भारतीय जनता पार्टी जसवां प्रागपुर मंडल प्रागपुर अध्यक्ष विनोद शर्मा ने अक्तूबर माह की बैठक में नाबार्ड के माध्यम से स्वीकृत राशि 35 सड़कों में से प्रागपुर को एक भी सड़क की स्वीकृति ना देने पर सरकार की आलोचना की है यहाँ तक की कुल पैंतीस सड़को में भाजपा विधायकों द्वारा दी गई प्राथमिकताओं में मात्र तीन सड़को को स्वीकृति दी गई भाजपा पूर्व उपाध्यक्ष सुदेश कुमारी के आवास पर मंडल अध्यक्ष मनोनीत होने के उपरांत अपनी पहली भेंट में उन्होंने कहा कि प्रागपुर तो छोड़ो जिला कांगड़ा के 15 विधानसभा क्षेत्रों की एक भी सड़क स्वीकृत ना करना मुख्यमंत्री जी का जिला कांगड़ा के प्रति भेद भाव पूरण रवैया दर्शाता है। जिला कांगड़ा से सड़कों की स्वीकृति को लेकर सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने नौरी पुल का शिलान्यास किया इसका स्वागत है लेकिन अगर इसी स्थान नौरी से मात्र एक किलोमीटर नीचे की सड़क जिसकी 9 करोड़ 60 लाख की डीपीआर विधायक विक्रम सिंह ने अपने कार्यकाल में विधायक प्राथमिकता में दी थी की स्वीकृति मिल जाती तो सरकार के 5 करोड़ बच सकते थे। विनोद शर्मा ने कहा कि इसी तरह से कलोहा से सलेटी की डीपीआर 9 करोड़ 20 लाख की व सरड वम्मी व मांगली को जोड़ने वाली सड़क की डीपीआर 6 करोड़ 20 लाख की भी नाबार्ड में पहुंच चुकी है । आगामी माह में सरकार द्वारा विधायक प्राथमिकता के लिए विधायकों से अपनी बिधान सभा की नई सकीमो की परपोजल मांगी हैं मगर सरकार ने जब पिछली नाबार्ड में पहुंची सकीमो को ही बज़ट का प्रावधान नहीं किया तो फिर बो अगले साल की विधायक प्राथमिकताओं को मांगने का नाटक क्यों कर रही है । ज्ञात रहे इन तीनों सड़को के लिए लोगों ने सालों पहले स्वेच्छा से अपनी भूमि लोक निर्माण विभाग के नाम दान की है । उन्होंने सरकार के उपेक्षापूर्ण व्यवहार की आलोचना करते हुए इन तीनो सड़कों को अप्रैल माह की नाबार्ड की बैठक में स्वीकृति देने की मांग की है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद किशन कपूर का अंतिम संस्कार मांझी खड्ड स्थित श्मशान घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस दुखद मौके पर किशन कपूर की पार्थिव देह को देख कर पूर्व मंत्री रमेश धवाला भावुक हो गए और वे फूट-फूट कर रो पड़े। उन्होंने अपनी भावनाओं का इज़हार करते हुए कहा कि नालागढ़ के पूर्व विधायक सरदार हरि नारायण सैनी के बाद किशन कपूर के रूप में उन्होंने अपना दूसरा सच्चा दोस्त खो दिया है। किशन कपूर के निधन से राजनीति और समाज में एक बड़ी कमी महसूस की जा रही है, और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। इस दौरान उनके समर्थक और पार्टी कार्यकर्ता भी शोक व्यक्त करने पहुंचे।
शनिवार को हिमाचल प्रदेश की ऊंची चोटियों, जैसे रोहतांग, पांगी और भरमौर में हिमपात हुआ, जबकि राजधानी शिमला और मनाली समेत मैदानी क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई। मौसम के इस बदलाव से सुबह और शाम के समय ठंड बढ़ गई, और प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बादल छाए रहे। रविवार और सोमवार को मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है, लेकिन 4 और 5 फरवरी को पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से फिर बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है। शनिवार को भरमौर और पांगी की ऊपरी चोटियों पर हल्का हिमपात हुआ, जबकि निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई। इस बारिश से किसानों और बागवानों को राहत मिली है क्योंकि खेतों की नमी बढ़ी है, जिससे फसलों को फायदा होगा। कुल्लू और लाहौल की ऊंची चोटियों में भी सुबह से लेकर दोपहर तक रुक-रुक कर हल्की बर्फबारी जारी रही। रोहतांग दर्रा, कुंजम दर्रा, राजा घेपन पीक और सीवी रेंज की पहाड़ियों पर भी बर्फबारी हुई।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाल ज्वालामुखी में यूथ एवं ईको क्लब द्वारा विज्ञान और गणित विषयों में रुचि बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। इन प्रतियोगिताओं में साइंस क्विज और विभिन्न प्रकार के मॉडल प्रदर्शित किए गए। इसके अलावा, बच्चों में टीम भावना को बढ़ावा देने के लिए पतंग उड़ाने की प्रतियोगिता भी करवाई गई। विद्यालय की प्रधानाचार्या, मीना कुमारी ने बताया कि इन प्रतियोगिताओं का उद्देश्य बच्चों में विज्ञान और गणित के प्रति डर को कम करना और इन विषयों में उनकी रुचि को बढ़ावा देना है। उन्होंने विजेता टीमों को बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस कार्यक्रम में यूथ एवं ईको क्लब प्रभारी अंकिता शर्मा, वाणिज्य प्रवक्ता विकास धीमान, गणित प्रवक्ता सुखदा सूद, रसायन विज्ञान प्रवक्ता रजनीश कुमार, भौतिकी प्रवक्ता सुरजीत कुमार, टीजीटी रंजना डोगरा, प्रिया गुलेरिया और अन्य स्टाफ सदस्य भी उपस्थित रहे।
पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने केंद्रीय बजट 2025-26 को ऐतिहासिक और दूरदर्शी बताते हुए कहा कि यह बजट देश के विकास को गति देने वाला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह बजट आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मजबूत करता है और हर वर्ग के सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त करता है। मध्यम वर्ग को कर राहत से बड़ी सहूलियत बिक्रम ठाकुर ने कहा कि इस बजट में करदाताओं को बड़ी राहत दी गई है। नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगेगा, जिससे मध्यम वर्ग को सीधा फायदा होगा। 20 लाख रुपये तक की आय वालों को 90,000 रुपये और 50 लाख रुपये तक की आय वालों को 1.10 लाख रुपये की कर छूट मिलेगी। इससे उपभोग क्षमता बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। किसानों और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धन्य कृषि योजना शुरू की है, जिससे 100 जिलों के 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। दलहन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए छह वर्षीय आत्मनिर्भरता मिशन की शुरुआत की गई है। इसके अलावा, किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे किसानों को किफायती दरों पर ऋण मिलेगा। युवाओं और उद्यमियों के लिए नए अवसर बिक्रम ठाकुर ने कहा कि इस बजट में स्टार्टअप्स और MSMEs को मजबूती देने के लिए विशेष योजनाएं लाई गई हैं। सूक्ष्म उद्यमों के लिए 5 लाख रुपये तक का 'कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड' और 10,000 करोड़ रुपये का नया फंड ऑफ फंड्स छोटे व्यापारियों और महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाएगा। स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान उन्होंने बताया कि अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर स्थापित किए जाएंगे। मेडिकल कॉलेजों में 10,000 नई सीटें जोड़ी जाएंगी, जिससे चिकित्सा शिक्षा का विस्तार होगा। शिक्षा के क्षेत्र में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स स्थापित करने और IITs के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की योजना है। हिमाचल प्रदेश को मिलेगा विशेष लाभ बिक्रम ठाकुर ने कहा कि बजट में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना को शामिल करने से हिमाचल और बिहार के किसानों को लाभ होगा। पर्यटन और बुनियादी ढांचे के विकास से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।उन्होंने इस बजट को संतुलित, समावेशी और विकासोन्मुखी बताते हुए कहा कि यह देश को आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने वाला बजट है।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री ने बजट में टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी घोषणा की। अब सालाना 12.75 लाख रुपये तक कमाने वालों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। वहीं टीडीएस में भी राहत दी गई है। सीनियर सिटीजन को भी इनकम टैक्स में बड़ी राहत मिली है। हालांकि यह फायदा उन्हीं टैक्सपेयर्स को मिलेगा जो नई टैक्स व्यवस्था के अनुसार आईटीआर फाइल करेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि सालाना 12.75 लाख रुपये तक कमाने वालों को अब कोई भी इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इसमें 75 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल है। सीतारमण ने कहा कि 18 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले टैक्सपेयर्स को 70,000 रुपये की बचत होगी जबकि 25 लाख तक 1.10 लाख रुपये की बचत होगी। सीतारमण ने कहा कि ITR और टीडीएस की सीमा बढ़ाई गई है। टीडीएस की सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। टैक्स डिडक्शन में बुजुर्गों के लिए भी बड़ी घोषणा की गई है। Old Tax Regime के तहत इनकम टैक्स दरें 0-4 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं। 4-8 लाख की आय पर 5 प्रतिशत 8-12 लाख की आय पर 10 प्रतिशत 12-16 लाख की आय पर 15 प्रतिशत 16-20 लाख की आय पर 20 प्रतिशत 20-24 लाख की आय पर 25 प्रतिशत 24 लाख से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत इन्हें नहीं मिलेगा फायदा सालाना 12.75 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स में छूट उन्हीं लोगों को मिलेगी, जिनकी आय सिर्फ सैलरी से होगी। अगर वे शेयर मार्केट या किसी और माध्यम से कमाई करते हैं तो उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में उन्हें इनकम टैक्स देना होगा।
अगले 10 सालों में देशभर में 120 नए एयरपोर्ट बनाये जाएंगे। आज केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट 2025 में नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए ये अहम घोषणा की है, जिसमें अगले 10 सालों में देशभर में 120 नए एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव किया गया है। इसका उद्देश्य हवाई यात्रा को सुलभ बनाना और एयर कनेक्टिविटी को मजबूती देना है, खासकर छोटे शहरों और दूरदराज के इलाकों में। इस योजना से न केवल स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन, व्यापार और उद्योगों को भी गति मिलेगी। नए एयरपोर्ट के निर्माण से हजारों रोजगार के अवसर पैदा होंगे और आर्थिक विकास को एक नई दिशा मिलेगी। यह कदम प्रधानमंत्री की "उड़ान" योजना के तहत लिया जा रहा है, जिसका मकसद छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों को हवाई मार्ग से जोड़ना है। इससे न केवल यात्रा में सुगमता आएगी, बल्कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र में भी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में तकनीकी क्षेत्र को लेकर एक अहम ऐलान किया। सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये का विशेष फंड देने की घोषणा की है। इस फंड का उद्देश्य AI के शोध, विकास, और शिक्षा को प्रोत्साहित करना है, जिससे भारत को वैश्विक तकनीकी नेतृत्व में एक नया मुकाम हासिल हो सके। सरकार के इस ऐलान के तहत, AI आधारित परियोजनाओं, स्टार्टअप्स और संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि वे नए समाधान विकसित कर सकें और विभिन्न उद्योगों में AI का अधिकतम उपयोग कर सकें। इससे न केवल भारत में AI टेक्नोलॉजी की गति बढ़ेगी, बल्कि यह रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा और उद्योगों में कार्यक्षमता को सुधारने में मदद करेगा।
आज केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट 2025 में किसानों को लेकर महत्वपूर्ण ऐलान किया है। सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) पर कर्ज की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया है। इस कदम से किसानों को कृषि कार्यों के लिए अधिक वित्तीय सहायता मिल सकेगी और वे अपनी खेती के लिए आवश्यक संसाधनों को आसानी से जुटा सकेंगे। किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) का उद्देश्य किसानों को आसान और सस्ती क्रेडिट सुविधा प्रदान करना है, ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपनी कृषि संबंधी जरूरतों को पूरा कर सकें। अब तक यह सुविधा अधिकतर छोटे और सीमांत किसानों तक सीमित थी, लेकिन इस सीमा में बढ़ोतरी से अब अधिक किसानों को लाभ मिलेगा और वे अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकेंगे। कृषि क्षेत्र को समर्पित इस बजट प्रस्ताव से सरकार का मकसद है कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाया जाए। साथ ही, यह कदम कृषि क्षेत्र को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा, जिससे देश की खाद्य सुरक्षा और किसान की आय दोनों में वृद्धि हो सकेगी।
आज पूरा देश संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले केंद्रीय बजट 2025 पर नजरें गड़ाए बैठा है। यह बजट आज सुबह 11 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा। यह निर्मला सीतारमण का लगातार आठवां बजट होगा, और 2024 में बनी मोदी 3.0 सरकार का दूसरा पूर्ण बजट है। गरीब, मिडिल-क्लास और वेतनभोगी वर्ग को इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। खासकर इनकम टैक्स स्लैब में राहत और आर्थिक सुधारों की मांग की जा रही है। बजट से उम्मीद की जा रही है कि यह महंगाई से राहत देने और खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने वाले कदमों के साथ आएगा।बजट सेशन 2025 की शुरुआत शुक्रवार 31 जनवरी 2025 को हुई, जब वित्त मंत्री ने संसद में इकोनॉमिक सर्वे 2025 पेश किया। इसमें देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति, विकास दर, महंगाई और भविष्य की संभावनाओं पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। अब सभी की निगाहें आज के बजट पर टिकी हैं, जिसमें इन आंकड़ों के आधार पर नई नीतियां घोषित की जाएंगी। बजट से पहले राष्ट्रपति से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मुलाकात केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में अपना आठवां बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुरु से मिलने के लिए वित्त मंत्रालय नॉर्थ ब्लॉक से रवाना हो गई हैं। पेपरलेस फॉर्मेट में वे पारंपरिक ‘बही खाता’ के बजाय एक टैब के माध्यम से बजट पेश करेंगी और पढ़ेंगी।
बाबा कांशी राम राजकीय महाविद्यालय डाडा सीबा में गुरुवार को सात दिवसीय एन.एस.एस. शिविर का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. संजीत सिंह ठाकुर, सोशल वर्क केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश कैंपस देहरा की अध्यक्षता में किया गया। इस कार्यक्रम के अधिकारी प्रो. ख़ेम चंद ने मुख्य अतिथि का स्वागत अभिनंदन किया और शिविर के दौरान आगामी सात दिनों में आयोजित की जाने वाली गतिविधियों पर चर्चा की। मुख्य अतिथि ने स्वयंसेवियों को संबोधित करते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा के आदर्श मूल्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला और जीवन में अपने लक्ष्य की प्राप्ति हेतु निरंतर प्रयासरत रहने का आह्वान किया। महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य जतिंदर कुमार ने पी.टी.ए. प्रधान प्रवीण कुमारी और पूर्व पी.टी.ए. प्रधान अंजू बाला को स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया। प्रो. रामपाल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर कार्यालय वरिष्ठ सहायक रामकृष्ण भी उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश में आज रात से मौसम करवट बदलेगा। आज रात से ही प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) ज्यादा एक्टिव हो जाएगा और अगले छह दिनों तक इसका असर देखने को मिलेगा। खास तौर पर 4 फरवरी को बर्फबारी का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 31 जनवरी और 1 फरवरी को प्रदेश के ज्यादातर भागों में हल्की बारिश और बर्फबारी होने की संभावना जाहिर की है। इस दौरान =मध्य व उच्च पर्वतीय कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। जबकि निचले पहाड़ी-मैदानी क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। वहीं प्रदेश के ज्यादातर भागों में 2 फरवरी को मौसम साफ हो जाएगा। जबकि 3 फरवरी से अगले दो दिन तक फिर से बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। बारिश और बर्फबारी से पहले तापमान में ही हल्का उछाल आया है। प्रदेश का औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.1 डिग्री अधिक हो गया है। मनाली के तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 5.9 डिग्री का उछाल दर्ज किया गया है। इसी तरह कल्पा का न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 4.7 डिग्री अधिक हो गया है।
1980 में भाजपा के गठन के बाद से हिमाचल में अब तक 13 नेता प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचे है।सतपाल सिंह सत्ती सबसे अधिक दस साल तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे, तो खीमीराम शर्मा को सबसे कम कार्यकाल मिला। हालांकि सबसे छोटा कार्यकाल डॉ राजीव बिंदल के नाम है जो वर्तमान में दुरसी बार अध्यक्ष है। साल 2020 में उनका पहला कार्यकाल महज 186 दिन का रहा था। तब कोरोना काल में हुए घोटाले में उनका नाम उछाला और नैतिकता के आधार पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। सिलसिलेवार बात करें तो हिमाचल भाजपा के पहले प्रदेश अध्यक्ष बने ठाकुर गंगाराम जो मंडी से ताल्लुक रखते थे। वे 1984 तक अध्यक्ष रहे। इसके बाद शिमला संसदीय हलके के अर्की से सम्बन्ध रखने वाले नगीनचंद पाल भाजपा के अध्यक्ष बने, और 1986 तक पद पर रहे। 1986 में शांता कुमार हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष बने और 1990 का विधानसभा चुनाव भी उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा गया। शांता कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद कुल्लू के महेश्वर सिंह प्रदेश अध्यक्ष बने और 1993 तक इस पद पर रहे। पर 1993 में भाजपा की शर्मनाक हार के बाद महेश्वर की विदाई हो गई और एंट्री हुई प्रो प्रेम कुमार धूमल की। उनके नेतृत्व में ही भाजपा ने 1998 के विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाई और धूमल सीएम बने। फिर सुरेश चंदेल दो साल तक प्रदेश अध्यक्ष रहे और साल 2000 से लेकर 2003 तक जयकिशन शर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला। धूमल, सुरेश चंदेल और जयकिशन शर्मा, तीनों ही हमीरपुर संसदीय हलके से थे। साल 2003 में सुरेश भारद्वाज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने और 2007 तक इस पद पर रहे। भारद्वाज के बाद दो साल एक लिए जयराम ठाकुर और फिर 2009 से 2010 खीमीराम शर्मा ने पार्टी की कमान संभाली। 2010 में भाजपा अध्यक्ष पद पर सतपाल सिंह सत्ती की ताजपोशी हुई और वे दस साल लगातार अध्यक्ष रहे। सबसे अधिक वक्त तक अध्यक्ष रहने का रिकॉर्ड अब भी सत्ती के नाम है। सत्ती की विदाई के बाद डॉ राजीव बिंदल की ताजपोशी हुई लेकिन कोरोना काल में घोटाले के आरोप के बाद बिंदल को महज 186 दिन बाद ही नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना पड़ा। ये हिमाचल में किसी भी भाजपा अध्यक्ष का सबसे छोटा कार्यकाल है। बिंदल के बाद सुरेश कश्यप को कमान सौपी गई और अप्रैल 2023 तक कश्यप पार्टी अध्यक्ष रहे। इसके बाद बिंदल की दोबारा बतौर अध्यक्ष एंट्री हुई। अब बिंदल को पार्टी फिर मौका देती है या नहीं, ये सवाल बना हुआ है।
आज एनएमओपीएस (NMOPS) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय के अनुसार, नई पेंशन स्कीम (UPS) के खिलाफ कर्मचारी महासंघ हिमाचल प्रदेश ने 01 अप्रैल 2025 से इसे लागू करने के फैसले का विरोध किया। इस विरोध प्रदर्शन में पूरे भारत में सभी स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में UPS की गजट अधिसूचना के खिलाफ विरोध किया गया। इस विरोध का मुख्य उद्देश्य ओपीएस (Old Pension Scheme) के तत्काल कार्यान्वयन की मांग करना था। प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर और महासचिव भरत शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में वर्तमान सरकार ने पहले ही पुरानी पेंशन बहाल कर दी है, इसलिए एनएमओपीएस का साथ देते हुए कर्मचारियों और शिक्षकों से अनुरोध किया गया था कि वे केंद्रीय कर्मचारियों के इस आंदोलन में समर्थन करें और UPS के नुकसानों के बारे में सभी कर्मचारियों को जागरूक करें ताकि इसके दुष्परिणाम सामने आ सकें। इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर ओपीएस के कार्यान्वयन के लिए एकजुट होने का आह्वान किया गया है। प्रदीप ठाकुर और महासचिव भरत शर्मा ने इस आयोजन की सफलता के लिए सभी का धन्यवाद किया। पुरानी पेंशन (Old Pension Scheme) की मांग को लेकर 20 वर्षों से चल रहे विरोध और आंदोलन को समाप्त करने के उद्देश्य से सरकार की ओर से उतारी गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) यानी UPS का काफी विरोध हो रहा है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि इसमें कई खामियां हैं। इसकी सबसे बड़ी खामी तो वित्त सचिव टीवी सोमनाथन के एक जवाब से सामने आई है, जो इसकी प्रचारित अच्छाइयों पर भारी पड़ गई है। उन्होंने कहा कि UPS की सबसे बड़ी खामी वीआरएस (Voluntary Retirement Scheme) के मामले में सामने आती है। अगर कोई कर्मचारी 60 साल की उम्र से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प चुनता है तो उसे पेंशन कब से मिलेगी? यह सवाल जब वित्त सचिव से पूछा गया, तो उनका जवाब था कि आप रिटायर चाहे जब हों, UPS के तहत पेंशन सेवानिवृत्ति की आयु पूरी होने के बाद ही मिलेगी। रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली इस पेंशन स्कीम में इस खामी के चलते कर्मचारियों को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। उनका ये भी कहना है कि देश में विभिन्न विभागों में रिटायरमेंट की आयु अलग-अलग है। उदाहरण के तौर पर, विश्वविद्यालयों में रिटायरमेंट की आयु 65 साल है, जबकि कुछ विभागों में यह 60 वर्ष या 58 वर्ष है। ऐसे में अगर कोई कर्मचारी 58 वर्ष में रिटायर हो जाए तो उसे पेंशन के लिए दो साल का इंतजार करना होगा। वहीं अगर कोई कर्मचारी 50 वर्ष की उम्र पर वीआरएस लेता है, तो उसे पेंशन पाने के लिए 10 साल तक इंतजार करना होगा। कर्मचारी संगठन का कहना है कि 25 साल में नौकरी करने वाला युवा अगर 50 की आयु में नौकरी के 25 साल पूरे करके वीआरएस लेना चाहे, तो उसे यूपीएस के तहत पेंशन पाने का कोई विकल्प 10 सालों तक नहीं होगा। इस पर सवाल उठता है कि अगले 10 सालों तक वह जीवित रहेगा या नहीं, इसलिए कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे हैं। वहीं अगर कोई कर्मचारी देर से सरकारी सेवा में आता है, तो इस स्कीम के तहत 10 साल की नौकरी करने पर 10,000 रुपये न्यूनतम पेंशन तय की गई है। हालांकि यह फायदा भी तभी मिलेगा जब कर्मचारी ने 10 साल की सेवा पूरी की हो। अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल से पहले सेवा छोड़ दी, तो उसे पेंशन नहीं मिलेगी। UPS में कर्मचारियों का योगदान उनकी बेसिक सैलरी का 10% होगा, जबकि सरकार 18.5% योगदान करेगी। पुरानी पेंशन में कर्मचारी को कोई योगदान नहीं करना पड़ता और सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन सरकार द्वारा दी जाती है, जो लगभग अंतिम वेतन का 50% होती है। जारी अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया है कि जो कर्मचारी UPS का विकल्प चुनते हैं, वे किसी अन्य नीतिगत रियायत, बदलाव या वित्तीय लाभ का दावा नहीं कर सकेंगे। UPS के तहत कर्मचारियों के रिटायरमेंट फंड में दो हिस्से होंगे - एक व्यक्तिगत फंड, जिसमें कर्मचारी और सरकार का योगदान होगा, और दूसरा पूल फंड, जिसमें सरकार का अतिरिक्त योगदान होगा। प्रदीप ठाकुर का कहना है कि जब 1 अप्रैल 2004 को NPS लागू किया गया था, तब भी ऐसा ही प्रचार किया गया था, लेकिन जब कर्मचारी सेवानिवृत्त होने लगे, तो किसी को 500 तो किसी को 1500 रुपये पेंशन मिली। अब भविष्य में भी क्या मिलेगा, यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन यह तय है कि UPS में पुरानी पेंशन (OPS) जैसा लाभ नहीं मिलेगा। इसलिए कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग करेंगे और NPS तथा UPS का विरोध जारी रखेंगे।
सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भड़ोली कोहाला के तीन छात्राओं ने शिमला में आयोजित राज्य गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेकर विद्यालय और क्षेत्र का नाम रोशन किया। छात्राओं में मिस सनिक्शा, काजल और अक्षरा शामिल रहीं। विद्यालय के एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी अभिनीत अभिलाषी और अनुवर्षा ने बताया कि सनिक्शा ने पूरे दल का नेतृत्व किया, जो विद्यालय के लिए गर्व का विषय है। विद्यालय के प्रधानाचार्य राकेश कुमार, उप-प्रधानाचार्य रविंद्र शर्मा और एसएमसी अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार ने छात्राओं को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने पूरे विद्यालय के स्टाफ के प्रयासों और मेहनत की भी सराहना की, जिसके कारण यह उपलब्धि संभव हो पाई। विद्यालय परिवार और समस्त क्षेत्रवासियों के लिए यह पल गौरवशाली और प्रेरणादायक है।
विद्युत उपमंडल नम्बर एक के सहायक अभियंता इंजिनियर अमर चंद ने सर्व साधारण को सूचित किया है कि 11 के. बी. ज्वालामुखी नंबर फीडर के आवश्यक रख-रखाव व मुरम्मत कार्य हेतू 29 जनवरी यानी बुधवार को ज्वालामुखी नंबर 2 फीडर के अर्न्तगत आने वाले क्षेत्र-ताऊ दी हट्टी, पुराना बाजार, मंदिर मार्ग, बस स्टैण्ड व आसपास के क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बाधित रहेगी। उन्होंने बताया कि मौसम खराब होने की स्थिति में कार्य अगले दिन किया जाएगा। अतः उन्होंने बिजली बाधित होने के चलते लोगों से सहयोग की अपील की है।
Himachal: मार्च से गगल एयरपोर्ट से चंडीगढ़ के लिए सीधी उड़ानों की संख्या बढ़ाई जा रही है। अब स्थानीय लोगों और सैलानियों को सस्ती और तेज़ हवाई सेवाओं का फायदा मिलेगा। विमानन कंपनी इंडिगो 31 मार्च से गगल से चंडीगढ़ एयरपोर्ट के लिए सप्ताह में 6 दिन दो सीधी उड़ानें शुरू करेगी। विमानन कंपनी इंडिगो 31 मार्च से गगल से चंडीगढ़ एयरपोर्ट के लिए सप्ताह में 6 दिन दो सीधी उड़ानें शुरू करने जा रही है। फ्लाइट का शेड्यूल: गगल से चंडीगढ़: पहली उड़ान: दोपहर 12:00 बजे दूसरी उड़ान: दोपहर 1:20 बजे चंडीगढ़ से गगल: पहली उड़ान: दोपहर 1:30 बजे दूसरी उड़ान: दोपहर 2:50 बजे किराए में बड़ी राहत: मौजूदा समय में 4000 रुपये तक पहुंचने वाला हवाई किराया अब घटकर 2500 रुपये तक हो जाएगा। इससे यात्रियों को न केवल सस्ती हवाई सेवा मिलेगी, बल्कि उनका समय भी बचेगा।गगल एयरपोर्ट से जल्द ही नोएडा, जयपुर और देहरादून के लिए भी सीधी उड़ानें शुरू होने की संभावना है। गगल एयरपोर्ट के निदेशक धीरेंद्र शर्मा के अनुसार, मार्च के बाद उड़ानों के शेड्यूल में बड़े बदलाव होने वाले हैं, जो हिमाचल के पर्यटन और परिवहन को नया आयाम देंगे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कांगड़ा जिला के अपने शीतकालीन प्रवास के अंतिम दिन तथा पूर्ण राज्यत्व दिवस समारोह के बाद बैजनाथ के लिए 70.26 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन किए। उन्होंने बैजनाथ-पपरोला के लिए 44 करोड़ रुपये की पेयजल परियोजना का शिलान्यास किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बीड़ में 9.23 करोड़ रुपये की लागत से 33/11 केवी विद्युत सब-स्टेशन तथा कुमारदा से माधोनगर नैन भनखेड़ तक 2.91 करोड़ रुपये की लागत से सड़क निर्माण परियोजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने बीड़ में विश्व प्रसिद्ध पैराग्लाइडिंग स्थल पर नौ करोड़ रुपये की लागत से पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन किया तथा क्योरी (बीड़) के निकट दो पार्किंग सुविधाएं तथा 5.12 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित पैराग्लाइडिंग लैंडिंग स्थल को जनता को समर्पित किया। बैजनाथ के विधायक किशोरी लाल ने इन परियोजनाओं के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह परियोजनाएं बिना किसी पूर्व अनुरोध के बनाई गई हैं, जो क्षेत्र के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि बैजनाथ में पूर्ण राज्यत्व दिवस समारोह का आयोजन करना उनके निर्वाचन क्षेत्र के लिए गौरव का क्षण है।
जिला कांगड़ा में साहित्य, कला, संस्कृति एवं विचार की पत्रिका ‘धौलाधार सुमन' का अनावरण प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि इस पत्रिका में जिला कांगड़ा के अनुभवी एवं नवोदित लेखको- कवियों की साहित्यिक रचनाओं को प्रकाशित किया गया है। उन्होंने पत्रिका के अनावरण के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री आश्वस्त करते हुए कहा कि जिला कांगडा की विरासत, साहित्य और कला के प्रति सवेदनशील रवैया रखते हुए इसके सवर्द्धन के प्रति ठोस कदम उठाए जाएंगे। इस अवसर पर पत्रिका के मुख्य संपादक जिलाधीश कांगडा हेमराज बैरवा, एस.पी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री, पत्रिका के उप संपादक जिला भाषा अधिकारी अमित गुलेरिया, सहायक आयुक्त सुभाष गौतम व राघव गुलेरिया उपस्थित रहे।
शिमला: प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ते (DA) और एरियर का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्ण राज्यत्व दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बड़ी घोषणा की उम्मीद लगाए बैठे लाखों कर्मचारी और पेंशनर एक बार फिर मायूस हो गए।सरकार की ओर से इस मौके पर कई विकास कार्यों की घोषणाएं की गईं, लेकिन DA-एरियर पर कोई स्पष्ट ऐलान नहीं हुआ। इससे कर्मचारियों और पेंशनरों में निराशा बढ़ गई है। दरअसल, कर्मचारी और पेंशनर लंबे समय से बकाया DA और एरियर की मांग कर रहे हैं। महंगाई के इस दौर में DA का भुगतान उनकी सबसे बड़ी जरूरत बन गया है। सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए कहा था कि सरकार पहले से ही आर्थिक दबाव का सामना कर रही है। हालांकि, उन्होंने कर्मचारियों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया था। उधर, कर्मचारियों और पेंशनरों ने सरकार की खामोशी पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि हर साल घोषणाओं का दौर चलता है, लेकिन उनकी जायज मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। अब ऐसे में DA-एरियर पर सरकार का कोई ठोस फैसला कब आएगा, यह तो वक्त ही बताएगा। अब कर्मचारी और पेंशनर्स गणतंत्र दिवस के दिन का इंतजार कर रहे है और उम्मीद लगाए बैठे है कि शायद कल सुक्खू सरकार कोई बड़ी घोषणा कर देंगे।
** प्रदेश के दो विश्वविद्यालय करेंगे भांग की खेती पर रिसर्च हिमाचल प्रदेश में भविष्य में भांग की खेती को कैबिनेट ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अब इस पर पूरी तरह से अध्ययन किया जाएगा कि कैसे यह खेती की जाएगी। प्रदेश के दो विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ इस पर रिपोर्ट तैयार करेंगे, और उसी के आधार पर सरकार आगे कदम बढ़ाएगी। पहले इसे राज्य कर एवं आबकारी विभाग द्वारा अध्ययन किया जा रहा था, लेकिन अब कृषि विभाग को इसे लागू करने के लिए नोडल डिपार्टमेंट बना दिया गया है।इससे पहले, विधानसभा के मानसून सत्र में भांग की खेती से संबंधित सिफारिशें विधानसभा कमेटी ने दी थीं। अब, डा.वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी और चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के विशेषज्ञों को भांग की खेती पर पायलट अध्ययन करने का जिम्मा सौंपा गया है। इस अध्ययन की सिफारिशों पर कृषि विभाग भांग की खेती को आगे बढ़ाएगा। राज्य सरकार ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी, जिसने इसके प्रारूप को तैयार किया और दूसरे राज्यों में अध्ययन किया। समिति की सिफारिशों के आधार पर, एनडीपीएस अधिनियम 1985 में संशोधन किया जाएगा ताकि औषधीय और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए भांग की खेती को नियंत्रित वातावरण में वैध किया जा सके।सरकार का दावा है कि भांग की खेती से प्रदेश की आय में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने राज्य कर एवं आबकारी विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों को 100 मोटरसाइकिलें प्रदान करने की मंजूरी दी है ताकि प्रवर्तन और औचक निरीक्षण सुनिश्चित किया जा सके।साथ ही, कुल्लू बस स्टैंड और पीज पैराग्लाइडिंग प्वाइंट के बीच रोप-वे स्थापित करने की मंजूरी भी दी गई है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
** ये स्कूल दो से सात किलोमीटर की दूरी वाले नजदीकी स्कूलों में मर्ज किए जाएंगे **प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेज दिया हिमाचल प्रदेश में 10 से कम विद्यार्थियों वाले 316 मिडल स्कूलों को मर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन स्कूलों में कुल 2,116 विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए 813 शिक्षक तैनात हैं। ये स्कूल नजदीकी, 2 से 7 किलोमीटर दूर स्थित अन्य स्कूलों में मर्ज किए जाएंगे। कई मिडल स्कूलों में तीन से पांच शिक्षक और तीन-तीन गैर-शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने इस प्रस्ताव को तैयार कर सरकार को भेज दिया है। पिछले वर्ष सरकार ने पांच विद्यार्थियों वाले मिडल स्कूलों को 2-3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित स्कूलों में मर्ज किया था। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, नए शैक्षणिक सत्र से पहले इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। निदेशालय द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में मर्ज किए जाने वाले स्कूलों की नजदीकी दूरी और इससे जुड़ी समस्याओं का विस्तृत विवरण दिया गया है। शिमला जिले में कम विद्यार्थियों वाले सबसे अधिक मिडल स्कूल हैं, जहां 97 स्कूल हैं। इसके बाद कांगड़ा में 51 स्कूल हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि सरकार के आदेश के अनुसार अंतिम निर्णय लिया जाएगा। लाहौल-स्पीति के केलांग क्षेत्र में एक स्कूल में तीन शिक्षक केवल एक बच्चे को पढ़ा रहे हैं। इसी तरह, उदयपुर, काजा, चंबा, बिलासपुर और कांगड़ा के कुछ स्कूलों में भी कम संख्या में विद्यार्थियों के लिए अधिक संख्या में शिक्षक नियुक्त हैं।
हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व दिवस का राज्य स्तरीय समारोह शुक्रवार को बैजनाथ में आयोजित हुआ। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और मार्च पास्ट की सलामी ली। इस परेड में राज्य पुलिस, जिला पुलिस, आईआरबी सकोह, ट्रैफिक पुलिस, एसएसबी सपड़ी, एनसीसी और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स की टुकड़ियां शामिल हुईं। इसके बाद सीएम ने जनता को संबोधित करते हुए कई अहम घोषणाएं कीं। मुख्यमंत्री ने बैजनाथ में ऐलान किया कि सरकारी क्षेत्र में आने वाले समय में 25 हजार पद भरे जाएंगे। युवाओं को रोजगार से जोडऩा सरकार की प्राथमिकता है और इसी को ध्येय मान सरकार आगे बढ़ रही है। सीएम ने बताया कि अप्रैल से बीपीएल पात्रों के चयन के लिए सर्वे होगा और सत्यापन एसडीएम की जिम्मेदारी होगी। इसके साथ ही, आईजीएमसी शिमला में दो महीने में पेट स्कैन मशीन लगाई जाएगी। धर्मशाला में एक बड़ा कन्वेंशन सेंटर बनेगा और कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार पर 3500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। शिमला में 1600 करोड़ की लागत से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे बनेगा।सीएम ने बैजनाथ में विकास कार्यों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, जैसे चढ़ियार को तहसील बनाना, पपरोला-बैजनाथ के लिए पुल निर्माण, लोक निर्माण का नया मंडल खोलना, डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना और महल पट्टी में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल बनाना। वहीं, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ते की घोषणा न होने पर उन्हें निराशा हुई। इस अवसर पर मंत्री विक्रमादित्य सिंह, आयुष मंत्री यादवेंद्र गोमा, पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और अन्य मंत्री भी कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने बैजनाथ में 70.26 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया, जिनमें एशिया का पहला पैराग्लाइडिंग स्कूल, पार्किंग सुविधाएं, विद्युत सब स्टेशन और नई सड़कें शामिल हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह 27 जनवरी को मध्य प्रदेश के महू जाएंगे। महू से कांग्रेस संविधान बचाओ अभियान की शुरुआत करेगी। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, नेता विपक्ष राहुल गांधी और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल होंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री सुक्खू 26 जनवरी को राजधानी शिमला में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के बाद मध्य प्रदेश के लिए रवाना होंगे। कांग्रेस 27 जनवरी को डॉ. भीमराव आंबेडकर की जन्मस्थली महू में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर रही है, जिसमें पार्टी संविधान को बचाने और जागरूकता फैलाने का आह्वान करेगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के डॉ. आंबेडकर पर दिए गए बयान के विरोध में कांग्रेस देशभर में संविधान बचाओ यात्रा शुरू कर रही है। महू में आयोजित इस कार्यक्रम में कांग्रेस कार्यसमिति के सभी सदस्य, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, वरिष्ठ नेता और सांसद शामिल होंगे। इस यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता जनता के बीच जाकर संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री सुक्खू 1 से 3 फरवरी तक दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में भी भाग लेंगे। कांग्रेस इस यात्रा और अभियान के माध्यम से अपने विचारधारा और संविधान की रक्षा के लिए जनता को जागरूक करने का प्रयास कर रही है
हिमाचल प्रदेश में निर्मित 38 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। इनमें मधुमेह, माइग्रेन, उच्च रक्तचाप, पेट की गैस, संक्रमण और विटामिन डी-3 जैसी बीमारियों के इलाज में उपयोग होने वाली दवाएं शामिल हैं। खासतौर पर माइग्रेन की एक दवा, जो केवल सरकारी अस्पतालों में वितरित की जाती है, के दो बैच फेल पाए गए हैं। यह जानकारी केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) और राज्य औषधि नियंत्रक द्वारा दिसंबर 2024 में किए गए परीक्षण के बाद सामने आई है। जांच में सामने आए चिंताजनक आंकड़े देशभर में 135 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, जिनमें हिमाचल में बनीं 38 दवाएं शामिल हैं। यह खुलासा स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। दवाओं की सप्लाई पर रोक और कार्रवाई शुरू* राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उन कंपनियों को नोटिस जारी कर स्टॉक वापस मंगवाया जा रहा है। साथ ही, दोषी कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रमुख दवाएं जो मानकों पर खरी नहीं उतरीं: 1. डाइवैलप्रोएक्स (बायोडिल फार्मास्युटिकल, नालागढ़) 2. बीटाहिस्टाइन (सीएमजी बायोटेक, कांगड़ा) 3. ओकामैट (सिपला कंपनी, नालागढ़) 4. पेंटाप्राजोल (एडमैड फार्मा, बद्दी) 5. जिंक सल्फेट (ऑर्चिड मेडलाइफ, बद्दी) 6. अमोक्सीसिलिन (वेडएसपी फार्मास्युटिकल, झाड़माजरी) 7. सेफडॉक्साइन (नॉक्स फार्मास्युटिकल, बद्दी) 8. कैल्शियम कार्बोनेट (मेडोफार्मा कंपनी, बद्दी
हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम सीमित थोक विक्री केन्द्र जौड़बड के अंतर्गत पड़ते 31 राशन के डिपो में जनवरी महीने में गेहूं का आटा नहीं आने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह समस्या पिछले कई दिनों से चल रही है व लोग जब दूर दराज से डिपो संचालक के पास पहुंचते हैं तो उन्हें जब आटा नहीं मिलता तो लोग काफी परेशान होते हैं और लोगों को अपने दैनिक उपयोग के लिए आटा खरीदने के लिए दुकानों पर जाना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि राशन के डिपो में आटा नहीं आने से उन्हें बहुत परेशानी हो रही है व उन्हें अपने घर के लिए आटा खरीदने के लिए महंगी दुकानों पर जाना पड़ रहा है इस समस्या के बारे में जब थोक विक्री केन्द्र जौड़बड के अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि आटा की आपूर्ति में देरी हो रही है, लेकिन जल्द ही आटा की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। लोगों को उम्मीद है कि जल्द ही आटा की आपूर्ति शुरू हो जाएगी और उन्हें अपने घर के लिए आटा खरीदने में परेशानी नहीं होगी। उधर इस संबंध में खाद्य आपूर्ति विभाग के लवनीत डोगरा से बात की गई तो उन्होंने बताया कुछ राशन डिपो में आटे की आपूर्ति की गई है और दूसरे राशन डिपो में भी आटे की सप्लाई जल्द ही भेजी जाएगी । वहीं जिला खाद्य नियंत्रक पुरूषोतम ने कहा कि जल्द ही डिपुओं में आटे की सप्लाई भेज दी जायेगी ।
विनायक ठाकुर/देहरा: केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश ने अपने 15वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में समाज शास्त्र एवं सामाजिक निर्विज्ञान विभाग द्वारा एक प्रेरणादायक गेस्ट लेक्चर का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को न्याय और कानूनी प्रणाली के महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराना था। कार्यक्रम का आरंभ एसोसिएट प्रोफेसर विश्व ज्योति द्वारा स्वागत भाषण के साथ हुआ। उन्होंने मुख्य अतिथि, एडवोकेट अभिषेक, और उनके सहयोगी, एडवोकेट सुनील, का परिचय देते हुए उनकी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। डॉ. विश्व ज्योति ने स्थापना दिवस के महत्व पर भी संक्षिप्त चर्चा की और इस आयोजन को ज्ञानवर्धन का एक सुनहरा अवसर बताया। एडवोकेट अभिषेक पाधा ने अपने व्याख्यान में भारतीय न्याय प्रणाली के ऐतिहासिक और आधुनिक पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने महारानी अहिल्याबाई होल्कर की प्रेरणादायक कहानी का उल्लेख करते हुए यह स्पष्ट किया कि कानून का उद्देश्य निष्पक्षता और न्याय की स्थापना करना है। उन्होंने मुगल युग का संदर्भ देते हुए बताया कि उस समय कोई संहिताबद्ध कानून नहीं थे और न्यायप्रणाली लोक परंपराओं पर आधारित थी। इस संदर्भ में अकबर और बीरबल की न्यायप्रणाली का उदाहरण देकर उन्होंने ऐतिहासिक दृष्टिकोण को रोचक बनाया।आधुनिक न्याय प्रणाली की संरचना पर चर्चा करते हुए एडवोकेट अभिषेक ने बताया कि वर्तमान में कानून समाज में संतुलन और संबंध बनाए रखने के लिए संहिताबद्ध रूप में मौजूद हैं। उन्होंने निर्भया कांड और अन्य प्रासंगिक मामलों का उल्लेख करते हुए न्याय प्रणाली के महत्व पर जोर दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने समकालीन न्यायिक चुनौतियों पर भी चर्चा की और न्यायालयों की कार्यप्रणाली को प्रभावी बनाने के लिए सुझाव प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें विभागाध्यक्ष अनिल कुमार ने एडवोकेट अभिषेक और एडवोकेट सुनील जी को उनके विचारोत्तेजक व्याख्यान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने इस गेस्ट लेक्चर को छात्रों और संकाय सदस्यों के लिए अत्यंत लाभकारी बताया। इस अवसर पर विभाग के सभी संकाय सदस्य और छात्र उपस्थित रहे। गेस्ट लेक्चर के आयोजन में विभाग की सक्रिय भागीदारी और छात्रों की उत्साहपूर्ण उपस्थिति ने इसे एक सफल और प्रेरक आयोजन बना दिया।
भाजपा परागपुर मंडल ने पूर्व मंत्री बिक्रम ठाकुर पर बयान देने वाले देहरा से संबंधित कांग्रेसी को छुटभैया कहा है। भाजपा परागपुर मंडल के अध्यक्ष विनोद शर्मा और जसवां-परागपुर मंडल के पूर्व महामंत्री सुदर्शन सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कहा कि क्या कांग्रेस के पास नेता खत्म हो गए हैं जो अब छुटभैया का सहारा लेकर राजनीति आगे बढ़ा रही है। खुद को कांग्रेस नेता बताने वाला उक्त व्यक्ति कुछ कहने से पहले सोचे कि वह किसके खिलाफ बोल रहा है। उन्होंने नसीहत दी कि कांग्रेस नेता खलड़ी में रहकर बयानबाजी करें। बिक्रम ठाकुर भाजपा के वरिष्ठ नेता होने के साथ ही पांच बार विधायक और मंत्री रहे हैं। आसपास के कई हलकों में बिक्रम के कद का कोई नेता नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही न जाने किसी लालच में उक्त व्यक्ति कांग्रेस के साथ चल पड़ा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को भी इतना ध्यान रखना चाहिए कि उनकी पार्टी का नाम लेकर कोई किसी भी तरह की बयानबाजी कैसे कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता पहले ही कांग्रेस के झूठे वादों से त्रस्त हो चुकी है। अब इन मामलों से ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस किसी को भी अपना नेता बताकर उनसे कुछ भी बुलाए जा रही है।
**विश्वविद्यालय के कुलपति सत प्रकाश बंसल ने की कार्यक्रम की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय अपने 15 वें स्थापना दिवस के अवसर पर 20 जनवरी से 26 जनवरी 2025 तक “स्थापना सप्ताह” के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों आयोजन कर रहा है। स्थापना सप्ताह के अवसर पर 24 जनवरी को विश्वविद्यालय के सप्त सिंधु परिसर देहरा में 'विकसित भारत में उच्च शिक्षा का योगदान' विषय पर इंटरैक्टिव सेशन का आयोजन किया गया । विश्वविद्यालय के कुलपति सत प्रकाश बंसल ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशि धीमान मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे । इस कार्यक्रम का आरंभ सभी गणमान्य अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर के हुआ । कार्यक्रम संयोजक प्रो. संजीत सिंह ठाकुर ने मुख्यातिथि एवं कार्यक्रम अध्यक्ष का स्वागत किया तथा उन्हें अंग वस्त्र भेंट कर कार्यक्रम में शामिल किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्त शशि कुमार धीमान ने विकसित भारत के लिए उच्च शिक्षा के योगदान विषय पर अपना उद्बोधन दिया तथा केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के माननीय कुलपति महोदय ने उपस्थित सभी श्रोताओं को विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी तथा भविष्य की योजनाओं के बारे में अवगत करवाया तथा साथ ही कुलपति ने विश्वविद्यालय की उन्नति के लिए सभी से एक साथ मिलकर चलने का आह्वान किया। कार्यक्रम के अन्त में सप्त सिन्धु परिसर देहरा के निदेशक नारायण सिंह राव जी ने सभी अतिथियों, संकाय सदस्यों तथा प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस इंटरैक्टिव शेशन के संयोजक प्रो. संजीत सिंह ठाकुर, अधिष्ठाता समाज विज्ञान स्कूल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस इंटरैक्टिव सेशन का आयोजन विश्वविद्यालय के स्थापना समारोह कार्यक्रम के अंतर्गत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत प्रकाश बंसल के मार्गदर्शन में किया गया। इस इंटरेक्टिव सेशन में केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के कुल सचिव प्रो. सुमन शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे । इसके अलावा इस दौरान सिन्धु परिसर देहरा के निदेशक नारायण सिंह राव, सभी अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य तथा लगभग 150 शोधार्थी तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।
जसवां परागपुर विधानसभा क्षेत्र के युथ ने कांग्रेस का दामन थामा। गुरुवार को 10 युवाओं ने प्रदेश सचिव युवा कांग्रेस अतिंदर पाल सिंह सिंटू राणा की अगुवाई में डाडा सीबा में कामगार कर्माचारी कल्याण बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष ठाकुर सुरेन्द्र सिंह मनकोटिया की उपस्थिति में कांग्रेस पार्टी का दामन थामा। इस मौके पर सुरेंद्र सिंह मनकोटिया ने उन सभी युवाओं का कांग्रेस ज्वाइन करने पर स्वागत किया। उन्होंने बताया कि इन लोगों ने कांग्रेस की नीतियों के तहत आज कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन किया है। युवाओं में अमन शर्मा गांव काहरू, गौरव शर्मा, राहुल भारद्वाज, नरेश कुमार, राहुल राणा ,बलदेव कुमार व अन्य लोगों ने भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए है।
सांसद खेल महाकुंभ 3.0 के तीसरे दिन मैचों का शुभारंभ दोदू राजपूता पंचायत के प्रधान मुकेश कुमार और उप प्रधान विनोद के द्वारा किया गया। पहले मैच में कोटला और सदवा टीमों के बीच मुकाबला खेला गया। युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष रमन शर्मा ने मुख्य अतिथियों का सम्मान किया और उन्हें खेल महाकुंभ की टीशर्ट प्रदान की। इस मौके पर रमन शर्मा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकप्रिय सांसद अनुराग ठाकुर, तथा पूर्व मंत्री और विधायक विक्रम ठाकुर का धन्यवाद किया, जिनकी पहल से इस तरह के मंच खिलाड़ियों को प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे गांवों में छुपी प्रतिभाओं को उजागर होने का अवसर मिल रहा है। रमन शर्मा ने यह भी बताया कि 24 जनवरी को सांसद खेल महाकुंभ 3.0 का क्रिकेट टूर्नामेंट फाइनल आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर मुनीश धीमान, अनीश ठाकुर, गौरव पटियाल, अमित, आदित्य बंसल, मोंटी, शुभम, आशु पटियाल, रोबिन और कमेटी के अन्य सदस्य तथा लोग उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, सप्त सिंधु परिसर देहरा के समाजशास्त्र और सामाजिक मानवविज्ञान विभाग द्वारा 23 जनवरी 2025 को एक दिवसीय स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन डॉ. निरुपमा कारडोंग के मार्गदर्शन में किया गया, जिसमें अस्पताल में पुरुष और महिला वार्डों में बुनियादी स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम के दौरान, मरीजों को स्वच्छता के महत्व, व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्वच्छता, साथ ही संक्रमण से बचाव एवं संबंधित उपायों के बारे में जानकारी प्रदान की गई। इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम लोगों को स्वच्छता को अपनी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित करते हैं। कार्यक्रम में स्थानीय समुदाय के सदस्य और वार्ड के लोग सक्रिय रूप से शामिल हुए। यह कार्यक्रम समाज में स्वच्छता और स्वास्थ्य के महत्व को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को ढगवार में 225 करोड़ रुपए की लागत वाले मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट की आधारशिला रख दी। प्लांट का 20 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। यह प्लांट 5.5 एकड़ भूमि पर बनाया जा रहा है। इसमें हमीरपुर, चंबा व कांगड़ा जिला के दूध उत्पादकों का दूध एकत्रित कर प्रोसेसिंग के लिए लाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आधारशिला रखने के बाद प्लांट के निर्माण कार्य का जायजा लिया। इस मौके पर पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष कैबिनेट रैंक भवानी पठानिया, डिप्टी चीफ व्हिप केवल सिंह पठानिया, विधायक आशीष बुटेल, सुदर्शन बबलू, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार आईटी गोकुल बुटेल, पूर्व सांसद विप्लव ठाकुर, चेयरमैन रामचंद्र पठानिया , धर्मशाला से पूर्व कांग्रेस उम्मीदवार देवेंद्र जग्गी, धर्मशाला नगर निगम की मेयर नीनू शर्मा, एपीएमसी चेयरमैन कांगड़ा नीशू मोंगरा सहित अन्य मौजूद रहे।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाल ज्वालामुखी में सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर स्कूल की प्रधानाचार्या मीना कुमारी और स्कूल स्टाफ ने सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। प्रधानाचार्या ने बच्चों को सुभाष चंद्र बोस के जीवन, उनके संघर्ष और बलिदान की प्रेरणादायक कहानी सुनाई। उन्होंने विद्यार्थियों को उनके आदर्शों पर चलने और देश सेवा के लिए प्रेरित किया।इस मौके पर प्रवक्ता रेखा पाल, विकास धीमान, सुखदा सूद, रीता अटवाल, दीक्षा जगोतरा, शिव राम, अशोक कुमार, प्रिया गुलेरिया, केवल और सोनू सहित अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।
हिमाचल में डाक विभाग अब दुर्गम और बर्फीले इलाकों में ड्रोन से चिट्ठी पहुंचाएगा। केंद्र सरकार के निर्देश पर विभाग ने अपर शिमला में ड्रोन से डाक पहुंचाने का ट्रायल शुरू किया है। उप डाकघर से शाखा डाकघरों तक पांच से दस मिनट में चिट्ठियां पहुंचाई जा रही हैं। जबकि पहले चिट्ठियां यहां तक पहुंचाने में पूरा दिन लग जाता था। ट्रायल सफल रहने के बाद विभाग केंद्र सरकार के निर्देश पर अन्य दुर्गम इलाकों में डाक पहुंचाने के लिए हाइटेक तकनीक का इस्तेमाल कर सकता है। डाक विभाग उप डाकघर हाटकोटी से सुबह 9 से 12 बजे के बीच शाखा डाकघर नंदपुर, कठासू, अंटी और झड़ग के लिए ड्रोन से डाक भिजवा रहा है। एक समय में सात किलो तक भार उठाने की क्षमता वाला ड्रोन पांच से दस मिनट में सात-आठ किलोमीटर दूर गांवों में डाक छोड़कर लौट रहा है। जिस शाखा में ड्रोन से डाक भेजी जाती है, वहां पर पहले से डाक कर्मी तैनात रहता है। दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में ड्रोन से डाक पहुंचाने का पूरा डाटा ऑनलाइन रखा जा है। ट्रायल के तौर ड्रोन से डाक पहुंचाने की अवधि 24 जनवरी को पूरी हो रही है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ड्रोन ट्रायल के लिए एक निजी कपंनी के साथ समझौता किया गया है। सफल संचालन पर विभाग अन्य दुर्गम और पहाड़ी इलाकों में ड्रोन का उपयोग करेगा। इसका उद्देश्य प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट के माध्यम से ड्रोन के जरिये चिट्ठी पहुंचाना है। केंद्र इससे पहले गुजराज और अरुणाचल में भी ट्रायल कर चुका है। ट्रायल पूरा होने के बाद केंद्र सरकार अगला कदम उठाएगी।ड्रोन से डाक ट्रायल के तौर पर कुछ शाखा डाकघरों के लिए भेजी जा रही है। ड्रोन सेवा 12 नवंबर से 24 जनवरी तक चल रही है। निजी कंपनी की सहायता से यह काम किया जा रहा है। अंकुश, प्रभारी उप डाकघर हाटकोटी दुर्गम क्षेत्रों में ड्रोन से डाक भेजने का ट्रायल चल रहा है। यदि ट्रायल सफल रहा तो इस तकनीक को नियमित लागू किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दुर्घटना मामले में एक महत्त्वपूर्ण फैसला दिया है। मामले में छह महीने की देरी के बाद दायर की गई याचिका अब मान्य नहीं होगी। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की अदालत ने मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण चंबा की ओर से पारित 23 जुलाई 2024 के फैसले को निरस्त कर दिया। प्रतिवादियों की ओर से आवेदन देरी से करने को निचली अदालत ने माफ कर दिया था। कंपनी की ओर से निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी। बीमा कंपनी ने अदालत को बताया कि मुआवजे के दावे के लिए कोई आवेदन छह महीने के बाद स्वीकार नहीं किया जाएगा। अगर दावा दुर्घटना घटित होने के छह महीने के भीतर नहीं किया जाएगा तो वह धारा 166 (3) के नियमों के खिलाफ है। अदालत को बताया गया कि मोटर वाहन अधिनियम एक पूर्ण एवं आत्मनिर्भर अधिनियम है तथा इसकी धारा 166 (3) के अनुसार याचिका दायर करने में देरी को माफ करने का कोई प्रावधान नहीं है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 में पहले प्रावधान था कि अगर आवेदन में देरी हो जाती थी, तब भी याचिका दायर की जाती थी, लेकिन 2019 में इसमें संशोधन किया गया। वर्ष 2022 से इसे लागू किया गया, जिसके बाद धारा 166 (3) के तहत दावेदार को केवल छह महीने के भीतर आवेदन दायर करना होगा। अगर उसके बाद दायर किया जाएगा तो मान्य नहीं होगा। निचली अदालत ने लिमिटेशन एक्ट की धारा 5 के तहत उत्तरदाताओं की याचिका को स्वीकार कर दिया था। अदालत ने एक जैसी प्रकृति के सभी मामलों का एक साथ निपटारा करते हुए यह आदेश दिए। ये मामले चंबा, सिरमौर, शिमला आदि के थे, जिसमें मृतकों के परिवार वालों ने देरी से याचिका दायर की गई। सभी मामलों में किसी की दुर्घटना अप्रैल, जून और सितंबर 2023 में हुई थी और सभी ने जून 2024 के बाद दावा किया। इनमें से एक मामला चंबा का है, जिसमें मृत व्यक्ति मोटरसाइकिल के पीछे वाली सीट पर बैठा था। हादसा तेज रफ्तार और लापरवाही की वजह से हुआ। बाइक सवार दोनों सतलुज नदी में गिर गए। घटना के छह महीने के बाद दावा किया गया। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय घंडल (शिमला) की ओर से 8 जनवरी को दैनिक वेतन भोगी की नए सिरे से जारी किए गए भर्ती के विज्ञापन पर हिमाचल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की अदालत ने इसके आदेश जारी किए हैं। मामले की सुनवाई अब छह सप्ताह बाद होगी। दरअसल विश्वविद्यालय की ओर से 31 दिसंबर को विभिन्न श्रेणियों के तहत काम कर रहे 43 दैनिक वेतनभोगियों की मौखिक रूप से सेवाएं समाप्त का दी गईं थीं। बिना नोटिस दिए इन्हें निकाला गया। अब 8 जनवरी को विज्ञापन निकालकर यह भर्तियां माली, प्लंबर, स्वीपर, इलेक्ट्रीशियन और ड्राइवर के पदों के लिए निकाली गईं। इसी विज्ञापन पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है। इसके खिलाफ कुछ प्रभावितों ने हाईकोर्ट का रुख किया। उन्होंने अदालत को बताया कि उनकी 2022 से विश्वविद्यालय में सेवाएं ली जा रही हैं। इनकी सेवाएं वर्ष 2022 के बाद तीन-तीन महीने का सेवा विस्तार देते हुए विधि विश्वविद्यालय ने नियमित के बजाय पूर्ववत दैनिक भोगियों के पदों को भरने का विज्ञापन जारी किया है। अदालत में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के अधिवक्ता ने कहा कि नई अधिसूचना के तहत भर्ती में पहले नियुक्त दैनिक वेतनभोगी भाग ले सकते हैं। वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के स्थान पर दूसरे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को नियुक्त करना वैध है। जो विज्ञापन निकला, वह भी दैनिक वेतनभोगी के रूप में है।
जिला कांगड़ा पेंशनर संघ खंड प्रागपुर की बैठक अध्यक्ष रमेश भारद्वाज की अध्यक्षता में गांव कोटला में संपन्न हुई। इस बैठक में 62 सदस्यों ने भाग लिया और पेंशनरों की समस्याओं पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में सर्वसम्मति से निम्नलिखित मांगें सरकार से पूरी करने के लिए प्रस्तावित की गई...75 वर्ष की आयु से ऊपर के पेंशनरों को 1-1-2016 के संशोधित वेतनमान का पूरा बकाया राशि शीघ्र प्रदान करने के लिए सरकार का धन्यवाद। 75 वर्ष से कम आयु वाले पेंशनरों को भी बकाया राशि का शीघ्र भुगतान किया जाए। 1-1-2016 से 31-01-2021 के बीच सेवानिवृत्त हुए पेंशनरों के लाभ सरकार ने रोक रखे हैं, उन पेंशनरों का बकाया शीघ्र अदायगी की जाए। महंगाई भत्ते की देय किश्तें (जुलाई 2022 - जनवरी 2023) का भुगतान एक महीने के भीतर किया जाए। पेंशनरों के मेडिकल बिलों के भुगतान हेतु बजट का प्रावधान किया जाए।मेडिकल विकल्प की सुविधा प्रदान की जाए, ताकि जो पेंशनर्स मेडिकल भत्ते से वंचित हैं, उन्हें इस सुविधा का लाभ मिल सके। बैठक में पेंशनरों की समस्याओं पर गहरी चिंता व्यक्त की गई और सरकार से इन मुद्दों का शीघ्र समाधान करने की मांग की गई।
** एडवोकेट मुकुल शर्मा बोले, जल्द वे विधायक कमलेश ठाकुर से समस्याओं के बारे करेगें चर्चा देहरा मार्केटिंग को-ऑपरेटिव सोसायटी के अध्यक्ष, एडवोकेट मुकुल शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को रैहन बसेरा देहरा में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में देहरा जोन की लगभग 20 सहकारी सभाओं के सचिव और विक्रेताओं ने भाग लिया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य यह था कि सहकारी सभाओं में राशन की क्वांटिटी और क्वालिटी समय पर सुनिश्चित की जाए, ताकि उपभोक्ताओं को कोई परेशानी न हो।सभी उपस्थित सचिवों और विक्रेताओं को जागरूक करते हुए अध्यक्ष एडवोकेट मुकुल शर्मा ने कहा कि इस दिशा में सभी को एकजुट होकर काम करना होगा। बैठक में विभिन्न समस्याओं पर भी चर्चा की गई। कई कर्मचारियों ने वेतन से संबंधित अपनी शिकायतें प्रस्तुत कीं, तो कुछ सचिवों और विक्रेताओं ने घटिया खाद्य सामग्री और निर्धारित वजन से कम वजन की खाद्य वस्तुओं की बोरियों के आने की शिकायत की। इसके अतिरिक्त, समय पर राशन उपलब्ध न होने के बारे में भी कई समस्याएं सामने आईं।सभी समस्याओं को गंभीरता से सुनने के बाद, एडवोकेट मुकुल शर्मा ने बताया कि सभी शिकायतें दर्ज कर ली गई हैं और इन समस्याओं का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने के लिए उन्हें देहरा की विधायक, कमलेश ठाकुर के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सहकारी सभाओं के सचिवों और विक्रेताओं से अपील की कि वे सोसायटी को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने में सहयोग करें ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े। इस बैठक में सभी ने मिलकर अपने अनुभव साझा किए और विश्वास जताया कि इस प्रकार की बैठकें समस्याओं के समाधान में मददगार साबित होंगी।
सांसद खेल महाकुंभ 3.0 के दूसरे दिन के कार्यक्रम में शांतला पंचायत के प्रधान राहुल कुमार और उपप्रधान यशपाल ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस दिन का पहला मुकाबला उप्पर प्रागपुर बनाम बणी के बीच खेला गया।कार्यक्रम में युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष रमन शर्मा, जो टूर्नामेंट के होस्ट हैं, ने मुख्य अतिथियों का सम्मान किया। इस दौरान मुख्य अतिथियों द्वारा खिलाड़ियों को खेल महाकुंभ की टी-शर्ट भेंट की गई।रमन शर्मा ने अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री और सांसद अनुराग ठाकुर एवं पूर्व मंत्री व विधायक विक्रम ठाकुर का विशेष धन्यवाद प्रकट किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मंच से ग्रामीण क्षेत्रों की छुपी हुई प्रतिभाओं को सामने आने का शानदार अवसर मिल रहा है।इस कार्यक्रम में अनीश ठाकुर, गौरव पटियाल, अमित, आदित्य बंसल, मोंटी, शुभम, आशु पटियाल, रोबिन, और आयोजन समिति के अन्य सदस्य सहित कई लोग उपस्थित रहे।
हिमाचल में लोगों के सफर को आसान और आरामदायक बनाने के लिए अब सड़कों पर दौड़ रही खस्ताहाल बसों को हटाया जाएगा। इसके लिए HRTC अब 15 साल से पुरानी खटारा बसों को भी स्क्रैप कर रहा है, जिसको लेकर फील्ड से ऐसी बसों की रिपोर्ट मांगी गई है। नियमों के मुताबिक अभी 15 साल पुरानी बसों को ही स्क्रैप किया जा रहा है, लेकिन HRTC ने सड़कों पर हांफ रही 15 साल से पुरानी खस्ताहाल बसों को हटाने का फैसला लिया है, ताकि इन बसों को स्क्रैप करके इनकी जगह पर नई बसें चलाई जा सके। हिमाचल पथ परिवहन निगम के विभिन्न डिपो में बार बार रिपेयर करने के बाद कई बसें वर्कशॉप में खड़ी हैं। ऐसे में सड़कों पर हांफ चुकी इन बसों पर बार-बार रिपेयर करने में काफी खर्च होने के साथ समय भी बर्बाद हो रहा है। इसको देखते हुए ऐसी बसों को अब स्क्रैप किया जाएगा। वहीं, एचआरटीसी ने अभी तक 15 साल पुरानी बसों को स्क्रैप कर 5.91 करोड़ कमाए हैं। भारत सरकार के सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जीएसआर 29 (ई) के तहत 16 जनवरी 2023 को पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) के नियमों को लेकर संशोधन को लेकर अधिसूचना जारी थी। इस अधिसूचना के मुताबिक 31 मार्च 2023 तक 15 साल पूरे होने पर सरकारी वाहनों का पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द किया गया है। इसी तरह से सरकारी वाहनों के पंजीकरण के 15 साल पूरे होते ही अब खुद ही पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द समझा जाएगा। ये नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू हो चुके हैं। पहले चरण में एचआरटीसी ने अक्टूबर 2023 में 15 साल आयु पूरी कर चुके 163 वाहनों को नीलाम किया था। इसमें 124 बसें और 26 लाइट व्हीकल शामिल थे। वहीं, एक क्रेन, 5 ट्रक, 6 टेंकर व एक प्रदर्शनी वैन को भी स्क्रैप के लिए नीलाम किया था। इसी तरह से नवंबर 2023 में 46 वाहन, फरवरी 2024 में 16 वाहनों की नीलामी की गई थी, जिससे HRTC को 2.84 करोड़ रुपए की आय हुई है। इसके बाद इसी महीने एचआरटीसी ने आरवीएसएफ के जरिए एमएसटीसी के स्क्रैपिंग पोर्टल पर 15 साल पूरे कर चुके 114 वाहनों को नीलाम किया है, जिसमें 101 बसें, 08 हल्के वाहन, 01 ट्रक, 01 प्रदर्शनी वैन और 03 ऑटो रिक्शा शामिल हैं। इनकी ई.नीलामी आयोजित की गई, जिनमें से 90 वाहनों की बिक्री हो गई है, जिससे एचआरटीसी को 1.55 करोड़ मिलेंगे। अब एचआरटीसी 15 साल से कम उम्र की खस्ताहाल बसों को स्क्रैप में देकर पैसा कमाएगा और इन बसों की रिप्लेसमेंट भी कर दी जाएगी। हिमाचल परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर का कहना है, 15 साल से पहले को खराब हो चुकी बसों को भी स्क्रैप में दिया जाएगा, जिसकी जगह नई बसों को सड़कों पर उतारा जाएगा।
पुलिस भर्ती: ग्राउंड टेस्ट के लिए मंडी, बिलासपुर, कुल्लू, हमीरपुर व लाहौल के युवा जान लें ये शेड्यूल
शिमला: आखिरकार हिमाचल में पुलिस भर्ती के ग्राउंड टेस्ट से जुड़ी अहम सूचना आ ही गई। पांच जिलों के युवाओं के लिए शेड्यूल तैयार हो गया ह। युवाओं के लिए ग्राउंड टेस्ट की तारीख व स्थान जारी कर दिया गया है। सेंट्रल रेंज मंडी की डीआईजी सौम्या सांबशिवन की तरफ से जारी किए गए शेड्यूल के अनुसार फरवरी महीने की छह तारीख से ग्राउंड टेस्ट आरंभ होंगें। उल्लेखनीय है कि इस बार हिमाचल प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल की भर्ती नशे के खिलाफ कमांडो फोर्स के तौर पर हो रही है। कुल 1088 पद भरे जाने हैं. इसमें से पुरुष वर्ग में 708 पद व महिला वर्ग में 380 पदों की भर्ती होगी. लोक सेवा आयोग ने आवेदकों की फाइनल लिस्ट राज्य पुलिस को भेज दी थी। उसके बाद अब पांच जिलों के युवाओं के लिए ग्राउंड टेस्ट का शेड्यूल जारी किया गया है। सेंट्रल रेंज मंडी की डीआईजी ने ये शेड्यूल जारी किया है। डीआईजी सेंट्रल रेंज मंडी की तरफ से जारी किए गए शेड्यूल के अनुसार मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर, कुल्लू व लाहौल स्पीति जिले का ग्राउंड टेस्ट निम्न तारीखों को होगा। 6 फरवरी से 12 मार्च के बीच ग्राउंड टेस्ट होगा। शेड्यूल के अनुसार हर रोज करीब 2 हजार युवक व युवतियों का ग्राउंड टेस्ट होगा। मंडी जिले के लिए पुलिस कांस्टेबल भर्ती का ग्राउंड टेस्ट पंडोह में थर्ड आईआरबी में होगा। ये टेस्ट मंडी जिले के लिए 6 फरवरी से 16 फरवरी तक चलेगा। अगले दिन यानी 17 फरवरी को परिणाम आएगा। बिलासपुर के लुहणू मैदान में बिलासपुर जिले के लिए ग्राउंड टेस्ट 20 से 24 फरवरी के दरम्यान होगा। यहां का परिणाम भी अगले दिन यानी 25 फरवरी को घोषित किया जाएगा। हमीरपुर जिले के लिए ग्राउंड टेस्ट अणु में होगा। ये ग्राउंड टेस्ट 28 फरवरी से 5 मार्च तक चलेगा। कुल्लू जिले का टेस्ट पुलिस लाइन कुल्लू में आयोजित किया जाएगा। ये टेस्ट 7 मार्च से 11 मार्च तक होगा। लाहौल-स्पीति जिले के आवेदकों का ग्राउंड टेस्ट भी कुल्लू में ही होगा। ये टेस्ट भी पुलिस लाइन कुल्लू में आयोजित किया जाएगा। इसकी तारीख 12 मार्च रहेगी। उल्लेखनीय है कि इस बार ग्राउंड टेस्ट में 100 मीटर की दौड़ भी शामिल की गई है। साथ ही युवाओं का डोप टेस्ट भी होगी। चूंकि ये भर्ती नशे के खिलाफ कमांडो फोर्स के रूप में हो रही है, लिहाजा ये सुनिश्चित किया जाएगा कि भर्ती होने वाले युवाओं को किसी तरह के नशे की लत न हो। ग्राउंड टेस्ट के बाद रिटन एग्जाम होगा। लोक सेवा आयोग के चेयरमैन कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर का कहना है। आवेदकों की लिस्ट समय पर पुलिस विभाग को दे दी गई थी। अब ग्राउंड टेस्ट पुलिस अपने स्तर पर करवाएगी।
हिमाचल के डिपुओं में पिछले कई महीनों सरसों का तेल गायब है। इसका सीधा असर प्रदेश के लाखों गरीब परिवारों की रसोई पर पड़ रहा है। छोटे पहाड़ी राज्य में सरसों का तेल काफी पसंद किया जाता है। इसलिए हर रसोई में तड़के के लिए अधिकतर सरसों का तेल प्रयोग होता है। ऐसे में रसोई पर महंगाई की मार न पड़े, इसके लिए प्रदेश सरकार राशन कार्ड धारकों को बाजार से सस्ते रेट पर सरसों का तेल उपलब्ध करा रही है, लेकिन तीन महीनों से उपभोक्ताओं को डिपुओं में अपना पसंदीदा तेल नहीं मिल रहा है। जिसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है। नए साल का जनवरी महीना बीतने को आ रहा है, लेकिन डिपुओं में अभी तक सरसों के तेल की खेप नहीं पहुंची है। इस महीने डिपुओं में सस्ते राशन के नाम पर उपभोक्ताओं को आटा, चावल, तीन दालें, चीनी और नमक मिल रहा है। वहीं, तीसरे महीने भी डिपुओं में सरसों तेल उपलब्ध न होने से लाखों परिवार अब बाजार से महंगे रेट पर खाद्य तेल खरीदने को मजबूर हैं। हिमाचल प्रदेश में उपभोक्ताओं को डिपुओं में पिछले साल नवंबर महीने से सरसों के तेल का कोटा नहीं मिल रहा है। ऐसे उपभोक्ताओं को जनवरी महीने में तीन महीने के तेल का कोटा एक साथ मिलने की उम्मीद थी, जिसके लिए 4 जनवरी को तेल का टेंडर भी खुल गया था, जिसके बाद तेल का रेट अप्रूव करने का मामला सरकार को भेजा गया है, लेकिन अभी तक सरकार ने रेट अप्रूवल को लेकर अपनी मंजूरी नहीं दी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इन दिनों लोअर हिमाचल के प्रवास पर हैं। उनका 26 जनवरी तक शिमला लौटने का कार्यक्रम है। ऐसे में अब मुख्यमंत्री के लौटने के बाद ही तेल के रेट के अप्रूवल को लेकर फैसला लिया जा सकता है। वहीं, अगर सरकार रेट को अप्रूव भी करती है तो हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के होल सेल गोदामों में तेल की सप्लाई पहुंचने में 8 से 10 दिनों का समय लग सकता है। ऐसे में अब उपभोक्ताओं को फरवरी में ही सरसों के तेल का कोटा मिलने की संभावना है।
**यात्रा का उद्देश्य था छात्रों को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का अनुभव प्रदान करना मां ज्वाला शिक्षण संस्थान, ज्वालामुखी द्वारा हर वर्ष छात्र-छात्राओं के लिए एजुकेशनल ट्रिप का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष का ट्रिप मनाली के लिए था, जिसे संस्थान के निदेशक नवरत्न गुप्ता ने सफलतापूर्वक आयोजित किया। इस एजुकेशनल ट्रिप के दौरान, विद्यार्थियों को मनाली के प्रमुख स्थल जैसे मणिकरण गुरुद्वारा, माल रोड, हडिंबा मंदिर और सोलंग वैली का भ्रमण करवाया गया। साथ ही, इन ऐतिहासिक स्थलों के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी गई। विद्यार्थियों को इन स्थलों के इतिहास और सांस्कृतिक महत्व के बारे में जानकारी देने का उद्देश्य था ताकि उन्हें शिक्षा के साथ-साथ पर्यटन का भी अनुभव हो सके। यात्रा कौशल ट्रैवल द्वारा उपलब्ध बस में करवाई गई कौशल ट्रैवल के मलिक सचिन कौशल ने बताया कि वह स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए कम रेटों पर बस सुविधा उपलब्ध करवाते हैं ताकि बच्चे शिक्षा के साथ-साथ घूम फिर भी सके और स्थलों की जानकारी भी ले सके। इस मौके पर संवेदना शर्मा, प्रिया, स्मृति, अतुल, सचिन कौशल, रविंदर धीमान और विशाल शर्मा सहित अन्य लोग भी यात्रा में शामिल थे।
सांसद खेल महाकुंभ 3.0 क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन जटोली चाकरा ग्राउंड में प्रधान जी.पी कोलापुर विपन कुमार ने किया। इस अवसर पर युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष रमन शर्मा भी उपस्थित रहे। रमन शर्मा ने सांसद अनुराग ठाकुर का आभार व्यक्त किया, जिनकी पहल से यह सांसद खेल महाकुंभ संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि इस टूर्नामेंट के जरिए छोटे-छोटे गांवों के खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का सुनहरा अवसर मिल रहा है और युवाओं में खेलों में भागीदारी बढ़ रही है। मुख्य अतिथि विपन कुमार ने अपने संबोधन में युवाओं से नशे से दूर रहने और खेलों को प्रोत्साहित करने की अपील की। टूर्नामेंट का पहला मैच सरड वम्मी और कुहना के बीच खेला गया, जिसमें कुहना की टीम ने जीत हासिल की। इस मौके पर मंडल उपाध्यक्ष अनीश ठाकुर, उपाध्यक्ष मोंटी, जिला आईटी संयोजक शशांक मेहता, रोबिन, सेठू, संजीव, मनू और अन्य लोग उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज जिला कांगड़ा के अपने शीतकालीन प्रवास के दौरान कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र में 88.68 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली चार प्रमुख परियोजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने कांगड़ा की ग्राम पंचायत बीरता, घुरकड़ी, ललेहड़, मटौर, नटेहड़ आदि क्षेत्रों के लिए 60.12 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली सीवरेज स्कीम तथा 12.59 करोड़ रुपये की लागत से होने वाले देहरा अरला, गवला अंद्राड़, तरसूह, ललेहड़, बीरता, जोगीपुर, सेवकरा, नटेहड़ सड़क के सुधारीकरण कार्य का शिलान्यास किया। इसके अलावा उन्होंने 10 करोड़ 81 लाख रुपये की लागत से हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के 33/11 के.वी. विद्युत उपकेंद्र दौलतपुर तथा 5.16 करोड़ रुपये की लागत से इच्छी, मटौर, नंदेहड़, कोटकवाला, जमानाबाद, अब्दुल्लापुर, मिहालू, जोगीबला, सहौड़ा और गगल गांवों के लिए उठाऊ पेयजल योजना के संवर्धन कार्य की आधारशिला रखी।
जन भागीदारी अभियान" के तहत आज "टीबी मुक्त भारत अभियान" के एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन सेंट रुद्राक्ष कॉन्वेंट स्कूल, कथोली नगरोटा सुरियां में किया गया। इस कार्यक्रम में बच्चों को टीबी (क्षय रोग) के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई और टीबी मुक्त भारत के उद्देश्य के लिए शपथ दिलाई गई। इसके साथ ही बच्चों को नशे के दुष्प्रभावों और एचआईवी/एड्स के बारे में भी बताया गया। बच्चों ने इस अवसर पर 'एंड टीबी' का प्रतीक चिन्ह भी बनाया। नई दिशा केंद्र ज्वाली के काउन्सलर कृष्ण कुमार ने बच्चों से अपील करते हुए कहा कि यदि किसी बच्चें को नशे की लत लग चुकी हो, तो वे ज्वाली अस्पताल में उनकी काउंसलिंग करवा सकते हैं, जिससे उन्हें नशे की लत से मुक्ति मिल सके। प्रधानाचार्य मोनिका राणा ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम स्कूलों में निरंतर आयोजित किए जाने चाहिए, ताकि बच्चों को समय-समय पर महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जानकारी मिलती रहे और वे अपने जीवन में स्वस्थ विकल्प चुन सकें। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग से स्वास्थ्य पर्यवेक्षक सुभाष चंद, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक सुनीता देवी, एनडीके काउन्सलर कृष्ण कुमार, एसटीएस रूचि चौधरी, स्कूल की प्रधानाचार्य मोनिका राणा, समस्त स्कूल स्टाफ और बच्चे उपस्थित रहे।
हिमाचल में पंचायत चुनाव की आहट के साथ ही पंचायतों का पुनर्सीमांकन शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने कई पंचायतों के क्षेत्रों को नगर निकायों और परिषदों में मिलाने का काम शुरू कर दिया है। क्षेत्रों को निकायों में शामिल किए जाने से जहां पंचायतों का दायरा घटेगा, वहीं नई घोषित निकायों का दायरा बढ़ेगा। सरकार का मानना है कि हिमाचल में नई पंचायतों का भी गठन भी किया जाना है। इसको लेकर प्रस्ताव मांगे गए हैं। अब तक सरकार के पास 600 आवेदन आ चुके हैं। राज्य सरकार ने नगर निकायों में पंचायत के क्षेत्रों को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुछेक क्षेत्रों के लिए जनता से आपत्ति और सुझाव भी मांगे गए हैं। कइयों की अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। हालांकि पंचायतों के क्षेत्रों को निकायों में शामिल किए जाने का विरोध भी हो रहा है। इसमें तर्क दिया जा रहा है कि अगर परिषद और निकायों में पंचायतों के क्षेत्रों को शामिल किया जाता है तो लोगों को हाउस समेत अन्य तरह के टैक्स देने पड़ेंगे। ऐसे में लोग पंचायतों में ही रहने की मांग कर रहे हैं। नगर परिषद पांवटा साहिब में ग्राम पंचायत बदरीपुर, नगर पंचायत कुनिहार में कुनिहार, हाटकोट और कोठी, नगर पंचायत शिलाई में ग्राम पंचायत शिलाई व बेला, नगर परिषद हमीरपुर में भरनांग, सराहकड़, अणु, बजूरी, बल्ह, बरोहा, बस्सी - झनियारा, बहोनी, दडूही, धलोट, डुग्गा, ख्याह लोहाखरियां, मतिटिहिरा और सासन पंचायत के क्षेत्र शामिल हैं। नगर पंचायत सुन्नी में घरियाणा, जूणी और शकरोड़ी को शामिल किया गया है। वर्तमान हिमाचल में 3615 पंचायतें हैं। इससे पहले दिसंबर में पंचायतों के नुमाइंदों का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। इसी साल कभी भी पंचायतों को चुनाव हो सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय अपने संबद्ध निजी और सरकारी बीएड संस्थानों से बीएड का प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं को अपने ही परिसर में परीक्षा देने की सुविधा देगा। फरवरी से शुरू हो रही बीएड की परीक्षाओं में यह नई व्यवस्था शुरू की जा जाएगी। निजी बीएड कॉलेजों को अपने परिसर में परीक्षा केंद्र बनाने के लिए 50 हजार की फीस के साथ 27 जनवरी तक आवेदन करना होगा। विवि की इस नई व्यवस्था से इन 57 कॉलेजों से प्रशिक्षण ले रहे नए पुराने करीब 16 हजार प्रशिक्षुओं को राहत मिलेगी। लंबे समय से निजी कॉलेज और उनमें पढ़ने वाले प्रशिक्षु अपने परिसर में ही परीक्षा केंद्र बनाए जाने की मांग कर रहे थे। प्रशिक्षुओं का कहना था कि वे इतनी भारी भरकम फीस चुकाते हैं, बावजूद उन्हें अपनी परीक्षा देने के लिए अन्य कॉलेजों में जाना पड़ता है। इससे उन्हें परेशानी होती है। कॉलेजों और उनसे बीएड प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं की इस समस्या का विवि ने स्थायी समाधान कर दिया है। इस फैसले से विवि की भी परेशानी दूर हो गई है। विवि को राजधानी शिमला, कांगड़ा सहित अन्य जिलों के डिग्री कॉलेजों में परीक्षा केंद्र स्थापित करने में परेशानी पेश आती थी, कॉलेज इसकी अनुमति नहीं देते थे। अब निजी कॉलेजों में केंद्र बनाने में विवि कोई परेशानी नहीं आएगी। कॉलेजों को केंद्र बनाने के लिए अलग से दोगुनी फीस भी चुकानी होगी। अब तक विवि निजी कॉलेजों से 25 हजार फीस लेता था, जिसे विवि ने दोगुना कर दिया है। परिसर में परीक्षा केंद्र बनाए जाने की एवज में प्रशिक्षुओं से विवि कोई अलग से फीस नहीं लेगा, फीस को कॉलेजों को ही चुकाना होगा। विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल ने कहा कि प्रदेश भर में विवि से संबद्ध 57 बीएड कॉलेजों और उनमें पढ़ने वाले 16 हजार से अधिक परीक्षा देने वाले प्रशिक्षुओं को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि फरवरी से शुरू होने बीएड की परीक्षाओं के लिए अब तक 50 फीसदी कॉलेजों ने परीक्षा केंद्र बनाने के लिए मांगी गई फीस भी चुका दी है, 27 तक अन्य कॉलेजों को समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि निजी कॉलेजों में परीक्षा केंद्र स्थापित किए जाने पर परीक्षाएं विवि की सीधे निगरानी में की जाएंगी। इसके लिए अलग से स्टाफ मॉनिटर करने को लगाया जाएगा और उड़नदस्ते भी हर केंद्र पर नजर रखेंगे।
शिमला, सोलन और कांगड़ा में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर स्थापित होंगे। केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में पीपीपी मोड पर यह केंद्र स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक केंद्र में सालाना दो हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ) के अवर सचिव मृत्युंजय कुमार की ओर से इसे लेकर प्रदेश सरकार को पत्र भेजा गया है। देश में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने का निर्णय लिया है।15 वें वित्त आयोग के अधीन ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईडीटीआरएस) क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (आरडीटीसी) और ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (डीटीसी) की स्थापना के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यार्थियों को प्रमाणपत्र जारी करेंगे। जिनके पास ड्राइविंग सेंटरों से पास होने का प्रमाणपत्र होगा, उन्हें क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों पर रिफ्रेशर कोर्स भी करवाए जाएंगे। केंद्र व राज्यों में सरकारी वाहनों के ड्राइवरों के लिए इन केंद्रों से प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र लेना भी अनिवार्य करने का भी प्रस्ताव है। प्रदेश में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने की प्रक्रिया चल रही है। इन केंद्रों पर प्रशिक्षण लेने वालों को प्रमाण पत्र मिलेंगे और उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस बनाते समय ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना पड़ेगा। तीनों जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के लिए जल्द ही स्थान चयनित कर लिए जाएंगे।
कर्मचारियों से जुड़े संशोधन विधेयक पर अब राजभवन फैसला लेगा। सोमवार को हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक राजभवन पहुंचा। सरकारी कर्मचारियों से जुड़े संशोधन विधेयक पर अब राजभवन फैसला लेगा। सोमवार को हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक राजभवन पहुंचा। सरकार ने इसे विधानसभा के शीत सत्र में पारित करवाया था। इस विधेयक के लागू होने के बाद प्रदेश में कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल का वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। जब यह कानून के रूप में लागू होगा तो साल 2003 से यह व्यवस्था लागू होगी। इस विधेयक को लाने के पीछे एक प्रमुख चिंता राज्य पर पड़ने वाला संभावित वित्तीय बोझ है। अनुबंध सेवाकाल का लाभ देने से कर्मचारियों को न केवल अतिरिक्त संसाधनों का भारी आवंटन करना पड़ेगा, बल्कि पिछले 21 वर्षों से अधिक समय से वरिष्ठता सूची में भी संशोधन करना होगा। नए प्रावधान से कानून बनने के बाद कर्मचारियों को ज्वाइनिंग की तारीख से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेंगे। कर्मचारियों की वरिष्ठता उनके नियमित होने के बाद तय की जाएगी। अनुबंध सेवाकाल को इसमें नहीं जोड़ा जाएगा।