प्रदेश के स्कूलों और कॉलेजों में विद्यार्थियों को अब साइबर सुरक्षा का पाठ भी पढ़ाया जाएगा। केंद्र सरकार के आदेश पर शिक्षा विभाग ने अगले सत्र से साइबर सुरक्षा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। नौवीं से बारहवीं और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में इसे शामिल किया जाएगा। उच्च शिक्षा निदेशालय ने स्कूल शिक्षा बोर्ड, एससीईआरटी सोलन और कॉलेज प्रिंसिपलों को इस बाबत आदेश जारी किए हैं। साइबर विशेषज्ञ की मदद से स्कूलों-कॉलेजों में नियमित तौर पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। विद्यार्थियों को इंटरनेट पर आपराधिक गतिविधियों के बारे में जानकारी देकर बचाव के उपाय बताए जाएंगे। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि वर्तमान में साइबर क्राइम के कई मामले सामने आ रहे हैं। विद्यार्थी एटीएम कार्ड, मोबाइल इंटरनेट और अन्य डिजिटल संसाधनों का इस्तेमाल करते हैं। उन्हें ठगी से बचने के लिए उपायों की जानकारी होनी चाहिए। इसी वजह से केंद्र ने सभी राज्यों को साइबर सुरक्षा का पाठ पढ़ाने के दिशा निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल शिक्षा बोर्ड के साथ मिलकर साइबर सुरक्षा के कुछ पाठ तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा शिक्षण संस्थानों में विशेषज्ञों को बुलाकर विद्यार्थियों को जागरूक किया जाएगा।
हिमाचल में स्क्रब टायफस बीमारी से निपटने की तैयारी व नियंत्रण को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आरडी धीमान की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। आरडी धीमान ने कहा कि स्क्रब टायफस बीमारी की जांच व इलाज की सुविधा सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध है और सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इसके इलाज के लिए दवाइयों भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में जनवरी, 2019 से अब तक स्क्रब टायफस के 220 मामले दर्ज किए गए हैं। बिलासपुर में सर्वाधिक मामले दर्ज हुई हैं। आरडी धीमान ने कहा कि पिछले चार सालों में स्क्रब टायफस के मामलों में वृद्धि हुई हैं। स्क्रब टायफस फैलाने वाला पिस्सू शरीर के खूले भागों को ही काटता है। इसके लिए उन्होंने लोगों को सलाह दी घरों के आसपास खरपतवार आदि न उगने दें व शरीर की सफाई का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने बताया कि 104 से 105 डिग्री का तेज बुखार, सिर व जोड़ों में दर्द व कंपकंपी, शरीर में ऐंठन, अकड़न या शरीर टूटा हुआ लगना आदि स्क्रब टायफस के लक्षण हैं। यदि ये लक्षण दिखाई दें तो तुरंत नज़दीकी अस्प्ताल में संपर्क करें।
मन में कुछ कर गुज़रने का हौंसला हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है। मजबूत इरादों से बड़े से बड़े पहाड़ भी कदमों तले लाये जा सकते हैं। ऐसा ही कुछ शिमला के तीन युवकों ने कर के दिखाया है। सिरमौर ज़िला के दुर्गम क्षेत्र चूड़धार पर जाने के नाम से कई लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इस स्थान को महज 11 घंटों में साइकिल से फतह कर इन लड़कों ने इतिहास रचा है। इससे पहले किसी ने इस चोटी पर साइकिल से चढ़ाई नहीं की है। हिमालयन एडवेंचर स्पोट्र्स टूरिज्म प्रोमोशन एसोसिएशन से जुड़े 19 वर्षीय अक्षित, 18 वर्षीय आशीष शेरपा व 33 वर्षीय आशीष सूद ने यह यात्रा साइकिल से पूरा करने की ठानी। उन्होंने बताया कि साइकिल के साथ शिमला से चूड़धार की दूरी तय करने का पहला प्रयास था। वे 28 जुलाई को शिमला से चूड़धार के लिए निकले। कड़कड़ाती ठंड, तीखे पहाड़, चट्टानें गिरने और सैकड़ों नालों की परवाह न करते हुए लगातार आगे बढ़ते रहे। चोटी के करीब पहुंचने पर ऑक्सीजन की कमी से परेशानी हुई। मगर चूड़धार तक पहुंच कर उनका सपना पूरा हुआ। वे इस यात्रा से युवाओं को संदेश देना चाहते हैं कि अगर युवा पीढ़ी किसी काम को करने की ठान ले तो हर मुकाम को हासिल कर सकती है।
हिमाचल प्रदेश ज़िला ऊना के बंगाणा के तहत आन वाले खुरवाई में देर रात हुए खूनी संघर्ष में एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। वहीं मृतक की पहचान पुरषोत्तम पुत्र वर्फी राम उम्र 40 साल निवासी खुरवाई के रूप में हुई है। वारदात के बाद अज्ञात व्यक्ति घटनास्थल से फरार हो गया। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि मृतक की लड़ाई किससे हुई और क्यों हुई? उधर, एसपी दिवाकर शर्मा ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।
देवों के देव महादेव के इस मंदिर में भोलेनाथ और माता पार्वती युगल रूप में स्थापित हैं और यहाँ आने वाले भक्त खाली हाथ नहीं लौटते। हम बात कर रहे है ममलेश्वर महादेव मंदिर की। शिमला से लगभग 100 किमी की दूरी पर करसोग शहर में स्थित यह मंदिर एक ऊंचे मंच पर स्थित पत्थर और लकड़ी का बना है। लोगों की मान्यता है कि यहां 5 हजार साल पहले पांडवों ने समय बिताया था। मंदिर के मुख्य भवन की चारों ओर दीवारों पर काष्ठ मूर्तियां बनी हैं। मंदिर की मुख्य इमारत लकड़ी की है। लकड़ी की दीवारों पर बेहतरीन नक्काशी है, जिसमें देवी-देवताओं के साथ अन्य मूर्तियां उकेरी गई हैं। मंदिर के गर्भगृह में भगवान शंकर व मां पार्वती की मूर्ति युगल के रूप में स्थापित है। मंदिर के प्रवेश द्वार के ऊपर भी शिव-पार्वती की युगल मूर्ति है। मंदिर के पुजारी का कहना है कि यह दुनिया का इकलौता मंदिर है, जिसमें शिव-पार्वती की मूर्तियां युगल के रूप में हैं। यह मंदिर सतयुग, त्रेत , द्वापरयुग व कलयुग का गवाह है ।इस स्थान पर भृगु ऋषि जी के द्वारा तपस्या की गई थी। हिमयुग के अंत में किन्नर कैलाश में हुए पृथ्वी के भीतर के बदलाव के कारण किन्नर इस स्थान पर आ गये और भृगु ऋषि ने एक किन्नर लड़की से विवाह किया जिसका नाम माम्लिषा था और उसके नाम पर ही इस स्थान का नाम ममेल पड़ । इनकी दो पुत्रियाँ हुई इमला व बिमला, जो की नदियों के रूप में यहाँ स्थित है और पुरे क्षेत्र की भूमि को सिंचित करती है। मंदिर में रखा गया है भीम का ढोल इस मंदिर का पांडवो से गहरा नाता है। पांडव यहाँ अपने अजातवास के समय आये थे। इस मंदिर में एक प्राचीन ढोल है जिसके बारे में कहा जाता है की ये भीम का ढोल है। ये ढोल भेखल की लकड़ी से बना है। इसके अलावा मंदिर में स्थापित पांच शिवलिंगों के बारे में कहा जाता है की इसकी स्थापना स्वयं पांडवों ने की थी। मंदिर में सबसे प्रमुख गेहूं का दाना है जिसे की पांडवों के समय का बताया जाता है। यह गेहूं का दाना एक खास प्रकार के डिब्बे में रखा जाता है। महाभारत काल से जल रहा है अग्निकुंड इस मंदिर में एक धुना है जिसके बारे में मान्यता है कि यहां जो अग्निकुंड है वो महाभारत काल से निरंतर जल रहा है। इस के पीछे एक कहानी है की जब पांडव अज्ञातवास में घूम रहे थे तो वे कुछ समय के लिए इस गाँव में रूके। तब इस गांव में एक राक्षस ने एक गुफा में डेरा जमाया हुआ था। उस राक्षस के प्रकोप से बचने के लिये लोगों ने उस राक्षस के साथ एक समझौता किया था कि वो रोज एक आदमी को खुद उसके पास भेजेंगें उसके भोजन के लिये जिससे कि वो सारे गांव को एक साथ न मारे। एक दिन उस घर के लडके का नम्बर आया जिसमें पांडव रूके हुए थे। उस लडके की मां को रोता देख पांडवो ने कारण पूछा तो उसने बताया कि आज मुझे अपने बेटे को राक्षस के पास भेजना है। अतिथि के तौर पर अपना धर्म निभाने के लिये पांडवो में से भीम उस लडके की बजाय खुद उस राक्षस के पास गया। भीम जब उस राक्षस के पास गया तो उन दोनो में भयंकर युद्ध हुआ और भीम ने उस राक्षस को मारकर गांव को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई। कहते है की भीम की इस विजय की याद में ही यह अखंड धुना चल रहा है। यह मंदिर अपनी खूबसूरती के साथ अपने चमत्कारों के लिए भी प्रसिद्ध है। ममलेश्वर मंदिर में एक अग्निकुंड है, जो हमेशा जलता रहता है। मान्यता है कि 5 हजार साल पहले पांडवों ने इस अग्निकुंड को जलाया था और तब से यह जल रहा है। यहाँ के स्थानीय लोगों का मानना है कि अज्ञातवास के दौरान पूजा करने के लिए पांडवों ने इस अग्निकुंड को बनवाया था। ममलेश्वर महादेव के मंदिर भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है। कहा जाता है कि सावन के महीने में यहां पार्वती और शिव कमल पर बैठकर मंदिर में मौजूद रहते हैं। कहा जाता है कि ममलेश्वर मंदिर में 5 हजार साल पुराना गेहूं का दाना है, जिसका वजन 250 ग्राम है। मान्यता है कि इसे पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान खाने के लिए उगाया था। ममलेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए पांच शिवलिंग का एक साथ मौजूद होना भी इस मंदिर को खास बनाता है। कई साल पहले मंदिर के पास कई शिवलिंग, शिव और विष्णु भगवान की मूर्तियां भी मिली थीं। ममलेश्वर मंदिर में एक बड़ा ढोल भी रखा गया है। लोगों का कहना है कि अज्ञातवास के दौरान भीम ने इसे बनवाया था। भीम खाली समय के दौरान इस ढोल को बजाया करते थे और वहां से जाते समय उन्होंने इन ढोल मंदिर में रख दिया था। मंदिर में पांच शिवलिंग भी स्थापित है , मान्यता है कि यह पांडवों ने ही यहां स्थापित किए हैं। इस मंदिर के पास एक प्राचीन विशाल मंदिर और है जो की सदियों से बंद है। माना जाता है कि इस मंदिर में प्राचीन समय में भूडा यज्ञ किया जाता था जिसमे की नर बलि भी दी जाती थी। इस मंदिर में केवल पुजारी वर्ग को ही जाने की आज्ञा है।
There is a need to provide the farmers with the latest technical know-how so that they can reap the benefits from the development in the agricultural sector. Dr. Parvinder Kaushal, Vice-Chancellor of Dr. YS Parmar University of Horticulture and Forestry (UHF), Nauni, stated this during his visit to the Regional Horticultural Research Station (RHRS), Jachh and Litchi and Mango Research Station (LMRS) at Nagrota on Wednesday. Dr JN Sharma, Director Research of the university was also present on the occasion. During the visit, Dr. Kaushal interacted with Dr ML Bhardwaj, Associate Director (RHRS), scientists and staff of the station. He asked the scientists of the station to establish natural farming demonstration models on different fruits and crops so that the farmers can be apprised about the benefits of the model. He urged the scientists to work with increased determination to fulfil the goal of doubling farmers’ income in the state and continue to disseminate the latest agri-technology to the farming community. Dr. Kaushal also visited the experimental fields of the RHRS and LMRS. Dr. Atul Gupta, In-charge of the station explained about the activities of the station. At present, the station has Litchi, Mango, Papaya, Citrus and Indian Gooseberry (Amla), and jackfruit plantations. Dr Kaushal also inspected the groundwater supply scheme installed at the LMRS through support from the Government of India. He also visited the fields of Suresh Upadhyay, a progressive farmer who is raising apple orchards of low chilling varieties besides other fruits. The research station of the university serves as a centre for developing strategies for the improvement of fruits, vegetables, flowers, forest species, and medicinal plants in low hills subtropical areas. It works towards developing horticulture and forestry-based farming systems to increase and stabilize farm production through efficient use of natural and human resources.
बुधवार को विभिन्न सरकारी विभागों से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के लिए विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को उनकी सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। सेवानिवृत्ति के अवसर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय दाड़लाघाट से सुरेश कुमार जो प्रयोगशाला परिचालक के पद पर लगभग 20 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे थे,उन्हें भी अपने 20 वर्ष का सेवाकाल ईमानदारी,लग्नशीलता व सामाजिक सामंजस्य के साथ पूर्ण करने पर सम्मानित किया गया। विद्यालय की प्रधानाचार्या इंदु शर्मा ने कहा कि सुरेश कुमार को उनकी कर्तव्यनिष्ठा व इमानदारी के लिए हमेशा स्मरण किया जाएगा। इस अवसर पर हंसराज शर्मा,राजेंद्र ठाकुर,महेंद्र कौंडल,अश्वनी कुमार शर्मा,लच्छीराम,कल्पना सिंह,कमला देवी,लता देवी,अनिल शर्मा,भोपाल सिंह,जयपाल शर्मा,कामेश्वर आदि उपस्थित रहे। इस दौरान उपमंडल के अंतर्गत विभिन्न विभागों के कर्मचारियों में उप कोषागार दाड़ला से कोषाधिकारी मेहर सिंह ठाकुर,शंकर भारद्वाज यूको बैंक दाड़लाघाट,तुलसी राम स्वास्थ्य विभाग दाड़लाघाट,कर्म सिंह एचआरटीसी विभाग से सेवानिवृत्त हुए। इन सभी सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के सुखद भविष्य की कामना संबंधित विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने की।
समेकित बाल विकास परियोजना के तहत खण्ड स्तरीय अनुश्रवण समिति तथा बेटी बचाओ बेटी पढाओ के अन्तर्गत गठित खण्ड टास्क फोर्स की सोलन तथा धर्मपुर खण्डों की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता उपमण्डलाधिकारी सोलन रोहित राठौर ने की। रोहित राठौर ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभागीय कर्मचारी निश्चित समय अवधि में आंगनबाडी केन्द्रों में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य का निरीक्षण करें तथा उनके स्वास्थ्य के बारे में अभिवावकों को उचित परामर्श प्र्रदान करें। उन्होंने कहा कि इससे दीर्घ अवधि में बच्चों को स्वस्थ रखने में सहायता मिलेगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि आंगनबाडी केन्द्रों में बच्चों के स्वास्थ्य निरीक्षण की तिथि की जानकारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पहले से उपलब्ध करवाई जाए ताकि इसका व्यापक प्रचार-प्रसार हो सके। उन्होंने कहा कि यदि किसी लड़की का जन्म चयनित बीपीएल परिवार में हुआ है और उन्हें ‘बेटी है अनमोल’ योजना के तहत सरकार द्वारा प्रदान की जा रही 12,000 रूपये की राशि नही मिली है तो पात्र अभिभवावक एसडीएम कार्यालय या खण्ड विकास अधिकारी के कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। उन्होने कहा कि ‘बेटी जन्मोत्सव’ के अन्तर्गत विकास खण्ड सोलन में 72,000 रूपये जबकि विकास खण्ड धर्मपुर में 87,532 रुपए की राशि व्यय की गई। इसके अतिरिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सभी घरों में ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ योजना के स्टीकर चिपका कर इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत पंचायत स्तर पर जागरूकता शिविरों, रैलियों तथा विशेष महिला ग्राम सभा का आयोजन भी किया जा रहा है। रोहित राठौर ने कहा कि सोलन जिला में लिगांनुपात में बढ़ौतरी करने के लिए शीघ्र ही उपायुक्त सोलन की अगुआई में एक व्यापक कार्य योजना पर कार्य आरम्भ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन यह प्रयास करेगा कि केन्द्रित सघन जागरूकता अभियान के माध्यम से जिले में लिगांनुपात को बेहतर किया जाए। उन्होंने कहा कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग उन सभी आंगनबाडी केन्द्रों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करे जहां अभी यह व्यवस्था नहीं है। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि डा.वी.के.गोयल, खण्ड विकास अधिकारी सोलन ललित दुल्टा, खण्ड विकास अधिकारी धर्मपुर रवि कुमार बैंस, समेकित बाल विकास परियोजना अधिकारी सोलन पवन गुप्ता, समेकित बाल विकास परियोजना अधिकारी धर्मपुर वीना कश्यप उपस्थित थे।
ग्राम पंचायत दधोगी के गांव प्योथा के नवयुवक मंडल के सदस्यों ने प्योथा के जंगल में पौधरोपण किया। युवक मंडल के प्रधान खेमराज ने बताया कि युवक मंडल के सदस्यों ने लगभग 30 पौधे रोपे। इस मौके पर युवक मंडल के प्रधान खेमराज,राजू, खेमराज,हेमराज,हेमशंकर,पवन, सतीश,पंकज,जीतराम,लीलाशंकर ने भाग लिया।
राजधानी शिमला के उप नगर संजौली इंजन घर के समीप लोअर सांगटी में बुधवार को सुबह एलपीजी के गैस रिसाव होने से घर में धमाका हो गया। सुबह के समय हुए इस धमाके की आवाज़ सुनते ही पूरी लोअर सांगटी इस धमाके से हिल उठी और लोग अपने घरों से बाहर निकले। जानकारी के अनुसार यह धमाका लोअर सांगटी के रमेश कुमार शर्मा के घर पर सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर हुआ। घर में हुए इस धमाके से रमेश कुमार शर्मा झुलस गए और धमाका होने के कारण बेहोश हो गए। वहीं धमाके की सूचना अग्निशमन विभाग को दी गयी। सुचना मिलते ही अग्निशमन विभाग अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। अग्निशमन विभाग के अनुसार धमाका होने से घटना स्थल में लगभग 15 लाख रुपए का नुकसान आंका गया हैं। वहीं पीड़ित का आईजीएमसी अस्पताल में उपचार चल रहा है।
झारखण्ड ये है सरकारी अस्पतालों का हाल पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) के इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) में एक कैंसर मरीज शमीम मल्लिक के अंगों को चूहों ने कुतर खाया है। दरअसल , झरिया के शमशेर नगर निवासी मो. शमीम मल्लिक (73 वर्ष) के शरीर पर सोमवार की रात चूहों ने कई बार हमला बोला। शरीर के कई अंगों को चूहों ने कुतर दिया। चूहों ने उनके निजी अंग व पैर को चार जगहों पर कुतर दिया। सुबह में जख्म के स्थान पर जब परिजनों ने खून देखा तो उन्हें इसका पता चला। शमीम 28 जुलाई को अस्पताल में भर्ती हुए थे। मामले के बाद उनके परिजनों ने जमकर विरोध जताया है।
“Food doesn’t have a religion. It is a religion.” it is a tweet from Zomato’s official Twitter handle. Actually, a customer from Zabalpur wanted food to be delivered by a Hindu rider. Zomato declined to accept his preference based on the religion of the delivery boy, after which the customer asked Zomato to cancel the order and issue a refund. Zomato hadn’t processed a refund after cancelling the order and tweeted. Zomato Founder Deepinder Goyal also tweeted, “We are proud of the idea of India - and the diversity of our esteemed customers and partners. We aren’t sorry to lose any business that comes in the way of our values. ” People from every corner of India are praising the move by Zomato and company is getting huge public support for their stand.
सुरों के सरताज मोहम्मद रफी की आज 39वीं पुण्यतिथि है। आज ही के दिन 1980 को रफ़ी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था, पर रफ़ी आज भी करोड़ों दिलों पर राज़ करते है। जानते है मोहम्मद रफी के बारे में रोचक किस्से: 'शाम फिर क्यों उदास है दोस्त, तू कहीं आसपास है दोस्त'...फिल्म 'आस-पास' का ये गाना उनका आखिरी गाना था। इसे रफी साहब ने अपनी मृत्यु से बस कुछ घंटे पहले रिकॉर्ड किया था। इसके चंद घंटों बाद उनका निधन हो गया, जिसके बाद इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ उठी थी। पाकिस्तान में रह गई पहली बीवी 13 साल की उम्र में रफी की पहली शादी उनके चाचा की बेटी बशीरन बेगम से हुई थी लेकिन कुछ साल बाद ही उनका तलाक हो गया था। इस शादी से उनका एक बेटा सईद हुआ था। उनकी इस शादी के बारे में घर में सभी को मालूम था लेकिन बाहरी लोगों से इसे छिपा कर रखा गया था। दरअसल, उनकी पहली बीवी ने बटवारें के बाद पाकिस्तान में रहना पसंद किया और रफ़ी हिंदुस्तान में आ गए। बिलकिस के साथ की दूसरी शादी 1944 में 20 साल की उम्र में रफी की दूसरी शादी सिराजुद्दीन अहमद बारी और तालिमुन्निसा की बेटी बिलकिस के साथ हुई। जिनसे उनके तीन बेटे खालिद, हामिद और शाहिद व तीन बेटियां परवीन अहमद, नसरीन अहमद और यास्मीन अहमद हुईं। 6 साल बात नहीं की रफ़ी- लता ने रफी साहब और लता मंगेशकर के बीच 6 सालों तक बातचीत बंद रही। कारण था प्लेबैक सिंगर को रॉयल्टी मिलने की। लता मंगेशकर इसके हक में थीं और रफी खिलाफ थे। बाद में संगीतकार जयकिशन ने सुलह कराई, फिर एसडी बर्मन म्यूजिकल नाइट में उन्होंने एक साथ स्टेज पर गाया। बाबुल की दुआएं गीत के मिला नेशनल अवार्ड फिल्म 'नील कमल' के गाने 'बाबुल की दुआएं लेती जा' के लिए रफी साहब को नेशनल अवार्ड मिला था। इस गीत को गाते समय कई बार उनकी आंखें नम हुईं। दरअसल, इस गीत को रिकॉर्ड करने से एक दिन पहले उनकी बेटी की सगाई हुई थी और कुछ दिन में शादी थी इसलिए वो काफी भावुक थे। हज़ारों लोग उमड़े थे जनाजे में मोहम्मद रफी का निधन रमजान के महीने में हुआ था। उनकी अंतिम विदाई के दिन मुंबई में जोरों की बारिश हो रही थी। बावजूद इसकेउनकी अंतिम यात्रा में 10000 से भी ज्यादा लोग सड़कों पर थे। तब मशहूर एक्टर मनोज कुमार ने कहा था, 'सुरों की मां सरस्वती भी अपने आंसू बहा रही हैं आज'। रफी साहब को पतंग उड़ाने का शौक था। रिकॉर्डिंग करने के बाद वे पतंग उड़ाया करते थे। रफ़ी द्वारा गाया गया फिल्म सूरज का गाना 'बहारों फूल बरसाओ' आज भी कई शादियों में इस गाने को बड़े ही शौक से बजाया जाता है। रफ़ी ने अपने जीवन काल में 18 भाषाओँ में करीब 26 हजार गीत गाये।
The dead body of Cafe Coffee Day (CCD) Owner VG Siddhartha, was found on the banks of the Netravati river near Mangaluru at 4.30 am on Wednesday. He was first reported missing on Monday by his driver. Siddhartha’s family has confirmed his identity and the cremation is likely to be held on Wednesday after postmortem. Siddhartha is the son-in-law of former Karnataka Chief Minister SM Krishna. Congress accuses govt of tax terrorism, after VG Siddhartha's so called suicide.
डॉ यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति डॉ॰ परविंदर कौशल ने सोमवार को विश्वविद्यालय के अधीन आने वाले औद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, नेरी हमीरपुर का दौरा किया। इस अवसर पर डॉ कौशल ने महाविद्यालय के सभी विभागों, क्लासरूम और प्रयोगशालाओं का निरक्षण किया और महाविद्यालय के सभी संकाय और छात्रों के साथ बातचीत की। डॉ कौशल ने इस बैठक में संकाय के कामकाज और महाविद्यालय द्वारा की जा रही शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार गतिविधियों के बारे में जाना। डॉ कौशल ने अपने सम्बोधन में महाविद्यालय के मॉडर्न क्लासरूम और प्रयोगशालाओं की प्रशंसा की। उन्होनें कहा महाविद्यालय की भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से महाविद्यालय की मान्यता के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन प्रयासरत है। उन्होनें महाविद्यालय के छात्रों और संकाय को विश्वविद्यालय की देशभर के कृषि विश्वविद्यालयों में 12वीं रैंकिंग आने पर बधाई दी। इस मौके पर डॉ कौशल ने नेरी महाविद्यालय के परिसर में पौधारोपण भी किया और सभी को प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण का संदेश दिया। नेरी महाविद्यालय के डी ऐन डॉ पीसी शर्मा, फ़ैकल्टि और स्टाफ के अलावा कॉलेज के छात्र भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।
भाजपा मंडल सोलन की बैठक रविंद्र परिहार मंडल अध्यक्ष की अध्यक्षता में पार्टी कार्यालय में आयोजित हुई। बैठक में सदस्यता अभियान के तहत समीक्षा करने हेतु प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष व ज़िला सोलन प्रभारी गणेश दत्त शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में पार्टी के पदाधिकारियों व ग्राम केंद्र प्रभारियों व कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए गणेश दत्त शर्मा ने कहा कि हमें लोकसभा चुनावों में प्रचंड जीत हासिल हुई है और अब लोगों को पार्टी की विचारधारा से जोड़कर सभी को पार्टी के सदस्य बनाना है। बैठक में डॉ राजेश कश्यप, रश्मि धर, लोकेशवर शर्मा, मदन ठाकुर, धर्मेंद्र ठाकुर, संजीव प्रधान, सुनील ठाकुर, अमर सिंह ठाकुर, भाजयुमो ज़िला अध्यक्ष भरत साहनी मौजूद रहे ।
सामाजिक न्याय एवं अधिकरिता तथा सहकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने कहा कि वृक्षारोपण तथा गौ वंश सवंर्द्धन का पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान है। डाॅ. सैजल सोलन ज़िला के कसौली विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बड़ोग में पंचायत स्तरीय वन महोत्सव का शुभारम्भ करने के उपरान्त उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने दाड़ू का पौधा रोप कर सभी से आग्रह किया कि न केवल पौधरोपण करें अपितु रोपेे गए पौधों की शिशुओं की तरह देखभाल भी करें। इस अवसर पर विभिन्न प्रजातियों के 200 पौधे रोपे गए। कुम्हारहट्टी में हुए हादसे के मृतकों की आत्मिक शांति के लिए इस अवसर पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धाजंलि अर्पित की गई। डाॅ. सैजल ने कहा कि वृक्ष जहां पर्यावरण की सुरक्षा करने के साथ-साथ औषधीय गुणों के कारण स्वास्थ्य एवं आर्थिकी को सम्बल प्रदान करते हैं वहीं गौवंश आध्यात्मिक एवं आर्थिक रूप से परिवार का अभिन्न अंग माना गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती एवं भारतीय तथा पहाड़ी नस्ल की देसी गाय को बढ़ावा देने के लिए ‘प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना’ आरम्भ की गई है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पौधरोपण में जन-जन की सहभागिता बढ़ाने के लिए ‘सामुदायिक वन संवर्द्धन योजना’ तथा विद्यार्थी वन मित्र योजना’ आरम्भ की हैं। यह योजनाएं वृक्षारोपण कार्यक्रमों में जन सहभागिता बढ़ाने में कारगर सिद्ध हुई हैं। डाॅ. सैजल ने सभी से आग्रह किया कि एक-एक औषधीय पौधा लगाने के साथ देसी गाय अवश्य पालें। उन्होंने कहा कि कुम्हारहट्टी में एक गौशाला का निर्माण किया जा रहा है जिससे आस पास की 7-8 पंचायतों को लाभ होगा। उन्होंने गौशाला निर्माण के लिए गौवर्धन गौ सेवा समिति को एक लाख 51 हजार रूपये देने की घोषणा की। ग्राम पंचायत बड़ोग की प्रधान बीना पराशर ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा उनके समक्ष पंचायत की समस्याएं रखीं। इस अवसर पर सोलन भाजपा मण्डल के उपाध्यक्ष मदन मोहन मेहता, खलोगडा सहकारी समिति के अध्यक्ष यशपाल, ग्राम पंचायत बड़ोग के उपप्रधान हुकम चन्द, ग्राम पंचायत चेवा के उपप्रधान मुकेश कुमार, प्रदेश विद्युत बोर्ड के अधिषासी अभियन्ता सी.एस चावला, एसीएफ पवन अचल, तहसीलदार सोलन गुरमीत नेगी, बीडीओ सोलन ललित दुल्टा, ज़िला कार्यक्रम अधिकारी वन्दना चैहान, गौवर्धन गौ सदन सेवा समिति के प्रधान शंकर लाल मेहता एवं ग्रामवासी उपस्थित रहे।
उपायुक्त सोलन केसी चमन ने कहा कि हर वर्ष की भान्ति इस वर्ष भी ज़िला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह सोलन के ऐतिहासिक ठोडो मैदान में आयोजित किया जाएगा। उपायुक्त मंगलवार को इस संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। केसी चमन ने कहा कि प्रातः 11.00 बजे ठोडो मैदान में मुख्यातिथि द्वारा ध्वजारोहण किया जायेगा। पुलिस, होमगार्डस, एन.सी.सी., स्काउट एण्ड गाईडज तथा विभिन्न स्कूली बच्चों की टुकड़ियां आकर्षक मार्चपास्ट में भाग लेंगी। उपायुक्त ने इस अवसर पर विभिन्न विभागों को निर्देश दिए कि वे ठोडो मैदान में आवश्यक प्रबन्ध सुनिश्चित बनाएं। उन्होंने पुलिस विभाग को कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, लोक निर्माण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं नगर परिषद को निर्देश दिए कि वे ठोडो मैदान में ऐहतियात के तौर पर सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित बनाएं। उन्होंने कहा कि इस दिन मैदान में पेयजल की व्यवस्था एवं रोगी वाहन की तैनाती सुनिश्चित करें। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों, मेधावी छात्रों, खिलाड़ियों एवं अन्य को सम्मानित भी किया जाएगा। इस कार्य के लिए इच्छुक विभाग 08 अगस्त, 2019 तक सहायक आयुक्त सोलन के कार्यालय को सूचित कर सकते हैं। उपायुक्त ने कहा कि परेड की रिहर्सल 11, 12 तथा 13 अगस्त, 2019 को प्रातः 10.30 बजे ठोडो मैदान में आरम्भ होगी। अधिक जानकारी के लिए उप पुलिस अधीक्षक कार्यालय के दूरभाष नम्बर- 01792-223836 पर सम्पर्क किया जा सकता है। केसी चमन ने कहा कि इस अवसर पर विभिन्न स्कूली बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि सांस्कृतिक कार्यक्रम में सामाजिक विषयों पर भी कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएं। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय पर्व है तथा इनमें सहभागिता से ही हम युवा पीढ़ी को सकारात्मक सन्देश दे सकते हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यक्रम में उपस्थित रहें। बैठक में नगर परिषद सोलन के अध्यक्ष देवेन्द्र ठाकुर, भारतीय प्रशासनिक सेवा की परिवीक्षाधीन अधिकारी डाॅ. निधि पटेल, जिला उद्योग केन्द्र के महा प्रबन्धक मनोज चैहान, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी विवेक चन्देल, उप पुलिस अधीक्षक अनिल वर्मा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी तथा विभिन्न स्कूलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
राजकीय महाविद्यालय दाड़लाघाट में इको क्लब,एनएसएस और यूथ रेडक्रास के संयुक्त तत्वावधान में वृक्षारोपण का आयोजन किया गया। इसके तहत महाविद्यालय परिसर के लिए चयनित भूमि के चारों ओर पोंगेमिया के 100 से अधिक पौधे रोपे गए। एनएसएस,इको क्लब और यूथ रेडक्रास के स्वयंसेवियों द्वारा इस अवसर पर बढ़-चढ़कर भाग लिया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर जनेश कपूर ने इस अवसर पर कहा कि पर्यावरण संरक्षण हेतु पौधारोपण करना अत्यावश्यक हो गया है। पौधारोपण के साथ-साथ रोपित पौधों की सुरक्षा करना भी आवश्यक है। इस अवसर पर उनके साथ अन्य शिक्षक एवं कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
कहा जाता है कण-कण में शंकर है। चारों दिशाओं में भगवान शिव अपने भक्तों की परेशानियों को हरने के लिए विराजमान है। शिव के अनेक अद्भुत मंदिर है उन्हीं में से एक है हिमाचल प्रदेश के कुल्लू से 14 किमी। दूर पहाड़ी पर बना बिजली महादेव मंदिर, जहां शिवलिंग पर हर 12 साल के बाद आसमानी बिजली गिरती है, यहां भगवान शिव कुछ अलग तरीके से अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। ऐसी है पौराणिक मान्यता किवदंतियों के अनुसार यहां एक बड़ा अजगर रहता था। असल में अजगर कुलांत नाम का राक्षस था, जो रूप बदलने में माहिर थ। एक बार अजगर मथाण गांव में आ गया और ब्यास नदी के पास कुंडली मार कर बैठ गया। इससे नदी का पानी रुक गया और गांव डूबने लगा तब भगवान शिव ने भक्तों की मदद और लोगों की भलाई के लिए उस राक्षस का वध किया। भगवान शिव के त्रिशूल से राक्षस का वध करने के बाद कुलांत राक्षस का बड़ा शरीर पहाड़ बन गया। इसके बाद शिवजी ने इंद्र को आदेशित किया कि हर 12 साल में एक बार इस जगह पर बिजली गिराएं। मान्यता है कि तभी से यह सिलसिला जारी है। हिमाचल के कुल्लू में स्थित इस अनोखे मंदिर का नाम 'बिजली महादेव मंदिर' है। यह जगह समुद्र स्तर 2450 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। शीत काल में यहां भारी बर्फबारी होती है। शिवजी का यह मंदिर ब्यास और पार्वती नदी के संगम के नजदीक एक पहाड़ पर बना है। मंदिर तक पहुंचने के लिए कठिन चढ़ाई चढ़नी होती है। पूरी कुल्लू घाटी में ऐसी मान्यता है कि यह घाटी एक विशालकाय सांप का रूप है। इस सांप का वध भगवान शिव ने किया था। जिस स्थान पर मंदिर है वहां शिवलिंग पर हर बारह साल में भयंकर आकाशीय बिजली गिरती है। आसमानी बिजली गिरने की वजह से शिवलिंग चकनाचूर हो जाता है।पुजारी खऩ्डित शिवलिंग को मक्खन से जोड़ते हैं जिस से शिवलिंग फिर सामान्य हो जाता है। यहां लंबी ध्वज़(छड़ी) है। इस ध्वज़ (छड़ी) के बारे में कहा जाता है बिजली कड़कने पर इसमें जो तरंगे उठती है वे भगवान का आशीर्वद होता है। हर मौसम में दूर-दूर से लोग बिजली महादेव के दर्शन करने आते हैं।
बंजार के भाजपा नेता और नेत्री का अश्लील एमएमएस वायरल करने के आरोप में पुलिस ने एक स्थानीय निवासी को गिरफ्तार किया है। जानकारी के नौसार पुलिस ने 28 वर्षीय गुड्डू सेठी को गिरफ्तार किया है । बताया जा रहा है कि सेठी ने ही इस वीडियो को व्हाट्स एप ग्रुप्स में शेयर किया था । एसपी गौरव सिंह ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है । बताया जा रहा है कि पुलिस अभी काफी और लोगों से पूछताछ कर रही है और इस मामले में कई और गिरफ्तारियां भी हो सकती है ।
Doctors unhappy with National Medical Commission Bill OPDs in government hospitals across India will be shut on Wednesday as part of protests against the National Medical Commission (NMC) Bill. IMA believe that this bill will encourage quacks, so the the Indian Medical Association (IMA) has called for a nationwide 24-hour withdrawal of non-essential services. The OPDs will be shut from 6 a.m. on Wednesday till 6 a.m. on Thursday. However, emergency, casualty, ICU and related services will function normally. NMC Bill was passed in the Lok Sabha on Monday,
राजधानी शिमला के सदर थाना में नाबालिग़ लड़की से रेप का मामला सामने आया है। पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद मामला दर्ज़ कर लिया है। वहीं मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ़्तार भी कर लिया है और आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी अर्की का बताया जा रहा है। वहीं मामला नाबालिक से जुड़ा है इसलिए पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी स्थान पर माता सती के चरण गिरे थे और माता यहां शक्तिपीठ रूप में स्थापित हो गई।हम बात कर रहे है चामुंडा देवी मंदिर की, जहाँ आने भर से सभी कष्टों का निवारण हो जाता है।प्रसिद्ध शक्तिपीठों में एक चामुंडा देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के मनमोहक हिल स्टेशन पालमपुर में स्थित है। बानेर नदी के तट पर बसा यह मंदिर महाकाली को समर्पित है।चामुंडा देवी का ये मंदिर समुद्र तल से 1000 मीकी ऊंचाई पर स्थित है। यह धर्मशाला से 15 कि॰मी॰ की दूरी पर है। यह मंदिर 700 वर्ष पुराना है। पौराणिक कथा पौराणिक कथा के अनुसार भगवान् शिव के ससुर राजा दक्ष ने यज्ञ का आयोजन किया जिसमें उन्होंने शिव और सती को आमंत्रित नहीं किया क्योंकि वह शिव को अपने बराबर का नहीं समझते थे। यह बात सती को काफी बुरी लगी और वह बिना बुलाए यज्ञ में पहुंच गयी। यज्ञ स्थल पर शिव का काफी अपमान किया गया जिसे सती सहन न कर सकी और वह हवन कुण्ड में कुद गयीं। जब भगवान शंकर को यह बात पता चली तो वह आये और सती के शरीर को हवन कुण्ड से निकाल कर तांडव करने लगे। जिस कारण सारे ब्रह्माण्ड में हाहाकार मच गया। पूरे ब्रह्माण्ड को इस संकट से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने सती के शरीर को अपने सुदर्शन चक्र से 51 भागो में बांट दिया जो अंग जहां पर गिरा वह शक्ति पीठ बन गया। मान्यता है कि चामुण्डा देवी मंदिर में माता सती के चरण गिरे थे। इसलिए पड़ा चामुंडा देवी नाम दुर्गा सप्तशती’ के सातवें अध्याय में वर्णित कथाओं के अनुसार एक बार चण्ड-मुण्ड नामक दो महादैत्य देवी से युद्ध करने आए तो देवी ने काली का रूप धारण कर उनका वध कर दिया। माता देवी की भृकुटी से उत्पन्न कलिका देवी ने जब चण्ड-मुण्ड के सिर देवी को उपहार स्वरूप भेंट किए तो देवी भगवती ने प्रसन्न होकर उन्हें वर दिया कि तुमने चण्ड-मुण्ड का वध किया है, अतः आज से तुम संसार में ‘चामुंडा’ के नाम से विख्यात हो जाओगी। मान्यता है कि इसी कारण भक्तगण देवी के इस स्वरूप को चामुंडा रूप में पूजते हैं। चामुण्डा देवी मंदिर के आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य लोगो को अपनी तरफ आकर्षित करता है। चामुंडा देवी मंदिर भगवान शिव और शक्ति का स्थान है। भक्तों में मान्यता है कि यहां पर शतचंडी का पाठ सुनना और सुनाना माँ की कृपा पाने के लिए सबसे सरल तरीका है और इसे सुनने और सुनाने वाले का सारा क्लेश दूर हो जाता है। मंदिर के समीप एक छोटा-सा तालाब मिलेगा, जिसके पानी को बहुत ही शुद्ध माना जाता है। मंदिर परिसर में ही कई देवी-देवताओं के चित्र भी देखने को मिलते हैं। मंदिर परिसर में ही एक खोखली जगह है, जो देखने पर शिवलिंग जैसी प्रतीत होती है। नवरात्रि में यहां पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। नवरात्रि में यहां पर विशेष तौर पर माता की पूजा की जाती है। मंदिर के अंदर अखण्ड पाठ किये जाते हैं। सुबह के समय में सप्तचण्डी का पाठ किया जाता है। यात्री पहाडी सौन्दर्य का लुफ्त उठाते हुए चामुण्डा देवी तक पहुंच सकते हैं। इस मंदिर का वातावरण बड़ा ही शांत है, जिस कारण यहां आने वाला व्यक्ति असीम शांति की अनुभूती करता है। पर्यटक सड़क मार्ग, वायु मार्ग व रेल मार्ग से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिन्दल करेंगे अध्यक्षता आमजन की शिकायतों को उनके घर-द्वार के समीप सुलझाने एवं प्रशासन को जनता के मध्य पंहुचाने के दृष्टिगत सोलन ज़िला का 13वां जनमंच 11 अगस्त, 2019 को दून विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बरोेटीवाला में आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी उपायुक्त सोलन केसी चमन ने इस सम्बन्ध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। केसी चमन ने कहा कि प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिन्दल इस जनमंच की अध्यक्षता करेंगे। उन्होंने कहा कि यह जनमंच राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बरोटीवाला में आयोजित किया जाएगा। जनमंच प्रातः 10.00 बजे आरम्भ होगा। इस जनमंच में विकास खण्ड धर्मपुर की ग्राम पंचायत बरोटीवाला, सूरजपुर, मन्धाला, कालूझिण्डा तथा पट्टा नाली एवं विकास खण्ड नालागढ़ की ग्राम पंचायत भटोलीकलां तथा सौरी की समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि पूर्व में आयोजित किए गए जनमंचों की लम्बित शिकायतों को निपटाया जाए तथा मांगों पर भी नियमानुसार कार्यवाही की जाए। उन्होंने चिन्हित ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण, निर्मित गड्डों की लीकेज इत्यादि के सम्बन्ध में रिपोट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए।उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि इस जन मंच के लिए अपनी शिकायतें शीघ्र उपरोक्त कार्यालयों में पहुंचाएं तथा बड़ी से बड़ी संख्या में जन मंच में भाग लें। केसी चमन ने कहा कि कार्यक्रम में महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री गृहणी सुविधा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, सामाजिक सुरक्षा पैंशन, जन धन योजना, बेटी है अनमोल योजना, डिजिटल राशन कार्ड, टीकाकरण, बाहृा शौचमुक्त पंचायत इत्यादि विषयों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। लोगों को न केवल इन कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी अपितु पात्र व्यक्तियों तक इन योजनाओं के लाभ भी पहुंचाएं जाएंगे। उन्होंने कहा कि जन मंच में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आयुर्वेद विभाग तथा पशु चिकित्सा विभाग द्वारा निःशुल्क जांच एवं दवा वितरण शिविर भी आयोजित किए जाएंगे।
जाबली में पंचायत स्तरीय वन महोत्सव का डा. राजीव सैजल ने किया शुभारम्भ सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डा. राजीव सैजल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है तथा हम सभी को पुरातन परम्पराओं को अपनाकर प्रकृति को सहेजने की दिशा में कार्य करना होगा। डाॅ. सैजल सोलन जिला के कसौली विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत जाबली में पंचायत स्तरीय वन महोत्सव में पौधरोपण के उपरान्त उपस्थित जन समूह को सम्बोधित कर रहे थे। डाॅ. सैजल ने औषधीय अर्जुन का पौधा रोपकर पौधरोपण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत 500 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है तथा आंवला, कचनार, तुनी, अर्जुन, रीठा, झकरींडा व शीशम के पौधे लगाए जाएगें। उन्होंने कहा कि यह सभी पौधे औषधीय गुणों से भरपूर हैं तथा ये मनुष्य एवं प्रकृति के लिए अमूल्य हैं। उन्होंने कहा कि पहले भारतीय परम्परा में वृक्षों एवं वनस्पतियों की पूजा की जाती थी। इसका एक उद्देश्य प्रकृति का संरक्षण भी था। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि इस परम्परा को अपनाएं ताकि बहुमूल्य वनस्पतियों को बचाकर पर्यावरण को अक्षुण्ण जा सके। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि सृष्टि के सभी प्राणी अपने अस्तित्व के लिए प्रकृति पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि केवल मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो प्रकृति से केवल लेना जानता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण सन्तुलन को बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि पौधरोपण के साथ-साथ रोपे गए पौधों की सुरक्षा भी सुनिश्चित बनाएं। डाॅ. सैजल ने इस अवसर पर प्रदेेश एवं केन्द्र सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए लोगों से आग्रह किया कि इनका लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि सोलन वन वृत में अभी तक लगभग 2 लाख के करीब पौधारोपण किया जा चुका है। ग्राम पंचायत जाबली के प्रधान दुनी चन्द धीमान ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा उनके समक्ष पंचायत की समस्याएं रखीं। इस अवसर पर बीडीसी सदस्य किरण प्रकाश अत्री, शोंक राम, कसौली भाजपा मण्डल के सचिव किरपाल सहगल, महिला मण्डल प्रधान कोटी बिल्लो नेगी, महिला मण्डल प्रधान दतयार चिन्तो देवी, तहसीलदार कसौली कपिल तोमर, एसीएफ पवन कुमार अचल उपस्थित थे।
जल संरक्षण एवं जल संवर्द्धन समय की मांग- केसी चमन उपायुक्त सोलन केसी चमन ने केन्द्र सरकार के महत्वाकांक्षी ‘जल शक्ति अभियान’ के सम्बन्ध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में केसी चमन कहा कि जल संरक्षण एवं जल संवर्द्धन समय की मांग है तथा हम सभी का कर्तव्य है कि इस दिशा में सहयोग प्रदान करें। केसी चमन ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा इस महत्वाकांक्षी अभियान को दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है। अभियान का प्रथम चरण 15 जुलाई, 2019 से 15 सितम्बर, 2019 तक देश के सभी राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों में कार्यान्वित किया जा रहा है। उन्होेंने कहा कि जल संचय पर आधारित इस अभियान को समयबद्ध सीमा में मिशन मोड के तहत पूरा किया जाना है ताकि जल संरक्षण से जन-जन परिचित हो कर इस दिशा में अपना सहयोग प्रदान करे। उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य जल संरक्षण को जन आन्दोलन बनाना है। इस दिशा में जिला सोलन को पूर्ण समर्पण के साथ कार्य करना होगा। केसी चमन ने कहा कि भविष्य में जल की कमी को दूर कर सभी घरों में स्वच्छ पेयजल तभी उपलब्ध करवाया जा सकता है जब जन-जन जल संरक्षण को अपना कार्य समझ कर करें। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि सभी खण्ड विकास अधिकारी पंचायत स्तर पर इस अभियान के सम्बन्ध में बैठक आयोजित करें और इस दिशा में उचित कार्यवाही करने के विषय में जन प्रतिनिधियों एवं लोगों को जागरूक बनाएं। उन्होंने कहा कि बढ़ती आबादी और घटते भू-जल स्तर को देखते हुए यह आवश्यक है कि ज़िला के सभी क्षेत्रों में वर्षा जल प्रबन्धन अपनाया जाए तथा तालाबों, कुओं एवं बावड़ियों का जीर्णोद्धार किया जाए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए व्यापक पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाना भी आवश्यक है। बैठक में भारतीय प्रशासनिक सेवा की परिवीक्षाधीन अधिकारी डाॅ. निधि पटेल, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी विवेक चन्देल, सभी उप मण्डलाधिकारी, सहायक आयुक्त भानु गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
अम्बुजा सीमेंट फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित उद्यमिता एवं कौशल प्रशिक्षण संस्थान दाड़लाघाट में 1 अगस्त 2019 को सरकारी या गैर सरकारी आईटीआई द्वारा प्रशिक्षित तथा रोजगार प्राप्त करने के इच्छुक उम्मीदवारों हेतु हीरो मोटर कॉरपोरेशन लिमिटेड नीमराना ज़िला अलवर (राजस्थान) ने नौकरी हेतु साक्षात्कार रखे हैं। इनमें कटर-फिटर,माचिनिस्ट,टर्नर, मोटर मकैनिक वाहन, ऑटोमोबाइल,डीजल मैकेनिक,वेल्डर,इंस्ट्रूमेंट मेक,इलेक्ट्रीशियन,वायरमैन, इलेक्ट्रॉनिक्स,पेंटर,कॉपा,आरएसी इत्यादि ट्रेड्स को शामिल किया गया है। इसके तहत प्राइवेट आईटीआई दाड़लाघाट तहसील अर्की जिला सोलन में 1 अगस्त 2019 प्रातः 8:30 बजे लिखित तथा मौखिक साक्षात्कार हेतु इच्छुक उम्मीदवारों को आमंत्रित किया गया है। कैंपस प्लेसमेंट इंचार्ज विनोद वर्मा ने कहा है कि प्रार्थी की आयु 18 से 24 वर्ष होनी चाहिए। चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा होगी, उसके बाद उम्मीदवारों को अंतिम साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। चयनित उम्मीदवारों को 12457 रू मासिक पारिश्रमिक दिया जाएगा।अधिक जानकारी हेतु उम्मीदवार कैंपस प्लेसमैंट इंचार्ज विनोद वर्मा से फ़ोन नंबर 9816006816 पर संपर्क कर सकते हैं ।
डेंगू, पीलिया, स्क्रब टाईफस, गेस्ट्रोएनट्राइटिस, अतिसार तथा हैजा जैसे विभिन्न जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए समुचित पग उठाने के लिए जिला स्तरीय समन्वय समिति की एक बैठक आज यहां आयोजित की गई। उपायुक्त सोलन केसी चमन ने बैठक की अध्यक्षता की। केसी चमन ने बैठक में निर्देश दिए कि पीने के पानी की आवश्यकतानुसार क्लोरिनेशन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यदि कहीं टैंकरों के माध्यम से जल उपलब्ध करवाया जाना है तो इस पेयजल की पूरी तरह क्लोरिनेशन व परीक्षण करने के उपरांत ही वितरण किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी पेयजल स्त्रोतों से समय-समय पर जल के नमूने एकत्र किए जाएं तथा नमूने फेल होने की स्थिति में पेयजल स्त्रातों के निरीक्षण के लिए गठित समिति नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाए। उपायुक्त ने कहा कि शहर में सभी पेयजल प्राकृतिक जल स्रोत, बावड़ियों इत्यादि की जांच करना सुनिश्चित किया जाए और जिन बावड़ियों का पानी पीने के योग्य नहीं है, वहां इस संबंध में सूचना पट्ट लगाए जाएं। उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे केवल उन्हीं प्राकृतिक जल स्रोतों, बावड़ियों का पानी प्रयोग में लाएं जो सुरक्षित हैं। जिन बावड़ियों पर पानी न पीने के संबंध में चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं वहां का पानी प्रयोग में न लाएं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि इस मौसम में पेयजल को कम से कम 20 मिनट तक उबालकर ही प्रयोग में लाएं। उन्होंने लोगों से अपील की कि स्वच्छता का पूर्ण ध्यान रखें। केसी चमन ने कहा कि विभिन्न जल जनित रोगों से बवाच के लिए लोगों को विभिन्न स्तरों पर जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूकता अभियान में स्क्रब टाईफस एवं जल जनित रोगों के लक्षणों के सम्बन्ध में समुचित जानकारी दी जाए। उन्होंने जिला की विभिन्न नगर परिषदों एवं नगर पंचायत के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल भराव एवं ठहराव के स्थान पर फोगिंग की जाए तथा जल स्त्रोतों की क्लोरीनेशन की जाए। उन्होंने सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि पंचायत स्तर पर भी ब्लीचिंग पाउडर की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करें। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आर.के. दरोच ने कहा कि ज़िले के सभी चिकित्सा संस्थानों में क्लोरिन व ओआरएस का भंडारण पर्याप्त मात्रा में कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि इन बीमारियों के उपचार के लिए समुचित मात्रा में दवाएं भी उपलब्ध हैं। ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एन.के. गुप्ता ने विभिन्न रोगों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। बैठक में भारतीय प्रशासनिक सेवा की परिवीक्षाधीन अधिकारी डाॅ. निधि पटेल, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी विवेक चन्देल, सभी उप मण्डलाधिकारी, सहायक आयुक्त भानु गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
डीएवी अम्बुजा विद्या निकेतन के टाइनी टोट्स किया गया। इसमें नर्सरी व यूकेजी तक के बच्चों ने भाग लिया। मानसून पार्टी का मुख्य उद्देश्य बच्चों को वर्षा ऋतु के मौसम से अवगत करवाना था। मानसून पार्टी में नौनिहालों ने वर्षा की फुहारों के बीच में झूमते हुए नृत्य का आनंद लिया। इस पार्टी में नौनिहालों ने रंग-बिरंगे छाते लेकर अपने अध्यापिकाओं के साथ झमाझम बारिश में नृत्य का लुत्फ उठाया। प्रधानाचार्य मुकेश ठाकुर ने भी बच्चों के साथ मानसून पार्टी का आनंद लिया और बच्चों को इस तरह की गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
सोलन ज़िला के धर्मपुर विकास खण्ड की ग्राम पंचायत बाड़ियां में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया। शिविर की अध्यक्षता सिनियर सिविल जज कसौली नेहा शर्मा ने की। नेहा शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि आम जन तक विभिन्न नियमों एवं कानूनों की उचित जानकारी पंहुचाने तथा समाज के कमजोर वर्गों की आवश्यक कानूनी सहायता करने के लिए नियमित अन्तराल पर विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किए जाते हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि शिविरों में सम्मिलित होकर इनका लाभ उठाएं। सिनियर सिविल जज ने इस अवसर पर लोगों को दिवानी एवं फौजदारी मामलों की बारीकियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि विभिन्न मामलों को न्यायालय से बाहर निपटाने के लिए लोक अदालतों एवं न्यायालय द्वारा नियुक्त मध्यस्थों की सहायता ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि आपस में निपटने वाले मामलों को न्यायालय में लाने के स्थान पर स्वयं अथवा पंचायत स्तर पर या मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए बनाए गए मध्यस्थता केन्द्रों में विभिन्न मामले दोनों पक्षों के हितों को ध्यान में रखकर ही सुलझाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति आर्थिक तंगी के कारण न्याय से वंचित न रहे इसके लिए निःशुल्क कानूनी सहायता का प्रावधान है। इसके लिए हर न्यायालय में फ्रन्ट कार्यालय खोले गए हैं। अधिवक्ता यादविन्द्र सिंह ने इस अवसर पर घरेलू हिंसा, 138 एनआई अधिनियम सहित अन्य कानूनी प्रावधानों की जानकारी प्रदान की। ग्राम पंचायत प्रधान ममता गुप्ता ने विधिक साक्षरता शिविर के आयोजन के लिए आभार व्यक्त करते हुए आशा जताई कि भविष्य में भी ऐसेे शिविर आयोजित किए जाते रहेंगे।
इन्नरव्हील क्लब सोलन मिडटाउन द्वारा हिमानी होटल में दायित्व ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शूलिनी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर पी के खोसला ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। पदाधिकारियों में शैली पहुजा सचिव,रेणु शर्मा उप प्रधान,रैना गुप्ता कोषाध्यक्ष, मोनिका बंसल आयी.एस.ओ. ,और अंजू पब्याल ने एडिटर ने अपने-अपने पदभार संभालें। इस अवसर पर नए सदस्यों ने सदस्यता ग्रहण की । क्लब ने दो सिलाई मशीन ज़रूरतमंद महिलाओं को दी जो कि रोटरी के पूर्व प्रधान जितेंद्र भल्ला द्वारा प्रयोजक की गई। क्लब प्रधान ने पिछले साल की विशेष उपलब्धियों के बारे में बताया। इसमें क्लब को डिस्ट्रिक्ट द्वारा वुमैन एमपावरमेंट के लिए रनिंग ट्रोफ़ी,नशाबंदी के ख़िलाफ़ रैली और ब्रेस्ट फ़ीडिंग के लिए सम्मान पत्र मिले । क्लब प्रधान ने बताया की वह आगे भी अपने क्लब मेंबरो के सहयोग से सामाजिक बुराइयों के ख़िलाफ़ जागरुकता कार्यक्रम चलाएंगी । इस कार्यक्रम में उषा ठाकुर,नीलम अग्रवाल,सुनिता अग्रवाल शामिल रहीं।
Sanjay Balraj Dutt is celebrating his 60th birthday today. The life of Sanjay Dutt is no less than a Bollywood blockbuster. Let's know interesting facts about his life. Bollywood actor Sanjay Dutt was born to actor parents Sunil Dutt and Nargis in Mumbai. Sanjay received his education from The Lawrence School, Sanawar near Kasauli. His debut film was Rocky, which released in 1981. Just three days before the release of Rocky, his mother Nargis died. After death of Nargis, Sanjay plunged into drug addiction. Manyata is his third wife Dutt married actress Richa Sharma in 1987. She died of a brain tumour in 1996. Dutt's second marriage was to air-hostess-turned-model Rhea Pillai in February.The divorce finalised in 2008. Dutt married Manyata in 2008. He is the father of twins born in 2010. After rehabilitation, Sanjay joined back the industry in 1985 to resume his career. In 1993, Sanjay was arrested on charges of involvement in the 1993 Mumbai bomb blasts. He spent 18 months in jail and got bail in April 1995. Later, the Supreme Court of India, in a judgement on 21 March 2013, convicted Dutt of illegal possession of arms relating to the 1993 Mumbai blasts case and sentenced him to five years imprisonment. Sanjay Dutt has been part of some memorable films like "Naam", "Khalnayak", "Vaastav: The Reality", "Mission Kashmir", "Munna Bhai M.B.B.S.", "Lage Raho Munna Bhai" and many more. The Playboy Image Sanjay was rumoured to be dating Tina Munim, who is now the wife of Anil Ambani. He himself admitted that he was in three relationships at one point of time. People also say that after working together in several movies like Saajan, Thaanedar, Khalnayak etc, Sanjay and Madhuri fell in love with each other. Sanjay’s first wife Richa’s sister, Ena Sharma outrightly accused Madhuri of breaking her sister’s marriage with Sanjay.
हिंदू धर्म में ज्योतिर्लिंग का विशेष स्थान है और इन्हें भगवान शिव के आदि-अनन्त रूप के प्रतीक के तौर पर पूजा जाता है।ज्योतिर्लिंग में स्वयं शिव का वास होता है। पुराणों के अनुसार इन 12 जगहों पर भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए थे। इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, पूजन, आराधना और नाम जपने मात्र से भक्तों के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र में समुद किनारे स्थित है भगवान् सोमनाथ का मंदिर। चंद्रमा का एक नाम सोम भी है। मान्यता है कि चंद्रमा ने भगवान शिव को आराध्य मानकर पूजा की थी, इसलिए उसी के नाम पर इस ज्योतिर्लिंग का नाम सोमनाथ पड़ा। महादेव के करोड़ों भक्तों के लिए सोमनाथ का विशेष महत्व है।पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी क्षेत्र में भगवान श्रीकृष्णचन्द्र ने यदु वंश का संहार कराने के बाद अपनी नर लीला समाप्त कर ली थी। ‘जरा’ नामक व्याध (शिकारी) ने अपने बाणों से उनके चरणों (पैर) को भेद डाला था। मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर स्थित है मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग। इसके दर्शन से सात्विक मनोकामनाएं पूरी होती हैं और दैहिक, दैविक और भौतिक पाप नष्ट हो जाते हैं। इसे दक्षिण का कैलाश कहते हैं। महाभारत के अनुसार श्रीशैल पर्वत पर भगवान शिव का पूजन करने से अश्वमेध यज्ञ करने का फल प्राप्त होता है। मान्यता है कि इसके दर्शन मात्र से लोगों के सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं और अनन्त सुखों की प्राप्ति होती है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन, पूजन, आराधना से भक्तों के जन्म-जन्मांतर के सारे पाप समाप्त हो जाते हैं। वे भगवान शिव की कृपा के पात्र बनते हैं। यह परम पवित्र ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन नगर में है। इसे प्राचीन साहित्य में अवन्तिका पुरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां भगवान महाकालेश्वर का भव्य ज्योतिर्लिंग विद्यमान है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से चतुर्थ ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर है। यह मध्य प्रदेश के शिवपुरी में स्थित है। यहाँ दो ज्योतिर्लिंगों की पूजा की जाती है, ओंकारेश्वर और अमलेश्वर। यही केवल एक ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो नर्मदा के उत्तरी तट पर स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि ये तट ॐ के आकार का है। यहाँ प्रतिदिन अहिल्याबाई होल्कर की तरफ से मिट्टी से निर्मित 18 शिवलिंग तैयार करके नर्मदा नदी में विसर्जित किये गए हैं। यह ज्योतिर्लिंग पंचमुखी है। मान्यता है कि भगवान शिव तीनों लोको का भ्रमण करके यहाँ विश्राम करते हैं। केदारनाथ ज्योतिर्लिंग भारत के उत्तराखंड राज्य में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ ही चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। श्री केदारनाथ को ‘केदारेश्वर’ भी कहा जाता है, जो केदार नामक शिखर पर विराजमान है। इस शिखर से पूर्व दिशा में अलकनन्दा नदी के किनारे भगवान श्री बद्री विशाल का मन्दिर है। जो कोई व्यक्ति बिना केदारनाथ भगवान का दर्शन किए यदि बद्रीनाथ क्षेत्र की यात्रा करता है, तो उसकी यात्रा निष्फल अर्थात व्यर्थ हो जाती है। भीमशंकर ज्योतिर्लिंग इस ज्योतिर्लिंग का नाम ‘भीमशंकर’ है, जो डाकिनी पर अवस्थित है। भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में भीमाशंकर का स्थान छठा है। यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे से लगभग 110 किमी दूर सहाद्रि नामक पर्वत पर स्थित है। भीमशंकर मंदिर बहुत ही प्राचीन है, लेकिन यहां के कुछ भाग का निर्माण नया भी है। इस मंदिर के शिखर का निर्माण कई प्रकार के पत्थरों से किया गया है। यह मंदिर मुख्यतः नागर शैली में बना हुआ है। मंदिर में कहीं-कहीं इंडो-आर्यन शैली भी देखी जा सकती है। विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग सप्तम ज्योतिर्लिंग काशी में विराजमान ‘विश्वनाथ’ को सप्तम ज्योतिर्लिंग कहा गया है। कहते हैं, काशी तीनों लोकों में न्यारी नगरी है, जो भगवान शिव के त्रिशूल पर विराजती है। इसे आनन्दवन, आनन्दकानन, अविमुक्त क्षेत्र तथा काशी आदि अनेक नामों से स्मरण किया गया है। काशी साक्षात सर्वतीर्थमयी, सर्वसन्तापहरिणी तथा मुक्तिदायिनी नगरी है। निराकर महेश्वर ही यहाँ भोलानाथ श्री विश्वनाथ के रूप में साक्षात अवस्थित हैं। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग अष्टम ज्योतिर्लिंग को ‘त्र्यम्बक’ के नाम से भी जाना जाता है। श्री त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग तीन छोटे-छोटे लिंग ब्रह्मा, विष्णु और शिव प्रतीक स्वरूप, त्रि-नेत्रों वाले भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मंदिर के अंदर गर्भगृह में प्रायः शिवलिंग दिखाई नहीं देता है, गौर से देखने पर अर्घा के अंदर एक-एक इंच के तीन लिंग दिखाई देते हैं। सुवह होने वाली पूजा के बाद इस अर्घा पर चाँदी का पंचमुखी मुकुट चढ़ा दिया जाता है। वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग नवम ज्योतिर्लिंग ‘वैद्यनाथ’ हैं। यह स्थान झारखण्ड प्रान्त के संथाल परगना में जसीडीह रेलवे स्टेशन के समीप में है। पुराणों में इस जगह को चिताभूमि कहा गया है। भगवान श्री वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग का मन्दिर जिस स्थान पर अवस्थित है, उसे ‘वैद्यनाथधाम’ कहा जाता है। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग नागेश नामक ज्योतिर्लिंग जो गुजरात के बड़ौदा क्षेत्र में गोमती द्वारका के समीप है। इस स्थान को दारूकावन भी कहा जाता है। मान्यता है कि सावन मास में इस प्राचीन नागेश्वर शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंगों की एक साथ पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है। मंदिर में इन अद्भुत शिवलिंगों के दर्शन व पूजन के लिए दूर-दूर से श्रद्घालु आते हैं। सावन में विशेष रूप से सोमवार को खासी भीड़ रहती है। मान्यता है कि भगवान शिव के निर्देशानुसार ही इस शिवलिंग का नाम ‘नागेश्वर ज्योतिर्लिंग’ पड़ा। रामेश्वर ज्योतिर्लिंग भारत के प्रमुख तीर्थों में से एक रामेश्वरम को भगवान श्रीराम ने शिवलिंग निर्माण के लिए चुना था। इसलिए इसका नाम रामेश्वर पड़ गया। रामेश्वरम को पुराणों में गंधमादन पर्वत कहा जाता है, यह बंगाल की खाड़ी एवं अरब के सागर के संगम स्थल पर स्थित है। रामेश्वरतीर्थ को ही सेतुबन्ध तीर्थ कहा जाता है। यह स्थान तमिलनाडु के रामनाथम जनपद में स्थित है। यहां समुद्र के किनारे भगवान रामेश्वरम का विशाल मन्दिर शोभित है। यह हिंदुओं के चार धामों में से एक धाम है। घृश्णेश्वर ज्योतिर्लिंग घृश्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र क्षेत्र के अन्तर्गत दौलताबाद से लगभग अठारह किलोमीटर दूर ‘बेरूलठ गांव के पास है। इस स्थान को ‘शिवालय’ भी कहा जाता है। घृश्णेश्वर को लोग घुश्मेश्वर और घृष्णेश्वर भी कहते हैं। घृश्णेश्वर से लगभग आठ किलोमीटर दूर दक्षिण में एक पहाड़ की चोटी पर दौलताबाद का क़िला मौजूद है।इस मंदिर का निर्माण अहिल्याबाई होल्कर द्वारा करवाया गया था। पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल के हिन्दू मानते हैं कि उपरोक्त 12 ज्योतिर्लिंग धड़ हैं और काठमांडू में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर इसका सर है।
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के उपलक्ष्य पर परवाणू के हिमाचल राज्य विद्युत निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने निगम कार्यालय में खाली भूमि पर पौधरोपण किया। इस दौरान करीब 125 पौधे रोपे गये। इस अवसर पर महिला आयोग की प्रदेश अध्यक्ष डेजी ठाकुर भी उपस्थित रही। डेज़ी ठाकुर ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण का जिम्मा सभी का है। आए दिनों पेड़ पौधों की अंधाधुंध कटाई हो रही है जिस कारण पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी पूर्ति कर पाना तो असंभव है पर हमें होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए पौधरोपण करना चाहिए व मानवीय वजह से नुकसान न पहुंचे इस बात का सभी को ख्याल रखना चहिए। इस दौरान परवाणू डिविजन के एक्सईन राहुल वर्मा ने सभी का धन्यवाद करते हुए आशा जताई कि भविष्य में भी पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जाने वाले कार्यो में सबका सहयोग मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस पौधारोपण में माइक्रोटैक ग्रुप का विशेष सहयोग रहा, उन्होंने माइक्रोटैक ग्रुप का भी धन्यवाद किया।
रोटरी क्लब, इनर व्हील क्लब व स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सोलन के तत्वधान में रविवार को बड़ोग वेल्ली सोलन में पौधा रोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस पौधरोपण कार्यक्रम में 110 पौधे लगाए गए। इसमें मुख्य रूप से देवदार , सिल्वर ओक, कपूर आदि के पौधे लगाए गए। इस दौरान कारगिल विजय में जान की बाजी लगाने वाले देश के वीर जवानों को पौधा लगा कर श्रद्धांजलि दी गई। इस मोके पर प्रोजेक्ट चेयरमैन डॉ राकेश प्रभाकर व प्रधान मनीष तोमर ने बताया की रोटरी क्लब पौधरोपण व अन्य समाज सेवा के कार्य में अग्र्णी भूमिका निभा रहा है। हमें अपनी पुरानी सँस्कृति को अपनाते हुए वृक्षों को देव तुल्य सम्मान देना चाहिए। कार्यक्रम में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सोलन के मुख्य प्रबंधक शिवाली बंगा, रितेश कुमार, पार्षद पुनीत शर्मा, सेक्रेटरी अनिल चौहान, अरुण त्रेहन, तीरथ राम ठाकुर, बहु शर्मा, एस डी रतन, रोमेश अग्रवाल, कार्तिक सूद, वीरेंदर साहनी, डॉ कमल अटवाल, प्रवीण गुप्ता, निर्मल भान, विजय भुवनेश, लक्ष्मि नारायण शर्मा, संगीता त्रेहन, ऋतू पूरी, डॉ सुधीर मोहिंद्रू, मनोज कोहली व इनरव्हील क्लब प्रधान आरती दुगल मुख्य रूप से उपस्तिथ रहे।
प्रोफेसर प्रेम कुमार खोसला ने की क्लब के प्रयासों की तारीफ़ समाज के पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए रोटरी क्लब सोलन मिडटाउन उल्लेखनीय कार्य कर रहा हैं। क्लब पोलियो उन्मूलन, स्वच्छता अभियान, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान में बढ़चढ़ कर अपना योगदान दे रहा है तथा समाज को नशा मुक्त बनाने हेतु सराहनीय प्रयास कर रहा है। यह बात प्रोफेसर प्रेम कुमार खोसला वाइस चांसलर शूलिनी विवि ने सोलन में रोटरी क्लब सोलन मिटाउन, रोटरेक्ट एवं इनरव्हील क्लब के स्थापना समारोह में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। इस दौरान उन्होंने सदस्यों से उक्त कार्यों के लिए बधाई दी व इसी प्रकार निस्वार्थ तरीके से समाज के उत्थान के लिए कार्य करने व सेवा करने का आह्वान किया। इससे पूर्व डॉ कैलाश पराशर को रोटरी क्लब सोलन मिडटाउन की विधिवत कॉलर सेरेमनी द्वारा कमान सौंपी गई। इस अवसर पर डॉ कैलाश ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य युवा वर्ग को नशे से दूर रखना व योग एवं खेलकूद की सुविधाएं प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि क्लब द्वारा पौधरोपण, मुफ्त चिकित्सा शिविर ,स्वच्छता अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पोलियो उन्मूलन, शिक्षा के सुदृढ़ीकरण तथा विभिन्न समाज सेवा के लिए अभियान चलाया जाएगा। युवा एवं बुजुर्गों के लिए योग एवं जीवन शैली के रोगों की रोकथाम हेतु विशेष अभियान चलाया जाता है वह भविष्य में भी चलाया जाएगा। असिस्टेंट गवर्नर अतुल टांगरी ने डिस्ट्रिक्ट 3080 द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी तथा रोटरी इंटरनेशनल द्वारा क्लब के प्रोजेक्टों को पूर्ण रूप से आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया। इस अवसर पर कुल राकेश पंत, सदस्य प्रदीप अग्रवाल, डॉक्टर अरविंद गुप्ता, डॉ उपेंद्र कोल, रमन शर्मा, डॉ सीमा गुप्ता, शगुन शर्मा, विकास चोपड़ा, संदीप आनंद, जितेंद्र मल्ला, शिमला क्लब से नेहा शर्मा, रश्मि सलवान, डॉ राजेंद्र शर्मा, कर्नल शशि सलमान, उषा शर्मा सहित अन्य मौजूद रहे।
पांच वैरायटी के कलाकंद, सब लाजवाब कलाकंद एक ऐसा मिष्ठान है जिसका नाम सुनते ही मुँह में पानी आ जाता है और जब कलाकंद की बात होती है तो सबसे पहले ईशर स्वीट्स का नाम जहन में आता है। क्वालिटी से कोई समझौता नहीं और स्वाद ऐसा कि पेट भर जाए पर मन नहीं, ईशर स्वीट्स के कलाकंद के न सिर्फ स्थानीय लोग, बल्कि शिमला -कसौली आने वाले लाखों पर्यटक भी मुरीद है। यहाँ एक दो नहीं बल्कि पुरे पांच किस्म का कलाकंद मिलता है, सादा सफ़ेद कलाकंद, बटर स्कॉच कलाकंद, केसर कलाकंद, अंजीर कलाकंद और शुगर फ्री कलाकंद। सब एक से बढ़कर एक और लाजवाब ! करीब पिछले 5 दशक से लोग ईशर स्वीट्स के कलाकंद के मुरीद है और कई लोग तो ऐसे है जो कई किलोमीटर का सफर तय कर सिर्फ ईशर स्वीटस का कलाकंद खाने आते है। तीसरी पीढ़ी बढ़ा रही व्यवसाय श्री ईशर दास किसी ज़माने में शादी-ब्याह में खाना बनाने का कार्य करते थे। धीरे -धीरे उनके हाथ का स्वाद रंग लाने लगा और दूर -दूर से लोग उन्हें खाना बनाने बुलाने लगे, खासतौर से कलाकंद। इसके बाद श्री ईशर दास ने कालका में पहली दूकान खोली, जहां वहां अब भी बैठते है। वर्तमान में ईशर स्वीट्स की तीन दुकानें है और उनकी तीसरी पीढ़ी यानी की उनके पोते कमल और निखिल उनका व्यवसाय आगे बढ़ा रहे है। हर वैरायटी के लिए रखे गए है विशेष कारीगर : कमल श्री ईशर दस के पोते कमल ने बताया कि कलाकंद के अतिरक्त ईशर स्वीट्स दवार निर्मित ड्राई फ्रूट्स की मिठाइयों की भी काफी मांग है। विशेषकर सात प्रकार की बकलावा स्वीट्स की डिमांड न सिर्फ हिमाचल और हरियाणा से, बल्कि अन्य प्रदेशों से भी आती है। उन्होंने बताया कि हर वैरायटी की मिठाई और पकवान बनाने के लिए विशेष कारीगर रखे गए है, मसलन बंगाल से आये कारीगर बंगाली मिठाई तैयार करते हैं, तो राजस्थान से आये कारीगर घेवर और जलेबी बनाते है।
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अंग्रेजी सीखाने के लिए हिमाचल सरकार नई पहल करने जा रही है। इस योजना के तहत पहली से तीसरी कक्षा वाले सूबे के साढ़े 10 हजार स्कूलों में एक विशेष किट बांटी जाएंगी। संपर्क फाउंडेशन संस्था ये विशेष इंग्लिश किट बांटेगी। शिक्षक इस किट के अनुसार छात्रों को इंग्लिश प्रशिक्षण के गुर सिखाएंगे। 30 जुलाई को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शिमला से इस योजना का शुभारंभ करेंगे। इस इंग्लिश किट को विशेषकर छोटे बच्चों के लिए तैयार किया गया है। इसमें एक साउंड बॉक्स होगा, इससे शब्दों का उच्चारण होगा। इस बॉक्स को संपर्क दीदी नाम दिया गया है। एसएमएस से अभिभावकों तक पहुंचेगी बच्चों की रिपोर्ट 30 जुलाई को सीएम जयराम ठाकुर ई-संवाद ऐप का भी शुभारम्भ करेंगे। बच्चों की हर गतिविधि उनके अभिभावकों तक एसएमएस से पहुंचाने के लिए ई-संवाद मोबाइल ऐप तैयार किया गया है। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तहत मंडी जिले में इसे शुरू किया जाएगा। फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट भेजने वालों अधिकारीयों पर कसेगा शिकंजा मौके पर गए बिना फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट भेजने वालों अधिकारीयों पर शिक्षा विभाग एप से शिकंजा कसेगा। सरकारी स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए शिक्षा विभाग ने शिक्षा साथी ऐप तैयार किया है, जिसका इस्तेमाल बीआरसीसी, डीपीओ और बीओ करेंगे। इसकी मदद से स्कूलों के निरीक्षण के दौरान संबंधित अधिकारियों को मौके से ही निरीक्षण की रिपोर्ट ऐप पर अपलोड कर सकेंगे।
मृतकों में दो श्रद्धालु दिल्ली के व एक शिमला का श्रीखंड महादेव यात्रा कर रहे तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। फिलहाल आधिकारिक तौर पर मृत्यु के कारणों का पता नहीं चला है , पर बताया जा रहा है कि इन तीन श्रद्धालुओं को सांस लेने में दिक्कत हुई जिसके चलते उनकी मृत्यु हो गई। यात्रा के दौरान भीमवही, नैनसरोवर और कुशां में इनकी मृत्यु हुई है।प्रारंभिक तौर पर हाइपोथर्मिया (शरीर के तापमान में कमी होना) इनकी मौत की वजह माना जा रहा है , किन्तु इसकी पुष्टि पोस्टमॉर्टेम के बाद ही हो पायेगी। मृतकों में से दो श्रद्धालु दिल्ली के और एक शिमला का रहने वाला है।एसडीएम आनी चेत राम ने बताया कि श्रीखंड महादेव की यात्रा के अंतिम पड़ाव में शनिवार देर रात डेढ़ बजे के करीब तीन लोगों की मौत हुई है। इनकी हुई मौत- 40 वर्षीय उपेंद्र सैनी पुत्र जीवन सैनी निवासी खलीणी, शिमला केवल नंद भगत पुत्र गोपाल भगत निवासी ए 577 चोखरी, वेस्ट दिल्ली आत्मा राम पुत्र खाशा राम, निवासी गली चेतराम मोजपुर, दिल्ली जब यात्रा बंद थी तो कैसे पहुंचे श्रद्धालु श्रीखंड महादेव की ऐतिहासिक यात्रा 15 जुलाई से शुरू हुई थी। 25 जुलाई को यात्रियों के अंतिम जत्थे का पंजीकरण किया गया था। उसके बाद यात्रा बंद कर दी गई थी। बावजूद इसके लोग यात्रा करने कैसे पहुंचे ये बड़ा सवाल है।बता दें कि निरमंड के बेस कैंप सिंहगाड़ से यह यात्रा शुरू होती है। 18,570 फीट की ऊंचाई पर श्रीखंड चोटी पर बाबा भोले नाथ के दर्शन के लिए 35 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है। यात्रा में आठ ग्लेशियर भी पार करने होते हैं। यात्रा करने वालों का सिंहगाड़ में पंजीकरण और मेडिकल चेकअप किया जाता है जिसके बाद ही श्रद्धालुओं को अनुमति मिलती हैं। तीनों मृतक किस तरह यात्रा करने पहुंचे, ये तफ्तीश का विषय है।
काली माता मंदिर के नाम पर ही शहर का नाम कालका पड़ा हिमाचल के प्रवेश द्वार और हरियाणा के कालका में स्थित सिद्ध शक्तिपीठ काली माता मंदिर में भक्तों की अटूट आस्था है। देश के हर कोने से माँ काली के भक्त यहाँ आते है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, काली माता मंदिर के नाम पर ही शहर का नाम कालका पड़ा था। मान्यता है कि यहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। वैसे तो श्री काली देवी का सर्वप्रसिद्ध शक्तिपीठ कलकत्ता में स्थित है, पर मान्यता है कि यहाँ पर भगवती सती के केश (बाल) गिरे थे। हालांकि इस स्थान की गणना 51 शक्तिपीठो में नहीं है लेकिन इस स्थान के बारे में मान्यता है कि भगवती देवी सती के केशो के कुछ अंश इस स्थान पर भी गिरे थे। कालिका माता मंदिर में माता के दर्शन एक पिण्डी के रूप में किए जाते है। देवताओं का दुख सुनकर माता ने किया था अपना स्वरूप विस्तार किंवदंति के अनुसार, सतयुग में महिषासुर, चंड-मुंड, शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज आदि राक्षसों का उपद्रव बढ़ गया था, जिससे देवता भी डरकर कंदराओं में छिपे फिरते थे। एक दिन सभी देवताओं ने आदिशक्ति श्री जगदंबा मातेश्वरी की स्तुति की, जिससे प्रसन्न होकर माता एक बालक के रूप में प्रकट हुईं। देवताओं का दुख सुनकर माता ने अपने स्वरूप को विस्तृत किया, जिसके हजारों हाथ पैर थे। सभी देवाताओं ने आदिशक्ति को अपना एक-एक शस्त्र दिया। विष्णु ने चक्र, शिव ने त्रिशूल, ब्रह्मा ने कमंडल, इंद्र ने वज्र, शेषनाग ने शेषफांस, यमराज ने यमफांस आदि शस्त्र माता को अर्पण किए। इसके बाद माता जगदंबा रणभूमि में उतरीं और महिषासुर सहित अन्य दैत्यों का संहार करके कालका भूमि स्थल पर स्थित हुईं, जो कालांतर में कालका में काली माता के नाम से प्रसिद्ध हुई। एक दंत कथा के अनुसार बहुत प्राचीन काल में यहा राजा जयसिंह देव का राज्य था। राजा जयसिंह देव सिंह ने ही इस मंदिर में श्री कालिका देवी की एक प्रतिमा स्थापित की थी।एक बार नवरात्रो के अवसर पर भगवती जागरण हो रहा था। राजमहल की स्त्रियां इकट्ठे होकर कालिका जु का स्तवन गान कर रही थी। स्वयं भगवती भी एक दिव्य स्त्री का वेश धारण करके उन राज महल की स्त्रियो में सम्मिलित होकर कीर्तन करने लगी। कीर्तन की समाप्ति पर कामातुर राजा ने देवी का हाथ पकड़ लिया और विवाह का प्रस्ताव दिया। इससे कालिका देवी क्रोधित हो गई और उन्होंने राजा को श्राप दे दिया कि – जिस राज्य के अभिमान से तुझे यह अहसास हुआ है उस राज्य सहित तेरा भी सर्वनाश हो जाएगा। तभी कालिका माता मंदिर में सिंह गर्जन होने लगा। पर्वत जमीन में धसने लगे और श्री कालिका जी की मूर्ती भी पहाड़ में प्रवेश करने लगी। इसके बाद एक साधू के निवेदन पर मात शांत हुई और तब देवी की वह मूर्ती जो पहाड़ के अंदर प्रवेश कर रही थी पहाड़ के साथ वैसी ही अवस्था में रह गई। आज भी यहा देवी का केवल सिर दिखाई देता है। मात के श्राप के कारण नष्ट हो गया था राज्य देवी के श्राप के चलते शत्रुओं ने राजा देव सिंह पर हमला कर दिया और राजा अपने दोनों पुत्रों सहित मारा गया। कहा जाता हैं कि पूरा नगर कालिका देवी जी के श्राप के कारण नष्ट हो गया। इस स्थान पर बिल्कुल उजाड़ हो गया था। राज्य का कही नामोनिशान नहीं था। वर्तमान में स्थित कस्बे का निर्माण उसके कई सौ वर्षो उपरांत हुआ माना जाता है। श्यामा गाय करती थी माता की पिंडी का अभिषेक कालका मंदिर की स्थापना को लेकर एक धारणा ऐसी है कि भगवान कृष्ण के द्वापर युग में जब पांडव जुए में हार गए थे तो उन्हें 12 वर्ष का वनवास और एक वर्ष का अज्ञातवास हुआ। इसी दौरान पांडव विराटनगर में 12 वर्ष रहे। उस समय केवट राजा के राज्य में गाय की बहुत सेवा की जाती थी। वहीं एक श्यामा नामक गाय रोजाना अपने दूध से माता की पिंडी का अभिषेक करती थी। यह करिश्मा देख पांडव आश्चर्यचकित रह गए और पांडवों ने इसी स्थान पर माता के मंदिर मंदिर की स्थापना की।
परवाणू में रोटरी क्लब द्वारा शनिवार को वन महोत्सव मनाया गया। इसमें रोटरी क्लब के प्रधान आरटीएन रोटेरियन चांद कमल शर्मा, रोटेरियन योगेंद्र दीवान, रोटेरियन अनिल सहगल, पुनीत कपूर, राकेश भंडारी, पिंकी गुप्ता व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। रोटेरियन प्रधान चांद कमल ने बताया कि पौधरोपण अभियान के तहत आम, आंवला व अन्य किस्मों के पौधे परवाणू के दशहरा ग्राउंड में लगाए गए हैं जिनकी देखभाल की जिम्मेवारी भी क्लब ने ली है। इस अवसर पर उद्योग इकाइयों से आई हुई महिलाएं वह मजदूर भी उपस्थित थे।
लगभग 1.47 करोड़ रुपये के कार्यों का किया लोकार्पण उद्योग, श्रम एवं रोजगार तथा तकनीकी शिक्षा मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार आम आदमी की सरकार है और यह सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभ अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे। बिक्रम सिंह आज सोलन जिला के दून विधानसभा क्षेत्र के लोदीमाजरा में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इससे पूर्व बद्दी में 1.15 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित ट्रक पार्किंग का लोकार्पण किया। इस पार्किंग में 50 से 60 ट्रक खड़े किए जा सकेंगे। उन्होंने लोदीमाजरा में बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण द्वारा 31.50 लाख रुपये की लागत से निर्मित वर्षा शालिकाओं का लोकार्पण भी किया। बिक्रम सिंह ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में न केवल नवीन योजनाएं कार्यान्वित की हैं अपितु उनके लाभ लक्षित वर्गों तक पहुंचाएं भी हैं। राज्य सरकार जहां एक ओर शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क एवं उद्योग जैसे आवश्यक क्षेत्रों में मूलभूत अधोसंरचना को सुदृढ़ कर रही है वहीं रोजगार एवं स्वरोजगार के व्यापक अवसर भी सृजित किए जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित होने के लिए स्वयं भी पहल करें। उन्होंने लोगों को विश्वास दिलाया कि क्षेत्र में औद्योगिक निवेश के साथ-साथ ग्राम स्तर तक अधोसंरचना निर्माण पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने इस अवसर पर लोदीमाजरा से खरयाणाा तक साढ़ तीन किलोमीटर लंबे संपर्क मार्ग को पक्का करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की विभिन्न जायज मांगों को निश्चित अवधि में पूरा किया जाएगा। बिक्रम सिंह ने इससे पूर्व ट्रक यूनियन के सदस्यों से आग्रह किया कि वे उद्योग जगत के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखें। उन्होंने उद्योग जगत से आग्रह किया कि विभिन्न नियमों की अनुपालना सुनिश्चित बनाएं। ग्राम पंचायत लोदीमाजरा की प्रधान ममता खटाना ने मुख्यातिथि का स्वागत किया तथा क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मांगे प्रस्तुत की। इस अवसर पर दून विधानसभा क्षेत्र के विधायक परमजीत सिंह पम्मी, भाजपा मंडल के अध्यक्ष बलबीर ठाकुर, जिला भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रामगोपाल शर्मा, दून भाजपा के उपाध्यक्ष सुभाष शर्मा, जिला भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कृष्ण कौशल, ग्राम पंचायत थाना के प्रधान तरसेम, गोसेवा आयोग के सदस्य देवराज शर्मा, बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनोद कुमार, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर शर्मा, एसडीएम नालागढ़ प्रशांत देष्टा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सोलन जिला के विद्यालयों में शीघ्र आयोजित होंगे योग जारूगता शिविर उपायुक्त सोलन केसी चमन ने कहा कि योग मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है और यह सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए कि छात्रों को विद्यालय स्तर पर ही योग का व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त हो। केसी चमन ने आज यहां योग एवं प्राणायाम जागरूकता अभियान कार्यक्रम की रूपरेखा सुनिश्चित करने के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। केसी चमन ने कहा कि विशेष रूप से विद्यालय एवं अन्य स्तरों पर योग एवं प्राणायाम के विषय में सभी को जागरूक बनाने के लिए व्यापक स्तर पर शीघ्र ही जागरूकता अभियान आरंभ किया जाएगा। उन्होंने जिला आयुर्वेद अधिकारी को निर्देश दिए कि इस विषय में शीघ्र तिथि निर्धारित कर कार्य आरंभ करें। उपायुक्त ने कहा कि अभियान के तहत सोलन जिला के सभी विद्यालयों में प्रातःकालीन सभा में विद्यार्थियों को विषय विशेषज्ञ द्वारा योग जागरूकता के संबंध में अवगत करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न विद्यालयों में चार-चार बच्चों के समूह बनाकर एक स्थान पर 50 से 150 तक बच्चों को योग का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे प्रार्थना सभाओं में सभी को योग करवा सकें। केसी चमन ने कहा कि सोलन स्थित एससीईआरटी एवं डाईट में अध्यापकों को भी योग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण में उन्हें जीवन शैली के संबंध में भी जागरूक बनाया जाएगा। उन्होंने इन संस्थानों में आवासीय प्रशिक्षण पर बल दिया। केसी चमन ने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए वे स्वयं जिला में कार्यरत 40 एलोपैथिक एवं 10 आयुर्वेदिक वेलनेस केंद्रों से विचार-विमर्श करेंगे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के धर्मपुर एवं सोलन खंडों में कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं तथा महिला एवं पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए भी ये शिविर आयोजित किए जाएंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए भी ये शिविर आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों सहित सभी विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए भी योग शिविर आयोजित होंगे। पुलिस विभाग के लिए इस प्रकार का शिविर पुलिस लाइन्स में किया जाएगा। उन्होंने उप कारागार सोलन के लिए भी शिविर आयोजित करने की संभावनाएं तलाशने पर बल दिया। उन्होंने पंचायती राज विभाग से आग्रह किया कि ग्राम सभाओं में इस तरह के शिविर आयोजित किए जाएं। केसी चमन ने कहा कि योग युवाओं को नशे की लत से बचाने में विशेष रूप से सहायक है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि योग को दैनिक रूप से अपनाएं। उन्होंने कहा कि छात्रों को सर्वप्रथम सूर्य नमस्कार का पूर्ण प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए क्योंकि सूर्य नमस्कार मस्तिष्क एवं संपूर्ण शरीर की पूर्ण यौगिक क्रिया संपन्न करवाता है। इस अवसर पर जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डाॅ. राजेंद्र शर्मा ने अभियान की विस्तृत जानकारी प्रदान की। बैठक में आयुर्वेदिक चिकित्सक डाॅ. अरविंद्र गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सोलन जिला राईफ्ल एसोसिएशन के महासचिव एवं जोगिंद्रा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष विजय सिंह ठाकुर ने कहा कि एसोसिएशन प्रदेश के उभरते निशानेबाजों को सभी सुविधाएं प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है ताकि प्रदेश के अधिक से अधिक निशानेबाज राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में देश तथा प्रदेश का नाम रोशन कर सकें। विजय सिंह ठाकुर आज सोलन जिला के दून विधानसभा क्षेत्र के कुठाड़ में आयोजित 3 दिवीय शूटिंग प्रतियोगिता में उपस्थित प्रतिभागियों एवं अन्यों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विभिन्न राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय शूटिंग प्रतियोगिताओं में हिमाचल के निशानेबाजों ने देश तथा प्रदेश को अनेक पदक दिलाए हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमीरपुर के निशानेबाज विजय कुमार तथा जिला सिरमौर के समरेश जंग को जाना जाता है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन के प्रयासों से शीघ्र ही हिमाचल से अनेक उद्यीयमान निशानेबाज प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि 3 दिवसीय शूटिंग प्रतियोगिता का आयोजन जिला राईफ्ल शूटिंग एसोसिएशन द्वारा किया जा रहा है। यह इस तरह की आठवीं प्रतियोगिता है। इस प्रतियोगिता में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब एवं हिमाचल सहित साथ लगते क्षेत्रों के निशानेबाज भाग ले रहे हैं। 138 प्रतियोगी विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुठाड़ स्थित टैगारे वनस्थली पब्लिक स्कूल में इंडारे प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही है। इसमें 37 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। प्रतिभागियों में 12 निशानेबाज राष्ट्रीय स्तर के हैं। इनमें से 7 सोलन जिला से संबंधित हैं। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश राज्य राईफ्ल एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूरत सिंह ठाकुर, महासचिव ईश्वर रोहाल, अन्य पदाधिकारी तथा निशानेबाज उपस्थित रहे। तीन दिवसीय इस प्रतियोगिता का 28 जुलाई, 2019 को समापन होगा।
Queries addressed through farmer-scientist interaction A one-day field visit of farmers from various clusters under the Himachal Pradesh Horticulture Development Project (HP-HDP) was held at the high-density apple plantations of Dr YS Parmar University of Horticulture and Forestry (UHF), Nauni. The main aim of the event was to apprise the farmers of the benefits of high-density apple plantations and their management. Over 100 farmers from different clusters in Shimla, Sirmour, Mandi, Kullu, Kinnuar and Chamba chosen by the Project Control Unit of the HP HDP and officers of the Horticulture Department took part in the event. This event was organised by the Department of Fruit Science of the university. The idea behind the event was to apprise and address the queries of farmers who are raising high-density apple plantations under this project. Dr Parvinder Kaushal, Vice Chancellor of the University was the Chief Guest on the occasion. Dr JN Sharma, Director Research and Nodal Officer of the HP HDP at the University, Dr JS Chandel, Professor and Head, Department of Fruit Science, all the statutory officers and heads of department also took part in the occasion. Speaking on the occasion, Dr Kaushal said that the university has always been at the forefront of providing the latest knowhow to the farmers. He said that the research on high-density apple plantations at different altitudes is an effort to provide the apple growers the technical knowhow so that they can benefit from increased production through this modern technology. The university raised the plantations in the year 2016 keeping in view the importance of high-density plantations in fruit crops in general and apple in particular. Various varieties being studied are Jeromine, Red Velox, Red Cap Valtod, Scarlet Spur-II, Super Chief, Gale Gala, Redlum Gala and Auvil Early Fuji grafted on M9 and MM106 rootstocks. The university has been studying the performance of various varieties on different rootstocks namely M9 and MM106. The plant spacing i.e. 2.5 X 0.75 m (5333 plants/ha), 2.5 X 1.0 m (4000/plants/ha) and 2.5 X 1.5 m (2666 plants/ha) and training systems viz., Vertical Axis, Slender Spindle and Tall Spindle are being tested. “The University’s Department of Fruit Science has been conducting trials for development of Packages of Practices on high-density apple plantations under the World Bank funded HP HDP. The trials are being conducted in different agro climatic conditions at various research stations of the University including the main campus at Nauni to identify the suitable varieties and rootstocks along with ideal plant spacing and canopy management techniques and the results will be shared with the growers in the future,” said Dr Kaushal. During the field visit, the scientists of the Department of Fruit Science apprised the farmers about the various important aspects of high-density plantations, which can enable them to get best yield. A farmer scientist interaction was also held where all the queries of the farmers were addressed. What is high density plantations High-density planting refer to the planting of higher number of plants per unit area than the convention system of plantings. Conventionally, standard apple plants raised on seedling rootstocks are planted at a spacing of 7.5 X 7.5 m with a planting density of 178 trees/ha and spur varieties on seedling rootstocks are planted at a spacing of 5.0 X 5.0 m with a planting density of 400 plants/ha. The average productivity of these orchards is approximately 6 to 8 MT/ ha, which is much below the productivity obtained in high-density orchards (40-60 MT/ ha). In high density planting, apple plants on clonal rootstocks can be planted at 5333 plants/ha to increase the production per unit area basis and improves the quality of the produce. With the increasing pressure on land and reduction in average land holdings, shifting from low density planting systems to high density planting systems is need of the hour, as the trees in high density are more precocious, heavy yielders and produce better quality fruits. High-density orcharding can be done on flat and fertile lands with assured irrigation using dwarf/semi dwarf clonal rootstocks which can be trained to modern methods of canopy management viz., vertical axis, slender spindle and tall spindle etc. The technology is helpful in best utilization of land and resources and ease in orchard inter-culture operations, plant protection as well as harvesting and to obtain export quality of the produce. Canopy management has paramount importance in high density planting to control vigour of the trees and harvest quality fruits. Training and pruning are two important horticultural practices of canopy architecture that plays significant role in quality fruit production. Generally, training of trees aims at more penetration of sunlight, support to main branches for desired tree architecture to increase the planting density and finally increasing the production. The training systems like tall spindle, vertical axes, slender-spindle, head and spread are recommended for high-density apple orchards. Under these training systems, branches are trained to horizontal positions/below horizontal, using cloth pins on 8-10 cm shoots and tying of branches during summer months. Pinching of shoots at 8-10 cm growth is carried out to develop the fruiting spurs and to check the growth of branches.
बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ औद्योगिक संघ के साथ बैठक संपन्न उद्योग, श्रम एवं रोज़गार तथा तकनीकी शिक्षा मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को निवेश की दृष्टि से देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में प्रयासरत है। सोलन जिला के नालागढ़ उपमंडल के बद्दी में बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ औद्योगिक संघ के साथ आयोजित परस्पर संवाद को संबोधित करते हुए बिक्रम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में यह प्रयास किया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश को देश एवं विदेश के निवेशकों के लिए बेहतरीन निवेशक स्थल बनाया जाए। इस दिशा में मुख्यमंत्री ने यूरोपीय एवं खाड़ी देशों का दौरा कर वहां से हिमाचल के लिए लाभदायक निवेश प्राप्त करने में सफलता पाई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 85 हजार करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश को नियमित रूप से आकर्षक निवेश प्रस्ताव मिल रहे हैं। उद्योग मंत्री ने कहा कि भारत वर्तमान में विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। केंद्र सरकार देश में निवेशक मित्र वातावरण को प्रोत्साहित कर रोज़गार एवं स्वरोज़गार के अनगिनत अवसर सृजित करने की दिशा में प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि हिमाचल का स्वच्छ पर्यावरण एवं केन्द्र तथा प्रदेश सरकार द्वारा दी गई विभिन्न रियायतों के कारण यहां विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। उद्योग मंत्री ने बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ औद्योगिक संघ से आग्रह किया कि वे इस पूरे औद्योगिक क्षेत्र में जल संरक्षण के लिए बड़ी परियोजनाओं का कार्य करें ताकि सभी के लिए जल की उपलब्धता बनी रहे। उन्होंने जल को प्रदूषण से बचाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निवेश के साथ-साथ प्रदेश में युवाओं के कौशल को स्तरोन्नत करने के लिए भी कार्य कर रही है। जहां युवाओं के कौशल स्तरोन्नयन के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है वहीं कौशल बढ़ाने के लिए युवाओं को कौशल विकास भत्ता भी प्रदान किया जा रहा है। बिक्रम सिंह ने इससे पूर्व सरस्वती विद्यामंदिर बरोटीवाला में बेल का पौधा भी रोपा। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति प्रकृति एवं पर्यावरण के संरक्षण पर बल देती है और श्रावण के पवित्र मास में बेल का पौधा लगाना हम सभी का इस दिशा में एक प्रयास है। इस अवसर पर दून के विधायक परमजीत सिंह पम्मी, दून भाजपा मंडल के अध्यक्ष बलबीर ठाकुर, पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष डाॅ। श्रीकांत शर्मा, श्रम आयुक्त एसएस गुलेरिया, गौवंश सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा, बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनोद कुमार, उद्योग विभाग के निदेशक उद्योग हंसराज शर्मा, बीबीएनडीए के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर शर्मा, उपमंडलाधिकारी नालागढ़ प्रशांत देष्टा, बीबीएनआईए के अध्यक्ष संजय खुराना, महासचिव वाईएस गुलेरिया, वरिष्ठ उपप्रधान अनुराग पुरी, दिनेश जैन, पूर्व प्रधान शैलेश अग्रवाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा औद्योगिक संघ के प्रतिनिधि इस अवसर पर उपस्थित थे।
डीएवी अंबुजा विद्या निकेतन दाड़लाघाट में छात्र अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि अनिल गुप्ता ऑपरेशनल हेड अंबुजा सीमेंट दाड़लाघाट तथा अरविंद शर्मा मुख्य सुरक्षा अधिकारी अंबुजा सीमेंट दाड़लाघाट के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इसमें गगन ठाकुर बारहवीं कक्षा से हेड ब्वॉय और नियति गौतम को हेड गर्ल तथा सौरभ, लक्ष्य, आर्यन, प्रीतेश को क्रमशः दयानंद, गांधी, टैगोर और विवेकानंद सदनों के लिए हाउस कैप्टन चुना गया। स्कूल के प्रधानाचार्य मुकेश ठाकुर ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि छात्र पदाधिकारी पद की गरिमा और प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए काम करें।उन्होंने कहा कि स्कूल द्वारा छात्रों को यह जिम्मेदारी इसलिए दी जाती है ताकि वह अपने स्कूल,परिवार व समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को निभा सके।उन्होंने छात्रों को कर्तव्यनिष्ठा से अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए प्रेरित किया। स्कूल प्रबंधन समिति के चेयरमैन अनुपम अग्रवाल ने नव निर्वाचित छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि अनुशासन में रहकर पूरी कर्तव्यनिष्ठा से अपनी जिम्मेदारियों का वहन करें जिससे कि वह अपने स्कूल तथा परिवार का नाम रोशन कर सकें।
गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कारगिल विजय दिवस पर विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इसमें एनसीसी कैडेट्स और कक्षा चौथी के छात्रों ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर सैनिकों को लघुनाटिका, गीत और वीर रस से भरी कविता गाकर श्रद्धांजलि दी। वहीं नीतीश द्वारा गाए देशभक्ति गीत को सुनकर सभी की आंखें नम हो गई। विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती गुरप्रीत माथुर ने कहा कि भारत माता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है और हर नागरिक के अंदर देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी होनी चाहिए। प्रार्थना सभा में भारत माता की जय तथा वीर सैनिक अमर रहे के नारे भी लगाए गए।