राजकीय छात्रा वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सोलन के ‘युवा संसद’ में भाग लेने पहुंचे विद्यार्थियों ने शिमला स्थित विधानसभा का अवलोकन किया। यह जानकारी विद्यालय के अंग्रेजी विषय के प्रवक्ता अनिल कुमार वर्मा ने दी। उन्होंने कहा कि विद्यालय की 10वीं, 11वीं तथा 12वीं कक्षा की छात्राओं ने प्रदेश विधानसभा की दर्शक दीर्घा में बैठकर विधानसभा की कार्यवाही देखी। उन्होंने कहा कि छात्राओं ने व्यवहारिक रूप से पूरी प्रक्रिया का अवलोकन किया और यह जाना कि किस प्रकार प्रदेश विधानसभा में राज्यहित के मामलों पर सारगर्भित चर्चा की जाती है। इस दौरान छात्राओं को प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल सहित वरिष्ठ मंत्रियों एवं विधायकों से मिलने का अवसर भी प्राप्त हुआ।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस अवसर पर छात्राओं का विधानसभा परिसर में स्वागत किया और उनसे आग्रह किया कि अपने छात्र जीवन में लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ें। उन्होंने लक्ष्य प्राप्त करने के लिए छात्राओं को एकाग्रता के साथ कठिन परिश्रम करने की सलाह दी। उन्होंने छात्राओं का आह्वान किया कि वे अपने क्षेत्र में स्वच्छता के दूत बनें और लोगों को स्वच्छ रहने के लिए जागरूक बनाएं। उन्होंने छात्राओं से आग्रह किया कि नशे जैसे अभिशाप को हराने के लिए एकजुट होकर कार्य करें। उन्होंने विद्यालय के अध्यापकों से आग्रह किया कि वे छात्राओं को केंद्र व प्रदेश सरकार की कल्याणकारी नीतियों की जानकारी दे ,ताकि छात्राएं अपने घर एवं आसपास के क्षेत्रों में लोगों को इनसे अवगत करवा सकें। प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने इस अवसर पर छात्राओं को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के गौरवमयी इतिहास एवं परम्पराओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा को अपनी कार्यप्रणाली के लिए पूरे देश में जाना जाता है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा ई-विधान प्रणाली को लागू करने वाली पहली अत्याधुनिक कागज रहित विधानसभा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विधायकों के लिए ई-निर्वाचन क्षेत्र प्रबंधन भी आरंभ किया गया है। इस प्रणाली के लागू होने से विधायकों, अधिकारियों व जनता के मध्य बेहतर संवाद कायम करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि लड़कियां आज विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही है और केंद्र व प्रदेश सरकार के विभिन्न कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण की दिशा में कारगर सिद्ध हो रहे हैं।छात्राओं ने विधानसभा में अपने अनुभव के विषय में जानकारी दी विधानसभा के भीतर नेताओं की चर्चा उन्होंने पहली बार देखी। छात्राओं के इस समूह के साथ राजनीति शास्त्र की प्रवक्ता रेणुका मेहता, जीव विज्ञान की प्रवक्ता हितैषी शर्मा एवं प्रवक्ता सीताराम ठाकुर भी उपस्थित थे।
इन्नर व्हील क्लब सोलन मिड्टाउन की सदस्यों ने वीरवार को चम्बाघाट में स्थित झुग्गी झोपड़ियों के लोगों और बच्चों को कपड़े,जूते,रोज़ मर्रा की ज़रूरत का सामान और खाने की चीज़ें बाँटी। क्लब के प्रधान सविता भल्ला ने बताया कि संस्था ज़रूरतमंदों की मदद करती है। क्लब के इस साल के मुहिम मिशन ममता-ओरफ़न फ़्री इंडिया को मद्देनज़र रखते क्लब ने ऑटो रिक्शायों पर जागरूकता बैनर लगाए ताकी लोग अनाथ बच्चों की किसी भी प्राकार से मदद करें। इस कार्यक्रम में सविता भल्ला,शैली पहुजा,रेणु शर्मा,रैना गुप्ता,मोनिका बंसल,अंजू पब्याल,सुनीता अग्रवाल और अलका वर्मा शामिल रही।
कुनिहार लोक निर्माण विभाग सब डिवीजन के तहत कुनिहार नालागढ़ मार्ग पर बने कुणी व गम्बर पूल की भार क्षमता की जांच शुक्रवार को होनी थी।परन्तु कुणी पुल पर ही जांच मशीनरी में खराबी आ गई। उक्त मशीनरी से युक्त ट्राला पुल पर एक ओर झुक गया व टायर हवा में उठ गए जिसके चलते जांच नहीं हो सकी। विदित रहे कि इस मार्ग पर बने पुलों की कंडीशन काफी दयनीय है व कुछ वर्ष पूर्व विभाग ने अपने कर्मचारी को यंहा नियुक्त करके पुल पर से एक समय मे एक वाहन निकालने की हिदायत जारी की थी।हैदराबाद के इंजीनियर इन पुलों की जांच के लिए सुबह 10 बजे कुणी पुल पहुंचे ।आठ सदस्यीय दल अपने उपकरणों को पुल पर निरीक्षण के लिए अभी लगा ही रहे थे कि उपकरणों से लैस गाड़ी एक ओर झुक गई व गाड़ी के अगले टायर हवा में उठ गए।हालांकि 10 बजे से पुल की जांच कर रही इंजीनियरों ने काफी जद्दोजहद के बाद करीब 2 बजे मशीनरी को पुल से हटाया, पर जांच अधूरी रह गई। सब डिवीजन कुनिहार के सहायक अभियंता राज कुमार शर्मा ने बातचीत में बताया कि भार क्षमता जांचने वाली मशीनरी के सेंसर्स में जांच के दौरान खराबी आ गई व पुलों का निरीक्षण नही हो पाया।गाड़ी को फिलहाल सड़क के साथ खड़ा कर दिया है व चंडीगढ़ या दिल्ली से एक्सपर्ट टीम आ कर मशीनरी को ठीक करेगी व पुलों की जांच की जाएगी।
University’s team meets delegation from 17 African Nations The Dr YS Parmar University of Horticulture and Forestry (UHF), Nauni has set sights on achieving working international collaborations in the field of horticulture, forestry and allied disciplines to broaden the learning environment of students and faculty working in the university. The move is part of the university’s initiative to strengthen its global linkages and partnership in order to achieve its goal of competing with the leading institutions of repute in the field. As part of this initiative towards forging new partnerships, a three-member team of the university lead by Vice-Chancellor Dr Parvinder Kaushal attended the India Africa Higher Education and Skill Development Summit held at New Delhi earlier this week. The summit was organized by Confederation of Indian Industry (CII), and was attended by over 75 delegates from 17 African countries. Several university and institutes from India also took part in the event. Besides Dr Kaushal, the UHF team also included Dr Rajesh Bhalla and Dr Kulwant Rai, who held discussions with the delegates from several African countries and discussed the possibility of a formal tie-up for collaborative research, student and faculty exchange. Several countries including Ghana, Ethiopia, Nigeria, Kenya and Sudan showed keen interest in developing an alliance with the university for agri-horticulture, forestry and allied disciplines. “International linkages are key to the development of any institution and the university has decided to strengthen this area and forge new international partnership. The major areas for collaboration will be in the area of academic and research and students and faculty exchange,” said Dr Kaushal. He added that UHF received a very positive response in the summit with representatives from most countries showing keen interest to collaborate with the university. “The university will soon be getting in touch with the embassies of these countries in India for signing Memorandum of Understanding for collaborating in our many areas of expertise. The university will welcome any foreign partnership as it not only allows us to showcase our skills and expertise but also gives valuable exposure to our scientists and students. Further, to usher in a new era in international academic and research collaboration, the university will look to start certificate, diploma and degree level vocational courses and need-based region-specific international programmes to cater to the specific needs of any foreign partner” said Dr Kaushal. The university delegation also met the representatives from the National Skill Development Council and discussed the possibility of funding support for vocational courses. The NSDC members were of the view that funding support can be provided for trainer’s training with scope for introducing subjects of Horticulture and Forestry as skill development ventures
विकास खंड कुनिहार की ग्राम पंचायत दानोघाट के प्रधान,उपप्रधान व समस्त पंचायत सदस्यों ने उपायुक्त सोलन को त्यागपत्र देकर खलबली मचा दी है। ग्राम पंचायत प्रधान,उपप्रधान व सात पंचायत सदस्यों का आरोप है कि पंचायत सचिव दानोघाट तेजेन्द्र वर्मा की कार्य प्रणाली संतोष जनक नहीं है। तेजेन्द्र वर्मा पिछले एक वर्ष से पंचायत के विकास कार्य में बाधा पहुंचाते आ रहे है और हमें समय पर कार्य की अदायगी नहीं की जाती जिसके कारण हम कोई भी कार्य पूर्ण नहीं कर पा रहे है। पिछले छ माह से पंचायत बैठक कभी भी समय पर नहीं हुई है सचिव अपनी मर्जी से बैठक की तिथि से आगे पीछे करते है। दिनांक 27 अगस्त 2019 को भी पंचायत बैठक थी लेकिन सचिव ने कार्यवाही में सभी वार्ड सदस्य के हस्ताक्षर करवाए और 12 बजे से पहले बैठक छोड़ कर चले गए। जिसके कारण पंचायत के सभी प्रस्ताव नहीं लिखे गये इसके व्यवहार से दुखी होकर सभी पंचायत प्रतिनिधि उपायुक्त सोलन को अपना त्याग पत्र दे रहे है। पंचायत सचिव द्वारा ग्राम पंचायत दानोघाट में गांवों में विकास कार्य कराने मेें स्थानीय लोगों व पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग नहीं किया जा रहा है।उच्चाधिकारियों से कई बार शिकायत करने के बाद पंचायत सचिव के खिलाफ कार्रवाई न होेने का आरोप लगाया।पंचायत प्रतिनिधि सदस्यों ने त्यागपत्र की कापी डीपीओ सोलन व बीडीओ कुनिहार को भेज दी है। ग्राम पंचायत दानोघाट में प्रधान,उपप्रधान समेत 7 सदस्य है, जिसमें पूरी कार्यकारणी ने पंचायत सचिव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।उपायुक्त सोलन में त्यागपत्र के साथ पहुंचे समस्त पंचायत कार्यकरणी का कहना है कि पंचायत सचिव तेजेन्द्र वर्मा की कार्य प्रणाली संतोष जनक नहीं है ओर मनमर्जी व अपने रवैये से विवश होकर दानोघाट पंचायत के प्रधान,उपप्रधान व समस्त 7 सदस्यों ने अपने अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ रहा है।त्यागपत्र देने वालों में पंचायत प्रधान रामदेई,उपप्रधान राजेश कुमार,पंचायत सदस्य मस्तराम,निर्मला देवी,नर्वदा देवी,बिमला देवी,नर्वदा देवी,देवेंद्र कुमार,लता शामिल हैं। बॉक्स.... जब इस बारे विकास खंड अधिकारी कुनिहार विवेक पॉल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस तरह की कोई भी शिकायत मेरे पास नही आई है।इस बारे जिला पंचायत अधिकारी सोलन से बात करे। जब इस बारे जिला पंचायत अधिकारी सोलन सुभाष अत्रि से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमारे पास इस तरह का एक दानोघाट पंचायत की ओर से शिकायत पत्र आया है,जिसे उपायुक्त सोलन को प्रेषित कर दिया है जैसे ही वहाँ से जो आदेश आता है वैसे ही कार्यवाही की जाएगी।
भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जिन्हें देखकर हमें ऐसा महसूस होता है कि बस अब यहीं रुक जाएं, इसके आगे कोई सुकून ही नहीं है। यहां आकर आपके मन को शांति मिलती है और हर तनाव को भूल जाते हैं। बस हमारा मन कहता है कि यह ऐसी जगह है जहां आपको सबसे ज्यादा सुकून मिलेगी। कई चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें देखकर हमारी पूरी थकान उतर जाती है। ऐसा ही एक मंदिर है जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे है। जी हां उत्तर भारत में एक ऐसा मंदिर है जो 15 चट्टानों को काटकर बना हुआ है। जिसे देखकर आप इस बात पर विश्वास नहीं कर पाएंगे कि क्या वास्तव में ऐसा हो सकता है। आखिर इतनी अच्छी नक्काशी भी कहीं हो सकती है। हम बात कर रहे है हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के मसरूर गांव में स्थित रॉक कट टेम्पल हैं। इसके नाम से ही पता चल रहा है कि यह चट्टानों को काटकर बनाया गया है। आठवीं शताब्दी में बना ये मंदिर महाभारत के पांडवों का रहस्यमयी इतिहास भी अपने अंदर संजोये हुए है। हिमालयन पिरामिड के नाम से मशहूर ये रॉक कट टेम्पल अपने आप में एक अनोखा इतिहास समेटे हुए है। मसरूर का यह मंदिर कुरुद्वारा के नाम से पूजनीय है। वास्तव में यह भगवान् श्री राम को समर्पित है और वैष्णव धर्म का द्योतक है। मुख्य मंदिर के भीतर भगवान राम , लक्ष्मण और सीता की प्रतिमाएं स्थापित है जो पत्थर को नक्काश कर बनाई गई है। मूलतः ऐसा प्रतीत होता है कि यह भगवान् शिव को समर्पित था लेकिन समय के उतार चढ़ाव के साथ साथ बाद में यहाँ वैष्णव धर्म का प्रादुर्भाव होने से इसे विष्णु भगवान को समर्पित कर दिया गया। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि ऐसी नक्काशी पत्थरों में करना बहुत ही मुश्किल काम होता है। इसे करने के लिए दूर से करीगर लाए गए थे लेकिन वास्तव वे कारीगरी किसने की इस बारे में आजतक कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है। इस मंदिर के सामने ही मसरूर झील है जो मंदिर की खूबसूरती में चार चांद लगाती है। सदियों से चली आ रही दन्त कथाओं के मुताबिक मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान किया था और मंदिर के सामने खूबसूरत झील को पांडवों ने अपनी पत्नी द्रौपदी के लिए बनवाया गया था। काँगड़ा घाटी के हरिपुर कसबे से लगभग 3 किलोमीटर की दुरी पर और समुद्रतल से 2500 फुट कि ऊँचाई पर एक रेतीली पहाड़ी पर स्थित है। गग्गल हवाई पट्टी स यहाँ तक की दुरी 20 किलोमीटर है। इसकी लम्बाई 106 फुट के करीब और चोडाई 105 फुट है। इस तरह का विशाल पत्थर को कार कर बनाया मंदिर भारत में शायद ही कहीं हो। वास्तुकला की अद्भुत अविस्मरनीय पत्थर का यह स्तंभ सपाट और शिखर शैली में बनाया गया है । पुरातात्विक विभाग के संरक्षण में यह प्राचीन कला और इतिहास का मूक साक्षी है । इसके बाहर भीतर जिस तरह की मूर्तियाँ पत्थर पर तराशी गई है वह महाबलीपुरम में छठी और इलोरा के मंदिरों में दसवीं सदी की याद दिला देती है। बहुत कुछ इन प्राचीन मंदिरों की कला से मिलता जुलता है ।इस मंदिर के मूल मंदिर के साथ कुल 15 के करीब छोटे बड़े शिखराकार मंदिर है । इनमें से कुछ मंदिरों के भाग टूट चुके है। काँगड़ा में 1905 को आये भूकंप के कारण भी इन मंदिरों को काफी क्षति पहुंची थी। मंदिर के सन्दर्भ में कोई प्रमाणिक ऐसा दस्तावेज उपलब्ध नही है जिस से इसके निर्माण काल का सही अनुमान लगाया जा सके । यह बताया जाता है कि इसका निर्माण पांडवों द्वारा ही किया गया है। आश्चर्य है कि यहाँ प्राचीन काल में कोई यात्री भी नहीं पहुंचा जिसने इस मंदिर का उलेख किया हो । कहा जाता है कि केवल सन 1913 में पुरातात्विक विभाग ने इसकी वास्तुकला का गहरायी से निरिक्षण किया।
लाखों लोगों की आस्था के केंद्र सुबाथू में बने श्री गुग्गा माड़ी मंदिर की कहानी चौकाने वाली है।करीब पौने दो सौ साल पहले वाल्मीकि परिवार से संबंध रखने वाले सुबाथू के दो व्यक्तियों को स्वपन में एक अद्भुत शक्ति ने गुग्गा माड़ी की स्थापना करने को कहा। इसके बाद इन लोगों ने मंदिर बनाने की योजना बनाई लेकिन यह बनेगा कहां, इसे लेकर जगह तय करना आसान नहीं था। सुबाथू में श्रीगुग्गामाड़ी मंदिर की स्थापना के विषय में मंदिर के वयोवृद्ध पुजारी पंडित टीका राम बताते हैं कि लगभग 170 वर्ष पूर्व बाल्मिकी परिवार से संबंध रखने वाले छित्तर व गुज्जर नामक व्यक्तियों को सपने में एक अद्भुत शक्ति ने माड़ी की स्थापना करने को कहा। गुग्गा जी के परम भक्त डींगा की इसमें अहम भूमिका रही और उन्होंने एक काले बकरे के गले में लाल डोर बांध कर खुला छोड़ दिया। पूरे सुबाथू का भ्रमण करने के बाद जहां बकरे ने घुटने टेके, वहीं माड़ी का स्थान निश्चित कर लिया गया। छित्तर व गुज्जर ने राजस्थान के हनुमानगढ़ में बनी श्री गुग्गामाड़ी से मिट्टी व ईंटें ला कर इस माड़ी की आधारशिला रखी। धीरे-धीरे इस पवित्र स्थान में लोगों की आस्था व श्रद्धा बढ़ती गई और वर्तमान में यहां श्री गुग्गा जी का भव्य मंदिर स्थापित है। गुग्गा जी के आशीर्वाद से सुबाथू में सर्पदंश से आज तक किसी की मृत्यु नहीं हुई गुग्गाजी के संबंध में अनेक दंत कथाएं प्रचलित हैं, लेकिन गुग्गा जी के गीतों से पता चलता है कि उनका जन्म बीकानेर के ददरेड़ा नामक स्थान पर जेवर सिंह चौहान के घर हुआ था। उनकी माता बाच्छल सिरसा के राजा कंवरपाल की पुत्री थी। बाच्छल की बड़ी बहन काच्छल भी इसी परिवार में ब्याही गई थी। दोनों बहनें संतानहीन थीं और उन्होंने संतान प्राप्ति के लिए अनेक देवी-देवताओं की स्तुति की, लेकिन उनकी गोद नहीं भरी। उन्हीं दिनों संत गुरु गोरखनाथ मारू देश पधारे हुए थे। उन्होंने बाच्छल को सोमवृक्ष की जड़ें देते हुए उसके चूर्ण का सेवन करने को कहा, जिससे बाच्छल को गुग्गा के रूप में पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। शिला पर बचे चूर्ण को बाच्छल की तीन अन्य सखियों ने भी खा लिया और उन्हें भी एक-एक पुत्र प्राप्त हुआ, जिनके नाम नरसिंह पांडे, भजनू व रतनू रखे गए। कुछ चूर्ण बाच्छल की घोड़ी ने भी चाट लिया और उसने भी एक नीले रंग के घोड़े को जन्म दिया। गुग्गा के मंदिरों में इन सभी की पूजा की जाती है और इनके समूह को पंचवीर कहा जाता है। कई स्थानों पर गुग्गा जी को सर्प देवता के रूप में भी पूजा जाता है। गुग्गा के भक्त 'गारड़ू तांत्रिक विधि से सर्पदंश का निवारण भी करते हैं। स्थानीय लोगों की मान्यता है कि गुग्गा जी के आशीर्वाद के कारण ही सुबाथू या आसपास के क्षेत्र में सर्पदंश से आज तक किसी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है। किसान अर्पण करते है नई फसल जिस प्रकार गेहूं की फसल आने पर पंजाब में बैसाखी का पर्व मनाया जाता है, उसी प्रकार क्षेत्र के किसान मक्की की नई फसल को सर्वप्रथम गुग्गा जी के मंदिर में चढ़ा कर धनधान्य की कामना करते हैं। धर्मनिरपेक्षता इस मेले का आदर्श है। हिंदू-मुस्लिम एकता की प्रतीक गुग्गा की छड़ी में नीचे की ओर नारियल और शीर्ष पर विराजमान ताजिया इसका उदाहरण है। लोक मान्यता है कि श्री गुग्गा जाहरवीर नवमी की रात को माड़ी में प्रकट हो कर लोगों के दुखों का निवारण करते हैं। टमक पूजन के साथ आरम्भ होता है मेला सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक सुबाथू का ऐतिहासिक श्री गुग्गामाड़ी मेला प्रतिवर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद सेना के लोअर कैंप स्थित मैदान में लगता आ रहा है। इन चार दिनों के दौरान गुग्गा जाहरवीर के मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु मन्नतें मांगने और मन्नतें पूरी होने के बाद शीश नवाने आते हैं। मेले में रात्रि के समय 'गुग्गा के गीत, नाटक व अन्य रंगारंग कार्यक्रमों के अलावा अंतिम दो दिन दंगल लोगों के विशेष आकर्षण का केंद्र होता है। गुग्गा माड़ी मेले का टमक पूजन के साथ शुभारम्भ होता है। सैकड़ों वर्षों से चली रही परंपरा अनुसार ढोल नगाड़े बजाकर भक्तजन देवी-देवताओं को मेले में आने का आमंत्रण देते हैं। इस वर्ष मेला 5 से 8 सितम्बर तक इस वर्ष श्री गुग्गा माड़ी मेले का आयोजन 5 से 8 सितम्बर तक किया जा रहा है। मेले का शुभारम्भ डीसी सोलन केसी चमन करेंगे। दूसरे दिन एडीएम विवेक चंदेल मुख्य अतिथि होंगे। 7 तारीख को सामजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री डॉ राजीव सैजल बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। जबकि मेले के आखरी दिन ब्रिगेडियर एचएस संधू, कमांडेंट 14 जीटीसी सुबाथू मुख्य अतिथि होंगे ।
ग्राम पंचायत मांगल के गांव हवानी में एक दिवसीय स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता बीडीसी सदस्य सुरेश ठाकुर तथा वार्ड सदस्य हवानी जयराम ठाकुर ने की। बीडीसी सदस्य सुरेश कुमार ने कहा कि लोगों को स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी मिल सके इसके लिए चिकित्सकों द्वारा लोगों को कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की जाती है।उन्होंने कहा कि ऐसे स्वास्थ्य शिविर मांगल पंचायत के हर गांव में लगवाये जा रहे है। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ अल्ट्राटेक कंपनी के सहयोग से भी हर गांव को छोटी-छोटी स्कीमों से जोड़ा जा रहा है,जैसे गांव में सिलाई कढ़ाई,महिला मंडल को सहयोग करवाना तथा गांव में सीएसआर के अंदर काम करवाना इत्यादि है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अल्ट्राटेक कंपनी के सहयोग से गांव पडयार में श्मशान घाट,भलग गांव में रेन शेल्टर बाथरूम,गांव बागा में रेन शेल्टर बाथरूम तथा शालूघाट में भी रेन शेल्टर का काम किया जा रहा है। इसके अलावा मांगल पंचायत में सड़क की रिपेयर का काम करवाना तथा हर स्कूल में बच्चों के लिए अलमारी,दरिया,वॉलीबॉल,डेस्क आदि दिलवाना भी उनकी प्राथमिकता में है। बीडीसी सदस्य सुरेश ठाकुर ने कहा मांगल पंचायत के अंदर लगभग 40 लाख से ऊपर बीडीसी के माध्यम से अल्ट्राटेक कंपनी से काम लिया जा रहा है।सुरेश ठाकुर ने कहा कि अभी कंपनी में और भी कई मुद्दों पर बात हो रही है इसके साथ-साथ मांगल व बैरल पंचायत में बेरोजगारी की समस्या बहुत ज्यादा है तथा रोजगार को लेकर आज भी मांगल की तरफ से बीडीसी के द्वारा लगभग 1 साल पहले रोजगार का मुद्दा हाईकोर्ट शिमला में डाला गया है।
डीएवी अम्बुजा विद्या निकेतन दाड़लाघाट के दसवीं कक्षा के छात्र सौमिल शर्मा ने एक बार फिर स्कूल तथा अभिभावकों का नाम रोशन किया है। सौमिल शर्मा ने आईएसआरओ द्वारा 10 से 25 अगस्त तक ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में प्रदेश भर में टॉप 2 में अपना स्थान बनाया। इस प्रतियोगिता के माध्यम से हर राज्य से टॉप 2 बच्चे आईएसआरओ के बंगलुरू स्थित केन्द्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चंद्रयान 2 की सफल लैंडिंग का लाइव टेलीकास्ट 7 सितम्बर को देखेंगे। सौमिल शर्मा की इस उपलब्धि पर स्कूल तथा अभिभावकों में खासा उत्साह है। स्कूल प्रबंधन समिति के चैयरमेन अनुपम अग्रवाल तथा स्कूल प्रधानाचार्य मुकेश ठाकुर ने सौमिल शर्मा को इस विशिष्ट उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दी। प्रधानाचार्य ने कहा कि यह हम सब के लिए गर्व की बात है कि सौमिल शर्मा प्रधानमंत्री के साथ बंगलुरू स्थित आईएसआरओ के केन्द्र से चंद्रयान 2 का नजारा देखेंगे।
कुनिहार-नालागढ़ सड़क मार्ग शुक्रवार को यातायात के लिए दो घण्टे के लिए बन्द रहेगा। जानकारी देते हुए लोक निर्माण विभाग अर्की के अधिशाषी अभियंता रवि कपूर ने बताया कि कुनिहार- नालागढ़ सड़क के मध्य पड़ने वाले कुणी पुल को प्रातः10 बजे से 12 बजे तक व कुनिहार- नालागढ़ सड़क पर बने गम्वर पुल पर 2 बजे से 4 बजे तक यातायात रोका जाएगा। उन्होंने बताया कि दोनों पुलों का निर्माण काफी वर्षो पहले किया गया था तथा कोई अप्रिय घटना न हो इसलिये दोनों पुलों की जांच पड़ताल की जा रही है।सभी से सहयोग की अपील की है।
राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर आज एसीसी बरमाणा व डीएवी स्कूल में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में बतौर विशेष अतिथि अंतरराष्ट्रीय हैंडबॉल खिलाड़ी निधि शर्मा, मेनिका पाल, दीपा ठाकुर, दीक्षा ठाकुर, शालिनी ठाकुर व शैलजा शर्मा ने शिरकत की। यह जानकारी मोरसिंघी हैंडबाल नर्सरी की संचालिका व कोच स्नेहलता इस दी। अंतरराष्ट्रीय हैंडबाल खिलाड़ियों का डी ए वी बरमाणा पहुंचने पर स्कूल स्टाफ व बच्चों ने शानदार स्वागत किया। स्कूल में पढ़ाई व खेल के क्षेत्र में अव्वल आये बच्चों को विशेष अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। अपने सम्बोधन में निधि शर्मा, शैलजा शर्मा, मेनिका पाल व दीपा ठाकुर ने कहा कि हमारी जिंदगी में पढ़ाई के साथ साथ खेल भी बहुत जरूरी है। जीतना पढ़ाई की अहमियत है उतनी ही खेल की भी। खेल से हमारा शरीर तन्दरूस्त रहता है। इसलिये सभी को पढ़ाई के साथ साथ कोई ना कोई खेल जरूर खेलना चाहिए। इस अवसर स्कुल प्रधनाचार्य सुनील गांगटा ने सभी अंतरराष्ट्रीय हैंडबाल खिलाड़ियों को सम्मानित किया।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का 10 दिवसीय प्रचार-प्रसार अभियान संपन्न प्रदेश सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित किया गया 10 दिवसीय प्रचार-प्रसार कार्यक्रम आज संपन्न हो गया। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के राज्य नाट्य दल के कलाकारों ने आज कंडाघाट विकास खंड की ग्राम पंचायत सायरी तथा ग्राम पंचायत सेरीघाट में गीत-संगीत तथा नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया। कलाकारों ने जहां उपस्थित जनसमूह को कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की वहीं लोगों का भरपूर मनोरंजन भी किया। नाट्य दल के कलाकारों सुनील कुमार, रमेश चंद्र, नीतिन तोमर, राजेश कुमार, रेखा, निशा बाला, गीता ने नुक्कड़ नाटक ‘बेरोजगार-शाउणु’ के माध्यम से प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की जानकारी प्रदान की। योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण के लिए दर्जी, हाथ कढ़ाई, छोटे पोल्ट्री किसान, ई-रिक्शा चालक और तकनीशियन, बढ़ई, सिलाई ऑप्ररेटर आदि व्यवसाय शामिल किए गए हैं। कलाकारों ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना के अंतर्गत युवाओं के कौशल विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। योजना के अंतर्गत 18 से 45 वर्ष आयुवर्ग के युवाओं को 50 लाख रुपये तक की कुल परियोजना लागत वाले उद्यम स्थापित करने के लिए 25 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है। महिलाओं को 30 प्रतिशत तक के उपदान का प्रावधान है। योजना के तहत 62 कार्यों को शामिल किया गया है जिसमें हेल्थ फिटनेस संेटर खोलने से लेकर होटल और रेस्तरां चलाने जैसे कार्य शामिल किए गए हैं। योजना के अंतर्गत अब तक राज्य में 200 युवाओं को लगभग 31 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए जा चुके हैं। इस वर्ष 2 हजार युवाओं को 400 करोड़ रुपये के ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। समूह गान ‘प्रगति की बंध गई नई डोर, हिमाचल प्रगति की ओर’ के माध्यम से कलाकारों ने उपस्थित जनसमूह को सामाजिक सुरक्षा पैंशन, हिमकेयर, जल संरक्षण, मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना तथा मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना की जानकारी प्रदान की गई। लोगों को बताया गया कि प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार ने सत्ता में आते ही जहां सामाजिक सुरक्षा पैंशन को बढ़ाकर 750 रूपये प्रति माह किया था वहीं इस वर्ष इसे बढ़ाकर 850 रूपये प्रतिमाह कर दिया गया है। लोगों को जानकारी दी गई कि अब प्रदेश के 70 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के वरिष्ठ नागरिक सामाजिक सुरक्षा पैंशन पाने के हकदार हैं। इस वर्ष से वरिष्ठ नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा पैंशन के रूप में प्रतिमाह 1500 रुपए प्रदान किए जा रहे हैं। इस अवसर पर ग्राम पंचायत सायरी की प्रधान अंजू राठौर, वार्ड सदस्य कमला देवी, किरण बला, अनीता देवी, प्रशिक्षक सुनील मेहता, स्कूल प्रबंधन समिति के प्रधान रामभजन, वार्ड सदस्य रीता देवी, विजय कुमार, उमा देवी सहित काफी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
औद्योगिक शहर परवाणु के सैक्टर-1 में चल रहें संस्कार फाऊंडेशन ट्रस्ट के तहत नशा मुक्ति केंद्र के पंजीकरण संदेह के घेरे में आ रहा है। यहां पर सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या यह नशा मुक्ति केंद्र कही पर पंजीकृत था या फिर बिना पंजीकरण के ही चल रहा था। इस नशा मुक्ति केंद्र पर परवाणु की एक महिला ने कथित तौर पर उसके पति के साथ मारपीट करने का आरोप लगाया है, जिसके बाद उसके पति की इलाज के दौरान चंडीगढ़ अस्पताल में मौत हुई। परवाणु पुलिस को अभी तक इस नशा मुक्ति केंद्र के पंजीकरण से संबंधित कोई भी दस्तावेज नहीं मिले है। हालांकि संस्कार फाऊंडेशन ट्रस्ट तहसील कसौली में पंजीकृत है, जिसकी जानकारी परवाणु पुलिस ने अपनी प्रारंभिक जांच में जुटा ली है। यहां पर सबसे बड़ी बात यह भी है कि नशा छुडवाने आए जसविंद्र की मौत को करीब 4 दिन का समय बीत चुका है, लेकिन परवाणु पुलिस की अभी तक नशा मुक्ति केंद्र के एम.डी. के साथ कोई भी बातचीत नहीं हुई है और न ही केंद्र के किसी प्रकार के दस्तावेजो को पुलिस को सौंपा गया है। फिलहाल परवाणु पुलिस की माने तो मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद कारवाई को आगे बढ़ाई जाऐगी। बता दे कि परवाणु में बीते 26 अगस्त को नशा मुक्ति केंद्र में नशा छुडवाने के लिए दाखिल हुए जसविंद्र सिंह की मौत का मामला सामने आया था। इस मामले में अभी मृतक की पत्नी ने पुलिस थाना परवाणु में मामला दर्ज करवाया है, जिसके बाद परवाणु पुलिस ने इस आधार पर शव का पोस्टमार्ट करवाया है, जिसकी रिपोर्ट अभी तक नही आई। मृतक के शरीर में मिले है नीले रंग के निशान : पुलिस की प्रारंभिक जांच के अनुसार मृतक के शरीर में नीले रंग के निशान मिले है और यह निशान पहले के थे या फिर नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल होने के बाद के है इसका खुलासा होना बाकी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चल सकेगा कि यह निशान कितने दिन पुराने है। इस मामले में अभी पोस्टमार्ट की रिपोर्ट नही आई है। यह ट्रस्ट तहसील कसौली में तो पंजीकृत है, लेकिन इस नशा मुक्ति केंद्र का पता नहीं है कि कही पर पंंजीकृत है। इसके बारे में अभी तक कोई दस्तावेज नहीं मिले है। इसके अलावा इस नशा मुक्ति केंद्र के एम.डी. से भी कोई बात नही हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही सब कुछ पता चल सकेगा। -रुपेश कांत, एस.एच.ओ., पुलिस थाना परवाणु।
विधानसभा सत्र में विधानसभा सदस्य बलवीर सिंह चैधरी द्वारा पंचायतों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सदन में संकल्प लाया गया।विधायक विधानसभा क्षेत्र बिलासपुर सुभाष ठाकुर ने इसके समर्थन में कहा कि सभी सदस्यों को इसकी चिंता है और उम्मीद है कि इस संबंध में कड़े कदम उठाये जायँगे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार कई वर्षों से पंचायतों में हो रहा है सभी सदस्य यह चाहते हैं कि इस भ्रष्टाचार को खत्म किया जाए। आज पंचायती राज सिस्टम में पंचायतों के विकास के लिए बहुत पैसा आया है यह विकास कार्य हर पंचायत में होने चाहिए। केंद्र सरकार की तरफ से 14वें वित्त आयोग के तहत 10-20-30 लाख रूपय प्रत्येक पंचायत को विकास कार्यो के लिए आता है और कई अन्य केंद्र प्रायोजित योजनाएं हैं जैसे मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना व प्रधानमंत्री आवास योजना ऐसी अनेकों योजनाएं हैं। उसी तरह हमारे राज्य में सांसद निधि, राज्य सभा सांसद निधि, विधायक निधि और अनेकों ऐसी नीतियां हैं, सभी को चिन्ता है कि इस सिस्टम को मजबूत किया जाए। हर पंचायत में हो तकनिकी सहायक उन्होंने सुझाव दिया कि हर एक पंचायत में एक-एक तकनीकी सहायक होना चाहिए। कनिष्ठ अभियंता को 25-25 पंचायतें दी गई है जिस कारण वे 1 माह में सभी पंचायतों तक नहीं पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर एक के पास 10 पंचायतें दे दी जाए तो वे यह कार्य ठीक से कर पाएंगे। इसी तरह पंचायत सचिव और बीडीओ की जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।
पुलिस अधीक्षक सोलन मधुसूदन शर्मा ने कहा कि आज के इस तनावपूर्ण जीवन में प्रत्येक व्यक्ति को योग एवं व्यायाम नियमित रूप से करना चाहिए। ताकि वे स्वस्थ रहें और राष्ट्र निर्माण में अपनी सार्थक भूमिका निभा सकें। मधुसूदन शर्मा आज यहां पुलिस ग्राउंड सोलन में जिला आयुर्वेद विभाग सोलन द्वारा ‘योग एवं जीवन शैली’ विषय पर आयोजित जागरूकता शिविर के शुभारंभ के अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। यह तीन दिवसीय योग शिविर विशेष रूप से पुलिस कर्मियों व उनके परिजनों के लिए आयोजित किया जा रहा है। मधुसूदन शर्मा ने कहा कि योग जहां हमें मानसिक रूप से सुदृढ़ करने में सहायता करता है। वहीं इससे व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ एवं पुष्ट भी बनता है। उन्होंने कहा कि योग समय की आवश्यकता है। तथा युवा पीढ़ी को अपनी दिनचर्या में इसे नियमित रूप से अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्व को योग भारत की देन है। और प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह न केवल स्वयं योग करे अपितु अपने परिजनों को भी योग करने के लिए प्रेरित करें। कार्यक्रम में जिला आयुर्वेद अधिकारी सोलन डॉ. राजेंद्र शर्मा ने प्रतिभागियों को योग की आधुनिक जीवन में उपयोगिता विषय पर सारगर्भित जानकारी प्रदान की। डॉ. राजेंद्र शर्मा ने कहा कि सोलन जिला के सभी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, विद्यालयों के साथ-साथ पंचायत स्तर पर इस प्रकार के योग शिविरों का आयोजन समय-समय पर किया जाएगा ताकि एक स्वस्थ व नशामुक्त समाज के निर्माण के लिए नागरिकों को तैयार किया जा सके। उन्होंने विशेष रूप से पुलिस कर्मियों एवं उनके परिजनों से आग्रह किया कि वे अपनी कार्यशैली को देखते हुए नियमित रूप से योग करें। उन्होंने कहा कि योगाभ्यास अनेक बीमारियों का समूल नाश करता है। आयुर्वेदिक विभाग की वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक एवं योगगुरू डॉ. अनीता गौतम, डॉ. मंजेश शर्मा, प्रशिक्षित योग शिक्षिका आशा रानी द्वारा प्रतिभागियों को योग की विभिन्न मुद्राओं, आसनों एवं आवाहर-विहार की जानकारी प्रदान की गई। इस अवसर पुलिस उपाधीक्षक परवाणू योगेश रोल्टा, पुलिस उपाधीक्षक सोलन (एलआर) रमेश शर्मा, अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में प्रतिभागी उपस्थित थे। ताकि वे स्वस्थ रहें और राष्ट्र निर्माण में अपनी सार्थक भूमिका निभा सकें। .
पंचायती राज संस्थाओं की मतदाता सूचियों के लिए कार्यक्रम निर्धारित हिमाचल प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार सोलन जिला में भी पंचायती राज संस्थाओं की मतदाता सूचियों के प्रारूप को अद्यतन एवं अंतिम प्रकाशन के लिए कार्यक्रम निर्धारित कर दिया गया है। यह जानकारी आज यहां जिला निर्वाचन अधिकारी(पंचायत) एवं उपायुक्त सोलन केसी चमन ने दी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज (निर्वाचन) नियम 1994 के नियम 17 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मतदाता सूचियों को अद्यतन करने के लिए संशोधन प्राधिकरण के रूप में अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं। खंड विकास अधिकारी धर्मपुर को धर्मपुर विकास खंड की ग्राम पंचायतों की मतदाता सूचियों के लिए, खंड विकास अधिकारी कंडाघाट को कंडाघाट विकास खंड की ग्राम पंचायतों की मतदाता सूचियों के लिए, खंड विकास अधिकारी कुनिहार को कुनिहार विकास खंड की ग्राम पंचायतों की मतदाता सूचियों के लिए, खंड विकास अधिकारी नालागढ़ को नालागढ़ विकास खंड की ग्राम पंचायतों की मतदाता सूचियों के लिए तथा खंड विकास अधिकारी सोलन को सोलन विकास खंड की ग्राम पंचायतों की मतदाता सूचियों के लिए संशोधन प्राधिकरण नियुक्त किया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, मतदाता सूचियों के प्रारूप को 30 अगस्त, 2019 को प्रकाशित किया जाएगा। संशोधन प्राधिकरण के समक्ष दावे एवं आपत्तियां दर्ज करने की तिथि 31 अगस्त, 2019 से 9 सितम्बर 2019 तक निर्धारित की गई है। संशोधन प्राधिकरण द्वारा दावे एवं आपत्तियों पर निर्णय इन्हें प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि के 3 दिन के भीतर किया जाएगा। सक्षम प्राधिकरण के समक्ष अपील दायर करने के लिए 7 दिन का समय दिया जाएगा। मतदाता सूचियों का अंतिम रूप से प्रकाशन 25 सितंबर, 2019 को अथवा इससे पूर्व किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आज राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर नई दिल्ली से ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ के शुभारंभ के अवसर पर जिला में कार्यक्रम का लाईव प्रसारण किया गया। जिला स्तर का कार्यक्रम ठोडो मैदान में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के जिला आपातकालीन संचालन केन्द्र में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सहायक आयुक्त सोलन भानु गुप्ता ने की। इस अवसर पर जिला के सभी खंड विकास अधिकारी कार्यालयों, विभिन्न विद्यालयों एवं ग्राम पंचायतों में कार्यक्रम का लाईव प्रसारण किया गया और युवाओं एवं अन्य को ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ की जानकारी दी गई।भानु गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जिस उद्देश्य के साथ ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ का शुभारंभ किया गया है उसे हम सभी को पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा है कि ‘फिटनेस शून्य प्रतिशत का ऐसा निवेश है जिसके लाभ अनंत हैं।’ उन्होंने कहा कि हम सभी को प्रधानमंत्री के शब्दों को अक्षरशः जीवन में उतारना होगा। मानसिक एवं शारीरिक रूप से फिट रहना जहां व्यक्तिगत रूप से आवश्यक है वहीं प्रदेश एवं देश के विकास में योगदान के लिए यह अपरिहार्य भी है। उन्होंने कहा कि आज से हम सभी को अपनी दिनचर्या में फिटनेस के लिए समय को शामिल करना होगा। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि फिटनेस के लिए समय निकालें और नियमित व्यायाम करें।
हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी देवेश कुमार ने कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भारत के निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदाता सूचियों को अद्यतन करने के दृष्टिगत प्रथम सितंबर से 30 सितंबर, 2019 तक ‘मतदाता सत्यापन कार्यक्रम’ (ईवीपी) कार्यान्वित किया जाए। देवेश कुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2020 तक मतदाता सूची एवं पंजीकरण में सुधार लाना तथा सभी पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जोड़ना है। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के उपरांत जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त सोलन केसी चमन ने निर्वाचन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रथम सितंबर, 2019 को अवकाश वाले दिन जिला के समस्त बूथ स्तर के अधिकारी, पर्यवेक्षक तथा निर्वाचन से संबंधित कर्मचारी अपने-अपने बूथ पर उपस्थित रहेंगे ताकि मतदाता सूचियों को मतदाताओं की उपस्थिति में अद्यतन किया जा सके। उन्होंने कहा कि मतदाताओं की सहायता के लिए जिला एवं उपमंडल स्तर पर सामान्य सेवा केन्द्र स्थापित कर दिए गए हैं। यहां से मतदाताओं को इस संबंध में पूरी जानकारी उपलब्ध होगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण कार्यालयों से समन्वय स्थापित करें ताकि जिला में मृतकों के संबंध में ईआरओ नेट पर सूची अद्यतन की जा सके। केसी चमन ने कहा कि मतदाता सत्यापन कार्यक्रम के विषय में लोगों को जागरूक करने के लिए जिला स्तर, उपमंडल स्तर एवं खंड स्तर पर होर्डिंग स्थापित किए जाएंगे। ये होर्डिंग उपायुक्त कार्यालय सोलन, जिला के सभी उपमंडलाधिकारी कार्यालयों एवं खंड विकास कार्यालयों में स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की सफलता के लिए यह आवश्यक है कि उचित स्तर पर इसका अनुश्रवण किया जाए और नियमित आधार पर फीडबैक प्राप्त की जाए। जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि जिला सोलन के पांचों विधानसभा क्षेत्रों में बूथ स्तर के अधिकारियों का व्हट्सऐप ग्रुप बना दिया गया है जिसमें समय-समय पर चुनाव प्रक्रिया के बारे में आवश्यक जानकारी प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षकों को मतदाता सत्यापन कार्यक्रम से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है तथा बूथ स्तर के अधिकारियांे को ईवीपी प्रशिक्षण 30 अगस्त को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत कोई भी नागरिक भारतीय पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार, राशन कार्ड, सरकारी, अर्ध सरकारी कर्मचारियों का पहचान पत्र, बैंक पासबुक, किसान पहचान पत्र की प्रति संबंधित निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (उपमंडलाधिकारी) कार्यालय में जमा करवा कर मतदाता सूची में विद्यमान अपनी तथा अपने परिवार की जानकारी सत्यापित कर सकता है। उन्होंने कहा कि प्रथम सितंबर से 30 सितंबर, 2019 तक मतदाता हेल्पलाइन मोबाइल ऐप, एनवीएसपी पोर्टल, लोकमित्र केंद्र पर जाकर अपने विवरण को सत्यापित कर सकता है। मतदाता, उपमंडलाधिकारी कार्यालय में स्थापित मतदाता सुविधा केंद्र जाकर मतदाता सूची में कोई त्रुटि को सत्यापित कर सकता है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग मतदाता इस सम्बन्ध में मतदाता हैल्पलाईन नंबर 1950 पर संपर्क कर सकते हैं। केसी चमन ने जिला के सभी मतदाताओं से आग्रह किया है कि वे प्रथम सितंबर, 2019 को अपने-अपने मतदान केन्द्र पर जाकर अपनी वोट के विषय में जानकारी प्राप्त कर लंे। त्रुटि अथवा संशोधन इत्यादि के संबंध में मतदान केन्द्र पर ही क्रिया पूरी की जा सकती है। इस अवसर पर तहसीलदार निर्वाचन राजेंद्र शर्मा, नायब तहसीलदार निर्वाचन महंेद्र ठाकुर सहित निर्वाचन विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे।
ये नेता जब सीएम बना तो टिम्बर घोटाला हुआ, राज्यपाल बना तो लोकतंत्र की हत्या कर दी हिमाचल का ये नेता जब मुख्यमंत्री बना तो उसे देवदार के पेड़ खाने वाला सीएम कहा गया। यहीं नेता जब राज्यपाल बना तो उसे लोकतंत्र खाने वाला राज्यपाल कहा गया। हम बात कर रहे है ठाकुर रामलाल की। वही ठाकुर रामलाल जो 1957 से 1998 तक 9 बार जुब्बल कोटखाई से विधायक चुने गए। वहीँ ठाकुर रामलाल जिन्होंने 18 साल सीएम रहे डॉ यशवंत सिंह परमार की राजनैतिक विदाई का ताना बाना बुना और वहीँ ठाकुर रामलाल जिन्हें हिमाचल का तिकड़मबाज सीएम कहा गया। संजय गाँधी की पसंद से बने पहली बार सीएम 28 जनवरी 1977 को हिमाचल निर्माता और पहले मुख्यमंत्री डॉ यशवंत सिंह परमार इस्तीफा दे देते है। इसे डॉ परमार की समझ कहे या ठाकुर रामलाल की पोलिटिकल मैनेजमेंट, कि खुद डॉ परमार पार्टी आलाकमान का रुख भांपते हुए ठाकुर रामलाल के नाम का प्रस्ताव देते है। उसी दिन शाम को ठाकुर रामलाल पहली बार हिमाचल के सीएम पद की शपथ लेते है। ऐसा अकस्मात नहीं हुआ था। दरअसल इससे करीब एक सप्ताह पहले ठाकुर रामलाल 22 विधायकों की परेड प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के समक्ष करवा चुके थे। वैसे भी इमरजेंसी के दौरान ठाकुर रामलाल संजय गाँधी के करीबी हो चुके थे। रामलाल, डॉ परमार की कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री थे और उन्होंने संजय के नसबंदी अभियान को अपने क्षेत्र में पुरे जोर- शोर के साथ चलाया था। इसका लाभ भी उन्हें मिला। शांता को पता भी नहीं चला और उनके विधायक ठाकुर रामलाल के साथ हो लिए निर्दलीय विधायकों के सहारे बने तीसरी बार सीएम बतौर मुख्यमंत्री ठाकुर रामलाल का पहला कार्यकाल महज तीन माह का ही रहा। दरअसल इमर्जेन्सी के बाद हुए आम चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ हो गया और मोरारजी देसाई की सरकार ने कई प्रदेशों की सरकारें डिसमिस कर दी और चुनाव करवा दिए।हिमाचल भी इन्हीं राज्यों में से एक था। चुनाव हुए और शांता कुमार अगले मुख्यमंत्री बने। पर शांता भी सत्ता का सुख ज्यादा नहीं भोग पाए।फरवरी 1980 में ठाकुर रामलाल ने एक बार फिर अपनी तिगड़मबाज़ी दिखाई और शांता कुमार के 22 विधायक ठाकुर के साथ हो लिए। इस बीच मोरारजी देसाई की सरकार गिर गई और इंदिरा की सत्ता में वापसी हुई। इंदिरा ने भी वहीँ किया जो मोरारजी ने किया था। हिमाचल सहित कई प्रदेशों की सरकारों को डिसमिस किया। 1982 में फिर चुनाव हुए और हिमाचल में पहली बार किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। कांग्रेस को 31 सीटें मिली जो बहुमत से चार कम थी और 6 निर्दलीय विधायक भी चुन कर आये थे। और एक बार फिर ठाकुर रामलाल की राजनैतिक करामात कांग्रेस के काम आई और 5 निर्दलीय विधायकों के समर्थन से रामलाल तीसरी बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने। एक गुमनाम पत्र ने गिरा दी कुर्सी सीएम ठाकुर रामलाल के लिए सब कुछ ठीक चल रहा था। इसी बीच जनवरी 1983 में हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायधीश को एक गुमनाम पत्र मिलता है। पत्र में लिखा गया था कि ठाकुर रामलाल के दामाद पदम् सिंह, बेटे जगदीश और उनके मित्र मस्तराम द्वारा जुब्बल-कोटखाई व चौपाल इलाके में सरकारी भूमि से देवदार की लकड़ी काटी जा रही है, जिसकी कीमत करोड़ों में है। न्यायधीश ने जांच बैठाई जिसके बाद ठाकुर रामलाल पर खुले तौर पर टिम्बर घोटाले के आरोप लगने लगे। शायद ठाकुर रामलाल इस स्थिति को भी संभाल लेते लेकिन उनसे एक और चूक हो गई जिसका खामियाजा उन्हें सीएम की कुर्सी गवाकर चुकाना पड़ा। दरअसल ठाकुर रामलाल ने दिल्ली में पत्रकार वार्ता कर ये कह दिया कि उन्हें राजीव गाँधी ने आश्वासन दिया है कि उन्हें टिम्बर घोटाले को लेकर परेशान नहीं किया जायेगा। इसके बाद राजीव गाँधी पर आरोप लगने लगे कि वे भ्रष्टाचार के आरोपी का बचाव कर रहे है। नतीजन ठाकुर रामलाल को इस्तीफा देना पड़ा। दिलचस्प बात ये रही कि जिस तरह डॉ यशवंत सिंह परमार ने इस्तीफा देकर ठाकुर रामलाल का नाम प्रतावित किया था, उसी तरह ठाकुर रामलाल को इस्तीफा देकर वीरभद्र सिंह के नाम का प्रस्ताव देना पड़ा। राज्यपाल बनकर की लोकतंत्र की हत्या ठाकुर रामलाल के बतौर मुख्यमंत्री सफर पर तो वीरभद्र सिंह के सत्ता सँभालने के बाद ही विराम लग गया था, किन्तु अभी तो ठाकुर रामलाल द्वारा लोकतंत्र की हत्या होना बाकी था। कांग्रेस ने रामलाल को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाकर भेज दिया था। आंध्र में 1983 में चुनाव हुए थे जिसमें एन टी रामाराव मुख्यमंत्री बने थे। इसी दौरान अगस्त 1983 में एन टी रामाराव उपचार के लिए विदेश चले गए। ठाकुर रामलाल की राजनैतिक महत्वकांशा अभी बाकी थी, सो रामलाल ने कांग्रेस नेता विजय भास्कर राव को बिना विधायकों की परेड के ही सीएम बना दिया। वे इंदिरा के दरबार में अपनी कुव्वत बढ़ाना चाहते थे, पर हुआ उल्टा। एनटी रामाराव वापस वतन लौटे और व्हील चेयर पर बैठ दिल्ली में 181 विधायकों के साथ जुलूस निकाला। कांग्रेस की जमकर थू-थू हुई और रातों रात ठाकुर रामलाल के स्थान पर शंकर दयाल शर्मा को राज्यपाल बना दिया गया। इसके बाद रामलाल ने कांग्रेस छोड़ी, वापस भी आये पर स्थापित नहीं हो पाए। वीरभद्र को चुनाव हराने वाला नेता वीरभद्र सिंह से बड़े कद का नेता शायद ही हिमाचल की राजनीति में दूसरा कोई हो। वीरभद्र अपने राजनैतिक जीवन में सिर्फ एक चुनाव हारे है। 1990 के विधानसभा चुनाव में ठाकुर रामलाल ने उन्हें जुब्बल कोटखाई से चुनाव हारकर साबित कर दिया था कि उस क्षेत्र में उनसे बड़ा कोई नेता नहीं हुआ।
फिट इंडिया मूवमेंट कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर जिला स्तरीय कार्यक्रम कहलूर स्पोर्टस काॅम्पलैक्स हाॅकी मैदान लूहणु में जिला युवा सेवा एवं खेल विभाग के तत्वावधान में आयोजित किया गया। इस अवसर पर जिला के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, राज्य खेल छात्रावास, सिटी कलब, बंदला, ऋषिकेश, कोठीपुरा, कोसरियां की टीमों के खिलाडियों, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बाल) के विद्यार्थियों ने माननीय प्रधानमंत्री का दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम से लाईव संदेश सुना,इस मौके पर उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने कहा कि जिला के सभी उपमण्डलों, शिक्षण संस्थानों, पंचायतों तथा विभागों में माननीय प्रधानमंत्री के संदेश का सीधे प्रसारण की व्यवस्था कर सुनाया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को फिट रखने के लिए जो संदेश दिया है हम सभी को उन सभी बातों को अपने-अपने कार्यक्षेत्र और जीवन शैली में अपनाना चाहिए ताकि स्वस्थ स्वास्थ्य और स्वच्छ समाज की कल्पना को साकार किया जा सके। उन्होंने कहा कि कोई भी राष्ट्र तरक्की तभी कर सकता है जब मानव संसाधन स्वस्थ होंगे। उन्होंने आमजन मानस से अपील की है कि माननीय प्रधानमंत्री ने जो संदेश दिया है उसी के अनुरूप दिए गए संदेश को अपनी जीवन शैली में पूरी तरह से अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में हाॅकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेजर ध्यान चंद ने तीन बार भारत का प्रतिनिधितत्व किया और तीनों ही बार स्वर्ण पदक जीता। उन्होने बताया कि इस अवसर पर जिला स्तरीय हाॅकी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जा रहा है।
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी घुमारवीं ने निर्णय लिया है कि 2 सितम्बर को 10.30 प्रात: अबढाणीघाट (गुगा मंदिर के समीप) घुमारवीं में जनहित व जनाधिकार की इस लड़ाई में दोषियों के विरुद्ध आवाज बुलंद की जाएगी। पत्रकारों से बात करते हुए आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य पूर्व सीपीएस राजेश धर्माणी ने कहा कि भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचारियों व उनको सरंक्षण देने वाले नेताओं का इतना दबाव है कि भाजपा सरेआम गुनाहगारों का साथ दे रही है, जिला फेडरेशन अध्यक्ष से इस्तीफा नहीं लिया I बिना जांच के राशन तस्करों को कलीन चिट देकर घटिया राजनीति का अनूठा उदाहरण पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि आम आदमी के हक की लड़ाई में कांग्रेस लोगों के सहयोग से निश्चित तौर पर न्याय दिलाने में कामयाब होंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सरकार से मांग करती है कि इस घोटाले की न्यायिक जांच कारवाई जाए ताकि इन तस्करों के विरुद्ध कार्यवाही हो सके और सरकारी योजना का लाभ आम आदमी तक पंहुंच सके। धर्माणी ने कहा कि19 अगस्त,2019 को मत्वाणा गावं के एक युवक द्वारा स्टिंग कर राशन घोटाले की वीडियो जारी की गई, जिसमे सरेआम दिनदिहाड़े सरकारी गोदाम से राशन चोरी करते देखे गए हैं। इस वीडियो में आरोपी ने कई अन्य राशन तस्करी में शामिल व्यक्तियों के नाम उजागर किए जिनमें जिला फेडरेशन के अध्यक्ष व भाजपा के प्रवक्ता का नाम भी शामिल हैं। पूरे हिमाचल प्रदेश में इस घोटाले की चर्चा हर आदमी की जुबान पर है।
हमीरपुर के सांसद एवं वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर शुक्रवार से 4 दिन के लिए अपने लोकसभा क्षेत्र का दौरा करेंगे। चार दिन तक अनुराग ठाकुर अलग-अलग जगहों पर क्षेत्र का हाल जानेंगे , और लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे। गौरतलब है कि सांसद अनुराग ठाकुर का मंत्री बनने के बाद यह हमीरपुर का दूसरा बड़ा दौरा है। 30 अगस्त को सांसद अनुराग ठाकुर का देहरा में स्वागत होगा, और उसके बाद अनुराग ठाकुर हमीरपुर में शाम को परिधि गृह में लोगों से सीधा संवाद करेंगे और उनकी समस्याओं को भी सुनेंगे। अगले दिन सुजानपुर , बड़सर और भोरंज का दौरा करेंगे। इसके बाद वह 2 सितंबर को वापस दिल्ली पहुंच जाएंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर शुक्रवार को सुबह क़रीब 10 बजे दिल्ली से हवाई मार्ग से क़रीब 11:20 बजे गग्गल हवाईं अड्डे पहुँचेंगे , जहाँ उनका भव्य स्वागत होगा। वह 12:30 बजे देहरा रेस्ट हाउस पहुँच लोगों से मिलेंगे। अनुराग ठाकुर क़रीब 4: 00 बजे हमीरपुर सर्किट हाउस पहुँच जनता की समस्याएँ सुनेंगे। अनुराग ठाकुर रात 8 बजे अपने घर समीरपुर पहुँचेंगे। शनिवार को सुबह समीरपुर में लोगों से मिलेंगे। इसके बाद वह ज़िले के अन्य क्षेत्रों में निर्धारित कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
भीमाकली मंदिर हिमाचल प्रदेश के सराहन में हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल स्थित है। देवी भीमाकली को समर्पित यह मंदिर लगभग 800 साल पहले बनाया गया माना जाता है। यह अपनी अनूठी वास्तुकला, जो हिंदू और बौद्ध स्थापत्य शैली का एक मिश्रण है, के लिए जाना जाता है। मंदिर परिसर के भीतर एक नया मंदिर 1943 में बनाया गया था। मंदिर में देवी भीमाकली की एक मूर्ति को एक कुंवारी और एक औरत के रूप में चित्रित निहित है। मंदिर परिसर में रघुनाथ और भैरों के नरसिंह तीर्थ को समर्पित दो मंदिर और हैं भीमाकली मंदिर भारत में सबसे महत्वपूर्ण 'शक्तिपीठ' या पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू देवता शिव की पत्नी सती, वैवाहिक जीवन के परम सुख और दीर्घायु की देवी, का बायाँ कान इस जगह गिर गया था। एक अन्य कथा के अनुसार, देवी भीमाकली महान हिंदू ऋषि ब्रह्मगिरी के लकड़ी के स्टाफ में सबसे पहले दिखाई दी। यहाँ हर साल लोकप्रिय हिंदू त्योहार दशहरा के समारोह को धूमधाम से मनाया जाता है।
- परवाणु पुलिस कर रही रिपोर्ट का इंतजार - नशा मुक्ति केंद्र परवाणु पर लगा है अरोप, मारपीट से हुई है मौत पुलिस थाना परवाणु के तहत सामने आए नशा छुडवाने के लिए नशा मुक्ति केंद्र परवाणु में दाखिल हुए जसविंद्र सिंह की मौत मामले में अब पोस्टमार्ट से खुलासा होगा कि आखिर जसविंद्र सिंह की मौत कैसे हुई। इस मामले में मृतक की पत्नी ने सैक्टर-1 स्थित नशा मुक्ति केंद्र पर कथित तौर पर आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया हुआ है। परवाणु पुलिस भी मामले में कारवाई को आगे बढ़ाने के लिए पोस्टमार्ट रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। मामले में अभी तक पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नही आ सकी है और आज शाम तक रिपोर्ट आने की संभावना बनी हुई है, जिसके बाद इस मामले से पर्दा उठ सकेगा। सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार मृतक के शरीर में नीले रंग के घाव भी पाए गए है, लेकिन यह अभी पता नही चल सका है कि यह घाव अभी के है या पहले के है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलते ही घाव की स्थिति भी पूरी तरह से स्पष्ट हो जाऐगी। बता दे कि इस मामले में मृतक की पत्नी कुलविंद्र कौर ने परवाणु थाने में शिकायत दर्ज करवाई है कि उसका पति जसविंद्र सिंह शराब पीने का आदी था और उसने अपने पति व जेठ को नशा छुडवाने के लिए परवाणु नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल करवाया था, जहां पर उसके साथ मारपीट की और इसके कारण उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद उसके पति को चंडीगढ़ अस्पताल में भर्ती करवाया जहां पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। - बाक्स : पोस्ट मार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद आगे की कारवाई की जाएगी। रुपेश कांत, एस.एच.ओ., पुलिस थाना परवाणु।
- एक की हालत गंभीर चंडीगढ़ रैफर पुलिस थाना परवाणु के तहत परवाणु-बनासर सडक़ मार्ग पर एक कार गहरी खाई में गिर गई। इस हादसे में दो लोगों को चोटे आई है, जिसमें से एक की हालत नाजुक होने पर चंडीगढ़-32 सैक्टर स्थित अस्पताल में रैफर किया है। जानकारी के अनुसार सन्नी पुत्र झड़वा निवासी गांव बीड़ घाघर जिला पंचकुला हरियाणा व उसके साथ अन्य एक साथी संदीप कामली बनासर संपर्क मार्ग से टी.टी.आर्र हाईटस होल से बचा हुआ खाना लेने कार के माध्यम से गए थे। जब वह वापस आ रहें थे तो संढोग मंदिर के पास इनकी कार अनियंत्रित हो कर खाई में गिर गई, जिससे उसे हल्की चोटे व उसके साथ संदीप को काफी चोटे आई है। एस.एच.ओ. पुलिस थाना परवाणु रुपेश कांत ने मामले की पुष्टि की है।
युवाओं को जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में दी जानकारी - राजेश मेहता जिला रोजगार अधिकारी राजेश मेहता ने जानकारी देते हुए बताया कि श्रम एंव रोजगार विभाग की ओर से जिला स्नातकोतर महाविद्यालय में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा के सन्दर्भ में युवाओं के लिए व्यावसायिक मार्गदर्शन शिविर लगाया गया जिसमें विभिन्न विभागों से आए हुए विभागाध्यक्षों ने अपने-अपने विभाग के बारे में युवाओं को अवगत करवाया। उन्होने बताया कि युवाओं को विभिन्न विभागों के माध्यम से चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी तथा विद्यार्थियों को उनके उज्जवल भविष्य के बारे में परामर्श दिया गया। उन्होने बताया कि इस कार्य में स्नातकोतर महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. बच्चन सिंह ठाकुर और सह संयोजक डा. सुरेश कुमार का इस शिविर को सफल बनाने में विशेष योगदान रहा। उन्होने बताया कि इस शिविर में काॅलेज के सभी विद्यार्थी उपस्थित रहे। इस अवसर पर क्षेत्रीय परिवहन आधिकारी एस.के. पराशर, सहायक निदेशक पशु पालन विभाग डा. विनोद कुंदी, मुख्य प्रबंधक अग्रणी यूको बैंक के.के. जसवाल, प्रधानाचार्य राजकीय औधोगिक प्रशिक्षण संस्थान अजेश कुमार, आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डा. अभिषेक ठाकुर, प्रतिनिधि जिला उद्यान विभाग राम लाल संधू, प्रधान औधोगिक संघ प्रेम डोगरा, प्रतिनिधि जिला उधोग केंद्र सरवन कुमार, सह संयोजक हिमाचल कौशल विकास निगम कुमार गौरव, अधीक्षक ंसर्व राजेश मेहता, भूपेश शर्मा के अतिरिक्त काॅलेज के छात्र व छात्राओं ने भाग लिया।
कुनिहार में बन्दरों का आतंक कुनिहार में बन्दरों का आतंक दिनप्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। यह बन्दर जँहा घरों व दुकानों से सामान उठा कर ले जाते हैं तो वहीँ यह बन्दर लोगों पर हमला कर उन्हें लहूलुहान कर रहे हैं। मंगलवार को पुलिस चौकी के नजदीक एक घर मे बजुर्ग महिला पर दो तीन बन्दरों ने हमला कर बुरी तरह लहूलुहान कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार बिलासपुर से 77 वर्षीय बजुर्ग महिला सावित्री देवी अपनी बेटी रीता धवन के घर कुनिहार आई थी। मंगलवार को जैसे ही यह महिला घर की सीढ़ियां चढ़ रही थी बन्दरों ने महिला पर हमला कर दिया और बाजू सहित कई जगह से महिला को काटकर जख्मी कर दिया।जोर जोर से चिलाने पर महिला की बेटी व अन्य लोगो ने मौके पर पहुंचकर महिला को बन्दरों से बचाया और महिला को सिविल अस्पताल ले गए , जहाँ चिकित्सको ने महिला का इलाज किया। गौर रहे कि कुनिहार क्षेत्र में पहले भी बन्दर स्कूली बच्चों सहित आमलोगों को अपना शिकार बना चुके है। यह बन्दर इतने आतंकी व हमलावर हो चुके है कि दुकानों व लोगो के घरों से निडर होकर खाने पीने का सामान ले जाते है व लोगो पर कंही भी हमला कर देते है।क्षेत्रवासी सरकार व विभाग से कई बार इन बन्दरों से निजात दिलाने की गुहार लगा चुके है। सरकार व विभाग कोई उचित समाधान नही निकाल रहा है। क्षेत्र के लोगो को इन बन्दरों के आतंक के खोफ में जीना पड़ रहा है।क्षेत्र वासियों ने विभाग व सरकार से इन बन्दरों को पकड़कर किसी दूर जंगल मे छोड़ने की मांग की है ।
कुनिहार में बीते दिनों हुई भारी बारिश के कारण क्षेत्र में कई मकान गिर गए।ऐसा ही एक वाक्या कुनिहार उप मंडल के कोठी पंचायत के अंतर्गत हरदेवपुरा जुबला गांव में पेश आया है, जहाँ स्थानीय निवासी धनी राम चौधरी की गौशाला की दीवार ढह जाने से हजारों रुपये का नुकसान हो गया। गनीमत ये रही कि इस गौशाला में एक गाय और छोटी बच्छी को कोई नुकसान नहीं हुआ और वह बाल बाल बचीं। गोशाला का बाकी हिस्सा भी कभी भी गिर सकता है।धनी राम चौधरी बीपीएल परिवार से सम्बंध रखता है।गरीब परिवार के होने की वजह से वह गौशाला की मरम्मत करवाने में असमर्थ है,उसने पंचायत के माध्यम से प्रशासन से मुवावजे की मांग की है। यद्यपि हल्का पटवारी धीरज कुमार ने मौका पर जाकर नुकसान का मुआयना करके रिपोर्ट तैयार कर दी है।
- शूटिंग में पहले भी कमा चुकी है नाम हिमाचल प्रदेश राइफल एशोसिएशन शिमला एवं जिला चंम्बा द्वरा चंम्बा जिले में आयोजित राज्यस्तरीय शूटिंग प्रतियोगिता में बिलासपुर की निधि दास जिला बिलासपुर ने 50 एम एयर राईफल क्वेलिफाइड कर स्वर्ण पदक जीता। नगर के व्यवसायी दिनेश पाल दास उर्फ मुन्ना की पुत्री निधि वर्तमान में एचएएस की तैयारी कर रही है । निधि दास ने बताया कि वह बचपन से शूटिंग का शौक रखती आई है और आज इस मुकाम तक पहुंचने में उसके पिताजी दिनेश पाल और बड़े भाई आदित्य दास का सहयोग रहा है। वह आगे चलकर देश की सेवा में अपना योगदान देना चाहती है। पूर्व में भी वह राज्य स्तरीय शूटिंग प्रतियोगिताओं में न सिर्फ बिलासपुर का प्रतिनिधित्व कर चुकी है बल्कि पदकों के साथ जिले का नाम भी रोशन कर चुकी है। सोलन के पाइनग्रोव स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के बाद निधि ने स्नातक व स्नातकोत्तर की पढ़ाई पंजाब यूनिवर्सिटी से की है। निधि का मानना है कि शूटिंग एक बहुत बेहतरीन खेल स्पर्धा है, लेकिन बिलासपुर, हिमाचल में सुविधा न होने के कारण कोई खिलाड़ी इस खेल में आगे नहीं निकल पाता है।
प्रदेश सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा समय-समय पर प्रचार कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसी कड़ी में आज सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के राज्य नाट्य दल के कलाकारों ने सोलन विकास खंड की ग्राम पंचायत हरिपुर के गम्भरपुल तथा कंडाघाट विकास खंड की ग्राम पंचायत ममलीग में गीत-संगीत तथा नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया। कलाकारों ने जहां उपस्थित जनसमूह को कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की वहीं लोगों का भरपूर मनोरंजन भी किया। नाट्य दल के कलाकारों सुनील कुमार, रमेश चंद्र, नीतिन तोमर, राजेश कुमार, रेखा, निशा बाला, गीता ने नुक्कड़ नाटक ‘शाउणु मामा’ के माध्यम से सहारा योजना की जानकारी प्रदान की। कलाकारों ने बताया योजना के तहत कैंसर, पार्किंसनस रोग, लकवा, मस्कुलर डिस्ट्राफी, थैलेसिमिया, हैमोफिलिया, रीनल फेलियर इत्यादि ये ग्रस्त रोगियों को वित्तीय सहायता के रूप में 2000 रुपए प्रतिमाह प्रदान किए जाएंगे। इस योजना के तहत बीपीएल परिवार से सम्बन्धित रोगियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। रोगी को अपना चिकित्सा सम्बन्धी रिकॉर्ड, स्थाई निवासी प्रमाण पत्र, फोटोयुक्त पहचान पत्र, बीपीएल प्र्रमाण पत्र अथवा पारिवारिक आय प्रमाण पत्र तथा बैंक शाखा का नाम, अपनी खाता संख्या, आईएफएससी कोड से सम्बन्धित दस्तावेज प्रदान करने होंगे। चलने-फिरने में असमर्थ रोगी के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी जीवित होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। सहारा योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र रोगी को अपना आवेदन सभी दस्तावेजों सहित मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा करवाना होगा। आशा कार्यकर्ता व बहुदेशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी रोगी के सभी दस्तावेज खण्ड चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा करवा सकते हैं। खण्ड चिकित्सा अधिकारी इन दस्तावेजों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय को प्रेषित करेंगे। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेेदन पत्र जिला स्तर के अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा हेल्थ वेलनेस केन्द्रों में उपलब्ध हैं। समूह गान प्रगति की बंध गई नई डोर, हिमाचल प्रगति की ओर के माध्यम से कलाकारों ने उपस्थित जनसमूह को हिमकेयर, जल संरक्षण, मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना तथा मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना की जानकारी प्रदान की। कलाकारों ने बताया कि फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना आरम्भ की गई है। इस योजना के तहत सोलर बाड़ लगाने के लिए किसानों को 80 प्रतिशत तक का उपदान दिया जा रहा है। अब इस योजना के तहत अन्य बाड़ भी लगाई जा सकेगी, जिसके लिए 50 प्रतिशत का उपदान उपलब्ध है। अब तक 1200 से भी अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा चुके हैं। इस अवसर पर ग्राम पंचायत हरिपुर के प्रधान पंकज, उपप्रधान प्रेम चंद, वार्ड सदस्य निर्मला, पूर्व बीडीसी सदस्य ईश्वर सिंह, ग्राम पंचायत ममलीग की प्रधान द्रोपदी, वार्ड सदस्य मोती राम, मोनिका, पंचायत सचिव कृष्ण चंद सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
हॉकी के जादूगर को मिले भारत रतन वो दिन जब मेजर ध्यानचंद ने हिटलर का दर्प कुचल दिया साल 1936 की बात है और तारीख थी 15 अगस्त। बर्लिन ओलिंपिक के हॉकी फ़ाइनल मुकाबले में मेज़बान जर्मनी और भारत का मुकाबला चल रहा था। जर्मनी का तानाशाह एडॉल्फ़ हिटलर भी स्टेडियम में मौजूद था। खेल शुरू हुआ और हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का जादू सर चढ़कर बोलने लगा। बौखलायें जर्मन खिलाडी धक्का-मुक्की पर उतर आए। जर्मन गोलकीपर टीटो वॉर्नहॉल्त्ज से टकराने से ध्यानचंद के दांत टूट गए, पर जज्बा नहीं। ध्यानचंद की कप्तानी में भारत ने जर्मनी को 8-1 से रौंद डाला। मेजर ध्यानचंद ने उस दिन हिटलर का दर्प कुचल दिया। हिटलर ध्यानचंद से इस कदर प्रभावित हुआ कि उन्होंने ध्यानचंद को जर्मन नागरिकता और जर्मन सेना में कर्नल बनाने का प्रस्ताव दिया, पर ध्यानचंद ने उसे विनम्रता से ठुकरा दिया। हॉकी के मैदान में मेजर ध्यानचंद की ड्रिबलिंग इतनी लाजवाब थी कि कई बार तो गेंद उनकी हॉकी स्टिक से चिपकी नजर आती थी। विपक्षियों की शिकायत के आधार पर कई दफे उनकी हॉकी स्टिक की जांच भी की गई।हॉलैंड में एक बार तो उनकी हॉकी स्टिक में चुंबक होने की आशंका में तोड़ कर देखी गई थी। हॉकी में उससे बड़ा खिलाड़ी कोई नहीं हुआ और शायद हो भी ना। ध्यानचंद को भारत रत्न से बहुत पहले सम्मानित कर दिया जाना चाहिए था, पर ये विडम्बना का विषय है कि आज तक किसी भी हुकूमत ने ऐसा करने की जहमत नहीं उठाई। 29 अगस्त को मेजर ध्यानचंद की जयंती है और पूरा देश सरकार से उम्मीद कर रहा है कि देर से ही सही इसी दिन उन्हें भारत रत्न दिए जाने का एलान हो। अपने खेल करियर में 1000 और अंतरराष्ट्रीय मैचों में 400 गोल करने वाले मेजर ध्यानचंद निर्विवाद रूप से भारत रत्न के हकदार हैं।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय दाड़लाघाट के आठवीं कक्षा के 43 विद्यार्थी शैक्षणिक भ्रमण पर मोहन हेरिटेज पार्क सोलन गए। छात्रों ने पार्क में बनी हिंदू देवी देवताओं की सुंदर मूर्तियों को देखकर अति प्रसन्नता व्यक्त की व उन मूर्तियों की भव्यता देखकर आश्चर्यचकित हुए। पार्क के बाहर जंगली जीव,हाथी,शेर,बारहसिंगे, जिराफ,घोड़ा,पक्षियों की बनी आकृतियों का भी बच्चों ने खूब आनंद लिया।अश्वनी खड्ड के साथ स्थित पार्क का प्राकृतिक दृश्य बड़ा ही मनोरम लग रहा था।इसके बाद बच्चों ने संकटमोचन मंदिर में मत्था टेका। वहीं सभी बच्चे संकट मोचन मंदिर में भगवान हनुमान जी के दर्शन करने पहुंचे और पार्क में बच्चों के खेलने के लिए बने गोल चक्कर झूला आदि का आनंद भी लिया गया | इस यात्रा में बच्चों के साथ मेडम मंजु,जयपाल शर्मा तथा अन्य स्टाफ के सदस्य बच्चों का मार्गदर्शन कर रहे थे।प्रधानाचार्य इंदु शर्मा ने बताया कि शिक्षण से हटकर बच्चे बाह्य ज्ञान व पर्यटन स्थलों की जानकारी हासिल कर सकें इसलिए ऐसे शैक्षणिक भ्रमण करवाए जाते हैं।ताकि विद्यार्थियों का शारीरिक,बौद्धिक व मानसिक विकास हो सके।
युवा सेवाएं एवं खेल विभाग सोलन द्वारा 29 अगस्त, 2019 को हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में खेल दिवस का आयोजन किया जा रहा है। यह जानकारी आज यहां जिला युवा सेवाएं एवं खेल अधिकारी गोवर्धन सिंह ठाकुर ने दी। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर ऐतिहासिक ठोडो मैदान में 25 वर्ष से कम आयु वर्ग के लड़कों की हॉकी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इस हॉकी प्रतियोगिता में सोलन जिला की 5 टीमें भाग लेंगी। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता में भाग लेने वाली टीमों के प्रतिभागियों को अपना आयु प्रमाण पत्र साथ लाना होगा। जिला खेल अधिकारी ने कहा कि इस प्रतियोगिता से चयनित 16 सदस्यीय टीम राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेगी। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाली टीम को विभाग द्वारा खेल किट उपलब्ध करवाई जाएगी।
स्वच्छता अभियान के तहत ग्राम पंचायत घनागुघाट के महिला मण्डल कलाहरण की महिलाओं ने बीडीसी सदस्य हीरापाल व महिला मंडल की प्रधान मालति देवी की अगुवाई में गांव के आसपास उगी गाजर घास को उखाड़ा। इसके साथ ही उन्होंने रास्तों की साफ सफाई भी की, वहीँ इधर-उधर पड़े कूड़ा कर्कट को एकत्रित कर कूड़ेदान में डाला। बीडीसी सदस्य हीरा पाल ने कहा कि महिला मंडल कलाहरण समय में इस तरह के कार्यक्रमों में बढ़ चढ़ कर भाग लेते है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाया गया स्वच्छता अभियान अब जन आंदोलन बन गया है और इसके अब सार्थक परिणाम देखने को मिल रहे है।उन्होंने सभी लोगों से आह्वाहन किया कि वह अपने आप पास स्वच्छता का विशेष ध्यान रखे।इस मौके पर कला देवी,मीरा देवी,सोमा देवी,सत्या व लता देवी सहित अन्य महिलाये मौजूद रही।
-अंतिम समय में उनके बैक खाते में थे महज 563 रुपये और 30 पैसे वो 28 जनवरी 1977 का दिन था, प्रदेश निर्माता डॉ यशवंत सिंह परमार बतौर मुख्यमंत्री अपना त्याग पत्र दे चुके थे। जो शख्स चंद मिनटों पहले मुख्यमंत्री था, जिसने हिमाचल के निर्माण में अमिट योगदान दिया था या यूँ कहे जिसकी वजह से हिमाचल का गठन संभव हो पाया था, वो यशवंत सिंह परमार शिमला बस स्टैंड पहुँच, वहां खड़ी सिरमौर जाने वाली एचआरटीसी की बस में बैठे, टिकट लिया और अपने गांव बागथन के लिए रवाना हो गए। इस्तीफा देकर बस से वापस घर लौटने वाला सीएम, शायद ही हिन्दुस्तान में दूसरा कोई होगा। डॉ यशवंत सिंह परमार की ईमानदारी का इससे बड़ा प्रमाण क्या होगा, कि उनके अंतिम समय में उनके बैक खाते में महज 563 रुपये और 30 पैसे थे। प्रदेश निर्माण करने वाले मुख्यमंत्री ने न तो खुद के लिए कोई मकान नही बनवाया, न कोई वाहन खरीदा और न ही अपने पद और ताकत का गलत इस्तेमाल कर अपने परिवार के किसी व्यक्ति या रिश्तेदार की नौकरी लगवाई। जज की नौकरी त्यागी और प्रजामण्डल आंदोलन में हुए शामिल रजवाड़ाशाही के दौर में सिरमौर रियासत के राजा के वरिष्ठ सचिव हुआ करते थे शिवानंद सिंह भंडारी। भंडारी के घर चार अगस्त 1906 को एक बालक का जन्म हुआ, जिसका नाम खुद राजा द्वारा यशवंत सिंह रखा गया।बचपन से ही यशवंत पढ़ाई में तेज थे। प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद यशवंत न नाहन से दसवी पास की और फिर बीए करने लाहौर चले गए। इसके बाद उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की।साथ ही डॉक्ट्रेट भी की। डॉक्ट्रेट का विषय था 'द सोशल एंड इक्नॉमिक बैक ग्राउंड ऑफ द हिमालयन पॉलिएड्री', यानी बहु पति प्रथा। खेर, शिक्षा पूर्ण करने के बाद परमार वापस अपने गृह क्षेत्र सिरमौर आ गए, जहां उन्हें सिरमौर रियासत में बतौर न्यायाधीश नियुक्त किया गया। ये वो दौर था जब ब्रिटिश हुकूमत के दिन ढलने लगे थे और आज़ादी का आंदोलन प्रखर हो रहा था। परमार भी आजादी के मतवालो के संपर्क में आ गए। इस दौरान शिमला हिल स्टेट्स प्रजा मंडल का भी गठन हुआ, जिसमें परमार भी सक्रिय रूप से शामिल हो गए। आखिरकार 15 अगस्त 1947 को हिन्दुस्तान स्वतंत्र हो गया, किन्तु पहाड़ी रियासतों का हिन्दुस्तान में विलय नहीं हुआ। 25 जनवरी, 1948 को शिमला के गंज बाजार मे प्रजा मंडल का विशाल सम्मेलन हुआ, जिसमे यशवंत सिंह की मुख्य भूमिका रही। इस सम्मलेन में प्रस्ताव पारित हुआ कि पहाड़ी क्षेत्रों मे रियासतों का वजूद समाप्त कर सभी रियासतों का विलय भारत में होना चाहिए। इसलिए कहलाते है प्रदेश निर्माता इसके बाद 28 जनवरी 1948 को सोलन के दरबार हॉल में 28 रियासतों के राजाओं की बैठक हुई जिसमें सभी ने पर्वतीय इलाको को रियासती मंडल बनाने का प्रस्ताव पारित कर इसे 'हिमाचल' का नाम अनुमोदित किया गया। हालांकि डॉ परमार प्रदेश का 'हिमालयन एस्टेट' नाम रखना चाहते थे किन्तु बघाट रियासत राजा दुर्गा सिंह व अन्य कुछ राजा 'हिमाचल' नाम पर अड़ गए, जिसके बाद प्रदेश का नाम हिमाचल प्रदेश रखा गया। ये नाम पंडित दिवाकर दत्त शास्त्री द्वारा सुजाहया गया था। बैठक के प्रजा मंडल का प्रतिनिधिमंडल तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल से मिला और आखिरकार पहाड़ी रियासतो का हिन्दुस्तान में विलय हुआ। पर डॉ परमार का सपन अभी अधूरा था।डॉ. परमार हिमाचल को पूर्ण राज्य बनाना चाहते थे, जिसके लिए अब वह अपने साथियो के राजनीतिक संघर्ष में जुट गए। 1977 तक रहे सीएम देश के पहले आम चुनाव के साथ ही वर्ष 1952 में प्रदेश का पहला चुनाव हुआ, जिसके बाद डॉ परमार प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री बने और वर्ष 1977 तक मुख्यमंत्री रहे। इस बीच नवंबर 1966 में पंजाब के पहाड़ी क्षेत्रों का भी हिमाचल में विलय हुआ और वर्तमान हिमाचल का गठन हुआ। आखिरकार 25 जनवरी,1971 का दिन आया और डॉ परमार का स्वप्न पूरा हुआ। तब इंदिरा गाँधी देश की प्रधानमंत्री थी और उस दिन काफी बर्फ़बारी हो रही थी। इंदिरा गांधी बर्फबारी के बीच शिमला के रिज मैदान पहुंची और हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान करने की घोषणा की। हिमाचलियों के हितों की रक्षा के लिए लागू की 118 आजकल धारा 118 को लेकर हिमाचल में खूब बवाल मचा है। धारा 118 डॉ परमार की ही देन है। डॉक्टर परमार से कुछ ऐसे लोग मिले थे, जिन्होंने अपनी जमीन बेच दी थी और बाद में वे उन्हीं लोगों के यहां नौकर बन गए थे। इसके चलते उन्हें डर था कि अन्य राज्यों के धनवान लोग हिमाचल में भूस्वामी बन जाएंगे और हिमाचल प्रदेश के भोले भाले लोग अपनी जमीन खो देंगे। इसलिए 1972 में हिमाचल प्रदेश में एक विशेष कानून बनाया गया था ताकि ऐसा न हो। हिमाचल प्रदेश टेनंसी ऐंड लैंड रिफॉर्म्स ऐक्ट 1972 में एक विशेष प्रावधान किया गया ताकि हिमाचलियों के हित सुरक्षित रहें। इस ऐक्ट के 11वें अध्याय ‘कंट्रोल ऑन ट्रांसफर ऑफ लैंड’ में आने वाली धारा 118 के तहत ‘गैर-कृषकों को जमीन हस्तांतरित करने पर रोक’ है। संजय गाँधी की राजनीति में फिट नहीं बैठे डॉ परमार डॉ यशवंत सिंह परमार प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गाँधी के करीबी थे। किन्तु कहा जाता है संजय गाँधी की राजनीति में वे फिट नहीं बैठे। वहीं इमरजेंसी के दौरान ठाकुर रामलाल संजय के करीबी हो गए, ऐसा इसलिए भी था क्यों कि संजय के नसबंदी अभियान में ठाकुर रामलाल ने बढ़चढ़ कर योगदान दिया था। इमरजेंसी हटने के बाद ठाकुर रामलाल ने अपने समर्थक विधायकों की परेड दिल्ली दरबार में करवा दी। इसके बाद डॉ परमार भी समझ गए कि अब बतौर मुख्यमंत्री उनका सफर समाप्त हो चूका है और उन्होंने इस्तीफा दे दिया।2 मई 1981 को डॉ परमार ने अपनी अंतिम सास ली।
समूचा हिमालय शिव शंकर का स्थान है और उनके सभी स्थानों पर पहुंचना बहुत ही कठिन होता है। चाहे वह अमरनाथ हो, केदानाथ हो या कैलाश मानसरोवर। इसी क्रम में एक और स्थान है, श्रीखंड महादेव का स्थान। अमरनाथ यात्रा में जहां लोगों को करीब 14000 फीट की चढ़ाई करनी पड़ती है तो श्रीखंड महादेव के दर्शन के लिए 18570 फीट ऊंचाई पर चढ़ना होता है। स्थान से जुड़ी मान्यता : स्थानीय मान्यता अनुसार यहीं पर भगवान विष्णु ने शिवजी से वरदान प्राप्त भस्मासुर को नृत्य के लिए राजी किया था। नृत्य करते करते उसने अपना हाथ अपने ही सिर पर रख लिया और वह भस्म हो गया था। मान्यता है कि इसी कारण आज भी यहां की मिट्टी और पानी दूर से ही लाल दिखाई देते हैं। कैसे पहुंचे : दिल्ली से शिमला, शिमला से रामपुर और रामपुल से निरमंड, निरमंड से बागीपुल और बागीपुल से जाओं, जाओं से श्रीखंड चोटी पहुंचे। दिल्ली से कुल 553 किलोमीटर दूर। यात्रा मार्ग के मंदिर : यह स्थान हिमाचल के शिमला के आनी उममंडल के निरमंड खंड में स्थित बर्फीली पहाड़ी की 18570 फीट की ऊंचाई पर श्रीखंड की चोटीपर स्थित है। 35 किलोमीटर की जोखिम भरी यात्रा के बाद ही यहां पहुंचते हैं। यहां पर स्थित शिवलिंग की ऊंचाई लगभग 72 फिट है। श्रीखंड महादेव की यात्रा के मार्ग में निरमंड में सात मंदिर, जाओं में माता पार्वती का मंदिर, परशुराम मंदिर, दक्षिणेश्वर महादेव, हनुमान मंदिर अरसु, जोताकली, बकासुर वध, ढंक द्वार आदि कई पवित्र स्थान है। यात्रा के पड़ाव : यहां की यात्रा जुलाई में प्रारंभ होती है जिसे श्रीखंड महादेव ट्रस्ट द्वारा आयोजित किया जाता है। यह ट्रस्ट स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी कई सुविधाएं प्रशासन के सहयोग से उपलब्ध करवाया है। सिंहगाड, थाचड़ू, भीमडवारी और पार्वतीबाग में कैंप स्थापित हैं। सिंहगाड में पंजीकरण और मेडिकल चेकअप की सुविधा है, जबकि विभिन्न स्थानों पर रुकने और ठहरने की सुविधा है। कैंपों में डॉक्टर, पुलिस और रेस्क्यू टीमें तैनात रहती हैं। यात्रा के तीन पड़ाव हैं:- सिंहगाड़, थाचड़ू, और भीम डवार। ।
सर्व एकता जनमंच ने लगाए सरकार पर कुनिहार की उपेक्षा के आरोप सर्व एकता जनमंच कुनिहार की अहम बैठक समिति अध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर की अध्यक्षता में लोक निर्माण विश्राम गृह कुनिहार में हुई।बैठक में कुनिहार क्षेत्र की कई समाजसेवी संस्थाओं ने भाग लिया। बैठक में क्षेत्र के विकासात्मक कार्यो के साथ साथ कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।अर्की के ऐतेहासिक सायर मेले में कुनिहार क्षेत्र से किसी भी शख्स या सामाजिक संस्था को सायर मेले अर्की की रूपरेखा बनाने के लिए आमंत्रित न करने पर रोष व्यक्त किया गया।जबकि कुनिहार क्षेत्र से मेले के लिए राजस्व के रूप में काफी मोटी रकम इकठ्ठी की जाती है।संस्था ने अबकी बार व्यापार मंडल से अर्की सायर मेले के लिए धन राशि न देने की गुहार लगाई है। सिविल हॉस्पिटल कुनिहार के पुराने भवन की खस्ता हालत पर चर्चा संस्था ने सिविल हॉस्पिटल कुनिहार के पुराने भवन की खस्ता हालत पर भी चर्चा की व अभी हाल ही में आरकेएस की बैठक जो कि एसडीएम अर्की की अध्यक्षता में हुई थी की कार्यवाही पर आपति जताई। 2019-20 के लिए करीब 38 लाख का अनुमानित बजट इस बैठक में पारित किया गया ,जबकि किसी भी अधिकारी ने पुराने भवन के अंदर जाने की जहमत नही उठाई।भवन की छत टपकने से एक्स रे मशीन सहित लाखो रु की दवाइयां बेकार हो गई है।वंहा कार्य करने वाले कर्मचारी जान जोखिम में डाल कर कार्य करते है। कभी भवन की छत गिरने का भय ,तो कभी भवन में सीलन की वजह से करंट का भी ख़ौफ बना रहता है। खण्ड विकास कार्यालय स्थानांतरण हुआ तो करेंगे आंदोलन बैठक में सब तहसील के लिए भूमि चयन पर चर्चा की गई। साथ ही खण्ड विकास कार्यालय को कुनिहार से कंही अन्य जगह पर स्थानांतरण के लिये उपमंडल के कुछ नेताओं व बीडीसी के कुछ सदस्यों द्वारा की जा रही कार्यवाही पर रोष जताया गया।राजेन्द्र ठाकुर ने इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए कहा कि स्व. ठाकुर हरिदास के प्रयासों से खण्ड विकास कार्यालय कुनिहार में खुला था व अगर सरकार कुछ छुटभैये नेताओ के कहने पर कार्यालय स्थानांतरण का कोई कदम उठाती है ,तो कुनिहार जनपद के लोग आक्रोश आंदोलन करेंगे। बैठक में भाजपा व कांग्रेस के स्थानीय नेताओं की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े किये गए। बैठक में इस बात को लेकर भी रोष जताया गया कि 25 जनवरी पूर्ण राजयत्व दिवस पर कुनिहार में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा कुनिहार को अटल आदर्श स्कूल देने की घोषणा की नोटिफिकेशन आज तक नही हो पाई है,जबकि विद्यालय की ओर से इससे सम्बंधित सभी दस्तावेज सरकार को भेज दिए गए है।संस्था प्रधान ठाकुर का कहना है,कि उपमंडल अर्की में इस विद्यालय बारे में भी चर्चाएं हो रही है,कि इसे भी यंहा न खुलवा कर अर्की में कंही ओर खोलने की तैयारियां है। उपमंडल में कुनिहार क्षेत्र की अनदेखी से ऐसा प्रतीत होता है कि राजाओं के समय बागल व कुनिहार रियासत की दुश्मनी आज भी कायम है। कुनिहार में अगर सरकार की ओर से कुछ भी बड़ा कार्य किया जाता है,तो उपमंडल के नेताओ को तकलीफ हो जाती है,की यह कुनिहार को क्यों दिया गया। सर्व एकता जनमंच कुनिहार ने जनपद की सभी सामाजिक संस्थाओं को साथ लेकर क्षेत्र के विकास के लिए कार्य करने का प्रण लिया है।अपनी अपनी डफली अपना अपना राग अलापने वाले नेताओ को दर किनार करके क्षेत्र की समस्याओं को सीधे सरकार के समक्ष रखा जाएगा।इस बैठक में कुलदीप कंवर अध्यक्ष नव चेतना संस्था,रुमित सिंह ठाकुर अध्यक्ष क्षत्रिय महासभा,हरजिंदर ठाकुर अध्यक्ष एहसास कल्याण समिति,कौशल्या कंवर अध्यक्ष सम्भव चेरिटेबल संस्था कुनिहार सहित महिला मंडल हाटकोट की सदस्य उषा शर्मा,सीमा महंत बीडीसी सदस्य,संजय शर्मा,जय प्रकाश सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
18 schools likely to participte in Mohinder Memorial Bilingual Turncoat Debate. After having hosted successfully three editions of the Mohinder Memorial Bilingual Turncoat Debate in last three years, Pinegrove School, Dharampur, district Solan is all set to host the fourth edition of the prestigious event. The event, as its name suggests, is designed to showcase not only the debating skills of the participants but also their proficiency in both English and Hindi languages. 18 schools of repute from across the country will be participating in the competition and vying for the coveted trophy. The event will be graced by Padma Shree Prof. Dr. Pushpesh Pant, Former Professor of International Relations at JNU, Delhi. He is a noted Indian academician, food critic and historian with a career spanning over four decades in the field of education. The event will be judged by a team of learned academicians.The judges for Hindi language will be Dr. Mukesh Sharma and Mr. Hemank Kapil, and for English language will be Dr. Harsh Vardhan Singh Khimta and Group Captain Sudhir Diwan. The event is spread over a span of three days from 29th to 31st August, 2019.
आम लोगों तक प्रदेश सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा कार्यान्वित किए गए सघन प्रचार कार्यक्रम की कड़ी में आज राज्य नाट्य दल के कलाकारों ने सोलन जिला के नालागढ़ विकास खंड की ग्राम पंचायत रामशहर तथा कुनिहार विकास खंड की ग्राम पंचायत हाटकोट में गीत-संगीत एवं नुक्कड़ नाटकों के माध्यम सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार किया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जहां आमजन को प्रदेश सरकार की विभिन्न कल्याणकारी नीतियों एवं कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देना है वहीं उन्हें यह बताना भी है कि योजनाओं से लाभान्वित कैसे हुआ जाए। नाट्य दल के कलाकारों सुनील कुमार, रमेश चंद्र, नीतिन तोमर, राजेश कुमार, रेखा, निशा बाला, गीता ने नुक्कड़ नाटक ‘शहर से गांव की ओर’ के अंतर्गत सामाजिक सुरक्षा पैंशन की जानकारी प्रदान की। लोगों को बताया गया कि प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार ने सत्ता में आते ही जहां सामाजिक सुरक्षा पैंशन को बढ़ाकर 750 रूपये प्रति माह किया था वहीं इस वर्ष इसे बढ़ाकर 850 रूपये प्रतिमाह कर दिया गया है। लोगों को जानकार दी गई कि अब प्रदेश के 70 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के वरिष्ठ नागरिक सामाजिक सुरक्षा पैंशन पाने के हकदार हैं। इस वर्ष से वरिष्ठ नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा पैंशन के रूप में प्रतिमाह 1500 रुपए प्रदान किए जा रहे हैं। समूह गान प्रगति की बंध गई नई डोर, हिमाचल प्रगति की ओर के माध्यम से कलाकारों ने उपस्थित जनसमूह को हिमकेयर, जल संरक्षण, मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना, स्वच्छता अभियान, सामाजिक सुरक्षा पैंशन योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस अवसर ग्राम पंचायत रामशहर के उपप्रधान बाबू राम ठाकुर, पंचायत सचिव रामलाल ठाकुर, वार्ड सदस्य मीना देवी, पूर्व जिला परिषद सदस्य नंदलाल शर्मा, स्कूल प्रबंधन समिति के प्रधान नरेश ठाकुर, ग्राम पंचायत हाटकोट की प्रधान सुनीता ठाकुर, वार्ड सदस्य निर्मला, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नीता, व्यापार मंडल के सदस्य विजय राघव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
प्रदेश में बारिश से हो रहे नुकसान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठ़ौर ने मुख्यमंत्री से मुलाक़ात की। राठ़ौर ने मुख्यमंत्री को नुकसान का आकलन करने और राहत कार्यों में तेजी लाने के बारे में एक ज्ञापन दिया। ज्ञापन में राठ़ौर ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश हुई है जिससे फसलों के साथ-साथ अन्य संसाधनों का भारी नुकसान हुआ है। शिमला जिला में अधिकतर सड़कें ध्वस्त हुई हैं। वहीं लोक निर्माण विभाग इन सड़कों को अभी तक चालू नहीं कर पाया है। इस वजह से यहां के किसानों और बागवानों को भारी नुकसान हुआ है। प्रदेश के बागवान विशेषकर शिमला जिला के सेब उत्पादकों को भारी नुकसान सहना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से राज्य सरकार के पास वर्तमान में कोई योजना या मशीनरी नहीं है जो ऐसी आपदा में किसानों और बागवानों को फोरी राहत प्रदान कर सकें। कुलदीप राठौर ने पत्र में सूचित किया कि भारी बारिश के कारण अधिकतर बागवान अपनी फ़सल प्रदेश से बाहर नहीं भेज सकते। चूंकि संपर्क सड़कें यातायात के लिए पूरी तरह बहाल नहीं हो सकीं। प्रदेश में हुए नुकसान का जायजा लेने भी अभी तक कोई केंद्रीय टीम यहां नहीं आई, जो इस नुकसान का आंकलन करती और प्रभावित लोगों और प्रदेश को आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाती। उन्होंने आग्रह किया जल्द इन सभी बातों पर ग़ौर किया जाए, ताकि किसानों को राहत मिल सके। ग़ौरतलब है कि कुलदीप सिंह राठौर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद मंगलवार को पहली बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से उनके सरकारी निवास ओक ओवर में मिले। इस दौरान दोनों नेताओं ने बड़े सोहार्दपूर्ण ढंग से एक दूसरे के साथ गर्मजोशी से अनेक मुद्दों पर बातचीत भी की।
सोलन जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक मंगवार को उपायुक्त सोलन केसी चमन की अध्यक्षता में आयोजित की गई। उपायुक्त ने कहा कि सोलन जिला हिमाचल प्रदेश का औद्योगिक हब है और जिला का बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र अपने औद्योगिक विकास के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र में औद्योगिक इकाईयां होने के कारण यह आवश्यक है कि यहां विभिन्न प्रकार की औद्योगिक आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखी जाए। उन्होंने संबंद्ध अधिकारियों को निर्देश दिए कि औद्योगिक क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की औद्योगिक दुर्घटनाओं से निपटने के लिए सभी उपाय सुनिश्चित बनाए जाएं और इस संदर्भ में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देशों का पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि जिला में संभावित केमिकल दुर्घटना वाली इकाईयों के लिए डिस्ट्रिक्ट क्राइसिस ग्रुप गठित किया जाएगा। इस ग्रुप में प्राधिकरण के निर्देशानुसार अधिकारी सदस्य होंगे। यह ग्रुप जिला में वृहद रासायनिक दुर्घटनाओं से निपटने के लिए सर्वोच्च निकाय होगा और इस विषय में विशेषज्ञ निर्देशन उपलब्ध करवाएगा। उन्होंने कहा कि जिला में रासासयनिक उत्पादन बनाने वाली कंपनियां चिन्हित कर ली गई हैं। उपायुक्त ने कहा कि यह ग्रुप जिला में घटित किसी भी रासायनिक दुर्घटना के विषय में स्टेट क्राइसिस ग्रुप को अपनी रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर प्रेषित करेगा। केसी चमन ने कहा कि प्राकृतिक आपदा को टाला नहीं जा सकता, लेकिन बेहतर प्रबंधन व पूर्ण तैयारियों से नुकसान को कम किया जा सकता है। आपदा प्रबंधन को लेकर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करना है ताकि प्राकृतिक आपदा के समय एकजुट होकर इसका सामना किया जा सके। उन्होंने कहा कि आपदा की परिस्थिति में सही समय पर सूचना का सम्प्रेषण आवश्यक होता है और समय पर प्रभावी सूचना उपलब्ध करवाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सोलन, धर्मपुर, कुनिहार, नालागढ़ तथा कंडाघाट विकास खंड में राष्ट्रीय उच्च मार्ग के साथ स्थित ग्राम पंचायतों में किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा 108 की सहायता से ग्रामीणों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस कार्य के लिए जिला के सभी पांच विकास खंडों में 39 ग्राम पंचायतों चिन्हित की गई हैं। आपदा से निपटने के लिए तैयारियों एवं प्रतिक्रिया के लिए खंड स्तर पर स्वयंसेवी युवाओं के कार्यबल गठित करने उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा मिस्त्री, बढ़ई तथा बार बाइंडर के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य अगले तीन वर्षों में जिला की सभी ग्राम पंचायतों में कम से कम 5 प्रशिक्षित मिस्त्री तैयार करना है। इस कार्य के लिए 6 दिवसीय प्रशिक्षण के लिए सभी ग्राम पंचायतों में 5-5 मिस्त्री चिन्हित किए जाएंगे। मिस्त्री, बढ़ई तथा बार बाईंडर की आयु 45 वर्ष से कम होनी चाहिए। जोखिम प्रतिरोधी निर्माण के लिए मिस्त्रियों को 6 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आपदा तैयारी एवं कार्यवाही के लिए युवा स्वयंसेवियों का कार्यबल तैयार किया जा रहा है। इसका उद्देश्य जिला की सभी ग्राम पंचायतों में अगले तीन वर्षों में 10 से 20 स्वयंसेवियों को आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षित करना है। इन युवा स्वयंसेवियों को आपदा रक्षकों की सहायता से प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आपदा के दृष्टिगत विद्यालयों में छात्रों को प्रशिक्षित करने का कार्यक्रम आरंभ कर दिया गया है। विद्यालय सुरक्षा प्रशिक्षण प्रयास के अंतर्गत यह कार्य किया जा रहा है। जिला परिषद सोलन के अध्यक्ष धर्मपाल चौहान, भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीविक्षाधीन अधिकारी डॉ. निधि पटेल, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी विवेक चंदेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बद्दी एनके शर्मा, अधीक्षण अभियंता विद्युत बोर्ड एसके सेन, उपमंडलाधिकारी सोलन रोहित राठौर, उपमंडलाधिकारी कंडाघाट डॉ. संजीव धीमान, सहायक आयुक्त भानु गुप्ता, उपनिदेशक उद्योग विभाग संजय कंवर, अधिशाषी अभियंता सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग सुमित सूद, विभिन्न विभागों के अधिकारी, गैर सरकारी संस्थाओं के सदस्य बैठक में उपस्थित थे।
सरकार दे रही पर्याप्त धन, फिर भी कंपनी नहीं चला पा रही 108 सेवा , ये दुर्भाग्यपूर्ण स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने 108 एम्बुलेंस सेवा के सुचारू तौर पर कार्य न करने को लेकर संचालन कंपनी GVK- EMRI को दो टूक चेतावनी दी है। स्वास्थ्य मंत्री का स्पष्ट कहना है कि यदि कंपनी ठीक से काम नहीं कर पा रही है तो खुद इस काम को छोड़ सकती है। सरकार हर परिस्थिति के लिए तैयार है और जरूरत पड़ने पर तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था तैयार की जाएगी। परमार ने उन आरोपों को भी दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया जहां कंपनी द्वारा सरकार पर पर्याप्त धनराशि मुहैया न करवाने की बात कही जाती है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा ये आरोप आधारहीन है। उन्होंने कहा 108 सेवा में किसी भी तरह की कोताही स्वीकार्य नहीं की जाएगी।
जिला ऊना के अंतर्गत 15 वर्षीय नाबालिग के साथ मामा द्वारा दुष्कर्म किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। मामले की शिकायत युवती के परिजनों द्वारा महिला थाना ऊना में की गई है। शिकायत के आधार पर महिला पुलिस थाना ने युवती का मेडिकल करवाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार नाबालिगा क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में पेट दर्द होने पर अपना चैकअप करवाने आई थी। जहां पर चिकित्सकों ने इसके टेस्ट करवाए, जहां किशोरी के गर्भवती होने का पता चला। नाबालिगा के गर्भवती होने की सूचना इसके परिजनों को दी गई। परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस में दी। एसपी दिवाकर शर्मा ने बताया कि महिला थाना में शिकायत आई है। इसके आधार पर नाबालिगा का चिकित्सा परीक्षण करवाया जा रहा है और विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है।
मंगलवार, पवनपुत्र हनुमान का दिन माना जाता है और इसी को ध्यान में रख कर आज हम आपको संजीवनी हनुमान मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। रामायण के अनुसार, जब भगवान हनुमान जादुई जड़ी बूटी 'संजीवनी बूटी' प्राप्त करके हिमालय से लौट रहे थे, तब उनका पैर कसौली पहाड़ी से छू गया था। इसी स्थान पर मौजूद है संजीवनी हनुमान मंदिर। हिमाचल प्रदेश जिला सोलन के कसौली की सबसे ऊंची चोटियों में एक मंकी प्वाइंट है जो कसौली बस स्टॉप से 4 किमी की दूरी पर पड़ता है। संजीवनी हनुमान मंदिर लोअर मॉल क्षेत्र के करीब 'द एयर फोर्स स्टेशन' में स्थित, इस पहाड़ी पर विराजमान भगवान हनुमान को समर्पित एक छोटा सा मंदिर है। इस पहाड़ी की चोटी एक पैर की आकृति में है और मंदिर भगवान के पैरों के निशान के साथ उत्कीर्ण है। वास्तविक रूप में पहाड़ी शीर्ष बिंदु को मैनकी प्वाइंट का नाम दिया गया है, लेकिन आज लोग इसे बंदर बिंदु कहते हैं। यह बिंदु एक स्थानीय ग्रामीण पुजारी मानके के नाम पर है, जिसने पूजा के लिए भगवान हनुमान के लिए एक मंदिर बनाया था और यही कारण है कि इस स्थान का नाम मंकी पॉइंट रखा गया है। पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यह पहाड़ी की चोटी एक पैर के आकार की है। मंदिर में भगवान हनुमान की एक मूर्ति है जिसमें भगवान ने संजीवनी पर्वत को अपने बाएँ हाथ में एक गदा लिए हुए दिखाया है। मंदिर में एक शिवलिंग भी है। इस जगह पर प्रबंधन और संचालन भारतीय वायु सेना द्वारा किया जाता है। भारत की वायु सेना द्वारा प्रबंधित, आगंतुकों को इस स्थान पर जाने के लिए पूर्व अनुमति लेनी पड़ती है। मंदिर वायु सेना के क्षेत्र में स्थित है, इसी लिए अपना फोटो पहचान पत्र लाना न भूलें जिसके बिना मंदिर में प्रवेश करना मुश्किल है। एयरफोर्स बेस के एक बड़े गेट पर मोबाइल फोन और कैमरे जमा कर दिए जाते हैं। सेना के प्रतिबंधों के कारण,मंकी पॉइंट के अंदर कैमरे व मोबाइल फ़ोन ले जाने की अनुमति नहीं है। गेट से गुजरने के बाद, मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 300-400 मीटर की सीधी सड़क व लगभग पाँच सौ मीटर की खड़ी चढ़ाई है। पहाड़ी पर वायु सेना अधिकारी की पत्नियों द्वारा संचालित एक रेस्तरां है जहाँ आप फास्ट फूड और चाय, कॉफी प्राप्त कर सकते हैं।रेस्तरां के पास ही एक प्रसाद की दुकान है। मंदिर की और जाते समय आपको कई बंदर मिल जाएंगे,जिन्हें कोई भी खाने की वस्तु देना वर्जित है। आगंतुक टैक्सी या कार, या पैदल मार्ग से इस मंदिर तक पहुँच सकते हैं। माल रोड से इस गंतव्य तक पैदल जाने में लगभग दो घंटे लगते हैं।
विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में पुलिस के द्वारा नशा निवारण विषय पर एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इसमें डीएसपी बिलासपुर संजय शर्मा ने स्थानीय दुकानदारों, गाड़ी चालकों, नशा निवारण समिति के सदस्यों और स्थानीय बुद्धिजीवी वर्ग के साथ चर्चा की। सभी को नशे से बचने और अफवाहों पर ध्यान न देने के लिए जागरूक किया गया। डीएसपी संजय शर्मा ने बताया कि आजकल नशे का कारोबार बहुत तेजी से बढ़ता चला जा रहा है और जिला बिलासपुर पुलिस ने पूरी तरह से इस पर शिकंजा कसा है। इस साल अभी तक 80 से ज्यादा मामले पुलिस ने नशा नशे के खिलाफ दर्ज किए हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह स्वयं और अपने बच्चों को नशे से दूर रहने की सलाह दे। बच्चों पर ध्यान रखें। इसके अलावा बच्चा चोरी की जो अफवाह है उन पर भी ध्यान ना दें। उन्होंने कहा कि वह जो भी अफवाहें फैल रही है यह मात्र एक अफवाह है और जो घुमारवीं में या और जगह से मामले सामने आए हैं वह सभी अफवाह निकली है। ट्रेफिक नियमों की जानकारी देते हुए उन्होंने जनता से अपील की कि वह गाड़ी चलाते समय या मोटरसाइकिल चलाते समय ट्रैफिक नियमों की पालना करें और हेलमेट लगाकर मोटरसाइकिल चलाएं और गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट का प्रयोग करें या सब उनके सुरक्षा के लिए है और इसमें कभी भी कोताही ना बरतें। उन्होंने कहा कि बिलासपुर पुलिस हमेशा आपके साथ है। अगर कोई भी व्यक्ति नशे का कारोबार करता है उसके बारे में पुलिस को सूचित करें ।पुलिस उस पर व्यापक कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक स्थलों पर नशे का कारोबार नहीं होना चाहिए और अगर ऐसे कई मामले सामने आते हैं तो पुलिस उन पर सख्ती से कार्रवाई करेगी। इस मौके पर थाना कोट प्रभारी कुलदीप ने भी स्थानीय लोगों से अपने विचार साझा किए और उन्हें ट्रैफिक नियमों के बारे में अवगत करवाया। इस मौके पर चौकी प्रभारी नीलम शर्मा भी मौजूद रहे।
कंडाघाट में एक होटल की लापरवाही का खामियाजा एक व्यक्ति को अपनी जान गवाकर भरना पड़ा। पंजाब के 44 लोग Zurich Resort में ठहरे थे। ये लोग एक एग्रीकल्चर कोआपरेटिव सोसाइटी के है और यहाँ एक मीटिंग के लिए 24 अगस्त से ठहरे हुए थे। रविवार 25 अगस्त की सुबह होटल मैनेजर इनमे से एक मेहमान हरदेव सिंह को कमरे के बाहर सीढ़ियों के नीचे गिरा हुआ पाया। घटना की सुचना पुलिस को दी गई जिसके बाद पुलिस ने मौके पर जाकर तहकीकात की। तहकीकात में सामने आया कि जिस कमरे में हरदेव सिंह ठहरा था उसमें पिछे बालकोनी के लिये दरवाजा था तथा बालकोनी में ग्रिल नहीं लगी थी।संभवतः रात के समय हरदेव सिंह उपरोक्त उक्त दरवाजे से बाहर आया होगा व बालकोनी में ग्रिल न होने के कारण व अन्धेरा होने के कारण निचे गिर गया। यह हादसा होटल प्रबन्धन की लापरवाही के कारण हुआ है। इस संदर्भ में अभियोग धारा 336 व 304 भारतीय दण्ड संहिता में पंजीकृत करके पुलिस द्वारा आगामी कार्यवाही अमल में लाई जा रही है। .
तीन माह में 369 शराबी चालकों को मिली है सजा सोलन जिला पुलिस द्वारा शराब पीकर वाहन चलाने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध शिंकजा कसा गया है। पिछले तीन माह में न्यायलय ने 369 चालकों को सजा सुनाई है। मई 2019 में शराब पीकर वाहन चलाने वाले चालकों को न्यायालय द्वारा 88 वाहन चालकों को न्यायालय के उठने तक की सजा सुनाई गई तथा 2,22,100 रू जुर्माना किया गया। माह जुन में माननीय न्यायलय द्वारा 148 वाहन चालकों को न्यायालय के उठने तक की सजा सुनाई गई तथा 4,55,000 रू. जुर्माना किया गया। माह जुलाई में न्यायलय द्वारा 133 वाहन चालकों को न्यायालय के उठने तक की सजा सुनाई गई। इसके अतिरिक्त 02 वाहन चालको को 07 दिन व 01 वाहन चालक को 04 दिन साधारण कारावास की सजा सुनाई गई तथा 2,17,603 रू. जुर्माना किया गया ।
नशे के खिलाफ सोलन पुलिस की कार्रवाई ज़ारी है। सोमवार को भी सोलन पुलिस ने नशे के एक सौदागर को दबोचने में सफलता हासिल की है। हालांकि उक्त आरोपी इत्तेफ़ाक़ से पुलिस से हत्थे चढ़ गया। जानकारी के अनुसार पुलिस ने संदेह के आधार पर दोहरी दिवार क्षेत्र में एक युवक से 9.70 ग्राम हेरोइन बरामद की है। आरोपी पुलिस को देखकर डर गया था और पीछे मुद लौटने लगा था जिसके बाद पुलिस ने उसकी तलशी लेकर हेरोइन बरामद की। आरोपी की पहचान जतिन शर्मा पुत्र जोगेन्द्र शर्मा निवासी गाँव पथरागढ़ डा. दाड़लाघाट तह. अर्की जिला सोलन के रूप में हुई है। जिस तरह चलते फिरते लोगों से हेरोइन बरामद हो रही है उससे स्पष्ट है कि सोलन अब नशे के गढ़ में तब्दील हो चूका है। हालांकि पुलिस पिछले कुछ समय से काफी लोगों पर शिकंजा कस चुकी है लेकिन इससे पहले पुलिस क्या कर रही थी, ये सवाल उठना लाज़मी है। जाहिर है रातों रात नशे के कारोबार की जड़ें इतनी गहरी नहीं हुई है।
राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धुंधन में ग्रीन फ्यूचर इको क्लब के सदस्यों ने पेयजल टंकी को साफ़ किया व साथ लगती नालियों की निकासी भी सही की। यह कार्य इको क्लब प्रभारी संतोष बट्टू के नेतृत्व में किया गया। बरसात में जल जनित रोगों के बढ़ने की संभावना होती है जिसके तहत टंकी में ब्लीचिंग पाउडर डाला गया। प्रधानाचार्य राजेंद्र वर्मा ने क्लब के सदस्यों को बताया कि पानी को उबाल कर व छान कर ही सेवन करें व जल को व्यर्थ ना गवाएं।
जिला सत्र न्यायाधीश राकेश चौधरी की अदालत में हुआ फैसला वाहन अधिनियम की विभिन्न धाराओं में विभिन्न सजाएं एकसाथ बिलासपुर जिला सत्र न्यायाधीश राकेश चौधरी की अदालत ने लापरवाही से गाड़ी चलाने व लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए मृत्यु करित करने पर अभियुक्त को दोषी करार देते हुए भारतीय दंड संहिता व वाहन अधिनियम की विभिन्न धाराओं में सजा सुनाई है। दोषी अश्विनी कुमार पुत्र किशोरी लाल गांव रट डा. कोठीपुरा जिला बिलासपुर को सजा सुनाई गई है। मामले की जानकारी देते हुए जिला न्यायवादी विनोद भारद्वाज ने बताया कि 30 अक्तूबर, 2015 को कुलदीप सिंह पुत्र गरजा राम गांव संदौली थाना सदर बिलासपुर ने पुलिस अन्वेषण अधिकारी के पास अपना बयान कलमबंद करवाया कि वह पेशे से ड्राइवर है तथा उसका ट्रक नंबर एचपी 07-2087 कलर मोड़ के पास खराब खड़ा था। इसके चलते वह 30 अक्तूबर, 2015 को सुबह 8 :30 बजे अपने ट्रक की देखभाल के लिए अपनी कार में गया और ट्रक को देखने के बाद जब वह 10 :40 बजे नजदीक नईसारली पेट्रोल पंप के पास पहुंचा तो उसने देखा कि एक ट्रक नंबर एचपी 11-5104 अपनी साइड सडक से बाहर खड़ा था। तभी ट्रक नंबर एचपी 11-5448 तेज रफ्तार से आया और खड़े ट्रक को टक्कर मार दी। इसके उक्त ट्रक करीब 40 फुट ढांक से नीचे गिर गया तथा ट्रक के बाहर व अन्दर बैठे दो लड़के के नाम सूरज कुमार उर्फ लक्की व गौतम स्पुत्र मोहिंद्र लाल को चोटें आई। इसके बाद सूरज उर्फ लक्की की मौत हो गई। इस दौरान दोषी के ट्रक में बैठे मोहन को भी चोटें आई दोषी मौके से ट्रक छोड़कर भाग गया। बयान के आधार पर सदर थाना बिलासपुर में एफआईआर नंबर 273/15 30 अक्तूबर, 2015 यू/एस. 279, 337, 304-ए धारा 181 व 185 मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत दर्ज हुआ। दोषी को इस मुकदमा में गिरफ्तार किया गया। तफ्तीश पूर्ण होने पर मुकदमा का चालान अदालत में पेश किया गया। इस मुकदमा में जिला न्यायवादी विनोद भारद्वाज ने 19 गवाह दोषी के खिलाफ माननीय अदालत में पेश किए। इनकी गवाहियों कोे सही मानते हुए व बचाव पक्ष की दलीलों को नकारते हुए माननीय अदालत ने दोषी को लापरवाही से गाड़ी चलाने पर धारा 279 आईपीसी के अंतर्गत 6 माह का साधारण कारावास व 5 सौ रूपए जुर्माना व जुर्माना अदा न करने की सूरत में 15 दिन का साधारण कारावास, धारा 337 आईपीसी के अंतर्गत लापरवाही से गाड़ी चलाने व चोट कारित करने पर एक माह का साधारण कारावास व धारा 304-ए आईपीसी के अंतर्गत लापरवाही से मृत्यु कारित करने पर 1 साल का साधारण कारावास व 1 हजार रूपए जुर्माना व जुर्माना न देने की सूरत में 1 महीने का साधारण कारावास की सजा सुनाई। मोटर वाहन अधिनियम 181 के अंतर्गत मौके से भाग जाना व जख्मी को कोई सहायता ना देने के लिए 5 सौ रूपए जुर्माना व धारा 185 के अंतर्गत 1 हजार रूपए जुर्माना की सजा भी सुनाई।