हिमाचल: भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की आज हिमाचल में 100वीं जयंती मनाई गई। इस मौके पर शिमला के रिज मैदान पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पूर्व प्रधानमंत्री की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी पर आधारित एक प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राज्यपाल शुक्ल ने कहा अटल ने पोखरण में परमाणु परीक्षण कर पूरे विश्व को संदेश दिया था कि भारत अपनी शक्ति के आगे दूसरे की जबरदस्ती की शक्ति को स्वीकार नहीं करेगा। हम शांति के दूत हैं लेकिन क्रांति निश्चित रूप से करना जानते हैं। यह अटल जी ने सिखाया था। आज हम उनको अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। इस मौके पर बीजेपी के अन्य नेता भी मौजूद रहे। उन्होंने देश की प्रगति में ऐसा काम किया जिसे आज हम उनकी जयंती पर सुशासन दिवस के रूप में मनाते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कुल्लू के ढालपुर में भी 100वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में बीजेपी ने अटल जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और उनके द्वारा भारत के विकास में किए गए कार्यों को याद किया गया। जिला कुल्लू भाजपा के अध्यक्ष अरविंद चंदेल ने बताया अटल जी द्वारा किए गए गए विकास कार्यों का आज आम जनता को लाभ मिल रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर हमीरपुर जिला के तहत समीरपुर में भी एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में भारत रत्न अटल जी को याद किया गया। इस मौके पर अपने संबोधन में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा यह जन्म अटल जी का शताब्दी वर्ष हैं। इसको लेकर पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। वाजपेयी जी ने अपने प्रधानमंत्री काल में जो कार्य देश के लिए किए हैं उनके लिए समस्त देशवासी उनके सदैव ऋणी रहेंगे। उन्होंने कहा कि विशेषकर प्रधानमंत्री सड़क योजना से हिमाचल जैसे पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों को सड़कों की सौगात मिली है। ऐसी सड़कों के निर्माण के लिए उन्हें सदैव याद किया जाएगा।
लाहौल-स्पीति: जिला के मुख्यालय लोअर केलांग में मंगलवार शाम एक दो मंजिला मकान में आग लग गई। यह मकान क्षेत्रीय अस्पताल के पास था। आग लगने के चलते मकान पूरी तरह से जल गया। वहीं, मकान के अंदर मौजूद 4 साल के बच्चे की आग की चपेट में आने से मौत हो गई। आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस आग लगने के कारणों की जांच कर रही है। जानकारी के मुताबिक इस दो मंजिला मकान में नेपाली मूल की दंपति अपने 4 साल के बेटे के साथ रहती थी। मकान में जब आग लगी तो नेपाली मूल का व्यक्ति भीम बहादुर अपनी पत्नी के साथ घर के बाहर था और उनका 4 साल का बेटा घर के अंदर मौजूद था। ऐसे में अचानक मकान ने आग पकड़ ली और घर के अंदर रखा सिलेंडर भी ब्लास्ट कर गया जिसके चलते आग एकाएक बढ़ गई। आग लगने की सूचना मिलते ही पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और सभी लोगों की मदद से आग पर काबू पाया गया। उसके बाद 4 साल के बच्चे की तलाश शुरू की गई लेकिन उसकी आग में जलने के चलते मौत हो गई थी। तहसीलदार केलांग, रमेश कुमार ने बताया, इस दो मंजिला भवन में चार कमरे थे और इसमें भीम बहादुर नाम का शख्स अपने परिवार के साथ किराये पर रहता था। मकान में हुए नुकसान का आंकलन 10 लाख रुपये से अधिक का है। अग्निकांड में चार साल के बच्चे की जलने से मौत हो गई है। अधिकारियों द्वारा मामले की जांच की जा रही है और आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है।
जसवां:परागपुर विधानसभा क्षेत्र के बूथ नंबर 104 के कुरियाल खेड़ा में भाजपा पन्ना प्रमुख मदन लाल शर्मा के घर पर कार्यकर्ताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष विनोद शर्मा ने कहा कि हम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाते हैं। उन्होंने कहा कि अटल जी एक महान नेता थे, जिन्हें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने हमेशा सम्मान दिया। उनके प्रधानमंत्री रहते हुए कई महत्वपूर्ण कार्य हुए, जिसमें सफल परमाणु परीक्षण भी शामिल है। वह केवल एक जन नेता ही नहीं, बल्कि एक शानदार वक्ता और कवि भी थे। कार्यकर्ताओं ने इस दिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाया। इस दौरान पूर्व बूथ अध्यक्ष रामकिशन शर्मा, बूथ अध्यक्ष शेषपाल शर्मा, प्रधान दोदु मुकेश शर्मा, उप प्रधान विनोद मेहता, बिट्टू कुमार, वर्षा, कुसुम लता, सुधा, रितिका, मीनू कुमारी, सागर शर्मा और मंडल अध्यक्ष परागपुर जॉन विनोद शर्मा आदि उपस्थित थे।
मंडी: हिमाचल की सर्द दोपहर में शॉल ओढ़े बैठी साकम्मा 20 साल बाद अपने घर जा रही है। अपने बच्चों के पास, जो करीब 20 साल पहले उसे मरा हुआ समझकर अंतिम संस्कार कर चुके थे। हिमाचल के मंडी से करीब 2000 किलोमीटर दूर कर्नाटक के अपने घर पहुंचने में साकम्मा को दो दशक लग गए। कहानी फिल्मी लगती है लेकिन रियल है। कई मुश्किलों और मजबूरियों के बीच साकम्मा की कहानी आपकी आंखे नम कर जाएगी। साकम्मा की कहानी की हैप्पी एडिंग की शुरुआत बीते 18 दिसंबर को हुई। जब एडीसी रोहित राठौर मंडी जिले के भंगरोटू स्थित एक वृद्धाश्रम में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। यहां उन्होंने साकम्मा नाम की महिला को देखा। पता चला कि वो कर्नाटक की रहने वाली हैं और हिंदी नहीं जानती हैं। उनकी मानसिक हालत भी कुछ ठीक नहीं थी, जिसके बाद एडीसी रोहित राठौर अन्य अफसरों के साथ साकम्मा को उनके घर पहुंचाने के मिशन में जुट गए। इसके बाद साकम्मा के साथ कन्नड़ में बात करने के लिए प्रदेश में तैनात कर्नाटक के अफसरों तक पहुंचने की कोशिश हुई। कर्नाटक की निवासी नेत्रा मैत्ती हिमाचल के कांगड़ा जिले में पालमपुर की एसडीएम हैं। फोन पर उनकी बात साकम्मा के साथ करवाई गई और उनके घर के बारे में जानकारी जुटाई गई। फिर मंडी जिले में ही तैनात आईपीएस प्रोबेशनर अधिकारी रवि नंदन को वृद्धाश्रम भेजकर साकम्मा के साथ बातचीत करवाई गई। महिला का वीडियो बनाकर कर्नाटक के अधिकारियों के साथ साझा किया गया। फिर हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक के अफसरों के प्रयास से साकम्मा के परिवार को ढूंढ लिया गया। साकम्मा कर्नाटक के जिला विजय नगर के गांव दनायाकनाकेरे की रहने वाली हैं।जिला उपायुक्त, मंडी अपूर्व देवगन ने बताया, समय-समय पर ओल्ड एज होम और अनाथाश्रम की इंस्पेक्शन की जाती है। हाल ही में अतिरिक्त उपायुक्त मंडी की ओर से भंगरोटू अनाथाश्रम का निरीक्षण किया गया। इस दौरान एक महिला से उनकी बात हुई जो कर्नाटक से हैं लेकिन उनके घर का पता नहीं चल पा रहा था। फिर जिला प्रशासन ने कर्नाटक के अफसरों के साथ मिलकर उन्हें घर पहुंचाया जा रहा है। परिवार के लोगों तक जब कर्नाटक के अफसर पहुंचे तो उन्होंने बताया कि करीब 20 साल पहले उन्हें मरा हुआ समझकर वो साकम्मा का अंतिम संस्कार कर चुके हैं। दरअसल उन्हें एक सड़क हादसे में महिला का शव मिला था, जिसे साकम्मा समझकर परिवार ने अंतिम संस्कार कर दिया था। साकम्मा के जिंदा होने की खबर सुनकर परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं है। स्मृतिका नेगी, एसडीएम, बल्ह ने बताया , ये महिला 20 साल से मिसिंग है और परिवार को लगा था कि इनकी मौत हो चुकी है। 20 साल के बाद साकम्मा का मिलना पुनर्जन्म जैसा ही है। ओल्ड एज होम से लेकर प्रशासन ने पूरा सपोर्ट किया है और हम साकम्मा को शुभकामनाएं देते हैं कि वो अब अपने परिवार के साथ खुश रहेंगी। साकम्मा को 20 साल पुरानी बातें ही याद हैं कि उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं, लेकिन अब उनके बच्चों की शादी हो चुकी है। साकम्मा के चार बच्चे थे जिनमें से तीन जीवित हैं। उनके दो बेटे और एक बेटी अपनी मां का इंतजार कर रहे हैं। साकम्मा भी जल्द अपने परिवार से मिलने वाली है। कर्नाटक सरकार के तीन अधिकारी उन्हें लेने के लिए हिमाचल पहुंचे हैं। कर्नाटक के सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग के ऑफिसर इस प्रयास के लिए हिमाचल सरकार के अफसरों की सराहना करते हैं। बस्वराज एनजी, कर्नाटक सरकार के अधिकारी ने अपनी सरकार की तरफ से हिमाचल सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा, हिमाचल के सभी अधिकारियों ने साकम्मा को उसके घर पहुंचाने के लिए हमारी बहुत मदद की है। आश्चर्य की बात है 20 साल बाद साकम्मा मिली है। साकम्मा के तीन बच्चे उसका कर्नाकट में इंतजार कर रहे हैं। परिवार के लोगों ने साकम्मा को मरा हुआ समझकर अंतिम संस्कार कर दिया था लेकिन साकम्मा जिंदा है। साकम्मा 20 साल बाद 24 दिसंबर को कर्नाकट से आए अधिकारियों के साथ अपने घर के लिए रवाना हो चुकी हैं चंडीगढ़ से साकम्मा हवाई मार्ग से कर्नाटक जाएगी। प्रशासन ने सभी कागजी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद साकम्मा को कर्नाटक से आए अधिकारियों के हवाले कर दिया था, जिसके बाद साकम्मा को लेकर अधिकारी चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए थे।
आउटसोर्स भर्तियों को लेकर नियमों की उड़ रहीं धज्जियों पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार की अस्थायी व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने सरकार से पूछा है कि क्या एक फिनाइल बेचने वाली कंपनी नर्सों की भर्ती कर सकती है। सरकार ने इसके लिए कोई भी पैरामीटर और नियम नहीं बनाए हैं। हाईकोर्ट में जेके इंटरप्राइजेज की ओर से कंपनी को किन मापदंडों के तहत काम दिया जाता है और क्या पारदर्शिता है, इस पर याचिका दायर की गई है। सरकार ने इस पर अपना जवाब दायर किया है, जिस पर अदालत ने नाराजगी जताई। इस मामले की सुनवाई 31 दिसंबर को होगी। कंपनी की ओर से आरोप लगाया गया है कि कॉरपोरेशन की ओर से 5 फीसदी कमीशन तय किया है, जिससे ढाई-ढाई फीसदी कॉरपोरेशन और कंपनियों को जाता है। इस वजह से कंपनियों का वित्तीय नीलामी का अधिकार छिन गया है। काॅरपोरेशन कंपनियों को एंपैनल करता है, उसके बाद विभाग कॉरपोरेशन को संस्तुतियां भेजता है। अगर 10 लोगों से कम लेबर का काम है तो रोटेशन के तहत कंपनियों को काम देते हैं। अगर उससे अधिक है तो कोई नियम नहीं हैं। उसके लिए तकनीकी नीलामी करते हैं। विभाग की ओर से अगर किसी कंपनी के नाम की सिफारिश की जाती है तो उसी को काम दिया जाता है। कॉरपोरेशन ने 36 कंपनियां चयनित की हैं, जिससे विभागों के काम आउटसोर्स किए जाते हैं। कॉरपोरेशन इनसे 50-50 हजार रुपये लेता है। हिमाचल प्रदेश में वित्तीय नियम 2009 के तहत आउटसोर्स प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसके तहत सलाहकार बोर्ड, रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस और अधिसूचना होनी चाहिए, जबकि हिमाचल प्रदेश कॉरपोरेशन इन सभी नियमों को दरकिनार कर आउटसोर्स भर्तियां कर रहा है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में आउटसोर्स भर्तियों पर लगाई गई रोक को हटाने के लिए सरकार की ओर से एक अर्जी दायर की गई है। महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि आउटसोर्स भर्तियों की प्रक्रिया के लिए कमेटी के गठन के निर्माण पर सरकार विचार कर रही है। प्रदेश सरकार इस कमेटी की देखरेख करेगी, जिससे भर्तियों की प्रक्रिया में पारदर्शिता होगी। सरकार की ओर से दायर अर्जी पर अब 31 दिसंबर को सुनवाई होगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सत्येन वैद्य की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। अदालत ने 7 नवंबर को इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन की ओर से विभागों में की जा रही सभी भर्तियों पर रोक लगा दी थी। खंडपीठ ने कंपनियों और उम्मीदवारों का सारा डाटा बेवसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता ने आराेप लगाए हैं कि प्रदेश में करीब 110 कंपनियां फर्जी पाई गई हैं। भर्तियों की प्रक्रिया के लिए कोई नियम नहीं बनाए गए हैं। केंद्र की पॉलिसी के तहत केवल चतुर्थ श्रेणी के पदों को ही आउटसोर्स किया जाता है, जबकि हिमाचल प्रदेश में तृतीय श्रेणी को भी आउटसोर्स पर किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में आउटसोर्स भर्तियों पर लगाई गई रोक को हटाने के लिए सरकार की ओर से एक अर्जी दायर की गई है। महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि आउटसोर्स भर्तियों की प्रक्रिया के लिए कमेटी के गठन के निर्माण पर सरकार विचार कर रही है। प्रदेश सरकार इस कमेटी की देखरेख करेगी, जिससे भर्तियों की प्रक्रिया में पारदर्शिता होगी। सरकार की ओर से दायर अर्जी पर अब 31 दिसंबर को सुनवाई होगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सत्येन वैद्य की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। अदालत ने 7 नवंबर को इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन की ओर से विभागों में की जा रही सभी भर्तियों पर रोक लगा दी थी। खंडपीठ ने कंपनियों और उम्मीदवारों का सारा डाटा बेवसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाए हैं कि प्रदेश में करीब 110 कंपनियां फर्जी पाई गई हैं। भर्तियों की प्रक्रिया के लिए कोई नियम नहीं बनाए गए हैं। केंद्र की पॉलिसी के तहत केवल चतुर्थ श्रेणी के पदों को ही आउटसोर्स किया जाता है, जबकि हिमाचल प्रदेश में तृतीय श्रेणी को भी आउटसोर्स पर किया जा रहा है।
जयसिंहपुर/ नरेंदर डोगरा: कंवर दुर्गा चंद राजकीय महाविद्यालय जयसिंहपुर में बीते कल महाविद्यालय की आपदा प्रबंधन समिति के द्वारा दो -दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें पहले दिन डी.डी. एम. ए. धर्मशाला की टीम को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया, जिसमें कॉर्डिनेटर हरजीत सिंह भुल्लर और उनकी टीम के दो सदस्य शामिल रहे। इस दो -दिवसीय कार्यशाला का संचालन आपदा प्रबंधन समिति के संयोजक प्रो. इंद्र कुमार के द्वारा किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्रों को आपदा प्रबंधन से सबंधित जानकारी प्रदान करना रहा, जिसमें एन एस एस के स्वयंसेवियों व अन्य छात्रों ने बढ़- चढ़ कर भाग लिया। प्रशिक्षक टीम ने छात्रों को विभिन्न प्रकार की आपदाओं के बारे में आधारभूत जानकारी प्रदान की व भूकंप, ज्वालामुखी, बाढ, आग इत्यादि के कारण व प्रभाव के बारे में विस्तार से समझाया। इसके साथ कुछ महत्वपूर्ण तकनीक जैसे सी पी आर देने के बारे में सिखाया। इसके अतिरिक्त कार्यशाला के दूसरे दिन एस डी आर एफ की टीम ने छात्रों को मॉक ड्रिल के माध्यम से आपदा के दौरान बचाव के उपायों के बारे में सिखाया। इस कार्यक्रम मे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. उपेन्द्र शर्मा बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे व उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें स्वयं को प्रत्येक आपदा के प्रति तैयार रखना है। इसके साथ ही प्राचार्य ने आपदा प्रबंधन समिति के संयोजक डॉक्टर इंद्र कुमार का धन्यवाद कर उन्हें बधाई दी।
** अगली तिथि 18 जनवरी को हुई निर्धारित... जयसिंहपुर/नरेंद्र डोगरा: विकास खंड लंबागांव के अंतर्गत बाल विकास अधिकारी रोहित थापा ने बताया कि भागेत्तर, मोलग और जुलापट्ट के आंगनवाड़ी केंद्रों के आंगनवाड़ी हेल्पर के पद के लिए 26-12 -2024 को होने वाले साक्षात्कार अगले महीने के लिए स्थगित कर दिया गए है। साक्षात्कार की अगली तिथि 18 जनवरी निर्धारित की है। उन्होंने बताया कि अगर कोई उक्त पदों के लिए आवेदन करना चाहता है तो वे 15 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा की जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र के गांव बाड़ी के अभिनव जमवाल ने एयरफोर्स में आल इंडिया में नंबर वन रैंक हासिल किया है, जोकि प्रदेश और जसवां के लिए एक गौरव की बात है। आपको बता दें कि अभिनव जमवाल ने तीनों सेनाओं के लिए क्वालीफ़ाई किया था, जिसमें उन्होंने एयरफ़ोर्स में पूरे देश में प्रथम स्थान हासिल किया और एयरफोर्स में अभी अधिकारी का पद ग्रहण करेगें।अभिनव के पिता नरेश जमवाल इंडियन नेवी में सूबेदार मेजर के रैंक पर हैं और इनके बड़े भाई आर्मी में मेजर है। वहीं अभिनव को एयरफोर्स में प्रथम स्थान मिलने पर समस्त जसवाल परिवार, संजय जसवाल, गंधर्व सिंह जसवाल, अविनाश जसवाल, कुलवंत सिंह, संसार सिंह, विरेंद्र, जगवंत, शिवराम सिंह, अश्वनी जसवाल , सुभाष, संजय, अजय, नानक, सुरजीत सिंह एवम समस्त जसवाल परिवार सहित सभी ने बधाई दी है।
राजकीय महाविद्यालय ढलियारा में राष्ट्रिय गणित दिवस के अवसर पर गणित विभाग द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन गणित विभाग के प्रो संजीव कुमार और प्रो प्रिया द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि यह दिन महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन को सम्मानित करता है, जिनका काम दुनिया भर के छात्रों और विद्वानों को प्रेरित करता है। उन्होंने संख्या सिद्धांत, निरंतर अंश और अनंत श्रृंखला में महान योगदान दिया 1 भौतिकी विभाग के प्रो संजीव जसवाल ने इस अवसर पर कहा कि गणित हमारे दैनिक जीवन का एक हिस्सा है। हम हर जगह गणित देख सकते हैं। गणित विभाग के विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम के दौरान भाषण प्रतियोगिता, पॉवर पॉइंट, प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस कार्यक्रम में डॉ. कपिल सूद, डॉ शगुन नाग, डॉ कुशमाक्षी, प्रो. राज कुमार परमार, डॉ आरती, प्रो भीष्म, प्रो. राजेश कुमार, प्रो वंदना राणा, प्रो शगुन आदि उपस्थित रहे।
** 683 बिजली लाइन भी ठप्प हिमाचल प्रदेश में हुई ताज़ा बर्फबारी के बाद जहां पर्यटक और बागवान खुश हैं वहीं लोगों की दिक्कतें भी बढ़ी हैं। बर्फबारी के बाद हिमाचल में 3 एनएच समेत 174 सड़कें यातायात के लिए बन्द हो गई हैं। जबकि 683 बिजली की लाइन बाधित हैं। शिमला में सबसे ज्यादा सड़कें बन्द हैं।प्रशासन सड़कें खोलने में जुटा हुआ है। हिमाचल सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा ने कहा कि पिछले 24 घंटों के दौरान बर्फ में फिसलन से हुए हादसों की वजह से चार लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि बर्फ़ में फंसे सभी पर्यटकों को निकाल लिया गया है। पर्यटकों से अपील की है कि बर्फ़ में वाहन न चलाएं। मौसम विभाग ने आज भी राज्य में बर्फ और बारिश की संभावना व्यक्त की है। मौसम विभाग ने 27 से 29 दिसम्बर को फ़िर से प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और मैदानी क्षेत्रों में बारिश की चेतावनी जारी की है। फिलहाल करीब तीन माह के सूखे के बाद अच्छी बारिश किसानों बागवानों सहित पर्यटन क्षेत्र के लिए खुशी की सौगात लेकर आई है।
** कहा, बर्फबारी से निपटने के लिए 268 मशीनें तैनात **लोक निर्माण मंत्री ने रिव्यू मीटिंग कर अधिकारियों को अलर्ट पर रहने का दिया आदेश हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी से सैंकड़ों सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। लोक निर्माण विभाग सड़कों को बहाल करने में जुटा हुआ है। शिमला में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विभाग की रिव्यू मीटिंग ली और अधिकारियों को अगले पांच दिनों तक अलर्ट मोड पर रहने के आदेश दिए हैं। लोक निर्माण विभाग ने कुल 268 मशीनें बर्फबारी से निपटने के तैनात की है जो सड़कों को खोलने में जुटी हुई हैं। अगर मौसम साफ रहता है तो अगले दो दिनों में सभी सड़कें खोल दी जाएगी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बर्फबारी से बागवानी और पर्यटक कारोबार को फायदा होगा। अगले पांच दिन भी प्रदेश के कुछ इलाकों में बर्फबारी की संभावना है जिसे देखते हुए अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के आदेश दिए गए हैं अगर छुटियां भी रद्द करनी पड़ी तो उसके लिए भी निर्देश दे दिए गए हैं।अगर मौसम साफ रहता है तो अगले दो दिन में सभी सड़कों को बहाल कर दिया जाएगा। रिव्यू मीटिंग में सड़कों के चल रहे निर्माण कार्य की भी रिपोर्ट ली गई है और अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। CRF के तहत 2024- 25 में हिमाचल प्रदेश को 110 करोड़ की स्वीकृति आई है।
** जांच में जुटी पुलिस... कांगड़ा जिले के ज्वाली क्षेत्र में पुलिस ने बीती रात हरिया पुल पर एक निजी स्कूल की बस से 29 पेटी देसी शराब बरामद की। पुलिस ने इस मामले में दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया है। एसपी नूरपुर अशोक रत्न ने मंगलवार को जानकारी दी कि नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत पुलिस ने बस को रोककर तलाशी ली। तलाशी के दौरान बस में शराब की पेटियां मिलीं। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बस के साथ मौजूद दोनों व्यक्तियों, बंटी और रमन निवासी समकेहड़, तहसील जवाली को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है।
शिमला: न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभालेंगे। इस संदर्भ में सोमवार 23 दिसंबर को अधिसूचना जारी कर दी गई है। मौजूदा समय में हिमाचल से ही संबंध रखने वाले न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पदभार संभाल रहे थे। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सेवारत थे। संभावना है कि न्यायमूर्ति संधवालिया इसी हफ्ते अपना कार्यभार संभालेंगे। सोमवार को केंद्र सरकार में जॉइंट सेक्रेटरी रैंक के अधिकारी जगन्नाथ श्रीनिवासन की ओर से न्यायमूर्ति संधवालिया की नियुक्ति संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गई। उल्लेखनीय है कि पूर्व में इसी साल जुलाई की 11 तारीख को न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया का नाम मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के सीजे के तौर पर अनुशंसित किया गया था। अब वे हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में कार्यभार संभालेंगे। इससे पहले 19 अक्टूबर 2024 को न्यायमूर्ति राजीव शकधर हिमाचल हाईकोर्ट से रिटायर हुए थे। उनकी रिटायरमेंट के बाद से न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पद पर सेवाएं दे रहे थे। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया ने वर्ष 1986 में चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की फिर वर्ष 1989 में उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। लॉ की डिग्री हासिल करने के बाद वे पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल में एडवोकेट के रूप में सक्रिय हुए। उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया के पिता वर्ष 1978 और वर्ष 1983 के दरम्यान पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। फिर वर्ष 1983 से 1987 तक उन्होंने पटना में हाईकोर्ट में सेवाएं दीं। फिलहाल, हिमाचल हाईकोर्ट में सेवारत न्यायधीशों की बात करें तो अभी न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर, न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल, न्यायमूर्ति संदीप शर्मा, न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ, न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य, न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा, न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह, न्यायमूर्ति रंजन शर्मा, न्यायमूर्ति बीसी नेगी व न्यायमूर्ति राकेश कैंथला का नाम आता है। न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया के पदभार संभालने के बाद अब हिमाचल हाईकोर्ट में सीजे सहित 12 जज हो जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य के जलशक्ति विभाग के पांच पैरा पंप ऑपरेटर्स की नियुक्ति को रद्द कर दिया है। मामले पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पाया कि उपरोक्त पांच पैरा पंप ऑपरेटर्स ने जो अनुभव प्रमाण पत्र यानी एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट सबमटि किए थे। वे विज्ञापन के अनुसार निर्धारित प्राधिकारी की तरफ से जारी नहीं किए गए थे। अदालत ने इन पंप ऑपरेटरों की नियुक्ति को रद्द करने के साथ ही जल शक्ति विभाग को निर्देश दिया कि वे सभी उम्मीदवारों की योग्यता का पुनर्मूल्यांकन करे। विभाग को आदेश जारी किए गए कि वह आवेदकों द्वारा प्रस्तुत संबंधित कार्यकारी अभियंता की ओर से जारी किए गए अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर यह पुनर्मूल्यांकन करें। हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने याचिकाकर्ता राकेश कुमार की याचिका को मंजूर करते हुए उपरोक्त आदेश जारी किए। अदालत ने आदेश दिए हैं कि इन पांच निजी प्रतिवादियों की नियुक्ति को रद्द किए जाने के कारण खाली होने वाले पदों पर योग्य उम्मीदवारों को योग्यता के आधार पर तैनाती दी जाए। राज्य के जलशक्ति विभाग ने पात्र अभ्यर्थियों से पैरा पंप ऑपरेटर्स के पदों के लिए आवेदन मांगे थे। विज्ञापन में ये स्पष्ट किया गया था कि यदि कोई अभ्यर्थी जल शक्ति विभाग, हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों आदि में या राज्य जल शक्ति विभाग में सेवा देने वाली आउटसोर्सिंग एजेंसी के संबंधित क्षेत्र में अनुभव प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेगा, तो केवल कार्यकारी अभियंता द्वारा जारी प्रमाण-पत्र को ही वैध माना जाएगा। याचिकाकर्ता राकेश कुमार के साथ-साथ पांच निजी प्रतिवादियों और अन्य ने चयन प्रक्रिया में भाग लिया था। विभाग की तरफ से जारी मेरिट लिस्ट के अनुसार अदालत को सूचित किया गया कि कुछ अभ्यर्थियों को नियुक्ति की पेशकश की गई थी। याचिकाकर्ता का नाम प्रतीक्षा सूची में क्रम संख्या एक पर था। निजी प्रतिवादियों की नियुक्ति को याचिकाकर्ता राकेश ने यह कहते हुए चुनौती दी थी कि निजी प्रतिवादियों को अनुभव के शीर्षक के तहत गलत तरीके से दो अंक दिए गए हैं, क्योंकि निजी प्रतिवादियों के अनुभव के संबंध में प्रस्तुत प्रमाण पत्र विज्ञापन में निर्धारित प्राधिकारी द्वारा जारी नहीं किए गए थे। कोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड को देखने के बाद पाया कि 5 पैरा पंप ऑपरेटरों ने जो अनुभव प्रमाण पत्र पेश किए और जिनके आधार पर उन्हें अनुभव के अंक देकर चुना गया, वे वास्तव में विज्ञापन के अनुसार निर्धारित प्राधिकारी द्वारा जारी नहीं किए गए थे। इस पर ही हाईकोर्ट ने ये नियुक्तियां रद्द की हैं।
हिमाचल प्रदेश में एलोपैथी डॉक्टरों को सुक्खू सरकार ने बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए अध्ययन अवकाश अवधि (Study Leave Period) के दौरान एलोपैथी डॉक्टरों को शत-प्रतिशत वेतन देने का फैसला लिया है। स्टडी लीव पीरियड के दौरान एलोपैथी डॉक्टरों को ऑन ड्यूटी माना जाएगा। इससे पहले, स्टडी लीव पीरियड के दौरान एलोपैथी डॉक्टरों को वेतन का 40 प्रतिशत वेतन दिया जाता था। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार पहले से ही अध्ययन अवकाश अर्जित कर रहे पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए अध्ययनरत होम्योपैथी डॉक्टरों को पूरा वेतन प्रदान कर रही है। इसी तर्ज पर सरकार ने अब एलोपैथी डॉक्टरों के लिए भी इस नीति को अपनाने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार राज्य में गुणवत्तापूर्ण मेडिकल सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, हिमाचल प्रदेश में पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल स्टूडेंट, शैक्षणिक प्रतिबद्धताओं के साथ-साथ मरीजों की चिकित्सा दायित्व में सामंजस्य स्थापित कर काम करते हैं। यह उनके मेडिकल फील्ड में स्पेशलाइजेशन और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार स्टडी लीव पीरियड के दौरान डॉक्टरों को पूरा वेतन देकर उनकी कार्यशैली में गुणवत्ता सुनिश्चित कर रही है, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया हो। सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार का ये फैसला प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और सुदृढ़ बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
** जानें क्या थी 'नो डिटेंशन पॉलिसी' केंद्र सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में एक बड़े बदलाव का ऐलान किया है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अब कक्षा पांच और आठ में भी बच्चों को फेल किया जाएगा। कक्षा पांच और 8 की वार्षिक परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाएगा। अगर इसमें भी असफल रहते हैं तो उन्हें फेल कर दिया जाएगा और दोबारा उसी कक्षा में पढ़ना पड़ेगा। अभी तक आठवीं कक्षा तक बच्चों को फेल नहीं करने का प्रावधान था। साल 2010-11 से 8वीं कक्षा तक परीक्षा में फेल होने के प्रावधान पर रोक लगा दी गई थी। मतलब यह कि बच्चों के फेल होने के बावजूद अगली क्लास में प्रमोट कर दिया जाता था, लेकिन इससे देखा गया कि शिक्षा के लेवल पर धीरे धीरे गिरावट आने लगी, जिसका असर 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं पर पड़ने लगा। काफी लंबे समय से इस मामले पर विचार विमर्श के बाद नियमों में बदलाव कर दिया गया। केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने इसके संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। अधिसूचना में कहा गया है कि अगर स्टूडेंट परीक्षा में फेल होता है तो उसे 2 महीने के अंदर दोबारा परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा लेकिन उसमें भी असफल होने पर अगली क्लास में प्रमोट नहीं किया जाएगा, लेकिन इस दौरान फिर फेल होने वाले छात्र को सुधार का मौका दिया जाएगा। टीचर उस फेल होने वाले स्टूडेंट पर खास ध्यान देंगे साथ ही समय-समय पर पेरेंट्स को भी गाइड करेंगे। नो डिटेंशन पॉलिसी शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की एक अहम नीति थी। इस नीति के तहत कक्षा पांच और आठ के बच्चों को वार्षिक परीक्षा में फेल नहीं किया जाता था। इस नीति के तहत, सभी छात्र पारंपरिक परीक्षाओं का सामना किए बिना अपने आप अगली कक्षा में प्रमोट हो जाते थे। यह नीति बच्चों के सतत और व्यापक मूल्यांकन पर जोर देती थी।
** कसौली में 90, शिमला में 80, मनाली में 70 फीसदी होटल पैक शिमला में होटलों की ऑक्यूपेंसी 80, जबकि मनाली और धर्मशाला में 70 फीसदी तक क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटकों ने हिमाचल प्रदेश का रुख करना शुरू कर दिया है। इस वीकेंड से ही शिमला, मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, कुफरी, नारकंडा और कसौली सैलानियों से पैक हो गए हैं। शिमला में होटलों की ऑक्यूपेंसी 80, जबकि मनाली और धर्मशाला में 70 फीसदी तक पहुंच गई है। वीकेंड पर कसौली में 90 फीसदी तक होटलों के कमरे पैक रहे। मौसम विभाग की ओर से प्रदेश 27 और 28 दिसंबर को प्रदेश में बर्फबारी के पूर्वानुमान के बाद सैलानियों की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों से सैलानी क्रिसमस और न्यू ईयर मनाने के लिए हिमाचल के पर्यटन स्थलों का रुख कर रहे हैं। अन्य पर्यटन स्थलों पर भी सैलानियों की भीड़ उमड़ रही है। राजधानी शिमला में सैलानियों की भीड़ बढ़ते ही ट्रैफिक जाम की समस्या गहरा गई है। बीते दो दिनों से शहर के कार्ट रोड पर लंबा ट्रैफिक जाम लग रहा है। रोहतांग में बर्फबारी के बाद मनाली में भी सैलानियों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। सैलानियों की भीड़ बढ़ने से पर्यटन कारोबारी खासे उत्साहित हैं। उधर, शिमला के रिज मैदान पर पहली बार 24 दिसंबर से विंटर कार्निवल का आयोजन हो रहा है। पहली बार यहां विंटर क्वीन भी चुनी जाएगी। सैलानियों के अलावा स्थानीय लोग भी कार्निवाल को लेकर खासे उत्साहित हैं। ऑफ हिमाचल होटल एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि क्रिसमस से पहले ही वीकेंड पर बड़ी संख्या में सैलानी प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर पहुंचने शुरू हो गए हैं। जनवरी के पहले सप्ताह तक सैलानियों की रौनक बनी रहने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने बर्फबारी का भी पूर्वानुमान जारी किया है। अगर अच्छी बर्फबारी होती है तो न्यू ईयर बनाने रिकाॅर्ड सैलानी हिमाचल पहुंचेंगे।
केंद्र सरकार ने हिमाचल सरकार को पत्र लिखकर कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू करने को कहा है। अगर ऐसा किया जाता है तो केंद्र सरकार हिमाचल को 1600 करोड़ रुपये की विशेष सहायता देगी। केंद्र की ओर से जारी पत्र के अनुसार वर्ष 2022-23 और 2023-24 में अनुबंध पर नियुक्त सरकारी कर्मचारियों को यूपीएस में लाने से फायदा होगा। हालांकि, राज्य सरकार ने पत्र को लेकर अभी कोई जवाब नहीं दिया है। यह उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने हिमाचल में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की है। केंद्र ने हिमाचल के 9,000 करोड़ रुपये देने हैं। यह राशि एनपीएस कर्मियों का केंद्र के पास जमा हिस्सा है। राज्य सरकार लगातार मामले को केंद्र के समक्ष उठा रही है। अभी यह बजट नहीं मिला है। राज्य सरकार का मानना है कि हिमाचल में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के लिए केंद्र ने राज्य के लिए आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। लोन लेने की लिमिट 6600 करोड़ तय की गई है। यही नहीं, बाहरी सहायता प्राप्त एजेंसियों के माध्यम से आर्थिक सहायता के नए प्रस्तावों के लिए भी सीमा तय की गई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के अंत तक हिमाचल केवल 2,944 करोड़ रुपए तक के प्रस्तावों की मंजूरी के लिए पात्र होगा। राज्य सरकार ने चुनावी गांरटी को पूरा करते हुए 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल की है। अब देखना यह है कि अब राज्य सरकार नए अनुबंध कर्मचारियों को यूपीएस के तहत लाने का निर्णय करती है या फिर उन्हें पुरानी पेंशन ही दी जाएगी।
** रोहतांग दर्रा के साथ ऊंची चोटियों पर बर्फबारी शुरू हिमाचल प्रदेश में मौसम ने करवट बदल ली है। सोमवार सुबह से रोहतांग दर्रा के साथ ऊंची चोटियों में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है। रोहतांग में 10 सेंटीमीटर तक ताजा बर्फबारी रिकार्ड की गई है। मौसम में आए बदलाव से कुल्लू व लाहौल प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। वहीं, राजधानी शिमला में भी बर्फ के फाहे गिर रहे हैं। बर्फबारी होता देख पर्यटकों में खुशी की लहर है, क्योंकि पर्यटक मन में बर्फबारी के दीदार की इच्छा लिए ही हिमाचल पहुंचते हैं। सैलानियों को बर्फ वाले इलाकों में न जाने की हिदायत दी है। वहीं, क्रिसमस व नए साल के जश्न के लिए बड़ी संख्या में सैलानियों ने कुल्लू-मनाली का रुख कर दिया है। रविवार को भी अटल टनल रोहतांग से 11,322 वाहन आर-पार हुए हैं। बर्फबारी से पर्यटकों व पर्यटन कारोबारियों को व्हाइट क्रिससम की उम्मीद जगी है। मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल में आज और कल ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात हो सकता है। निचले इलाकों में भीषण शीतलहर से लोगों को जूझना पड़ेगा। वहीं, 27 दिसंबर को पूरे प्रदेश में बारिश और कई इलाकों में बर्फबारी होने के आसार हैं। प्रदेश में अगले छह दिनों तक शीतलहर जारी रहेगी। मैदानी इलाकों में 24 और 25 को घने कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है। मंडी, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और चंबा के कई इलाकों में पारा शून्य से नीचे पहुंच गया है। सोमवार को ताबो में माइनस 10.2 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया है। ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर में भी कोहरे के चलते जनजीवन प्रभावित हो रहा है। कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
धर्मशाला हिमाचल प्रदेश में आजकल हिमाचल के मौसम का आनंद लेने के लिए बॉलिवुड से मनीष मिश्रा और भानु सूर्यम ठाकुर आएं है, भानु सूर्यम ठाकुर धर्मशाला के डडीयाला कॉलोनी धडम के रहने वाले हैं । भानू सूर्यम ठाकुर ने कई सीरियल और वेब सीरीज में काम किया है जिसमे "तारक मेहता का उल्टा चश्मा" व "अनुपमा" जैसी हैं इन्होंने बताया कि जैसे लोग हमे इतना आसान टीवी में देखते हैं उसका शूट टाईम उतना ही कठिन होता है और कभी कभी तो बिना कुछ खाए काम करना पड़ता है साथ में यह भी बताया कि अगर लगन हो तो मंज़िल मिल ही जाती हैं। उनके साथ आएबॉलिवुड एक्टर मनीष मिश्रा भी काफ़ी विज्ञापन में और कई सीरियल, तथा वेब सीरीज में काम कर रहें हैं, मनीष मिश्रा मशहुर कॉमेडियन मनमोजी के बेटे हैं आपको बता दें मनमौजी जी ने 1000 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है और इनको लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में उनका नाम हैं, उनका अभिनय हर फिल्म में अलग होता था। भानु सूर्यम ठाकुर और मनीष मिश्रा ने कलाकार लाइव से बात करके बताया कि आने वाले समय में बहुत ही बढ़िया प्रोग्राम सबके लिए लेकर आ रहे हैं तथा हिमाचल प्रदेश में भी बहुत अच्छे कलाकार हैं तो यहां पर भी हॉलीवुड होना चाहिए साथ में सभी नए नए कलाकारों को अच्छे सुझाव दिए। इस मौके पर मुनीष भाटिया, मनमोहन जैसवाल, राजकुमार डोगरा, मनीष शामिल थे।
जयसिंहपुर/ नरेंद्र डोगरा: जयसिंहपुर के पास गदियाड़ा के रहने वाले उभरते पहाड़ी गायक अमित मितू के गाए गाने 'तेरा मेरा ब्याह' को लोग बहुत पसंद कर रहे हैं। यह गाना यूट्यूब पर सिर्फ 15 दिनों में ही तीन लाख बार देखा गया है।अमित मितू का इससे पहले का गाना 'सोहणा सुणखा' भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था। अब 'तेरा मेरा ब्याह' भी दर्शकों का दिल जीत रहा है। इस गाने के बोल विनोद कुमार ने लिखे हैं और संगीत अंकित आशीष ने दिया है। यह गाना त्रिनेत्रा हाउस के बैनर तले बनाया गया है, जिसके निर्माता भरस भूरिया हैं।गाने में अमित मितू और माही ने मुख्य भूमिका निभाई है। बचपन से ही गाने के शौक़ीन अमित मितू अब अपने इस सपने को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने अपने चाहने वालों का तहे दिल से धन्यवाद किया और उम्मीद जताई कि आगे भी उन्हें इसी तरह का प्यार और आशीर्वाद मिलता रहेगा।
** स्थानीय लोगों ने कहा, नगर पंचायत के टैक्स भरना उनके लिए हो रहा हैं मुश्किल नगर पंचायत ज्वाली के वार्ड नंबर-2 मकड़ाहन के निवासियों ने मंगल सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की। इस बैठक में वार्ड के लोगों ने मांग की कि उनके इलाके को नगर पंचायत ज्वाली से बाहर कर दिया जाए। मंगल सिंह ने कहा कि यह वार्ड गरीब परिवारों का है, जहां अधिकांश लोग दिहाड़ी मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। ऐसे में नगर पंचायत के टैक्स भरना उनके लिए मुश्किल हो रहा है। उन्होंने बताया कि अब पानी के नलकों पर भी मीटर लगाकर टैक्स वसूला जा रहा है, बिजली पहले ही महंगी है, और अब हाउस टैक्स भी लगाया जा रहा है। साथ ही, कूड़ा उठाने के लिए भी अलग से शुल्क लिया जाता है। इन सभी कारणों से लोग आर्थिक रूप से परेशान हैं। वार्ड के निवासियों ने मुख्यमंत्री सुक्खू और कृषि मंत्री चंद्र कुमार से अपील की है कि उन्हें नगर पंचायत से बाहर करके ग्राम पंचायत में शामिल किया जाए, ताकि टैक्सों के बोझ से राहत मिल सके। इस बैठक में सैकड़ों लोग मौजूद थे और उन्होंने नगर पंचायत के खिलाफ नाराजगी जाहिर की।
हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश में यूथ कांग्रेस अध्यक्षों के चुनाव ऑनलाइन करवाए थे। फतेहपुर विधानसभा से इस चुनाव में 6 प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन इनमें से कृष्ण पठानिया का नाम रिजल्ट सूची में नहीं दिखा।इस पर कृष्ण पठानिया और फतेहपुर के पूर्व यूथ कांग्रेस अध्यक्ष विवेक पधेडिया ने मीडिया के माध्यम से मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि फतेहपुर यूथ कांग्रेस के रिजल्ट में गड़बड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि यह किसी तकनीकी गलती का मामला हो सकता है या फिर एक बड़ा षड्यंत्र भी।कृष्ण पठानिया और विवेक पधेडिया का कहना है कि उन्होंने फतेहपुर में 5500 युवाओं की यूथ कांग्रेस में मेंबरशिप करवाई है, और उनके पास इसका पूरा ऑनलाइन डेटा मौजूद है। बावजूद इसके, रिजल्ट सूची से कृष्ण पठानिया का नाम गायब होना चौंकाने वाली बात है।उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसा कैसे हो सकता है कि मैदान में उतरा प्रत्याशी खुद को भी वोट न दे? उन्होंने यूथ कांग्रेस के हाईकमान से मांग की है कि रिजल्ट प्रक्रिया की दोबारा जांच कराई जाए और गड़बड़ी की सच्चाई को सार्वजनिक किया जाए।
** कहा, लोगों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने को प्रदेश सरकार वचनबद्ध हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों में सभी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए लगातार काम कर रही है। सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और लोगों को बेहतर और आधुनिक सुविधाएं देने के लिए इस बार के बजट में 3,415 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने कांगड़ा जिले के सिविल अस्पताल फतेहपुर, ज्वाली, नूरपुर और इंदौरा के दौरे के दौरान दी। उन्होंने इन अस्पतालों का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि हर विधानसभा क्षेत्र में एक आदर्श स्वास्थ्य संस्थान स्थापित किया जा रहा है। राज्य में कुल 68 आदर्श स्वास्थ्य संस्थान बनाए जाएंगे, जिनमें से 45 पहले ही तैयार हो चुके हैं। इन संस्थानों में विश्वस्तरीय सुविधाएं दी जाएंगी और 6 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि फतेहपुर अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति जल्द की जाएगी।
** इजरायल के बागबानी विशेषज्ञों ने किया भूमि का निरीक्षण उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि शाहपुर में उद्यान विभाग का सेंटर आॅफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा ताकि बागबानों को लाभांवित किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बागबानी को बढ़ावा देने के लिए हसंभव मदद कर रही है तथा इसी दिशा में बागबानों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। रविवार को फल संतति एवं प्रर्दशन स्थल, शाहपुर में उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया तथा उद्यान विभाग हिमाचल प्रदेश भारत सरकार के अधिकारियों व इजरायली बागवानी विशेषज्ञों ने शाहपुर में उद्यान विभाग के सेंटर आॅफ एक्सीलेंस के लिए जमीन का संयुक्त निरीक्षण किया गया। उद्यान विभाग की तरफ से डा० विद्याप्रकाश बैस, संयुक्त निदेशक उद्यान (मध्य जोन, मण्डी), डा. कमनशील नेगी (उपनिदेशक उद्यान, डा. रितेश शर्मा (विषय वस्त्र विशेषज्ञ, रैत), डाः नीरज शर्मा (विषय वस्तु विशेषज्ञ सुलह) डा० अनित ( विषय वस्तु विशेषज्ञ, धर्मपुर) एवं डा० सुनीत शर्मा उद्यान विकास अधिकारी, विकास खण्ड भारत सरकार की तरफ से भी आदित्य प्रताप यादव, अवर मलिन, एम० आई० डी० ए०, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार व इजरायली वागवानी विशेषज्ञों में उरी कविस्टन व ही यूवल एतयार उपस्थित थे। इस दौरान उपसचेतक केवल सिंह पठानिया ने भारत सरकार के अधिकारियों तथा इजरायली बागवानी विशेषज्ञों को इस केन्द्र को शाहपुर में बनाने के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। उपनिदेशक बागबानी कमल शील नेगी ने कहा कि इजरायली बागवानी विशेषज्ञों द्वारा शाहपुर में भूमि का करने के उपरांत बताया कि यहाँ की भूमि व जलवायु नीम्बू प्रजातीय फलों की नर्सरी व उसके प्रर्दशन केन्द्र बनाने के लिए उपयुक्त है। इस दौरान कुछ और मानकों की सूचना उपलब्ध करवाने के लिए कहा है ताकि रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जा सके।
जयसिंहपुर/ नरेंद्र डोगरा : विकास खंड लंबागांव के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत कोटलू के गांव कुहाला सड़क के साथ बने शिव व हनुमान मंदिर में लोअर लंबागांव मोटिवेशन फिटनेस क्लब के अध्यक्ष विकास राणा व क्लब के सदस्य रिशू मैहरा , कमल , शिवम सूद , अर्पित सूद , लाकेश कटौच , विवान, अगस्तया, ने मंदिर में सोलर लाइट लगाई। बता दे कि काफ़ी वर्षो से इस मंदिर वाली जगह मे शाम ढलते ही काफ़ी अंधेरा हो जाता था, शाम के समय मंदिर मे पूजा अर्चना करने वाले भक्तजनों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था और साथ में सड़क पर पैदल चलने वाले राहगीरों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। अब मंदिर मे सोलर लाइट लगने से मंदिर में पूजा अर्चना करने वाले भक्तजनों को व सड़क पर पैदल चलने वाले राहगीरों को समस्या नहीं होगी।
जी.ए.वी. वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल सल्याणा का 101वां वार्षिक पारितोषिक समारोह पंचरुखी के प्रमुख व्यवसायी और स्कूल के पूर्व छात्र सुरेंद्र कुमार शर्मा की मुख्य अतिथि के रूप में और सेवानिवृत्त जॉइंट डायरेक्टर हृदयपाल सिंह की विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थिति से शानदार बना। कार्यक्रम की शुरुआत दीप जलाकर की गई। संस्था के अध्यक्ष डॉ० अश्वनी कुमार ने मुख्य अतिथि व उपस्थित लोगों स्वागत किया और संस्था की 100 वर्ष की शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर सेवा विस्तार की अपील की। इस उपलक्ष पर बच्चों ने अपनी प्रतिभा को दर्शाते हुए ऊर्जावान सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिया, जिसमें स्कूल के लगभग सभी बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित की गई। डॉ० हृदयपाल सिंह जो इस स्कूल के पुराने छात्र हैं उन्होंने भी पुरानी यादों को तरोताजा करते हुए एक मेधावी छात्र को भविष्य में फीस और जब भी संस्था उन्हें जो जिम्मेदारी देगी उसको निभाने का भरोसा देते हुए उन्होंने इस संस्था के सभी पुराने छात्रों के सहयोग से पुराना गौरव प्रदान करने के लिए प्रयासरत रहेंगे। सुरेंद्र शर्मा बतौर मुख्य अतिथि ने बच्चों को कड़ी मेहनत अनुशासन और पक्का इरादा अपनाने की सलाह दी। पूर्व छात्र होने के नाते उन्होंने भविष्य में ओल्ड स्टूडेंट एसोसिएशन बनाने का सुझाव दिया ताकि स्कूल उनके अनुभव से दोबारा अपना पुराना गौरव प्राप्त कर सके। उन्होंने अपनी नेक कमाई से ₹50000/- नगद राशि भी दी और भविष्य में हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया। संस्था के पूर्व प्रधानाचार्य संतोष शर्मा जिन्होंने स्कूल की निशुल्क सेवाएं 10 वर्ष की अवधि तक दी। उन्होंने आए हुए प्रबंधन कमेटी के सदस्य डॉक्टर अशोक, रमेश व्यास, सुरेंद्र बेदवा, प्रेम व्यास, रमेश सोनी व अभिभावकों, अन्य व्यक्तियों का धन्यवाद किया और स्कूल के लिए सहयोग की अपील की। अंत में जिला परिषद अध्यक्ष संतोष शर्मा ने ₹11000/-देकर बच्चों का हौसला बढ़ाया।
मोहाली के सोहाना में शनिवार शाम को एक चार मंजिला इमारत गिर गई। इमारत के गिरते ही वहां अफरा-तफरी मच गई। कड़ी मशक्कत के बाद एनडीआरएफ की टीम ने एक महिला का शव मलबे के नीचे से निकाला। वहीं रविवार सुबह एक पुरुष का शव बरामद किया गया। मृतक की पहचान अंबाला के रहने वाले अभिषेक धनवाल के रूप में हुई है। भारतीय सेना और एनडीआरएफ के जवान बचाव अभियान में जुटे हैं। सेना के अनुसार, अभी मलबे में दो और शव दबे होने की संभावना है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार इमारत के साथ दूसरी इमारत की बेसमेंट का काम चल रहा था। बेसमेंट के लिए खुदाई की गई है। खुदाई किए जाने की वजह से इमारत की नींव हिल गई, जिससे बिल्डिंग भरभराकर गिर गई। इमारत में जिम खोले गए थे। बताया जा रहा है कि मलबे के नीचे 10 से 15 लोगों के दबे होने की सूचना है। वहीं घटना की सूचना मिलते ही पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव भी घटना स्थल पर पहुंचे हैं। वह स्थिति का जायजा ले रहे हैं। एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। मौके पर लोगों की खासी भीड़ लग गई है। पुलिस की तरफ से लोगों को आगे जाने से रोका गया है। घटना की सूचना मिलते ही मोहाली के विधायक कुलवंत सिंह भी घटना स्थल पर पहुंचे हैं। कुलवंत सिंह का कहना है कि अभी राहत व बचाव का कार्य चल रहा है। एनडीआरएफ की टीमों को बुलाया गया है। वहीं पुलिस प्रशासन की तरफ से भी बचाव कार्य चलाया जा रहा है। घटना स्थल पर जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाया जा रहा है। साहिबजादा अजीत सिंह नगर (मोहाली) के सोहाना के पास एक बहुमंजिला इमारत के हादसे का दुखद समाचार मिला है। पूरा प्रशासन और अन्य बचाव कार्यों वाली टीमें मौके पर तैनात हैं। मैं प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हूं। प्रार्थना करते हैं कि कोई जान-माल का नुकसान ना हुआ हो, दोषियों पर कार्रवाई भी करेंगे। लोगों से अपील है कि प्रशासन का सहयोग करें।
हिमाचल में प्रचंड ठंड पड़ रही है। ताबों में माइनस 14 डिग्री के साथ प्रदेश के पांच जिलों में पारा शून्य से नीचे चला गया है। मैदानी इलाकों में घना कोहरा पड़ रहा है। कोहरे के चलते कुल्लू में शनिवार को तीसरे दिन भी उड़ानें नहीं हो सकीं। मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल में 23 और 24 दिसंबर को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात हो सकता है, लेकिन 27 दिसंबर को पूरे प्रदेश में बारिश और कई इलाकों में बर्फबारी होने के आसार हैं। प्रदेश में अगले छह दिनों तक शीतलहर जारी रहेगी। मैदानी इलाकों में 24 और 25 को घने कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है। मंडी, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और चंबा के कई इलाकों में पारा शून्य से नीचे पहुंच गया है। शनिवार को ताबों में इस सीजन में सबसे कम माइनस 14 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया है। ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर में भी कोहरे के चलते जनजीवन प्रभावित हो रहा है। कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मनाली, कल्पा, नारकंडा और सिस्सू सहित ऊंचाई वाले कुछ क्षेत्रों में 23 और 24 दिसंबर को बारिश बर्फबारी हो सकती है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल को पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (पीडीएनए) के 9,977 करोड़ रुपये नहीं दिए तो राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह बात शनिवार को सदन में कही। वह इस संबंध में नियम 130 के तहत लाई गई चर्चा का जवाब दे रहे थे। प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री के उत्तर के बीच हुई नोकझोंक के बीच विपक्ष नारेबाजी करता हुआ सदन से बाहर चला गया और बैठक में नहीं लौटा। उधर, शून्यकाल में भाजपा विधायक राकेश जंबाल की ओर से विधायकों की गाड़ियों पर झंडी लगाने का मामला उठाने के जवाब में सीएम ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि इसको लेकर आगामी बजट सत्र में विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा राशि के मामले में वे दिल्ली जाकर केंद्रीय नेताओं से मिलकर हिमाचल को उसका हक देने की मांग उठाएंगे। आग्रह के बावजूद अगर केंद्र सरकार राशि जारी नहीं करती है तो राज्य सरकार के पास सुप्रीम कोर्ट जाने के बजाय कोई रास्ता नहीं बचेगा। सीएम ने कहा कि केंद्र से कोई खैरात नहीं मांगी जा रही है, बल्कि हिमाचल प्रदेश का अधिकार मांगा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने इतिहास की सबसे बड़ी आपदा को सहा है। सैकड़ों मौतें हो गईं। आपदा के बाद केंद्र सरकार की टीम आई और 9,977 करोड़ रुपये की प्रत्यक्ष क्षति का आकलन किया। अगर अप्रत्यक्ष तौर देखा जाए तो 12 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। केंद्रीय टीम ने नुकसान का जो आकलन किया है, पिछले एक साल से वही हिमाचल के अधिकार रूप में मांगा जा रहा है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि जयराम ठाकुर जब मुख्यमंत्री थे तो हिमाचल को राजस्व घाटा अनुदान के रूप में पहले साल केंद्र से 11,431 करोड़ रुपये मिले। दूसरे साल 10,249 करोड़ और उसके बाद तीसरे साल 8058 करोड़ जारी किए गए। 2024-25 में 6258 करोड़ रुपये जारी हो रहे हैं। अगले साल तो यह घटकर 3257 करोड़ रुपये रह जाएगी। यानी यह 8000 करोड़ रुपये कम हो जाएंगे। सीएम ने कहा कि हिमाचल की जनता के साथ खड़े न होकर सदन में जो व्यवहार भाजपा ने किया है, वह निंदनीय है। अगर विपक्ष के लोगों ने दिल्ली साथ चलना है तो ठीक है, वरना नहीं भी चलना हो तो यह लोग जानें। प्रस्ताव चर्चा के लिए धर्मपुर के कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर ने लाया, जबकि विपक्ष की ओर से विपिन सिंह परमार ने चर्चा में भाग लिया। इससे पूर्व नेता प्रतिपक्ष जयराम ने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ इस तरह का प्रस्ताव पहली बार लाया जा रहा है। उनकी बात को सुनते हुए स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने केंद्र से मांग के रूप में प्रस्ताव में संशोधन की बात कर इस पर चर्चा शुरू करवाई। शनिवार को तपोवन में शीत सत्र के अंतिम दिन शून्यकाल के दौरान भाजपा विधायक राकेश जंबाल के मामला उठाने पर मुख्यमंत्री ने इस पर स्थिति स्पष्ट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय में इसके बारे में मंजूरी दी गई थी। अब अगले सत्र में इसको लेकर चर्चा की जाएगी। विधायक जंबाल ने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन हो चुका है। उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, जिला परिषद अध्यक्ष सहित कई अफसरों की गाड़ियों में झंडी लगी है। विधायकों को अपनी पहचान बतानी पड़ रही है, ऐसे में विधायकों की झंडी मिलनी चाहिए।
** घर में घुसकर किया था हमला जिला अदालत ने शनिवार को घर में घुसकर मारपीट करने और सामूहिक हिंसा के मामले में माैत मामले में चौपाल के 33 लोगों को दोषी करार देते हुए सात साल के कारावास की सजा सुनाई। मारपीट और सामूहिक हिंसा में चौपाल निवासी नरवीर ठाकुर की जान गई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण गर्ग ने दोषियों को सजा सुनाते हुए शिकायतकर्ता वीरेंद्रा देवी को लगी चोटों के लिए 10 हजार मुआवजा देने के भी निर्देश दिए हैं। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह सजा न्याय प्रशासन में जनता के विश्वास और समाज में शांति व्यवस्था बनाए रखने के सिद्धांत को कायम रखेगी। जिला न्यायवादी मुक्ता कश्यप ने बताया कि अदालत ने धारा 148 के तहत 3 वर्ष, 440 में 3 साल, 325 के तहत 5 साल और 452 के तहत 7 साल की सजा सुनवाई।अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि नरवीर की मृत्यु या तो भीड़ की हिंसा के परिणामस्वरूप हुई होगी या उसके बाद पीछा करने के दौरान किसी कठोर वस्तु पर गिरने से। केस में किसी भी उचित संदेह से परे यह साबित नहीं होता है कि यह केवल आरोपीगण थे, जिन्होंने अवैध रूप से एकत्रित होने के साझा उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए नरवीर की मृत्यु का कारण बना। पुलिस के मुताबिक चौपाल के तुइल गांव में 11 मार्च 2015 को कुछ लोग नरवीर के घर में घुस गए। नरवीर ने पत्नी और अपने बचाव में बंदूक निकाली। एक व्यक्ति ने नरवीर पर दरांती से हमला कर बंदूक छीनने का प्रयास किया। हाथापाई के दौरान बंदूक चल गई और गोली बंटू को लगी। गुस्साए लोग नरवीर को घसीटकर खेत ले गए। 12 को नरवीर का शव बरामद हुआ था।
बाबा कांशी राम राजकीय महाविद्यालय, डाडा सिबा में 23 दिसंबर को प्रथम रोजगार मेले का आयोजन किया जाएगा। इस मेले का उद्घाटन एवं अध्यक्षता सुरेंद्र मनकोटिया करेंगे। इस रोजगार मेले में ऑटोमोबाइल और औद्योगिक क्षेत्र, विशेषकर संसारपुर टेरेस में स्थापित विभिन्न प्रतिष्ठित कंपनियां भाग लेंगी। ये कंपनियां युवाओं को उनके करियर को सुदृढ़ बनाने और रोजगार के सुनहरे अवसर प्रदान करने के लिए विशेष मंच उपलब्ध कराएंगी। रोजगार मेले में भाग लेने वाले युवा अपने साथ सभी आवश्यक दस्तावेज अवश्य लेकर आएं। यह मेला विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के युवाओं के लिए निजी और कॉरपोरेट क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल होगी। इस कार्यक्रम की जानकारी महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. जतिंदर कुमार ने दी।
राजकीय महाविद्यालय ढलियारा में सात दिवसीय एन.एस.एस कैम्प का विधिवित शुभारंभ शनिवार को हुआ, जिसमें एडीएम शिल्पी बेकता ने मुख्यातिथि की भूमिका निभाई। पहला दिन योग दिवस के पर आधारित था,, जिसमे योग के महत्व पर विशेष चर्चा हुईं। इस अवसर पर शिल्पी बेकटा ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए की योग हमारे स्वास्थ्य जीवन का आधार है और इससे हम निरोग रह सकते है। इस दौरान उन्होंने एन. एस. एस के महत्व के बारे में भी अवगत करवाया और बताया कि एन.एस.एस. से हम एक समूह कार्य और अनुशासन का का कार्य सीखते हैं। एन. एस. एस. समाज के हर पहलू पर जागरूक करता है और समाज को उनके कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने में अहम भूमिका निभाता है। इस अवसर एन. एस. एस समन्वयक डा सुरेश राणा व डॉ शर्मिता पठानिया ने बताया कि सात दिवसीय कैम्प में स्वच्छता, योग और छात्रों में अनुसाशन पर विशेष ध्यान रहेगा और छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए बच्चो को विभिन्न प्रकार के रिसोर्स पर्सन लेक्चर भी देंगें। इस अवसर पर कॉलेज प्राचार्य डा अंजू चौहान, प्रो सुशील, प्रो राजीव रत्न, प्रो धर्मेंदर,प्रो सुनीता, प्रो पीताम्बर सहित समस्त कॉलेज स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा शीतसत्र के अंतिम दिन पूर्व भाजपा सरकार के समय में खोले गए संस्थानों को बंद करने के विरोध में विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए वाकआउट कर दिया। संस्थानों को बंद करने पर सीएम के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए। इससे पहले सदन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जहां बच्चे नहीं हैं, वहां संस्थान बंद कर दिए। 1100 प्राइमरी स्कूल बंद किए गए। ऐसा नहीं है कि वहां पर बच्चे नहीं हैं, बच्चे घर बैठ गए हैं। आपने बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित किया। पहले भी मुख्यमंत्री रहे हैं। आप तार्किक होकर सोचें। बच्चे स्कूल की पढ़ाई से महरूम किए गए हैं। जयराम बोले, हम आपके ससुराल के विरोध में नहीं हैं। चंबा, पांगी सभी जगह की बात है। देहरा में तो सीएम का कार्यालय भी खुल गया। हमेशा कैंप ऑफिस होता है। मेरे सराज में भी कैंप ऑफिस था। पर आप भाभी जी से डर गए, खोलिए। लेकिन अन्य जगह कार्यालय बंद कर आपने पाप किया है। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने जयराम को संक्षेप में अपनी बात पूरी करने को कहा। जयराम बोले- सच्चाई यह है कि सरकार का यह फैसला सही नहीं है। सुक्खू ने कहा कि नौ मिनट 18 सेकंड विपक्ष के नेता बोले। अगर ये जनता के सच्चे सेवक थे तो अंतिम वर्ष में 1 अप्रैल 2022 के बाद संस्थान खोलने की क्या जरूरत थी। हमारी तरह पहले खोल देते। इस अवधि के पहले के 2-4 संस्थान बंद किए। सीएम ने कहा कि 675 स्कूलों में जीरो एनरोलमेंट थी। इस पर विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए। विधानसभा परिसर में जयराम ने कहा कि पूर्व में भाजपा सरकार की ओर से खोले 1865 संस्थान वर्तमान सरकार ने बंद किए। लेकिन वर्तमान दो साल में सरकार ने 37 संस्थान खोले और 103 की अतिरिक्त अधिसूचना जारी की।
** वित्त विभाग ने HRTC को दी कार्य करने की मंजूरी... हिमाचल प्रदेश में नाबार्ड के सौजन्य से 128 करोड़ से बनने वाले ई-चार्जिंग स्टेशन और ई-वर्कशॉप निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। वित्त विभाग ने एचआरटीसी को इसके लिए निर्माण कार्य करने की मंजूरी दे दी है। अब परिवहन विभाग का बस अड्डा विकास प्राधिकरण प्रदेशभर में बनने वाले ई-चार्जिंग स्टेशन और ई-वर्कशॉप की निर्माण प्रक्रिया शुरू कर पाएगा। पहले सरकार ने परिवहन विभाग को ई-चार्जिंग स्टेशन बनाने की मंजूरी दे दी थी, लेकिन विभाग ने इस कार्य को लेकर असमर्थता जताई थी। इस वजह से प्रोजेक्ट निर्माण को लेकर मामला काफी समय से उलझ हुआ था। अब वित्त विभाग ने दोबारा एचआरटीसी को कार्य के लिए अधिकृत कर दिया है। प्रदेश सरकार ने ई-चार्जिंग स्टेशनों के लिए 128 करोड़ रुपये की सहमति दी है। योजना में 90 फीसदी की राशि नाबार्ड से बतौर ऋण ली जाएगी, जबकि 10 फीसदी राशि का वहन प्रदेश सरकार करेगी। इसको लेकर नाबार्ड ने पहले चरण में 30 फीसदी रकम यानी करीब 35 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है, लेकिन पूरे मामले की वजह से प्रोजेक्ट निर्माण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही थी। गौर हो कि प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए ई-वाहनों को बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा ई-टैक्सियों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रोजेक्ट के तहत प्रदेशभर में ई-चार्जिंग स्टेशन का निर्माण किया जाएगा तो वहीं एचआरटीसी ई-वर्कशॉप का निर्माण करने जा रहा है। इसमें इलेक्ट्रिक बसों की मरम्मत की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसमें अधिकांश जिलों को शामिल किया गया है। योजना के तहत जिला शिमला में दो जगह ई-वर्कशॉप का निर्माण किया जाएगा। इसमें ढली और तारादेवी को शामिल किया गया है। यहां आधुनिक सुविधाओं से लैस ई-वर्कशॉप का निर्माण होना प्रस्तावित है। वर्तमान में इलेक्ट्रिक बसों की मरम्मत कार्य को लेकर एचआरटीसी संबंधित कंपनियों पर ही निर्भर है। नई इलेक्ट्रिक बसों को पांच साल की एमसी पर खरीदा जा रहा है, लेकिन यह समय अवधि खत्म होने के बाद निगम को खुद अपने स्तर पर ही बसों के रखरखाव और मरम्मत का कार्य करना होगा। इसको देखते हुए प्रदेश सरकार सभी जिलों में ई-वर्कशॉप बनाने की योजना पर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि रेडियोग्राफरों का वेतन बढ़ाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग में जल्द विभिन्न श्रेणियों की भर्तियां की जाएंगी। जिन संस्थानों में मशीनें हैं, वहां स्टाफ भी जल्द दिया जाएगा। प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने आईजीएमसी में 133 और केएनएच में 42 प्रकार के स्वास्थ्य टेस्ट निशुल्क किए हैं। पूर्व सरकार के समय में 56 प्रकार के टेस्ट निशुल्क होते थे। कांग्रेस सरकार ने निशुल्क टेस्टों की संख्या बढ़ाकर 175 कर दी है। उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में लोग प्राइवेट लैब जा रहे हैं। भाजपा विधायक दीपराज और विनोद कुमार ने प्रश्नकाल में स्वास्थ्य संस्थानों के कामकाज पर सवाल उठाया। विधायक दीपराज ने कहा कि आईजीएमसी में अधिकांश टेस्ट बाहर करवाने पड़ रहे हैं। इसके लिए लोगों को 1500 से लेकर दस हजार रुपये तक का शुल्क चुकाना पड़ रहा है। करसोग अस्पताल में कोई भी टेस्ट नहीं हो रहा है। करसोग में मशीनें उपलब्ध हैं। फिर भी मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए बाहर भेजा जा रहा है। विधायक विनोद कुमार ने कहा कि निशुल्क टेस्ट करवाने की बात गलत है। सच्चाई यह है कि टेस्ट निशुल्क नहीं हो रहे। स्टाफ ही कहता है कि रिपोर्ट जल्दी चाहिए तो बाहर से करवा लो। सवाल में पूछी गई जानकारी नहीं मिलने पर भाजपा विधायक रणधीर शर्मा और विपिन सिंह परमार ने नाराजगी जताई। रणधीर ने बीते एक साल के दौरान प्रदेश में खोले गए संस्थानों की जानकारी मांगी। लिखित जवाब में बताया गया कि सूचना एकत्रित की जा रही है। इस पर विधायक ने कहा कि सब जानते हैं कि नादौन, देहरा, हरोली और कुछ खास विधानसभा क्षेत्रों में ही संस्थान खुले हैं। इसकी जानकारी क्यों नहीं दी जा रही। जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सारी जानकारी है तो सवाल को बंद कर दिया जाए। दूसरे सवाल में परमार ने असुरक्षित भवनों को लेकर जानकारी मांगी थी। इसमें भी अभी सूचना एकत्र करने की जानकारी देने पर विधायक ने कहा कि छोटी-छोटी जानकारियां नहीं मिलना दुभार्ग्यपूर्ण है। सैनिक कल्याण मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने बताया कि प्रदेश में 1714 युद्ध हताहत सैन्य अधिकारी और जवान हैं। कांगड़ा जिला में सबसे अधिक 736 और इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के तहत नौ युद्ध हताहत सैन्य अधिकारी और जवान हैं। विधायक मलेंद्र राजन के सवाल का जवाब देते हुए शांडिल ने बताया कि युद्ध में मृत्यु को प्राप्त होने वाले वीर सैनिकों और सैन्य अधिकारियों को सरकारी कागजात में भारत सरकार की ओर से युद्ध हताहत घोषित किया जाता है। मरणोपरांत के निकटतम परिजनों को अनुग्रह राशि, एचआरटीसी की बसों में निशुल्क बस यात्रा की सुविधा, युद्ध विधवाओं की पुत्रियों की शादी के लिए आर्थिक सहायता और एक परिजन को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार की सुविधा भी दी जा रही है। कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर ने कहा कि धर्मपुर बस डिपो की हालत खराब हो गई है। पूर्व सरकार के समय में यहां जुगाड़ से बसें दी गई थीं। कुल 51 बसों में से 36 की अवधि पूरी हो चुकी है। दो बार चलती बसों के टायर खुल चुके हैं। डिपो में सिर्फ छह नई बसें हैं। स्टाफ के छुट्टी पर जाने से सेवाएं ठप हो जाती है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। जवाब में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जल्द 700 नई बसों की खरीद की जा रही है। आवश्यकता अनुसार धर्मपुर को भी बसें दी जाएंगी। मैं स्वयं धर्मपुर का दौरा कर स्थिति का जायजा भी लूंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेसहारार पशुओं और बंदरों के लिए नीतिगत बदलाव कर उचित कदम उठाए जा रहे हैं। बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए समाज को भी आगे आना चाहिए। मैंने खुद एक स्ट्रे डॉग को गोद लिया है। उन्होंने कहा कि बंदरों के लिए जंगलों में फलदार पौधे लगाए जाएंगे। वन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि जंगलों में 60 फीसदी तक फलदार पौधे लगाए जाएं, ताकि बंदरों को आबादी क्षेत्रों में आने से रोका जा सके। प्रदेश में 1.87 लाख बंदरों की नसबंदी की गई है। उन्हाेंने लोगों से रिहायशी क्षेत्रों में कूड़ा व बचा हुआ भोजन खुले स्थान पर न फेंकने का आह्वान भी किया। उधर, नाहन से कांग्रेस विधायक अजय सोलंकी ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में बंदरों और आवारा पशुओं ने समस्याओं को बढ़ा दिया है।
हिमाचल प्रदेश में करीब दो महीने से सूखे जैसे हालात हैं। बारिश, बर्फबारी न होने से सेब के बगीचे सूखे की चपेट में हैं। बगीचों में चिलिंग ऑवर्स पूरे होने का संकट हो गया है। मौसम ऐसा ही रहा तो सेब उत्पादन गिर सकता है। बागवानी विश्वविद्यालय नौणी के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र मशोबरा ने इसे देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र मशोबरा के सह निदेशक डॉ. दिनेश सिंह ठाकुर ने बताया कि सेब के पौधों के लिए 7 डिग्री से कम तापमान में 800 से 1600 घंटे चिलिंग ऑवर्स की जरूरत रहती है। सूखे के कारण इस सीजन में अगर चिलिंग ऑवर्स पूरे नहीं होते तो फ्लावरिंग पर प्रभाव पड़ सकता है। एक समान फ्लावरिंग नहीं होगी और कमजोर फ्लावरिंग से फूल झड़ने की समस्या पेश आ सकती है। इससे सेब उत्पादन प्रभावित हो सकता है। अगले कुछ दिनों में अच्छी बारिश और बर्फबारी की आवश्यकता है। बागवान इस समय बगीचों में काट-छांट कर सकते हैं। नए बगीचे या फलदार पौधे लगाने के लिए जमीन में पर्याप्त नमी नहीं है। दिसंबर में बगीचों मे फॉस्फोरस और पोटाश खाद डाली जाती है, जिससे पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और जड़ें मजबूत होती हैं। नमी न होने के चलते खाद डालने का काम प्रभावित हो रहा है, जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। सिंचाई या नमी के अभाव में उर्वरकों का प्रयोग करने से बचें और नमी को बचाए रखने के लिए मल्चिंग करें। शुष्क मौसम में बगीचों में वूली एफिड का प्रकोप बढ़ सकता है। कीटों की संख्या नियंत्रित रखने के लिए वूली एफिड, स्केल, टहनियों के छेदक कीट तथा माइट ग्रसित टहनियों को काट कर नष्ट कर दें। घाव पर ताजा गोबर, गीली मिट्टी या चौबाटिया पेस्ट लगाएं। बोरर तथा वूली एफिड ग्रसित पौधों के तौलियों में जड़ों को खोद कर जड़ छेदक की सुंडियों को एकत्र कर डरमेट (800 मि. ली./200 ली. पानी) से उपचारित करें। नया पौधा लगाने से पहले उसे भी डरमेट के घोल में डुबोकर ही लगाएं। सूखे से पौधे कैंकर की चपेट में आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे बचाव के लिए तने पर बोर्डो पेंट या ताजे गोबर और मिट्टी का लेप लगाएं, ताकि सूर्य की किरणों से होने वाले नुकसान को बचाया जा सके। कांट-छांट के बाद बोर्डो मिश्रण का स्प्रे जरूर करें। नये पौधे रोपित करने के तुरंत बाद सिंचाई जरूर करें। प्राकृतिक खेती करने वाले किसान जीवामृत को फोलीयर स्प्रे के रूप में 10-20 प्रतिशत और 15 दिनों के अंतराल में ड्रेंचिंग जरूर करें।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने केंद्र सरकार से वन संरक्षण अधिनियम 1980 (एफसीए) में संशोधन करने के लिए सरकारी संकल्प प्रस्ताव लाया। प्रस्ताव को पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने ध्वनि मत के साथ पारित किया। इस भाजपा विधायकों ने एक कमेटी बनाकर इस सिफारिश को तैयार करने की बात कही। राजस्व मंत्री ने कहा कि इस प्रस्ताव को लाने का मकसद आपदा के दौरान खेती योग्य भूमि बह जाने पर तबादले में सरकारी वन भूमि व लघु एवं सीमांत किसानों को 10 बीघा तक सरकारी वन भूमि खेती करने के लिए देना था। कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार यदि 1980 के तहत राहत दे तो हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रभावित और भूमिहीन लोगों को खासी राहत मिल सकती है। वहीं, विधायक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि संशोधन बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि बोह वैली में पिछले दिनों एक आपदा आई थी। इसमें 24 लोगों की मौत हो गई थी और जो बच गए थे, वे भूमिहीन हो गए थे। आपदा में भूमिहीन हुए इन लोगों को राहत देने के लिए सरकार जमीन देना चाहती है, लेकिन एफसीए के नियम उनके आड़े आ रहे हैं। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, विधायक नीरज नैय्यर, भुवनेश्वर गौड़, बलवीर वर्मा, चंद्र शेखर और सुखराम चौधरी ने भी विचार रखे। विधायक बलवीर वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार को पहले आंकड़ा तैयार कर लेना चाहिए कि आपदा के कारण कितने लोग बेघर हुए हैं और कितने भूमिहीन हैं। रणधीर शर्मा ने कहा कि एफसीए संशोधन के लिए भेजे जाने वाले प्रस्ताव में भागड़ा बांध सहित अन्य कारणों से विस्थापित होने वाले लोगों को भी जमीन देने का प्रावधान करवाने की बात रखी जाए।
** दो जिलों में घने कोहरे का अलर्ट जारी हिमाचल में पांच जिले शीतलहर की चपेट में हैं। कड़ाके की ठंड पड़ने से सड़कों समेत नालों में पानी जम रहा है। वहीं, तीन जिलों में भीषण कोहरा पड़ रहा है। कोहरे के कारण शुक्रवार को कुल्लू के भुंतर हवाई अड्डे से एक भी उड़ान नहीं हो पाई। न्यूनतम तापमान में गिरावट आने से राजधानी शिमला की सड़कों पर भी पानी जम रहा है। प्रदेश के 9 क्षेत्रों में न्यूनतम पारा माइनस में पहुंच गया है। उधर, मौसम विभाग ने सात जिलों में अगले चार दिन भीषण शीतलहर का ऑरेंज और दो जिलों में तीन दिन घना कोहरा रहने का येलो अलर्ट जारी किया है। शुक्रवार को कुल्लू, बिलासपुर और मंडी जिले में कोहरे का कहर रहा। कुल्लू जिले के भुंतर एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी कम होने से शुक्रवार को दिल्ली से भुंतर और भुंतर से अमृतसर की दोनों उड़ानें रद्द हो गईं। उड़ानें रद्द होने से विंटर टूरिस्ट सीजन में पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा है। भुंतर एयरपोर्ट अथॉरिटी के निदेशक सिद्धार्थ कदम्ब ने कहा कि विजिबिलिटी कम होने से दो दिन से हवाई उड़ानें नहीं हो पाईं। ऊना, मंडी, हमीरपुर, चंबा और बिलासपुर में शीतलहर ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। मौसम विभाग ने बिलासपुर, मंडी, हमीरपुर, ऊना जिले कांगड़ा, चंबा, सोलन के कुछ स्थानों पर अगले चार दिन के लिए रात को भीषण शीतलहर की चेतावनी जारी है। जबकि मंडी की बल्हघाटी, बिलासपुर में गोबिंद सागर क्षेत्र में तीन दिन घने कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है। 23 दिसंबर को प्रदेश के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में एक दो-स्थानों और 26 दिसंबर को मध्य पर्वतीय और उच्च क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। हालांकि, मैदानी क्षेत्रों में 26 तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहेगा।
हिमाचल विधानसभा में शुक्रवार को विपक्ष के कड़े विरोध और तीखी नोकझोंक के बीच हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा शर्तें संशोधन विधेयक, पंचायती राज संशोधन विधेयक और पुलिस अधिनियम में संशोधन विधेयक समेत चार विधेयक पारित किए गए। वहीं, भूजोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक पारित होते ही अब भोटा अस्पताल की 30 एकड़ जमीन हस्तांतरित हो सकेगी। अनुबंध कर्मियों के विधेयक पर मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रुटि को दुरुस्त किया गया है। अनुबंध वालों को नियमित कर्मचारियों के समान मानने से सरकार पर बोझ पड़ेगा और इससे वरिष्ठता भी प्रभावित होगी। उधर, विपक्ष ने कहा कि संशोधन विधेयक को पिछले तिथि से लागू करना ठीक नहीं, इससे पदोन्नत हो चुके अनुबंध कर्मी प्रभावित होंगे।भर्ती एवं सेवा शर्तें संशोधन विधेयक में नियमित और अनुबंध कर्मचारियों की सेवा शर्तों को अलग किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि अनुबंध नीति के अनुसार नियमित और अनुबंध सेवाओं में अंतर होता है। अनुबंध कर्मियों की सेवा शर्तों को नियमित से अलग तरीके से प्ररिभाषित करना आवश्यक है। उन्होंने तर्क दिया कि अनुबंध कर्मियों को नियमित कर्मियों के समान मानना राज्य के खजाने पर भारी बोझ डालेगा और नियमित कर्मियों की वरिष्ठता को भी प्रभावित करेगा। सुक्खू ने कहा कि त्रुटि के कारण नियमित कर्मचारियों को डिमोट करने की नौबत आ रही थी, जो नहीं आनी चाहिए। कुछ लोग कोर्ट जा रहे हैं और वहां से भी निर्णय आ रहे हैं कि लाभ पहले की तिथि से दिया जाए, ऐसे कर्मियों की संख्या ज्यादा नहीं है। भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि 12 दिसंबर 2003 के बाद जो भी अनुबंध पर लगे हैं, सुप्रीम कोर्ट तक हारने के बाद उनके बारे में विधेयक लाया गया है। यह संशोधन पिछली तिथि से लागू हो रहा है। अनुबंध कर्मचारी इससे परेशान होंगे। उनकी पदोन्नति का क्या होगा। सरकार अगर इसे अगली तिथि से लागू करने की बात करती है तो भी इस पर विचार किया जा सकता है। इसे वापस लिया जाए। भाजपा विधायक जीतराम कटवाल ने भी कहा कि प्रावधान को पिछली तिथि से लागू न किया जाए। विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि इसे प्रतिष्ठा का सवाल न बनाकर फैसले को वापस लिया जाए। भाजपा विधायक हंसराज ने भी कहा कि विधेयक पर पुनर्विचार होना चाहिए। हिमाचल विधानसभा में धर्मार्थ संस्थाओं के लिए 30 एकड़ जमीन हस्तांतरित करने का विधेयक पारित हो गया। भूजोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक 2024 पर पहले सदन में चर्चा हुई। विपक्ष ने कहा कि इसे पारित करते समय जल्दबाजी न की जाए। राधास्वामी सत्संग संस्था की मदद होनी चाहिए, मगर विधेयक को विचार-विमर्श के लिए पहले विधानसभा की सिलेक्ट कमेटी को भेजा जाना चाहिए। दोनों पक्षों की नोकझोंक के बीच विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। संशोधन विधेयक के पारित होने और इसके कानून बनने के बाद राधास्वामी सत्संग ब्यास भोटा अस्पताल और इसकी जमीन जगत सिंह सेवा ट्रस्ट को हस्तांतरित कर सकेगा। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने चर्चा के दौरान कहा कि संस्था और संगठन से ऊपर मेरे लिए प्रदेश है। संस्था के लिए पूरा आदर है, पर विधेयक को पारित करने से पहले सिलेक्ट कमेटी को भेजा जाए। विधेयक के पारण के बाद मुख्यमंत्री ने कांग्रेस विधायक दल का धन्यवाद किया और कहा कि भाजपा के विधायकों ने इसका समर्थन नहीं किया। एक तरह से साइलेंट विरोध किया। सेलेक्ट कमेटी को भेजने की बात करना भी एक तरह से विराेध करना है। यह दुख की बात है। सूक्खू ने कहा कि उनके लिए हिमाचल के हित सर्वोपरि हैं। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि यह केवल एक समय के लिए प्रावधान है। कोई भी धार्मिक, आध्यात्मिक या चैरिटेबल संस्था इसे केवल ऐसे ही कार्यों के लिए 30 एकड़ तक ही दूसरी उसी तरह की संस्था को जमीन हस्तांतरित कर सकेगी। भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि भाजपा भी चाहती है कि राधास्वामी ब्यास संस्था की समस्या का समाधान होना चाहिए, मगर इस कानून का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि राधास्वामी संस्था ने कोविडकाल में बढ़िया किया है, मगर इससे अन्य संस्थाओं की ओर से दुरुपयोग करने की संभावना है। तीन सरकारों में धूमल, वीरभद्र और उनके समय भी मामले में जल्दबाजी नहीं की गई। पिछली भाजपा सरकार में यह मामला मंत्रिमंडल तक आया था, वहीं लंबित हो गया है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि कि हिमाचल के हितों को नहीं बेचा जाएगा। सरकार एक रुपये में किसी उद्योगपति को जमीन नहीं दे रही है, जैसा पिछली सरकार में हुआ। वह नेक काम करने वाली संस्थाओं की मदद कर रहे हैं।
राज्य सरकार की अनुमति से ही ड्यूटी के दौरान सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा सकेगा। कांस्टेबलों का काडर भी अब राज्य स्तर का होगा। भर्ती राज्य पुलिस बोर्ड करेगा। इस संबंध में विपक्ष के विरोध पर भी शुक्रवार को पुलिस विधेयक पारित हो गया। हिमाचल प्रदेश पुलिस अधिनियम में संशोधन पर विधेयक को पारित करने से पहले चर्चा लाई गई। इस पर भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने लोक सेवक को किसी भी कार्य पर ड्यूटी करने के दौरान गिरफ्तार करने से पहले सरकार की मंजूरी लेने की धारा डालने पर आपत्ति दर्ज की। उन्होंने कहा कि इससे पुलिस अधिकारी अपना काम ठीक से नहीं कर पाएंगे। भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलेगा। त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि पोक्सो एक्ट के तहत अगर किसी कर्मचारी को गिरफ्तार करना होगा तो क्या सरकार को पूछना होगा कि उसे गिरफ्तार करें कि नहीं। क्या यह व्यवस्था किसी विशेष व्यक्ति को लाभ देने के लिए तो नहीं किया जा रही है। सीएम ने कहा कि भाजपा के लोग कर्मचारियों के हितों में ही नहीं है। इससे यह जाहिर होता है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि रिश्वत, खून जैसे संगीन मामलों में गिरफ्तारी करने से संबंधित मामलों में गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं होगी। ये ऐसे मामलों के लिए है कि कार्यालय में कोई एक अधिकारी द्वेष भावना से किसी कर्मचारी के खिलाफ कुछ गलत कार्रवाई करे तो ही यह प्रावधान लागू होगा। इसका एसओपी आएगा। उसमें स्थिति स्पष्ट होगी। ऐसे कई मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। इसमें सरकार की अनुमति से ही गिरफ्तारी का प्रावधान होगा। सीएम सुक्खू ने कहा कि रणधीर शर्मा काल्पनिक बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल कर रहे हैं। विजिलेंस मैन्युअल को नहीं बदला गया है। कई बार अधिकारी द्वेष भावना से एफआईआर दर्ज कर लेते हैं। हिमाचल में अब 25 हजार की कम संख्या होने पर भी जिला परिषद वार्ड बनेंगे। इसके लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने शीत सत्र में हिमाचल प्रदेश पंचायती राज संशोधन विधेयक पारित करने का प्रस्ताव रखा। इससे पहले विधेयक पर भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने चर्चा में भाग लिया और उन्होंने जिला परिषद बनाने के लिए न्यूनतम जनसंख्या जाहिर नहीं करने पर सवाल उठाए। भाजपा विधायक ने कहा कि जिला परिषद वार्ड बनाने के लिए संख्या 25 हजार से ऊपर ही होनी चाहिए। जिस विधेयक को सरकार लाई है, उसमें यह तय नहीं किया गया है कि प्रदेश में जिला परिषद वार्ड बनाने के लिए लोगों की न्यूनतम संख्या कितनी हो। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि सरकार विधेयक इसलिए ला रही है, ताकि जनजातीय क्षेत्रों में भी जिला परिषद के वार्डों का गठन किया जा सके। चर्चा के बाद विधेयक ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
हिमाचल में उपभोक्ताओं को सस्ते राशन के डिपुओं से खाद्य तेल खरीदने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। रेट पर सहमति न बनने पर सरकार ने टेंडर रद्द कर दिया है। अब नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। हिमाचल में दो माह से उपभोक्ताओं को तेल नहीं मिला है। इधर, सरकार की ओर से दावा किया गया है कि अगले महीने टेंडर प्रक्रिया पूरी करके उपभोक्ताओं को तीन महीने का तेल एक साथ दिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश में साढ़े 19 लाख राशन कार्ड धारक हैं। दो माह से डिपुओं में तेल न होने से उपभोक्ताओं को बाजार का रुख करना पड़ रहा है। बाजार में सरसों तेल 160 से 200 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। इस माह विभाग की ओर से टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई। इससे उपभोक्ताओं को जल्द तेल मिलने की उम्मीद बंधी थी, लेकिन रेट अधिक होने पर सरकार ने टेंडर रद्द दिया। अब खाद्य आपूर्ति निगम ने नए सिरे से तेल टेंडर के लिए कंपनियों से निविदाएं आमंत्रित की है। सरसों तेल के लिए 3 और रिफाइंड तेल के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 4 जनवरी निर्धारित की है। विभाग का दावा है कि निविदाएं आने के बाद अगर प्रक्रिया जल्द पूरी हुई तो उपभोक्ताओं को तीन महीने का तेल एक साथ देंगे। उधर, खाद्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल ने बताया कि पुराना टेंडर रद्द कर दिया है। अब नए सिरे से तेल के कंपनियों से निविदाएं मांगी गई हैं। उपभोक्ताओं को एक साथ तीन महीने तेल का कोटा दिया जाएगा।
जयसिंहपुर/ नरेंद्र डोगरा: कंवर दुर्गा चंद राजकीय महाविद्यालय जयसिंहपुर में आज सड़क सुरक्षा क्लब की ओर से व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन सड़क सुरक्षा क्लब के संयोजक प्रो. अरविंद कुमार, प्रो. सचिन कुमार , प्रो. सरजनी नेगी, व लैब सहायक मुकेश चंद के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. उपेन्द्र शर्मा बतौर मुख्य अतिथि व वक्ता के रूप में मौजूद रहे। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक करना रहा। इस व्याख्यान कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी छात्रों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया । महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो उपेन्द्र शर्मा ने छात्रों को संबोधित करते हुए यातायात के नियमों को विस्तार से बताया। साथ ही उन्होंने सभी छात्रों को अपने साथ साथ दूसरों को इस ज्ञान को सांझा करने के लिए कहा। साथ ही सड़क सुरक्षा क्लब के सभी सदस्यों का इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई दी व भविष्य में सड़क सुरक्षा नियमों के लिए इस तरह के कार्यक्रम करने के लिए उनका मार्गदर्शन किया।
जयसिंहपुर/ नरेंदर डोगरा: आयुष विभाग उपमंडल बालकरूपी की ओर से 25 दिसंबर तक प्रकृति परीक्षण का आयोजन किया जाएगा। इस अभियान में उपमंडल बालकरूपी में जिला आयुष अधिकारी डॉ. हरीश भारद्वाज और उपमंडलीय आयुष अधिकारी डॉ.अनीता शर्मा ने एसडीम जयसिंहपुर संजीव ठाकुर की मौजूदगी में प्रकृति परीक्षण किया गया। एसडीएम ने आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान को स्वास्थ्य के लिए बहुत ही उपयोगी बताया गया । एसडीएम ने लोगों से अपील की है की वह स्मार्ट फोन मे प्रकृति परीक्षण ऐप डाउनलोड कर किसी भी आयुष हैल्थ एवं वैलनेस सेंटर में जाकर अपनी प्रकृति (वात, पित्त कफ )को जान सकते है और स्मार्ट फोन में ही प्रकृति अनुसार समय -समय पर आहार बिहार के बारे में दी गई जानकारी अनुसार अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं l उपमंडलीय आयुष अधिकारी बालकरूपी ने बताया कि अभी तक उपमंडल में दो हजार से अधिक लोगों का प्रकृति परीक्षण किया जा चुका है ।
आज शिक्षित बेरोज़गार संघ हिमाचल प्रदेश द्वारा हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा 1लखा सरकारी नौकरी और सरकारी स्कूलो में गेस्ट अध्यापक भर्ती करवाये जाने के निर्णय आउटसोर्स भर्ती के खिलाफ तपोवन शीतकाल सत्र धर्मशाल के बाहर बेरोजगार युवाओं के धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। शिक्षित बेरोज़गार संघ हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार द्वारा गेस्ट अध्यापक की भर्तिया करवाने के विरोध में शिमला तपोवन शीतकाल सत्र धर्मशाल के बहार धरना प्रदर्शन किया शिक्षित बेरोज़गार संघ अध्यक्ष बाल कृष्ण मानना है की प्रदेश सरकार छात्र विरोधी और युवा विरोधी निर्णय लेकर लगातार प्रदेश सरकार युवाओ को बेरोजगारी की और धकेल रही है, जिसके कारण प्रदेश के युवाओं में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश सरकार ने दो साल पूरे होने का जश्न पूरी धूमधाम से बनाया, लेकिन युवाओं ने जिस मंशा से प्रदेश में बढ़ते भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और अव्यवस्था से तंग आकर प्रदेश में कांग्रेस का समर्थन किया था आज इसी बात से तंग आकर खुद को ही कोस रहे हैं। व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर युवाओं व छात्रों को बड़ी तेजी के साथ बेरोजगारी के गर्त में धकेला जा रहा है। शिक्षित बेरोज़गार संघ हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष बाल कृष्ण ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार प्रदेश में पूर्व भाजपा सरकार की तरह युवा विरोधी नीतियां लाकर लगातार प्रदेश को पीछे धकेलने का काम कर रही है। शिक्षित बेरोज़गार संघ ने प्रदेश सरकार द्वारा लाई गई गेस्ट अध्यापक की नीति का कड़े शब्दों में विरोध करती है। क्योंकि वर्ष 2013 में बिल्कुल इसी तर्ज पर स्कूल में खाली चल रहे पदों को भरने के लिए SMC के माध्यम से हजारों युवाओ को भरा गया था लेकिन सालों से उन लोगों का शोषण ही हुआ और अब जाकर उन लोगो के लिए नियमित भर्ती में 5 प्रतिशत आरक्षण दिया गया और कुछ ही लोगो को नियमित किया गया। बिल्कुल ऐसा ही गेस्ट टीचरों के साथ भी होगा। ये उन तमाम युवाओं के साथ धोखा है जो सालों से सपने संजो कर मेहनत कर रहा है। शिक्षित बेरोज़गार संघ हिमाचल प्रदेश सरकार के निर्णय का विरोध करती है, जिसमें गेस्ट टीचर नियुक्त किए जा रहे हैं, जबकि प्रदेश में नियमित अध्यापको की नियुक्ति की जानी चाहिए। यह निर्णय NEP-2020 के कार्यान्वयन का हिस्सा है, जो बिना किसी सही योजना और विचार के लागू किया जा रहा है। यह नीति न केवल शिक्षा के स्तर को गिरा रही है, बल्कि हमारे राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर रही है। इसलिए, शिक्षित बेरोज़गार संघ द्वारा तत्काल गेस्ट टीचर नीति की समाप्ति और NEP-2020 के वर्तमान रूप में कार्यान्वयन की वापसी की मांग करती है। राज्य सरकार को सरकारी स्कूलों में सभी खाली पदों में स्थाई भर्तिया जल्द से जल्द करवाने की जरूरत एसएफआई HPRCA के माध्यम से योग्य और स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए। लेकिन बीते दो सालों में सरकारी भर्तियों में ग्रहण लगा है राज्य चयन आयोग भी दो साल से बंद पड़ा था परन्तु कुछ दिनों पहले से पुराने भर्तियों के परिणाम निकाले जा रहे है। इन परिणामों के लिए भी प्रदेश के युवाओं को कई दिनों तक आंदोलन करने पड़े उसके बाद इन परिणामों को घोषित किया गया। प्रदेश सरकार द्वारा पुरानी स्वीकृत भर्तियों को निरस्त कर दिया गया है और आउटसोर्स के नाम पर धांधलियों को अंजाम दिया जा रहा है। शिक्षित बेरोज़गार संघ यह मांग करती है की जो प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में गेस्ट अध्यापक भर्ती करने का निर्णय लिया है उसे वापिस लिया जाए और प्रदेश सरकार से यह भी मांग करती है की छात्र व युवा विरोधी इस पालिसी को न अपनाया जाए और गेस्ट टीचर और आउटसोर्स के बजाय नियमित भर्तीया करवाई जाए। ताकि प्रदेश के युवाओं को स्थाई रोजगार मिल सके।
हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल का वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। साल 2003 से यह व्यवस्था लागू होने जा रही है। बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस संदर्भ में सदन के पटल पर हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक रखा। वीरवार को सदन में चर्चा के यह विधेयक पारित होगा। इस विधेयक को लाने के पीछे एक प्रमुख चिंता राज्य पर पड़ने वाला संभावित वित्तीय बोझ है। अनुबंध सेवाकाल का लाभ देने से कर्मचारियों को न केवल अतिरिक्त संसाधनों का भारी आवंटन करना पड़ेगा, बल्कि पिछले 21 वर्षों से अधिक समय से वरिष्ठता सूची में भी संशोधन करना होगा। राज्य की कांग्रेस सरकार इस विधेयक के माध्यम से प्रदेश के कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण बदलाव करने जा रही है। विधेयक पारित होने के बाद कर्मचारियों को ज्वाइनिंग की तारीख से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेंगे। कर्मचारियों की वरिष्ठता अब उनके नियमित होने के बाद तय की जाएगी। अनुबंध सेवाकाल को इसमें नहीं जोड़ा जाएगा। यह बदलाव विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए हैं जिनकी वरिष्ठता को लेकर पहले अदालत से आदेश जारी किए गए थे। इन आदेशों के चलते राज्य खजाने पर बोझ बढ़ने की संभावना थी। विधेयक के अनुसार बिल का उद्देश्य नियमित सरकारी कर्मचारियों व अनुबंधित नियुक्तियों के हितों के बीच सामंजस्य स्थापित करना है। मुख्यमंत्री की ओर से स्थिति स्पष्ट की गई है कि यह विधेयक भारत के संविधान के अनुच्छेद-309 से अधिकार लेता है, जिसके तहत सार्वजनिक कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तों को नियंत्रित किया जाता है। हिमाचल में अनुबंध आधार पर नियुक्तियां 2003 में शुरू हुईं, जिसमें नियुक्ति पत्रों में सेवा शर्तों का स्पष्ट उल्लेख किया गया। कर्मचारियों को यह अवगत कराया गया था कि अनुबंध के तहत उनका कार्यकाल वरिष्ठता या नियमित कर्मचारियों को मिलने वाले अन्य लाभों के लिए नहीं गिना जाएगा। इसके बावजूद अनुबंध नियुक्तियों को भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में शामिल करने से यह धारणा बनी कि ऐसी नियुक्तियां नियमित रोजगार के बराबर हैं। विधेयक के अनुसार अनुबंध के आधार पर नियुक्ति करने का उद्देश्य उन्हें नियमित कर्मचारियों के समान मानने का कभी नहीं था। उनकी सेवा शर्तें उनकी ओर से हस्ताक्षरित समझौतों से नियंत्रित होती हैं और इस प्रकार वे नियमित नियुक्तियों के समान सार्वजनिक सेवाओं का हिस्सा नहीं हैं। सरकार के उच्च अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट के माध्यम से कई कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल का वरिष्ठता लाभ देना पड़ा है। रोजाना इस प्रकार के मामले कोर्ट में लग रहे हैं। ऐसे में सरकार को विधेयक लाकर इस व्यवस्था को बंद करना पड़ रहा है। ताज मोहम्मद बनाम लेखराज केस ने सरकार की इन दिनों परेशानी बढ़ाई हुई है। विधेयक पारित होने के बाद अनुबंध सेवाकाल से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
राज्य विधानसभा के शीत सत्र के पहले दिन बुधवार को सदन में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने हिमाचल प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक 2024 पेश किया। 1972 के लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन के रूप में इस विधेयक को प्रस्तुत करने के बाद यह आज पारित किया जा सकता है। इसके तहत अब धार्मिक और चैरिटी के लिए 30 एकड़ जमीन या भूमि पर बने ढांचे को हस्तांतरित किया जा सकेगा। अगर नियमों की अवहेलना की गई तो सरकार ऐसी जमीन या इस पर बनी संरचना को अपने कब्जे में ले लेगी। इस संशोधन विधेयक के उद्देश्यों में सरकार ने स्पष्ट किया है कि राधास्वामी सत्संग ब्यास पूरे देश में अपना क्रियाकलाप चलाने वाला एक धार्मिक और आध्यात्मिक संगठन है। इसने राज्य में नैतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक शिक्षा के कई केंद्र स्थापित किए हैं। इस संस्था ने हमीरपुर जिला के भोटा में एक अस्पताल भी स्थापित किया है। यह लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की पूर्ति कर रहा है। इस संगठन के पास लैंड सीलिंग एक्ट के तहत अनुमानित सीमा से अधिक जमीन है, जिसे अधिनियम की धारा पांच के खंड -झ के उपबंध के तहत छूट दी गई है। राधास्वामी सत्संग ने कई बार सरकार से अनुरोध किया है कि उसे भोटा चैरिटेबल अस्पताल की भूमि और भवन को चिकित्सा सेवाओं के लिए बेहतर प्रबंधन को जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसाइटी को हस्तांतरित करने की अनुमति दी जाए। इसे इसका एक सहयोगी संगठन कहा गया है। मगर धारा पांच का खंड झ इसमें रोक लगाता है। ऐसे में कुछ शर्तों के साथ हस्तांतरण की अनुमति सरकार कुछ शर्तों के साथ देगी। इसके लिए धारा पांच का खंड झ में संशोधन प्रस्तावित किया गया है।
** सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी हिमाचल प्रदेश में मुर्गा प्रकरण पर सियासत गरमा गई है। मामले में धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा समेत छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इनमें कुछ मीडिया कर्मी भी शामिल हैं। इसके विरोध में गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अगवाई में विपक्ष ने विधानसभा परिसर में प्रदर्शन किया। इस दाैरान नेता प्रतिपक्ष सहित भाजपा विधायकों ने हाथों में मुर्गे के पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया। विपक्ष ने भाजपा विधायक और मीडिया पर एफआईआर दर्ज करना शर्मनाक बताया। साथ ही वन्यजीव अधिनियम में मामला दर्ज कर जांच की मांग उठाई। पत्रकारों से बातचीत में जयराम ठाकुर ने कहा कि सीएम के कुपवी दाैरे के दाैरान रात्रि भोज के मेन्यू में 12 नंबर पर जंगली मुर्गे का भी जिक्र था। सीएम ने डिनर के दाैरान खुद जंगली मुर्गे का जिक्र किया। कहा कि जंगली मुर्गा जंगल में ही मिलता है। मामले में सरकार ने कई स्पष्टीकरण देने की बातें हुईं। लेकिन हैरानी बात है कि सीएम के डिनर वाले वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर पर विधायक व कुछ मीडिया के लोगों पर एर्फआईआर दर्ज की गई, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मुर्गा प्रकरण में कुपवी की कुलग पंचायत की प्रधान सुमन चौहान और नीटू परमार की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। शिकायत में महिला प्रधान ने कहा कि सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया और कई लोगों ने व्यक्तिगत हैंडल पर फर्जी मेन्यू शेयर किया। इसकी वजह से इलाके के पारंपरिक भोजन और संस्कृति को नुकसान पहुंचा है। इस तरह का दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि 13 दिसंबर को उनके गांव टिक्कर में विशेष अतिथि आए थे, जिनके स्वागत के लिए गांव की महिलाओं ने पारंपरिक भोजन तैयार किया गया था। लेकिन एक फर्जी मेन्यू शेयर किया गया। पुलिस ने शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता की धारा-353 और 356 के तहत केस दर्ज किया है। गाैरतलब है कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू 13 दिसंबर को कुपवी इलाके के दौरे पर थे। रात को उन्होंने टिक्कर गांव में विश्राम किया था। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ता के घर पर डिनर किया था। डिनर का मेन्यू सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसमें पहाड़ी मुर्गे का भी जिक्र था। यहां तक कि सीएम भी मुर्गा परोसने के बात कहते हुए नजर आए थे। सीएम का वीडियो और मेन्यू काफी ज्यादा वायरल हुए थे। हालांकि, सीएम ने मीट खाने से इन्कार किया था। सीएम के कार्यक्रम में जंगली मुर्गा परोसने पर सवाल उठाए गए थे। डीएसपी चौपाल सुशांत शर्मा ने केस दर्ज करने की पुष्टि की है। उधर, विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि सरकार डर के मारे एफआईआर कर रही है। कितने मुर्गे कटे हैं, इसकी जांच होनी चाहिए। सीएम के मेन्यू में मुर्गे का जिक्र था।
हिमाचल प्रदेश में अब कांस्टेबलों का भी जिला के बजाय राज्य काडर होगा। इनकी भर्ती भी अब राज्य काडर में पुलिस बोर्ड करेगा। बुधवार को सदन में इसके लिए हिमाचल प्रदेश पुलिस संशोधन विधेयक 2024 पेश किया गया। इसके पारित होने के बाद अब पुलिस कांस्टेबलों के एक जिले से दूसरे जिले में तबादले किए जा सकेंगे। राज्य विधानसभा के शीत सत्र के पहले दिन बुधवार को सदन में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश पुलिस अधिनियम 2007 में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश किया। नए संशोधन के लागू होने के बाद गैर राजपत्रित पुलिस अधिकारियों (ग्रेड-दो) की भर्ती अब पुलिस भर्ती बोर्ड करेगा। इस श्रेणी में कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल आते हैं। यह भर्ती अब राज्य काडर में भी होगी, जिससे प्रदेश में एक एकीकृत प्रक्रिया सुनिश्चित होगी। पुलिस कर्मियों की इन श्रेणियों के लिए जिला और राज्य रोल की आवश्यकता को हटाया जाएगा, जिससे प्रक्रिया सरल होगी। नए संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद अब ड्यूटी पर तैनात लोक सेवकों यानी कर्मचारियों के लिए सुरक्षा की भी व्यवस्था की गई है। इसके अनुसार पुलिस अधिनियम की धारा-65 की उपधारा-तीन में संशोधन किया जाएगा। यानी सरकारी कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान सरकार की पूर्व स्वीकृति के बिना किसी भी लोक सेवक की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी। यानी सरकार की अनुमति के बगैर गिरफ्तारी नहीं की जा सकेगी। इससे वह निडर होकर कर्तव्य निर्वहन कर सकेंगे। जिला पुलिस शिकायत प्राधिकरणों में नियुक्तियों में लचीलापन लाया जा रहा है। यानी ऐसे मामलों में जहां निर्दिष्ट रैंक के वरिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारी उपलब्ध नहीं हैं, वहां राज्य सरकार को इन प्राधिकरणों की कार्यक्षमता सुनिश्चित करते हुए कनिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारियों को नामित करने का अधिकार होगा। अभी तक सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक, जिला न्यायवादी, अतिरिक्त जिला न्यायाधीश या इससे ऊपर के सेवानिवृत्त अधिकारियों को ही इस प्राधिकरण में नामित करने की व्यवस्था रही है, मगर अब ऐसे सेवानिवृत्त अधिकारियों के उपलब्ध नहीं होने पर कनिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति का भी प्रावधान होगा।