सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने कसौली विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत जाबली के आदर्श राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला राजड़ी में जाबली को सुरक्षा कारणों से शीघ्र स्थानांतरित करने के निर्देश दिए हैं। डाॅ. सैजल ने आज जाबली स्थित इस विद्यालय का निरीक्षण किया और निर्देश दिए कि छात्रों की सुरक्षा एवं शिक्षा के दृष्टिगत इस विद्यालय को समीप स्थित हिम प्रोसेस फ्रूट ग्रोवर मार्केटिंग कोऑपरेटिव सोसायटी के भवन में स्थानांतरित किया जाए। उन्होंने फोरलेन कार्य में संलग्न कंपनी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सोसायटी के भवन को तीन दिन के भीतर तैयार कर छात्रों को बैठने के उपयुक्त बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से इस विद्यालय भवन को अन्यत्र स्थानांतरित करना आवश्यक है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। डाॅ. सैजल तथा जिला प्रशासन एवं स्कूल प्रबंधन समिति ने सोसायटी के भवन का निरीक्षण किया तथा स्थानीय लोगों से चर्चा के उपरांत विद्यालय की कक्षाएं इस भवन में स्थानांतरित करने पर सहमति बनने के उपरांत यह निर्णय लिया। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने उपायुक्त सोलन को निर्देश दिए कि राष्ट्रीय राजमार्ग के फोरलेन कार्य में संलग्न कंपनी को निर्देश दिए जाएं कि फोरलेन निर्माण कार्य में समूचे क्षेत्र के पारिस्थितिकीय संतुलन एवं भौगोलिक परिस्थितियों का ध्यान रखा जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि राष्ट्रीय राजमार्ग के फोरलेन कार्य में प्राकृतिक जल स्त्रोतों का संरक्षण भी सुनिश्चित बनाया जाए। ग्राम पंचायत जाबली के प्रधान दुनीचंद धीमान ने डाॅ. सैजल एवं जिला प्रशासन को विद्यालय भवन सहित क्षेत्र की अन्य आवश्यकताओं के संबंध में अवगत करवाया। इस अवसर पर ग्राम पंचायत गुल्हाड़ी के प्रधान एवं क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के सदस्य मदन मोहन मेहता, ग्राम पंचायत के अन्य सदस्य, उपायुक्त सोलन केसी चमन, पुलिस अधीक्षक मधुसूदन शर्मा, तहसीलदार कसौली कपिल तोमर, उपनिदेशक उच्च शिक्षा योगेंद्र मखैक, उप जिला शिक्षा अधिकारी डाॅ. चंद्रमोहन शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
विद्युत उपमंडल भूमती के अंतर्गत बलि गांव डुमैहर,भूमती, बलेरा,जयनगर व मान गांव में 05 अगस्त 2019 को विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। यह जानकारी देते हुए सहायक अधिशाषी अभियंता विद्युत उपमंडल भूमती गौरव अधीर ने बताया कि विद्युत उपमंडल भूमती की लाइन में बिजली के आवश्यक रखरखाव हेतु प्रात 10:00 बजे से 6:00 बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने सभी संबंधित लोगों से असुविधा हेतु सहयोग की अपील की है। उन्होंने सभी अनुभागों के उपभोक्ताओं को सूचित किया कि जिन्होंने अपने विद्युत बिल जमा नहीं करवाए हैं,वह आगामी 2 दिनों के अंदर अपना विद्युत बिल प्रातः10:00 बजे से 3:00 बजे तक जमा करवाएं अन्यथा किसी भी प्रकार की सूचना दिए बिना विद्युत सप्लाई काट दी जाएगी।
पाइनग्रोव स्कूल सुबाथू में पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अंतर सदनीय प्रतियोगिता में चिनार, देवदार, ओक और टीक सदन के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। सभी चार सदनों से कनिष्ठ और वरिष्ठ वर्ग में चार -चार प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता का विषय 'हैकिंग कानूनी भी हो सकती है' रखा गया। देवदार सदन ने जीता ओवरआल खिताब दिव्यांशी बुंदेला के बेहतरीन प्रदर्शन के बुते देवदार सदन ने ये प्रतियोगिता अपने नाम की। जबकि टीक सदन दूसरे और चिनार व ओक सदन तीसरे स्थान पर रहे। प्रतियोगिता का ओवरआल खिताब भी देवदार सदन के ही नाम रहा। अंत में हेड टीचर देवेंद्र वर्मा ने सभी विजेता छात्रों को पुरुस्कृत किया। इस अवसर पर शिक्षकगण व सत्र मौजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश में बारिश कहर बरपाने लगी है। बारिश ने प्रदेश को अब तक लगभग 300 करोड़ का नुक्सान पहुंचाया है। वहीं लोक निर्माण विभाग को सबसे अधिक 158 करोड़ 51 लाख और आईपीएच विभाग को 104 करोड़ चार लाख का नुकसान हुआ है। राज्य में 186 सड़कें बंद हैं। मंडी में सबसे अधिक 102 मार्ग अवरुद्ध हैं। इसके अलावा शिमला सर्किल में 47, हमीरपुर में 22 और कांगड़ा में 15 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। लोक निर्माण विभाग की मानें तो राज्य में बंद पड़ी 186 सड़कों मेें से 153 सड़कें जल्द ही आवाजाही के लिए बहाल होे जाएंगी। बारिश से मकानों को भी भारी नुकसान प्रदेश भर में बारिश से पक्के व कच्चे मकानों को नुकसान हुआ है। ऊना में बारिश से एक पक्का मकान गिरा है। वहीं, मंडी में तीन, हमीरपुर में दो,सोलन के जाबली में एक स्कूल, कांगड़ा में चार कच्चे मकानों कोे आंशिक नुकसान हुआ है। इसके अलावा कांगड़ा में दो कच्चे मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं। आईपीएच विभाग की 2516 योजनाएं प्रभावित राज्य में भारी बारिश होने से आईपीएच विभाग की 2561 योजनाएं प्रभावित चल रही है। राज्य में सबसे अधिक पेयजल परियोजनाएं सुंदरनगर में प्रभावित हैं। सुंदरनगर में 474 पेयजल परियोजनाएं प्रभावित चल रही हैं। सोलन मे 238 व कुल्लू में 201 और 238 योजनाएं प्रभावित हैं।
यहां पता लगाना मुश्किल, सड़क है या कीचड़ हिमाचल प्रदेश के ज़िला सोलन के कुमारहट्टी चौक में सड़क का हाल देखने वाला है। यहा यह समझ नहीं आ रहा है कि सड़क है या कीचड़। बारिश के कारण आसपास की मिट्टी सड़क पर फैल चुकी है। सड़क की ख़स्ता हालात यात्रियों खासकर वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। अकसर ऐसा होता है कि गीली मिट्टी में गाड़ियों के टायर फिसल जाते हैं जो किसी बड़े हादसे को रुप दे सकती है। बता दें कि सोलन के कुमारहट्टी में फ्लाईओवर का काम चल रहा है जो लोगों के लिए परेशानी का कारण बनता जा रहा है। इस फ्लाईओवर के निर्माण कार्य के चलते यहां घंटों जाम लग रहा है।
भक्तों का माता भंगायणी के ऊपर अटूट विश्वास है। उत्तरी भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में शामिल माँ भंगायनी का मंदिर हरिपुरधार में शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी में स्थित है, जो हिमाचल प्रदेश में सिरमौर ज़िले की सीमा पर है। मंदिर समुद्र तल से लगभग 8000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। शिरगुल महादेव की एक देव बहन के रूप में जानी जाने वाली, माँ भंगायनी को हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में पूजा जाने वाली सबसे शक्तिशाली देवी माना जाता है। मां भंगायणी मंदिर 1986 से पूर्व एक देवठी के रूप में थी। इसका जीर्णोद्धार 1986 से यहां मंदिर कमेटी ने शुरू किया। 1992 से 2000 के बीच यहां सक्रिय होकर मंदिर निर्माण का कार्य आरंभ किया गया। शिरगुल महाराज की बहन है भंगायणी माता बताते हैं कि भंगायणी माता शिरगुल महाराज की बहन है। माँ भंगायनी मंदिर का इतिहास चुरेश्वर महादेव (चूड़धार) से जुड़ा हुआ है। किंवदंतियों के अनुसार, शिरगुल महादेव को एक मुगल राजा द्वारा कैद किया गया था क्योंकि मुगल राजा को शिरगुल महादेव की आध्यात्मिक शक्तियों से डर था। बगद के राजा गुगा पीर ने उन्हें माता भंयानी के आशीर्वाद से जेल से बाहर निकलने में मदद की। शिरगुल महादेव के लिए मुगलों के कारावास से मुक्त होना बहुत मुश्किल था लेकिन उन्हें माता भंगायानी की मदद से बचाया गया था। तब से मां भंगायनी को शिरगुल महादेव की बहन के रूप में पूजा जाता है। भंगायणी माता शिरगुल महाराज की बहन है। माता भंगायणी मंदिर को लकड़ी और स्लेटनुमा पत्थर की शैली से नक्काशी के साथ निर्मित किया गया है। मुख्य सडक से करीब दो सौ मीटर हटकर मन्दिर की सीढियां शुरू होती हैं। स्थानीय व्यक्ति जो शिरगुल महाराज के दर्शन करने जाते हैं, वे भंगायणी माता के भी दर्शन अवश्य करते हैं। माता भंगायणी मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु माथ टेकने पहुंचते हैं। मंदिर में चैत्र नवरात्रि, अश्विन नवरात्रि, दशहरा, और दीपावली के त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं। मंदिर सड़क मार्ग, हवाई मार्ग, रेल मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है।
ज़िला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा सोलन स्थित कल्याण भवन में विश्व स्तनपान सप्ताह पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी शारदा सारस्वत ने की। उन्होंने कहा कि मां का दूध नवजात शिशु के लिए अमृत समान है। इसमें वे सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कि शिशु के लिए विकास व वृद्धि के लिए आवश्यक होते हैं। उन्होंने कहा कि जन्म से लेकर 6 माह तक शिशु को केवल स्तनपान करवाया जाना चाहिए। शिशु के मानसिक व बौद्धिक विकास मां के दूध से होता है। मां का दूध सुपाच्य होता है और यह डायरिया, न्यूमोनिया और अस्थमा से बचाता है। उन्होंने कहा कि शिशु के जन्म के एक घंटे के भीतर केवल 45 प्रतिशत महिलाएं ही बच्चे को स्तनपान करवाती हैं। जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी ने कहा कि स्तनपान करवाना केवल शिशु के लिए ही नहीं बल्कि मां के लिए भी लाभदायक है। स्तनपान महिलाओं में स्तन कैंसर, गर्भाश्य कैंसर, दिल का दौरा और स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है। उन्होंने कहा कि यह शरीर की चर्बी को भी कम करता है। स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को संतुलित भोजन करवाना चाहिए जिसमें उचित मात्रा में प्रोटीन, वसा, कार्बोहाईड्रेट, खनिज पदार्थ और विटामिन हों ताकि बच्चे को भरपूर दूध मिल सके। इस अवसर पर मेहंदी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। प्रतियोगिता में नीना देवी प्रथम, बिट्टु द्वितीय तथा सोनिया तृतीय स्थान पर रही। नारा लेखन प्रतियोगिता में पुष्पा प्रथम, सुमन द्वितीय तथा ज्योति तृतीय स्थान पर रही।
बाल विकास परियोजना धर्मपुर में आंगनवाड़ी सहायिका के रिक्त पदों को भरने के लिए 28 अगस्त, 2019 को प्रातः 11 बजे बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय धर्मपुर के सभागार में वाक-इन-इन्टरव्यू (साक्षात्कार) आयोजित किए जाएंगे। यह जानकारी विभागीय प्रवक्ता ने दी। उन्होंने कहा कि इन पदों पर सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित मानदेय देय होगा। इच्छुक अभ्यर्थी बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय धर्मपुर के कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन पदों के लिए वही महिला उम्मीदवार पात्र हैं जो सम्बन्धित आंगनवाड़ी केन्द्र के लाभान्वित क्षेत्र में प्रथम जनवरी 2019 को सामान्य रूप से रह रहे परिवार से सम्बन्ध रखती हो। उम्मीदवार की आयु 21 से 45 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। आंगनवाड़ी सहायिका के लिए शैक्षणिक योग्यता आठवीं पास होनी चाहिए। सहायिका पद के लिए आठवीं पास शैक्षणिक योग्यता के उम्मीदवार उपलब्ध न होने की स्थिति में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता पांचवी पास मान्य होगी। उन्होंने कहा कि इन पदों के लिए उम्मीदवार के परिवार की वार्षिक आय 35 हजार रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस संबंध में उम्मीदवार को तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार द्वारा जारी तथा प्रतिहस्ताक्षरित प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने कहा कि आवेदक को आवेदन पत्र के साथ आयु, शैक्षणिक योग्यता, जाति, अपंगता, अनुभव, हिमाचली, परिवार रजिस्टर की नकल व अन्य योग्यता प्रमाणपत्रों की प्रमाणित प्रतियां साक्षात्कार के समय या इससे पूर्व जमा करवाने होंगे। आय प्रमाण पत्र तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार या इनसे अधिकर स्तर के अधिकारी प्रतिहस्ताक्षरित होना चाहिए। उम्मीदवारों को साक्षात्कार के दिन इन सभी प्रमाणपत्रों की मूल प्रतियां अपने साथ लाना अनिवार्य है। साक्षात्कार की तिथि बारे अलग से सूचित नहीं किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए इच्छुक उम्मीदवार नजदीक के आंगनवाड़ी केन्द्र अथवा बाल विकास परियोजना अधिकारी धर्मपुर के कार्यालय दूरभाष नम्बर 01792-264037 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
परवाणू के गाब्रिएल रोड तथा रेहड़ी मार्किट में अवैध खोखा धारकों को कुछ दिन की मोहल्लत दी गई है। इस दौरान खोखा धारक खुद नई जगह पर विस्थापित होंगे। दरअसल न्यायपालिका के आदेशानुसार हिमुडा को परवाणू के गाब्रिएल रोड तथा रेहड़ी मार्किट में अवैध खोखों को हटाने के निर्देश जारी किये गए थे । न्यायपालिका के आदेश की पालना करने के लिए शुक्रवार को हिमुडा, नगर परिषद के अधिकारी /कर्मचारी व तहसीलदार अवैध कब्जों को हटाने के लिए मौके पर पहुंचे। खोखा धारकों ने हिमुडा से मांग की कि उन्हें हटाने से पहले विस्थापन के लिए स्थान दिया जाये ताकि वह अपने खोखे वहां स्थानांतरित कर सकें। स्थिति का जायजा लेने के लिए न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. राजीव सैजल भी मौके पर पहुंचे जहाँ खोखा धारकों ने उनके सामने अपनी समस्या रखी। इसके बाद खोखा धारकों के साथ पीडब्ल्यूडी रेस्ट हॉउस में बैठक की गई , जिसमें खोखा धारकों ने अपना पक्ष रखा। खोखा धारकों ने कहा कि हम स्वयं खोखा हटाने को तैयार हैं परन्तु हमें वेंडिंग कमेटी द्वारा अभी तक विस्थापन का स्थान नहीं दिया गया है। इस बारे में हिमुडा के अधिकारीयों ने जानकारी दी कि खोखों के लिए हिमुडा द्वारा विभिन्न स्थानों पर नगर परिषद् को जगह चिन्हित करा दी गयी है। वहीँ नगर परिषद् के अधिकारीयों ने बैठक में बताया कि जो जगह हिमुडा द्वारा दी गयी है वह अभी विस्थापन के लिए ठीक नहीं है , उन जगहों को पहले समतल करना होगा तब वहां खोखे लगाए जा सकते हैं । तमाम पक्षों को सुनने के बाद डा. सैजल ने कहा कि न्यायपालिका के आदेशों की अवहेलना नहीं की जा सकती परन्तु गरीबों की समस्याओं को भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। इसलिए नगर परिषद् जल्द से जल्द खोखा धारकों को जगह दे ताकि बिना किसी नुकसान के खोखा धारक विस्थापन कर सकें व न्यायपालिका के आदेश को भी पूरा किया जा सके। 2-3 दिन में जगह उपलब्ध करवाएगी नगर परिषद् नगर परिषद् के कार्यकारी अधिकारी सुधीर शर्मा ने कहा कि हिमुडा द्वारा जो स्थान चिन्हित किया गया है उसे समतल कर खोखा लगाने लायक बनाया जायेगा, जिसके लिए दो या तीन दिन का समय लगेगा। इसके बाद खोखा धारक सव्य अपने खोखे वेंडिंग जोन में विस्थापित कर सकेंगे।
सोलन के नौणी गांव में वीरवार रात को कुछ घरों की दीवारों में अचानक विद्युत प्रवाह होने से सनसनी फैल गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार नौणी के कुछ घरों की दीवारों में अचानक विद्युत प्रवाह होने के चलते कुछ लोगों को करंट के झटके लगे। इसी दौरान करंट की चपेट में आने से पशुशाला में बंद एक गाय की मौत भी हो गई। फिर बड़ी मुश्किल से लोगों ने बिजली आपूर्ति को काट कर पशुशाला में बांधे गए बाकी पशुओं को बाहर निकाला। इस दौरान लोगों को कई दफा करंट के झटके लगे। गनिमत इस बात की रही कि समय रहते ही बिजली को बंद करवा दिया गया और इस तरह एक बड़ा हादसा टल गया। स्थानीय निवासियों ने बिजली विभाग से अपील करते हुए कहा कि वह इसे जल्द से जल्द व्यवस्थित करे ताकि यहां कोई अप्रिय घटना नहीं घटे।
108 एंबुलेंस में करवाए गए 1043 प्रसव सोलन जिला में 108 एंबुलेंस सेवा के माध्यम से इस वर्ष जून माह तक विभिन्न प्रकार की आपाताकालीन सेवाओं में 1 लाख 12 हजार 272 रोगियों को आपातकालीन स्थिति में प्रदान की गई। इस अवधि के दौरान पुलिस द्वारा सूचित 4325 आपात मामलों, अग्निशमन के 1373 आपात मामलों तथा चिकित्सा आपाताकाल के एक लाख 6 हजार 574 मामलों में सेवाएं प्रदान की गई। आपाताकालीन चिकित्सा तकनीशियन (ईएमटी) द्वारा 1043 प्रसव एंबुलेंस में ही करवाए गए। ये जानकारी डीसी सोलन केसी चमन ने जीवीके ईएमआरआई 108 राष्ट्रीय आपाताकालीन एंबुलेंस सेवा के संबंध में आयोजित एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। डीसी ने कहा कि सोलन जिला में 11 पुरानी 108 एंबुलेंस को बदला जा चुका है तथा शीघ्र ही 5 अन्य पुरानी 108 एंबुलेंस को भी बदल दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला के सभी बस अड्डों तथा सभी बसों में 108 सेवा के स्टीकर चिपकाएं जाएं और लोगों को इस सेवा के विषय में प्रचार-प्रसार के माध्यम से जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि अगस्त 2019 के अंत तक धर्मपुर, जाबली, चेवा, सलोगड़ा तथा राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर स्थित अन्य ग्राम पंचायतों में त्वरित राहत प्रणाली (आईआरएस) से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। उन्होंने अगली बैठक से पूर्व पुलिस, अग्निशमन तथा 108 एंबुलेंस सेवा की सामूहिक माॅकड्रिल करवाने के निर्देश भी दिए।
ग्राम पंचायत आंजी और शामती के करीब आधा दर्जन गावों को जोड़ने वाली संपर्क सड़क खस्ताहाल है। कीचड़ से लबालब इस रास्ते में सड़क का नामोनिशान तक नहीं बचा है। करीब 200 परिवार इसी रास्ते से होकर गुजरते है और इस मार्ग पर दुर्घटना होना आम हो चूका है। आये दिन कोई न कोई दुपहिया वाहन यहाँ गिरता है या कीचड़ में फंस जाता है। इस मार्ग से शमलेच, मझोटी, बग्गर, बड़ल्याना, चिलड़ी, चिल्ला गावों के सड़कों लोग रोज गुजरते है। लम्बे समय से इस मार्ग की हालत ऐसी ही है और स्थानीय लोग इसे दुरुस्त करने की मांग करते रहे है, किन्तु अब तक इस दिशा में कोई उचित कदम नहीं उठाया गया वादा किया, पर पूरा नहीं किया 2017 के विधानसभा चुनाव में जब नेता इस क्षेत्र में वोट मांगने पहुंचे तब भी लोगों ने इस मार्ग को दुरुस्त करने की मांग उठाई थी। नेताओं ने वादे तो किये लेकिन उसे पूरा नहीं किया। इसी तरह हालहीं में हुए लोकसभा चुनाव में भी स्थानीय नेताओं ने इस मार्ग को जल्द दुरुस्त करवाने का वादा किया था, लेकिन अब तक इस दिशा में कुछ नहीं हुआ। इस सड़क की खस्ताहालत को लेकर लोगों में भारी रोष है। खासतौर से नेताओं के प्रति। विधायक धनीराम शांडिल को भी लोग इस बारे में कई बार अवगत करवा चुके है लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। करीब दो दशक पूर्व इस सड़क का निर्माण हुआ था लेकिन सम्बंधित विभाग ने कभी ही इसे दुरुस्त करने की जहमत नहीं उठाई।
हिमाचल प्रदेश में मौसम फिर से रौद्र रूप दिखाएगा। राज्य के मैदानी इलाकों सहित शिमला, कुल्लू, सोलन, सिरमौर, मंडी व चंबा के कुछ स्थानों पर तीन व चार अगस्त को भारी बारिश होगी। विभाग ने राज्य के इन क्षेत्रों में भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग की मानें तो राज्य मे सात अगस्त तक मौसम खराब बना रहेगा। इस दौरान राज्य के अनेक स्थानों पर बारिश होगी। जो राज्य में जनता की दिक्कतों को बढ़ा सकता है। बारिश से अधिकतम तापमान में एक से चार डिग्री तक की गिरावट रिकार्ड की गई है। सोलन के अधिकतम तापमान में सबसे अधिक चार डिग्री की गिरावट आंकी गई है। नाहन, भुंतर के तापमान में तीन, चंबा, डलहौजी, सुदंरनगर, ऊना व केलांगं के तापमान में एक डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग के निदेशक डा. मनमोहन सिंह ने बताया कि राज्य के मैदानी व मध्यम ऊचांई वाले क्षेत्रों में तीन व चार अगस्त को भारी बारिश होगी। सात अगस्त तक मौसम खराब बना रहेगा।
भारत वर्ष में ‘कटहल’ की खेती अनिवार्य होगी। हिमाचल में भी 500 करोड़ के बागबानी प्रोजेक्ट में कटहल की खेती को शामिल करने की योजना पर व्यापक मंथन चल पड़ा है। देश व प्रदेश में किसानों की आय को दो गुना करने की राष्ट्रीय महत्त्वाकांक्षी योजना को कटहल फल की मार्फत त्वरित गति से पूरा करने का खाका तैयार किया जा रहा है। बागबानी विशेषज्ञों ने कटहल की खेती के व्यावसायिक प्रयोग पर अपने अनुसंधानित विचार सरकार को प्रेषित किए हैं। पद्मश्री से सम्मानित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व अध्यक्ष केएल चड्डा के नेतृत्व में गठित राष्ट्र स्तरीय छह सदस्यीय कमेटी ने भी कटहल की खेती से किसानों की पैदावार को डबल करने के सुझाव लोकसभा की कमेटी को दिए हैं। वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के मुताबिक बागबानी वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के मुताबिक देश के सभी 29 प्रदेशों में कटहल फल को उगाया जाता है। किसी राज्य में इसकी बहुतायत में पैदावार होती है तो किसी प्रदेश में शौकिया तौर पर इस फल को उगाया जाता है। कटहल किसी भी प्रकार की मिट्टी व जलवायु में 4500 फुट की ऊंचाई में उगाया जा सकता है। देश में 29 में से सिर्फ ओडिशा व तमिलनाडु में ही कटहल की व्यावसायिक रूप से खेती होती है। पूरे देश को 56 सेक्टरों में बांटकर इस फसल की प्रमाणिकता को लेकर सर्वे किया जा चुका है तथा कुल 13 कृषि केंद्रों में इस बाबत व्यापक तौर पर रिसर्च कार्य चल रहा है। कटहल फल की खासियत हिमाचल के सोलन, बिलासपुर, मंडी, हमीरपुर, ऊना इत्यादि मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कटहल की फसल को उगाने के लिए उपयुक्त माहौल है। कटहल फल की खासियत यह है कि एक वृक्ष सीजन से 200 फल तक दे देता है। बाजार में इसकी कीमत 30 रुपए किलो से लेकर 60 रुपए प्रति किलो तक है। व्यावसायिक खेती के रूप में इस्तेमाल व उचित देख-रेख से एक वृक्ष 20 से 25 हजार का फल एक साल में दे सकता है। कटहल में आयरन, कैल्शियम, पोटाशियम व प्राकृतिक फाइबर की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इसके साथ-साथ इसके लिए किसी भी प्रकार के स्प्रे व दवाइयों की आवश्यकता नहीं पड़ती है। भूमि में जड़ों की अधिक गहराई होने के कारण भूमि कटाव को रोकने में भी यह वृक्ष सहायक है। कटहल की खेती को शुरू करने की सिफारिशें भेजी गई केंद्र सरकार के पास राष्ट्रीय स्तर पर गठित कमेटी क्यूआरटी के सदस्य व नौणी विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर डा. विजय सिंह ठाकुर ने कहा कि देश भर में कटहल की व्यावसायिक खेती को शुरू करने की सिफारिशें केंद्र सरकार के पास भेजी गई हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 500 करोड़ के बागबानी प्रोजेक्ट में कटहल की खेती को शामिल करने के भी उन्होंने सुझाव भेजे हैं। डा. विजय सिंह ठाकुर के अनुसार प्रदेश में परंपरागत फसलों के साथ कटहल की व्यावसायिक खेती को शुरू करके निश्चित तौर पर आगामी चार-पांच वर्षों में किसानों की आय को दोगुना किया जा सकता है। बंदर भी नहीं करते नुकसान कटहल फल की एक खास विशेषता यह है कि इसे बंदर नहीं खाते क्योंकि बाहर से यह खुरदरा(खसरा) होता है। दक्षिण भारत में इसे जैक फ्रूट कहा जाता है।
यहाँ माँ शक्ति की नौ ज्वालाएँ प्रज्ज्लित हैं और माना जाता है कि देवी सती की जीभ इसी जगह गिरी थी। हम बात कर रहे है ज्वाला माता मंदिर की। ज्वाला देवी का मंदिर देवी के 51 शक्ति पीठों में से एक है।ज्वाला देवी का मंदिर हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा से 30 किलो मीटर दूर स्तिथ है। इस मंदिर को ज्वालामुखी मंदिर (Jwalamukhi Mandir) के नाम से भी जाना जाता है। यह हिन्दू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थानों में शामिल है। इस मंदिर का प्राथमिक निमार्ण राजा भूमि चंद के करवाया था। बाद में महाराजा रणजीत सिंह और राजा संसारचंद ने 1835 में इस मंदिर का पूर्ण निमार्ण कराया। यहाँ धधकती ज्वाला बिना घी, तेल दीया और बाती के लगातार जलती रहती है। यह ज्वाला पत्थर को चीरकर बाहर निकलती आती है। ज्वाला देवी की उत्पत्ति से संबंधित कई कथाएं लोगों के बीच बहुत प्रचलित हैं। प्रचलित कथाएं भक्त गोरखनाथ के इंतज़ार में जल रही ज्वाला ज्वाला माता से संबंधित गोरखनाथ की कथा इस क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है। कथा है कि भक्त गोरखनाथ यहां माता की आरधाना किया करता था। एक बार गोरखनाथ को भूख लगी तब उसने माता से कहा कि आप आग जलाकर पानी गर्म करें, मैं भिक्षा मांगकर लाता हूं। माता आग जलाकर बैठ गयी और गोरखनाथ भिक्षा मांगने चले गये। इसी बीच समय परिवर्तन हुआ और कलियुग आ गया। भिक्षा मांगने गये गोरखनाथ लौटकर नहीं आये। तब ये माता अग्नि जलाकर गोरखनाथ का इंतजार कर रही हैं। मान्यता है कि सतयुग आने पर बाबा गोरखनाथ लौटकर आएंगे, तब-तक यह ज्वाला यूं ही जलती रहेगी। मान्यता है कि पवित्र देवी नीली लौ के रूप में खुद प्रकट हुईं थीं और यह देवी का चमत्कार ही है कि पानी के संपर्क में आने पर भी ये लौ नहीं बुझती। “पंजन पंजवन पंडवन तेरा भवन बान्या” इस मंदिर के पीछे एक और पौराणिक कथा प्रचलित है। कथा यह है कि, कई हजार साल पहले एक चरवाहे ने पाया कि उसकी एक गाय का दूध नहीं बचता था। एक दिन उसने गाय का पीछा किया और वहां एक छोटी सी लड़की को देखा, जो गाय का पूरा दूध पी जाती थी। उन्होंने राजा भूमि चंद को इसकी सूचना दी, जिन्होंने अपने सैनिकों को पवित्र स्थान का पता लगाने के लिए जंगल में भेजा, जहां मा सती की जीभ गिरी थी क्योंकि उनका मानना था कि छोटी लड़की किसी तरह देवी का प्रतिनिधित्व करती थी। कुछ वर्षों के बाद, पहाड़ में आग की लपटें पाई गईं और राजा ने इसके चारों ओर एक मंदिर बनाया। यह भी कल्पित है कि पांडवों ने इस मंदिर का दौरा किया और इसका जीर्णोद्धार किया। लोक गीत “पंजन पंजवन पंडवन तेरा भवन बान्या” इस विश्वास की गवाही देता है। अकबर क चढ़ाया छत्र मां ने नहीं किया कबूल मुगल बादशाह अकबर और देवी मां के परम भक्त ध्यानु भगत से जुड़ी कथा खास प्रचलित है। हिमाचल निवासी ध्यानु भगत काफी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ माता के दर्शन के लिए जा रहा था। एंटनी बड़ी संख्या देखकर सिपाहियों ने चांदनी चौक (दिल्ली) पर उन्हें रोक लिया और बंदी बनाकर अकबर के दरबार में पेश किया। बादशाह ने पूछा, तुम इतने आदमियों को साथ लेकर कहां जा रहे हो? ध्यानू ने उत्तर दिया, मैं ज्वाला माई के दर्शन के लिए जा रहा हूं। मेरे साथ जो लोग हैं, वह भी माताजी के भक्त हैं और यात्रा पर जा रहे हैं। अकबर ने कहा यह ज्वाला माई कौन है, वहां जाने से क्या होगा। ध्यानू ने कहा कि ज्वाला माई संसार का पालन करने वाली माता हैं। उनका प्रताप ऐसा है उनके स्थान पर बिना तेल-बत्ती के ज्योति जलती रहती है। हम लोग प्रतिवर्ष उनके दर्शन जाते हैं। इस पर अकबर ने कहा, अगर तुम्हारी बंदगी पाक है तो देवी माता अवश्य तुम्हारी इज्जत रखेगी। इम्तहान के लिए हम तुम्हारे घोड़े की गर्दन अलग कर देते हैं, तुम अपनी देवी से कहकर उसे दोबारा जिंदा करवा लेना। इस प्रकार, घोड़े की गर्दन काट दी गई। ध्यानू ने बादशाह से एक माह की अवधि तक घोड़े के सिर व धड़ को सुरक्षित रखने की प्रार्थना की। अकबर ध्यानू की बात मानते हुए उसे आगे की यात्रा की अनुमति दे दी। ध्यानु साथियों के साथ माता के दरबार में पहुंचा। उसने प्रार्थना की कि मातेश्वरी आप अन्तर्यामी हैं। बादशाह मेरी भक्ति की परीक्षा ले रहा है, मेरी लाज रखना, मेरे घोड़े को अपनी कृपा व शक्ति से जीवित कर देना। माना जाता है कि अपने भक्त की लाज रखते हुए मां ने घोड़े को फिर से जिंदा कर दिया। यह सब कुछ देखकर बादशाह अकबर हैरान हो गया। इसके बाद अहंकारी अकबर ने अपनी सेना के साथ मंदिर की तरफ चल पड़ा। मंदिर पहुंचने पर सेना से मंदिर में पानी डलवाया, लेकिन माता की ज्वाला बुझी नहीं। तब जाकर उसे मां की महिमा का यकीन हुआ। उसने माता के आगे सिर झुकाया और सोने का छत्र चढ़ाया, लेकिन माता ने वह छत्र कबूल नहीं किया। कहा जाता है कि वह छत्र गिर कर किसी अन्य पदार्थ में परिवर्तित हो गया। जिसे आज भी मंदिर में देखा जा सकता है। ज्वालामुखी मंदिर को जोता वाली का मंदिर और नगरकोट भी कहा जाता है। ज्वाला देवी मंदिर वास्तुकला की एक इंडो-सिख शैली का अनुसरण करती है। ज्वाला देवी मंदिर एक लकड़ी के मंच पर बनाया गया है और शीर्ष पर एक छोटा गुंबद है। मंदिर के गुंबद और शिखर को सोने से ढका गया था जिसे महाराजा रणजीत सिंह ने उपहार में दिया था। मुख्य द्वार से पहले एक बड़ा घंटा है, इसे नेपाल के राजा ने प्रदान किया था। कालीधर पर्वत की शांत तलहटी में बसे इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहाँ देवी की कोई मूर्ति नहीं है। यहाँ पर पृथ्वी के गर्भ से नौ अलग अलग जगह से ज्वाला निकल रही है। इन नौ ज्योतियां को महाकाली, अन्नपूर्णा, चंडी, हिंगलाज, विंध्यावासनी, महालक्ष्मी, सरस्वती, अम्बिका, अंजीदेवी के नाम से जाना जाता है। मंदिर में विशालकाय चाँदी के दरवाज़े हैं। इसका गुंबद सोने की तरह चमकने वाले पदार्थ की प्लेटों से बना है। पूजा के लिए मंदिर का आंतरिक हिस्सा चौकोर बनाया गया है। मौसम के अनुसार मंदिर के खुलने और बंद होने के समय में बदलाव कर दिया जाता है। गर्मियों में जहां मंदिर सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक खुलता है, वहीं सर्दी के दिनों में सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक दर्शन के लिए खुलता है। भक्त अपनी भक्ति की निशानी के रूप में देवी को रबड़ी, मिश्री, चुनरी, दूध, फूल और फल अर्पित करते हैं। यहां एक कुण्ड में पानी खौलता हुआ प्रतीत होता है जबकि छूने पर कुंड का पानी ठंडा लगता है। मंदिर में पुजारियों द्वारा की जाने वाली आरती मंदिर का मुख्य आकर्षण है। इस मंदिर में दिन के दौरान पांच आरती और एक हवन किया जाता है। मुख्य हॉल के केंद्र में संगमरमर से बना एक बिस्तर है जिसे चांदी से सजाया गया है।
Assorted minds, big and small, continue to rack their brains to interpret the results of the 2019 Lok Sabha elections. There is virtually a spate of opinions which widely diverge. Undoubtedly the BJP, led by the Narendra Modi-Amit Shah duo, had a cake-walk in these elections. Its landslide victory in large parts of the country is unprecedented in ways more than one. So far no non-Congress government was ever repeated; it has taken a quantum jump this time. Jubilation in its ranks is fully justified. Let there be no mistake about it. Let us not miss the wood for the trees: the Hindu Rashtravadi forces, spearheaded by the RSS of which the BJP is the political wing, are in absolute control of the state power at the level of the Union of India, that is, Bharat. As is well-known, the RSS, since its inception in 1925, has been striving first to “Militarise Hindus, Hinduise India” and later establish a Hindu Rashtra in the country. It was exactly at that period in the history of our country when Mahatma Gandhi had emerged as the undisputed leader of the Indian National Congress founded four decades earlier. Under his leadership the party was able to bring together all sections of the people, irrespective of religion, creed, colour, caste, region etc. It became the mainstream organisation to lead the masses to achieve independence from the British colonial rule. Nationalism was its pantheon which commanded unqualified loyalty and dedication of all and sundry in the party. Right from the beginning, the RSS was, of course, successful in dividing the Hindus in particular along Sanghi Hindus and non-Sanghi Hindus. But non-Sanghi Hindus were not necessarily anti-Sanghi ones. That was true of some of the prominent leaders in the Indian National Congress also. The glaring examples are Madan Mohan Malaviya and Lala Lajpat Rai. Both of them happened to be the Presidents of the Indian National Congress at one point of time. Such leaders continued to be present even under the stewardship of Jawaharlal Nehru and Indira Gandhi. What was actually needed was the projection of such stalwarts as the Nationalist Hindus against Hindu Nationalists. Nationalism in post-independence India required an altogether different orientation for the reconstruction of the country and the rejuvenation of her people. Jawaharlal Nehru did his best to accomplish that during his lifetime. His successors, however, forgot his warning that the RSS was the biggest threat to the unity and integrity of the nation. What we witnessed in the 2014 and 2019 elections did not happen all of a sudden. Its formal beginning had been made in 1967 when Samyukt Vidhayak Dal governments were formed in more than half of the then existing States of the Union of India. The SVDs were constituted of mainly the Bharatiya Jan Sangh, the earlier version of the BJP, the Socialists and the Communists. This experiment was done at the call of Dr Rammanohar Lohia, a strong Socialist leader. As a matter of fact it was he who propounded the theory of anti-Congressism. Later it became the most popular political line of all the major parties. It suited most the Jan Sanghis but the Communists were not left behind because a trend among them had been visible since 1942 during the period of the ‘Quit India’ movement and later followed by B.T. Ranadive, one-time CPI General Secretary, in 1948. In the meantime there was hardly any political party which did not join hands with the BJP to defeat the INC. Just like the BJP the Communists of all hues regarded the Congress as the main enemy. To cite a couple of examples: The CPM-led Left Front and BJP joined hands to install the Janata Dal-led V.P. Singh Government in 1989 while in 2012, not far from 2014, the CPIs, CPM and BJP’s top leaders were seen embracing one another at Jantar Mantar, New Delhi during a protest rally against the INC-led UPA Government of Dr Manmohan Singh. This cooperation continued until the BJP Government was placed safely at Delhi. The Indian National Congress can be held guilty for inadequate appreciation of the RSS threat and inept leadership to combat it. That was why it continued to yield space to Right reactionary nationalism and miserably failed to prevent the BJP from coming to power at the Centre. It did make efforts to wean away some of the parties from the anti-Congress line and did succeed also.The example of the UPA Government between 2004-2014 is an example in point. The Communists, nonetheless. were the real facilitators of the process throughout their history. There was, however, one exception. The United Communist Party of India, rather the Unknown Communist Party of India, formed in 1989 under the leadership S.A. Dange and Mohit Sen, had consistently maintained that the RSS was the real enemy of our country and her people. With the decimation of the Congress and the elimination of the Communists, the BJP might feel safe and secure but the country is on the brink of disintegration. The nation is facing that future both horizontally and vertically. The concept of a Hindu Rashtra is self-destructive. A part claiming to be the total whole is deceptive and illusory while the part poised against the whole is suicidal. Besides nobody can stop the claim of Sikh Rashtra, Christian Rashtra and another Muslim Rashtra et al. There is definitely space for preventing the BJP from reaching its goal of establishing a Hindu Rashtra if, and this is a big IF, the nationalists transcending all political boundaries join heads and constitute a Front from the Panchayat and Municipal to the National level to expose the implications of the Hindu Rashtra in general and the way Rashtravad is being pushed by the Hindu Samrat, Narendra Modi. Nationalists everywhere have ample material knowledge and material to do so. No political party, the least, the Indian National Congress, alone can save the country from the menace posed by the Mohan Bhagwat-Narendra Modi-Amit Shah trio. Hargopal Singh is a Member, Political Committee, United Communist Party of India. This article is written by him and it is his personal opinion.
अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन प्राइवेट आईटीआई दाड़लाघाट में केंपस प्लेसमेंट आयोजित किया गया। इसमें हीरो मोटो कॉपर्स लिमिटेड नीमराना ज़िला अलवर राजस्थान की कंपनी ने साक्षात्कार लिए। इस दौरान हिमाचल के विभिन्न जिलों से आईटीआई पास कर चुके विद्यार्थी व वर्तमान में अंतिम सेमेस्टर के एग्जाम दे रहे विद्यार्थी व वर्तमान में छात्रों ने भाग लिया। आईटीआई के प्लेसमेंट अधिकारी विनोद वर्मा ने बताया कि कंपनी को फिटर मकैनिक,इलेक्ट्रॉनिक्स, कोपा इलेक्ट्रिशियन इत्यादि की जरूरत के अनुसार साक्षात्कार व लिखित परीक्षा ली गई। इसमें हरियाणा, लखनऊ, मुजफ्फरपुर, करनाल, सिरमौर, कालका व मुरादाबाद से भी छात्र उतीर्ण हुए। इस अवसर पर लगभग 220 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। जो छात्र चयनित होंगे उन्हें ₹13500 मासिक दिए जाएंगे। इसके अलावा अन्य सुविधाएं जैसे पीएफ,ईएसआई व खाने में विशेष छूट का प्रावधान है। कंपनी को 150 विद्यार्थियों की जरूरत है। आईटीआई के प्लेसमेंट अधिकारी विनोद वर्मा ने बताया कि एचआर पुनीत हीरो मोटो कॉपर्स लिमिटेड ने कहा कि इस आईटीआई में बच्चों का व्यवहारिक ज्ञान अच्छा है, जिसके आधार पर इनका चयन किया गया है।संस्थान के प्रधानाचार्य राजेश शर्मा ने कहा कि भविष्य में भी इस तरह के कैंपस इंटरव्यू का आयोजन 6 महीने में एक बार जरूर किया जाएगा। इससे विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर घर पर ही मुहैया हो जाएंगे।
प्रदेश सरकार ने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को गम्भीर रोग की स्थिति में त्वरित सहायता पंहुचाने के उद्देश्य से ‘सहारा’ योजना आरम्भ हो गई है। योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के रोगियों को शीघ्र सहायता प्रदान की जाएगी। सहारा योजना पूरे प्रदेश में 15 जुलाई, 2019 से आरम्भ कर दी गई है। योजना के तहत कैंसर, पार्किंसनस रोग, लकवा, मस्कुलर डिस्ट्राफी, थैलेसिमिया, हैमोफिलिया, रीनल फेलियर इत्यादि ये ग्रस्त रोगियों को वित्तीय सहायता के रूप में 2000 रुपए प्रतिमाह प्रदान किए जाएंगे। योजना के तहत किसी भी आयुवर्ग का इन रोगों से ग्रस्त रोगी आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकता है। इस योजना के तहत बीपीएल परिवार से सम्बन्धित रोगियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। रोगी को अपना चिकित्सा सम्बन्धी रिकाॅर्ड, स्थाई निवासी प्रमाण पत्र, फोटोयुक्त पहचान पत्र, बीपीएल प्र्रमाण पत्र अथवा पारिवारिक आय प्रमाण पत्र तथा बैंक शाखा का नाम, अपनी खाता संख्या, आईएफएससी कोड से सम्बन्धित दस्तावेज प्रदान करने होंगे। चलने-फिरने में असमर्थ रोगी के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी जीवित होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। सहारा योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र रोगी को अपना आवेदन सभी दस्तावेजों सहित मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा करवाना होगा। आशा कार्यकर्ता व बहुदेशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी रोगी के सभी दस्तावेज खण्ड चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा करवा सकते हैं। खण्ड चिकित्सा अधिकारी इन दस्तावेजों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय को प्रेषित करेंगे। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेेदन पत्र जिला स्तर के अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा हेल्थ वेलनेस केन्द्रों में 03 अगस्त, 2019 से उपलब्ध होंगे। जिला चिकित्सा अधिकारी सोलन डाॅ. आर.के. दरोच ने सहारा योजना के विषय में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना से जिला के सभी लोगों को अवगत करवाने के लिए विभाग ने आशा कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर जागरूक बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सहारा योजना के तहत पात्र रोगियों को 2000 रुपए प्रतिमाह की वित्तीय सहायता आरटीजीएस के माध्यम से ही उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि सहारा योजना के विषय में पूरी जानकारी प्राप्त करें ताकि आवश्यकता के समय विभिन्न गम्भीर रोगों से पीड़ित रोगियों के परिजनोें को जानकारी देकर लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन के कार्यालय के कक्ष संख्या 132 में योजना के सम्बन्ध में सम्पर्क किया जा सकता है। डाॅ. आर.के. दरोच ने कहा कि सहारा योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने एवं उनकी देखभाल की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी।
राज्यसभा में बुधवार को मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित हो गया। यह न केवल एक मोटर वाहन अधिनियम है, बल्कि एक सड़क सुरक्षा बिल भी है। इस बिल का मकसद सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना है, इसके लिए नियमों को और कड़ा किया गया है। वहीं जुर्माने में भी वृद्धि की गई है। जानिए क्या है मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 में यातायात नियमों और विनियमों के उल्लंघन के लिए न्यूनतम जुर्माना 100 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया गया है। कई अपराधों के लिए अधिकतम जुर्माना 10,000 रुपए तय किया गया है। बिना लाइसेंस के वाहन चलाने के मामले में जुर्माना 500 रुपए से बढ़ाकर 5,000 रुपए कर दिया गया है। सीट बेल्ट नहीं पहनने पर 1,000 रुपए का जुर्माना लगेगा। यह अब तक केवल 100 रुपए था। शराब पीकर वाहन चलाने के मामलों में जुर्माना 2,000 रुपए से 10,000 रुपए तक का है। खतरनाक ड्राइविंग के लिए जुर्माना 5,000 रुपए है। इमरजेंसी वाहनों को पास नहीं देने पर 10 हजार रुपए जुर्माना के रूप में लगेगा। पिछले कानून के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। ओवर-स्पीडिंग के मामलों में चालक को हल्के मोटर वाहनों जैसे कारों के लिए 1,000 रुपए और भारी वाहनों के लिए 2,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। रेसिंग में लिप्त पाए जाने पर चालक को 5,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। यदि आपके वाहन का बीमा कवरेज समाप्त हो गया है और आप अभी भी इसे चला रहे हैं, तो आपको 2,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। जुर्माने में हर साल 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। मौजूदा कानून के तहत हिट-एंड-रन मामलों में क्षतिपूर्ति 25,000 रुपए है। इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दिया गया है। चोटों के मामलों में, मुआवजा 12,500 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया है। सभी सड़क उपयोगकर्ताओं को अनिवार्य बीमा कवरेज और सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजा प्रदान करने के लिए केंद्रीय स्तर पर एक मोटर वाहन दुर्घटना निधि बनाई जाएगी।
प्रदेश के स्कूलों और कॉलेजों में विद्यार्थियों को अब साइबर सुरक्षा का पाठ भी पढ़ाया जाएगा। केंद्र सरकार के आदेश पर शिक्षा विभाग ने अगले सत्र से साइबर सुरक्षा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। नौवीं से बारहवीं और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में इसे शामिल किया जाएगा। उच्च शिक्षा निदेशालय ने स्कूल शिक्षा बोर्ड, एससीईआरटी सोलन और कॉलेज प्रिंसिपलों को इस बाबत आदेश जारी किए हैं। साइबर विशेषज्ञ की मदद से स्कूलों-कॉलेजों में नियमित तौर पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। विद्यार्थियों को इंटरनेट पर आपराधिक गतिविधियों के बारे में जानकारी देकर बचाव के उपाय बताए जाएंगे। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि वर्तमान में साइबर क्राइम के कई मामले सामने आ रहे हैं। विद्यार्थी एटीएम कार्ड, मोबाइल इंटरनेट और अन्य डिजिटल संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं। उन्हें ठगी से बचने के लिए उपायों की जानकारी होनी चाहिए। इसी वजह से केंद्र ने सभी राज्यों को साइबर सुरक्षा का पाठ पढ़ाने के दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल शिक्षा बोर्ड के साथ मिलकर साइबर सुरक्षा के कुछ पाठ तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा शिक्षण संस्थानों में विशेषज्ञों को बुलाकर विद्यार्थियों को जागरूक किया जाएगा।
हिमाचल में स्क्रब टायफस बीमारी से निपटने की तैयारी व नियंत्रण को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आरडी धीमान की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। आरडी धीमान ने कहा कि स्क्रब टायफस बीमारी की जांच व इलाज की सुविधा सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध है और सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इसके इलाज के लिए दवाइयों भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में जनवरी, 2019 से अब तक स्क्रब टायफस के 220 मामले दर्ज किए गए हैं। बिलासपुर में सर्वाधिक मामले दर्ज हुई हैं। आरडी धीमान ने कहा कि पिछले चार सालों में स्क्रब टायफस के मामलों में वृद्धि हुई हैं। स्क्रब टायफस फैलाने वाला पिस्सू शरीर के खूले भागों को ही काटता है। इसके लिए उन्होंने लोगों को सलाह दी घरों के आसपास खरपतवार आदि न उगने दें व शरीर की सफाई का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने बताया कि 104 से 105 डिग्री का तेज बुखार, सिर व जोड़ों में दर्द व कंपकंपी, शरीर में ऐंठन, अकड़न या शरीर टूटा हुआ लगना आदि स्क्रब टायफस के लक्षण हैं। यदि ये लक्षण दिखाई दें तो तुरंत नज़दीकी अस्प्ताल में संपर्क करें।
मन में कुछ कर गुज़रने का हौंसला हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। मजबूत इरादों से बड़े से बड़े पहाड़ भी कदमों तले लाये जा सकते हैं। ऐसा ही कुछ शिमला के तीन युवकों ने कर के दिखाया है। सिरमौर ज़िला के दुर्गम क्षेत्र चूड़धार पर जाने के नाम से कई लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इस स्थान को महज 11 घंटों में साइकिल से फतह कर इन लड़कों ने इतिहास रचा है। इससे पहले किसी ने इस चोटी पर साइकिल से चढ़ाई नहीं की है। हिमालयन एडवेंचर स्पोट्र्स टूरिज्म प्रोमोशन एसोसिएशन से जुड़े 19 वर्षीय अक्षित, 18 वर्षीय आशीष शेरपा व 33 वर्षीय आशीष सूद ने यह यात्रा साइकिल से पूरा करने की ठानी। उन्होंने बताया कि साइकिल के साथ शिमला से चूड़धार की दूरी तय करने का पहला प्रयास था। वे 28 जुलाई को शिमला से चूड़धार के लिए निकले। कड़कड़ाती ठंड, तीखे पहाड़, चट्टानें गिरने और सैकड़ों नालों की परवाह न करते हुए लगातार आगे बढ़ते रहे। चोटी के करीब पहुंचने पर ऑक्सीजन की कमी से परेशानी हुई। मगर चूड़धार तक पहुंच कर उनका सपना पूरा हुआ। वे इस यात्रा से युवाओं को संदेश देना चाहते हैं कि अगर युवा पीढ़ी किसी काम को करने की ठान ले तो हर मुकाम को हासिल कर सकती है।
हिमाचल प्रदेश ज़िला ऊना के बंगाणा के तहत आन वाले खुरवाई में देर रात हुए खूनी संघर्ष में एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। वहीं मृतक की पहचान पुरषोत्तम पुत्र वर्फी राम उम्र 40 साल निवासी खुरवाई के रूप में हुई है। वारदात के बाद अज्ञात व्यक्ति घटनास्थल से फरार हो गया। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि मृतक की लड़ाई किससे हुई और क्यों हुई? उधर, एसपी दिवाकर शर्मा ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।
देवों के देव महादेव के इस मंदिर में भोलेनाथ और माता पार्वती युगल रूप में स्थापित हैं और यहाँ आने वाले भक्त खाली हाथ नहीं लौटते। हम बात कर रहे है ममलेश्वर महादेव मंदिर की। शिमला से लगभग 100 किमी की दूरी पर करसोग शहर में स्थित यह मंदिर एक ऊंचे मंच पर स्थित पत्थर और लकड़ी का बना है। लोगों की मान्यता है कि यहां 5 हजार साल पहले पांडवों ने समय बिताया था। मंदिर के मुख्य भवन की चारों ओर दीवारों पर काष्ठ मूर्तियां बनी हैं। मंदिर की मुख्य इमारत लकड़ी की है। लकड़ी की दीवारों पर बेहतरीन नक्काशी है, जिसमें देवी-देवताओं के साथ अन्य मूर्तियां उकेरी गई हैं। मंदिर के गर्भगृह में भगवान शंकर व मां पार्वती की मूर्ति युगल के रूप में स्थापित है। मंदिर के प्रवेश द्वार के ऊपर भी शिव-पार्वती की युगल मूर्ति है। मंदिर के पुजारी का कहना है कि यह दुनिया का इकलौता मंदिर है, जिसमें शिव-पार्वती की मूर्तियां युगल के रूप में हैं। यह मंदिर सतयुग, त्रेत , द्वापरयुग व कलयुग का गवाह है ।इस स्थान पर भृगु ऋषि जी के द्वारा तपस्या की गई थी। हिमयुग के अंत में किन्नर कैलाश में हुए पृथ्वी के भीतर के बदलाव के कारण किन्नर इस स्थान पर आ गये और भृगु ऋषि ने एक किन्नर लड़की से विवाह किया जिसका नाम माम्लिषा था और उसके नाम पर ही इस स्थान का नाम ममेल पड़ । इनकी दो पुत्रियाँ हुई इमला व बिमला, जो की नदियों के रूप में यहाँ स्थित है और पुरे क्षेत्र की भूमि को सिंचित करती है। मंदिर में रखा गया है भीम का ढोल इस मंदिर का पांडवो से गहरा नाता है। पांडव यहाँ अपने अजातवास के समय आये थे। इस मंदिर में एक प्राचीन ढोल है जिसके बारे में कहा जाता है की ये भीम का ढोल है। ये ढोल भेखल की लकड़ी से बना है। इसके अलावा मंदिर में स्थापित पांच शिवलिंगों के बारे में कहा जाता है की इसकी स्थापना स्वयं पांडवों ने की थी। मंदिर में सबसे प्रमुख गेहूं का दाना है जिसे की पांडवों के समय का बताया जाता है। यह गेहूं का दाना एक खास प्रकार के डिब्बे में रखा जाता है। महाभारत काल से जल रहा है अग्निकुंड इस मंदिर में एक धुना है जिसके बारे में मान्यता है कि यहां जो अग्निकुंड है वो महाभारत काल से निरंतर जल रहा है। इस के पीछे एक कहानी है की जब पांडव अज्ञातवास में घूम रहे थे तो वे कुछ समय के लिए इस गाँव में रूके। तब इस गांव में एक राक्षस ने एक गुफा में डेरा जमाया हुआ था। उस राक्षस के प्रकोप से बचने के लिये लोगों ने उस राक्षस के साथ एक समझौता किया था कि वो रोज एक आदमी को खुद उसके पास भेजेंगें उसके भोजन के लिये जिससे कि वो सारे गांव को एक साथ न मारे। एक दिन उस घर के लडके का नम्बर आया जिसमें पांडव रूके हुए थे। उस लडके की मां को रोता देख पांडवो ने कारण पूछा तो उसने बताया कि आज मुझे अपने बेटे को राक्षस के पास भेजना है। अतिथि के तौर पर अपना धर्म निभाने के लिये पांडवो में से भीम उस लडके की बजाय खुद उस राक्षस के पास गया। भीम जब उस राक्षस के पास गया तो उन दोनो में भयंकर युद्ध हुआ और भीम ने उस राक्षस को मारकर गांव को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई। कहते है की भीम की इस विजय की याद में ही यह अखंड धुना चल रहा है। यह मंदिर अपनी खूबसूरती के साथ अपने चमत्कारों के लिए भी प्रसिद्ध है। ममलेश्वर मंदिर में एक अग्निकुंड है, जो हमेशा जलता रहता है। मान्यता है कि 5 हजार साल पहले पांडवों ने इस अग्निकुंड को जलाया था और तब से यह जल रहा है। यहाँ के स्थानीय लोगों का मानना है कि अज्ञातवास के दौरान पूजा करने के लिए पांडवों ने इस अग्निकुंड को बनवाया था। ममलेश्वर महादेव के मंदिर भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है। कहा जाता है कि सावन के महीने में यहां पार्वती और शिव कमल पर बैठकर मंदिर में मौजूद रहते हैं। कहा जाता है कि ममलेश्वर मंदिर में 5 हजार साल पुराना गेहूं का दाना है, जिसका वजन 250 ग्राम है। मान्यता है कि इसे पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान खाने के लिए उगाया था। ममलेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए पांच शिवलिंग का एक साथ मौजूद होना भी इस मंदिर को खास बनाता है। कई साल पहले मंदिर के पास कई शिवलिंग, शिव और विष्णु भगवान की मूर्तियां भी मिली थीं। ममलेश्वर मंदिर में एक बड़ा ढोल भी रखा गया है। लोगों का कहना है कि अज्ञातवास के दौरान भीम ने इसे बनवाया था। भीम खाली समय के दौरान इस ढोल को बजाया करते थे और वहां से जाते समय उन्होंने इन ढोल मंदिर में रख दिया था। मंदिर में पांच शिवलिंग भी स्थापित है , मान्यता है कि यह पांडवों ने ही यहां स्थापित किए हैं। इस मंदिर के पास एक प्राचीन विशाल मंदिर और है जो की सदियों से बंद है। माना जाता है कि इस मंदिर में प्राचीन समय में भूडा यज्ञ किया जाता था जिसमे की नर बलि भी दी जाती थी। इस मंदिर में केवल पुजारी वर्ग को ही जाने की आज्ञा है।
There is a need to provide the farmers with the latest technical know-how so that they can reap the benefits from the development in the agricultural sector. Dr. Parvinder Kaushal, Vice-Chancellor of Dr. YS Parmar University of Horticulture and Forestry (UHF), Nauni, stated this during his visit to the Regional Horticultural Research Station (RHRS), Jachh and Litchi and Mango Research Station (LMRS) at Nagrota on Wednesday. Dr JN Sharma, Director Research of the university was also present on the occasion. During the visit, Dr. Kaushal interacted with Dr ML Bhardwaj, Associate Director (RHRS), scientists and staff of the station. He asked the scientists of the station to establish natural farming demonstration models on different fruits and crops so that the farmers can be apprised about the benefits of the model. He urged the scientists to work with increased determination to fulfil the goal of doubling farmers’ income in the state and continue to disseminate the latest agri-technology to the farming community. Dr. Kaushal also visited the experimental fields of the RHRS and LMRS. Dr. Atul Gupta, In-charge of the station explained about the activities of the station. At present, the station has Litchi, Mango, Papaya, Citrus and Indian Gooseberry (Amla), and jackfruit plantations. Dr Kaushal also inspected the groundwater supply scheme installed at the LMRS through support from the Government of India. He also visited the fields of Suresh Upadhyay, a progressive farmer who is raising apple orchards of low chilling varieties besides other fruits. The research station of the university serves as a centre for developing strategies for the improvement of fruits, vegetables, flowers, forest species, and medicinal plants in low hills subtropical areas. It works towards developing horticulture and forestry-based farming systems to increase and stabilize farm production through efficient use of natural and human resources.
बुधवार को विभिन्न सरकारी विभागों से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के लिए विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को उनकी सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। सेवानिवृत्ति के अवसर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय दाड़लाघाट से सुरेश कुमार जो प्रयोगशाला परिचालक के पद पर लगभग 20 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे थे,उन्हें भी अपने 20 वर्ष का सेवाकाल ईमानदारी,लग्नशीलता व सामाजिक सामंजस्य के साथ पूर्ण करने पर सम्मानित किया गया। विद्यालय की प्रधानाचार्या इंदु शर्मा ने कहा कि सुरेश कुमार को उनकी कर्तव्यनिष्ठा व इमानदारी के लिए हमेशा स्मरण किया जाएगा। इस अवसर पर हंसराज शर्मा,राजेंद्र ठाकुर,महेंद्र कौंडल,अश्वनी कुमार शर्मा,लच्छीराम,कल्पना सिंह,कमला देवी,लता देवी,अनिल शर्मा,भोपाल सिंह,जयपाल शर्मा,कामेश्वर आदि उपस्थित रहे। इस दौरान उपमंडल के अंतर्गत विभिन्न विभागों के कर्मचारियों में उप कोषागार दाड़ला से कोषाधिकारी मेहर सिंह ठाकुर,शंकर भारद्वाज यूको बैंक दाड़लाघाट,तुलसी राम स्वास्थ्य विभाग दाड़लाघाट,कर्म सिंह एचआरटीसी विभाग से सेवानिवृत्त हुए। इन सभी सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के सुखद भविष्य की कामना संबंधित विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने की।
समेकित बाल विकास परियोजना के तहत खण्ड स्तरीय अनुश्रवण समिति तथा बेटी बचाओ बेटी पढाओ के अन्तर्गत गठित खण्ड टास्क फोर्स की सोलन तथा धर्मपुर खण्डों की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता उपमण्डलाधिकारी सोलन रोहित राठौर ने की। रोहित राठौर ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभागीय कर्मचारी निश्चित समय अवधि में आंगनबाडी केन्द्रों में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य का निरीक्षण करें तथा उनके स्वास्थ्य के बारे में अभिवावकों को उचित परामर्श प्र्रदान करें। उन्होंने कहा कि इससे दीर्घ अवधि में बच्चों को स्वस्थ रखने में सहायता मिलेगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि आंगनबाडी केन्द्रों में बच्चों के स्वास्थ्य निरीक्षण की तिथि की जानकारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पहले से उपलब्ध करवाई जाए ताकि इसका व्यापक प्रचार-प्रसार हो सके। उन्होंने कहा कि यदि किसी लड़की का जन्म चयनित बीपीएल परिवार में हुआ है और उन्हें ‘बेटी है अनमोल’ योजना के तहत सरकार द्वारा प्रदान की जा रही 12,000 रूपये की राशि नही मिली है तो पात्र अभिभवावक एसडीएम कार्यालय या खण्ड विकास अधिकारी के कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। उन्होने कहा कि ‘बेटी जन्मोत्सव’ के अन्तर्गत विकास खण्ड सोलन में 72,000 रूपये जबकि विकास खण्ड धर्मपुर में 87,532 रुपए की राशि व्यय की गई। इसके अतिरिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सभी घरों में ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ योजना के स्टीकर चिपका कर इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत पंचायत स्तर पर जागरूकता शिविरों, रैलियों तथा विशेष महिला ग्राम सभा का आयोजन भी किया जा रहा है। रोहित राठौर ने कहा कि सोलन जिला में लिगांनुपात में बढ़ौतरी करने के लिए शीघ्र ही उपायुक्त सोलन की अगुआई में एक व्यापक कार्य योजना पर कार्य आरम्भ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन यह प्रयास करेगा कि केन्द्रित सघन जागरूकता अभियान के माध्यम से जिले में लिगांनुपात को बेहतर किया जाए। उन्होंने कहा कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग उन सभी आंगनबाडी केन्द्रों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करे जहां अभी यह व्यवस्था नहीं है। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि डा.वी.के.गोयल, खण्ड विकास अधिकारी सोलन ललित दुल्टा, खण्ड विकास अधिकारी धर्मपुर रवि कुमार बैंस, समेकित बाल विकास परियोजना अधिकारी सोलन पवन गुप्ता, समेकित बाल विकास परियोजना अधिकारी धर्मपुर वीना कश्यप उपस्थित थे।
ग्राम पंचायत दधोगी के गांव प्योथा के नवयुवक मंडल के सदस्यों ने प्योथा के जंगल में पौधरोपण किया। युवक मंडल के प्रधान खेमराज ने बताया कि युवक मंडल के सदस्यों ने लगभग 30 पौधे रोपे। इस मौके पर युवक मंडल के प्रधान खेमराज,राजू, खेमराज,हेमराज,हेमशंकर,पवन, सतीश,पंकज,जीतराम,लीलाशंकर ने भाग लिया।
राजधानी शिमला के उप नगर संजौली इंजन घर के समीप लोअर सांगटी में बुधवार को सुबह एलपीजी के गैस रिसाव होने से घर में धमाका हो गया। सुबह के समय हुए इस धमाके की आवाज़ सुनते ही पूरी लोअर सांगटी इस धमाके से हिल उठी और लोग अपने घरों से बाहर निकले। जानकारी के अनुसार यह धमाका लोअर सांगटी के रमेश कुमार शर्मा के घर पर सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर हुआ। घर में हुए इस धमाके से रमेश कुमार शर्मा झुलस गए और धमाका होने के कारण बेहोश हो गए। वहीं धमाके की सूचना अग्निशमन विभाग को दी गयी। सुचना मिलते ही अग्निशमन विभाग अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। अग्निशमन विभाग के अनुसार धमाका होने से घटना स्थल में लगभग 15 लाख रुपए का नुकसान आंका गया हैं। वहीं पीड़ित का आईजीएमसी अस्पताल में उपचार चल रहा है।
झारखण्ड ये है सरकारी अस्पतालों का हाल पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) के इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) में एक कैंसर मरीज शमीम मल्लिक के अंगों को चूहों ने कुतर खाया है। दरअसल , झरिया के शमशेर नगर निवासी मो. शमीम मल्लिक (73 वर्ष) के शरीर पर सोमवार की रात चूहों ने कई बार हमला बोला। शरीर के कई अंगों को चूहों ने कुतर दिया। चूहों ने उनके निजी अंग व पैर को चार जगहों पर कुतर दिया। सुबह में जख्म के स्थान पर जब परिजनों ने खून देखा तो उन्हें इसका पता चला। शमीम 28 जुलाई को अस्पताल में भर्ती हुए थे। मामले के बाद उनके परिजनों ने जमकर विरोध जताया है।
“Food doesn’t have a religion. It is a religion.” it is a tweet from Zomato’s official Twitter handle. Actually, a customer from Zabalpur wanted food to be delivered by a Hindu rider. Zomato declined to accept his preference based on the religion of the delivery boy, after which the customer asked Zomato to cancel the order and issue a refund. Zomato hadn’t processed a refund after cancelling the order and tweeted. Zomato Founder Deepinder Goyal also tweeted, “We are proud of the idea of India - and the diversity of our esteemed customers and partners. We aren’t sorry to lose any business that comes in the way of our values. ” People from every corner of India are praising the move by Zomato and company is getting huge public support for their stand.
सुरों के सरताज मोहम्मद रफी की आज 39वीं पुण्यतिथि है। आज ही के दिन 1980 को रफ़ी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था, पर रफ़ी आज भी करोड़ों दिलों पर राज़ करते है। जानते है मोहम्मद रफी के बारे में रोचक किस्से: 'शाम फिर क्यों उदास है दोस्त, तू कहीं आसपास है दोस्त'...फिल्म 'आस-पास' का ये गाना उनका आखिरी गाना था। इसे रफी साहब ने अपनी मृत्यु से बस कुछ घंटे पहले रिकॉर्ड किया था। इसके चंद घंटों बाद उनका निधन हो गया, जिसके बाद इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ उठी थी। पाकिस्तान में रह गई पहली बीवी 13 साल की उम्र में रफी की पहली शादी उनके चाचा की बेटी बशीरन बेगम से हुई थी लेकिन कुछ साल बाद ही उनका तलाक हो गया था। इस शादी से उनका एक बेटा सईद हुआ था। उनकी इस शादी के बारे में घर में सभी को मालूम था लेकिन बाहरी लोगों से इसे छिपा कर रखा गया था। दरअसल, उनकी पहली बीवी ने बटवारें के बाद पाकिस्तान में रहना पसंद किया और रफ़ी हिंदुस्तान में आ गए। बिलकिस के साथ की दूसरी शादी 1944 में 20 साल की उम्र में रफी की दूसरी शादी सिराजुद्दीन अहमद बारी और तालिमुन्निसा की बेटी बिलकिस के साथ हुई। जिनसे उनके तीन बेटे खालिद, हामिद और शाहिद व तीन बेटियां परवीन अहमद, नसरीन अहमद और यास्मीन अहमद हुईं। 6 साल बात नहीं की रफ़ी- लता ने रफी साहब और लता मंगेशकर के बीच 6 सालों तक बातचीत बंद रही। कारण था प्लेबैक सिंगर को रॉयल्टी मिलने की। लता मंगेशकर इसके हक में थीं और रफी खिलाफ थे। बाद में संगीतकार जयकिशन ने सुलह कराई, फिर एसडी बर्मन म्यूजिकल नाइट में उन्होंने एक साथ स्टेज पर गाया। बाबुल की दुआएं गीत के मिला नेशनल अवार्ड फिल्म 'नील कमल' के गाने 'बाबुल की दुआएं लेती जा' के लिए रफी साहब को नेशनल अवार्ड मिला था। इस गीत को गाते समय कई बार उनकी आंखें नम हुईं। दरअसल, इस गीत को रिकॉर्ड करने से एक दिन पहले उनकी बेटी की सगाई हुई थी और कुछ दिन में शादी थी इसलिए वो काफी भावुक थे। हज़ारों लोग उमड़े थे जनाजे में मोहम्मद रफी का निधन रमजान के महीने में हुआ था। उनकी अंतिम विदाई के दिन मुंबई में जोरों की बारिश हो रही थी। बावजूद इसकेउनकी अंतिम यात्रा में 10000 से भी ज्यादा लोग सड़कों पर थे। तब मशहूर एक्टर मनोज कुमार ने कहा था, 'सुरों की मां सरस्वती भी अपने आंसू बहा रही हैं आज'। रफी साहब को पतंग उड़ाने का शौक था। रिकॉर्डिंग करने के बाद वे पतंग उड़ाया करते थे। रफ़ी द्वारा गाया गया फिल्म सूरज का गाना 'बहारों फूल बरसाओ' आज भी कई शादियों में इस गाने को बड़े ही शौक से बजाया जाता है। रफ़ी ने अपने जीवन काल में 18 भाषाओँ में करीब 26 हजार गीत गाये।
The dead body of Cafe Coffee Day (CCD) Owner VG Siddhartha, was found on the banks of the Netravati river near Mangaluru at 4.30 am on Wednesday. He was first reported missing on Monday by his driver. Siddhartha’s family has confirmed his identity and the cremation is likely to be held on Wednesday after postmortem. Siddhartha is the son-in-law of former Karnataka Chief Minister SM Krishna. Congress accuses govt of tax terrorism, after VG Siddhartha's so called suicide.
डॉ यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति डॉ॰ परविंदर कौशल ने सोमवार को विश्वविद्यालय के अधीन आने वाले औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, नेरी हमीरपुर का दौरा किया। इस अवसर पर डॉ कौशल ने महाविद्यालय के सभी विभागों, क्लासरूम और प्रयोगशालाओं का निरक्षण किया और महाविद्यालय के सभी संकाय और छात्रों के साथ बातचीत की। डॉ कौशल ने इस बैठक में संकाय के कामकाज और महाविद्यालय द्वारा की जा रही शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार गतिविधियों के बारे में जाना। डॉ कौशल ने अपने सम्बोधन में महाविद्यालय के मॉडर्न क्लासरूम और प्रयोगशालाओं की प्रशंसा की। उन्होनें कहा महाविद्यालय की भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से महाविद्यालय की मान्यता के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन प्रयासरत है। उन्होनें महाविद्यालय के छात्रों और संकाय को विश्वविद्यालय की देशभर के कृषि विश्वविद्यालयों में 12वीं रैंकिंग आने पर बधाई दी। इस मौके पर डॉ कौशल ने नेरी महाविद्यालय के परिसर में पौधारोपण भी किया और सभी को प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण का संदेश दिया। नेरी महाविद्यालय के डी ऐन डॉ पीसी शर्मा, फ़ैकल्टि और स्टाफ के अलावा कॉलेज के छात्र भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।
भाजपा मंडल सोलन की बैठक रविंद्र परिहार मंडल अध्यक्ष की अध्यक्षता में पार्टी कार्यालय में आयोजित हुई। बैठक में सदस्यता अभियान के तहत समीक्षा करने हेतु प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष व ज़िला सोलन प्रभारी गणेश दत्त शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में पार्टी के पदाधिकारियों व ग्राम केंद्र प्रभारियों व कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए गणेश दत्त शर्मा ने कहा कि हमें लोकसभा चुनावों में प्रचंड जीत हासिल हुई है और अब लोगों को पार्टी की विचारधारा से जोड़कर सभी को पार्टी के सदस्य बनाना है। बैठक में डॉ राजेश कश्यप, रश्मि धर, लोकेशवर शर्मा, मदन ठाकुर, धर्मेंद्र ठाकुर, संजीव प्रधान, सुनील ठाकुर, अमर सिंह ठाकुर, भाजयुमो ज़िला अध्यक्ष भरत साहनी मौजूद रहे ।
सामाजिक न्याय एवं अधिकरिता तथा सहकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने कहा कि वृक्षारोपण तथा गौ वंश सवंर्द्धन का पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान है। डाॅ. सैजल सोलन ज़िला के कसौली विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बड़ोग में पंचायत स्तरीय वन महोत्सव का शुभारम्भ करने के उपरान्त उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने दाड़ू का पौधा रोप कर सभी से आग्रह किया कि न केवल पौधरोपण करें अपितु रोपेे गए पौधों की शिशुओं की तरह देखभाल भी करें। इस अवसर पर विभिन्न प्रजातियों के 200 पौधे रोपे गए। कुम्हारहट्टी में हुए हादसे के मृतकों की आत्मिक शांति के लिए इस अवसर पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धाजंलि अर्पित की गई। डाॅ. सैजल ने कहा कि वृक्ष जहां पर्यावरण की सुरक्षा करने के साथ-साथ औषधीय गुणों के कारण स्वास्थ्य एवं आर्थिकी को सम्बल प्रदान करते हैं वहीं गौवंश आध्यात्मिक एवं आर्थिक रूप से परिवार का अभिन्न अंग माना गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती एवं भारतीय तथा पहाड़ी नस्ल की देसी गाय को बढ़ावा देने के लिए ‘प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना’ आरम्भ की गई है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पौधरोपण में जन-जन की सहभागिता बढ़ाने के लिए ‘सामुदायिक वन संवर्द्धन योजना’ तथा विद्यार्थी वन मित्र योजना’ आरम्भ की हैं। यह योजनाएं वृक्षारोपण कार्यक्रमों में जन सहभागिता बढ़ाने में कारगर सिद्ध हुई हैं। डाॅ. सैजल ने सभी से आग्रह किया कि एक-एक औषधीय पौधा लगाने के साथ देसी गाय अवश्य पालें। उन्होंने कहा कि कुम्हारहट्टी में एक गौशाला का निर्माण किया जा रहा है जिससे आस पास की 7-8 पंचायतों को लाभ होगा। उन्होंने गौशाला निर्माण के लिए गौवर्धन गौ सेवा समिति को एक लाख 51 हजार रूपये देने की घोषणा की। ग्राम पंचायत बड़ोग की प्रधान बीना पराशर ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा उनके समक्ष पंचायत की समस्याएं रखीं। इस अवसर पर सोलन भाजपा मण्डल के उपाध्यक्ष मदन मोहन मेहता, खलोगडा सहकारी समिति के अध्यक्ष यशपाल, ग्राम पंचायत बड़ोग के उपप्रधान हुकम चन्द, ग्राम पंचायत चेवा के उपप्रधान मुकेश कुमार, प्रदेश विद्युत बोर्ड के अधिषासी अभियन्ता सी.एस चावला, एसीएफ पवन अचल, तहसीलदार सोलन गुरमीत नेगी, बीडीओ सोलन ललित दुल्टा, ज़िला कार्यक्रम अधिकारी वन्दना चैहान, गौवर्धन गौ सदन सेवा समिति के प्रधान शंकर लाल मेहता एवं ग्रामवासी उपस्थित रहे।
उपायुक्त सोलन केसी चमन ने कहा कि हर वर्ष की भान्ति इस वर्ष भी ज़िला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह सोलन के ऐतिहासिक ठोडो मैदान में आयोजित किया जाएगा। उपायुक्त मंगलवार को इस संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। केसी चमन ने कहा कि प्रातः 11.00 बजे ठोडो मैदान में मुख्यातिथि द्वारा ध्वजारोहण किया जायेगा। पुलिस, होमगार्डस, एन.सी.सी., स्काउट एण्ड गाईडज तथा विभिन्न स्कूली बच्चों की टुकड़ियां आकर्षक मार्चपास्ट में भाग लेंगी। उपायुक्त ने इस अवसर पर विभिन्न विभागों को निर्देश दिए कि वे ठोडो मैदान में आवश्यक प्रबन्ध सुनिश्चित बनाएं। उन्होंने पुलिस विभाग को कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, लोक निर्माण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं नगर परिषद को निर्देश दिए कि वे ठोडो मैदान में ऐहतियात के तौर पर सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित बनाएं। उन्होंने कहा कि इस दिन मैदान में पेयजल की व्यवस्था एवं रोगी वाहन की तैनाती सुनिश्चित करें। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों, मेधावी छात्रों, खिलाड़ियों एवं अन्य को सम्मानित भी किया जाएगा। इस कार्य के लिए इच्छुक विभाग 08 अगस्त, 2019 तक सहायक आयुक्त सोलन के कार्यालय को सूचित कर सकते हैं। उपायुक्त ने कहा कि परेड की रिहर्सल 11, 12 तथा 13 अगस्त, 2019 को प्रातः 10.30 बजे ठोडो मैदान में आरम्भ होगी। अधिक जानकारी के लिए उप पुलिस अधीक्षक कार्यालय के दूरभाष नम्बर- 01792-223836 पर सम्पर्क किया जा सकता है। केसी चमन ने कहा कि इस अवसर पर विभिन्न स्कूली बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि सांस्कृतिक कार्यक्रम में सामाजिक विषयों पर भी कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएं। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय पर्व है तथा इनमें सहभागिता से ही हम युवा पीढ़ी को सकारात्मक सन्देश दे सकते हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यक्रम में उपस्थित रहें। बैठक में नगर परिषद सोलन के अध्यक्ष देवेन्द्र ठाकुर, भारतीय प्रशासनिक सेवा की परिवीक्षाधीन अधिकारी डाॅ. निधि पटेल, जिला उद्योग केन्द्र के महा प्रबन्धक मनोज चैहान, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी विवेक चन्देल, उप पुलिस अधीक्षक अनिल वर्मा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी तथा विभिन्न स्कूलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
राजकीय महाविद्यालय दाड़लाघाट में इको क्लब,एनएसएस और यूथ रेडक्रास के संयुक्त तत्वावधान में वृक्षारोपण का आयोजन किया गया। इसके तहत महाविद्यालय परिसर के लिए चयनित भूमि के चारों ओर पोंगेमिया के 100 से अधिक पौधे रोपे गए। एनएसएस,इको क्लब और यूथ रेडक्रास के स्वयंसेवियों द्वारा इस अवसर पर बढ़-चढ़कर भाग लिया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर जनेश कपूर ने इस अवसर पर कहा कि पर्यावरण संरक्षण हेतु पौधारोपण करना अत्यावश्यक हो गया है। पौधारोपण के साथ-साथ रोपित पौधों की सुरक्षा करना भी आवश्यक है। इस अवसर पर उनके साथ अन्य शिक्षक एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
कहा जाता है कण-कण में शंकर है। चारों दिशाओं में भगवान शिव अपने भक्तों की परेशानियों को हरने के लिए विराजमान है। शिव के अनेक अद्भुत मंदिर है उन्हीं में से एक है हिमाचल प्रदेश के कुल्लू से 14 किमी। दूर पहाड़ी पर बना बिजली महादेव मंदिर, जहां शिवलिंग पर हर 12 साल के बाद आसमानी बिजली गिरती है, यहां भगवान शिव कुछ अलग तरीके से अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। ऐसी है पौराणिक मान्यता किवदंतियों के अनुसार यहां एक बड़ा अजगर रहता था। असल में अजगर कुलांत नाम का राक्षस था, जो रूप बदलने में माहिर थ। एक बार अजगर मथाण गांव में आ गया और ब्यास नदी के पास कुंडली मार कर बैठ गया। इससे नदी का पानी रुक गया और गांव डूबने लगा तब भगवान शिव ने भक्तों की मदद और लोगों की भलाई के लिए उस राक्षस का वध किया। भगवान शिव के त्रिशूल से राक्षस का वध करने के बाद कुलांत राक्षस का बड़ा शरीर पहाड़ बन गया। इसके बाद शिवजी ने इंद्र को आदेशित किया कि हर 12 साल में एक बार इस जगह पर बिजली गिराएं। मान्यता है कि तभी से यह सिलसिला जारी है। हिमाचल के कुल्लू में स्थित इस अनोखे मंदिर का नाम 'बिजली महादेव मंदिर' है। यह जगह समुद्र स्तर 2450 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। शीत काल में यहां भारी बर्फबारी होती है। शिवजी का यह मंदिर ब्यास और पार्वती नदी के संगम के नजदीक एक पहाड़ पर बना है। मंदिर तक पहुंचने के लिए कठिन चढ़ाई चढ़नी होती है। पूरी कुल्लू घाटी में ऐसी मान्यता है कि यह घाटी एक विशालकाय सांप का रूप है। इस सांप का वध भगवान शिव ने किया था। जिस स्थान पर मंदिर है वहां शिवलिंग पर हर बारह साल में भयंकर आकाशीय बिजली गिरती है। आसमानी बिजली गिरने की वजह से शिवलिंग चकनाचूर हो जाता है।पुजारी खऩ्डित शिवलिंग को मक्खन से जोड़ते हैं जिस से शिवलिंग फिर सामान्य हो जाता है। यहां लंबी ध्वज़(छड़ी) है। इस ध्वज़ (छड़ी) के बारे में कहा जाता है बिजली कड़कने पर इसमें जो तरंगे उठती है वे भगवान का आशीर्वद होता है। हर मौसम में दूर-दूर से लोग बिजली महादेव के दर्शन करने आते हैं।
बंजार के भाजपा नेता और नेत्री का अश्लील एमएमएस वायरल करने के आरोप में पुलिस ने एक स्थानीय निवासी को गिरफ्तार किया है। जानकारी के नौसार पुलिस ने 28 वर्षीय गुड्डू सेठी को गिरफ्तार किया है । बताया जा रहा है कि सेठी ने ही इस वीडियो को व्हाट्स एप ग्रुप्स में शेयर किया था । एसपी गौरव सिंह ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है । बताया जा रहा है कि पुलिस अभी काफी और लोगों से पूछताछ कर रही है और इस मामले में कई और गिरफ्तारियां भी हो सकती है ।
Doctors unhappy with National Medical Commission Bill OPDs in government hospitals across India will be shut on Wednesday as part of protests against the National Medical Commission (NMC) Bill. IMA believe that this bill will encourage quacks, so the the Indian Medical Association (IMA) has called for a nationwide 24-hour withdrawal of non-essential services. The OPDs will be shut from 6 a.m. on Wednesday till 6 a.m. on Thursday. However, emergency, casualty, ICU and related services will function normally. NMC Bill was passed in the Lok Sabha on Monday,
राजधानी शिमला के सदर थाना में नाबालिग़ लड़की से रेप का मामला सामने आया है। पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद मामला दर्ज़ कर लिया है। वहीं मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ़्तार भी कर लिया है और आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी अर्की का बताया जा रहा है। वहीं मामला नाबालिक से जुड़ा है इसलिए पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी स्थान पर माता सती के चरण गिरे थे और माता यहां शक्तिपीठ रूप में स्थापित हो गई।हम बात कर रहे है चामुंडा देवी मंदिर की, जहाँ आने भर से सभी कष्टों का निवारण हो जाता है।प्रसिद्ध शक्तिपीठों में एक चामुंडा देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के मनमोहक हिल स्टेशन पालमपुर में स्थित है। बानेर नदी के तट पर बसा यह मंदिर महाकाली को समर्पित है।चामुंडा देवी का ये मंदिर समुद्र तल से 1000 मीकी ऊंचाई पर स्थित है। यह धर्मशाला से 15 कि॰मी॰ की दूरी पर है। यह मंदिर 700 वर्ष पुराना है। पौराणिक कथा पौराणिक कथा के अनुसार भगवान् शिव के ससुर राजा दक्ष ने यज्ञ का आयोजन किया जिसमें उन्होंने शिव और सती को आमंत्रित नहीं किया क्योंकि वह शिव को अपने बराबर का नहीं समझते थे। यह बात सती को काफी बुरी लगी और वह बिना बुलाए यज्ञ में पहुंच गयी। यज्ञ स्थल पर शिव का काफी अपमान किया गया जिसे सती सहन न कर सकी और वह हवन कुण्ड में कुद गयीं। जब भगवान शंकर को यह बात पता चली तो वह आये और सती के शरीर को हवन कुण्ड से निकाल कर तांडव करने लगे। जिस कारण सारे ब्रह्माण्ड में हाहाकार मच गया। पूरे ब्रह्माण्ड को इस संकट से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने सती के शरीर को अपने सुदर्शन चक्र से 51 भागो में बांट दिया जो अंग जहां पर गिरा वह शक्ति पीठ बन गया। मान्यता है कि चामुण्डा देवी मंदिर में माता सती के चरण गिरे थे। इसलिए पड़ा चामुंडा देवी नाम दुर्गा सप्तशती’ के सातवें अध्याय में वर्णित कथाओं के अनुसार एक बार चण्ड-मुण्ड नामक दो महादैत्य देवी से युद्ध करने आए तो देवी ने काली का रूप धारण कर उनका वध कर दिया। माता देवी की भृकुटी से उत्पन्न कलिका देवी ने जब चण्ड-मुण्ड के सिर देवी को उपहार स्वरूप भेंट किए तो देवी भगवती ने प्रसन्न होकर उन्हें वर दिया कि तुमने चण्ड-मुण्ड का वध किया है, अतः आज से तुम संसार में ‘चामुंडा’ के नाम से विख्यात हो जाओगी। मान्यता है कि इसी कारण भक्तगण देवी के इस स्वरूप को चामुंडा रूप में पूजते हैं। चामुण्डा देवी मंदिर के आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य लोगो को अपनी तरफ आकर्षित करता है। चामुंडा देवी मंदिर भगवान शिव और शक्ति का स्थान है। भक्तों में मान्यता है कि यहां पर शतचंडी का पाठ सुनना और सुनाना माँ की कृपा पाने के लिए सबसे सरल तरीका है और इसे सुनने और सुनाने वाले का सारा क्लेश दूर हो जाता है। मंदिर के समीप एक छोटा-सा तालाब मिलेगा, जिसके पानी को बहुत ही शुद्ध माना जाता है। मंदिर परिसर में ही कई देवी-देवताओं के चित्र भी देखने को मिलते हैं। मंदिर परिसर में ही एक खोखली जगह है, जो देखने पर शिवलिंग जैसी प्रतीत होती है। नवरात्रि में यहां पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। नवरात्रि में यहां पर विशेष तौर पर माता की पूजा की जाती है। मंदिर के अंदर अखण्ड पाठ किये जाते हैं। सुबह के समय में सप्तचण्डी का पाठ किया जाता है। यात्री पहाडी सौन्दर्य का लुफ्त उठाते हुए चामुण्डा देवी तक पहुंच सकते हैं। इस मंदिर का वातावरण बड़ा ही शांत है, जिस कारण यहां आने वाला व्यक्ति असीम शांति की अनुभूती करता है। पर्यटक सड़क मार्ग, वायु मार्ग व रेल मार्ग से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिन्दल करेंगे अध्यक्षता आमजन की शिकायतों को उनके घर-द्वार के समीप सुलझाने एवं प्रशासन को जनता के मध्य पंहुचाने के दृष्टिगत सोलन ज़िला का 13वां जनमंच 11 अगस्त, 2019 को दून विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बरोेटीवाला में आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी उपायुक्त सोलन केसी चमन ने इस सम्बन्ध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। केसी चमन ने कहा कि प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिन्दल इस जनमंच की अध्यक्षता करेंगे। उन्होंने कहा कि यह जनमंच राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बरोटीवाला में आयोजित किया जाएगा। जनमंच प्रातः 10.00 बजे आरम्भ होगा। इस जनमंच में विकास खण्ड धर्मपुर की ग्राम पंचायत बरोटीवाला, सूरजपुर, मन्धाला, कालूझिण्डा तथा पट्टा नाली एवं विकास खण्ड नालागढ़ की ग्राम पंचायत भटोलीकलां तथा सौरी की समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि पूर्व में आयोजित किए गए जनमंचों की लम्बित शिकायतों को निपटाया जाए तथा मांगों पर भी नियमानुसार कार्यवाही की जाए। उन्होंने चिन्हित ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण, निर्मित गड्डों की लीकेज इत्यादि के सम्बन्ध में रिपोट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए।उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि इस जन मंच के लिए अपनी शिकायतें शीघ्र उपरोक्त कार्यालयों में पहुंचाएं तथा बड़ी से बड़ी संख्या में जन मंच में भाग लें। केसी चमन ने कहा कि कार्यक्रम में महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री गृहणी सुविधा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, सामाजिक सुरक्षा पैंशन, जन धन योजना, बेटी है अनमोल योजना, डिजिटल राशन कार्ड, टीकाकरण, बाहृा शौचमुक्त पंचायत इत्यादि विषयों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। लोगों को न केवल इन कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी अपितु पात्र व्यक्तियों तक इन योजनाओं के लाभ भी पहुंचाएं जाएंगे। उन्होंने कहा कि जन मंच में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आयुर्वेद विभाग तथा पशु चिकित्सा विभाग द्वारा निःशुल्क जांच एवं दवा वितरण शिविर भी आयोजित किए जाएंगे।
जाबली में पंचायत स्तरीय वन महोत्सव का डा. राजीव सैजल ने किया शुभारम्भ सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डा. राजीव सैजल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है तथा हम सभी को पुरातन परम्पराओं को अपनाकर प्रकृति को सहेजने की दिशा में कार्य करना होगा। डाॅ. सैजल सोलन जिला के कसौली विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत जाबली में पंचायत स्तरीय वन महोत्सव में पौधरोपण के उपरान्त उपस्थित जन समूह को सम्बोधित कर रहे थे। डाॅ. सैजल ने औषधीय अर्जुन का पौधा रोपकर पौधरोपण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत 500 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है तथा आंवला, कचनार, तुनी, अर्जुन, रीठा, झकरींडा व शीशम के पौधे लगाए जाएगें। उन्होंने कहा कि यह सभी पौधे औषधीय गुणों से भरपूर हैं तथा ये मनुष्य एवं प्रकृति के लिए अमूल्य हैं। उन्होंने कहा कि पहले भारतीय परम्परा में वृक्षों एवं वनस्पतियों की पूजा की जाती थी। इसका एक उद्देश्य प्रकृति का संरक्षण भी था। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि इस परम्परा को अपनाएं ताकि बहुमूल्य वनस्पतियों को बचाकर पर्यावरण को अक्षुण्ण जा सके। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि सृष्टि के सभी प्राणी अपने अस्तित्व के लिए प्रकृति पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि केवल मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो प्रकृति से केवल लेना जानता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण सन्तुलन को बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि पौधरोपण के साथ-साथ रोपे गए पौधों की सुरक्षा भी सुनिश्चित बनाएं। डाॅ. सैजल ने इस अवसर पर प्रदेेश एवं केन्द्र सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए लोगों से आग्रह किया कि इनका लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि सोलन वन वृत में अभी तक लगभग 2 लाख के करीब पौधारोपण किया जा चुका है। ग्राम पंचायत जाबली के प्रधान दुनी चन्द धीमान ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा उनके समक्ष पंचायत की समस्याएं रखीं। इस अवसर पर बीडीसी सदस्य किरण प्रकाश अत्री, शोंक राम, कसौली भाजपा मण्डल के सचिव किरपाल सहगल, महिला मण्डल प्रधान कोटी बिल्लो नेगी, महिला मण्डल प्रधान दतयार चिन्तो देवी, तहसीलदार कसौली कपिल तोमर, एसीएफ पवन कुमार अचल उपस्थित थे।
जल संरक्षण एवं जल संवर्द्धन समय की मांग- केसी चमन उपायुक्त सोलन केसी चमन ने केन्द्र सरकार के महत्वाकांक्षी ‘जल शक्ति अभियान’ के सम्बन्ध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केसी चमन कहा कि जल संरक्षण एवं जल संवर्द्धन समय की मांग है तथा हम सभी का कर्तव्य है कि इस दिशा में सहयोग प्रदान करें। केसी चमन ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा इस महत्वाकांक्षी अभियान को दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है। अभियान का प्रथम चरण 15 जुलाई, 2019 से 15 सितम्बर, 2019 तक देश के सभी राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों में कार्यान्वित किया जा रहा है। उन्होेंने कहा कि जल संचय पर आधारित इस अभियान को समयबद्ध सीमा में मिशन मोड के तहत पूरा किया जाना है ताकि जल संरक्षण से जन-जन परिचित हो कर इस दिशा में अपना सहयोग प्रदान करे। उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य जल संरक्षण को जन आन्दोलन बनाना है। इस दिशा में जिला सोलन को पूर्ण समर्पण के साथ कार्य करना होगा। केसी चमन ने कहा कि भविष्य में जल की कमी को दूर कर सभी घरों में स्वच्छ पेयजल तभी उपलब्ध करवाया जा सकता है जब जन-जन जल संरक्षण को अपना कार्य समझ कर करें। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि सभी खण्ड विकास अधिकारी पंचायत स्तर पर इस अभियान के सम्बन्ध में बैठक आयोजित करें और इस दिशा में उचित कार्यवाही करने के विषय में जन प्रतिनिधियों एवं लोगों को जागरूक बनाएं। उन्होंने कहा कि बढ़ती आबादी और घटते भू-जल स्तर को देखते हुए यह आवश्यक है कि ज़िला के सभी क्षेत्रों में वर्षा जल प्रबन्धन अपनाया जाए तथा तालाबों, कुओं एवं बावड़ियों का जीर्णोद्धार किया जाए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए व्यापक पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाना भी आवश्यक है। बैठक में भारतीय प्रशासनिक सेवा की परिवीक्षाधीन अधिकारी डाॅ. निधि पटेल, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी विवेक चन्देल, सभी उप मण्डलाधिकारी, सहायक आयुक्त भानु गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
अम्बुजा सीमेंट फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित उद्यमिता एवं कौशल प्रशिक्षण संस्थान दाड़लाघाट में 1 अगस्त 2019 को सरकारी या गैर सरकारी आईटीआई द्वारा प्रशिक्षित तथा रोजगार प्राप्त करने के इच्छुक उम्मीदवारों हेतु हीरो मोटर कॉरपोरेशन लिमिटेड नीमराना ज़िला अलवर (राजस्थान) ने नौकरी हेतु साक्षात्कार रखे हैं। इनमें कटर-फिटर,माचिनिस्ट,टर्नर, मोटर मकैनिक वाहन, ऑटोमोबाइल,डीजल मैकेनिक,वेल्डर,इंस्ट्रूमेंट मेक,इलेक्ट्रीशियन,वायरमैन, इलेक्ट्रॉनिक्स,पेंटर,कॉपा,आरएसी इत्यादि ट्रेड्स को शामिल किया गया है। इसके तहत प्राइवेट आईटीआई दाड़लाघाट तहसील अर्की जिला सोलन में 1 अगस्त 2019 प्रातः 8:30 बजे लिखित तथा मौखिक साक्षात्कार हेतु इच्छुक उम्मीदवारों को आमंत्रित किया गया है। कैंपस प्लेसमेंट इंचार्ज विनोद वर्मा ने कहा है कि प्रार्थी की आयु 18 से 24 वर्ष होनी चाहिए। चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा होगी, उसके बाद उम्मीदवारों को अंतिम साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। चयनित उम्मीदवारों को 12457 रू मासिक पारिश्रमिक दिया जाएगा।अधिक जानकारी हेतु उम्मीदवार कैंपस प्लेसमैंट इंचार्ज विनोद वर्मा से फ़ोन नंबर 9816006816 पर संपर्क कर सकते हैं ।
डेंगू, पीलिया, स्क्रब टाईफस, गेस्ट्रोएनट्राइटिस, अतिसार तथा हैजा जैसे विभिन्न जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए समुचित पग उठाने के लिए जिला स्तरीय समन्वय समिति की एक बैठक आज यहां आयोजित की गई। उपायुक्त सोलन केसी चमन ने बैठक की अध्यक्षता की। केसी चमन ने बैठक में निर्देश दिए कि पीने के पानी की आवश्यकतानुसार क्लोरिनेशन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यदि कहीं टैंकरों के माध्यम से जल उपलब्ध करवाया जाना है तो इस पेयजल की पूरी तरह क्लोरिनेशन व परीक्षण करने के उपरांत ही वितरण किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी पेयजल स्त्रोतों से समय-समय पर जल के नमूने एकत्र किए जाएं तथा नमूने फेल होने की स्थिति में पेयजल स्त्रातों के निरीक्षण के लिए गठित समिति नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाए। उपायुक्त ने कहा कि शहर में सभी पेयजल प्राकृतिक जल स्रोत, बावड़ियों इत्यादि की जांच करना सुनिश्चित किया जाए और जिन बावड़ियों का पानी पीने के योग्य नहीं है, वहां इस संबंध में सूचना पट्ट लगाए जाएं। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे केवल उन्हीं प्राकृतिक जल स्रोतों, बावड़ियों का पानी प्रयोग में लाएं जो सुरक्षित हैं। जिन बावड़ियों पर पानी न पीने के संबंध में चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं वहां का पानी प्रयोग में न लाएं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि इस मौसम में पेयजल को कम से कम 20 मिनट तक उबालकर ही प्रयोग में लाएं। उन्होंने लोगों से अपील की कि स्वच्छता का पूर्ण ध्यान रखें। केसी चमन ने कहा कि विभिन्न जल जनित रोगों से बवाच के लिए लोगों को विभिन्न स्तरों पर जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूकता अभियान में स्क्रब टाईफस एवं जल जनित रोगों के लक्षणों के सम्बन्ध में समुचित जानकारी दी जाए। उन्होंने जिला की विभिन्न नगर परिषदों एवं नगर पंचायत के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल भराव एवं ठहराव के स्थान पर फोगिंग की जाए तथा जल स्त्रोतों की क्लोरीनेशन की जाए। उन्होंने सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि पंचायत स्तर पर भी ब्लीचिंग पाउडर की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करें। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आर.के. दरोच ने कहा कि ज़िले के सभी चिकित्सा संस्थानों में क्लोरिन व ओआरएस का भंडारण पर्याप्त मात्रा में कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि इन बीमारियों के उपचार के लिए समुचित मात्रा में दवाएं भी उपलब्ध हैं। ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एन.के. गुप्ता ने विभिन्न रोगों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। बैठक में भारतीय प्रशासनिक सेवा की परिवीक्षाधीन अधिकारी डाॅ. निधि पटेल, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी विवेक चन्देल, सभी उप मण्डलाधिकारी, सहायक आयुक्त भानु गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
डीएवी अम्बुजा विद्या निकेतन के टाइनी टोट्स किया गया। इसमें नर्सरी व यूकेजी तक के बच्चों ने भाग लिया। मानसून पार्टी का मुख्य उद्देश्य बच्चों को वर्षा ऋतु के मौसम से अवगत करवाना था। मानसून पार्टी में नौनिहालों ने वर्षा की फुहारों के बीच में झूमते हुए नृत्य का आनंद लिया। इस पार्टी में नौनिहालों ने रंग-बिरंगे छाते लेकर अपने अध्यापिकाओं के साथ झमाझम बारिश में नृत्य का लुत्फ उठाया। प्रधानाचार्य मुकेश ठाकुर ने भी बच्चों के साथ मानसून पार्टी का आनंद लिया और बच्चों को इस तरह की गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए प्रेरित किया।