प्रशासन को भविष्य में इस तरह की कोई भी रैली न करने का आश्वासन दिया है।
मौसम विज्ञान केन्द्र शिमला द्वारा 8 जुलाई तक प्रदेश के ऊपरी इलाकों में यलो अलर्ट जारी किया है । जिला किन्नौर प्रशासन द्वारा भी जिला किन्नौर में बारिश होने की संभावना जताई है। वहीं, जिला किन्नौर में भी आज सुबह से ही मौसम खराब रहा व दोपहर तक आसमान में काले बादल छाए जबकि शाम होते होते जिला में जमकर बारिश हुई । बारिश का दौर जारी देखते हुए बागवानों व किसानों के चेहरे खिल गए है व अच्छी फसल की उम्मीद जताई है। आगामी दिनों में खराब मौसम की सम्भावना को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा भी एडवाइजरी जारी की गई है । प्रशासन द्वारा स्थानीय लोगों व बाहरी क्षेत्रों से आने वाले पर्यटकों को मौसम की स्थिति के अनुसार ही यात्रा करने के लिए आह्वान किया। गत वर्ष भी जिले में कई हादसे हुए हैं। जिला किन्नौर प्रशासन द्वारा जिले के अति सवेदनशील भूस्खलन स्थलों पर अर्ली वार्निग सिस्टम व लैंड मोनिटरिंग प्रणाली स्थापित किया गया है। जिले में 6 संवेदनशील स्थान निगुलसरी, बटसेरी, पागल नाला, उरनी ढांक, कुप्पा व पुरबनी झूला पर आई आई टी मंडी के विशेषज्ञ द्वारा यह प्रणाली स्थापित किया गया है। वही जिले में आज से 8 जुलाई तक बारिश होने की संभावना है।
समर नेगी। रिकांगपिओ उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने जिला कि 3 बेटियों को नेशनल बॉक्सिंग प्रतियोगिता के लिए चयनित होने पर दी बधाई। किन्नौर जिला की तीन बेटियों का 5 जुलाई से चेन्नई में होने वाली राष्ट्रीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता के लिए चयनित किया गया है। जिनमें कशिश (50 किलोग्राम भार वर्ग) और प्रिया (48 किलोग्राम भार वर्ग) तथा सुनिधी (57 किलोग्राम भार वर्ग) शामिल हैं। ये सभी लड़कियां जेएसडब्ल्यू जल विद्युत परियोजना द्वारा जिला में संचलित शिखर बॉक्सिंग प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण ले रही हैं। उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने सभी लड़कियों को राष्ट्रीय बॉक्सींग प्रतियोगिता में चयनित होने पर बधाई दी तथा आशा व्यक्त की कि जिला की ये बेटियां राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर जिला सहित प्रदेश का नाम रोशन करेगी।
समर नेगी। रिकांगपिओ आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित राज्य स्तरीय जनजातीय नृत्य एवं शिल्प महोत्सव के समापन समारोह के अवसर पर हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष ने जिला किन्नौर रैड क्राॅस सोसाईटी द्वारा निकाले गए लक्की ड्राॅ के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। लक्की ड्राॅ में प्रथम पुरस्कार (1 सैमसंग एल.ई.डी 32’’) टिकट नम्बर 52078 ने प्राप्त किया, द्वितीय पुरस्कार (1 सैमसंग वाॅशिंग मशीन) टिकट नम्बर 51163 व तृतीय पुरस्कार (5 इलैक्ट्रीक आयरन) टिकट नम्बर 36709, 36917, 14008, 2747 व 2722 ने प्राप्त किया। इसके अलावा लक्की ड्राॅ में चैथा पुरस्कार (10 होट-केस) टिकट नम्बर 44482, 50609, 50610, 24300, 44906, 51019, 44949, 48572, 51076, 15972, 45256 ने हासिल किया। पांचवा पुरस्कार ( 20 टी-सैट) टिकट नंबर 22051, 72506, 14706, 44416, 15622, 15623, 14175, 44286, 14693, 14692, 20598, 51520, 51607, 15335, 15639, 36797, 15871, 36968, 36964 व 36967 ने हासिल किया। अंतिम व छठा पुरस्कार (30 वाॅल क्लाॅक) टिकट नम्बर 50566, 44599, 25196, 44766, 44153, 15367, 52250, 50833, 44781, 15881, 44823, 70200, 36959, 44341, 42133, 52179, 72156, 45561, 70132, 45017, 70058, 70413, 20929, 72789, 14136, 23043, 3090, 20066, 14268, 36771 ने प्राप्त किया। इस अवसर पर उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक, उपमण्डलाधिकारी कल्पा शशांक गुप्ता, मेला अधिकारी एवं उपमण्डलाधिकारी निचार बिमला वर्मा सहित अन्य उपस्थित थे।
जनता का समर्थन देख कांग्रेस बौखलाहट में कर रही अनाप-शनाप बयानबाजी कहा, भाजपा सरकार झूठे वादे नहीं करती, बल्कि अपने कार्य को पूरा करने में रखती है विश्वास समर नेगी। रिकांगपिओ प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का किन्नौर दौरा ऐतिहासिक रहा। वहीं, जिला में करोड़ों रूपए के विकासात्मक कार्य भी पहली बार भाजपा सरकार में हुए है। यह बात आज रिकांगपिओ में प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष संजीव हारा ने कही। वहीं, उन्होंने कहा कि प्रदेश मुख्यमंत्री ने किन्नौर जिला में 53.78 करोड़ रुपए की 19 विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास भी ऐतिहासिक रहा। भाजपा जिलाध्यक्ष संजीव हारा ने कहा कि जिला किन्नौर कांग्रेस के पदाधिकारी शिलान्यास व उद्घाटन पट्टिकाओं पर अंकित प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी के नाम पर जो आपत्ति जता रहे हैं तथा भाजपा संगठन में अनैतिकता की बात कर रहे हैं, तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस शासनकाल में विधायक जगत सिंह नेगी वर्ष 2015 में जब विधानसभा उपाध्यक्ष थे, तो सांगला में बैरिंग नाग सामुदायिक भवन की उद्घाटन पट्टिका में कांग्रेस जिला अध्यक्ष का नाम अंकित किया गया है, जबकि वन विकास निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी को तो सरकार ने राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है। इसलिए सरकार द्वारा नियमो को देखकर ही नाम अंकित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि किन्नौर में भाजपा द्वारा करवाए जा रहे विकास को देखकर व जनता का समर्थन देख कांग्रेसी नेता बौखला गए हैं। इसलिए अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं, जबकि संगठन चाहे कोई भी हो उन्हें शब्दों को ध्यान रखकर ब्यानबाजी करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में कड़छम -शीलती के आधे अधूरे सड़क मार्ग का उद्घाटन विधायक जगत सिंह नेगी द्वारा किया गया था तथा उसके बाद उक्त सड़क मार्ग का कोई भी कार्य नहीं हुआ, जबकि अब भाजपा सरकार के कार्यकाल में उक्त सड़क मार्ग के लिए 14 करोड़ का बजट आया है तथा वर्तमान में सड़क का कार्य चला हुआ है। इसके साथ ही दूनी कोठी कंडे सड़क मार्ग के आधे अधूरे कार्य का उद्घाटन करने से भी पीछे नहीं हटे, वहां भी भाजपा सरकार आते ही कल्पा-दूनी कंडे के लिए निर्मित सड़क के अपग्रेडेशन के लिए 20 लाख रुपए की राशि का प्रावधान कर कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि इसी तरह 14 अगस्त 2007 में परियोजना वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भावानगर का लोकार्पण तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र व सांसद प्रतिभा सिंह एवं विधायक जगत सिंह नेगी ने लोकार्पण किया था तथा उस समय इस स्कूल को सरकार के अधीन करने का आश्वासन भी दिया था, परंतु इतने वर्ष बीतने के बाद भी इसे सरकार के अधीन नहीं किया गया, जिसका खामियाजा आज तक स्कूल के विद्यार्थियों को सरकार द्वारा दी जा रही प्रत्येक सुविधाओं से महरूम रहना पड़ा था। वहीं, पिछले कल रिकांगपिओ में प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी की मांग को प्राथमिकता देते हुए इसे तुरंत सरकार के अधीन करने की घोषणा की। अध्यक्ष ने कहा कि हमारी भाजपा सरकार झूठे वादे नहीं करती है, बल्कि भाजपा सरकार अपने कार्य को पूरा करने में विश्वास रखती है, जबकि कांग्रेस ने हमेशा ही आधे-अधूरे कार्यों का उद्घाटन किया है या फिर केवल शिलान्यास कर पट्टे लगाने का काम किया है।
प्रदेश भर में आठवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। विश्व योग दिवस पर सरकारी स्तर पर और राजनीतिक दलों ने भी कई कार्यक्रम आयोजित किए। मौसम के बदले मिजाज और बारिश की फुहारों ने भी आयोजन को फीका नहीं होने दिया। लोग बड़ी संख्या में विभिन्न आयोजन स्थलों पर पहुंचे और इस खास दिन की अहमियत जताई। विभिन्न योगासनों से प्रदेश को फिट रहने का संदेश दिया। सभी संसदीय क्षेत्रों कांगड़ा, हमीरपुर, शिमला और मंडी के शक्ति केंद्र और बूथ स्तर पर विश्व योग दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किये गए। शिमला विश्व योग दिवस पर राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने स्कूली बच्चों के साथ योग आसन किए। इस दौरान शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज भी मौजूद रहे। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सुबह सात से आठ बजे तक योग सत्र में योग किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की बधाई दी और जीवन में निरोग रहने के लिए योग को रोज करने का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि योग शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने योग के माध्यम से भारत की संस्कृति को दुनिया तक पहुंचाया है। आज के समय में जीवन काम में उलझ कर रह गया हैं। 8 वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयास किया कि भारत से जुड़े योग को विश्व जाने। जिसमें सफलता मिली और आज 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा हैं। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। उन्होंने प्रदेश वासियों से आग्रह किया कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए योग को जीवन में शामिल करें। मंडी जिला मंडी के पराशर में अंतरराष्ट्रीय दिवस पर योग शिविर आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने विशेष रूप से शिरकत की। इस दौरान द्रंग के विधायक जवाहर ठाकुर भी रहे मौजूद। गौरतलब है कि पराशर ऋषि की तपोस्थली को आजादी के अमृत महोत्सव पर देश के 75 आइकॉनिक स्थानों में शामिल किया गया था। हमीरपुर हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के टिहरा सुजानपुर कटोच पैलेस में केंद्रीय सूचना और प्रसारण एवं युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर तथा प्रदेश से खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले मंत्री राजेंद्र गर्ग ने शिरकत की। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि वर्ष 2014 में देश की बागडोर संभालते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को भारत की प्राचीन पद्धति योग का महत्व समझाया और दुनिया से इसे अपनाने की अपील की। उनके आह्वान पर दुनिया के सभी देशों ने इसे अपनाया और 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का संकल्प लिया। भारत के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि इस बार 8वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, आजादी का अमृत महोत्सव के तहत देश भर के 75 प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहर स्थलों पर ”योग फॉर ह्यूमैनिटी” यानि मानवता के लिए योग थीम के साथ मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में सुजानपुर के कटोच पैलेस के परिसर में योगाभ्यास सत्र में भाग लेना प्रत्येक प्रतिभागी के लिए गौरव की बात है। रोहतांग अटल टनल रोहतांग में भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग कार्यक्रम आयोजित किया गया। सैकड़ों लोगों ने 10,000 फीट की ऊंचाई पर एक साथ योग किया। अटल टनल योग कार्यक्रम में केंद्रीय गृह, युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक, कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर और प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री रामलाल मारकंडा शामिल हुए। वहीं, 13050 फीट ऊंचे रोहतांग दर्रा में बर्फ के बीच आईटीबीपी के जवानों ने योग की विभिन्न क्रियाओं का प्रदर्शन किया। अटल टनल रोहतांग के नॉर्थ पोर्टल पर आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर हो रहे इस कार्यक्रम में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, अटल बिहारी पर्वतारोहण संस्थान और सीमा सड़क संगठन के जवान भी शामिल हुए।
समर नेगी। रिकांगपिओ जिला किन्नौर के छितुकुल के पास लामखागा नामक स्थान पर पेट्रोलिंग पर गई आईटीबीपी व एसआरपी टीम ने शनिवार शाम को एक पश्चिम बंगाल के पर्यटक का शव बरामद किया है। आईटीबीपी ने शव को किन्नौर पुलिस के सपुर्द कर दिया है तथा पुलिस द्वारा शव को पोस्टमार्टम के लिए सीएचसी सांगला में रखा गया है। मृतक की पहचान सुखेन मांझी गांब रघापुर डाकघर नेपाल गंज जिला साउथ 24 प्रागना पश्चिम बंगाल के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार डिप्टी कमांडेंट आईटीबीपी विनय शर्मा ने 17 जून को सांगला थाना में सूचना दी थी कि लामखागा नामक स्थान पर जब उनके जवान गश्त पर थे, तो उन्हें वहां पर किसी व्यक्ति का शव पड़ा हुआ मिला है, जिस पर आईटीबीपी के जवानों द्वारा शनिवार शाम को शव व उसके पास से बरामद सामान को चैक पोस्ट खन्ना दुमती लाया गया। शव बरामद होने की सूचना मिलते ही थाना सांगला से थाना प्रभारी पुलिस टीम के साथ चैक पोस्ट खन्ना दुमती पहुंचे तथा मामले की छानबीन की तथा छानबीन से पुलिस को शक हुआ कि यह शव पश्चिम बंगाल के उस पर्यटक का है, जो कि अक्तूबर 2021 में अपने दल के साथ ट्रेकिंग के लिए आया था, जो कि अभी तक लापता था। शव की पहचान के लिए पुलिस ने मृतक के परिजनों से संपर्क किया तथा शव व उसके पास से बरामद सामान के फोटो परिजनों को भेजे जिस पर मृतक के भाई सुभेंद्रू मांझी व पत्नी लोभनी मांझी ने शव की पहचान की। विदित है कि अक्तूबर 2021 में जिला किन्नौर के छितकुल क्षेत्र के निथ्थल ताच नामक स्थान के पास ट्रेकिंग के लिए 11 पर्यटकों का एक दल ट्रैकिंग के लिए निकला था, जिसमें 7 पर्यटकों की मौत हो गई थी, जबकि 2 को रेस्क्यू कर लिया गया था तथा इनमें से दो पर्यटक सुखेन मांझी व ज्ञान चंद लापता थे, जिसमें से सुखेन मांझी का शव बरामद कर लिया गया है, जबकि ज्ञान चंद अभी भी लापता है। एसपी किन्नौर अशोक रतन ने शव की पुष्टि की गई है तथा सीएचसी सांगला में शव का पोस्टमार्टम किया जा रहा है। वहीं, मृतक के परिजनों को भी सूचित कर लिया गया है।
लामा बॉयज क्रिकेट क्लब द्वारा मांग दुर्गा युवक मंडल निगुलसरी के सौजन्य से आयोजित सुपर 6 क्रिकेट और लोक सांस्कृतिक प्रतियोगिता का समापन बुधवार को हुआ। कार्यक्रम के समापन अवसर पर प्रदेश वन निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। मां दुर्गा युवक मंडल के मुख्य सहलाकार मुनीश नेगी ने बताया की उनका युवक मंडल सांस्कृतिक और खेलो को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष इस तरह के आयोजन करती रहेगी। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता विभिन्न पंचायतों की लगभग 70 टीमों ने भाग लिया जिसमें लामा बॉयज निगुलसरी ने ट्रॉफी पर कब्जा किया। क्रिकेट प्रतियोगिता में फाइनल मैच लामा बॉयज निगुलसरी व चौरा की टीम के बीच हुआ जिसमें चौरा की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 ओवरों में 87 रन बनाए तथा लामा बॉयज निगुलसरी टीम ने 88 रनों का लक्ष्य छठे ओवर की अंतिम गेंद पर छक्का लगाकर प्रतियोगिता में जीत हासिल की। सांस्कृतिक प्रतियोगिता में 11 दलों ने भाग लिया जिसमें महिला मंडल छोटा कम्बा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि महिला मंडल चौरा ने दूसरा और व महिला मंडल तरांडा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर वन विकास निगम उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने क्लब के पदाधिकारियों को इस प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए बधाई दी।
जिला की ग्राम पंचायत पांगी में शनिवार रात को शरारती तत्त्वों द्वारा चार गाड़ियों के शीशे तोड़ने का मामला सामने आया है, जिससे क्षेत्र के लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। वहीं इसकी शिकायत ग्रामीणों ने पुलिस चौकी पांगी में भी की है, तथा शीघ्र अज्ञात शरारती तत्वों को पकड़ कर उचित कार्यवाही करने की मांग की है। पांगी निवासी योगराज, भूमि सिंह, जितेंद्र व रतनवीर आदि ने बताया कि शनिवार शाम को उन्होंने अपनी ऑल्टो गाड़िया एच पी 25 ए 2013, एच पी 25 सी 0966, एच पी 01 ए ए 0187 व एच पी 25 5754 पांगी बस स्टैंड, सोसायटी व चौक के पास खड़ी की थीं तथा रविवार सुबह जब गाड़ियां देखीं तो पता चला कि रात को किन्ही अज्ञात शरारती तत्वों द्वारा उनकी चार गाड़ियों के आगे व पीछे के शीशे तोड़ दिए गए हैं, जिससे उन्हें जहां एक ओर आर्थिक नुकसान हुआ है, वहीं दूसरी ओर इस घटना से अब लोगों के वाहन भी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि अधिकतर लोगों के वाहन घरों तक नहीं पहुंच पाते हैं, जिससे लोगों को वाहन पांगी बस स्टैंड के पास व अन्य स्थानों पर सड़क किनारे खड़े करने पड़ते हैं, परन्तु अब शरारती तत्वों द्वारा इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने के बाद लोग अपने आप व वाहनों को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यहीं नहीं क्षेत्र में आय दिन ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, तथा शरारती तत्व बेखोफ लोगों के वाहनों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिससे लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। क्षेत्र के लोगों ने पुलिस प्रशासन से पांगी में गश्त बढ़ाने की मांग की है, ताकि भविष्य में शरारती तत्व इस तरह की घटनाओं को अंजाम न दे सकें। वहीं इस बारे में पांगी चौकी प्रभारी कुलदीप ने बताया कि पांगी के पास चार गाड़ियों के शीशे तोड़ने की शिकायत आई है, तथा पुलिस द्वारा इस बारे में लोगों से भी पूछताछ की जा रही है, परन्तु अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है तथा पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
किन्नौर जिला के रिकांगपिओ में बुधवार को डीपोज़िट मोबेलाईजेशन ऐजेंट (डीएमए) के तहत सहकारी सभाओं को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश सहकारिता विभाग व सहकारी बैंक के सयुंक्त तत्वाधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश सहकारी बैंक के अध्यक्ष खुशी राम बालनाटा ने की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में सहकारी बैंकों की अहम भूमिका रहती है ऐसे में सहकारी सभाओं को और अधिक सुदृढ़ करने की आवश्यकता है ताकि आर्थिक विकास के साथ साथ समाज की भी उन्नति हो सके। उन्होंने कहा कि पहले सहकारी सभाओं के माध्यम से कारोबार के लिए कुछ चुनिंदा विषयों पर ही कार्य किया जाता था परंतु वर्तमान में आर्थिकी को बढ़ावा देने के लिए सहकारी सभाओं द्वारा किसी भी क्षेत्र में कारोबार किया जा सकता है जिसके लिए सहकारी बैंक के माध्यम से ऋण व अन्य लाभ प्रदान किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सहकारी बैंक व सहकारी सभाओं को जोड़कर सहकारी क्षेत्र में विविधता लाना है ताकि रोजगार व स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके।
डबल इंजन की सरकार में जनजातीय क्षेत्रों में विकास की रफ्तार दौड़ रही है तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के विकासात्मक सोच से आज जिला किन्नौर, लाहौल-स्पीति समेत पांगी और भरमौर क्षेत्रों का अभूतपूर्व विकास हो रहा है। यह बात भारतीय जनता पार्टी एसटी मोर्चा के प्रदेश महामंत्री एंंव सदस्य जनजातीय सलाहकार परिषद संतोष राज नेगी ने जारी प्रेस ब्यान में कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अथक प्रयासों से आज किन्नौर को एफआरए यानी वन अधिकार कानून 2006 लागू हो पाया तथा प्रदेश की जयराम सरकार जनजातीय क्षेत्रों के समान एवं संतुलित विकास सुनिश्चित कर रही है। इसके परिणामस्वरूप इन क्षेत्रों का तेजी के साथ विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम का आकार वर्ष 2018-19 में 567 करोड़ रुपये था जबकि वर्ष 2021-22 के लिए सरकार ने 846.49 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके अतिरिक्त सीमा क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में 25.95 करोड़ रुपये केन्द्रीय हिस्से व 2.88 करोड़ रुपये राज्य के हिस्से के रूप में जबकि वर्ष 2021-22 के लिए 25 करोड़ रुपये केन्द्रीय हिस्से और 2.78 करोड़ रुपये का राज्य के अंश के रूप में प्रावधान किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत परिवहन, सड़कों एवं पुलों और भवन निर्माण पर वर्ष 2018-19 के दौरान 127.69 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान था जबकि वर्ष 2021-22 के लिए 244.06 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है जिसके लिए पीएम मोदी, सीएम जयराम ठाकुर और वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह 20 सूत्रीय कार्यक्रम में भी जनजातीय क्षेत्रों का ख्याल रखा गया है जिसमे 2006 के प्रावधानों के अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में निर्धारित 7095 लक्ष्यों के विरुद्ध 8669 जबकि वर्ष 2020-21 के लिए निर्धारित 6829 लक्ष्यों के मुकाबले 7509 लक्ष्यों की प्राप्ति हुई। वर्ष 2018-19 के दौरान जनजातीय क्षेत्र पांगी व भरमौर में टैलीमेडिसन की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया गया जिसके अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में 200 लाख रुपये, 2019-20 में 174 लाख रुपये और 2020-21 में 193 लाख रुपये का प्रावधान किया गया। वर्ष 2021-22 में 84 लाख रुपये प्रस्तावित किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बतया कि केंद्र सरकार ने 2018-19 के दौरान तीन नए एकलव्य आदर्श आवासीय स्कूल भरमौर, पांगी ओर लाहौल में खोलने की स्वीकृति प्रदान की, जिन्हें शैक्षणिक सत्र 2019-20 से आरम्भ कर किया दिया है। केंद्र सरकार से इन आवासीय विद्यालयों के भवन निर्माण के लिए अब तक 32 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है।
जिला किन्नौर आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ जिला का प्रतिनिधिमंडल महासंघ अध्यक्ष कमल किशोर की अध्यक्षता में सांसद प्रतिभा सिंह से मिला तथा अपनी मांगों को लेकर एक मांग पत्र सौंपा। महासंघ ने मांग पत्र में बताया कि जिला किन्नौर में विभिन्न विभागों में आउटसोर्स कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं तथा जनजातीय क्षेत्र होने के कारण कर्मचारियों को 25 प्रतिशत जनजातीय वेतन वृद्धि भत्ता दिया जाता है, परन्तु जनजातीय क्षेत्रों के कुछ विभागों में आउटसोर्स कर्मचारियों को जनजातीय वेतन वृद्धि भत्ता नहीं दिया जा रहा है जिससे आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ भेदभाव हो रहा है । उन्होंने यह भी बताया कि इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को भी समय पर वेतन नहीं दिया जाता है उन्हें वेतन के लिए दो-तीन माह का इंतजार करना पड़ता है जिससे कर्मचारियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। महासंघ के पदाधिकारियों ने सांसद प्रतिभा सिंह से कर्मचारियों को जनजातीय वेतन वृद्धि भत्ता दिए जाने के नियम को लागू करने व स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर वेतन दिए जाने की मांग की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिमला आगमन के दौरान जिला किन्नौर में आयोजित कार्यक्रम को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। यह जानकारी उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने दी। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 31 मई को हिमाचल प्रदेश आगमन पर शिमला के ऐततिहासिक रिज मैदान से केंद्र सरकार द्वारा आरंभ की गई विभिन्न महतवकांक्षी योजनाओं के कुछ लाभार्थियों के साथ वर्चुअल माध्यम से संवाद स्थापित किया जाएगा। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण लाभार्थियों तथा अन्य तक पहुंचाने के लिए रिकांगपिओ स्थित बचत भवन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा जिसके लिए एक बड़ी एल.ई.डी स्क्रीन लगाई गई है। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी करेंगे। इसके अलावा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण कृषि विज्ञान केंद्र रिकांगपिओ में भी एक बड़ी स्क्रीन के माध्यम से किया जाएगा। यहां पर भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थी कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देख सकेंगे। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में केंद्र सरकार द्वारा आरंभ की गई विभिन्न योजनाओं जिनमें प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण व शहरी), प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधी योजना, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, पोषण अभियान, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण व शहरी), जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री स्वानिधी योजना व एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, आयुष्मान भारत हैल्थ एवं वैलनेस सैंटर व प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के जिले से संबंधित लाभार्थी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में सासंद, स्थानीय विधायक, जिला परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, पंचायत समितियों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व पंचायती राज संस्थाओं के सदस्यों सहित अन्य को भी आमंत्रित किया गया है।
जनजातीय जिला किन्नौर की बेटी ने कर्नाटक में राष्ट्रीय स्तरीय सब जूनियर बॉक्ंिसग प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता। 20 से 26 मई, तक कर्नाटक में आयोजित लड़कों व लड़कियों की राष्ट्रीय स्तरीय सब जूनियर बॉक्ंिसग प्रतियोगिता में किन्नौर जिले की उरनी की श्वेता नेगी ने 54 किलोभार वर्ग में कांस्य पदक जीता। उल्लेखनीय है कि किन्नौर जिला से राष्ट्रीय स्तरीय सब जूनियर प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए 8 लड़कियां व एक लड़का कर्नाटक गए थे।उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने श्वेता को इस उपलब्धि पर बधाई दी है।
जनजातीय जिला किन्नौर में जिले के विभिन्न पंचायतों व गांव में विकास कार्यों को और गति देने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाओं के तहत मुख्य कार्यों के लिए जिला प्रशासन द्वारा इस वित्त वर्ष के लिए 2 करोड़ 30 लाख रुपए की राशि स्वीकृति की गई है। यह जानकारी वन विकास निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने दी। उन्होंने कहा कि गत 4 वर्षों के दौरान जिले में जिला प्रशासन द्वारा मुख्य कार्यों के लिए 19 करोड़ की राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों व अन्य संस्थाओं द्वारा अपने-अपने गांव व क्षेत्रों में विभिन्न विकास कार्यों के लिए उनसे आग्रह किया गया था तथा अब जिला प्रशासन द्वारा प्राप्त आग्रहों को स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे जहां जिले के समग्र विकास में गति मिलेगी वहीं क्षेत्रवासियों की लंबे समय से चली आ रही मांग भी पूर्ण होगी। उन्होंने बताया कि जिले के 70 मुख्य कार्य को स्वीकृति प्रदान की गई है जिसके लिए 2 करोड़ 30 लाख रुपये की राशि का अनुमोदन किया गया है। इसी तरह अन्य विकास भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत आज यहां 47 मामलों को स्वीकृति प्रदान की गई। उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की बैठक में जिले से विभिन्न उद्यमों को स्थापित करने के लिए 51 आवेदन प्राप्त हुए थे। बैठक में 47 मामलों को मंजूरी प्रदान की गई। इसके तहत 7 करोड़ 19 लाख रुपये का पूंजी निवेश होगा तथा लगभग 60 युवाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के लिए महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना आरंभ की गई है। उन्होंने जिले के युवाओं से आग्रह किया कि वे मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत उद्यम स्थापित करने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि किन्नौर जिला में पर्यटन की आपार संभावनाएं हैं तथा युवाओं को हट व कैंम्पिंग साईट स्थापित करने के लिए आगे आना चाहिए जिससे जहां वे स्वयं स्वरोजगार प्राप्त करने में सफल होंगे वहीं अन्य को भी रोजगार प्रदान करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि योजना के तहत उद्यम स्थापित करने के लिए पुरूषों को लागत पर 30 प्रतिशत व महिलाओं को लागत पर 35 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है। आज स्वीकृत मामलों में होटल, रैस्तरां ईकाई, लघु माल वाहक, माल वाहक बोलेरो कैम्पर, गॉरमेन्टज ईकाई, बेकरी, कैफे, डेली नीडज ईकाई, स्टील फैबरीकेशन एवं वैलडिंग ईकाई, व्हीकल रिपेयर सर्विस, डैंटल क्लीनिक, जे.सी.बी, ऑटो वर्कशॉप, डंैटल क्लीनिक ईकाई शामिल हैं। बैठक की कार्यवाही का संचालन जिला उद्योग केंद्र के महां प्रबंधक जेआर अभिलाषी ने किया। बैठक में उपनिदेशक एवं परियोजना अधिकारी ग्रामीण विकास अभिकरण जयवंती ठाकुर, लीड बैंक के महा प्रबंधक केवल कृष्ण कलसी, जिला कृषि अधिकारी डॉ. ओम प्रकाश, उपनिदेशक पशुपालन डॉ. अशोक सेनी व अन्य उपस्थित थे।
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के नैमेत्तिक कलाकारों द्वारा आज जिला किन्नौर के पूह विकास खंड के रिब्बा तथा रिस्पा ग्रांम पंचायतों में प्रदेश सरकार की चार वर्ष की विकासात्मक उपलब्धियों एवं जन-कल्याणकारी कार्यक्रमों एव योजनाओं का प्रचार-प्रसार लोक नाट्य व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से किया गया। जिसमें जहां लोगों का मनोंरजन हुआ वहीं प्रदेश सरकार की जन-कल्याणकारी योजनाओं व कार्यक्रमों के बारे में उन्हें जानकारी हासिल हुई। किन्नौर कैलाश कला मंच के कलाकारों द्वारा केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं जिनमें उज्जवला योजना, मुख्यमंत्री गृहणी सुविधा योजना, हिम केयर योजना, मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना, मुख्यमंत्री शगुन योजना सहित मुख्यमंत्री सहारा योजनाओं पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति से लोगों को जागरूक किया। कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से हिम केयर योजना के बारे में जागरूक करते हुए बताया कि योजना का मुख्य उदे्श्य आयुष्मान भारत योजना से वंचित पात्र लोगों को 5 लाख रू तक का निःशुल्क उपचार उपल्बध करवाना है। उन्होनें गीतों के माध्यम से लोगों को योजना का लाभ उठाने के लिए आगे आने का आग्रह किया। इस अवसर पर कलाकारों द्वारा उपस्थित लोगों को कोविड-19 से बचाव बारे भी जागरूक किया गया। कार्यक्रम में ग्रांम पंचायत रिब्बा के प्रधान राधिका व ग्रांम पंचायत रिस्पा के प्रधान राजेन्द्र कुमार, सहित अन्य उपस्थित थें।
फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला नेपाल में 490 मेगावाट अरुण-4 जलविद्युत परियोजना के विकास के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी तथा नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की गरिमामयी उपस्थिति में लुंबिनी में हस्ताक्षरित हुआ है। इस ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर नंद लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन तथा कुलमन घीसिंग, प्रबंध निदेशक, नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर बोलते हुए नंद लाल शर्मा ने कहा कि 490 मेगावाट, अरुण-4 जल विद्युत परियोजना एसजेवीएन और नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) द्वारा संयुक्त उद्यम (जेवी) के रूप में विकसित की जाएगी और इस संयुक्त उद्यम में, एसजेवीएन की बहुमत हिस्सेदारी होगी। अरुण-3 एचईपी के अपस्ट्रीम में इस परियोजना का निर्माण इस संयुक्त उद्यम द्वारा किया जाएगा, जिसके पूरा होने पर प्रति वर्ष लगभग 2100 मिलियन यूनिट ऊर्जा का उत्पादन होगा। नेपाल के संखुवासभा जिला प्रांत-1 में स्थित इस परियोजना की अनुमानित विकास लागत 4900 करोड़ है। नंद लाल शर्मा ने आगे इस बात पर जोर देते हुए कहा कि इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर, बिजली क्षेत्र में भारत-नेपाल संयुक्त विजन को प्राप्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा। उन्हाेंने अवगत कराया कि यह एसजेवीएन द्वारा नेपाल में निर्मित होने वाली तीसरी मेगा परियोजना होगी। इसके अलावा पहले से निर्माणाधीन 900 मेगावाट अरुण-3 और 669 मेगावाट लोअर अरुण की परियोजना सर्वेक्षण और जांच के चरण में है। इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ, एसजेवीएन के पास अब नेपाल में कुल 2059 मेगावाट की तीन परियोजनाएं हैं। शर्मा ने 2030 तक नेपाल में 5000 मेगावाट की परियोजनाओं को लक्षित करने संबंधी एसजेवीएन के अपने संकल्प को दोहराया। एकीकृत नदी बेसिन विकास दृष्टिकोण की मौलिक अवधारणा नंद लाल शर्मा की है, जिसकी वकालत वह लंबे समय से करते आए हैं। नंद लाल शर्मा ने लंबे समय से विभिन्न राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपने इस दृष्टिकोण का पालन करने पर जोर दिया था। परिणामस्वरूप नेपाल में भी जलविद्युत परियोजनाओं के आबंटन के दौरान एक डेवलपर को, एकल नदी बेसिन में आबंटित किया गया। यह दृष्टिकोण जनशक्ति, बुनियादी ढांचे और वित्तीय संसाधनों के इष्टतम उपयोग को सक्षम बनाता है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि इस नवीन अवधारणा को नेपाल सरकार के साथ-साथ भारत में भी हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश की राज्य सरकारों द्वारा स्वीकार किया गया है। शर्मा ने आगे कहा कि नेपाल में एसजेवीएन द्वारा विकसित की जा रही परियोजनाओं से समग्र विकास होगा और भारत और नेपाल में पारस्परिक आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इन परियोजना गतिविधियों से संबंधित ढांचागत विकास क्षेत्र का समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास भी सुनिश्चित होगा। नेपाल में इन तीन जलविद्युत परियोजनाओं के अलावा, एसजेवीएन बिजली की निकासी के लिए 217 किमी 400 केवी के संबद्ध पारेषण प्रणाली का निर्माण भी कर रहा है। नंद लाल शर्मा ने कहा कि लगभग 31500 मेगावाट के कुल पोर्टफोलियो के साथ, एसजेवीएन के पास अब संचालन और विकास के विभिन्न चरणों के तहत 30 गीगावाट से अधिक क्षमता की विद्युत परियोजनाएं हैं। नई परियोजनाओं के क्षेत्र में ये वर्तमान अतिरिक्त एडिशन ही कंपनी को वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट की स्थापित क्षमता को साकार करने की दिशा में ले जा रहा है। नंद लाल शर्मा ने एसजेवीएन पर अपना विश्वास व्यक्त करने और अरुण-4 एचईपी के विकास कर्त्ता पर विचार करने के लिए दोनों राष्ट्रों के प्रधानमंत्रियों, विद्युत मंत्रालय और विदेश मंत्रालय, नेपाल में भारतीय दूतावास के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।
मंडी हमारी है, मंडी फलाने की है, सियासत में अक्सर नेता इस तरह के बयान देते है। मंडी को लेकर तरह -तरह के दावे होते है। पर अगर कोई ऐसा है जिसे सही मायने में मंडी ने बाहें फैलाकर स्वीकार किया तो वो थे पंडित सुखराम। कुल 13 मर्तबा मंडी सदर हलके से पंडित जी या उनके पुत्र अनिल शर्मा विधायक बने, पार्टी चाहे कोई भी रही हो। पंडित जी सियासत में किसी भी मुकाम पर रहे हो, किसी भी ओहदे पर रहे हो लेकिन उन्होंने मंडी का विशेष ख्याल रखा। आज भी मंडी के सेरी मंच पर जाकर पता लगता है कि किसी सोच के साथ उस शहर को विकसित किया गया है, वो भी उस दौर में। इसीलिए मंडी के लोग पंडित जी को विकास का मसीहा मानते है। कोई किसी भी राजनैतिक विचारधारा का क्यों न हो ,दबी जुबान में ही सही लेकिन ये जरूर स्वीकार करता है कि मंडी के विकास में पंडित सुखराम का योगदान अमिट है। नब्बे के दशक में पंडित सुखराम केंद्र में दूरसंचार मंत्री थे और उस दौर में बड़े शहरों में भी टेलीफोन का कनेक्शन लेने के लिए महीनों -सालों इन्तजार करना पड़ता था। पर पंडित जी के राज में मंडी में टेलीफोन की घंटी खूब बजी। जिसने चाहा उसे कनेक्शन मिला, मंडी वालों के लिए विभाग का सिर्फ एक ही नियम था, वो था जल्द से जल्द कनेक्शन देना। केंद्रीय मंत्री रहते हुए भी पंडित सुखराम लोगों की पहुंच में थे, बिल्कुल सरल और जमीन से जुड़े हुए। छोटी -छोटी समस्याएं लेकर भी लोग पंडित जी के पास पहुंच जाते और हर छोटी समस्या को भी पंडित सुखराम पूरी तल्लीनता से सुनते और हरसंभव हल करते। सिंबल कोई भी रहा पर मंडी वालों ने दिया साथ : इसे मंडी वालों का पंडित सुखराम के प्रति स्नेह ही कहेंगे कि उन्होंने या उनके पुत्र अनिल शर्मा ने चाहे किसी भी सिंबल पर चुनाव क्यों न लड़ा हो, मंडी वालों ने हमेशा साथ दिया। पहली बार बतौर निर्दलीय चुनाव जीतने वाले पंडित सुखराम लम्बे वक्त तक कांग्रेस में रहे और हमेशा विधानसभा चुनाव जीते। इसके बाद जब 1998 में उन्होंने हिमाचल विकास कांग्रेस बनाई तो भी मंडी ने उनका साथ दिया। 2017 में जब पंडित जी और उनका परिवार भाजपाई हो गए तो भी मंडी वालों का साथ उन्हें मिला।
समर नेगी। रिकांगपिओ उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक़ ने आज यहां राष्ट्रीय कृमी मुक्ति अभियान के तहत जिला कार्य बल किन्नौर बैठक की अध्यक्षता करते हुए अभियान के तहत किये जाने कार्य का जायजा लिया तथा अभियान को सफल बनाने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। बैठक के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रोशन लाल नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 26 मई को राष्ट्रीय कृमी मुक्ति दिवस मनाया जाएगा, जिसका उदे्श्य पेट के कीड़ों से मुक्ति दिलाना व विटामीन-ए की कमी को पूरा करना है, जिसके तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा वर्करों द्वारा 1 से 5 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों को आंगनबाड़ी तथा प्ले स्कूल में और 5 से 19 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों को शिक्षण संस्थानों जिनमें सरकारी, गैर सरकारी स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान व स्वास्थय केंद्र शामिल हैं को एलबेन्टाजोल व विटामिन-ए की गोलियां दी जाएगी। अभियान के अंतर्गत 1 से 2 वर्ष तक बच्चों को आधी गोली तथा 2 से 19 वर्ष के बच्चों को पूरी गोली की खुराक दी जाएगी। उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चे जो किसी कारण वश 26 मई के दिन खुराक लेने से वंचित रह गए होंगे को 30 मई को खुराक दी जाएगी। बैठक के दौरान खंड चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग, बाल विकास विभाग तथा शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
समर नेगी । रिकांगपिओ जनजातिय जिला किन्नौर में प्रचलित सात लोक-बोलियों की विवरणिका तैयार की जाएगी। यह जानकारी आज रिकांगपिओ में उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक नें दी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय एवं जनजातीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के तत्वधान में किन्नौर जिला शोधार्थी एंव लेखक टाशी नेगी इस विवरणिका को तैयार करेंगे। इससे जिला की प्रचलित लोक-बोलियों के संरक्षण एवं सवंर्धन में सहायता मिलेगी। टाशी नेगी ने बताया कि किन्नौर जिला की संस्कृति व यहां प्रचलित लोक-बोलियों के प्रति भाषाविधों व शोधार्थीयों का हमेशा ही आकर्षण रहा है। सर्वप्रथम 1886 से 1927 के मध्य जार्ज ए. ग्रियर्सन द्वारा किए गए भारतीय बोलियों के सर्वेक्षण में किन्नौर में प्रचलित लोक-बोली को पहली बार चिन्हित किया गया था। इसे जार्ज ग्रियर्सन ने ‘कनावरी’ कहा है। इस अवधि और कई वर्षों तक या यूं कहें कि 21वीं शताब्दी के आ जाने के बाद भी, प्रायः यही समझा जाता रहा है कि जार्ज ग्रियर्सन ने ‘कनावरी’ नाम से जिस लोक-बोली को अपने सर्वेक्षण (लिगंविस्टिक सर्वे आफ इण्डिया) में चिन्हित किया है, यही एक मात्र किन्नौर की लोक-बोली है। इसमें कोई संदेह नहीं कि किन्नौर के अधिकांश क्षेत्र में इस (कनावरी) का प्रयोग होता है, किंतु यह बात भी सत्य है कि किन्नौर में ‘कनावरी’ या ‘हमस्कद्’ के अतिरिक्त अन्य 6 प्रकार की लोक-बोलियां ओर प्रचलित है। टाशी नेगी ने कहा कि वर्ष 1961 की जनगणना अनुसार भारत में 1,652 मातृबोलियां थीं। 1921 में हुए जनसंख्या सर्वेक्षण के अनुसार 184 ऐसी मातृबोलियां थीं, जिनका प्रयोग 1,000 से अधिक लोग कर रहे थे। इनमें 400 ऐसी थीं, जिनका ग्रियर्सन के सर्वे में उल्लेख नहीं हुआ है। नेगी ने कहा-क्योंकि आज किन्नौर की मुख्य लोक-बोली ‘हमस्कद’ या किन्नौरी अपने अस्तित्व को लेकर खतरे में है। उन्होनें विश्वास जताया कि इस परियोजना से जिले की लोक-बोलियों के संरक्षण व संर्वधन में सहायता मिलेगी। इस अवसर पर सिद्धांत एजुकेशन एण्ड रिसर्च फाउंनडेशन की फाउंडर मेंबर नमीता शर्मा व भाषा एवं संस्कृति विभाग से नीमा राम भी उपस्थित थे।
उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने रिकांगपिओ बाजार से हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम द्वारा चलाए गए कौशल रथ को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होने बताया कि इस रथ का मुख्य उद्देश्य जिला किन्नौर के युवाओं को हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम द्वारा हिमाचल प्रदेश स्किल डिवेल्पमेंट प्रोजेक्ट के तहत 56 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में शॉर्ट टर्मअप स्किलिंग और मल्टी स्किलिंग प्रशिक्षण जिसमें ऑटोमोटिव, कंस्ट्रक्शन, प्लंबिंग, आईटी-आईटीएस, कैपिटल गुड्स, परिधान, इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर, सौंदर्य, लोहा और इस्पात, मीडिया और मनोरंजन आदि विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण बारे जागरूक करना है। इस अवसर पर ग्रामीण विकास अभिकरण एवं विकास खंड अधिकारी कल्पा के अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे।
किन्नौर जिला में मूरंग थाने के तहत निर्माणाधीन टिडोऺग जल- विधुत परियोजना 150 मैगावाट में रोजाना की तरह सुरंग का कार्य करते समय शनिवार सुबह अचानक सुरंग में मलवा गिरने से 5 मजदूर मलबे में दब गए ,जबकि इस घटना में दो मजदूरों की मौत हो गई। बता दें की शनिवार सुबह अचानक निर्माणधीन सुरंग में मलबा गिर गया, इस मलबे की चपेट में 5 मजदूर आ गए , इसके बाद प्रशासन की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची, बड़ी मुशकत के बाद टीम ने तीन लोगों को मलबे से बाहर निकला, जबकि इस हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई। घटना के बाद उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने एडीएम पूह को मजिस्ट्रियल जांच कराने के दिये निर्देश है ।
हिमाचल का किन्नौर जिला अपनी परंपराओं, मदिरा प्रेम, संस्कृति, त्योहारों व बौद्ध मठों के लिए प्रसिद्ध है। किन्नौर के गोल्डन सेब,सूखे मेवे व हरी टोपी सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में प्रसिद्ध है। यूँ तो किन्नौर में पर्यटकों की आमद बहुत कम है लेकिन ऐसा कहा जाता है की हिमाचल की असल संस्कृति, खूबसूरती और अविश्वसनीय नज़ारों की झलक सिर्फ किन्नौर में ही मिल सकती है। किन्नौर का ऐतिहासिक दस्तावेज कहता है कि उसका अस्तित्त्व राजाओं के ज़माने से है। एक-एक करके किन्नौर में शुंग, नंद और मौर्य वंश का शासन हुआ। हिमाचल की ही किराट, कंबुज, पानसिका और वल्हिका जातियों की मदद से मौर्य वंश ने शासन जमाया। उसके बाद अशोक ने अपनी विजय पताका के झंडे गाड़े। बाद में आने वाले कनिष्क ने इसे और आगे बढ़ाया। उत्तर में कश्मीर और एशिया के दूसरे छोरों तक पहुँच बनाई। कुल मिलाकर दुनिया के कुछ गिने चुने नामी राजाओं, जिन्होंने पूरी दुनिया पर राज करने की कोशिश की, उनके विशाल साम्राज्य के एक छोटे हिस्से के तौर पर किन्नौर की पहचान रही। 1947 को जब भारत आज़ाद हुआ, तब भी महासु तहसील का एक छोटा सा हिस्सा किन्नौर था, जिसे अपनी पहचान 1960 में एक अलग ज़िले के रूप में मिली। रिकांगपिओ इस जिले का मुख्यालय है। किन्नौर के दो भाग हैं। लोअर व अप्पर किन्नौर। पूह से आगे का क्षेत्र अप्पर किन्नौर कहलाता है। ऊपरी व निचले किन्नौर की संस्कृति अलग है। अपर किन्नौर की महिलाएं दोहडू परिधान नहीं पहनतीं, वहां पर खो नामक वस्त्र कमीज के स्थान पर पहना जाता है। सिर पर एक कपड़ा बांधा जाता है जिसे फैटक कहा जाता है। यह वस्त्र वधू को शृंगार करते वक्त बांधा जाता है। गले में एक सौ मूंगों का हार पहना जाता है। हाथ में कंगन की जगह चांदी के 40-40 तोले भार के मोटे कंगन होते हैं जिन पर ड्रैगन या शेर मुख बना होता है। कान में एक तोले सोने का झुमका होता है। लोअर किन्नौर की महिलाएं यूचूरु नाम की माला पहनती हैं। लोअर किन्नौर में विशेष टोपी महिलाएं पहनती हैं जिसे टपंग कहते हैं। किन्नौरी विवाह : विवाह के अवसर पर जब दूल्हा वधू के पक्ष घर आता है तो महिलाएं विशेष आभूषण एवं वस्त्र पहनकर उनका स्वागत करती हैं तथा दोनों पक्षों के बुजुर्गों द्वारा लोकगीत गाने की प्रतिस्पर्धा होती है। फिर वर पक्ष के लोग हार मान लेते हैं तथा बारात आगे चौखट पर बढ़ती है। जहां वधू की सहेलियां व परिवार की महिलाएं फूलमाला द्वारा उनका रास्ता रोककर वर पक्ष से पैसे व उपहार मांगती हैं। फिर बारात को एक कमरे में अंदर बंद कर दिया जाता है तथा दोबारा बारात से पैसे ऐंठे जाते हैं। इसके बाद नृत्य, गायन तथा मदिरा का दौर चलता है। बाराती मफलर, कोट तथा दूल्हा लंबा वस्त्र पहनकर आता है जिसे खो कहते हैं। जब बारात वापस लौटने को होती है तब वधू की सहेलियां वधू के पांव सफेद कपड़े से बांध कर उसे रोकती हैं। फिर से बाराती उन्हें रुपये देकर उस वस्त्र को खुलवाकर उनसे वधू को ले जाने की अनुमति मांगते हैं। तीनों रस्मों में ली गई राशि एवं उपहार राशि जो रिश्तेदार और गांव के लोग देते हैं, सब वधू को विदाई के समय दे दी जाती है। शादी के दौरान एक लिखित समझौता होता है जिसमें शादी टूटने पर या वधू को तंग करने पर वर पक्ष को इज्जत राशि देनी पड़ती है तथा विवाह में दिये गये उपहार लौटाने का समझौता होता है। इसे बंदोबस्त कहते हैं। रास्ते में वापस लौटते समय यदि कोई मंदिर हो तो बारात द्वारा वहां पूजा भी की जाती है। दलोज प्रथा में लड़की वापस मायके आती है जिसमें वर के 10 लोग होते हैं। इसके बाद जब वधू वापस ससुराल जाती है तो मायके से 10 लोग फिर उसको छोडऩे जाते हैं। विवाह की रस्में मुख्य लामा द्वारा अदा की जाती हैं। फुलाइच और लोसर : हर साल सितंबर के महीने में हिमाचल प्रदेश के किन्नौर क्षेत्र में फूलों का त्योहार मनाया जाता है। इस दौरान बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते हैं और हिमाचल प्रदेश के लोगों, जगहों, खानपान और संस्कृति को इस मेले के ज़रिए जानने का सबसे यह सही समय है। इसके अलावा किन्नौर क्षेत्र घूमने का भी सबसे बेहतर महीना सितंबर का ही है। फुलैच के दौरान ऊंची पहाड़ी से गांव में 3-4 व्यक्ति फूल लाते हैं एवं देवता को चढ़ाते हैं। फिर मंदिर परिसर में नृत्य होता है। किन्नौर का दूसरा प्रसिद्ध त्योहार लोसर है जो दिसंबर में मनाया जाता है जिसमें रिश्तेदारों को उपहार दिये जाते हैं और मंगलमय नए वर्ष की कामना की जाती है। कुछ लड़कियां नहीं करती हैं शादी किन्नौर में कुछ लड़कियां शादी नहीं करती हैं जिन्हें जाम्मो कहते हैं और वे बौद्ध मंदिरों में अपना जीवन व्यतीत करती हैं। ये लंबा भूरा चोगा पहनती है। किन्नौर की महिलाएं गले में त्रिमणी पहनती हैं, जिसमें तीन सोने के गोलाकार मणके काले धागे में पिरोकर पहने जाते हैं। 25 फरवरी को किन्नौर के चांगो गांव में शेबो मेला मनाया जाता है जिसमें तीरअंदाजी होती है। चांगो में छ: बौद्ध मंदिर हैं जिनमें छाप्पा देवता एवं पदम संभव की मूर्तियां तथा प्राचीन पुस्तकें हैं। किन्नौर के शाल भी बहुत प्रसिद्ध हैं जिन्हें पूह तथा चांगो की महिलाएं बनाती हैं। इस प्रकार से किन्नौर की अनूठी संस्कृति है जो इसे एक नया रूप देती है। यहां के लोगों की बोली भी बहुत भिन्न है। लोअर किन्नौर के कोठी गांव में चंडिका देवी की मान्यता है। निचार में उषा देवी का मंदिर है। चितकुल में चितकुल देवी है तथा मैम्बर गांव में महेश्वर की पूजा होती है। चंडिका देवी को मदिरा का प्रसाद चढ़ता है। यह मंदिर पियो के निकट है। छोटी शादी : किन्नौर में प्रेम-विवाह को छोटी शादी कहते हैं। कुछ वर्ष बाद जब युग्लक बच्चे हो जाते है, तब पारंपरिक विवाह किया जाता है जिसे बड़ी शादी कहते हैं।
किन्नौर जिला के पूह उपमण्डल की मूरंग तहसील के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मूरंग के मैदान में 01 मई को जिले का 12वां जन-मंच का आयोजन किया जा रहा है। उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि जन-मंच की अध्यक्षता स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डाॅ. राजीव सैजल करेंगें। उपायुक्त ने बताया कि मूरंग में होने वाले जनमंच में 4 पंचायतों मूरंग, रिस्पा, ठंगी व चारंग से संबंधित लोगों की शिकायतों का निवारण किया जाएगा। उन्होंने इन पंचायतों के लोगों से आग्रह किया कि यदि उनकी कोई शिकायत है, तो वे ई-समाधान पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इसके अलावा संबंधित ग्राम पंचायत सचिव को भी अपनी शिकायत दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि जनमंच का मुख्य उद्देश्य लोगों की शिकायतों को पहचान कर उनका मौके पर ही समाधान सुनिश्चित बनाना है ताकि लोगों को अपनी समस्या के समाधान के लिए सरकारी कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़ें तथा उनकी समस्याओं का घर-द्वार पर ही समाधान सुनिश्चित हो सके। आबिद हुसैन सादिक ने सभी विभागों को भी निर्देश दिए कि वे जनमंच की तैयारियों के दौरान शिकायतकर्ताओं की समस्याओं को चिन्हित कर उनका निवारण सुनिश्चित बनाएं, ताकि जनमंच के दौरान उनकी समीक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि जनमंच का उद्देश्य नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करना है, जिनमें विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र मौके पर ही जारी करना आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि जनमंच के दौरान जिन समस्याओं का समाधान किया जाएगा। उन्हें ई-समाधान पोर्टल पर भी अपलोड किया जाना आवश्यक है। उपायुक्त ने कहा कि आज चारंग व रिस्पा ग्राम पंचायतों में प्री-जनमंच गतिविधियां आयोजित की गई तथा 30 अप्रैल को मूरंग तथा ठंगी ग्राम पंचायतों में प्री जनमंच गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनमंच वाले दिन विभिन्न विभागों द्वारा विकासात्मक प्रदर्शनियों से संबंधित स्टाॅल लगाए जाएंगे, जहां संबंधित विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं, कार्यक्रमों से संबंधित पोस्टर व प्रचार सामग्री उपलब्ध करवाने होगी, ताकि सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं से अधिक से अधिक लोग जागरूक होकर लाभान्वित हो सकें।
कृषि विज्ञान केंद्र किन्नौर की ओर से किसान भागीदारी प्राथमिकता हमारी योजना के तहत जिले में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। योजना के तहत कृषि विज्ञान केंद्र किन्नौर व आत्मा परियोजना द्वारा संयुक्त रूप से नाको में किसान मेला करवाया गया। इस दौरान कृषि एवं बागवानी विशेषज्ञों ने किसानों और बागबानों को जागरूक किया। कृषि विज्ञान केंद्र के फल विज्ञान के विशेषज्ञ डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि इस दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने भी संबोधित किया। किसान मेले में लगभग 200 किसानो व बागवानों ने भाग लिया। किसान मेले में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. अशोक ठाकुर, आत्मा परियोजना निदेशक रवि शर्मा, सह परियोजना निदेशक बलबीर आदि मौजूद रहे।
उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि पर्यावरण वन एवं जलवायु मंत्रालय द्वारा 12 अगस्त 2021 को जारी अधिसूचना के तहत चिन्हित एकल उपयोग प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रतिबंध 1 जुलाई, 2022 से प्रतिबंध लागू हो जाएगा। उन्होंने सभी उत्पादकों, स्टॉकिस्टों, दुकानदारों, ई-कॉर्मस कम्पनियों, स्ट्रीट वैंडरों, खुदरा विक्रेताओं, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों व आम जनता से निर्धारित समय सीमा के अंदर इसके प्रयोग को बंद करने का आह्वान किया है। साथ ही 20 जून 2022 तक एसयूपी मंदों की शून्य सूचि सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई होगी।
स्वास्थ्य विभाग किन्नौर द्वारा ज़िला मुख्यालय रिकांगपिओ में पोषण अभियान के अंतर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी किन्नौर डॉ रोशन लाल की अध्यक्षता में किया गया। इस शिविर में ज़िला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अन्वेशा नेगी द्वारा आई सी डी एस विभाग के ज़िला कार्यक्रम अधिकारी, सी डी पी ओ, ज़िला व खण्ड के समन्वयक तथा स्वास्थय विभाग के चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया गया। जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा किन्नौर डा रोशन लाल ने बताया कि जिले में 5 वर्ष तक के कोई भी बच्चे कुपोषित न रहे इसके लिए एक प्रारूप तैयार किया गया है। जिसमे ज़िले के तीनों खण्डों निचार, पूह व सांगला में हर माह की 7 तारीख को प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र में आंगनबाड़ी कायकर्ताओं व पर्यवेक्षको की बैठक होगी, जिसमें कुपोषित बच्चों का ब्यौरा लिया जाएगा व 10 तारीख को सीडीपीओ व बीएमओ की बैठक में कुपोषित बच्चों लिस्ट तैयार की जाएगी तथा 12 तारीख को बीएमओ, सीडीपीओ व एसडीएम की बैठक होगी जिसमें खण्ड स्तर का प्रारूप बनाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि 13 तारीख को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपनी नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र में कुपोषित बच्चों को चिकित्सक से जाँच करवा कर ईलाज की शुरुआत करेगे तथा 17 तारीख को जिला कोऑर्डिनेशन कमेटी उपायुक्त किनौर की अध्यक्षता में जिला के तीनों खंड में चल रहे इस अभियान का समीक्षा की जाएगी। इस अवसर पर एम ओ एच किन्नौर डॉ कविराज नेगी, जिला कार्यक्रम अधिकारी डा तेहसीन व देव भगत नेगी सहित चिकत्सक उपस्थित थे।
जवाहर नवोदय विद्यालय रिकांगपिओ के प्राचार्य अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जला किन्नौर में सत्र 2022-23 के लिए छठी कक्षा में दाखिले के लिए चयन परीक्षा 30 अप्रैल को प्रात: 11:30 से दोपहर 1:30 बजे तक चलेगी। खंड स्तर पर चयन परीक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पूह, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सांगला, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रिकांगपिओ व प्रोजेक्ट वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भावानगर में आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थी को अपना प्रवेशपत्र अपने विद्यालय के प्रधानाचार्य से सत्यापित कर लाना अनिवार्य है। अभ्यर्थी प्रवेश पत्र जवाहर नवोदय विद्यालय की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। यदि प्रवेश पत्र डाउनलोड करते समय किसी भी तरह की कठिनाई हो तो अभ्यर्थी जवाहर नवोदय विद्यालय रिकांगपिओ के कार्यालय दूरभाष संख्या 01786-222232 पर संपर्क कर सकते हैं।
अग्निशमन केंद्र रिकांगपिओ में 14 से 20 अप्रैल तक चल रहे अग्नि सेवा सप्ताह का समापन बुधवार को हुआ। इस सप्ताह के समापन अवसर पर आदेशक गृह रक्षा प्रथम वाहिनी किन्नौर कुशल चंद विशेष रुप से उपस्थित हुए। इस अवसर पर उन्होने अग्मिश्मन केंद्र के कर्मचारियों को अपनी डियूटी पूरी ईमानदारी व निष्ठा से निभाने के बारे में जागरूक करने के साथ साथ लोगों को समय समय पर शिविरों के माध्यम से आग से बचाव के उपायों के बारे में भी जागरूक करने का आह्वान किया। वहीं उप शमन अधिकारी मनसाराम ने बताया कि अग्नि सेवा सप्ताह के दौरान शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई तथा केंद्र के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा लोगों, स्कूली विद्यार्थियों तथा विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को आग से बचाव के बारे में तथा जब भी कभी आग लग जाए तो आग को प्राथमिक अवस्था में ही नियंत्रण कैसे किया जा सकता है, इस बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि इस दौरान अग्निशमन केंद्र में अग्निशमन उपकरणों की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी जहां स्कूल के बच्चों ने केंद्र में आकर अग्निशमन उपकरणों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
रिकांगपिओ जिला किन्नौर में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अभी भी 813 किसानों को इसका लाभ नहीं मिला है तथा इसके लिए उपायुक्त किन्नौर ने सम्बंधित ब्लॉक के एसडीएम व एडीएम को निर्देश जारी किए है कि जिन किसानों को अभी तक इस योजना का लाभ नहीं मिला है उन कारणों की शीघ्र छानबीन कर जो भी कमियां हैं उन्हें पूरा कर किसानों को लाभ दिया जाए। जानकारी देते हुए उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि जिला में 11787 किसानों ने इस योजना के तहत अपना पंजीकरण किया है जिनमें से 10978 किसानों इसका लाभ ले रहे हैं जबकि अभी तक 813 किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिला है तथा इसके लिए सम्बंधित ब्लॉक के एसडीएम व एडीएम को निर्देश जारी कर दिए गए हैं ताकि शेष किसानों को भी इस योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि किन्नौर के कल्पा ब्लॉक में 3605, निचार ब्लॉक से 4888 और पूह से 3295 किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठा रहे हैं तथा इस योजना के तहत किसानों को साल में 6 हजार रुपए उन के बैंक खाते में सीधे भेजे जाते है। गौरतलब है देश के प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2019 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना के तहत किसानों को दो हजार रुपये की पहली किस्त इनके बैंक खातों में डाला गया था जो कि भारत सरकार के द्वारा छोटे किसानों को साल में छः हजार रुपये इनके बैंक खाते में जमा किया जा रहा है। इस योजना के तरह भारत वर्ष के 12 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है। जबकि यह भारत देश की किसानों से जुड़ी सबसे बड़ी योजना है इसका उद्देश्य छोटे किसानों को समृद एवं सशक्त बनाना है।
हिमाचल प्रदेश का जिला किनौर अपने आप में अनूठा है और यहाँ के रीति-रिवाज़ निसंदेह सभी का ध्यान आकर्षित करते है। यहाँ की बोली (Dialects), रहन सेहन, खानपान और यहाँ के लोगों की जीवन शैली भी बिलकुल अलग है, शायद यही कारण है किन्नौर के दीदार के लिए न केवल भारत बल्कि विदेशों से भी लोग यहाँ घूमने आते है। वैसे तो किन्नौर को मूलतः दो भागों से परिभाषित किया जाता है, एक लोअर किन्नौर और दूसरा अप्पर किन्नौर। आज हम लोअर किन्नौर के प्रसिद्ध मेले (Fair) के बारे में आपको बताएंगे, जिसको मनाने के पीछे कई तर्क है। किन्नौर में एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय पर्यटन स्थल है कल्पा, जो पूरी तरह प्राकृतिक और सौन्दर्य से भरपूर है। किन्नौर जिला में स्थित यह गांव सुन्दर मंदिरो और मठो(मोनेस्ट्री)के लिए भी जाना जाता है। वैसे तो किन्नौर में कई अनोखे त्यौहार मनाए जाते है लेकिन कल्पा में मनाये जाने वाले राउलाने मेले का अपना ही एक महत्व है। राउलाने एक ऐसा त्यौहार है जो सदियों से कल्पा में मनाया जाता है। क्यूंकि किन्नौर में बौद्ध धर्म और हिन्दू धर्म का समागम है, बावजूद इसके यहाँ पर दोनों धर्म के लोग एक ही साथ पर्व को मनाते है, वो बात अलग है कि दोनों का तरीका कुछ हद तक एक जैसा नहीं होता। राउलाने मेले में दोनों धर्म के लोग भाग लेते है और राउलाने मनाने की प्रक्रिया सुबह से अपने कुल देवता की पूजा से शुरू की जाती है। कल्पा में गुप्त देवता का मंदिर भी है, जिनकी पूजा फाल्गुन मास के दौरान 7 दिन तक की जाती है। उस दौरान पुरुषों को महिलाओं की पारम्परिक वेश भूषा (दोढू) पहना कर मंदिर ले जाया जाता है। इस दौरान बजंतरी (वाद्ययंत्र) बजाने वालों के सामने विधिवत तरीके से पूजा की जाती है, जिसे निगारो पूजा प्रक्रिया कहा जाता है, खास बात यह है कि इस दौरान मदिरा को भी शामिल किया जाता है। इस पूजा को करने का बहुत महत्व है और किन्नौर वासियों की अटूट आस्था भी जुडी है। कहा जाता है इस पूजा को न करने से दोष लगता है, हालाँकि ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ कि इस मेले को न मनाया गया हो। लोग मानते है कि ऐसा करने से इनके कुल देवता प्रसन्न होते है और इलाके में सुख शांति बनी रहती है। राउलाने महिलाओ को पारम्परिक वेश भूषा और जेवर के साथ ब्रह्मा, विष्णु के साथ मंदिर ले जाया जाता है। राउलाने और राउला मुख्य रूप से परुषो को ही बनाया जाता है। राउलाने के चेहरे को गाछी से ढक दिया जाता है। राउलाने मनाने का महत्व- स्थानीय लोग बताते है कि फागुन के माह में देवी देवता स्वर्ग लोक के प्रवास पर होते है। इस माह में सावनी परियों( स्थानीय बोली में सावनी) की नकारात्मक शक्तियां बढ़ जाती है। परियों के शक्तियों से क्षेत्र में कोई अप्रिय घटना न हो इसलिए उनकी शक्तियो को नियंत्रित करने के लिए यह त्यौहार मनाया जाता है। किवदंतियो के अनुसार मेले के आखिरी दिन वापिस उन्हें उनके स्थान पर भेज दिया जाता है। नोट - ये जानकारी स्थानीय लोगो से एकत्र किए गए है ।